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एम्बुलेंस सकरी गली पार करके उसके मुहाने पर पहुची जहाँ इंस्पेक्टर अपने मतहतो के साथ एक लोकल लडके और लडकी को ढूंढ रहा था, मयूर और रागिनी की धडकने तेज चल रही थी अगर इंस्पेक्टर ने एम्बुलेंस के अन्दर की स्थिति का जायजा लेने का फैसला किया तो उनका पकड़ा जाना निश्चित था, एम्बुलेंस धीरे धीरे करके इंस्पेक्टर के सामने पहुंच रही थी, और उनकी धडकने तेज हो रही थी |
जैसे ही एम्बुलेंस इंस्पेक्टर के सामने पहुची तभी उसे एक लड़का दिखाई दिया जो पारम्परिक वेशभूषा मैं था, उसने अपने साथ वाले पुलिस जवान को उस लडके को रोकने का इशारा किया, और उसको गौर से देखा, उसको मयूर का चेहरा अच्छी तरह से याद था, उसने लडके को जाने का इशारा किया, इतनी देर में एम्बुलेंस उसके सामने से होती हुए गली का मुहाना पार कर के मेन रोड पर आ चुकी थी, कुछ ही देर में वो देहरादून जाने वाली मुख्य सड़क पर आ गई और घुमावदार रास्ते से होती हुई तेजी से देहरादून की और बढ़ चली |
रागिनी का चेहरा पथराया हुआ था, उसने जिन्दगी मैं पहली बार प्यार को महसूस किया था, जब वो छोटी थी और उसकी माँ जिन्दा थी, फिर उसकी माँ की हत्या हो गई और वो फिर अकेली हो गई, और आज उसकी हत्या का भी प्रयास हो रहा था, उसका अतीत उसका पिछा छोड़ने को तैयार नहीं था, उसने अपने जिन्दगी मैं सिवाय सुकून और प्यार के कुछ नहीं माँगा था, उसने मयूर की तरफ देखा – तुमने क्यों मेरे लिए अपनी जिन्दगी जोखिम मैं डाल दी, तुम नही जानते तुम किन लोगो से दुश्मनी ले रहे हो, उसने एम्बुलेंस में अपने पास बैठे मयूर के कंधे पे अपना सर रख दिया और उसका पथराया चेहरा एक मासूम लडकी में तब्दील हो गया, उसके चेहरे पर सुरक्षा और इत्मिनान का भाव साफ दिखाई पड़ रहा था |
इंस्पेक्टर तन्यल मेले के बाहर सकरी गली के मुहाने पर उन दोनों को ढूंढ रहा था, तभी काली पेंट वाला गुंडा उसके सामने आया, उसे देखते ही तन्यल का चेहरा सख्त हो गया – तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
सुन इंस्पेक्टर – गुंडे ने अपनी नाक पकड़ते हुए तन्यल के हाथ मैं दो हजार के नोटों की एक गड्डी रखते हुए बोला – उन दोनों को पकड़ कर केस रजिस्टर करो, ये पचास हजार है, बाकि के चार लाख तुझे उन दोनों को पकड़ने के बाद मिल जायेंगे |
उसने एक सेकंड नोटों की गड्डी को देखा वाकई में असली नोट थे लाल लाल - क्या बकवास है ये ? तन्यल गुर्याया – और उसने ऊपर देखा पर काली पेंट वाला गुंडा वहा से जा चूका था |
उसने नोटों की गड्डी अपनी जेब में डाल ली |
