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Adultery Series: Sarpanch ji ki heveli chudai ki raat

IMUNISH

जिंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा ..
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This story is part of the Mummy Aur Mere Teacher Ki Sex Kahani series
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Sarpanch ji ki heveli chudai ki raat
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हेलो नमस्कार दोस्तो मेरी माँ की इस नयी सेक्स कहानी में आप सबका स्वागत है। चलिये दोस्तो मैं आपको एक बार फिर से अपने बारे में बताता हूँ मेरा नाम मनीष है और मैं 22 साल का हूं। मेरे पापा गवर्नमेंट जॉब करते है और मम्मी एक हाउसवाइफ है।

मेरे मम्मी का नाम रजनी है उनकी उम्र अब 46 साल है लेकिन ये कहानी आज से 10 साल पहले की है जब मम्मी एक 36 साल की रसभरी मादक कामुक औरत थी। मेरी मम्मी का रंग गोरा है और फिगर 36 32 38 है मेरी मम्मी सारी के साथ डीप नेक वाले ब्लाउज पहनती है। मम्मी सारी में बहोत सुंदर लगती है।
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मम्मी सारी नाभी के नीचे पहनती थी उनके गोरे मुलायम पेट पर गहरी नाभी हर मर्द को ललचाने का काम करती। मम्मी इतनी सेक्सी होने के बावजूद पापा उनपर ज्यादा ध्यान नही देते थे पर मम्मी ने कभी किसी गैर मर्द के साथ गुलछरे नही उड़ाये।
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मम्मी हमेशा मर्यादा में रही पर वो कहते है ना जिस्म की भूख के आगे हर कोई बेबस या बेकाबू हो जाता है वैसे ही हुआ। जैसे मैंने अपने पिछली कहानी में बताया कि मेरे स्कूल टीचरने मेरे जरिये घर मे आकर मम्मी को पटा लिया और उनके साथ नाजायज संबन्ध बनाये।

वो कहानी जरूर पढिये ताकि आपको ये कहानी समझ आये की कैसे मेरी मम्मी एक सिधीसाधी सरल औरत से एक खुले स्वभावकी और सेक्सी औरत बनी ।

मम्मी के जीवन मे मेरे टीचर के आने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। मम्मी अब ट्रांसपेरेंट सारी पहनने लगी डीप नेक वाले और स्लीवलेस ब्लाउज मम्मी की जवानी को और भी बाहर ला रहे थे। मम्मी के वो बड़े बड़े कूल्हे ,उनकी चिकनी कमर उसपर वो गहरी नाभी ,उनका सुंदर चेहरा हर मर्द के मन में कामवासना जगाता।

लेकिन मेरी मम्मी की जवानी के फिलहाल मेरे टीचर ही मजे ले रहे थे । मम्मी जब भी किसी फंक्शन में जाती तो हमारे रिश्तेदार जैसे मौसाजी चाचाजी और पापा के दोस्त उनकी जवानी देखकर मदहोश हो जाते और उनकी तारीफ करके मम्मी को पटाने की कोशीश करते।

मम्मी को अब ऐसे कमेंटस और तारीफ अच्छी लग रही थी मम्मी को अब उनकी जवानी पे नाज था पर मम्मी अब सिर्फ मेरे टीचर के साथ थी और सर भी मम्मी को अलग अलग स्टाइल में चोद चोद कर सन्तुष्ट करते।

सर ने मम्मी की चूत चाटकर और लंड चुसवाकर उनको नया अनुभव दिया। सरने मम्मी के जवानी में इतना फर्क लाया मैं मम्मी के साथ बाजार जाता था। तो सब मर्द मम्मी को देखकर लंड पर हाथ रगडते कोई जोर से बोलता “क्या कड़क माल है यार” तो कोई बोलता “यार ये आयटम अपने नीचे आ जाये तो मजा आयेगा” ।

मम्मी और सर का ये चुदाई अफेयर मेरी 2-3 साल तक चला, फिर उसके बाद मैं पढ़ाई के लिये दूसरे शहर चला गया। तो मम्मी भी मेरे साथ आ गयी, सर वहाँ कभी कभी आते और मम्मी को चोदकर चले जाते थे। आज भी जब मौका मिलता है तो मम्मी सर को कॉल करके घर बुलाकर चुदवाती है।

