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Horror He Loves Me..... He Loves Me Not!

Darkk Soul

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Behad hi shandar or jabardast update


Woww another astonish thrilling update. Sapne me sapna haha lil bit hint of inception. Waiting for next update


Aweesomee.... Story...


romanchak update ..sapne me sapna aur sapne me sapna 🤣🤣🤣..
pehle laga ki neha sapna dekh rahi hai par shailesh ji sapna dekh rahe the jisme neha thi 🤣.
aur lagta hai abhi bhi sapna pura nahi hua 🤔..


Romantic par thrilling, suspense se bharpur aur sath hi badle mein aag mein jalti kisi ruh ki dastan, Kuch fantasy, kuch paranormal activities pe adharit hain kahani.... Pramukh kirdaar dev aur neha....dono ek dusre se beinteha pyar karne wale pati patni .. khushhaali se paripurn ... Lakin har pal har waqt khush haali se paripurn rahe aisa ho sakta hai kya....kabhi na kabhi koi anchaahe dukh aur dard kisi na kisi roop mein aake Darwaze pe dastak dete hi hai.. yahan inke mamle mein bhi yahi hua hai.... dastak dene wali shayad koi ruh hai jo shayad badle ki aag mein jal rahi hai... jo pyaar karti hai dev se utni shiddat se nafrat karti hai neha se....
hai koi purani wajah... ya koi us ruh ki dusmani neha ke pita se bhi....
shayad ab tak badla lene ke liye sahi waqt na aaya ho... par ab waqt aa gaya ho... isliye pratisodh lene ke liye wo ruh inki jindagi mein laut aayi ho....
ab to shayad is ruh ke hi adbhut aur khaufnaak karname hi dekhne ko mile
.........

1) I think... atit mein ki ek ladki (tanvi) dev se pyar karti thi...jo ab bhi pyar karti hai aur karti rahegi... chaahe ruh banke hi kyun na sahi..
2). maybe ishi bich neha dev se pyar kar baithi ... aur shayad dev bhi neha se pyar karta ho.... par dev ko malum nahi ki wo ladki bhi ushe pyaar karti hai
ab is point pe do aham baatein....
ya to wo ladki in dono ke bich deewar banke khadi ho gayi... isliye neha & uske dad ne milke us ladki ko raste se hata diya hamesha hamesha ke liye...

Ya phir.....neha selfish hai...
bich mein neha deewar banke khadi ho gayi aur shayad neha ko kisi bhi haal mein dev chahiye us waqt.... aur ushe dar is baat ki kahi dev us ladki pyar kar baithe.. aur ishi Insecurity ke chalte us ladki ka kissa khatam diya ho dono baap beti milke..
ab jo bhi ghatana ghati ho par wo ladki ruh banke wapas laut ke aa gayi hai inke jindagiyo mein kohraam machane... aur apne pyaar ko hasil karne....

3) dev pe attack karwane wale uske behad karib ke log hi honge.... Koi khas insaan... ek nahi balki do logo ke adhik honge...

Shaq... wo Dr aur neha..
Ya phir karibi dost aur neha...
Ya phir koi business partner /karibi dost..

Btw kahani mein kayi gazab ke natakiya mod ke sath sath mayabi aur khaufnaak pehlu bhi aane wale hai aur sath hi kayi ghumavdaar suspense bhi create hone wale hai...
Khair let's see what happens next
Brilliant story line with awesome writing skills writer sahab :applause: :applause:

बहुत धन्यवाद आप सभी का. :thanks:
 

Darkk Soul

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इस सपने ने तो घूम दिया पूरा सर...!!!
ब्रिलियंट सर 👌👌
पर रेगुलर रहो तो ही अच्छा लगता है अपडेट :(


बहुत धन्यवाद आपका. :thanks:

कहानी तो रेगुलर ही है मैडम. 😉

आप जो कह रही हैं वो मैं समझ रहा हूँ ... कृप्या मेरी भी स्थिति समझने का प्रयास करें... कमाने खाने वाला युवा हूँ एवं अभी जो और जैसी परिस्थिति (कोरोना – लॉक डाउन) चल रही है --- लिखने से कहीं अधिक ध्यान अपनी रोज़ी रोटी पर है --- यही कारण है अपडेट्स के लेट होने का. 😔


मैं क्षमा चाहूँगा --- लेट पोस्ट के अतिरिक्त मेरे पास और कोई उपाय नहीं है. (सिवाय कहानी को अधूरा छोड़ने के)😒😕
 

Darkk Soul

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१२)

Khulte-bante-rahasya.jpg

अगले तीन दिन तक शैलेश जी तेज़ बुखार से पीड़ित रहे.

