Update-4
घर जाते वक्त विशाल बुआ के साथ उस दिन के बारे में सोच रहा था जब उन दोनों के इस रिश्ते। की शुरुआत हुई थी।।( अब कहानी विशाल की जुबानी चलेगी)
Flash Back.... विशाल के एग्जाम कंप्लीट हो चुके थे और कॉलेज की छुट्टियां थी और बुआ को मुंबई में डॉक्टर्स की एक कॉन्फ्रेंस में जाना था. तो उन्होंने कंपनी के लिए मुझको साथ में ले लिया था। बुआ ने आकर्षक साड़ी पहन रखी थी।जिसमें उनके यौवन का अंग अंग निखर रहा था।
मैं बुआ के साथ प्लेटफॉर्म पर पहुंचा और ट्रेन के आने का इन्तजार कर रहा था.
ट्रेन समय पर आई और हम उसमें सवार हो गए।हमारी रिजर्वेशन फर्स्ट एसी में थी और हमारी कंपार्टमेंट में बस 2 ही बर्थ थी। बुआ की और मेरी। तो फुल प्राइवेसी थी।
अंदर ट्रेन के कंपार्टमेंट में बुआ जिस समय झुक कर अपना सूटकेस सीट के नीचे रख रही थी , उनकी साड़ी का पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
मेरी नज़रें उनके मम्मों पर जा पड़ीं और एकदम गोरे गोरे बूब्स देख कर मेरा लंड में हलचल शुरू हो गई.
अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ी और वो मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखने लगी थीं.
थोड़ी देर बाद बुआ ने कुछ निकलने के लिए अपना सूटकेस निकलने के लिए झुकी तो एक बार फिर से उनका पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
एक बार फिर से जलजला आ गया और उनके दूध मेरी नज़रों के सामने जलवा बिखेरने लगे थे.
मैं बुआ के मम्मों को निहार रहा था.
अचानक बुआ ने अपना मुँह मेरी ओर किया और मेरी नज़रों को पकड़ लिया.
फिर वो मेरे हाथ की ओर देखने लगीं.
बुआ हल्के से मुस्कुराईं और मुझसे बोलीं- ज़रा ये बैग बाहर निकालना, बहुत भारी है.
मैं- जी ओके बुआ.
फिर मैं नीचे बैठ गया और बैग को पुल करके सीट के नीचे से निकाल दिया. फिर बुआ ने उसमें से टिकट्स और आई डी कार्ड निकाला और हैंडबैग में रख लिया।
थोड़ी देर बाद बुआ ने अपने हैंडबैग से पानी की बोतल निकाली और पानी पीने लगीं.
कुछ पानी बुआ के गले में गया और कुछ उनके बूब्स पर गिरने लगा.
मेरा पूरा ध्यान बुआ की ऊपर नीचे होती छाती पर था.
बुआ के चूचे उनकी हर सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.देख देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी।
बुआ ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए पूछा
बुआ- तू तो बहुत हैडसम हो गया है?
मैं- आप भी तो बहुत खूबसूरत हो!
बुआ- मैं खूबसूरत हूँ? मुझमें ऐसा क्या अच्छा है?
मैं- आप तो सिर से पैर तक खूबसूरत हो!
बुआ- अच्छा … मुझमें ऐसा क्या है जो तुझे अच्छा लगता है?
मैं- सब कुछ.
बुआ- सच सच बता, तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैं- आप सब जानती हो.
बुआ- तू बता ना … तुझे क्या अच्छा लगता है. मैं किसी को नहीं बताऊंगी.
मैं: नहीं बुआ आप बुरा मान जाओगी।
बुआ: नहीं मानूंगी, प्रोमिस।
मैं हिचकिचाते हुए : मु...मुझे आपके बूब्स और च...चूतड दोनों बहुत अच्छे लगते हैं.
बुआ- हम्म … लड़का जवान हो गया है …
मैं- आपका फिगर भी बहुत सेक्सी है.
नेहा- मेरा फिगर तो एकदम तेरी मम्मी के जैसा है.
मैं- वो तो मुझे पता नहीं, पर आप बहुत सेक्सी लगती हो.
बुआ- तभी तो कहा कि तू एकदम जवान हो गया है और बहुत गलत नज़रों से सभी औरतों को देखता होगा.
मैं- सबको तो नहीं देखता और अब आप हो ही इतनी खूबसूरत कि किसी भी आदमी का पैर फिसल सकता है.
बुआ- पर तेरा तो कुछ और ज़रूर फिसलता दिख रहा है. कहकर बुआ ने एक नजर मेरी पेंट पर लन्ड वाली जगह पर डाली जहां में हाथ में मोबाइल रख कर लंड का इरेक्शन छुपाने की कोशिश कर रहा था।
ये शब्द बोल कर बुआ जोर जोर से हंसने लगीं.
मैने भी थोड़ा खुलते हुए
अपने एक हाथ से बुआ के बाजू को पकड़ लिया.
