- 4
- 9
- 3
शनिवार की छुट्टी के दिन सुबह अपनी चाय बना रहा था मकान मालिक की बहू मेरी रसोई के बाहर चौक में बर्तन धो रही थी। वो दो तीन दिन से चुप लग रही थी।मैंने उनसे पूछा भाभी कोई परेशानी है क्या। भाभी ने बताया की उनकी धरण (नाभि) सरक गई है ठीक नहीं हो रही।( उनकी सास चौक में तख्ते पर बैठी थी चौक कच्चा था एक हिस्से में दो गाए बंधी थी पीछे की दीवार के पास दो नींबु के पेड़ थे उनकी छाया में तख्ता बिछा था)
काकी ने मुझसे पूछा - किसी को जानते हो क्या जो धरण ठीक करना जानता हो। कल इसको रामधना के पास लेके गई थी उल्टा ज्यादा दर्द कर दिया।
मैंने झिझकते हुए कहा कि काकी मुझे आती है।
काकी - रामजी थारो भलो करे इक्की धरण बैठा दे तो।
ये सुनते ही मेरी मन ही मन खुशी का ठिकाना नहीं रहा ( हालांकि वो चमार जाती से थे पर भाभी दिखने में बहुत अच्छी और गोरी थी ) मैंने काकी से कहा बिल्कुल अभी ठीक कर देता हूं ।
मैंने अपनी गैस बंद की और अंदर अपने कमरे में से दरी लेकर आ गया और उसको रसोई में बिछा दिया और भाभी से कहा कि भाभी यहां लेट जाओ। काकी भी अंदर आ के जमीन पर बैठ गई
भाभी अपनी सलवार का नाड़ा ढीला करके वहां लेट गई। फिर भाभी ने लेट कर कुर्ता थोड़ा उपर कर लिया भाभी की नाभि को दबा के देखने लगा।(मेरे पजामे में मेरा लन्ड टाईट हो रहा था)
भाभी - अरी ई ई ई.......... मां आ आ
फिर मैंने कुर्ते को थोड़ा ऊपर करके पेट को दबा के चैक करने लगा ।भाभी के दाई तरफ नाभि के उपर चोड़ा तिल था ( भाभी की दो महीने पहले ही शादी हुई थी उनकी उम्र 20 साल थी और उनके पति की उम्र 39 साल थी।उनके पति सऊदी अरब में काम करते थे उनके पिता की मृत्यु के बाद आस पास वालो से पैसे उधार लेकर उनको भेजा गया था । उनका एक 18 साल का छोटा भाई था, एक कुंवारी बहन थी और तीन बहनों की शादी हो चुकी थी।
भाभी गरीब परिवार से थी और उनकी शादी पैसे देकर भैया की सबसे छोटी बुआ ने करवाई थी)
काकी ने मुझसे पूछा - किसी को जानते हो क्या जो धरण ठीक करना जानता हो। कल इसको रामधना के पास लेके गई थी उल्टा ज्यादा दर्द कर दिया।
मैंने झिझकते हुए कहा कि काकी मुझे आती है।
काकी - रामजी थारो भलो करे इक्की धरण बैठा दे तो।
ये सुनते ही मेरी मन ही मन खुशी का ठिकाना नहीं रहा ( हालांकि वो चमार जाती से थे पर भाभी दिखने में बहुत अच्छी और गोरी थी ) मैंने काकी से कहा बिल्कुल अभी ठीक कर देता हूं ।
मैंने अपनी गैस बंद की और अंदर अपने कमरे में से दरी लेकर आ गया और उसको रसोई में बिछा दिया और भाभी से कहा कि भाभी यहां लेट जाओ। काकी भी अंदर आ के जमीन पर बैठ गई
भाभी अपनी सलवार का नाड़ा ढीला करके वहां लेट गई। फिर भाभी ने लेट कर कुर्ता थोड़ा उपर कर लिया भाभी की नाभि को दबा के देखने लगा।(मेरे पजामे में मेरा लन्ड टाईट हो रहा था)
भाभी - अरी ई ई ई.......... मां आ आ
फिर मैंने कुर्ते को थोड़ा ऊपर करके पेट को दबा के चैक करने लगा ।भाभी के दाई तरफ नाभि के उपर चोड़ा तिल था ( भाभी की दो महीने पहले ही शादी हुई थी उनकी उम्र 20 साल थी और उनके पति की उम्र 39 साल थी।उनके पति सऊदी अरब में काम करते थे उनके पिता की मृत्यु के बाद आस पास वालो से पैसे उधार लेकर उनको भेजा गया था । उनका एक 18 साल का छोटा भाई था, एक कुंवारी बहन थी और तीन बहनों की शादी हो चुकी थी।
भाभी गरीब परिवार से थी और उनकी शादी पैसे देकर भैया की सबसे छोटी बुआ ने करवाई थी)
Last edited: