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Adultery ladies tailor ( Completed )

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मैं लहंगा चोली सिलवाने सबसे मशहूर टेलर के पास गयी. पर वो टेढ़े मिजाज का था. मैं जींस टॉप पहनकर गयी थी तो उसने कहा इन कपड़ों में मेरा नाप नहीं लिया. तो उसने क्या किया?


आप सभी को मेरा नमस्कार. मैं अंजलि शाह हूँ. मैं अपने कॉलेज की एक दिलकश हसीना हूँ और मुझे चोदने के लिए लौंडों की लाइन लगी रहती है. मैं भी एक लंडखोर लड़की हूँ और मुझे एक ही लंड से चुदने में मजा नहीं आता है. इसलिए मैं ज्यादा दिन एक लंड से बंधी नहीं रहती हूँ.


मेरी सेक्स कहानी में चुत चुदाई का रस कुछ यूं है कि पिछले साल हमारे कॉलेज में दीवाली के अवसर पर बीस अक्टूबर को एक कार्यक्रम किया जा रहा था, जिसमें मुझे लहंगा चोली पहन कर एक आइटम डांस करना था.


मैंने 16 तारीख तक बहुत कोशिश की कि बना बनाया मिल जाए, पर नहीं मिला.


मैंने मॉम से कहा, तो मॉम ने कपड़ा लाकर दिया और कहा- कल मोहन भाई के पास जाकर नाप दे आना, वो दो दिन में सिल देगा.
मैंने मॉम से कहा- ठीक है.


मोहन भाई शहर का एक बड़ा मशहूर लेडीज टेलर था, मगर वो जरा टेढ़े मिजाज का टेलर था.


अगले दिन मैं डेढ़ बजे मोहन टेलर की दुकान पर गई. उसकी दुकान बड़ी थी. काफी कारीगर काम करते थे.


जब मैं गई तब दुकान पर लंच टाईम हुआ था, तो सब लोग जा रहे थे. मैंने उस समय एक शर्ट और जींस पहनी थी. मैंने उसको लहंगा चोली सिलने की बात कही.


इस पर मोहन भाई ने मुझे देखते हुए कहा- इन कपड़ों में लहंगा चोली का नाप नहीं होता.
मैंने कहा- मोहन भाई प्लीज. मॉम ने कहा था कि आप सिल दोगे.
उसने कहा- ठीक है … तुम अन्दर जाओ और ट्रायल रूम के बाहर वाले कमरे में बैठो … मैं वहीं आता हूं.


मैं अन्दर गई. उस रूम में एक लम्बा सोफ़ा पड़ा था. थोड़ी देर में मैंने शटर गिरने की आवाज सुनी और अगले ही पल मोहन भाई कमरे में आ गया.


मोहन भाई 30-32 साल का रहा होगा. उसने कहा- ये सब मैं तेरी मां की वजह से कर रहा हूं … वरना वापस भेज देता.
मैंने राहत की सांस ली और शुक्रिया की नजरों से टेलर मास्टर को देखा.


उसने पूछा- कैसा लहंगा चोली सिलवाना है?
मैंने कहा- बैक लैस चोली डोरी के साथ और लहंगा कूल्हों से टाइट और नीचे घेरा वाला सिलवाना है.
उसने कहा- बैकलैस में ब्रा नहीं पहन सकते और इन कपड़ों में नाप नहीं हो सकता.
मैंने कहा- प्लीज मोहन भाई कुछ करो … मुझे 20 तारीख को पहनना है.


उसने कहा- ठीक है … अपनी शर्ट उतारो.
मैंने कहा- क्यों?
उसने कहा- क्या क्या … नाप लेना है … शर्ट में नाप नहीं लिया जा सकता.


मैं कुछ सोचने लगी.
तो उसने कड़क आवाज में कहा- दो दिन में चाहिये या नहीं!
मैंने कहा- हां हां दो दिन में ही चाहिए … ठीक है, मैं शर्ट उतारती हूँ.


ये कह कर मैंने शर्ट उतार दी. अन्दर ब्रा थी.


