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Zabardast update.....sahil ki school life k flashback bhi mazedaar hoga....Thank you so much bhai latest update posted
Nice update broUPDATE 15
इस वक्त हवेली के हाल में काफी चहल पहल हो रही थी औरतों और लड़कियों की क्योंकि आज सभी औरते और लड़कियां के हाथों मेंहदी लगने वाली थी जिसके लिए मेंहदी लगाने वाली लड़कियों को बुलाया गया था लेकिन आई सिर्फ 2 लड़कियां थी मेंहदी लगाने वाली जहां एक तरफ सुनैना और अमृता पहले बैठ गई थी मेंहदी लगाने के लिए वही बाकी के लोग इंतजार कर रहे थे अपने हाथ में मेंहदी लगाने के लिए इन सब के बीच राघव की बेटी भी लाइन में तैयार थी अपने हाथ में मेंहदी लगाने को जबकि इस तरफ दोनों लड़कियां ने सुनैना और अमृता को मेंहदी लगाने के बाद सुनता और अवनी को बैठाया मेहंदी लगन के लिए इसे देख राघव की बेटी को सब्र नहीं हो रहा था तभी उसने देखा एक तरफ जहां साहिल , कमल और दादी एक तरफ सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी उस बच्ची की आंखों में जैसे एक चमक सी आ गई वो तुरंत दौड़ के साहिल के पास गई आते ही....
बच्ची – (साहिल से) भइया आप मेरा एक काम कर दोगे...
साहिल – हा प्रिंसेस क्यों नहीं आप बोलो मै कर दूंगा आपका काम...
बच्ची – (मासूमियत से) भइया देखो न सबको मेंहदी लगाई जा रही है मेरा नंबर पता नहीं कब आएगा आप प्लीज मुझे मेंहदी लगा दो मै आपसे चॉकलेट नहीं मागूंगी...
बच्ची की मासूमियत भरी बात सुन साहिल , कमल और दादी मुस्कुराने लगे तभी...
साहिल – अरे ऐसे कैसे नहीं मांगोगे आप चॉकलेट मुझसे मै तो दूंगा आपको चॉकलेट और मेंहदी भी लगाऊंगा चलो आओ मेरे साथ....
बोल के साहिल अपने साथ बच्ची को लेके गया जहा पर दोनों लड़कियां मेंहदी लगा रही थी अवनी और सुनीता को वहां आके साहिल ने एक तरफ रखी मेंहदी का कोन उठा बच्ची को अपने सामने बैठा के...
साहिल – (बच्ची से) देखना अब मै अपनी प्रिंसेस को कितनी अच्छी मेहंदी लगता हूँ सब देखते रह जाएंगे आपके हाथ की मेंहदी को...
बोल के साहिल बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने लगा जिसे वहां खड़ी सुमन , कविता , रचना , शिवानी , सुरभि , खुशी , पायल , शबनम , पूनम और सोनम देखने लगे मुस्कुराते हुए कुछ ही देर में साहिल ने बच्ची के दोनों हाथों में मेहंदी लगा दी तब...
साहिल – लो प्रिंसेस लग गई मेंहदी आपके हाथों में बताओ कैसी लगी है...
जिसके बाद बच्ची अपने हाथ में मेंहदी देखने लगी और सभी को दिखाई जिसे देख...
रचना – (मुस्कुराते हुए) अरे वाह प्रिंसेस आपके हाथों में तो बहुत हो सुंदर मेंहदी लगी है....
बच्ची – (मुस्कुरा के) साहिल भईया ने लगाई है मेंहदी मुझे...
उसकी बात सुन सब मुस्कुराने लगे साथ में साहिल भी तभी...
रचना –(साहिल के सामने बैठ के) साहिल बहुत सुंदर डिजाइन बनाई है तुमने प्लीज मुझे भी लगा दो मेंहदी , अपना नंबर आने के इंतजार में बहुत टाइम लग जाएगा यहां पे...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है अभी लगता हूँ एक मिनिट...
साहिल की बात सुन रचना मुस्कुराते हुए साहिल को देखने लगी तभी साहिल हाथ में मेहंदी का कोने लेके जैसे ही रचना का हाथ पकड़ने जा रहा था तभी अपना हाथ पीछे कर साहिल इधर उधर कुछ ढूंढने लगा जिसे देख...
रचना – क्या हुआ साहिल कुछ ढूंढ रहे हो....
साहिल – अरे हा वो मै कोई कपड़ा या ग्लब्स ढूंढ रहा था कही मेरे हाथ लगने से बदबू ना आने लगे....
रचना – (कुछ ना समझ के) कैसी बदबू साहिल....
साहिल – (अपने हाथ में ग्लब्स पहनते हुए) अरे कही मेरा हाथ आपके हाथों में लगने से आपके हाथ में गटर की बदबू आने लगेगी ना इसीलिए....
साहिल की बात सुन लगभग सभी लड़किया और औरतों को कल रात की बात याद आई जब रचना ने साहिल से कहा था गटर छाप जिस वजह से साहिल वही बात याद दिला रहा था रचना को जबकि इस बात के चलते रचना के चेहरे पर जहां एक पल खुशी थी वही अब उदासी आ गई जिस वजह से रचना अपना हाथ पीछे कर रही थी तभी साहिल ने रचना का हाथ पकड़ के मेंहदी लगाने लगा...
साहिल – (रचना को मेंहदी लगते हुए) अब परेशानी की कोई बात नहीं मैने ग्लब्स पहन लिए अपने हाथ में अब बदबू नहीं आएगी आपके हाथों से गटर की...
बोल के मेहंदी लगाने लगा साहिल जबकि रचना आंख में आंसू लिए अपना सिर नीचे किए चुप बैठी थी जबकि साहिल सिर्फ मेहंदी लगाने में व्यस्त था कुछ देर बाद रचना के हाथों में मेहंदी लगा के....
साहिल – लीजिए लग गई आपके हाथ में मेंहदी...
बोल के साहिल उठने जा रहा था तभी दादी सामने आके बैठ गई साहिल के तब....
दादी – (अपना हाथ आगे कर) मुझे कौन लगाएगा मेंहदी...
साहिल – (मुस्कुरा के) मै हूँ ना मै लगाऊंगा मेंहदी अपनी प्यारी दादी मा को...
बोल के साहिल एक कोन मेंहदी का उठा के लगाने लगा दादी को धीरे धीरे साहिल एक डिजाइन बना रहा था जिसे दादी मुस्कुराते हुए देख रही थी गौर से तब...
दादी – तूने बताया नहीं तू मेहंदी लगाना जनता है कैसे....
साहिल – (दादी को मेंहदी लगाते हुए) वो दादी जहां मै रहता था वही नीचे मार्केट बनी हुई थी त्यौहार के वक्त वहां मेंहदी लगाने वाले अक्सर आते रहते थे वहीं उनको देखता था मै मेहंदी लगाते हुए तभी से मैने भी सीख गया मेहंदी लगाना...
दादी – (मुस्कुरा के) अरे वाह ये भी हुनर है तुझमें मुझे तो पता ही नहीं था...
साहिल – अरे अब तो पता चल गया ना मेरी प्यारी दादी अब देखते जाओ आप कितनी अच्छी डिजाइन बनाता हूँ मै...
बोल के साहिल मेंहदी से डिजाइन बनाने लगा दादी के हाथों में तभी दादी की नजर सुमन और कविता पर गई तब सुमन और कविता ने इशारे से रिक्वेस्ट की दादी से अपने हाथों में साहिल से मेहंदी लगवाने को तब दादी मुस्कुरा के दोनों को आंख से हा का इशारा किया फिर....
दादी – (साहिल से जो दादी को मेंहदी लगाने में व्यस्त था) साहिल मुझे मेंहदी लगाने के बाद बाकियों को भी लगा देना मेंहदी वैसे भी रात होने वाली है मेंहदी लगे हाथ से खाना कैसे खाएगे सब...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है मेरी प्यारी दादी मा आपको कैसे मना कर सकता हूँ मै...
थोड़ी देर में मेंहदी लगाने के बाद...
साहिल – अब देखो दादी कैसी लगी मेंहदी आपके हाथों में...
दादी – (अपने हाथ में लगी मेंहदी देख मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत है मेंहदी...
इन सब के बीच दोनों मेंहदी लगाने वाली दादी को देख रही थी उनको ऐसा लग रहा था शायद महे दाई लगाने का पैसा जो उन्हें मिलने वाला था वो शायद अब न मिले लेकिन दादी शायद पहले से समझ गई थी इसीलिए...