देव को देखने हॉस्पिटल भी न जा सके --- हालाँकि जिस दिन शहर पहुँचे हुए थे उसी दिन ही एकबार उससे मिल आए थे....

इस शहर आने के उनके दो मुख्य कारण थे;

एक, देव से मिलना... और दूसरा, बेटी नेहा के डर को खत्म करना --- वो डर जो अचानक से नेहा के दिल – ओ - दिमाग में बैठ गया था --- वो डर, जो कहीं न कहीं नेहा को उसके बीते समय से अवगत कराना चाहता था.

नेहा जितना डरी हुई थी उतना ही चिंतित भी थी... एक अनहोनी होने की चिंता उसे बार बार सताए जा रही थी --- शैलेश जी के शहर आने के पहले कुछ दिनों तक अक्सर नेहा को कभी घर में तो कभी ऑफिस में कहीं न कहीं एक काला गुलाब मिल रहा था... कौन ये गुलाब रख रहा था --- कब रख कर जाता; पता ही नहीं चलता.

सिक्यूरिटी गार्ड्स भी कुछ कह पाने में असमर्थ साबित हुए.

शैलेश जी के आने से नेहा को बल तो मिला; लेकिन अचानक से उनके बीमार पड़ जाने से नेहा फिर से परेशान हो उठी. निमेश को बुला कर दिखवाई, १-२ और डॉक्टर्स को भी दिखाई लेकिन कोई विशेष लाभ न हुआ. बुखार कभी बढ़ता तो कभी कम होता...

इसी परेशानी के बीच एक बात ज़रूर नोटिस की नेहा ने..

शैलेश जी को जिस रूम में ठहराई थी वो रूम पहले तो नार्मल हुआ करता था पर जब से शैलेश जी बीमार पड़े थे तभी से उस रूम का वातावरण थोड़ा गिरा हुआ था --- अजीब सी हल्की नमीयुक्त ठंड रहती थी --- और शैलेश जी के अलावा भी किसी और के वहाँ होने का सदैव आभास होता था.

पापा के तबियत से चिंतित और परेशान होने के कारण इस ओर अधिक ध्यान नहीं दे पाई वो --- समय होता ही कहाँ था उसके पास --- पहली बेला पापा की सेवा में --- उसके बाद अपने ऑफिस के साथ साथ देव के ऑफिस से जुड़े काम काज को सम्भालने में --- शाम में कुछ देर हॉस्पिटल में देव के साथ बिताना और फिर रात में घर आ कर पहले पापा और फिर अपने साथ समय बिताने का मौका मिल पाता था उसे.

पर इतना तो वो अपने दिमाग में अच्छे से बिठा ही ली थी कि एकबार देव ठीक हो कर घर वापस आ जाए; फिर अच्छे से मुकाबला करेगी अपने डर का.....

वैसे भी; देव अगले ही दिन --- सुबह हॉस्पिटल से घर आने वाला है!


--------


इधर थाने में,

इंस्पेक्टर विक्रम सामने टेबल पर रखे डायरी के पन्नों को पलट पलट कर बड़े ध्यान से देव से हुई पूछताछ के दौरान बनाए गए नोट्स को पढ़ रहा था और जो कुछ भी समझ में आ रहा था उसका एक खाका एक सफ़ेद कागज़ पर आरे तिरछे रेखाएँ खींच कर बना रहा था.

थोड़ी देर तक स्वयं के समझ से ही तर्क – वितर्क करने के बाद जब और कुछ न सूझा तब टेबल – बेल बजाया.

दो क्षण में ही हवालदार राम बहादुर विक्रम के सामने उपस्थित हुआ.

“कैसे हो राम?”

