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Adultery driving class

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ये किस्सा तब का है जब मैं 19 साल की हुई थी। मुझे कार चलाना सीखना था।
मैंने मॉम को कहा तो उन्होंने कहा- ठीक है ड्राइविंग स्कूल के अंकल को बुलाते हैं। वो सिखा देंगे. मैंने भी उनसे सीखी थी।
मैंने कहा- ठीक है।


शाम को अंकल आये और बोले- मैम, अपको तो पता है ड्राइविंग सुबह सीखनी पड़ती है. वरना ट्रैफिक में दुर्घटना का डर होता है तो सिखा नहीं सकते। आपको भी सुबह 4 बजे ही सिखाता था।
मॉम ने कहा- कोई बात नहीं, इसे भी 4 बजे सिखा देना।


उन्होंने पूछा- बेबी 4 बजे उठ जायेगी?
मॉम ने मुझसे पूछा तो मैंने ड्राइविंग की खुशी में हां कह दिया।
उन्होंने कहा- मैम, कल सुबह 4 बजे तक आप बेबी को ऑफिस छोड़ देना. वहाँ मेरा बेटा रिशु होगा, उसे पेमेंट कर देना. वो इसे सिखा देगा. उसके बाद वो हर रोज 4 बजे बेबी को घर से पिक कर लेगा। मॉम ने ओके कहा।


अगले दिन मैं 3:30 उठी और तैयार हो गई। मैंने टाइट जीन्स और टाइट टॉप पहना। मैं अभी पूरी तरह से भरी नहीं थी तो ठीक लग रही थी।
मॉम अपने नाइट सूट में ही आई।


ऑफिस पहुंचकर मॉम ने होरन दिया तो एक 23-24 साल का लड़का आया और उसने बड़ी तमीज से मॉम से बात की.
मॉम ने इसे 2500 रूपये दिये और कहा- इसे ठीक से सिखा देना!
और मुझे बोली- रिशु भैया जैसा सिखाये तरीके से सीखना।
मैंने हां में सिर हिलाया।


मॉम चली गई।


फिर उसने मुझे ऑफ़िस में बुलाया और ट्रेफिक रूल बताये और पूछा- कैसी सीखनी है?
मैंने पूछा- क्या मतलब?
तो उसने कहा- या तो जैसे सब चलाते हैं वैसी … या जैसे प्रोफेशनल चलाते हैं वैसी?
मुझे गुस्सा आया और कहा- प्रोफेशनल वाली।


उसने कहा- उसमें कोई तुम्हें कुछ भी परेशान करेगा तब भी तुम्हरा ऐक्सीडेंट नहीं होगा।
मैंने कहा- ठीक है।
उसने कहा- उसमें 15 दिन रोज सीखनी पड़ेगी।
मैंने कहा- ओके।
उसने कहा- जैसा मैं कहूं, वैसा ही करना।
मैंने ओके में सिर हिलाया।


फिर वो मुझे बाहर लेकर आया और एक वैगन आर कार पर लाया। उसे पर L बोर्ड लगा था।
मुझे उसने ड्राईवर सीट पर बैठाया और खुद साइड वाली सीट पर बैठा।


फिर उसने कुछ बेसिक बताये, कार स्टार्ट कराई, गेअर में डालने को कहा और क्लच दबा कर डालने को कहा।
मैंने पहले गेअर में डाली, उसने क्लच छोड़ने को कहा और मैंने छोड़ा और कार बन्द हो गई।


उसने फिर स्टार्ट कराई और वैसे ही करने को कहा.
पर फिर बन्द।


3-4 बार ऐसा होने के बाद वो उतरा और ड्राईवर सीट का दरवाजा खोला और कहा- बाहर आओ।
मैं उतरी और उसने सीट पीछे करी और उस पर बैठ गया।


वो ट्रैक पेन्ट और टी शर्ट में था। उसने कहा- अब मेरी गोद में बैठो, मैं सिखाता हूं।
मैं थोड़ी रूकी तो उसने कहा- सब ऐसे ही सीखते हैं।
मैंने सोचा कि ठीक है, जब सब सीखते हैं तो क्या हुआ।
मैं उसकी गोद में बैठ गई।


