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कहानी का नया अपडेट 32
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Gjb lajawab jabrdast hot update
Shaandar jabardast super hot erotic update![]()
Zabardast update bhai
Bahut jamela hai bhai. Jab ammi ko sochte hue padte hai toh Jamila wala scene aajata hai aur ab Jamila ke andar ghusta hai toh anila mze le rahi hoti hai
lajawab aur mast update!
ekdom gajab aur damadar update, bahut bahut mazadar aur mast story!
superb update, mast story, chamatkar writings! Hats off!
superb aur bahut badiya update
Really classic writings!
Awesome update
Lovely story![]()
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ekdom superb aur zabardast update!
THE WAY YOU SWITCH FROM REAL TIME EVENT TO FANTASY AND TO PAST EVENTS, IT IS AMAZING. I AM REALLY LIKING IT. PLEASE DO NOT KILL THE STORY MIDWAY. YOU ARE GOING GREAT.
Are from Bangladesh? Because your name
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Shaandar Mast Lajwab UpdateUPDATE 009
: क्या हुआ कोई है क्या ( मोबाईल स्क्रीन पर रेशमा मैम के मैसेज चेक करता हुआ मै बोला )
: कोई दिख नहीं रहा है यार और होगा ही कौन अम्मी के सिवा घर पर कोई नहीं ( मैने नजर उठा कर दरवाजे की ओर देखा ,
सामने हल्की विजिबल नाइटी में अलीना के अपने चूतड़ फेंके हुए दरवाजे से बाहर झाक रही थी और उसकी बड़ी सी फैली हुई गाड़ साफ़ साफ़ उसकी शॉर्ट नाइटी से झलक रही थी और मेरा बेकाबू लंड एक बार फिर से फडफड़ाने लगा ।)
मै धीरे से चादर से पूरा नंगा बाहर निकला और चुपके से अपना लंड सीधा उसके गाड़ के फाकों में रगड़ता हुए चूत के मुहाने तक ले गया और वो सिसक पड़ी
: सच में कोई नहीं है ( मै उसके कान के पास फुसफुसाया )
: ऊहू नहीं है मेरी जां ( वो पूरी तड़पड़ी सिसकती हुई मेरे सुपाड़े से अपनी चूत को फैलता महसूस कर रही थी )
: अह्ह्ह्ह्ह देखते रहना है ठीक है ( और मै पीछे से उसके नरम नरम चूतड़ थामता हुआ उसके चूत में लंड पेलने लगा )
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हा बाबू देख रही हू ओह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म कितना टाइट है आह्ह्ह्ह ( वो दरबाजे के गेट के सहारे झुकी हुई मेरा लंड अपनी चूत में महसूस करती हुई बोली )
मै सटासट उसकी बुर में लंड पेले जा रहा था और वो अकड़ती जा रही थी , उसकी चूत से रस उसकी जांघों को तर किए जा रही थी मै भी चरम तक आ गया फिर उसने अपने रसीले लबों से मेरे लंड को साफ किया और बाथरूम में घुस गई ।
इधर रेशमा मैम को मैने रिप्लाई नहीं किया तो चिंता में काल करने लगी
मैने फोन पिक किया
: जी सॉरी मैम वो थोड़ा बिजी था तो मैसेज का रिप्लाई नहीं कर पाया
: अच्छा ठीक है कोई बात नहीं , तुम अच्छे से पहुंच गए न ( वो फिकर में बोली )
: हा , और थैंक यू मैम आपने मेरे लिए इतना सब और वो केबिन में देखा मैने आहूजा सर कैसे ?
: छोड़ो ना वो सब , ये बताओ जिस काम के लिए गए थे वो हुआ
: अह हा हो ही गया है क्यू ?
: अरे यार वो कार शो रूम वाले मेरी गाड़ी ऑफिस के जगह फ्लैट पर भिजवा दी तो क्या तुम मुझे पिक कर लोगे ?
: हा लेकिन ऑफिस से डायरेक्ट, कही किसी ने देख लिया और कंप्लेन हो गई तो ?
: अच्छा ठीक है जब मैं तुम्हे फोन करु तो VENUS माल आ जाना , ठीक है ?
: हा फिर ठीक है ?
: ओके बाय , इंजॉय हीहीही
: क्या मैम आप भी ( मै भी मुस्कुरा दिया )
शाम ढल रही थी और मै रेशमा मैम के फोन का इंतजार कर रहा था
चिंता हो रही थी कही उन्हें समय से गाड़ी नहीं मिली इसीलिए फिकर में मै सिराज के घर से निकल गया विनस माल की ओर
घड़ी में अभी 6 बजने में समय था माल के कैफेटेरिया में मै टाइम पास करने लगा कि मेरी नजर बाहर सड़क के दूसरी तरफ होटल सुमित पर गई जहां से रेशमा मैम बाहर निकल रही थी छिपते छिपाते और वो फिर एक चार पहिया वाहन में आगे बैठ गई ।
गाड़ी देखते ही मेरी आंखे फेल गई क्योंकि ये गाड़ी तो मेरे सीनियर आहूजा की थी
मै भी लपक कर अपनी बाइक से गाड़ी के पीछे हो लिया और वो गाडी रेशमा मैम के घर की ओर ना जाकर किसी और ही रोड पर घूम गई और सड़क के कही गुम सी हो गई ।
मै उस गाड़ी का पीछा करने लगा
मुझे फिकर सी हो रही थी और मन उदास भी था कि उन्होंने ये बात मुझसे क्यों छिपाई ।
कुछ देर बाद बाजार की भीड़ से निकलते ही एक बार फिर उनकी बड़ी सी गाड़ को बाइक से कैरियर से लटकते देखा और अम्मी के सूट को देखते ही मै दुबारा से उनको पहचान गया मगर इस बार मेरी नजर बाइक चला रहे शक्श पर भी जिसके लिए मै अम्मी का पीछा कर रहा था । वो शक्श कोई और नहीं हमारे फैमिली डॉक्टर रहीम अंकल के हॉस्पिटल का स्टाफ था । जिसे मैने कई बार उनके केविन ने देखा था ।
अब मेरी चिंता और बढ़ गई लेकिन मैं अम्मी के पास जा नहीं सकता था और ना ही उनको बता सकता था कि आज मैने क्लास दुबारा से उनको देखने के लिए बंक मारी थी ।
अजीब कशमकश थी मै वापस घर के लिए घूम गया था
यकीन नहीं हो रहा था कि रेशमा मैम मुझे बुला कर उस आहूजा के साथ निकल जाएंगी
आज खाना बनाने का मूड भी नहीं हो रहा था और 8 बजे के करीब सिराज का फोन आया ।
: क्या बे साले घर ही आना था बताया क्यों नहीं ( जरूर सिराज की अम्मी ने बताया होगा मैने सोचा )
: हा यार बस ऐसे कुछ फाइनल करना था अलीना से ( मै उखड़ कर बोला )
: तो फिर शादी कब कर रहा है साले , हरामी मुझे तो शक था कि तू भी पसंद करता ही है ( सिराज हंसता हुआ बोला )
: भाई बाद में बात करे ( मै उसकी बातों को एकदम से नकारते हुए कहा )
: क्या हुआ , घर से कुछ हुआ क्या
: क्या हुआ बोल न (मै चुप रहा तो सिराज ने दुबारा से सवाल दोहराया )
: अह नहीं ऐसा कुछ भी है , एक फोन आ रहा है जरूरी है । मै बाद में फोन करता हु ( मैने मोबाइल स्क्रीन पर आ रही रेशमा मैम के फोन को देख कर बोला )
: ठीक है , फोन करना रखता हु
( मै भी उसको बाय बोल कर रेशमा मैम का फोन पिक किया )
: जी मैम, वो आपका फोन नहीं आया
: ओह सॉरी सॉरी शानू , दरअसल वीनस माल के बाहर मेरी एक सहेली मिल गई तो मैं उसके साथ घर चली गई , तुम वहा आए तो नहीं थे ।
: जी ? जी नहीं , आपने कहा था फोन करने को तो ( पराया सा महसूस हुआ जब रेशमा मैम ने अहूजा सर को अपनी सहेली का नाम दे दिया , मुझसे भी क्या छिपाना भला )
: अच्छा किया , वैसे तुम हो कहा ?
: अभी अभी घर पर आया हु मैम, कहिए ?
