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मेरा नाम विवेक है. अब मेरा उमर 19 साल है. मैं एक गांव में रहता हूं जिसका नाम मैं नहीं बता सकता। मेरे घर में मेरी माँ के अलावा और कोई नहीं है। मेरे मां का नाम माला देवी है, और मेरे पापा का नाम पवन है।
मेरे पापा की मौत हो गई थी किसी बीमारी के कारण से। तब मैं बस 10 साल का था और माँ की उमर 30 साल की थी।
मेरी मां माला देवी अब ऐसे दिखती है, इनकी साइज मैं आपको क्या बताऊं देख कर पता चलता ही होगा।
इनकी चूची है 40 की, कमर है 38 की ओर गांड है 42 की।
हमारे पास खुद की बहुत सी खेती है तो पापा की मौत के बाद मां को ज्यादा परेशान होना नहीं पड़ा। मा खेती कर के ही घर चलाती है।
तो अब कहानी पर आते हैं। ये बात तब की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ रहा था। मेरे दोस्तों का एक ग्रुप था। हम बहुत भूल-भुलैया करते थे और बहुत सारे रहस्य साझा करते थे।
मैं सेक्स की कहानियां पढ़ना शुरू किया, ज्यादा तर xforum पे ही पढ़ता था और दोस्तों को भी पढ़ ने का सलाह दिया। हमारा पसंदीदा प्रकार था माँ की चुदाई। वो अपनी माँ की हो या दोस्त की माँ की।
ऐसे ही हमारे अंदर में सेक्स का ऐसा बहुत बुरा हुआ कि हर कोई अपनी अपनी माँ की आधी नंगा या पूरी नंगा फोटो या वीडियो बना के अपने ग्रुप में शेयर करता था।
पहले तो हमें बहुत मजा आया लेकिन बाद में हमें रियल सेक्स करने का मन होने लगा। हम किसी की माँ को मिल के चोद ना चाहते थे। लेकिन हमारे ग्रुप में मुझे चोर के सब संयुक्त परिवार में रहते थे। तो सब ने मेरी माँ को चोदने का फैसला किया। मैं भी मान गया।
माँ की सेक्स की भूख तो मिटती ही नहीं। और गांव में हमारा बहुत सम्मान था तो मां ने दूसरा कोई तरीका नहीं सोचा अपने सेक्स को बुझाने के लिए। और इसी वजह से मां घर में ज्यादा तार वक्त अधिक नंगी ही रहती थी। जैसे सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट या सिर्फ पेटीकोट अपने स्तन ऊपर से ही।
मेरे सामने ऐसी रहने वाली माँ को जरा सा शर्म नहीं आती थी। लेकिन बहार के लोग आने से माँ सज धज के ही निकलती थी। कभी-कभी तो रात में सिर्फ पेटीकोट पहन के सोने की वजह से माँ पूरी नंगी हो जाती थी। तो मैंने ये सब वीडियो बना लिया और अपने दोस्तों को दिखाया था और मुठ मारता था।
लेकिन कुछ दिनों के बाद मैंने स्कूल के लिए निकल ने के बाद चुप के से घर के अंदर झका और हमारा घर बांस के होने के कारण से मुझे देखने को कोई समस्या नहीं हुई। मैंने देखा मेरे निकल ते ही माँ पूरी नंगी हो जाती थी और वैसे ही घर की काम करती थी। किसी किसी दिन माँ फिंगरिंग भी क्रती थी।
कुछ दिन में अकेले ही ये सब देखा फिर सोचा चलो अपने दोस्तों को वी दिखाते हैं। फिर हम सबने मिलके माँ को देखने लगे घर के बाहर से। एक दिन हम सबने मिलके एक प्लान किया माँ को चोद ने के लिए। फिर हमने योजना बनाई कि मुताबिक काम शुरू कर दिया।
मैंने कुछ दिनों से मां को दूध या पानी में मिलाके विग्रा के टैबलेट खिलाने लगा तो मां की सेक्स की भूख और बढ़ गई। अब तो माँ रात को पेटीकोट तो पहन के ही सोती थी लेकिन थोड़ी ही देर बाद अपने स्तनों को मसलती, चूत को सहलाती, और ऐसे ही निंद में अपने पेटीकोट को खोल के नंगी होकर सो जाती थी।
ऐसे ही 4 दिन बाद मैंने दोस्तों को कहा कि आज रात को तुम लोग मेरे घर पर आओगे माँ के सो जाने के बाद। तो माँ और मैंने खाना खाया और माँ को मैंने विग्रा खिला दिया था और फिर थोड़ी देर बाद माँ सो गई, मैंने सोने का नाटक किया। माँ को नींद बहुत गहरी लगती थी।
फिर मेरे दोस्त लोग आ गए और धीरे से दरवाजे पर दस्तक दी तो मैंने दरवाजा खोल दिया और सब अंदर आ गए। उस रात को माँ सिर्फ पेटीकोट स्तन के ऊपर से पहन के सो गई थी।
