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Incest My cousin became my slut

Zed007

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मुझे तीन महीने के लिए अपनी ममेरी बहन के घर रहना था. वो तलाकशुदा थी और बहुत सेक्सी थी. बहन की चुत मिल जाती तो मजा आ जाता. उसके मोबाइल में मैंने देखा कि …




दोस्तो यह रही मेरी एक और सच्ची कहानी जिसमें मैंने अपनी ममेरी बहन को बहुत मजे से चोदा।

मेरी बहन की उम्र 34 साल है. वह मुझसे 8 साल बड़ी है. मैं उन्हें दी कहता हूँ. नाम श्वेता, गोरी और दिखने में एकदम मस्त माल जिसे देखते ही चोदने का मन करे!

श्वेता का तलाक 3 साल पहले हो गया, उनका एक 5 साल का बेटा है। वह पुणे में अकेली अपने बेटे के साथ रहती है और वहाँ सॉफ्टवेयर इंजिनियर की जॉब करती है।
मैं पिछले साल अपने आफिस प्रोजेक्ट के सिलसिले में पुणे गया था जहाँ मुझे 3 महीने तक काम करना था।

मैंने पुणे जाने से पहले अपनी बहन को फोन करके पूछा- दी आपके अपार्टमेंट में मुझे 3 महीने के लिए रूम मिल जाएगा क्या?
श्वेता दी ने पूछा- क्यों चाहिए?
मैंने उन्हें सारी बात बताई।
उन्होंने कहा- तुम मेरे साथ ही क्यों नहीं रह लेते? सिर्फ 3 महीनों की ही तो बात है।
मैंने थोड़ा सोचा और हाँ कर दी।

एक हफ्ते बाद मैं श्वेता दी के घर पर पहुँचा, उन्हें देख कर काफी अच्छा लगा। हम दोनों ने काफी बातें की और अगले दिन से अपने अपने काम पर लग गए।
उनका 2 BHK का घर है, जिसमें अब एक कमरे में मैं रहने लगा था।

रोज सुबह और शाम को मेरी और दी की मुलाकात होती थी लेकिन रात को सोते वक्त मेरे दिमाग में श्वेता दी के लिये कुछ और ही भावनायें चल रही थी।

एक हफ्ते बाद मैंने डिनर के वक्त पूछ लिया- दी अपने दूसरी शादी क्यों नहीं की?
उन्होंने कहा- अब अपनी लाइफ अपने तरीके से जीना चाहती हूँ।

मुझे शक हुआ कि शायद दी का कोई चक्कर चल रहा होगा।
लेकिन मैंने ज्यादा कुछ नहीं पूछा।

हमने डिनर किया और साथ में टीवी देखने लगे. थोड़ी देर में ही मेरे भानजे को नींद आने लगी. दी उसे रूम में सुलाने गयी और आई नहीं.
मैंने सोचा कि दी भी सो गई क्या?

मैं उनके कमरे के पास गया और चाबी के छेद से देखा. श्वेता ब्रा और पैंटी में थी और नाइटी पहन रही थी.
यह देख मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।

मैं रुक कर और देखने लगा. उन्होंने ब्रा पेंटी खोली और नाइटी पहनी फिर बाहर आने लगी। मैं वापस हाल के सोफे पर बैठ गया और अपने लण्ड पर कंट्रोल किया.

दी नाईट ड्रेस में एकदम माल लग रही थी। नाइटी थोड़ी ढीली होने के कारण उनकी क्लीवेज नजर आ रही थी। मैंने ध्यान कहीं और लगाया लेकिन बार बार उनके चूचों पर मेरी नजर जाने लगी. हम साथ में मूवी देख रहे थे.

थोड़ी देर में मेरा भानजा जाग गया और दी उसे सुलाने चले गई। मैं फिर से इंतजार करने लगा लेकिन इस बार दी नहीं आई।
मैं भी टीवी बन्द कर अपने रूम में चला गया और सोने की कोशिश करने लगा।

मगर दी के गोरे गोरे बूब्ज़ मेरे ध्यान से नहीं जा रहे थे।
मेरे दिमाग में एक शैतानी आईडिया आया. मैंने दी के नहाने जाने से पहले अगले सुबह अपना मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग आन की और बाथरूम में छुपा दिया जिससे मैं दी को नहाते हुये देख सकूं।

थोड़ी देर बाद दी नहा कर वापस आई और फिर मैं नहाने गया और अपना मोबाइल वापस ले आया.