दादी – (दोनों मेंहदी वाली से) आप दोनों ज्यादा सोचो मत आपको आपका पैसा पूरा मिलेगा अब फिक्र मत करे...
दादी की बात सुन दोनों मेंहदी वाली हाथ जोड़ के दादी को धन्यवाद दिया और लगाने लगी बाकी लोगों को मेंहदी तब साहिल के सामने सुमन आगई आते ही अपने हाथ आगे कर दिया मुस्कुराते हुए साहिल तो जनता था ये बात इसीलिए उसने बिना कुछ बोले सुमन के हाथ में मेंहदी लगाने लगा जबकि सुमन मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी तभी...
सुमन – डिजाइन के साथ इसमें S भी लिख देना प्लीज...
सुमन की बात सुन एक पल साहिल हाथ रोक के सुमन को देख जहा सुमन सिर्फ मुस्कुराते हुए देख रही थी साहिल को जबकि साहिल कुछ बोलने को हुआ था कि तभी सुमन को मेंहदी लगाते वक्त सुमन अपने पैरों को जमीन पर थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल में झनकार आ रही थी जिसे सुन साहिल कुछ बोलने को हुआ लेकिन बोल ना पाया बस सुमन के पैरों की पायल की झनकार सुनता रहा जाने उस वक्त साहिल क्या सोच रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही थी और उसके हाथ चलते जा रहे थे सुमन के हाथ में मेहंदी लगाते हुए कुछ देर बाद जब मेहंदी लग गई तब साहिल का हाथ अपने आप रुक गए जिसे देख....
सुमन अपने हाथ में मेंहदी देख जिसमें एक खूबसूरत डिजाइन के साथ एक दिल बना था उसके अन्दर बड़ा S था और उसके अन्दर S में एक तरफ A था तो दूसरी तरफ P अक्षर लिखा था जो इस तरह से बनाया था साहिल ने की अगर कोई गौर से देखे तो समझ पाए जिसे सुमन देख रही थी उसे ये अजीब लगा वो साहिल को देखने लगी तभी सुमन कुछ बोलने को हुई तभी...
कविता – (बीच में आके) मां बहुत सुंदर लगी है मेंहदी आपके हाथ में आप हटो अब मेरी बारी है...
जिसके बाद सुमन हट गई लेकिन उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था इस सब के बारे में जबकि इस तरफ साहिल ने मेंहदी लगाना शुरू कर दी कविता के हाथ में जिसे देख कविता मुस्कुरा रही थी इन सब के बीच अवनी के हाथ में मेहंदी कब की लग गई थी वो कमल के बगल में आके चुपके से अपने हाथ में लगी मेंहदी उसे दिखा रही थी जिसमें मेंहदी के बीच में K लिखा था जिसे देख कमल मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था साथ अवनी भी इधर कविता के हाथ में मेहंदी लगाते वक्त बीच में सेमेंथा आई जिसे कोई देख नहीं सकता था वो साहिल को मेंहदी लगाते हुए देख साहिल से बोली....
सेमेंथा – मुझे कब लगाओगे मेंहदी...
साहिल अपने सामने सेमेंथा को देख कुछ बोलने को हुआ कि तभी उसे याद आ गया सेमेंथा के बारे में तभी साहिल ने उसे ऊपर कमरे में जाने का इशारा किया जिसे समझ सेमेंथा मुस्कुराते हुए चली गई साहिल के कमरे में इधर कुछ ही देर में कविता के हाथ में मेंहदी लगा के साहिल बिना कुछ बोले उठ गया चुपके से मेहंदी का कोन लेके जबकि कविता बोलने जा रही थी लेकिन साहिल वहा से चला गया था अपने कमरे मे और कविता देखती रह गई साहिल को जाते हुए वो साहिल को शुक्रिया बोलना चाहती थी शायद लेकिन अपने हाथ की मेंहदी देख मुस्कुराने लगी फिर दादी को देख के इशारे से शुक्रिया किया जिसे देख दादी ने हल्का मुस्कुरा दिया तब दूसरी तरफ सुमन जो अपनी सोच में गुम थी तभी...
दादी – (सुमन से) क्या हुआ सुमन कहा ध्यान है तुम्हारा क्या मेंहदी अच्छी नहीं लगाई तुम्हे साहिल ने...
सुमन – नहीं मा वो बात नहीं है वो बस अच्छी है...
दादी – (सुमन के पास आके उसके हाथ की मेंहदी देख) बहुत सुंदर लगाई है मेंहदी तुझे चल अब ज्यादा सोच मत जाके थोड़ा आराम करले बाद मे खाना भी खाना है...
दादी की बात सुन सुमन अपने कमरे में जाने लगी तभी उसका ध्यान गया रचना पर जो एक कोने में बैठी अपने हाथ की मेंहदी देख रही थी उसके पास जाके...
सुमन – (रचना से) क्या बात है रचना तू यहां अकेले चुप चाप क्यों बैठी है...
रचना – भाभी आपको याद है एक वक्त वो था जब साहिल छोटा था तब मैं उसे गोद में लेके पूरी हवेली घुमाती थी और एक वक्त ये है कल जब साहिल मिला इतने सालों बाद मुझे (आंख में आंसू लिए) और मैने उससे मू फेर लिया ऊपर से कल उस हादसे के वक्त मैने उसे गाली दे दी फिर भी उसने कुछ ना बोला किसी को फिर भी आज उसने मुझे मेंहदी लगाई सच में भाभी साहिल ने साबित कर दिया वो कितना अच्छा है और हम सब अकल के अंधे जो किसी की बातों में आके क्या क्या सुनाया साहिल को हमने अगर कल सच सामने ना आता सबके तो शायद आज भी हम सब साहिल को गलत ही समझते...
सुमन – चुप होजा रचना गलती सिर्फ तुझसे नहीं हुईं हैं हम सभी से हुई है ये वक्त रोने का नहीं बल्कि साहिल को मनाने का है उससे माफी मांगने का है...
रचना – हा भाभी मै मांगूंगी माफी साहिल से भले कोई भी सजा दे मुझे...
जबकि इस तरफ साहिल के कमरे में...
साहिल – (कमरे में आते ही सेमेंथा को सामने देख) क्या बात है तुम्हे मेरी लगाई मेहंदी बहुत अच्छी लगी क्या...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हम्ममम मेहंदी के साथ मेंहदी लगाने वाला भी अच्छा लगा मुझे...
साहिल – अच्छा तो बताओ कैसी लगाऊं मेंहदी तुम्हारे हाथों में...
सेमेंथा – ऐसी लगाओ जिसमें तुम्हारा प्यार दिखे मुझे...
साहिल –(मुस्कुरा के आंख मार के) अच्छा वो तो ऐसे भी दिखेगा जब तुम और मै एक साथ अकेले होगे पूरी रात...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अच्छा तो मौका भी है और दस्तूर भी...
साहिल – अरे तुम तो सच में तैयार हो गई यार मै मजाक कर रहा था अभी वैसे भी वक्त नहीं है लाओ पहले मेंहदी लगा देता हूँ तुम्हे...
बोल के साहिल मेंहदी लगाने लगा सेमेंथा को जबकि सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी साथ में सुमन की तरह सेमेंथा भी अपने पैरों को जमीन में थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल से एक झनकार आ रही थी तभी साहिल उसकी पायल को देखने लगा साथ ही सेमेंथा को मेहंदी लगाने लगा बिल्कुल सुमन की तरह और कुछ देर बाद...
साहिल – लो लग गई मेंहदी अब बताओ कैसी लग रही है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत बिल्कुल तुम्हारे प्यार की तरह...
साहिल – अच्छा ठीक है अब मेंहदी लगाने का इनाम भी देदो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अभी नहीं अभी तुम आराम करो वक्त आने पर इनाम मिल जाएगा...
बोल के सेमेंथा मुस्कुराते हुए गायब हो गई वहां से (जबकि सेमेंथा ने अपने हाथ में लगी सुमन की तरह मेंहदी के बारे में कुछ ना बोला क्यों आगे पता चलेगा)....
साहिल – (मुस्कुराते हुए) ये लड़की भी ना बड़ी चालू है यार...
