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Incest RAVANA:-THE TALE OF BIG BROTHER

Mrxr

'No object is mysterious. The mystery is your eye'
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:GOOD DAYS:

[एक अंधेरे कमरे में एक 19 साल का लड़का शैतानी थ्रोन पे बैठा हुआ था और अपनी आँखें बंद किए था..जिसके आस पास सिर्फ अंधेरा था और चारों और धुआं था]

???: ह्म्म तो कहानी शुरू कहा से करूं?...*एक गहरी सास लेते हुए* ठीक हे...कहानी के तीन फैंस में होगी जो कि इंपोर्टेंट हे....गुड,बेड, अग्ली....तो शुरुआत करते हे मेरे परिवार से....मेरे शहर से मेरे गांव से....गुजरात.....जी हा में गुजरात से हु.... मेरा परिवार गुजरात के पोरबंदर शहर में रहा करता था....कई लोग ये सोच रहे होंगे की में गुजराती था तो शायद मेरे पास पैसों की कमी नहीं होगी?...या मेरे पापा जौहरी होंगे?....या तो बड़े बिजनेसमैन....नहीं.... गुजरात में जितने लोग अमीर हे उसे 99% गरीब और मिडिल क्लास लोग रहते हे....और उन्हीं में से एक परिवार था मेरा परिवार....मेरे पापा प्रकाश एक ड्राइवर थे और मेरी माँ एक हाउस वाइफ थी....मेरी एक छोटी बहन थी जो कि मेरी जान थी हा यह बात अलग हे कि हम दोनों लड़ते रहते थे..उसे कोई कुछ बोल भी देता तो उस के लिए में किसी से भी भीड़ जाता...भले ही वो पापा हो....या माँ....अब आते हे मेरे ऊपर...में ये नहीं कहूंगा कि में दिखने में बहुत स्मार्ट और मेरे सिक्सपैक एब्स थे....या पढ़ाई में अवव्वल था....नहीं में आपको बतादु की में सिर्फ 12th तक पढ़ा हु... जी हा...सिर्फ 12th तक..... ह्म्म अब आप सोच रहे होंगे कि क्यों आगे की पढ़ाई क्यों नहीं की? तो जवाब हे...मेरे सपने....मेरा सपना था एक गेम डेवलपर बनने का....मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि में एक कोचिंग ट्यूशन भी करा सकूं और अगर मैंने करा भी लिया होता तो मेरा बाप मुझे जान से मार देता.... दुनिया में सब माँ बाप यही सोचते हे कि बेटा पढ़ेगा तो ही आगे बढ़ेगा....ये गंदी सोच किस चमन चुतीये ने उन के दिमाग में डाली हे पता नहीं....तो में बाकी की बकवास ना करते हुए में आपको ले चलते हु अपने फर्स्ट फेस की और गुड याने की गुड डेज

*मिस्टर एंड मिसेज मिश्रा फ्लैट नं.२४५*

सुमित्रा:भाग्या बेटी!!!!!

*ऊपर के कमरे से आवाज आई*

भाग्या: हा माँ....क्या है....

सुमित्रा:अपने भाई को उठा दे जरा.....

*भाग्या चिढ़ते हुए*

भाग्या:अरे नहीं ....में नहीं उठा सकती उस कुंभ करण को...उसे जब भी उठाने जाती हु तो वो मुझे गाल पे काट लेता हे.....इससे अच्छा आप ही उठा दो उसे...

*सुमित्रा धीमी आवाज में बोली*

सुमित्रा: भाग्या समझ मेरी बात को तेरे पापा बाथरूम में हे अगर उन्हें पता चला की रघु अब तक नहीं उठा हे तो वो उसको फिर लेक्चर देना शुरू करदेंगे....अगर उन्होंने मेरे बच्चे को ज्यादा कुछ बोला तो फिर....