उसने मेरे दूध देखते हुए पूछा- बैकलैस चोली चाहिए न!
मैंने कहा- हां.
तो उसने कहा- ब्रा भी उतारो.
मैंने ‘नहीं..’ कहा … तो उसने गुस्से से कहा- भग बहन की लौड़ी यहां से … बड़ी आई … मोहन भाई को चूतिया समझ रही है.


उसकी इस बात से मैं डर गई और मैंने जल्दी से ब्रा उतार दी.


वो मेरे संतरों को भेड़िये की नजरों से देखने लगा. फिर उसने मेरे मम्मों को पकड़ा और इंची टेप से नाप लेने लगा. उसने कहा- तेरे दूध छोटे हैं … चोली में पैड लगेंगे, पूरी गोलाई हाथ से नापनी पड़ेगी.


मैं कुछ नहीं बोली.


उसने मेरे उल्टे हाथ की तरफ की चुची के चारों और इंची टेप लगाया … और चूची को नापा. फिर इसी तरह से सीधे हाथ की चुची की नाप ली.


उसने कहा- ब्रा लैस चोली में चूचुक खड़े होते हैं … वर्ना फिटिंग सही नहीं आती.
मेरे दोनों चूचुक तो दबे से थे.
उसने कहा- इन्हें रगड़ कर खड़ा करो.


अब तक मुझे इस खेल में सनसनी होने लगी थी. मुझे मोहन से चुदने की इच्छा होने लगी थी.


मेरे रगड़ने के बाद भी वो खड़े नहीं हुए. तो उसने मेरे चुची को कसके पकड़ा और दबा दिया. मेरे निप्पल फिर भी खड़े नहीं हुए.


वो मेरे पास आया और मेरे एक चूचुक को मुँह में लेकर चूसने लगा … मुझे बेहद चुदास सी फील हुई और मेरे चूचुक खड़े हो गए. हालांकि मैं मोहन की इस हरकत से एकदम से शॉक थी, पर न जाने क्यों मैंने उससे कुछ बोला नहीं.


फिर उसने कहा- अब तेरे लहंगे का नाप लेना है … जींस उतारो.
मैंने मना किया.
उसने कहा- तेरी मां की चूत … उतार साली, नहीं तो ऐसे ही भगा दूंगा.
मैंने जल्दी से जींस उतार दी.


जींस उतरते ही मैं केवल काले रंग की कच्छी में मोहन के सामने खड़ी थी.


उसने मेरा नाप लेना शुरू किया.


उसने कहा- तेरी गांड तो बहुत मोटी है.
मुझे बेहद सनसनी हो रही थी और मेरी चुत में रस आना शुरू हो गया था.


उसने मेरी कच्छी पर गीला निशान देखा और कहा- साली तेरी बुर तो पानी छोड़ रही है … देखूं तो सही.


ये कहते हुए उसने मेरी कच्छी नीचे खींच दी और अपना हाथ मेरी चूत पर डाल दिया.


मैं एकदम से गनगना उठी.


उसने मेरी चुत मसलते हुए कहा- बहन की लौड़ी … तू तो पका हुआ माल है.


ये कह कर उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया. चुत पर मर्द का मुँह लगते ही मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गई.


कुछ देर चुत चूसने के बाद वो खड़ा हुआ और मेरे एक चूचुक को मुँह में लेकर जोर से काटा.
मैंने उसे धक्का दे दिया.
उसने गुस्से में कहा- बहन की चूत, अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूं.


उसने अपना पजामा ढीला किया और उतार दिया. आठ इंच का काला लंड मेरे सामने हिनहिना रहा था. उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे नीचे बिठाते हुए कहा- तेरी मां की चूत साली रंडी … चल मेरे लंड को मुँह में डाल.


मैंने टेलर मास्टर का लंड अपने मुँह में डाला और चूसने लगी. वो मस्ती से कराहें भरने लगा.
थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद उसने कहा- अब उधर चल सोफे पर साली बहन की लौड़ी … कुतिया बन जा.