मैं लेट हो रहा था तो सोचा कि वीडियो रात में देखूंगा।
और फिर हम दोनों जॉब पर निकल गए.

मैं दी कि रोज वीडियो रिकॉर्ड करता था । और रात में या भी कभी ऑफिस में ही देख लिया करता।

लेकिन 1 दिन मैं दिन भर दी के वीडियो को देखने के लिये तरस रहा था।

फिर रात को घर पहुच कर रोज की तरह वही नार्मल चीजें हुई।

और मैं वीडियो देखने के लिए अपने कमरे में गया, वीडियो में दी मस्त अपने कपड़े उतार रही थी, उन्होंने वीडियो में जैसे ही अपनी ब्रा उतारी उनके गोरे गोरे चूचे और गुलाबी निप्पल्स को देख कर मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया।

तभी मैंने देखा कि दी अपने दोनों चूचों को मसल रही हैं और अपनी चूत रगड़ रही है. यह देख मेरा लण्ड पूरा कड़क हो गया। मेरा मन करने लगा कि अभी दी के पास जाकर सब कुछ कर लूं।
दी अपने जिस्म से खुद ही खेल रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने वीडियो देख कर 3 बार अपना हिला लिया और सो गया।

एक महीने तक तो कुछ नसीब नहीं हुआ सिवाय दी की वीडियोज़ के! फिर मैंने दी का व्हाट्सएप स्कैन कर लिया और उनके सारे चैट अपने फोन पर पढ़ लिये.
तब मुझे पता चला कि दी कितनी चालाक हैं। वो दो लोगों से सेक्स चैट करती हैं और अपनी नंगी फ़ोटो भी भेजा करती हैं।

मैंने सारी चैट पढ़ी तो पता चला कि दोनों ने दी को बहुत बार चोदा है। मैंने सोचा जब दी इन दोनों से करवा सकती है तो मैं भी चोद सकता हूं. मैंने इरादा बना लिया दी को चोदने का।

और अगले दिन डीनर के बाद मैंने दी से कहा- दी, आपकी कुछ जरूरतें पूरी करनी हों तो मुझे कह सकती हो, मैं हेल्प कर सकता हूँ।
दी ने कहा- क्या मतलब?
मैंने बिना सोचे बोल दिया- पर्सनल हेल्प … जिसकी आपको जरूरत है और मुझे भी।

दी ने पहले मेरी बातों का बहुत गुस्सा किया. फिर मैंने उन्हें सब बातें बताई और समझा बुझा कर चोदने के लिए राजी किया।
श्वेता दी ने कहा- गोलू को सो जाने दो.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था। इतने दिन बाद मैं सच में दी को चोदूंगा।



हम तीनों दी के रूम में थे और अगल बगल में लेटे हुये थे. गोलू के सोते ही मैंने दी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गले को किस करने लगा।

दी ने करवट बदली और मेरी तरफ मुँह कर लिया और हम दोनों किस करने लगे। उनके मुलायम होंठों को चूमने का अलग ही मजा आ रहा था।

मैंने उनकी नाईटी के अंदर हाथ डाला, मेरे हाथों में उनके मुलायम चूचे आ गए. उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं दोनों चूचों को मसलने लगा. उनके बड़े नर्म नर्म दूध वैसे ही थे जैसे मेरी संगीता मैम के हैं।

मैं उनके बूब्स जोर से दबाने लगा. दी उसी तरह मुँह बनाने लगी जैसा वीडियो में बना रही थी।
मैंने दी की नाइटी खोली और दोनों चूचों को देखा और दोनों को आपस में टकरा कर मसल दिए. दी की सिसकी निकलने लगी। मैंने दी के गाल पकड़े और फिर किस करने लगा।

