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Adultery Pyaar(Bewkoof Hota Hai?)

Sing is king 42

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Superb story and fantastic update.
Bahut hi khoobsurat story lag rahi hai.bas bhai story complete karna.baki dekhte hain kya hota hai story mein.lage raho bhai.zabardast zindabaad.
Rochak aur Romanchak shuruaat. Pratiksha agle rasprad update ki

Update please
Update please👍👏
आप सभी पाठकों का खूब धन्यवाद।आज देर रात तक एक मेगा अपडेट आ जायेगा।अभी लिख रहा हूं।साथ बने रहने और अपने बहुमूल्य विचार देने के लिए फिर से धन्यवाद।इस अपडेट और आगे वाले अपडेट के साथ कहानी कुछ साफ हो जाएगी।जिससे आप पाठकों को पढ़ कर आनंद आएगा।

जल्द ही मिलते हैं अपडेट के साथ।❤️🙏
 
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Sing is king 42

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अपडेट–4(मेगा अपडेट)

सब ठीक ही चल रहा था।12 की पढाई का टेंशन अलग ही था।जितना आसान सोचा था उतना था नही।उसमें ये अलग था की इसके बाद मुझे दिल्ली जा कर किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना था।एक बड़े विश्वविद्यालय के बारे में पता किया था मैने।और इस पर अपने मम्मी पापा से भी बात कर ली थी।

उन्होंने भी कहा जो भी हो बस अपनी जिंदगी में सफल हो जाओ यही प्रार्थना है ऊपर वाले से।ये बात जब पूजा को बताई तो वो भी बहुत खुस हुई और उसने भी दिल्ली में ही आगे की पढ़ाई करने की लिए अपनी इच्छा जाहिर की।मैने कहा ये और भी अच्छा हो जायेगा।तो उसने कहा की में मम्मी और दीदी से बात करके बताऊंगी।

मैने कहा ठीक है।ये सब ठीक ही था की एक दिन में जब लंच टाइम बैठा था तो पूजा मेरे पास आई और बोली की क्या हम तुम घर पर अलग नही पढ़ सकते हैं।मैने कहा क्यों नहीं पढ़ सकते हैं।ठीक है फिर तो छुट्टी हो तो तुम घर आ जाया करो और अगर बीच में किसी दिन छुट्टी रहेगी तो भी घर पर पढ़ लेंगे।लेकिन तुमको मेरे घर आना होगा।क्योंकि तुम्हारा घर दूर है।मैं वहा नही आ सकती रोज रोज।मैने कहा ठीक है मैं ही आ जाऊंगा।कल तो कोई जयंती है तो कल आना जाना तुम घर।मैने भी ठीक है बोल दिया।

दूसरे दिन मैं 10 बजे घर से निकला पूजा के घर के लिए।जब घर पर पहुंच कर रिंग दी तो थोड़ी देर बाद अपर्णा दीदी ने गेट खोला वो बस एक हॉट नाईटी में थी।बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

IMG-20220427-060213

अपर्णा दी –अरे अभी तुम,क्या हुआ कुछ काम था।पूजा तो घर पर नही है।

में – हेलो दीदी।लेकिन पूजा ने तो मुझे बुलाया था आज अपने साथ पढ़ने के लिए।

अपर्णा दी – अच्छा तो लगता है वो भूल गई।कोई नही वो अभी आ जायेगी।मम्मी के साथ गई है,तुम वेट कर लो तब तक पीछे गार्डन में। मैं उसे कॉल करके बता देती हूं।

मैं – ठीक है दीदी।

अपर्णा दी – तुम कुछ लोगे अभी।पानी या चाय।कुछ भी।

मैं – नही दीदी में अभी नाश्ता करके आया हूं। थैंक्स।आप पूजा को इनफॉर्म कर दीजिए। मैं लॉन में हूं ओके।

अपर्णा दी – ओके अभी।

मैं लॉन में जा कर बैठ गया।ये घर का पीछे का हिस्सा था।बहुत ही खूबसूरत सजा हुआ था ये हिस्सा घर का।छोटे छोटे पेड़ थे जिसके नीचे आप आराम से बैठ कर मजा ले सकते थे।वैसे भी ठंड के दिन शुरू हुए थे तो वहां और भी अच्छा लगता था।जहां में बैठा था उसके ठीक सामने ही पूजा के रूम का पिछला गेट था।

हम अक्सर ही रूम से निकल कर यहां बैठ कर भी कभी कभी पढ़ लेते थे तो इसलिए दीदी ने मुझे यहां भेजा था।पूजा के रूम में अटैच बाथरूम था जिसका एक गेट उसकी दीदी के रूम में भी था।यानी की दोनो बहनों का कॉमन बाथरूम था।

मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था।मुझे आए आधा घंटा हो गया था।दीदी ने कहा था पूजा कुछ देर में आ जाएगी तो में भी आराम से पढ़ रहा था।क्योंकि आज शाम तक तो मुझे वो छोड़ने वाली नही थी।तभी मुझे प्रेशर लगा तो मैं उठ कर पूजा के रूम के गेट पर गया मुझे लगा था की गेट बंद होगा।लेकिन किस्मत से गेट खुला था।नही तो फिर मुझे दीदी को परेशान करना पड़ता।

एक तो ठंड के दिन में पेसाब बार बार लगती है।ये मुझे बहुत ही अजीब लगता है।अजीब क्या गांड़ फट जाती है साला जब ठंडा ठंडा पानी छूना पड़ता है तो।मैं रूम के अंदर गया और जब बाथरूम के पास पहुंचा तो उसका गेट फुल खुला था।जैसे ही मैंने अंदर कदम रखा तो मुझे कुछ अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगी जैसे कोई बहुत दर्द में हो।

आह आह आह आह ओह ओह ओह ये ये ये ये ओह ओह ओह आह आह ठप थप थप।

मैने सोचा ये कैसी आवाजें हैं।

मुझे लगा दीदी को कुछ हो तो नही गया। क्योंकि ये आवाजें दीदी के रूम से आ रही थीं।तभी दीदी की आवाज सुनाई दी आह जानू थोड़ा और तेज करो ना।
ये आवाज इतनी साफ थी की मुझे लगा दीदी मेरे पास खड़ी हो कर बोल रही हैं।अभी मैं ये सोच रहा था की सामने से किसी आदमी की आवाज आई

‘ओह मेरी जान और तेज चाहिए मेरी जान को तो ले और तेज ले मेरी जान’।

फिर ‘थप थप आह आह ओह ओह’
जान मजा आ रहा है जानू ऐसे ही पेलते रहो।और मारो मेरी चूत को फ़ाड़ दो अपने लन्ड से इसे मेरी जान बहुत मजा आ रहा है।

मुझे सब समझ आ गया की दीदी किसी से चुद रही हैं।मैं वहां से निकलना चाहता था की कहीं इनको लगा की मैं रूम में हूं तो पता नही क्या करेंगे ये मेरे साथ।फिर मेरे मन में विचार आया की क्यों न एक बार देखा जाए की क्या हो रहा है। डर तो लग रहा था पर किसी तरह मैं डरते डरते दीदी वाले गेट तक गया।गेट उनके साइड से बंद था।और गेट से देखने का कोई चांस नहीं था।

