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Incest Ghar me ghamasan

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Sir aap aisa keyo sochte hai ki ma aour dada ji ke samband se maa bete me nafarat honi chahiye
Bhai kahani apne man se likho....
Kisi ke dawab mein badlaw mat karo....
Varna kahani kharab hokar adhuri hi rah jayegi...
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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बहुत बढ़िया शुरूआत है......
अब माहिरा और राजू दोनों का खाता खुलेगा...
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Update 04
Mai bahar jaate hi देखा की जाहिद और जरीना बाहर खेल रहे थे ।मैने, दोनो आवाज दिए की आप gharme जाके नाश्ता कर लो। वो दोनो एक साथ
बोले। ठीक है भाई
फिर मैं खेत की तरफ निकल गया
मेरे घर में। मेरी मां ने दादा जी को बोली की आप मेरे कमरे में। चले लेट जाए।
मेरे घर के अंदर कुल चार कमरे है एक में मेरे मां रहती है।
दूसरे में मै रहता हु और तीसरे कमरे में। छुटकी और जाहिद।
रहते है एक कमरा खाली रहता है। लेकिन अक्सर मेरे पापा
उसी रूम में रहते है।
और दो कमरे बाहर barande में है। दोनो साइड मे।
जिसमे एक कमरे में दादा जी रहते है और एक कमरे में गए।
का चारा रखा रहता है। बहर गाय को रहेने के लिए एक घर है । जिसमे गाय रहती इस समय सिर्फ गाय ही है।वैसे वो जानवरों। के रहने का कमरा है।
ये रहा मेरे घर का डिटेल।
मेरे दादा जी बोले की मै बाहर कमरे में जाता हु बहु तुम वही आजाना। मेरे दादा जी जो कमरा था वो अंदर से मेरे कमरे में।
खुलता था यानी की मेरे कमरे से बाहर दादा जी के कमरे में।
जा सकते है मेरी बोली की आप yanhi मेरे कमरे में ही लेट जाते तो अच्छा रहता।
दादा जी बोले। नही बहु मुझे तुम्हारे कमरे में जाना ठीक नही लगता।
मै बाहर अपने कमरे में ही जाके लेट जाता हु।
उधर गुडिया। छुटकी और जाहिद को नाश्ता करा रही थी।
इधर दादा जी घर में होने की वजह से मेरे पापा घर से बाहर।
नही आ रहें थे। उनको टॉयलेट जाना था।
दादा जी अब बाहर जा चुके थे। तो अब पापा जल्दी से निकल के टॉयलेट में चले गए।
मेरी मां ने बोला गुडिया से बोली की गुडिया तुम जाके दादा जी का तेल से मालिश करो जबतक तुम्हारे पापा जायेंगे तो
मै आती हु।
गुडिया बोली ठीक है मां।और वो सुकून का तेल लेकर मेरे कमरे के अंदर से दादा जी के कमरे में चली गई।
इधर मारी मां जाहिद और छुटकी को स्कूल के लिए तयार करने लगी।
मेरे पापा भी टॉयलेट के बाद रेडी hoke नाश्ते का वेट कर रहे थे । मेरे पापा इधर उधर देख कर गुडिया गुडिया आवाज देने लगे तो मेरी मां बोली गुडिया बाहर दादा जी का हाथ पैर दबा रही है। आप रूको सब्र करो देती हु nasta ek मिनट की।
की भी सब्र नहीं है जैसे की कोई गाड़ी छूट रही है।
पापा मेरे चुप चाप बैठे थे कोई आवाज नहीं अब मेरी मां उनको तैयार करके स्कूल के लिए रवाना करदी।
उसके बाद मेरे पिता जी को नाश्ता देने लगी।
नाश्ता देते देते मेरी मां बड़ बड़ कर रही थी की पूरे समाज में
नाक कट रही है चार बच्चो के बाप होके भी अकल नही ।
Aarhi hai राजू को देखो 19 वा साल चल रहा है बच्चे का।
फिर बाप की हरकत बेटे जैसे और बेटा बाप का काम कर
रहा है।
मेरे बच्चे के वजह से थोड़ी इज्जत बची हुई है समाज में।
आपने तो पूरी नीलम ही करदी थी। पापा मेरे चुप चाप नाश्ते में लगे हुएं थे। उनको कोई फ़र्क पड़ने वाला नही था।
मां अपने दिल की भड़ास निकाल रही थी।मेरे पापा का जैसे
दिमाग काम करना बंद kardiya हो उन्हें कोई फर्क नहीं।
पड़ता दुनिया क्या बोल रही है।
इस से कोई मतलब नहीं वो तो दुनिया में रहते ही नही थे
उनकी दुनिया तो बस रेशमा का घर ही था।
समाज में। गांव में क्या हो रहा है कोई फरक नही पड़ता।
कौन क्या बोलता है।कोई फर्क नही पड़ता।
पापा को बस इतना ही नजर आता।अपने घर से रेशमा का
घर।
उसके आगे की दुनिया उनके लिए नही है।मेरी मां अक्सर कहा करती है की रेशमा ने पता नही जादू टोना कर दी है।
की इनको कुछ भी बोलो समझ में ही नही आता।
खैर? आगे बढ़ते है। नाश्ता करने के बाद पापा अपने ठिकाने
के लिए निकल गए।
और मां दादा जी की पास जाके गुडिया को देखी की दादा जी के पैरो की लगे जांघ तक खोल के तेल मालिश कर रही थी।
मेरी मां दादा जी पूछी अभी कुछ आराम मिल रहा है दर्द से।
दादा जी बोले बहु आराम तो है।लेकिन गुडिया के हाथ हल्के
तुम और राजू मालिश करते हो तो ज्यादा ठीक लगता है।
मां बोली ठीक पापा मैं कर देती हु दादा जी पीठ के बल लेटे।
हुए थे।मेरे दादा जी लूंगी के अंदर चड्डी नहीं पहनते थे। वो लूंगी के नीचे नंगे ही रहते थे। दादा जी जांघ तक लूंगी चढ़ा के हल्का गांठ मार कर लेते थे जिसकी वजह लूंगी ऊपर न खिसके।
उधर।मै खेतो की सेर कर रहा था अभी खेतो में गेंहू की फसल उग रहे थे।

images-70
कुछ इस तरह के थे और kanhi kanhi गन्ने के भी खेत थे।
ठंडी का मौसम था।खेत बहुत सुंदर लग रहे थे ।

images-73 images-72
कुछ इस तरह के नजारें थे।
मै अपने खेत टहल रहा था की मुझे रोड पे दिखा की मेरे पापा जल्दी जल्दी खेतो की तरफ जा रहे थे। मेरे दिल में खल बाली मची की आज ये इधर कैसे जा रहे है वो भी इतनी तेज कदमों से । फिर मैं उधर ही अपने खेत में tahel रहा था करीब 10मिनट के बाद मुझे पापा के जाने का मकसद मिल गया।
बड़े आराम से रेशमा और उसकी सबसे बड़ी बेटी रज्जो
और चौथी बेटी माहिरा। मस्त धीरे धीरे हल्के हल्के कदमों से मचलते हुए।जाते दिखे केयोकी रेशमा भी नहर के किनारे एक जमीदार के बेटे की खेत आधे पे ले के खेती करवाती थी।
जमीदार जबतक थे। जब तक वो अपनी खेती खुद ही करते थे। लेकिन उनके दो बेटे थे जिनका नाम समीम ओर मतीन था वो कभी खेत के किनारे नही जाते थे उनका घर मेरे बगल वाले गांव में था पिता के मरने के बाद दोनो बेटे आपस में खेत और घर बांट लिए थे समीम बड़ा बेटा था उसे कुछ करना नही था सिर्फ दिन भर चौराहे पे गप मरता रहता था। इसलिए उसने अपने सभी खेतो को थोड़ा थोड़ा अलग अलग लोगो को अधिया pe दे रखा था उसमे से नहर के किनारे वाली खेत 5 बीघा रेशमा ने लिए थे मुझे समझते देर न लगी की आज छीनाल खेती में कुछ करने ही जा रही थी मचल मचल के।
घर में तो रहना नही था इसलिए पापा भी पहले आगे निकल
गए ताकि किसी को पता न चले ।
To be continued