मेला ग्राउंड लगभग खाली हो चूका था, लोग अपने घरो को जा चुके थे, भीड़ छंट चुकी थी, पर इंस्पेक्टर तन्यल को वो दोनों नहीं मिले, आखिर वो गये कहा – उसने मन ही मन सोचा और दोनों जवानों को वही रुकने का इशारा करके खुद मेले ग्राउंड की और बढ़ा तभी एक लोकल दुकानदार महिला उसके पास पहुची और हक्लाती बोली – मैंने एक परदेशी लडके और लडकी को गढ़वाली ड्रेस किराये पर दी थी, अफरातफरी मची थी और इस बीच वो मेरी ड्रेस ले कर भाग गये, वो बहुत महंगी ड्रेसेस थी, मेरा हजारो का नुकसान हो गया |
इंस्पेक्टर एकटक उस महिला को देख रहा था – तो वो दोनों लोकल लोग नही थे, वो सैलानी थे, तभी मैं कहूँ, लोकल लड़की के हाथ में तमंचा कहा से आ गया, और उसे अपनी भूल का अहसास हुआ, वो दोनों लोकल ड्रेस उतार कर आसानी से बाहर निकल गये होंगे |
उसने दुकानदार महिला से कहा – चिंता मत करो तुम्हारी ड्रेस तुमको यही कही से मिल जाएगी, और वायरलेस सेट निकाल कर चिल्लाने लगा – कॉपी दोनों भागे हुए लडके लडकी लोकल नही है, सैलानी है, अब उनका हुलिया फिर से बोल रहा हु, दून जाने वाले रस्ते की सभी पेट्रोल गाडियों को सतर्क किया जाता है, एक लड़का और एक सैलानी लडकी जिसके हाथ में लाल पर्स है जहा भी दिखे पकड़कर पिस्तौल जब्त करे और उनको हिरासत में ले | आई रिपीट |
जब इंस्पेक्टर ये मेसेज वायरलेस पर दे रहा था उसके कुछ देर पहले ही एम्बुलेंस दून पहुच चुकी थी और मयूर ने पहाड़ी रास्ता खतम होते ही एक चौराहे पर एम्बुलेंस रुकवा कर पुलिस वाले को कहा – हम दस मिनिट में हॉस्पिटल पहुच रहे है, मुझे एटीएम से पैसे निकलवाने है, हम कुछ ही देर में हॉस्पिटल पहुंच जायेंगे - और दोनों एम्बुलेंस से उतर गये |
पुलिस वाले ने अपने साहेब का मेसेज वायरलेस पर सुना और उसे सांप सूंघ गया, उसकी आँखों के सामने लाल बेग घूम गया, एक लड़का एक लडकी, दोनों सैलानी, लडकी के हाथ में लाल हैण्ड बेग और उसने वायरलेस पे बोला – सर आपके आदेश से मैं एम्बुलेंस में एक लड़का और एक लडकी को ले कर आया हूँ जो पिछले चौराहे पर उतर गये, लडकी के हाथ में लाल हेन्द्बेग जिसपर बारीक़ हीरे की डिजाईन बनी हुई थी |
इंस्पेक्टरों तन्यल जो दून के रास्ते और उस इलाके में सर्चिंग चालू कर उन दोनों को पकड़ने के बारे मैं सोच रहा था, पास पड़ी कुर्सी पर हताश हो कर बैठ गया, पिछले 30 साल की उसकी पुलिस की नौकरी में किसी ने उसे इस तरह से बेवकूफ नहीं बनाया था, वो भी उसके सुपीरियर के सामने क्योकि वायरलेस के मेसेज पुरे जिले में सर्कुलेट होते है और हर छोटा बड़ा अधिकारी उन मेसेजेस को सुनता है, उसे लगा मानो वायरलेस से कई सारी हंसने की आवाजे आ रही थी |
एक बार वो दोनों उसके हत्थे चढ़ जाये फिर उनकी सारी होशियारी निकालता हूँ |
उसको एम्बुलेंस के साथ गये पुलिस जवान पर भी गुस्सा आ गया वो वायरलेस में चिल्लाया – क्या कर रहे हो, तुम उन दोनों को अपने साथ ले कर गये ही क्यों, तुमको नही पता हम उनको ढूंढ रहे है ?