गेट के ऊपर छोटा सा एक्जास्ट लगा था।अब वहां तक पहुंचने के लिए भी कुछ चाहिए था।में फिर धीरे धीरे से पूजा के रूम में आया और उसके रूम की मिनी चेयर जिस पर सिर्फ बैठ सकते हैं।वो ले कर आया।लेकिन इस बार मैंने गेट के बाहर अपने जूतों को उतार दिया ताकि मेरे पैर की आवाज उन तक न जाए।इन सब में मुझे 3 से 4 मिनट तो लग ही गए।फिर बहुत ही आराम से मैने उस चेयर को वहां रखा और उस पर बहुत धीरे से चढ़ गया।और जब मैंने अंदर देखा तो एक बार मुझे लगा की मैं अब गिरा की तब।और घबराहट में मैं अपने आप को संभालते हुए वहां से नीचे उतर गया था।

एक मिनट अपने आप को संभाल कर मैने सोचा की अभी यहां से चलते हैं।लेकिन फिर दिल ने कहा की इतना रिस्क लिया है तो जिंदगी का पहला सेक्स का सीधा प्रसारण देख ले भाई पता नही फिर कब मौका मिले।तो फिर हिम्मत करके ऊपर चढ़ गया और इनका प्रोग्राम अभी भी चालू था और आवाज तो एक दम क्लियर थी।

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दी इस वक्त उस आदमी के ऊपर बैठ कर उसके लन्ड की सवारी कर रही थी।और खूब उछल उछल कर उसका लन्ड ले रही थी और पता नही क्या क्या बोले जा रही थी।

fuck-me-as-hard-as-you-kiss-me-700

मैं ये देख कर तो एक दम मस्त हो गया की दीदी तो एक दम मस्त हैं यार,क्या माल है यार दीदी का बदन,वो आदमी नीचे से दीदी को खूब कस कस के पेल रहा था और दीदी उसको अपनी चूची पीला पीला कर पेलवा रही थी।मैने कब अपना लन्ड अपने पेंट से निकाल कर मुठ मरने लगा मुझे पता ही नही चला।

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उसने दीदी को कभी साइड से पेलता तो कुछ देर ऊपर आ कर पेलने लगता।


2526861
मतलब पूरे बेड पर घूम घूम कर दोनो मजाक ले रहे थे।अब इनकी चुदाई अपने खतम पर थी और दोनों खूब अनाप शनाप बकते हुए एक साथ झड़ गए।

मैं तो कब का झड़ गया था।मेरे सारा पानी गेट पर ही गिर गया था।लेकिन वहां से निकलने के चक्कर में मैने ध्यान ही नही दिया था।मेरा मूत तो पता नही कहां चला गया था।

मैने चेयर को पूजा के रूम में रखा और अपने शूज पहन कर फिर आ कर वापस अपनी जगह पर बैठ गया।मुझे इनकी चुदाई देख कर मजा भी आया था,और अब डर भी लग रहा था की कहीं अगर दीदी को पता चल जाता तो क्या होता।लेकिन मैं इस चक्कर मैं अपना पानी जो उनके गेट पर गिरा था उसको साफ नही किया था।और अभी मेरे दिमाग में ये बात आई भी नही थी।(इसके बारे में आप सब को बाद में पता चलेगा कि ये पानी किसने साफ किया और मुझे इसके बारे में किसने बताया)।

मैं खोया खोया सा बैठा था की तभी पूजा ने मुझे आ कर चौंका दिया।और मैं एक दम से अपने ख्यालों से बाहर आया।

पूजा – अरे अभी आराम से क्या हुआ कहां खोए हो की मेरी आवाज भी नही सुनाई दे रही तुम्हे।और तुम कब से आए हुए हो।

में – अरे कुछ नही बस ऐसे ही बस पढ़ाई के बारे में ही सोच रहा था, और में तो 10 बजे ही आ गया था लेकिन तुम तो मुझे बुला कर खुद गायब हो गई।

पूजा – सॉरी यार मुझे माफ करना,वो क्या हैं न मम्मी ने मुझे अपने साथ में चलने के लिए बोला और में उनके साथ जाने के लिए मजबूर हो गई क्योंकि दीदी को थोड़ा रेस्ट चाहिए था।और मेरे दिमाग से ये बात बिल्कुल निकल ही गई थी की मैने तुमको आज बुलाया है।सॉरी

मैं – अरे कोई नही ये सब तो चलता रहता है।यार मैं बाथरूम से होकर आता हूं,तब तक तुम पढ़ाई शुरू करो।और में फिर से पूजा के ही बाथरूम में चला गया।
मैने बाथरूम से फ्रेश हो कर फिर से पूजा के पास आ गया।लेकिन फिर भी मेरा ध्यान अपने कांड पर नही गया जो मैने दरवाजे पर अपने लन्ड से करके आया था,यानी की अपने पानी को जो छोड़ दिया था।

अभी मैं आ कर बैठा ही था की पूजा की मम्मी चाय और नाश्ता ले कर आ गई हमारे पास।

पूजा की मां का नाम ममता है।

IMG-20220427-061348

और ये बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी बदन की मालकिन हैं।अब इनका फिगर तो नही पता पर हाइट 5 फिट 7 या 8 इंच के आस पास तो होगी।बूब्स और बैक बहुत ही हैवी है।जैसी ये हैं वैसी ही सुंदर और सेक्सी इनकी दोनो बेटियां भी है।

पूजा मॉम – हेलो अभी बेटा।कैसे हो आप।

मैं – मैं ठीक हूं आंटी आप कैसे हो।

पूजा मॉम – मैं भी ठीक हूं बेटा।आप लोग चाय पी लो फिर अपनी स्टडी करो।ठीक है।और हां खाना आज तुमको यही खाना है।और शाम को चाय पीकर ही जाने दूंगी तुमको।आज कोई बहाना नही चलेगा समझे।

मैं – मैं हस कर ठीक है आंटी।जैसा आप बोलो।

पूजा – वाह क्या बात है मॉम, अभी को स्पेशल ट्रीटमेंट और मुझे।

पूजा मॉम – तुम तो यहीं हो, और अभी तो कभी कभी आता है। हर बार ये बहाना बना कर निकल जाता था, लेकिन आज तो छुट्टी है तो आज ये मेरी सारी बात मानेगा।क्यों अभी।

मैं – जी बिलकुल आंटी जैसा आप कहें।मैने तो आप की सारी बात मन ली है आज।

मेरी बात सुनकर आंटी और पूजा दोनो हसने लगे।फिर आंटी घर के अंदर चली गई और हम पढ़ाई करते रहे।
खाने के टाइम पर सब ने साथ ही बैठ कर खाना खाया। उस टाइम पर दीदी भी साथ में थी,मैने उनको एक बार देखा फिर उनके ऊपर इतना ध्यान नही दिया।लेकिन वो मुझे बहुत ही गौर से देख रही थीं और उनको कोई और बहुत देर से नोटिस कर रहा था।


लेकिन इस का मुझे कोई भी अंदाजा नहीं था। हमने फिर थोडा देर रेस्ट किया फिर पढ़ाई की।इस बीच पूजा ने मुझे अपना मोबाइल चलाना भी सिखाया।फिर शाम को में चाय पी कर घर को चल दिया।एक हसीन याद ले कर जो अब जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी।



दोस्तो आज के लिए इतना ही,अपना और अपनो का खूब खयाल रखें।आप सब की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

