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Incest Meri sapna

Naruto411

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I am writing this story for a member of this site who is happy to share his cousin with me enjoy the story


जयपुर की गुलाबी नगरी में, जहां धूप में इमारतें चमकती हैं, तीन जिंदादिल किरदारों की कहानी शुरू होती है: सपना, युवी, और रघु। सपना, 20 साल की कॉलेज स्टूडेंट, MPC (मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री) की पढ़ाई कर रही है और मैथ्स की दीवानी है। 5 फीट 4 इंच लंबी और 55 किलो की, उसका पतला बदन सही जगहों पर भरा हुआ है—जैसे बटर पनीर की एक लाजवाब थाली। वो बोल्ड है, फ्लर्ट करने वाली है, और थोड़ी स्लटी भी, लेकिन अपने सख्त पिता की वजह से अभी तक कुंवारी है।
युवी, सपना का चचेरा भाई, बीस की उम्र का बिंदास लड़का है, जो जयपुर में अपने दोस्त रघु के साथ रहता है। दोनों दोस्त मिलकर हमेशा कुछ न कुछ शरारत करते रहते हैं। सपना JEE मेन की तैयारी के लिए युवी के घर आई है, अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए। लेकिन उसका आना सिर्फ पारिवारिक मेलजोल तक नहीं रुकता—ये एक नाजायज़ आकर्षण की चिंगारी भी जलाता है।
एक गर्म दोपहर को सपना युवी के घर पहुंची, सूटकेस लिए हुए। उसने टाइट कुर्ती पहनी थी, जो उसके कर्व्स को बखूबी दिखा रही थी, और जींस में उसकी पतली टांगें उभर रही थीं। उसके लंबे बाल लहरा रहे थे, और उसकी शरारती मुस्कान ने कमरे को रोशन कर दिया। उसने युवी को गले लगाया और बोली, "भैया, जयपुर में मज़ा आएगा!" उसकी खुशबू—मीठी और नशीली—युवी के दिल में उतर गई, और उसका हल्का स्पर्श उसे अंदर तक हिला गया।
उसी शाम युवी सपना को भूल नहीं पाया। वो रघु से नदी किनारे मिला, जहां सूरज ढल रहा था। चट्टानों पर बैठकर युवी ने फोन निकाला और सपना की इंस्टाग्राम प्रोफाइल खोली। "यार, रघु, देख इसे," उसने कहा, एक तस्वीर दिखाते हुए जिसमें सपना कॉलेज फेस्ट के लिए लहंगे में थी, उसकी नंगी कमर और आत्मविश्वास भरा पोज़ साफ दिख रहा था। "ये मेरी कज़िन है, पर क्या बताऊं… इसका फिगर, इसकी अदाएं… बटर पनीर जैसी लगती है। आज इसने मुझे गले लगाया, और मेरा दिल धड़क गया। नीचे भी कुछ हो गया, समझ न?"
रघु मुस्कुराया और फोन की तरफ झुका। "भाई, तू तो पक्का पागल हो गया। सपना तो माल है! तेरी वजह से मेरी भी इच्छा जग गई। अगर तू चाहता है, मैं तेरी मदद करूंगा—पर एक शर्त पर। मुझे भी इससे मिलना है, थोड़ी बातें करनी हैं। हम दोनों मिलके इसे पटा सकते हैं।"
युवी थोड़ा हिचकिचाया, फिर शैतानी हंसी के साथ बोला, "ठीक है, डील पक्की। पर इसके बारे में सोचकर ही मज़ा आ रहा है।"
दोनों दोस्त नदी किनारे बैठे थे, ठंडी हवा उनकी गर्म बातों के साथ मिल रही थी। वो सपना की तस्वीरें देख रहे थे—कभी कॉलेज के कैज़ुअल कपड़ों में, कभी ट्रेडिशनल ड्रेस में उसकी खूबसूरती निखर रही थी। "यार, इसकी कमर देख," रघु ने एक फोटो ज़ूम करके कहा। "और ये स्माइल… इसे देखकर कोई भी पिघल जाए।"
युवी ने हां में सिर हिलाया, उसका दिमाग उन ख्यालों से भर गया जो उसे नहीं सोचना चाहिए था। "जब वो घर में घूम रही थी, उसकी जींस में उसका… उफ्फ, कंट्रोल नहीं होता। पर वो मेरी बहन जैसी है, यार। फिर भी, दिल मानता नहीं।"
रघु हंसा और युवी की पीठ पर थप्पड़ मारते हुए बोला, "बहन जैसी है, पर है तो लड़की। चल, प्लान बनाते हैं। एग्ज़ाम्स के बाद इसे घूमाने के बहाने ले जाएंगे। थोड़ी फ्लर्टिंग, थोड़ी मस्ती… देखते हैं क्या होता है।"


