- 1,133
- 2,337
- 159
Click anywhere to continue browsing...
Nice startingभाग -१
मैं रोजी डिसूजा एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और हमलोग अभी बंगलौर में रहते हैं
और अपने जीवन की कुछ घटनाएं बताने जा रही हूं
तो चलिए पहले अपने परिवार के बारे में
मेरे परिवार में मेरी मम्मी और पापा हैं और मैं उनकी इकलौती संतान हूं
पापा डेविट डिसूजा एक नेवी ऑफिसर हैं तो ज्यादातर उनका फॉरेन ट्रिप ही रहता है 3 से 4 महीने मे कुछ 15 दिनो के लिए घर आते हैं
और मम्मी सोफिया डिसूजा 38 साल की बहुत ही खुबसूरत महिला है जो एक कॉलेज में लेक्चरर है
मम्मी की फिगर 38 -30-36
है
मेरी मॉम
मॉम ज्यादातर साड़ी पहनना पसंद करती हैं पर कभी कभी मेरे कहने पर वनपिस ड्रेस भी पहन लेती है पार्टी वगैरह के लिए
और मैं रोजी डिसूजा अभी बीकॉम 2nd ईयर में हूं
मेरा फिगर 36-28-34
है
और मम्मी के ही कालेज में जाती हूं
मम्मी और मैं जब कालेज जाते हैं तो मां बेटी कम बहनें ज्यादा लगते हैं
मुझे ज्यादा wetern ड्रेस अच्छे लगते हैं और साड़ी कभी कभी पहनती हूं
ये मेरी साड़ी वाली एक तस्वीर
to be continued
Lovelyभाग - ३
कुछ ही देर में मां भी रेड्डी हो कर आई
मां - चलो रोजी चलते हैं
मैं - मां आपका ब्रेकफास्ट
मां - अरे मैं स्टाफ कैंटीन में कर लूंगी देर हो रहा है
मैं और मां एक साथ ही कॉलेज जाते थे बस में क्योंकि हमारे घर से कॉलेज के लिए कहीं चेंज नहीं करना पड़ता था
पर वापस अलग अलग आते थे दोनों की टाइमिंग अलग अलग थी कभी मॉम जल्दी घर आ जाती तो कभी कभी काफी लेट हो जाता था
मैं और मॉम बस स्टॉप पर आ गए थे अभी बस आने मे कुछ समाय था तो मैंने ईयर फ़ोन लगा कर मोबाइल से गाना सुनने लगी
और मम्मी ने किसी को कॉल किया और बाते करने लगी
बस स्टॉप पर कुछ लोग थे मैने गौर किया कि उनमें से 2 लड़के बार बार मां और मेरी ओर घूर घूर कर देख रहे थे
मां ने आज क्रीम कलर की बहुत ही डिप कट और स्लीवलैस ब्लाउज पहनी हुई थी
तो मां की कसी हुई चूचियां और गोरी चिकनी पीठ साफ तौर पर नज़र आ रहा था
साथ ही मां फ़ोन पर बातें करते करते टहल रही थी तो मां की नितम्ब थोड़े थिरक रहे थे
दोनों लडके मां को ही ज्यादा ताड़ रहे थे और मैं आज सिम्पल सलवार सूट में थी
मैं
site de upload
कुछ देर में बस आ गई बस बहुत भीड़ थी तभी पीछे से वही दोनो लड़के मेरे पीछे आ गए और धक्का देने लगे
चढ़ते हुए उन्होंने मेरी चूतड़ों तो दो तीन बार दबा दिया पर मैं कुछ बोल नहीं सकी डर सा गई थी
बस में सवार होकर मेने मां से कान में कहा की लेडीज साइड चलो
मां और मैं आगे की ओर चल दिए
अभी कुछ दूर ही बस चली थी की एक लगभग 50 साल का बुढा सा आदमी धीरे धीरे से आ कर मां से सट कर खड़ा हो गया
और जब जब झटका लगता अपनी केहूनी से मां की चूंची को रगड़ दे रहा था
पर मां इस बात को ध्यान नहीं दे रही थी या मजे ले रही थी पता नहीं
फिर उस बूढ़े ने बस में बस मे लगे रॉड को दोनों हाथों से ऐसे पकड़ा की मां उसके हाथों से बनाए घेरे की बीच में आ गई
और अचानक तबी ड्राईवर ने जोर का ब्रेक मारा तो मां उस बूढ़े की छाती पर जा गिरी और मां की चूंची बूढ़े की छाती से दब गई तभी उसने भी मौका का फायदा उठाया इस तरह से
उसने मां को अपनी बांहों में भर कर चूम लिया
मां (धीरे से)- उम्म्ह्ह्ह...........