: नहीं कुछ नहीं , अच्छा तो मैं रखूं सब वेट कर रहे है ( वो जल्दबाजी भरे लहजे में बोली )
: जी , ओके मैम गुड नाइट
: कौन था रेशमा ( मोबाइल से काल कटने से पहले आखिरी आवाज आई जो कि किसी मर्द की और उस मोटी आवाज के मालिक को मै अच्छे से जान रहा था )
मै मोबाइल बिस्तर पर फेक कर लेट गया
पराया सा महसूस हो रहा था आज , बार बार जहन में वो झलकियां उभर आ रही थी जो मैने आज बाजार में देखी थी , अम्मी की तबियत खराब है और उन्होने एक बार भी मुझसे जिक्र तक नहीं किया और वो खातून जो पराए मर्द की आंखों से भी पर्दा करती है वो आज किसी गैर के मोटरसाइकिल पर बाजार में घूम रही थी ।
अजीब कशमकश थी कुछ देर बाद अम्मी घर आ चुकी थी और हैरान थी कि मैं समय से पहले घर पर था ।
: अरे बेटा आज जल्दी घर आ गया ( खुद के हाव भाव ज़ाहिर न हो इसीलिए वो मुझसे नजरे चुराते हुए अपने कमरे में जाने लगी )
: जी अम्मी आज हॉफ डे था ( मैने साफ साफ उन्हें जताया कि मुझे पता है कि वो दोहपर से गायब थी )
: अच्छा , वो आज तेरी मामी ने बुलाया था जरा और उसकी तो बातें ही खत्म नहीं होती है। ( अम्मी झूठ की हसी चेहरे पर ला रही थी और फिर बाथरूम में चली गई )
उनके बाथरूम में घुसते ही मै भी लपक कर उनकी बैग चेक करने लगा और मुझे कुछ मलहम के ट्यूब और एक छोटी लिक्विड बोतल दिखी । बाथरूम में फ्लश की आवाज पाते ही मै सतर्क होकर जस का तस बैग रख दिया और हाल में बैठ गया ।
अम्मी ने जरा भी जाहिर नहीं किया कि वो कहा से आई थी और क्या करने गई थी और मै भी चुप ही रहा जैसे सब कुछ सामान्य ही हो ।
कुछ देर बाद मै अपने कमरे में और वो मलहम और तेल के बारे में सर्च करने लगा ।
पता चला कि ये दोनों मलहम और तेल एक तरह की दवाई है जो उन महिलाओं के लिए उपयोगी है उनकी बढ़ती उम्र और अधिक वजन होने से स्तन के साइज बढ़ जाते हैं या फिर सही फिट की ब्रा नहीं पहनने से स्तन मांसपेशियों में खिंचाव का असर निपल्स पर पड़ता है जिससे वह दर्द होने लगता है । तेल से पूरे स्तन की मालिश करनी होती है और निपल्स एरिया में वो ट्यूब लगानी होती है।
दवाओ के बारे पढ़ते ही ना जाने क्यों लंड एकदम उफान पर था , अम्मी के बड़े बड़े चूचे अब उन्हें ही तंग करने लगे थे ,
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी मुझसे कहती आपके चूचे पूरे दिन हाथ में थामे रखता मै , जरा भी दर्द नहीं होता उन्हें अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई ( मै हल्की बुदबुदाहट में अपना मूसल भींचता हुआ दोनों टांगे फैला कर अंगड़ाई लेने लगा )
तभी नीचे से अम्मी की आवाज आई और मै नीचे चला गया । खाने के बाद रोज की तरह आज भी अम्मी मोबाइल मांगने मेरे कमरे में आने वाली थी मगर आज मैने भी तैयारी कर ली थी , अम्मी को भनक न लगे
इसीलिए जैसे ही उनके आने की आहट मिलनी शुरू हुई मैने मोबाईल में पहले से ही डाउनलोड की हुई स्क्रीन रिकॉर्डर ऐप को स्टार्ट कर दिया और उसके आइकन को हटा दिया , अब पूरे मोबाईल की गुप्त रूप से स्क्रीन रिकॉर्डिंग चालू हो गई थी ।
अम्मी अभी भी उसकी सूट सलवार में थी जो पहन कर वो बाजार में गई थी
अम्मी आती इससे पहले मै बिस्तर पर अपना बाजार सजा चुका था और स्कूल के प्रोजेक्ट की लिखा पढ़ी करने लगा
: पढ़ते हुए सो मत जाना , ये दूध पी लेना ( अम्मी दूध को टेबल पर रखते हुए मेरे पास से मोबाइल उठाती हुई बोली )
: अम्मी बात करके थोड़ा जल्दी दे देना , मुझे प्रोजेक्ट की वीडियो देखनी है ( मै अम्मी की ओर देख कर बोला )
: अच्छा !!! ( उनका चेहरा एकदम उतर गया था और पहले वो मोबाइल वापस रखने को हुई मगर कुछ सोच कर )
: ठीक है मै तेरे अब्बू से बात करके तुझे दे जाऊंगी
: ठीक है अम्मी ( मै बिना उनकी ओर देखे बोला )
फिर अम्मी कमरे से बाहर जाने लगी और मैं उनके भारी भरकम कूल्हे देख कर मुस्कुराने लगा ।
कुछ देर बाद मै दबे पाव सीढ़िया सरकता हुआ नीचे आने लगा ,
अम्मी के कमरे से हल्की फुल्की आवाजे आ रही थी फोन स्पीकर ही रहता था अक्सर इन दिनों ।
मै धीरे धीरे खिड़की के पास चला गया
: और खबरदार आगे से मुझे किसी गैर के साथ भेजा तो , कितना अजीब लग रहा था और सब घूर रहे थे
: अच्छा ठीक है मेरी जान , आगे से रहीम को बोल दिया करूंगा वो घर पर ही चेकअप के लिए आ जाया करेगा
: नहीं नहीं नहीं , मुझे कुछ नहीं चेक करवाना अब ( अम्मी खड़े लहजे में बोली)
: क्यों क्या हुआ ?
: ओहो देखो तो भोलू को , आपको नहीं पता क्या हुआ क्या नहीं ? हुह ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली और मुझे हसी सी आई अम्मी के नखरे पर )
: अरे सच में मेरी अभी रहीम से कोई बात नहीं हुई , बताओ न क्या कहा उसने ?
: आपके दोस्त ने आज मेरे जोबन में डाका डाल दिया था
: क्या ? ( अब्बू चौके और मै भी , अम्मी की मीठी खनक भरी हंसी भी आई )
: क्या हुआ साफ साफ बोलो न ( अब्बू फिकर में बोले )
: अरे अब जांच करवानी थी करवा ली , बोल रहे थे कि वजन बढ़ गया है मेरे तबेले का ( अम्मी ने अब्बू को छेड़ा )
: तो क्या उसने हाथ लगा कर चेक किया ? ( अब्बू हिचकते हुए बोले और अब्बू की बातें सुन कर मेरा लंड इस बात के लिए फड़फड़ाने लगा कि अम्मी के मुलायम बड़े बड़े रसीले मम्मों को रहीम अंकल ने कैसे हाथों में लेके सहलाया होगा )
: नहीं ? लेकिन मुझे सूट ऊपर करना पड़ा था ( अम्मी उखड़ कर बोली )
: फिर ? ( अब्बू की गहराती सांसे साफ स्पीकर पर पता चल रही थी )
: उन्होंने मेरे दोनों निप्पलों को गौर से देखा कि कही सूजन और लाली तो नहीं
: फिर ? ( अब्बू के साथ साथ मेरी भी बेचैनी बढ़ने लगी थी )
: फिर क्या फिर क्या ? मेरा कलेजा भीतर से कांप रहा था कही आपके दोस्त का ईमान न डोल जाए
: अरे नहीं रहीम अच्छा डॉक्टर है , वो ऐसा नहीं है
: हा बड़े आए ऐसा नहीं है , देखा मैने कैसे मेरे सूट ऊपर होते ही आंखे चमक उठी थी उनकी ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
अम्मी की बातें सुनकर मेरा हाथ जोरो से लंड मसलने लगा था कि अम्मी ने आज पहली बार अब्बू के अलावा किसी गैर मर्द के आगे अपने चूचे नंगे किए थे।
: अच्छा ठीक है , ये बताओ कुछ दवा वगैरह दिया है या नहीं ( अब्बू ने बात बदलते हुए कहा )
: हा यही दोनो दिए है , एक तेल है और एक मलहम है
: तो लगाओ न मेरी जान
: धत्त बदमाश मै नहीं दिखाने वाली आज , हूह ( अम्मी लजाए और इतराई )
इधर मेरा लंड और दिल दोनो खुश हो गए कि अब असल पार्ट रिकार्ड होगा ।
: प्लीज जान दिखाओ न , देखूं तो कही लाली तो नहीं तुम्हारे निप्पल में
: अच्छा डॉक्टर साहब आप भी जांच करेंगे क्या मेरी ( अम्मी की आवाज में एक मस्ती थी )
: हा , मैडम जरा अपना सूट ऊपर कीजिए और अपने स्तन दिखाइए
: अह्ह्ह्ह्ह लो डॉक्टर साहब देख लो , ना जाने क्यों मेरे निपल्स में दर्द रहता है ( अम्मी की बातों में शरारत झलक रही थी )
: हम्मम थोडा और करीब आइए जरा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई अच्छे से देखिए ना डॉक्टर साहब , देखिए ना जाने क्यों ये टाइट हो जाता है उम्मम्म
अम्मी की गरमाहट भरी बातें सुनकर मेरा लंड और अकड़ने लगा उसपे से अम्मी अब्बू की गजब की कैमिस्ट्री थी सेक्स को लेकर
: ओह्ह्ह्ह मैडम जी आपके स्तन काफी तंदुरुस्त और भरे भरे है , आपके शौहर को खासा लगाव होगा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह डॉक्टर साहब सही कह रहे है वो तो सारी सारी रात उन्हें मुंह लेके चूसते रहते है उम्मम्म ओह्ह्ह्ह हाथ लगा कर देखिए न डॉक्टर साहब क्या हुआ मेरे चूची में
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी आपके चूचे तो कमाल के लग रहे है , जरा इनकी मालिश कीजिए न , आराम मिलेगा
: हा क्यों नहीं , अह्ह्ह्ह्ह लीजिए ओह्ह्ह काफी ठंडा सा है उह्ह्ह्ह ( अम्मी सिसकी)