रघु: "यार, सपना का फिगर देख। इसकी कमर इतनी पतली है, और ऊपर-नीचे सब सही जगह भरा हुआ। इसे बिस्तर पर लिटाऊंगा तो मज़ा आएगा।"
युवी: "हां, यार। आज जब वो झुकी थी, उसकी कुर्ती ऊपर उठी थी। उसकी कमर देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया। सोच रहा हूं, इसे पीछे से पकड़कर… बस, समझ जा।"
रघु: "अरे, तू पीछे से करेगा तो मुझे आगे से मौका दे। इसके होंठ देख—इतने रसीले हैं, चूसने में मज़ा आएगा। और वो उसकी छाती… उफ्फ, दबाने का मन करता है।"
युवी: "साले, तू तो पूरा तैयार है। पर सच में, इसकी गांड इतनी टाइट है, जींस में देखकर ही लगता है इसे चोदने में स्वर्ग मिलेगा। पर कज़िन है, थोड़ा गिल्ट भी आता है।"
रघु: "गिल्ट छोड़, भाई। ये इतनी हॉट है कि मौका मिले तो छोड़ना मत। हम इसे घुमाने ले जाएंगे, थोड़ा नशा करवाएंगे, फिर एक-एक करके मज़े लेंगे। सोच, वो नंगी हमारे सामने होगी, क्या सीन होगा!"
युवी: "हां, और वो जो बाथरूम में नहाई थी, उसकी पैंटी की महक अभी भी मेरे दिमाग में है। उसे नंगा करके नहलाऊंगा, और फिर बिस्तर पर लेके पूरा मज़ा लूंगा।"
रघु: "बस, प्लान पक्का। इसे पहले दोस्ती के बहाने पास लाएंगे, फिर एक रात इसे हमारे साथ रुकने का मौका बनाएंगे। डबल मज़ा लेंगे, यार।"
सूरज ढल चुका था, और उनकी गंदी बातें हवा में गूंज रही थीं। सपना घर पर बेखबर थी, जबकि ये दोनों उसके बारे में अपनी फंतासियों को हवा दे रहे थे।
 