*भाग्या हाथ जोर लेती हे*

भाग्या: हा हा पता हे मुझे....अगर पापा ने भाई को कुछ बोला तो आप मुझ पर गुस्सा होंगी क्या अन्याय हे भगवान....आपका भाषण सुनने से अच्छा भाई से कटवा लू....

*भाग्या पैर पटकते हुए रघु के कमरे में जाती हे जहां रघु पेटकेबल अध नंगा सो रहा था...*

भाग्या:कमिना कितना आराम से सो रहा है....और मेरी जिंदगी...

*यह कहके भाग्या रघु के करीब जाती हे और उसकी पीठ के ऊपर बैठ के उसके बाल खींच ने लगती है और दात कीच किचाते हुए बोली*

भाग्या:भैया मेरे प्यारे भैया....अब उठ जाओ....वरना पापा तुम्हारी धुलाई करेंगे

*रघु को इतना दर्द हुआ कि वो जोर से चिल्लाया*

रघु: मा.
आ....आ....आआ

रघु:अबे ओय नीचे उतर मोटी भेस....

*इतना सुनते ही भाग्या ने रघु के सर के बाल और जोर से खींच लिए*

भाग्या:मेरे को मोटी भैंस बोला कमिने में तेरी जान ले लूंगी.

रघु: आह्ना... आह....

रघु: भाग्या....भाग्या....छोड़...छोड़ अरे छोड़
दे मेरी प्यारी बहन प्लीज.....

*भाग्या ने जब रघु के आंखों से आंसू निकलते देखे तो उसने छोड़ दिया...और जैसे ही उसने छोड़ा रघु तुरंत उसे गिरा के उसके उपर चढ़ गया और बोला*

रघु:साली....प्यार से उठा नहीं सकती थी? आज तो तेरा गाल गया....

*जैसे ही ये सुना भाग्या चिल्लाने लगी*

भाग्या: पपपपप्पापा............

*इस बार रघु को डर लगने लगा क्योंकि पापा अब भी घर में थे तो बेचारा मरता क्या ना करता उसने भाग्या के होंठों को किस कर लिया जैसे ही भाग्या को ये एहसास हुआ कि उसके बड़े भाई ने उसे किस किया तो उसने रघु को धकेल दिया....और उसने रघु के सीने पे अपने हल्के हाथों से मुक्के मारने लगी..... *

भाग्या: थू....थू....यक.....साले कुत्ते कमिने
....

*और इतने में ही सुमित्रा रघु के कमरे में आ जाती हे.....*


सुमित्रा:क्या चल रहा हे तुम दोनों का..... इतनी आवाज....तुम दोनों इंसान हो या जानवर.....पता नहीं हे तुम्हारे पापा अभी जस्ट उठे हैं....

रघु:क्या...? पापा उठ गए....? अरे मुझे जल्दी उठा देना था.....!!! आज तो में गया....मेरी लंका लगेगी आज....

*रघु ने ना ही भाग्या की और देखा और ना ही अपनी मां की और सीधा अपने बाथरूम में जा कर नहाने लगा*

रघु:अरे भाग्या..... टावल और कपड़े देना....

भाग्या:हा अभी देती हु.......

*भाग्या तुरंत रघु की अलमारी में से उसके कपड़े और टॉवेल निकालने लगी*

सुमित्रा:कोई इतनी जल्दी भी बदल जाता हे क्या?.....अभी थोड़ी देर पहले तुम दोनों कुत्ते बिल्ली की तरह लड़ रहे थे....और अब.....

*भाग्या बाथरूम के पास जाती हे और आवाज लगाती*

भाग्या:भाई....ये लो.....

*रघु ने तुरंत टॉवेल और कपड़े लपक लेता हे*

रघु: थैंक यू....

*और भाग्या टॉवेल दे कर वहां से जाने लगी थी कि सुमित्रा ने भाग्या से पूछा*

सुमित्रा:भाग्या?..

