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Mast update Di Ho dear.....भाग - ६
मैं - रामू मेरे लिए एक कप कॉफ़ी बना दो
रामू - जी छोटी मेमसाहेब अभी लता हूं
रामू किचन से ही बोला और मेरे लिए कॉफी बनाने लगा
कुछ देर में मेरा कॉफ़ी आया मैं सोफे पर बैठकर आराम से कॉफी पीने लगी कभी डोर बेल बज शायद मम्मी आ गई थी
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रामू ने जाकर दरवाजा खोला
मां अपनी कुछ किताबें लेकर बाजार से वापस आ चुकी थी और काफी थकी हुई लग रही थी फिर मां अपने कमरे में चली गई और ड्रेस चेंज कर वापस आई
रामू - डिनर बना दिया है अब मैं जाऊ मालकिन
मां - ठीक है जाओ
मैं - क्या बात है मां थकी हुई लग रही हो
मां - हां, आज से 12th का कॉपी कटिंग शुरू हो गया है तो कॉलेज में काम ज्यादा हो गया
इस लिए तो आ कर सो गई थी
मैं - मां तू ऐसे ही सो गई, केवल साड़ी ब्लाउज उतार कर काम से काम नाईटी तो पहन लेना था
मां - अरे उसी समय जगत सर का फ़ोन आ गया और मैं बात करते करते कब नीद में चली गई पता ही नहीं चला
मैं - तभी आपके रूम का डोर खुला था जब मैं आई पर मां रामू घर पर ही था ऐसे नहीं सोना था
मां मेरी बाते सुन कर सकपका गई और बुदबुदाने लगी (तो क्या मेरी बेटी ने मुझे फिंग्रिंग करते हुए देख लिया)
मैं - कुछ कहा.....
मां - न.. ना.... कुछ नहीं
मां के चेहरे का रंगत बदल गया था
फिर मैंने बात बदल दिया
मैं - अच्छा जगत सर क्या बोले
मां - वो, नए प्रिंसिपल आने वाले हैं
हमारे कॉलेज में 6 माह से प्रिंसिपल का पद खाली पड़ा था और जगत सर ही प्रिंसिपल का प्रभार देख रहे थे
मैं - कब आ रहे हैं
मां - कल ही ज्वाइन कर रहे हैं
मैं - अच्छा है, वैसे नाम क्या है नए प्रिंसिपल सर का
मां - (सोचते हुए)क्या नाम बताया था......
हां याद आया प्रताप जोशी
मैं - मां डिनर करते है,
मां - ठीक है मैं खाना लगा देती हूं
फिर मां किचन में खाना निकालने लगी
फिर दोनों ने खाना खाया और मां बर्तन समेट कर किचन में रखने चली गई
मैं भी कमरे में जा रही थी की मां रूम से टक की आवाज सुनाई दी जाकर देखा तो मां का फोन वाइब्रेट में था और मेज से नीचे गिर गया
देखा किसी रानी नाम से कॉल आ रहा था मैं मां को फोन देने ही जा रही थी तब तक कॉल कट चुका था फोन में देखा कि इस नाम से आठ मिस कॉल थे
मां ने अपनी फोन को साइलेंट में रखा हुआ था जिसके कारण रिंगटोन सुनाई नहीं दिया
मैं - मां किसी रानी का फ़ोन आ रहा है
मां तेजी से आई और मेरे हाथों से फोन ले लिया
मैं - मां ए रानी कौन है
मां - एक पुरानी दोस्त है, अब जा तू सोने
मैं सोचते सोचते अपने कमरे में जाने लगी की यह रानी नाम से मां की कौन दोस्त हो सकती है मैं तो मां की सभी दोस्तों को जानती हूं खैर छोड़ो सोचा कि होगी कोई पुरानी दोस्त इसके बारे में मां ने अभी तक बताया नहीं होगा
मां भी अपने रूम जा चुकी थी
रूम जाकर मैं सोने की तैयारी कर ही रही थी फिर सोचा मां से पूछ लो कि कल कॉलेज जाना है कि नहीं मुझे क्योंकि सारे प्रोफेसर प्रिंसिपल के स्वागत में बिजी ही रहेंगे
मैं मां के कमरे के पास पहुंची ही थी अंदर से जोर से मां के ठहाके लगाने की आवाज आ रही थी
जरा सा दरवाजा को पुश किया टू डोर थोड़ा सा खुला मां ने बिस्तर पर बैठी हुई थी
तभी मां के फोन पर वीडियो कॉल करो ना की आवाज सुनाई दिया
यह क्या यह तो किसी मर्द की आवाज थी मैंने अपने दिमाग पर जोर डाला कि यह किसकी आवाज़ हो सकती है कुछ देर सोचने के बाद यह तो पापा की आवाज नहीं है किसी और की हो सकती है क्योंकि यदि पापा कॉल करते तो मुझसे भी जरूर बात करते हैं
पर यह आवाज मुझे जानी पहचानी लग रही थी
