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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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nain11ster

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ये साला अरुण तो एक नंबर का कमीना निकला, साला पैसे लिए और निकल लिया ना माफी ना शर्मिंदगी। भूमि को उससे कोई सिक्योरिटी तो लेनी चाहिए थी, मगर आर्य ने कुछ कहा था भूमि को इसका मतलब उसने कुछ तो प्लान बना लिया है अरुण के लिए अपनी मां और मौसी की बेइज्जती का बदला लेने के लिए।

चलो अब जया और केशव भी वापस आ जायेंगे तो सब मिलजुल कर रहेंगे और जया और केशव को भी इतने दिनो को वनवास झेलना पड़ा वो भी अब खतम होगा। भूमि को शायद आर्य पर कुछ शक है उसके गायब होने के समय की कहानी की वजह से, क्या वो वाकई आर्य की कहानी को चेक करेगी?

पलक की ख्वाहिश भी पूरी हो गई और अब बस कॉलेज में सबके सामने प्रपोज करना बचा है, मगर पता तो सबको चल ही गया है और अब तो
खुलमखुला प्यार करेंगे ये दोनो
अब देखना है कि इस खबर का जश्न-ए-बहारा कैसे मनाया जायेगा?

आर्य बाबू अब लग गए है अपना पैक बनाने और उसके लिए सेंध भी मारी तो अपने दुश्मन सरदार खान के पैक में जिसको वो बाद में मारने ही वाला है शुरुआती सीन के हिसाब से, तो ऐलान-ए-जंग
अब शुरू होने वाला है और उसके साथ ही एक्साइटमेंट भी बढ़ने वाला है। शानदार और जानदार अपडेट।

Bhumi ne arun ko na to paisa diya hai na koi sequrity legi... Wo to bhau ke pass bhej di hai jo arun ko karj dega... Baki wo apna business deal dekhe....

Baki arya ki kahani par kisko kitna bhadosa wo to waqt hi batayega... Filhaal pack ka kaam samapt kar len... Fir dekhte hain aage ki kahani...
 

The king

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भाग:–26





अरुण, चिढ़ते हुए एक बार जया को देखा, इसी बीच उसकी पत्नी कहने लगी… "मुझे तो पहले से पता था कि हम रोड पर भी आ जाए तो भी ये हमारी मदद नहीं करेंगे। जान बूझकर हमे यहां अटकाकर रखे है।"..


सुकेश:- जया ने अपने भाई से कुछ कहा है, इसमें इतना आवेश में आने की क्या जरूरत है। तुम लोगों ने भी तो जया को बेवजह बहुत कुछ सुनाया था। इतने सालों के रिश्ते में तुम्हे हमारी तब याद आयि जब पैसों की जरूरत हुई। जया का सच सामने आने के बाद भी एक जरा शर्म आई, जो झूठे मुंह माफी ही मांग लेते... भूमि सुनो...


भूमि:- हां बाबा..


अरुण:- जीजाजी क्या है ये पुरा घर का संचालन बेटी के हाथ में दे दिए हो।


वैदेही:- मामाजी हमने पुरा घर का संचालन भूमि के हाथ में नहीं दिया है बल्कि घर में अलग-अलग मामलों के लिए अलग-अलग लोग है।


भूमि:- छोड़ो ना भाभी। बाबा मैंने पता किया है मामाजी ने हर किसी से गलत डील किया है, जिस कारण फसे है। जिस मॉल के केस में ये उलझे है, ठीक उसी वक़्त इन्होंने अपना लगभग पैसा..


भूमि अपनी बात कह ही रही थी ठीक उसी वक़्त आर्यमणि भूमि के कान में कुछ कहा। कुछ शब्द एक दूसरे से कहे गए और उसके बाद… "आपको कितने पैसे चाहिए मामा जी।"..


अरुण:- 500 करोड़।


सुकेश:– 500 करोड़... एक बार जरा फिर से कहना...

प्रीति:– इन्होंने 500 करोड़ कहा...

सुकेश:– इतने सालों बाद हमारे घर आये। चलो मान लिया की भूमि और तेजस बड़े हो गये है, लेकिन घर में तेजस के बच्चे तो है। उनके लिए तो 5 रुपए की टॉफी तक नही लाये, और हमसे 500 करोड़ की उम्मीद रखे हो। जया ने तुम्हे स्वार्थी कहा है तो कुछ गलत नही कहा...