भाग्या:हा..हा मा?

सुमित्रा:तेरे गालों को क्या हुआ लाल हो गए हे....

भाग्या: वो...वो मा भाई ने आज फिर काट लिया...

*अब सुमित्रा को कौन समझाएं कि आज तो रघु ने उसके गाल को कटा ही नहीं बल्कि ये लीला तो रघु के किस की हे...😁*


*सुमित्रा दोनों को देख हस रही थी और मन ही मन बोल रही थी*

सुमित्रा:अच्छा है भाई बहन की जोड़ी सलामत रहे...

*सुमित्रा भी सर ना में हिला के वहां से चली जाती हे और भाग्या भी वहां से चली जाती हे.... कुछ 10 मिनिट में रघु कंप्लीट रेडी हो के नीचे आ जाता है जहां सुमित्रा किचेन में खाना बना रही थी और उसके पापा प्रकाश डाइनिंग टेबल पर बैठे अखबार पढ़ रहे थे...

प्रकाश:क्या बात हे....लाद साहब आज बड़े जल्दी उठ गए....

*रघु समझ चुका था कि आज भर भर के उसका बाप उसकी बे इज्जती करेगा और उस वक्त रघु के मन में सिर्फ एक ही आवाज निकली*

रघु: मरी गयो.....(मर गया)

(प्रकाश ने अपनी घड़ी को चेक किया और बोला)


प्रकाश:10 मिनिट मोड़ो (10 मिनिट लेट हो तुम)

रघु:पापा में जल्द ही उठ चुका था पर....बस थोड़ा होमवर्क था वोह कर रहा था इस लिए थोड़ा लेट हो गया...और आप तो जानते हे ना 2 महीने बाद बोर्ड के एग्जाम हे....

*रघु के इस बहाने से पता नहीं प्रकाश को कुछ फर्क नहीं पड़ा और उसने भाग्य को आवाज लगाई*

प्रकाश:भाग्या बेटी.....जरा नीचे आना....

*भाग्या अपने कमरे से बहार निकली और ऊपर से ही जवाब दिया*


भाग्या:हा पापा बोलो?

प्रकाश:बेटा भगाया रघु कब उठा?

रघु:पापा वोह...जब में भाई के कमरे में झाड़ू लगाने गई थी तब वह उठे थे?

प्रकाश:कितने बजे बेटी?

*रघु डर के मारे भाग्य के हाथ जोर रहा था और इशारों से उसे बचाने के लिए कहा जैसे ही भाग्या ने रघु की आंखों को देखा उसकी नजर अपने आप रघु के होंठों की और जाने लगी और रघु के होठों को ही देखती हुई वो बोली*

भाग्या:वो भैया...भैया तो सुबह 8:00 बजे ही उठ चुके थे....

*और इतना कहते ही भाग्या अपने की और भागती हुई जाने लगी और बोली*

भाग्या:मा मुझे स्कूल के लिए देरी हो रही हे मेरा लंचबॉक्स दो....

*प्रकाश भी अपना अखबार साईड रख कर रघु के कंधे को थप थपाया*

प्रकाश:अच्छी बात है....

*और यह सुन कर रघु अपनी बाप को पीछे से घूरता हे*

प्रकाश: सुमित्रा में जा रहा हु काम पे....

*किचेन से चिल्लाती हे*

सुमित्रा:जी जल्दी आइएगा.....


