- 269
- 1,186
- 139
हम चार बहुत पक्की सहेलियाँ है मैं सुहानी रचना विधि और जूही इस लॉकडाउन में हम चारों ने घर में रहकर अपने पति के अलावा दूसरे लोगों से कैसे चुदवाया इसके बारे में हमने सोचा हम आप सब को बताए
लॉकडाउन में मैं किस तरह से अपने ससुर से चुदी वौ दास्तान मैं आपको बताने वाली हूँ मेरा नाम सुहानी है और में आगरा की रहने वाली हू
लॉकडाउन की जब घोषणा हुई तो उसका घर में मैं और मेरे पति विकास और मेरे ससुर रह रहे थे मेरी शादी को 2 साल हुए हैं मेरी सास उन दोनों अपने मायके गई हुई थी और वो वहीं फँस गई थी
मेरे पति ने कहा कि मम्मी नहीं है इसलिये तुम पापा का विशेष ध्यान रखा करो मैंने अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश की कि पापा को किसी तरह की तक़लीफ़ नहीं हो मेरे पति शाम का खाना जल्दी खा लिया करते थे पर मेरे ससुर ड्रिंक किया करते थे इसलिए वो खाना 9 बजे के बाद खाया करते थे मेरे पति ने कहा कि तुम पापा को गरम खाना खिला दिया करो
अब मैंअब मैं हर रात इंतज़ार करती कि पापा ड्रिंक कर लें तो मैं उनको खाना खिला दूँ कई बार वो डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ जाया करते थे लेकिन कई बार वह अपने रूम में ही खाना लगाने के लिए कह दिया करते थे मैं उनको गरम परोस दिया करती थी 2 3 दिन से मैं नोट कर रही थी कि जब भी मेरे पापा को रूम में खाना देने जाती तो वो मुझको घूर के देखा करते थे
कई बार खाना देते समय मेरे साड़ी के पल्लू नीचे खिसक जाया करता था तो मैं देखती पापा मेरे क्लीवेज की ओर देखते रहे थे इस तरह से कई बार उनके देखने सेसे मुझे शर्म भी महसूस होती थी पर मैं क्या करती है मैंने सोचा अगर में विकास कोपापा की शिकायत करूँगी तो हो सकता है कि दोनों बाप बेटों में झगड़ा भी हो जाए मैं चुपचाप अपने काम में लगी रहती
एक दिन ऐसे ही में पापा को खाना देकर पलटी उन्होंने पीछे से मुझ को पकड़कर अपनी गोद में खींच लिया उन्होंने मेरे दोनों बोबो को ज़ोर से पकड़ लिया और वह मेरा चुंबन लेने लगे
मैंने विरोध किया मैंने कहा पापा यह ठीक नहीं है अगर विकास को पता चल गया तो वह बहुत नाराज़ होंगे और आप से झगड़ा करेंगे पर पापा कुछ नहीं बोले और वो मेरे बोबो को मसलते रहे और मेरे होठों को चूमते रहे थोड़ी देर में मेरे विरोध के स्वर भी कमज़ोर पड़ गये और मैं कुछ नहीं बोली
वह ब्लाउज़ के ऊपर से ही मेरे बोबो को वह ज़ोर से मसल रहे थे और बीच बीच में मेरी नेपल्स को भी मसल रहे थे वो मेरे होठों को बहुत अच्छी तरह से चूम रहे थे थोड़ी देर बाद जब उनकी पकड़ ढीली पड़ी तो मैं उनकी गोद से निकलकर अपने रूम में भाग गई
मेंमें पसीने पसीने हो रही थी पर मैंने महसूस किया कि मेरी चूत गीली हो गई है यही समझ नहीं आया कि पापा की इस तरह बोबो को मसलने और चुम्बन लेने से मेरी चूत क्यों गीली हो गई
में चुपचाप रही अब मुझे डर लगने लगा था कि पापा को मैंने इतनी छूट दे दी है तो वह कभी भी उसका दुरुपयोग कर सकते हैं और अगले दिन ही ऐसे ही हुआ जैसे ही में खाना देने उनके रूम में गई वह केवल अंडरवियर और बनियान में बैठे हुए थे और उनके अंडरवियर में उनका बड़ा लडं खड़ा हुआ था
पापा ने फिर वही हरकत की उन्होंने मुझे खींचा और अपनी गोद मे बिठा लिया मेरी गांड में उनका लडं जो खडा हुआ चुभने लगा था
वह मेरे बोबो को मसलने लगे और मेरे गालों को चूमने लगे बीच बीच में वह में निपलो को भी काट लेते
में उनकी पकड़ से निकलने के लिए छटपटाने लगी पर उन्होंने मुझे कसकर पकड़े हुए था थोड़ी देर में मैंने अपने आप को उनके हवाले कर दिया उन्होंने मुझ को उठाया और बेड पर लिटा दिया
बेड पर लेटने के बाद उन्होंने मेरे ब्लाउस को खोल दिया और मेरी ब्ा के हुक खोलकर उसको भी उतार फेक दिया उन्होंने मेरी साड़ी खींचदी और मेरी पेटीकोट के नारे को ज़ोर से खींचा और उसको उतार कर अलग रख दिया अब मैं केवल उनके सामने पेटीं मैं लेटी थी
वो ऊपर से ही मेरी चूत को मचलने लगे और मेरे बोबो को अपने मुँह में लेकर उनको ज़ोर से चूसने लगे मैं उत्तेजित हो गई मैं चुपचाप पड़ी रही
पापा ने अब मेरी पेटीं को उतारकर फेंक दिया अब मे उनके सामने बिलकुल नंगी थी पापा ने अपना अंडरवियर भी उतार लिया और बनियान भी उतार लिया और अपने लंड चूत के मुहाने पर लगा दिया
पापा ने एक ज़ोर का धक्का मारा और उनका लडं मेरी चूत मे घुस गया और वह धक्के लगाने लगे में भी नीचे से उनका साथ देने लगे उनका लडं मैरी चूत को चोद रहा था उनके हाथ मेंरे बोबो को मसल रहे थे
और उनके होठ मेंरे होठो से मिले हुए थे मुझे बहुत मज़ा आया मैं कई दिन से विकास से चुद रही थी पर लॉकडाउन में 1 नए लड़ं मिल जाना मेरे लिए किसी ईनाम से कम नहीं था