अब इस कहानी पर आता हूँ मेरे मौसी के लड़के की शादी थी। इसलिये हम अपने गांव आ गये और वहां से शादी वाले घर जानेवाले थे । पापा को छुट्टी ना मिलने के कारण मैं और मम्मी ही चले गये ।

मैं देख रहा था ट्रेन में मम्मी के सामने बैठा हुआ आदमी मम्मी को इशारे कर रहा था और मुस्करा रहा था। वो मम्मी को एक बाजारू औरत समझ रहा था क्योंकि गाँव मे स्लीवलेस बलाउज और ट्रांसपरेंट सारी कोई नही पहनता था।
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उपरसे मम्मी ने बालो में गजरा लगाया था। मुझे अजीब महसूस हो रहा था कि कही कुछ गलत ना हो जाये पर हम सेफली शादी वाले घर पहुंच गये वहां पर जोरो से तैयारियां चल रही थी।
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मौसाजी तो मम्मी को देखते ही रह गये और कहने लगे ‘ रजनी तू बहोत बदल गयी है मस्त दिख रही है तू ‘ मम्मी भी तारीफ सुनकर मुस्कराते हुये अंदर चली गयी।

शादी के पहले दिन हमारे यहां रीतिरिवाज के अनुसार दूल्हा और उसके साथ एक औरत और एक आदमी दुल्हन के घर जाते है और वहां दूल्हा दुल्हन की हल्दी होती है और दूसरे दिन शादी होती है।

मौसी मम्मी को दूल्हे के साथ जाने को कह रही थी पर मम्मी मना कर रही थी फिर जैसे तैसे मौसाजी के कहने के बाद मम्मी मान गयी । मैं, मम्मी, दूल्हा और ड्राइवर दुल्हन के गाँव के लिये निकले।

उस 3-4 घण्टे के सफर में ड्राइवरने साइड मिरर में मम्मी को ताड़ ताड़कर ना जाने कितनी बार आंखों से मन ही मन मे चोद लिया होगा। आज रातको वो जरूर मम्मी के नाम की मुठ मारनेवाला था।

हम गांव पहुंच गये वहां दुल्हनवालो ने हमारा अच्छेसे स्वागत किया। दुल्हन के घर के आसपास गांववाले जम गये थे। गांव बहोत बड़ा नही था। लगभग 70-80 घर होंगे।

मम्मी और दूल्हे का स्वागत हो रहा था और मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं गांव देखकर आता हूं फिर मैंने देखा एक पेड़ के नीचे 10-12 आदमी बैठे थे और वो बाते कर रहे थे।

मैं भी चुपके से उनके पीछे जाकर बैठ गया। उसमे से 3-4 लोग आपस मे कह रहे थे “यार ये दूल्हे के साथवाले औरत को देख ना कितनी चिकनी है”
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दूसरा कहता ” हां यार कड़क माल है उसकी गांड तो देख कैसे उभर के बाहर आयी है जी करता है अभी उसको पटक के चोद दू”

तीसरा कहता “हां यार सही कह रहा है तू। मेरा तो उसको देखकर कैसे उसके जवानी को सलामी दे रहा है देख” और वो तीनो हस रहे थे ।

मम्मी के बारे में ये बाते सुनकर मुझे ना जाने क्यों गुस्सा नही आ रहा था पर कुछ अजीब महसूस हो रहा था।

फिर एक ने कहा “अगर सरपंच बाबूकी नजर इसपर पड़ गयी ना तो आज सरपंच की हवेली में रातभर पड़ी रहेगी ये ”

दूसरे ने कहा ” अरे पर ये शहर की औरत है सरपंच को नही देगी ”

फिर पहले ने कहा ” नही देगी का क्या मतलब है …नही देगी तो तुझे क्या लगता है। इस गाँव से बाहर जा सकेगी ??”