To be continued update 04
Papa भी पहले आगे निकल गया ताकी किसी को पता न चले।
लेकीन पता तो चल ही जाता है जब कोई भी रेशमा के परिवार को जाते देखे गा तभी वो समझ जाएगा की मेरे पापा क्यों और किधर गए है।
मै देख कर समझ गया की आज ये लोग खेत में काम करने ही। जारहे है फिर मैं भी प्लानिंग में लग गया खेत से वापस घर के तरफ आने लगा।
इधर मेरे घर में दादा जी मेरी मां के मसाज करवा रहे थे।
मेरी मां पहले दादा जी को कुर्ता निकालने को बोली और दादा जी भी कुर्ता निकाल दिए मेरी बहन गुड़िया भी वहीं थी दादा जी को कुर्ता निकालने में मदद कर रही थी दादा जी उठ के बैठ गए थे और गुडिया दादा जी का कुर्ता निकालने लगी
दादा जी दोनो हाथ उपर करके पैर फैला के बैठे थे गुडिया
पीछे से दादा जी का कुर्ता निकाल दी फिर दादा जी लेट गए अब दादा जी सिर्फ़ लूंगी में ही थे और बदन पे कोई कपड़ा नहीं था दादा जी के बदन के हर हिस्से की चमड़ी एकदम
ढीली hogayee थी जैसे हड्डी से मास अलग हो गए थे मेरी मां अक्सर दादा जी के शरीर में तेल लगा के मालिश कर दिया करती थी मेरी मां के दिल में दादा जी लिए कभी जज्बात नही पैदा हुए जैसे एक बेटी अपनी बाप के सेवा करती है बस यही।भावना मेरे मां और दादा जी साथ में था इसलिए मेरे दादा जी अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के बजाए अपने बहु के नाम से वसीयत कर दिए थे। और मेरी मां भी दादा जी की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी।
मेरी मां ने गुड़िया से बोली बेटी जा घर में से सरसो का तेल lake दादा जी के सर की मालिश करो जबतक मै पैर की मालिश करती हु।
गुडिया घर में चली गई तेल लाने और दादा जी पीठ के बल सीधा लेट गए मेरी मां एक तरफ बैठ के पहले दाहिना पैर में तेल लगा के मालिश करने लगी दादा जी की पैर इतने नर्म थे की अगर जोर से मसल दो तो चमड़ी निकल जाए इसलिए
आहिस्ता आहिस्ता मां मालिश कर रही थी उधर गुडिया
दादा जी के सर की मालिश कर रही थी।
इतने में मै घर आगया तो देखा दादा जी के कमरे में हलचल
हो रही है तो मैं भी कमरे की तरफ गया दरवाजा अंदर से बंद था तो मैंने खट खटाया तो गुडिया ने दरवाजा खोला मै अंदर आया तो दादा जी की मालिश हो रही थी मेरी मां अब दादा जी को पेट के बल लिटा के खुद नीचे खड़े होके पीठ की मालिश कर रही थी।
दादा जी को पता चला की मै आगया तो वो खेतो के बारे में
पूछने लगे। मै दादा जी के बगल में बैठ गया और उन्हें बताया कि सब ठीक है।
बस चूहे ओर कीड़े लग रहे है। फिर दादा जी बोले क्या
बोल रहे हो ऐसे तो गेंहू का सत्या नाश होजाएगा।मैने बोला दादा जी 2 से 3 दिन में पानी देके दावा मार देता हु कीड़े की फिर ठीक होजाएगा आप टेंशन मत लो आराम करो मैं कर लूंगा सब। ठीक है मैने गुडिया से कहा की चलो नल से पानी निकालो मुझे नहाना है गुडिया चली गई मैंने मां को देखा तो उनका दुपट्टा नही था । मां बिना दुपट्टे के बहूत खूबसूरत लग रही थीं।
उनके सीने की उभार बहुत ही कामुक लग रहे थे।मेरे पापा के ऊपर मुझे गुस्सा आरहा था की वोह ऐसी औरत को छोड़कर कान्हा किस दुनिया में रहते है।
क्या हुआ बेटा। अभी यही हो मै एक दम से हड़बड़ गया गया हा मां वो खेत के बारे में सोचने लगा चूहे bahot ।
नुकसान कर रहे है।ठीक है मैं जाके नहा लेता हु मुझे थोड़ा काम से बाहर जाना है।

