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हाय फ्रेंड्स मेरा नाम अनुज है ये मेरी पहली स्टोरी है मेरी उम्र 30 साल है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और दिल्ली मैं ही एक अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता हूँ मेरी शादी एक साल पहले कानपुर की रहने वाली शिप्रा के साथ हुई शिप्रा की 2 शादीशुदा बहनें कंचन (उम्र 32), प्रीति (उम्र 28) और 2 छोटी कुँवारी बहनें कामिनी (उम्र 20),प्रिया (उम्र 18) और एक छोटा भाई अरुण (उम्र 16) है जो दिल्ली मैं ही एक हॉस्टल मैं रहकर पढ़ रहा है आज मैं आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची घटना है और ये शिप्रा से शादी से पहले और बाद की पहली चुदाई की कहानी है इससे पहले मैने किसी और लड़की को कभी नही चोदा था.
शिप्रा की सबसे बड़ी बहन कंचन की शादी जयपुर के रहने वाले सतीश के साथ कम उम्र मैं ही हो गयी थी उसके एक लड़की भी है जिसका नाम अकांशा (उम्र 13) है शिप्रा की सभी बहनों मैं कंचन और प्रिया सबसे सुंदर हैं दोनो ही किसी मॉडल/एक्ट्रेस से कम नही लगती हैं सतीश और कंचन हम दोनो को हमेशा जयपुर घूमने के लिये बुलाते रहते थे लेकिन हमें दिल्ली की बिज़ी लाइफ मैं समय ही नही मिलता था लेकिन इस बार की गर्मियों मैं मैने शिप्रा के काफ़ी कहने से 5 दिन की छुट्टी ले ली और जयपुर के लिये रवाना हो गये हमने जैसे ही उनके घर पहुँचकर डोर बेल बजाई कंचन और सतीश बाहर आये और कंचन शिप्रा से गले मिली और मैं सतीश से तभी मुझे मज़ाक सूझा और मैं सतीश से मिलने के बाद कंचन से मिलने के लिये आगे बढ़ा तो कंचन डर गयी ये देखकर सतीश बोला मिल लो अनुज तुम कंचन से मिल लो मैं शिप्रा से मिल लेता हूँ क्या हुआ दोनो ही एक दूसरे की सालीयां हैं और शिप्रा की तरफ बढ़ने लगा.
इस हरकत को देखकर दोनो ही शरमा गयी और कंचन, शिप्रा को ये बोलते हुये अंदर ले गयी की ज़्यादा मस्ती आ रही है क्या?.सतीश बोला- क्या करें तुम दोनो बहनें हो ही इतनी मस्त इसके बाद उन्होने हमें अपने कमरे से लगा हुआ एक कमरा दिखाया और कहा की ये आप लोगों कमरा है आप लोग बहुत थक गये होगे आराम करो कंचन बोली मैं आपके लिये जब तक कुछ खाने को लाती हूँ मैने कहा हम लोगों ने रास्ते मैं खा लिया था आप बस एक कप चाय ले आओ कंचन बोली ठीक है और कुछ देर बाद चाय लेकर रूम के दरवाजे पर आ गयी.
जब वो चाय लेकर आई तो मैं रूम मैं अकेला था शिप्रा बाथरूम गयी थी वो जैसे ही अंदर आई मैं उसे घूरकर देखने लगा आख़िर थी ही वो इतनी सुंदर लेकिन शिप्रा की उपस्थिति मैं घूरने का मौका नही मिल पा रहा था मैं उसके 36-28-36 जिस्म को देखे ही जा रहा था और वो मुझसे नजरे चुरा रही थी कंचन की लम्बाई 5’7”है एकदम गोरी, बड़ी बड़ी आँखों वाली, सेब जैसे गाल, शरीर पूरा भरा हुआ है सतीश उसके सामने कहीं भी नही टिकता सतीश की लम्बाई 5’6” और थोड़ा मोटा है कंचन दरवाजे से मेरे पास तक आ गयी लेकिन मैने नज़र उसके बूब्स से नही हटाई वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली-अनुज चाय पी लो मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर कहा-चाय तो पीनी ही पड़ेगी आजकल दूध कहाँ मिलता है वो समझ गयी और डर कर बोली मैं चलती हूँ आप आराम करो वो चली गयी और हम लोग शाम तक आराम करते रहे.