“ठीक हूँ साब.”

“ह्म्म्म.. अच्छा, जो काम दिया था मैंने --- उस लड़की पर नज़र रखने का ---- क्या नाम ---- ......”

“तन्वी... साब.”

“अ.. हाँ, तन्वी --- क्या रिपोर्ट है उस बारे में?”

“साब, आपके कहे अनुसार मैंने दो साथियों को उसपर नज़र रखने का काम दिया था --- उन दोनों ने पूरी मुस्तैदी से काम किया --- चाहे रात हो या दिन --- और....”

“और??” विक्रम ने बहुत आशा से राम बहादुर की ओर देखा.

“रिपोर्ट नेगेटिव रहा साब.”

“नेगेटिव?!”

“जी साब.”

“आर यू श्योर?”

“जी साब, लड़की इनोसेंट है. उसकी हिस्ट्री पूरी साफ़ है. कुछ भी संदिग्ध नहीं है साब.”

“ओह्ह!”

विक्रम हताश हुआ. इस तन्वी नाम की लड़की पर उसे थोड़ा संदेह था और इसलिए राम बहादुर को बोल कर तगड़ी जासूसी करवाने की जुगत की थी उसने --- पर नतीजा पूरा ही उल्टा निकला.

“क्या यही फाइनल रिपोर्ट है?”

“अभी तक की रिपोर्ट तो यही है साब....”

“वे दोनों अभी भी उसपे नज़र रखे हैं?”

“जी साब.”

“कब तक रखेंगे?”

“जब तक आप कहेंगे साब.”

“सुबह शाम निगरानी के कारण उन दोनों को कोई ख़ास परेशानी तो नहीं आ रही है?”

“नहीं साब. ज़रूरी कुछ रहा भी करने को तो दोनों बारी बारी से निपटा लेते हैं --- खाना – पीना भी मैनेज कर लेते हैं --- दोनों ही इस तरह के कामों के लिए अभ्यस्त हैं साब.”

“ह्म्म्म... बहुत खूब --- बढ़िया काम कर रहे हैं दोनों --- बस, एक बात का ध्यान रहे --- इस लड़की को किसी बात की भनक नहीं लगनी चाहिए.”

“जी साब --- बिल्कुल नहीं लगेगी.”

राम बहादुर पूरे आत्मविश्वास के साथ बोला.

विक्रम थोड़ी देर चुप रहा --- वो राम बहादुर को भी कुछ काम देना चाहता था पर उसका दिमाग ये निर्णय नहीं ले पा रहा था कि कौन सा काम दें --- क्योंकि कम से कम तीन ज़रूरी काम करने को थे और प्राथमिकता के आधार पर तीनों ही प्रथम स्थान पर खरे उतर रहे थे.

तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई...

राम बहादुर की तरह ही विक्रम का एक और खास आदमी; केशव अंदर कदम रखा.

“सर?”

“आओ.. अंदर आ जाओ.”

“जय हिन्द सर.”

“जय हिन्द... बोलो, कोई खबर?”

“जी सर, उस लड़की....”

“कौन? वो तन्वी?”

“यस सर.”

“हम्म, बोलो.”

“सर, लड़की के बारे में अभी तक ऐसी कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है जिससे हम उस पर किसी भी तरह का कोई संदेह कर सके और .......”

केशव अपनी बात पूरी कर पाए उससे पहले ही विक्रम बोल पड़ा,

“यानि की वो इनोसेंट है --- निर्दोष है --- हम बेकार उसके पीछे समय यूँ ही गंवा रहे हैं.”

केशव थोड़ा अचम्भित हुआ --- ऐसा अप्रोच आम तौर पर विक्रम का होता नहीं है --- केशव राम बहादुर की ओर देखा; राम ने असहाय भाव से कंधे उचकाए --- केशव ने धीमे स्वर में गला साफ़ किया और बोला,

“निर्दोष तो सम्भवतः वो हो सकती है सर, लेकिन एक ऐसी बात है जो थोड़ा जमती नहीं.”

आशा भरी नज़र से केशव की ओर देख कर विक्रम पूछा,

“अच्छा? वो क्या??”