मै आंगन

To be continued update 04
मैं आंगन में नल के पास नहाने के लिए तैयार होगया गुडिया भी wanhi खड़ी थी मैं अपने सभी कपड़े निकाल कर डोरी pe latka diya sirf underwear ही पहन रखा था जिसमे से मेरे लन्ड का उभार दिख रहा था ठंडी का मौसम होने की वजह से lund kaafi छोटा था फिरभी 4 ईंच का था कट वाले अंडरवियर में अच्छे से उभार दिखाई दे रहा था मैने गौर किया।तो देखा की गुडिया बार बार मेरे मेरे अंडरवियर पे ही देख रही थी।मैने नहाना चालू kardiya मुझे ऐसे लगा की गुडिया। मेरे अंडरवीयर के उभरे हुए भाग को देख कर काफी
अलग अंदाज में ही लग रही थी अभी उसकी छाती एकदम से तन गए थे । करीब एक नॉर्मल seb ke size के उसकी चूची होगी। मै गौर किया तो देखा गुडिया लंबी लंबी सांस ले रही थी। जैसे उसकी इच्छा हो की मै अपना अंडरवीयर निकाल के फेंक दु मै समझ गया की गुडिया अब जवान हो गई है इसके अंदर भी मर्द के परती अहसास जाग रहे है गुडिया थी भी bahot kamuk gharme rahene की वजह से गुडिया कभी किसी लड़के से बात तक नहीं की थी केयोकि बाहर जाने का उसे कोई मौका नहीं मिलता था हमारे घर में लड़किया या औरते कभी बाहर नहीं निकला करती थी ।
घर के अंदर के जो काम होते है वो लेडिस के लिए ओर बाहर के काम मर्दों के लिए यही मेरे घर का सिस्टम था लगभग मेरे खानदान के सभी घरों से कोई लड़की खेत खलिहान में काम
करने नही जाती थी।
यही रिवाज थीं। हमारे खानदान की । गुडिया काफी बदली बदली लग रही थीं अब मैं नहाने लगा नहाते नहाते मै अपने चड्डी में पानी डालने के लिए चड्डी को खींचा तभी गुडिया की नज़र मेरे चड्डी पे ही थी जैसे उसे कुछ और देखने की इच्छा हो रही है और वोह उसे देख नहीं पा रही है एक आशा की निगाह से ।but use कुछ नही मिला क्यो की मै बड़े हिसाब से पानी डाल के मुंह dusar taraf fer के अंदर तक हाथ डालके मसल मसल के नहाने लगा।और गुडिया के उम्मीदों पे पानी फिर गया। मै नहा ही रहा था की मां भी आ गई और नल पे अपने हाथ धोने लगी।बेटा अभी तक तेरा नहा के नही हुआ। नही मां नहा ही रहा हु मेरी मां मेरे बगल में आके बिना दुपट्टे के हाथ धोने के लिए मग मेरे से मांगी तो मैं बोला तुम साबुन लगाओ मै पानी डाल देता हु जैसे ही पानी डालने के लिए झुका तो देखा की मेरी मां की चूची बैठने की वजह से आधा बाहर दिख रहे थे ये देखना था की मेरे चड्डी के अंदर अजीब सी हरकत होने लगी और मेरे लन्ड का आकार बढ़ने लगा।मै पानी डाल रहा था की देखा तो गुडिया भी मेरे लन्ड को ही देख रही थी मैं अपना ध्यान दूसरी तरफ करने के लिए अपनी नजर मां के चूची से फेर लिया और पानी मां हाथ पे डाल रहा था । गुडिया को समझ नही araha tha की भैय्या के चड्डी में इतना बढ़ाओ कैसे होने लगा।खैर जो भी हो उसे देखने में मजा bahot araha था मां का हाथ धक्के हुआ तो मां की नजर भी मेरे चड्डी पे पड़ी वो देख कर समझ गई की ।
जो हुआ मेरी वजह से हुआ उसे लगा की मेरे बेटे के मन में मेरे लिए ऐसी अहसास है ।मेरी मां बेटा तू नहा के जल्दी से हटो तो मुझे भी कपड़े धोने है।। मै बोला हा मां बस थोड़ी देर और अब मैं। नहाने लगा तो गुडिया बोली भया मै पीठ में साबुन लगा du मैंने कहा ठीक है गुडिया लगा दो।फिर वो साबुन लेके मेरे पूरे पीठ पे लगाने लगी। अभी जो भी मेरे
साथ हुआ उसकी वजह से मेरा लुंड अभी थोड़ा नॉर्मल होने लगा था। लेकिन गुडिया के साबुन लगाने के वजह से उसके हाथो की कोमलता के एहसास से मुझे जो आज फील horaha था aajke पहले कभी नही फील हुआ इसकी वजह मेरी मां।की चूचियां थी। गुडिया के नरम हाथो के अहेसा से मेरा लन्ड वापस से बड़ा होने लगा।वो अभी साबुन लगा ही रही थी। की मैने बोला बस करो अब rahene do गुडिया
पानी से हाथ धो लो ।उधर मेरी मां ये सोचते हुए अपने कमरे में गई की मेरा बेटा मेरे बारे में ऐसे खयाल रखता है की मुझे देख कर उसका लन्ड खड़ा होगया ।मेरी को बहुत अजीब लग रहा था।ये सोचते हुए मेरी मां जब अपने कमरे में पहुंची
तभी मेरी मां ने अपने आप को आयने में देखा तो देखते ही रहेगयी।अब जाके मेरी मां की सोच बदली अब उन्होंने मेरे बारे में जो सोचा था उसे गलत ठहेरा रही थी। मुझे इस हालत में कोइ बूढ़ा भी देखेगा तो उसका लन्ड खड़ा होजाएगा। मेरा बेटा तो अभी अभी जवानी की दहलीज पर उसका लन्ड कैसे नही खड़ा होता ।
अब मैं नहा कर बाहर आगया था मै अपने कमरे मे जा कर कपड़े पहन रहा था कपड़े मैने एक शॉर्ट ओर t sirt पहेने
aur बाहर आगया।
मै अब पप्पू की तलाश में निकला।ही था की पप्पू मेरे घर की तरफ आते हुआ दिखाई दिया।
जब वोह मेरे पास आगया तो मैने बोला की एक कहावत तो सुनी थी की नाम लो और सैतान हाजिर ये पहेली बार देख रहा हूं। तेरे बारे में सोचो और तेरे जैसा saitan सोचने से हाजिर होजता है।
पप्पू अबे साले अभी कहावत मत सुना एक खुशखबरी है ।
मैने पूछा बता क्या हुआ जो तू इतना खुस है।राजू सुन ना यार
सुन रहा हु सुना न क्या बात है।
बात ये है की रेशमा और उसकी बेटी रज्जो ओर मेरी वाली माहिरा भी वो लोग लगता है की नहर के तरफ गई है ।
मै।बोला यही बताने के लिए तू मेरे पास आया है।
हां तो चल आज मजे लेते है। अबे साले तू सिर्फ रेशमा और उसकी बेटियों को जाते सुना होगा साथ में मेरा बाप भी है।
पप्पू। तो क्या हुआ मै उनको साइड कर दुंगा tu टेंशन मत ले। चल अभी चलते है।मै भी यही चहेता था ।
और फिर हम दोनो नहर की तरफ चल दिए जाते जाते रास्ते में हमारी बात चीत चालू थी। पप्पू बोला की माहिरा की तो दिल भरकर bur चोदूंगा।मै बोला पहले मिलने दे उसके बाद ही लेगा न । नही तो पता चले तू उधर जाए और मिले ही न।
फिर कैसे लेगा वो बोला मिलेगी मिलेगी चल तू सीधे हां मैं सीधा ही चल रहा हु।ठीक है हमदोनो करीब में पहुंचने ही वाले थे।
मै बोला papu ek kaam kar hum raasta badal ke chalte hai aour jaisa mai bolunga waise karna koi होशियारी नही करना ठीक है।
पप्पू बोला तेरा क्या प्लान है।मेरा कुछ प्लान नही है जैसा moka होगा प्लान बना लेंगे। जहां पर वो लोग थे। करीब 500 मीटर की दूरी पर एक छोटा सा बाग था हम दोनो यूसी बाग में ruk गए उनके खेत के बगल में गन्ने का और अरहर के खेत थे मैने पप्पू से बोला की कैसे भी करके हम लोगो को नजर आए बिना us गन्ने के खेत में पहोचना है।
Papu बोला ठीक है नहर के रास्ते से जाना पड़ेगा मै बोला
ठीक है ।फिर हम दोनो नहर के रास्ते से होके अपने मंजिल तक पहुंच ही गए।

Update 05
Mai aour पप्पू दोनो गन्ने के खेत में बैठ कर चुपके से देखने लगे वोह लोग खेत में पानी चला रहे थे। मेरे पापा और रेशमा किनारे बैठे हुए थे। रज्जो ओर माहिरा खेत में पानी देख रही थी सभी के कपड़े गीले और कीचड़ लगे हुए थे रज्जो तो बड़े गले की कमीज़ पहन रखी थी उसके अंद ब्रा भी नहीं था जिसके वजह से उसके बड़े बड़े चूचे लटकते हुए साफ नजर aaraha था पप्पू बोला ।भाई मेरे से तो सबर करना duswar हो रहा है ।
मै बोला बेटा सब्र कर।लन्ड तो मेरा भी खड़ा होगया था
क्या करे नजारा ही कुछ ऐसा था माहिरा भी कम हसीन नही थी।उसके भी चूची लगभग बड़े वाले सेब के आकार के थे
वो भी बिना ब्रा के कमीज पहन रखी थी जिसमे से उसके निप्पल साफ नजर आ रहा था पप्पू बोला क्या गजब मां

