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Sanskari_Poonam

Poonam Pandey
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Update 1


Hello दोस्तो मेरा नाम अंिकत पटेल मैं गुजरात से हु। मेरी उम्र 18 साल है। हमारा बहुत बड़ा होलसेल िकराना


दुकान है । मेरे पापा बहुत बड़े व्यापारी है और सारा िबजनेस वही सम्हालते है। उनकी उम्र 45 साल है। पापा अक्सर


काम मे ही busy रहते हैं। पापा का शरीर बहुत भरी भरकम है और मोटी तोंद िनकली है।


मेंरी मॉम का नाम नीता पटेल है। उनकी उम्र लगभग 41 है। आप तो जानते ही है की गुजराती औरते िदखने में कै सी


होित है। मॉम भी िबलकु ल वैसी ही है।वो एक परफे क्ट milf हाउसवाइफ है।


मॉम िदखने में बेहद ही खूबसूरत और आकषर्क है। रंग बेहद गोरा है।इस उम्र में बहुत आकषर्क लगती है। हमेशा घर


में साड़ी या सलवार कमीज़ पहनती है। मॉडनर् खयालात की वजह से मॉम हमेशा स्लीवलेस ब्लाउज पहनती है।


िजससे उनकी िचकनी armpits िदखती है।मॉम का िजस्म एकदम भरा हुआ है। नाही ही ज्यादा मोटा और नाही पतला एकदम परफे क्ट िफगर है।


साड़ी में अगर कोई उसे देखले तो उसका िहलाए बगैर मन नही मानता। बड़ी आं खे, नरम गाल , रसभरे गुलाबी होंठ


िजनको कोई भी चूसना चाहेगा, चूतड तक आने वाले घने काले बाल,सुरहीदार गदर्न , उसकी िचकनी बाहें।


उसके तने हुए दोनो बड़े बूब्स काफ़ी सख्त है और मुलायम है िजससे झांकती हुई उसकी क्लीवेज सामनेवाले का


ईमान डगमगा देती है।


िचकना सपाट पेट ना ज्यादा चबीर् न काम। उसके बीच में उसकी गहरी गोल navel िजसे वो हमेशा खुली रखती है।


मॉम हमेशा navel के नीचे साड़ी बांधती है िजससे वो काफी कामुक लगती हैं। मांसल िचकनी बलखाती कमर


उसकी मोटी गद्देदार गांड़ जो बाहर को िनकली हुई है। जब वो चलती है तो उसकी गांड़ की दोनो बड़ीफांके ऊपर


नीचे हो कर आपसे में रगड़ खाती है। मॉम हमेशा कमरबंध (कमर में चैन) पहनती थी। िजसपर लगे घुंगरू मॉम के


चलने के वक्त बजते रहते थे।


मेरी मॉम बहुत ही संस्कारी है। वो घर के बाहर ज्यादा नहीं िनकलती है। कभी कभी पापा के ना होने पर दुकान के


काउं टर पर बैठती हैं। मेरे दादा दादी गांव में ही रहते हैं कभी कबार हमारे पास आते है।


मेरी एक बड़ी बहन है श्वेता जो hostel मे रहती है पढ़ाई के िलए। उसकी उम्र 20साल है िदखने में एकदम मॉम


जैसी है।


हमारा घर बहुत बड़ा है तीन मंिजला। नीचे हमारी दुकान है। ऊपर हम रहते है और सबसे ऊपर वाली मंिजल ऐसी ही


खाली पड़ी है वहा कोई नही रहता। नीचे दुकान है और दुकान को लग कर ही पीछे हमारा बहुत बड़ा गोडाउन।


दुकान और पीछे के गोदाम में थोड़ा gap है जहा से ऊपर घर में जाने के िलए सीिढ़यां है। मतलब हमे ऊपर जाने के


िलए दुकान के पीछे से जाना पड़ता है। गोदाम में सब दुकान का सामान रखा हुआ होता है।


दुकान बड़ा होने की वजह से हम 3-4 काम करने वाले लगते है।


हमारे दुकान में बरसो से रघु और गंगु दादाजी काम कर रहे है उनकी उम्र 60 के आसपास है। वही है जो कई सालो


से हमारे यहां काम कर रहे हैं क्योंिक पापा का स्वभाव बहुत िचढ़ िचड़ासा होने की वजह से कई लोग आए और चले


गए। लेिकन वो अके ले इतने िदनो से हमारे वफादार है।


अब कहानी पर आते है।


मॉम और मैं ऊपर के घर में सोफे पर बैठे हुए थे। दोपहर का वक्त था पापा दुकान से ऊपर आए। वो अक्सर दोपहर


में खाना खाने आ जाते है।


उनके चेहरे पर काफी गुस्सा िदख रहा था। पापा आकर सोफे पर बैठ गए।


क्या हुआ हुआ पापा आप गुस्से में लग रहे है मैने पूछा।


क्या बताऊं बेटा ये सब मजद ू र काम चोर होते है harami साले। ठीक से काम nhi karte। Isliye उन नए आए


दो आदिमयों को िनकल िदया काम से। एक अके ले रघु और गंगु चाचा ही है जो बरसो से हमारे साथ ईमानदारी


सेकाम कर रहे हैं।


क्या पापा आपने िफर से आदिमयों को िनकल िदया। तो अब नए आदमी कब आयेंगे।


बेटा कल अखबार में िवज्ञापन दे रहा हूं कोई न कोई तो जरूर िमल जायेगा। ऐसा कहकर un लोगो को गािलयां देनेलगे।


मॉम बैठकर हमारी बाते सुन रही थी।


मॉम - छोिड़ए अब गुस्सा और खाना खा लीिजए। ये कोई नई बात नही है। आप इतना गुस्सा क्यों करते हैं मजद ू रों


पर। इसिलए सब छोड़कर चले जाते है।


िफर हमने साथ खाना खाया और पापा िफर दुकान में चले गए।


िफर मैं भी टीवी देखने में लग गया ।


रात को दुकान बंद पापा ऊपर आए। दोनो दादाजी भी अपने अपने घर चले जाते थे दुकान बंद करके ।


पापा आपने अखबार में न्यूज दे दी क्या काम करने के िलए अदमोयो की।


Ha beta दे दी।


िफर हमने खाना खाया। और so गए
 

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Update 2

आगे,


ऐसे ही दो िदन िनकल गए। मजद ू र न होने की वजह से काम का बहुत लोड आ रहा था। इसिलए पापा बहुत िचढ़


िचढ़ कर रहे थे। मॉम और मैं उनसे बहुत परेशान हो गए।


तीसरे िदन दुकान में पापा और मैं दुकान में बैठे थे तभी 2 लोग आए और पापा से बात करने लगे।