*रघु अपने बाप से नजरे हटा कर अपनी मां पे डालता है जो कि किचेन में अब भी काम कर रही थी....साड़ी के पल्लू को अपनी कमर में डाल के रखा था और उसका पूरा बदन पसीने में भीगा हुआ था और उसमें उसका बदन चमक रहा था तभी सुमित्रा किचेन के सेल्फ से एक चम्मच लेने जाती हे पर वो गिर जाता हे और उसे उठाने के लिए जैसे ही सुमित्रा नीचे झुकती हे तो रघु के सामने उसकी मां के दो बड़े बड़े थन के बीच की घाटी को देख के उसका लन्ड अकड़ गया था*

रघु: ऐला भोसड़िया आ तारी मा छे.....(अबे भोसडीके वो तेरी मां हे)

*यह कहके रघु अपनी आँखें बंद कर लेता हे....और जैसे ही आंख खोलता हे तो वो एक शैतानी थ्रोन पे बैठा हुआ था*

रघु:सी यूं सुन बडी.....

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🖤🖤
Bhai badhiya hai story line update accha diya aapne abhi kuch update do tab aur bhi readers aynge
 
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Naik

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[एक अंधेरे कमरे में एक 19 साल का लड़का शैतानी थ्रोन पे बैठा हुआ था और अपनी आँखें बंद किए था..जिसके आस पास सिर्फ अंधेरा था और चारों और धुआं था]

???: ह्म्म तो कहानी शुरू कहा से करूं?...*एक गहरी सास लेते हुए* ठीक हे...कहानी के तीन फैंस में होगी जो कि इंपोर्टेंट हे....गुड,बेड, अग्ली....तो शुरुआत करते हे मेरे परिवार से....मेरे शहर से मेरे गांव से....गुजरात.....जी हा में गुजरात से हु.... मेरा परिवार गुजरात के पोरबंदर शहर में रहा करता था....कई लोग ये सोच रहे होंगे की में गुजराती था तो शायद मेरे पास पैसों की कमी नहीं होगी?...या मेरे पापा जौहरी होंगे?....या तो बड़े बिजनेसमैन....नहीं.... गुजरात में जितने लोग अमीर हे उसे 99% गरीब और मिडिल क्लास लोग रहते हे....और उन्हीं में से एक परिवार था मेरा परिवार....मेरे पापा प्रकाश एक ड्राइवर थे और मेरी माँ एक हाउस वाइफ थी....मेरी एक छोटी बहन थी जो कि मेरी जान थी हा यह बात अलग हे कि हम दोनों लड़ते रहते थे..उसे कोई कुछ बोल भी देता तो उस के लिए में किसी से भी भीड़ जाता...भले ही वो पापा हो....या माँ....अब आते हे मेरे ऊपर...में ये नहीं कहूंगा कि में दिखने में बहुत स्मार्ट और मेरे सिक्सपैक एब्स थे....या पढ़ाई में अवव्वल था....नहीं में आपको बतादु की में सिर्फ 12th तक पढ़ा हु... जी हा...सिर्फ 12th तक..... ह्म्म अब आप सोच रहे होंगे कि क्यों आगे की पढ़ाई क्यों नहीं की? तो जवाब हे...मेरे सपने....मेरा सपना था एक गेम डेवलपर बनने का....मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि में एक कोचिंग ट्यूशन भी करा सकूं और अगर मैंने करा भी लिया होता तो मेरा बाप मुझे जान से मार देता.... दुनिया में सब माँ बाप यही सोचते हे कि बेटा पढ़ेगा तो ही आगे बढ़ेगा....ये गंदी सोच किस चमन चुतीये ने उन के दिमाग में डाली हे पता नहीं....तो में बाकी की बकवास ना करते हुए में आपको ले चलते हु अपने फर्स्ट फेस की और गुड याने की गुड डेज

*मिस्टर एंड मिसेज मिश्रा फ्लैट नं.२४५*

सुमित्रा:भाग्या बेटी!!!!!

*ऊपर के कमरे से आवाज आई*

भाग्या: हा माँ....क्या है....

सुमित्रा:अपने भाई को उठा दे जरा.....

*भाग्या चिढ़ते हुए*

भाग्या:अरे नहीं ....में नहीं उठा सकती उस कुंभ करण को...उसे जब भी उठाने जाती हु तो वो मुझे गाल पे काट लेता हे.....इससे अच्छा आप ही उठा दो उसे...