“सर, शक्ल ओ सूरत से तो काफ़ी भोली दिखती है पर हमारे आदमियों ने नोटिस किया की जब भी वो घर से निकलती है तो अपने आसपास अच्छे से नज़र दौड़ाती है... कुछ दूरी तक वो बहुत चौकन्नी नज़र आती है --- मानो, इस बात का बड़ा ध्यान रख रही हो कि कहीं कोई उसे फ़ॉलो तो नहीं कर रहा. अभी तक चार बार हमारे आदमी कुछ देर उसका पीछा करने के बाद एकाएक उसे खो दिया --- और भीड़ में तो ऐसे गायब हो जाती है जैसे इससे पहले वहाँ पर वो थी ही नहीं!”

जैसे जैसे केशव बोलता गया, विक्रम की दिलचस्पी बढ़ती गई; कुर्सी पर सीधा होता गया.

“और सर, एक बहुत ही ख़ास खबर है...”

“हम्म.. सुन रहा हूँ.”

“सर, ये जो लड़की है --- तन्वी --- ये एक स्टूडेंट है.”

“हम्म... ओके... और?”

“ये एक कॉलेज स्टूडेंट है.”

“ठीक है... और?”

केशव तनिक रुका, होंठों पर जीभ फेरा --- एक कदम आगे बढ़ा --- और फिर से बोला,

“सर, अम्म --- वो एक कॉलेज स्टूडेंट है.”

विक्रम तनिक झल्लाया;

कुछ बोलने के लिए होंठ खोला ही कि केशव के बॉडी लैंग्वेज पर उसका ध्यान गया --- दोनों के बीच कुछ सेकंड्स का आई कांटेक्ट हुआ --- विक्रम को केशव का आई लैंग्वेज समझने में दिक्कत नहीं हुई --- समझते ही अविश्वास से सिर हिलाते हुए बोला,

“नो!”

“यस सर.”

“इट कैंट बी!”

“यही सच है सर --- इस छोटी सी बात को हम इतने दिनों तक मिस कर गए.”

कुछ देर पहले तक एक सफ़ेद कागज़ पर खुद से बनाए आरे तिरछे रेखाओं को देखते हुए स्वर में निराशा लिए विक्रम अनायास ही बोला,

“ये पॉइंट मुझसे कैसे मिस हो गया? अनबिलिएबल!”

राम बहादुर, जो अभी तक इन दोनों के बातों को देख व सुन रहा था; बड़े असमंजस भाव से बोला,

“ये आप क्या बोल रहे हैं सर --- किस बात के लिए ऐसा कह रहे हैं?”

राम बहादुर के ये पूछने पर केशव और विक्रम दोनों लगभग एक साथ राम बहादुर की ओर देख कर हताश भाव से सिर हिलाते हुए दो क्षण उसे देखते रहे. जब विक्रम को लगा कि राम बहादुर वाकई में समझ नहीं पा रहा है तो इतनी छोटी सी बात पे उसके न समझ पाने की योग्यता पर गुस्सा करते हुए खिन्न भाव से बोला,


“तन्वी जिस कॉलेज में पढ़ती है वो देव का है!”

सुनते ही राम बहादुर आँखें बड़ी करते हुए स्वर में अविश्वास का पुट लिए बोला,

“सररर.... हम तो इतने दिनों से ये पॉइंट मिस कर रहे थे!”

“बहुत धन्यवाद बताने के लिए.” विक्रम गुस्से में बोला --- व्यंग्य तो ये था ही! केशव भी अपनी हँसी रोकने के लिए सिर झुका कर होंठों को दांतों में भींच लिया.

अब इससे पहले की तीनों में से कोई कुछ कहता; कि तभी फ़ोन की घंटी बज उठी....

बड़े साहब का कॉल था,

उठाते ही बोले,

“हैलो विक्रम --- सुनो, एक ज़रूरी काम है ---- तुम्हें एक एड्रेस दे रहा हूँ --- तुम तुरंत; अभी के अभी वहाँ पहुँचो --- अपनी टीम के साथ, ओके?”

“यस सर... सर, काम क्या ....”

“वही बताने जा रहा हूँ --- ध्यान से सुनो और एड्रेस नोट कर लो.”