उसमे से एक की उम्र 65 के आसपास थी और द ू सरा मेरी उम्र लड़का लग रहा था।


सलाम साब मैने पढ़ा की आपको मजद ू रों की जरूरत है। इसिलए आया हु।


पापा - हा चािहए। क्या नाम है तुम्हारा


मेरा नाम सुलेमान है मािलक


पापा - क्या तुम बोिरयां उठाने का काम कर लोगे। तुम्हारी उम्र देखकर तो नहीं लगता िक तुमसे वजनदार काम हो


पाएगा


अरे मािलक उम्र में क्या रखा है। यही काम तो करते आ रहे हैं। और ये मेरा पोता है फारूक इसको मैं छोट ू बुलाता हूं


प्यार से। ये भी काम कर लेगा।


पापा - ये तुम्हारा पोता है। ये बच्चा क्या काम करेगा। इससे नही होगा।


कोई टेंशन मत लो मािलक छोटा मोटा काम तो कर ही लेगा। बाकी का इसके िहस्से का काम भी मैं ही कर लूंगा।


आपका घर इतना बड़ा है तो झाड़ ू पोछा भी कर लेगा। और दुकान का भी काम देख लेगा। ये मेरा सगा पोता नही है।


ये मुझे छोटा था तब रास्ते पर िमला था। मैंने इसे पाल पोस के बड़ा िकया है।पापा ने बहुत सोचा उनको भी मजद ू रों की जरूरत थी इसिलए िफर दोनो को हा कह िदया। िफर पैसे की बात हुई


और उनकी पूछ ताछ करके पापा ने उन्हें कल से आने को बोल िदया।


और नही मािलक उनको हम आज से ही काम शुरू करेंगे। हमारा तो आज कमाएं गे तो आज खायेंगे ऐसी हालत है।


पापा बहुत खुश हो गए क्योंिक उनको भी ऐसे ही जरूरत मंद लोग चािहए थे िजनसे वो ज्यादा काम िनकल सके ।


आिखर वो गुजराती व्यापारी ही थे।


मजद ू रों का पिरचय


पहलेवाले वाले का नाम सुलेमान लगभग 65 साल का। उसके चेहरे पर झुिरया आ गई थी।उम्र होने बावजूद हटा


कट्टा शरीर था, ऊं ची कद काठी, काले दांत, चेहरा पूरा काला। कपड़े भी पूरे मैले थे। उसने बड़ा सा कु तार् और धोती


पहन रखी थी।


द ू सरे का नाम फारूक (छोट ू ) । मेरी ही उम्र का था। लेिकन चेहरा िकसी शैतान की तरह था। ये बहुत ही पतला था।


उसकी हाइट मेरे िजतनी थी।दोनो ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे


इसिलए पापा ने उनको सब काम समझा िदया। िजस िहसाब से सुबह के 9 बजे से 11 तक छोट ू ऊपर के घर को


झाड़ ू द ू पोछा करेगा और वहा का जो भी छोटा मोटा काम करेगा। और बाद में पूरा िदन दुकान का काम संभालेगा।


और सुलेमान पूरा िदन दुकान का ही काम देखेगा।


िफर दोनो काम पर लग गए।रघु और गंगू को वो दोनो ज्यादा पसंद नही आए ऐसा उनका चेहरा देख कर लग रहा था।


िफर मैं ऊपर घर में चला गया िदन ऐसे ही िनकल गया शाम को सात बजे मैं दुकान मैं आया। दुकान में पापा और


दोनो दादाजी थे। वो नए आए दोनो मुझे कही िदख नही रहे थे। इसिलए मैं पीछे गोडाउन की तरफ गया । वो दोनो


एक जगह पर बैठे थे। उनकी पीठ मेरी तरफ थी। मेरे आने की उनको खबर नहीं हुई। वो कु छ बात कर रहे थे इसिलए


मैं वही ruk गया।


छोट ू - दाद ू ये मािलक तो बहुत harami है। साले ने िकतना काम करवाया हमसे। साले ये गुज्जू बड़े नीच होते है।


मेरा तो मन नही लग रहा यहां। Madarchod पहले ही िदन िकतना िचल्लाता है बेवजह। साला पूरा बदन दुख रहा


है मेरा काम करके ।


सुलेमान - छोड़ ना छोट ू साली अपनी िकस्मत ही खराब है। लेिकन देखना अपनी िकस्मत जरूर बदलेगी। साले इस


मािलक की अकड़ िनकलेंगे अपुन। अब हमे काम की जरूरत है इसिलए हम छोड़ nhi सकते। साला बहुत भड़वा


मािलक है। चल दुकान में चलते हैं अंधेरा हो रहा है नही तो िचल्लाएगा साला।


उनके उठने से पहले मैं वहा से दुकान मे ऊपर घर में आकर सोफे पर बैठ गया।


हे भगवान ये दोनो तो पापा को गािलयां दे रहे थे। मुझे उन दोनो पर बहुत गुस्सा आ रहा था। मन तो कर रहा था िक


अभी जाकर पापा को सब बाते बोल द ू । लेिकन तभी खयाल आया की अगर पापा ने इनको िनकल िदया तो िफर


उनको आदमी ढ ू ंढने पड़ेंगे । इसिलए मैं रुक गया।


लेिकन उनके प्रित मेरे मन मे नफरत पैदा हो चुकी थी। ना जाने क्यों उनकी बाते सुन कर मुझे ऐसा लगने लगा था िक


इन पर हमेशा नजर रखनी चािहए। दोनो ही शकल से बदमाश लग रहे थे और गंदे भी। दोनो बहुत गाली देते थे।रात हो गई और पापा दुकान बंद करके ऊपर आ गए। वो काफी खुश नजर आ रहे थे।


मॉम - क्या हुआ काफी खुश लग रहे हो।


पापा - हा दो बकरे िमले है काम के िलए। काफी जरूरत मंद लगते है। अपना काम हो गया। अब सब काम करुं गा


उनसे। काफी कम पैसों में भी िमल गए हैं। और वो बच्चा कल से झाड़ ू पोछा भी कर जायेगा घर मैं कल से ।


मॉम - लेिकन मुझे नहीं है इसकी। वैसे भी ज्यादा काम नही रहता घर में।


पापा - तो क्या हुआ रहने दो अच्छा है तुम्हे और आराम िमलेगा।


Us िदन मुझे सच में लगा की पापा बड़े ही चालू आदमी है। और बहुत काम करवाते हैं लोगो से। पर िजस तरह से


उन दोनो ने पापा को गािलयां दी थी मुझे वो िबलकु ल पसंद नहीं थे।


िफर खाना खाकर हम सो गए।
 

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Update 3

अगली सुबह हम सब तैयार हो गए। पापा 9 बजे दुकान में चले गए। मुझे गिमर् यों की छ ु िट्टयां थी इसिलए मैं घर पर