अरुण:- जीजाजी 500 करोड़ कोई बहुत बड़ी रकम नहीं आपके लिए। धंधे में कहीं फसा हूं इसलिए परेशान हूं। और यही वजह है कि इस वक्त मुझे कुछ सूझ नही रहा, वरना मैं अपने भांजे के बच्चों के लिए कुछ न करता। वैदेही के लिए कुछ न लेकर आता। यदि आप मेरी परिस्थिति को सोचते तो बच्चों की बात बीच में न लाते। चलो प्रीति तुम सही कही थी, हमारा दिन बर्बाद किया।


भूमि:- मामाजी पैसे और परिवार को अलग ही रखो तो अच्छा है। 5 करोड़ या 10 करोड़ नहीं आप मांग रहे है कि किसी तरह अरेंज करके से दिए जाए।


प्रीति:- 700 करोड़ का शॉपिंग मॉल तो अपनी दूर की चहेती बहन नम्रता को गिफ्ट कर आयी हो और तुम हमे ऐसी बात कह रही।


भूमि:- हां मै वहीं कल्चर आगे बढ़ा रही हूं जिस कल्चर में मै पली हूं। काका (उज्जवल भारद्वाज) ने जब मुझे अपना उतराधिकारी बनाया था तब उन्होंने नागपुर के बीचोबीच पुरा जमीन का टुकड़ा और साथ ने 180 करोड़ कैश गिफ्ट किए थे। ताली एक हाथ से नहीं बजती मामीजी।


अरुण:- अच्छा ऐसी बात है क्या? यदि मेरी जगह जया दीदी का बेटा होता फिर भी तुम लोग ऐसी ही बातें करते क्या?


मीनाक्षी:- तू घर का सदस्य होता तो जया का बेटा नही बल्कि आर्य कहता। और दिया तो तुझे भी है, लेकिन तेरे आंख में पानी नहीं है। बांद्रा में बाबा ने मेरे और जया के नाम से जो प्लॉट लिया था उसे तुझे ही दी, ना की आर्य को दे दी। भूमि बांद्रा में 10000 स्क्वेयर फीट जगह की कीमत क्या होगी बताओ जरा।


भूमि:- आई मुंह मांगी कीमत। कम से कम हजार करोड़ तो दे ही देंगे।


मीनाक्षी:- अब बोल अरुण। तूने तो हमसे रिश्ता तोड़ लिया था तब भी तेरे एक बुलाए पर हम दोनों बहन पहुंची थी रजिस्ट्रेशन करवाने। यहां आर्य का लगन तय कर दिया, तूने तो होने वाली बहू को आशीर्वाद तक नहीं दिया। तुझे देते रहे तो ठीक है, दूसरों को कुछ दे तो तेरे आंख में खटकता है कि ये धन दूसरे को क्यों दे रही मुझे ही दे दे। भूमि ये स्वार्थी सबके बीच आया है मदद मांगने, जानती हूं ये बेईमान है, लेकिन फिर भी का इसकी मदद कर दे।


भूमि:- ठीक है इनसे कह दो भाऊ से जाकर मिल लेंगे। लेकिन भाऊ के साथ डील में गड़बड़ होगी, तो ये जाने और इनका काम।


मीनाक्षी:- सुन लिया ना तुम दोनो मिया बीवी ने।


अरुण:- जी सुन लिया। कम से कम 5 साल का वक़्त बोलना देने, ताकि मै सब सैटल कर सकूं।


सुकेश:- जब इतना कर रहे है तो ये भी कर लेंगे। अरुण दोबारा फिर कभी अपने उलझे मामले लेकर मत आना, परिवार से मिलने आना।


अरुण:- जी जीजाजी। अब हम चलते है, सारा काम हमारा रुका हुआ है।


सुकेश:- ठीक है जाओ।


अरुण के जाते ही मीनाक्षी और जया, दोनो के आंखो में आंसू आ गए। सुकेश दोनो को चुप करवाते हुए… "हर इंसान एक जैसा नहीं होता। शायद ये तुम दोनो के भाई कहलाने के लायक नहीं।"..