: हा अच्छे से लगाइए हा पूरे चूचे पर मलिए ऐसे ही , वाह तेल ने तो आपके दूध को और भी गोरा कर दिया है मैडम , आपको देख मुझे कुछ कुछ हो रहा है
: उम्मम सच में , इन्हें देख कर क्या
वीडियो में अम्मी अब्बू को अपने पूरे चूचे पर तेल मल कर निप्पल पर उंगली घुमा रही थी और बंद कमरे में मै उनकी वीडियो देख कर लंड हिला रहा था ।
वही अब्बू भी सामने से अपना मोटा मूसल निकाल चुके थे , अब्बू के मूसल को देखते ही अम्मी के जिस्म में गजब सी हलचल दिख रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब बड़ा मोटा सिरिंज है आपका , हाय दैय्या उफ्फ कितना बड़ा और मोटा उम्मम ( अम्मी वीडियो कॉल पर अब्बू के सामने अपने बदन को सहलाने लगी थी और देखते ही देखते सलवार खोलने लगी )
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी जरा घूम कर अपना मखमली कूल्हा तो दिखाओ , तभी न इलाज करूंगा अपने इस मोटे इंजेक्शन से ( अब्बू वीडियो कॉल पर अपना लंड तेल से लिपते हुए बोले )
: हा क्यों नहीं लो , लगा दीजिए डाक्टर साहब अह्ह्ह्ह्ह ( अम्मी घूम कर मोबाइल को अपने बड़े से नंगे चूतड़ के पास ले गई और उनकी बड़ी सी नंगी गाड़ को इतना पास से देख आकर मेरा लंड एकदम से बगावत पर आ गया ,
अम्मी के गाड़ की फैली हुई दरारें देख मुंह में पानी भरने लगा और वही अब्बू भी अपना सुपाड़ा खोल कर मोबाइल कैमरा के करीब लाकर अम्मी के कूल्हे में अपनी मोटी सुई लगाने लगे )
: ओह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब आराम से बहुत मोटा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म , आगे डाल दो न ( अम्मी ने मोबाइल आगे रख दिया और अपनी जांघें खोलते हुए अपना फूला हुआ झांटों से ढका भोसड़ा अब्बू के आगे मोबाइल में परोस दिया )
: उम्मम्म मैडम क्या बात है , लेकिन आपने इसकी काफी समय से सफाई नहीं की है क्या ,कुछ साफ साफ दिख नहीं रहा ( अब्बू मोबाईल पर अपना लंड मुठियाते हुए बोले )
: मुझे डर लगता है कही रेजर से कट न जाए , ऐसे देख लीजिए न डॉक्टर साहब ( अम्मी अपनी चूत के दाने को सहलाते हुए अपने झाटों से भरी चूत के फांके खोलकर दिखाने लगी उनकी गुलाबी चूत का दीदार करते हुए मेरे सबर का फब्बारा फूट पड़ा
और एक एक करके पिचकारी छोड़ता रहा
वही मोबाइल पर अम्मी अब्बू के आगे अपनी चूत मसलती रही
मै झड़ते हुए थक कर सो गया
अगली सुबह नीद खुली तो जोरो की भूख लगी थी , नहा धो कर बाहर नाश्ता कर निकल गया मै ऑफिस के लिए
कल जो कुछ भी हुआ उसे याद कर मुझे ऑफिस जाने का मन नहीं हो रहा था , मगर नौकरी करनी ही थी
मन मारकर मै भी ऑफिस पहुंचा
पार्किंग में रेशमा मैम गाड़ी लगाती हुई दिखी। आज एक अलग ही चमक सी थी उनके चेहरे पर और टाइट जींस में वो कहर ढा रही थी । देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगे ऐसे बाहर निकले हुए चूतड़ ।
: हाय शानू ( वो चेहरे से सनग्लासेज उतारते हुए बोली )
: जी गुड मॉर्निंग मैम ( मै जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाते हुए बोला )
: गुड मॉर्निंग गुड मॉर्निंग, तो कैसी रही डेट तुम्हारी कल ( वो इतराती हुई बोली )
: मेरी छोड़िए आपकी कैसी रही ( ना चाहते हुए न जाने क्यों मन का दर्द जुबान से निकल ही पड़ा )
: सॉरी , मेरी डेट ? मै समझी नहीं ? ( उनके चेहरे के हाव भाव उड़े हुए थे और मै उनकी ओर जरा भी नहीं देख रहा था )
: ये तुम क्या कह रहे हो शानू ? ( वो जबरन हसने की कोशिश करती हुई बोली )
: कुछ नहीं , आइए चलते है
: तो तुमने कल देखा था मुझे है न ( लिफ्ट में ऊपर जाते हुए वो बोली)
: हम्म्म, वैसे मुझसे छिपाने जैसे क्या था उसमे ( मैने नेक्स्ट फ्लोर के लिए बटन दबाया )
: सॉरी बाबा , वो बस सर के यहां छोटी सी पार्टी थी तो चलने की जिद करने लगे तो ( वो सफाई देते हुए बोली )
: पार्टी होटल में थी या घर पर उनके
: शानू ? तुम कहना क्या चाहते हो ? देखो तुम जो सोच रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है और तुम .... ( इससे पहले वो और कुछ भड़क कर बोलती हमारा फ्लोर आ गया और हम दोनो चुप हो गए क्योंकि सामने से दूसरे स्टाफ लिफ्ट में घुस रहे थे )
: तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो छीइई ( वो लगभग आंखे छलकाती हुई अपने केबिन में चली गई और मै मेरे काउंटर पर )
अजीब कशमकश सी हो गई थी , आहूजा जैसे कमीने को मै अच्छी तरह से जानता था आज तक उसके रडार में आई कोई भी महिला बच नहीं सकती थी फिर कैसे यकीन करता कि रेशमा मैम साफ पाक थी ।
समझ नहीं आ रहा था क्या करूं, दिल ही दिल रेशमा मैम को रुलाने का दुख अलग ही टीस उठा रहा था ,
हारकर मैने उन्हें सॉरी का मैसेज कर दिया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया शाम तक ।
ऑफिस में आज काम बहुत था रेशमा मैम मेरे काउंटर से निकलती हुई मोबाईल पर मैसेज की
" पार्किंग में मिलो "
मेरी फटने लगी कि क्या होगा , कही वो और न भड़क जाए । पहले से इस ऑफिस में उनकी वजह से आहूजा के प्रताड़ना से बच रहा हु , हर बार वो मेरे लिए एक ढाल के जैसे खड़ी रही है और आज मैने उनके साथ क्या किया । बहुत कचोट रहा था दिल मेरा मुझे ।
हिम्मत कर मै अपना काउंटर बंद कर पार्किंग में आया
: गाड़ी में बैठो ( वो पूरे हक से बोली और मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं मना कर पाऊं )
: कहा जा रहे है हम ? और मेरी बाइक ? ( मेरे जहन में कई सवाल थे )
: बाइक यही रहेगी कल ले लेना आज तुम मेरे साथ चल रहे हो
: क्या ? लेकिन मैं कैसे ?
: कॉफी का वादा भूल गए ( वो मुस्कुराई )
: क्या मैम आप भी डर गया मै तो हेहेहेे ( मै गहरी सांस लेता हुआ बोला और गाड़ी उन्होंने अपने फ्लैट की ओर ले लिया । )
जारी रहेगी
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Jaandaar shaandar update bhai maza aa gayaUPDATE 009
: क्या हुआ कोई है क्या ( मोबाईल स्क्रीन पर रेशमा मैम के मैसेज चेक करता हुआ मै बोला )
: कोई दिख नहीं रहा है यार और होगा ही कौन अम्मी के सिवा घर पर कोई नहीं ( मैने नजर उठा कर दरवाजे की ओर देखा ,
सामने हल्की विजिबल नाइटी में अलीना के अपने चूतड़ फेंके हुए दरवाजे से बाहर झाक रही थी और उसकी बड़ी सी फैली हुई गाड़ साफ़ साफ़ उसकी शॉर्ट नाइटी से झलक रही थी और मेरा बेकाबू लंड एक बार फिर से फडफड़ाने लगा ।)
मै धीरे से चादर से पूरा नंगा बाहर निकला और चुपके से अपना लंड सीधा उसके गाड़ के फाकों में रगड़ता हुए चूत के मुहाने तक ले गया और वो सिसक पड़ी
: सच में कोई नहीं है ( मै उसके कान के पास फुसफुसाया )
: ऊहू नहीं है मेरी जां ( वो पूरी तड़पड़ी सिसकती हुई मेरे सुपाड़े से अपनी चूत को फैलता महसूस कर रही थी )
: अह्ह्ह्ह्ह देखते रहना है ठीक है ( और मै पीछे से उसके नरम नरम चूतड़ थामता हुआ उसके चूत में लंड पेलने लगा )
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हा बाबू देख रही हू ओह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म कितना टाइट है आह्ह्ह्ह ( वो दरबाजे के गेट के सहारे झुकी हुई मेरा लंड अपनी चूत में महसूस करती हुई बोली )
मै सटासट उसकी बुर में लंड पेले जा रहा था और वो अकड़ती जा रही थी , उसकी चूत से रस उसकी जांघों को तर किए जा रही थी मै भी चरम तक आ गया फिर उसने अपने रसीले लबों से मेरे लंड को साफ किया और बाथरूम में घुस गई ।
इधर रेशमा मैम को मैने रिप्लाई नहीं किया तो चिंता में काल करने लगी
मैने फोन पिक किया
: जी सॉरी मैम वो थोड़ा बिजी था तो मैसेज का रिप्लाई नहीं कर पाया
: अच्छा ठीक है कोई बात नहीं , तुम अच्छे से पहुंच गए न ( वो फिकर में बोली )
: हा , और थैंक यू मैम आपने मेरे लिए इतना सब और वो केबिन में देखा मैने आहूजा सर कैसे ?