बोल के मुस्कुराने लगा साहिल जबकि साहिल के कमरे के बाहर लगभग हर कोई अपने कमरे में चला गया क्योंकि सभी को मेंहदी लग चुकी थी घंटे भर बाद लगभग सभी साथ में डायनिंग टेबल पर बैठ के खाना खा रहे थे इनमें 2 लोगों को छोड़ के जिनमें से रागिनी और रीना ये दोनों अपने कमरे में खाना खा रहे थे जहां साहिल का ध्यान सिर्फ खाना खाने में था वही कुछ लोग ऐसे थे जो खाना खाते वक्त साहिल को देख रहे थे इस उम्मीद पर शायद साहिल सिर उठा के देखे उन्हें लेकिन शायद किस्मत को मंजूर नहीं था ये होना जबकि कमल खाना खाते वक्त अपने सामने बैठी अवनी को देख कर हल्का मुस्कुरा रहा था साथ अवनी भी खेर खाने के बाद सब अपने कमरे में जाने लगे सोने के लिए तब...
कमल कमरे में आते ही साहिल से काम का बहाना बना के निकल गया शबनम और पायल के कमरे में वहां आते ही कमल ने देखा कमरे में शबनम , पायल , रचना , शिवानी और सुरभि बैठे हुए थे कमल के कमरे में आते ही उसे अपने साथ बैठा के बात करने लगे...
शिवानी – शुक्रिया कमल तुम यहां आए...
कमल – (शिवानी की बात सुन) मुझे तो (शबनम और पायल की तरफ इशारा करके) दीदी ने बुलाया था किसी काम से....
शबनम – (घबराते हुए) कमल भइया आपसे एक जरूरी काम है हम सभी को...
कमल – क्या काम है बताए और प्लीज आप मुझे ये आप मत बोलिए सिर्फ नाम लेके बुला सकते हो , आप सब बड़े हो मुझसे...
पायल – (मुस्कुरा के) कमल तुम तो जानते हो सब कुछ साहिल भाई के बारे में प्लीज हमारी मदद करो हम सब साहिल भाई से माफी मांगना चाहते है देखो प्लीज बुरा मत मानना कमल तुम्हारे इलावा साहिल को कोई नहीं जानता है अच्छे से प्लीज भाई मदद कर दो अपनी इस बहन की....
कमल – (मुस्कुरा के) इसमें बुरा मानने की क्या बात है दीदी आप बड़ी बहन हो मेरी आपके लिए इतना तो कर सकता है आपका ये भाई बस जहां तक साहिल से माफी मांगने की बात है वो थोड़ा सा मुश्किल है साहिल बहुत गुस्से वाला है....
रचना – कमल तुम से ज्यादा साहिल को कोई नहीं जानता कुछ तो ऐसा होगा जिससे साहिल से हम बात करके माफी मांग सके कुछ तो बताओ जैसे उसका मूड कब सही रहता है...
कमल – साहिल जब गाने सुनता है तब उसका मूड बहुत अच्छा होता है आप जानते नहीं हो साहिल को गाना गाना बहुत पसंद है रोमांटिक वाले...
शबनम – अरे यार कल तो लेडीज संगीत के बाद रात में नाच गाना होगा सबका यार सभी ने तैयारी करके रखी है कल गाने में नाचने के लिए...
शिवानी – (खुश होके) कमल कोई आइडिया हो तो बताओ प्लीज कल किसी तरह से साहिल से हम बात कर सके....
कमल – (कुछ सोच के) एक काम हो सकता है उससे आपका काम बन जाएगा....
शिवानी , पायल , शबनम , रचना , सुरभि एक साथ – क्या है वो कमल बताओ ना....
कमल – अगर कल किसी तरह साहिल पार्टी में गाना गाने के लिए तैयार हो जाय तो काम आसानी से बन जाएगा क्योंकि गाना गाने के बहाने साहिल का मूड भी अच्छा रहेगा साथ में आपका काम भी बन जायेगा....
सुरभि – लेकिन ये सब होगा कैसे....
कमल – (मुस्कुरा के) आप उसकी फिक्र ना करे दीदी बस कल की पार्टी में देखते जाइए कैसे साहिल गाना गाएगा वो भी एक नहीं कई गाने गाएगा साहिल कल....
सभी खुश होके एक साथ कमल को गले लगा लेती है फिर अलग होके....
पायल – थैंक यूं सो मच भाई तुम्हारा ये एहसान मै कभी नहीं भूलूंगी....
कमल – भाई अपनी बहन पर कभी एहसान नहीं करता है दीदी मै सिर्फ आपके भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ बस....
उसके बाद कमल सबसे विदा लेके निकल जाता है अपने कमरे में कमरे में आते ही....
साहिल – (बाल्कनी में खड़े होके सिगरेट पीते हुए कमल से) कहा गान्ड मरवाने गया था बे रात को तू....
कमल – कही नहीं बे यू ही बाहर टहल रहा था तू बता बालकनी में खड़ा होके सिगरेट पी रहा है सोना नहीं है क्या....
साहिल – पहले तू ये बता बे कर क्या रहा है तू ये सब अवनी के साथ जानता है ना उसे कैसी है वो....
कमल – (मुस्कुरा के) तो देख लिया तूने....
साहिल – हा बेटा तू क्या समझा मुझे पता नहीं चलेगा इस बारे में....
कमल – (मुस्कुरा के) अवनी अच्छी लड़की है साहिल आज मैने उससे दोस्ती की....
साहिल – जानता है ना वो कैसी है पता चले दोस्ती के बहाने तेरा ही इस्तमाल करे मुझसे बात करने के लिए , मै देख रहा हूँ सबको सुबह से हर कोई कोशिश करने में लगे है बात करने को मेरे से....
कमल – (हस्ते हुए) तो कर ले ना बात यार वैसे भी बात करने में क्या जाता है....
साहिल – घंटा बात करूंगा मै उनसे तू बस अपना बता ये सब चक्कर क्या है बे कही सच में तेरा इस्तेमाल तो नहीं कर रही अवनी बाद में रोना मत तू....
कमल – मुझे नहीं लगता यार और अगर ऐसा है भी तो मै दूर हो जाऊंगा अवनी से ऐसा दोस्त नहीं चाहिए मुझे भी...
साहिल – वो तू देख ले यार मेरा काम था समझाना तुझे बाकी जहां तक रही अवनी की बात इसको मै बहुत अच्छे से जनता हूँ साथ इसकी बहन खुशी को भी ये दोनों इतने शैतान है बचपन में इन्होंने अपनी मस्ती के लिए कैसे मुझे फसाया था इनकी वजह से मार खाई है मैने ये मै जनता हूँ अच्छे से...
कमल – तू चिंता मत कर यार मै नहीं आने वाला किसी की चाल में अब सोजा कल सुबह बहुत काम करना है शाम को लेडीज संगीत है साथ में रात को पार्टी भी चल सोजा अब....
साहिल – हम्ममम तू चल मै आता हु थोड़ी देर में सोने....
कमल के जाने के बाद साहिल खड़ा था बाल्कनी में तभी सेमेंथा वहां आ गई...
साहिल – (सेमेंथा को देख धीरे से) कहा थी तुम....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) यही थी देख रही थी तुम्हे सबके साथ जब खाना खा रहे थे...
साहिल – हम्ममम अच्छा तुम बोर तो नहीं हो रही हो यहां पर...
सेमेंथा – बिल्कुल भी नहीं ऐसा क्यों पूछ रहे हो....
साहिल – बस ऐसे ही दिन भर शादी के काम में लगा रहता हूँ तुमसे अच्छे से बात भी नहीं कर पता हूँ इसीलिए पूछा...
सेमेंथा – बात करते तो हो तुम और रही काम की बात बस परसो शादी है उसके बाद तो बाते करते रहेंगे हम...
साहिल – अच्छा ये बताओ परसो शादी के बाद तो मै यहां से चला जाऊंगा तब....
सेमेंथा – तब भी तुम्हारे साथ रहूंगी ऐसे ही....
साहिल – यहां से जाने के बाद मै कॉलेज में एडमिशन लेने वाला हूँ एक काम करना तुम भी एडमिशन ले लेना साथ में रहेंगे इस बहाने से हम दोनों...
सेमेंथा – हम्ममम तुमने तो बहुत आगे की बाते सोच ली अभी से ही....
साहिल – और क्या वहा घर में कमल के इलावा एक दादी है जिनसे बात करता हु बाकी किसी से मतलब नहीं मेरा तुम साथ रहोगी तो अच्छा लगेगा मुझे भी....
सेमेंथा – बिल्कुल साहिल मै तुम्हारे साथ रहूंगी...