बातों बातों में बुआ के साड़ी का पल्लू उनके कंधे से फिर सरक ग़या और बुआ के बूब्स के दर्शन होने लगे.इस बार बुआ ने उसे ऊपर नहीं किया।
बुआ ने ब्लैक कलर का स्लीवलैस, डीप गले का ब्लाउज पहना हुआ था.बुआ भी मेरी ओर देख रही थीं.
बुआ- विशाल मैं आती हूं यार … मुझे बहुत ज़ोर से सुसु आ रही है.
मैं- ठीक है बुआ,
बुआ मेरे आगे से निकल कर चली गई . मैने बुआ की तरफ देखा,उनकी गांड कमाल की मटक रही थी.
जब बुआ बाथरूम से निकल कर आ रही थी तो दो शराबी वहां गेट के पास बैठे हुए थे जो बुआ को देखकर भद्दे कमेंट करने लगे। बुआ ने उनमें से एक को थप्पड़ लगाने के लिए हाथ उठाया तो उन्होंने बुआ का हाथ पकड़ लिया बुआ ने मुझे आवाज लगाई और मैं भागा भागा गया और एक एक जोरदार पंच लगाया दोनों को। दोनों जमीन पे गिर पड़े और फिर भीड़ इकठ्ठा हो गई ,अगले स्टेशन पे भीड़ ने पकड़कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया और ट्रेन अपने गंतव्य की और फिर चल पड़ी ।
बुआ थोड़ी सी डरी हुई थीं. मैं बुआ के बर्थ पे ही बैठा हुआ था।
मैंने अपना एक हाथ बुआ की कमर में रखा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया बुआ तुरंत मुझसे लिपट गईं और उनका बदन सिहरने लगा था.
मैंने बुआ को अपने शरीर से लिपटा लिया और धीरे से उनके कान में बोला- चिंता मत करो बुआ, मैं तुम्हारे साथ हूँ.
नेहा- थैंक्स विशाल.
मैं- योर वेलकम कहते हुए
मैंने अपना एक हाथ बुआ के कंधे पर रख दिया.
बुआ का ब्लाउज स्लीवलैस था, जिसके कारण मेरे हाथ की गर्मी बुआ के बदन को गर्मा रही थी.
बुआ ने आँखें बंद कर ली शायद सोने की कोशिश करने लगी थी।
मैंने धीरे से अपना हाथ, जो बुआ के कंधे पर रखा था … उनके पेट पर रख दिया और उन्हें अपने शरीर से एकदम से सटा लिया.
अब मेरा खड़ा लंड बुआ की जांघ में टच हो रहा था.
बुआ कसमसा रही थी।
मैंने अपने दोनों हाथ बुआ के मम्मों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा.
बुआ की ओर से कोई विरोध ना पाकर मेरा साहस एकदम से बढ़ गया और मैंने
बुआ के बदन को अपने आलिंगन में भर लिया ।बुआ को शायद अपने बदन में
मेरे खड़े लंड की चुभन महसूस हुई होगी
हमारी उत्तेजना अब चरम पे थी।अचानक बुआ ने अपने होंठ मेरे होठों से लगा लिए ।
कुछ देर तक हम दोनों का passionate चुम्बन चलता रहा ।
थोड़ी देर बाद मैने अपने होंठ अलग किये और फिर अपने दोनो हाथों से बुआ की साड़ी उनकी कमर से निकाल कर नीचे ज़मीन पर डाल दी.
अब बुआ सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
बुआ ने भी अपना हाथ नीचे की ओर बढ़ाया और मेरे लंड को मेरी पैंट पर से ही सहलाने लगीं.
मैंने तुरंत अपने एक हाथ से बुआ के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो बुआ के चरण स्पर्श करने लगा.
अब बुआ मेरी ओर घूम गईं और उनकी गोलाइया मेरी नजरों के सामने थी।
मैंने तुरंत बुआ के मम्मों को मसलना शुरू कर दिया और बुआ के ब्लाउज को खोल कर अलग कर दिया.
मेरी बुआ मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में खड़ी थीं. मैने ब्रा के ऊपर से ही किसिंग शुरू कर दी
फिर
उन्होंने अपने हाथ अंगड़ाई की मुद्रा में ऊपर किए तो मैंने बुआ की ब्रा का हुक खोल दिया और उसे उनकी साड़ी व पेटीकोट के साथ रख दिया.
बुआ के 36 साइज़ के तने हुए चूचे देख कर मेरा लंड अंडरवियर में कड़क होने लगा.
बुआ ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरी पैंट का बेल्ट खोल दिया, पैंट को मेरे पैरों में गिर जाने दिया.
मैंने तुरंत अपनी टी-शर्ट को भी उतार दिया।
बुआ ने अपने एक हाथ से मेरी अंडरवियर को नीचे की ओर खींच दिया.
मैंने भी समय नष्ट नहीं करते हुए बुआ की पैंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे.
मैंने बुआ को लिटा दिया और उनके मम्मों को बारी बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
बुआ- आह विशाल … ज़रा धीरे करो … जब तुम इतने जोर से चूसते हो तो बहुत दर्द होता है यार!
मैं- इतने खूबसूरत बूब्स जब सामने हों तो कंट्रोल नहीं होता है. बुआ मेरी जान आपके बूब्स, गांड की तरह बहुत खूबसूरत हैं.