तोह मेरे दोस्त लोग तो काफी एक्साइटेड थे माँ को चोदने के लिए। मेरे दोस्तों का नाम है अंकित, ब्रिजेश, शौर्य और विजय।
माँ की पेटीकोट से किसी तरह माँ की चूत और जाँघों का थोड़ा सा ऊपर हिसा ही ढका था। फिर सब जाके माँ के पास बैठ गये। सब बिल्कुल वी नहीं डर रहे थे. उन लोगों ने पहले ही कहा था कि 'आज तेरी मां को चोद के ही आएंगे, वो माने या ना माने, जरूरत पड़े तो कल अगर हम लोगों को अपने घर से निकल देते हैं तो निकल जाएंगे।' लेकिन तेरी माँ को चोदेंगे।'
और मैंने उन लोगों से कहा था कि 'अगर फंस गए तो कोई मेरा नाम नहीं लेगा' और वो लोग मान गए। फिर सब ने माँ को चुनना शुरू कर दिया। कोई पेटीकोट को ऊपर उठाया कोई नारा खोल दिया। फिर तो माँ पूरी नंगी थी। सिर्फ माँ के पेट में पेटीकोट फसा हुआ था।
और चारो ने मिलके मां के एक-एक चीज पर टूट पड़े। किसी माँ ने दायाँ बूब लिया तो कोई बायाँ, फिर दूसरा या एक माँ की चूत में उंगली कर रहा था और एक माँ की गांड मसल रहा था।
थोड़ी ही देर में माँ जाग गई और एक दम से शॉक्ड हो गई 4 लड़कों को देख के। और माँ भाग के दूसरे कमरे में चली गई।
फिर हम सब हमारे कमरे में चले गए और अपने-अपने शर्ट-पैंट उतार के नंगे हमारे खड़े लंडो के साथ। दूसरे या इतने समय में जो माँ के साथ जो मेरे दोस्त कर रहे थे हमसे माँ काफी गर्म हो चुकी थी। तो माँ रुक नहीं पायी और 5 खड़े लंड को देख कर माँ पास आयी और सबके लंड चुनने लगी।और पहले मेरे लंड को मुँह में भर लिया।
माँ को देख के सदमा लग गया। लेकिन माँ मेरे लंड को इतनी बढ़िया से मुँह में ले रही थी कि मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर माँ ने ज्यादा देर नहीं की और सब के लंड मुँह में ले लिया और दोनों हाथों से दूसरे का लंड हिलाने लगे।
फिर माँ ने कहा बच्चों, मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं फिर से इतने दिनों तक सेक्स कर रही हूँ। तुम लोग मुझसे आज जबरदस्त सेक्स करो मैं कुछ नहीं कहूंगी।' फिर अंकित और विजय ने मिलकर मां को दोनों हाथ और जोड़ी से पकड़ कर बिस्तर पर गिरा दिया और सब बिस्तर पर आ गए।
फिर मैंने पहले माँ की चूत मारी तो शौर्य ने अपना लंड माँ के मुँह में घुसा दिया और धीरे धीरे माँ की चूत में अपना लंड ढकेला और 2-3 बार मेरा लंड घुस गया।
फिर मैं इतना उत्साहित था कि जोर जोर से माँ को चोदने लगा। और 7 मिनट में हाय मेरा माल माँ की चूत में निकल गया।
फिर विजय ने अपना लंड माँ के चूत में घुसा दिया और ब्रिजेश ने माँ की गांड में अपना लंड घुसा और कोशिश कर रहा था लेकिन घुस ही नहीं रहा था। फिर मैंने थोड़ा सा तेल दिया और सबने अपने-अपने लंड पर लगा लिया और माँ की फुद्दी में लगा दिया। फिर एक के बाद एक सबने माँ की चूत फिर गांड मारी ।
और मुँह चोदाई भी करता रहा. तब रात के 3 बज रहे थे. फिर हमने सोचा कि इस मजे को और थोड़ा ज्यादा करते हैं। फिर हम घर के बाहर आ गई रात को कोई बाहर नहीं था। हम शुद्ध नंगे थे. फिर हम रस्ते में आके माँ को फिर से चोद ने लगे। माँ को कुतिया बनाके डॉगीस्टाइल में सबने चोदा और माँ को रास्ते में ही लिटा दिया और सबने अपना अपना माल माँ की शुद्ध बॉडी पर गिरा दिया।
फिर हमने देखा कि सुबह होने लगी थी। थोडा थोडा रोशनी होने लगी थी. तो हम सब घर पे आ गए और दरवाज़ा बंद कर दिया। हम बहुत गंदे हो गए थे तो हम जमीन पर ही एक दूसरे के ऊपर सो गए और हमें नींद आ गई। हम उठे तो देखा शाम के 3 बज रहे थे।
हमने एक साथ माँ के साथ नहाय। फिर किसी ने वी कपडे नहीं पहने। और माँ ने नंगी होकर ही खाना बनाया। हम सब माँ को देख रहे थे। माँ ने कहा 'बच्चों, आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। किसी दिन मैं जब नदी में नहा जाऊंगी, तुम लोग चलोगे। वाहा फिर से सेक्स करेंगे. मुझे बाहर सेक्स करने को बहुत मन करता है जैसी रात को हमने किया था।'