Naruto411

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युवी घर लौटा और बाहर से तो सामान्य दिखने की कोशिश की, लेकिन अंदर ही अंदर उसका मन सपना के इर्द-गिर्द बेकाबू हो रहा था। सपना लिविंग रूम में सोफे पर बैठी थी, एक ढीली सी ग्रे टी-शर्ट पहने हुए, जो उसके कंधों से थोड़ा नीचे सरक गई थी। उसकी टी-शर्ट का गला हल्का सा खुला हुआ था, और जब वो हंसते हुए कुछ बोल रही थी, तो उसका क्लीवेज बार-बार युवी की नज़रों में आ रहा था। उसकी गोरी चमकती त्वचा और क्लीवेज की गहराई में छुपी वो मुलायम उभार—जैसे दो नरम पहाड़ियां हों—युवी को पागल कर रहे थे। उसने अपनी नज़रें हटाने की कोशिश की, पर हर बार उसकी आंखें अनायास ही सपना के सीने पर चली जाती थीं। जब वो उठकर पानी लेने गई, तो उसकी टी-शर्ट पीछे से थोड़ी ऊपर उठ गई, और उसकी पतली कमर और जींस में कसी हुई टाइट गांड ने युवी के मन में आग लगा दी। उसका शरीर सही जगहों पर भरा हुआ था—न ज़्यादा, न कम—जैसे कोई मूर्तिकार ने उसे तराशा हो।
युवी ने बात शुरू की, अपनी आवाज़ में हल्की शरारत घोलते हुए। "सपना, तू तो पढ़ाई में बहुत तेज़ है, par college mein aur kya kya seekha hai jo itna… dikhayi deta hai?" उसने जानबूझकर "दिखाई देता है" पर ज़ोर दिया, और उसकी नज़रें एक पल के लिए उसके क्लीवेज पर टिक गईं। सपना ने मासूमियत से जवाब दिया, "भैया, मैथ्स में तो मैं सबसे आगे हूं, बाकी तो बस मज़े के लिए करती हूं।" उसकी भोली हंसी और "भैया" कहने का लहजा सुनकर युवी का दिल और तेज़ी से धड़का, लेकिन उसकी मासूमियत ने युवी की डबल मीनिंग वाली बात को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया। वो सोफे पर वापस बैठी, और इस बार उसने अपने पैर मोड़ लिए, जिससे उसकी जींस और सख्त हो गई, और उसकी जांघों का आकार साफ दिखने लगा। युवी की नज़रें उसके पूरे शरीर पर घूम रही थीं—उसकी पतली बाहें, उसकी नाज़ुक गर्दन, और फिर वो क्लीवेज जो हर सांस के साथ हल्का-हल्का ऊपर-नीचे हो रहा था। उसका दिमाग चीख रहा था कि वो अपनी बहन जैसी है, पर उसका शरीर उसकी बात नहीं मान रहा था।
बातचीत एग्ज़ाम सेंटर तक पहुंची। सपना ने कहा, "भैया, मेरा सेंटर थोड़ा दूर है, कहीं ट्रैफिक में न फंस जाऊं।" तभी युवी के पिता ने कहा, "युवी, कल सुबह सपना को एग्ज़ाम सेंटर छोड़ आना। ध्यान रखना, उसे अकेले मत जाने देना।" युवी ने "हां" कहा, लेकिन उसका दिमाग सपना के शरीर की हर डिटेल में खोया हुआ था। रात को अपने कमरे में, वो बिस्तर पर लेट गया। उसकी आंखों के सामने सपना का क्लीवेज था—वो मुलायम, गोरा उभार जो टी-शर्ट के नीचे से झांक रहा था। उसने अपनी आंखें बंद कीं और एक सपने में डूब गया।
सपना का सपना: सपने में वो सपना के साथ अपने कमरे में था। सपना वही ग्रे टी-शर्ट पहने थी, लेकिन अब वो उसके सामने खड़ी थी, और उसकी टी-शर्ट गीली होकर उसके शरीर से चिपक गई थी। उसका क्लीवेज अब और साफ दिख रहा था—उसके स्तनों की गोलाई, वो गहरी रेखा जो उनके बीच में थी, और वो हल्की गुलाबी रंगत जो कपड़े के पार झलक रही थी। सपना उसे "भैया" कह रही थी, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी मिठास थी। युवी ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया, उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाया, और उसके नंगे क्लीवेज को अपने हाथों से छुआ। सपना हंस रही थी, "भैया, ये क्या कर रहे हो?" कहते हुए, लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी। फिर सपने में युवी ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, उसकी जींस उतारी, और उसकी टाइट गांड को अपने हाथों से दबाया। सपना अब भी "भैया" कह रही थी, लेकिन उसकी आवाज़ अब कराह में बदल गई थी। युवी ने उसे चोदा, उसका हर धक्का सपना की "भैया" वाली पुकार के साथ तेज़ होता गया। उसका सपना इतना वास्तविक था कि युवी की सांसें हकीकत में भी तेज़ हो गईं। वो अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था, अपने लंड को हाथ में लिए, और उस सपने को जीते हुए मुठ मार रहा था। सपना का क्लीवेज, उसकी टाइट गांड, और उसकी "भैया" वाली आवाज़ उसके दिमाग में बार-बार घूम रही थी, जब तक कि वो पूरी तरह खत्म नहीं हो गया।
 
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Nice ..good start..plz continue..
Ek guzarish hai...ho sakey toh bahan ke gadraye jism par sirf bhai ka haq ho..
 

Naruto411

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Nice ..good start..plz continue..
Ek guzarish hai...ho sakey toh bahan ke gadraye jism par sirf bhai ka haq ho..
Hey that would be hard as I am writing this for yuvi @

captain559​

( fake name ) who shared his sister photos to write a story about her and raghu is the character I am playing in this story hope you understand, I will write the next one with pure brother and sister angle
 
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Hey that would be hard as I am writing this for yuvi @

captain559​

( fake name ) who shared his sister photos to write a story about her and raghu is the character I am playing in this story hope you understand, I will write the next one with pure brother and sister angle
Thik hai bhai..will wait for it.plz keep writing.
 

