Rekha rani
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समय- यात्रा का रहस्य: (8 जनवरी 2002, मंगलवार, 19:15, मायावन, अराका)
सभी सिंहासन के इर्द- गिर्द बैठे थे। सबकी निगाहें सिंहासन पर पड़े सुयश के शरीर पर थी।
ऐमू भी दुखी निगाहों से सुयश की ओर देख रहा था।
तभी सभी को सुयश की कराह सुनाई दी।
भागकर सभी ने सुयश को घेर लिया। और फ़िर दूसरी कराह के साथ सुयश ने अपनी आँखे खोल दी।
“कैप्टन। आप ठीक तो हैं ना?" अल्बर्ट ने सुयश से पूछा।
सुयश ने एक नजर वहां बैठे सभी लोगो पर डाली और फ़िर धीरे से अपना सिर हिलाकर हामी भरी।
सुयश को स्वस्थ देखकर सबकी जान में जान आयी।
शैफाली ने सुयश को एक पानी की बोतल पकड़ा दी। सुयश ने एक ही साँस में पूरी बोतल खाली कर दी। अब वह थोड़ा चैतन्य नजर आने लगा।
सुयश को अपना पूरा बदन टूटता हुआ सा महसूस हो रहा था।
तभी सुयश की निगाह वहां बैठे ऐमू पर पड़ी।
सुयश ने प्यार से ऐमू को अपने हाथों में उठा लिया- “अब तुम्हारा दोस्त तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जायेगा। तुम ऐमू और मैं ऐमू का दोस्त।"
ऐमू यह सुनकर बहुत खुश हो गया, वह फ़िर अपने पंख फैलाकर जोर-जोर से बोलने लगा- “दोस्त आ गया .... दोस्त आ गया ... ऐमू का दोस्त आ गया।"
“आकी कैसी है?" सुयश ने ऐमू से पूछा।
“आकी अच्छी है ... आरू भी अच्छा है.... और ऐमू भी अच्छा है।" ऐमू ने कहा।
सुयश समझ गया कि ऐमू आकृति को ‘आकी’ और आर्यन को ‘आरू’ कह रहा था।
फ़िर कुछ सोच कर सुयश ने ऐमू से पूछा-“और शलाका कैसी है?"
शलाका का नाम सुनकर एक पल के लिये ऐमू कुछ नहीं बोला और थोड़ा बेचैन नजर आने लगा।
सुयश समझ गया कि ऐमू शलाका के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता।
सुयश अब सिंहासन से उतर कर सभी लोगो के पास आ गया। तभी एक गड़गड़ाहट के साथ सिंहासन वापस जमीन में समा गया और उस जगह की जमीन वापस बराबर हो गयी।
अब उस स्थान को देखकर महसूस ही नहीं हो रहा था कि कुछ देर पहले वहां पर जमीन से कोई सिंहासन भी निकला था।
उधर किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से सुयश ऐमू से क्यों बात करने लगा।
जब आख़िरकार ब्रेंडन से ना रहा गया तो वह बोल उठा- “कैप्टन, आपको सिंहासन पर बैठते ही क्या हो गया था?"
सुयश ने वहां बैठे सभी लोगो पर नजर डाली और शुरू से अंत तक की सारी कहानी, सभी को सुना दी।
पूरी कहानी सुनकर सबके चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गये।
“कैप्टन, यहां पर तो आपका शरीर बिल्कुल निर्जीव हो गया था।" असलम ने कहा- “हमें तो लगा कि शायद आप इस दुनियां में नहीं रहे। यह तो शैफाली ने हमें आपके जीवित होने के बारे में बताया।"
“तो मैं इस दुनियां में वैसे भी कहां था? मुझे लगता है कि यह किसी तरीके का ‘टाइम-स्लीप’ या ‘समय यात्रा’ थी। जिसमें मैंने अनगिनत आश्चर्यजनक चीजे देखी।" सुयश ने कहा।
“कैप्टन, आपने तो बहुत लंबी कहानी सुना दी।" तौफीक ने सुयश से कहा-
“आपने उस समय यात्रा में कुल कितना समय बिताया?"
