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To be continued update 04
मैं आंगन में नल के पास नहाने के लिए तैयार होगया गुडिया भी wanhi खड़ी थी मैं अपने सभी कपड़े निकाल कर डोरी pe latka diya sirf underwear ही पहन रखा था जिसमे से मेरे लन्ड का उभार दिख रहा था ठंडी का मौसम होने की वजह से lund kaafi छोटा था फिरभी 4 ईंच का था कट वाले अंडरवियर में अच्छे से उभार दिखाई दे रहा था मैने गौर किया।तो देखा की गुडिया बार बार मेरे मेरे अंडरवियर पे ही देख रही थी।मैने नहाना चालू kardiya मुझे ऐसे लगा की गुडिया। मेरे अंडरवीयर के उभरे हुए भाग को देख कर काफी
अलग अंदाज में ही लग रही थी अभी उसकी छाती एकदम से तन गए थे । करीब एक नॉर्मल seb ke size के उसकी चूची होगी। मै गौर किया तो देखा गुडिया लंबी लंबी सांस ले रही थी। जैसे उसकी इच्छा हो की मै अपना अंडरवीयर निकाल के फेंक दु मै समझ गया की गुडिया अब जवान हो गई है इसके अंदर भी मर्द के परती अहसास जाग रहे है गुडिया थी भी bahot kamuk gharme rahene की वजह से गुडिया कभी किसी लड़के से बात तक नहीं की थी केयोकि बाहर जाने का उसे कोई मौका नहीं मिलता था हमारे घर में लड़किया या औरते कभी बाहर नहीं निकला करती थी ।
घर के अंदर के जो काम होते है वो लेडिस के लिए ओर बाहर के काम मर्दों के लिए यही मेरे घर का सिस्टम था लगभग मेरे खानदान के सभी घरों से कोई लड़की खेत खलिहान में काम
करने नही जाती थी।
यही रिवाज थीं। हमारे खानदान की । गुडिया काफी बदली बदली लग रही थीं अब मैं नहाने लगा नहाते नहाते मै अपने चड्डी में पानी डालने के लिए चड्डी को खींचा तभी गुडिया की नज़र मेरे चड्डी पे ही थी जैसे उसे कुछ और देखने की इच्छा हो रही है और वोह उसे देख नहीं पा रही है एक आशा की निगाह से ।but use कुछ नही मिला क्यो की मै बड़े हिसाब से पानी डाल के मुंह dusar taraf fer के अंदर तक हाथ डालके मसल मसल के नहाने लगा।और गुडिया के उम्मीदों पे पानी फिर गया। मै नहा ही रहा था की मां भी आ गई और नल पे अपने हाथ धोने लगी।बेटा अभी तक तेरा नहा के नही हुआ। नही मां नहा ही रहा हु मेरी मां मेरे बगल में आके बिना दुपट्टे के हाथ धोने के लिए मग मेरे से मांगी तो मैं बोला तुम साबुन लगाओ मै पानी डाल देता हु जैसे ही पानी डालने के लिए झुका तो देखा की मेरी मां की चूची बैठने की वजह से आधा बाहर दिख रहे थे ये देखना था की मेरे चड्डी के अंदर अजीब सी हरकत होने लगी और मेरे लन्ड का आकार बढ़ने लगा।मै पानी डाल रहा था की देखा तो गुडिया भी मेरे लन्ड को ही देख रही थी मैं अपना ध्यान दूसरी तरफ करने के लिए अपनी नजर मां के चूची से फेर लिया और पानी मां हाथ पे डाल रहा था । गुडिया को समझ नही araha tha की भैय्या के चड्डी में इतना बढ़ाओ कैसे होने लगा।खैर जो भी हो उसे देखने में मजा bahot araha था मां का हाथ धक्के हुआ तो मां की नजर भी मेरे चड्डी पे पड़ी वो देख कर समझ गई की ।
जो हुआ मेरी वजह से हुआ उसे लगा की मेरे बेटे के मन में मेरे लिए ऐसी अहसास है ।मेरी मां बेटा तू नहा के जल्दी से हटो तो मुझे भी कपड़े धोने है।। मै बोला हा मां बस थोड़ी देर और अब मैं। नहाने लगा तो गुडिया बोली भया मै पीठ में साबुन लगा du मैंने कहा ठीक है गुडिया लगा दो।फिर वो साबुन लेके मेरे पूरे पीठ पे लगाने लगी। अभी जो भी मेरे