Naruto411

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अगले दिन भी वही सिलसिला जारी रहा। सुबह सपना नहाने गई, और उसके बाद युवी बाथरूम में घुसा। वहां सपना की महक अभी भी हवा में तैर रही थी। उसकी नजर उसकी पैंटी और ब्रा पर पड़ी, जो हुक पर टंगी थीं। पैंटी हल्की गीली थी, और उसमें से उसकी नशीली खुशबू आ रही थी। युवी ने पैंटी को उठाया, उसे अपने चेहरे के पास लाया, और गहरी सांस लेकर उसकी महक को अपने अंदर समेट लिया। उसकी सांसें तेज़ हो गईं, लेकिन इस बार उसने पैंटी से मुठ नहीं मारी। उसने सपना की ब्रा उठाई, उसकी मुलायम कपड़े को अपने हाथ में लिया, और उसे इस्तेमाल करते हुए मुठ मारी। उसका वीर्य ब्रा पर गिरा, लेकिन पैंटी को उसने अपने पास रख लिया, जैसे कोई कीमती चीज़ हो। फिर वो तैयार हो गया।
सपना बाहर आई, एक साधारण सलवार सूट में, जो उसके फिगर को हल्का-हल्का उभार रहा था। युवी ने अपनी बाइक निकाली, और दोनों एग्ज़ाम सेंटर के लिए निकल पड़े। सपना उसके पीछे बैठी थी, उसकी कमर को हल्के से पकड़े हुए, और उसका स्पर्श युवी को फिर से बेकाबू कर रहा था। लेकिन रास्ते में, युवी ने अचानक बाइक रोक दी। वो रघु के पैतृक घर के सामने रुका, जो शहर में एक शानदार हवेली थी। रघु का पिता शहर का पूर्व MLA था, और उनकी दौलत का अंदाज़ा वहां खड़ी गाड़ियों—वॉल्वो, बेंज़, और ऑडी—से लगाया जा सकता था। सपना पहले तो थोड़ा हैरान हुई, लेकिन युवी ने कहा, "सपना, धूप बहुत तेज़ है। हम बाइक से नहीं, कार से चलेंगे।" तभी रघु अपनी स्कोडा कार लेकर बाहर आया। सपना, जो निचले मध्यम वर्ग से थी, ये देखकर खुश हो गई कि वो एग्ज़ाम सेंटर कार में जाएगी।
युवी और रघु आगे बैठे, और सपना पीछे। उसने रघु को मासूमियत से "हाय" कहा, और रघु ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया। 30 मिनट की ड्राइव में वो सेंटर पहुंच गए। वहां रघु को सब पहचानते थे—स्टूडेंट्स, एग्ज़ाम मैनेजमेंट, सब। उसने मैनेजमेंट से कहा, "ये मेरी बहन जैसी है, इसका खास ख्याल रखना।" सपना एग्ज़ाम देने चली गई, और युवी-रघु कार में बैठ गए।
कार में युवी ने सपना की पैंटी रघु को दी, जो उसने अपने जेब से निकाली थी। रघु ने उसे हाथ में लिया, सूंघा, और उसकी आंखें चमक उठीं। उसने गंदी बातें शुरू कीं, "यार, इसकी महक से ही लगता है ये कितनी मस्त होगी। इसे चोदने का मौका मिले तो मैं इसे पूरा निचोड़ दूंगा।" युवी पीछे बैठा था, और बोला, "साले, आज सुबह इसका क्लीवेज देखा था। वो सलवार सूट में भी इतनी हॉट लग रही थी, सोच इसके कपड़े उतारूं तो क्या हाल होगा।" रघु ने पैंटी को अपने लंड पर रगड़ा और मुठ मारना शुरू कर दिया। वो बोला, "इसकी गांड को देख, कितनी टाइट है। इसे पीछे से मारूंगा, और तू इसके मुंह में डाल देना।" युवी ने हंसते हुए कहा, "हां, और वो मुझे 'भैया' कहेगी, उसी वक्त इसे चोदूंगा।" दोनों कार में बैठे सपना के बारे में गंदी-गंदी बातें करते रहे, उसकी पैंटी को पास में रखकर अपनी फंतासियों में खोए हुए।
 
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