YE NAHI HONA THA - CHAPTAR 1
कहानी एक छोटे से गाव से सुरु होती एक सुंदर सा गाव इस गाव मे जयादा तर लोग खेती मजदूरी या दूसरे सेहर जा कर अपनी रोजी रोटी कमाते है गाव मे सन्ति बहोत है लेकिन रोजी रोटी के लिये बहोत मेहनत करनी परती है और अगर घर मे कोई बरी प्रोबलम हो गई तो लोगो को परेसानी का सामना करना परता है यही तो होता है गाव
गाव मे सांति सुकून तो मिलता है लेकिन लाइफ मुश्किल से कटती है
और इसी गाव मे हमारा राजू अपने परिवार के साथ रहता है
राजू के पिता रामु 6 महीने पहिले गुजर गय लेकिन गुजरने से से पहले रामु ने अपनी बेटी रीमा की सादी पास ही के एक गाव मे एक लरके से कर दी थी जिसका नाम पंकज था सादी के एक साल बाद ही रीमा ने एक बेटी को जन्म दिया रामु अपनी नातीन को देख कर इस दुनिया से चला गया रामु की मौत सराब पीने से हुई थी
रिमा की सादी मे खर्चा बहोत हुआ था रामु को अपनी बेटी की सादी के लिये कर्ज भी लेना परा था आधे कर्ज तो रामु ने चुका दिया था लेकिन आधे कर्ज राजू के ऊपर आ गया अब राजू इस कर्ज को चुका रहा है
रामु था तो सभी की लाइफ अच्छी चल रही थी हा घास भूस वाले घर मे रेहते थे लेकिन तीन वक्त का खाना और सरीर को ढकने के लिये कपड़े मिल ही जाते थे किसी के आगे अपना हाथ नही फैलाना परता था
लेकिन रामु के जाते ही राजू की घर ही हालत थोरि खराब हो गई
राजू का पढाई छुट गया
गाव मे सुकून सांती जरूर होती है लेकिन एक और चीज है गाव मे कोई भी किसी को खुश नही देख पाता
किसी की लाइफ अच्छी चल रही है उसे देख जलना गाव मे सभी किसी के सामने एक दूसरे के बारे मे अच्छी बाते करते है लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें किसी की ख़ुशी देखी भी नही जाती
ये एक करवा सच है गाव की
और गाव मे सभी को ये पता होता है कौन किया किससे बारे मे किया केहता है सोचता है
लेकिन सामने नही कुछ केहते है सामने तो लोग अच्छे बन कर रहते है
राजू को ये बात पता की और राजू ये भी जानता था कर्ज कितनी बुरी चीज होती है अगर सही समय पर नही चुकाया गया तो जीना हराम कर देती है इस लिये राजू करी मेहनत करता है खेतो मे भी और मजदूरी भी ताकि कर्ज ज्यादा होने से पहले चुका सके उसके बाद तो नुन रोटी खा के भी जिंदगी जी लेगे चैन से
ये थी पूरी कहानी राजू के घर की लेकिन
एक और घटना हुई थी रीमा की सादी के कुछ महीने पहेले
एक दिन साम को राजू घर आता है राजू को अपनी दीदी के काम था तो राजू सीदा रीमा के कमरे कमरे की और जाता है जैसे ही राजू रीमा के कमरे के दरवाजे के पास पहुँचता है दरवाजा खुला था
अंदर राजू वो देख लेता है वो एक भाई को नही देखना चाहिये था लेकिन यही वो वक़्त था जब राजू के मन मे अपनी दीदी को लेकर गंदे सोच ने जन्म लिया
राजू को अंदर अपनी दी रीमा जो नंगी थी रीमा कपड़े सही कर रही थी पेहनने के लिये लेकिन रीमा के हाथ से कपड़े नीचे गिर जाते है रीमा कपड़े उठाने के लिये नीचे झुकती है और दिपु के सामने ये नजारा आ जाता है
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दिपु ये देख कर पागल हो जाता है कियुकी रीमा झुकी थी तो रीमा के मोटे गांड फैल गया था रीमा की बरी चूची भी लटके साफ दिखाई दे रहे थे रीमा एक का शरीर कमाल था था ज्यादा खूबसूरत नही थी लेकिन उसकी बॉडी कमाल की थी
रीमा की चुत साफ थी छोटे छोटे बाल है रीमा ने कुछ दिन पेहले ही चुत के बाल साफ किये थे जिसका फायेदा आज राजू को मिला

राजू साफ देख सकता था रीमा की मोटी फूली चुत और झुकने के वजह से चुत के फाके भी फैल गये थे