करके कसमसा उठी
बस में भीड़ और बढ़ गई थी तो हमलोग हिल भी नहीं पा रहे थे
फिर उसने मां की चुचियों को पकड़ कर दबा दिया
मां - आउछ........ अअह्ह्ह्हह
मां की आवाज़ सब ने सुनी
तभी कंडक्टर बोला
क्या हुवा बहन जी
पर मां ने बात घुमा दिया
मां - कुछ नहीं, किसी ने मेरे पैर के उपर पैर रख दिया था
बस कंडक्टर - आगे आइए, आपका स्टॉप आने वाला है
हमारा कालेज आने ही वाला था
मैं और मां बस के दरवाजे की तरफ़ जानें लगे तभी वो खडूस बूढ़ा मेरी तरफ़ घुमा और जानबुझ कर मेरी चूचियों को भी रगड़ा मेरा हाथ एक मोटे से खीरे जैसे सख्त चीज पर लगा
फिर बस से बाहर आकर मैं मां के साथ जाने लगी और सोचने लगी की वो सख्त चीज क्या थी
सायद उसी आदमी का मोटा लन्ड
मैं तो सोच कर ही कांप उठी
बाप रे....
लगता है मौका मिलता तो वो आज मां को चो........... द
मैं - मैं भी क्या सोचने लगी
मॉम भी अपना क्लास लेने के लिए चली गई
और मैं अपने दोस्तों के साथ क्लास में
1 घण्टे बाद मैं स्टाफ रूम की तरफ़ जाने लगी देखा की मां अभी भी एक क्लास में लेक्चर दे रही थी और बहुत ही खुबसूरत लग रही थी
to be continued......
Click anywhere to continue browsing...
Lovelyभाग - ४
फिर मम्मी अपना लेक्चर क्लास आधे घण्टे बाद खत्म करके स्टॉफ कैंटीन की तरफ जा रही थी
मैं (पीछे से)- मॉम
मॉम (पलटी और)- हां कहो बेटा
मैं - मॉम तुम अपना क्लास खत्म करके चली जाना
मां - और तुम
मैं - मॉम वो, फ्रेंड्स के साथ में मूवी जाना है
मॉम - पर बेटा... तेरा लेक्चर क्लास
मैं - मां वो केवल एक्स्ट्रा सब्जेक्ट का क्लास है वो भी दोपहर 3 बजे से
मां - तो क्या हुआ क्लास तो क्लास है
मैं - प्लीज मां आज जाने दो सब दोस्त जा रहे हैं
मॉम - ठीक है ठीक है पर रोज रोज ये नही चलेगा बाकी के स्टॉफ क्या कहेंगे
मैं (हंसते हुए)- यही कहेंगी की सोफिया ने अपनी बेटी को खुल्ला छूट दे रखा है
ही... ही.... ही........