धन्यवाद🙏❤️
 

urc4me

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Abhi ka pani Aparna ne hi pocha aur usko apni Vasna santoshne ka avsar bhi degi. Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki
 
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Xabhi

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सब ठीक ही चल रहा था।12 की पढाई का टेंशन अलग ही था।जितना आसान सोचा था उतना था नही।उसमें ये अलग था की इसके बाद मुझे दिल्ली जा कर किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना था।एक बड़े विश्वविद्यालय के बारे में पता किया था मैने।और इस पर अपने मम्मी पापा से भी बात कर ली थी।

उन्होंने भी कहा जो भी हो बस अपनी जिंदगी में सफल हो जाओ यही प्रार्थना है ऊपर वाले से।ये बात जब पूजा को बताई तो वो भी बहुत खुस हुई और उसने भी दिल्ली में ही आगे की पढ़ाई करने की लिए अपनी इच्छा जाहिर की।मैने कहा ये और भी अच्छा हो जायेगा।तो उसने कहा की में मम्मी और दीदी से बात करके बताऊंगी।

मैने कहा ठीक है।ये सब ठीक ही था की एक दिन में जब लंच टाइम बैठा था तो पूजा मेरे पास आई और बोली की क्या हम तुम घर पर अलग नही पढ़ सकते हैं।मैने कहा क्यों नहीं पढ़ सकते हैं।ठीक है फिर तो छुट्टी हो तो तुम घर आ जाया करो और अगर बीच में किसी दिन छुट्टी रहेगी तो भी घर पर पढ़ लेंगे।लेकिन तुमको मेरे घर आना होगा।क्योंकि तुम्हारा घर दूर है।मैं वहा नही आ सकती रोज रोज।मैने कहा ठीक है मैं ही आ जाऊंगा।कल तो कोई जयंती है तो कल आना जाना तुम घर।मैने भी ठीक है बोल दिया।

दूसरे दिन मैं 10 बजे घर से निकला पूजा के घर के लिए।जब घर पर पहुंच कर रिंग दी तो थोड़ी देर बाद अपर्णा दीदी ने गेट खोला वो बस एक हॉट नाईटी में थी।बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

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अपर्णा दी –अरे अभी तुम,क्या हुआ कुछ काम था।पूजा तो घर पर नही है।

में – हेलो दीदी।लेकिन पूजा ने तो मुझे बुलाया था आज अपने साथ पढ़ने के लिए।

अपर्णा दी – अच्छा तो लगता है वो भूल गई।कोई नही वो अभी आ जायेगी।मम्मी के साथ गई है,तुम वेट कर लो तब तक पीछे गार्डन में। मैं उसे कॉल करके बता देती हूं।

मैं – ठीक है दीदी।

अपर्णा दी – तुम कुछ लोगे अभी।पानी या चाय।कुछ भी।

मैं – नही दीदी में अभी नाश्ता करके आया हूं। थैंक्स।आप पूजा को इनफॉर्म कर दीजिए। मैं लॉन में हूं ओके।

अपर्णा दी – ओके अभी।

मैं लॉन में जा कर बैठ गया।ये घर का पीछे का हिस्सा था।बहुत ही खूबसूरत सजा हुआ था ये हिस्सा घर का।छोटे छोटे पेड़ थे जिसके नीचे आप आराम से बैठ कर मजा ले सकते थे।वैसे भी ठंड के दिन शुरू हुए थे तो वहां और भी अच्छा लगता था।जहां में बैठा था उसके ठीक सामने ही पूजा के रूम का पिछला गेट था।

हम अक्सर ही रूम से निकल कर यहां बैठ कर भी कभी कभी पढ़ लेते थे तो इसलिए दीदी ने मुझे यहां भेजा था।पूजा के रूम में अटैच बाथरूम था जिसका एक गेट उसकी दीदी के रूम में भी था।यानी की दोनो बहनों का कॉमन बाथरूम था।

मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था।मुझे आए आधा घंटा हो गया था।दीदी ने कहा था पूजा कुछ देर में आ जाएगी तो में भी आराम से पढ़ रहा था।क्योंकि आज शाम तक तो मुझे वो छोड़ने वाली नही थी।तभी मुझे प्रेशर लगा तो मैं उठ कर पूजा के रूम के गेट पर गया मुझे लगा था की गेट बंद होगा।लेकिन किस्मत से गेट खुला था।नही तो फिर मुझे दीदी को परेशान करना पड़ता।

एक तो ठंड के दिन में पेसाब बार बार लगती है।ये मुझे बहुत ही अजीब लगता है।अजीब क्या गांड़ फट जाती है साला जब ठंडा ठंडा पानी छूना पड़ता है तो।मैं रूम के अंदर गया और जब बाथरूम के पास पहुंचा तो उसका गेट फुल खुला था।जैसे ही मैंने अंदर कदम रखा तो मुझे कुछ अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगी जैसे कोई बहुत दर्द में हो।

आह आह आह आह ओह ओह ओह ये ये ये ये ओह ओह ओह आह आह ठप थप थप।

मैने सोचा ये कैसी आवाजें हैं।

मुझे लगा दीदी को कुछ हो तो नही गया। क्योंकि ये आवाजें दीदी के रूम से आ रही थीं।तभी दीदी की आवाज सुनाई दी आह जानू थोड़ा और तेज करो ना।
ये आवाज इतनी साफ थी की मुझे लगा दीदी मेरे पास खड़ी हो कर बोल रही हैं।अभी मैं ये सोच रहा था की सामने से किसी आदमी की आवाज आई

‘ओह मेरी जान और तेज चाहिए मेरी जान को तो ले और तेज ले मेरी जान’।

फिर ‘थप थप आह आह ओह ओह’
जान मजा आ रहा है जानू ऐसे ही पेलते रहो।और मारो मेरी चूत को फ़ाड़ दो अपने लन्ड से इसे मेरी जान बहुत मजा आ रहा है।

मुझे सब समझ आ गया की दीदी किसी से चुद रही हैं।मैं वहां से निकलना चाहता था की कहीं इनको लगा की मैं रूम में हूं तो पता नही क्या करेंगे ये मेरे साथ।फिर मेरे मन में विचार आया की क्यों न एक बार देखा जाए की क्या हो रहा है। डर तो लग रहा था पर किसी तरह मैं डरते डरते दीदी वाले गेट तक गया।गेट उनके साइड से बंद था।और गेट से देखने का कोई चांस नहीं था।

गेट के ऊपर छोटा सा एक्जास्ट लगा था।अब वहां तक पहुंचने के लिए भी कुछ चाहिए था।में फिर धीरे धीरे से पूजा के रूम में आया और उसके रूम की मिनी चेयर जिस पर सिर्फ बैठ सकते हैं।वो ले कर आया।लेकिन इस बार मैंने गेट के बाहर अपने जूतों को उतार दिया ताकि मेरे पैर की आवाज उन तक न जाए।इन सब में मुझे 3 से 4 मिनट तो लग ही गए।फिर बहुत ही आराम से मैने उस चेयर को वहां रखा और उस पर बहुत धीरे से चढ़ गया।और जब मैंने अंदर देखा तो एक बार मुझे लगा की मैं अब गिरा की तब।और घबराहट में मैं अपने आप को संभालते हुए वहां से नीचे उतर गया था।

