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Incest Ghar me ghamasan

Abhishek Kumar98

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Mujhe ummeed hai ki aapko inccet kahani pasand hogi
Sabse jyada mai bahut passionately padhta hun
 

Abhishek Kumar98

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Detailed sex rough sex , dirty sex , sex slave, forced sex aur ek hero rakhna aur usse hi sab ladies aur girls ko chudawana ok please
 

Abhishek Kumar98

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Kosis karunga dost mai Hindi lekhak hu seduction ka matalab batadena mere dost
Kamuk karde chipak kar ya kamuk baate karke jisse kuch chudne ke liye aise hi Maan Jaye aur kuch ko jabardasti pel de
 
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Update 01
Mera nam,Raju hai meri age 18 ki hai mai 10 ki padhai karne ke baad apne dada ji ke kheti ke kaam me हाथ बटा ता था मेरे दादा आज भी हमारी फैमिली के लिए ही इस age me bhi kaam करते थे उनकी उमर 62 की थी मेरी दादी अब इस दुनिया मे नही है वो अल्ला को। प्यारी हो गई हैं 3साल पहले आज सुबह उठ के मैं toilet ke लिए निकल रहा था खेत में क्यो की हमारे गांव में सब खेत में ही toilet ke liye jaate hai सुबह सुबह मैं भी अपने घर से निकल के रोड पे पहोचा ही था कि पीछे से आवाज आई राजू ruk मैं भी तेरे साथ चलता हु मै रुक कर पीछे देखा तो पप्पू अरहा था पप्पू मेरे गांव का एक दम आवारा लड़का था मेरे पास आके बोला चल अब साथ में चलते है मै बोला चल भाई मुझे क्या प्राब्लम होगी फिर वो बोला आज कल किधर raheta दिखाई नहीं देता चौराहे पर मैं बोला भाई मैं अपने दादा जी के कामों में हाथ बटा ता हु खेतो में आज कल bahot kaam रहते हैं अच्छा अच्छा ठीक है कुछ अपनी जवानी के बारे में भी किया कर अब नही करेगा तो कब करेगा मुझे देख मै रोज मजे लेता हु tu कहे तो तेरे लिए भी कुछ जुगाड कर du मैंने बोला रहेनें de भाई इतनी मेहरबानी मत कर मुझे इन सब में दिलचस्बी नही है और तेरे जैसे हर किसी की किस्मत नही तुझे तो पता है मेरा बाप क्या करता है और तेरे पिता जी तुम लोगो के लिए इतनी प्रॉपर्टी ओर दुकान सब बना कर रखे है और आज भी कितना मेहनत करते है और मेरे पिता जी को देख सारा दिन us reshma ke gharme baithe rahete wo भला हो मेरे दादा जी का की वो आज भी मेरे परिवार के लिए परेशान रहते है राजू छोड़ ये बाते अभी उमर है मजे करने के कर यार तू भी न ये सब suru करदिया पप्पू तेरे जैसे मेरी किस्मत नही है मेरे ऊपर मेरे भाइयों की ओर मेरे baheno की जिम्मेदार है मै gharme बड़ा हु मै नही करूंगा तो कौन मेरे फैमिली के लिए करेगा कौन सोचेगा मेरे परिवार के बारे में मेरी मां के आंसुओ के बारे में मै जानता की मुझे सबके दुख दर्द को दूर करना नही लोग यही कहेंगे जैसे बाप आवारा है वैसे ही बेटा भी निकला छोड़ यार राजू तू तो सीरियस होगया यार मैं बोलता हु थोड़ा मजे करो लाइफ में यार और क्या है बोल तो रेशमा की ही लड़की को बुलाऊं वो भी गजब की maal hai abhi 18 ki हुई है मै तो कई बार ले चुका हु उसकी bahot chikni hai यार जा साले पहले टॉयलेट कर tu nahi sudhrega मैं एक खेत में और पप्पू दूसरे तरफ खेत में चले गए टॉयलेट करने मै भी बैठ के टॉयलेट करते हुए सोचने लगा कि kaas meri भी किस्मत पप्पी जैसे होती साला bahot ladkiyo se maje लेचुका hoga ओर मै अभी तक bur ka dekha bhi nahi tha ye sab sochte huye mere lund me bhi harkat hone lagi धीरे धीरे खड़ा होने लगा जो भी हो हु तो एक जवान मर्द ही न लेकिन मेरे जिम्मे डारियों का बोझ बहुत बड़ा है नही मै ये सब नही कर सकता समाज क्या कहेगा की जैसा बाप है वैसे ही बेटा निकला नही ये मेरे लिए नही है राजू ,राजू चला गया क्या रुक मै आया मैने आवाज दी उसको मै भी अपनी चूतड dhoke aagaya aour bata kya सोचा नही पप्पू tu kar wo सब मेरे से दूर ही रख इन सब को मै ये नही कर सकता मेरे लिए नही ये सब मै अलग हु तुम लोगो से चुटिया साला तेरे अब्बा मजे लेते है दिन भर रेशमा की ओर tu sarif ban Raha हैं मैने बोला हा साले इसी सब बातो से खौफ खाता हु जैसे तूने बोला ऐसे दुनिया न कहे बन ने de sarif mujhe tere liye mai sarif ban Raha hu जबकि तुझे पता है की मै तेरे जैसा नही हु फिर भी tu mera dost hoke aisa बोला की मै शरीफ बन रहा हु तो सोच जिसदीन मै कोई गलत कदम उठा लूंगा उस दिन तू तो ढोल पीट देगा सारे गांव में , अरे यार राजू तू नाराज होगया यार मैं मजाक में बोला था यार मुझे तो पता है भाई तू कीतना शरीफ है यार माफ करदे भाई हा साले माफ किया ab बंद कर नाटक चल मेरा घर आगया राजू ruk एक बात सुन बोल यार अब क्या है मै गुस्सा दिखाते हुए रुका मेरे पास आके बोला अगर तुझे bur चोदनी है तो बोल मै चुदवl दूंगा चुपके से रेशमा की लडकी को साले जाता है की मारू एक chamat tu nahi sudhrega साले अच्छा चल चौराहे पे आजाना दोपहर में इतना बोल के पप्पू चला गया मै भी घर आगया तो देखा दादा जी गाये को चारा डाल रहे थे मै उनके हाथ से चारा लेके गाय को चारा देने के बाद घरमे गया तो देखा
कहानी की शुरुवात अच्छी लेकिन एडिटिंग हो जाती इसमें तो और बढ़िया हो जाता, कौन कब बोल रहा है ये पता नही चल रहा है।
 