Sukriya mere dost sujhao Dene ke liye

UPDATE 05
मै और पप्पू दोनो गन्ने खेत में बैठ कर चुपके से देखने लगे।
वोह लोग खेत में पानी चलाने का काम कर रहे थे ।
मेरे पापा और रेशमा खेत के किनारे बैठे हुए थे रज्जो और माहिरा खेतों में पानी देख रही थी । उन दोनों के कपड़े गीले और कीचड़ लगे हुए थे।अजीब बात ये थी की बिना ब्रा के कमीज़ में थी । रज्जो तो बड़े गले की कमीज़ पहन रखी थी जिसमे उसके चूची लटके हुए थी। जब वोह खेत में झुकती पानी को दिशा देने के लिए। तो उसके पूरे चूची दिख जाती थी। माहिरा की तो अनार एक दम तने हुए थे उसके निपपल।
भीगने की वजह से पूरे झलक रहे थे ये सब नजारा देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था लेकिन मैं कंट्रोल करके बैठ के जायेजा ले रहा था। लेकिन पप्पू की हालत बहुत खराब ।
हो रही थी। पप्पू बोला मूझ से सब्र नहीं होता है। यार
मै जा रहा हु । कुछ जुगाड कर लूंगा मैं बोला पप्पु तू ऐसा नहीं करेगा। चुप चाप बैठ ओर मजे लेके देख । मै जब पापा की तरफ देखा तो रेशमा पापा को छेड़ रही थी कभी उनके गाल को पकड़ती तो कभी उनके छाती पे उंगली फिराती
पापा भी उसके चूची को पकड़ते लेकिन उसकी चूची का कुछ ही हिस्सा उनके हाथ में आता । तो दोनो हाथ से दबाते ऐसे ही मस्त थे दोनो । रेशमा मेरे पापा की लूंगी में हाथ डाल के लन्ड को हिलाने लगी मेरे पापा बार बार उसको याद दिलाते की तुम्हारी दोनो बेटियां यन्ही है । देख लेगी तो क्या होगा इतने में रेशमा बोली की रज्जो रज्जो । करके पुकारने लगी रज्जो बोली की हा मम्मी क्या हुआ।। रेशमा बोली की यहां आओ वो भागते हुए आने लगी दौड़ने की वजह से उसके बूब्स उपर नीचे होते हुए वो मेरे पापा के पास गई रेशमा अभी भी मेरे पापा का लन्ड पकड़ के हिला रही थी।रेशमा बोली बेटा अंकल का लन्ड चुसेगी । रज्जो बोली की मां मुझे तो ज्यादा उमर के लोगो का ही लन्ड लेने में मजा आता है।
लेकिन माहिरा यही है कैसे होगा । ये सब उसकी तो अभी सील भी नही टूटी है । और यहां खेत में कैसे मजा आयेगा वो देखेगी ये सब करते हुए तो उसे कैसे समझाओगे । रेशमा बोली तुझे क्या पता रज्जो । खुले खेतो में चुदाई करने में कितना मजा आता है। असली मजा खुले में ही है क्या बोलते हो । सुहैल जी मेरे पापा का नाम लेके पूछी ।
मेरे पापा बोले मजा तो आता लेकिन तुम्हारी छोटी बेटी भी
यहीं है। रेशमा बोली उसकी चिंता मत करो । मै इंतजाम करती हूं।। मै ने पप्पू को बोला देखा छीनल को अपनी बेटियो को भी चुदाने का इंतजाम कर रही है वो भी मेरे पापा से । ऐसी राण्ड औरत को कौन छोड़े गा। जहां रायेता के साथ बिरयानी भी मिले । पुरानी maal ke साथ नई जवान लड़की भी चोदने मिले । पप्पू बोला हम यहां बैठ के क्या कर रहे साले सिर्फ देख के लन्ड हिला के झाड़ दू कुछ कर यार राजू नही तो मैं अभी उनके पास चला जाऊंगा। रुक मेरे भाई खेल मत बिगाड़। मौका जरूर मिलेगा वो भी आज हम सील पैक maal ki सील तोड़े गै।पप्पू बोला वो कैसे मै बोला देख वो तीनो chudai karne wale hai जिसका हिस्सा माहिरा नही होगी । मतलब kanhi na कही वो अकेली होगी हम
उसी मौके का फायदा उठाएंगे। समझा क्या बात करता है यार ।मैने तो ये सोचा ही नहीं था । उधर देख कुछ प्लानिंग
चल रही है । उधर रेशमा आगे बैठी थी ठीक उसके पीछे । मेरे पापा का कमर के नीचे का हिस्सा था aur uske पीछे रज्जो जाके मेरे पापा का लौड़ा चूसने लगी।रेशमा रज्जो से पूछी की कैसा लग रहा है मेरे यार के लौड़े का टेस्ट रज्जो बोली ।टेस्ट तो मजे दार है मां लेकिन थोड़ा छोटा है। मेरे पापा लन्ड 6 ईंच का था । रेशमा बोली बेटा साइज मत देख टाईम बहुत लगता है झड़ने में।
रज्जो बोली मां कुछ बंदोबस्त करो आज सुहैल अंकल के लन्ड का अच्छे से मजा लेना है मां।रेशमा बोली ठीक है लन्ड को छोड़ मेरे साथ में सीधा बैठ जाओ ।रज्जो ने वही किया जो उसकी मां बोली । मेरे चुसाई बंद करने से मेरे पापा का चेहरा बुझ सा गया था।जब तक रज्जो उनका लौड़ा चूस रही थी तब तक बहुत ही आनन्द में थे । अब वो भी अपनी लुंगी सही करके सीधा बैठ गए
रेशमा बोली की चलो हम तीनो नहर में चलते है। और माहिरा को यहीं रोक देती हु । अब थोड़ा ही और खेत बचा है । सिंचाई करने को । उतना माहिरा संभाल लेगी
रज्जो बोली की अगर हम तीनो जाएंगे तो उसे क्या बोल के जायेंगे। रेशमा बोली की tu uske paas ja पहले
मै और सुहैल जाते है 5 मिनट के बाद tu टॉयलेट का बहाना करके आजाना। रज्जो इतना सुनके सीधा माहिरा के पास चली गई । और इधर रेशमा और पापा
दोनो उठ के नहर की तरफ जाने लगे । माहिरा ने रज्जो से पूछा की मां और अंकल किधर जा रहे है । तो रज्जो ने बोला की नहर की उस तरफ कोई खेत है जिसको अधिया पे लेनी है वोही देखने जारहे है । फिर वो दोनो
अपने काम में लग गए। इस वक्त लगभग दोपहर के 3 बज रहे थे । पप्पू बोला भाई तेरी बात सच हो रही है लेकिन ये chhinal अभी इधर ही है । फिर बोला इसको तो हम निपट लेंगे । मैने कहा सबर कर भाई ये उनके प्लान का हिस्सा है । समझा पप्पू । पप्पू बोला मुझे ये सब प्लानिंग समझ में नहीं आती है ।मै तो सीधा ठुकाई की ही सोचता हु अगर रजामंदी से dediye तो ठीक वरना जबरदस्ती चोदूंगा । यही मेरा वसूल है ।
अपना वसूल अपने पास रख ले बेटा और lund ko majbut करले अभी तुझे सील तोड़नी है ।
मजबूत है।मेरा टेंशन मत ले।शिकायत का मौका नहीं दुंगा।समझा हा समझ गया चोदूं चौधरी उधर देख अब जाने को त्यार है । रज्जो उसकी पूछ रही है जाने के लिए । उसने अपने दो उंगलियों का इशारा करते हुए माहिरा से पूछ रही थी टॉयलेट जानें के लिए ।माहिरा ने भी मुंडी हिला के जाने का isara करदी थी।फिर रज्जो थोड़ा अपना हाथ और पैर साफ की और नहर के तरफ चल पड़ी । वो जैसे ही औझल हुई इधर हम दोनो बाहर आगए। और माहिरा की तरफ बढ़ने लगे । माहिरा की नजर जब हम दोनो पे पड़ी तो सहम गई । और बोली की आप लोग इधर । क्या कर रहे हो तो पप्पू ने बोला की मैडम हम आपका दीदार करने आए है । हम दीदार तो कर ही सकते है ना माहिरा जी ।माहिरा बोली की मेरा दीदार करके क्या मिलेगा। पप्पू बोला ओह dear Sara Kasis aur उमंगे है तुम्हारे पास आप तो निहायत बला की हसीन हो ।आपका दीदार नहीं करेंगे तो किसका करेंगे जानेमन। माहिरा जानेमन सुनके सकपका सी गई बोली पप्पू ये क्या बकवास कर रहें।
हो ।पप्पू बोला ये बकवास नही हकीकत है मेरी दिल की मल्लिका । जरा अपने उपर गौर करो अब तुम कली से गुलाब बन गई हों मेरे नजरों की रोशनी । देखो पप्पू ऐसा वैसा कुछ मत सोचो । मै वैसी नहीं हु । मेरी लख्ते जिगर कोई वैसा नही है । हम सब शरीफ है । मेरी माहिरा ।अगर तुम सराफत से हमारा साथ दोगी तो मसला नहीं होगा। नही तो हम अपने कुत्ता गिरी पे आजाएंगे तो तकलीफ बढ़ जाएगी और आपको दोगुना मेहनत करनी पड़ेगी । माहिरा मेरे तरफ मुखातिब हो के बोली राजू जी आप तो ऐसे नही हो फिर आप इसका साथ क्यो दे रहे हो। मै चुप चाप खड़ा होके अपने भाई पप्पू की डायलॉग सुन रहा था । पप्पू बोला जानेमन हम से बात करो और अपनी मर्जी बताओ । तुम्हे आराम पसंद है या तकलीफ
ये बताओ । माहिरा बोली तुम क्या मुझे अकेला समझ रहे हो सुहैल अंकल और मेरी मां और रज्जो आती ही होंगे फिर तुम्हे देखती हु।मेरे पापा का नाम उसके जुबान से सुनके मेरे ऊपर अजीब सी कैफियत तारी होने लगी मैं आओ देखा न ताव
खींच के एक चमाट जड़ दिया उसके कोमल कोमल गालों पे पे वोह बिलबिला उठी एक दम से जैसे अंधी हो गई हो उसे कुछ समझ नहीं आरहा था वो जमीन पे बैठ गई अपने दोनो हाथो से गाल को पकड़ के । छीनाल की औलाद अंकल बोलती है मेरे पापा को । इतने में पप्पू बोला अरे भाई आप तो सुरू होगए अभी हम समझा ही रहे थे इस नाजुक सी हसीना को । और आप तो हाथ पैर चलाने लगे । ऐसा मत करो मेरे भाई । मेरी जाने मन आप जिनका नाम ले रही हो वो इनके फादर है । इनको जब वोह यहां देखे गे तो उनका भी पिछवाड़ा फट जायेगा समझी और तुम्हे क्या लगता है वो लोग कहा गए हैं।चलो तुम हमे बताओ हम यांहा ऐसे परकट नही हो गए है हम पूरी प्लानिंग के साथ आए है और आज जो हम करने आए है वो करके रहेंगे। है ना राजू । तेरा नाम क्या है रण्डी मैने पूछा उस से वो रोते हुए बोली माहिरा फिर मैं बोला पूरा नाम बता । मेरा पूरा नाम माहिरा ही है । नही मैं बताता हु तेरा पूरा नाम माहिरा रण्डी है ।समझी राजू जी आप ऐसा मत करो । मै आपके हाथ जोड़ती हु । क्यो हाथ जोड़ती हो मैने क्या किया। सुन तुझे पता है की मेरे पापा तेरे मम्मी के साथ क्या करते है। या उनके बीच में क्या संबंध है । नही मुझे नही पता है। अच्छा पप्पू बोल उठा बीच तु अभी बच्ची है। जो तुझे समझ में नहीं आती की सुहैल अंकल तेरे मां के बीच क्या है।तुझे तो ये भी नही पता होगी की वो अभी कहा और क्या करने गए है। माहिरा,,, सच में मुझे सिर्फ यही पता है मेरी मां और अंकल साथ में खेत देखने गए है । और रज्जो टॉयलेट गई है । तो फिर सब अपना अपना काम निपटा रहे है तेरा भी पानी चला के होगया है। अब हमारे साथ चल और जो हम करे तेरे साथ तू भी मजे ले और हमारा साथ दे ।