और मैं हंसने लगी जोर से
तभी वहां से केमिस्ट्री सर जगत गुजर रहे थे
जगत सर - क्या बात चल रही है मां बेटी में
मां - अरे देखिए ना सर इसको क्लास बंक करके मूवी जाना चाहती हैं
जगत सर - जाने दीजिए मैडम बच्चे अभी ये सब नही करेंगे तो कब करेंगे
जगत सर मॉम के बगल में ही खड़े थे और उसकी नज़रें बार-बार मां के मोटे मोटे चूचियों पर नजर जा रही थी मां की आधी चूचियां उनकी डीप कट ब्लाउज से साफ नजर आ रही थी क्योंकि मां ने अपने साड़ी के आंचल को भी एक साइड कंधे पर रखा था मां के दोनों चूचियों की बीच की घाटी साफ-साफ नजर आ रही थी इसके नजारा देखकर जगत कर मंत्र मुक्त हो रहे थे
मां - ठीक है अब तू जा पर घर समय से आ जाना
मैं - ओके मॉम बोलकर मैं अपने दोस्तों के साथ मूवी देखने के लिए निकल पड़ी और देखा की मां और जगत कर स्टाफ रूम की ओर जाने लगे थे
मूवी हॉल पहुंचकर मैंने अपने दोस्तों की एक तस्वीर मोबाइल में ले लिया
मूवी देख कर हम सभी दोस्त बाहर निकाल कर एक रेस्टोरेंट में गए क्योंकि बहुत जोरों की भूख लगी थी सभी को मैंने घड़ी में समय देखा शाम के 5:00 बज रहे थे फिर मैं अपने दोस्तों को बोलकर एक कब लिया और घर के लिए चल पड़ी
घर पहुंच कर डोर बेल बजाय तो हमारे नौकर रामू ने दरवाजा खोला मैं रामू से पूछा मोम कहां है
रामू - मैडम तो अपने कमरे में सो रही है
फिर मैं मां के कमरे में गई जो अंदर से बंद नहीं था और जाकर देखा तो मां केवल ब्रा और पेटी में सोफे पर सो रही थी मेरे मुंह से निकला ओ माय गॉड कोई मर्द अगर ऐसे मम्मी को देख ले तो उसका लन्ड तुरंत खड़ा हो जाएगा क्योंकि मां की उभरी हुई चूतड़ बहुत ही मादक लग रही थी मैंने सोचा रामू ने बोला कि मां सो रही है तो क्या रामू ने मां को ऐसी हालत में देखा होगा मैंने मां को जगाना उचित नहीं समझा
और फिर अपने कमरे में चली आई एक घंटे बाद मैं फिर मां के रूम में गई मॉम वहां नहीं थी इधर-उधर देखा कहीं नहीं दिखाई दी तो मुझे स्वर की आवाज सुनाई देने लगी मैं बाथरूम के की हाल से अंदर देखा तो मां पूरी तरह नंगी होकर आ रही थी
फिर मां नहा चुकी तो मैं भी कमरे से बाहर आ गई और दरवाजे क्यों हल्के से खोलकर देखने लगी मां नहा कर नंगी ही निकाली और बिस्तर पर लेट कर अपने बुर में उंगली करने लगी शायद मां वह बस वाली बातें याद करके फिंगरिंग कर रही थी
foto's op het internet plaatsen
मां फिंगरिंग करते-करते पूरा तड़प रही थी क्योंकि पापा को गए हुए 6 महीने से ज्यादा हो चुके थे 6 महीने से मां बिल्कुल प्यासी थी
to be continued....
Lovelyभाग - ५
अब तक आपने पढ़ा
मां फिंगरिंग करते हुए पूरा तड़प रही थी
मां अपनी बुर में उंगलियों को जोर-जोर से अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी चूचियां और फूल चुकी थी और निप्पल कड़क हो गए थे मां की सांसे तेज चल रही थी और दोनों चुचिया ऊपर नीचे हो रही थी
अब आगे की कहानी.......