मीनाक्षी:- थैंक्स भूमि, क्या करूं एक ही भाई है ना।


भूमि:- बस भी कर आई, मासी तुम भी चुप हो जाओ। हमने मामा का प्रॉब्लम सैटल कर दिया है। अच्छा अब तुम सब सुनो, मै आर्य को ले जा रही हूं।


मीनाक्षी:- जा ले जा, मेरी बहन है ना यहां। सुनो जी केशव बाबू का ट्रांसफर नागपुर करवाओ। ये लोग अपने परिवार से बहुत दिन दूर रह लिये।


सुकेश:- जी हो जाएगा, और कोई हुकुम।


मीनाक्षी:- नहीं और कोई हुक्म नहीं।


वैदेही:- आई, बाबा ने वो काम कल ही कर दिया था, बस कह रहे थे भूमि को नहीं बताने, वरना आर्य के मोह में ये मौसा जी का ट्रांसफर नहीं होने देंगी।


जया:- नाना हम यहां भी रहे तो भी आर्य भूमि के पास ही रहेगा, और जिला अध्यक्ष आवास यहां, दीदी के घर।


भूमि:- बच गई मासी, वरना नागपुर की जगह कोल्हापुर का ट्रांसफर लेटर आता।


सभा समाप्त होते ही हर कोई अपने अपने काम के लिए निकल गए। डॉक्टर ने भी आर्यमणि की रिकवरी को देखते हुए उसे कॉलेज जाने की अनुमति दे दी थी, इसलिए वो भी कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था, तभी उसके कमरे बाहर निशांत और चित्रा शोर मचाते हुए पार्टी, पार्टी चिल्लाने लगे। दोनो की जोश से भरी जोरदार आवाज सुनकर आर्यमणि हंसता हुआ बाहर आया।


चित्रा वेसल बजाती... "पार्टी–पार्टी".. और ठीक वैसे ही निशांत भी कान फाड़ वेसल बजाते... "पार्टी–पार्टी"


आर्यमणि, हंसते हुए.… "हां ले, लेना पार्टी, अब सिटी बजाना बंद भी करो"…


आर्यमणि की बात सुनकर, निशांत और चित्रा दोनो उसे घेरकर, उसके कानो में वेसल बजाते... "पार्टी–पार्टी"…


आर्यमणि:– अब क्या कान फाड़ोगे? ऐसे पार्टी–पार्टी चिल्लाओ नही... कहां, कब और कैसी पार्टी चाहिए...


चित्रा:– हमे ऐसी वैसी नही, एक यादगार एडवेंचरस पार्टी चाहिए...


निशांत:– हां चित्रा ने सही कहा...


भूमि, जो इनका शोरगुल कबसे सुन रही थी.… "वैसे मेरे विचार से रसिया के बोरियल जंगल में तुम लोग पार्टी ले सकते हो। आखिर आर्यमणि ने उस जंगल को पैदल पार किया था, चप्पे चप्पे से वाकिफ भी है और बेस्ट लोकेशन को जनता भी होगा।


भूमि अपनी बात कहकर मुस्कुराती हुई आर्यमणि को देखने लगी। मानो कह रही हो, तुम्हारी कहानी को एक बार हम भी तो क्रॉस चेक कर ले। आर्यमणि, भूमि के इस तिकरम पर हंसते हुए.… "जमा देने वाली ठंड का यदि मजा लेना चाहते हो तो मुझे कोई ऐतराज नहीं। प्लान कर लो कब चलना है।"


निशांत और चित्रा दोनो अपने दोस्त के हाथ में अपना हाथ फसाकर.… "फिलहाल हम कॉलेज चलते हैं। भूमि दीदी आप करते रहो आर्य के बीते ४ साल को क्रॉस चेक, पार्टी तो हम अपने हिसाब से लेंगे। चले आर्य..."



दोनो भाई बहन एक लय से एक साथ अपनी बात कही और दोनो आर्यमणि के साथ कॉलेज के लिए निकल गये। इधर कल रात पलक इतनी थकी थी आकर सीधा अपने कमरे में गई और बिस्तर पर जाकर लेट गई। पलक के कानो में वो बात मिश्री की तरह घोल रही थी… "मैं सबको दिल से चाहता हूं और साथ में पलक को भी"… कितना गुदगुदाने वाला एहसास था। रात भर गुदगुदाते ख्याल आते रहे। कॉलेज का मामला पहले से ही सैटल, ऊपर से आर्यमणि ने वादे के मुताबिक बिना दोनो के बारे में जाहिर किये रिश्ता भी तय करवा दिया। अब ना जाने तब क्या होगा जब वो दोनो अकेले में होंगे।


खैर, सुबह का वक़्त था। आर्यमणि, चित्रा और निशांत के साथ कॉलेज पहुंचा। उन दोनो को विदा कर आर्यमणि, रूही को मैसेज करके लैब बुला लिया। रूही जल्दी से लैब पहुंची और आते ही अपना टॉप निकाल दी। आर्यमणि, उसके हाव–भाव देखकर.… "जलते तवे पर बैठी हो क्या, जो कपड़े भी काटने दौड़ रहे।"