तीसरा कहता “हां यार ये सरपंच की तो ऐश है। जो उसके मन मे आती है उसको वो चोदे बिना नही रहता। गांव की हर एक औरत उसके साथ एक रात गुजारी है चाहे वो तेरी बीवी हो या मेरी।”
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मुझे ये सुनकर अजीब लगा कि ये लोग सरपंच से इतना क्यों डरते है। और इनकी बीवियों को चोदकर भी सरपंच के खिलाफ आवाज नही उठाते । फिर वो ऐसे ही बाते करते रहे थोड़ी देर बाद मैं वहांसे गया और मम्मी के पास जा पहुंचा ।

थोड़ा आराम करके फ्रेश होकर हम रात के हल्दी फंक्शन के लिये तैयार हो रहे थे। मम्मी ने एक पीली कलर की सारी पहनी थी उसपर पीले कलरका ही डीप नेक स्लीवलेस बलाउज पहना था जिससे मम्मी के बूब्स अंदर दब रहे थे। सारी इतनी टाइट पहनी थी कि मम्मी का फिगर साफ साफ नजर आ रहा था और गांव के मर्दोपर कहर बरसा रहा था।

सब मर्द दूल्हे दुल्हन को छोड़ के मम्मी पर नजर अडाये बैठे थे। गांव का हर मर्द मम्मी के बारे में बात कर रहा था और देखते ही देखते पूरा गांव फंक्शन के लिये आया।

मम्मी दुल्हन और दूल्हे को हल्दी लगाने के लिये जैसे ही झुकी तो सबको उनके जवानी के दर्शन हुये सब मानो मन ही मन मम्मी को अपने नीचे रगड़ रगड़ कर चोद रहे थे।

फ़ंक्शन चालू था। गाने बज रहे थे तभी तीन ओपन जीप दुल्हन के घर के सामने रुकी। उस जीपमे से एक सफेद धोती काला कुर्ता और कुर्ते पर शानदार शॉल पहना हुआ एक लंबा चौड़ा आदमी उतरा।

उसके पीछे 10-12 लोग थे जैसे ही वो घर मे आया दुल्हन के पापाने उसे बैठने के लिये कुर्सी दी। गांव के सब मर्द उसको रामराम कर रहे थे वो बैठने के बाद बैठ गये।

मैंने मेरे बाजूवाले एक आदमी से पूछा “अंकल ये आदमी कौन है ?”

तो उस आदमी ने कहा “ये हमारे गांव के मुखिया है यानी सरपंच”

मैं ये सुनकर दंग रह गया क्योंकि अब मुझे पता चला कि गांव के मर्द सरपंचबाबू से क्यों डरते है।

सरपंचजी लगभग 6 फिट लंबा, चौडे सीनेवाला मजबूत ताकतवर और आकर्षक मर्द था। कुर्ते के उपर के दो बटन खुले थे उनके सीने पर के काले बाल उसपर वो सोने का लॉकेट।

सरपंचजी दिखने में काले-सावले थे पर हैंडसम थे। उनकी वो काली मुछे हाथो में 3-4 अंगूठियां गले में सोने का लॉकेट और हाथोमे ब्रेसलेट, पांव में कोल्हापुरी चप्पल उनका ये पहनावा और रुतबा गांवके दुसरे मर्दो से उन्हें अलग बना रहा था।

सरपंच बाबू बैठकर गाँववालो से बाते कर रहे थे। अब तक सरपंचजी का ध्यान मम्मी पर नही गया था क्योंकि मम्मी दो औरतो के पीछे खड़ी थी।

मैंने मम्मी की ओर देखा तो मम्मी सरपंचजी को देख रही थी शायद उनकी एंट्री से और रुतबे को देखकर मम्मी भी उनकी ओर थोडी बहोत आकर्षित हुयी थी । मैं भी धीरे धीरे जाकर सरपंचजी के पीछे जाकर बैठा।

अगले पार्ट में पढिये कैसे सरपंचजीकी नजर मम्मी की जवानी पर पड़ती है और वो मम्मी को हवेली ले जाकर मम्मी के साथ रात गुजारते है।

दोस्तो कहानी पसंद आयी हो तो लाइक कीजिये और कमेंट में जरूर बताइये की कहानी कैसे लगी।
 