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Update 02
गाय को चारा देने के बाद घर मे गया तो देखा कि मेरी छोटी बहन गुड़िया चूल्हे पर चाय और नाश्ता बना रही थी गुड़िया मेरे से 1.5 साल छोटी है मै आंगन में लगे नल पर गया ओर मुंह हाथ धोने लगा ओर देखा की मेरी मां घर में झाडू लगा रही थी मेरी मां मेरे पापा की हरकतों की वजह से बहोत दुखी रहती थी लेकिन अपनी तकलीफ कभी जाहिर नही करती थी वो हमेशा अपने बच्चो के बारे में ही सोचती अपनी खुशियों को कभी तवज्जो नहीं देती हम लोगो के सामने कभी दुख जाहिर नही होने देती थी । मै अब बच्चा नहीं था मै सब समझता था मेरी मां को कभी वो खुशी नही मिली जिसकी वो हकदार थी मेरे पापा पूरा दिन घर में नही आते थे सुबह नाश्ता करके जाते है। उसके बाद दोपहर में खाना खाने आते है।फिर रात में कभी 10 बजे कभी 11 बजे आते है। मेरी मां जबतक उनका इंतजार करती थी। हम लोग सोजाते थे ये सब बाते मेरे दिमाग मैं चल रही थी की इतने में गुड़िया आवाज दी। भयया नाश्ता रेडी है आप दादा जी को बुला लाए ओर साथ में नाश्ता करले मेरी मां भी झाडू लगा के कमरे की तरफ गई मेरे छोटे भाई जाहिद को उठाने जो गुडिया से डेढ़ साल छोटा है।ओर एक बहन जिसका नाम जरीना है वो जाहिद से डेढ़ साल छोटी है हम चार भाई बहन है दो भाई ओर दो बहन। मैं जाके दादा जी को आवाज देके वापस आगया चूल्हे के पास जो खाट रखी थी उसपे बैठ गया।मेरी मां नल पर मेरे दोनो छोटे भाई जाहिद और बहन जरीना को जिसे हम घरवाले छुटकी बुलाते थे दोनो बरस करा रही थी। इतने में दादा जी gharke अंदर दाखिल हुए आवाज लगाते हुए छुटकी,छुटकी मेरी मां ने आवाज दी पापा आजाओ।तब मेरे दादा जी आंगन में रखे हुए खाट पर मेरे बगल में बैठ गए। भाइयों और मेरी बहेनो गांव में घरके बुजुर्ग बिना आवाज दिए gharke अंदर दाखिल नही होते थे ये गांव की परंपरा थी।अब हमारे सामने के तरफ दोनो छोटे भाई बहन बैठे वो दोनो अक्सर आपस मे झगड़ते रहते किसी भी बात को लेकर।छुटकी मै दादा जी पास बैठुगी ओर जाहिद बोला मै दादाजी के पास बैठुगा ये बात से झगड़ा चालू दादाजी बोले आप दोनो मेरे पास बैठो ge aajao छुटकी को दादा जी ने बगल में बिठाई और जाहिद को सामने।फिर दोनो सांति बैठे।मेरी मां और गुडिया चूल्हे के पास बैठे थे मेरी मां ने प्लेट में पकोड़े निकल के दिए और हम सभी खाने लगे फिर दादा जी मां से पूछने लगे कि कहां है साहेबजादे मेरे पापा के बारे में। मेरी मां बोली आप तो जानते ही हो अभी उनकी सुबह कहां हुई है। हा वो तो मैं जानता हु बस पूछ लिया ये अभी भी नही सुधरेगा बच्चे इतने बड़े बड़े हो गए फिर भी उसे किसी बात की फिकर नही है ना ही कुछ सरम हया है की लोग क्या कहते होंगे।