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जननी मां के साथ रति किर्या करने के फ़ायदे::::-

Singh ravindar

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( मां के साथ शारीरिक फ़ायदे
(ma ke sath sharirik fayede)








दोस्तों आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश कर रहा हूं, प्रकृति ने या यह कही की प्रकृति ने हम इंसानों के लिए बहुत कुछ दिया या यूं कहें किया है तो इसमें कोई संदेह नहीं, कुछ को मेरी बाते पसंद आएंगी और कुछ को नही आएंगी पर में जो मेहशुस किया है वही बता रहा हूं।
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प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है और हम सभी मिलकर उसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं फिर चाहे वह (पानी हो, हवा हो, पेड़ पौधे हो, पक्षी हो , भोजन हो , रिश्ते हो , नेचरल औषधि और या अन्य कही वस्तुएं जीवन यापन के संसाधन सब कुछ हमे प्रकृति से मिला है ।
अब जरा पुराने तथ्यों पर नज़र डालें तो मिलता है कि इस पृथ्वी रूपी सौरमंडल का निमार्ण जब हुआ और इसको व्यस्वथित ढंग से चलाने के लिए परमात्मा ने दो मानव रूर्प में दो शरीर का निर्माण किया था उनमें एक को नर यानी (पुरुष) बनाया और दूसरे को मादा यानी (महिला) बनाया और इस तरह की व्यस्था करी की यह संसार को किसी भी अवरोध उत्पन्न के निरंतर चलती रहें ।
परंतु यह भी सुनियोजित किया की किस तरह से तो फिर मानव शरीर में दो परिवर्तन किए एक को " नर "(पुरुष)जिसके शरीर में कही बदलवा किए और मुख्य रूप से प्रजनन तंत्र में और उसे लिंग रूप में व्यवथित किया उसी प्रकार से "मादा"(महिला) के भी कई बदलाव किए और एक योनि का निर्माण किया जिससे इन दोनों के मिलन से श्रृष्टि का विस्तार हो ।
अब आप यहां तक समझ गए होंगे! पर हम इंसानों ने इसमें कही बदलाव किए और इनको रिश्ते रूपी व्यवस्था में परिवर्तन कर दिए और उन्हें नाम दिया जैसे - पिता मां /बहन भाई /बेटा बेटी /मामा मामी /फूफा फूफी/ चाचा चाची /भतीजा भांजी /दादा दादी /नाना नानी/ मौसा मौसी / एवं आदि-आदि व्यस्वथा बनाई ? परंतु यह सब हम इंसानों की देन हे न की प्रभु की और हम इन रिश्तों में बंधते गए एवं आगे बढ़ते जा रहें हैं।
जहां तक में मानता हु कि यह उचित व्यवस्था है भी और नही भी! में इन रिश्तों को नही मानता और न इनमें बंधना चाहता हूं अगर कोई भी रिश्ता दिलों से बनता है तो वह बिलकुल सही है चाहे रिश्तों नातों में या शारीरिक रूप में।
चलिए अब बहुत लंबा चौड़ा कह चुका हूं मैं अब असली मुद्दे पर चर्चा करते हैं यानि मां पुत्र के मध्यंतर, दोस्तों अगर आप अपनी मां के साथ शारीरिक संबंध बनाते (चुदाई ) करते है तो आपको ये फायदे होंगे :-







पूर्ण सुरक्षा :- दोस्तो अगर आप अपनी मां कि योनि का भोग करते हैं तो आपको किसी प्रकार का सामाजिक पारिवारिक खतरा नहीं होगा क्यूंकि आप और आपकी मां के संबंध अती गोपनीय होंगे मतलब नो टेंशन ।





मर्दन करना:- दोस्तो मां के स्तनों को चूसने का दूसरा फायदा ये है कि आप अपनी मां की स्तनों की पूर्णतया सुरक्षा कर रहे होंगे कभी चूसकर कभी हाथो से दबा दबा कर इससे उनकी स्तनों की नसों में रक्त का संचार होगा जिससे भविष्य में कोई समस्या न होगी और उनके स्तनों में कठोर पन एवं आकार में वृद्धि होगी जिससे वह सुंदर एवं सुडौल काया में बदल जायेंगे।






किसी को शक नहीं होगा :- दोस्तो अपनी मां को भोगने का तीसरा फायदा ये है कि मां बेटे का संबंध कुछ ऐसा होता है कि कोई सोच भी नहीं सकता कि इन दोनों में शारीरिक सेक्स संबंध है जिसका सीधा फायदा आपको मिलेगा मतलब अगर आपके पिता घर पर है तो भी आप उनके पीछे उनकी बीवी को भोग सकते है और उन्हे बिल्कुल पता नहीं लगेगा। अगर आपके पिता कि मौजूदगी में अगर आपकी मां रात में आपके पास सोती है तो भी आपके पिता को बिल्कुल शक नहीं होगा कि आप रात में अपनी मां को अपने लंड से रात भर हवाई सैर करा सकते हो ।