ही था।


तब door bell बजी। तो मैंने दरवाजा खोला। सामने फारूक खड़ा था। मुंह में पान चबा रहा था।


क्या काम है मैने थोड़ा िचढ़ते हुए पूछा।


वो घर का झाड़ ू पोछा करने के िलए भेजा है मािलक ने।


ठीक है आओ अंदर। वो अंदर आया और पूरे घर को चारो ओर देखने लगा।


घर क्या मस्त है रे तेरा। उसने डायरेक्ट तेरा कहके मुझे बुलाया।


मैं उसे डांटने वाला था लेिकन मैं रुक गया। तभी मॉम आ गई।


मॉम अभी अभी नहाकर आई थी। उनके गीले बाल खुले हुए थे।


उन्होंने ब्लैक झीनी पारदशीर् साड़ी पहन रखी थी। उसपर स्लीवलेस काला ब्लाउज। िजससे उनकी गोरी बाहें चमक


रही थी। उनके बूब्स की लंबी सी क्लीवेज जो पारदशीर् साड़ी के पल्लू की वजह से पूरी िदख रही थी। ब्लाउज में


कसे हुए बड़े बूब्स। बूब्स के ऊपर लटकता हुआ मंगलसूत्र जो बूब्स की शोभा बढ़ा रहा था। पूरा खुला हुआ िचकना


सपाट पेट और गोरी कमर, बड़ी ऊपर उठी हुई गांड़।


और पूरी नंगी िचकनी पीठ। पीठ पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी। उसे छोड़ दे तो पूरी मांसल गोरी पीठ नंगी थीिजस पर एक भी दाग नही था।


मैने देखा फारूक मॉम को एकटक घूरे जा रहा था। उसका मुंह खुला हुआ था। वो मॉम को ऊपर से नीचे तक घूर रहा


था।


मॉम - तो तुम हो काम करने वाले। मॉम की आवाज से वो होश में आया।


जी मालिकन


नाम क्या है तुम्हारा


फारूक नाम है मालिकन।


मॉम - ये क्या इतने गंदे कपड़े पहने हुए है यह तक बदबू आ रही है। और ये क्या पान चबा रहे हों। बच्चे होकर भी


बुरी आदतों को लगा रखा है।


वो मॉम के बूब्स को ताड़े जा रहा था। लेिकन मॉम का इस बात पर ध्यान नहीं था।


वो मालिकन आदत हो गई है सब खाने की जल्दी छ ू टेगी नही लेिकन धीरे धीरे छोड़ द ूंगा। और कपड़े तो ऐसे ही है मेरे


पास मालिकन। और मैं बच्चा नहीं हू।


बच्चे ही हो इतने बड़े नही हुए हो।मॉम बोली


ठीक है ठीक चलो मेरे पीछे पीछे आओ मैं तुम्हे सब काम बताती हु। मॉम आगे चलने लगी और हम दोनो मॉम के


पीछे चलने लगे।


मॉम के पीछे मुड़ने के बाद उनकी पूरी नंगी गोरी पीठ हमारी तरफ हो गई। िजस पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी।


मॉम की पीठ पर एक भी दाग नही था।


मॉम के चलने की वजह से उनके भारी चूतड ऊपर नीचे उछल रहे थे। िजसको फारूक खा जाने वाली नजरो से देख


रहा था। एक वक्त पर उसकी और मेरी नजर एक हुई। वो मेरी तरफ देख कर हसा और अपने पैंट के ऊपर से मॉम


की गांड़ को देखके लन्ड को मसलने लगा।


मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया। िकतना जािहल लड़का है ये। मैं मन में उसको गािलयां देने लगा। उसने भी मुझे


उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए देख िलया।


मॉम रुकी और उसको सारा काम समझा िदया। वो मॉम को चोर िनगाहों से उनके बदन के हर अंग को िनहार रहा


था।


िफर वो झाड़ ू मारने लगा। झाड़ ू मरते हुए वो हॉल में आया। मुझे उस पर काफी गुस्सा आ रहा था। उसने मेरे पास


झाड़ ू मारा । िफर मैंने वही पर कागज के टुकड़ों फाड़कर जमीन पर फें क िदया।


उसने मेरी तरफ देखा और वहा पर िफर से झाड़ ू मारा। मैने िफर से वहा पर कागज के टुकड़ों को फे क कर तीखी


नजर से उसकी तरफ देखा। उसे समझ आ गया की मैं जानभूजकर ऐसा कर रहा हूं।


उसने िफर झाड़ ू मारके सब साफ िकया। िफर उसने पोछा मरना शुरू िकया तो मैंने िफर अपने खराब पैरो के दाग वहा


पर लगा िदए। मैने ऐसा बार बार िकया उसने िबना कु छ कहे सारा काम कर िलया। और नीचे चला गया।िफर मैं थोड़ी देर बाद दुकान के गोदाम की तरफ गया जहा वो दोनो एक साइड में बैठे हुए थे। मैं छ ु पाकर एक जगह


खड़े हो कर उनकी बाते सुनने लगा।


सुलेमान - छोट ू मुझे आजूबाजू के दुकान वालो से पता चला िक हमारा मािलक बहुत नीच है इसकी वजह से यह


कोई आदमी नही िटकता। इसका मतलब िजतनी जरूरत हमे काम की है उतनी ही जरूरत us malik को हमारी है।


फारूक - मुझे कु छ बताना है दाद ू तुम्हे। दाद ू क्या बताऊ मैं तुम्हे की मैने आज क्या देखा है।


सुलेमान - ऐसा क्या देख िलया be छोट ू जरा मुझे भी तो बता।


फारूक - दाद ू हमारी मालिकन क्या एटोम बम है।मैने आज तकऐसी औरत नही देखी।क्या मालऔरत है


अह्ह्ह क्या िचकना बदन है साली का एकदम मक्खन की तरह। एकदम भरी हुई िजस्म की मालिकन है। क्या


बलखाती मुलायम कमर है, सपाट पेट और बीच में गोल गहरी नाभी। क्या मम्मे है बड़े बड़े ब्लाउज से बाहर आने को


हो रहे थे। Uff kya badi गद्देदार गांड़ है। एकदम मसलने लायक औरत है। साली इतनी गोरी है की एक भी दाग


नहीं है उसके बदन पर।


मेरा तो गुस्से से चेहरा लाल हो गया ये सुनकर। ये नौकर मेरी मॉम के बारे में िकस तरह बात कर रहा है।


सुलेमान - क्या बात करता है छोट ू सही मै।


Ha दाद ू तुम अगर देख लोगे तो पानी िनकाल जायेगा तुम्हारा। जब वो चलती है तो क्या गांड़ िथरकती है उसकी