मैं तो बात भी नही करता उस से पापा जाने दो जो किस्मत होगा सो होगा आप हमारे बच्चो के लिए जो करते हो वो दुनिया का कोई दादा अपने पोते पोतियों के लिए नही करेंगे मै तो बस अपने बच्चो के लिए जी रही हु और कोई मकसद नहीं है मेरा आपने तो यन्हा तक करदिए की जमीन भी मेरे नाम से वारासत करदिए की आपके न रहने बाद आपकी सारी जमीन राजू के पापा के जगह मेरे नाम से होजाएगी।दादा जी, तो क्या करता बेटी मुझे शाहिद पे जरा भी विश्वास नहीं है की मेरे मरने के बाद क्या करेगा।इसलिए
लोगो से राय लेकर मैने ये कदम उठाया है की कल को मै न रहूं तो वो अपनी मन मानी करे।तुम्हे और बच्चो को तकलीफ दे क्या भरोसा आज वो ,,,,,दादा जी चुप होगये हम सब नाश्ता करने के बाद दादा जी बाहर बरामदे में चले गए।फिर मेरी मां और गुडिया खाट पे आके बैठ कर नाश्ता करने लगी मैंने मां से कहा की मां अब डेढ़ दो साल के बाद गुडिया की भी शादी करनी होगी।ये बात गुडिया सुनकर बोली मैं कही जाने वाली नही मां को छोड़ कर।भाई तुम मुझे भागने के चक्कर में लगे हो मैने क्या नुकसान किया है आप का मां बोली ठीक बाबा मत जाना yanhi रहेना अब ठीक है मेरी मां की बाते सुनकर वो चुप। होगई ओर कप प्लेट उठा के नल पे जाके साफ करने लगी और दोनो छोटे जाहिद ओर छुटकी बाहर दादा जी के पास चले गए।मै मां के साथ ही खाट पे बैठा था मैने मां से पूछा। की मां पापा कभी से us reshma ke ghar jane lage aour aisa kaise hua aaj se पहले कभी मां से मैने ये सब नही पूछा था मेरी मां अंदर बहुत दुखी रहती थी लेकिन कभी जाहिर नही करती थी।वो सिर्फ हमारे बारे में ही चिंता करती थी।ओर दादा जी का बहुत अहसान मानती थी आखिर दादा जी काम भी ऐसे किए थे।मेरी मां मेरे बातो से दुखी थी जो मैने रेशमा के बारे में पूछा था की पापा कैसे उसके चक्कर में पड़े।लेकिन जाहिर नही करती थी मेरी अभी भी जवान थी पूरा बदन भरा हुआ था मेरी मां का एक दम गोरी कसा हुआ बदन बड़े बड़े छाती (मेरे विचार मेरी मां के बारे में गलत नही है लेकिन मुझे लिखना पड़ेगा जो
सच्चाई है ) भरे हुए चूतड किसी भी एंगल से कोई भी कमी नहीं थी फिर भी मेरे पापा का ऐ कदम उठाना समझ के बाहर था ये भी हो सकता है की घर की मुर्गी दाल बराबर दोस्तो अब आगे।बढ़ते है मेरी बोली की ये उन दिनों की बात है जब छुटकी पैदा हुई थी।
दोस्तो मुझे काफी नींद आरही है इजाजत चाहूंगा आप सभी से अनुरोध करता हु की लिखने में जो भी गलती होगी तो जरूर मुझे बताए।कहानी के बारे में सुझाव दे की कैसी लग रही है अभी तक की कहानी
बढ़िया अपडेट था कहानी अभी बन रही है हिंदी में एरर थोड़ा बहुत है जिसे सुधार की जरूरत है, अप कोशिश करो एक बार अपडेट को पढ़ने के बाद पोस्ट करने की...
 