मां पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और उसके चूत में बस एक लंबे मोटा लन्ड चाहिए था जो उसके चूत की आग को ठंडा कर सके
मां की सेक्स की चाहत को देखकर मैं भी गरम हो गई थी और मेरे भी गुलाबी निप्पल एकदम टाइट होकर अंगूर की तरह हो चुके थे मेरा हाथ अपने आप अपनी चूचियों की ओर गई और मैं धीरे-धीरे अपनी ही चूचियों को सहलाने लगी
मां अब और तेजी से बुर में उंगली करने लगी और कुछ देर में शांत हो गई
मां की जांघों के बीच की सुरंग से जवानी की धार फूट कर बाहर आ गई थी और गुलाबी सुरंग की द्वार पूरी तरह से गर्म लावा से भींग चुकी थी और साथ में मां की सेक्सी पैन्टी भी
मां अपनी पैन्टी उतार दी
मां के बुर से निकाला रस
फिर मां उठकर कपड़े पहने लगी और मैं अपने कमरे में चली गई
मैं भी अपना ड्रेस चेंज करने लगी
मैं अपना ड्रेस उतार कर बाथरुम में वाश के लिए रख कर वापस ड्रेसिंग टेबिल के पास आ गई और अपने आप को निहारने लगी मेरे शरीर पर मात्र एक समीज और पैन्टी थी केवल
तभी शीशे में लगा किसी का चेहरा दिखा पर फिर गायब हो गया
मैं अपने मगन मे थी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और समीज को भी उतार कर वाश के लिए बाथरुम में जाने लगी तो अचानक डोर पर किसी की आहट सुनाई दी
मैं मुड़ कर वापस आने लगी तो देखा दरवाजे के पीछे रामू खड़ा था मैंने झट से टॉवल अपने बदन पर लपेट लिया
मैं (चिल्ला उठी)- रामू तुम यहां क्या कर रहे हो
रामू - जी मैडम सो रही थी तो मैंने सोचा आपसे पूछ लूं कि डिनर में क्या बनाना है
एक जोर का थप्पड़ रामू के कल पर रसीद कर दिया
मेरी चिल्लाहट सुनकर मन भी दौड़ती हुई आई
मैंने रोते हुए मां को बताया कि रामू ने मुझे कपडे बदलते हुए देखा है
रामू अपनी सफाई देता है
रामू - मेमसाहेब, मैं तो डिनर में क्या बनाना है वो पूछने आया था मुझे नहीं पता था की रोजी मेमसाहैब ऐसी हालात में होगी
मां ने डांट फटकार लगाई रामू को किचन में भेज दिया
और मुझे गले से लगा कर संतावना देने लगी की
उसने जानबुझ कर नहीं किया ऐसा
मां - मैं जरा किताब दुकान जा कर आती हूं कुछ बुक्स लेना है
मैं - जी मम्मी
मां बाज़ार जाने के लिए
मां के जाने के बाद मैं भी एक व्हाइट t shirt पहन कर हॉल में आ कर टीवी देखने लगी
रामू बार बार किचन में काम करते करते मुझे ही घूर रहा था
पता नहीं क्यो
ये ऐसे थी मैं
अब आप लोग ही बता सकते हैं
रामू क्यों बार बार मेरी तरफ़ देख रहा था
मैंने तो उपर से नीचे तक पहन रखा था टी शर्ट और लॉन्ग स्कर्ट
मेरा पूरा तन ढका हुआ था
फिर भी उसको मुझमें क्या देख रहा था
please comment
story to be continued......
Click anywhere to continue browsing...
Click anywhere to continue browsing...
good start and wonderful GIFsभाग -१
मैं रोजी डिसूजा एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और हमलोग अभी बंगलौर में रहते हैं
और अपने जीवन की कुछ घटनाएं बताने जा रही हूं
तो चलिए पहले अपने परिवार के बारे में
मेरे परिवार में मेरी मम्मी और पापा हैं और मैं उनकी इकलौती संतान हूं
पापा डेविट डिसूजा एक नेवी ऑफिसर हैं तो ज्यादातर उनका फॉरेन ट्रिप ही रहता है 3 से 4 महीने मे कुछ 15 दिनो के लिए घर आते हैं
और मम्मी सोफिया डिसूजा 38 साल की बहुत ही खुबसूरत महिला है जो एक कॉलेज में लेक्चरर है
मम्मी की फिगर 38 -30-36
है
मेरी मॉम
मॉम ज्यादातर साड़ी पहनना पसंद करती हैं पर कभी कभी मेरे कहने पर वनपिस ड्रेस भी पहन लेती है पार्टी वगैरह के लिए
और मैं रोजी डिसूजा अभी बीकॉम 2nd ईयर में हूं
मेरा फिगर 36-28-34
है
और मम्मी के ही कालेज में जाती हूं
मम्मी और मैं जब कालेज जाते हैं तो मां बेटी कम बहनें ज्यादा लगते हैं
मुझे ज्यादा wetern ड्रेस अच्छे लगते हैं और साड़ी कभी कभी पहनती हूं
ये मेरी साड़ी वाली एक तस्वीर
to be continued
Click anywhere to continue browsing...