ऊपर नीचे कसम से मेरा लन्ड खड़ा हो गया था। मैने आज तक ऐसी औरत नही देखी। बहुत मस्त है गुज्जु भाभी।


छोट ू सही मैं ऐसी पटका औरत है तो मुझे भी देखना है उसे।


लेिकन दाद ू वो बाहर कब िनकलती है पता नही।


मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था लेिकन ना जाने क्यों मेरी िहम्मत नही हो रही थी उनको कु छ बोलने की। तब मेरा


ध्यान मेरी पैंट की तरफ गया। मेरे लन्ड पूरी तरह अकड़ चुका था।


ये मुझे क्या हो रहा है। इनकी बाते सुनकर मेरा लन्ड खड़ा क्यू हो रहा है मुझे कु छ समझ नहीं आया। मुझे खुद पर


िवश्वास नहीं हो रहा था।


छोट ू कभी न कभी तो देखने को िमलेगी तब देख लूंगा माल को।


लेिकन दाद ू उस मािलक की तरह उसका बेटा भी बहुत harami hai साला। इतना परेशान िकया ना


madarchod ने मुझे की पूछो मत। साले के सामने उसकी मां की गांड़ को ताड़ रहा था इसिलए बहुत शान पट्टी


कर रहा था। िफर मैने जो उसके साथ िकया वो सब Suleman ko बताया।


सुलेमान - मतलब तूने जब उसकी मां की गांड़ को ताड़ ते हुए लन्ड मसला तो वो कु छ नहीं बोला ऐसा कहकर वो


हसने लगा।


नही दाद ू कु छ नही बोला लेिकन बहुत धौंस जमा रहा था। लेिकन तुम हस क्यू रहे हो।


तू छोड़ जाने दे। अब रोज आं खे सेंक उसकी मां को देखकर। चल अब दुकान में नही तो वो harami


मािलक िचल्लाएगा।मैं सब बाते पापा को बताने की सोच रहा था पर इनको िनकाल िदया तो और परेशानी होगी िसफर् इसिलए मैं चुप


रहा।


मुझे उनकी गंदी बाते सुन कर गुस्सा आ गया। पर मेरे लन्ड खड़ा हो ने की वजह से मैं सहम गया की आिखर मुझे हो


क्या रहा है।


िफर मैं घर में चला आया। पर उनकी बाते मेरे िदमाग में घूम रही थी। कै से वो मॉम के िजस्म के बारे मैं बाते कर रहे


थे। िफर दोपहर का खाना खाने बाद में सो गया।


पूरा िदन ऐसे ही िनकल गया। शाम को उठने के बाद मैं फ्रे श होकर सोफे पर बैठ गया। ना जाने क्यों मैं मॉम को घूर


रहा था। उनकी बाते मेरे िदमाग से िनकल नही रही थी। मैं बार बार मॉम की गांड़ को घूर के देख रहा था।


रात को खाना खाने बाद में सो गया अपने कमरे में।
 

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Update 4


Aage,


िफर अगले िदन सुबह घर की बेल बजी. मैने दरवाजा खोला सामने फारूक खड़ा था। हमेशा की तरह पान चबाते हुए। वो घर में आया।


मालिकन कहा है उसने िघनौनी हसी हस्ते हुए मुझसे पूछा


क्यू क्या काम है में माथे पर िशकन लाते हुए पूछा


वो क्या काम करना है ये पूछना था।


िदमाग से मूखर् हो क्या जो बार बार बताना पड़ेगा। झाड़ ू पोछा करो और िनकलो यह से। मॉम नहा रही है


फारूक - मूखर् नही हु मै समझे।


ज्यादा जुबान मत चलाओ जल्दी काम करो काम चोर। मैं भी घुसे मैं बोलािफर वो झाड़ ू लगाने लगा। मॉम बाथरूम में थी।


वो झाड़ ू लगाते हुए हॉल में आया। मैने कल की तरह साफ जगह पर िफर से कागज फे कना शुरू कर िदया। वो बार


बार झाड़ ू लगाता और मैं बार बार कचरा फै ला रहा था।


मुझे कल की उसकी बाते सुनके गुस्सा आ रहा था। जो मैं उसपर िनकल रहा था।


िफर वो गुस्से मेरी तरफ देख कर रुक गया।


Faruk- ये क्या लगा रखा है तुमने परेशान क्यों कर रहे हों। कोई काम नहीं है क्या तुम्हे।


तुम झाड़ ू लगाने का काम करो कामचोर कही के । तुम नौकर हो मेरे। पापा सही कहते है तुम सब िनकम्मे होते हो


मजद ू र कही के ।


फारूक - क्यू बे ज्यादा बकवास कर रहा बेवजह। इतना अकड़ क्यू िदखा रहा है फालतू की। वो भी अब गुस्से से


बात करने लगा।


इतना सुनते ही मैंने उसे जोर थप्पड़ उसके गाल पर रसीद िदया।


अपनी औकात मैं रहो जािहल गवार कही के । हमारे पैसे पर जीते हो और मुझसे ऊं ची आवाज में बात करते हो।


उसकी आं खों में पानी आ गया। लेिकन वो आगे कु छ नहीं बोला। और अपने आं सू पोछके िफर से झाड़ ू लगाने लगा।


मुझे खुद पर बहुत गवर् हो रहा था की मैने उसको थप्पड़ मारके उसकी औकात िदखा दी।


वो झाड़ ू मारने के बाद पोंछा मारने लगा। तभी मॉम नहाकर बाहर आई। तब तक माहौल शांत हो चुका था।


अरे तुम कब आए मॉम अपने बाल संवारते हुए उसकी तरफ िबना देखे मॉम ने पूछा


थोड़ी देर पहले आया मालिकन उसने हंसकर मॉम की क्लीवेज को घूरते हुए कहा। बोलते वक्त उसके मुंह से पान का थूक िनकल रहा था


मॉम को कु छ पता नही चला की यहाक्या हुआ । घर इतना बड़ा होने वजह से उसे आवाज नही आ रही थी। उसने भी मॉम को कु छ नही बताया।


छोट ू तुम पोंछा मारके चले जाना।


मालिकन छोट ू मुझे िसफर् मेरा दाद ू बुलाता है । में बड़ा हु मुझे फारूक कहकर बुलाइए। उसने मासूिमयत से मॉम को कहा।


तुम बड़े नही हो मैने तुम्हे पहले भी कहा था। इसिलए मैं भी तुम्हे छोट ू ही बुलाऊं गी।


ऐसा बोलकर मॉम जाने लगी तभी मॉम की िथरकती गांड़ को वो हवासी िनगाहों से देखते हुए लन्ड मसलने लगा। और


