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मेरी सोच अपनी मां के लिए सही है ( काल्पनिक विचार) बाकी सब की मर्जी )

आपकी मां महीने में लगभग कितनी बार सेक्स करती है?


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Kutumbh

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मां बेटा का मिलाप कभी नहीं साधारण नही होता.. अगर ऐसा अवसर आया की मां की योनि में प्रवेश कर पाए..तो सब से पहले मां को पूरी तरह से नग्न अवस्था में ले आना सब से उचित है... और उसके बाद खुद भी मां को समर्पित कर देते हुए हमे मां के चरणों में अपना सर मेरे देना चाहिए और धीरे धीरे से हमे मां की योनि को प्यार देते हुए उनके माथे को चूम लेना चाहिए...इस करते हुए हमें मां को बार बार ये याद दिलाना है की जिस के साथ वो आज यौन संबंध बनाने जा रही है वो उसका खुद ka बेटा है जो कभी उसकी छोटी सी योनि चीरता हुआ अंदर से बाहर आया था और आज फिर से बच्चे दानी में जाने वाला है...मां थोड़ा बहुत आना कानी करे तो ये बेटे का फर्ज है की मां को इतना कस के जकड़ ले की मां हिल भी न पाई...और मां की योनि में धीरे धीरे से थक्के मारते हुए योनि प्रवेश करे..योनि ने तब तक उदर जाई जब तक आप का लिंग पूरी तरह से मां की योनि एम खो ना जाय... और मां को पूरी तरह से निचोड़ दें..उसके स्तन को काटो चूसो करोड़ों लेकिन मां की सिसकारियां एक पल के लिए भी थमनी नही चाहिए...और अपना सारा पानी मां की योनि को सींच देना चाहिए..एक बूंद भी मां की पवित्र योनि से बाहर न आने पाई... आखिर में मां के गले तथा पीठ पीछे अपने दात से काटे और उसे बहोत से प्यार और दर्द भरे निशान प्रदान करे...ताकि वो निशान आप के पापा देखे और समझ ले कि अब उसे पापा की जरूरत नही....
बहुत सुंदर विचार है आपके मित्र: में भी कोशिश में लगा हुआ हूं की कब मेरी तलवार मां की म्यान में जाएं, कब में मेरी मां की योनि को अपने वीर्य रस से सराबोर करूं ताकि उसमे फिर से बाहर आ जाएं।
पापा का लंड मेने एक बार देखा था इत्तफाक से देखने में छोटा लग रहा था उसी से अंदाजा लगाया हूं की अब मुझे अपनी मां को अपना बड़ा हथियार समर्पित करना चाहिए ताकि मां की सुखी पड़ी चूत में फिर से बाहर आ जाएं। में खुद चाहता हूं की में मां की चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दूं । पर मित्र अभी तलक बस इंतजार कर रहा हूं उस पावन अवसर का ।
 
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बहुत सुंदर विचार है आपके मित्र: में भी कोशिश में लगा हुआ हूं की कब मेरी तलवार मां की म्यान में जाएं, कब में मेरी मां की योनि को अपने वीर्य रस से सराबोर करूं ताकि उसमे फिर से बाहर आ जाएं।
पापा का लंड मेने एक बार देखा था इत्तफाक से देखने में छोटा लग रहा था उसी से अंदाजा लगाया हूं की अब मुझे अपनी मां को अपना बड़ा हथियार समर्पित करना चाहिए ताकि मां की सुखी पड़ी चूत में फिर से बाहर आ जाएं। में खुद चाहता हूं की में मां की चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दूं । पर मित्र अभी तलक बस इंतजार कर रहा हूं उस पावन अवसर का ।
इंतजार कायर करते ही मित्र... मां के दीवाने तो रात दिन मां को अपनी तरफ आकर्षित करने के हेतु से मां को जमीन पे पैर भी नही रखने देते... कहते हे की बेटे का प्यार दुनिया का सब से खूबसूरत प्यार होता है... मां के उजड़ी हुए योनि रूपी खेत में एक अपने लिंग से वीर्य रूपी पानी से मां के खेत को सीच के फिर से हराभरा करने का सामर्थ रखता है.. मां को हमे इतना प्यार देना ही की वो बस इतना बोले कि " बेटा बस कर नही तो तेरी मां फिर से गर्भवती हो जायगी"
 