woww what a wonderful update.भाग - ३
कुछ ही देर में मां भी रेड्डी हो कर आई
मां - चलो रोजी चलते हैं
मैं - मां आपका ब्रेकफास्ट
मां - अरे मैं स्टाफ कैंटीन में कर लूंगी देर हो रहा है
मैं और मां एक साथ ही कॉलेज जाते थे बस में क्योंकि हमारे घर से कॉलेज के लिए कहीं चेंज नहीं करना पड़ता था
पर वापस अलग अलग आते थे दोनों की टाइमिंग अलग अलग थी कभी मॉम जल्दी घर आ जाती तो कभी कभी काफी लेट हो जाता था
मैं और मॉम बस स्टॉप पर आ गए थे अभी बस आने मे कुछ समाय था तो मैंने ईयर फ़ोन लगा कर मोबाइल से गाना सुनने लगी
और मम्मी ने किसी को कॉल किया और बाते करने लगी
बस स्टॉप पर कुछ लोग थे मैने गौर किया कि उनमें से 2 लड़के बार बार मां और मेरी ओर घूर घूर कर देख रहे थे
मां ने आज क्रीम कलर की बहुत ही डिप कट और स्लीवलैस ब्लाउज पहनी हुई थी
तो मां की कसी हुई चूचियां और गोरी चिकनी पीठ साफ तौर पर नज़र आ रहा था
साथ ही मां फ़ोन पर बातें करते करते टहल रही थी तो मां की नितम्ब थोड़े थिरक रहे थे
दोनों लडके मां को ही ज्यादा ताड़ रहे थे और मैं आज सिम्पल सलवार सूट में थी
मैं
site de upload
कुछ देर में बस आ गई बस बहुत भीड़ थी तभी पीछे से वही दोनो लड़के मेरे पीछे आ गए और धक्का देने लगे
चढ़ते हुए उन्होंने मेरी चूतड़ों तो दो तीन बार दबा दिया पर मैं कुछ बोल नहीं सकी डर सा गई थी
बस में सवार होकर मेने मां से कान में कहा की लेडीज साइड चलो
मां और मैं आगे की ओर चल दिए
अभी कुछ दूर ही बस चली थी की एक लगभग 50 साल का बुढा सा आदमी धीरे धीरे से आ कर मां से सट कर खड़ा हो गया
और जब जब झटका लगता अपनी केहूनी से मां की चूंची को रगड़ दे रहा था
पर मां इस बात को ध्यान नहीं दे रही थी या मजे ले रही थी पता नहीं
फिर उस बूढ़े ने बस में बस मे लगे रॉड को दोनों हाथों से ऐसे पकड़ा की मां उसके हाथों से बनाए घेरे की बीच में आ गई
और अचानक तबी ड्राईवर ने जोर का ब्रेक मारा तो मां उस बूढ़े की छाती पर जा गिरी और मां की चूंची बूढ़े की छाती से दब गई तभी उसने भी मौका का फायदा उठाया इस तरह से
उसने मां को अपनी बांहों में भर कर चूम लिया
मां (धीरे से)- उम्म्ह्ह्ह...........
करके कसमसा उठी
बस में भीड़ और बढ़ गई थी तो हमलोग हिल भी नहीं पा रहे थे
फिर उसने मां की चुचियों को पकड़ कर दबा दिया
मां - आउछ........ अअह्ह्ह्हह
मां की आवाज़ सब ने सुनी
तभी कंडक्टर बोला
क्या हुवा बहन जी
पर मां ने बात घुमा दिया
मां - कुछ नहीं, किसी ने मेरे पैर के उपर पैर रख दिया था
बस कंडक्टर - आगे आइए, आपका स्टॉप आने वाला है
हमारा कालेज आने ही वाला था
मैं और मां बस के दरवाजे की तरफ़ जानें लगे तभी वो खडूस बूढ़ा मेरी तरफ़ घुमा और जानबुझ कर मेरी चूचियों को भी रगड़ा मेरा हाथ एक मोटे से खीरे जैसे सख्त चीज पर लगा
फिर बस से बाहर आकर मैं मां के साथ जाने लगी और सोचने लगी की वो सख्त चीज क्या थी
सायद उसी आदमी का मोटा लन्ड
मैं तो सोच कर ही कांप उठी
बाप रे....
लगता है मौका मिलता तो वो आज मां को चो........... द
मैं - मैं भी क्या सोचने लगी
मॉम भी अपना क्लास लेने के लिए चली गई
और मैं अपने दोस्तों के साथ क्लास में
1 घण्टे बाद मैं स्टाफ रूम की तरफ़ जाने लगी देखा की मां अभी भी एक क्लास में लेक्चर दे रही थी और बहुत ही खुबसूरत लग रही थी
to be continued......
