To be continued update 04
Papa भी पहले आगे निकल गया ताकी किसी को पता न चले।
लेकीन पता तो चल ही जाता है जब कोई भी रेशमा के परिवार को जाते देखे गा तभी वो समझ जाएगा की मेरे पापा क्यों और किधर गए है।
मै देख कर समझ गया की आज ये लोग खेत में काम करने ही। जारहे है फिर मैं भी प्लानिंग में लग गया खेत से वापस घर के तरफ आने लगा।
इधर मेरे घर में दादा जी मेरी मां के मसाज करवा रहे थे।
मेरी मां पहले दादा जी को कुर्ता निकालने को बोली और दादा जी भी कुर्ता निकाल दिए मेरी बहन गुड़िया भी वहीं थी दादा जी को कुर्ता निकालने में मदद कर रही थी दादा जी उठ के बैठ गए थे और गुडिया दादा जी का कुर्ता निकालने लगी
दादा जी दोनो हाथ उपर करके पैर फैला के बैठे थे गुडिया
पीछे से दादा जी का कुर्ता निकाल दी फिर दादा जी लेट गए अब दादा जी सिर्फ़ लूंगी में ही थे और बदन पे कोई कपड़ा नहीं था दादा जी के बदन के हर हिस्से की चमड़ी एकदम
ढीली hogayee थी जैसे हड्डी से मास अलग हो गए थे मेरी मां अक्सर दादा जी के शरीर में तेल लगा के मालिश कर दिया करती थी मेरी मां के दिल में दादा जी लिए कभी जज्बात नही पैदा हुए जैसे एक बेटी अपनी बाप के सेवा करती है बस यही।भावना मेरे मां और दादा जी साथ में था इसलिए मेरे दादा जी अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के बजाए अपने बहु के नाम से वसीयत कर दिए थे। और मेरी मां भी दादा जी की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी।
मेरी मां ने गुड़िया से बोली बेटी जा घर में से सरसो का तेल lake दादा जी के सर की मालिश करो जबतक मै पैर की मालिश करती हु।
गुडिया घर में चली गई तेल लाने और दादा जी पीठ के बल सीधा लेट गए मेरी मां एक तरफ बैठ के पहले दाहिना पैर में तेल लगा के मालिश करने लगी दादा जी की पैर इतने नर्म थे की अगर जोर से मसल दो तो चमड़ी निकल जाए इसलिए
आहिस्ता आहिस्ता मां मालिश कर रही थी उधर गुडिया
दादा जी के सर की मालिश कर रही थी।
इतने में मै घर आगया तो देखा दादा जी के कमरे में हलचल
हो रही है तो मैं भी कमरे की तरफ गया दरवाजा अंदर से बंद था तो मैंने खट खटाया तो गुडिया ने दरवाजा खोला मै अंदर आया तो दादा जी की मालिश हो रही थी मेरी मां अब दादा जी को पेट के बल लिटा के खुद नीचे खड़े होके पीठ की मालिश कर रही थी।
दादा जी को पता चला की मै आगया तो वो खेतो के बारे में
पूछने लगे। मै दादा जी के बगल में बैठ गया और उन्हें बताया कि सब ठीक है।
बस चूहे ओर कीड़े लग रहे है। फिर दादा जी बोले क्या
बोल रहे हो ऐसे तो गेंहू का सत्या नाश होजाएगा।मैने बोला दादा जी 2 से 3 दिन में पानी देके दावा मार देता हु कीड़े की फिर ठीक होजाएगा आप टेंशन मत लो आराम करो मैं कर लूंगा सब। ठीक है मैने गुडिया से कहा की चलो नल से पानी निकालो मुझे नहाना है गुडिया चली गई मैंने मां को देखा तो उनका दुपट्टा नही था । मां बिना दुपट्टे के बहूत खूबसूरत लग रही थीं।
उनके सीने की उभार बहुत ही कामुक लग रहे थे।मेरे पापा के ऊपर मुझे गुस्सा आरहा था की वोह ऐसी औरत को छोड़कर कान्हा किस दुनिया में रहते है।
क्या हुआ बेटा। अभी यही हो मै एक दम से हड़बड़ गया गया हा मां वो खेत के बारे में सोचने लगा चूहे bahot ।
नुकसान कर रहे है।ठीक है मैं जाके नहा लेता हु मुझे थोड़ा काम से बाहर जाना है।
मै आंगन