साहिल – चलो सोते है कल सुबह जल्दी उतना है काफी काम है कल तो...
इस तरफ निधि के कमरे में जहां सुमन और कविता तीनों रात का खाना होने के बाद कमरे में आके मिल के बाते कर रहे थे....
सुमन – तो निधि अब बता साहिल के बारे में कुछ कैसे था साहिल और क्या क्या शौक है उसके...
निधि – मै ज्यादा तो कुछ नहीं जानती हु साहिल के बारे में बस इन 5 सालों में जो हुआ उसके इलावा क्योंकि जब मेरी स्कूल की जॉब लगी थी तब साहिल क्लास 8 मे आया था उस वक्त साहिल बहुत भोला भाला था लेकिन पढ़ने में बहुत होशियार क्लास में सभी उसके साथ अच्छे से रहते बात करते थे उस वक्त साहिल वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा आज है वो (हस्ते हुए) बिल्कुल दुबला पतला अगर किसी से लड़ाई हो जाती तो पक्का मार खा के आता...
निधि की बात सुन सुमन और कविता मुस्कुराने लगे तब...
सुमन – ऐसा तो मत बोल साहिल के लिए निधि....
निधि – (हस्ते हुए) मैने बस उदाहरण दिया भाभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कभी उसके साथ वो स्कूल से अपने रूम और रूम से स्कूल बस ये रूटीन था उसका हा अक्सर कमल के साथ ही जाया करता था घूमने साथ ही मेरे से पढ़ता था साहिल पहले मै खुद जाती थी पढ़ाने उसे कुछ समय बाद साहिल खुद आने लगा पढ़ने मेरे पास मै अक्सर उससे बाते करती थी लेकिन साहिल कभी फैमिली के बारे में बाते नहीं करता था क्योंकि एक दिन क्लास के दौरान मैने पहली बार देखा साहिल को जब उसे अटैक आया था तब कमल उसे संभालता था लेकिन उस दिन पहली बार मैने देखा साहिल को जब होश में आके उसने जो बोला उससे मै हैरान थी तब कमल ने मुझे बताया साहिल के अटैक के बारे में जबकि क्लास में सभी को बताया गया था की साहिल बीमार है इसीलिए कभी कभी बेहोश हो जाता है और होश में आने के बाद इसीलिए ऐसा होता है उसके साथ उस वक्त साहिल बहुत डरा सहमा सा हो जाता था ये भी एक वजह थी कि मै उससे सवाल नहीं करती उसकी फैमिली के बारे में सब कुछ सही चल रहा था साहिल और कमल हर साल स्कूल में फर्स्ट आते फिर ये लोग क्लास 10 में आए उस वक्त भी सब ठीक था जब तक साहिल सभी के साथ स्कूल की पिकनिक पर नहीं गया था सिर्फ 7 दिन के लिए गया था साहिल सभी के साथ पिकनिक पर लेकिन वापस आने के बाद उसका मूड बहुत उखड़ा रहता था क्यों क्या बात है उसने बताया नहीं इस बारे में किसी को , मैने भी बातो बातों में पूछा साहिल से लेकिन वो बात को टाल देता था तब मैने भी नहीं पूछा उस बारे में साहिल से कभी और जब ये बात मैने कमल से पूछी तो उसने साफ मना कर दिया ये बोल के कुछ नहीं हुआ वहां पर ऐसा उसके बाद धीरे धीरे वही रूटीन शुरू हो गया साहिल का धीरे धीरे करके क्लास 11 में आया तब कमल ने एक नया रूटीन बना दिया रोज साहिल को अपने साथ जिम ले जाता उस वक्त साहिल बहुत आलसी था बड़े नखरे करता था जिम जाने पर लेकिन कमल भी कम नहीं ले जाता था हर बार साहिल को अपने साथ देखते देखते बहुत फर्क आ गया साहिल की पर्सनालिटी में उसके बाद क्लास 12 में आया और अब आप सब के सामने है बस भाभी....
सुमन – और इसके इलावा...
निधि – मैने बताया ना भाभी इसके इलावा और कुछ ऐसा है नहीं बताने को अब क्या बताऊं मै (इन सब के बीच में निधि ने अपने और साहिल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया सुमन और कविता को ऐसा क्यों आप सब समझ गए होगे लेकिन ये कैसे हुआ ये आगे पता चलेगा जल्द ही)....
जिसके बाद तीनों सो गए लेकिन इन सब बातों के बीच कविता का चेहरा जाने किस वजह से उतर गया था बेड में लेती जरूर थी लेकिन नींद उसकी आंख से कोसों दूर थी जैसे अपनी ही सोच में डूबी कविता को कब नींद आ गई पता नहीं चला उसे....
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जारी रहेगा![]()
Nice update jaise Sahil ne saalo se jo dard saha hai uska andaja nahi hai sabko sabka pyara bhai jis par kaatil ka daag laga hai apne logo ne uske dard ko koi samajh nahi payegaUPDATE 15
इस वक्त हवेली के हाल में काफी चहल पहल हो रही थी औरतों और लड़कियों की क्योंकि आज सभी औरते और लड़कियां के हाथों मेंहदी लगने वाली थी जिसके लिए मेंहदी लगाने वाली लड़कियों को बुलाया गया था लेकिन आई सिर्फ 2 लड़कियां थी मेंहदी लगाने वाली जहां एक तरफ सुनैना और अमृता पहले बैठ गई थी मेंहदी लगाने के लिए वही बाकी के लोग इंतजार कर रहे थे अपने हाथ में मेंहदी लगाने के लिए इन सब के बीच राघव की बेटी भी लाइन में तैयार थी अपने हाथ में मेंहदी लगाने को जबकि इस तरफ दोनों लड़कियां ने सुनैना और अमृता को मेंहदी लगाने के बाद सुनता और अवनी को बैठाया मेहंदी लगन के लिए इसे देख राघव की बेटी को सब्र नहीं हो रहा था तभी उसने देखा एक तरफ जहां साहिल , कमल और दादी एक तरफ सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी उस बच्ची की आंखों में जैसे एक चमक सी आ गई वो तुरंत दौड़ के साहिल के पास गई आते ही....
बच्ची – (साहिल से) भइया आप मेरा एक काम कर दोगे...
साहिल – हा प्रिंसेस क्यों नहीं आप बोलो मै कर दूंगा आपका काम...
बच्ची – (मासूमियत से) भइया देखो न सबको मेंहदी लगाई जा रही है मेरा नंबर पता नहीं कब आएगा आप प्लीज मुझे मेंहदी लगा दो मै आपसे चॉकलेट नहीं मागूंगी...
बच्ची की मासूमियत भरी बात सुन साहिल , कमल और दादी मुस्कुराने लगे तभी...
साहिल – अरे ऐसे कैसे नहीं मांगोगे आप चॉकलेट मुझसे मै तो दूंगा आपको चॉकलेट और मेंहदी भी लगाऊंगा चलो आओ मेरे साथ....
बोल के साहिल अपने साथ बच्ची को लेके गया जहा पर दोनों लड़कियां मेंहदी लगा रही थी अवनी और सुनीता को वहां आके साहिल ने एक तरफ रखी मेंहदी का कोन उठा बच्ची को अपने सामने बैठा के...
साहिल – (बच्ची से) देखना अब मै अपनी प्रिंसेस को कितनी अच्छी मेहंदी लगता हूँ सब देखते रह जाएंगे आपके हाथ की मेंहदी को...
बोल के साहिल बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने लगा जिसे वहां खड़ी सुमन , कविता , रचना , शिवानी , सुरभि , खुशी , पायल , शबनम , पूनम और सोनम देखने लगे मुस्कुराते हुए कुछ ही देर में साहिल ने बच्ची के दोनों हाथों में मेहंदी लगा दी तब...
साहिल – लो प्रिंसेस लग गई मेंहदी आपके हाथों में बताओ कैसी लगी है...
जिसके बाद बच्ची अपने हाथ में मेंहदी देखने लगी और सभी को दिखाई जिसे देख...
रचना – (मुस्कुराते हुए) अरे वाह प्रिंसेस आपके हाथों में तो बहुत हो सुंदर मेंहदी लगी है....
बच्ची – (मुस्कुरा के) साहिल भईया ने लगाई है मेंहदी मुझे...
उसकी बात सुन सब मुस्कुराने लगे साथ में साहिल भी तभी...