पापा मेरी भरपूर चुदाई कर रहे थे और मैं उनका पूरा साथ दे रही थी वो दे दनादन मेरी चूत चोदे जा रहे थे और मैं अपने चूतड़ उचका उचकाकर उनके लडं को ले रही थी
मैंने अपनी बाहें उनके गले में डाडाल दीऔर अपने पांवों को उनके कमर पर लपेट दिया मेरे मुँह से अब कामुक बातें निकल रही थी ज़ोर से चोदो पापा और ज़ोर सेचौदो फाड़ दो मेरी चूत को निकाल दो इसका पानी और चोदो और पापा मुझ पर दनादन धक्के लगाए जा रहे थे वो बार बार कह रहे थे ले मेरी रानी ख़ूब ले मैं तो कब से इंतज़ार कर रहा था की तु मेरी पांवों के नीचे आए
सहीबताऊँ मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं विकास के साथ धोखा करूँगी पर लॉकडाउन की उदासी ने और पापा के आगे बढ़कर इस चुदाइ को करने से मेरे मन के अंदर विकास के साथ दग़ाबाज़ी करने की इच्छा हो गई
और मैंने पापा के साथ ख़ूब चुदवाया फिर तो 50 दिन के लॉकडाउन में मैं रोज़ रात को इंतज़ार करती की पापा का लौड़ा रात को कब मेरी चूत मे घुसेगा
—————
मैंमें जूही अजमेर की रहने वाली हूँ मेरे परिवार में मेरे सास ससुर मेरी जेठ जेठानी मैं और मेरा पति आकाश है
लॉकडाउन जब हुआ तब मेरी जेठानी कोटा गई हुई थी और घर पर हम केवल 5 लोग थे
मेरी शादी को दो साल ही हुए थे मेरे सास ससुर हमारे मकान के निचले हिस्से में रहा करते थे मैं और मेरे जेठानी क्या कमरा ऊपर था
सोसोशल डिसटेनस की वजह से हमने अपने घर के सब नौकरों को निकाल दिया था इसलिए मुझे और मेरी सास को सब काम करना पड़ता था
क्योंकि अधिकतर घर में ही रहते थे तो खाने पीने की चीज़ें ख़ूब बनती रहती थी आकाश और में अपने कमरे में रहते थे जबकि हम को मौक़ा मिलता हम चुदाई करते रहते थे शुरू के दिनों में तो हमने भी ईतनी चुदाई कर ली कि हम उस से बोर हो गए विकास का लौड़ा भी ज़्यादा अब तेज़ी से चुदाई नहीं करने लगा था और मुझको भी बोरियत होने लगी थी जीवन में नीरसता आ गई थी
हम दोनों चुदाई के वक़्त हमेशा पॉर्न मूवी देखा करते थे और पॉर्न मूवी में तरह तरह के आसनों को देखकर मेरी भी इच्छा होती थी कि कोई नई तरीक़े से चोदे
पर आकाश अब 1 ही तरह से इस कार्य को किया करते थे
एक दिन सुबह मेरी नज़र मेंरे जेढ सुमीत पर पड़ी सुमीत उस दिन एक्सरसाइज कर रहे थे मैंने देखा उनकी मसल्स बहुत मज़बूत थी और पायजामे में उनका लडं खड़ा हुआ था
मैंने सोचा में सुमित को किस तरह से पटा लू मैं उनकी नज़रों में अपनी छवि अच्छी रखना चाहती थी और उनसे रंडी की तरह चुदना भी चाहती थी
अब मैंने उनको पटाने के लिए कोशिश करना शुरू कर दी कई बार घर में मैं निकर और टी-शर्ट पहन लिया करती थी अब में कोशिश करती कि जब भी सुमित भैया कहीं पर भी बैठे हो मैं उनके सामने बैठ जाति और अपनी टाँगें चोडी कर लेती
भैया चोरी चोरी मेरी तरफ़ देखते रहते थे मैं देख रही थी कि उनकी निगाहें मेरी चूत पर और मेरे बोबो पर रखी रहती थी
मैं अपने मक़सद में क़ाक़ामयाब हो रही थी मुझको पता था देर सवेर भैया मुझको चोद ही देंगे अब मैं कई बार भैया से टकराने की भी कोशिश करती आते जाते सीढ़ियों पर चढ़ते हम दोनों 1 दूसरे से टकरा जाते मैं रोज़ रात को भैया को दूध देने के लिए उनके कमरे में जाती थी 1 रात जब मैं दूध लेकर उनके कमरे में गई तो वो सो रहे थे मैंने उनको जगाया पर वो नहीं जागे मैंने देखा उनके पायजामे में उनका लडं खड़ा हुआ है मैं उनके पास गई और मैंने धीरे से उसके लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी में कामुक आवाज़ें निकाल रही थी मेरी चूत गीली हो रही थी भैया ने जब मुझको देखा तो उन्होंने पकड़कर ऊपर खींच लिया और वो मेरे होंठों को चूमने लगे मैं भी भैया के ऊपर गिर गयी
भैया ने मुझको बिठा दिया और मेरी टाँगें चोडी कर दी अपनी भी अपनी टाँगें चोडी कर ली और हम दोनों बैठे बैठे 1 दूसरे से चिपके हुऐ भैया मेरे बोबो को सहलाने लगे थोडी देर में भैया ने अपने कपड़े भी उतार दिए और मेरे कपड़े भी उतार दिए हम दोनों बिलकुल नंगे हो गयी भैया पलंग पर लेट गए और में उनके ऊपर आ गई
मैंने अपनी चूत को उनके लड़ं पर लगा दिया और धीरे धीरे उसे अपनी चूत को लडं पर जाने लगी मुझको बहुत मज़ा आ रहा था भैया का लंड आकाश के लडं से काफ़ी बड़ा और मोटा था भैया ने मेरे बोबे को पकड़ लिया और वो उनको ज़ोर से दबाने लगे में ऊपर बैठकर धक्के लगाने लगी मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत के अंदर कोई राड घुसी हुई है में चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगी
यह बात तो बिलकुल सही है कि दूसरे से चुदने का मज़ा कुछ और ही होता है मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर घूम रही थी और मैं बार बार कह रही थी फक फ़क फ़क मी भैया भी नीचे से धक्के लगाकर मेरी चूत को भरता बनाने पर तुले हुए थे मुझको मज़ा आ रहा था