मुझे भी अब चुदवाने की चुल्ल हो उठी थी. मैं जल्दी से उल्टी होकर कुतिया बन गई. उसने पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और एक ही झटके में पूरा अन्दर तक पेल दिया.
मेरी चीख निकल गई. मैंने भी गाली बकना शुरू कर दी और उससे कहा- आह भैनचोद … मेरी चूत फाड़ दी मादरचोद … साले आराम के डाल.


उसने मेरे चूतड़ों पर दो चमाट खींच कर जड़ दिए और बोला- मां की लौड़ी … ऐसे ही लंड झेल.


उसने बेरहमी से लंड चुत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. वो बहुत तेज स्पीड से मुझे चोदने लगा. पांच मिनट में ही मेरी चुत से एक बार पानी निकल गया.


उसने मेरी चूत से लंड निकाला और आगे आकर मुँह में डाल दिया. वो लंड चुसवाते हुए मेरी गांड के छेद में उंगली करने लगा.


मैं उसका मोटा लंड चूसती रही. फिर उसने लंड मुँह से निकाला और पीछे आकर बहुत सारा थूक मेरी गांड के छेद पर थूक दिया. जब तक मैं सम्भलती, उसने एक ही झटके में मेरी गांड में लंड डाल दिया और गांड ठोकने लगा.


मैं कॉलेज में आगे पीछे दोनों तरफ से लंड ले चुकी थी, इसलिए मुझे चुत गांड मरवाने में कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन आठ इंच का मोटा लंड आज मैं पहली बार अपनी चुत गांड में ले रही थी. इससे मुझे दर्द होने लगा था.


साथ ही मेरी गांड कम चुदी होने की वजह से काफी टाइट थी, जिस वजह से मुझे काफी दर्द हो रहा था.


कुछ धक्कों के बाद मेरी गांड ने टेलर के मोटे लंड को झेल लिया था और अब मुझे गांड मराने में मजा आने लगा था. उसने मेरे दूध पकड़ कर मेरी गांड दबाकर चोदनी शुरू कर दी. कुछ ही देर में उसका सारा पानी मेरी गांड में ही निकल गया.


उसने अपना लंड गांड से निकाला और मेरे मुँह में देकर कहा- जल्दी से लंड साफ कर और कपड़े पहन ले.


मैंने लंड चूसा तो मुझे मोहन के माल का बड़ा मस्त स्वाद मिला. इसके बाद कपड़े पहनने के लिए अपनी ब्रा पैंटी उठाई, तो उसने कहा- अपनी ब्रा और कच्छी मुझको दे दे और भाग जा.


मैंने पूछा- लहंगा चोली कब दोगे?
उसने कहा- कल ट्रायल के लिए 12 बजे के करीब तेरे घर पर आऊंगा.
मैंने कहा- कल तो मैं कॉलेज जाऊंगी और कोई घर पर नहीं होगा.
उसने कहा- मां की लौड़ी कल कॉलेज मत जाना … वर्ना लहंगा चोली नहीं मिलेगा.


मैंने हां में सर हिला दिया और घर आ गई.


मोहन के मोटे लंड ने मेरी चुत और गांड को बड़ा सुकून दिया था. मैं अपनी चुदाई को याद करते हुए अपनी चुत मसल रही थी.


अगले दिन मैं कॉलेज नहीं गई क्योंकि मुझे पता था आज मोहन भाई ट्रायल के लिए आएगा. साथ ही मुझे ये भी पता था कि ट्रायल के बहाने वो मुझे चोदने के लिए भी आएगा.


मैं घर पर ज्यादा कपड़े नहीं पहनती हूं इसलिए मैंने बिना ब्रा के एक स्लीवलैस छोटा सा टॉप पहना था और छोटा सा लोअर, जो सिर्फ़ कूल्हे तक का था. घर में मैं कच्छी नहीं पहनती हूं.


मोहन भाई ने 12 बजे का टाईम दिया था. मॉम ऑफिस गई थीं और भाई बहन स्कूल में थे. मैं अकेली ही घर पर मोहन का इन्तजार कर रही थी.


तभी 11 बजे डोरबेल बजी. मैंने घड़ी देखी, तो अभी मोहन भाई के आने का टाइम नहीं हुआ था. मुझे लगा पता नहीं कौन आया होगा.