मेरी तरफ देखके हसने लगा। मेरा मन हुआ की उसे और एक थप्पड़ जड़ द ू । Leki mom ke hone ki wajah se main चुप रहा।लेिकन िजस नजर से वो मुझे देख रहा था उसकी नजर मैं मुझे एक बदले की भावना नजर आ रही थी।


िफर वो सब काम िनपट कर चला गया।


मैं भी उसके पीछे पीछे छ ु पकर चला गया जहा वो दोनो गोदाम में बैठते हैं। सुलेमान पहले से ही वहापर बैठा हुआ था।


मैं उनकी बाते सुनने लगा।


Aa गया मेरे शेर। हो गया काम।


Ha दाद ू हो गया।फारूक सहमी हुई आवाज में बोला।


क्या हुआ छोट ू इतना उदास क्यों है।


दाद ू उस साले मािलक के िपल्ले ने मुझपार हाथ उठाया।


क्यू तूने क्या िकया ऐसा।


कु छ नही बस कल की तरह वो परेशान कर रहा था तो मैंने उसको ऐसा करने से मना िकया तो थोड़ी बहस हुई और


उसने मुझे थप्पड़ मार िदया। और तो और कामचोर िनकम्मा, मेरी औकात िनकल रहा था। मुझे अपना नोकर बुला रहा था।


सुलेमान - साले उसकी इतनी िहम्मत की उसने ऐसा िकया। उसकी मां की चूत। हम उसकी मां चोद देंगे।उसकी तो ऐसी की तैसी।


मेरी तो एकदम fat gyi ye सुनकर। सुलेमान काफी गुस्से में था।


फारूक ने एकदम से सुलेमान के हाथ पर हाथ रख िदया। उसकी आं खों मैं एकदम चमक आ गई। दाद ू सही कहा


तुमने हम उसकी मां चोद देंगे। इस थप्पड़ का बदला हम उसकी मां की चूत पर अपने लन्ड से थप्पड़ मारके लेंगे।बहुत


गदराई िजस्म की है वो,उसके बदन को मसल कर हम बदला लेंगे। उसकी बड़ी गांड़ को फै ला कर अपने लन्ड का


िनशाना लगाएं गे उसकी गांड़ में। साला उसका पित भी बहुत परेशान krta hai ना। उसका भी बदला लेंगे। खूब


चोदेंगे उस बड़ी चूतड वाली को उछाल उछाल कर।


सुलेमान- ये तू क्या कह रहा है छोट ू ये सब बाते कहने के िलए आसान होती है। मैंने तो ऐसे ही गाली दे दी। देख


छोट ू तू ज्यादा सोच मत। अगर कु छ गडबड हुई तो काम चला जायेगा और खाने के लाले हो जायेंगे हमारे।


दाद ू कोिशश तो करनी पड़ेगी।


छोट ू क्या सच में इतनी खूबसूरत है वो।


दाद ू एकदम माल है गुज्जू भाभी। साड़ी पहन कर इतनी मादक लगती है तो सोचो नंगी िकतनी खतरनाक िदखेगी।


छोट ू मेरा तो लन्ड खड़ा होगया उसे िबना देखे।


उस्ताद मेरा तो हमेशा खड़ा रहता है घर में उसे देखकर। ये देखो िकतना टाइट होगया है उसकी याद से।


उसकी भड़वे की मां की गांड़ पर अब हमारे लन्ड की ठाप पड़ेगी दाद ू ।ये सुनकर मेरी िसट्टी िपट्टी gul ho गई। मुझे कु छ समझ नही आ रहा था। पवर्मेरा लन्ड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।


हे भगवान ये क्या हो रहा था मेरे साथ। वो लोग मेरी मॉम के बारे में इतनी गन्दी बाते कर रहे थे और मेरा लन्ड खड़ा हो गया ये सुनके ।


सुलेमान - देख छोट ू ज्यादा जल्दबाजी मत कर। थोड़ी शांित रख और कु छ ऐसा वैसा मत कर िजससे हमें परेशानी हो


समझे।


छोट ू - नही दाद ू उसकी मां को तो में मेरे नीचे लाकर ही रहूंगा देखना तुम और सबसे पहले में तुमसे ही चुदवाऊं गा


उसे।


सुलेमान थोड़ा गुस्से में - तुझे एक बार कहा वो समझ नहीं आया क्या। मुझे कोई झंझट नहीं चािहए और तू कु छ भी


ऐसी वैसी हरकत नही करेगा बस।


छोट ू - ठीक है दाद ू मैं कु छ नहीं करूं गा। अरे तुम जानते होना t इस दुिनया में तुम्हारे िसवा कोन है। रास्ते पर से तुमने


मुझ जैसे लावािरस को उठाया था तुमने ही मुझे िखलाया िपलाया बड़ा िकया है। नही तो अनाथों की तरह मैं िज ं दगी


गुजारता। तुम्हारी बात कै से ताल सकता हु मैं। में कु छ गलत चीज नही करूं गा। ऐसा कहकर वो उठ जाता है।


तभी पापा िचल्लाकर उनको बुलाने लगे।


तभी उनके उठने से पहले मैं घर में चला आया। मुझे समझ नही आ रहा था िक मैं क्या करूं । बार बार मुझे उनकी


सारी अश्लील बाते याद आ रही थी उनके द्वारा बोले गए मॉम की गांड़ चूत के बारे शब्द मुझे िवचिलत कर रहे थे। ना


जाने क्यों मन में अजीब ख्याल आ रहे थे और मेरा लन्ड सख्त हो रहा था।


शाम को में नीचे उतरकर दुकान में गया। मुझे देखते ही फारूक अजीब सी हसी के साथ हसने लगा। पापा अपने काम


में व्यस्त थे। थोड़ी देर बाद में िफर से ऊपर आया।


रात को खाना खाकर में अपने रूम के िबस्तर पर लेट गया। पर नींद मुझसे कोसो द ू र थी। बार बार मेरे मन में मॉम


को लेकर बुरे खयाल आ रहे थे। मैं कब मॉम को फारूक के साथ सेक्स करते हुए imagine करने लगा मुझे पता


नही चला। और मैं अपने लन्ड को पकड़ कर िहलाने लगा। उनकी सारी बातें याद करके मेरा पानी िनकल गया।


मुझे कब नींद आई पता नही चला।
 
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Laila Queen

Laila Ali Khan
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Update 4


Aage,


िफर अगले िदन सुबह घर की बेल बजी. मैने दरवाजा खोला सामने फारूक खड़ा था। हमेशा की तरह पान चबाते हुए। वो घर में आया।