Continue update 05
माहिरा,,,नही मुझे कुछ पता नहीं है की तुम लोग मेरे साथ क्या करोगे।अच्छा मै बोला की रोज मेरे पापा तेरे घर में बैठ के क्या किया करते है । सच बोलती हूं की मुझे नही पता अल्लाह की कसम खाती हु । ठीक है अगर पता चल जाए तो करेगी जो वो लोग करते है । कुछ देर सोचने के बाद माहिरा बोली ठीक है मुझे । दिखा दो तो मै त्यार हु करने के लिए।
पप्पू,, बोला सच में करेगी न वोह बोली हा सच में करूंगी ।
फिर मैं बोला अगर नही करेगी तो जबर्दस्ती करेगी।
चल मेरे साथ पप्पू उसकी हाथ पकड़ के खींचने के अंदाज में
वो आगे आगे और मैं पीछे पीछे नहर की तरफ चलने लगे ।
मैने पप्पू से बोला कि मैं आगे जाके देखता हु की वोह लोग कहां है। तू इसे लेकर आ जैसे मै इसारा करूंगा आना
मै आगे नहर की तरफ गया। नहर एक जगह मुड़ती थी ।ऐसा मुझे अंदाजा हुआ की वोह लोग उस मोड़ पर ही गए होंगे
क्यो की वही नहर चौड़ी होती है छुपने की जगह भी है
मै सीधा वही गया । थोड़ी दूरी पे ही था की मुझे ahat आने लगी ऐसे महेसुस हुआ की इधर कोई है मै नहर के बाहर निकल गया और पप्पू को इसारा किया की मेरे पीछे आजाओं वो लोग इधर ही है। जब मैं उनके करीब सामने वाले किनारे पे पहोंचा तो मुझे छुप के देखने के लिए कोई जगह देखनी थी जहां से हमे सब दिखाई दे । मै उन लोगो से करीब 50 मीटर के दूरी पे था । इतने में मुझे एक जगह दिख गई जहां से सब दिखाई देता मै वांहा sift हो ही रहा था की पप्पू भी आगया
मै बोला आराम से मेरे पीछे उस झाली तक चलो वहीं से सब नजर आएगा हम जैसे तैसे उस झाली तक पहुंच ही गए।
अब हमे तीनो बड़े आसानी दिख रहे थे।मै बोला chhinal की औलाद देख तेरी मां और बहन मेरे पापा के साथ क्या कर रही है।पापा कमर तक लूंगी खोल के पीठ के बल लेटे हुए थे
उनका 6 ईंच का लौड़ा बिलकुल टाईट पोजीसन में खड़ा था दोनो मां बेटी उपर से पूरी तरह नंगी थी चूची दोनो की एक ही साइज के थे लगभग।बस रज्जो की चूची कड़क थी और रेशमा की ढीली थी रेशमा दाईं तरफ रज्जो बाईं तरफ से lund मुंह में लेकर चूस रही थी रेशमा पापा के अंड को चाट रही थी पापा मस्त होके आह ooooh ki आवाज निकाल रहे थे ये सब देख कर पप्पू बोला भाई मुझ से रहा नही जाता अब चलो यहां से मेरा लन्ड एक दम से पैंट के अंदर कुचला पड़ा है । माहिरा को देखा तो मुंडी नीचे करके बैठी थी । पप्पू बोला क्या हुआ जाने मन करने का मन नहीं होता तुम्हारा ।
वो बोली की मैने कभी ऐसे हरकत नही की हु इतने पप्पू बोला इसे हरकत नही chudai कहेते। रानी। ये सब देख कर मेरा भी हाल बुरा हो रहा था मेरे शॉर्ट पैंट में तम्बू बना हुआ था ।
पप्पू बोला राजू निकल यहां से अब चलते है मै बोला ठीक है चलो हम तीनो एक साथ खड़े हुए पप्पू अभी भी उसका हाथ
पकड़े हुए था जब पप्पू की नजर में शॉर्ट पे पड़ी तो बोला साले ये क्या है । मै ने बोला क्या बे तो वो चलते चलते मेरे शॉर्ट के तरफ इशारा करके बोला ये chutiye ye इंसान का है तेरा या गधे का इतना बड़ा लन्ड है तेरा ये सब सुनके माहिरा बोली की अंकल का तो इतना बड़ा नही था उनका इतना छोटा था ओर तुम्हारा इतना बड़ा । मेरे से कैसे होगा
मै बोला ऊपर वाले ने जो दिया है सोच समझ के ही दिया होगा इसमें तेरा क्या जाता है । वोह बोली की मैने कभी chudai की ही नही है । पप्पू बोला chudai hone tak ham wanha baith kar तड़प नही सकते रानी मै सब सिखा दूंगा । राजू बोला पप्पू हमे उनके आने से पहले निपटना होगा पप्पू पूछा की हम करेगें कहां। अबे साले सब कुछ मुझे ही बताना पड़ेगा हा बताना पडेगा।तो चल इसके खेत के बाजू मे जो अरहर का खेत है उसमे लेके चल वोह ठंडा भी रहेगा और साफ भी । पप्पू बोला साले तू बोलता है की कुछ किया नहीं अभी तक लेकिन तेरा दिमाग बराबर चलता है । चलो जल्दी जल्दी।हमे उनसे पहले निपटना होगा । मैं बोला हम दोनों उनलोगो से पहले ही निपट लेंगे।तो पप्पू बोला वो कैसे वो भी तीन है और हम भी तीन है उनसे पहले कैसे होगा मैने कहा उधर मर्द एक है औरत दो कमसे कम 2 से तीन राउंड चलेगा और 2 से 3 राउंड करने को टाइम लगेगा । और हम दोनो का पहले से ही खड़ा है टाइम नही लगेगा फटाफट काम होजाएगा बस इसके ऊपर है । माहिरा,बोली मेरे ऊपर क्या है मुझे तो करवाना है । जबसे उनको इस हालत में देखी हु पता नही क्यों मेरे जांघों के बीच में गीला गीला महेसूस हिराहा है।पप्पू बोला sabaas आधा जंग तूने जीत लिया अब आधा ही बाकी है । माहिरा बोली क्या मतलब है तुम्हारा । मेरा मतलब की तुझे मजा aaraha होगा ना अजीब सी कसक horahi होगी तेरे नीचे वाले हिस्से में ha ho to rahi है सहेला रही है । हां रानी उसी को खुजली बोलते है चलो अभी हम दोनो मिले मिटा देंगे।बहुत मजा आयेगा। इतने में हम लोग खेत में पहुंच गए
MA aur bete me jaha ek galat fahmi hone vali thi vo to Accha hua MA ne apni halat dekh li aine me or unhe samajh me aa gya ki galti uske bete ki nhi Balki unka sarir hi katilana hai...