दी भी मूड में आ चुकी थी और वो भी मेरे होंठों को किस करने लगी. मैंने दी की जीभ से अपनी जीभ टकराई और दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे. साथ ही मैं उनके बूब्स को दबाता रहा।

मैंने अपना लौड़ा निकाला, तभी दी ने कहा- यहाँ नहीं … दूसरे रूम में चलो।
तो मैंने दी को गोद में उठाया और आराम से अपने कमरे में ले गया जो बगल में ही था।

मैंने उन्हें बेड पर फेंका और अपना लौड़ा उनके मुँह के सामने किया।
दी ने बड़े आराम से मेरा लौड़ा हाथ में लिया और मुँह में डाला. उनके मुँह की गर्म भाम्प मेरे लौड़े पे पड़ते ही, मजा सा आने लगा।

मैंने कहा- दी, आज आपको सबसे ज्यादा मजा आएगा।
मेरा लौड़ा दी के मुँह में पूरा नहीं जा रहा था। मैंने थोड़ा अपना फोर्स लगाया और दी खाँसने लगी।
मैंने दी की नाइटी और पेंटी उतारी, हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे।

अब मैंने दी को लिटाया और दी के दोनों पैर ऊपर करके उनकी चूत में अपनी जीभ लगाई। दी सिसकारियों के बीच में कहने लगी- चाटो … अच्छे से चाटो, इसस्स … मम्मम!
दी की चूत का छेद काफी छोटा था, ऐसा लग रहा था जैसे अब तक चुदी न हो।
मुझे काफी मजा आ रहा था चाटने में।

थोड़ी देर में दी कहने लगी- भाई, चोद दो मुझे. अब रहा नहीं जा रहा!
मैंने दी की टांगें खोली और अपना टोपा उनकी चूत में रगड़ने लगा।
दी कहने लगी- डाल दो अंदर अब!

मैंने दी को कंधे से पकड़ा और जोर का झटका दे मारा. इतनी टाइट चूत में भी मेरा लण्ड चार इंच अंदर चला गया।
दी जोर से चीखी मानो उनकी सील अब टूटी हो।

मैंने उनके मुँह पर हाथ रखा और कहा- धीरे मेरी जान, गोलू उठ जाएगा।
उनके चेहरे पर वो दर्द बड़ा मजेदार था.

तभी मैंने दूसरा जोर का झटका दिया और दी फिर से चीख उठी. उनकी आंखों में आंसू आ गये। मेरा लौड़ा पत्थर जैसा कड़क और मोटा हो चुका था।
दी कहने लगी- धीरे करो प्लीज़!

और मैं धीरे धीरे लौडा अंदर बाहर करने लगा. दी भी धीमी धीमी अहह … उहहह करने लगी. लेकिन उनका दर्द उनके चेहरे पर दिख रहा था.
मैं दी के ऊपर लेट गया और किस करने लगा। साथ ही नीचे जोर से झटके देने लगा. बेड पूरी तरह हिल रहा था।

थोड़ी देर बाद दी को घोड़ी बना कर मैंने पीछे से फिर जोर का झटका दिया. दी बेड पर ढेर हो गयी. पर मेरे तनबदन में आग लगी हुई थी, मैं नहीं रुका. मैंने उन्हें फिर पोज़िशन पर लाया और उनके हाथ पीछे से पकड़ कर फिर चोदने लगा.

मेरा 7 इंच का लौडा अब पूरी तरह से दी के अंदर जा रहा था लेकिन दी आवाज नहीं निकाल रही थी।
मैंने पूरी जोर से दी को चोदा.

थोड़ी देर में मैं झड़ने ही वाला था कि लण्ड बाहर निकाला और दी को सीधा किया. दी के आंसू नहीं रुके थे.
मैंने पूछा- ज्यादा दर्द हो रहा है क्या मेरी जान?
दी ने कहा- हाँ, धीरे करो.

मैं फिर दी को लिटा कर दी की चूत चाटने लगा और आराम से जीभ ऊपर नीचे करने लगा.