हमेशा उपलब्धता :- दोस्तो अगर हम मर्द अपनी सेक्स कि प्यास बुझाने के लिए कोई साधन का इंतजाम करते भी हैं तो आपको एक निश्चित समय पर उनके साथ सेक्स करना पड़ता है लेकिन चिंता मत करिए क्यूंकि अगर आप अपनी मां को रगड़ रगड़ के चोद रहे हैं तो आपकी मां चौबीस घंटे आपके मूसल अपनी ओखलीं में लेने को तैयार होंगी आप कभी भी अपनी मां कि टांगे उठाकर जी भर कर उनकी ओखलीं का आनंद उठा सकते हैं।







कभी भी सेवा में हाज़िर :- दोस्तो अपनी मां के से संबंध बनाने का सबसे आकर्षक फायदा ये है कि अगर किसी कारणवश आप अपनी मां के साथ रति किर्या नहीं कर पा रहे तो फिर भी आपकी मां कभी भी आपको मुंह से लंड चूस कर मज़ा दे सकती हैं ।






योनि रस :- दोस्तो जैसा की हम सभी लोग योनि को चाटते हैं तो अगर आप अपनी मां की योनि का रसपान करते है तो इससे आपको अपनी मां की योनि से निकलने वाले अमूल्य अमृत का भोग खाने में बहुत आनंद आयेगा ।







दूध का मोल:- दोस्तो बचपन में हम सभी ने अपनी-अपनी माताओं का दूध भरपूर आनंद से पिया है और इस का ही फल है की हम स्वस्थ जीवन यापन कर रहे हैं तो अगर हम भी बड़े होकर अपनी माताओं का दूध फिर से पीना शुरू कर दे तो इससे हमें और उन्हें परमसुख का लाभ मिलेगा एवं माताओं के स्तनों में वृद्धि होगी जिससे उनके निप्पल कड़क हो जायेंगें ।







आनंद मई पल:- दोस्तो जैसा की आप जानते है हमारी माताएं कितनी कामुक और गदराही होती है ये सब हमारे पिता कि मेहनत का फल है जिन्होंने आपकी मां को हर रात दिन बिस्तर में रगड़ रगड़ कर उनके जिस्म को इतना रसीला बना दिया है।
इसका फायदा ये है कि अगर आप अपने जीवन में सबसे पहले अपनी मां कि योनि ही मार रहे हैं तो आपकी मां आपको पूरा आनंद देंगी साथ ही साथ वो आपको रतिकिर्या कला मे इतना माहिर बना देंगी की आप आसानी से मां की ओर किसी भी औरत कि चीखें निकल देंगे।






कोख भरने का आनंद:- दोस्तो अगर बेटा एवं माताएं थोड़ा रिस्क उठाए तो आप उन्हे फिर से बियाई (गर्भवती) कर सकते है जिसका फलरूपी बीज लाभ यह मिलेगा की बेटा फिर से अपनी मां का दूध स्वाद ले लेगा जो उसे बचपन में स्वाद याद नही रहा होगा पर अब वह जान सकेगा की मेरी मां के दूध का स्वाद केसा है ।







प्रजंन के छंड:- दोस्तो जब मां अपने ही बेटे के बच्चे को जन्म देने वाली होगी तो आप अपनी आंखो से इस अनमोल छंड को देख सकते हो और आनंद ले सकते हो जिस योनि से मां ने बेटे को जन्म दिया आज उसी योनि से उसी बेटे की संतान उत्पत्ति कर रही हैं और बेटे अनुमान लगा सकते हैं की वह भी इसी प्रकार बाहर आए होंगे।