Gudiya bhi Aaj purush ke ango ko niharne ki Kosis kr rhi thi apne bhai ke rup me use ghar me hi apni jigyasha mitane ko mil gyi hai, Dekhte hai Vo sab kuchh janpati hai Ya nhi...

Mahira ko uski ma aur bahan ke bare me dikha diya ki vo kyA karti hai mardo ke sath lekin ek baat samajh me nhi aayi ki use kyo jankari nhi hai insab chijo ki, kya vo ganv me nhi rahti ya fir Ghar se Bilkul bhi bahar nhi nikalti ki use batane vala koi hai hi nhi...

Superb bhai lajvab amazing Jabardast updates bhai sandar
 

shahil3

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Update 06
हम खेत में पहोंच गए। अब आगे माहिरा का मन बुझा हुआ था। जैसे वो कुछ सोचो में डूबी हुई थी तभी पप्पू बोला क्या हुआ जाने मन क्या सोच रही हो जरा भी हम दोनों तुम्हारा भरपूर सहयोग करेंगे। माहिरा बोली ऐसी बात नहीं है पप्पू मैं मेरी मां बहन के बारे में सोच रही हु ।वो कैसे नगें होके अंकल का ।वो चूस रही थी उन्हें शर्म भी नही।है मां भी वैसे ही है ।
पप्पू बोला जाने मन तुम भी चूसो मेरा । नही मुझे शर्म आती है।देखो डीयर सरमाओ नही।चलो कपड़े निकालो । और पप्पू उसकी कमीज़ निकलने लगा तो वो थोड़ा पप्पू को रोकने लगी अपनें हाथ से उसका हाथ छुड़ाने की नाकाम कोसिस कर रही थी मैं भी सामने आके उसके दोनो हाथ पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और पप्पू नीचे से कमीज उतारने लगा थोड़े ही समय में माहिरा कमर के ऊपर से नंगी हो चुकी थी मैंने देखा की उसके चूची अनार के जैसे तने हुए थे ये नजारा किसी लड़की का सरीर इतने नजदीक से पहेली बार देख रहा था मेरे लन्ड में अजीब सी कसक होने लगी वो वापस अपना विशाल रूप धारण कर लिया था। एक साथ हम दोनो एक एक अनार अपने मुंह में लेके चूसने लगे माहिरा की दोनो आंखे बंद थी और वो उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकियां निकलने लगी पप्पू ने उसकी एक हाथ पकड़ कर अपनी पैंट में ले जाने लगा जैसे ही उसके लन्ड पर उसकी हाथ लगी तो वो बोली की कितना गरम है ये पप्पू अपना पैंट उतार चुका था और वो अब सिर्फ अंडर वियर में ही अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसके हाथ में देदिया पप्पू का लन्ड लगभग 6.5 का रहा होगा मोटाई में करीब 1,5 का था । माहिरा अभी भी अपनी आंखे बंद करके हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी।
पप्पू कभी उसकी चूची को कभी उसके गर्दन को तो कभी उसकी कानो की lari को हल्के हल्के होटों से चूम रहा था ।
उसको ही देख कर जैसे वोह करता मै भी वही करता रहा
माहिरा बहुत मजे लेके मस्त हो गई थीं उसे भी इस क्रिया कल्प का अनुभव पहेली बार मिल रहा था उसे ऐसे आनंद की कल्पना भी नहीं थी वो एकदम से मद होश हो चुकी थी ।
पप्पू उसके होंटो को चूसते हुए बोला कैसा लग रहा है माहिरा माहिरा hmm hmm karke maje le rahi thi itne me पप्पू नीचे बैठबकर उसकी सलवार उतार दी पप्पू उसकी chut पर अपनी उंगली फिराया तो माहिरा आह आह करके तड़प उठी उसकी चूत पे अभी हल्के हल्के बाल थे मस्त गोरी गोरी त्वचा थे उसके चूत के फाकों के पप्पू देख के मचल उठा ओर बोला क्या चूत है।भाई इसकी मै भी चुना छोड़ के उसके चूत की दीदार करने के लिये नीचे बैठ गया ।मैने तो चूत पहेली बार देखी थी जो मुझे काफी आनंदित कर रही थी माहिरा अभी भी खड़ी ही थी मैं बोला राजू इसको लिटा लेते है फिर अच्छा रहे गा पप्पू भी सहमत हो गया मैंने अपनी t sirt निकाल के ओर पप्पू के भी निकलवा के सभी के कपड़े नीचे बिछा दिए अब मैं सिर्फ शॉर्ट में था और मेरा लन्ड एक दम से खड़ा हुआ था जिसके वजह से मेरा शॉर्ट में तम्बू बना हुआ था । पप्पू बोला मेरे तरफ देख के बोला अबे तू भी निकल दे शॉर्ट मै बोला निकाल दूंगा मत सोच इसके बारे में माहिरा ने बैठ ते हुए मेरे लन्ड को ही निहार रही थी । पप्पू तुम्हारे और राजू के लन्ड में कितना अंतर है और अंकल का तो और छोटा था । माहिरा की बात सुनके मै बोला छीनाल दूर से छोटा ही दिखे गा न । फिर वो लेट गईं और पप्पू उसके चूत के तरफ जाके उसके टांगों को फैला दिया और बीच में घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत पर उंगली फिराने लगा और मुझे हुकुम दिया की tu apni chaddi se इन महान जीव को बाहर निकाल कर मिस माहिरा से चुसवाने का कष्ट करें।
मैने बोला जैसे आपका हुकुम मेरे आका और पप्पू की उंगली चूत पे लगते ही माहिरा जन्नत की सैर करने लगी बोली मुझे bahot ही मजा araha hai jiska mai bayan nahi kar sakti ki mujhe क्या फील हो रहा है इतने में मै अपनी चड्डी उतार दी और माहिरा के चुचियों को सहलाते हुए उसकी हाथ पकड़ कर मैंने अपने लन्ड पे रखा तो वो घबरा सी गई झट से हाथ खींच के अपनी आंखे खोल दी और बोली की मैने क्या पकड़ा था अभी इतना गरम की जैसे कोई लोहे की रॉड हो पप्पू बोला वो लोहे का नही बल्कि इन महासे का लन्ड है जरा अपनी नजर बाए तरफ करके देखो वो देख कर बोली अल्लाह इतना विशाल भी होता है तुम्हारा तो ठीक है लेकिन राजू का कई जाएगा मेरी छोटी सी चूत में चूत सब्द उसके मुंह से सुनके बड़ा अच्छा लगा पप्पू बोला रानी तुम फिकर मत करो सब जाए गा और तुम्हे असली मजा जब आए गा जब ये राजू का हथियार तुम्हारे चूत मेवजाएगा मुझे बहुत डर लग रहा है पप्पू क्यों की मैने अभी तक एक उंगली भी अंदर नही डाली है । कभी भी चूत पे उंगली मेरी पड़ती थी तो अजीब से फीलिंग आती थी शरीर में लेकिन जो मजा तुम्हारे छूने से आज मुझे मिला है वो मुझे आज के पहले कभी नही मिला
