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Shayari New shayari

K.kumar

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कहीं पे प्यार है गुस्सा है कहीं पर दुःख है
ज़िन्दगी झांट के बालों की तरह नाज़ुक है

न नींद है न भूख है न प्यास है मुझको
हिला रहा हूं बे सबब मेरा यही सुख है

न हुस्न है न रंग है न खूबसूरत हो
जाने मन आप तो दा एन्ड हो ख़तम लुक है !!
 

K.kumar

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राजाओं से भी उम्र भर ये राज ना हुआ,
इन गांडुओं से गांड़ का इलाज ना हुआ,

वो दोस्त जाने हार कर आया था कैसी जंग,
जब गांड़ में डंडा दिया नाराज ना हुआ,

कुछ चूतियो ने गंडमरो इतिहास रच दिए,
तुम मुट्ठलो से मुठ पर भी नाज़ ना हुआ !
 

K.kumar

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सिर्फ दो घूट और सामान हवस का ले डूबा,
हमे शराब और चूत का चस्का ले डूबा !!
 

K.kumar

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मै इतना टाइट लड रखता हु
तुम्हारी गांड फाड़ सकता हु
 

K.kumar

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मोहब्बत को निभाना पड़ रहा है,
पकड़कर खुद हिलाना पड़ रहा है,

मैं अपना काट दूंगा तंग आकर,
मेरे पीछे ज़माना पड़ रहा है...!
 

K.kumar

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मुझको तो ये लगता था गुत्थी सुलझी पड़ी है,
ज़िंदगी झाट के बालो की तरह उलझी पड़ी है !!
 

K.kumar

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न गुस्सा है मुझमें न की क्रोध है यारो
ये दुनिया बड़ी मादरचोद है यारो

अपनी मर्जी से चाहे वो गांड मरवा लें
कोई प्यार से मांगे तो उसे बोध है यारो
 

K.kumar

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कई बीमारियां मिली हजार रोग मिले,
हमे जहां भी chut के सताए हुए लोग मिल,
 

K.kumar

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यहाँ हर कोई शायर है
मेरे लंड की फायर है

हम से चुदना तुम आके गाडी में
हमारे पास स्विफ्ट डिजायर है
 
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