थोड़ी देर में मैंने दी को साइड पोज़ में लिटाया और साइड से फिर चोदा. इस बार आमने सामने दोनों एक दूसरे को देख रहे थे।
मेरा लौड़ा उनकी चूत की दीवार से रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. दी अपनी आवाज दबाने की कोशिश कर रही थी।
मैं साथ में उनके चूचे मसलने लगा।

थोड़ी देर दीदी की चुदाई के बाद दोनों भाई बहन साथ में झड़ गये. मैंने दी की चूत के अंदर ही अपना सारा माल निकाल दिया।
माल के अंदर जाते ही दी को जो सुकून मिला, वो उनके मुस्कान से समझ आ गया।

थोड़ी देर दोनों एक दूसरे को बांहों में लपटे रहे.
मैंने पूछा- तुम रो क्यों रही थी? और मुझे पता क्यों नहीं चला।
दी ने कहा- इतना बड़ा लौडा इतनी जोर जोर से डाल रहे थे.
दी ने कहा- भाई के लंड से मुझे बहुत मजा आया।

थोड़ी देर बाद दोनों का फिर मूड बना और इस बार सिर्फ ओरल सेक्स से मजे लिये

दी ने नाइटी पहनी और अपने कमरे में चली गयी.
मैंने भी उनको गोलू की वजह से नहीं रोका



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अपने मामा की बेटी के घर में रहते हुए मुझे उसके चोदू यारों का पता चला तो मैंने भी जुगाड़ करके बहन की चुदाई कर दी. एक बार चुदाई के बाद हम भाई बहन की चुदाई कैसे चली आगे?

दोस्तो, मेरी दीदी की चुदाई कहानी के पहले भाग

में आप लोगों ने जाना कि कैसे मेरी दीदी की हॉटनेस ने मेरी हवस जगा दी और मैंने मेरी दी को चुदने पर मजबूर कर दिया जैसा कि मैंने पहले पार्ट में कहा था.

तो इस भाग में आप पढ़ें कि आगे क्या क्या हुआ.

सुबह हम उठे, दी नाश्ता बना रही थी तब तक मैं गोलू को स्कूल ड्राप कर के आया और आते ही दी को पकड़ कर सोफे में अपनी गोद में बिठा लिया।
दी कहने लगी- नहा कर तो आने दो!
मैंने कहा- साथ में नहाएंगे. पहले गन्दे तो हो लें दोनों!

और फिर दी को अपनी गोद में सीधा बिठा लिया हमारे बीच बिल्कुल गेप नहीं था। उनकी बड़ी चूची मेरे छाती पर चिपकी हुई थी।

मैंने दी के बाल पकड़े और किस करने लगा। मैं ऐसे किस कर रहा था मानो वो मेरी गर्लफ्रैंड हो और हमारे बीच बहुत ज्यादा प्यार हो। मैं बहुत आराम से उनके होंठों को चूमने लगा.

दी भी मेरा पूरा साथ देने लगी. उन्होंने मेरी टीशर्ट उतारी और मेरे गले में चूमते हुई काटने लगी।
मैं समझ गया कि दी को आज वाइल्ड फेंटसी में चुदना है।

मेरा लौड़ा खड़ा होते ही दीदी की चूत को कपडों के ऊपर से टच करने लगा. मैंने दी के टॉप में अपना सर डाल दिया और उनके निप्पल को चूसने लगा और दांतों से काटने लगा.
जैसे ही मैंने दूसरे निप्पल को काटना शुरू किया, दी के मुँह से आवाज निकलने लगी- आउच आह … थोड़ा धीरे!
दी मेरा सर पकड़ कर मेरी दिशा तय कर रही थी कि अब कहाँ काटना है।

दीदी ने टॉप खोल दिया और मैं उनको गले से लेकर उनके कोमल दूध चूमने लगा और जोर जोर से उनके दूध दबाने लगा। दी भी अब खुल कर सिसकारियाँ लेने लगी और जोर जोर से कहने लगी- आह यस … क्रश माई बूब्स … बाइट इट।
वो मेरा सर पकड़ कर अपने गले पर दबाने लगी.