पप्पू बोला रानी मजा तो अभी तुम्हे 100 में से 10 भी नही मिला है तुम राजु का लन्ड चूसो मै तुम्हारी चूत चाट के तुम्हे मजा देता हू और पप्पू उसकी चूत पे अपना मुंह रख कर चाटने लगा माहिरा की चूत एक दम से गीली हो चुकी थी जिसका रस अब पप्पू चाट रहा था मैं ने अपना लन्ड माहिरा के मुंह में डाल दी जिस से उसका मुंह एक दम से भर गया मुश्किल से करीब तीन इंच तक ही अन्दर जा रहा था aur
माहिरा बोल भी नहीं पा रही थी
चूत चाट ने ।की वजह से माहिरा आंखे बंद करके मजे ले रही थी । मैने माहिरा की चूची पकड़ते हुए बोला छीनाल पूरा लन्ड चाट । एकदम से गीला करदे रण्डी।
और मैं उसकी चूची को जोर जोर से मीजने लगा ।मेरा लन्ड मुंह से बाहर निकाल के दर्द के मारे कराह उठी ।बोली राजु जी आराम से दबाओ दर्द होता है जोर से दबाते ही तभी ।मै बोला छीनाल अभी तेरी चूची बहुत कड़क है दबाने से ही ढीला होगा अभी सुरवात में दर्द होगा फिर अच्छा लगने लगेगा तुझे भी बहुत मजा आयेगा ।और तू खुद ही दबवाए गी अभी थोड़ा बरदास्त करेगी तो मजा भी जल्दी मिलने लगेगा और चुपचाप लन्ड चूस मेरा । माहिरा बोली इतना बड़ा है आपका मेरे मुंह में भी नहीं जा पा रहा है।कैसे चुसू।मैने उसके मुंह को खोल कर जबरन उसके मुंह में करीब चार ईंच तक डाल दिया और वोह सांस भी नही ले पा रही थी सांस न लेपाने की वजह से वो अपनी गांड़ उठा उठा के तड़प ने लगी माहिरा के इस हरकत से पप्पू जो उसकी चूत चाट रहा था वो डिस्टर्ब होगया मुंडी उठाके बोला मदरचोद।
इतना क्यो छटपटा रही है जब वो मेरी तरफ देखा तो बोला अबे साले निकाल बाहर वो सांस भी नही ले पा रही हैं मर जायेगी बे।मै अपने जॉस में ही पेले जा रहा था। इतने में पप्पू मुझे जोर से धक्का देके पीछे धकेल दिया और मेरा लन्ड माहिरा के मुंह से बाहर निकल गया अब वो जोर जोर से खांसते हुए उठके बैठ गई बोली मुझे माफ कर दो मेरे से नही होगा मै बोला साली नाटक मत कर ।अल्लाह कसम नाटक नही कर रही हूं मुझे तो ऐसा लगा की अब मेरी जान निकलने वाली है । इतने में पप्पू बोला भाई चूत चाटेगा बहोत मस्त टेस्ट है इसकी अभी तक कोइ चाटा नही है मेरे इलावा।
मै बोला भाई मेरे से होगा नही अब मुझ से बर्दास्त नही होरहा है मुझे चुदाई करनि है।भाई अगर तु कहे तो पहले मैं करके।
इसकी चूत को ढीली कर दु । मैंने बोला बेटा इसकी और मेरी उदघाटन मैं ही करू तो कैसा रहेगा। पप्पु बोला । जैसे तेरी मर्जी मेरे भाई मै तो इसलिए बोला की तू भी पहेली बार कर रहा है तो पहले मैं करके बता देता । फिर tu आराम से करता
मैने कहा भाई तू तो रहेगा ही न कुछ गलत लगा तो बोल देना मुझे बता देना ।
Too be continued
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Update 06
हम खेत में पहोंच गए। अब आगे माहिरा का मन बुझा हुआ था। जैसे वो कुछ सोचो में डूबी हुई थी तभी पप्पू बोला क्या हुआ जाने मन क्या सोच रही हो जरा भी हम दोनों तुम्हारा भरपूर सहयोग करेंगे। माहिरा बोली ऐसी बात नहीं है पप्पू मैं मेरी मां बहन के बारे में सोच रही हु ।वो कैसे नगें होके अंकल का ।वो चूस रही थी उन्हें शर्म भी नही।है मां भी वैसे ही है ।
पप्पू बोला जाने मन तुम भी चूसो मेरा । नही मुझे शर्म आती है।देखो डीयर सरमाओ नही।चलो कपड़े निकालो । और पप्पू उसकी कमीज़ निकलने लगा तो वो थोड़ा पप्पू को रोकने लगी अपनें हाथ से उसका हाथ छुड़ाने की नाकाम कोसिस कर रही थी मैं भी सामने आके उसके दोनो हाथ पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और पप्पू नीचे से कमीज उतारने लगा थोड़े ही समय में माहिरा कमर के ऊपर से नंगी हो चुकी थी मैंने देखा की उसके चूची अनार के जैसे तने हुए थे ये नजारा किसी लड़की का सरीर इतने नजदीक से पहेली बार देख रहा था मेरे लन्ड में अजीब सी कसक होने लगी वो वापस अपना विशाल रूप धारण कर लिया था। एक साथ हम दोनो एक एक अनार अपने मुंह में लेके चूसने लगे माहिरा की दोनो आंखे बंद थी और वो उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकियां निकलने लगी पप्पू ने उसकी एक हाथ पकड़ कर अपनी पैंट में ले जाने लगा जैसे ही उसके लन्ड पर उसकी हाथ लगी तो वो बोली की कितना गरम है ये पप्पू अपना पैंट उतार चुका था और वो अब सिर्फ अंडर वियर में ही अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसके हाथ में देदिया पप्पू का लन्ड लगभग 6.5 का रहा होगा मोटाई में करीब 1,5 का था । माहिरा अभी भी अपनी आंखे बंद करके हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी।
पप्पू कभी उसकी चूची को कभी उसके गर्दन को तो कभी उसकी कानो की lari को हल्के हल्के होटों से चूम रहा था ।
उसको ही देख कर जैसे वोह करता मै भी वही करता रहा
माहिरा बहुत मजे लेके मस्त हो गई थीं उसे भी इस क्रिया कल्प का अनुभव पहेली बार मिल रहा था उसे ऐसे आनंद की कल्पना भी नहीं थी वो एकदम से मद होश हो चुकी थी ।