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नमस्कार दोस्तो इस कहानी के दूसरे पार्ट में आपका स्वागत है जैसे आपने पहले पार्ट में पढ़ा कि शादीवाले घर सरपंचजी आये थे और उनकी एंट्री देखकर मम्मी भी हैरान हो गयी थी अब इस पार्ट में देखिये आगे क्या होता है।

थोड़ी देर बाद दूल्हे और दुल्हन को नहलाना था इसलिये मम्मी आगे आ गयी। मम्मी का पल्लू थोड़ा बाजू में हो गया था मम्मी की नाभी और चिकनी कमर अब साफ साफ नजर आ रही थी ऊपर से जब मम्मी हाथ उठाती तो उनके बगल भी दिख रहे थे और जिसका डर था वही हुआ सरपंचजी की नजर मम्मी पर पड़ी।

मम्मी की जवानी देखकर वो एकदम स्तब्ध रह गये और वो बिना पलके झपके मम्मी के कामुक मादक बदन को निहार रहे थे उनके धोती मे तंबू बन रहा था। तभी मम्मी की नजर उनपर पड़ी और मम्मी ने पल्लू ठीक किया सरपंचजीने मम्मी को देखकर अलग ठरकी स्माइल की मम्मी भी थोड़ा शरमायी पर मम्मी ने नजरे दूसरी ओर कर ली।

फिर सरपंचजी ने एक आदमी से पूछा “ये रामू, ये चिकनी चमेली कौन है रे?”

उस आदमी ने कहा “मालिक दूल्हे के साथ आयी है”

फिर सरपंचजी ने दूल्हे के पापाको आवाज लगाकर बुलाया और कहा “ये औरत आज रात मुझे हवेली पर चाहिये”

दुल्हन के पापा ने कहा “पर मालिक मैं कैसे कहु उनको ? वो हमारी मेहमान है।”

फिर सरपंचजी ने कहा “मुझे नही पता जैसे कहना है कह। पर मुझे वो औरत चाहिये आज रात। नही तो कल तेरी बेटी की शादी नही होगी”

ये कहकर सरपंचजी खडे हो गये उनके खड़े होते ही सब गाववाले खड़े हुये और जाते जाते सरपंचजी ने कहा “सुनो रे अभी उसकी तरफ किसी ने आँख उठाकर देखा तो …”

ये सुनकर सब मर्दोने नजर झुकाली और एक एक करके सब चले गये। फिर दुल्हन के पापा ने रोते रोते दुल्हन की मम्मी को सब बता दिया।

दुल्हन की मम्मी ये बात सुनकर रोने लगी तभी मम्मी ने उनसे पूछा कि “क्या बात है? आप रो क्यूँ रही हो? कोई समस्या है क्या?”

तो दुल्हन की मम्मी ने मम्मी को एक कमरे में ले जाकर सब कुछ समझाया पर मम्मी ने कहा “ऐसा कैसे हो सकता है और मेरे मर्जी के बिना मैं क्यों उनके साथ रात गुजारू और मेरे पती को पता चल गया तो वो मुझे छोड देंगे”

मम्मी बहोत संस्कारी औरत होने का नाटक कर रही थी। तभी दुल्हनकी मम्मीके पैर पकड़के गिडगिड़ा रही थी।

मम्मी को और दो तीन औरतो ने बिनती की और कहा कि “ये बात किसीको पता नहीं चलेगी इसकी जिम्मेदारी हम लेते है। इस गाँव के बाहर नही जायेगी ये बात और आप फिर थोड़ी आनेवाली हो इस गाँव में।” और मम्मी मान गयी।

सब रस्म होने के बाद मम्मी ने मुझसे कहा कि “बेटा सरपंचजी ने आज रात उनकी हवेली पर रुकने का मुझे न्योता दिया है।”

मैंने सब जानते हुये भी कहा “पर मम्मी क्यों हम तो ठहरे है ना यहां?”