रचना –(साहिल के सामने बैठ के) साहिल बहुत सुंदर डिजाइन बनाई है तुमने प्लीज मुझे भी लगा दो मेंहदी , अपना नंबर आने के इंतजार में बहुत टाइम लग जाएगा यहां पे...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है अभी लगता हूँ एक मिनिट...
साहिल की बात सुन रचना मुस्कुराते हुए साहिल को देखने लगी तभी साहिल हाथ में मेहंदी का कोने लेके जैसे ही रचना का हाथ पकड़ने जा रहा था तभी अपना हाथ पीछे कर साहिल इधर उधर कुछ ढूंढने लगा जिसे देख...
रचना – क्या हुआ साहिल कुछ ढूंढ रहे हो....
साहिल – अरे हा वो मै कोई कपड़ा या ग्लब्स ढूंढ रहा था कही मेरे हाथ लगने से बदबू ना आने लगे....
रचना – (कुछ ना समझ के) कैसी बदबू साहिल....
साहिल – (अपने हाथ में ग्लब्स पहनते हुए) अरे कही मेरा हाथ आपके हाथों में लगने से आपके हाथ में गटर की बदबू आने लगेगी ना इसीलिए....
साहिल की बात सुन लगभग सभी लड़किया और औरतों को कल रात की बात याद आई जब रचना ने साहिल से कहा था गटर छाप जिस वजह से साहिल वही बात याद दिला रहा था रचना को जबकि इस बात के चलते रचना के चेहरे पर जहां एक पल खुशी थी वही अब उदासी आ गई जिस वजह से रचना अपना हाथ पीछे कर रही थी तभी साहिल ने रचना का हाथ पकड़ के मेंहदी लगाने लगा...
साहिल – (रचना को मेंहदी लगते हुए) अब परेशानी की कोई बात नहीं मैने ग्लब्स पहन लिए अपने हाथ में अब बदबू नहीं आएगी आपके हाथों से गटर की...
बोल के मेहंदी लगाने लगा साहिल जबकि रचना आंख में आंसू लिए अपना सिर नीचे किए चुप बैठी थी जबकि साहिल सिर्फ मेहंदी लगाने में व्यस्त था कुछ देर बाद रचना के हाथों में मेहंदी लगा के....
साहिल – लीजिए लग गई आपके हाथ में मेंहदी...
बोल के साहिल उठने जा रहा था तभी दादी सामने आके बैठ गई साहिल के तब....
दादी – (अपना हाथ आगे कर) मुझे कौन लगाएगा मेंहदी...
साहिल – (मुस्कुरा के) मै हूँ ना मै लगाऊंगा मेंहदी अपनी प्यारी दादी मा को...
बोल के साहिल एक कोन मेंहदी का उठा के लगाने लगा दादी को धीरे धीरे साहिल एक डिजाइन बना रहा था जिसे दादी मुस्कुराते हुए देख रही थी गौर से तब...
दादी – तूने बताया नहीं तू मेहंदी लगाना जनता है कैसे....
साहिल – (दादी को मेंहदी लगाते हुए) वो दादी जहां मै रहता था वही नीचे मार्केट बनी हुई थी त्यौहार के वक्त वहां मेंहदी लगाने वाले अक्सर आते रहते थे वहीं उनको देखता था मै मेहंदी लगाते हुए तभी से मैने भी सीख गया मेहंदी लगाना...
दादी – (मुस्कुरा के) अरे वाह ये भी हुनर है तुझमें मुझे तो पता ही नहीं था...
साहिल – अरे अब तो पता चल गया ना मेरी प्यारी दादी अब देखते जाओ आप कितनी अच्छी डिजाइन बनाता हूँ मै...
बोल के साहिल मेंहदी से डिजाइन बनाने लगा दादी के हाथों में तभी दादी की नजर सुमन और कविता पर गई तब सुमन और कविता ने इशारे से रिक्वेस्ट की दादी से अपने हाथों में साहिल से मेहंदी लगवाने को तब दादी मुस्कुरा के दोनों को आंख से हा का इशारा किया फिर....
दादी – (साहिल से जो दादी को मेंहदी लगाने में व्यस्त था) साहिल मुझे मेंहदी लगाने के बाद बाकियों को भी लगा देना मेंहदी वैसे भी रात होने वाली है मेंहदी लगे हाथ से खाना कैसे खाएगे सब...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है मेरी प्यारी दादी मा आपको कैसे मना कर सकता हूँ मै...
थोड़ी देर में मेंहदी लगाने के बाद...
साहिल – अब देखो दादी कैसी लगी मेंहदी आपके हाथों में...
दादी – (अपने हाथ में लगी मेंहदी देख मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत है मेंहदी...
इन सब के बीच दोनों मेंहदी लगाने वाली दादी को देख रही थी उनको ऐसा लग रहा था शायद महे दाई लगाने का पैसा जो उन्हें मिलने वाला था वो शायद अब न मिले लेकिन दादी शायद पहले से समझ गई थी इसीलिए...
दादी – (दोनों मेंहदी वाली से) आप दोनों ज्यादा सोचो मत आपको आपका पैसा पूरा मिलेगा अब फिक्र मत करे...
दादी की बात सुन दोनों मेंहदी वाली हाथ जोड़ के दादी को धन्यवाद दिया और लगाने लगी बाकी लोगों को मेंहदी तब साहिल के सामने सुमन आगई आते ही अपने हाथ आगे कर दिया मुस्कुराते हुए साहिल तो जनता था ये बात इसीलिए उसने बिना कुछ बोले सुमन के हाथ में मेंहदी लगाने लगा जबकि सुमन मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी तभी...
सुमन – डिजाइन के साथ इसमें S भी लिख देना प्लीज...
सुमन की बात सुन एक पल साहिल हाथ रोक के सुमन को देख जहा सुमन सिर्फ मुस्कुराते हुए देख रही थी साहिल को जबकि साहिल कुछ बोलने को हुआ था कि तभी सुमन को मेंहदी लगाते वक्त सुमन अपने पैरों को जमीन पर थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल में झनकार आ रही थी जिसे सुन साहिल कुछ बोलने को हुआ लेकिन बोल ना पाया बस सुमन के पैरों की पायल की झनकार सुनता रहा जाने उस वक्त साहिल क्या सोच रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही थी और उसके हाथ चलते जा रहे थे सुमन के हाथ में मेहंदी लगाते हुए कुछ देर बाद जब मेहंदी लग गई तब साहिल का हाथ अपने आप रुक गए जिसे देख....
सुमन अपने हाथ में मेंहदी देख जिसमें एक खूबसूरत डिजाइन के साथ एक दिल बना था उसके अन्दर बड़ा S था और उसके अन्दर S में एक तरफ A था तो दूसरी तरफ P अक्षर लिखा था जो इस तरह से बनाया था साहिल ने की अगर कोई गौर से देखे तो समझ पाए जिसे सुमन देख रही थी उसे ये अजीब लगा वो साहिल को देखने लगी तभी सुमन कुछ बोलने को हुई तभी...
कविता – (बीच में आके) मां बहुत सुंदर लगी है मेंहदी आपके हाथ में आप हटो अब मेरी बारी है...
जिसके बाद सुमन हट गई लेकिन उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था इस सब के बारे में जबकि इस तरफ साहिल ने मेंहदी लगाना शुरू कर दी कविता के हाथ में जिसे देख कविता मुस्कुरा रही थी इन सब के बीच अवनी के हाथ में मेहंदी कब की लग गई थी वो कमल के बगल में आके चुपके से अपने हाथ में लगी मेंहदी उसे दिखा रही थी जिसमें मेंहदी के बीच में K लिखा था जिसे देख कमल मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था साथ अवनी भी इधर कविता के हाथ में मेहंदी लगाते वक्त बीच में सेमेंथा आई जिसे कोई देख नहीं सकता था वो साहिल को मेंहदी लगाते हुए देख साहिल से बोली....
सेमेंथा – मुझे कब लगाओगे मेंहदी...
साहिल अपने सामने सेमेंथा को देख कुछ बोलने को हुआ कि तभी उसे याद आ गया सेमेंथा के बारे में तभी साहिल ने उसे ऊपर कमरे में जाने का इशारा किया जिसे समझ सेमेंथा मुस्कुराते हुए चली गई साहिल के कमरे में इधर कुछ ही देर में कविता के हाथ में मेंहदी लगा के साहिल बिना कुछ बोले उठ गया चुपके से मेहंदी का कोन लेके जबकि कविता बोलने जा रही थी लेकिन साहिल वहा से चला गया था अपने कमरे मे और कविता देखती रह गई साहिल को जाते हुए वो साहिल को शुक्रिया बोलना चाहती थी शायद लेकिन अपने हाथ की मेंहदी देख मुस्कुराने लगी फिर दादी को देख के इशारे से शुक्रिया किया जिसे देख दादी ने हल्का मुस्कुरा दिया तब दूसरी तरफ सुमन जो अपनी सोच में गुम थी तभी...
