Jio, Airtel और Vodafone ने प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न डाटा देने के लिए 20 अप्रैल तक का मांगा समय
टेलिकॉम ऑपरेटर्स Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea ने लॉकडाउन के बीच प्रीपेड यूजर्स के रिचार्ज पैटर्न पर डाटा जमा करने के लिए टेलिकॉम रेग्यूलेटर TRAI से 20 अप्रैल तक का समय मांगा है। दरअसल, TRAI ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को मोबाइल फोन रिचार्ज के पैटर्न की व्याख्या करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। इसी के लिए कंपनियों ने समय मांगा है। टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि इस पैटर्न के लिए उन्हें ज्यादा समय की जरूरत है। साथ ही कहा है कि इस काम के लिए 24 घंटे का समय बेहद कम है।
14 अप्रैल को जो पत्र टेलिकॉम कंपनियों को भेजे गए थे उसमें TRAI ने पूछा था कि उसे उन सभी प्रीपेड यूजर्स की संख्या की जानकारी चाहिए जिनका बैलैंस 24 मार्च की आधी रात और 13 अप्रैल 2020 की आधी रात के बीच में खत्म हो गया था। साथ ही पत्र में यह भी पूछा था कि 24 मार्च 2020 की मध्यरात्रि तक सभी कुल सब्सक्राइबर्स में से प्रीपेड सब्सक्राइबर्स की संख्या क्या थी। साथ ही उन यूजर्स का आंकड़ा भी मांगा था जिन्हें लॉकडाइन के दौरान बैलेंस खत्म होने पर 10 रुपये तक का या फिर अतिरिक्त कॉलिंग मिनट उपलब्ध कराए गए थे। TRAI ने उन प्रीपेड यूजर्स की संख्या भी पूछी थी जिनका प्रीपेड बैलेंस खत्म हो गया था और उनका अकाउंट फरवरी महीने में रिचार्ज नहीं कराया गया।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है जिससे इस वायरस की रोकथाम की जा सके। इस लॉकडाउन में जिन लोगों की वैधता या रिचार्ज खत्म हो गया था और वो रिचार्ज नहीं करा पा रहे थे उन्हें टेलिकॉम कंपनियों ने वैलिडिटी एक्सटेंशन और टॉकटाइम की सुविधा उपलब्ध कराई थी। Vodafone Idea की बात करें तो कंपनी ने 17 अप्रैल तक वैलिडिटी एक्सटेंशन और 10 रुपये का टॉकटाइम उपलब्ध कराया था। वहीं, Bharti Airtel ने भी 8 करोड़ प्रीपेड यूजर्स को 17 अप्रैल तक वैलिडिटी एक्सटेंशन और 10 रुपये का टॉकटाइम उपलब्ध कराया था।
Reliance Jio की बात करें तो कंपनी ने JioPhone यूजर्स को 100 मिनट कॉलिंग के लिए और 100 फ्री एसएमएस की सुविधा 17 अप्रैल तक के लिए उपलब्ध कराए थे। साथ ही वैधता खत्म होने के बाद भी इनकमिंग कॉल्स की सुविधा भी दी थी। वहीं, टेलिकॉम इंडस्ट्री ने TRAI के सुझाव को खारीज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि टॉकटाइम और वैधता एक्सटेंशन को बढ़ाया जाना चाहिए।