मैंने दरवाजा खोला, तो मोहन भाई ही आया था और उसके साथ एक 25-26 साल का युवक भी था.


मोहन भाई ने कहा- ये मेरा छोटा भाई चमन है. इसको फिटिंग के बारे में सिखाना था, इसलिए साथ ले आया.
उसने मुझे मेरा लहंगा चोली पकड़ाया और कहा- इसे पहन कर आओ और नीचे कुछ मत पहनना, वर्ना फिटिंग का पता नहीं चलेगा.


मैं अपने कमरे में गई और लहंगा चोली पहना. मैंने लहंगा तो पहन लिया, पर चोली की डोरी नहीं बंध सकी. मैं चोली पकड़े पकड़े बाहर आई और कहा- मोहन भाई, इसकी डोरी नहीं बंध रही है.


मोहन भाई ने चमन को डोरी बांधने को कहा और उसने आराम से बाँध दी.


मैंने कहा- मोहन भाई, फिटिंग ठीक नहीं लग रही.
उसने कहा- ऐसे पता नहीं चलेगा. कहीं फुल साइज़ आइना है क्या?
मैंने कहा- हां मेरे बेडरूम में है.
उसने कहा- चलो वहीं चलते हैं. तभी असली फिटिंग का पता चलेगा.
मैंने असली फिटिंग का मतलब समझते हुए कहा- ठीक है.


हम मेरे बेडरूम में आ गए. मोहन मेरे सामने खड़ा हो गया और कहा- आगे को झुको.


मैंने उसको देखा, तो उसने कहा- फिटिंग देखनी है.


मैं आगे झुक गई. उसने मेरे सामने आकर देखा, मेरी चुचियां बाहर आ रही थीं.


उसने गला 14 इंच का बनाया था.


उसने कहा- चोली तो ढीली लगती है.


मैं खड़ी होने लगी, तो उसने रोक दिया और चमन को बुलाया. चमन को सामने खड़ा करके कहा- देखो आगे से चोली ढीली होती है, तो पूरे चुचे साफ़ दिखते हैं.
 
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टेलर ने मुझे अपनी दुकान में ही चोद दिया था और अगले दिन मेरे घर आकर मुझे लहंगे चोली की ट्रायल लेने की बात कही थी.


मेरे घर आने पर उसने लहंगे चोली का ट्रायल लेना शुरू किया. वो आज अपने भाई चमन के साथ आया था और वो दोनों ही मुझे चोदने के चक्कर में लग रहे थे.


अब आगे:


चमन ने झुक कर मेरे चूचों के अच्छी तरह दर्शन करे.
फिर मोहन ने कहा- अब खड़ी हो जाओ.
मैं खड़ी हो गई, तो उसने कहा- अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ.
मैंने थोड़े ऊपर उठाए, तो बोला- सिर से ऊपर तक उठाओ.


मैंने वैसे ही किया.


वो मेरे पास आया और मेरी चोली की साइड चैक करने लगा. फिर सामने आकर मेरे चुची के नीचे चैक करने लगा.
मैं हाथ नीचे लाने लगी, तो बोला- बहनचोद … चैक तो करने दे.


मैं डर गई और मैंने फिर हाथ सिर से ऊपर कर लिए.


उसने दोनों हाथ चोली के नीचे रखे और झटके से चोली के अन्दर लेकर बोला- बगल से ढीली है … वर्ना हाथ अन्दर नहीं जाते.


उसने चमन को बुलाया और कहा- देखो … कितनी ढीली है.
उसने हाथ बाहर निकाल लिए और चमन से कहा- तुम भी डालकर देखो.
चमन कुछ हिचका, तो उसने कहा- हाथ डाल दे … ये मां की लौड़ी कुछ नहीं बोलेगी.


उसने हाथ डाले और आराम से मेरे चुची सहलाने लगा.


मोहन ने कहा- दूध का मजा बाद में ले लियो … अभी ठीक से देख … ढीली सिली है कि नहीं. अभी इसको ठीक कर देते हैं.
उसने चमन से कहा- पीछे से डोरी खोल और चोली निकाल कर मुझे दे.