: छोड़ो ना वो सब , ये बताओ जिस काम के लिए गए थे वो हुआ
: अह हा हो ही गया है क्यू ?
: अरे यार वो कार शो रूम वाले मेरी गाड़ी ऑफिस के जगह फ्लैट पर भिजवा दी तो क्या तुम मुझे पिक कर लोगे ?
: हा लेकिन ऑफिस से डायरेक्ट, कही किसी ने देख लिया और कंप्लेन हो गई तो ?
: अच्छा ठीक है जब मैं तुम्हे फोन करु तो VENUS माल आ जाना , ठीक है ?
: हा फिर ठीक है ?
: ओके बाय , इंजॉय हीहीही
: क्या मैम आप भी ( मै भी मुस्कुरा दिया )
शाम ढल रही थी और मै रेशमा मैम के फोन का इंतजार कर रहा था
चिंता हो रही थी कही उन्हें समय से गाड़ी नहीं मिली इसीलिए फिकर में मै सिराज के घर से निकल गया विनस माल की ओर
घड़ी में अभी 6 बजने में समय था माल के कैफेटेरिया में मै टाइम पास करने लगा कि मेरी नजर बाहर सड़क के दूसरी तरफ होटल सुमित पर गई जहां से रेशमा मैम बाहर निकल रही थी छिपते छिपाते और वो फिर एक चार पहिया वाहन में आगे बैठ गई ।
गाड़ी देखते ही मेरी आंखे फेल गई क्योंकि ये गाड़ी तो मेरे सीनियर आहूजा की थी
मै भी लपक कर अपनी बाइक से गाड़ी के पीछे हो लिया और वो गाडी रेशमा मैम के घर की ओर ना जाकर किसी और ही रोड पर घूम गई और सड़क के कही गुम सी हो गई ।
मै उस गाड़ी का पीछा करने लगा
मुझे फिकर सी हो रही थी और मन उदास भी था कि उन्होंने ये बात मुझसे क्यों छिपाई ।
कुछ देर बाद बाजार की भीड़ से निकलते ही एक बार फिर उनकी बड़ी सी गाड़ को बाइक से कैरियर से लटकते देखा और अम्मी के सूट को देखते ही मै दुबारा से उनको पहचान गया मगर इस बार मेरी नजर बाइक चला रहे शक्श पर भी जिसके लिए मै अम्मी का पीछा कर रहा था । वो शक्श कोई और नहीं हमारे फैमिली डॉक्टर रहीम अंकल के हॉस्पिटल का स्टाफ था । जिसे मैने कई बार उनके केविन ने देखा था ।
अब मेरी चिंता और बढ़ गई लेकिन मैं अम्मी के पास जा नहीं सकता था और ना ही उनको बता सकता था कि आज मैने क्लास दुबारा से उनको देखने के लिए बंक मारी थी ।
अजीब कशमकश थी मै वापस घर के लिए घूम गया था
यकीन नहीं हो रहा था कि रेशमा मैम मुझे बुला कर उस आहूजा के साथ निकल जाएंगी
आज खाना बनाने का मूड भी नहीं हो रहा था और 8 बजे के करीब सिराज का फोन आया ।
: क्या बे साले घर ही आना था बताया क्यों नहीं ( जरूर सिराज की अम्मी ने बताया होगा मैने सोचा )
: हा यार बस ऐसे कुछ फाइनल करना था अलीना से ( मै उखड़ कर बोला )
: तो फिर शादी कब कर रहा है साले , हरामी मुझे तो शक था कि तू भी पसंद करता ही है ( सिराज हंसता हुआ बोला )
: भाई बाद में बात करे ( मै उसकी बातों को एकदम से नकारते हुए कहा )
: क्या हुआ , घर से कुछ हुआ क्या
: क्या हुआ बोल न (मै चुप रहा तो सिराज ने दुबारा से सवाल दोहराया )
: अह नहीं ऐसा कुछ भी है , एक फोन आ रहा है जरूरी है । मै बाद में फोन करता हु ( मैने मोबाइल स्क्रीन पर आ रही रेशमा मैम के फोन को देख कर बोला )
: ठीक है , फोन करना रखता हु
( मै भी उसको बाय बोल कर रेशमा मैम का फोन पिक किया )
: जी मैम, वो आपका फोन नहीं आया
: ओह सॉरी सॉरी शानू , दरअसल वीनस माल के बाहर मेरी एक सहेली मिल गई तो मैं उसके साथ घर चली गई , तुम वहा आए तो नहीं थे ।
: जी ? जी नहीं , आपने कहा था फोन करने को तो ( पराया सा महसूस हुआ जब रेशमा मैम ने अहूजा सर को अपनी सहेली का नाम दे दिया , मुझसे भी क्या छिपाना भला )
: अच्छा किया , वैसे तुम हो कहा ?
: अभी अभी घर पर आया हु मैम, कहिए ?
: नहीं कुछ नहीं , अच्छा तो मैं रखूं सब वेट कर रहे है ( वो जल्दबाजी भरे लहजे में बोली )
: जी , ओके मैम गुड नाइट
: कौन था रेशमा ( मोबाइल से काल कटने से पहले आखिरी आवाज आई जो कि किसी मर्द की और उस मोटी आवाज के मालिक को मै अच्छे से जान रहा था )
मै मोबाइल बिस्तर पर फेक कर लेट गया
पराया सा महसूस हो रहा था आज , बार बार जहन में वो झलकियां उभर आ रही थी जो मैने आज बाजार में देखी थी , अम्मी की तबियत खराब है और उन्होने एक बार भी मुझसे जिक्र तक नहीं किया और वो खातून जो पराए मर्द की आंखों से भी पर्दा करती है वो आज किसी गैर के मोटरसाइकिल पर बाजार में घूम रही थी ।
अजीब कशमकश थी कुछ देर बाद अम्मी घर आ चुकी थी और हैरान थी कि मैं समय से पहले घर पर था ।
: अरे बेटा आज जल्दी घर आ गया ( खुद के हाव भाव ज़ाहिर न हो इसीलिए वो मुझसे नजरे चुराते हुए अपने कमरे में जाने लगी )
: जी अम्मी आज हॉफ डे था ( मैने साफ साफ उन्हें जताया कि मुझे पता है कि वो दोहपर से गायब थी )
: अच्छा , वो आज तेरी मामी ने बुलाया था जरा और उसकी तो बातें ही खत्म नहीं होती है। ( अम्मी झूठ की हसी चेहरे पर ला रही थी और फिर बाथरूम में चली गई )
उनके बाथरूम में घुसते ही मै भी लपक कर उनकी बैग चेक करने लगा और मुझे कुछ मलहम के ट्यूब और एक छोटी लिक्विड बोतल दिखी । बाथरूम में फ्लश की आवाज पाते ही मै सतर्क होकर जस का तस बैग रख दिया और हाल में बैठ गया ।
अम्मी ने जरा भी जाहिर नहीं किया कि वो कहा से आई थी और क्या करने गई थी और मै भी चुप ही रहा जैसे सब कुछ सामान्य ही हो ।
कुछ देर बाद मै अपने कमरे में और वो मलहम और तेल के बारे में सर्च करने लगा ।
पता चला कि ये दोनों मलहम और तेल एक तरह की दवाई है जो उन महिलाओं के लिए उपयोगी है उनकी बढ़ती उम्र और अधिक वजन होने से स्तन के साइज बढ़ जाते हैं या फिर सही फिट की ब्रा नहीं पहनने से स्तन मांसपेशियों में खिंचाव का असर निपल्स पर पड़ता है जिससे वह दर्द होने लगता है । तेल से पूरे स्तन की मालिश करनी होती है और निपल्स एरिया में वो ट्यूब लगानी होती है।
दवाओ के बारे पढ़ते ही ना जाने क्यों लंड एकदम उफान पर था , अम्मी के बड़े बड़े चूचे अब उन्हें ही तंग करने लगे थे ,
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी मुझसे कहती आपके चूचे पूरे दिन हाथ में थामे रखता मै , जरा भी दर्द नहीं होता उन्हें अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई ( मै हल्की बुदबुदाहट में अपना मूसल भींचता हुआ दोनों टांगे फैला कर अंगड़ाई लेने लगा )
तभी नीचे से अम्मी की आवाज आई और मै नीचे चला गया । खाने के बाद रोज की तरह आज भी अम्मी मोबाइल मांगने मेरे कमरे में आने वाली थी मगर आज मैने भी तैयारी कर ली थी , अम्मी को भनक न लगे
इसीलिए जैसे ही उनके आने की आहट मिलनी शुरू हुई मैने मोबाईल में पहले से ही डाउनलोड की हुई स्क्रीन रिकॉर्डर ऐप को स्टार्ट कर दिया और उसके आइकन को हटा दिया , अब पूरे मोबाईल की गुप्त रूप से स्क्रीन रिकॉर्डिंग चालू हो गई थी ।
अम्मी अभी भी उसकी सूट सलवार में थी जो पहन कर वो बाजार में गई थी
अम्मी आती इससे पहले मै बिस्तर पर अपना बाजार सजा चुका था और स्कूल के प्रोजेक्ट की लिखा पढ़ी करने लगा
: पढ़ते हुए सो मत जाना , ये दूध पी लेना ( अम्मी दूध को टेबल पर रखते हुए मेरे पास से मोबाइल उठाती हुई बोली )
: अम्मी बात करके थोड़ा जल्दी दे देना , मुझे प्रोजेक्ट की वीडियो देखनी है ( मै अम्मी की ओर देख कर बोला )
: अच्छा !!! ( उनका चेहरा एकदम उतर गया था और पहले वो मोबाइल वापस रखने को हुई मगर कुछ सोच कर )
: ठीक है मै तेरे अब्बू से बात करके तुझे दे जाऊंगी
: ठीक है अम्मी ( मै बिना उनकी ओर देखे बोला )
फिर अम्मी कमरे से बाहर जाने लगी और मैं उनके भारी भरकम कूल्हे देख कर मुस्कुराने लगा ।
कुछ देर बाद मै दबे पाव सीढ़िया सरकता हुआ नीचे आने लगा ,
अम्मी के कमरे से हल्की फुल्की आवाजे आ रही थी फोन स्पीकर ही रहता था अक्सर इन दिनों ।
मै धीरे धीरे खिड़की के पास चला गया
: और खबरदार आगे से मुझे किसी गैर के साथ भेजा तो , कितना अजीब लग रहा था और सब घूर रहे थे
: अच्छा ठीक है मेरी जान , आगे से रहीम को बोल दिया करूंगा वो घर पर ही चेकअप के लिए आ जाया करेगा
: नहीं नहीं नहीं , मुझे कुछ नहीं चेक करवाना अब ( अम्मी खड़े लहजे में बोली)
: क्यों क्या हुआ ?
