Update 09
मेरे प्यारे दोस्तो मुझे आप सभी का भरपूर साथ मिल रहा है।
मै आप सभी रीडर्स का दिल से शुक्रिया अदा करता हु।
मेरे प्यारे दोस्तो अब हम कहानी पे आते है,,
मै। चाची के घर से निकला तो करीब चार बज रहे थे। और मैं सीधा खेतो की तरफ चला गया। करीब दो घंटे खेतो की भरमड़ करने के बाद। मै वापस अपने घर आगया। मै अभी घर के बाहरी बरामदे में ही था। बाहर ही खाट पर लेट गया
मुझे आज अपने घर में भी जाने के लिए बड़ा अजीब लग रहा था।मै बहार खाट पे लेटे लेटे ही ऊंघने लगा। थोड़ी देर बाद।,। मेरे दादा जी मुझे उठाने लगे,,,,, राजु वो राजु,,,,
उठ बेटा,,,ये कोई टाईम है सोने का ,,,,फिर मैं उठा और दादा जी से पूछा कितना टाइम होरहा है। दादा जी बोले बेटा अभी पौने सात बज रहें है।,,,, तेरी तबियत तो ठीक है राजू ,,
दादा जी परेशान होके पूछे।,,,। हां दादा जी मै बिल्कुल ठीक हु। वो मै खेत से आया और लेट गया नींद कभी आ गई। मुझे कुछ पता ही नहीं चला।
चलिए घर में चलते हैं।और मैं खडे होकर दादा जी के साथ अंदर चला गया।
खाना तो रेडी था फिर हम दोनो बैठे खटिया पे हमे देख कर गुडिया ने मां को आवाज लगाई ,,,। मेरी मां अपने कमरे में थी
हा गुडिया आ रही हूं बेटा,,,,,,मां ने आवाज़ देते हुए बाहर आई
मां ने आ कर हमे खाना देने लगीं । और दादा जी ने मां से पूछा कि। छुटकी और जाहिद कहा है नही दिख रहे है । पापा वो दोनो बाहर ही गए होंगे। अभी घर में आए नही है।
अच्छा बिटिया। दादा जी ने मां से कहा ,,, फिर हम खाना खाने लगे ।
खाना खाने के बाद मै उठा ओर बाहर दादा जी को छोड़ कर उन दोनों को खोजने लगा थोड़े ही दूर पर वो लोग खेल रहे थे मैने उन्हे बुला कर घर ले गया।
और फिर मैने मां से बोला मां मैं हिना चाची के यहां जा रहा हु आज़ रात भर मैं वहीं रहूंगा,,,,,,,
मेरी मां
ने कहा ठीक है बेटा । जाओ और मै बाहर निकल कर पप्पू के घर पहोंचा। मैने दरवाजा खोला तो खुला नही
मेन दरवाजा अक्सर खुला ही रहता था।तो मुझे लगा की खुला ही होगा। लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ।
मैने खटखटाया। और वही रुक गया।थोड़ी देर के बाद पप्पू ने दरवाजा खोला । अरे भाई तू है मां ने बोला ही था की राजू ही होगा । हां भाई और कैसा रहा आज पहला दिन दुकान पे। हम बात करते ही अंदर आगये।और पप्पुने वापस दरवाजा लॉक किया। फिर हम दोनो बाते करते हुए अंदर आए । ठीक था आज का दिन भाई बहुत मजा आया। दुकान पर मुझे तो अफसोस हुआ की मै दुकान पे अभी तक क्यों नहीं गया था यार। अरे भाई ऐसा क्या मिल गया दुकान पे तुझे । ,,,भाई बहुत ही मजा है दुकान पर एक से एक आईटम आती हैं यार।,,, अच्छा ये बात है फिर तो । तुम्हारी निकल पड़ी। हा भाई मै आज से दुकान पे ही रहूंगा। ठीक है बाबा ठीक है ।
अब हम घरके अंदर पहोंच चुके थे अभी चचा खाना ही खा रहे थे। और मैं चाचा से सलाम किया । चचा ने भी वालेकुम सलाम कहा आओ बेटा बैठो खाना खाओ चाचा आप खाए मैने खाना खा लिया है । अच्छा अच्छा। बैठो तो । और मैं उनके बगल में ही बैठ गया ।
और बेटा खेती बाड़ी कैसी चल रही हैं तुम्हरी।
बहुत अच्छा है चाचा । फिर चाची आई और बोली बेटा
कुछ खाले।नहीं चाची पेट भरा है मेरा । पप्पू और नसरीन कहां चले गए । बेटा वो लोग मेरे कमरे में होंगे ।