दादी – (सुमन से) क्या हुआ सुमन कहा ध्यान है तुम्हारा क्या मेंहदी अच्छी नहीं लगाई तुम्हे साहिल ने...
सुमन – नहीं मा वो बात नहीं है वो बस अच्छी है...
दादी – (सुमन के पास आके उसके हाथ की मेंहदी देख) बहुत सुंदर लगाई है मेंहदी तुझे चल अब ज्यादा सोच मत जाके थोड़ा आराम करले बाद मे खाना भी खाना है...
दादी की बात सुन सुमन अपने कमरे में जाने लगी तभी उसका ध्यान गया रचना पर जो एक कोने में बैठी अपने हाथ की मेंहदी देख रही थी उसके पास जाके...
सुमन – (रचना से) क्या बात है रचना तू यहां अकेले चुप चाप क्यों बैठी है...
रचना – भाभी आपको याद है एक वक्त वो था जब साहिल छोटा था तब मैं उसे गोद में लेके पूरी हवेली घुमाती थी और एक वक्त ये है कल जब साहिल मिला इतने सालों बाद मुझे (आंख में आंसू लिए) और मैने उससे मू फेर लिया ऊपर से कल उस हादसे के वक्त मैने उसे गाली दे दी फिर भी उसने कुछ ना बोला किसी को फिर भी आज उसने मुझे मेंहदी लगाई सच में भाभी साहिल ने साबित कर दिया वो कितना अच्छा है और हम सब अकल के अंधे जो किसी की बातों में आके क्या क्या सुनाया साहिल को हमने अगर कल सच सामने ना आता सबके तो शायद आज भी हम सब साहिल को गलत ही समझते...
सुमन – चुप होजा रचना गलती सिर्फ तुझसे नहीं हुईं हैं हम सभी से हुई है ये वक्त रोने का नहीं बल्कि साहिल को मनाने का है उससे माफी मांगने का है...
रचना – हा भाभी मै मांगूंगी माफी साहिल से भले कोई भी सजा दे मुझे...
जबकि इस तरफ साहिल के कमरे में...
साहिल – (कमरे में आते ही सेमेंथा को सामने देख) क्या बात है तुम्हे मेरी लगाई मेहंदी बहुत अच्छी लगी क्या...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हम्ममम मेहंदी के साथ मेंहदी लगाने वाला भी अच्छा लगा मुझे...
साहिल – अच्छा तो बताओ कैसी लगाऊं मेंहदी तुम्हारे हाथों में...
सेमेंथा – ऐसी लगाओ जिसमें तुम्हारा प्यार दिखे मुझे...
साहिल –(मुस्कुरा के आंख मार के) अच्छा वो तो ऐसे भी दिखेगा जब तुम और मै एक साथ अकेले होगे पूरी रात...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अच्छा तो मौका भी है और दस्तूर भी...
साहिल – अरे तुम तो सच में तैयार हो गई यार मै मजाक कर रहा था अभी वैसे भी वक्त नहीं है लाओ पहले मेंहदी लगा देता हूँ तुम्हे...
बोल के साहिल मेंहदी लगाने लगा सेमेंथा को जबकि सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी साथ में सुमन की तरह सेमेंथा भी अपने पैरों को जमीन में थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल से एक झनकार आ रही थी तभी साहिल उसकी पायल को देखने लगा साथ ही सेमेंथा को मेहंदी लगाने लगा बिल्कुल सुमन की तरह और कुछ देर बाद...
साहिल – लो लग गई मेंहदी अब बताओ कैसी लग रही है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत बिल्कुल तुम्हारे प्यार की तरह...
साहिल – अच्छा ठीक है अब मेंहदी लगाने का इनाम भी देदो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अभी नहीं अभी तुम आराम करो वक्त आने पर इनाम मिल जाएगा...
बोल के सेमेंथा मुस्कुराते हुए गायब हो गई वहां से (जबकि सेमेंथा ने अपने हाथ में लगी सुमन की तरह मेंहदी के बारे में कुछ ना बोला क्यों आगे पता चलेगा)....
साहिल – (मुस्कुराते हुए) ये लड़की भी ना बड़ी चालू है यार...
बोल के मुस्कुराने लगा साहिल जबकि साहिल के कमरे के बाहर लगभग हर कोई अपने कमरे में चला गया क्योंकि सभी को मेंहदी लग चुकी थी घंटे भर बाद लगभग सभी साथ में डायनिंग टेबल पर बैठ के खाना खा रहे थे इनमें 2 लोगों को छोड़ के जिनमें से रागिनी और रीना ये दोनों अपने कमरे में खाना खा रहे थे जहां साहिल का ध्यान सिर्फ खाना खाने में था वही कुछ लोग ऐसे थे जो खाना खाते वक्त साहिल को देख रहे थे इस उम्मीद पर शायद साहिल सिर उठा के देखे उन्हें लेकिन शायद किस्मत को मंजूर नहीं था ये होना जबकि कमल खाना खाते वक्त अपने सामने बैठी अवनी को देख कर हल्का मुस्कुरा रहा था साथ अवनी भी खेर खाने के बाद सब अपने कमरे में जाने लगे सोने के लिए तब...
कमल कमरे में आते ही साहिल से काम का बहाना बना के निकल गया शबनम और पायल के कमरे में वहां आते ही कमल ने देखा कमरे में शबनम , पायल , रचना , शिवानी और सुरभि बैठे हुए थे कमल के कमरे में आते ही उसे अपने साथ बैठा के बात करने लगे...
शिवानी – शुक्रिया कमल तुम यहां आए...
कमल – (शिवानी की बात सुन) मुझे तो (शबनम और पायल की तरफ इशारा करके) दीदी ने बुलाया था किसी काम से....
शबनम – (घबराते हुए) कमल भइया आपसे एक जरूरी काम है हम सभी को...
कमल – क्या काम है बताए और प्लीज आप मुझे ये आप मत बोलिए सिर्फ नाम लेके बुला सकते हो , आप सब बड़े हो मुझसे...
पायल – (मुस्कुरा के) कमल तुम तो जानते हो सब कुछ साहिल भाई के बारे में प्लीज हमारी मदद करो हम सब साहिल भाई से माफी मांगना चाहते है देखो प्लीज बुरा मत मानना कमल तुम्हारे इलावा साहिल को कोई नहीं जानता है अच्छे से प्लीज भाई मदद कर दो अपनी इस बहन की....
कमल – (मुस्कुरा के) इसमें बुरा मानने की क्या बात है दीदी आप बड़ी बहन हो मेरी आपके लिए इतना तो कर सकता है आपका ये भाई बस जहां तक साहिल से माफी मांगने की बात है वो थोड़ा सा मुश्किल है साहिल बहुत गुस्से वाला है....
रचना – कमल तुम से ज्यादा साहिल को कोई नहीं जानता कुछ तो ऐसा होगा जिससे साहिल से हम बात करके माफी मांग सके कुछ तो बताओ जैसे उसका मूड कब सही रहता है...
कमल – साहिल जब गाने सुनता है तब उसका मूड बहुत अच्छा होता है आप जानते नहीं हो साहिल को गाना गाना बहुत पसंद है रोमांटिक वाले...
शबनम – अरे यार कल तो लेडीज संगीत के बाद रात में नाच गाना होगा सबका यार सभी ने तैयारी करके रखी है कल गाने में नाचने के लिए...
शिवानी – (खुश होके) कमल कोई आइडिया हो तो बताओ प्लीज कल किसी तरह से साहिल से हम बात कर सके....
कमल – (कुछ सोच के) एक काम हो सकता है उससे आपका काम बन जाएगा....
शिवानी , पायल , शबनम , रचना , सुरभि एक साथ – क्या है वो कमल बताओ ना....
कमल – अगर कल किसी तरह साहिल पार्टी में गाना गाने के लिए तैयार हो जाय तो काम आसानी से बन जाएगा क्योंकि गाना गाने के बहाने साहिल का मूड भी अच्छा रहेगा साथ में आपका काम भी बन जायेगा....
सुरभि – लेकिन ये सब होगा कैसे....