मालिकन कहा है उसने िघनौनी हसी हस्ते हुए मुझसे पूछा


क्यू क्या काम है में माथे पर िशकन लाते हुए पूछा


वो क्या काम करना है ये पूछना था।


िदमाग से मूखर् हो क्या जो बार बार बताना पड़ेगा। झाड़ ू पोछा करो और िनकलो यह से। मॉम नहा रही है


फारूक - मूखर् नही हु मै समझे।


ज्यादा जुबान मत चलाओ जल्दी काम करो काम चोर। मैं भी घुसे मैं बोलािफर वो झाड़ ू लगाने लगा। मॉम बाथरूम में थी।


वो झाड़ ू लगाते हुए हॉल में आया। मैने कल की तरह साफ जगह पर िफर से कागज फे कना शुरू कर िदया। वो बार


बार झाड़ ू लगाता और मैं बार बार कचरा फै ला रहा था।


मुझे कल की उसकी बाते सुनके गुस्सा आ रहा था। जो मैं उसपर िनकल रहा था।


िफर वो गुस्से मेरी तरफ देख कर रुक गया।


Faruk- ये क्या लगा रखा है तुमने परेशान क्यों कर रहे हों। कोई काम नहीं है क्या तुम्हे।


तुम झाड़ ू लगाने का काम करो कामचोर कही के । तुम नौकर हो मेरे। पापा सही कहते है तुम सब िनकम्मे होते हो


मजद ू र कही के ।


फारूक - क्यू बे ज्यादा बकवास कर रहा बेवजह। इतना अकड़ क्यू िदखा रहा है फालतू की। वो भी अब गुस्से से


बात करने लगा।


इतना सुनते ही मैंने उसे जोर थप्पड़ उसके गाल पर रसीद िदया।


अपनी औकात मैं रहो जािहल गवार कही के । हमारे पैसे पर जीते हो और मुझसे ऊं ची आवाज में बात करते हो।


उसकी आं खों में पानी आ गया। लेिकन वो आगे कु छ नहीं बोला। और अपने आं सू पोछके िफर से झाड़ ू लगाने लगा।


मुझे खुद पर बहुत गवर् हो रहा था की मैने उसको थप्पड़ मारके उसकी औकात िदखा दी।


वो झाड़ ू मारने के बाद पोंछा मारने लगा। तभी मॉम नहाकर बाहर आई। तब तक माहौल शांत हो चुका था।


अरे तुम कब आए मॉम अपने बाल संवारते हुए उसकी तरफ िबना देखे मॉम ने पूछा


थोड़ी देर पहले आया मालिकन उसने हंसकर मॉम की क्लीवेज को घूरते हुए कहा। बोलते वक्त उसके मुंह से पान का थूक िनकल रहा था


मॉम को कु छ पता नही चला की यहाक्या हुआ । घर इतना बड़ा होने वजह से उसे आवाज नही आ रही थी। उसने भी मॉम को कु छ नही बताया।


छोट ू तुम पोंछा मारके चले जाना।


मालिकन छोट ू मुझे िसफर् मेरा दाद ू बुलाता है । में बड़ा हु मुझे फारूक कहकर बुलाइए। उसने मासूिमयत से मॉम को कहा।


तुम बड़े नही हो मैने तुम्हे पहले भी कहा था। इसिलए मैं भी तुम्हे छोट ू ही बुलाऊं गी।


ऐसा बोलकर मॉम जाने लगी तभी मॉम की िथरकती गांड़ को वो हवासी िनगाहों से देखते हुए लन्ड मसलने लगा। और


मेरी तरफ देखके हसने लगा। मेरा मन हुआ की उसे और एक थप्पड़ जड़ द ू । Leki mom ke hone ki wajah se main चुप रहा।लेिकन िजस नजर से वो मुझे देख रहा था उसकी नजर मैं मुझे एक बदले की भावना नजर आ रही थी।


िफर वो सब काम िनपट कर चला गया।


मैं भी उसके पीछे पीछे छ ु पकर चला गया जहा वो दोनो गोदाम में बैठते हैं। सुलेमान पहले से ही वहापर बैठा हुआ था।


मैं उनकी बाते सुनने लगा।


Aa गया मेरे शेर। हो गया काम।


Ha दाद ू हो गया।फारूक सहमी हुई आवाज में बोला।


क्या हुआ छोट ू इतना उदास क्यों है।


दाद ू उस साले मािलक के िपल्ले ने मुझपार हाथ उठाया।


क्यू तूने क्या िकया ऐसा।


कु छ नही बस कल की तरह वो परेशान कर रहा था तो मैंने उसको ऐसा करने से मना िकया तो थोड़ी बहस हुई और


उसने मुझे थप्पड़ मार िदया। और तो और कामचोर िनकम्मा, मेरी औकात िनकल रहा था। मुझे अपना नोकर बुला रहा था।


सुलेमान - साले उसकी इतनी िहम्मत की उसने ऐसा िकया। उसकी मां की चूत। हम उसकी मां चोद देंगे।उसकी तो ऐसी की तैसी।


मेरी तो एकदम fat gyi ye सुनकर। सुलेमान काफी गुस्से में था।


फारूक ने एकदम से सुलेमान के हाथ पर हाथ रख िदया। उसकी आं खों मैं एकदम चमक आ गई। दाद ू सही कहा


तुमने हम उसकी मां चोद देंगे। इस थप्पड़ का बदला हम उसकी मां की चूत पर अपने लन्ड से थप्पड़ मारके लेंगे।बहुत


गदराई िजस्म की है वो,उसके बदन को मसल कर हम बदला लेंगे। उसकी बड़ी गांड़ को फै ला कर अपने लन्ड का


िनशाना लगाएं गे उसकी गांड़ में। साला उसका पित भी बहुत परेशान krta hai ना। उसका भी बदला लेंगे। खूब


चोदेंगे उस बड़ी चूतड वाली को उछाल उछाल कर।


सुलेमान- ये तू क्या कह रहा है छोट ू ये सब बाते कहने के िलए आसान होती है। मैंने तो ऐसे ही गाली दे दी। देख


छोट ू तू ज्यादा सोच मत। अगर कु छ गडबड हुई तो काम चला जायेगा और खाने के लाले हो जायेंगे हमारे।


दाद ू कोिशश तो करनी पड़ेगी।


छोट ू क्या सच में इतनी खूबसूरत है वो।


दाद ू एकदम माल है गुज्जू भाभी। साड़ी पहन कर इतनी मादक लगती है तो सोचो नंगी िकतनी खतरनाक िदखेगी।


छोट ू मेरा तो लन्ड खड़ा होगया उसे िबना देखे।


उस्ताद मेरा तो हमेशा खड़ा रहता है घर में उसे देखकर। ये देखो िकतना टाइट होगया है उसकी याद से।