एक मिनट अपने आप को संभाल कर मैने सोचा की अभी यहां से चलते हैं।लेकिन फिर दिल ने कहा की इतना रिस्क लिया है तो जिंदगी का पहला सेक्स का सीधा प्रसारण देख ले भाई पता नही फिर कब मौका मिले।तो फिर हिम्मत करके ऊपर चढ़ गया और इनका प्रोग्राम अभी भी चालू था और आवाज तो एक दम क्लियर थी।

aG0ksGE


दी इस वक्त उस आदमी के ऊपर बैठ कर उसके लन्ड की सवारी कर रही थी।और खूब उछल उछल कर उसका लन्ड ले रही थी और पता नही क्या क्या बोले जा रही थी।

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मैं ये देख कर तो एक दम मस्त हो गया की दीदी तो एक दम मस्त हैं यार,क्या माल है यार दीदी का बदन,वो आदमी नीचे से दीदी को खूब कस कस के पेल रहा था और दीदी उसको अपनी चूची पीला पीला कर पेलवा रही थी।मैने कब अपना लन्ड अपने पेंट से निकाल कर मुठ मरने लगा मुझे पता ही नही चला।

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उसने दीदी को कभी साइड से पेलता तो कुछ देर ऊपर आ कर पेलने लगता।


2526861
मतलब पूरे बेड पर घूम घूम कर दोनो मजाक ले रहे थे।अब इनकी चुदाई अपने खतम पर थी और दोनों खूब अनाप शनाप बकते हुए एक साथ झड़ गए।

मैं तो कब का झड़ गया था।मेरे सारा पानी गेट पर ही गिर गया था।लेकिन वहां से निकलने के चक्कर में मैने ध्यान ही नही दिया था।मेरा मूत तो पता नही कहां चला गया था।

मैने चेयर को पूजा के रूम में रखा और अपने शूज पहन कर फिर आ कर वापस अपनी जगह पर बैठ गया।मुझे इनकी चुदाई देख कर मजा भी आया था,और अब डर भी लग रहा था की कहीं अगर दीदी को पता चल जाता तो क्या होता।लेकिन मैं इस चक्कर मैं अपना पानी जो उनके गेट पर गिरा था उसको साफ नही किया था।और अभी मेरे दिमाग में ये बात आई भी नही थी।(इसके बारे में आप सब को बाद में पता चलेगा कि ये पानी किसने साफ किया और मुझे इसके बारे में किसने बताया)।

मैं खोया खोया सा बैठा था की तभी पूजा ने मुझे आ कर चौंका दिया।और मैं एक दम से अपने ख्यालों से बाहर आया।

पूजा – अरे अभी आराम से क्या हुआ कहां खोए हो की मेरी आवाज भी नही सुनाई दे रही तुम्हे।और तुम कब से आए हुए हो।

में – अरे कुछ नही बस ऐसे ही बस पढ़ाई के बारे में ही सोच रहा था, और में तो 10 बजे ही आ गया था लेकिन तुम तो मुझे बुला कर खुद गायब हो गई।

पूजा – सॉरी यार मुझे माफ करना,वो क्या हैं न मम्मी ने मुझे अपने साथ में चलने के लिए बोला और में उनके साथ जाने के लिए मजबूर हो गई क्योंकि दीदी को थोड़ा रेस्ट चाहिए था।और मेरे दिमाग से ये बात बिल्कुल निकल ही गई थी की मैने तुमको आज बुलाया है।सॉरी

मैं – अरे कोई नही ये सब तो चलता रहता है।यार मैं बाथरूम से होकर आता हूं,तब तक तुम पढ़ाई शुरू करो।और में फिर से पूजा के ही बाथरूम में चला गया।
मैने बाथरूम से फ्रेश हो कर फिर से पूजा के पास आ गया।लेकिन फिर भी मेरा ध्यान अपने कांड पर नही गया जो मैने दरवाजे पर अपने लन्ड से करके आया था,यानी की अपने पानी को जो छोड़ दिया था।

अभी मैं आ कर बैठा ही था की पूजा की मम्मी चाय और नाश्ता ले कर आ गई हमारे पास।

पूजा की मां का नाम ममता है।

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और ये बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी बदन की मालकिन हैं।अब इनका फिगर तो नही पता पर हाइट 5 फिट 7 या 8 इंच के आस पास तो होगी।बूब्स और बैक बहुत ही हैवी है।जैसी ये हैं वैसी ही सुंदर और सेक्सी इनकी दोनो बेटियां भी है।

पूजा मॉम – हेलो अभी बेटा।कैसे हो आप।

मैं – मैं ठीक हूं आंटी आप कैसे हो।

पूजा मॉम – मैं भी ठीक हूं बेटा।आप लोग चाय पी लो फिर अपनी स्टडी करो।ठीक है।और हां खाना आज तुमको यही खाना है।और शाम को चाय पीकर ही जाने दूंगी तुमको।आज कोई बहाना नही चलेगा समझे।

मैं – मैं हस कर ठीक है आंटी।जैसा आप बोलो।

पूजा – वाह क्या बात है मॉम, अभी को स्पेशल ट्रीटमेंट और मुझे।

पूजा मॉम – तुम तो यहीं हो, और अभी तो कभी कभी आता है। हर बार ये बहाना बना कर निकल जाता था, लेकिन आज तो छुट्टी है तो आज ये मेरी सारी बात मानेगा।क्यों अभी।

मैं – जी बिलकुल आंटी जैसा आप कहें।मैने तो आप की सारी बात मन ली है आज।

मेरी बात सुनकर आंटी और पूजा दोनो हसने लगे।फिर आंटी घर के अंदर चली गई और हम पढ़ाई करते रहे।
खाने के टाइम पर सब ने साथ ही बैठ कर खाना खाया। उस टाइम पर दीदी भी साथ में थी,मैने उनको एक बार देखा फिर उनके ऊपर इतना ध्यान नही दिया।लेकिन वो मुझे बहुत ही गौर से देख रही थीं और उनको कोई और बहुत देर से नोटिस कर रहा था।


लेकिन इस का मुझे कोई भी अंदाजा नहीं था। हमने फिर थोडा देर रेस्ट किया फिर पढ़ाई की।इस बीच पूजा ने मुझे अपना मोबाइल चलाना भी सिखाया।फिर शाम को में चाय पी कर घर को चल दिया।एक हसीन याद ले कर जो अब जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी।



दोस्तो आज के लिए इतना ही,अपना और अपनो का खूब खयाल रखें।आप सब की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

धन्यवाद🙏❤️
Pooja ki bahan apne yaar ke sath masti kr rhi thi or thand ke mausam me apna hero mutne ki jagah dhundh rha tha or dikh gya ek kamuk njara Jise dekh usse rha na gya or chhod aaya apne ajanme bacche ko darvaje me muth mar kr :D pr lagta hai pooja ki didi ne vo ajanma baccha Apne darvaje pr dekh liya hai Isiliye vo apne hero ko ghur rhi hai pr usko ghurta hua Kon dekh rha tha yah bhi dekhna hoga... Jb pta chalega apne hero ne kya galti kr aaya hai to sach me fat hi jani hai uski... Superb update bhai sandar jabarjast
 

A.A.G.

