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जयपुर की गुलाबी नगरी में, जहां धूप में इमारतें चमकती हैं, तीन जिंदादिल किरदारों की कहानी शुरू होती है: सपना, युवी, और रघु। सपना, 20 साल की कॉलेज स्टूडेंट, MPC (मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री) की पढ़ाई कर रही है और मैथ्स की दीवानी है। 5 फीट 4 इंच लंबी और 55 किलो की, उसका पतला बदन सही जगहों पर भरा हुआ है—जैसे बटर पनीर की एक लाजवाब थाली। वो बोल्ड है, फ्लर्ट करने वाली है, और थोड़ी स्लटी भी, लेकिन अपने सख्त पिता की वजह से अभी तक कुंवारी है।
युवी, सपना का चचेरा भाई, बीस की उम्र का बिंदास लड़का है, जो जयपुर में अपने दोस्त रघु के साथ रहता है। दोनों दोस्त मिलकर हमेशा कुछ न कुछ शरारत करते रहते हैं। सपना JEE मेन की तैयारी के लिए युवी के घर आई है, अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए। लेकिन उसका आना सिर्फ पारिवारिक मेलजोल तक नहीं रुकता—ये एक नाजायज़ आकर्षण की चिंगारी भी जलाता है।
एक गर्म दोपहर को सपना युवी के घर पहुंची, सूटकेस लिए हुए। उसने टाइट कुर्ती पहनी थी, जो उसके कर्व्स को बखूबी दिखा रही थी, और जींस में उसकी पतली टांगें उभर रही थीं। उसके लंबे बाल लहरा रहे थे, और उसकी शरारती मुस्कान ने कमरे को रोशन कर दिया। उसने युवी को गले लगाया और बोली, "भैया, जयपुर में मज़ा आएगा!" उसकी खुशबू—मीठी और नशीली—युवी के दिल में उतर गई, और उसका हल्का स्पर्श उसे अंदर तक हिला गया।
उसी शाम युवी सपना को भूल नहीं पाया। वो रघु से नदी किनारे मिला, जहां सूरज ढल रहा था। चट्टानों पर बैठकर युवी ने फोन निकाला और सपना की इंस्टाग्राम प्रोफाइल खोली। "यार, रघु, देख इसे," उसने कहा, एक तस्वीर दिखाते हुए जिसमें सपना कॉलेज फेस्ट के लिए लहंगे में थी, उसकी नंगी कमर और आत्मविश्वास भरा पोज़ साफ दिख रहा था। "ये मेरी कज़िन है, पर क्या बताऊं… इसका फिगर, इसकी अदाएं… बटर पनीर जैसी लगती है। आज इसने मुझे गले लगाया, और मेरा दिल धड़क गया। नीचे भी कुछ हो गया, समझ न?"
रघु मुस्कुराया और फोन की तरफ झुका। "भाई, तू तो पक्का पागल हो गया। सपना तो माल है! तेरी वजह से मेरी भी इच्छा जग गई। अगर तू चाहता है, मैं तेरी मदद करूंगा—पर एक शर्त पर। मुझे भी इससे मिलना है, थोड़ी बातें करनी हैं। हम दोनों मिलके इसे पटा सकते हैं।"
युवी थोड़ा हिचकिचाया, फिर शैतानी हंसी के साथ बोला, "ठीक है, डील पक्की। पर इसके बारे में सोचकर ही मज़ा आ रहा है।"
दोनों दोस्त नदी किनारे बैठे थे, ठंडी हवा उनकी गर्म बातों के साथ मिल रही थी। वो सपना की तस्वीरें देख रहे थे—कभी कॉलेज के कैज़ुअल कपड़ों में, कभी ट्रेडिशनल ड्रेस में उसकी खूबसूरती निखर रही थी। "यार, इसकी कमर देख," रघु ने एक फोटो ज़ूम करके कहा। "और ये स्माइल… इसे देखकर कोई भी पिघल जाए।"
युवी ने हां में सिर हिलाया, उसका दिमाग उन ख्यालों से भर गया जो उसे नहीं सोचना चाहिए था। "जब वो घर में घूम रही थी, उसकी जींस में उसका… उफ्फ, कंट्रोल नहीं होता। पर वो मेरी बहन जैसी है, यार। फिर भी, दिल मानता नहीं।"
रघु हंसा और युवी की पीठ पर थप्पड़ मारते हुए बोला, "बहन जैसी है, पर है तो लड़की। चल, प्लान बनाते हैं। एग्ज़ाम्स के बाद इसे घूमाने के बहाने ले जाएंगे। थोड़ी फ्लर्टिंग, थोड़ी मस्ती… देखते हैं क्या होता है।"