उसने मेरा पैर क्लच पर रखा और मेरी जांघ पकड़ी और धीरे-धीरे पैर उठवाया और तब कार चलने लगी। पर कसी जीन्स की वजह से मैं कम्फर्टेबल नहीं थी।


जब कार चलने लगी तो उसने अपने हाथ मेरे पेट पर चूची के नीचे रख लिये।
मुझे लगा ठीक है।


फिर उसने कार रोकने को कहा।
मैंने जोर से ब्रेक मारी और झटके से कार रूकी और उसका हाथ मेरी चूची से टकराया।
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा।


उसने कार का दरवाजा खोल कर मुझे साइड सीट पर बैठाया और कार मेरे घर की तरफ ली।
फिर कहा- कल 4 बजे आऊंगा. और अगर तुम लेट हुई तो नहीं रूकूंगा।
और कहा- कुछ ढीले कपड़े पहन कर आओ, नहीं तो सीख नहीं पाओगी।
मैंने पूछा- कैसे कपड़े?
तो उसने कहा- स्कर्ट और लूज़ टॉप।
मैंने हां कहा।


अगले दिन वो ठीक 4 बजे आ गया और उसने होर्न बजाया। मैं जल्दी से नीचे आई और साइड सीट पर बैठ गई।
मैंने घुटने की लम्बाई की स्कर्ट पहनी थी और एक लूज़ टॉप पहना था।


थोड़ी दूर जाने के बाद उसने अपनी सीट पीछे करी और कहा- आओ बैठो।
मैं ड्राईवर सीट की तरफ गई और बैठने लगी.
तो उसने रोका और कहा- थोड़ी स्कर्ट उठाकर बैठो, वर्ना दिक्कत होगी।
मैंने वैसा ही किया।


मैं रिशु की गोद में बैठी और क्लच पर पैर रखा. उसने मेरी जांघ पकड़ी. पर स्कर्ट की वजह से ढंग से पकड़ नहीं पाया। तब उसने बिना बोले स्कर्ट ऊपर करी और मेरी नंगी जांघ पकड़ी और क्लच पर से पैर उठाया।
कार चलने लगी।


फिर उसने वापिस क्लच दबवाया और दूसरा गेअर डाला और जांघ पकड़ के क्लच पर से पैर उठाया। अब कार समूथ चलने लगी।


उसने अपना एक हाथ स्टीयरिंग पर रखा और दूसरा मेरे पेट पर। आज हाथ थोडा ऊँचा रखा जो मेरी चूची के नीचे टच हो रहा था।
मैं कुछ नहीं बोली।


फिर उसने कार रुकवाई और मुझे दोबारा चलाने को कहा।
अब उसने मेरी जांघ नहीं पकड़ी।


एक दो बार के बाद मैं चलाने लगी।
फिर उसने खा- कल लास्ट दिन मेरी गोदी में ही चलाओगी, फिर अपने आप चलाना।
मैं खुश हो गई।
फिर उसने घर छोड़ दिया और कहा- कल 4 बजे … लेट नहीं होना।


अगले दिन फिर 4 बजे वो आया। मेरी नींद नहीं खुली पर मैंने होर्न सुना तो खुली।
मुझे लगा आज लेट हो गई। मैं बिना कपड़े चेंज करे भागती हुई नीचे गई और कहा- 5 मिनट दो।
तो उसने कहा- नहीं।
उसने कहा- ऐसे हो चलो जल्दी … वरना मैं जा रहा हूं।


मैं घुटने तक के गाऊन में थी बिना ब्रा और कच्छी के।
मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, देखा जायेगा। और मैं साइड सीट पर बैठ गई।


थोड़ी दूर जाने पर उसने कार रोकी और मुझे अपनी तरफ बुलाया।
मैं उसकी गोद में बैठ गई और उसने कहा- चलाओ।
पहली बार में नहीं चली तो उसने मेरी जांघ पकड़ी और गाऊन ऊपर किया और चलवाई।


कार चलने लगी, उसने दूसरा गेअर डलवाया। अब ठीक चलने लगी।


उसने आज हाथ स्टीयरिंग पर नहीं रखा और हाथ सीधे मेरी चूची पर रख दिया। मैं थोड़ी घबराई तो उसने कहा- ध्यान दो … वरना ऐक्सीडेंट हो जायेगा।
अब उसने एक हाथ मेरी चूची पर रखा और एक हाथ मेरे गाऊन के अंदर जांघ पर … और सहलाने लगा।
पहले तो मुझे अजीब लगा पर फिर अच्छा लगने लगा।