सब खुश हो गये. फिर हमने खाना खाया और फिर से सो गए। उस रात को हम लोगों ने और दो बार सेक्स किया। फिर उस बार माँ ने कहा था कि माँ एक बार नदी में हम लोगों से चुदना नहीं चाहती है। हमारी खेती के पास ही एक नदी है। और वो शाम के 3/4 बजे तक लोग नहाते हैं।
फिर वो कोई नहीं होता है. इसीलिये माँ ने हमसे चुदने का प्लान बनाया था खुले में। उस रात को माँ वही रहने वाली थी हमारे गोदाम में। माँ ने हमें बताया. और हमने वी कहा की ठीक है। लेकिन हमने मां के अंजाने में हमारे प्लान को बदल दिया। हमारी खेती में मां को चोर के 3 लोग काम करते हैं। और माँ उन्हें काम करने के लिए पैसे देती है। उन लोगो का नाम है अशोक, दीनानाथ, लालबाबू. उन लोगों की उम्र 35 साल है। हमारी खेती में मीडियम साइज का एक गोदाम है। और वोहा हमरे आराम करने के लिए एक बिस्तर वी रखा है। तो हमने मां के अंजाने में जो प्लान बनाया।
उनके मुताबिक हमने मां को फोन करके कहा 'हम आज शाम को नहीं।' हम क्रिकेट खेलने मैदान में जा रहे हैं तो हमें जाने को थोड़ा देर होगा।' मां ने वी कहा 'ठीक है मैं गोदाम में आराम करूंगी।' माई दरवाजा खुली रखूंगी और नंगी सोयी रखूंगी। आ जाना तुम लोग.'
विजय ने प्लान किया 'खेती में जो लोग काम करते हैं उन्हें आज भेज देते हैं मां को चोदने। वैसे तेरी माँ की चूत में बहुत गर्मी है चोद ने के लिए। मुझे तो वो एक रंडी लगती है।' वो लोग काम से लूट रहे थे। तो मैंने उन्हें कहा 'आप लोगों को मां ने बुलाया है गोदाम में बुलाया है थोड़ी देर बाद।'
तो वो लोग घर गए फिर वो 3 लोग फिर से खेती में जाने लगे। हम वी उनको फॉलो करने लगे। वो लोग जाके गोदाम के पास गए और माँ को बुलाने लगे। लेकिन पूरे दिन काम करने के बाद मां इतनी थक गई थी कि मां को नींद आ गई थी और मां ने कुछ आवाज नहीं दी।
उन लोगों ने दरवाजा ढकेला तो दरवाजा खुल गया और वो लोग अंदर चले गए और मां को नंगी देखकर चौंक गए। सब लोग थोड़ा हिचकिचा रहे थे. लालबाबू ने कहा 'चल घर चले हैं।' बेकार लफड़ा हो जाएगा।' अशोक ने कहा 'अबे तुम लोग वी मालकिन को गंदे नजरों से देखते हो। मुझे पता है. तो बेकार में नाटक मत करो आज थोड़ा मजे कर लेते हैं मलकिन के साथ।'
दीनानाथ ने भी कहा 'हा सही है।' चल आज इस रंडी को चोदते हैं। वैसे हर रात को इस बात का ख्याल है कि अपनी बीवी को चोदता हूँ। आज तो ये मिल गई है. आज मौका हाथ से नहीं जाने देंगे।' अब तक अंधेरा हो चुका था। तो हम गोदाम के पास चले गए। हमारे गोदाम बांस के होने के कारण से हमें अंदर देखने को कोई समस्या नहीं हो रही थी।
लालबाबू ने लैंप जलाया तो सब कुछ और अच्छे से दिख रहा था। मां दिवार के या मुंह करके सो रही थी तो हमारे किसानों को मां का सेक्सी पिथ और 38 की गांड दिखाई दे थी। वो लोग सब कपड़े उतार के नंगे हो गए और बिस्तर पर उठ गए। विजय ने माँ की चमकती हुई गांड को मसलने लगा।
लालबाबू के पीछे से ही आके माँ के स्तन दबाने लगा और दीनानाथ ने अपना लंड माँ के मुँह पर रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद माँ की नींद खुली और आँख बंद करके ही मजा लेने लगी। तो माँ को दिखा वी नहीं कि वो हम लोग नहीं थे कोई और था। और माँ ने वी दीनानाथ का लंड मुँह में लेने लगी.
और माँ को साथ देते हुए देख कर विजय ने और माँ की चूत में उंगली घुसाने लगा और लालबाबू ने स्तन चूसने लगा। फिर दीनानाथ ने थोड़ी देर बाद कहा ' मल्किन, आपको अगर इतना ही सेक्स करने का मन था तो पहले क्यों नहीं कहा। हम वी तो आपको कबसे चोदना चाहते थे।'
ये सुनते ही मां ने आंख खोली और एक दिन से चौक गई अपने किसानों को देख कर। लेकिन मां इतने समय से ऐसे मजे ले रही थी तो उन लोगों को ना नहीं कह सकती थी। नहीं तो वो लोग बाहर किसी को बता देते, इस वजह से मां वी मान गई उन लोगों के साथ सेक्स करने के लिए। मां बिस्तर पर लेटी रही.