: ओहो देखो तो भोलू को , आपको नहीं पता क्या हुआ क्या नहीं ? हुह ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली और मुझे हसी सी आई अम्मी के नखरे पर )
: अरे सच में मेरी अभी रहीम से कोई बात नहीं हुई , बताओ न क्या कहा उसने ?
: आपके दोस्त ने आज मेरे जोबन में डाका डाल दिया था
: क्या ? ( अब्बू चौके और मै भी , अम्मी की मीठी खनक भरी हंसी भी आई )
: क्या हुआ साफ साफ बोलो न ( अब्बू फिकर में बोले )
: अरे अब जांच करवानी थी करवा ली , बोल रहे थे कि वजन बढ़ गया है मेरे तबेले का ( अम्मी ने अब्बू को छेड़ा )
: तो क्या उसने हाथ लगा कर चेक किया ? ( अब्बू हिचकते हुए बोले और अब्बू की बातें सुन कर मेरा लंड इस बात के लिए फड़फड़ाने लगा कि अम्मी के मुलायम बड़े बड़े रसीले मम्मों को रहीम अंकल ने कैसे हाथों में लेके सहलाया होगा )
: नहीं ? लेकिन मुझे सूट ऊपर करना पड़ा था ( अम्मी उखड़ कर बोली )
: फिर ? ( अब्बू की गहराती सांसे साफ स्पीकर पर पता चल रही थी )
: उन्होंने मेरे दोनों निप्पलों को गौर से देखा कि कही सूजन और लाली तो नहीं
: फिर ? ( अब्बू के साथ साथ मेरी भी बेचैनी बढ़ने लगी थी )
: फिर क्या फिर क्या ? मेरा कलेजा भीतर से कांप रहा था कही आपके दोस्त का ईमान न डोल जाए
: अरे नहीं रहीम अच्छा डॉक्टर है , वो ऐसा नहीं है
: हा बड़े आए ऐसा नहीं है , देखा मैने कैसे मेरे सूट ऊपर होते ही आंखे चमक उठी थी उनकी ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
अम्मी की बातें सुनकर मेरा हाथ जोरो से लंड मसलने लगा था कि अम्मी ने आज पहली बार अब्बू के अलावा किसी गैर मर्द के आगे अपने चूचे नंगे किए थे।
: अच्छा ठीक है , ये बताओ कुछ दवा वगैरह दिया है या नहीं ( अब्बू ने बात बदलते हुए कहा )
: हा यही दोनो दिए है , एक तेल है और एक मलहम है
: तो लगाओ न मेरी जान
: धत्त बदमाश मै नहीं दिखाने वाली आज , हूह ( अम्मी लजाए और इतराई )
इधर मेरा लंड और दिल दोनो खुश हो गए कि अब असल पार्ट रिकार्ड होगा ।
: प्लीज जान दिखाओ न , देखूं तो कही लाली तो नहीं तुम्हारे निप्पल में
: अच्छा डॉक्टर साहब आप भी जांच करेंगे क्या मेरी ( अम्मी की आवाज में एक मस्ती थी )
: हा , मैडम जरा अपना सूट ऊपर कीजिए और अपने स्तन दिखाइए
: अह्ह्ह्ह्ह लो डॉक्टर साहब देख लो , ना जाने क्यों मेरे निपल्स में दर्द रहता है ( अम्मी की बातों में शरारत झलक रही थी )
: हम्मम थोडा और करीब आइए जरा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई अच्छे से देखिए ना डॉक्टर साहब , देखिए ना जाने क्यों ये टाइट हो जाता है उम्मम्म
अम्मी की गरमाहट भरी बातें सुनकर मेरा लंड और अकड़ने लगा उसपे से अम्मी अब्बू की गजब की कैमिस्ट्री थी सेक्स को लेकर
: ओह्ह्ह्ह मैडम जी आपके स्तन काफी तंदुरुस्त और भरे भरे है , आपके शौहर को खासा लगाव होगा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह डॉक्टर साहब सही कह रहे है वो तो सारी सारी रात उन्हें मुंह लेके चूसते रहते है उम्मम्म ओह्ह्ह्ह हाथ लगा कर देखिए न डॉक्टर साहब क्या हुआ मेरे चूची में
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी आपके चूचे तो कमाल के लग रहे है , जरा इनकी मालिश कीजिए न , आराम मिलेगा
: हा क्यों नहीं , अह्ह्ह्ह्ह लीजिए ओह्ह्ह काफी ठंडा सा है उह्ह्ह्ह ( अम्मी सिसकी)
: हा अच्छे से लगाइए हा पूरे चूचे पर मलिए ऐसे ही , वाह तेल ने तो आपके दूध को और भी गोरा कर दिया है मैडम , आपको देख मुझे कुछ कुछ हो रहा है
: उम्मम सच में , इन्हें देख कर क्या
वीडियो में अम्मी अब्बू को अपने पूरे चूचे पर तेल मल कर निप्पल पर उंगली घुमा रही थी और बंद कमरे में मै उनकी वीडियो देख कर लंड हिला रहा था ।
वही अब्बू भी सामने से अपना मोटा मूसल निकाल चुके थे , अब्बू के मूसल को देखते ही अम्मी के जिस्म में गजब सी हलचल दिख रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब बड़ा मोटा सिरिंज है आपका , हाय दैय्या उफ्फ कितना बड़ा और मोटा उम्मम ( अम्मी वीडियो कॉल पर अब्बू के सामने अपने बदन को सहलाने लगी थी और देखते ही देखते सलवार खोलने लगी )
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी जरा घूम कर अपना मखमली कूल्हा तो दिखाओ , तभी न इलाज करूंगा अपने इस मोटे इंजेक्शन से ( अब्बू वीडियो कॉल पर अपना लंड तेल से लिपते हुए बोले )
: हा क्यों नहीं लो , लगा दीजिए डाक्टर साहब अह्ह्ह्ह्ह ( अम्मी घूम कर मोबाइल को अपने बड़े से नंगे चूतड़ के पास ले गई और उनकी बड़ी सी नंगी गाड़ को इतना पास से देख आकर मेरा लंड एकदम से बगावत पर आ गया ,
अम्मी के गाड़ की फैली हुई दरारें देख मुंह में पानी भरने लगा और वही अब्बू भी अपना सुपाड़ा खोल कर मोबाइल कैमरा के करीब लाकर अम्मी के कूल्हे में अपनी मोटी सुई लगाने लगे )
: ओह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब आराम से बहुत मोटा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म , आगे डाल दो न ( अम्मी ने मोबाइल आगे रख दिया और अपनी जांघें खोलते हुए अपना फूला हुआ झांटों से ढका भोसड़ा अब्बू के आगे मोबाइल में परोस दिया )
: उम्मम्म मैडम क्या बात है , लेकिन आपने इसकी काफी समय से सफाई नहीं की है क्या ,कुछ साफ साफ दिख नहीं रहा ( अब्बू मोबाईल पर अपना लंड मुठियाते हुए बोले )
: मुझे डर लगता है कही रेजर से कट न जाए , ऐसे देख लीजिए न डॉक्टर साहब ( अम्मी अपनी चूत के दाने को सहलाते हुए अपने झाटों से भरी चूत के फांके खोलकर दिखाने लगी उनकी गुलाबी चूत का दीदार करते हुए मेरे सबर का फब्बारा फूट पड़ा
और एक एक करके पिचकारी छोड़ता रहा
वही मोबाइल पर अम्मी अब्बू के आगे अपनी चूत मसलती रही
मै झड़ते हुए थक कर सो गया
अगली सुबह नीद खुली तो जोरो की भूख लगी थी , नहा धो कर बाहर नाश्ता कर निकल गया मै ऑफिस के लिए
कल जो कुछ भी हुआ उसे याद कर मुझे ऑफिस जाने का मन नहीं हो रहा था , मगर नौकरी करनी ही थी
मन मारकर मै भी ऑफिस पहुंचा
पार्किंग में रेशमा मैम गाड़ी लगाती हुई दिखी। आज एक अलग ही चमक सी थी उनके चेहरे पर और टाइट जींस में वो कहर ढा रही थी । देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगे ऐसे बाहर निकले हुए चूतड़ ।
: हाय शानू ( वो चेहरे से सनग्लासेज उतारते हुए बोली )
: जी गुड मॉर्निंग मैम ( मै जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाते हुए बोला )
: गुड मॉर्निंग गुड मॉर्निंग, तो कैसी रही डेट तुम्हारी कल ( वो इतराती हुई बोली )
: मेरी छोड़िए आपकी कैसी रही ( ना चाहते हुए न जाने क्यों मन का दर्द जुबान से निकल ही पड़ा )
: सॉरी , मेरी डेट ? मै समझी नहीं ? ( उनके चेहरे के हाव भाव उड़े हुए थे और मै उनकी ओर जरा भी नहीं देख रहा था )
: ये तुम क्या कह रहे हो शानू ? ( वो जबरन हसने की कोशिश करती हुई बोली )
: कुछ नहीं , आइए चलते है
: तो तुमने कल देखा था मुझे है न ( लिफ्ट में ऊपर जाते हुए वो बोली)
: हम्म्म, वैसे मुझसे छिपाने जैसे क्या था उसमे ( मैने नेक्स्ट फ्लोर के लिए बटन दबाया )
: सॉरी बाबा , वो बस सर के यहां छोटी सी पार्टी थी तो चलने की जिद करने लगे तो ( वो सफाई देते हुए बोली )