तभी दिमाग पर जोर डालने पर मुझे याद आया की यह तो जगत सर की आवाज है मैं समझ चुकी थी की क्या चल रहा है
मतलब मां ने जगत सर का नंबर रानी नाम से सेव किया था
मैं वहीं रुक कर देखने लगी के अब क्या होने वाला है
जगत सर का अपनी पत्नी से काफी पहले ही तलाक हो चुका था और बिलकुल अकेले ही रहते थे 50 साल के होंगे तलाक के बाद दूसरी शादी नहीं की अब तक
वैसे तो जगत सर आज तक हमारे घर कभी नहीं आए हैं पर जब कभी मां कॉलेज नहीं जा पाती थी तो मुझसे पूछा करते थे मॉम के बारे पर मैंने कभी इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि जगत सर मां से भी कॉलेज में बहुत कम बाते करते थे
मां के फ़ोन पर विडियो कॉल आ रहा था मां ने रिसिव किया
देखा ये तो सच में जगत सर थे
मां - क्यों कॉल किया
सर - ऐसे ही
मां - कुछ बोलिए तब
सर - और डिनर हो गया
मां - हां... और आपका
सर - अभी तक नहीं
मां - क्यों
सर - मेरा कोन है जो मुझे खाना खिलाएगा
मां - जिसका कोई नहीं होता उसकी पूरी दुनिया होती है
सर - मेरा तो पूरा दुनिया ही लूट कर ले गई वो कुतिया साली
मां - अरे जो चली गई उसके बारे क्यो सोचते हैं आप
सर - क्या करू बहुत अकेला फील करता हूं किसी को अपने दिल की बात भी नहीं शेयर कर सकता
मां - सब ठीक हो जाएगा
सर - आप भी दूसरो की तरह ही बात बोल रही है
मां- मैने ऐसा क्या बोला
सर - सभी तो बोलते है की सब ठीक हो जाएगा पर कुछ ठीक नहीं है
मां - मेरा मतलब आपका दिल दुखाना नहीं था
सर - मैं आपको अपना सच्चा दोस्त मानता हूं पर आप भी......
सर ने बात को अधूरा छोड़ दिया
मां - मैं तो आपकी दोस्त हूं ही आप मेरे से सारी बातें शेयर कर सकते हैं
सर - दोस्त हो तो आप अपनी बाते कहां बताती है मैं तो आपको दोस्त से बढ़ कर मानता हूं
मां- अच्छा, पहले आप डिनर कीजिए रात के 11 बज रहे हैं
सर - सच में कुछ नहीं बनाया है
मां - क्यो
सर - मन नहीं लग रहा था
मां - इस लिए तो बोलती हूं की अभी भी किसी से शादी कर लीजिए
सर - भूख तो लग रही है पर क्या करे
मां - आइए, मैं बना कर खिला दूंगी
सर - अरे नहीं.....
मां - नहीं आ सकते क्या
सर - रात बहुत हो चुकी है मै दुध पी कर सो जाता हूं
मां - दोस्त मानते हैं ना आप मुझे
सर - हां, पर अभी नहीं
मां - इसका मतलब मैं सिर्फ नाम के लिए दोस्त हूं
सर - आप तो दोस्त से बढ़ कर हो
मां - तो फिर आइए अभी
सर - रोजी बेटी जाग रही होगी क्या सोचेगी
मां - वो सो गई होगी और 7 बजे से पहले कभी उठती ही नहीं फिर भी मैं देख कर आती हूं
मां की बातें सुनकर मैं तुरंत अपने कमरे में आ गई और सोने का नाटक करने लगी मां ने आकर मुझे देखा और बोला रोजी बेटा सो गई मैंने ऐसे नाटक किया कि मैं गहरी नींद में हूं फिर मां ने मेरे शरीर पर एक चादर डाल दिया और फिर वीडियो कॉल पर ही जगत सर को दिखा कर बोली
मां - देख लीजिए घोड़ा बेचकर सोती है रोजी
जगत कर भी देख कर बोले
सर - ठीक है आता हूं
फिर मां वापस आकर जगत सर का इंतजार करने लगी
ऐसा लग रहा था जैसे मां पापा का इंतजार कर रही हो
पर आज मॉम इतनी रात तक जाकर किसी गैर मर्द का इंतजार कर रही थी
थोड़ी ही देर में हमारे घर के सामने एक बुलेट की आवाज आ रही थी और फिर बंद हो गई बुलेट से जगत सर उतरकर हमारे घर के अंदर आए
मां को देख कर उसकी आंखे खुली की खुली रह गई
क्योंकि मां ने भी तो ऐसे ही ड्रेसअप कर रखा था की बूढ़ा घोड़ा का भी खड़ा हो जाए
मां की ब्लाउज आगे से इतना डिप था की चुचियों की गहरी घाटी उफ्फ....
ऐसा रूप देख कर सर थूक गले में अटक गया
मां - बैठिए मैं तुरंत कुछ बना देती हूं
सर - ओके
मां - क्या खाइए गा
सर - (धीरे से कहा) मन तो मेरा आपको ही खाने का कर रहा है
मां - क्या..