“यस सर.”

कहते हुए विक्रम ने हाथ के इशारे से राम बहादुर और केशव को जाने के लिए कहा.

इसके बाद बड़े साहब कहते गए और विक्रम बड़े ध्यान से सुनता गया. एड्रेस भी जल्दी नोट कर लिया.

सब बताने और समझाने के बाद साहब बोले,

“सब समझ लिया न तुमने; देखो, हाई प्रोफाइल मैटर है --- बहुत अच्छे से सम्भालना होगा तुम्हें.”

“यस सर.”

“एड्रेस नोट किया?”

“यस सर.”

“ओके फ़िर --- जल्दी निकलो --- जा कर मामले को देखो और वापस आते ही मुझे रिपोर्ट करना. नाओ गो!”

“यस सर.”

बड़ी तत्परता से उत्तर दे कर विक्रम फ़ोन को क्रैडल पर रख कर अपनी सीट से उठा और राम बहादुर को गाड़ी निकालने को बोला. जब तक राम बहादुर गाड़ी निकाल रहा था; फाइलों के ढेर के बीच से विक्रम एक पुराना फाइल निकाल कर उसके कुछ पन्नों को पढ़ा और एक कागज़ में कुछ बातों को नोट कर के वहाँ से निकल गया.


----------


उधर, हॉस्पिटल के बाहर काफ़ी भीड़ थी...

ख़ास कर स्टूडेंट्स की --- क्योंकि आज देव की हॉस्पिटल से छुट्टी हो रही थी --- बात थोड़े दिनों की थी पर पूर्ण स्वस्थता को ध्यान में रखते हुए उसे हॉस्पिटल में ही रहने की हिदायत दी गई थी. खास कर उसके पापा के कहने पर. डॉक्टर साकेत ने भी उनका समर्थन किया था और देव को पूरी तरह से स्वस्थ न होने तक वहीं रहने की बात कही थी.

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस के अलावा कुछ पर्सनल सिक्यूरिटी गार्ड्स को भी हायर किया गया है आज.

देव जैसे ही हॉस्पिटल से निकला मीडिया कर्मियों की भीड़ उसकी ओर लपक पड़ी. सबने तरह तरह के प्रश्न किए --- जिनमें दो प्रश्न कॉमन रहे --- पहला, ‘आपको क्या लगता है किसने आप पर हमला किया या करवाया’ --- दूसरा, ‘हमला करने वालों के बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है; क्या कहना चाहेंगे आप इस बारे में.’

देव ने मुस्कराते हुए सभी प्रश्नों के अपने हिसाब से उत्तर दिया. स्टूडेंट्स की ओर से ढेर सारे पुष्पमाला मिले. साथ में ढेर सारी शुभकामनाएँ. जब प्रश्नों और भेंट करने वालों की संख्या बढ़ने लगी तब नेहा ने देव के पापा; मिस्टर आशुतोष जी के कहने पर पास खड़े सिक्यूरिटी गार्ड्स को बोल कर भीड़ में से रास्ता बनवाना शुरू किया और देव को कार में बैठा कर चली गई. पीछे आशुतोष जी सबके प्रश्नों के उत्तर देने और बीच बीच में हाथ जोड़ कर सबका आभार जताते हुए विदा लेने के लिए कहते रहे.

इधर दूर एक दुकान के सामने खड़ी तन्वी ये सब कुछ देख रही थी --- देव को स्वस्थ हो कर बाहर निकलते देख बहुत खुश हुई --- होंठों पर एक स्वीट सी स्माइल और चेहरे पर एक ऐसी चमक थी जैसे किसी छोटे बच्चे को उसके मन का खिलौना मिल गया हो.

कोल्ड ड्रिंक खत्म कर उसका पैसा चुकता कर के पास खड़ी अपनी लेडीबर्ड साइकिल पर बैठ कर एक ओर चली गई....

बेचारी को ये नहीं पता था कि दुकान से कुछ दूरी पर स्थित एक पान दुकान के पास खड़े दो लोग उस पर नज़र जमाए थे --- तन्वी के वहाँ से निकलते ही दो में से एक ने मोबाइल निकाल कर किसी को कॉल किया...