तब उसने कहा- घर की तरफ चलो, आज इतना ही। और कल से ऐसे ही कपड़े पहन कर आना।
मैंने पूछा- क्यों?
उसने कहा- ये कपड़े कम्फर्टेबल हैं कार चलाने के लिये। इनमें जल्दो सीख जाओगी।
मैंने कहा- ठीक है।


फिर कुछ दिन ठीक चले. वो किसी ना किसी तरह से मेरे जवान गर्म बदन को छूता रहता।
10 दिन में मैं सीख गई।


फिर उसने पूछा- अब प्रोफेशनल सीखना है या नहीं?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं!
तो उसने कहा- कल प्रोफ़ेशनल सिखाऊँगा। पर कपड़े प्रोफ़ेशनल वाले पहनकर आने होंगे।
मैंने पूछा- वो क्या होते हैं?
उसने कहा- इंग्लिश मूवी नहीं देखती क्या?
मैंने कहा- देखती हूं.
तो उसने कहा- मूवी में मिनी स्कर्ट होती है और स्लीवलेस टीशर्ट वो भी बिना ब्रा के।


मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कहा- चल छोड़ … तेरे बस की बात नहीं है।
मुझे बहुत बुरा लगा. तब मैंने गुस्से से कहा- मैं कल आऊंगी और जरूर सीखूँगी।
तो उसने कहा- कल 3:30 बजे आना. प्रोफेशनल रात को ही चलाते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।


अगले दिन सुबह 3:30 बजे वो आया। मैंने एक स्कर्ट पहनी छोटी सी जो सिर्फ़ कूल्हों को ढक रही थी और स्लीवलेस टी वो भी बिना ब्रा के।


उसने सीधा मुझे ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया और कहा- जब तुम चलाओगी तो मैं तुम्हें परेशान करूंगा और तुम्हें ध्यान से चलाना है और ऐक्सीडेंट नहीं करना।
मैंने कहा- ठीक है।


मैं गाड़ी चलाने लगी। वो साइड सीट पर था। तभी उसने मुझे साइड में गुदगुदी करनी शुरु कर दी। मैंने स्टीयरिंग घुमा दिया और बेक लगा दी।
वो बोला- लो चल लो प्रोफेशनल!
मुझे गुस्सा आया, मैं बोली- अच्छा कोई बात नहीं. अब करो मैं कण्ट्रोल करूंगी।
फिर मैंने गाड़ी चलानी शुरु की।


उसने फिर गुदगुदी शुरु की पर अब मैं कण्ट्रोल में थी।
तब उसने कहा- गाड़ी रोको।
मैंने रोकी और वो पीछे चल गया और कहा- अब चलाओ।
मैंने कार चलानी शुरु की।


वो मेरी सीट के पीछे वाली सीट पर आ गया और पीछे से मेरी चूची पकड़ ली।
मैंने ब्रेक मारा।
उसने फिर कहा- लो चला लो प्रोफेसनल! तुम्हारे बस की नहीं है। तुम बस सिंपल ही चलाओ।
मुझे गुस्सा आया और मैंने कहा- अब तुम कुछ भी करो, मैं चला कर दिखाऊंगी।


और फिर मैंने चलाना शुरु किया।
उसने फिर पीछे से मेरी चूची पकड़ी पर अब मैं नहीं हिली। उसने मेरी टी शर्ट ऊपर कर दी पर मैं नहीं हिली. तब उसने मेरी चूची दबा दी पर मैं नहीं हिली।
फिर उसने मेरे निप्पल खींचे और पिन्च करे। मैं फिर भी नहीं हिली।


उसने कहा- एक हाथ ऊपर करो।
मैंने पूछा- क्यों?
उसने कहा- एक हाथ से चलाना सीखो।


मैंने हाथ ऊपर किया और उसने मेरी टी शर्ट की एक तरफ निकाल दी।
मैं फिर भी चलाती रही।


