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Incest PAPA KI JAWAN BETIYA

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Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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Ye kahani dusri site ki hai .me ise is liye yaha post kar raha hu ki mujhe bahot pasand aay hai .is liye jise padna ho vo pade me koi writer nahi Hu.






INTRO

हरियाणा के छोटे से गाँव का रहने वाला अरुन बंसल, आज एक इंटरनेशनल प्रोडक्शन कंपनी में मैनेजमेंट के अच्छे पोस्ट पे जा पंहुचा था। एक किसान के बेटे के बर्षों की लगन और कुशलता रंग लाई थी, आज २२ साल बाद बंसल का हरियाणा में खुद का अपना घर था। यही नहीं दिल्ली और आस पास के जगह में भी उसकी कुछ प्रॉपर्टी थी।जिसे बंसल ने अपनी बेटियों की शादी और भविष्य के लिए बचा कर रखा था।

बंसल की सर्विस अभी कुछ साल के लिए बची थी, लेकिन उसने समय रहते अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए काफी कुछ सोच रखा था। बंसल की बीवी उर्मिला बंसल(४८) कम पढ़ी लिखी होने के कारण घर की जिम्मेदारी सम्भालती थी और मिसेज बंसल ने अपने बेटी-बेटों के लिए कभी कोई कमी नहीं होने दिया।

बड़ा बेटा रवि (३०) इंजीनियर था और अपने परिवार के साथ मुंबई में रहता था।

बडी बेटी शालु (२६) अपने पापा की तरह किसी बड़े कंपनी में काम करना चाहती थी। एम बी ए की डिग्री लेने के बाद शालु ने कुछ छोटी कंपनी में काम भी किया था लेकिन सैलरी अच्छी न होने के वजह से उसका कहीं मन नहीं लगता था। वो तो अपने पापा की तरह लाइफ में सक्सेसफुल होना चाहती थी। शालु की शादी हो चुकी थे लेकिन पति निकम्मा था। मुंबई में जॉब करता था लेकिन उसने कभी भी शालु को अपने साथ ले जाने की परवाह नहीं की।शालू अपने मायके में ही रहती है।

छोटी बेटी रीना(२४) डॉक्टर बनाना चाहती थी और कम्पटीशन की तैयारी कर रही थी।

बंसल अक्सर काम के सिलसिले में हरियाणा से बाहर रहा करते थे। उन्हें अक्सर अपने क्लाइंट से बिज़नेस डील के लिए बाहर जाना पड़ता था। कभी-कभी तो इंटरनेशनल ट्रिप पे भी जाना होता था। बिज़नेस में टेंशन के साथ-साथ उन्हें बेटी की शादी की चिंता भी सता रही थी। पैसा कमाने के लिए बंसल जी ने बहुत प्रयास किया और इसी कारण पिछले २ साल से वो दुबई में बिज़नेस संभाल रहे थे। दुबई में बिज़नेस को एक अच्छे मुकाम तक पहुचाने के बाद वो आज पूरे २ साल बाद इंडिया लौट रहे थे और बंसल ने अपना ट्रांसफर दिल्ली में ले लिया था और अब वो अपने देश लौट रहे थे अपने परिवार के पास।
 
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Update 2


आज बंसल जी बहुत खुश थे, बहुत सारी शॉपिंग कर रखी थे उन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के लिये। परिवार में भी बंसल जी का बहुत बेसब्री से इंतज़ार हो रहा था, दोनों बेटियों ने घर में पकवान के साथ-साथ कुछ मिठाइयाँ भी बना रखी थी। दोनों हाथों में २ बड़े सूटकेस लिए हुये बंसल ने हरियाणा में अपने घर के दरवाजे पे दस्तक दिया। चारो तरफ जब अपनी नज़रें दौडाई तो काफी कुछ बदल गया था, घर के पास वाली रोड चौड़ी हो गई थी, घर का कलर भी दूसरा था और बाहर जो आम का पेड़ था वो भी काफी बड़ा हो गया था। आखिर २ साल एक लम्बा समय था, घर पे दस्तक देते ही सामने पीली साड़ी में उनकी पत्नी ने दरवाजा खोला। उर्मिला की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, अपने पति को इतने सालों बाद देख उनकी बीवी उनके गले लग गई।

उर्मिला - आप कैसे हैं? मैं सुबह से आपका इंतज़ार कर रही थी। सफर कैसा रहा?

बंसल - मैं ठीक हूं, सफ़र अच्छा था। शालु और रीना कैसी है और कहाँ हैं?