साथ हुआ उसकी वजह से मेरा लुंड अभी थोड़ा नॉर्मल होने लगा था। लेकिन गुडिया के साबुन लगाने के वजह से उसके हाथो की कोमलता के एहसास से मुझे जो आज फील horaha था aajke पहले कभी नही फील हुआ इसकी वजह मेरी मां।की चूचियां थी। गुडिया के नरम हाथो के अहेसा से मेरा लन्ड वापस से बड़ा होने लगा।वो अभी साबुन लगा ही रही थी। की मैने बोला बस करो अब rahene do गुडिया
पानी से हाथ धो लो ।उधर मेरी मां ये सोचते हुए अपने कमरे में गई की मेरा बेटा मेरे बारे में ऐसे खयाल रखता है की मुझे देख कर उसका लन्ड खड़ा होगया ।मेरी को बहुत अजीब लग रहा था।ये सोचते हुए मेरी मां जब अपने कमरे में पहुंची
तभी मेरी मां ने अपने आप को आयने में देखा तो देखते ही रहेगयी।अब जाके मेरी मां की सोच बदली अब उन्होंने मेरे बारे में जो सोचा था उसे गलत ठहेरा रही थी। मुझे इस हालत में कोइ बूढ़ा भी देखेगा तो उसका लन्ड खड़ा होजाएगा। मेरा बेटा तो अभी अभी जवानी की दहलीज पर उसका लन्ड कैसे नही खड़ा होता ।
अब मैं नहा कर बाहर आगया था मै अपने कमरे मे जा कर कपड़े पहन रहा था कपड़े मैने एक शॉर्ट ओर t sirt पहेने
aur बाहर आगया।
मै अब पप्पू की तलाश में निकला।ही था की पप्पू मेरे घर की तरफ आते हुआ दिखाई दिया।
जब वोह मेरे पास आगया तो मैने बोला की एक कहावत तो सुनी थी की नाम लो और सैतान हाजिर ये पहेली बार देख रहा हूं। तेरे बारे में सोचो और तेरे जैसा saitan सोचने से हाजिर होजता है।
पप्पू अबे साले अभी कहावत मत सुना एक खुशखबरी है ।
मैने पूछा बता क्या हुआ जो तू इतना खुस है।राजू सुन ना यार
सुन रहा हु सुना न क्या बात है।
बात ये है की रेशमा और उसकी बेटी रज्जो ओर मेरी वाली माहिरा भी वो लोग लगता है की नहर के तरफ गई है ।
मै।बोला यही बताने के लिए तू मेरे पास आया है।
हां तो चल आज मजे लेते है। अबे साले तू सिर्फ रेशमा और उसकी बेटियों को जाते सुना होगा साथ में मेरा बाप भी है।
पप्पू। तो क्या हुआ मै उनको साइड कर दुंगा tu टेंशन मत ले। चल अभी चलते है।मै भी यही चहेता था ।
और फिर हम दोनो नहर की तरफ चल दिए जाते जाते रास्ते में हमारी बात चीत चालू थी। पप्पू बोला की माहिरा की तो दिल भरकर bur चोदूंगा।मै बोला पहले मिलने दे उसके बाद ही लेगा न । नही तो पता चले तू उधर जाए और मिले ही न।
फिर कैसे लेगा वो बोला मिलेगी मिलेगी चल तू सीधे हां मैं सीधा ही चल रहा हु।ठीक है हमदोनो करीब में पहुंचने ही वाले थे।
मै बोला papu ek kaam kar hum raasta badal ke chalte hai aour jaisa mai bolunga waise karna koi होशियारी नही करना ठीक है।
पप्पू बोला तेरा क्या प्लान है।मेरा कुछ प्लान नही है जैसा moka होगा प्लान बना लेंगे। जहां पर वो लोग थे। करीब 500 मीटर की दूरी पर एक छोटा सा बाग था हम दोनो यूसी बाग में ruk गए उनके खेत के बगल में गन्ने का और अरहर के खेत थे मैने पप्पू से बोला की कैसे भी करके हम लोगो को नजर आए बिना us गन्ने के खेत में पहोचना है।
Papu बोला ठीक है नहर के रास्ते से जाना पड़ेगा मै बोला