कमल – (मुस्कुरा के) आप उसकी फिक्र ना करे दीदी बस कल की पार्टी में देखते जाइए कैसे साहिल गाना गाएगा वो भी एक नहीं कई गाने गाएगा साहिल कल....
सभी खुश होके एक साथ कमल को गले लगा लेती है फिर अलग होके....
पायल – थैंक यूं सो मच भाई तुम्हारा ये एहसान मै कभी नहीं भूलूंगी....
कमल – भाई अपनी बहन पर कभी एहसान नहीं करता है दीदी मै सिर्फ आपके भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ बस....
उसके बाद कमल सबसे विदा लेके निकल जाता है अपने कमरे में कमरे में आते ही....
साहिल – (बाल्कनी में खड़े होके सिगरेट पीते हुए कमल से) कहा गान्ड मरवाने गया था बे रात को तू....
कमल – कही नहीं बे यू ही बाहर टहल रहा था तू बता बालकनी में खड़ा होके सिगरेट पी रहा है सोना नहीं है क्या....
साहिल – पहले तू ये बता बे कर क्या रहा है तू ये सब अवनी के साथ जानता है ना उसे कैसी है वो....
कमल – (मुस्कुरा के) तो देख लिया तूने....
साहिल – हा बेटा तू क्या समझा मुझे पता नहीं चलेगा इस बारे में....
कमल – (मुस्कुरा के) अवनी अच्छी लड़की है साहिल आज मैने उससे दोस्ती की....
साहिल – जानता है ना वो कैसी है पता चले दोस्ती के बहाने तेरा ही इस्तमाल करे मुझसे बात करने के लिए , मै देख रहा हूँ सबको सुबह से हर कोई कोशिश करने में लगे है बात करने को मेरे से....
कमल – (हस्ते हुए) तो कर ले ना बात यार वैसे भी बात करने में क्या जाता है....
साहिल – घंटा बात करूंगा मै उनसे तू बस अपना बता ये सब चक्कर क्या है बे कही सच में तेरा इस्तेमाल तो नहीं कर रही अवनी बाद में रोना मत तू....
कमल – मुझे नहीं लगता यार और अगर ऐसा है भी तो मै दूर हो जाऊंगा अवनी से ऐसा दोस्त नहीं चाहिए मुझे भी...
साहिल – वो तू देख ले यार मेरा काम था समझाना तुझे बाकी जहां तक रही अवनी की बात इसको मै बहुत अच्छे से जनता हूँ साथ इसकी बहन खुशी को भी ये दोनों इतने शैतान है बचपन में इन्होंने अपनी मस्ती के लिए कैसे मुझे फसाया था इनकी वजह से मार खाई है मैने ये मै जनता हूँ अच्छे से...
कमल – तू चिंता मत कर यार मै नहीं आने वाला किसी की चाल में अब सोजा कल सुबह बहुत काम करना है शाम को लेडीज संगीत है साथ में रात को पार्टी भी चल सोजा अब....
साहिल – हम्ममम तू चल मै आता हु थोड़ी देर में सोने....
कमल के जाने के बाद साहिल खड़ा था बाल्कनी में तभी सेमेंथा वहां आ गई...
साहिल – (सेमेंथा को देख धीरे से) कहा थी तुम....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) यही थी देख रही थी तुम्हे सबके साथ जब खाना खा रहे थे...
साहिल – हम्ममम अच्छा तुम बोर तो नहीं हो रही हो यहां पर...
सेमेंथा – बिल्कुल भी नहीं ऐसा क्यों पूछ रहे हो....
साहिल – बस ऐसे ही दिन भर शादी के काम में लगा रहता हूँ तुमसे अच्छे से बात भी नहीं कर पता हूँ इसीलिए पूछा...
सेमेंथा – बात करते तो हो तुम और रही काम की बात बस परसो शादी है उसके बाद तो बाते करते रहेंगे हम...
साहिल – अच्छा ये बताओ परसो शादी के बाद तो मै यहां से चला जाऊंगा तब....
सेमेंथा – तब भी तुम्हारे साथ रहूंगी ऐसे ही....
साहिल – यहां से जाने के बाद मै कॉलेज में एडमिशन लेने वाला हूँ एक काम करना तुम भी एडमिशन ले लेना साथ में रहेंगे इस बहाने से हम दोनों...
सेमेंथा – हम्ममम तुमने तो बहुत आगे की बाते सोच ली अभी से ही....
साहिल – और क्या वहा घर में कमल के इलावा एक दादी है जिनसे बात करता हु बाकी किसी से मतलब नहीं मेरा तुम साथ रहोगी तो अच्छा लगेगा मुझे भी....
सेमेंथा – बिल्कुल साहिल मै तुम्हारे साथ रहूंगी...
साहिल – चलो सोते है कल सुबह जल्दी उतना है काफी काम है कल तो...
इस तरफ निधि के कमरे में जहां सुमन और कविता तीनों रात का खाना होने के बाद कमरे में आके मिल के बाते कर रहे थे....
सुमन – तो निधि अब बता साहिल के बारे में कुछ कैसे था साहिल और क्या क्या शौक है उसके...
निधि – मै ज्यादा तो कुछ नहीं जानती हु साहिल के बारे में बस इन 5 सालों में जो हुआ उसके इलावा क्योंकि जब मेरी स्कूल की जॉब लगी थी तब साहिल क्लास 8 मे आया था उस वक्त साहिल बहुत भोला भाला था लेकिन पढ़ने में बहुत होशियार क्लास में सभी उसके साथ अच्छे से रहते बात करते थे उस वक्त साहिल वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा आज है वो (हस्ते हुए) बिल्कुल दुबला पतला अगर किसी से लड़ाई हो जाती तो पक्का मार खा के आता...
निधि की बात सुन सुमन और कविता मुस्कुराने लगे तब...
सुमन – ऐसा तो मत बोल साहिल के लिए निधि....
निधि – (हस्ते हुए) मैने बस उदाहरण दिया भाभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कभी उसके साथ वो स्कूल से अपने रूम और रूम से स्कूल बस ये रूटीन था उसका हा अक्सर कमल के साथ ही जाया करता था घूमने साथ ही मेरे से पढ़ता था साहिल पहले मै खुद जाती थी पढ़ाने उसे कुछ समय बाद साहिल खुद आने लगा पढ़ने मेरे पास मै अक्सर उससे बाते करती थी लेकिन साहिल कभी फैमिली के बारे में बाते नहीं करता था क्योंकि एक दिन क्लास के दौरान मैने पहली बार देखा साहिल को जब उसे अटैक आया था तब कमल उसे संभालता था लेकिन उस दिन पहली बार मैने देखा साहिल को जब होश में आके उसने जो बोला उससे मै हैरान थी तब कमल ने मुझे बताया साहिल के अटैक के बारे में जबकि क्लास में सभी को बताया गया था की साहिल बीमार है इसीलिए कभी कभी बेहोश हो जाता है और होश में आने के बाद इसीलिए ऐसा होता है उसके साथ उस वक्त साहिल बहुत डरा सहमा सा हो जाता था ये भी एक वजह थी कि मै उससे सवाल नहीं करती उसकी फैमिली के बारे में सब कुछ सही चल रहा था साहिल और कमल हर साल स्कूल में फर्स्ट आते फिर ये लोग क्लास 10 में आए उस वक्त भी सब ठीक था जब तक साहिल सभी के साथ स्कूल की पिकनिक पर नहीं गया था सिर्फ 7 दिन के लिए गया था साहिल सभी के साथ पिकनिक पर लेकिन वापस आने के बाद उसका मूड बहुत उखड़ा रहता था क्यों क्या बात है उसने बताया नहीं इस बारे में किसी को , मैने भी बातो बातों में पूछा साहिल से लेकिन वो बात को टाल देता था तब मैने भी नहीं पूछा उस बारे में साहिल से कभी और जब ये बात मैने कमल से पूछी तो उसने साफ मना कर दिया ये बोल के कुछ नहीं हुआ वहां पर ऐसा उसके बाद धीरे धीरे वही रूटीन शुरू हो गया साहिल का धीरे धीरे करके क्लास 11 में आया तब कमल ने एक नया रूटीन बना दिया रोज साहिल को अपने साथ जिम ले जाता उस वक्त साहिल बहुत आलसी था बड़े नखरे करता था जिम जाने पर लेकिन कमल भी कम नहीं ले जाता था हर बार साहिल को अपने साथ देखते देखते बहुत फर्क आ गया साहिल की पर्सनालिटी में उसके बाद क्लास 12 में आया और अब आप सब के सामने है बस भाभी....