तयारी कर रहें होंगे । किस चीज़ की तैयारी चाची । बेटा जो हम दोपहर में बात किए थे । बस उसी की आज तुम्हारा उद्घाटन समारोह है ना बेटा ।
जी चाची । अच्छा चाची क्या इन सब के बारे में मेरी मां भी जानती है । इतने में चाचा बोले बेटा अभी अंदर चल कर बात कर लेना इस बारे में । ठीक है चाचा जैसे आप ठीक समझें । फिर चाचा ने खाना खत्म करके बैठे । और चाची बर्तन लेजाने लगी । चाचा जी ने आवाज लगाई बेटा पप्पू किधर हो आओ जरा यहां। आया पापा
और पप्पु तुरंत बाहर आके पूछा। क्या हुआ पापा बेटा इधर बैठो तुम दोनो । और पप्पु भी मेरे साथ में बैठ गया।
और चाची भी आ चुकी थी बर्तन रख कर । एमहमारे बीच में सिर्फ नसरीन ही नहीं थी । हिना मै बात सुरू करू चचा ने चाची से पुछा। चाची ने कहा बिलकुल आप सुरू करिए ।चाचा ने कहा की ये सिर्फ अभी हम चार को ही पता होगा नसरीन को कुछ नहीं बताना। पप्पू और मैं दोनो ने हा में अपना सर हिला दिए। देखो बेटा नसरीन की शादी हम राजू से करना चाहते है। पप्पू बेटा तुम क्या बोलते हो।पापा मैं क्या बोलूं मेरे तरफ से हां है। राजू तेरा क्या खयाल है। चाचा अगर मेरी पूछो तो मैं राजी हु मुझे कोई ऐतराज नहीं है। बस बेटा अगर तुम राजी हो तो बस आगे की बात हम तुम्हारे मां से कर चुके है । और तुम्हारी मां भी और दादा जी भी राजी है। बस तुम्हारी हां ही चाहिए थी।
चाचा ,,,, और हा बेटा नसरीन अभी भी कुंवरी ही है उसने कभी चूदाई नही की है ।
मै,,, चचा जी मुझे पता है इस बारे में चाची ने मुझे बताया है।
चाची,,,ठीक है बेटा फिर हमारा रिश्ता पक्का और आज नसरीन की भी सील तुम्हे ही तोड़ना है। इस लिए उसको इस रिश्ते के बारे में नही बताया गया है। उसको सरप्राईज देंगे हम।
पप्पू,, फिर तो बहुत मजा आयेगा आज से मैं नसरीन को भी चोद पाऊंगा। राजू तुम मेरे साथ चलो। में उठा और हम दोनो टॉयलेट की तरफ चले गए। देख राजू हमने जो रेशमा की बेटी माहिरा के साथ किया है। उसका किसी को पता नही है। तेरे हिसाब से हमे क्या करना चाहिए
मै,,,,पप्पू साले मै मान गया तुझ को तू इतना बड़ा राज़ अपने घर के बारे में मेरे से छुपाके रखा साले ,,,, । अच्छा हां माहिरा के बारे में चुप ही रहो जब वक्त आएगा तभी बता देंगे।
पप्पू,,, ठीक है यही बात करनी थी तुझ से कहीं तू बता देता तो गड़बड़ हो जाती।
मै,,,नही बता ता मै कियोक चाची ने दोपहर में ही बता चुकी है मुझे ये सब करने के पीछे क्या मकसद है। मै टाइम आने पे ही बताऊंगा।बस तुम चुप रहना।
पप्पू,,मै तो चुप ही रहूंगा भाई चलो अब चलते है । और हम दोनो वापस जहां चाची और चाचा बैठे थे वही आगए।
तो फिर चलें अंदर मेरी जान चाचा ने चाची से कहा चलो जी नेक काम में देरी करना ठीक नहीं है मेरे राजा।
और वोह दोनो खाट से उठ कर कमरे की तरफ जाने लगे । पप्पू और मैं उनके पीछे पीछे चल दिये । जब हम कमरे के पास पहुंचे तो नसरीन सिर्फ चड्डी और ब्रा में दरवाजे पे स्वागत करने आई ।
पहले चाचा जी ने अपने सारे कपड़े खोलने लगे मै तो देखता ही रह गया एक पिता अपने बेटी के सामने इस तरह निर्वस्त्र हो रहा हो जैसे किसी तवायफ खाने में हो
लेकीन जो भी हो नजारा बहुत अद्भुत था मै तो सिर्फ नसरीन को ही देख रहा था क्या गजब की माल थी जिस से मेरी शादी की बात अभी थोड़ी देर पहले ही तय हुई थी।