दीनानाथ माँ के मुँह में अपना लंड घुसा के चोदने लगा। विजय माँ की चूत में मुँह डाल के चाटने लगा और लालबाबू माँ के स्तनों को दबाने लगा। विजय ने माँ की चूत को ऐसे चाटा था और उंगली डाल रहा था कि माँ इतनी उछल रही थी, दूसरे या लालबाबू ऐसे स्तनों को लेकर निपल्स को दांत से काट रहा था।
मां आन्हे भरने लगी और चिल्लाने लगी 'विजय, आन्हे उंगली कितनी देर तक डालेगा अपना लंड डालेगा। इस चूत को तुम लोगो का लंड जरूरी है। 'फिर विजय ने मां के चूत में अपना लंड घुसा दिया और लंड अंदर ही धकेल कर रखा जैसे कि वो अपने लंड को मां के पेट में घुसाना चाहता था।
फिर वो लंड को एक बार निकला और पूरा जोर से मारने लगा। 'माँ को बहुत मजा आने लगा और माँ वी ज़ोर ज़ोर से विलाप करने लगी आआन्न्ह्ह ह्ह्म्म्म चोदो और जोर से मेरी चूत फाड़ दो आआन्न्ह्ह...' ये सुन के विजय और जोश में आ गया, और वी ज़ोर लगा के चोद ने लगा।
फ़िर विजय बैठ गया और माँ के स्तन दबाने लगा और लालबाबू आके चोदना शुरू किया। उसका लंड इतना मोटा था कि घुसा ते ही माँ चिल्ला उठी। फिर लालबाबू ने कहा 'अरे माल्किन, अब तो मेरा लोडा बस घुसा है इतने में आप चिल्ला रही हैं, अभी तो आपकी चूत फटना बाकी है।
फ़िर वो माँ को चोदने लगा और माँ चिल्लाती है। अब दीनानाथ वी रुक नहीं पाया वो बिस्तर पर माँ के आला लेट गई और अपने लंड पर ढेर सारा ठुक लगया और माँ के गांड पे घुसाने की कोशिश करने लगा लेकिन पहले तो घुस ही नहीं रहा था बाद में उसने माँ की फुद्दी में भी ठुक लगया और अपना उंगली घुसा के अंदर बाहर करें लगा और थोड़ी देर बाद अपना लंड का टोपा घुसा दिया।
माँ चिल्लाने गयी तो विजय ने अपना लंड माँ के मुँह में गले तक घुसा दिया। अब वो लोग 3 मिलके माँ की 3 होल को चोद रहे थे।
ऐसे 15 मिनट तक चोदने के बाद सबने अपना अपना लंड निकाल लिया और माँ को थोड़े समय के लिए चोर दिया। फ़िर दीनानाथ ने माँ को अपने भगवान से पकड़ लिया और माँ की फुद्दी में अपना लंड घुसा दिया। और फिर काफी देर तक चोदने के बाद दोनों ने अंदर ही अपना माल निकल दिया और माँ को चोर के साथ बैठ गया। फ़िर लालबाबू ने आके माँ को डॉगी पोज़ में लिया और चूत में अपना लंड घुसा के थप मरने लगा और माँ की गांड में थपप्पड़ मारने लगा। और वो कुछ देर चोदके अपना लंड निकला और माँ के मुँह में अपना माल निकल दिया। माँ वी बड़े ही सेक्सी अंदाज में लालबाबू का माल पी गई।
फिर वो लोग माँ को उठा लिया और नदी में जाके गिरा दिया। नदी में पानी कम था तो माँ को वही गिरा के उन लोगों ने नहलाया। सब नंगे थे तो माँ ने फिर उन लोगों का लंड हिलाना शुरू किया तो थोड़ी देर बाद सबने माँ के मुँह में माल निकल दिया और फिर वो लोग माँ को घर तक चोर दिया और अपने-अपने घर चले गए। फिर थोड़ी देर बाद मैं अपना घर चला गया और मेरे दोस्त लोग वी अपने-अपने घर चले गए। माई घर में घुसा तो मां ने गुस्से में आके बोली 'तू क्या मुझे रंडी बनाएगा।'
मैंने तेरे और तेरे दोस्तों की ख़ुशी के लिए तुम लोगो के साथ सेक्स करने के लिए मान गयी। लेकिन तू तो मुझे रंडी बनाके चोरेगा।' मुझे वी गुस्सा आया और मैंने वी मां से कहा 'तुम तो किसानों के साथ मजे कर रही थी और गली मुझे देती हो। तुम्हें सेक्स करने की बहुत इच्छा होती है इसे देख के ही मैंने उन लोगों को भेजा था। क्योंकि तुम दिन में ज्यादा वक्त खेत में रहती हो तो जब वी मन होगा उन लोगों के साथ सेक्स कर सकती हो।' फिर मां चुप हो गई अपनी नाइटी उतारी और हमने खाना खाया और एक साथ सो गए। फिर माँ के साथ चुदाई की और सो गया।
मेरे पापा की मौत हो गई थी किसी बीमारी के कारण से। तब मैं बस 10 साल का था और माँ की उमर 30 साल की थी।