मैं भैया को चूम रही थी भैया भी मेरे होठों को मेरे बोबो को ज़ोर से मसल रहे थे काट रहे थे मेरे आनंद की पराकाष्ठा नहीं थी थोड़ी देर के बाद भैया ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया
इस बार भैया ने मुझे नीचे लिटा दिया और ख़ुद ऊपर आ गए उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगे मैंने अपनी टाँगें उनकी कमर पर लपेट ली भैया मेरे होठों को चूमने लगे और धक्के लगाने लगे मैंने कहा भैया और ज़ोर से लगा और ज़ोर से लगा चूत तो बहुत दिनों से प्यासी है बहुत दिनों से इसकी अच्छी तरह से कुटाई नहीं हुई है आप इसको अच्छी तरह से कुटो वो ख़ूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगे भैया को मज़ा आ रहा था वह पागल हो रहे थे और मैं भी पागल हो रही थी
हम बहुत देर तक मज़ा लेते रहे अब तो हम दोनों के लिए यह रोज़ का ही काम हो गया था आकाश की निगाहों से बचकर जब भी मुझको मौक़ा मिलता मैं भैया की बाहों में समा जाती और उनके लौडे को पकड लेती भैया भी मौक़ा देखते ही मुझे चोदने के लिए हमेशा तैयार रहे थे जबकि हम दोनों 1 दूसरे के सामने आते ही भैया कभी मेरे बोबो को पकड़ लेते मेरे चूतडो को दबा देते मेरी गांड में उंगली कर देते सही बताऊँ इस लॉकडाउन का जो मज़ा मुझे आया
मैंमैं विधि लॉकडाउन के दौरान अपने मायके आयी हुई थी मायके में मेरे साथ मेरे मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई था
मेरा छोटा भाई फ़ाइनल ईयर में था और वो भी लॉकडाउन की वजह से घर में रुका हुआ था हम दोनों भाई बहनों के बीच हुए 2 साल का फरक था पर मैं हमेशा उसके साथ बडी बहन ही रही थी
पर जब लॉक डाउन हुआ तो मेरे पास कुछ करने को नहीं था मैं अपने पति से फ़ोन पर बात करने के अलावा उससे भी बात करती रहती थी मेरे भाई कानाम सुशील है और वह अपने नाम के अनुरूप सुशील ही है
क्योंकी कुछ ज़्यादा करने को तो होता नहीं था तो हम दोनों बाहें बहन अक्सर TV देखते रहते थे कई बार मैं उसका लैपटॉप लेकर वेब सीरीज़ भी देख लिया करती थी 1 दिन जब मैंने उसका लैपटॉप लिया तो मैंने देखा उसके अंदर 1 हॉट फ़िल्म लगी हुई है मैंने उसको देखा तो मैं गरम हो गई तो मुझको लगा कि मेरा छोटा भाई अब इतना छोटा नहीं रहा है जितना मैं सोचती हूँ मेरे मन में अब उसको पटाने की नीयत हो गई
अगलेदिन मैंने सुशील से कहा कि कल रात को मैंने तुम्हारे लैपटॉप पर वह पिक्चर देखी जो तुमने लगा रखी थी सुशील सवालिया निगाहों से देखने लगा कौन सी मूवी तो मैंने उसको बताया तो उसने शर्म से आंखें झुका ली
मैंने उससे कहा कि इस उम्र के अंदर सभी लोग देखते हैं तुमने देख ली तो क्या हो गया मैंने उससे कहा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है तो उसने मना किया मैं उसको बार बार यह कहकर छेड़ती क्या उसके कॉलेज में लड़कियां है जिनको वह पटाने की सोचता है तो मना कर देता
एक दिन हम दोनों TV देख रहे थे एक प्रोग्राम को लेकर हम दोनों के बीच में रिमोट को लेकर झगड़ा हो गया मैं रिमोट लेकर भागी तो सुशील मेरे पीछे भाग गया मैं भी भागती रही और वो भी भागा अचानक उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और नीचे गिरा दिया और वो मेरे ऊपर लेट गया मैंने रिमोट अपने सीने पर छुपा लिया सुशील ने रिमोट निकालने की वजह से मेरे दोनों बोबो को पकड़ लिया और रिमोट निकालने की कोशिश करने लगा जब उसको एहसास हुआ कि उसने क्या पकड़ रखा है वह 1 दम चौकं गया
वह रिमोट लेकर जल्दी से मेरे ऊपर से उतर गया हम दोनों अपनी सांसों को दुरस्त करने लगे
मैंने देखा कि इसके बाद उसकी निगाहें मेरी तरफ़ बदलने लगी थी अब वह कोशिश करता है कि किसी तरह से मुझको टच कर ले मुझको भी उसके टच करने में मज़ा आने लगा था
1 रात को जब मैं उसके रूम के पास गई मैंने देखा कि उसके रूम में से आवाज़ें आ रही थी हाय विधि हाय विधि मैंने सोचा कि सुशील मेरा नाम ले रहा है मैंने रूम में झाँक के देखा तो मैं देख दंग रह गई सुशील ने अपना नीचे नीचे कर रखा था और अपने लौंडे कोहिला रहा था मै चौंक गई एक दम सुशील के निगाह खुली तो उसने मुझको अपने सामने खड़ी पाया वह जल्दी से अपने लौंडे को छुपाने की कोशिश करने लगा
मैंने का कोई ज़रूरत नहीं है मैं समझ गई हूँ मैंने देख लिया है की तुम मेरे बारे में क्या ख्याल रखते हो सुशील 1 दम उठा और उसने मुझे पकड़ लिया और बैड पर गिरा दिया उसने कहा जब समझ ही गए हो तो अब मज़ा भी ले लो और वो मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या प्रतिक्रिया करूँ सुशील मुझे जगह जगह से चूमने लगा उसने मेरे कपड़े उतार दिए और ख़ुद के भी कपड़े उतार दिए पहली बार मैंने उसका लौड़ा अपनी आँखों के सामने देखा क्या ख़ूब लोढ़ा था मुझे तो मज़ा ही आ गया मैं तो उससे चुदाने के लिए तैयार हो गई
