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एवा एक लड़के के मौत का कारण बनी। और यह डिसिजन उसके खुद का था। भले ही इस कारण के पीछे उसकी पर्सनल प्राब्लम रही थी लेकिन एक इंसान के मौत का वजह तो वो अवश्य ही थी । ( यह बात अलग है कि वीर चमत्कारिक तरीके से बच गया था )उसे लीपा पोती नहीं कहा जाता। अगर उस हिसाब से देखे तो फिर तो वीर के कैरेक्टर में भी हम ये कह सकते हैं। कि पहले वो कमज़ोर था। लीपा पोती हुई, सिस्टम आ गया और अब वो ताकतवर हो गया।
एवा का बिल्ड अप ही ऐसा हैं। और यही बात उसे सबसे अलग बनाती हैं। अधिकतर फीमेल्स वीर के प्रति रुझान रखती हैं और कही ना कही वीर से फैमिलियर हैं। लेकिन एवा नहीं। जबकि वो ट्रिनिटी का हिस्सा हैं।
सोनिया और कायरा वीर की दोस्त हैं। लेकिन एवा एकदम अलग निकली। और ये variability ही तो ज़रूरी हैं।
रही बात नाटक करने की तो ये भी नहीं भूलना चाहिए कि वो एक सेलिब्रिटी हैं। इमोशंस छिपाने में बहुत आगे हैं। साथ ही वीर के प्रति वो एक्शन करने के मकसद उसका उपहास बनाना नहीं था।
SANJU ( V. R. ) भी गलत समझ बैठे।और जू भी।
एवा ने जो एक्शन दिखाया था वीर को हाथो से गोली के इशारे वाला। वो उसका उपहास उड़ाने के लिए नहीं था। वो मज़ाकिया ढंग था favourability बढ़ाने के लिए। वीर को नोटिफिकेशन देने के लिए। अब समझे।
किंतु, गलती इसमें आप सब की नहीं हैं। बेचारा वीर भी इसे उपहास ही समझ बैठा हैं।तो अब देखते हैं आगे क्या होता हैं। पर एवा ऐसी नहीं हैं जो किसी निर्दोष को मारते हुए उसका उपहास उड़ाए। और अगर मज़ाक बनाती, तो बाद में पछतावा नहीं होता उसे कभी। वो अपने फैसले पर अडिग रहती।
कहानी के कैरेक्टर्स उसी प्रकार दर्शाए जायेंगे जिस हिसाब से मैंने उनका रूट तैयार किया हैं। मेरे नज़रिए में एवा एक बहुत ही बेमिसाल कैरेक्टर हैं जिसका बिल्ड अप होना अभी बाकी हैं। ये कुछ क्षण के लिए उसकी उपस्थिति थी जो जान बूझ के bad terms लेके आई।एवा एक लड़के के मौत का कारण बनी। और यह डिसिजन उसके खुद का था। भले ही इस कारण के पीछे उसकी पर्सनल प्राब्लम रही थी लेकिन एक इंसान के मौत का वजह तो वो अवश्य ही थी । ( यह बात अलग है कि वीर चमत्कारिक तरीके से बच गया था )
यह सब उसने किसी भी उदेश्य से किया हो , उसके लिए तर्क वितर्क अलग से किया जा सकता है। लेकिन वीर के साथ किया गया उसका इशारा ( आंख और उंगलियों के माध्यम से किसी की मौत को अपने अंदाज से इशारा करना ) किसी भी एंगल से उसके चरित्र को अच्छे कैरेक्टर के रूप मे नही प्रदर्शित करता।
यह किसी कमजोर के लिए उपहास नही था तो फिर क्या था ! आपने खुद ही लिखा था कि एवा का यह अंदाज वीर की मौत के लिए ही था।
हंसी मजाक अलग चीज है लेकिन किसी का मजाक उड़ाना और वह भी एक बेकसूर इंसान के जीवन मरण का एक अलग चीज है।
और अगर एवा यह सब इसलिए कर रही थी कि उसके इस कृत्य से वीर उससे फेमिलर हो जाए और उसपर संदेह ना करे , तब भी यह एवा की प्री - प्लानिंग और सोची समझी साजिश ही कही जायेगी। और यह सब किसलिए? सिर्फ और सिर्फ वीर की मौत के लिए।
यह बिल्कुल वैसा ही था जैसे जयद्रथ ने वीर अभिमन्यू के साथ किया था।
इस पर कोई लीपापोती करने की कोशिश कर रहे है तो उसके लिए कोई बेहतर तर्क दीजिए वोल्फी भाई ?
एवा की वह हरकत सिर्फ वीर का मजाक उड़ाना था। उस वीर का जिसके बारे मे वो हंड्रेड पर्सेंट श्योर थी कि वीर की मौत अटल है।
लेकिन यह भी मैने कहा कि भूल-चूक इंसान से ही होती है। भूल-चूक से सबक लेकर अगर इंसान सम्भल जाए और उसके इस भूल से कोई ज्यादा नुकसान न हो तो उस इंसान को अवश्य ही एक मौका देना चाहिए।
Bhai update kb aayegaकहानी के कैरेक्टर्स उसी प्रकार दर्शाए जायेंगे जिस हिसाब से मैंने उनका रूट तैयार किया हैं। मेरे नज़रिए में एवा एक बहुत ही बेमिसाल कैरेक्टर हैं जिसका बिल्ड अप होना अभी बाकी हैं। ये कुछ क्षण के लिए उसकी उपस्थिति थी जो जान बूझ के bad terms लेके आई।
ज़रूरी नहीं हर एक कैरेक्टर वीर के संग good terms में उस से परिचित हो। एवा ने जो भूल की हैं, उसकी सज़ा तो वो भुगतेगी ही। रही बात एवा के एक्शन की तो वो वीर का उपहास नहीं उड़ा रही थी। किंतु, false favourability की बढ़ोत्तरी में यकीन दिलवाने के लिए किया गया था।
और ये भी सत्य हैं कि उसने भले ही favouribility के लिए ये किया। ये गलत ही था। किंतु, यहां ये ध्यान में रखिए कि ये उपहास उड़ाने के इंटेंशन से नहीं किया गया था।
मैंने जो लिखा था वो आप फिर से पढ़िए भाया।
जहां ये लिखा गया हैं कि एवा को ये अंदाज़ वीर के मौत के लिए ही था। तो वही तो मैंने बताया था
कि वीर ने ये मान लिया हैं। ये वीर की स्वयं की थिंकिंग हैं। असलियत में उपहास नहीं उड़ाया था एवा ने परंतु, वीर ने भी उसे अपना उपहास ही माना हैं। आप सब की तरह।और ये बाद में दर्शाने जाने वाला था लेकिन रीडर्स के चलते मुझे अभी बताना पड़ा।