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Hayaan - Ek Insaan Ya Shaitan
(Disclaimer)
Yeh Kahani Ek kalpnik Kahani hai, Kahani ke Sabhi Patr aur Unke naam Kalpnik hai aur Iska Kisi bhi Visesh Dharm Ya Jaati se koi sambandh nahi hai,
Yeh kahani kisi bhi Vyakti Ke niji Zindagi se prerit nahi hai hai
Yeh poori tarah se Ek Kalpnik Rachna hai,
Yadi Kisi Jeevit ya Mrit Vyakti se Samanta Payi Jati hai to yeh Matr Ek Sanyog hoga...!!
""'Insan apni marzi k khilaaf duniya mein aata hai ..aur apni khuwahish k khilaaf yahaan se chala jata hai.
bachpan mein farishta ..jawano mein shaitaan
aur budhape mein bewaqoof samjha jata hai..
ghareeb hai to fazool hai
ameer hai to maghroor hai
khairaat karta hai to shohrat ka bhooka bhi hai..
mazhab parast hai to makkaar hai
mazhab se door hai to gunnahgaar hai
Duniya mein aata hai
to har koi usey choomna chahta hai
duniya se jaane k baad har koi us se jaan chhuraana chahta hai..!!'""'
जैसे ही हमारे जीवन में बुराईरूपी अंधेरे का आगमन होता है, विवेकरूपी दीया प्रस्थान कर जाता है।
बुराई अपना खेल खेलती है, मानव को दानव तक बना देती है। बुराई में एक विशेषता होती है, जब वह कमजोर होने लगती है, तब वह अधिक आक्रामक हो जाती है। यही समय है, जब थोड़े धैर्य के साथ उसका मुकाबला किया जाए इस दौरान हमें उस सुहानी सुबह के बारे में सोचना चाहिए, जो उस अंधेरी बुराई के ठीक पीछे उजाले के रूप में होती है।
मनुष्य की यह प्रवृत्ति है कि उसे बुराई जल्द आकर्षित और प्रभावित करती हैं। दूसरी ओर अच्छाई में चकाचौंध करने वाली कोई चीज नहीं होती, यह सदैव निर्लिप्त होती है। जब तक कमरे में उजाला है, तब तक हमें अंधेरे का भान ही नहीं होता। जैसे ही लाइट गई, अंधेरा पसरा कि हम फडफड़ाने लगते हैं। तब हम उजाले का महत्व समझने लगते हैं।
""बुराई हमेशा शक्तिशाली नहीं रह पाती, उसके कमजोर होते ही अच्छाई का आगमन है और उसी दानव को महात्मा तक बना देती है।
मेरा मानना है कि अच्छाई को कई दानव भी सच्चे ह्रदय से स्वीकार करे, तो उसे महात्मा बनने में देर नहीं लगेगी।
आप क्या सोचते हैं....??""
Update..No..1..
(Disclaimer)
Yeh Kahani Ek kalpnik Kahani hai, Kahani ke Sabhi Patr aur Unke naam Kalpnik hai aur Iska Kisi bhi Visesh Dharm Ya Jaati se koi sambandh nahi hai,
Yeh kahani kisi bhi Vyakti Ke niji Zindagi se prerit nahi hai hai
Yeh poori tarah se Ek Kalpnik Rachna hai,
Yadi Kisi Jeevit ya Mrit Vyakti se Samanta Payi Jati hai to yeh Matr Ek Sanyog hoga...!!
""'Insan apni marzi k khilaaf duniya mein aata hai ..aur apni khuwahish k khilaaf yahaan se chala jata hai.
bachpan mein farishta ..jawano mein shaitaan
aur budhape mein bewaqoof samjha jata hai..
ghareeb hai to fazool hai
ameer hai to maghroor hai
khairaat karta hai to shohrat ka bhooka bhi hai..
mazhab parast hai to makkaar hai
mazhab se door hai to gunnahgaar hai
Duniya mein aata hai
to har koi usey choomna chahta hai
duniya se jaane k baad har koi us se jaan chhuraana chahta hai..!!'""'
जैसे ही हमारे जीवन में बुराईरूपी अंधेरे का आगमन होता है, विवेकरूपी दीया प्रस्थान कर जाता है।
बुराई अपना खेल खेलती है, मानव को दानव तक बना देती है। बुराई में एक विशेषता होती है, जब वह कमजोर होने लगती है, तब वह अधिक आक्रामक हो जाती है। यही समय है, जब थोड़े धैर्य के साथ उसका मुकाबला किया जाए इस दौरान हमें उस सुहानी सुबह के बारे में सोचना चाहिए, जो उस अंधेरी बुराई के ठीक पीछे उजाले के रूप में होती है।
मनुष्य की यह प्रवृत्ति है कि उसे बुराई जल्द आकर्षित और प्रभावित करती हैं। दूसरी ओर अच्छाई में चकाचौंध करने वाली कोई चीज नहीं होती, यह सदैव निर्लिप्त होती है। जब तक कमरे में उजाला है, तब तक हमें अंधेरे का भान ही नहीं होता। जैसे ही लाइट गई, अंधेरा पसरा कि हम फडफड़ाने लगते हैं। तब हम उजाले का महत्व समझने लगते हैं।
""बुराई हमेशा शक्तिशाली नहीं रह पाती, उसके कमजोर होते ही अच्छाई का आगमन है और उसी दानव को महात्मा तक बना देती है।
मेरा मानना है कि अच्छाई को कई दानव भी सच्चे ह्रदय से स्वीकार करे, तो उसे महात्मा बनने में देर नहीं लगेगी।
आप क्या सोचते हैं....??""
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