पप्पू उसके होंटो को चूसते हुए बोला कैसा लग रहा है माहिरा माहिरा hmm hmm karke maje le rahi thi itne me पप्पू नीचे बैठबकर उसकी सलवार उतार दी पप्पू उसकी chut पर अपनी उंगली फिराया तो माहिरा आह आह करके तड़प उठी उसकी चूत पे अभी हल्के हल्के बाल थे मस्त गोरी गोरी त्वचा थे उसके चूत के फाकों के पप्पू देख के मचल उठा ओर बोला क्या चूत है।भाई इसकी मै भी चुना छोड़ के उसके चूत की दीदार करने के लिये नीचे बैठ गया ।मैने तो चूत पहेली बार देखी थी जो मुझे काफी आनंदित कर रही थी माहिरा अभी भी खड़ी ही थी मैं बोला राजू इसको लिटा लेते है फिर अच्छा रहे गा पप्पू भी सहमत हो गया मैंने अपनी t sirt निकाल के ओर पप्पू के भी निकलवा के सभी के कपड़े नीचे बिछा दिए अब मैं सिर्फ शॉर्ट में था और मेरा लन्ड एक दम से खड़ा हुआ था जिसके वजह से मेरा शॉर्ट में तम्बू बना हुआ था । पप्पू बोला मेरे तरफ देख के बोला अबे तू भी निकल दे शॉर्ट मै बोला निकाल दूंगा मत सोच इसके बारे में माहिरा ने बैठ ते हुए मेरे लन्ड को ही निहार रही थी । पप्पू तुम्हारे और राजू के लन्ड में कितना अंतर है और अंकल का तो और छोटा था । माहिरा की बात सुनके मै बोला छीनाल दूर से छोटा ही दिखे गा न । फिर वो लेट गईं और पप्पू उसके चूत के तरफ जाके उसके टांगों को फैला दिया और बीच में घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत पर उंगली फिराने लगा और मुझे हुकुम दिया की tu apni chaddi se इन महान जीव को बाहर निकाल कर मिस माहिरा से चुसवाने का कष्ट करें।
मैने बोला जैसे आपका हुकुम मेरे आका और पप्पू की उंगली चूत पे लगते ही माहिरा जन्नत की सैर करने लगी बोली मुझे bahot ही मजा araha hai jiska mai bayan nahi kar sakti ki mujhe क्या फील हो रहा है इतने में मै अपनी चड्डी उतार दी और माहिरा के चुचियों को सहलाते हुए उसकी हाथ पकड़ कर मैंने अपने लन्ड पे रखा तो वो घबरा सी गई झट से हाथ खींच के अपनी आंखे खोल दी और बोली की मैने क्या पकड़ा था अभी इतना गरम की जैसे कोई लोहे की रॉड हो पप्पू बोला वो लोहे का नही बल्कि इन महासे का लन्ड है जरा अपनी नजर बाए तरफ करके देखो वो देख कर बोली अल्लाह इतना विशाल भी होता है तुम्हारा तो ठीक है लेकिन राजू का कई जाएगा मेरी छोटी सी चूत में चूत सब्द उसके मुंह से सुनके बड़ा अच्छा लगा पप्पू बोला रानी तुम फिकर मत करो सब जाए गा और तुम्हे असली मजा जब आए गा जब ये राजू का हथियार तुम्हारे चूत मेवजाएगा मुझे बहुत डर लग रहा है पप्पू क्यों की मैने अभी तक एक उंगली भी अंदर नही डाली है । कभी भी चूत पे उंगली मेरी पड़ती थी तो अजीब से फीलिंग आती थी शरीर में लेकिन जो मजा तुम्हारे छूने से आज मुझे मिला है वो मुझे आज के पहले कभी नही मिला
पप्पू बोला रानी मजा तो अभी तुम्हे 100 में से 10 भी नही मिला है तुम राजु का लन्ड चूसो मै तुम्हारी चूत चाट के तुम्हे मजा देता हू और पप्पू उसकी चूत पे अपना मुंह रख कर चाटने लगा माहिरा की चूत एक दम से गीली हो चुकी थी जिसका रस अब पप्पू चाट रहा था मैं ने अपना लन्ड माहिरा के मुंह में डाल दी जिस से उसका मुंह एक दम से भर गया मुश्किल से करीब तीन इंच तक ही अन्दर जा रहा था aur
माहिरा बोल भी नहीं पा रही थी
चूत चाट ने ।की वजह से माहिरा आंखे बंद करके मजे ले रही थी । मैने माहिरा की चूची पकड़ते हुए बोला छीनाल पूरा लन्ड चाट । एकदम से गीला करदे रण्डी।
और मैं उसकी चूची को जोर जोर से मीजने लगा ।मेरा लन्ड मुंह से बाहर निकाल के दर्द के मारे कराह उठी ।बोली राजु जी आराम से दबाओ दर्द होता है जोर से दबाते ही तभी ।मै बोला छीनाल अभी तेरी चूची बहुत कड़क है दबाने से ही ढीला होगा अभी सुरवात में दर्द होगा फिर अच्छा लगने लगेगा तुझे भी बहुत मजा आयेगा ।और तू खुद ही दबवाए गी अभी थोड़ा बरदास्त करेगी तो मजा भी जल्दी मिलने लगेगा और चुपचाप लन्ड चूस मेरा । माहिरा बोली इतना बड़ा है आपका मेरे मुंह में भी नहीं जा पा रहा है।कैसे चुसू।मैने उसके मुंह को खोल कर जबरन उसके मुंह में करीब चार ईंच तक डाल दिया और वोह सांस भी नही ले पा रही थी सांस न लेपाने की वजह से वो अपनी गांड़ उठा उठा के तड़प ने लगी माहिरा के इस हरकत से पप्पू जो उसकी चूत चाट रहा था वो डिस्टर्ब होगया मुंडी उठाके बोला मदरचोद।
इतना क्यो छटपटा रही है जब वो मेरी तरफ देखा तो बोला अबे साले निकाल बाहर वो सांस भी नही ले पा रही हैं मर जायेगी बे।मै अपने जॉस में ही पेले जा रहा था। इतने में पप्पू मुझे जोर से धक्का देके पीछे धकेल दिया और मेरा लन्ड माहिरा के मुंह से बाहर निकल गया अब वो जोर जोर से खांसते हुए उठके बैठ गई बोली मुझे माफ कर दो मेरे से नही होगा मै बोला साली नाटक मत कर ।अल्लाह कसम नाटक नही कर रही हूं मुझे तो ऐसा लगा की अब मेरी जान निकलने वाली है । इतने में पप्पू बोला भाई चूत चाटेगा बहोत मस्त टेस्ट है इसकी अभी तक कोइ चाटा नही है मेरे इलावा।
मै बोला भाई मेरे से होगा नही अब मुझ से बर्दास्त नही होरहा है मुझे चुदाई करनि है।भाई अगर तु कहे तो पहले मैं करके।
इसकी चूत को ढीली कर दु । मैंने बोला बेटा इसकी और मेरी उदघाटन मैं ही करू तो कैसा रहेगा। पप्पु बोला । जैसे तेरी मर्जी मेरे भाई मै तो इसलिए बोला की तू भी पहेली बार कर रहा है तो पहले मैं करके बता देता । फिर tu आराम से करता
मैने कहा भाई तू तो रहेगा ही न कुछ गलत लगा तो बोल देना मुझे बता देना ।
Too be continued
Khatarnak update bhai sandar jabarjast
 
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Aditya01kh

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