रघु: "यार, सपना का फिगर देख। इसकी कमर इतनी पतली है, और ऊपर-नीचे सब सही जगह भरा हुआ। इसे बिस्तर पर लिटाऊंगा तो मज़ा आएगा।"
युवी: "हां, यार। आज जब वो झुकी थी, उसकी कुर्ती ऊपर उठी थी। उसकी कमर देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया। सोच रहा हूं, इसे पीछे से पकड़कर… बस, समझ जा।"
रघु: "अरे, तू पीछे से करेगा तो मुझे आगे से मौका दे। इसके होंठ देख—इतने रसीले हैं, चूसने में मज़ा आएगा। और वो उसकी छाती… उफ्फ, दबाने का मन करता है।"
युवी: "साले, तू तो पूरा तैयार है। पर सच में, इसकी गांड इतनी टाइट है, जींस में देखकर ही लगता है इसे चोदने में स्वर्ग मिलेगा। पर कज़िन है, थोड़ा गिल्ट भी आता है।"
रघु: "गिल्ट छोड़, भाई। ये इतनी हॉट है कि मौका मिले तो छोड़ना मत। हम इसे घुमाने ले जाएंगे, थोड़ा नशा करवाएंगे, फिर एक-एक करके मज़े लेंगे। सोच, वो नंगी हमारे सामने होगी, क्या सीन होगा!"
युवी: "हां, और वो जो बाथरूम में नहाई थी, उसकी पैंटी की महक अभी भी मेरे दिमाग में है। उसे नंगा करके नहलाऊंगा, और फिर बिस्तर पर लेके पूरा मज़ा लूंगा।"
रघु: "बस, प्लान पक्का। इसे पहले दोस्ती के बहाने पास लाएंगे, फिर एक रात इसे हमारे साथ रुकने का मौका बनाएंगे। डबल मज़ा लेंगे, यार।"
सूरज ढल चुका था, और उनकी गंदी बातें हवा में गूंज रही थीं। सपना घर पर बेखबर थी, जबकि ये दोनों उसके बारे में अपनी फंतासियों को हवा दे रहे थे।
जयपुर की गुलाबी नगरी में, जहां धूप में इमारतें चमकती हैं, तीन जिंदादिल किरदारों की कहानी शुरू होती है: सपना, युवी, और रघु। सपना, 20 साल की कॉलेज स्टूडेंट, MPC (मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री) की पढ़ाई कर रही है और मैथ्स की दीवानी है। 5 फीट 4 इंच लंबी और 55 किलो की, उसका पतला बदन सही जगहों पर भरा हुआ है—जैसे बटर पनीर की एक लाजवाब थाली। वो बोल्ड है, फ्लर्ट करने वाली है, और थोड़ी स्लटी भी, लेकिन अपने सख्त पिता की वजह से अभी तक कुंवारी है।
युवी, सपना का चचेरा भाई, बीस की उम्र का बिंदास लड़का है, जो जयपुर में अपने दोस्त रघु के साथ रहता है। दोनों दोस्त मिलकर हमेशा कुछ न कुछ शरारत करते रहते हैं। सपना JEE मेन की तैयारी के लिए युवी के घर आई है, अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए। लेकिन उसका आना सिर्फ पारिवारिक मेलजोल तक नहीं रुकता—ये एक नाजायज़ आकर्षण की चिंगारी भी जलाता है।
एक गर्म दोपहर को सपना युवी के घर पहुंची, सूटकेस लिए हुए। उसने टाइट कुर्ती पहनी थी, जो उसके कर्व्स को बखूबी दिखा रही थी, और जींस में उसकी पतली टांगें उभर रही थीं। उसके लंबे बाल लहरा रहे थे, और उसकी शरारती मुस्कान ने कमरे को रोशन कर दिया। उसने युवी को गले लगाया और बोली, "भैया, जयपुर में मज़ा आएगा!" उसकी खुशबू—मीठी और नशीली—युवी के दिल में उतर गई, और उसका हल्का स्पर्श उसे अंदर तक हिला गया।
उसी शाम युवी सपना को भूल नहीं पाया। वो रघु से नदी किनारे मिला, जहां सूरज ढल रहा था। चट्टानों पर बैठकर युवी ने फोन निकाला और सपना की इंस्टाग्राम प्रोफाइल खोली। "यार, रघु, देख इसे," उसने कहा, एक तस्वीर दिखाते हुए जिसमें सपना कॉलेज फेस्ट के लिए लहंगे में थी, उसकी नंगी कमर और आत्मविश्वास भरा पोज़ साफ दिख रहा था। "ये मेरी कज़िन है, पर क्या बताऊं… इसका फिगर, इसकी अदाएं… बटर पनीर जैसी लगती है। आज इसने मुझे गले लगाया, और मेरा दिल धड़क गया। नीचे भी कुछ हो गया, समझ न?"