और मुख्य बात मित्रों जो परम आनंद आपको अपनी मां कि योनि में मिलेगा वो दुनिया कि किसी चूत में नहीं दोस्तो हमारी माताएं वाकई मे बहुत महान है क्यूंकि उन्होंने बचपन में अपने उन्नत विकसित स्तनों से अपना अमृत रूपी रस यानी दूध पिलाकर हमारी भूख को शांत किया और जब हम बड़े हुए तो हमारी माताएं अपनी योनि का अमृत रस पिलाकर हमारी वासना को शांत करती रहती हैं, दोस्तो बड़े ही गर्भ की बात है कि जिस मां की कोख में हम नौ महीने तक रहते है वो हमें अपने खून से सींचती है कितनी दुःख पीड़ा सहन करती है और फिर हम एक शिशु रूप में उनकी योनिद्वार के रास्ते नौ माह के बाद बाहर आते है । धन्य है वो बेटे जिनकी माताएं निस्वार्थ भाव से जवान बेटे का लिंग अपनी योनि में लेकर अपने बेटे को दुनिया का सबसे परम आनंदमई सुख देती है , अगर बेटे अपनी माताओं को अपना अमृत रूपी वीर्य रस महीने में पांच सात बार भी पिलातें है तो इससे माताएं अत्यधिक स्वस्थ एवं सुन्दर हो जाएंगी और निरोगी जीवन यापन करते रहेगी ।
इसलिए सभी मित्र रूपी बेटो से विनम्र निवेदन है कि आप सभी अपनी माताओं को शारीरिक सुख शांति प्रदान करते रहे समाप्त 🙏 ।।।


आप अपने विचार व्यक्त करें और मुझे हौसला अफजाई बढ़ाए क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है अगर आप सभी बंधू जनों का प्यार मिला तो आगे भी निंतर कहानियां लिखता रहूंगा, आप मुझे मेल कर सकते हैं धन्यवाद!!!!
 
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Singh ravindar

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पता नही मेरी कहानी को क्यों रोका जा रहा है जबकि यहां पर इससे भी अधिक लेखन में कहानी मिल रहे हैं
 

Singh ravindar

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फोटो अपलोड केसे करें जरा भाई लोगो बताना मुझे जल्दी से
 
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Reactions: Deshi lund 9

Singh ravindar

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हाथ में रख लूं तेरी सारे जहां की खुशियां
अगर तुम खुशी खुशी हां कहदो तो सनम।।
 

Daark knight

खूबसूरत योनि से निकला.....
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माता के साथ यौन सुख प्राप्त करने से दोनो ही मां बेटे की काम वासना की तृप्ति हो जाती है और न मां बाहर पराई मर्द संग संभोग क्रिया कर गर्भवती होगी नाही पुत्र किसी और की मां बेटी पर बुरी नजर डालेगा...यह अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगा आने वाले समय में जब दिन प्रति दिन महिला की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे है.. अगर एक मां रात में पति को संतुष्ट करने के पश्चात अगर पुत्र से रति क्रीड़ा पूरी सहमति से पति की आज्ञा से करे तोह... पुरुष भी निश्चित हो कर घर से दूर काम हेतु जा पाएगा क्यू अब उसे पता ही की उसकी प्रियतमा को यौन सुख देने के हेतु उसका पुत्र सज है... दिन प्रति दिन पुरुष के लिंग से अमृत रूपी काम रस की मात्रा कम हो रही है इस में अगर माता उसके पुत्र के लिंग को योनि में प्रवेश कर के खुद पुत्र से गर्भवती हो सकती है और उसके खानदान के चिराग को पुत्र के विवाह से पहले ही घर को आग बड़ा देगी...और पुत्र भी बिना किसी डर ke माता को रोजाना अपने काम रस से नहला सकता है.....
 

Singh ravindar

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माता के साथ यौन सुख प्राप्त करने से दोनो ही मां बेटे की काम वासना की तृप्ति हो जाती है और न मां बाहर पराई मर्द संग संभोग क्रिया कर गर्भवती होगी नाही पुत्र किसी और की मां बेटी पर बुरी नजर डालेगा...यह अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगा आने वाले समय में जब दिन प्रति दिन महिला की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे है.. अगर एक मां रात में पति को संतुष्ट करने के पश्चात अगर पुत्र से रति क्रीड़ा पूरी सहमति से पति की आज्ञा से करे तोह... पुरुष भी निश्चित हो कर घर से दूर काम हेतु जा पाएगा क्यू अब उसे पता ही की उसकी प्रियतमा को यौन सुख देने के हेतु उसका पुत्र सज है... दिन प्रति दिन पुरुष के लिंग से अमृत रूपी काम रस की मात्रा कम हो रही है इस में अगर माता उसके पुत्र के लिंग को योनि में प्रवेश कर के खुद पुत्र से गर्भवती हो सकती है और उसके खानदान के चिराग को पुत्र के विवाह से पहले ही घर को आग बड़ा देगी...और पुत्र भी बिना किसी डर ke माता को रोजाना अपने काम रस से नहला सकता है.....
बिलकुल मित्र आपका सुझाव बेहद खूबसूरत हैं आजकल के तनाव भरी जिंदगी में मां के साथ मिल जाना अत्यंत महत्वपूर्ण बात है, में कही परिवार से मिला हु जो इस काम रूपी रस का अमृत पान कर रहे हैं जो बिलकुल सही है
 
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