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बेटा शादी तो करनी है आज करो या कल ha मां वो तो करनी है लेकिन पहले गुडिया की कराएंगे फिर उसके बाद हम अपनी करेंगें। बेटा आज कल जमाना बहुत खराब है बहुत संभल के rahena ma tujhe मुझ पर भरोसा नहीं है क्या Nahi बेटा ऐसी बात नहीं है मुझे तुझ पर बहुत भरोसा है तेरे बारे में मैने कभी कुछ नही सुना दो साल हो गए तुझे पढ़ाई छोड़ के इन दो सालों में। मैने कभी तेरी कोई गंदी बात नहीं सुनी । बल्कि गांव के लोग तेरी तारीफ ही करते है Lekin beta is age me aksar गलतियां।होती है इस लिए समझा रही हु बेटा।मुझे तेरे ऊपर गुमान है की मेरा बेटा अपने पापा जैसे नही है।मै तेरे पापा के बिना जी लूंगी।लेकिन अपने बच्चो को बिखरते हुए नही देख सकती।बेटा कभी मेरा ये भरोसा मत तोड़ना नहीं मां ऐसा कभी नहीं होगा मै कोई गलत काम नहीं करूंगा।मेरे मन में मां से बात करते करते खयाल आया की मेरी मां की जिस्मानी जरूरत कैसे पूरा होता होगा।दिल में आया की मां से पुछु लेकिन ये सब बाते कोई अपनी मां से करता है क्या यही सोचके।अपने मन समझाया इतने पापा उठ गए थे janha pe hum bete बैठे थे wanhi से खडे hoke kya maa bete में खुस पुस horaha है कुछ नही समझा रही हु अपने बेटे को ओर क्या बात होगी मां बेटे में।इतना सुनके वो बाथरुम में जाने लगे तो मां ने रोका की किधर jarahe ho gudiya naha rahi hai सारा जमाना खेत में जाता है ओर ये महासय है की औरतों की तरह gharme ही करेंगे रुको निकलने दो उसे इतना सुन ना था की वापस रूम में चले गए।उस रण्डी के घर में बैठ बैठ ghar me बैठने की ही आदत hogauee है या अल्लाह रहम कर इस आदमी पर और सही रास्ता दिखा मां बड़ बड़ कर रही थी।मै बोला जाने दे छोड़ उनको उनके हाल pe beta तू नही समझे ga meri bhi kuchh जरुरते है नम आंखों से मेरी बोली।मां क्या जरूरत है जो भी है मुझे बोल मै पूरा करदूंगा। मां संभालते हुए ठीक है बेटा कुछ jarurat aurat ki उसका शौहर ही पूरा करता है।जाने दे बेटा छोड़ इन बातो को।मै समझ गया कि मेरी मां किस बारे में बोल रही है वो जिस्मानी ताल्लुकात के बारे में था जो की मेरे पापा ही देसकते थे।मै चुप होगया मैने बोला मै बाहर जा रहा हु पूछता दादा जी से की खेत के तरफ चलेंगे तो मैं दादा के साथ चला जाऊंगा ये बोल ही रहा था की बाहर आवाज aayee राजू राजू मै बोला हा। दादाजी क्या बात है वो बोलते बोलते अंदर ही आ रहे थे। मेरी मां खाट से खड़ी हो गई थी दादा जी आके खाट पे बैठ गए बोले बेटा मैं आज खेतो में नही जाऊंगा तुम जाके खेती का जायजा lelo dekh lena कोई जानवर फसल का नुकसान ना करें।मैने बोला ठीक है दादाजी ।
दादा जी बोले आज मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है मै आराम करूंगा।मेरे दादा जी का अक्सर हाथ पैर में दर्द करता ही था।
उनकी उमर भी काफी थी दादा जी अभी खेती का पूरा काम करते थे वो मै पढ़ाई छोड़ने के बाद उनका हाथ बटा रहा था तो थोड़ा आराम मिलता था।ठीक है आप आराम करो बोलो तो डॉक्टर बुला दु।नही बेटा ये सब दवा खाने से नही ठीक होगा।दादा जी सुकून के तेल से मालिश किया करते थे कभी मै उनका मालिश करदेता कभी मां तो कभी गुडिया भी कर देती थी।मै घर से निकल के खेत की तरफ निकल गया।
To be continued
बढ़िया अपडेट था बाप की एंट्री हो गई कहानी में आ शायद खेत में कुछ देखने को मिल जाए हीरो को। देखते है आगे क्या होती है, इस वाले अपडेट ने error काम मिले सुधार दिखी थोड़ी बहुत, ऐसे ही लिखते रहिएगा कहानी के साथ धीरे धीरे बहुत लोग जुड़ जायेंगे
 
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