उसकी भड़वे की मां की गांड़ पर अब हमारे लन्ड की ठाप पड़ेगी दाद ू ।ये सुनकर मेरी िसट्टी िपट्टी gul ho गई। मुझे कु छ समझ नही आ रहा था। पवर्मेरा लन्ड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।


हे भगवान ये क्या हो रहा था मेरे साथ। वो लोग मेरी मॉम के बारे में इतनी गन्दी बाते कर रहे थे और मेरा लन्ड खड़ा हो गया ये सुनके ।


सुलेमान - देख छोट ू ज्यादा जल्दबाजी मत कर। थोड़ी शांित रख और कु छ ऐसा वैसा मत कर िजससे हमें परेशानी हो


समझे।


छोट ू - नही दाद ू उसकी मां को तो में मेरे नीचे लाकर ही रहूंगा देखना तुम और सबसे पहले में तुमसे ही चुदवाऊं गा


उसे।


सुलेमान थोड़ा गुस्से में - तुझे एक बार कहा वो समझ नहीं आया क्या। मुझे कोई झंझट नहीं चािहए और तू कु छ भी


ऐसी वैसी हरकत नही करेगा बस।


छोट ू - ठीक है दाद ू मैं कु छ नहीं करूं गा। अरे तुम जानते होना t इस दुिनया में तुम्हारे िसवा कोन है। रास्ते पर से तुमने


मुझ जैसे लावािरस को उठाया था तुमने ही मुझे िखलाया िपलाया बड़ा िकया है। नही तो अनाथों की तरह मैं िज ं दगी


गुजारता। तुम्हारी बात कै से ताल सकता हु मैं। में कु छ गलत चीज नही करूं गा। ऐसा कहकर वो उठ जाता है।


तभी पापा िचल्लाकर उनको बुलाने लगे।


तभी उनके उठने से पहले मैं घर में चला आया। मुझे समझ नही आ रहा था िक मैं क्या करूं । बार बार मुझे उनकी


सारी अश्लील बाते याद आ रही थी उनके द्वारा बोले गए मॉम की गांड़ चूत के बारे शब्द मुझे िवचिलत कर रहे थे। ना


जाने क्यों मन में अजीब ख्याल आ रहे थे और मेरा लन्ड सख्त हो रहा था।


शाम को में नीचे उतरकर दुकान में गया। मुझे देखते ही फारूक अजीब सी हसी के साथ हसने लगा। पापा अपने काम


में व्यस्त थे। थोड़ी देर बाद में िफर से ऊपर आया।


रात को खाना खाकर में अपने रूम के िबस्तर पर लेट गया। पर नींद मुझसे कोसो द ू र थी। बार बार मेरे मन में मॉम


को लेकर बुरे खयाल आ रहे थे। मैं कब मॉम को फारूक के साथ सेक्स करते हुए imagine करने लगा मुझे पता


नही चला। और मैं अपने लन्ड को पकड़ कर िहलाने लगा। उनकी सारी बातें याद करके मेरा पानी िनकल गया।


मुझे कब नींद आई पता नही चला।

Congratulations 💐 . Story k liye good luck ❤️
 
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Aage,


िफर अगले िदन सुबह घर की बेल बजी. मैने दरवाजा खोला सामने फारूक खड़ा था। हमेशा की तरह पान चबाते हुए। वो घर में आया।


मालिकन कहा है उसने िघनौनी हसी हस्ते हुए मुझसे पूछा


क्यू क्या काम है में माथे पर िशकन लाते हुए पूछा


वो क्या काम करना है ये पूछना था।


िदमाग से मूखर् हो क्या जो बार बार बताना पड़ेगा। झाड़ ू पोछा करो और िनकलो यह से। मॉम नहा रही है


फारूक - मूखर् नही हु मै समझे।


ज्यादा जुबान मत चलाओ जल्दी काम करो काम चोर। मैं भी घुसे मैं बोलािफर वो झाड़ ू लगाने लगा। मॉम बाथरूम में थी।


वो झाड़ ू लगाते हुए हॉल में आया। मैने कल की तरह साफ जगह पर िफर से कागज फे कना शुरू कर िदया। वो बार


बार झाड़ ू लगाता और मैं बार बार कचरा फै ला रहा था।


मुझे कल की उसकी बाते सुनके गुस्सा आ रहा था। जो मैं उसपर िनकल रहा था।


िफर वो गुस्से मेरी तरफ देख कर रुक गया।


Faruk- ये क्या लगा रखा है तुमने परेशान क्यों कर रहे हों। कोई काम नहीं है क्या तुम्हे।


तुम झाड़ ू लगाने का काम करो कामचोर कही के । तुम नौकर हो मेरे। पापा सही कहते है तुम सब िनकम्मे होते हो


मजद ू र कही के ।


फारूक - क्यू बे ज्यादा बकवास कर रहा बेवजह। इतना अकड़ क्यू िदखा रहा है फालतू की। वो भी अब गुस्से से


बात करने लगा।


इतना सुनते ही मैंने उसे जोर थप्पड़ उसके गाल पर रसीद िदया।


अपनी औकात मैं रहो जािहल गवार कही के । हमारे पैसे पर जीते हो और मुझसे ऊं ची आवाज में बात करते हो।


उसकी आं खों में पानी आ गया। लेिकन वो आगे कु छ नहीं बोला। और अपने आं सू पोछके िफर से झाड़ ू लगाने लगा।


मुझे खुद पर बहुत गवर् हो रहा था की मैने उसको थप्पड़ मारके उसकी औकात िदखा दी।


वो झाड़ ू मारने के बाद पोंछा मारने लगा। तभी मॉम नहाकर बाहर आई। तब तक माहौल शांत हो चुका था।


अरे तुम कब आए मॉम अपने बाल संवारते हुए उसकी तरफ िबना देखे मॉम ने पूछा


थोड़ी देर पहले आया मालिकन उसने हंसकर मॉम की क्लीवेज को घूरते हुए कहा। बोलते वक्त उसके मुंह से पान का थूक िनकल रहा था


मॉम को कु छ पता नही चला की यहाक्या हुआ । घर इतना बड़ा होने वजह से उसे आवाज नही आ रही थी। उसने भी मॉम को कु छ नही बताया।


छोट ू तुम पोंछा मारके चले जाना।


मालिकन छोट ू मुझे िसफर् मेरा दाद ू बुलाता है । में बड़ा हु मुझे फारूक कहकर बुलाइए। उसने मासूिमयत से मॉम को कहा।


तुम बड़े नही हो मैने तुम्हे पहले भी कहा था। इसिलए मैं भी तुम्हे छोट ू ही बुलाऊं गी।