उसने कहा- अब दूसरा हाथ ऊपर करो।
मैंने कर दिया और उसने दूसरी साइड भी निकल दी। मैं गाड़ी चलाती रही।


फिर उसने मेरी टी शर्ट सर से ऊपर करके निकाल दी।


मैं ऊपर से नंगी और शॉक थी। पर मैं गाड़ी चलाती रही। तब उसने टी शर्ट पीछे सीट पर फेंक दी और कहा- गाड़ी रोको।
गाड़ी रोकी मैंने और वो आगे आ गया और कहा- गाड़ी चलाओ।


मैंने कार चलानी शुरु की और उसने कहा- अब फाइनल टेस्ट है।
मैंने कहा- ओके।
और उसने कहा- अपने पैर खोलो।


मैंने उसे देखा.
उसने कहा- क्या हुआ? अब नहीं कर सकती क्या? वापिस चलें?
मैंने कहा- नहीं!
और पैर खोल दिये।


वो मेरी तरफ आया और मेरी चूची पकड़ के खींच दी जोर से।
मैं जोर से चिल्लाई तो उसने कहा- क्यों हो गई ड्राईवरी?
तो मैं चुप हो गई।


तब उसने मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर खींची और उसमें हाथ डाल दिया और मेरी कच्छी के ऊपर से चूत पकड़ ली।
मैं हिली नहीं और चुपचाप गाड़ी चलाती रही।


उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने मेरी कच्छी साइड की और चूत में उंगली डाल दी।
मैं कुछ नहीं बोली और गाड़ी चलाती रही।


उसने हाथ निकाला और मेरी स्कर्ट के साइड के बटन खोल दीये और कहा- अगर प्रोफेशनल हो तो गाड़ी चलाते हुए इसे निकालो. ये चैलेंज है।
मुझे गुस्सा आया और मैंने कहा- ठीक है!


मैंने एक हाथ से अपनी स्कर्ट को साइड खींची और चूतड़ उठा कर साइड नीचे करी. इसी तरह अब मैंने दूसरी साइड भी उतारी.
पर अब वो हंसने लगा और कहा- अब पैरों से कैसे निकलोगी?
मैं भी सोचने लगी।


फिर मैंने अपना क्लच वाला पैर उठ कर एक तरफ से निकाली और फिर ऐक्सेलरेटर छोड़ा और दूसरे पैर से भी निकाल दी और उस पर मुस्करा दी।


तब उसने मेरी चूची पकड़ी, खींची और अपना हाथ मेरी चूत पर लाया और कच्छी फाड़ दी और हंसने लगा और कहा- अब गाड़ी पर ध्यान लगा।
मैं कुछ नहीं बोली तो उसने कच्छी खींची और मेरे चूतड़ उठाकर निकाल दी।


अब मैं पूरी नंगी गाड़ी चला रही थी।


फिर उसने मेरी चूत में उंगली डाल दी और मैं सिसकारियां लेने लगी. मैंने उसके ट्रैक की तरफ देखा तो उसमें तम्बू बना था।
उसने मेरी तरफ देखा और अपना ट्रैक उतार दिया और उसका लण्ड सीधा बाहर खड़ा हो गया।
उसने मेरा उल्टा हाथ स्टीयरिंग से हटाया और लण्ड पर रख कर कहा- इसे रगड़ो और गाड़ी चलाओ, वरना तुम फ़ेल।


मैंने उसका लण्ड रगड़ना शुरु कर दिया और गाड़ी चलाती रही।


तब तक 4:30 बज गये तो उसने कहा- ऑफ़िस की तरफ चलो.
रिशु मुझे ऑफ़िस ले आया और खुद उतर कर ऑफ़िस खोला, कहा- अन्दर आओ।
मैंने कहा- मैं नंगी हूं, कोई देख लगा।
उसने कहा- कोई नहीं है, जल्दी आओ।


मैं जल्दी से उतरी और ऑफ़िस में घुस गई.
मेरे कपड़े गाड़ी में थे तो रिशु ने कहा- जा ले आ।
मैंने कहा- प्लीज लाकर दो.
तो उसने कहा- ऐसे ही भगा दूंगा नंगी। फिर घर तक नंगी जाना।