मम्मी “हां बेटा पर वो सरपंचजी है।उनका आदेश इस गाँव मे माना जाता है।”

फिर मैंने मम्मी से कहा ” तो मम्मी मैं भी आऊंगा आपके साथ”

तो मम्मी ने कहा “ठीक है मै पूछ लेती हुं गांववालो से”

फिर मम्मी ने दुल्हन के पापा को ये बात बताई और उन्होने कहा कोई दिक्कत नही है सरपंचजी की हवेली बहोत बडी है।

फिर मैं और मम्मी हवेली जाने के लिये हमारा सामान लेकर तैयार हुये। सरपंचजीने मम्मी के लिये एक गाड़ी भेजी थी। हम दोनों और ड्राइवर हवेली की तरफ गाड़ी में निकल गये।

हवेली पर पहुंचते ही मैं और मम्मी एकदूसरे को देख रहे थे क्योंकि सरपंचजी की हवेली एक राजा के महल की तरह थी। बहोत बड़ी और सरपंचजीके रुतबे को बयां कर रही थी।

फिर मम्मी सामान निकालने लगी तो ड्राइवर बोला “मालकिन आप रहने दीजिये मैं उठाता हूं मालिक देखेंगे की आप सामान उठा रही हो तो मेरी जान ले लेंगे”

वो मम्मी को सरपंचजी के बीवी का सममान दे रहा था। इतना सम्मान देखकर मम्मी भी खुश हुयी।हम हवेली के अंदर गये । फिर हवेली के अंदर के एक नौकर हमे सरपंचजी के पास ले गया। अब मैं और मम्मी सरपंचजी के कमरे में पहुंचे।सरपंचजी के बदन पर सिर्फ धोती थी ऊपर उन्होंने कुछ नही पहना था।उनकी काले बालोवाली चौड़ी छाती उसपर लटकता सोने का लॉकेट और मजबूत कंधे सख्त काला-सावला बदन आकर्षक लग रहा था। मैं एक लड़का होकर भी उनकी मजबूत बॉडी को देखते रह गया।तो मम्मी की क्या हालत हुयी होगी आप ही सोचिये।

सरपंच जी उनकी शानदार कुर्सी पर से उठे और बोले “अच्छा हुआ जल्दी आ गयी तुम !! ज्यादा समय मिलेगा तो ज्यादा मजा आयेगा और ये लड़के को क्यों साथ लायी हो ? इसके सामने चु….”

सरपंचजी इसके आगे कुछ कहते कि मम्मी ने उनकी बात काट ली। और बोली “ये मेरा बेटा है मेरे बिना नही रहता कही। आने की जिद कर रहा था तो…”

सरपंच जी ने ठीक है कहकर एक नौकर को बुलाया और मुझे एक कमरा देने को कहा। मैं उस नौकर के साथ एक कमरे में गया।मम्मी अभी भी सरपंचजी के कमरे में थी मुझे जानना था कि मम्मी के साथ सरपंचजी क्या करनेवाले है। इसलिये मैं नौकर के जाते ही सरपंचजी के कमरे के बाहर आ पहुंचा और अंदर झांक कर देखने लगा पर मम्मी वहां नही थी।

सरपंचजी ने झांकते हुये मुझे देख लिया और अंदर बुलाया और मुझसे बोले “क्या है रे लड़के ? क्या चाहिये तुझे ? तुझे भेजा था ना कमरे में फिर क्यों आया यहां”

तो मैं उनकी धाकड़ आवाज सुनकर थोड़ा डर गया और उनसे कहा “वो मैं मम्मी को ढूंढ रहा था”

तो सरपंचजी ने जोरदार आवाज में कहा “क्या मम्मी मम्मी लगा रखा है ? तेरी मम्मी आज मेरे साथ सोनेवाली है। अब तू इतना छोटा भी नही है कि तुझे समझ मे ना आये की तेरी मम्मी यहां क्यों आयी है ! आज रात मम्मी के बिना गुजार चुपचाप समझा अब निकल यहां से”

मैं चुपचाप मुंह नीचे करके वहां से निकल गया अब मैं मम्मी को ढूंढने लगा कि मम्मी कहां गयी है कौनसे कमरे में है? उस दो मंजिला हवेली में 20-25 कमरे थे।