मेरी मां माला देवी अब ऐसे दिखती है, इनकी साइज मैं आपको क्या बताऊं देख कर पता चलता ही होगा।
इनकी चूची है 40 की, कमर है 38 की ओर गांड है 42 की।
हमारे पास खुद की बहुत सी खेती है तो पापा की मौत के बाद मां को ज्यादा परेशान होना नहीं पड़ा। मा खेती कर के ही घर चलाती है।
तो अब कहानी पर आते हैं। ये बात तब की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ रहा था। मेरे दोस्तों का एक ग्रुप था। हम बहुत भूल-भुलैया करते थे और बहुत सारे रहस्य साझा करते थे।
मैं सेक्स की कहानियां पढ़ना शुरू किया, ज्यादा तर xforum पे ही पढ़ता था और दोस्तों को भी पढ़ ने का सलाह दिया। हमारा पसंदीदा प्रकार था माँ की चुदाई। वो अपनी माँ की हो या दोस्त की माँ की।
ऐसे ही हमारे अंदर में सेक्स का ऐसा बहुत बुरा हुआ कि हर कोई अपनी अपनी माँ की आधी नंगा या पूरी नंगा फोटो या वीडियो बना के अपने ग्रुप में शेयर करता था।
पहले तो हमें बहुत मजा आया लेकिन बाद में हमें रियल सेक्स करने का मन होने लगा। हम किसी की माँ को मिल के चोद ना चाहते थे। लेकिन हमारे ग्रुप में मुझे चोर के सब संयुक्त परिवार में रहते थे। तो सब ने मेरी माँ को चोदने का फैसला किया। मैं भी मान गया।
माँ की सेक्स की भूख तो मिटती ही नहीं। और गांव में हमारा बहुत सम्मान था तो मां ने दूसरा कोई तरीका नहीं सोचा अपने सेक्स को बुझाने के लिए। और इसी वजह से मां घर में ज्यादा तार वक्त अधिक नंगी ही रहती थी। जैसे सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट या सिर्फ पेटीकोट अपने स्तन ऊपर से ही।
मेरे सामने ऐसी रहने वाली माँ को जरा सा शर्म नहीं आती थी। लेकिन बहार के लोग आने से माँ सज धज के ही निकलती थी। कभी-कभी तो रात में सिर्फ पेटीकोट पहन के सोने की वजह से माँ पूरी नंगी हो जाती थी। तो मैंने ये सब वीडियो बना लिया और अपने दोस्तों को दिखाया था और मुठ मारता था।
लेकिन कुछ दिनों के बाद मैंने स्कूल के लिए निकल ने के बाद चुप के से घर के अंदर झका और हमारा घर बांस के होने के कारण से मुझे देखने को कोई समस्या नहीं हुई। मैंने देखा मेरे निकल ते ही माँ पूरी नंगी हो जाती थी और वैसे ही घर की काम करती थी। किसी किसी दिन माँ फिंगरिंग भी क्रती थी।
कुछ दिन में अकेले ही ये सब देखा फिर सोचा चलो अपने दोस्तों को वी दिखाते हैं। फिर हम सबने मिलके माँ को देखने लगे घर के बाहर से। एक दिन हम सबने मिलके एक प्लान किया माँ को चोद ने के लिए। फिर हमने योजना बनाई कि मुताबिक काम शुरू कर दिया।
मैंने कुछ दिनों से मां को दूध या पानी में मिलाके विग्रा के टैबलेट खिलाने लगा तो मां की सेक्स की भूख और बढ़ गई। अब तो माँ रात को पेटीकोट तो पहन के ही सोती थी लेकिन थोड़ी ही देर बाद अपने स्तनों को मसलती, चूत को सहलाती, और ऐसे ही निंद में अपने पेटीकोट को खोल के नंगी होकर सो जाती थी।
ऐसे ही 4 दिन बाद मैंने दोस्तों को कहा कि आज रात को तुम लोग मेरे घर पर आओगे माँ के सो जाने के बाद। तो माँ और मैंने खाना खाया और माँ को मैंने विग्रा खिला दिया था और फिर थोड़ी देर बाद माँ सो गई, मैंने सोने का नाटक किया। माँ को नींद बहुत गहरी लगती थी।
फिर मेरे दोस्त लोग आ गए और धीरे से दरवाजे पर दस्तक दी तो मैंने दरवाजा खोल दिया और सब अंदर आ गए। उस रात को माँ सिर्फ पेटीकोट स्तन के ऊपर से पहन के सो गई थी।
तोह मेरे दोस्त लोग तो काफी एक्साइटेड थे माँ को चोदने के लिए। मेरे दोस्तों का नाम है अंकित, ब्रिजेश, शौर्य और विजय।
माँ की पेटीकोट से किसी तरह माँ की चूत और जाँघों का थोड़ा सा ऊपर हिसा ही ढका था। फिर सब जाके माँ के पास बैठ गये। सब बिल्कुल वी नहीं डर रहे थे. उन लोगों ने पहले ही कहा था कि 'आज तेरी मां को चोद के ही आएंगे, वो माने या ना माने, जरूरत पड़े तो कल अगर हम लोगों को अपने घर से निकल देते हैं तो निकल जाएंगे।' लेकिन तेरी माँ को चोदेंगे।'