मैं भी थोड़ा जंगली बन कर उन्हें काटने लगा। मैंने दी के दोनों दूध लाल कर दिए काट कर। मेरे दांतों के निशान साफ नजर आने लगे। रूम में हमारी साँसें और दी की वो तेज उकसाने वाली आवाज होने लगी।

क्योकि दी का फ्लैट काफी बड़ा था तो आवाज बाहर जाने का सवाल ही नही था और गोलू के न होने पर दी मदहोशी में खुल कर आवाजे निकाल रही थी।

दीदी उठी और अपनी टाइट लेगी उतारने लगी।
मैंने भी अपनी जीन्स खोली।

दी ने मुझे सोफे पर धकेल दिया और पूरी नंगी होकर लेट कर मेरा लौड़ा जोर जोर से चूसने लगी।
कल रात मेरा पूरा लौड़ा जिसके मुँह में नहीं जा रहा था। आज वो ऐसे चूस रही थी मानो मेरा लौड़ा उसके लिये ही हो। उनके थूक से मेरा लौड़ा पूरा गिला हो गया था और दीदी के मुँह पर भी पूरा लौड़े का पानी लगा हुआ था।

दी मेरे लंड पर थूक कर उसे वापस मुह में भरने लगी ।
मैं बार बार उनके बालों को संवार रहा था और अपने लौड़े की तरफ दबा रहा था. वो मजे से मेरा लौड़ा चूस रही थी। थोड़ी देर में मैंने उन्हें सोफे पर आड़ा लिटाया और ऊपर से उनके मुँह में अपना लौड़ा डालने लगा. मेरा लण्ड उनके गले तक जाने लगा।

लौड़े और दी के मुँह के बीच वैसी ही आवाजें आने लगी जैसे पोर्न में लौड़ा चूसते वक़्त होती हैं।

दी का मुह लार से सराबोर था । मैने लण्ड बाहर निकाला और दी के पूरे चेहरे पर गीले लण्ड की थपेड़े मारने लगा, दी भी हवस भरी मुस्कुराहट देने लगीं ।
और लण्ड मुह में दुबारा लेने को मचल पड़ी ।

मैंने अपना खड़ा लण्ड गाल से हटा कर मुह में दुबारा खिसका दिया । और पूरा दी के गले मे जाम कर दिया ।
दी ने आँखे बंद कर ली , मुझे पता था वो सांस नही ले पा रही मैं उनके गले मे कुछ सेकंड रुका और लण्ड बाहर करते ही दी उठी और न खाँसते हुए अपनी लार बाहर गिरा दी ।

मैं दी को पकड़ कर फिर किस करने लगा । फिर मैंने दी को गोद में लिया और लौड़ा उनकी चूत में सेट कर के डाला. दी फिर से चीख पड़ी- आहह!
और मैं दी को उछालने लगा जिससे लौड़ा अंदर बाहर हो। दी भी अपनी तरफ से गांड उछाल रही थी।

दी ने अपने पैरो से मेरी कमर में पकड़ बनाई और वो भी लण्ड पर उछलने लगी।
इस तरह गोद में ले कर चोदना मुझे बहुत पसन्द हैं।

दी को मैं जोर जोर से उछाल रहा था दी भी आहह आहहह … करती हुई उछल रही थी। उनके हिलते चूचे बहुत अच्छे लग रहे थे.

आठ दस शॉट के बाद मैंने झुका कर दी कि पीठ सोफे पर रखी बाकी नीचे से दी मेरे लण्ड और कमर पर लटकी हुई थी और फिर मैंने तेजी से झटके मारे जिसमें दी फिर से रोने लगी थी और बहुत जोर से आवाज निकाल रही थी।
मैंने टीवी ऑन कर दिया ताकि हमारी आवाज बाहर न जाये।

और फिर मैं दी को कमरे में ले गया और बेड पर उल्टा कर के उनकी पीठ को चूमने लगा और पैरों को सहलाने लगा।
दी फिर मुझे गांड हिला कर बुलाने लगी. मैंने फिर पीछे से लौड़ा फंसाया और रात की तरह पूरी जोर से चोदने लगा.