मिस्टर और मिसेज बंसल दोनों घर के अंदर प्रवेश करते हैं और सिढ़ियों से ऊपर चढ़कर ऊपर अपने कमरे में समान रख देते है।

उर्मिला - शालु किचन में खाना बना रही है और रीना अपने कमरे में पढ़ाई कर रही है।

बंसल - अच्छा मैं चूपके से शालु और रीना बिटिया से मिलूँगा उन दोनों को नहीं बताना की मैं घर आ गया हूँ। मैं थोड़ी देर में नीचे आकर मिलता हूँ।

उर्मिला - ठीक है मैं भी नीचे जा रही हूँ अपने कमरे में।

बंसल - तुम्हारा कमरा नीचे? क्यों? तुम अब ऊपर नहीं रहती?

उर्मिला - नहीं जी, मेरे घुटनो में गठिया की शिकायत है तो मैं ज्यादा चल फिर नहीं सकती तो मैं अब नीचे ही रहती हूँ। आप १०-१५ दिन तो रहेंगे न?

बंसल - नहीं उर्मीला, मुझे २ दिन में दिल्ली जाना है। कुछ नया काम आया है तो मुझे जाना पडेगा। मैं महीने के आखिर में फिर आऊंगा तब रहूँगा कुछ दिन तुम्हारे साथ।

उर्मिला - ठीक है, जब २ दिन रहना है तो आप इसी कमरे में रुकिये। किसी चीज़ की जरुरत होगी तो आपके बगल का रूम शालु का है। आपके रूम के पीछे की तरफ रीना का रूम है। किसी चीज़ की जरुरत हो तो शालु या रीना को आवाज़ दिजिये वो आ जाऐंगी, आप फ्रेश हो जाइये।

बंसल - ठीक है उर्मीला।

उर्मिला सिढ़ियों से नीचे चलि गई।बंसल कमरे में चारो तरफ देख रहे थे, कमरा खूब अच्छे से सजाया गया था। सभी जरुरत की चीज़ें सामने सहेज कर रखी गई थी। कमरे में कम रौशनी थी तो बंसल ने रूम की खिड़की खोल दी। खिड़की के ठीक सामने शालु के कमरे की खिड़की थी जो खुली हुई थी, और खिड़की का पर्दा साइड में हटा हुआ था। बंसल ने शालु के कमरे में देखा तो, कमरा बहुत ही साफ़ सुथरा था। पिंक कलर की साइड वाल जिसपे शाहरुख़ खान के पोस्टर चिपके थे। खिड़की के साइड में एक बेड जिसपे पिंक कलर की चादर बिछी थी। बेड के बगल में एक चेयर पे एक ब्लू जीन्स और उसके ऊपर ब्लैक कलर की ब्रा लटक रही थी। ब्रा पे नज़र पडते ही बंसल दो कदम पीछे हो गए और अपनी नज़र शालु के कमरे से हटा ली। उन्हें बेटी के रूम में ऐसे देखना कुछ अटपटा सा लगा और उन्होंने खिड़ी पे कर्टेन लगा दिया।
 

Nasn

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Update 3

अपना सूटकेस खोल बंसल ने अपने कुछ कपडे निकाले और बाथरूम में चेंज कर नीचे अपनी बेटियां को सरप्राइज देने चल पडे। बंसल ने दूर से देखा की उसकी बड़ी बेटी किचन में है, वो दबे पाँव चुपके से किचन के दरवाजे के पास गये। बंसल अपनी बेटी को सरप्राइज देना चाहते थे लेकिन इस वक़्त वो सरप्राइज था।

उसने ये नहीं सोचा के २ साल बाद उसकी बेटी इतनी बड़ी हो जाएगी। किचन के दरवाजे के पास से उसने शालु को देखा, शालु येलो कलर के सलवार सूट में थी और उसने अपने सीने पे दुपट्टा नहीं रखा था। शालु की सलवार तो ढीली थी लेकिन ढीली सलवार भी उसकी जवानी को छुपा नहीं पा रही थी। उसकी कुर्ती साइड से उठी थी जिसमें से उसकी मोटी जाँघ नज़र आ रही थी। बंसल ने २ साल पहले जब अपनी बेटी को देखा था तो वो दुबली पतली थी, लेकिन आज वो मोटी जवान हो गई थी। खासकर उसके सीने की गोलाइयाँ बढ़ गई थी, और उसकी कमर के नीछे उसके कुल्हे बहुत भारी हो गए थे। फिर बंसल ने अपनी नज़रें हटायीं और शालु के पीछे आ गये।


बंसल - बेटी शालू.....