रूही:- अभी अंदर का जानवर हावी है जो मुझसे चिंखकर कह रहा.… "कौन सा जानवर कपड़े पहन कर घूमता है बताओ।"


आर्यमणि:- टॉप पहन लो। मुझे अभी सेक्स में इंट्रेस्ट नहीं, बल्कि सवालों के जबाव में इंट्रेस्ट है।


रूही:- वो तो हर धक्के के साथ भी अपना सवाल दाग सकते हो आर्य।


आर्यमणि:- मै अपना पैक बनाने का इरादा छोड़ रहा हूं, तुम पैक में रही तो मुझे ही अपनी रानी से दूर होना पर जायेगा।


रूही:- ऐसे अकड़ते क्यों हो। तुम तो खुद से आओगे नहीं, इसलिए साफ-साफ बता दो कि कब मेरे अरमान पूरे करोगे..


आर्यमणि:- आज रात तुम्हारे घर में, तुम्हारे ही बिस्तर पर… अब खुश..


रूही:- ठीक है मै बिस्तर सजा कर रखूंगी। हां पूछो क्या पूछना है।


आर्यमणि:- अपने बाप को डूबता क्यों देखना चाहती हो।


आर्यमणि, रूही के साथ अपनी पहली मुलाकात को ध्यान में रखकर बात शुरू किया, जब उसने जंगलों में रूही की जान किसी दूसरे पैक के वेयरवुल्फ से बचाया था.…


रूही:- तुम अनजानों की तरह सवाल ना करो। सरदार खान मुझे मारकर अपनी ताकत बढ़ाय, उस से पहले मै उसे मारकर अल्फा बन जाऊंगी।


आर्यमणि:- सरदार खान को मारकर तुम अल्फा नहीं फर्स्ट अल्फा बनोगी। इसका मतलब उस रात तुम पर 2 अल्फा ने हमला किया था ना?


रूही:- हां लेकिन 2 अलग-अलग मामले मे तुम कौन सा संबंध ढूंढ रहे?


आर्यमणि:- तुम्हारी दूरदर्शिता को समझ रहा हूं। 2 अल्फा वेयरवुल्फ जब एक साथ हो, तब कोई वूल्फ पैक उसे हाथ नहीं लगा सकता। मै तो फिर भी अकेला था। जैसे ही मैंने उन दोनों को मारा, तुम समझ गई कि मैं एक फर्स्ट अल्फा हूं। एक फर्स्ट अल्फा दूसरा फर्स्ट अल्फा मार सकता है, तुमने यही सोचकर मुझपर जाल बिछा रही। ताकि मै और तुम्हारे बाबा भिड़े और जब वो कमजोर पर जाय तब तुम उसे मारकर उसकी जगह लेलो।"


रूही:- हां तो वो कोई संत है क्या? हर साल किसी ना किसी वूल्फ पैक के कई बीटा को खा जाता है। 20 वूल्फ पैक की पूरी बस्ती है, जिसमें केवल 6 वूल्फ पैक के पास अल्फा बचा है। वो तो 12 अल्फा को भी खा चुका है। तुम्हे क्या पता वो क्या है.. वो एक बीस्ट से कम नहीं है आर्य। उसकी ताकत अद्भुत है। वो अकेला चाह ले तो बस्ती क पूरे पैक को खत्म कर सकता है। कमीना साला, हवस और बदन नोचने के मामले में भी वो जानवर है। वो अपनी बस्ती में कहीं भी, किसी के साथ भी संभोग कर सकता है। अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बच्चा पैदा करता है, ना की उसे अपने बच्चों से कोई इमोशन है।


आर्यमणि:- तुम्हे एक अल्फा बनना है, या तुम्हे फर्स्ट अल्फा बनना है, ये बताओ?


रूही:- मुझे नॉर्मल होना है, बिल्कुल सामान्य इंसानों की तरह। घूट गई हूं मै अपनी ज़िंदगी से।


आर्यमणि:- बंदिश खोल दूं तो क्या तुम ये हवाई अवतार छोड़ दोगी।


रूही:- तुम्हरे आज रात के वो मेरे बिस्तर में पूरे मज़े के सेशन के बाद… जान बचाने का शुक्रिया तो कह दूं तुम्हे।


आर्यमणि:- ब्लड ओथ लो फिर, आज अपने पैक का काम शुरू करते है।


रूही:- क्यों झुटी आस दिला रहे हो। क्या तुम वाकई में मेरे साथ पैक बनाना चाहते हो?


आर्यमणि:– जब यकीन ही नहीं फिर बात खत्म करो। जाओ यहां से...