उसकी चूचियां दोनो अभी नॉर्मल अनार के जितना थे जो पूरी मुट्ठी में ही समा सकते थे उसकी नाभी भी न ज्यादा गहरी और न ऊपर को उठी हुई एक दम नॉर्मल और उसकी कमर तो लाजवाब थे करीब 28 की साइज़ के और उसके चूतड भी करीब 36 की थे बहुत ही हॉट लग रही थी। मेरा तो मौसम
बनने लगा नसरीन को इस रूप में देख कर।
चाचा ने पहले अपना कुर्ता निकाल दिए नीचे नसरीन ने पजामा की नाडी खोल कर नीचे उतार दी अब चाचा बिलकुल नंगे हो चुके थे फिर नसरीन ने बैठ कर चाचा का मुरझुराया हुआ लन्ड मुंह में लेके चूसने लगी करीब दो बार अंदर बाहर करने के बाद अब नसरीन खड़ी हो गई । और चचा उसके तरफ खड़े हो गए।अब चाची की बारी थी कपड़े उतारने की जिसमे नसरीन ने चाची की हेल्प की पहले कमीज उतार दिया कमीज उतरते ही चाची के बड़े बड़े तरबूज के size की छाती एक दम से नंगी हो गई वोह क्या चूची थी चाची के ये सब देख कर मेरा लन्ड एक दम से लोवर में तम्बू बन चुका था अब चाची ने अपनी सलवार भी खोल कर नीचे गिरा दी।,,,,, हाय क्या नजारा था मेरे सामने । एक तरफ नसरीन सिर्फ चड्डी और ब्रा में ये सब किर्या करते हुए । और मेरे चचा जी उसकी सहायता करते हुए वो भी पूरे निर्वस्त्र हालत में । उनका लन्ड अभी भी वैसे ही सोया हुआ था।करीब दो इंच का था । मानो उनको कोई असर ही नहीं हो रहा था। और इधर मेरी हालत खराब हो चुकी थी। और दूसरी तरफ मेरी चाची बिलकुल नंगी हो चुकी थी । अब उनकी भरी भरकम गांड़ मेरे सामने थी। बहुत विशाल चूतड थे उनके जिन्हे मै और पप्पू देख रहे थे । मै तो पहेली बार ये अनुभव कर रहा था । मुझे तो ऐसा लग रहा था की मै किसी स्वपन लोक में हु । फिर नसरीन ने बैठ कर उनकी चूत को दो बार चाटी और खड़ी होगयी अब चाचा जी बैठ कर वैसे ही चाटे जैसे नसरीन ने चाटा था । ये उनका स्वागत कार्य कर्म था । जो मुझे समझ में आगया था । चूत चटवाने के बाद चाची भी दरवाजे के उस तरफ चली गईं।
अब बारी पप्पु की थी । कपड़े खोलने की पप्पू अपना t shirts तो खुद ही निकल दिया । ओर नीचे वो शॉर्ट पहेनेे हुआ था जिसे चाची ने खींच कर उतार दी। अब पप्पू भी नंगा हो चुका था । पप्पू का लन्ड अभी भी सोया हुआ था।जिसे नसरीन ने पकड़ कर अपने मुंह में डालकर चूसी और अब पप्पू का लन्ड बढ़ कर 6इंच का होगया था नसरीन दो बार चूसने के बाद लन्ड छोड़ कर खड़ी हो गईं। फिर चाचा ने उसे चूमा और वो हट गए फिर चाची ने अपने मुंह में लेकर दो बार आगे पीछे की फिर वो भी हट गई । अब पप्पु भी दरवाजे के उस तरफ हो चुका था । इस तरफ सिर्फ मै बचा ।
मुझे तो बहुत मजा आया ऐसे स्वागत होते हुए । अब चाची ने लोअर के उपर से ही मेरे लन्ड को मुट्ठी में पकड़ी और बोली हाय कितना मोटा है बेटा तेरा ये तो मेरी मुट्ठी में भी पूरा नहीं बैठ रहा है
नसरीन और चाचा तो चौक गए बोले क्या बात करती हो ।
चाची उन्हें दिखाते हुए बोली लो देखो पूरा जकड़ कर चाची दिखाने लगी ।
और मुझे तो ऐसे आनंद का अंभाव हुआ जैसे मै किसी और ही संसार का सैर कर रहा हु चाची मेरा लन्ड पकड़े हुए ही कमरे के अंदर ले गई और मैं भी खींचता हुआ चला गया। और सभी मेरे पीछे थे अब हम एक विसाल बेड के पास पहुंचे चाची बेड पे बैठ गई और मैं नीचे ही खड़ा रहा बाकी के सभी मेरे बगल में खड़े थे। दाहिनी तरफ चचा और बाई तरफ पप्पू और मेरे ठीक पीछे नसरीन खड़ी थी चाची ने नसरीन से बोली बेटी तुम पीछे से पकड़ो मै आगे से पकड़ती हु और फिर हम साथ में लोअर नीचे की तरफ खीच कर उतरेंगे नसरीन बोली ।