जवान ने जवाब दिया – सर उन्होंने मुझसे कहा कि वो घायल के साथ है और आपने उनको एम्बुलेंस में घायल के साथ जाने का कहा है, फिर मैंने वायरलेस पर आपकी परमिशन भी ली थी, आपने कहा उन दोनों को ले जाओ |
फिर बेइज्जती – तन्यल के मन ही मन कहा जाओ उनको फ़ौरन ढूंढो वो कहा है |
सर वो पिछले चौराहे पर उतर गये |
जैसे ही एम्बुलेंस इंस्पेक्टर के सामने पहुची तभी उसे एक लड़का दिखाई दिया जो पारम्परिक वेशभूषा मैं था, उसने अपने साथ वाले पुलिस जवान को उस लडके को रोकने का इशारा किया, और उसको गौर से देखा, उसको मयूर का चेहरा अच्छी तरह से याद था, उसने लडके को जाने का इशारा किया, इतनी देर में एम्बुलेंस उसके सामने से होती हुए गली का मुहाना पार कर के मेन रोड पर आ चुकी थी, कुछ ही देर में वो देहरादून जाने वाली मुख्य सड़क पर आ गई और घुमावदार रास्ते से होती हुई तेजी से देहरादून की और बढ़ चली |
रागिनी का चेहरा पथराया हुआ था, उसने जिन्दगी मैं पहली बार प्यार को महसूस किया था, जब वो छोटी थी और उसकी माँ जिन्दा थी, फिर उसकी माँ की हत्या हो गई और वो फिर अकेली हो गई, और आज उसकी हत्या का भी प्रयास हो रहा था, उसका अतीत उसका पिछा छोड़ने को तैयार नहीं था, उसने अपने जिन्दगी मैं सिवाय सुकून और प्यार के कुछ नहीं माँगा था, उसने मयूर की तरफ देखा – तुमने क्यों मेरे लिए अपनी जिन्दगी जोखिम मैं डाल दी, तुम नही जानते तुम किन लोगो से दुश्मनी ले रहे हो, उसने एम्बुलेंस में अपने पास बैठे मयूर के कंधे पे अपना सर रख दिया और उसका पथराया चेहरा एक मासूम लडकी में तब्दील हो गया, उसके चेहरे पर सुरक्षा और इत्मिनान का भाव साफ दिखाई पड़ रहा था |
इंस्पेक्टर तन्यल मेले के बाहर सकरी गली के मुहाने पर उन दोनों को ढूंढ रहा था, तभी काली पेंट वाला गुंडा उसके सामने आया, उसे देखते ही तन्यल का चेहरा सख्त हो गया – तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
सुन इंस्पेक्टर – गुंडे ने अपनी नाक पकड़ते हुए तन्यल के हाथ मैं दो हजार के नोटों की एक गड्डी रखते हुए बोला – उन दोनों को पकड़ कर केस रजिस्टर करो, ये पचास हजार है, बाकि के चार लाख तुझे उन दोनों को पकड़ने के बाद मिल जायेंगे |
उसने एक सेकंड नोटों की गड्डी को देखा वाकई में असली नोट थे लाल लाल - क्या बकवास है ये ? तन्यल गुर्याया – और उसने ऊपर देखा पर काली पेंट वाला गुंडा वहा से जा चूका था |
उसने नोटों की गड्डी अपनी जेब में डाल ली |
मेला ग्राउंड लगभग खाली हो चूका था, लोग अपने घरो को जा चुके थे, भीड़ छंट चुकी थी, पर इंस्पेक्टर तन्यल को वो दोनों नहीं मिले, आखिर वो गये कहा – उसने मन ही मन सोचा और दोनों जवानों को वही रुकने का इशारा करके खुद मेले ग्राउंड की और बढ़ा तभी एक लोकल दुकानदार महिला उसके पास पहुची और हक्लाती बोली – मैंने एक परदेशी लडके और लडकी को गढ़वाली ड्रेस किराये पर दी थी, अफरातफरी मची थी और इस बीच वो मेरी ड्रेस ले कर भाग गये, वो बहुत महंगी ड्रेसेस थी, मेरा हजारो का नुकसान हो गया |