इस बार तो दी बहुत शोर करने लगी- ओह यस फक मी येस्स … आह हाँ … उम्म्ह.
मैं उनकी गर्दन दबाते हुये और स्पीड में झटके दे रहा था।

थोड़ी देर में मैं लेट गया और दी को अपने ऊपर कर लिया। दी अपनी कमर में कर्व बना कर मेरे लौड़े पर उछलने लगी। दी के दोनों चूचे हवा में जोर जोर से हिल रहे थे।
मैंने दोनों को पकड़ा और दबाने लगा। दी आंखें बंद कर पूरे मजे लेने लगी।

मैंने उनकी गोरी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा. दी की फिर आहह की चीख निकली.
थोड़ी देर बाद मैंने दी को वापस बेड पर सीधा लिटा दिया और उनके चूचों के बीच लौड़ा रगड़ते हुए उनके मुँह में डालने लगा. दी जीभ बाहर निकाल कर लौड़ा चाटने लगी।
इतने जोर से मैंने अब तक किसी को नहीं चोदा था।
कुछ तो बात है दी में …

मैंने दी का सर पीछे से पकड़ा और अपना पूरा लण्ड दी के गले तक घुसा दिया। दी छटपटाने लगी तो मैंने सर से प्रेशर कम कर दिया।
दी बिल्कुल पोर्न स्टार्स की तरह करने लगी.

तभी मैंने सोचा कि बहन की चुदाई की वीडियो बनाई जाय।
और दी ने मुझे नहीं रोका।

थोड़ी देर में मैं दी के मुँह में अपना माल निकाल दिया दी ने पूरा माल गटक लिया और लौड़े पर जो लगा था उसे जीभ से चाटने लगी।
फिर बेड पर हम दोनों आधे घण्टे तक नंगे पड़े रहे.

मैंने पूछा- आप उन दोनों से क्यों करवाती हो?
दी ने बताया वो दोनों उन्ही के ऑफिस के है, दी सारा अपना काम उन्ही से करवाती है और बदले में कभी कभी चुदवा लेती है। जिससे उनके दोनों काम हो जाते हैं हवस के और ऑफिस के।
दी ने बताया वो ऑफिस के वाशरूम में भी चुदी है।

तो यह सुनकर मैंने कहा- चलो अगली चुदाई नहाते हुए करेंगे।
तभी दी ने कहा- पहले मुझे और चोदो यहाँ फिर वहां करना।

मैंने मुस्कुराते हुए हाँ किया।
और फिर एक बार पलंग तोड़ पर्फोमेंस पेश करने लगा.

तभी बीच में दी कहने लगी- मेरी गांड मारो।
मैंने कहा- नहाते वक्त मेरी जान … अभी मेरा लण्ड तुम्हारी चूत का प्यासा है।

दी इस बार भी खुल कर चीख रही थी। मैं यह सब कुछ रेकॉर्ड करता रहा।



आखिर में दी ने कहा- मेरे फेस पर माल गिराओ.
मैंने लण्ड बाहर निकाला और दी को हिलने कहा.
दी ने घुटनों पर बैठ कर अपने फेस को ऊपर किया और मेरे लंड की ओर करके मेरा लण्ड दोनों हाथ से हिलाने लगी।

मैंने दी के फेस के साथ साथ उनके बड़े दूध पर भी माल गिरा दिया। दी के चेहरे पर थोड़ा माल गिरा और थोड़ा उनके चूचों पर।

यह तीसरी बार था तो ज्यादा माल नहीं निकला. मैंने लण्ड से दी के चहरे पर पूरा माल फैलाया.
दी मुस्कुरा रही थी। मैंने अपने लौड़े से दी के गालों पर थपकी मारी और उन्हें बांहों में उठा कर सोफे पर बैठ गया।

उन्होंने मेरी टीशर्ट से अपना चेहरा साफ किया और फिर मेरी तरफ प्यार से देखने लगी।

हम एक दूसरे को फिर चूमने लगे. उनके होंठों और गुलाबी मुलायम चूचों को जितना चूसो उतना कम है।
दी ने कहा- i am ready for more

