रूही की मृत्यु जरूर हुई है लेकिन उसकी आत्मा अब भी यहीं भटक रही है।
निमेशदर्थ , मधुमक्खी चींची और उस विकृत एलियन के मौत के बाद ही उसके आत्मा को शांति मिलेगी ।
लेकिन चहकिली ने तो बहुत ही चौंकाने वाला सजा सोच रखा है । निमेशदर्थ को अपने मल द्वार मे कैद कर उसे जीवन पर्यंत कष्ट देने के साथ साथ अपमानित भी करना चाहती है। यह वास्तव मे बहुत घिनौना है। लेकिन ऐसे व्यक्ति के लिए यही सजा सही है।
यह देखकर बहुत बढ़िया लगा कि आर्य ने महा को अपने पत्नी के रूप मे स्वीकार कर लिया है। ये लडकी डिजर्व करती थी। समय बड़े से बड़े घाव को भर देता है। समय के साथ आर्य के अंदर भी तब्दीली आयेगी और वो महा को रूही की तरह ही प्रेम करने लगेगा।
वह खुद बहुत बड़ा ज्ञानी है। सालों तक योग साधना किया है। प्रेम और इमोशंस की परख है उसे। कई शक्तियों का मालिक है। ऐसे व्यक्ति को भला कौन नसीहत दे सकता है !
विजयदर्थ के साथ सही हुआ । लेकिन उसके रिश्तेदारों की मौत मुझे भी खटक रही थी। ज्योत्सना देवी की कोई गलती नही थी फिर भी बच्चे तो उनके भी मर रहे थे। आर्य को अवश्य इनके लिए कुछ करना चाहिए।
बहुत खुबसूरत अपडेट नैन भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग।