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Fantasy Samundar Ka Shikari ~ सम्राट मार्टिन की सल्तनत

Yug Purush

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Second update mere waiting likhte hi post ho gya to third me Kitna vakt lagega kya ye bhi jald post Hoga
Waiting for next update Yug Purush bhau
Bas aaj try krta hu :dost:
Mujhe aise kyo lag rha hai ki ane vale Kuch seen Barbuda triangle ( Hollywood movie ) se inspired ho sakte hai
Main nahi dekha ye movie... Aur nope.. Ek bhi scene kisi movie inspired hoga... Story was written in 2012, us time mai jyada movie nahi dekha tha.
.vaise Esme bhi kya black hole jaise attraction power hai kya bahut bar suna Barbuda triangle ke bare me
Ye exploration mission kya hai ???
Kahte to hai ki kheech leta hai apni oor... Aur exploration bole to khoj, research type maan baaki... Lalach
Maza aagaya bro. Taklus wala mast tha or sharab khane wala :lol:.. Mast update
Stay tuned.. For more fun... Abhi to tharkiyo ka jamawada hoga...
aur ye sharab khane ka najara to zabardast hai 🤣🤣.
aur ron ne apna pura naam bhi aisa bataya ki yaad hi na rahe aur samajh bhi naa aaye 🤣🤣..
Naam yad hua ki nahi :p:
Behad hi shanadar or dilchasp update bhai.
Bahut khoob superb.
Waiting for next update
:thanx:
bahut hi badhiya padhne me black slat aur Pirates of the Caribbean wali feeling aa rahi hai..
Black slat nahi dekha hu.. Badhiya hai kya???
Baki jackie dada to fav. Hai apun ke along with tony stark
रोन , अपना हीरो जो कि समुद्र किनारे एक शराब के अड्डे पर जाता है जँहा सब अपने आप मे बिजी थे 😁😁 शराब पीकर...
More than one hero wali kahani hai
The Ron ka link ya pdf milleyga
Abhi hata diya... Ab isko padhne warna confusion hoga
Are itna fast kaise likh de rahi ho app
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Master hai master..robot :hint:
majedar update bhai ji

to samundar ka shikari ron hai jo bahut bada tharki lagta hai
Abhi aur aayenge khud ke ye kahne wale... Thoda confusion rahega ki asal me kaun hai 😉😉😉
Apki purani kahani ko ek naye tarike sai paish karte dekh bahut khusi huye ..... hamesha ki tarha ek khubsurat sururwat huye hai :congrats:
Already bahu khud change ho gaya.. Last wale me Neil tha hee nahi.. :D
: conrats: for new story first update se hi lag raha hai ye story kafi interested hone wali hai
Thanx

Mast shaandar update
superbb update bro
nice update
very nice update bhai
Nice update bade bhai
Behad shaandaar zaberdast mazedaar lajawab update bhai
Waiting for next
Thank you Everyone :thanx::thanx:
 

Chutiyadr

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#2. THE RON


कोलकाता, भारत

कोलकाता के सबसे बड़े होटलों में शुमार ओबरॉय ग्रांड मे एक के बाद एक कई महंगी कार की लाइन लग रही थी, इसका कारण था, वहा होने वाली Apex Predator नामक एक जहाज बनाने वाली कंपनी की आपातकालीन बैठक.. जिसमें शहर के लगभग सभी बड़े रहीस और रहीसजादे शिरकत कर रहे थे.

" सब आ गए....?" मीटिंग रूम में 28 साल की एक नवयुवती सीईओ की सीट से उठते हुए पूछी. जिसका कुछ लोगो ने ने हां में सिर हिलाकर जवाब दिया, तो वही जो लोग अपने CEO से खुन्नस खाये बैठे थे, वो शांत बैठे रहे. वो अपनी पिता जी के कंपनी के डायरेक्टर्स के रवैये से समझ गई की आज ये मीटिंग आसान नहीं होने वाली....


उसने सामने लगे स्क्रीन की तरफ इशारा किया, जिसमे कोलकाता पोर्ट पर खड़े एक विशाल जहाज की तस्वीर थी. जिसके ऊपर डेक पर कैप्टन आदित्य खड़ा था....

" हमारा जहाज जो बरमूडा ट्रायंगल, डेविल्स ट्रायंगल भी कहते हैं, उसके Exploration के लिए निकला था, पर पिछले 2 दिन से उस शिप से हमारे सारे संपर्क टूट चुके है ..."


"मिस रूबी...."डायरेक्टर्स की कुर्सियो पर बैठे सभी ये सुनते ही सीधा तनेन बैठकर आपस मे खुसर -फुसर करने लगे... रूबी के उस एक वाक्य ने उन सबको ऐसा बिजली का झटका दिया था की, उनके मुँह से एक शब्द तक नहीं निकल रहा था.. क्योंकि ये दूसरी बार था जब रूबी ने Apex Predator कंपनी के जहाज को डेविल्स ट्राइंगल के exploration मिशन पर भेजा था...


कुछ तो इस सफर की शुरुआत से पहले ही रूबी के खिलाफ थे और जो नहीं थे.. वो शायद इस खबर के बाद होने वाले थे..जो रूबी उन्हें आगे देने वाली थी.

"संपर्क टूटने के बाद... उस जहाज के बारे मे पता करने के हमारे सारे प्रयास भी विफल रहे है. मिआमी की लोकल अथॉरिटीज ने कुछ घंटे पहले ही ये पिक्स रिलीज की है...."


रुबी ने स्लाइड चेंज की और नेक्स्ट स्लाइड मे विशाल समुन्दर मे जहाज के कुछ मलबे तैर रहे थे... जिनमे से एक मे APEX PREDATOR लिखा हुआ साफ दिख रहा था.


"कैप्टन आदित्य और.... जहाज मे सवार सभी लोग अब शायद ही कभी वापस आए. इसलिए उन सभी को मरा हुआ मान लेना मेरे खयाल से कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. मैं हमारे इस असफल प्रोजेक्ट के लिए आप सभी से माफी चाहती हूं और आगे क्या करना चाहिए, जिसमें आप सभी की राय भी जानना चाहती हूं... पर पिछली दो नाकामयाबी ने मुझे इतना जरूर सीखा दिया है कि अगली बार मुझे क्या करना है..."इतना बोल कर रूबी वापस अपनी CEO कि कुर्सी पर विराजमान हो गई और अपने बालों पर उंगलियां फिराने लगी. उतभी एक अधेड़ उम्र का आदमी उन लोगों के बीच में से ही उठा और अपने सर के गिने-चुने बालों पर हाथ फिराते हुए कहा



" मिस. रूबी.... अब हम क्या कह सकते हैं. यह प्रोजेक्ट आपकी इच्छा थी हमारी नहीं... आप उस डेविल्स ट्रायंगल के पीछे पागल थी. हम सब ने कहा भी था कि यह असंभव है, लेकिन आपने हमारी नहीं सुनी... समुन्दर बहुत विशाल है, यह हमारी सोच और लालच के दायरे मे नहीं समा सकता... इसलिए अब हमारी राय देने या फिर ना देने से क्या होगा...."वहा मौजूद अपने साथी डायरेक्टर्स की ओर मुख़ातिब होते हुए उसने आगे कहा.. "मै, मिस रूबी को.. CEO के पद से हटाने का प्रस्ताव रखता हूँ, जो कि दो दिन बाद होने वाली हमारी सालाना मीटिंग मे हमारी वोटिंग से तय होगा..."


इतना बोल कर वो आदमी बैठ गया और उसके बैठते ही उसी की उम्र का एक और शख्स खड़ा हुआ


" आपको जरा भी अंदाजा है रूबी जी... कि ये खबर बाहर पहुंचते ही हमारी कंपनी के शेयर का क्या हाल होने वाला है...?? हम आपके फादर की बहुत इज्जत करते थे, पर आपकी लगातार बेफालतू के प्रोजेक्ट से और उनकी नाकामियों से हम सब तंग आ गए हैं. आपको अंदाजा भी है की दो जहाज सिर्फ आपके exploration की चाह से तबाह हो गये...?? हम साइंटिस्ट नहीं है और ना ही मानव की प्रगति हम पर निर्भर है... आपके फादर अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उन्ही के कहने पर कई सालो से मै इस कंपनी से जुडा हुआ था. पर अब हमें लगता है कि हमें फिजूल खर्च बंद करना चाहिए.. और अपना सारा बचा हुआ पैसा अपने जहाज यातायात के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए लगाया जाए... ना कि आप के बेतुके के प्रोजेक्ट पर.. और मुझे लगता है कि यहां मौजूद कंपनी के सभी बोर्ड मेंबर मेरी इस राय से सहमत होंगे... और एक बात और रूबी जी... नेक्स्ट मीटिंग मे मै भी आपको CEO के पद से हटाने के लिए वोट दूंगा..."



रूबी के चेहरे का रंग उड़ गया, उसे गुस्सा भी आया लेकिन उसने शांत रहने की कोशिश की. सभी रूबी और उसके प्रोजेक्ट को फिजूलखर्ची और फालतू बता रहे थे, कुछ ने तो रूबी को ही फालतू करार दे दिया. रूबी अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और मीटिंग में मौजूद हर शख्स को देख कर बोली


"आप सभी भरोसा कीजिए, नेक्स्ट टाइम हम जरूर कामयाब होंगे... मुझे पूरा पता है की अब मुझे क्या करना है..?"


"सॉरी मिस रिया, अब हम आपका और समर्थन नहीं कर सकते..." यह कहकर मीटिंग में मौजूद सभी बोर्ड मेंबर ख़जादे हुए और एक-एक करके वहां से बाहर जाने लगे. और थोड़ी देर बाद वहां केवल सिर्फ दो लोग ही बचे थे.. एक थी रूबी और दूसरी उसकी सेक्रेटरी....


"मैम...."पानी का गिलास टेबल मे रूबी कि तरफ सरकाते हुए उसकी सेक्रेटरी बोली


इसका जवाब मे रूबी ने पहले तो अपनी सेक्रेटरी को घूर कर देखा और फिर वो पानी वाला गिलास उठा कर जोर से सामने स्क्रीन पर दे मारा और गुस्से से अपनी चेयर पर बैठते हुए अपनी सेक्रेटरी कि तरफ अपना एक हाथ किया... रूबी कि सेक्रेटरी एक पल के लिए कंफ्यूज हो गई....


"जी मैम... ओ.. सॉरी मैम..."याद आते ही झट से अपने पर्स मे रखे सिगरेट के पैकेट से एक सिगरेट निकाल कर उसने रूबी को दिया और फिर लाइटर ऑन करके सिगरेट को टोचन दिया


"तुम नहीं जानती कि यह लोग कितनी बड़ी बेवकूफी कर रहे हैं.. इन्हे नहीं मालूम कि उस डेविल्स ट्रायंगल के बीच कितना खजाना समंदर के सीने में दफन है... लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी. नेक्स्ट मीटिंग के पहले तक पावर मेरे हाथ मे ही रहेगी... I don't give a damn about these Taklus... जहाज तो पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से छूट कर रहेगा और इस बार मैं खुद भी जहाज के साथ जाऊंगी.. अब या तो आर या पार.... बेलाडोना ~Belladona को तैयार करो और कैप्टन Apex Predator का नहीं होना चाहिए... वरना यदि इन टकलूओ को खबर लगी तो इमरजेंसी मीटिंग करके मुझे CEO के पद से हटा देंगे..."


"लेकिन मैम, कैप्टन आदित्य का कुछ पता नहीं चला... बिना कप्तान के आप....?? और कौन है जो डेविस ट्रायंगल में जाने के लिए तैयार होगा... वो भी इन दो घटनाओ के बाद..."


" कैप्टन आदि, की सारी बाते भकोसली निकली... बहुत कहा करता था की, समुन्दर उसका गुलाम है... समुन्दर का पानी पी -पी के समुन्दर सूखा देगा... वैसे अच्छा हुआ जो, कमीना मर गया... तुमसे बदतमीजी करने का फल तो उसे भुगतना ही था एक दिन..."


"पर मैम... कोई तैयार होगा जाने के लिए...??"


"एक मर्चेंट नेवी का ऑफिसर है मेरे पहचान में... उसकी बेटी को Adrenal Cancer है... उसे पैसो कि जरूरत है और मुझे उसकी...यदि वो आ गया तो अपने साथ कुछ लोग को जरूर लेकर आएगा, बाकी कोलकाता के समुद्री इलाके से लगी बस्तियों मे से आदमियों को उठाओ... दो वक़्त खाना और शराब के लिए वो नर्क तक मे जाने के लिए तैयार हो जाएंगे.... और उसका पता करो... क्या नाम है उसका ... जिसके बारे में कुछ लोग बता रहे थे.. कि वो अपने आप को समुन्दर का शिकारी बताता है..."

" किसकी बात कर रही हैं आप ?"


"अरे उस पागल का.. रॉन.. नाम है उसका.. उसके बारे में मालूम करो.. कहां है वो, इस वक़्त ."

"अच्छा वह.. मैम आप उस पागल को क्यों बुला रही हैं.... वो जिस नजर से मुझे देख रहा था, पिछली बार.... मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था... "


" तुम्हें मालूम नहीं होगा पर एक बार उसने मेरी जान बचाई थी... वो बात अलग है कि मुझे उस से बेइंतहा नफरत है, पर आदमी है बड़े काम का....."

"ओके.... मैम"

"काम पे लग जाओ, फिर... और यदि रॉन तुम्हारी इज्जत भी मांगे तो दे देना... "दोनों पैर टेबल पर ऊपर रखकर रूबी ने कहा और टेबल पर रखी निर्मल चक्रवर्ती की" महान समुद्री सम्राट मार्टिन " बुक के पन्ने पलटने लगी.



कोलकाता के समुद्री इलाके से सटे एक छोटे से शराब खाने में शोर शराबा चल रहा था. गांड मराये कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग... किसी को कोई मतलब ही नहीं था.. या फिर जितने लोग जिस हालात मे उस शराबघर मे मौजूद थे किसी को पता भी होगा,इन दो शब्द के बारे मे.. इसपे भी शक है... क्योंकि वहां की हालत देखकर ही अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा यहाँ किस तरह के लोग आते होंगे... कोई किसी से लड़ रहा था, तो... कोई शराब के नशे में अपने वीरता के किस्से सुना रहा था.. तो कोई शराब के नशे में पागल हुआ, अपने कपड़े फाड़ रहा था या फिर दूसरों के.. तो कोई जोश मे आकर ऐसे सबके सामने खुल्ले मे मुट्ठ मारने मे लगा हुआ था. पर कोई कुछ ना कुछ जरूर कर रहा था. खाली कोई भी नहीं बैठा था या खड़ा था या फिर लेटा था.... और अभी अभी, तीन आदमी मिलकर एक युवक से लड़ाई करने लग गये थे, पहले तो उन तीनो ने उस एक युवक को बहुत मारा.. फिर जब वो पस्त होकर जमीन पर लोट गया तो उसके कपडे उतारे और फिर अपने भी कपडे उतार कर उसे चोदने मलग गये... सब देख रहे थे.. लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा था.. उल्टा नीचे मार खा -खा कर चुद रहे आदमी के ऊपर दारू गिरा रहे थे....


"थूक की जगह दारू लगा के चोद.... फिर मदरचोद के गांड मे माचिस मार देना... भरभरा के जल उठेगा... हा हा हा..."वहा मौजूद तमाशा देखने वालों मे से एक ने कहा

"मुँह मे मुट्ठ मार, मादरचोद के... मेरे को कल जुए मे 20 रुपये हराया था....."

"मेरा भी खड़ा हो गया, मैं भी चोदने आउ क्या... पोंद बढ़िया दिख रहा इसका.."


इसी बीच वहां बड़े अजीबोगरीब कपड़े पहने हुए शराब के नशे में धुत, डगमगाते हुए एक शख्स अंदर आया और ऐसे ही डगमगाते हुए,इधर उधर लोगो और दीवारों से टकराते हुए अंदर घुसने लगा...


"अबे ओए, कहां घुसे जा रहा है अंदर.... चल एंट्री करा.. " काउंटर के पास जो बैठा हुआ था, उसने उस शख्स को आवाज़ दी...

"सस्ती शराब यही मिलती है.. ना...? "

"एंट्री करा..."

"एंट्री जरूरी है ?वो क्या है कि मैं बहुत फेमस हूं और यदि किसी को पता चल गया कि मैं ऐसी जगह पर आता हूं तो..., "


" फेमस और तू.. लवड़ा .. मजाक मत कर.. एक तो ये गरीबो की तरह कंबल जैसे कपड़े पहना है.. कई दिनों से धुले भी नहीं लगते और तेरे शरीर से ही मरे हुए जानवर जैसी बदबू आ रही है.. तुझे देखकर तो लगता है कि तू कई महीनों से नहाया भी नहीं है.. और तू फेमस है..? "

" कई महीनों से ? मुझे नहाए हुए पूरे 1 साल से भी ज्यादा समय हो गया.. कम समय बता कर मेरी बेइज्जती मत करो.."

" अपनी बकवास बंद कर और एंट्री करा.. नाम क्या है ?"

" किसका मेरा..?"

"नहीं अपने बाप का नाम बता..."

" वह तो मुझे नहीं मालूम.."

" अपना नाम बता.. पता नहीं कैसे-कैसे लोग आ जाते हैं"

" मेरा नाम.. उम्म्म्म... रंजू- ओखाड़वाला- नेवरत है..."

" यह कैसा नाम है.. दूसरा नाम नहीं है क्या.."

" दूसरा नाम.. है. दी रॉन.. महान समुंदर का शिकारी... "
Mazedaar update.. hume kahani ki aur 2 patra mil gaye, Rubi jo ki apne aapko sahi sabit karna chahati hai aur iske liye apne secretary ko bhi chudwane kai liyea taiyar hai aur dushre taraf Ron jo ki badbola lagg raha hai jiska introduction bhi kafe dilchasp or maze der tarike sai huya hai ...

Ab dekhna hai ki Aditya ka kya huya ? Bach paya ya 😁....
 
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Congratulations for starting a new story Gyani bhai.

बारमूडा ट्राइंगल के बारे में मैंने पढ़ा है । अटलांटिक महासागर का वो एरिया जो आज तक सस्पेंस बना हुआ है । कोई जहाज आज तक इसे पार नहीं कर पाया । सैकड़ों जहाज यहां जाकर लापता हो गए ।
और यहीं पर जाना चाहती है मिस रोजी जो एक बड़े शिपिंग कंपनी की सी ई ओ है । उनके कम्पनी के बाकी डायरेक्टर उनके इस कदम से नाखुश हैं जो होना भी चाहिए । ये आत्मघाती कदम होगा यदि कोई भी यहां पर गया तो ।

नायक काफी दिलचस्प लगता है । महिने भर से नहाया नहीं , कपड़े बेढ़ंगे लेकिन इसके समंदर का खिलाड़ी होने पर मुझे कोई संदेह नहीं लगता है ।

कहानी में ड्रेगन का इस्तेमाल किया गया है । यह कुछ हटकर है । मिस रोजी कुछ लोगों को साथ लिए धन पाने के लालच में बारमूडा ट्राइंगल जाने की तैयारी कर रही है ।‌‌ काफी जोखिम भरा सफर होने वाला होगा और काफी एडवेंचर्स भी ।

इसके पहले सम्राट मार्टिन और उनके प्रमुख सेनानायक नील को एक आइलैंड पर ड्रेगन एवं कुछ अज्ञात लोगों से युद्ध करते हुए देखा जहां मार्टिन को अपनी जान बचाकर वापस भागना पड़ा और नील को शहीद होते देखा । एक चमत्कारी तलवार भी देखा जिसे सम्राट मार्टिन ने नील को सौंपा था । शायद इस तलवार का स्टोरी में आगे कोई जिक्र हो ।

बहुत ही बेहतरीन स्टोरी है और आपके लेखन कला से तो हम पहले से ही परिचित है अतः यह कहानी भी शानदार ही साबित होगी । कामेडी में तो आपका कहना ही क्या ! इस कहानी में भी कई जगह ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ज्ञानी भाई ।
जगमग जगमग अपडेट ।
 

Yug Purush

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#3. Belladona~बेलाडोना


" मेरा नाम.. उम्म्म्म... रंजू- ओखाड़वाला- नेवरत है..."

" यह कैसा नाम है.. दूसरा नाम नहीं है क्या.."

" दूसरा नाम.. है. दी रॉन.. महान समुंदर का शिकारी... "

रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.

उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
.
.

" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
 
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SultanTipu40

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#3. Belladona~बेलाडोना




रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.

उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
.
.

" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
Mast update Bhai je

रूबी की सिग्रेट्री तो रोन के सामने आने से भी डर रही है लगता है रोन ने उसे बहुत ज्यादा ही रगड़ दिया है और रोन नायर से जल रहा है कही आयेशा ना हो रोन ज्यादा जल कर नायर को जल में न फ़ेक दे देखते है रोन क्या करता है
 

Moon Light

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#3. Belladona

Ron ka naam sunkar us Counter vaale shakhs ke maathe par silavaten aa gayi... Ron to apna naam bata kar aage badh gaya. par Ron ke aage badh jaane ke baad countar vaale ne apne jeb se ek card nikaala aur us card par diye numbar par turant call kiya....

" Hello maim..... ham Bhokua bol rahe hai... jise aapne subah gatar me rengne vala chuha kaha tha.... yaad aaya..?? ha to vo, aapne jis naam vaale ko dhundhane ke liye bola tha na hamko.... vo Ronwa shaayad yahaan aa chuka hai, ab jaldi se aa jaiye... hamara inamva bhi..."

"kya kar raha hai..? vo "

"rukiye jara....kar to kuchh nahin raha vo .... bas koi sasti sharaab ki botal ko munh se lagaakar khada hua hai.. aur usne abhiye vo botalava kisi ek ke sar par phod di hai... aap jaldi aa jaiye.... "
.
us countar vaale ke call karne ke kuchh der ke baad hi ek aalishaan car us sharaabakhaane ke theek baahar rukee. car se Rubi nikalkar seedhe sharaab khaane ke countar par baithe hue shakhs ke paas gayi aur uske peechhe -peechhe usaki secretary bhi...

"kahaan hai vah..."Rubi ne seedhe savaal kiya

"vahaan hai maidam.. lekin mera kuchh jugaad paani huyi jaata to... he..he...he....... "paison ke liye daant niporate huye vah countar vaala bola... jiske bad Rubi ne apni secretary ko aavaaj di, jo Ron ke havas ke kaaran baahar hee khadee thee aur andar aane se katara rahee thee.

"jee...jee...maim, aapne bulaaya..."

" inhen inka mehantaana de do..." itana bol kar Rubi bina kisi suraksha ke apne chehare ke aadhe bhaag ko rumaal se dhak kar aise hee sharaab me tunn logo ke beech se hote huye us table kee taraf chal dee jaha Ron baitha hua sharaab kee botal khaali kar raha tha.. Rubi kuchh der uske paas khadi, Ron ko dekhati rahi.... Ron ne bhi kisi ke aabhaas hone par peechhe palat kar Rubi ko dekha... "aaj kal sharaab jyaada chadh rahi mujhe... khuli aankhon se sapne dekhne laga hoon. mujhe lag raha hai, mere peechhe vo rahees Rubi mera lund chusne ke liye taiyaar khadi hai... par mujhe maaloom hai, haqeekat me aisa kuchh nahi hai ."kahate huye Ron sidhe hote huye bottle vaapas munh se lagaayi par jab uska sapna toota... matalab.. jab Rubi vahi hi khadi rahee to vo phir peechhe muda... "raat ko aana, jaaneman ... abhi nahi. "

"kaise ho Ron ..."

"Ru rurr....bi... daal..ling.. daarling.. " Rubi ko sach me vaha dekh Ron sakapaka gaya...

"Ron tum abhi bhi vaise hee ho.... "

"tum bhi to vaisi hi ho... ek inch maal bhi tumhaare shareer se kam nahee hua... ekdam tite badan hai tumhaara ab bhi. riya ,... riya..?? Rubi.. kuchh bhi ho... vaise, aaj tumhe meri yaad kaise aa gayi... aakhiri baar to bahut beijjat karke nikalava diya tha mujhe.... phir aaj mujhse milne, vo bhi yahaan tak ... kuchh hua hai kya...?? aur vo tumahari sundar si secretary kaha gayi... "

"yuchk.. apna munh band hi rakho, bahut hi vaahiyaat badabu aa rahi hai..."

"vah to aayegi hi.. ab bolo kaam kya hai..."

" devils triangle ka naam suna hai...?"

"triangle.... triangle....yaani ki tribhuj... chaturbhuj.... suna hai na class 7 mein.. teachar ne padhaaya tha. tribhuj ke prakaar mein ki ek samakon tribhuj hota hai.. ek adhik-kon tribhuj... paribhaasha sunau...?? ."

" Main samundar par devils triangle ki baat kar rahi hoon... mujhe vahaan jaana hai, ekchualee use paar karana hai.."

"achchha us traingle kee baat kar rahee ho... vahaan aisa kya hai"

"tum bas javaab do.. tum saath chaloge ya nahin.. varana main koi dusra dhundhu..."

"dekho aisa hai..." apni chair Rubi ki taraf ghumaakar Ron bola "tum, jo ki mujhse itani napharat karati ho.. phir bhi mere paas aai ho.. to iska matalab ye hai ki tumhaara kaam mujhase hi hoga... varna tum, apne sapne ke sapne mein bhi mere paas nahin aati... isaliye pahle batao devils triangle mein hai kya...?"

"vah tumhen vakt aane par maaloom chal jayega... ab bolo saath chaloge ya nahi.. par bolne se pahle, soch lo.. poora jahaaj sharaab se bhara hoga aur main bhi rahungi "Ron ki or jhukate huye apne seene ke parvat shrankhala ki chotiyon ki thodi se jhalak Ron ko dikhaate huye Rubi muskurai

" mujhe sharaab ka laalach nahin aur tumhaara to bilkul bhi nahin... par jab kee tum yahaan aai ho..to tumhaara dil rakhane ke liye, main tumhaare saath chalne ko taiyaar hoon... lekin ek baat hai jo tumhen yaad rakhani padegi.."

" vah kya...." jab Ron maan gaya to Rubi vaapas seedha khade hokar akadu andaaj me boli....

" jab kabhi bhi Atlantic Mahasagar se pashchimi disha mein jao to yah jaan lena ki samundar ki aankhe tumhe dekh rahee hain"

"kya bola, mujhe kuchh samajh nahi aaya"

Ron apani jagah se khada hua aur countar vaale ki taraph dekh kar bola.. " oye taklu... mera bil yah maidam degi.. samajha.. aur yahaan maujood baaki logon ka bhee..."

"tumne abhi kya kaha ki samudr kee aankhen dekhatee hain vagairah -vagairah ..."

" ab yadi meri baaten har kisi ko samajh aane lagi... to har koi samundar ke shikaari nahin ban jayega...??"

.

" jaldee-jaldee jahaaj mein baitho, kuchh hi der mein ham sab yahaan se nikalane vaale hain.... guns aur eksapalosivs kru member sabse baad me jaayenge "neeche khada captain Naayar sabhi ko jahaaj mein jaane ke liye bol raha tha. jahaaj mein Ron aur Rubi pahle se hi aa chuke the.. dono jahaaj ki dek mein khade hokar neeche khade captain Naayar ki or dekh baat kar rahe the... aaj pure do din ho gaye the, jab Rubi...Ron se mili thee. Apax Pradator shiping company ke directors ko kal raat hi Rubi ke is kadam kee khabar milee thee.. lekin Rubi ko rokne ke liye aur Apax Pradator ke ek aur jahaaj ko bachaane ke liye unhe pahle Rubi ko CEO k i post se hataana tha... jo vo kar nahi pa rahe the aur aaj jab tak vo Rubi ko CEO kee kursi se utha ke phekte.. uske pahle hi Rubi ka jahaaj lekar bahut door nikalane ka plaan tha aur yahi vajah bhi thi, ki subah 6 baje hi port of kolkata me Apax Pradator ka sabase bada jahaaj belladona
apne safar ke liye taiyaar khada tha. Caiptan Naayar, marchent nevi ka vahi afsar tha... jiski beti ko Adranal Cancer tha aur Rubi ne jise uski beti ke ilaaj ka poora kharcha Company ke insurance policy me aid karava diya tha.

"Dekha Ron .. Naayar baakiyo kee tarah nahin hai... is baar ham jaroor kaamayaab honge.."

Rubi ke ye kahate hee jise sunakar Ron muskuraane laga.. " tum hans kyon rahe ho.."

"kyonki tum har baar yahi bolati ho.. kee... is baar ham jaroor kaamayaab honge. mere khyaal se ab tumhen ulta bolne ki koshish karana chaahiye.. ki.. is baar ham jaroor naakaamayaab honge... tab shaayad baat ban jaye..."

"par is baar main confirm hoon ...."

"mai hun isliye....?? "

"nahi.... balki mai hun, isaliye.... tum to bas ek pyaade ho"

"ouchh... that hurts.... vaise Rubi, tumne abhi tak mujhe yah nahin bataaya ki aakhir us devils triangle mein rakha kya hai... ham vahaan ja kyon rahe hain.."

" Nirmal chakrabarti... naam suna hai...??"

"iski beti maal hai kya...??"

"what tha.... anyway... Nirmal chakrabarti, east India Company ke Beringatan jahaaj me ek gulaam the, jinhe baad me gulaamee se mukt kar diya gaya.. jisaki vajah ye thee kee, unhonne beringatan jahaaj... jo 1760 me landan se nikal kar miaami hote huye bhaarat aane vaala tha... jab vo agyaat kaarno se miaami tat ki or jaate hue pata nahin kaise devils triangle ki or khicha to Nirmal chakrabarti ne pata nahin kaise, Beringatan jahaaj ko devils triangle se nikaal liya, jiske baad angreji shaasan ne inaam svarup, unhe unaki gulaami se mukt kar landan me ek kothi pradaan ki... baad me unhonne hee apani pustak me likha tha ki, devils traingle ne unake jahaaj ko apane aap apani girapht me le liya... jaha unhonne apanee aankhon ke saamane ek vishaal jahaaj ko samundar kee gaharai me dubate huye dekha... kuchh praacheen jeev ka ullekh bhee kiya hai ki unhonne apani aankhon se dekha th... "

"Nirmal chakrabarti...hammmm... par ye mere savaal ka javaab nahin hai.."

"vakt aane par pata chal jaega... vaise tum kabhee gaye ho, vaha ...??? main bhee kaise savaal poochh rahee hoon... vaha jo bhee gaya aaj tak kabhee laut kar hee nahin aaya"

" gaya tha na.. main vahaan jahaaj lekar machhaliyo ka shikaar kiya karata tha... tabhee se to mujhe samudree log samundar ka shikaaree kahane lage the..."

"kya.. kuchh bhee......?? "

"vaise, tumane mujhe Captaan kyon nahin banaaya..."

"vah bhee tumhen vakt aane par pata chal jaega, ron .... ye koi naav nahin hai, balki ek vishaal jahaaj hai. apane aap me hee ek alag duniya samajh lo aur ise tumhaare havaale karana...??? jaanate kya ho tum ek jahaaj ke baare me..?? gyro campas ya icho sounder ke baare me...?? "

"main samundar ke baare me jaanata hoon... " Rubi aur Ron baat kar hee rahe the ki Captaan Naayar ne vaha aakar Rubi ka abhivaadan kiya aur saath hee Rubi ka na chaahate hue shukriya ada kiya ki usne use is kaabil samajha....

"maim, jahaaj chalane ke liye taiyaar hai.. bas aap ishaara kare aur belladona, samundar ka seena cheerane ke liye taiyaar hai... samudri seema par hamaare ship me maujood hathiyaaro ki cheking na ho.. iska maine intajaam kar diya tha... "

"Naayar tumane manual map check kiya na ..? kyonki, yadi signal kharaab hua to vo map hee hamaare kaam aaega aur ye goro ko kyoon liya..?"

"ye yahaan tat ke aise log hain, jinhen sharaab mile, to ye kaam kee chinta bilkul bhee nahin karate. inme se kuchh us ilaind kee saphar kar rahe hai.. jo beech me padega... jagah to vaise bhee bahut khaali hai to inhe us ilaind tak chhodane ke evaj me inse kaam le liya jaayega aur rahee baat map kee to vah main chambar mein mainn already fit kar diya gaya hai... aapko kisi bhee cheej kee phikr karane kee koi jaroorat nahin hai... mere rahate hue to bilkul bhee nahin..." vahee Rubi ke paas khade Ron ko ye bilkul bhee raas nahin aaya kee, uske rahate huye... koi usse bhee jyaada hoshiyaar aur chaalaak use mahasoos ho... par Naayar aur Rubi ke beech kee is chhotee see baat -cheet ne Naayar ke prati Ron ke andar irshya ka bhaav bhar diya tha, upar se Ron kee jagah use kaptaan banaaya gaya tha.. isaliye Ron ka kaleja aur jal utha... jab usne khud mahasoos kiya kee Naaayar kaptaan pad ke liye yogya bhee hai to.... usse raha nahin gaya aur vo taana maarate huye Naayar se bola... "tumhaara ye behooda bada sa naksha... jo tum logo ne us behooda kamare me laga kar rakha hai na... vo Atlantic ko paar karane ke baad kaam nahin karega... kyonki aankhe dhundhala jayengee kohre me... to Rubi daarling, theek yahee rahega ki kaptaan mujhe bana do... "

" maim... ye jaahil kaun hai.. pahanaave se to majadoor lag raha hai... phir ye yahaan, aapke saath.." ron ne apne jeb se sharaab kee botal nikaalee aur seedhe munh se lagaakar do ghoont maara...

" mera naam majadoor nahin hai be .. mera naam to Ron hai.. The Ron...mashahoor shikaari.."

" mashahoor shikaaree...? par maine to tumhaara naam kabhee suna hee nahin..."

"kisi ne nahin suna.... kyonki ye ek bahut bade raaj kee baat hai..."
 
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