और मैंने उन लोगों से कहा था कि 'अगर फंस गए तो कोई मेरा नाम नहीं लेगा' और वो लोग मान गए। फिर सब ने माँ को चुनना शुरू कर दिया। कोई पेटीकोट को ऊपर उठाया कोई नारा खोल दिया। फिर तो माँ पूरी नंगी थी। सिर्फ माँ के पेट में पेटीकोट फसा हुआ था।
और चारो ने मिलके मां के एक-एक चीज पर टूट पड़े। किसी माँ ने दायाँ बूब लिया तो कोई बायाँ, फिर दूसरा या एक माँ की चूत में उंगली कर रहा था और एक माँ की गांड मसल रहा था।
थोड़ी ही देर में माँ जाग गई और एक दम से शॉक्ड हो गई 4 लड़कों को देख के। और माँ भाग के दूसरे कमरे में चली गई।
फिर हम सब हमारे कमरे में चले गए और अपने-अपने शर्ट-पैंट उतार के नंगे हमारे खड़े लंडो के साथ। दूसरे या इतने समय में जो माँ के साथ जो मेरे दोस्त कर रहे थे हमसे माँ काफी गर्म हो चुकी थी। तो माँ रुक नहीं पायी और 5 खड़े लंड को देख कर माँ पास आयी और सबके लंड चुनने लगी।और पहले मेरे लंड को मुँह में भर लिया।
माँ को देख के सदमा लग गया। लेकिन माँ मेरे लंड को इतनी बढ़िया से मुँह में ले रही थी कि मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर माँ ने ज्यादा देर नहीं की और सब के लंड मुँह में ले लिया और दोनों हाथों से दूसरे का लंड हिलाने लगे।
फिर माँ ने कहा बच्चों, मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है कि मैं फिर से इतने दिनों तक सेक्स कर रही हूँ। तुम लोग मुझसे आज जबरदस्त सेक्स करो मैं कुछ नहीं कहूंगी।' फिर अंकित और विजय ने मिलकर मां को दोनों हाथ और जोड़ी से पकड़ कर बिस्तर पर गिरा दिया और सब बिस्तर पर आ गए।
फिर मैंने पहले माँ की चूत मारी तो शौर्य ने अपना लंड माँ के मुँह में घुसा दिया और धीरे धीरे माँ की चूत में अपना लंड ढकेला और 2-3 बार मेरा लंड घुस गया।
फिर मैं इतना उत्साहित था कि जोर जोर से माँ को चोदने लगा। और 7 मिनट में हाय मेरा माल माँ की चूत में निकल गया।
फिर विजय ने अपना लंड माँ के चूत में घुसा दिया और ब्रिजेश ने माँ की गांड में अपना लंड घुसा और कोशिश कर रहा था लेकिन घुस ही नहीं रहा था। फिर मैंने थोड़ा सा तेल दिया और सबने अपने-अपने लंड पर लगा लिया और माँ की फुद्दी में लगा दिया। फिर एक के बाद एक सबने माँ की चूत फिर गांड मारी ।
और मुँह चोदाई भी करता रहा. तब रात के 3 बज रहे थे. फिर हमने सोचा कि इस मजे को और थोड़ा ज्यादा करते हैं। फिर हम घर के बाहर आ गई रात को कोई बाहर नहीं था। हम शुद्ध नंगे थे. फिर हम रस्ते में आके माँ को फिर से चोद ने लगे। माँ को कुतिया बनाके डॉगीस्टाइल में सबने चोदा और माँ को रास्ते में ही लिटा दिया और सबने अपना अपना माल माँ की शुद्ध बॉडी पर गिरा दिया।
फिर हमने देखा कि सुबह होने लगी थी। थोडा थोडा रोशनी होने लगी थी. तो हम सब घर पे आ गए और दरवाज़ा बंद कर दिया। हम बहुत गंदे हो गए थे तो हम जमीन पर ही एक दूसरे के ऊपर सो गए और हमें नींद आ गई। हम उठे तो देखा शाम के 3 बज रहे थे।
हमने एक साथ माँ के साथ नहाय। फिर किसी ने वी कपडे नहीं पहने। और माँ ने नंगी होकर ही खाना बनाया। हम सब माँ को देख रहे थे। माँ ने कहा 'बच्चों, आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। किसी दिन मैं जब नदी में नहा जाऊंगी, तुम लोग चलोगे। वाहा फिर से सेक्स करेंगे. मुझे बाहर सेक्स करने को बहुत मन करता है जैसी रात को हमने किया था।'
सब खुश हो गये. फिर हमने खाना खाया और फिर से सो गए। उस रात को हम लोगों ने और दो बार सेक्स किया। फिर उस बार माँ ने कहा था कि माँ एक बार नदी में हम लोगों से चुदना नहीं चाहती है। हमारी खेती के पास ही एक नदी है। और वो शाम के 3/4 बजे तक लोग नहाते हैं।