Click anywhere to continue browsing...
Mast mast bobe dekh raha tha Ramu. Maine bhi dekh liye tumhare boobs.भाग - ५
अब तक आपने पढ़ा
मां फिंगरिंग करते हुए पूरा तड़प रही थी
मां अपनी बुर में उंगलियों को जोर-जोर से अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी चूचियां और फूल चुकी थी और निप्पल कड़क हो गए थे मां की सांसे तेज चल रही थी और दोनों चुचिया ऊपर नीचे हो रही थी
अब आगे की कहानी.......
मां पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और उसके चूत में बस एक लंबे मोटा लन्ड चाहिए था जो उसके चूत की आग को ठंडा कर सके
मां की सेक्स की चाहत को देखकर मैं भी गरम हो गई थी और मेरे भी गुलाबी निप्पल एकदम टाइट होकर अंगूर की तरह हो चुके थे मेरा हाथ अपने आप अपनी चूचियों की ओर गई और मैं धीरे-धीरे अपनी ही चूचियों को सहलाने लगी
मां अब और तेजी से बुर में उंगली करने लगी और कुछ देर में शांत हो गई
मां की जांघों के बीच की सुरंग से जवानी की धार फूट कर बाहर आ गई थी और गुलाबी सुरंग की द्वार पूरी तरह से गर्म लावा से भींग चुकी थी और साथ में मां की सेक्सी पैन्टी भी
मां अपनी पैन्टी उतार दी
मां के बुर से निकाला रस
फिर मां उठकर कपड़े पहने लगी और मैं अपने कमरे में चली गई
मैं भी अपना ड्रेस चेंज करने लगी
मैं अपना ड्रेस उतार कर बाथरुम में वाश के लिए रख कर वापस ड्रेसिंग टेबिल के पास आ गई और अपने आप को निहारने लगी मेरे शरीर पर मात्र एक समीज और पैन्टी थी केवल
तभी शीशे में लगा किसी का चेहरा दिखा पर फिर गायब हो गया
मैं अपने मगन मे थी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और समीज को भी उतार कर वाश के लिए बाथरुम में जाने लगी तो अचानक डोर पर किसी की आहट सुनाई दी
मैं मुड़ कर वापस आने लगी तो देखा दरवाजे के पीछे रामू खड़ा था मैंने झट से टॉवल अपने बदन पर लपेट लिया
मैं (चिल्ला उठी)- रामू तुम यहां क्या कर रहे हो
रामू - जी मैडम सो रही थी तो मैंने सोचा आपसे पूछ लूं कि डिनर में क्या बनाना है
एक जोर का थप्पड़ रामू के कल पर रसीद कर दिया
मेरी चिल्लाहट सुनकर मन भी दौड़ती हुई आई
मैंने रोते हुए मां को बताया कि रामू ने मुझे कपडे बदलते हुए देखा है
रामू अपनी सफाई देता है
रामू - मेमसाहेब, मैं तो डिनर में क्या बनाना है वो पूछने आया था मुझे नहीं पता था की रोजी मेमसाहैब ऐसी हालात में होगी
मां ने डांट फटकार लगाई रामू को किचन में भेज दिया
और मुझे गले से लगा कर संतावना देने लगी की
उसने जानबुझ कर नहीं किया ऐसा
मां - मैं जरा किताब दुकान जा कर आती हूं कुछ बुक्स लेना है
मैं - जी मम्मी
मां बाज़ार जाने के लिए
मां के जाने के बाद मैं भी एक व्हाइट t shirt पहन कर हॉल में आ कर टीवी देखने लगी
रामू बार बार किचन में काम करते करते मुझे ही घूर रहा था
पता नहीं क्यो
ये ऐसे थी मैं
अब आप लोग ही बता सकते हैं
रामू क्यों बार बार मेरी तरफ़ देख रहा था
मैंने तो उपर से नीचे तक पहन रखा था टी शर्ट और लॉन्ग स्कर्ट
मेरा पूरा तन ढका हुआ था
फिर भी उसको मुझमें क्या देख रहा था
please comment
story to be continued......
Click anywhere to continue browsing...