: पार्टी होटल में थी या घर पर उनके
: शानू ? तुम कहना क्या चाहते हो ? देखो तुम जो सोच रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है और तुम .... ( इससे पहले वो और कुछ भड़क कर बोलती हमारा फ्लोर आ गया और हम दोनो चुप हो गए क्योंकि सामने से दूसरे स्टाफ लिफ्ट में घुस रहे थे )
: तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो छीइई ( वो लगभग आंखे छलकाती हुई अपने केबिन में चली गई और मै मेरे काउंटर पर )
अजीब कशमकश सी हो गई थी , आहूजा जैसे कमीने को मै अच्छी तरह से जानता था आज तक उसके रडार में आई कोई भी महिला बच नहीं सकती थी फिर कैसे यकीन करता कि रेशमा मैम साफ पाक थी ।
समझ नहीं आ रहा था क्या करूं, दिल ही दिल रेशमा मैम को रुलाने का दुख अलग ही टीस उठा रहा था ,
हारकर मैने उन्हें सॉरी का मैसेज कर दिया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया शाम तक ।
ऑफिस में आज काम बहुत था रेशमा मैम मेरे काउंटर से निकलती हुई मोबाईल पर मैसेज की
" पार्किंग में मिलो "
मेरी फटने लगी कि क्या होगा , कही वो और न भड़क जाए । पहले से इस ऑफिस में उनकी वजह से आहूजा के प्रताड़ना से बच रहा हु , हर बार वो मेरे लिए एक ढाल के जैसे खड़ी रही है और आज मैने उनके साथ क्या किया । बहुत कचोट रहा था दिल मेरा मुझे ।
हिम्मत कर मै अपना काउंटर बंद कर पार्किंग में आया
: गाड़ी में बैठो ( वो पूरे हक से बोली और मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं मना कर पाऊं )
: कहा जा रहे है हम ? और मेरी बाइक ? ( मेरे जहन में कई सवाल थे )
: बाइक यही रहेगी कल ले लेना आज तुम मेरे साथ चल रहे हो
: क्या ? लेकिन मैं कैसे ?
: कॉफी का वादा भूल गए ( वो मुस्कुराई )
: क्या मैम आप भी डर गया मै तो हेहेहेे ( मै गहरी सांस लेता हुआ बोला और गाड़ी उन्होंने अपने फ्लैट की ओर ले लिया । )
जारी रहेगी
Super UpdateUPDATE 009
: क्या हुआ कोई है क्या ( मोबाईल स्क्रीन पर रेशमा मैम के मैसेज चेक करता हुआ मै बोला )
: कोई दिख नहीं रहा है यार और होगा ही कौन अम्मी के सिवा घर पर कोई नहीं ( मैने नजर उठा कर दरवाजे की ओर देखा ,
सामने हल्की विजिबल नाइटी में अलीना के अपने चूतड़ फेंके हुए दरवाजे से बाहर झाक रही थी और उसकी बड़ी सी फैली हुई गाड़ साफ़ साफ़ उसकी शॉर्ट नाइटी से झलक रही थी और मेरा बेकाबू लंड एक बार फिर से फडफड़ाने लगा ।)
मै धीरे से चादर से पूरा नंगा बाहर निकला और चुपके से अपना लंड सीधा उसके गाड़ के फाकों में रगड़ता हुए चूत के मुहाने तक ले गया और वो सिसक पड़ी
: सच में कोई नहीं है ( मै उसके कान के पास फुसफुसाया )
: ऊहू नहीं है मेरी जां ( वो पूरी तड़पड़ी सिसकती हुई मेरे सुपाड़े से अपनी चूत को फैलता महसूस कर रही थी )
: अह्ह्ह्ह्ह देखते रहना है ठीक है ( और मै पीछे से उसके नरम नरम चूतड़ थामता हुआ उसके चूत में लंड पेलने लगा )
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हा बाबू देख रही हू ओह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म कितना टाइट है आह्ह्ह्ह ( वो दरबाजे के गेट के सहारे झुकी हुई मेरा लंड अपनी चूत में महसूस करती हुई बोली )
मै सटासट उसकी बुर में लंड पेले जा रहा था और वो अकड़ती जा रही थी , उसकी चूत से रस उसकी जांघों को तर किए जा रही थी मै भी चरम तक आ गया फिर उसने अपने रसीले लबों से मेरे लंड को साफ किया और बाथरूम में घुस गई ।
इधर रेशमा मैम को मैने रिप्लाई नहीं किया तो चिंता में काल करने लगी
मैने फोन पिक किया
: जी सॉरी मैम वो थोड़ा बिजी था तो मैसेज का रिप्लाई नहीं कर पाया
: अच्छा ठीक है कोई बात नहीं , तुम अच्छे से पहुंच गए न ( वो फिकर में बोली )
: हा , और थैंक यू मैम आपने मेरे लिए इतना सब और वो केबिन में देखा मैने आहूजा सर कैसे ?
: छोड़ो ना वो सब , ये बताओ जिस काम के लिए गए थे वो हुआ
: अह हा हो ही गया है क्यू ?
: अरे यार वो कार शो रूम वाले मेरी गाड़ी ऑफिस के जगह फ्लैट पर भिजवा दी तो क्या तुम मुझे पिक कर लोगे ?
: हा लेकिन ऑफिस से डायरेक्ट, कही किसी ने देख लिया और कंप्लेन हो गई तो ?
: अच्छा ठीक है जब मैं तुम्हे फोन करु तो VENUS माल आ जाना , ठीक है ?
: हा फिर ठीक है ?
: ओके बाय , इंजॉय हीहीही
: क्या मैम आप भी ( मै भी मुस्कुरा दिया )
शाम ढल रही थी और मै रेशमा मैम के फोन का इंतजार कर रहा था
चिंता हो रही थी कही उन्हें समय से गाड़ी नहीं मिली इसीलिए फिकर में मै सिराज के घर से निकल गया विनस माल की ओर
घड़ी में अभी 6 बजने में समय था माल के कैफेटेरिया में मै टाइम पास करने लगा कि मेरी नजर बाहर सड़क के दूसरी तरफ होटल सुमित पर गई जहां से रेशमा मैम बाहर निकल रही थी छिपते छिपाते और वो फिर एक चार पहिया वाहन में आगे बैठ गई ।
गाड़ी देखते ही मेरी आंखे फेल गई क्योंकि ये गाड़ी तो मेरे सीनियर आहूजा की थी
मै भी लपक कर अपनी बाइक से गाड़ी के पीछे हो लिया और वो गाडी रेशमा मैम के घर की ओर ना जाकर किसी और ही रोड पर घूम गई और सड़क के कही गुम सी हो गई ।
मै उस गाड़ी का पीछा करने लगा
मुझे फिकर सी हो रही थी और मन उदास भी था कि उन्होंने ये बात मुझसे क्यों छिपाई ।
कुछ देर बाद बाजार की भीड़ से निकलते ही एक बार फिर उनकी बड़ी सी गाड़ को बाइक से कैरियर से लटकते देखा और अम्मी के सूट को देखते ही मै दुबारा से उनको पहचान गया मगर इस बार मेरी नजर बाइक चला रहे शक्श पर भी जिसके लिए मै अम्मी का पीछा कर रहा था । वो शक्श कोई और नहीं हमारे फैमिली डॉक्टर रहीम अंकल के हॉस्पिटल का स्टाफ था । जिसे मैने कई बार उनके केविन ने देखा था ।
अब मेरी चिंता और बढ़ गई लेकिन मैं अम्मी के पास जा नहीं सकता था और ना ही उनको बता सकता था कि आज मैने क्लास दुबारा से उनको देखने के लिए बंक मारी थी ।
अजीब कशमकश थी मै वापस घर के लिए घूम गया था
यकीन नहीं हो रहा था कि रेशमा मैम मुझे बुला कर उस आहूजा के साथ निकल जाएंगी
आज खाना बनाने का मूड भी नहीं हो रहा था और 8 बजे के करीब सिराज का फोन आया ।
: क्या बे साले घर ही आना था बताया क्यों नहीं ( जरूर सिराज की अम्मी ने बताया होगा मैने सोचा )
: हा यार बस ऐसे कुछ फाइनल करना था अलीना से ( मै उखड़ कर बोला )
: तो फिर शादी कब कर रहा है साले , हरामी मुझे तो शक था कि तू भी पसंद करता ही है ( सिराज हंसता हुआ बोला )
: भाई बाद में बात करे ( मै उसकी बातों को एकदम से नकारते हुए कहा )
: क्या हुआ , घर से कुछ हुआ क्या
: क्या हुआ बोल न (मै चुप रहा तो सिराज ने दुबारा से सवाल दोहराया )
: अह नहीं ऐसा कुछ भी है , एक फोन आ रहा है जरूरी है । मै बाद में फोन करता हु ( मैने मोबाइल स्क्रीन पर आ रही रेशमा मैम के फोन को देख कर बोला )
: ठीक है , फोन करना रखता हु
( मै भी उसको बाय बोल कर रेशमा मैम का फोन पिक किया )
: जी मैम, वो आपका फोन नहीं आया
: ओह सॉरी सॉरी शानू , दरअसल वीनस माल के बाहर मेरी एक सहेली मिल गई तो मैं उसके साथ घर चली गई , तुम वहा आए तो नहीं थे ।
: जी ? जी नहीं , आपने कहा था फोन करने को तो ( पराया सा महसूस हुआ जब रेशमा मैम ने अहूजा सर को अपनी सहेली का नाम दे दिया , मुझसे भी क्या छिपाना भला )
: अच्छा किया , वैसे तुम हो कहा ?