शाम को हम सभी लोग बैठकर इधर उधर की बातें और मज़ाक करते रहे कंचन ने शाम को नाइट सूट और शिप्रा ने स्कर्ट टॉप पहन रखा था इस दौरान मैने देखा की सतीश बातें करते करते मेरी बीवी को बहुत बुरी तरह से घूरता था और शिप्रा भी उसके इरादे समझ कर सतीश से नज़रें चुरा रही थी सतीश को देखकर मैने भी कंचन को घूरना शुरू कर दिया था हमें बातें करते करते रात के 8 बज गये सतीश ने कहा अनुज चलो यार काफ़ी दिनो बाद मिले हैं चलो एक-एक पैक लेते हैं तो मैने कहा-नही यार तुम पीओ क्योकी मैं नही के बराबर लेता था कभी कभी तो वो शिप्रा की तरफ देखते हुये बोला शिप्रा इजाज़त दे दो तो शिप्रा बोली-मेरी इजाज़त की क्या ज़रूरत है पी लो दोनो लोग इसको डबल मीनिंग से और शिप्रा के बूब्स की तरफ निगाह गड़ाते हुये सतीश बोला-ये दूध नही है जो इजाज़त ना लेनी पड़े इसमें तो इजाज़त लेनी पड़ेगी अनुज को और हम तो बिना इजाज़त के दूध भी नही पी सकते हैं.
कंचन,मैं और शिप्रा तीनो समझ गये की सतीश किस दूध की बात कर रहा है आज से पहले कभी उसने ऐसा मज़ाक नही किया था सतीश ने कंचन को भी कहा की कंचन प्लीज़ आज हम सब लोग एक साथ मिलकर पीते हैं थोड़ी थोड़ी जिससे ये लोग भी जयपुर विज़िट को याद रखें की कुछ नया हुआ था कंचन को शराब से दुश्मनी थी लेकिन सतीश ने उसे कसम देकर बैठा ही लिया शायद कंचन भी इसलिये मान गयी क्योकी उसे लग रहा था की मना करने से सतीश से उसका झगड़ा हो सकता है इसके बाद शिप्रा भी बिना ना-नुकुर किये हमारे पास आकर बैठ गयी सतीश दो बोतल, एक वोड्का की और एक रॉयल चेलेंज की निकाल लाया और कंचन से झूठ बोला- ये वोड्का की बोतल है इसमें बहुत कम नशा होता है.
टेबल पर दो स्

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शिप्रा की सबसे बड़ी बहन कंचन की शादी जयपुर के रहने वाले सतीश के साथ कम उम्र मैं ही हो गयी थी उसके एक लड़की भी है जिसका नाम अकांशा (उम्र 13) है शिप्रा की सभी बहनों मैं कंचन और प्रिया सबसे सुंदर हैं दोनो ही किसी मॉडल/एक्ट्रेस से कम नही लगती हैं सतीश और कंचन हम दोनो को हमेशा जयपुर घूमने के लिये बुलाते रहते थे लेकिन हमें दिल्ली की बिज़ी लाइफ मैं समय ही नही मिलता था लेकिन इस बार की गर्मियों मैं मैने शिप्रा के काफ़ी कहने से 5 दिन की छुट्टी ले ली और जयपुर के लिये रवाना हो गये हमने जैसे ही उनके घर पहुँचकर डोर बेल बजाई कंचन और सतीश बाहर आये और कंचन शिप्रा से गले मिली और मैं सतीश से तभी मुझे मज़ाक सूझा और मैं सतीश से मिलने के बाद कंचन से मिलने के लिये आगे बढ़ा तो कंचन डर गयी ये देखकर सतीश बोला मिल लो अनुज तुम कंचन से मिल लो मैं शिप्रा से मिल लेता हूँ क्या हुआ दोनो ही एक दूसरे की सालीयां हैं और शिप्रा की तरफ बढ़ने लगा.