मैं डर गई और भागकर बाहर निकली तो एक भिखारी दिखा और उसने मुझे नंगी देखा और हंसने लगा।
मैंने गाड़ी से कपड़े लिये और जल्दी से अंदर भाग गई।


अन्दर जाते ही देखा वो पर नंगा था. उसने मुझे पकड़ लिया और मुँह पर चूमने लगा। मेरे लिप्स काटे और एक हाथ मेरी चूची दबाने लगा।
मुझे मजा आने लगा और मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और रगड़ने लगी।


उसने मुझे टेबल पर सीधा लिटाया और मेरी चूची मुँह में ले ली और उसे चूसने और काटने लगा। उसने बहुत जोर से मेरे निप्प्ल पर काटा और दांत के निशान छोड़ दिये।


फिर उसने मुझे नीचे बिठाया और अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया और मुँह को चोदने लगा। मेरी चूत पूरी गीली थी और मेरा पानी चूत से निकल कर जाँघों पर आ रहा था।


तब उसने मुझे वापिस टेबल पर लिटाया और मेरी चूत चूसने लगा। एक उंगली उसने मेरी गांड में डाल दी।
फिर उसने अपनी जीभ मेरे गांड ले छेद पर लगाई और उसे चाटने लगा।


मुझे बड़ा मजा आ रहा था और मेरे मुँह से उह आह की आवाज आने लगी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं ज़न्नत में हूँ।


तभी रिशु रुका और उसने मुझे टेबल पर घुमाया और मेरा सिर थोड़ा टेबल से नीचे किया और अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लगा।


कुछ देर बाद उसने लण्ड मुँह से निकाला और घूम कर अपनी गांड का छेद मेरे मुँह पर रखा और कहा- इसे चाटो।
मैं चाटने लगी।


उसे बड़ा अच्छा लग रहा था और उसने कहा- जीभ छेद के अन्दर डालो.
और वो थोड़ा नीचे हो गया।


मैंने जीभ उसके छेद में डाल दी और चूसने लगी।
रिशु मुँह से आवाज निकालने लगा।


फिर वो ऊपर से हटा और मुझे घुमाया और मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया. मैंने अपने हाथ उसकी गर्दन के चारों तरफ डाल दिए। मेरे दोनों पैर पूरी तरह खुले थे और उसने मेरी चूत चोदनी शुरु कर दी।


तभी उसने मुझे सीधा उठा लिया। मैं तब छोटी सी तो थी। उसका लण्ड मेरी चूत में था और उसने मुझे दीवार से टिका कर ऊपर नीचे करना शुरु कर दिया। उसका लण्ड मेरे अंडाशय से टकराने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा पानी छूट गया।


फिर उसने मुझे उतारा और कहा- टेबल पकड़ कर घूम जाओ।
मैंने वैसे ही किया और उसने मुझे आगे झुकाया और मेरी गांड में लण्ड घुसेड़ दिया।
मेरी छोटी सी गांड फट गई।


वैसे इससे पहले मैंने 2-3 बार गांड मरवायी थी। उसने मेरी गांड चोदनी शुरु कर दी और थोड़ी देर बाद बोला- मेरा छूटने वाला है.
और उसने लण्ड गांड से निकल और कहा- इसे मुँह में लेकर चूस!
मैंने उसका लण्ड मुख में लेकर चूसना शुरु कर दिया।


थोड़ी देर में उसने अपना सारा माल मेरे मुँह में निकाल दिया और कुर्सी पर बैठ गया।
मैंने उसका सारा माल पी लिया और कहा- तेरा माल टेस्टी है।
अब मैं थक कर जमीन पर बैठ गई।


तब तक 5 बज गये।
रिशु ने कहा- अब तुम प्रोफेशनल ड्राईवर बन गई हो। अपने कपड़े पहनो, मैं तुम्हें घर छोड़ के आता हूं और कल से ट्रेनिंग बन्द। अब तो तुम रेस में भी जीत जाओगी।
मैंने अपनी स्कर्ट और टॉप पहना और वो मुझे घर छोड़ आया।


रास्ते में उसने कहा- कभी घोड़ा चलाना हो तो आ जाना। मेरा घोड़ा तेरे लिये हमेशा तैयार रहेगा.
और उसने मेरी चूची दबा दी।
 

The Immortal

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We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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