शालु ने मुड़कर देखा।

शालु - वाओ पापा, व्हाट ए सरप्राइज आप कब आये? (शालू अपने पापा की आँखों में देखते हुए बड़े प्यार से अपने पापा को साइड से हग दिया और उनके सीने पे सर रख दिया)

बंसल - है है अभी आया बेटी। मेरी बेटी तो बहुत काम करने लगी है। (बंसल ने एक हाथ से बड़े दुलार से अपनी बेटी के बाल सहलाये)

शालु - नहीं पापा आपके पसंद की डिश बना रही हूँ ।

बंसल - (अपने दोनों हाथो से शालु के गाल को छूते हुए) अरे वाह बेटी, मुझे बहुत भूख भी लगी है। रीना कहाँ है? उसे भी सरप्राइज दूंगा मैं। उसे आवाज़ तो लगाओ।।

शालु - अभी बुलाती हूँ।रीना।रीना। इधर आ जरा मेरी मदद कर दे। (बंसल दरवाजे के पीछे चुप गए)

रीना - क्या हुआ दीदी? मैं टयुशन के लिए जा रही थी।

रीना ब्लैक कलर का जीन्स और ब्लैक कलर का टॉप पहने हुए दिवार के सहारे खड़ी हो कर अपनी दीदी से बोली। तभी दरवाजे के पीछे से उसके पापा बाहर निकले। पापा को देखते ही रीना उछल पडी।।।
 
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रीना -ओह्ह्ह्हह।। पापा आप कब आये? ओह आई एम सो हैप्पी (रीना दौड़ती हुई अपने पापा के गले लग गई)

बंसल ने ध्यान दिया की छोटी बेटी बड़ी से ज्यादा मॉडर्न है। छोटी भी इतनी जल्दी बड़ी हो जायेगी उसके पापा ने नहीं सोचा था। गले लगते हुए जब बंसल ने रीना के पीठ पे हाथ रखा तो उसे जैसे करंट सा लगा हो। पहले के छुअन में और अभी में बहुत अंतर था। रीना अब जवान और गदराई हुई थी। उसकी पीठ की गुदगुदी छुअन से बंसल को कुछ अजीब सा लगा, उसने रीना की तरफ देखा रीना के ब्लैक टॉप बहुत ही पतली थी इतनी पतली की उसके अंदर की पिंक कलर की स्लीप नज़र आ रही थी।

रीना अब अपनी हाथ पापा के गले से निकाल कर बोलने लगी।

रीना - पापा अभी मैं टयुशन जा रही हूँ आपसे बाद में अच्छे से मिलुंगी।। आपसे ढेर सारी बातें भी करनी है।

रीना जब थोड़ी दूर खड़ी हुई तो बंसल की नज़र रीना की कमर पे पडी। कमर का थोड़ा सा पार्ट खुला था और उसके टॉप और जीन्स के बीच से उसकी बटन जैसी नाभी दिख रही थी। बंसल मन में सोचने लगा की हरियाणा में भी लड़के लड़कियां कितने मॉडर्न हो गए है। २ साल पहले रीना जीन्स भी नहीं पहनती थी। दोनों बेटियां सिर्फ सलवार कुर्ती ही पहनती थी। अब तो बंसल को मॉडर्न वर्किंग लड़के ढूंढने पड़ेंगे जिनकी तनख्वाह भी अच्छी हो।। इतना सब सोचते हुए उनका ध्यान टूटा जब रीना ने बाय बोला। उधर शालु किचन में बिजी हो गई थी।

बंसल ने शालु को देखा और सोचने लगा, शालु बिटिया तो अभी भी सलवार कमीज ही पहनती है ये शायद अपनी छोटी बहन की तरह मॉडर्न नहीं है। फिर अपनी ही बात को काटते हुए।। नहीं नही।।। सुबह जब मैं अपने कमरे से शालु के रूम में देखा था तो ब्लू जीन्स पड़ी थी। वो शालु की ही होगी क्योंकि रीना का रूम तो अलग है। शायद शालु जब कहीं बाहर जाती होगी तो पहनती होगी। जीन्स के बारे में सोचते-सोचते बंसल का ध्यान उसपे रखे ब्लैक ब्रा पे जाती है जिसे उसने सुबह देखा था और न जाने कब बंसल की नज़र शालु के सीने पे चलि जाती है। शालु को किचन में बहुत पसीना आ रहा था और पसीने से उसकी कुर्ती चिपक गई थी। जब बंसल का धयान गया तो उसने पाया की शालु के ब्रा की कलर ब्लैक है।

न जाने क्यों आज सुबह से बंसल का ध्यान इधर-उधर है, उसने अपने आप को समझाया की शायद वो अपने परिवार को २ साल बाद देख रहा है इसलिए इतनी सारी चेंज उसके ध्यान में आ रही है।

तभी उर्मिला किचन में आती है।।
 
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उर्मिला - जी मिल लिए आप अपनी बेटियों से?