मैंने उसको कहाभाई अब देर मत करो और मुझ को चोदो सुशील ने अपना लोढ़ा मेरी चूत मे ज़ोर से धक्का लगाकर घुसा दिया मेरे मुँह से आह निकल गई पर सुशील ने नही रोका उसमें लोढ़ा घुसाते के साथ धक्का लगा करना शुरू कर दिया वो कहने लगा मेरी रणडी दीदी मेरी रानी मेरी कुतिया मैं तो कब से चोदने की सोच रहा था आज तुम मेरे हाथ आइआज तो मैं तेरी चूत का भरता बना दूँगा आज मैं तुझको इतना चोदूगां की हमेशा किसी से भी चुदने से पहले मेरे बारे में सोचेगी मुझको भी इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था
मैं भी उसे कहने लगी
हाँहाँ भाई फाड मैं तेरी रण्डी हूँ मैं तेरी कुतिया हूँ जोर जोर से चोद और मुझको ख़ूब चोद आज बना दे चूत का भुर्ता और हम दोनों ख़ूब उचक उचक कर चुदाई करने लगे मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी मेरा भाई सुशील मरी अच्छी तरह से चुदाई कर रहा था मुझे मज़ा आ रहा था मैं ज़ोर ज़ोर से लोडे को अपनी चूत के आख़िर तक समा लेना चाहती थी थोड़ी देर के बाद अंदर उसका पानी छूट गया और मेरी चूत लबालब भर गई मुझको पहली बार ऐहसास हुआ की चुदाई कया होती है
अब तोअब तो लॉकडाउन हम दोनों भाई बहनों के लिए स्वर्ग बन गया हमारी जब भी ईछा होती हम दोनों एक दूसरे में समा जाते और ख़ूब चुदाई करते
मेरा नाम रचना है और में गुडगाँव में रहती हूँ मेरे पति एक सॉफ्टवेर इंजिनियर है गुडगाँव में हमने एक फ़्लैट किराया पर ले रखा है जिसमें हम दोनों रहते हैं लॉकडाउन जब हुआ तो हम दोनों को घर पर काम करने की परमिशन मिल गई मैं और मेरे पति फ़्लैट में अपना काम भी करते पर जब मौक़ा मिलता तो हम सेक्स भी करते हमें अच्छा लग रहा था पर कुछ समय के बाद हम दोनों को बोरियत होने लगी काम का लोड इतना ज़्यादा होता था कि हम को सेक्स करने में मज़ा ही नहीं आता था धीरे धीरे मेरे पति सेक्स को एक रूटीन की तरह करने लगे
हम बिल्डिंग के जिस फ़्लोर पर रहते थे उसमें चार फ़्लैट थे एक फ़्लैट में मेरे पति के साथ उसके ऑफ़िस में काम करने वाला विक्रम भी रहा करता था विक्रम की शादी नहीं हुई थी विक्रम कई बार शाम को हमारे फ़्लैट में आ जाता हम तीनों साथ में ड्रिंक करते और खाना भी खा लेते मुझे कभी भी विक्रम को देखकर कभी ग़लत ख्याल नहीं आया विक्रम भी हमारे साथ हँसी मज़ाक करता रहता था
विक्म और मेरे पति तो विशकी पिया करते थे में केवल बीयर पिया करती थी एक रोज़ हम तीनों शाम को ड्रिंक कर रहे थे बातों ही बातों में विक्रम और मेरे पति को पता ही नहीं चला कि उन्होंने कितनी पी ली है मेरे पति तो वहीं लुढ़क गए पर विक्म होश में था मेरे पति के लुढ़क जाने के बाद विक्रम मेरे पास मैं आया और मुझे अपनी बाहों में उठा लिया मैंने कहा विक्रम क्या कर रहे हो विक्रम ने कहा कुछ नहीं और थोड़ा मज़ा करते हैं और उसने मुझे वही सोफ़े पर लौटा दिया उसने मेरी निकर को ऊचां किया और मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाने लगा
मैं नशे में थी इसलिए मैं उसका विरोध नहीं कर पाई मेल चूक को सहलाते वह मेरे बोबो पर आ गया उसने मेरे बोबो को ज़ोर से मसल दिया और मेरा चुंबन लेने लगा वह मुझको ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा मुझे मज़ा आने लगा में भी उसको चूमने लगी
विक्रम ने कहा मैं कब से तुम्हारे साथ सेक्स करने की सोच रहा हूँ आज मुझे मौक़ा मिला है उसमें मेरे टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे कपडे भी उतार दिये उसने अपने कपड़े भी उतार दिए और सोफ़े पर अपना लोढ़ा मेरे मुँह में दे दिया मैं उसके लौडे को चूमने लगी वह कहने लगा मज़ा आ गया मज़ा आ गया रचना ख़ूब चूसो और मैं उसके लोडे को चूसने लगी थोड़ी देर के अंदर वो मेरे पांवों के नीचे आ गया और उसने अपने होंठ चूत पर लगा दिये वह मेरी चूत अपनी जीभ से चाटने लगा
मेने कहा अब रोका नहीं जा रहा घुसा दो तुम अपना लोढ़ा विक्रम ने ज़ोर से अपना लोढ़ा मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा में भी नीचे से उसका साथ देने लगी हम दोनों बहुत देर तक चूत चुदाई खेलते रहे थोड़ी देर में विक्रम ने मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गांड में क्रीम लगाकर अपना लोढ़ा उसमें पेल दिया मैं दर्द से चिल्लायी पर विक्रम नहीं रोका और वह मेरी गांड को मारता रहा वह कहता रहा मेरी जान मजा आ गया आज मैंने तेरा रिकॉर्ड दोनों तरह से बजा दिया विक्रम मेरी गांड मारने के बाद खड़ा हो गया मैं उससे लिपट गई मैंने कहा विक्रम ज़िंदगी में आज सच्चा सुख मिला है इसके बाद तो मैंअपने पति से निगाहें बचाकर विक्रम के साथ इस खेल का ख़ूब मज़ा लिया