ठीक है ।फिर हम दोनो नहर के रास्ते से होके अपने मंजिल तक पहुंच ही गए।
मैं आंगन में नल के पास नहाने के लिए तैयार होगया गुडिया भी wanhi खड़ी थी मैं अपने सभी कपड़े निकाल कर डोरी pe latka diya sirf underwear ही पहन रखा था जिसमे से मेरे लन्ड का उभार दिख रहा था ठंडी का मौसम होने की वजह से lund kaafi छोटा था फिरभी 4 ईंच का था कट वाले अंडरवियर में अच्छे से उभार दिखाई दे रहा था मैने गौर किया।तो देखा की गुडिया बार बार मेरे मेरे अंडरवियर पे ही देख रही थी।मैने नहाना चालू kardiya मुझे ऐसे लगा की गुडिया। मेरे अंडरवीयर के उभरे हुए भाग को देख कर काफी
अलग अंदाज में ही लग रही थी अभी उसकी छाती एकदम से तन गए थे । करीब एक नॉर्मल seb ke size के उसकी चूची होगी। मै गौर किया तो देखा गुडिया लंबी लंबी सांस ले रही थी। जैसे उसकी इच्छा हो की मै अपना अंडरवीयर निकाल के फेंक दु मै समझ गया की गुडिया अब जवान हो गई है इसके अंदर भी मर्द के परती अहसास जाग रहे है गुडिया थी भी bahot kamuk gharme rahene की वजह से गुडिया कभी किसी लड़के से बात तक नहीं की थी केयोकि बाहर जाने का उसे कोई मौका नहीं मिलता था हमारे घर में लड़किया या औरते कभी बाहर नहीं निकला करती थी ।
घर के अंदर के जो काम होते है वो लेडिस के लिए ओर बाहर के काम मर्दों के लिए यही मेरे घर का सिस्टम था लगभग मेरे खानदान के सभी घरों से कोई लड़की खेत खलिहान में काम
करने नही जाती थी।
यही रिवाज थीं। हमारे खानदान की । गुडिया काफी बदली बदली लग रही थीं अब मैं नहाने लगा नहाते नहाते मै अपने चड्डी में पानी डालने के लिए चड्डी को खींचा तभी गुडिया की नज़र मेरे चड्डी पे ही थी जैसे उसे कुछ और देखने की इच्छा हो रही है और वोह उसे देख नहीं पा रही है एक आशा की निगाह से ।but use कुछ नही मिला क्यो की मै बड़े हिसाब से पानी डाल के मुंह dusar taraf fer के अंदर तक हाथ डालके मसल मसल के नहाने लगा।और गुडिया के उम्मीदों पे पानी फिर गया। मै नहा ही रहा था की मां भी आ गई और नल पे अपने हाथ धोने लगी।बेटा अभी तक तेरा नहा के नही हुआ। नही मां नहा ही रहा हु मेरी मां मेरे बगल में आके बिना दुपट्टे के हाथ धोने के लिए मग मेरे से मांगी तो मैं बोला तुम साबुन लगाओ मै पानी डाल देता हु जैसे ही पानी डालने के लिए झुका तो देखा की मेरी मां की चूची बैठने की वजह से आधा बाहर दिख रहे थे ये देखना था की मेरे चड्डी के अंदर अजीब सी हरकत होने लगी और मेरे लन्ड का आकार बढ़ने लगा।मै पानी डाल रहा था की देखा तो गुडिया भी मेरे लन्ड को ही देख रही थी मैं अपना ध्यान दूसरी तरफ करने के लिए अपनी नजर मां के चूची से फेर लिया और पानी मां हाथ पे डाल रहा था । गुडिया को समझ नही araha tha की भैय्या के चड्डी में इतना बढ़ाओ कैसे होने लगा।खैर जो भी हो उसे देखने में मजा bahot araha था मां का हाथ धक्के हुआ तो मां की नजर भी मेरे चड्डी पे पड़ी वो देख कर समझ गई की ।
जो हुआ मेरी वजह से हुआ उसे लगा की मेरे बेटे के मन में मेरे लिए ऐसी अहसास है ।मेरी मां बेटा तू नहा के जल्दी से हटो तो मुझे भी कपड़े धोने है।। मै बोला हा मां बस थोड़ी देर और अब मैं। नहाने लगा तो गुडिया बोली भया मै पीठ में साबुन लगा du मैंने कहा ठीक है गुडिया लगा दो।फिर वो साबुन लेके मेरे पूरे पीठ पे लगाने लगी। अभी जो भी मेरे