रूही, झटपट आर्यमणि के पाऊं को पकड़कर रोकती.… "क्या अकडू हो बॉस। हां मुझे यकीन है। मैं तो बस एक और बार सुनिश्चित करना चाहती थी की आप हो क्या? अभी खुद मुंह से कबूल किये कि फर्स्ट अल्फा हो जो की हो नही क्योंकि नरभक्षी और खून पीने की प्रवृत्ति तो क्या आप के वुल्फ होने के निशान दूर–दूर तक नही दिखते। फिर वुल्फ नही हो तो एक वुल्फ के साथ पैक क्यों बना रहे? हो क्या आप.. बस यही सुनिश्चित करना चाह रही हूं...

आर्यमणि:– ज्यादा सुनिश्चित के चक्कर में रहोगी तब यही हाल होना है। वक्त आने पर शायद तुम्हे पता चल जाए की मैं क्या हूं। फिलहाल फर्स्ट अल्फा ही रहने दो जो एक अल्फा का आसानी से शिकार कर लेता है। अब काम की बात कर ले। तो क्या तुम पैक में सामिल होने के लिए तैयार हो?



रूही:– बॉस क्या मैं पैक में सामिल हुई तो तुम मुझे टैटू बाना दोगे?


वेयरवुल्फ के लिए टैटू बनाना टेढ़ी खीर होती है। वुल्फ पैक का मुखिया जिसके ब्लड ओथ से पैक बना, वो टैटू का निशान दे सकता है। इसके अलावा 1 बीटा को 1 हाफ अल्फा टैटू के निशान दे सकता था। एक हॉफ अल्फा को 1 अल्फा और 1 अल्फा को फर्स्ट अल्फा टैटू का निशान दे सकते थे। वरना वेयरवोल्फ शरीर पर टैटू के निशान नहीं दिया जा सकता क्योंकि वेयरवोल्फ बहुत तेजी के साथ हील होते हैं और हील होने के बाद निशान नहीं रहता। किसी की हड्डियां तोड़ने में भी यही दूसरी सीरीज चलती है। किसी भी वेयरवुल्फ का शरीर काफी तेजी से हिल करता है। लेकिन एक पायदान ऊपर के वेयरवुल्फ का तोड़ा हील नहीं होता उसे फिर सामान्य इंसानों के तरह मेडिकल प्रोसीजर करना पड़ता है।


आर्यमणि, रूही की जिज्ञासा देखकर हंसते हुए.… "हां बनवा लेना टैटू, बस ज्यादा पेंचीदा टैटू मत कहना बनाने के लिए।"


रूही:- एक बैंड टैटू लेफ्ट हैंड में। एक हार्ट बीट कम करने वाला टैटू जो मुखिया देता है अपने बीटा को। एक अपने पैक का टैटू और एक रिचुअल टैटू।


आर्यमणि:- बस इतना ही। नाना और भी बता दो। एक काम करता हूं, पीठ पर पूरी दुनिया का नक्शा ही बना देता हूं।


रूही:- अब जब टैटू बना ही रहे रहे हो तो इतना कर दो ना, प्लीज…


आर्यमणि:- हम्मम ! ठीक है आज रात जब मै आऊंगा तब ये टैटू का काम कर दूंगा। अब मुझे ये बताओ, उस रात बीस्ट पैक (सरदार खान का वुल्फ पैक) से कौन सा दूसरा वूल्फ पैक पंगे करने आया था?


रूही:- उस रात जंगल में मुझपर भी अचानक हमला हुआ था। एक भटका हुआ पैक जो सरदार खान से क्षेत्र के लिए लड़ने आया है। 30 वुल्फ का पैक है और ट्विन अल्फा मुखिया।


रूही जो बता रही थी वो एक प्रतिद्वंदी पैक था, जो सरदार खान के पैक पर हमला करने आया था। वूल्फ पैक के बीच ये लड़ाई आम बात होती है जहां एक वूल्फ पैक दूसरे वूल्फ पैक के इलाके में अपना निशान छोड़ते है। उन्हे लड़ने के लिए चैलेंज करते हैं।
Nice update bhai waiting for next update
 
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Reactions: SANJU ( V. R. )

Parthh123

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Bhai arun to bahutai beshram admi nikla sasura kai ke emotionless matlabi hai e ta.hme lagta hai aage bhi kuch kand kri e jarur. Mast update dono. Keep wroting. We r ready to read. Hahahaha. Barish na ho rhi nain bhai sirf fuhar pdi hai. Hahahaha.
thank u bro
 
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