“मैं वहां पर लगभग 4 घंटे के आसपास रहा था।" सुयश ने तौफीक से कहा।
“पर कैप्टन, यहां पर तो आप बस 10 मिनट ही निर्जीव रहे हैं।"
एलेक्स ने कहा- “10 मिनट में आप 4 घंटे की यात्रा कैसे कर सकते हैं?“
“शायद समय यात्रा में समय बहुत तेज चलता हो।" अल्बर्ट ने कहा।
“इस कहानी को सुनने के बाद अब इस द्वीप पर, किसी भी चीज पर आश्चर्य व्यक्त करने का कोई मतलब नहीं बनता।"
क्रिस्टी ने कहा- “हम तो इस बहुत ही साधारण सा द्वीप समझ रहे थे, पर यहां तो एक के बाद एक रहस्य खुलते ही जा रहे हैं।"
“तो क्या यह द्वीप कैप्टन के पूर्वजन्म से संबंध रखता है?" जेनिथ ने उलझे-उलझे स्वर में पूछा।
“कैप्टन क्या आप बता सकते हैं? कि जिस समय में आपने समय- यात्रा की, उसका समय काल क्या था? मेरा मतलब कि वह किस सदी का समय दिख रहा था। आप अंदाजे से कुछ बता सकते हैं क्या?" अल्बर्ट ने जेनिथ के सवाल को काटकर एक नया प्रश्न सुयश से पूछ लिया।
“मुझे कहीं भी लिखा हुआ तो कुछ दिखाई नहीं दिया, पर देखने से वह समय काल हजारों साल पुराना लग रहा था।" सुयश ने कहा।
“पर कैप्टन, अगर आपने उस समय काल में ऐमू को भी देखा था तो ज़्यादा से ज़्यादा उस समय काल को 20 वर्ष से ज़्यादा पुराना नहीं होना चाहिए क्यों कि एक तोते की आयु लगभग 20 वर्ष की ही होती है।" असलम ने कहा।
“पर मेरी आयु तो इस समय 34 वर्ष की है।" सुयश ने दिमाग लगाते हुए कहा-“फ़िर यह मेरे पूर्वजन्म की घटना कैसे हो सकती है?"
“कहीं जिस ब्रह्मकलश का जिक्र शलाका से आपने किया था, वह आपको उस जन्म में प्राप्त तो नहीं हो गया था?" जेनिथ ने कहा।
“ऐसा कैसे संभव है अगर वह ब्रह्म-कलश मुझे पूर्व जन्म में प्राप्त हो जाता तो मेरा दूसरा जन्म कैसे संभव होता? क्यों की मैं तो तब अमर हो चुका होता।" सुयश के शब्दो में गहरी चिंता के भाव थे।
“यह भी तो हो सकता है कि यह आपके पूर्व जन्म की घटना ना हो और आर्यन कोई और इंसान हो?" ब्रेंडन ने कहा।
आर्यन के दूसरा इंसान होने की बात सुन, शलाका को याद कर सुयश का दिल बैठ गया, पर तुरंत ही एक ख़याल आते ही वह बोल उठा-
“अगर आर्यन दूसरा इंसान होता तो यह सिंहासन मुझे आर्यन के समयकाल में क्यों ले जाता? और फिर मुझे चलते हुए एक हवा में आवाज भी सुनाई दी थी, जिसमें मुझे आर्यन पुकारा गया था। और .... और वह शलाका की मूर्ति से मेरे टैटू को ही शक्तियाँ क्यों मिली? और मेरा टैटू यहां की दीवारों पर कैसे अंकित है?"