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अपडेट–4(मेगा अपडेट)

सब ठीक ही चल रहा था।12 की पढाई का टेंशन अलग ही था।जितना आसान सोचा था उतना था नही।उसमें ये अलग था की इसके बाद मुझे दिल्ली जा कर किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना था।एक बड़े विश्वविद्यालय के बारे में पता किया था मैने।और इस पर अपने मम्मी पापा से भी बात कर ली थी।

उन्होंने भी कहा जो भी हो बस अपनी जिंदगी में सफल हो जाओ यही प्रार्थना है ऊपर वाले से।ये बात जब पूजा को बताई तो वो भी बहुत खुस हुई और उसने भी दिल्ली में ही आगे की पढ़ाई करने की लिए अपनी इच्छा जाहिर की।मैने कहा ये और भी अच्छा हो जायेगा।तो उसने कहा की में मम्मी और दीदी से बात करके बताऊंगी।

मैने कहा ठीक है।ये सब ठीक ही था की एक दिन में जब लंच टाइम बैठा था तो पूजा मेरे पास आई और बोली की क्या हम तुम घर पर अलग नही पढ़ सकते हैं।मैने कहा क्यों नहीं पढ़ सकते हैं।ठीक है फिर तो छुट्टी हो तो तुम घर आ जाया करो और अगर बीच में किसी दिन छुट्टी रहेगी तो भी घर पर पढ़ लेंगे।लेकिन तुमको मेरे घर आना होगा।क्योंकि तुम्हारा घर दूर है।मैं वहा नही आ सकती रोज रोज।मैने कहा ठीक है मैं ही आ जाऊंगा।कल तो कोई जयंती है तो कल आना जाना तुम घर।मैने भी ठीक है बोल दिया।

दूसरे दिन मैं 10 बजे घर से निकला पूजा के घर के लिए।जब घर पर पहुंच कर रिंग दी तो थोड़ी देर बाद अपर्णा दीदी ने गेट खोला वो बस एक हॉट नाईटी में थी।बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

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अपर्णा दी –अरे अभी तुम,क्या हुआ कुछ काम था।पूजा तो घर पर नही है।

में – हेलो दीदी।लेकिन पूजा ने तो मुझे बुलाया था आज अपने साथ पढ़ने के लिए।

अपर्णा दी – अच्छा तो लगता है वो भूल गई।कोई नही वो अभी आ जायेगी।मम्मी के साथ गई है,तुम वेट कर लो तब तक पीछे गार्डन में। मैं उसे कॉल करके बता देती हूं।

मैं – ठीक है दीदी।

अपर्णा दी – तुम कुछ लोगे अभी।पानी या चाय।कुछ भी।

मैं – नही दीदी में अभी नाश्ता करके आया हूं। थैंक्स।आप पूजा को इनफॉर्म कर दीजिए। मैं लॉन में हूं ओके।

अपर्णा दी – ओके अभी।

मैं लॉन में जा कर बैठ गया।ये घर का पीछे का हिस्सा था।बहुत ही खूबसूरत सजा हुआ था ये हिस्सा घर का।छोटे छोटे पेड़ थे जिसके नीचे आप आराम से बैठ कर मजा ले सकते थे।वैसे भी ठंड के दिन शुरू हुए थे तो वहां और भी अच्छा लगता था।जहां में बैठा था उसके ठीक सामने ही पूजा के रूम का पिछला गेट था।

हम अक्सर ही रूम से निकल कर यहां बैठ कर भी कभी कभी पढ़ लेते थे तो इसलिए दीदी ने मुझे यहां भेजा था।पूजा के रूम में अटैच बाथरूम था जिसका एक गेट उसकी दीदी के रूम में भी था।यानी की दोनो बहनों का कॉमन बाथरूम था।

मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था।मुझे आए आधा घंटा हो गया था।दीदी ने कहा था पूजा कुछ देर में आ जाएगी तो में भी आराम से पढ़ रहा था।क्योंकि आज शाम तक तो मुझे वो छोड़ने वाली नही थी।तभी मुझे प्रेशर लगा तो मैं उठ कर पूजा के रूम के गेट पर गया मुझे लगा था की गेट बंद होगा।लेकिन किस्मत से गेट खुला था।नही तो फिर मुझे दीदी को परेशान करना पड़ता।

एक तो ठंड के दिन में पेसाब बार बार लगती है।ये मुझे बहुत ही अजीब लगता है।अजीब क्या गांड़ फट जाती है साला जब ठंडा ठंडा पानी छूना पड़ता है तो।मैं रूम के अंदर गया और जब बाथरूम के पास पहुंचा तो उसका गेट फुल खुला था।जैसे ही मैंने अंदर कदम रखा तो मुझे कुछ अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगी जैसे कोई बहुत दर्द में हो।

आह आह आह आह ओह ओह ओह ये ये ये ये ओह ओह ओह आह आह ठप थप थप।

मैने सोचा ये कैसी आवाजें हैं।

मुझे लगा दीदी को कुछ हो तो नही गया। क्योंकि ये आवाजें दीदी के रूम से आ रही थीं।तभी दीदी की आवाज सुनाई दी आह जानू थोड़ा और तेज करो ना।
ये आवाज इतनी साफ थी की मुझे लगा दीदी मेरे पास खड़ी हो कर बोल रही हैं।अभी मैं ये सोच रहा था की सामने से किसी आदमी की आवाज आई

‘ओह मेरी जान और तेज चाहिए मेरी जान को तो ले और तेज ले मेरी जान’।

फिर ‘थप थप आह आह ओह ओह’
जान मजा आ रहा है जानू ऐसे ही पेलते रहो।और मारो मेरी चूत को फ़ाड़ दो अपने लन्ड से इसे मेरी जान बहुत मजा आ रहा है।

मुझे सब समझ आ गया की दीदी किसी से चुद रही हैं।मैं वहां से निकलना चाहता था की कहीं इनको लगा की मैं रूम में हूं तो पता नही क्या करेंगे ये मेरे साथ।फिर मेरे मन में विचार आया की क्यों न एक बार देखा जाए की क्या हो रहा है। डर तो लग रहा था पर किसी तरह मैं डरते डरते दीदी वाले गेट तक गया।गेट उनके साइड से बंद था।और गेट से देखने का कोई चांस नहीं था।

गेट के ऊपर छोटा सा एक्जास्ट लगा था।अब वहां तक पहुंचने के लिए भी कुछ चाहिए था।में फिर धीरे धीरे से पूजा के रूम में आया और उसके रूम की मिनी चेयर जिस पर सिर्फ बैठ सकते हैं।वो ले कर आया।लेकिन इस बार मैंने गेट के बाहर अपने जूतों को उतार दिया ताकि मेरे पैर की आवाज उन तक न जाए।इन सब में मुझे 3 से 4 मिनट तो लग ही गए।फिर बहुत ही आराम से मैने उस चेयर को वहां रखा और उस पर बहुत धीरे से चढ़ गया।और जब मैंने अंदर देखा तो एक बार मुझे लगा की मैं अब गिरा की तब।और घबराहट में मैं अपने आप को संभालते हुए वहां से नीचे उतर गया था।

एक मिनट अपने आप को संभाल कर मैने सोचा की अभी यहां से चलते हैं।लेकिन फिर दिल ने कहा की इतना रिस्क लिया है तो जिंदगी का पहला सेक्स का सीधा प्रसारण देख ले भाई पता नही फिर कब मौका मिले।तो फिर हिम्मत करके ऊपर चढ़ गया और इनका प्रोग्राम अभी भी चालू था और आवाज तो एक दम क्लियर थी।