*सुमित्रा धीमी आवाज में बोली*

सुमित्रा: भाग्या समझ मेरी बात को तेरे पापा बाथरूम में हे अगर उन्हें पता चला की रघु अब तक नहीं उठा हे तो वो उसको फिर लेक्चर देना शुरू करदेंगे....अगर उन्होंने मेरे बच्चे को ज्यादा कुछ बोला तो फिर....

*भाग्या हाथ जोर लेती हे*

भाग्या: हा हा पता हे मुझे....अगर पापा ने भाई को कुछ बोला तो आप मुझ पर गुस्सा होंगी क्या अन्याय हे भगवान....आपका भाषण सुनने से अच्छा भाई से कटवा लू....

*भाग्या पैर पटकते हुए रघु के कमरे में जाती हे जहां रघु पेटकेबल अध नंगा सो रहा था...*

भाग्या:कमिना कितना आराम से सो रहा है....और मेरी जिंदगी...

*यह कहके भाग्या रघु के करीब जाती हे और उसकी पीठ के ऊपर बैठ के उसके बाल खींच ने लगती है और दात कीच किचाते हुए बोली*

भाग्या:भैया मेरे प्यारे भैया....अब उठ जाओ....वरना पापा तुम्हारी धुलाई करेंगे

*रघु को इतना दर्द हुआ कि वो जोर से चिल्लाया*

रघु: मा.
आ....आ....आआ

रघु:अबे ओय नीचे उतर मोटी भेस....

*इतना सुनते ही भाग्या ने रघु के सर के बाल और जोर से खींच लिए*

भाग्या:मेरे को मोटी भैंस बोला कमिने में तेरी जान ले लूंगी.

रघु: आह्ना... आह....

रघु: भाग्या....भाग्या....छोड़...छोड़ अरे छोड़
दे मेरी प्यारी बहन प्लीज.....

*भाग्या ने जब रघु के आंखों से आंसू निकलते देखे तो उसने छोड़ दिया...और जैसे ही उसने छोड़ा रघु तुरंत उसे गिरा के उसके उपर चढ़ गया और बोला*

रघु:साली....प्यार से उठा नहीं सकती थी? आज तो तेरा गाल गया....

*जैसे ही ये सुना भाग्या चिल्लाने लगी*

भाग्या: पपपपप्पापा............

*इस बार रघु को डर लगने लगा क्योंकि पापा अब भी घर में थे तो बेचारा मरता क्या ना करता उसने भाग्या के होंठों को किस कर लिया जैसे ही भाग्या को ये एहसास हुआ कि उसके बड़े भाई ने उसे किस किया तो उसने रघु को धकेल दिया....और उसने रघु के सीने पे अपने हल्के हाथों से मुक्के मारने लगी..... *

भाग्या: थू....थू....यक.....साले कुत्ते कमिने
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*और इतने में ही सुमित्रा रघु के कमरे में आ जाती हे.....*


सुमित्रा:क्या चल रहा हे तुम दोनों का..... इतनी आवाज....तुम दोनों इंसान हो या जानवर.....पता नहीं हे तुम्हारे पापा अभी जस्ट उठे हैं....

रघु:क्या...? पापा उठ गए....? अरे मुझे जल्दी उठा देना था.....!!! आज तो में गया....मेरी लंका लगेगी आज....

*रघु ने ना ही भाग्या की और देखा और ना ही अपनी मां की और सीधा अपने बाथरूम में जा कर नहाने लगा*

रघु:अरे भाग्या..... टावल और कपड़े देना....

भाग्या:हा अभी देती हु.......

*भाग्या तुरंत रघु की अलमारी में से उसके कपड़े और टॉवेल निकालने लगी*

सुमित्रा:कोई इतनी जल्दी भी बदल जाता हे क्या?.....अभी थोड़ी देर पहले तुम दोनों कुत्ते बिल्ली की तरह लड़ रहे थे....और अब.....