: अभी अभी घर पर आया हु मैम, कहिए ?
: नहीं कुछ नहीं , अच्छा तो मैं रखूं सब वेट कर रहे है ( वो जल्दबाजी भरे लहजे में बोली )
: जी , ओके मैम गुड नाइट
: कौन था रेशमा ( मोबाइल से काल कटने से पहले आखिरी आवाज आई जो कि किसी मर्द की और उस मोटी आवाज के मालिक को मै अच्छे से जान रहा था )
मै मोबाइल बिस्तर पर फेक कर लेट गया
पराया सा महसूस हो रहा था आज , बार बार जहन में वो झलकियां उभर आ रही थी जो मैने आज बाजार में देखी थी , अम्मी की तबियत खराब है और उन्होने एक बार भी मुझसे जिक्र तक नहीं किया और वो खातून जो पराए मर्द की आंखों से भी पर्दा करती है वो आज किसी गैर के मोटरसाइकिल पर बाजार में घूम रही थी ।
अजीब कशमकश थी कुछ देर बाद अम्मी घर आ चुकी थी और हैरान थी कि मैं समय से पहले घर पर था ।
: अरे बेटा आज जल्दी घर आ गया ( खुद के हाव भाव ज़ाहिर न हो इसीलिए वो मुझसे नजरे चुराते हुए अपने कमरे में जाने लगी )
: जी अम्मी आज हॉफ डे था ( मैने साफ साफ उन्हें जताया कि मुझे पता है कि वो दोहपर से गायब थी )
: अच्छा , वो आज तेरी मामी ने बुलाया था जरा और उसकी तो बातें ही खत्म नहीं होती है। ( अम्मी झूठ की हसी चेहरे पर ला रही थी और फिर बाथरूम में चली गई )
उनके बाथरूम में घुसते ही मै भी लपक कर उनकी बैग चेक करने लगा और मुझे कुछ मलहम के ट्यूब और एक छोटी लिक्विड बोतल दिखी । बाथरूम में फ्लश की आवाज पाते ही मै सतर्क होकर जस का तस बैग रख दिया और हाल में बैठ गया ।
अम्मी ने जरा भी जाहिर नहीं किया कि वो कहा से आई थी और क्या करने गई थी और मै भी चुप ही रहा जैसे सब कुछ सामान्य ही हो ।
कुछ देर बाद मै अपने कमरे में और वो मलहम और तेल के बारे में सर्च करने लगा ।
पता चला कि ये दोनों मलहम और तेल एक तरह की दवाई है जो उन महिलाओं के लिए उपयोगी है उनकी बढ़ती उम्र और अधिक वजन होने से स्तन के साइज बढ़ जाते हैं या फिर सही फिट की ब्रा नहीं पहनने से स्तन मांसपेशियों में खिंचाव का असर निपल्स पर पड़ता है जिससे वह दर्द होने लगता है । तेल से पूरे स्तन की मालिश करनी होती है और निपल्स एरिया में वो ट्यूब लगानी होती है।
दवाओ के बारे पढ़ते ही ना जाने क्यों लंड एकदम उफान पर था , अम्मी के बड़े बड़े चूचे अब उन्हें ही तंग करने लगे थे ,
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी मुझसे कहती आपके चूचे पूरे दिन हाथ में थामे रखता मै , जरा भी दर्द नहीं होता उन्हें अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई ( मै हल्की बुदबुदाहट में अपना मूसल भींचता हुआ दोनों टांगे फैला कर अंगड़ाई लेने लगा )
तभी नीचे से अम्मी की आवाज आई और मै नीचे चला गया । खाने के बाद रोज की तरह आज भी अम्मी मोबाइल मांगने मेरे कमरे में आने वाली थी मगर आज मैने भी तैयारी कर ली थी , अम्मी को भनक न लगे
इसीलिए जैसे ही उनके आने की आहट मिलनी शुरू हुई मैने मोबाईल में पहले से ही डाउनलोड की हुई स्क्रीन रिकॉर्डर ऐप को स्टार्ट कर दिया और उसके आइकन को हटा दिया , अब पूरे मोबाईल की गुप्त रूप से स्क्रीन रिकॉर्डिंग चालू हो गई थी ।
अम्मी अभी भी उसकी सूट सलवार में थी जो पहन कर वो बाजार में गई थी
अम्मी आती इससे पहले मै बिस्तर पर अपना बाजार सजा चुका था और स्कूल के प्रोजेक्ट की लिखा पढ़ी करने लगा
: पढ़ते हुए सो मत जाना , ये दूध पी लेना ( अम्मी दूध को टेबल पर रखते हुए मेरे पास से मोबाइल उठाती हुई बोली )
: अम्मी बात करके थोड़ा जल्दी दे देना , मुझे प्रोजेक्ट की वीडियो देखनी है ( मै अम्मी की ओर देख कर बोला )
: अच्छा !!! ( उनका चेहरा एकदम उतर गया था और पहले वो मोबाइल वापस रखने को हुई मगर कुछ सोच कर )
: ठीक है मै तेरे अब्बू से बात करके तुझे दे जाऊंगी
: ठीक है अम्मी ( मै बिना उनकी ओर देखे बोला )
फिर अम्मी कमरे से बाहर जाने लगी और मैं उनके भारी भरकम कूल्हे देख कर मुस्कुराने लगा ।
कुछ देर बाद मै दबे पाव सीढ़िया सरकता हुआ नीचे आने लगा ,
अम्मी के कमरे से हल्की फुल्की आवाजे आ रही थी फोन स्पीकर ही रहता था अक्सर इन दिनों ।
मै धीरे धीरे खिड़की के पास चला गया
: और खबरदार आगे से मुझे किसी गैर के साथ भेजा तो , कितना अजीब लग रहा था और सब घूर रहे थे
: अच्छा ठीक है मेरी जान , आगे से रहीम को बोल दिया करूंगा वो घर पर ही चेकअप के लिए आ जाया करेगा
: नहीं नहीं नहीं , मुझे कुछ नहीं चेक करवाना अब ( अम्मी खड़े लहजे में बोली)
: क्यों क्या हुआ ?
: ओहो देखो तो भोलू को , आपको नहीं पता क्या हुआ क्या नहीं ? हुह ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली और मुझे हसी सी आई अम्मी के नखरे पर )
: अरे सच में मेरी अभी रहीम से कोई बात नहीं हुई , बताओ न क्या कहा उसने ?