Kutumbh

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इंतजार कायर करते ही मित्र... मां के दीवाने तो रात दिन मां को अपनी तरफ आकर्षित करने के हेतु से मां को जमीन पे पैर भी नही रखने देते... कहते हे की बेटे का प्यार दुनिया का सब से खूबसूरत प्यार होता है... मां के उजड़ी हुए योनि रूपी खेत में एक अपने लिंग से वीर्य रूपी पानी से मां के खेत को सीच के फिर से हराभरा करने का सामर्थ रखता है.. मां को हमे इतना प्यार देना ही की वो बस इतना बोले कि " बेटा बस कर नही तो तेरी मां फिर से गर्भवती हो जायगी"
इंतजार में जो मज़ा है मित्र....किसी और में नही है, प्यार हमेशा प्यार के तरीके से करना चाहिए जबरदस्ती नहीं क्योंकि इससे इंसान नजरो से गिर जाता है और में नही चाहता कि में अपनी मां की नजरों में गिरूं चाहे कितना भी समय लगे में इंतज़ार करूंगा जब मां खुद मेरी ओर समर्पित होगी तभी में उनकी शारीरिक जरूरत को पूरा करूंगा तो इसलिए मित्र इंतज़ार करुंगा क्योंकि कहते हैं न कि इंतजार का फल मीठा होता है। हां मां को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करता रहूंगा इसके लिए नए नए उपाय करूंगा जिससे देर सवेर वो मान जायेगी ।
 
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इंतजार में जो मज़ा है मित्र....किसी और में नही है, प्यार हमेशा प्यार के तरीके से करना चाहिए जबरदस्ती नहीं क्योंकि इससे इंसान नजरो से गिर जाता है और में नही चाहता कि में अपनी मां की नजरों में गिरूं चाहे कितना भी समय लगे में इंतज़ार करूंगा जब मां खुद मेरी ओर समर्पित होगी तभी में उनकी शारीरिक जरूरत को पूरा करूंगा तो इसलिए मित्र इंतज़ार करुंगा क्योंकि कहते हैं न कि इंतजार का फल मीठा होता है।
मेरा कहना हैं कि मां की अनुमति से ही मां के साथ यौन संबंध बनाना लेकिन हर दिन मां के करीब जाने की कोशिश करते रहोगे तभी मां भी कुछ खुलेगी... नही दोनो बस इसी इंतेज़ार में रहोगे की...बेटा कुछ करगा तब में उसे करने दूंगी और बेटा ...मां कुछ ईसरा देगी tab me karunga
 
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Rahul hell

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Mene lund uski gand se touch krwaya kai baar aur koi nhi hota to aage se uska pet bhi daba deta hu.. wo janti sab he me kya chahta hu.. bhai yaha rahta he to thoda usko bhav deti he.. wo kuchh dino me chala jaega.. fir sali mujhse aage hoke chipkegi.. cleavage dikhayegi fir iska saree ka pallu bhi bohot fisalta he aur fir line pe aa jati he sali.. isko pakad ke chodunga iski peeth aur doodh pe bite kr ke us mc bhai ko pic bhejunga
Okay... मतलब भाई यहां नही रहता तभी मां ज्यादा उसके करीब है, इसका मतलब यह है की मां तुम दोनो से चुद्ना चाहती है, शायद एक साथ भी, लेकिन पहले भाई को पटना पड़ेगा अगर भाई मान जाता है तो मां को पेलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। और अगर मां मान जाती है चुदने को तो कोई दिक्कत ही नहीं।
 
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Okay... मतलब भाई यहां नही रहता तभी मां ज्यादा उसके करीब है, इसका मतलब यह है की मां तुम दोनो से चुद्ना चाहती है, शायद एक साथ भी, लेकिन पहले भाई को पटना पड़ेगा अगर भाई मान जाता है तो मां को पेलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। और अगर मां मान जाती है चुदने को तो कोई दिक्कत ही नहीं।
Sahi kaha do bhai ek aage se ek piche se maa ko pyar de toh maa kese mana karegi...
 

Kutumbh

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मेरा कहना हैं कि मां की अनुमति से ही मां के साथ यौन संबंध बनाना लेकिन हर दिन मां के करीब जाने की कोशिश करते रहोगे तभी मां भी कुछ खुलेगी... नही दोनो बस इसी इंतेज़ार में रहोगे की...बेटा कुछ करगा तब में उसे करने दूंगी और बेटा ...मां कुछ ईसरा देगी tab me karunga
में आपकी बात समझ चुका हूं मित्र..पर अभी माहौल बिलकुल सही नहीं है तो इसलिए वेट करने के अलावा कोई चारा नहीं है मेरे पास..पर जैसे ही सब कुछ अच्छा होने लगेगा तो फिर में मां.. से बात करूंगा।
 
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