बात 15 साल पहले की है। तब मैं इंजीनियरिंग के दुसरे साल में था। मैं अपनी बुआ की बेटी (दिव्या) को चोदना चाहता था पर बहुत डरता था। एक तो वह मुझसे 8 साल बड़ी है और नज़दीकी रिश्तेदारी भी है। पर फिर भी मैं उसे hint देता रहता था। यह सिलसिला एक साल से भी ज़्यादा चला।
एक दिन मेरा कंप्यूटर खराब हो गया था और कॉलेज की बहुत ज़रूरी रिपोर्ट टाइप करनी थी। रात के 11 बजे का समय था और कोई साइबर कैफे भी नहीं खुला था। तब पिताजी ने बुआ को फोन किया और मुझे उनके घर भेज दिया।
किस्मत से कंप्यूटर सिर्फ उनकी बेटी के कमरे में ही था। तो मैं उसके कमरे में जाकर काम करने लगा। थोड़ी देर में दिव्या दीदी कमरे में आई और बोली tumhe तो समय लगेगा और मुझे सुबह नौकरी पर जाना है, इसलिए मैं सो रही हूँ तुम काम करके चले जाना।
जब वो सो गई तो मैं रुक रुक कर उसके जिस्म को निहार रहा था। मेरा लण्ड चीख चीख कर उसकी चूत को बुला रहा था। अब काम करने में बहुत मुश्किल हो रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा की उसने चादर ओड ली है और अंदर कुछ हिल रहा है। मैं दबे पाँव बिस्तर के दूसरी तरफ गया तो देखा उसका हाथ उसके पाजामे के अंदर था और वो अपनी चूत सेहला रही थी।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना लण्ड निकल कर हिलने लगा। मुझे लगा की वो सोइ हुई है और नींद में मज़े ले रही है।
तभी उसने आँखे खोली और मेरी गांड फट गई। मैं डर गया और सॉरी बोल कर भागने की तयारी करने लगा। तभी उसका गुस्से वाले चेहरे पर मुस्कान छा गई और वो हंसने लगी।
बोली : "चूतिये , पिछले एक साल से कोशिश कर रहा है , बाथरूम में कभी मेरी पैंटी में मुठ मार जाता है , कभी मेरी ब्रा को चूस कर गीला कर जाता है , आज तुझे मौका दे रही हूँ तो तू सॉरी बोल कर भाग रहा है ?"
मैं हक्काबक्का खड़ा रह गया क्यूंकि बात तो सच्ची थी। फिर उसने मुझे इशारे से अपनी और बुलाया और पास आने पर मेरा लण्ड अपने हाथो में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी।
मुझे वो सुख मिला जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। उसकी लम्बी लम्बी उँगलियाँ और उनके आगे लम्बे लम्बे खूबसूरत नाखून - मेरा तो 2 मिनट में ही झड़ने वाला था ! फिर उसने कुण्डी लगवाई और बोली "जैसा मैं बोलू वैसा कर । " मैंने हाँ में सर हिला दिया !
उस दिन उसने पहले मुझसे अपनी चूत चटवाई, फिर गांड का छेद चाटवाया और फिर अपनी चूत में मेरे लण्ड को शरण दी।
उस दिन की चुदाई के बाद वो हर महीने मुझे एक - दो बार पड़ने के लिए बुलवाती और अपनी मर्ज़ी अनुसार मुझ से चुदवाती। ये सिलसिला 1 साल तक चला। फिर उसकी शादी हो गई और वो विदेश चली गई।
और भाई बहन का वो सुखदायी प्यार सिर्फ एक याद बनकर रह गया !