: आपके दोस्त ने आज मेरे जोबन में डाका डाल दिया था
: क्या ? ( अब्बू चौके और मै भी , अम्मी की मीठी खनक भरी हंसी भी आई )
: क्या हुआ साफ साफ बोलो न ( अब्बू फिकर में बोले )
: अरे अब जांच करवानी थी करवा ली , बोल रहे थे कि वजन बढ़ गया है मेरे तबेले का ( अम्मी ने अब्बू को छेड़ा )
: तो क्या उसने हाथ लगा कर चेक किया ? ( अब्बू हिचकते हुए बोले और अब्बू की बातें सुन कर मेरा लंड इस बात के लिए फड़फड़ाने लगा कि अम्मी के मुलायम बड़े बड़े रसीले मम्मों को रहीम अंकल ने कैसे हाथों में लेके सहलाया होगा )
: नहीं ? लेकिन मुझे सूट ऊपर करना पड़ा था ( अम्मी उखड़ कर बोली )
: फिर ? ( अब्बू की गहराती सांसे साफ स्पीकर पर पता चल रही थी )
: उन्होंने मेरे दोनों निप्पलों को गौर से देखा कि कही सूजन और लाली तो नहीं
: फिर ? ( अब्बू के साथ साथ मेरी भी बेचैनी बढ़ने लगी थी )
: फिर क्या फिर क्या ? मेरा कलेजा भीतर से कांप रहा था कही आपके दोस्त का ईमान न डोल जाए
: अरे नहीं रहीम अच्छा डॉक्टर है , वो ऐसा नहीं है
: हा बड़े आए ऐसा नहीं है , देखा मैने कैसे मेरे सूट ऊपर होते ही आंखे चमक उठी थी उनकी ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
अम्मी की बातें सुनकर मेरा हाथ जोरो से लंड मसलने लगा था कि अम्मी ने आज पहली बार अब्बू के अलावा किसी गैर मर्द के आगे अपने चूचे नंगे किए थे।
: अच्छा ठीक है , ये बताओ कुछ दवा वगैरह दिया है या नहीं ( अब्बू ने बात बदलते हुए कहा )
: हा यही दोनो दिए है , एक तेल है और एक मलहम है
: तो लगाओ न मेरी जान
: धत्त बदमाश मै नहीं दिखाने वाली आज , हूह ( अम्मी लजाए और इतराई )
इधर मेरा लंड और दिल दोनो खुश हो गए कि अब असल पार्ट रिकार्ड होगा ।
: प्लीज जान दिखाओ न , देखूं तो कही लाली तो नहीं तुम्हारे निप्पल में
: अच्छा डॉक्टर साहब आप भी जांच करेंगे क्या मेरी ( अम्मी की आवाज में एक मस्ती थी )
: हा , मैडम जरा अपना सूट ऊपर कीजिए और अपने स्तन दिखाइए
: अह्ह्ह्ह्ह लो डॉक्टर साहब देख लो , ना जाने क्यों मेरे निपल्स में दर्द रहता है ( अम्मी की बातों में शरारत झलक रही थी )
: हम्मम थोडा और करीब आइए जरा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई अच्छे से देखिए ना डॉक्टर साहब , देखिए ना जाने क्यों ये टाइट हो जाता है उम्मम्म
अम्मी की गरमाहट भरी बातें सुनकर मेरा लंड और अकड़ने लगा उसपे से अम्मी अब्बू की गजब की कैमिस्ट्री थी सेक्स को लेकर
: ओह्ह्ह्ह मैडम जी आपके स्तन काफी तंदुरुस्त और भरे भरे है , आपके शौहर को खासा लगाव होगा
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह डॉक्टर साहब सही कह रहे है वो तो सारी सारी रात उन्हें मुंह लेके चूसते रहते है उम्मम्म ओह्ह्ह्ह हाथ लगा कर देखिए न डॉक्टर साहब क्या हुआ मेरे चूची में
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी आपके चूचे तो कमाल के लग रहे है , जरा इनकी मालिश कीजिए न , आराम मिलेगा
: हा क्यों नहीं , अह्ह्ह्ह्ह लीजिए ओह्ह्ह काफी ठंडा सा है उह्ह्ह्ह ( अम्मी सिसकी)
: हा अच्छे से लगाइए हा पूरे चूचे पर मलिए ऐसे ही , वाह तेल ने तो आपके दूध को और भी गोरा कर दिया है मैडम , आपको देख मुझे कुछ कुछ हो रहा है
: उम्मम सच में , इन्हें देख कर क्या
वीडियो में अम्मी अब्बू को अपने पूरे चूचे पर तेल मल कर निप्पल पर उंगली घुमा रही थी और बंद कमरे में मै उनकी वीडियो देख कर लंड हिला रहा था ।
वही अब्बू भी सामने से अपना मोटा मूसल निकाल चुके थे , अब्बू के मूसल को देखते ही अम्मी के जिस्म में गजब सी हलचल दिख रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब बड़ा मोटा सिरिंज है आपका , हाय दैय्या उफ्फ कितना बड़ा और मोटा उम्मम ( अम्मी वीडियो कॉल पर अब्बू के सामने अपने बदन को सहलाने लगी थी और देखते ही देखते सलवार खोलने लगी )
: अह्ह्ह्ह्ह मैडम जी जरा घूम कर अपना मखमली कूल्हा तो दिखाओ , तभी न इलाज करूंगा अपने इस मोटे इंजेक्शन से ( अब्बू वीडियो कॉल पर अपना लंड तेल से लिपते हुए बोले )
: हा क्यों नहीं लो , लगा दीजिए डाक्टर साहब अह्ह्ह्ह्ह ( अम्मी घूम कर मोबाइल को अपने बड़े से नंगे चूतड़ के पास ले गई और उनकी बड़ी सी नंगी गाड़ को इतना पास से देख आकर मेरा लंड एकदम से बगावत पर आ गया ,
अम्मी के गाड़ की फैली हुई दरारें देख मुंह में पानी भरने लगा और वही अब्बू भी अपना सुपाड़ा खोल कर मोबाइल कैमरा के करीब लाकर अम्मी के कूल्हे में अपनी मोटी सुई लगाने लगे )
: ओह्ह्ह्ह्ह डॉक्टर साहब आराम से बहुत मोटा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म , आगे डाल दो न ( अम्मी ने मोबाइल आगे रख दिया और अपनी जांघें खोलते हुए अपना फूला हुआ झांटों से ढका भोसड़ा अब्बू के आगे मोबाइल में परोस दिया )
: उम्मम्म मैडम क्या बात है , लेकिन आपने इसकी काफी समय से सफाई नहीं की है क्या ,कुछ साफ साफ दिख नहीं रहा ( अब्बू मोबाईल पर अपना लंड मुठियाते हुए बोले )
: मुझे डर लगता है कही रेजर से कट न जाए , ऐसे देख लीजिए न डॉक्टर साहब ( अम्मी अपनी चूत के दाने को सहलाते हुए अपने झाटों से भरी चूत के फांके खोलकर दिखाने लगी उनकी गुलाबी चूत का दीदार करते हुए मेरे सबर का फब्बारा फूट पड़ा
और एक एक करके पिचकारी छोड़ता रहा
वही मोबाइल पर अम्मी अब्बू के आगे अपनी चूत मसलती रही
मै झड़ते हुए थक कर सो गया
अगली सुबह नीद खुली तो जोरो की भूख लगी थी , नहा धो कर बाहर नाश्ता कर निकल गया मै ऑफिस के लिए
कल जो कुछ भी हुआ उसे याद कर मुझे ऑफिस जाने का मन नहीं हो रहा था , मगर नौकरी करनी ही थी
मन मारकर मै भी ऑफिस पहुंचा
पार्किंग में रेशमा मैम गाड़ी लगाती हुई दिखी। आज एक अलग ही चमक सी थी उनके चेहरे पर और टाइट जींस में वो कहर ढा रही थी । देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगे ऐसे बाहर निकले हुए चूतड़ ।
: हाय शानू ( वो चेहरे से सनग्लासेज उतारते हुए बोली )
: जी गुड मॉर्निंग मैम ( मै जबरन होठों पर मुस्कुराहट लाते हुए बोला )
: गुड मॉर्निंग गुड मॉर्निंग, तो कैसी रही डेट तुम्हारी कल ( वो इतराती हुई बोली )
: मेरी छोड़िए आपकी कैसी रही ( ना चाहते हुए न जाने क्यों मन का दर्द जुबान से निकल ही पड़ा )
: सॉरी , मेरी डेट ? मै समझी नहीं ? ( उनके चेहरे के हाव भाव उड़े हुए थे और मै उनकी ओर जरा भी नहीं देख रहा था )
: ये तुम क्या कह रहे हो शानू ? ( वो जबरन हसने की कोशिश करती हुई बोली )
: कुछ नहीं , आइए चलते है
: तो तुमने कल देखा था मुझे है न ( लिफ्ट में ऊपर जाते हुए वो बोली)
: हम्म्म, वैसे मुझसे छिपाने जैसे क्या था उसमे ( मैने नेक्स्ट फ्लोर के लिए बटन दबाया )
: सॉरी बाबा , वो बस सर के यहां छोटी सी पार्टी थी तो चलने की जिद करने लगे तो ( वो सफाई देते हुए बोली )
: पार्टी होटल में थी या घर पर उनके
: शानू ? तुम कहना क्या चाहते हो ? देखो तुम जो सोच रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है और तुम .... ( इससे पहले वो और कुछ भड़क कर बोलती हमारा फ्लोर आ गया और हम दोनो चुप हो गए क्योंकि सामने से दूसरे स्टाफ लिफ्ट में घुस रहे थे )
: तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो छीइई ( वो लगभग आंखे छलकाती हुई अपने केबिन में चली गई और मै मेरे काउंटर पर )
अजीब कशमकश सी हो गई थी , आहूजा जैसे कमीने को मै अच्छी तरह से जानता था आज तक उसके रडार में आई कोई भी महिला बच नहीं सकती थी फिर कैसे यकीन करता कि रेशमा मैम साफ पाक थी ।
समझ नहीं आ रहा था क्या करूं, दिल ही दिल रेशमा मैम को रुलाने का दुख अलग ही टीस उठा रहा था ,
हारकर मैने उन्हें सॉरी का मैसेज कर दिया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया शाम तक ।
ऑफिस में आज काम बहुत था रेशमा मैम मेरे काउंटर से निकलती हुई मोबाईल पर मैसेज की
" पार्किंग में मिलो "
मेरी फटने लगी कि क्या होगा , कही वो और न भड़क जाए । पहले से इस ऑफिस में उनकी वजह से आहूजा के प्रताड़ना से बच रहा हु , हर बार वो मेरे लिए एक ढाल के जैसे खड़ी रही है और आज मैने उनके साथ क्या किया । बहुत कचोट रहा था दिल मेरा मुझे ।
हिम्मत कर मै अपना काउंटर बंद कर पार्किंग में आया
: गाड़ी में बैठो ( वो पूरे हक से बोली और मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं मना कर पाऊं )
: कहा जा रहे है हम ? और मेरी बाइक ? ( मेरे जहन में कई सवाल थे )
: बाइक यही रहेगी कल ले लेना आज तुम मेरे साथ चल रहे हो
: क्या ? लेकिन मैं कैसे ?
: कॉफी का वादा भूल गए ( वो मुस्कुराई )
: क्या मैम आप भी डर गया मै तो हेहेहेे ( मै गहरी सांस लेता हुआ बोला और गाड़ी उन्होंने अपने फ्लैट की ओर ले लिया । )
जारी रहेगी
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