उसने डोरी खोल दी. तभी मोहन ने आगे से खुद चोली पकड़ कर खींचते हुए निकाल दी.
अब मैं ऊपर से नंगी थी.


उसने चमन को कहा- चोली पर दोनों साइड में आधा आधा इंच तुरपाई कर दे, तब तक मैं इसके लहंगे की फिटिंग देखता हूं.


मैंने अपने दोनों हाथ अपने चूचों को ढकने के लिए रख दिए.


मोहन ने पूछा- लहंगे की फिटिंग कैसी है?
मैंने कहा- घेर तो ठीक है, पर कूल्हों से ढीला है.


उसने लहंगे की बेल्ट पर उंगली घुमाई और मुझे पास खींच लिया. तभी उसने अपने हाथ पीछे ले जाकर लहंगे में डाल दिए और मेरे चूतड़ पकड़ कर कहा- तेरे चूतड़ बड़े सालिड हैं.
मैंने भी उसके कान में कहा- हां तेरा लंड भी बड़ा सॉलिड है.
वो हंस दिया- मजा आया?
मैंने कहा- रात भर याद करती रही.


फिर उसने मेरे दूध दबाते हुए कहा- चल घूम जा.
उसने मेरे लहंगे से हाथ नहीं निकाले थे. मुझे यूं ही घुमा दिया. इससे उसके हाथ आगे चुत पर आ गए. उसने मेरी चूत पकड़ कर जोर से दबा दी.


मैं आह की आवाज करते हुए- धीरे कर न.
वो बोला- बहन की चूत आज तेरी भोसड़ी का भोसड़ा बनाऊंगा.
मैंने कह- बना दे … रोका किसने है जालिम.
उसने हंस कर कहा- तेरा लहंगा भी ढीला है … इस पर भी तुरपाई लगानी पड़ेगी.


ये कह कर उसने लहंगे की साइड चेन खोल दी. मेरा लहंगा नीचे गिर गया. उसने चमन को बुलाया और कहा- इस पर भी तुरपाई मार दे.


इस समय मैं पूरी नंगी दो आदमियों के सामने खड़ी थी.


फिर उसने चमन को रोका और मुझसे कहा- इसकी सिलाई की फीस तो दो.


मैंने कहा- वो तो मॉम देगी.
उसने कहा- वो फीस नहीं … अभी वाली तुम दो.
मैंने कहा- कितने पैसे?
उसने कहा- तेरी मां की चूत, बहन की लौड़ी कुछ काम पैसे से नहीं होते.
मैं हंस दी.


उसने मेरे चूचुक देखे और बोला- बहन की लौड़ी साली … कल मैंने कहा था, अगर निप्पल खड़े नहीं होंगे, तो फिटिंग ठीक नहीं आएगी. तुमने चोली ऐसे ही पहन ली.
मैंने आंख कर कहा- कल जैसे कीजिए न.
उसने कहा- हां चल इधर आ … तेरी फीस भी ले लेते हैं और तुझे पहनना भी सिखा देते हैं.
मैं हंसते हुए खड़ी रही.


उसी समय पीछे से चमन ने धक्का मारा और मैं मोहन के सामने उसके सीने से आ लगी. मैं अलग हो कर जरा दूर हो गई.


मोहन ने हाथ बढ़ा कर मेरी चुची को दबाया और बोला- बहन की चूत साली दूर क्यों खड़ी है … इधर आकर लंड चूस.


ये कह कर उसने अपना पजामा खोल दिया और चमन को भी इशारा कर दिया. इशारा पाते ही उसने भी अपनी पैंट उतार दी.


फिर मोहन ने मेरे निप्पल पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींचा और कहा- चल मेरा कुर्ता उतार.
मैंने इठलाते हुए उसका कुर्ता उतार दिया.


अब वो भी पर नंगा हो गया और उसने कहा- चमन भोसड़ी के … अपने कपड़े उतार … साले ऐसी माल चोदने के लिए रोज नहीं मिलेगी.
चमन भी एकदम नंगा हो गया.


मोहन ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे खींचा और मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो कभी मेरे होंठों को चूसता, कभी काटता. मैं मैंने भी मजे लेने शुरू कर दिए थे. मोहन का मोटा लंड मेरी चुत पर लगना शुरू हो गया था.