और मैं दी को गोद मे उठा कर बाथरूम में ले गया।
दी फिर घुटनों पर बैठ कर मेरा लण्ड चूसने लगी।

मैंने शावर चालू किया, जिससे हम दोनों भीग गए। पानी मेरे शरीर से होते हुए दी के मुँह के अंदर और फिर दी के बूब्स पर जाने लगा।

इतने में दी उठ कर पीछे मुड़ गयी अपनी गांड में मेरा लण्ड लेने के लिये।

मैंने दी को थोड़ा झुकाया और दोनों हाथ से दी के दोनों कूल्हों पर थप्पड़ मार दिए कि दीदी की गांड वाइब्रेट करते हुये हिली।
तभी दी ने शावर बन्द कर दिया।

मैंने दी के गांड पर हल्का सा थूक लगाया और ऊपर से लण्ड रगड़ने लगा।

दी ने मेरी जांघ पर हल्का सा मारते हुये कहा- पुट इट इन!
मैंने दी के हाथ फिर से पीछे से पकड़े और दी को अपनी तरफ खींचते हुए उनकी गांड में लौड़ा डालने लगा। पर मेरा लंड बहन की गांड के अंदर नहीं गया। बहुत टाइट गांड थी।

तभी दी ने कहा- बेबी ऑइल लगा कर डालो.
फिर क्या था … मैंने थोड़ा सा तेल अपने लण्ड पर और बहुत सारा दी की गांड पर डाला।
दी की गोरी गांड चमकने लगी.

और फिर थोड़ी जोर आजमाइश से मेरा लण्ड घुस गया। और दी फिर से जोर जोर से फक मी … फक मी … और जोर से यस फक मी करती हुई मजे लेने लगी।

मैंने दी का हाथ छोड़ा, दी ने दीवार का सहारा ले लिया और मैं हल्का सा दी के ऊपर झुक कर उनके चूचों को मसलने लगा।
5 मिनट तक इसी पोज़ में चुदाई हुई।

फिर मैंने दी को उठाया और उनकी पीठ दीवार में सटा कर दीदी को हवा में करते हुए सामने से उनकी गांड मारी।
दी के चेहरे के भाव मुझे पागल कर चुके थे।

थोड़ी देर बाद हम दोनों ही फिर झड़ गये. इस बार तो मेरा न के बराबर निकला।

मैंने दी को नीचे उतारा औऱ एक दूसरे को गले लगा कर किस करने लगे।
फिर हम दोनों भाई बहन साथ में नहाये. मैं उनको नहला रहा था और वो मुझे! हमने एक दूसरे को साबुन लगाया और फिर एक दूसरे की बॉडी से बॉडी रगड़ने लगे। फिर बॉडी लोशन लगाया.

इसके बाद हम दोनों ने नंगे ही लंच बनाया।

अब तक बहुत लेट हो ही चुके थे तो हम दोनों ने घर पर ही रहना ठीक समझा और सारा दिन एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे।

फिर रात को दी मेरे कमरे में आई और कहा- साथ में सोना है तो आ जाओ।

मैं उनके कमरे में गया, हम दोनों नंगे हो गये और गोलू के बगल में ही दूसरी चादर ओढ़ कर एक दूसरे को पकड़ कर सो गए।

इस बीच काम का प्रेशर बढ़ा और एक हफ्ते तक मैं और दी सिर्फ सो रहे थे चुदाई नहीं हो रही थी। एक हफ्ते बाद मैं सारे इंतजाम करते हुए घर गया , सेक्सी ड्रेस वगैरा … ताकि और ज्यादा मजा ले सकें।

उस रात हम भाई बहन ने खुली छत पर रोमैंस किया।
फिर हम हर संडे को ‘फ़क डे’ की तरह मनाने लगे।

अभी भी दी मुझसे अपनी चूत चुदाई करवा रही है। लेकिन अब मुझे इंदौर से पुणे आना जाना पड़ता है।

वैसे तो दी और मेरे और भी यार हैं लेकिन दी और मुझे हम दोनों को लगता है कि हम दोनों सबसे ज्यादा बेस्ट कॉम्बिनेशन है।
 
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