साथ हुआ उसकी वजह से मेरा लुंड अभी थोड़ा नॉर्मल होने लगा था। लेकिन गुडिया के साबुन लगाने के वजह से उसके हाथो की कोमलता के एहसास से मुझे जो आज फील horaha था aajke पहले कभी नही फील हुआ इसकी वजह मेरी मां।की चूचियां थी। गुडिया के नरम हाथो के अहेसा से मेरा लन्ड वापस से बड़ा होने लगा।वो अभी साबुन लगा ही रही थी। की मैने बोला बस करो अब rahene do गुडिया
पानी से हाथ धो लो ।उधर मेरी मां ये सोचते हुए अपने कमरे में गई की मेरा बेटा मेरे बारे में ऐसे खयाल रखता है की मुझे देख कर उसका लन्ड खड़ा होगया ।मेरी को बहुत अजीब लग रहा था।ये सोचते हुए मेरी मां जब अपने कमरे में पहुंची
तभी मेरी मां ने अपने आप को आयने में देखा तो देखते ही रहेगयी।अब जाके मेरी मां की सोच बदली अब उन्होंने मेरे बारे में जो सोचा था उसे गलत ठहेरा रही थी। मुझे इस हालत में कोइ बूढ़ा भी देखेगा तो उसका लन्ड खड़ा होजाएगा। मेरा बेटा तो अभी अभी जवानी की दहलीज पर उसका लन्ड कैसे नही खड़ा होता ।
अब मैं नहा कर बाहर आगया था मै अपने कमरे मे जा कर कपड़े पहन रहा था कपड़े मैने एक शॉर्ट ओर t sirt पहेने
aur बाहर आगया।
मै अब पप्पू की तलाश में निकला।ही था की पप्पू मेरे घर की तरफ आते हुआ दिखाई दिया।
जब वोह मेरे पास आगया तो मैने बोला की एक कहावत तो सुनी थी की नाम लो और सैतान हाजिर ये पहेली बार देख रहा हूं। तेरे बारे में सोचो और तेरे जैसा saitan सोचने से हाजिर होजता है।
पप्पू अबे साले अभी कहावत मत सुना एक खुशखबरी है ।
मैने पूछा बता क्या हुआ जो तू इतना खुस है।राजू सुन ना यार
सुन रहा हु सुना न क्या बात है।
बात ये है की रेशमा और उसकी बेटी रज्जो ओर मेरी वाली माहिरा भी वो लोग लगता है की नहर के तरफ गई है ।
मै।बोला यही बताने के लिए तू मेरे पास आया है।
हां तो चल आज मजे लेते है। अबे साले तू सिर्फ रेशमा और उसकी बेटियों को जाते सुना होगा साथ में मेरा बाप भी है।
पप्पू। तो क्या हुआ मै उनको साइड कर दुंगा tu टेंशन मत ले। चल अभी चलते है।मै भी यही चहेता था ।
और फिर हम दोनो नहर की तरफ चल दिए जाते जाते रास्ते में हमारी बात चीत चालू थी। पप्पू बोला की माहिरा की तो दिल भरकर bur चोदूंगा।मै बोला पहले मिलने दे उसके बाद ही लेगा न । नही तो पता चले तू उधर जाए और मिले ही न।
फिर कैसे लेगा वो बोला मिलेगी मिलेगी चल तू सीधे हां मैं सीधा ही चल रहा हु।ठीक है हमदोनो करीब में पहुंचने ही वाले थे।
मै बोला papu ek kaam kar hum raasta badal ke chalte hai aour jaisa mai bolunga waise karna koi होशियारी नही करना ठीक है।
पप्पू बोला तेरा क्या प्लान है।मेरा कुछ प्लान नही है जैसा moka होगा प्लान बना लेंगे। जहां पर वो लोग थे। करीब 500 मीटर की दूरी पर एक छोटा सा बाग था हम दोनो यूसी बाग में ruk गए उनके खेत के बगल में गन्ने का और अरहर के खेत थे मैने पप्पू से बोला की कैसे भी करके हम लोगो को नजर आए बिना us गन्ने के खेत में पहोचना है।
Papu बोला ठीक है नहर के रास्ते से जाना पड़ेगा मै बोला
ठीक है ।फिर हम दोनो नहर के रास्ते से होके अपने मंजिल तक पहुंच ही गए।