बानसाल - हाँ उर्मिला मिल लिया, इतने दिनों बाद तुम सब को सामने देख बहुत अच्छा लग रहा है।

उर्मिला - बेटी, तुमने अभी तक लंच नहीं बनाया? बेटी जल्दी कर तेरे पापा थके होंगे। जल्दी से खाना बना कर ऊपर इनके कमरे में लेती जा, और इन्हे आराम करने दे। हमसब लोग बाद में लंच कर लेंगे।

शालु - जी मॉम।।

उर्मिला - आप जाइये जी अपने रूम में आराम करिये।

बंसल - ठीक है।

बंसल किचन से बाहर निकल आता है।

उर्मिला - शालु बेटी, रीना कहाँ है?

शालु - जी वो टूशन के लिए गई।

उर्मिला - उसने नाश्ता भी नहीं किया? बहुत परेशान कर रखा है इस लड़की ने। सुन बेटी, तू जाकर पापा को लंच करा दे। मैं किचन में बाकी का काम कर लूंग़ी।

शालु - जी मॉम।।

उधर बंसल अपने कमरे में बिस्तर पे आकर लेट जाता है। कमरे के छत की ओर देखते हुए उसे बार-बार शालु और रीना का ध्यान आता है।

बंसल मन ही मन - ये शालु कितनी बड़ी हो गई है, कितनी छोटी थी। मैं उसे गोदी में खिलाता था अब वो इतनी बड़ी हो गई है। गोदी में बैठ नहीं पायेगी उसकी कमर और कुल्हे कितने बड़े हो गए है। और रीना, वो भी जवान हो गई है। बंसल को रीना के पीठ की छुअन याद आ रही थी। जब मैंने नीचे देखा तो कैसे उसकी टाइट जीन्स उसकी मांसल जाँघो पे कसी थी, और उसकी वो नाभि की हलकी सी झलक।। ओह मेरे दिमाग में ये सब कैसी बातें है।

बंसल को ये सब सोचना अच्छा लग रहा था, शालु और रीना के बारे में सोचते हुए बंसल ने एक करवट ली और बिस्तर पे रखे तकिये के ऊपर अपनी टाँग चढा ली। अपने कमर से बंसल तकिये में दबाव ड़ालने लगा, उसे तकिये में दबाव डालना अच्छा लग रहा था। कुछ देर तकिये में अपनी कमर का फ्रंट भाग रगडने के बाद बंसल का ध्यान गया की उसके लंड में हलकी-हलकी इरेक्शन आ गई है। बंसल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की ऐसा क्यों हो रहा है। उसने अपने दिमाग पे थोड़ा जोर ड़ाला तो उसे याद आया कि, वो पिछले कई दिनों से ऑफिस के काम में कितना बिजी था। इतना बिजी कि, उसे शायद मुट्ठ मारे हुए आज पूरे ८ दिन हो गए थे।

उसे लगा की शायद बिस्तर पे रगडने से उसमे इरेक्शन हो गया और उसे मुट्ठ मारने का मन होने लगा। उसने सोचा की उसे मुट्ठ मार लेनी चाहिये। बंसल पेंट के ऊपर से अपने लंड को पकड़ रगडने लगा, लेकिन अभी उसका इरेक्शन ख़तम हो गया था, वो कस कर अपने लंड को मसलने लगा। कुछ होता न देख उसने अपने पेंट के अंदर हाथ ड़ाला और लंड को पकड़ कर हिलाने लगा। बंसल बिस्तर पे पड़े सोच रहा था की काश उसे अभी कोई पोर्न मूवी मिल जाती तो वो उसे देख के माल गिरा देता और रिलैक्स हो जाता।

उसने सोचा क्यों न किसी एक्ट्रेस के बारे में सोच के मुट्ठ मारे। उसने रिसेंटली करीना की अजनबी मूवी देखि थी। वो सोचने लगा की करीना के गांड उस पिंक कलर के सलवार में कितनी अच्छी दिख रही थी, आह करीना की गांड कितनी मस्त दिखती है। जिस करीना के बारे में सोचने मात्र से बंसल का लंड खड़ा हो जाता था। आज़ उसके बारे में सोच के हिलाने से भी उसका लंड खड़ा नहीं हो रहा। बंसल सोचने लगा की अब क्या करे?
 

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Copy story pr support khoj rhe ho Bhai
 

Rinkp219

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Bhai... story jaha par khatam huyi thi...wohi se start karo....full support rahega...
 
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