Akki ❸❸❸
ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
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?सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है
?सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है
थोडी मुस्कुराहट ऊधार दे दे मुझे ऐ ज़िन्दगीज़िंदगी में कभी मुस्कुराने की दुआ ना देना,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है।
Awesomeबस एक यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती है,
उदास कर के भी कहती है,
तुम नाराज़ तो नहीं हो ना…
Woh alag karan hai...That angry reaction ?