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दी इस वक्त उस आदमी के ऊपर बैठ कर उसके लन्ड की सवारी कर रही थी।और खूब उछल उछल कर उसका लन्ड ले रही थी और पता नही क्या क्या बोले जा रही थी।

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मैं ये देख कर तो एक दम मस्त हो गया की दीदी तो एक दम मस्त हैं यार,क्या माल है यार दीदी का बदन,वो आदमी नीचे से दीदी को खूब कस कस के पेल रहा था और दीदी उसको अपनी चूची पीला पीला कर पेलवा रही थी।मैने कब अपना लन्ड अपने पेंट से निकाल कर मुठ मरने लगा मुझे पता ही नही चला।

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उसने दीदी को कभी साइड से पेलता तो कुछ देर ऊपर आ कर पेलने लगता।


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मतलब पूरे बेड पर घूम घूम कर दोनो मजाक ले रहे थे।अब इनकी चुदाई अपने खतम पर थी और दोनों खूब अनाप शनाप बकते हुए एक साथ झड़ गए।

मैं तो कब का झड़ गया था।मेरे सारा पानी गेट पर ही गिर गया था।लेकिन वहां से निकलने के चक्कर में मैने ध्यान ही नही दिया था।मेरा मूत तो पता नही कहां चला गया था।

मैने चेयर को पूजा के रूम में रखा और अपने शूज पहन कर फिर आ कर वापस अपनी जगह पर बैठ गया।मुझे इनकी चुदाई देख कर मजा भी आया था,और अब डर भी लग रहा था की कहीं अगर दीदी को पता चल जाता तो क्या होता।लेकिन मैं इस चक्कर मैं अपना पानी जो उनके गेट पर गिरा था उसको साफ नही किया था।और अभी मेरे दिमाग में ये बात आई भी नही थी।(इसके बारे में आप सब को बाद में पता चलेगा कि ये पानी किसने साफ किया और मुझे इसके बारे में किसने बताया)।

मैं खोया खोया सा बैठा था की तभी पूजा ने मुझे आ कर चौंका दिया।और मैं एक दम से अपने ख्यालों से बाहर आया।

पूजा – अरे अभी आराम से क्या हुआ कहां खोए हो की मेरी आवाज भी नही सुनाई दे रही तुम्हे।और तुम कब से आए हुए हो।

में – अरे कुछ नही बस ऐसे ही बस पढ़ाई के बारे में ही सोच रहा था, और में तो 10 बजे ही आ गया था लेकिन तुम तो मुझे बुला कर खुद गायब हो गई।

पूजा – सॉरी यार मुझे माफ करना,वो क्या हैं न मम्मी ने मुझे अपने साथ में चलने के लिए बोला और में उनके साथ जाने के लिए मजबूर हो गई क्योंकि दीदी को थोड़ा रेस्ट चाहिए था।और मेरे दिमाग से ये बात बिल्कुल निकल ही गई थी की मैने तुमको आज बुलाया है।सॉरी

मैं – अरे कोई नही ये सब तो चलता रहता है।यार मैं बाथरूम से होकर आता हूं,तब तक तुम पढ़ाई शुरू करो।और में फिर से पूजा के ही बाथरूम में चला गया।
मैने बाथरूम से फ्रेश हो कर फिर से पूजा के पास आ गया।लेकिन फिर भी मेरा ध्यान अपने कांड पर नही गया जो मैने दरवाजे पर अपने लन्ड से करके आया था,यानी की अपने पानी को जो छोड़ दिया था।

अभी मैं आ कर बैठा ही था की पूजा की मम्मी चाय और नाश्ता ले कर आ गई हमारे पास।

पूजा की मां का नाम ममता है।

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और ये बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी बदन की मालकिन हैं।अब इनका फिगर तो नही पता पर हाइट 5 फिट 7 या 8 इंच के आस पास तो होगी।बूब्स और बैक बहुत ही हैवी है।जैसी ये हैं वैसी ही सुंदर और सेक्सी इनकी दोनो बेटियां भी है।

पूजा मॉम – हेलो अभी बेटा।कैसे हो आप।

मैं – मैं ठीक हूं आंटी आप कैसे हो।

पूजा मॉम – मैं भी ठीक हूं बेटा।आप लोग चाय पी लो फिर अपनी स्टडी करो।ठीक है।और हां खाना आज तुमको यही खाना है।और शाम को चाय पीकर ही जाने दूंगी तुमको।आज कोई बहाना नही चलेगा समझे।

मैं – मैं हस कर ठीक है आंटी।जैसा आप बोलो।

पूजा – वाह क्या बात है मॉम, अभी को स्पेशल ट्रीटमेंट और मुझे।

पूजा मॉम – तुम तो यहीं हो, और अभी तो कभी कभी आता है। हर बार ये बहाना बना कर निकल जाता था, लेकिन आज तो छुट्टी है तो आज ये मेरी सारी बात मानेगा।क्यों अभी।

मैं – जी बिलकुल आंटी जैसा आप कहें।मैने तो आप की सारी बात मन ली है आज।

मेरी बात सुनकर आंटी और पूजा दोनो हसने लगे।फिर आंटी घर के अंदर चली गई और हम पढ़ाई करते रहे।
खाने के टाइम पर सब ने साथ ही बैठ कर खाना खाया। उस टाइम पर दीदी भी साथ में थी,मैने उनको एक बार देखा फिर उनके ऊपर इतना ध्यान नही दिया।लेकिन वो मुझे बहुत ही गौर से देख रही थीं और उनको कोई और बहुत देर से नोटिस कर रहा था।


लेकिन इस का मुझे कोई भी अंदाजा नहीं था। हमने फिर थोडा देर रेस्ट किया फिर पढ़ाई की।इस बीच पूजा ने मुझे अपना मोबाइल चलाना भी सिखाया।फिर शाम को में चाय पी कर घर को चल दिया।एक हसीन याद ले कर जो अब जिंदगी भर मेरे साथ रहेगी।



दोस्तो आज के लिए इतना ही,अपना और अपनो का खूब खयाल रखें।आप सब की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

धन्यवाद🙏❤️
nice update..!!
abhi ne pooja ki behen ko chudate dekha hai yeh baat shayad pooja ki behen ko bhi pata chal gayi hai..ab lagta hai real sex dekhne ke baad abhi bhi pooja ke sath age badhne ki sochega aur shayad pooja ki behen abhi ki kuchh madat kare..aur pooja ki mom bhi sexy hai..ab abhi ka najariya badlega pooja ke behen ke prati..!!
 