लॉकडाउन में मैं किस तरह से अपने ससुर से चुदी वौ दास्तान मैं आपको बताने वाली हूँ मेरा नाम सुहानी है और में आगरा की रहने वाली हू
लॉकडाउन की जब घोषणा हुई तो उसका घर में मैं और मेरे पति विकास और मेरे ससुर रह रहे थे मेरी शादी को 2 साल हुए हैं मेरी सास उन दोनों अपने मायके गई हुई थी और वो वहीं फँस गई थी
मेरे पति ने कहा कि मम्मी नहीं है इसलिये तुम पापा का विशेष ध्यान रखा करो मैंने अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश की कि पापा को किसी तरह की तक़लीफ़ नहीं हो मेरे पति शाम का खाना जल्दी खा लिया करते थे पर मेरे ससुर ड्रिंक किया करते थे इसलिए वो खाना 9 बजे के बाद खाया करते थे मेरे पति ने कहा कि तुम पापा को गरम खाना खिला दिया करो
अब मैंअब मैं हर रात इंतज़ार करती कि पापा ड्रिंक कर लें तो मैं उनको खाना खिला दूँ कई बार वो डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ जाया करते थे लेकिन कई बार वह अपने रूम में ही खाना लगाने के लिए कह दिया करते थे मैं उनको गरम परोस दिया करती थी 2 3 दिन से मैं नोट कर रही थी कि जब भी मेरे पापा को रूम में खाना देने जाती तो वो मुझको घूर के देखा करते थे
कई बार खाना देते समय मेरे साड़ी के पल्लू नीचे खिसक जाया करता था तो मैं देखती पापा मेरे क्लीवेज की ओर देखते रहे थे इस तरह से कई बार उनके देखने सेसे मुझे शर्म भी महसूस होती थी पर मैं क्या करती है मैंने सोचा अगर में विकास कोपापा की शिकायत करूँगी तो हो सकता है कि दोनों बाप बेटों में झगड़ा भी हो जाए मैं चुपचाप अपने काम में लगी रहती
एक दिन ऐसे ही में पापा को खाना देकर पलटी उन्होंने पीछे से मुझ को पकड़कर अपनी गोद में खींच लिया उन्होंने मेरे दोनों बोबो को ज़ोर से पकड़ लिया और वह मेरा चुंबन लेने लगे
मैंने विरोध किया मैंने कहा पापा यह ठीक नहीं है अगर विकास को पता चल गया तो वह बहुत नाराज़ होंगे और आप से झगड़ा करेंगे पर पापा कुछ नहीं बोले और वो मेरे बोबो को मसलते रहे और मेरे होठों को चूमते रहे थोड़ी देर में मेरे विरोध के स्वर भी कमज़ोर पड़ गये और मैं कुछ नहीं बोली
वह ब्लाउज़ के ऊपर से ही मेरे बोबो को वह ज़ोर से मसल रहे थे और बीच बीच में मेरी नेपल्स को भी मसल रहे थे वो मेरे होठों को बहुत अच्छी तरह से चूम रहे थे थोड़ी देर बाद जब उनकी पकड़ ढीली पड़ी तो मैं उनकी गोद से निकलकर अपने रूम में भाग गई
मेंमें पसीने पसीने हो रही थी पर मैंने महसूस किया कि मेरी चूत गीली हो गई है यही समझ नहीं आया कि पापा की इस तरह बोबो को मसलने और चुम्बन लेने से मेरी चूत क्यों गीली हो गई
में चुपचाप रही अब मुझे डर लगने लगा था कि पापा को मैंने इतनी छूट दे दी है तो वह कभी भी उसका दुरुपयोग कर सकते हैं और अगले दिन ही ऐसे ही हुआ जैसे ही में खाना देने उनके रूम में गई वह केवल अंडरवियर और बनियान में बैठे हुए थे और उनके अंडरवियर में उनका बड़ा लडं खड़ा हुआ था
पापा ने फिर वही हरकत की उन्होंने मुझे खींचा और अपनी गोद मे बिठा लिया मेरी गांड में उनका लडं जो खडा हुआ चुभने लगा था
वह मेरे बोबो को मसलने लगे और मेरे गालों को चूमने लगे बीच बीच में वह में निपलो को भी काट लेते
में उनकी पकड़ से निकलने के लिए छटपटाने लगी पर उन्होंने मुझे कसकर पकड़े हुए था थोड़ी देर में मैंने अपने आप को उनके हवाले कर दिया उन्होंने मुझ को उठाया और बेड पर लिटा दिया
बेड पर लेटने के बाद उन्होंने मेरे ब्लाउस को खोल दिया और मेरी ब्ा के हुक खोलकर उसको भी उतार फेक दिया उन्होंने मेरी साड़ी खींचदी और मेरी पेटीकोट के नारे को ज़ोर से खींचा और उसको उतार कर अलग रख दिया अब मैं केवल उनके सामने पेटीं मैं लेटी थी
वो ऊपर से ही मेरी चूत को मचलने लगे और मेरे बोबो को अपने मुँह में लेकर उनको ज़ोर से चूसने लगे मैं उत्तेजित हो गई मैं चुपचाप पड़ी रही
पापा ने अब मेरी पेटीं को उतारकर फेंक दिया अब मे उनके सामने बिलकुल नंगी थी पापा ने अपना अंडरवियर भी उतार लिया और बनियान भी उतार लिया और अपने लंड चूत के मुहाने पर लगा दिया
पापा ने एक ज़ोर का धक्का मारा और उनका लडं मेरी चूत मे घुस गया और वह धक्के लगाने लगे में भी नीचे से उनका साथ देने लगे उनका लडं मैरी चूत को चोद रहा था उनके हाथ मेंरे बोबो को मसल रहे थे
और उनके होठ मेंरे होठो से मिले हुए थे मुझे बहुत मज़ा आया मैं कई दिन से विकास से चुद रही थी पर लॉकडाउन में 1 नए लड़ं मिल जाना मेरे लिए किसी ईनाम से कम नहीं था
पापा मेरी भरपूर चुदाई कर रहे थे और मैं उनका पूरा साथ दे रही थी वो दे दनादन मेरी चूत चोदे जा रहे थे और मैं अपने चूतड़ उचका उचकाकर उनके लडं को ले रही थी