इस हरकत को देखकर दोनो ही शरमा गयी और कंचन, शिप्रा को ये बोलते हुये अंदर ले गयी की ज़्यादा मस्ती आ रही है क्या?.सतीश बोला- क्या करें तुम दोनो बहनें हो ही इतनी मस्त इसके बाद उन्होने हमें अपने कमरे से लगा हुआ एक कमरा दिखाया और कहा की ये आप लोगों कमरा है आप लोग बहुत थक गये होगे आराम करो कंचन बोली मैं आपके लिये जब तक कुछ खाने को लाती हूँ मैने कहा हम लोगों ने रास्ते मैं खा लिया था आप बस एक कप चाय ले आओ कंचन बोली ठीक है और कुछ देर बाद चाय लेकर रूम के दरवाजे पर आ गयी.
जब वो चाय लेकर आई तो मैं रूम मैं अकेला था शिप्रा बाथरूम गयी थी वो जैसे ही अंदर आई मैं उसे घूरकर देखने लगा आख़िर थी ही वो इतनी सुंदर लेकिन शिप्रा की उपस्थिति मैं घूरने का मौका नही मिल पा रहा था मैं उसके 36-28-36 जिस्म को देखे ही जा रहा था और वो मुझसे नजरे चुरा रही थी कंचन की लम्बाई 5’7”है एकदम गोरी, बड़ी बड़ी आँखों वाली, सेब जैसे गाल, शरीर पूरा भरा हुआ है सतीश उसके सामने कहीं भी नही टिकता सतीश की लम्बाई 5’6” और थोड़ा मोटा है कंचन दरवाजे से मेरे पास तक आ गयी लेकिन मैने नज़र उसके बूब्स से नही हटाई वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली-अनुज चाय पी लो मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर कहा-चाय तो पीनी ही पड़ेगी आजकल दूध कहाँ मिलता है वो समझ गयी और डर कर बोली मैं चलती हूँ आप आराम करो वो चली गयी और हम लोग शाम तक आराम करते रहे.
शाम को हम सभी लोग बैठकर इधर उधर की बातें और मज़ाक करते रहे कंचन ने शाम को नाइट सूट और शिप्रा ने स्कर्ट टॉप पहन रखा था इस दौरान मैने देखा की सतीश बातें करते करते मेरी बीवी को बहुत बुरी तरह से घूरता था और शिप्रा भी उसके इरादे समझ कर सतीश से नज़रें चुरा रही थी सतीश को देखकर मैने भी कंचन को घूरना शुरू कर दिया था हमें बातें करते करते रात के 8 बज गये सतीश ने कहा अनुज चलो यार काफ़ी दिनो बाद मिले हैं चलो एक-एक पैक लेते हैं तो मैने कहा-नही यार तुम पीओ क्योकी मैं नही के बराबर लेता था कभी कभी तो वो शिप्रा की तरफ देखते हुये बोला शिप्रा इजाज़त दे दो तो शिप्रा बोली-मेरी इजाज़त की क्या ज़रूरत है पी लो दोनो लोग इसको डबल मीनिंग से और शिप्रा के बूब्स की तरफ निगाह गड़ाते हुये सतीश बोला-ये दूध नही है जो इजाज़त ना लेनी पड़े इसमें तो इजाज़त लेनी पड़ेगी अनुज को और हम तो बिना इजाज़त के दूध भी नही पी सकते हैं.
कंचन,मैं और शिप्रा तीनो समझ गये की सतीश किस दूध की बात कर रहा है आज से पहले कभी उसने ऐसा मज़ाक नही किया था सतीश ने कंचन को भी कहा की कंचन प्लीज़ आज हम सब लोग एक साथ मिलकर पीते हैं थोड़ी थोड़ी जिससे ये लोग भी जयपुर विज़िट को याद रखें की कुछ नया हुआ था कंचन को शराब से दुश्मनी थी लेकिन सतीश ने उसे कसम देकर बैठा ही लिया शायद कंचन भी इसलिये मान गयी क्योकी उसे लग रहा था की मना करने से सतीश से उसका झगड़ा हो सकता है इसके बाद शिप्रा भी बिना ना-नुकुर किये हमारे पास आकर बैठ गयी सतीश दो बोतल, एक वोड्का की और एक रॉयल चेलेंज की निकाल लाया और कंचन से झूठ बोला- ये वोड्का की बोतल है इसमें बहुत कम नशा होता है.
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