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दिन अच्छे से गुजर रहे थे।मैं कभी कभी अपने खेत पर भी घूमने जाता था।वहा काम करते थे अरविंद चाचा।
इनकी उम्र 50 के आस पास थी लेकिन ये बहुत ही अच्छी सेहत के मालिक थे।

एक दिन ऐसे ही मैं खेत पर घूमने गया तो उसने बात होने लगी तो उन्होंने ने मुझसे पूछा की बेटा कसरत वसरत करते हो की नही।तो मैने उनसे कहा की कहां चाचा टाइम ही नही मिलता।तब उन्होंने कहा की बेटा इसके लिए टाइम निकालना पड़ता है।उन्होंने मुझको कसरत करने के तरीके और टाइमिनिग वगैरह का बताया और एक चीज जो बताई वो थी की अपने बॉडी को हमेशा छुपा कर रखो।मैने भी उनको हां कहा और घर आ गया।अब ये भी एक निश्चित प्रकिया हो गई थी मेरी।

पूजा के घर आना जाना लगा रहता था।12 के पेपर में 2 महीने ही बचे थे।ऐसे ही एक दिन पूजा ने मुझे सन्डे के दिन खास तौर पर घर आने को कहा।मैने उससे पूछा भी कि क्या कोई खास काम है क्या तो उसने कहा जब तुम आओगे तो पता चल जायेगा।मैने कहा ठीक है।

सन्डे के दिन मैं उसके घर पहुंचा तो पूजा ने गेट खोला और जब घर के अंदर गया तो घर पर कोई नही था।मैने उससे पूछा तो उसने कहा की मम्मी और दीदी एक शादी में गई हैं।शाम तक आएंगी,मैने कहा अच्छा ठीक है क्या काम था तुम्हे वो बताओ फिर पढ़ाई भी करनी है,वो करके फिर पढ़ते हैं।तो उसने कोई जवाब दिए बिना मुझसे गले लग गई और किस करने लगी।

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मेरे लिए तो ये शॉक सा था ये सब कुछ देर तो मुझे भी समझ नही आया की ये क्या है।हम दोनो सोफे पर बैठे थे और वो मुझे किस किए जा रही थी।कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तो मैंने भी उसका साथ देना शुरू किया।इससे पहले भी हमने किस की थी लेकिन बहुत ही छोटी होती थी।लेकिन मुझे आज लग रहा था की पूजा मुझसे कुछ ज्यादा की उम्मीद लगा रही है तो मैं क्यों पीछे हटूं।मैं भी उसको किस मैं साथ देना लगा और धीरे धीरे उसके बदन पर हाथ फेरने लगा।

कुछ देर बाद हमारी जब सांसें फूलने लगी तो हम न चाह कर भी अलग हुए।और एक दूसरे की आंखों में देखने लगे।मैने उससे पूछा की बेडरूम में चलें तो वो पहले शर्मा गई फिर सोफे से उठ गई मैने उसका हाथ पकड़ा और जल्दी से उसके बेडरूम में गए।मैने रूम लाक किया और पूजा को पीछे से पकड़ कर उसके कंधे और गर्दन पर किस करने लगा और धीरे धीरे से उसके दूध को दबाने लगा।पूजा आह आह की सिसकारियां ले रही थी।उसके दूध बहुत ही सॉफ्ट थे। टी शर्ट और ब्रा के ऊपर से तो ज्यादा कुछ पता नही चल रहा था पर बहुत ही ख़ूबसूरत अहसास था।कब हम दोनो आमने सामने हुए कब हमारी किस शुरू हुई और कब हमारे कपड़े उतरे हमें पता ही नही चला।

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पूजा – आह अभी क्या सब यही खड़े खड़े करोगे क्या।प्लीज बेड पर चलो।

मैं – हां जान बहुत मजा आ रहा है।चलो बेड पर आगे का प्रोग्राम करते हैं।

इतना सुन कर पूजा शर्मा गई मैने उसे गोद में उठा कर बेड पर आराम से लिटाया और उसके ऊपर आ कर फिर से किस करने लगा।हमारे बदन पर सिर्फ हम दोनो की चड्डी और पैंटी ही बची थी।मैं उसके होंठ को छोड़ कर नीचे की ओर बढ़ा और उसके दोनो चुचियों को पीने लगा इस उमर में उसकी चूचियों का साइज अच्छा था।पूजा बस सिसकियां ले रही थी और मेरे सर को अपने चुचियों पर दबा रही थी।

पूजा – अभी ओह जान बहुत अच्छा लग रहा है।आह आह प्लीज कुछ करो ना।ओह मां आह अभी मुझे चोदो अभी जल्दी मैं बर्दास्त नही कर पाऊंगी।

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मैं – आह पूजा तुम बहुत सेक्सी हो।तुम्हारे ये बूब्स बहुत ही जानलेवा है।और पीने दो ना।

पूजा – आह अभी प्लीज मुझे चोद दो एक बार फिर इनको तुम सारा दिन पीते रहना।बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में।

मैने भी उसकी बात का मान रखा और उसकी पैंटी और अपना अंडरवियर उतार दिया,उसकी चूत बहुत गीली थी।उसने मेरा लुंड देखा जो उस टाइम 6 इंच के करीब था और उसकी मोटाई 2.5 इंच के करीब थी।ये मेरा अंदाजा है।मैने पोजीशन संभाली और जैसे ही उसके चूत पर लन्ड लगाया, उसने मुझे रुकने का इशारा किया मैं हैरानी से उसकी ओर देखा तो उसने बेड के बगल के दराज से एक पैकेट निकाला और मुझे दिया जब मैने उसको देखा तो वो कंडोम था।

मैं उसको देखा तो उसने कहा अभी इसको लगा कर तुम चुदाई करो यार बाद मैं इसपर बात करेंगे।मैने भी ज्यादा कुछ पूछना सही नही समझा और कंडोम लगा कर अपनी पोजीशन ली और धीरे धीरे उसके चूत मैं लन्ड डालने लगा,उसको थोड़ा दर्द हुआ फिर वो रिलैक्स हो गई।अभी मेरा आधा ही लन्ड उसके अंदर गया था।मैने उतने से ही उसको चोदना शुरू किया।फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ाई, क्या बताओं दोस्तों कितना मजा आ रहा था और पूजा तो


आह आह ओह ओह अभी और कस कर पेलो जान मजा आ रहा है, बोलती जा रही थी।

मेरा मजा इतना ज्यादा था की मैं ज्यादा देर उसके गरम चूत में टिक नही पाया और 5 मिनट में ही ओह पूजा आह मेरा निकल रहा है बोलते हुए झड़ गया।

पूजा मुझे हैरानी से देखती रही उसको तो कुछ समझ ही नही आया की क्या हुआ है।कुछ देर बाद जब मैं कुछ संभला तो उसकी तरफ देखा वो छत की तरफ देख रही थी मैने उसको सॉरी बोला उसने कहा कोई बात नही अभी ये हमारा पहली बार था तो ऐसा हो जाता है।मैने कहा लेकिन तुम्हारा तो हुआ नही।तो उसने कहा की तुम मेरी चूत को चाट कर मुझे झाड़ दो।मैने कहा क्यों नहीं।मैने उसकी टांगें फैलाई और उसकी चूत को देखा जिसमे से पानी निकल रहा था एक बार तो घिन सी आई पर अपने पार्टनर को यौन सुख देने का सोच कर लग गया उसकी चूत चाटने पर।