तभी चमन ने पीछे से आगे हाथ करके मेरे चुचे पकड़ लिए और उन्हें दबाना शुरू कर दिया.
मोहन ने कहा- साले इनको अच्छी तरह रगड़ और दबा … इसके मुँह से दर्द की आवाज तो आनी चाहिए.


मुझे आज दो लंड से चुदने का मजा मिलने वाला था. मैं बेहद गर्म हो गई थी.


तभी मोहन ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और सीधा लिटा कर कहा- अब चूस इसके टोटे.
चमन मेरे निप्पल चूसने लगा और मोहन मेरी चूत पर मुँह लगाने लगा.


कुछ ही पलों में चमन को भी जोश आ गया. उसने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मेरी चूचियां चूसने लगा. मैं चमन के लंड को चूस रही थी. तभी उसने मेरे एक निप्पल को जोर से काट लिया.
मैं जोर से चिल्लाते हुए बोली- हराम के पिल्ले … भोसड़ी के काट क्यों रहा है … मादरचोद मजे से चूस न.
ये सुनकर मोहन ने मेरी चूत पर दांत मार दिए.
मैं फिर चिल्ला उठी.


फिर चमन ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया. गुस्से मे मैंने उसके लंड पर दांत मार दिए.
वो बोला- बहन की लौड़ी मेरा लंड काटती है … तो ये ले.


उसने अपना लंड मेरे गले तक अन्दर डाल दिया. मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी, तो उसने निकाल लिया.


उधर मोहन ने मेरे दोनों पैर ऊपर उठाए और मेरी गांड चाटने लगा. मैं सातवें आसमान पर उड़ने लगी थी.


फिर मैंने चमन का लंड धीरे धीरे चूसना शुरू किया. तभी मोहन ने एक ही झटके में अपना 8 इंच का लंड मेरी चूत में अन्दर डाल दिया.


मैंने तड़फ कर कहा- आह मर गई मादरचोद … बहन के लंड … मेरी चूत फाड़ दी.
उसने कहा- अभी कहां मेरी रंडी … अभी तो रुक … देखती जा.


उसने मेरे निप्पल पकड़ कर खींचे. मैं चमन का लंड चूसे जा रही थी. तभी उसने मेरे बाल पकड़ कर लंड पर मुँह में डाल दिया और अपना पानी छोड़ दिया. वो मैंने पूरा पी लिया. मुझे लंड का माल पीना बहुत अच्छा लगता है.


फिर मोहन ने लंड चुत से निकाला और कहा- चल अब तू ऊपर आ.
वो बेड पर लेट गया. चमन का लंड खड़ा होने लगा था.


मैं मोहन के लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे करने लगी. तभी मोहन ने मुझे खींचा और मेरी सीधे हाथ वाली चुची मुँह में ले कर चूसने लगा.
मैं आगे झुकी थी, तब उसने चमन को मेरे पीछे जाने को इशारा किया.


मैं सीधी होने लगी, तो मोहन ने मेरे निप्पल को दांत में दबा लिया और इतना सख्ती से पकड़ा कि अगर मैं सीधी होती तो निप्पल टूट कर मोहन के मुँह में ही रह जाता.


मैं दर्द के मारे वैसी ही पड़ी रही. तभी चमन ने अपना लंड मेरी गांड के छेद में डाल दिया … वो भी पूरी स्पीड से.


मेरी गांड फट गई … एक साथ दोनों छेदों में लंड लेने का ये मेरा पहला अवसर था. मैं दर्द से कराहने लगी- साले लंड निकाल ले … मादरचोद एक एक करके चोद लेना.


फिर भी उन दोनों ने मुझे नहीं छोड़ा. मेरे दर्द से आंसू आ गए थे. दो लंड एक साथ मेरी चुत और गांड में चलने लगे थे. कुछ ही देर में मुझे बड़ा मजा आने लगा था. दोनों ने फुल स्पीड से मेरी चूत और गांड को चोदना चालू रखा. इस दौरान मैंने 2 बार पानी छोड़ दिया था.