मैंने अपनी बाहें उनके गले में डाडाल दीऔर अपने पांवों को उनके कमर पर लपेट दिया मेरे मुँह से अब कामुक बातें निकल रही थी ज़ोर से चोदो पापा और ज़ोर सेचौदो फाड़ दो मेरी चूत को निकाल दो इसका पानी और चोदो और पापा मुझ पर दनादन धक्के लगाए जा रहे थे वो बार बार कह रहे थे ले मेरी रानी ख़ूब ले मैं तो कब से इंतज़ार कर रहा था की तु मेरी पांवों के नीचे आए
सहीबताऊँ मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं विकास के साथ धोखा करूँगी पर लॉकडाउन की उदासी ने और पापा के आगे बढ़कर इस चुदाइ को करने से मेरे मन के अंदर विकास के साथ दग़ाबाज़ी करने की इच्छा हो गई
और मैंने पापा के साथ ख़ूब चुदवाया फिर तो 50 दिन के लॉकडाउन में मैं रोज़ रात को इंतज़ार करती की पापा का लौड़ा रात को कब मेरी चूत मे घुसेगा
—————
मैंमें जूही अजमेर की रहने वाली हूँ मेरे परिवार में मेरे सास ससुर मेरी जेठ जेठानी मैं और मेरा पति आकाश है
लॉकडाउन जब हुआ तब मेरी जेठानी कोटा गई हुई थी और घर पर हम केवल 5 लोग थे
मेरी शादी को दो साल ही हुए थे मेरे सास ससुर हमारे मकान के निचले हिस्से में रहा करते थे मैं और मेरे जेठानी क्या कमरा ऊपर था
सोसोशल डिसटेनस की वजह से हमने अपने घर के सब नौकरों को निकाल दिया था इसलिए मुझे और मेरी सास को सब काम करना पड़ता था
क्योंकि अधिकतर घर में ही रहते थे तो खाने पीने की चीज़ें ख़ूब बनती रहती थी आकाश और में अपने कमरे में रहते थे जबकि हम को मौक़ा मिलता हम चुदाई करते रहते थे शुरू के दिनों में तो हमने भी ईतनी चुदाई कर ली कि हम उस से बोर हो गए विकास का लौड़ा भी ज़्यादा अब तेज़ी से चुदाई नहीं करने लगा था और मुझको भी बोरियत होने लगी थी जीवन में नीरसता आ गई थी
हम दोनों चुदाई के वक़्त हमेशा पॉर्न मूवी देखा करते थे और पॉर्न मूवी में तरह तरह के आसनों को देखकर मेरी भी इच्छा होती थी कि कोई नई तरीक़े से चोदे
पर आकाश अब 1 ही तरह से इस कार्य को किया करते थे
एक दिन सुबह मेरी नज़र मेंरे जेढ सुमीत पर पड़ी सुमीत उस दिन एक्सरसाइज कर रहे थे मैंने देखा उनकी मसल्स बहुत मज़बूत थी और पायजामे में उनका लडं खड़ा हुआ था
मैंने सोचा में सुमित को किस तरह से पटा लू मैं उनकी नज़रों में अपनी छवि अच्छी रखना चाहती थी और उनसे रंडी की तरह चुदना भी चाहती थी
अब मैंने उनको पटाने के लिए कोशिश करना शुरू कर दी कई बार घर में मैं निकर और टी-शर्ट पहन लिया करती थी अब में कोशिश करती कि जब भी सुमित भैया कहीं पर भी बैठे हो मैं उनके सामने बैठ जाति और अपनी टाँगें चोडी कर लेती
भैया चोरी चोरी मेरी तरफ़ देखते रहते थे मैं देख रही थी कि उनकी निगाहें मेरी चूत पर और मेरे बोबो पर रखी रहती थी
मैं अपने मक़सद में क़ाक़ामयाब हो रही थी मुझको पता था देर सवेर भैया मुझको चोद ही देंगे अब मैं कई बार भैया से टकराने की भी कोशिश करती आते जाते सीढ़ियों पर चढ़ते हम दोनों 1 दूसरे से टकरा जाते मैं रोज़ रात को भैया को दूध देने के लिए उनके कमरे में जाती थी 1 रात जब मैं दूध लेकर उनके कमरे में गई तो वो सो रहे थे मैंने उनको जगाया पर वो नहीं जागे मैंने देखा उनके पायजामे में उनका लडं खड़ा हुआ है मैं उनके पास गई और मैंने धीरे से उसके लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी में कामुक आवाज़ें निकाल रही थी मेरी चूत गीली हो रही थी भैया ने जब मुझको देखा तो उन्होंने पकड़कर ऊपर खींच लिया और वो मेरे होंठों को चूमने लगे मैं भी भैया के ऊपर गिर गयी
भैया ने मुझको बिठा दिया और मेरी टाँगें चोडी कर दी अपनी भी अपनी टाँगें चोडी कर ली और हम दोनों बैठे बैठे 1 दूसरे से चिपके हुऐ भैया मेरे बोबो को सहलाने लगे थोडी देर में भैया ने अपने कपड़े भी उतार दिए और मेरे कपड़े भी उतार दिए हम दोनों बिलकुल नंगे हो गयी भैया पलंग पर लेट गए और में उनके ऊपर आ गई
मैंने अपनी चूत को उनके लड़ं पर लगा दिया और धीरे धीरे उसे अपनी चूत को लडं पर जाने लगी मुझको बहुत मज़ा आ रहा था भैया का लंड आकाश के लडं से काफ़ी बड़ा और मोटा था भैया ने मेरे बोबे को पकड़ लिया और वो उनको ज़ोर से दबाने लगे में ऊपर बैठकर धक्के लगाने लगी मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत के अंदर कोई राड घुसी हुई है में चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगी
यह बात तो बिलकुल सही है कि दूसरे से चुदने का मज़ा कुछ और ही होता है मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर घूम रही थी और मैं बार बार कह रही थी फक फ़क फ़क मी भैया भी नीचे से धक्के लगाकर मेरी चूत को भरता बनाने पर तुले हुए थे मुझको मज़ा आ रहा था