बुआ बोली- तू तो बड़ा pervert लगता है!
बातों बातों में मैंने अपनी एक उंगली बुआ की चूत में डाल दी और बुआ एकदम से उछल पड़ीं- आह कमीने … ज़रा धीरे कर ना.
मैंने बुआ की दोनों टांगों को फैलाया और अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया.
बुआ की चूत एकदम सफाचट और एकदम शीशे की तरह साफ़ थी.
मेरे चूमते ही बुआ एकदम से उछल पड़ीं और अपने एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.
मैं भी बुआ की चूत की सुगंध पाकर एकदम मदहोश हो गया था और अपनी जीभ को उनकी चूत के अन्दर डालने का प्रयास कर रहा था.
बुआ ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं और कुछ ही पलों में उनके पैर अकड़ने लगे.
मैं समझ गया कि बुआ झड़ने वाली हैं. मैंने अपनी जीभ को बुआ की चूत में और अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.
मैंने देखा कि बुआ एकदम से ढीली पड़ गईं और उन्होंने अपने शरीर को निढाल छोड़ दिया..
2nd vote
मैंने टांगों से उठ कर अपना लंड बुआ के मुँह के पास रखा और उसे अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.
बुआ ने एक गहरी साँस ली और अपने होंठ सुपाड़े पर रख दिये और उसका चुम्बन लिया ।
फिर अपना मुंह खोलकर सुपाड़े को अंदर ले लिया ।
और मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
बुआ जिस समय मेरा लंड बड़े मज़े से चूस रही थीं, तभी मैंने 69 में आकर बुआ की चूत पर अपना मुँह लगा दिया और फिर से चूत चाटने लगा.
अब बुआ से कंट्रोल नहीं हो रहा था.
बुआ: अब तू अपना लंड मेरी चूत में डाल दे, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.
मैं- थोड़ा धीरज रखो मेरी जान.
इतना बोल कर मैं बुआ की चूत को किसी कुत्ते की तरह से चाटने लगा.
कुछ समय बाद मैंने अपना लंड बुआ के मुँह से निकाला और बुआ की चूत के होंठों पर रगड़ने लगा.
बुआ- अब और कितना तड़पाएगा … आह जल्दी से डाल दे मेरी चूत में अपना लंड. कई साल से यह जमीन प्यासी है।
मैं- जान अब ये लंड रोज़ आपकी चुदाई करेगा … और आपकी बंजर ज़मीन पर अपने बीज से फसल उगाएगा.
इतना बोल कर मैंने अपने लंड का सुपारा बुआ की चूत के मुँह पर रख दिया और बुआ कसमसाने लगीं.
कुछ सेकेंड रुक कर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा.
मगर चिकनाई की वजह से मेरा लंड स्लिप हो गया और निशाना चूक गया.
मैंने तुरंत अपने लंड पर बुआ की चूत का पानी लगाया और बड़ी सावधानी से लंड के टोपे को उनकी चूत में घुसा दिया.
बुआ की आंखों से आंसू बहने लगे थे.
मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा तीन चौथाई लंड बुआ की चूत को चीरता हुआ अन्दर प्रवेश कर गया.
बुआ ज़ोर से चीख पड़ीं और कराहने लगीं- आह मर गई … आह जल्दी से बाहर निकाल इसे … मेरी चूत फट जाएगी.
मैं- मेरी जान धीरज रखो … थोड़े समय में आपको स्वर्ग का मज़ा मिलेगा.
बुआ- तुमने मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया है … मेरी चूत लहूलुहान हो गयी है.
मैं- मेरी जान ये दर्द तो कुछ ही समय का है, इसके बाद जो मज़ा आएगा, वो जीवन भर रहेगा.
कुछ समय तक मैं ऐसे ही शांत पड़ा रहा और फिर से एक और ज़ोरदार झटका मार कर पूरा लंड बुआ की चूत में पेल दिया.
बुआ दर्द से छटपटाने लगीं और अपना सिर इधर उधर करने लगीं.
मैं कुछ समय तक शांत पड़ा रहा और जब बुआ का छटपटाना कम हुआ, तो मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
कुछ समय तक मैं धीरे धीरे बुआ की चुदाई करता रहा.
बुआ - आह अब मज़ा आ रहा है.
मैं- बुआ आपकी चूत तो एकदम कुंवारी लड़की की तरह टाइट है.
बुआ से बातें करते समय मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और बुआ की सिसकारियां भी बढ़ गईं.
कोई 15 मिनट तक मैं बुआ को धुंआधार चोद रहा था.
अब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया और बुआ के पैर अकड़ने लगे.
हम दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे और तभी मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी.
बुआ भी झड़ गईं.
कुछ समय तक हम दोनों उसी अवस्था में पड़े रहे.
उसके पश्चात हम एक दूसरे से अलग हुए.। उसके बाद तो उस पूरे टूर पे हमने कई बार चुदाई की। इसके बाद से ही ये सिलसिला लगातार चल रहा है। इतना सोचते सोचते ही विशाल का घर आ गया और वह गाड़ी पार्क करने लगा..
~Flashback ends~