ठीक है मां । फिर वैसे ही हुआ दोनो ने मिल कर मेरी लोअर नीचे उतार दिए अब नसरीन को मस्ती सूझी उसने मेरे चूतड पर चिमटी काट ली जिस से मै अपनी गांड़ सिकोड़ते हुए आगे की तरफ सरका तभी मेरा लन्ड चाची के सीने में लगा जिसके वजह से वो बेड पे गिर गई। अरे क्या कर रहा है बेटा । मैने कुछ नही किया चाची पीछे नसरीन है जो मेरे चूतड पर चिमटी काट ली इस वजह से मै उछला और आपको धक्का लगा ।
चाची ने नसरीन को अपने साथ में बिठाया और बोली की बेटी देखो राजू का लन्ड बहुत ही बड़ा है। ऐसा लन्ड मैने अभी तक अपने जीवन में नही देखी हु ।
मां मुझे तो विश्वास ही नहीं होता है की इतना बड़ा भी कोई लन्ड होता है । नसरीन अपने हाथ से पकड़ कर मेरे लन्ड को नापने लगी मेरा लन्ड लगभग उसके कलाई के जितना मोटा था। मां देख जितना मेरा हाथ है उतना मोटा तो राजू का लन्ड है। फिर चाचा बोले बेटी वो तो हम लोग भी देख रहे है की कितना विशाल है राजू का लन्ड। फिर चाची ने नसरीन से कहा बेटी मुंह लो और उद्घाटन करो नसरीन ने मुंह खोल कर मेरे सुपाड़े को मुंह लेते हुए चूसने लगी । आह,,,, मुझे उसके कोमल honto की गर्मी से बहुत ही आनन्द आने लगा । करीब एक मिनट चूसने के बाद नसरीन को चाची ने छोड़ने को बोली तो वोह छोड़ दी नसरीन के मुंह में मेरा लन्ड चार इंच तक अंदर गया था । नसरीन लन्ड को निकलते हुए बोली मां मेरे बस की बात नही की मै ये पूरा अपने मुंह में ले सकू। चाची ने कहा बेटी ये तो मैं भी सोच रही हु की मेरे से होगा की नही । देखती हु और चाची ने मेरा लन्ड अपने मुंह में लेने लगी ,,,, मै तो आनंद से अपनी आंखे बंद कर चुका था आह्ह्ह्ह्ह क्या आनंद के पल है।
चाची ने बड़ी कोशिश कर के मेरा करीब 7इंच लन्ड अंदर लेली। उनके होंठ बंद नहीं हो रहे थे और उनके गले में मेरा लन्ड उतर गया था फिर चाची ने बाहर निकाल कर जोर से सांस को लेते हुए बोली की बड़ा ही मुस्किल है पूरा अंदर लेना
फिर मेरे चाचा ने बेड पर बैठकर मेरा लन्ड अपने हाथो में पकड़ते हुए बोले हिना आज तो तुम्हारी चूत फाड़ देगा राजू।
चाची बोली कहो तो तुम्हारी गांड़ भी फडवा दु । नही भाई मेरे बस की बात नही है । मैने सोचा ये क्या माजरा है क्या मेरे चाचा अपनी गांड़ मरवाते है क्या ।
अब हम सब नंगे थे । सिर्फ नसरीन ही चड्डी और ब्रा में थी ।
अब हम सभी लोग राउंड में बेड के उपर बैठ गए
मेरे बाई तरफ चाची बैठी और दाहिनी तरफ नसरीन उसके बगल में पप्पू और पप्पू के बगल में चाचा । राउंड सेप में बैठ गए ।
फिर मैने चाची के दूध को पकड़ते हुए पूछा चाची इन सब में मेरी मां क्या जानती है।
बेटा तेरी मां अभी तक कोई गलत काम नहीं की है मैने उन्हे अपने बच्चो के बारे में सलाह दी की अगर हमने उनके बारे में नही सोचा तो कल को हमारे बच्चे भी वैसे ही करेंगे जैसे तेरे पापा करते है ।
चाहे चोरी छुपे करे या खुले आम करे । लेकिन करेंगे जरूर
और अगर हम घरकी औरते उन्हें वो सब दे जो उन्हें चाहिए
तो फिर घरका कोई बच्चा गलत रास्ते पर बाहर नहीं भटके गा
और ये बात तुम्हारी मां समझ गईं फिर हमने मिल कर प्लान किया और हमने पहले पप्पु और नसरीन से शुरुआत किए ओर हमारे हाथ सफलता लगी ।
दोस्तो अपडेट पूरा नहीं कर पाया हु माफी चहेता हूं अगला अपडेट आपको जल्दी ही मिलेगा