मैं भैया को चूम रही थी भैया भी मेरे होठों को मेरे बोबो को ज़ोर से मसल रहे थे काट रहे थे मेरे आनंद की पराकाष्ठा नहीं थी थोड़ी देर के बाद भैया ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया
इस बार भैया ने मुझे नीचे लिटा दिया और ख़ुद ऊपर आ गए उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगे मैंने अपनी टाँगें उनकी कमर पर लपेट ली भैया मेरे होठों को चूमने लगे और धक्के लगाने लगे मैंने कहा भैया और ज़ोर से लगा और ज़ोर से लगा चूत तो बहुत दिनों से प्यासी है बहुत दिनों से इसकी अच्छी तरह से कुटाई नहीं हुई है आप इसको अच्छी तरह से कुटो वो ख़ूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगे भैया को मज़ा आ रहा था वह पागल हो रहे थे और मैं भी पागल हो रही थी
हम बहुत देर तक मज़ा लेते रहे अब तो हम दोनों के लिए यह रोज़ का ही काम हो गया था आकाश की निगाहों से बचकर जब भी मुझको मौक़ा मिलता मैं भैया की बाहों में समा जाती और उनके लौडे को पकड लेती भैया भी मौक़ा देखते ही मुझे चोदने के लिए हमेशा तैयार रहे थे जबकि हम दोनों 1 दूसरे के सामने आते ही भैया कभी मेरे बोबो को पकड़ लेते मेरे चूतडो को दबा देते मेरी गांड में उंगली कर देते सही बताऊँ इस लॉकडाउन का जो मज़ा मुझे आया
मैंमैं विधि लॉकडाउन के दौरान अपने मायके आयी हुई थी मायके में मेरे साथ मेरे मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई था
मेरा छोटा भाई फ़ाइनल ईयर में था और वो भी लॉकडाउन की वजह से घर में रुका हुआ था हम दोनों भाई बहनों के बीच हुए 2 साल का फरक था पर मैं हमेशा उसके साथ बडी बहन ही रही थी
पर जब लॉक डाउन हुआ तो मेरे पास कुछ करने को नहीं था मैं अपने पति से फ़ोन पर बात करने के अलावा उससे भी बात करती रहती थी मेरे भाई कानाम सुशील है और वह अपने नाम के अनुरूप सुशील ही है
क्योंकी कुछ ज़्यादा करने को तो होता नहीं था तो हम दोनों बाहें बहन अक्सर TV देखते रहते थे कई बार मैं उसका लैपटॉप लेकर वेब सीरीज़ भी देख लिया करती थी 1 दिन जब मैंने उसका लैपटॉप लिया तो मैंने देखा उसके अंदर 1 हॉट फ़िल्म लगी हुई है मैंने उसको देखा तो मैं गरम हो गई तो मुझको लगा कि मेरा छोटा भाई अब इतना छोटा नहीं रहा है जितना मैं सोचती हूँ मेरे मन में अब उसको पटाने की नीयत हो गई
अगलेदिन मैंने सुशील से कहा कि कल रात को मैंने तुम्हारे लैपटॉप पर वह पिक्चर देखी जो तुमने लगा रखी थी सुशील सवालिया निगाहों से देखने लगा कौन सी मूवी तो मैंने उसको बताया तो उसने शर्म से आंखें झुका ली
मैंने उससे कहा कि इस उम्र के अंदर सभी लोग देखते हैं तुमने देख ली तो क्या हो गया मैंने उससे कहा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड है तो उसने मना किया मैं उसको बार बार यह कहकर छेड़ती क्या उसके कॉलेज में लड़कियां है जिनको वह पटाने की सोचता है तो मना कर देता
एक दिन हम दोनों TV देख रहे थे एक प्रोग्राम को लेकर हम दोनों के बीच में रिमोट को लेकर झगड़ा हो गया मैं रिमोट लेकर भागी तो सुशील मेरे पीछे भाग गया मैं भी भागती रही और वो भी भागा अचानक उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और नीचे गिरा दिया और वो मेरे ऊपर लेट गया मैंने रिमोट अपने सीने पर छुपा लिया सुशील ने रिमोट निकालने की वजह से मेरे दोनों बोबो को पकड़ लिया और रिमोट निकालने की कोशिश करने लगा जब उसको एहसास हुआ कि उसने क्या पकड़ रखा है वह 1 दम चौकं गया
वह रिमोट लेकर जल्दी से मेरे ऊपर से उतर गया हम दोनों अपनी सांसों को दुरस्त करने लगे
मैंने देखा कि इसके बाद उसकी निगाहें मेरी तरफ़ बदलने लगी थी अब वह कोशिश करता है कि किसी तरह से मुझको टच कर ले मुझको भी उसके टच करने में मज़ा आने लगा था
1 रात को जब मैं उसके रूम के पास गई मैंने देखा कि उसके रूम में से आवाज़ें आ रही थी हाय विधि हाय विधि मैंने सोचा कि सुशील मेरा नाम ले रहा है मैंने रूम में झाँक के देखा तो मैं देख दंग रह गई सुशील ने अपना नीचे नीचे कर रखा था और अपने लौंडे कोहिला रहा था मै चौंक गई एक दम सुशील के निगाह खुली तो उसने मुझको अपने सामने खड़ी पाया वह जल्दी से अपने लौंडे को छुपाने की कोशिश करने लगा
मैंने का कोई ज़रूरत नहीं है मैं समझ गई हूँ मैंने देख लिया है की तुम मेरे बारे में क्या ख्याल रखते हो सुशील 1 दम उठा और उसने मुझे पकड़ लिया और बैड पर गिरा दिया उसने कहा जब समझ ही गए हो तो अब मज़ा भी ले लो और वो मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या प्रतिक्रिया करूँ सुशील मुझे जगह जगह से चूमने लगा उसने मेरे कपड़े उतार दिए और ख़ुद के भी कपड़े उतार दिए पहली बार मैंने उसका लौड़ा अपनी आँखों के सामने देखा क्या ख़ूब लोढ़ा था मुझे तो मज़ा ही आ गया मैं तो उससे चुदाने के लिए तैयार हो गई