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अब आप लोग ये सोच रहे होंगे की मुझे इन सब बातों के बारे में कैसे पता चला तो ये सब तब हुआ जब मैने अपर्णा दी को सेक्स करते देखा था।उसके बाद मुझे सेक्स के बारे में जानने की इच्छा बढ़ गई।इसके लिए मैने अपने दोस्त अमित से सेक्सी मैगजीन मांगी थी।उससे पहले भी वो कई बार मुझे देने के लिए कहा था पर मैंने उसको माना कर देता था।पर उस घटना के बाद मैने कई सारी मैगजीन देखी और कहानी वाली किताबें भी पढ़ी।इसके लिए अमित और अजय ने मेरी बहुत खिंचाई करी थी की बेटा तैयारी चल रही है।और मैं उनको डाट देता था की ऐसा कुछ नही है बस ऐसे ही देख रहा हूं।वो बोलते की कोई नही भाई हम अपने यार की मदद नही करेंगे तो कौन करेगा।इस तरह से मुझे इन सब का ज्ञान हो गया था।

पूजा – आह अभी और अच्छे से चूसो तुम बहुत अच्छा चूस रहे हो ओह ओह आह आह मम्मी बहुत मजा आ रहा है जान।और अपनी जीभ डाल कर चूसो आह आह खा जाओ मेरी चूत को।तुमसे अच्छा कोई नही चूस सकता है।आज तक ऐसी चुसाई नही हुई थी मेरी ओह अभी आह आह जान खीच लो मेरा पानी अभी पी जाओ आह आह ओह ओह मम्मी ये तुमको ताकत देगा ताकि तुम्हारा लन्ड देर तक खड़ा रहे।

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मैं पूजा की बात तो सुन रहा था और उसकी सारी बात मेरे दिमाग में भी जा रही थी पर इस टाइम मुझे उसको झाड़ना ज्यादा जरुरी था।और हुआ भी ऐसा 5 मिनट की जोरदार चुसाई से पूजा भलभला कर झड़ गई और लास्ट में तो उसने पेशाब भी थोड़ा सा कर दिया था।
लेकिन उस टाइम मैने उसको इग्नोर ही कर दिया।

जब पूजा थोड़ा देर बाद अपने पर काबू पाई तो मुझे अपने से चिपका लिया और किस करने लगी।

पूजा – ओह अभी बहुत मजा आया जान।तुम बहुत अच्छा चूत चूसते हो।कहां से सीखा तुमने।

मैं – कुछ खास नही बस एडल्ट मैगजीन में देखा और पढ़ा था।बस वही किया है।तुमको अच्छा लगा।

पूजा – ओह अभी मुझे बहुत अच्छा लगा।तुमसे अच्छा अभी तक किसी ने भी ऐसा नहीं चूसा था मेरी चूत को।तुम तो चूत चूसने में मास्टर हो।

मैं – सॉरी पूजा वो मेरा तुमसे पहले निकल गया।ये मेरा पहली बार था तो सॉरी पता ही नही चला ज्यादा जोश में।

पूजा – कोई नही तुम गिल्ट फील न करो।हो जाता है।बस मेरा मन था आज तो और घर पर भी कोई नही था तो मैंने सोचा एग्जाम से पहले थोड़ा फन हो जाए।तुमको मजा आया की नही।

मैं – हां बहुत मजा आया।बहुत अच्छा लगा।क्या हम ये आगे भी करते रहेंगे।मुझे ये पूछने में थोड़ा हिचकिचाहट थी पता नही पूजा क्या बोलती।एक तो पहली बार में ही मैं फेल हो गया था।

पूजा – नही अब पूरा सेक्स शादी के बाद ही।लेकिन हम ऊपर ऊपर से मतलब ओरल सेक्स कर सकते हैं।चलो अब फ्रेश हो लो फिर कुछ नाश्ता करके हम कुछ पढ़ाई करलें।उठो अब जल्दी से।

मैं भी क्या ही बोलता हम फ्रेश हुए और पढ़ने बैठ गए।लेकिन मेरे मन में कई सवाल थे जिसका जवाब सिर्फ पूजा के पास था।मैं डर रहा था की अगर पूजा से पूछा और अगर उसको बुरा लगा तो जो मिल रहा है वो भी हाथ से चला जायेगा।फिर भी मैने उससे कंडोम के बारे में पूछ लिया।

तो पूजा ने बताया की उसकी दीदी का अफेयर है एक बंदे के साथ वो कभी कभी घर पर जब कोई नही होता है तो वो यहीं पर मिलते हैं।मैने 2, 3 बार देखा है,और ये दीदी के पास था इसलिए मैं ले कर पहले से ही रख लिया बस सिक्योरिटी के लिए।और वो हस दी ये बात कहके।मैने उससे पूछा की क्या उसकी दीदी उससे शादी करेंगी या बस फन ही है ये सब।तो उसने कहा की पता नही उनके ऊपर है।मेरी उनसे इसपर कोई बात नही हुई है।मैने भी पूजा से इससे ज्यादा कुछ पूछना सही नही समझा।

इस तरह टाइम निकलता रहा और हमारे एग्जाम भी हो गए।इस बीच हमने कई बार ओरल सेक्स का मजा लिया।जिसमे वो मुझसे अपनी चूत चटवाती और साथ साथ मेरा लुंड मुझे ही हिलाने को कहती। इस तरह मैं भी सीटिस्फाइड हो जाता और वो भी लेकिन उसने प्रॉपर सेक्स के लिए मना किया हुआ था।मैने भी कभी ज्यादा इस पर जोर नही दिया।हमारे रिजल्ट बहुत अच्छे आए।इस बार भी मैने अपने स्कूल मैं टॉप किया और पूजा को भी 2nd पोजीशन आई।

मैने दिल्ली में एक बड़े कॉलेज के एडमिशन के लिए इंट्रेंस दिया और पूजा ने भी।लेकिन उसका कॉलेज गर्ल्स कॉलेज था।और ऊपर वाले की देन हम दोनो का ही परिणाम अच्छा आया।जिससे मुझे बहुत खुसी हुई की कम से कम पूजा मेरे साथ रहेगी।

लेकिन कहते हैं ना की खुसि हो या गम ज्यादा दिन नहीं रहते हैं।वही मेरे साथ भी हुआ।हम दिल्ली आ गए और मैंने अपने कॉलेज में एडमिशन ले लिया और पूजा ने अपने कॉलेज में।हम दोनो के कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा थी।मुझे टीचर लाइन में जाना था।और पूजा को बस ठीक ठाक पढ़ाई करनी थी।ताकि उसको कोई जॉब मिल जाए।हम दोनो की जिंदगी चल रही थी।यहीं एंट्री हुई उसकी रूम मेट सिमरन की।सिमरन खान उमर 22 साल दिखने में बहुत ही खूबसूरत लेकिन मेरी पूजा से कम।और मेरी लाइफ में आए मेरे जिंदगी के सबसे अच्छे दोस्त अरिंदम चौधरी भैया की।

आज का अपडेट यहीं तक दोस्तो इसके आगे की कहानी बहुत ही रोचक होने वाली है।अभी की लाइफ में बहुत से झटके लगने वाले हैं।अब वो कैसे और क्या करेगा ये जानने की लिए आप सभी के लाइक और कमेंट का इंतजार रहेगा।अपडेट अब जल्दी जल्दी मिलते रहेगें।बहुत से लोग हैं जो कहानी को पढ़ तो लेते हैं।पर लाइक और कमेंट भी नही करते हैं।ये मेरी पहली कहानी है तो आप सब से अनुरोध है,कम से कम लाइक जरुर करदें।

अपना और अपनो का क्या खूब खयाल रखें।मिलते हैं कहानी के अगले भाग में तब तक के लिए धन्यवाद।
 
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