इंस्पेक्टर एकटक उस महिला को देख रहा था – तो वो दोनों लोकल लोग नही थे, वो सैलानी थे, तभी मैं कहूँ, लोकल लड़की के हाथ में तमंचा कहा से आ गया, और उसे अपनी भूल का अहसास हुआ, वो दोनों लोकल ड्रेस उतार कर आसानी से बाहर निकल गये होंगे |
उसने दुकानदार महिला से कहा – चिंता मत करो तुम्हारी ड्रेस तुमको यही कही से मिल जाएगी, और वायरलेस सेट निकाल कर चिल्लाने लगा – कॉपी दोनों भागे हुए लडके लडकी लोकल नही है, सैलानी है, अब उनका हुलिया फिर से बोल रहा हु, दून जाने वाले रस्ते की सभी पेट्रोल गाडियों को सतर्क किया जाता है, एक लड़का और एक सैलानी लडकी जिसके हाथ में लाल पर्स है जहा भी दिखे पकड़कर पिस्तौल जब्त करे और उनको हिरासत में ले | आई रिपीट |
जब इंस्पेक्टर ये मेसेज वायरलेस पर दे रहा था उसके कुछ देर पहले ही एम्बुलेंस दून पहुच चुकी थी और मयूर ने पहाड़ी रास्ता खतम होते ही एक चौराहे पर एम्बुलेंस रुकवा कर पुलिस वाले को कहा – हम दस मिनिट में हॉस्पिटल पहुच रहे है, मुझे एटीएम से पैसे निकलवाने है, हम कुछ ही देर में हॉस्पिटल पहुंच जायेंगे - और दोनों एम्बुलेंस से उतर गये |
पुलिस वाले ने अपने साहेब का मेसेज वायरलेस पर सुना और उसे सांप सूंघ गया, उसकी आँखों के सामने लाल बेग घूम गया, एक लड़का एक लडकी, दोनों सैलानी, लडकी के हाथ में लाल हैण्ड बेग और उसने वायरलेस पे बोला – सर आपके आदेश से मैं एम्बुलेंस में एक लड़का और एक लडकी को ले कर आया हूँ जो पिछले चौराहे पर उतर गये, लडकी के हाथ में लाल हेन्द्बेग जिसपर बारीक़ हीरे की डिजाईन बनी हुई थी |
इंस्पेक्टरों तन्यल जो दून के रास्ते और उस इलाके में सर्चिंग चालू कर उन दोनों को पकड़ने के बारे मैं सोच रहा था, पास पड़ी कुर्सी पर हताश हो कर बैठ गया, पिछले 30 साल की उसकी पुलिस की नौकरी में किसी ने उसे इस तरह से बेवकूफ नहीं बनाया था, वो भी उसके सुपीरियर के सामने क्योकि वायरलेस के मेसेज पुरे जिले में सर्कुलेट होते है और हर छोटा बड़ा अधिकारी उन मेसेजेस को सुनता है, उसे लगा मानो वायरलेस से कई सारी हंसने की आवाजे आ रही थी |
एक बार वो दोनों उसके हत्थे चढ़ जाये फिर उनकी सारी होशियारी निकालता हूँ |
उसको एम्बुलेंस के साथ गये पुलिस जवान पर भी गुस्सा आ गया वो वायरलेस में चिल्लाया – क्या कर रहे हो, तुम उन दोनों को अपने साथ ले कर गये ही क्यों, तुमको नही पता हम उनको ढूंढ रहे है ?
जवान ने जवाब दिया – सर उन्होंने मुझसे कहा कि वो घायल के साथ है और आपने उनको एम्बुलेंस में घायल के साथ जाने का कहा है, फिर मैंने वायरलेस पर आपकी परमिशन भी ली थी, आपने कहा उन दोनों को ले जाओ |
फिर बेइज्जती – तन्यल के मन ही मन कहा जाओ उनको फ़ौरन ढूंढो वो कहा है |
सर वो पिछले चौराहे पर उतर गये |