फिर मैं दूसरे मंजिल पर जाकर मम्मी को ढूंढने लगा वहां एक कमरे के बाहर मुझे मम्मी की चप्पल नजर आयी।मैं उस कमरे के पास गया और झांककर देखने लगा वहां मम्मी के साथ एक और औरत थी।

मम्मी एक शीशे के सामने बैठी थी मम्मी के बाल भीगे हुये थे और मम्मी के बदन पर लाल कलर का ब्लाउज और लाल पेटीकोट था। मम्मी का गोरा बदन उस लाल कपडो में बहोत मादक लग रहा था। मेरे लंड में भी अब हरकते हो रही थी।

वो औरत मम्मी के बाल पोछ रही थी और मम्मी चुपचाप बैठी थी।फिर मैं वही खड़ा रहा उस औरत ने मम्मी के बाल बनाये मेकअप किया। लाल कलर की सारी भी पहनायी मम्मी बहोत सुंदर लग रही थी।

इतनी सुंदर की नयी दुल्हन भी मम्मी के सामने फीकी पड़ जाये मम्मी के बदन पर लाल बलाउज और लाल वर्कवाली सारी थी। बालो में गजरा था। ना माथे पर बिंदी थी, ना गले मे मंगलसूत्र, ना हाथो में चुडिया, ना पैरो में पायल मम्मी को एक कुंवारी लड़की की तरह तैयार किया गया था।

वो औरत मम्मी को देखकर बोली “बहोत सुंदर दिख रही है आप !! आज मालिक बहोत खुश होंगे और आपको भी खुश करेंगे !! सच कहूं आप जैसी इतनी सुंदर और गोरी औरत आज तक मालिक के साथ सोयी नही है …जितनी भी औरते मालिक के साथ सोयी है सबका श्रृंगार मैं ही करती हूं। ”

मम्मी ने उनसे कहा “अच्छा…कितनी औरतो को चोद चुके है आपके मालिक ?”

मम्मी के मुंह से ऐसी भाषा सुनकर वो औरत समझ गयी कि मम्मी एक मॉडर्न औरत है.

तो वो भी बिना शरमाये बोली “गांव की सभी औरतो को मालिक ने चोदा है और ना जाने उनमे से कितनो की कोख भी मालिक के लंड के पानी से ही भरी है”

मम्मी ये सुनकर चौक गयी क्यूँकी मम्मी को ये बात पता नही थी।

फिर उस औरत ने कहा “जी यही सच है आप जिस घर मे शादी के लिये आयी है उस दुल्हन की बड़ी बहन जिसकी 2 साल पहले शादी हुयी थी। वो भी जब मायके आती है मालिक के साथ सोकर ही ससुराल जाती है । जी हां और एक बात जो भी कोई औरत मालिक को चरम सुख का अनुभव देती है उसे मालिक एक खास तोहफा देते है।”

वो औरत और कुछ बताती की किसी के आने की आहट हुयी तो वो चुप बैठी। मैं भी छुप गया मैंने देखा नही कौन था !! पर आवाज सुनी की ‘जल्दी करो मालिक ने उनको उस रूम में ले जाने को कहा है ‘और वो नौकर वहां से चला गया फिर मम्मी और वो औरत उस कमरे से बाहर निकलकर दूसरी ओर जा रहे थे।

मैं भी उनके पीछे पीछे चुपके चुपके निकल पड़ा। अगले पार्ट में पढिये कैसे सरपंचजी मेरे मम्मी की जवानी का लुफ्त उठाते है और हवेली मे मम्मी को कैसे चोदते है।

दोस्तो कहानी पसंद आयी हो तो लाइक कीजिये और कमेंट में जरूर बताइये की कहानी कैसे लगी।
 

Ragnarok

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Bhai ye short story hogi ya long ... Mere hissab se ise thoda long rakhna😅
Lekin aap jaisa chahe waise kar sakte ho
BTW nice update 👍
 

IMUNISH

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Bhai ye short story hogi ya long ... Mere hissab se ise thoda long rakhna😅
Lekin aap jaisa chahe waise kar sakte ho
BTW nice update 👍
Thanks for the compliment
 

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