मैंने उसको कहाभाई अब देर मत करो और मुझ को चोदो सुशील ने अपना लोढ़ा मेरी चूत मे ज़ोर से धक्का लगाकर घुसा दिया मेरे मुँह से आह निकल गई पर सुशील ने नही रोका उसमें लोढ़ा घुसाते के साथ धक्का लगा करना शुरू कर दिया वो कहने लगा मेरी रणडी दीदी मेरी रानी मेरी कुतिया मैं तो कब से चोदने की सोच रहा था आज तुम मेरे हाथ आइआज तो मैं तेरी चूत का भरता बना दूँगा आज मैं तुझको इतना चोदूगां की हमेशा किसी से भी चुदने से पहले मेरे बारे में सोचेगी मुझको भी इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था
मैं भी उसे कहने लगी
हाँहाँ भाई फाड मैं तेरी रण्डी हूँ मैं तेरी कुतिया हूँ जोर जोर से चोद और मुझको ख़ूब चोद आज बना दे चूत का भुर्ता और हम दोनों ख़ूब उचक उचक कर चुदाई करने लगे मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी मेरा भाई सुशील मरी अच्छी तरह से चुदाई कर रहा था मुझे मज़ा आ रहा था मैं ज़ोर ज़ोर से लोडे को अपनी चूत के आख़िर तक समा लेना चाहती थी थोड़ी देर के बाद अंदर उसका पानी छूट गया और मेरी चूत लबालब भर गई मुझको पहली बार ऐहसास हुआ की चुदाई कया होती है
अब तोअब तो लॉकडाउन हम दोनों भाई बहनों के लिए स्वर्ग बन गया हमारी जब भी ईछा होती हम दोनों एक दूसरे में समा जाते और ख़ूब चुदाई करते
मेरा नाम रचना है और में गुडगाँव में रहती हूँ मेरे पति एक सॉफ्टवेर इंजिनियर है गुडगाँव में हमने एक फ़्लैट किराया पर ले रखा है जिसमें हम दोनों रहते हैं लॉकडाउन जब हुआ तो हम दोनों को घर पर काम करने की परमिशन मिल गई मैं और मेरे पति फ़्लैट में अपना काम भी करते पर जब मौक़ा मिलता तो हम सेक्स भी करते हमें अच्छा लग रहा था पर कुछ समय के बाद हम दोनों को बोरियत होने लगी काम का लोड इतना ज़्यादा होता था कि हम को सेक्स करने में मज़ा ही नहीं आता था धीरे धीरे मेरे पति सेक्स को एक रूटीन की तरह करने लगे
हम बिल्डिंग के जिस फ़्लोर पर रहते थे उसमें चार फ़्लैट थे एक फ़्लैट में मेरे पति के साथ उसके ऑफ़िस में काम करने वाला विक्रम भी रहा करता था विक्रम की शादी नहीं हुई थी विक्रम कई बार शाम को हमारे फ़्लैट में आ जाता हम तीनों साथ में ड्रिंक करते और खाना भी खा लेते मुझे कभी भी विक्रम को देखकर कभी ग़लत ख्याल नहीं आया विक्रम भी हमारे साथ हँसी मज़ाक करता रहता था
विक्म और मेरे पति तो विशकी पिया करते थे में केवल बीयर पिया करती थी एक रोज़ हम तीनों शाम को ड्रिंक कर रहे थे बातों ही बातों में विक्रम और मेरे पति को पता ही नहीं चला कि उन्होंने कितनी पी ली है मेरे पति तो वहीं लुढ़क गए पर विक्म होश में था मेरे पति के लुढ़क जाने के बाद विक्रम मेरे पास मैं आया और मुझे अपनी बाहों में उठा लिया मैंने कहा विक्रम क्या कर रहे हो विक्रम ने कहा कुछ नहीं और थोड़ा मज़ा करते हैं और उसने मुझे वही सोफ़े पर लौटा दिया उसने मेरी निकर को ऊचां किया और मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाने लगा
मैं नशे में थी इसलिए मैं उसका विरोध नहीं कर पाई मेल चूक को सहलाते वह मेरे बोबो पर आ गया उसने मेरे बोबो को ज़ोर से मसल दिया और मेरा चुंबन लेने लगा वह मुझको ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा मुझे मज़ा आने लगा में भी उसको चूमने लगी
विक्रम ने कहा मैं कब से तुम्हारे साथ सेक्स करने की सोच रहा हूँ आज मुझे मौक़ा मिला है उसमें मेरे टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे कपडे भी उतार दिये उसने अपने कपड़े भी उतार दिए और सोफ़े पर अपना लोढ़ा मेरे मुँह में दे दिया मैं उसके लौडे को चूमने लगी वह कहने लगा मज़ा आ गया मज़ा आ गया रचना ख़ूब चूसो और मैं उसके लोडे को चूसने लगी थोड़ी देर के अंदर वो मेरे पांवों के नीचे आ गया और उसने अपने होंठ चूत पर लगा दिये वह मेरी चूत अपनी जीभ से चाटने लगा
मेने कहा अब रोका नहीं जा रहा घुसा दो तुम अपना लोढ़ा विक्रम ने ज़ोर से अपना लोढ़ा मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा में भी नीचे से उसका साथ देने लगी हम दोनों बहुत देर तक चूत चुदाई खेलते रहे थोड़ी देर में विक्रम ने मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गांड में क्रीम लगाकर अपना लोढ़ा उसमें पेल दिया मैं दर्द से चिल्लायी पर विक्रम नहीं रोका और वह मेरी गांड को मारता रहा वह कहता रहा मेरी जान मजा आ गया आज मैंने तेरा रिकॉर्ड दोनों तरह से बजा दिया विक्रम मेरी गांड मारने के बाद खड़ा हो गया मैं उससे लिपट गई मैंने कहा विक्रम ज़िंदगी में आज सच्चा सुख मिला है इसके बाद तो मैंअपने पति से निगाहें बचाकर विक्रम के साथ इस खेल का ख़ूब मज़ा लिया