फिर वो कोई नहीं होता है. इसीलिये माँ ने हमसे चुदने का प्लान बनाया था खुले में। उस रात को माँ वही रहने वाली थी हमारे गोदाम में। माँ ने हमें बताया. और हमने वी कहा की ठीक है। लेकिन हमने मां के अंजाने में हमारे प्लान को बदल दिया। हमारी खेती में मां को चोर के 3 लोग काम करते हैं। और माँ उन्हें काम करने के लिए पैसे देती है। उन लोगो का नाम है अशोक, दीनानाथ, लालबाबू. उन लोगों की उम्र 35 साल है। हमारी खेती में मीडियम साइज का एक गोदाम है। और वोहा हमरे आराम करने के लिए एक बिस्तर वी रखा है। तो हमने मां के अंजाने में जो प्लान बनाया।
उनके मुताबिक हमने मां को फोन करके कहा 'हम आज शाम को नहीं।' हम क्रिकेट खेलने मैदान में जा रहे हैं तो हमें जाने को थोड़ा देर होगा।' मां ने वी कहा 'ठीक है मैं गोदाम में आराम करूंगी।' माई दरवाजा खुली रखूंगी और नंगी सोयी रखूंगी। आ जाना तुम लोग.'
विजय ने प्लान किया 'खेती में जो लोग काम करते हैं उन्हें आज भेज देते हैं मां को चोदने। वैसे तेरी माँ की चूत में बहुत गर्मी है चोद ने के लिए। मुझे तो वो एक रंडी लगती है।' वो लोग काम से लूट रहे थे। तो मैंने उन्हें कहा 'आप लोगों को मां ने बुलाया है गोदाम में बुलाया है थोड़ी देर बाद।'
तो वो लोग घर गए फिर वो 3 लोग फिर से खेती में जाने लगे। हम वी उनको फॉलो करने लगे। वो लोग जाके गोदाम के पास गए और माँ को बुलाने लगे। लेकिन पूरे दिन काम करने के बाद मां इतनी थक गई थी कि मां को नींद आ गई थी और मां ने कुछ आवाज नहीं दी।
उन लोगों ने दरवाजा ढकेला तो दरवाजा खुल गया और वो लोग अंदर चले गए और मां को नंगी देखकर चौंक गए। सब लोग थोड़ा हिचकिचा रहे थे. लालबाबू ने कहा 'चल घर चले हैं।' बेकार लफड़ा हो जाएगा।' अशोक ने कहा 'अबे तुम लोग वी मालकिन को गंदे नजरों से देखते हो। मुझे पता है. तो बेकार में नाटक मत करो आज थोड़ा मजे कर लेते हैं मलकिन के साथ।'
दीनानाथ ने भी कहा 'हा सही है।' चल आज इस रंडी को चोदते हैं। वैसे हर रात को इस बात का ख्याल है कि अपनी बीवी को चोदता हूँ। आज तो ये मिल गई है. आज मौका हाथ से नहीं जाने देंगे।' अब तक अंधेरा हो चुका था। तो हम गोदाम के पास चले गए। हमारे गोदाम बांस के होने के कारण से हमें अंदर देखने को कोई समस्या नहीं हो रही थी।
लालबाबू ने लैंप जलाया तो सब कुछ और अच्छे से दिख रहा था। मां दिवार के या मुंह करके सो रही थी तो हमारे किसानों को मां का सेक्सी पिथ और 38 की गांड दिखाई दे थी। वो लोग सब कपड़े उतार के नंगे हो गए और बिस्तर पर उठ गए। विजय ने माँ की चमकती हुई गांड को मसलने लगा।
लालबाबू के पीछे से ही आके माँ के स्तन दबाने लगा और दीनानाथ ने अपना लंड माँ के मुँह पर रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद माँ की नींद खुली और आँख बंद करके ही मजा लेने लगी। तो माँ को दिखा वी नहीं कि वो हम लोग नहीं थे कोई और था। और माँ ने वी दीनानाथ का लंड मुँह में लेने लगी.
और माँ को साथ देते हुए देख कर विजय ने और माँ की चूत में उंगली घुसाने लगा और लालबाबू ने स्तन चूसने लगा। फिर दीनानाथ ने थोड़ी देर बाद कहा ' मल्किन, आपको अगर इतना ही सेक्स करने का मन था तो पहले क्यों नहीं कहा। हम वी तो आपको कबसे चोदना चाहते थे।'
ये सुनते ही मां ने आंख खोली और एक दिन से चौक गई अपने किसानों को देख कर। लेकिन मां इतने समय से ऐसे मजे ले रही थी तो उन लोगों को ना नहीं कह सकती थी। नहीं तो वो लोग बाहर किसी को बता देते, इस वजह से मां वी मान गई उन लोगों के साथ सेक्स करने के लिए। मां बिस्तर पर लेटी रही.