ये नजारा किसी को भी पागल करने के लिये काफी था लेकिन राजू ने तो अपनी दीदी के खजाने को देखा था तो उसका हाल और बेहाल हो चुका था
राजू का लंड अपनी दीदी की चुत को देख कर इतना टाइट हो गया था की उसके लंड के नशे भी फुल गई थे राजू ने पैंट पेहना था फिर भी उसका लंड के उभार साफ दिखाई दे रहे थे
राजू धीरे से पीछे कदम लेता है और जल्दी से अपने कमरे मे जाकर अपने लंड को बाहर निकाल कर अपने लंड थूक लगा कर अपनी दीदी की चुत को याद कर के मुठ मारने लगता है
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राजू का लंड 2 ही मिनट मे एक जोर पिचकारी के पानी छोर लेता है आज राजू का पानी बहोत निकला था राजू सब जल्दी से साफ कर के फिर बिस्तर पर धेर हो जाता है
राजू पेहले कभी कभी मुठ मार लेता था लेकिन किसी को गंदी नज़र से या उसके मन मे किसी को लेकर गंदे ख्याल पेहले कभी नही आये थे
ये वो दिन था जिस दिन राजू के अंदर मे अपनो को अंदर गंदे विचार आये और हवस जाग गया
उस दिन से राजू अपनी दीदी की चुत मारने के लिये रीमा को पटाने की कोसिस करने लगा लेकिन ये कोई मजाक थोरि था
बाहर की लरकी की चुदाई करने के लिये भी कई महीने लरकी के पीछे जाना परता है लरकी पर पैसे खर्च करने परते है इस मे ही कई महीने चले जाते है उसके बाद भी किस्मत रही तो उस लरकी की चुत मिलेगी नही तो समय पैसा सब बर्बाद
लेकिन यहा तो मामला बहोत ही अलग थी राजू अपनी दीदी को को पेलना चाहता था
राजू को भी ये बात पता थी लेकिन फिर भी वो कोसिस करता रहता है
राजू उस दिन से रीमा के साथ ज्यादा समय गुजारने लगा मस्ती मजाक से लेकर रीमा के लिये कुछ ना कुछ खाने पीने के लिये लाता रेहता था अपनी पॉकेट मनी से
एक एक दिन गुजरते रहे रीमा अपने भाई से बहोत प्यार करती थी लेकिन राजू का मस्ती करना उसका ख्याल रखना ये सब रीमा के दिल मे राजू के लिये और प्यार बढ़ गया( भाई वाला प्यार )
दोनों जब भी समय मिलता साथ मे ही इधर उधर की बाते करने और खूब मस्तिया करते
25 -30 दिनों मे सिर्फ एक चीज बदली वो था पहले
रीमा और राजू मस्ती करते थे लेकिन दूर से बातो से
लेकिन अब दोनों मस्ती मस्ती मे एक दूसरे के ऊपर गिर जाते या एक दूसरे को पकर के मस्ती करते
इसी का फायदा राजू उठा लेता कभी धीरे से रीमा के चुचे दमा देता तो अभी गांड चुत को लेकिन राजू ये सब धीरे से करता था तो रीमा को पता भी नही चलता था
रीमा ये सब अपने भाई का प्यार समझती थी लेकिन राजू कुछ और चाहता था
इतना करने के बाद भी राजू आगे नही कुछ कर पाया कियुकी उसको डर लगता था
रीमा की सादी हो गई
और दिपु अपना लंड हिलाता रेह गया
लेकिन एक बार जब अंदर हवस चढ़ती है तो उतरती नही
रीमा के जाने के बाद राजू अपनी मा पर नज़र डालने लगा और अपनी मा के साथ भी करीब जाने की कोसिस करने लगा
मस्तिया करना मा को बाहों मे पकर लेना कभी कभी टच करना ये सब
लेकिन दिपु अपनी डर की वजह से अपनी मा से साथ भी उसके ज्यादा कुछ कर नही पाया
आज का दिन
रीमा की एक बेटी है रामु अब नही रहा राजू कर्ज चुका रहा है अभी भी बहोत कर्ज बाकी है राजू के मामा आते रेहते है लेकिन वो भी गरीब है तो ज्यादा मदद नही कर पाता है
राजू अभी भी लगा है की सायद मा के साथ कुछ हो जाये
❤❤
आप सभी अपनी राय जरूर देना देखो मे बाकी लोगो की तरह स्टोरी को बीच मे छोर कर नही जाने वाला हु रोज अपडेट दूंगा
लेकिन ये आप सभी के ऊपर है की मे इस स्टोरी को जल्दी पूरा करू या बीच मे छोर दु
ये सब आप सभी के पसंद पर है
आज के लिये इतना ही