सर - का.. का.. कुछ भी बना दीजिए
मां - आपका ही पसंद का बना दूंगी
सर - चलिए मैं भी किचन में चलता हूं वहीं देखते हैं क्या क्या है
मां - (हंसते हुए) ठीक है आइए
फिर दोनों किचन में चले जाते हैं
सर - अभी बनाने में टाइम लगेगा जो है दे दो
मां - ब्रेड पकोड़ा बना दू
सर - क्या.... बुर पकड़ लूं
जगत सर ने जानबूझकर ब्रेड पकोड़ा को
"बुर पकड़ लूं" बोला
मां सुनकर शर्मा गई थी और घूम कर उसने नजरे झुका ली
अब जगत सर मां के पीछे बिकुल सट कर खडे थे और
मां की गोरी गोरी पीठ और उभरी हुई गांड सर के सामने थी
जिसे देख कर जगत सर के पैंट में तम्बू बन गया और सर अपने हथियार को सहलाने लगे
जगत सर अकेले रहने की वजह से लंबे अरसे बाद की जवान औरत को इतने करीब से देख रहे थे
मां के बदन की खुशबू जगत सर को पागल कर रहा था
जगत सर का लन्ड खड़ा हो गया था और फुफकार मार रहा था
मां - ठीक है ब्रेड पकोड़ा बना देती हूं
फिर मां पकोड़ा तलते हुए बोली
मां - आप क्या रात में दूध पी कर ही सो जाते हैं
सर - हां , पर यहां मिलेगा मुझे
मां - पर गर्म करना होगा
सर - गर्म करता हूं ना बोल कर अपना लन्ड को मां की साड़ी के उपर से ही मां की उभरी हुई गांड में सटा दिया
मां, के गांड में हुए लन्ड के स्पर्स से मां चुहंक गई और
मां मुंह से अपनी गर्दन को जरा सा घूमती हुई उह्ह्ह्ह........ की आवाज निकली
और मां का पीठ सिकुड गया जिससे मां सीना आगे फैल गया
सर ने धीरे से मां की मलाईदार कमर को पकड़ कर अपने हाथों का घेरा बना लिया
मां - एम्म्म....... क्या कर रहे हैं सर
सर - दूध गर्म कर रहा हूं बोला
और झट से मां की चूंची पकड़ ली
मां - ओह...... छोड़ो सर
सर - नहीं...
मां - मैं एक शादी सुधा औरत हूं
सर - पर वो सुख तो तुमको साल में एक या दो बार ही मिलता है
मां कुछ बोल नहीं पाई
to be continued....
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thankswoww what a wonderful update.
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Erotic updateभाग -७(A)
मां घूमी और सर को थोड़ा धक्का दे कर अपने से अलग कर दिया
फिर पकोड़ी तलने लगी
दूर खड़े सर मां को पीछे से देख कर कुटिल मुस्कान देने लगे
कुछ देर तक दोनों एकदम चुप हो गए
फिर मां ने पूछा
मां - जगत सर क्या आप रोज़ दूध पी कर ही सो जाते है
सर - हां,
मां - अच्छा... है , पर
सर - पर क्या
मां - आपने अभी अच्छा नहीं किया
सर - क्या किया
मां - ऐसे कोन दूध गरम करता हूं
सर - सॉरी सॉरी...
मां - ओके
फिर सर हंसते हुए बोला
सर - ठीक है मैं ताजा दूध ही पी लूंगा मुंह लगा कर
सर फिर से डबल मीनिंग में बात करने लगे मां भी सब समझ रही की की किस ताजा दूध की बात वो बोल रहे हैं
मां - क्या , ताजा दूध पर वो तो सुबह का है
सर - कहां है
मां - फ्रिज में
सर - ही.... ही.... ही.....
सर हंसते हैं
मां - मैं समझी नहीं
मां और भी खुल कर सुनना चाहती थी
सर - ताजा दूध तो हमेशा आपके पास ही रहता है
मां - कहां है मेरे पास
सर आंखों से इशारा करके मां की उभरी हुई चूंची की तरफ़ देखा और बोला
सर - वहां
मां - यहां कहां है
मां को भी ऐसी बातें करने में मजा आ रहा था और वो चाह रही थी कि सर फिर से उसे अपनी बांहों में ले
सर ने झट से मां को पीछे से पकड़ कर उसके एक स्तन को ब्लाउज़ से निकाल कर अपनी हाथों में भर लिया
मां - आऊछ.......... अअह्ह्ह्हह.......
फिर सर ने मेरी मां के गर्दन को चूमने लगा सर का मोटा लन्ड फिर मां की गांड की दरारों में धीरे धीरे रगड़ने लगा
फिर उसने मां को अपनी और घूमा लिया और किस करने लगा मां भी आप सर का साथ दे रही थी और दोनों के होठ एक दूसरे को चूमने लगे
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to be continued