दीनानाथ माँ के मुँह में अपना लंड घुसा के चोदने लगा। विजय माँ की चूत में मुँह डाल के चाटने लगा और लालबाबू माँ के स्तनों को दबाने लगा। विजय ने माँ की चूत को ऐसे चाटा था और उंगली डाल रहा था कि माँ इतनी उछल रही थी, दूसरे या लालबाबू ऐसे स्तनों को लेकर निपल्स को दांत से काट रहा था।
मां आन्हे भरने लगी और चिल्लाने लगी 'विजय, आन्हे उंगली कितनी देर तक डालेगा अपना लंड डालेगा। इस चूत को तुम लोगो का लंड जरूरी है। 'फिर विजय ने मां के चूत में अपना लंड घुसा दिया और लंड अंदर ही धकेल कर रखा जैसे कि वो अपने लंड को मां के पेट में घुसाना चाहता था।
फिर वो लंड को एक बार निकला और पूरा जोर से मारने लगा। 'माँ को बहुत मजा आने लगा और माँ वी ज़ोर ज़ोर से विलाप करने लगी आआन्न्ह्ह ह्ह्म्म्म चोदो और जोर से मेरी चूत फाड़ दो आआन्न्ह्ह...' ये सुन के विजय और जोश में आ गया, और वी ज़ोर लगा के चोद ने लगा।
फ़िर विजय बैठ गया और माँ के स्तन दबाने लगा और लालबाबू आके चोदना शुरू किया। उसका लंड इतना मोटा था कि घुसा ते ही माँ चिल्ला उठी। फिर लालबाबू ने कहा 'अरे माल्किन, अब तो मेरा लोडा बस घुसा है इतने में आप चिल्ला रही हैं, अभी तो आपकी चूत फटना बाकी है।
फ़िर वो माँ को चोदने लगा और माँ चिल्लाती है। अब दीनानाथ वी रुक नहीं पाया वो बिस्तर पर माँ के आला लेट गई और अपने लंड पर ढेर सारा ठुक लगया और माँ के गांड पे घुसाने की कोशिश करने लगा लेकिन पहले तो घुस ही नहीं रहा था बाद में उसने माँ की फुद्दी में भी ठुक लगया और अपना उंगली घुसा के अंदर बाहर करें लगा और थोड़ी देर बाद अपना लंड का टोपा घुसा दिया।
माँ चिल्लाने गयी तो विजय ने अपना लंड माँ के मुँह में गले तक घुसा दिया। अब वो लोग 3 मिलके माँ की 3 होल को चोद रहे थे।
ऐसे 15 मिनट तक चोदने के बाद सबने अपना अपना लंड निकाल लिया और माँ को थोड़े समय के लिए चोर दिया। फ़िर दीनानाथ ने माँ को अपने भगवान से पकड़ लिया और माँ की फुद्दी में अपना लंड घुसा दिया। और फिर काफी देर तक चोदने के बाद दोनों ने अंदर ही अपना माल निकल दिया और माँ को चोर के साथ बैठ गया। फ़िर लालबाबू ने आके माँ को डॉगी पोज़ में लिया और चूत में अपना लंड घुसा के थप मरने लगा और माँ की गांड में थपप्पड़ मारने लगा। और वो कुछ देर चोदके अपना लंड निकला और माँ के मुँह में अपना माल निकल दिया। माँ वी बड़े ही सेक्सी अंदाज में लालबाबू का माल पी गई।
फिर वो लोग माँ को उठा लिया और नदी में जाके गिरा दिया। नदी में पानी कम था तो माँ को वही गिरा के उन लोगों ने नहलाया। सब नंगे थे तो माँ ने फिर उन लोगों का लंड हिलाना शुरू किया तो थोड़ी देर बाद सबने माँ के मुँह में माल निकल दिया और फिर वो लोग माँ को घर तक चोर दिया और अपने-अपने घर चले गए। फिर थोड़ी देर बाद मैं अपना घर चला गया और मेरे दोस्त लोग वी अपने-अपने घर चले गए। माई घर में घुसा तो मां ने गुस्से में आके बोली 'तू क्या मुझे रंडी बनाएगा।'
मैंने तेरे और तेरे दोस्तों की ख़ुशी के लिए तुम लोगो के साथ सेक्स करने के लिए मान गयी। लेकिन तू तो मुझे रंडी बनाके चोरेगा।' मुझे वी गुस्सा आया और मैंने वी मां से कहा 'तुम तो किसानों के साथ मजे कर रही थी और गली मुझे देती हो। तुम्हें सेक्स करने की बहुत इच्छा होती है इसे देख के ही मैंने उन लोगों को भेजा था। क्योंकि तुम दिन में ज्यादा वक्त खेत में रहती हो तो जब वी मन होगा उन लोगों के साथ सेक्स कर सकती हो।' फिर मां चुप हो गई अपनी नाइटी उतारी और हमने खाना खाया और एक साथ सो गए। फिर माँ के साथ चुदाई की और सो गया।