थोड़ी देर में दोनों ने लंड निकाला और मुझे नीचे बैठने को कहा. मैं समझ गई कि मुझे दो लंड का वीर्य पीने को मिलने वाला है. मोहन ने अपना लंड मेरे मुँह में दिया और चूसने को कहा. मैं लंड चूसने लगी.


मोहन का माल मेरे मुँह में आने को हो गया था. उसने पिचकारी मारते हुए मेरे मुँह को अपने रस से भर दिया. थोड़ी देर में उसने लंड मुँह से निकाला और बचा हुआ अपना पानी मेरे मुँह पर और चुचियों पर छोड़ दिया. उसका सफ़ेद पानी बड़ा गाढ़ा और मस्त था.


मोहन ने कहा- मेरा लंड तो साफ कर दे रंडी.
मैंने लंड चूस कर साफ किया.
उसके बाद चमन ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और चुसवाया.


कुछ देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और पानी मेरे मम्मों पर छोड़ दिया.
मोहन ने कहा- इसके लंड का सारा पानी अपनी चुचियों और चेहरे पर रगड़ ले … चमक आ जाएगी.
मैंने मम्मों पर चमन के लंड के माल को रगड़ लिया.


फिर मोहन ने मेरे बाल पकड़ कर आईने के सामने खड़ा किया और कहा- रंडी ये थी मेरी फीस.
मैं हंस दी और कहा- मुझे भी फीस चुकाने में मजा आया.
उसने कहा- कल दोपहर को आकर लहंगा चोली ले जाना. और हां ब्रा और कच्छी मत पहन कर आना, वो मेरे पास हैं. वहीं पहन लेना. कल तू अपने सबसे छोटे कपड़े पहन कर आना.
मैं समझ गई कि कल भी चुदाई का खेल होगा. मैंने हां में सिर हिलाया.


इसके बाद मोहन बोला- अब तो तू मुझसे हमेशा चुदती रहेगी.
मैंने कुछ नहीं कहा.


उन दोनों ने कपड़े पहने और चले गए. उनके जाने के बाद मेन डोर बन्द किया और आकर नहाने लगी. मेरी चुत और गांड अभी भी लंड मजा ले रही थी. मगर मैं उसकी इस बात से परेशान थी कि साला अब ये हमेशा मेरी चुत चुदाई की बात करेगा.


मुझे उससे पीछा भी छुड़ाना जरूरी लग रहा था.


अगले दिन मैं उसके पास जाने का प्लान बनाने लगी.


शाम को मैंने मोहन भाई को फोन किया और कहा- मोहन भाई, आज बहुत मजा आया … मुझे आपसे कुछ बात करनी है … जरा अलग जाओ ना.
उसने कहा- ठीक है.


वो ट्रायल रुम वाले कमरे के पास गया और कहा- बताओ मेरी जान क्या कहना है?
मैंने कहा- भैनचोद मां के लौड़े … जो तुमने दिन में किया था, उसकी मैंने वीडियो बना ली है और उसमें तुम दोनों भाई मेरी चुदाई कर रहे हो … सब क्लियर दिख रहा है, अब मैं पुलिस के पास जा रही हूं.


ये सुनकर वो घबरा गया और उसने कहा- प्लीज ऐसा मत करो … मैं बर्बाद हो जाऊंगा.
मैंने कहा- बहन के लौड़े एक शर्त पर.
उसने कहा- प्लीज बोलो?
तो मैंने कहा- कल मेरा लहंगा चोली मेरी ब्रा और कच्छी पैक करके अपने लड़के के हाथ भेज देना दोपहर तक … नहीं तो तुझे लेने पुलिस आएगी. इसके बाद तू कभी मेरी तरफ झांकना भी नहीं. वर्ना वीडियो याद रखना.
वो डर गया और उसने कहा- ठीक है.


उसने अगले दिन सब भेज दिया. इस तरह उससे मेरा पीछा भी छूटा और लंड के मजे अलग से मिले.
 
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Rahul

Kingkong
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:congrats:for new thread
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
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good story
 

The Immortal

Live Life In Process.
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Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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