ऐसा बोलकर मॉम जाने लगी तभी मॉम की िथरकती गांड़ को वो हवासी िनगाहों से देखते हुए लन्ड मसलने लगा। और


मेरी तरफ देखके हसने लगा। मेरा मन हुआ की उसे और एक थप्पड़ जड़ द ू । Leki mom ke hone ki wajah se main चुप रहा।लेिकन िजस नजर से वो मुझे देख रहा था उसकी नजर मैं मुझे एक बदले की भावना नजर आ रही थी।


िफर वो सब काम िनपट कर चला गया।


मैं भी उसके पीछे पीछे छ ु पकर चला गया जहा वो दोनो गोदाम में बैठते हैं। सुलेमान पहले से ही वहापर बैठा हुआ था।


मैं उनकी बाते सुनने लगा।


Aa गया मेरे शेर। हो गया काम।


Ha दाद ू हो गया।फारूक सहमी हुई आवाज में बोला।


क्या हुआ छोट ू इतना उदास क्यों है।


दाद ू उस साले मािलक के िपल्ले ने मुझपार हाथ उठाया।


क्यू तूने क्या िकया ऐसा।


कु छ नही बस कल की तरह वो परेशान कर रहा था तो मैंने उसको ऐसा करने से मना िकया तो थोड़ी बहस हुई और


उसने मुझे थप्पड़ मार िदया। और तो और कामचोर िनकम्मा, मेरी औकात िनकल रहा था। मुझे अपना नोकर बुला रहा था।


सुलेमान - साले उसकी इतनी िहम्मत की उसने ऐसा िकया। उसकी मां की चूत। हम उसकी मां चोद देंगे।उसकी तो ऐसी की तैसी।


मेरी तो एकदम fat gyi ye सुनकर। सुलेमान काफी गुस्से में था।


फारूक ने एकदम से सुलेमान के हाथ पर हाथ रख िदया। उसकी आं खों मैं एकदम चमक आ गई। दाद ू सही कहा


तुमने हम उसकी मां चोद देंगे। इस थप्पड़ का बदला हम उसकी मां की चूत पर अपने लन्ड से थप्पड़ मारके लेंगे।बहुत


गदराई िजस्म की है वो,उसके बदन को मसल कर हम बदला लेंगे। उसकी बड़ी गांड़ को फै ला कर अपने लन्ड का


िनशाना लगाएं गे उसकी गांड़ में। साला उसका पित भी बहुत परेशान krta hai ना। उसका भी बदला लेंगे। खूब


चोदेंगे उस बड़ी चूतड वाली को उछाल उछाल कर।


सुलेमान- ये तू क्या कह रहा है छोट ू ये सब बाते कहने के िलए आसान होती है। मैंने तो ऐसे ही गाली दे दी। देख


छोट ू तू ज्यादा सोच मत। अगर कु छ गडबड हुई तो काम चला जायेगा और खाने के लाले हो जायेंगे हमारे।


दाद ू कोिशश तो करनी पड़ेगी।


छोट ू क्या सच में इतनी खूबसूरत है वो।


दाद ू एकदम माल है गुज्जू भाभी। साड़ी पहन कर इतनी मादक लगती है तो सोचो नंगी िकतनी खतरनाक िदखेगी।


छोट ू मेरा तो लन्ड खड़ा होगया उसे िबना देखे।


उस्ताद मेरा तो हमेशा खड़ा रहता है घर में उसे देखकर। ये देखो िकतना टाइट होगया है उसकी याद से।


उसकी भड़वे की मां की गांड़ पर अब हमारे लन्ड की ठाप पड़ेगी दाद ू ।ये सुनकर मेरी िसट्टी िपट्टी gul ho गई। मुझे कु छ समझ नही आ रहा था। पवर्मेरा लन्ड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।


हे भगवान ये क्या हो रहा था मेरे साथ। वो लोग मेरी मॉम के बारे में इतनी गन्दी बाते कर रहे थे और मेरा लन्ड खड़ा हो गया ये सुनके ।


सुलेमान - देख छोट ू ज्यादा जल्दबाजी मत कर। थोड़ी शांित रख और कु छ ऐसा वैसा मत कर िजससे हमें परेशानी हो


समझे।


छोट ू - नही दाद ू उसकी मां को तो में मेरे नीचे लाकर ही रहूंगा देखना तुम और सबसे पहले में तुमसे ही चुदवाऊं गा


उसे।


सुलेमान थोड़ा गुस्से में - तुझे एक बार कहा वो समझ नहीं आया क्या। मुझे कोई झंझट नहीं चािहए और तू कु छ भी


ऐसी वैसी हरकत नही करेगा बस।


छोट ू - ठीक है दाद ू मैं कु छ नहीं करूं गा। अरे तुम जानते होना t इस दुिनया में तुम्हारे िसवा कोन है। रास्ते पर से तुमने


मुझ जैसे लावािरस को उठाया था तुमने ही मुझे िखलाया िपलाया बड़ा िकया है। नही तो अनाथों की तरह मैं िज ं दगी


गुजारता। तुम्हारी बात कै से ताल सकता हु मैं। में कु छ गलत चीज नही करूं गा। ऐसा कहकर वो उठ जाता है।


तभी पापा िचल्लाकर उनको बुलाने लगे।


तभी उनके उठने से पहले मैं घर में चला आया। मुझे समझ नही आ रहा था िक मैं क्या करूं । बार बार मुझे उनकी


सारी अश्लील बाते याद आ रही थी उनके द्वारा बोले गए मॉम की गांड़ चूत के बारे शब्द मुझे िवचिलत कर रहे थे। ना


जाने क्यों मन में अजीब ख्याल आ रहे थे और मेरा लन्ड सख्त हो रहा था।


शाम को में नीचे उतरकर दुकान में गया। मुझे देखते ही फारूक अजीब सी हसी के साथ हसने लगा। पापा अपने काम


में व्यस्त थे। थोड़ी देर बाद में िफर से ऊपर आया।


रात को खाना खाकर में अपने रूम के िबस्तर पर लेट गया। पर नींद मुझसे कोसो द ू र थी। बार बार मेरे मन में मॉम


को लेकर बुरे खयाल आ रहे थे। मैं कब मॉम को फारूक के साथ सेक्स करते हुए imagine करने लगा मुझे पता


नही चला। और मैं अपने लन्ड को पकड़ कर िहलाने लगा। उनकी सारी बातें याद करके मेरा पानी िनकल गया।


मुझे कब नींद आई पता नही चला।
Nice waiting for next
 
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Newuser786787

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I don’t think this story will be completed because it is not finished in the source it was copied from either.
 

SMS69

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Great story. Please write in hinglish and please let only one servant to seduce this faithful and conservative mom. Please don't let both of them involve in illicit and forbidden affairs with the house wife. 🙏
 
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