उधर लगभग उसी समय कार के बैक सीट में देव के साथ बैठी नेहा के पर्स में रखा मोबाइल बज उठा --- नेहा रिसीव की --- दो बार ‘हूँ-हूँ’ की --- तीसरे बार में सिर्फ़ इतना ही बोली,

“हम्म, ठीक है --- रहने दो --- अभी कोई फ़ायदा नहीं --- बाद में देखा जाएगा.”

कह कर दूसरी ओर से कुछ सुना बिना ही कॉल डिसकनेक्ट कर दी.

पास बैठा देव पूछा,

“किसका फ़ोन था?”

“वर्क रिलेटेड.”

कह कर प्यार से मुस्कराती हुई नेहा देव के कंधे पर सिर दी. धीरे से बोली,


“वेलकम बैक.”


देव मुस्करा कर नेहा का एक हाथ थाम लिया.
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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ye ladki tanvi kaafi suspense full kirdaar.... kahi ye koi ruh to nahi.... btw abhi tak jo ghatanaye ghati hai usse lage ki sach mein ruh hi hai wo par kya pata aage jaake kuch aur hi nikle... waise ek baat to tay hai dev ki jindagi mein ek badlav aane ko hai ek tufan ke sath... Waise Protection ke liye wo ruh to hai dev ke sath.... par jo insaani dusman hai wo ab bhi parde ke piche se hi waar kar rahe hai... jaise ki ye do log jo tanvi par nazar gadaye khade the... ho na ho ye log isliye tanvi ka picha kar rahe hai just because usne dev ki jaan bachayi...
Khair..... bahot suspense create ho rahe hai... kayi sawal uth khade huye hai... shayad waqt ke sath pata chale saari baatein..
Khair... Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills writer sahab :applause: :applause:
 

Moon Light

Prime
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Hello dear :hello:

This message is sent on behalf of XF admin team.
You are one of the best writers of XFORUM. And your story is also going very well. So we request you to write a short story for USC.
I hope aapki mehnat aur imagination is contest mein Char Chand laga degi aur XFORUM ke deewano ki list din doguni aur raat chauguni badhati rahegi, aur hum XF ko ek next level tak lekar jaayenge.Even Iss baar winners k liye
Cash Prizes bhi hain jo hum pehli baar leke aae hain so make sure you write a masterpiece.

Jaise ki aap sabhi Jante Hain is baar Hum USC contest chala rahe hain aur Kuch Din pahle hi Humne Rules & Queries Thread ka announce kar diya tha aur ab Ultimate Story Contest ka Entry Thread air kar diya hai jo 25th February 2022, 11:59 PM ko close hoga.

Khair ab main point par aate hain, jaisa ki entry thread aired ho chuka hai isliye aap sabhi readers aur writers se meri personally request hai ki is contest mein aap jarur participate kare aur apni kalpnao ko shabdon ka rasta dikha ke yaha pesh kare ho sakta hai log use pasand kare.
Aur jo readers nahi likhna chahte wo bakiyo ki story padhke review de sakte hai mujhe bahut khushi hogi agar aap is contest mein participate lekar agar Review likhenge.

Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunhara avsar hai isliye aage bade aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Ye ek short story contest hai jisme Minimum 700 words aur maximum 7000 words tak allowed hai itne hi words mein apni story complete karni hogi, Aur ek hi post mein complete karna hai aur Entry Thread mein post karna hai.

I hope you will not disappoint me and participate in this ultimate story contest and write your story.


Apni story post karne ke liye is thread ka use kare ~ Entry Thread
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Rules check karne ke liye is thread ko dekho ~
Rules & Queries Thread
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Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare ~
Review Thread
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Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare ~
Chit Chat Thread
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Aur aapne jo story likhi hai uske words count karne ke liye is tool ka use kare ~ Characters Tool


Prizes

Position​
Benifits​
Winner​
1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)​
1st Runner-Up​
500 Rupees +2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)​
2nd Runner-UP​
5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership​
Best Supporting Reader​
Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership​
Members reporting CnP Stories with Valid Proof​
200 Likes for each report​


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:thanks:
On Behalf of Admin Team
Regards - XForum Staff.
 
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