*भाग्या बाथरूम के पास जाती हे और आवाज लगाती*

भाग्या:भाई....ये लो.....

*रघु ने तुरंत टॉवेल और कपड़े लपक लेता हे*

रघु: थैंक यू....

*और भाग्या टॉवेल दे कर वहां से जाने लगी थी कि सुमित्रा ने भाग्या से पूछा*

सुमित्रा:भाग्या?..

भाग्या:हा..हा मा?

सुमित्रा:तेरे गालों को क्या हुआ लाल हो गए हे....

भाग्या: वो...वो मा भाई ने आज फिर काट लिया...

*अब सुमित्रा को कौन समझाएं कि आज तो रघु ने उसके गाल को कटा ही नहीं बल्कि ये लीला तो रघु के किस की हे...😁*


*सुमित्रा दोनों को देख हस रही थी और मन ही मन बोल रही थी*

सुमित्रा:अच्छा है भाई बहन की जोड़ी सलामत रहे...

*सुमित्रा भी सर ना में हिला के वहां से चली जाती हे और भाग्या भी वहां से चली जाती हे.... कुछ 10 मिनिट में रघु कंप्लीट रेडी हो के नीचे आ जाता है जहां सुमित्रा किचेन में खाना बना रही थी और उसके पापा प्रकाश डाइनिंग टेबल पर बैठे अखबार पढ़ रहे थे...

प्रकाश:क्या बात हे....लाद साहब आज बड़े जल्दी उठ गए....

*रघु समझ चुका था कि आज भर भर के उसका बाप उसकी बे इज्जती करेगा और उस वक्त रघु के मन में सिर्फ एक ही आवाज निकली*

रघु: मरी गयो.....(मर गया)

(प्रकाश ने अपनी घड़ी को चेक किया और बोला)


प्रकाश:10 मिनिट मोड़ो (10 मिनिट लेट हो तुम)

रघु:पापा में जल्द ही उठ चुका था पर....बस थोड़ा होमवर्क था वोह कर रहा था इस लिए थोड़ा लेट हो गया...और आप तो जानते हे ना 2 महीने बाद बोर्ड के एग्जाम हे....

*रघु के इस बहाने से पता नहीं प्रकाश को कुछ फर्क नहीं पड़ा और उसने भाग्य को आवाज लगाई*

प्रकाश:भाग्या बेटी.....जरा नीचे आना....

*भाग्या अपने कमरे से बहार निकली और ऊपर से ही जवाब दिया*


भाग्या:हा पापा बोलो?

प्रकाश:बेटा भगाया रघु कब उठा?

रघु:पापा वोह...जब में भाई के कमरे में झाड़ू लगाने गई थी तब वह उठे थे?

प्रकाश:कितने बजे बेटी?

*रघु डर के मारे भाग्य के हाथ जोर रहा था और इशारों से उसे बचाने के लिए कहा जैसे ही भाग्या ने रघु की आंखों को देखा उसकी नजर अपने आप रघु के होंठों की और जाने लगी और रघु के होठों को ही देखती हुई वो बोली*

भाग्या:वो भैया...भैया तो सुबह 8:00 बजे ही उठ चुके थे....

*और इतना कहते ही भाग्या अपने की और भागती हुई जाने लगी और बोली*

भाग्या:मा मुझे स्कूल के लिए देरी हो रही हे मेरा लंचबॉक्स दो....

*प्रकाश भी अपना अखबार साईड रख कर रघु के कंधे को थप थपाया*

प्रकाश:अच्छी बात है....

*और यह सुन कर रघु अपनी बाप को पीछे से घूरता हे*

प्रकाश: सुमित्रा में जा रहा हु काम पे....

*किचेन से चिल्लाती हे*

सुमित्रा:जी जल्दी आइएगा.....