सुयश की बात तो सही थी, इसिलये थोड़ी देर तक कोई कुछ ना बोला।
फिलहाल वहां और कुछ खतरनाक नहीं था इसिलये सभी वापस खण्डहरों में रुकने के लिए जगह ढूंढने लगे।
“खंडहर के कुछ भागो की छत अभी भी सही है। हमें यहीं कहीं अपना डेरा डाल लेना चाहिए।" अल्बर्ट ने कहा।
“वो जगह सही रहेगी।" सुयश एक ओर इशारा करते हुए बोला-“वह जगह तीन तरफ से घिरी है, वहां पर खतरा कम रहेगा।" कहकर सुयश उस स्थान पर आकर खड़ा हो गया।
कुछ लोगो ने पेड़ की टहनियो से झाड़ू बनाकर उस स्थान को साफ कर लिया।
“कैप्टन, आपकी कहानी में ब्रह्मकलश का जिक्र आया, आपको क्या लगता है कि इस दुनियां में कोई ऐसी चीज हो सकती है जो किसी भी इंसान को अमरत्व प्रदान कर सकती हो।" तौफीक ने सुयश से पूछा।
पर इससे पहले कि सुयश इस बात का कोई जवाब दे पाता, बीच में ही अल्बर्ट बोल उठा-
“मिस्टर तौफीक, आपके प्रश्न का मैं 2 तरह से जवाब देना चाहूँगा। कई भाषाओँ के धर्मग्रन्थो में अलग- अलग नामो से अमृत का जिक्र किया गया है, जिसे पीने के बाद इंसान हर प्रकार के रोग से मुक्त होकर अमर हो जाता है।
पर अगर यही सवाल का जवाब मैं आपको विज्ञान के तरीके से समझाऊं तो आप ये समझ ले कि अभी जरूर हमने अमृत जैसे किसी तत्व का आविष्कार नहीं किया है, पर हम 200 वर्ष के अंदर ऐसी दवा का आविष्कार अवश्य कर लेंगे, जिसे पीने के बाद हम सभी रोगो से मुक्त होकर अमर हो जाएंगे।
पर यह ध्यान रहे कि हम रोगो से मुक्त हो जाएंगे और बीमारी से नहीं मरेंगे, पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना हमारी जान ले सकेगी। वैसे दुनियां में अभी भी ऐसे कई वैज्ञानिक हैं जो इंसान के शरीर के अंग कटने के बाद, उसके दोबारा उग सकने वाले विषय पर भी शोध कर रहे हैं।"
“वैसे कुछ भी कहिये कैप्टन, आपका वेदालय बहुत ही शानदार विद्या का केन्द्र लग रहा है, सुनकर ही मजा आ गया।" शैफाली ने अपने विचारो को व्यक्त करते हुए कहा- “काश मैं भी उसमें पढ़ सकती।"
“मुझे तो लगता है कि तुम वेदालय से भी खतरनाक विद्यालय में पढ़ी हो।" जॉनी ने शैफाली को घूरते हुए कहा- “क्यों की तुमसे ज़्यादा रहस्यमयी हमारे बीच कोई नहीं है?"
शैफाली ने जॉनी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।
“कैप्टन आप ने इतने सारे लोक के नाम बताए, पर आप गये केवल देवलोक में ही थे, आपको क्या लगता है कि इतने सारे लोक क्या हो सकते है?" एलेक्स ने पूछा।
“पता नहीं। पर मुझे लगता है कि यह सारे लोकों के नाम शायद वहां उपस्थित राज्यो के नाम है या फिर
प्रतियोगिता के लिये कृत्रिम बनाए गये कुछ स्थान हैं, जिसको प्रतियोगिता के हिसाब से डिजाइन किया जाता हो? पर जो भी है, वह स्थान बहुत ही अद्भुत था।"
“वैसे प्रोफेसर।" जेनिथ ने अल्बर्ट की ओर देखते हुए कहा- “आपका इस सिंहासन के बारे में क्या ख्याल है? क्या ये समय यात्रा कराने वाली कोई प्राचीन मशीन है?"
“अभी तक तो समय यात्रा हम वैज्ञानिको के लिये एक सपना ही है, पर मुझे लगता है कि पहले का विज्ञान आज के विज्ञान से बहुत ज़्यादा विकसित था, इसिलये यह सिंहासन एक समय यात्रा की मशीन हो भी सकती है।" अल्बर्ट ने कहा- “लेकिन मुझे यह नहीं पता कि इस सिंहासन रूपी मशीन में टाइम कैसे सेट करते होंगे?"
“मेरे हिसाब से रात काफ़ी हो चुकी है इसिलये अब हमें सोना चाहिए।" सुयश ने थके अंदाज में अंगड़ाई लेते हुए कहा।
वैसे भी अब सभी के पास सवाल ख़तम हो गये थे। इसिलये सभी सोने की तैयारियां करने लगे।
जो कुछ भी उनके पास था, वह खा-पीकर वो लोग वहीं जमीन पर सो गये।
जारी रहेगा_______![]()