रघु मुस्कुराया और फोन की तरफ झुका। "भाई, तू तो पक्का पागल हो गया। सपना तो माल है! तेरी वजह से मेरी भी इच्छा जग गई। अगर तू चाहता है, मैं तेरी मदद करूंगा—पर एक शर्त पर। मुझे भी इससे मिलना है, थोड़ी बातें करनी हैं। हम दोनों मिलके इसे पटा सकते हैं।"
युवी थोड़ा हिचकिचाया, फिर शैतानी हंसी के साथ बोला, "ठीक है, डील पक्की। पर इसके बारे में सोचकर ही मज़ा आ रहा है।"
दोनों दोस्त नदी किनारे बैठे थे, ठंडी हवा उनकी गर्म बातों के साथ मिल रही थी। वो सपना की तस्वीरें देख रहे थे—कभी कॉलेज के कैज़ुअल कपड़ों में, कभी ट्रेडिशनल ड्रेस में उसकी खूबसूरती निखर रही थी। "यार, इसकी कमर देख," रघु ने एक फोटो ज़ूम करके कहा। "और ये स्माइल… इसे देखकर कोई भी पिघल जाए।"
युवी ने हां में सिर हिलाया, उसका दिमाग उन ख्यालों से भर गया जो उसे नहीं सोचना चाहिए था। "जब वो घर में घूम रही थी, उसकी जींस में उसका… उफ्फ, कंट्रोल नहीं होता। पर वो मेरी बहन जैसी है, यार। फिर भी, दिल मानता नहीं।"
रघु हंसा और युवी की पीठ पर थप्पड़ मारते हुए बोला, "बहन जैसी है, पर है तो लड़की। चल, प्लान बनाते हैं। एग्ज़ाम्स के बाद इसे घूमाने के बहाने ले जाएंगे। थोड़ी फ्लर्टिंग, थोड़ी मस्ती… देखते हैं क्या होता है।"
रघु: "यार, सपना का फिगर देख। इसकी कमर इतनी पतली है, और ऊपर-नीचे सब सही जगह भरा हुआ। इसे बिस्तर पर लिटाऊंगा तो मज़ा आएगा।"
युवी: "हां, यार। आज जब वो झुकी थी, उसकी कुर्ती ऊपर उठी थी। उसकी कमर देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया। सोच रहा हूं, इसे पीछे से पकड़कर… बस, समझ जा।"
रघु: "अरे, तू पीछे से करेगा तो मुझे आगे से मौका दे। इसके होंठ देख—इतने रसीले हैं, चूसने में मज़ा आएगा। और वो उसकी छाती… उफ्फ, दबाने का मन करता है।"
युवी: "साले, तू तो पूरा तैयार है। पर सच में, इसकी गांड इतनी टाइट है, जींस में देखकर ही लगता है इसे चोदने में स्वर्ग मिलेगा। पर कज़िन है, थोड़ा गिल्ट भी आता है।"
रघु: "गिल्ट छोड़, भाई। ये इतनी हॉट है कि मौका मिले तो छोड़ना मत। हम इसे घुमाने ले जाएंगे, थोड़ा नशा करवाएंगे, फिर एक-एक करके मज़े लेंगे। सोच, वो नंगी हमारे सामने होगी, क्या सीन होगा!"
युवी: "हां, और वो जो बाथरूम में नहाई थी, उसकी पैंटी की महक अभी भी मेरे दिमाग में है। उसे नंगा करके नहलाऊंगा, और फिर बिस्तर पर लेके पूरा मज़ा लूंगा।"
रघु: "बस, प्लान पक्का। इसे पहले दोस्ती के बहाने पास लाएंगे, फिर एक रात इसे हमारे साथ रुकने का मौका बनाएंगे। डबल मज़ा लेंगे, यार।"
सूरज ढल चुका था, और उनकी गंदी बातें हवा में गूंज रही थीं। सपना घर पर बेखबर थी, जबकि ये दोनों उसके बारे में अपनी फंतासियों को हवा दे रहे थे।