*रघु अपने बाप से नजरे हटा कर अपनी मां पे डालता है जो कि किचेन में अब भी काम कर रही थी....साड़ी के पल्लू को अपनी कमर में डाल के रखा था और उसका पूरा बदन पसीने में भीगा हुआ था और उसमें उसका बदन चमक रहा था तभी सुमित्रा किचेन के सेल्फ से एक चम्मच लेने जाती हे पर वो गिर जाता हे और उसे उठाने के लिए जैसे ही सुमित्रा नीचे झुकती हे तो रघु के सामने उसकी मां के दो बड़े बड़े थन के बीच की घाटी को देख के उसका लन्ड अकड़ गया था*

रघु: ऐला भोसड़िया आ तारी मा छे.....(अबे भोसडीके वो तेरी मां हे)

*यह कहके रघु अपनी आँखें बंद कर लेता हे....और जैसे ही आंख खोलता हे तो वो एक शैतानी थ्रोन पे बैठा हुआ था*

रघु:सी यूं सुन बडी.....

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Badhiya shaandar shuruwat
Dono bhai bahen mast nok jhok lagi lekin aakhir bahen ne bhai ko apne papa se bacha lia
Mazedaar update
 
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ayush01111

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: कोन सच्चा और कौन जूठा ?:

[एक अंधेरे कमरे में एक 49 साल की औरत जिसका चेहरा दिख नहीं रहा था उसकी आवाज]

मेरा बेटा मेरी जान था.....बचपन में जिस हाथ से उसे खिलाया पिलाया उसे बड़ा किया....उसी ने उसकी जान ली....शायद गलत वो नहीं था...गलत हम थे.....काश में उससे माफी मांग सकती....पर शायद अब बोहोत देर हो चुकी हे....

[एक अंधेरे कमरे में एक 52 साल का आदमी जिसका चेहरा दिख नहीं रहा था उसकी आवाज]


बेटा था वोह मेरा....फ़र्ज़ था मेरा उसे उसकी गलतियों की सजा देना.... अगर में उसे मारता नहीं तो वोह कल किसी और लड़की के साथ बलात्कार करता.....क्या करता में??....मैने जो कुछ किया सही किया........

[एक अंधेरे कमरे में 18 साल की लड़की जिसका चेहरा दिख नहीं रहा था उसकी आवाज]

मेरा बड़ा भाई मेरा हीरो था...में उसकी दीवानी थी...अगर में उसे रिझाती नहीं और उसके साथ जबरदस्ती नहीं की होती... जो एक बहन को अपने भाई के साथ नहीं करना चाहिए....तो शायद आज वो जिंदा होता...काश में उसे एक बार देख सकती....और उससे माफी मांग सकती....

[एक अंधेरा कमरा जहां चीखों की आवाज आ रही थी वहां पे इस कदर गर्मी थी की एक आम इंसान उस कमरे में जाए तो इंसान गल जाए....उस कमरे के अंदर हर जगह धुआं ही धुआं था...उस धुएं के बीच में एक लड़का जिसके सिर के बाल उसकी आंखों तक आ रहे थे काला सूट और उसकी जेब के अंदर का वो काला गुलाब उसके तीखे नेन नक्ष और उसकी छोटी दाढ़ी..जिसे देख कोई भी लड़की उसे अपना बनाना चाहे...वो लड़का एक शैतानी थ्रोन पे बैठा हुआ ताली बजाने लगता हे]

हम्म....कौन सही कौन गलत? क्या करूं मेरी जान? अब लगता हे कहानी शुरू करनी ही होगी....या कहूं तो खत्म....

*Wink*

तो खेल शुरू करे.....

*जेब में रखा हुआ वो काला गुलाब जलने लगता हे...
*

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COMING
AT
17th NOVEMBER
🖤🖤

Nic start dard ke sath ek ajeeb sa dar hai story ki shurwat me hi
 
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