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Ye sab to meri samajh ke bahar hai. Yadi koi achi si gazal ho to mujhe send karna. Mai is samay wahi dud raha hu.Ye
मैं अब तक जान ना पाया हूं, क्यों तुझसे मिलने आया हूं।
तू मेरे दिल की धड़कन है मैं तेरे दर्पण की छाया हूं।
तू चाहे तो सपना कह ले या अनहोनी घटना कह ले।
मैं जिस पथ पर भी चल निकला मैं तेरे दर पर आ बैठा, मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा।
ये प्यार दिये का तेल नहीं, दो चार घड़ी का मेल नहीं।
यह तो युग युग का बंधन है, कोई गुड़ियों का खेल नहीं।
तू चाहे दीवाना कह ले, या अल्हड़ मस्ताना कह ले।
मैंने जो भी रेखा खींची तेरी तस्वीर बन बैठा मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा।।।