सुमन – और इसके इलावा...
निधि – मैने बताया ना भाभी इसके इलावा और कुछ ऐसा है नहीं बताने को अब क्या बताऊं मै (इन सब के बीच में निधि ने अपने और साहिल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया सुमन और कविता को ऐसा क्यों आप सब समझ गए होगे लेकिन ये कैसे हुआ ये आगे पता चलेगा जल्द ही)....
जिसके बाद तीनों सो गए लेकिन इन सब बातों के बीच कविता का चेहरा जाने किस वजह से उतर गया था बेड में लेती जरूर थी लेकिन नींद उसकी आंख से कोसों दूर थी जैसे अपनी ही सोच में डूबी कविता को कब नींद आ गई पता नहीं चला उसे....
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जारी रहेगा![]()
Bahut hi badhiya update diya hai DEVIL MAXIMUM bhai....UPDATE 15
इस वक्त हवेली के हाल में काफी चहल पहल हो रही थी औरतों और लड़कियों की क्योंकि आज सभी औरते और लड़कियां के हाथों मेंहदी लगने वाली थी जिसके लिए मेंहदी लगाने वाली लड़कियों को बुलाया गया था लेकिन आई सिर्फ 2 लड़कियां थी मेंहदी लगाने वाली जहां एक तरफ सुनैना और अमृता पहले बैठ गई थी मेंहदी लगाने के लिए वही बाकी के लोग इंतजार कर रहे थे अपने हाथ में मेंहदी लगाने के लिए इन सब के बीच राघव की बेटी भी लाइन में तैयार थी अपने हाथ में मेंहदी लगाने को जबकि इस तरफ दोनों लड़कियां ने सुनैना और अमृता को मेंहदी लगाने के बाद सुनता और अवनी को बैठाया मेहंदी लगन के लिए इसे देख राघव की बेटी को सब्र नहीं हो रहा था तभी उसने देखा एक तरफ जहां साहिल , कमल और दादी एक तरफ सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी उस बच्ची की आंखों में जैसे एक चमक सी आ गई वो तुरंत दौड़ के साहिल के पास गई आते ही....
बच्ची – (साहिल से) भइया आप मेरा एक काम कर दोगे...
साहिल – हा प्रिंसेस क्यों नहीं आप बोलो मै कर दूंगा आपका काम...
बच्ची – (मासूमियत से) भइया देखो न सबको मेंहदी लगाई जा रही है मेरा नंबर पता नहीं कब आएगा आप प्लीज मुझे मेंहदी लगा दो मै आपसे चॉकलेट नहीं मागूंगी...
बच्ची की मासूमियत भरी बात सुन साहिल , कमल और दादी मुस्कुराने लगे तभी...
साहिल – अरे ऐसे कैसे नहीं मांगोगे आप चॉकलेट मुझसे मै तो दूंगा आपको चॉकलेट और मेंहदी भी लगाऊंगा चलो आओ मेरे साथ....
बोल के साहिल अपने साथ बच्ची को लेके गया जहा पर दोनों लड़कियां मेंहदी लगा रही थी अवनी और सुनीता को वहां आके साहिल ने एक तरफ रखी मेंहदी का कोन उठा बच्ची को अपने सामने बैठा के...
साहिल – (बच्ची से) देखना अब मै अपनी प्रिंसेस को कितनी अच्छी मेहंदी लगता हूँ सब देखते रह जाएंगे आपके हाथ की मेंहदी को...
बोल के साहिल बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने लगा जिसे वहां खड़ी सुमन , कविता , रचना , शिवानी , सुरभि , खुशी , पायल , शबनम , पूनम और सोनम देखने लगे मुस्कुराते हुए कुछ ही देर में साहिल ने बच्ची के दोनों हाथों में मेहंदी लगा दी तब...
साहिल – लो प्रिंसेस लग गई मेंहदी आपके हाथों में बताओ कैसी लगी है...
जिसके बाद बच्ची अपने हाथ में मेंहदी देखने लगी और सभी को दिखाई जिसे देख...
रचना – (मुस्कुराते हुए) अरे वाह प्रिंसेस आपके हाथों में तो बहुत हो सुंदर मेंहदी लगी है....
बच्ची – (मुस्कुरा के) साहिल भईया ने लगाई है मेंहदी मुझे...
उसकी बात सुन सब मुस्कुराने लगे साथ में साहिल भी तभी...
रचना –(साहिल के सामने बैठ के) साहिल बहुत सुंदर डिजाइन बनाई है तुमने प्लीज मुझे भी लगा दो मेंहदी , अपना नंबर आने के इंतजार में बहुत टाइम लग जाएगा यहां पे...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है अभी लगता हूँ एक मिनिट...
साहिल की बात सुन रचना मुस्कुराते हुए साहिल को देखने लगी तभी साहिल हाथ में मेहंदी का कोने लेके जैसे ही रचना का हाथ पकड़ने जा रहा था तभी अपना हाथ पीछे कर साहिल इधर उधर कुछ ढूंढने लगा जिसे देख...
रचना – क्या हुआ साहिल कुछ ढूंढ रहे हो....
साहिल – अरे हा वो मै कोई कपड़ा या ग्लब्स ढूंढ रहा था कही मेरे हाथ लगने से बदबू ना आने लगे....
रचना – (कुछ ना समझ के) कैसी बदबू साहिल....
साहिल – (अपने हाथ में ग्लब्स पहनते हुए) अरे कही मेरा हाथ आपके हाथों में लगने से आपके हाथ में गटर की बदबू आने लगेगी ना इसीलिए....
साहिल की बात सुन लगभग सभी लड़किया और औरतों को कल रात की बात याद आई जब रचना ने साहिल से कहा था गटर छाप जिस वजह से साहिल वही बात याद दिला रहा था रचना को जबकि इस बात के चलते रचना के चेहरे पर जहां एक पल खुशी थी वही अब उदासी आ गई जिस वजह से रचना अपना हाथ पीछे कर रही थी तभी साहिल ने रचना का हाथ पकड़ के मेंहदी लगाने लगा...
साहिल – (रचना को मेंहदी लगते हुए) अब परेशानी की कोई बात नहीं मैने ग्लब्स पहन लिए अपने हाथ में अब बदबू नहीं आएगी आपके हाथों से गटर की...
बोल के मेहंदी लगाने लगा साहिल जबकि रचना आंख में आंसू लिए अपना सिर नीचे किए चुप बैठी थी जबकि साहिल सिर्फ मेहंदी लगाने में व्यस्त था कुछ देर बाद रचना के हाथों में मेहंदी लगा के....
साहिल – लीजिए लग गई आपके हाथ में मेंहदी...
बोल के साहिल उठने जा रहा था तभी दादी सामने आके बैठ गई साहिल के तब....
दादी – (अपना हाथ आगे कर) मुझे कौन लगाएगा मेंहदी...
साहिल – (मुस्कुरा के) मै हूँ ना मै लगाऊंगा मेंहदी अपनी प्यारी दादी मा को...
बोल के साहिल एक कोन मेंहदी का उठा के लगाने लगा दादी को धीरे धीरे साहिल एक डिजाइन बना रहा था जिसे दादी मुस्कुराते हुए देख रही थी गौर से तब...
दादी – तूने बताया नहीं तू मेहंदी लगाना जनता है कैसे....
साहिल – (दादी को मेंहदी लगाते हुए) वो दादी जहां मै रहता था वही नीचे मार्केट बनी हुई थी त्यौहार के वक्त वहां मेंहदी लगाने वाले अक्सर आते रहते थे वहीं उनको देखता था मै मेहंदी लगाते हुए तभी से मैने भी सीख गया मेहंदी लगाना...
दादी – (मुस्कुरा के) अरे वाह ये भी हुनर है तुझमें मुझे तो पता ही नहीं था...
साहिल – अरे अब तो पता चल गया ना मेरी प्यारी दादी अब देखते जाओ आप कितनी अच्छी डिजाइन बनाता हूँ मै...
बोल के साहिल मेंहदी से डिजाइन बनाने लगा दादी के हाथों में तभी दादी की नजर सुमन और कविता पर गई तब सुमन और कविता ने इशारे से रिक्वेस्ट की दादी से अपने हाथों में साहिल से मेहंदी लगवाने को तब दादी मुस्कुरा के दोनों को आंख से हा का इशारा किया फिर....
दादी – (साहिल से जो दादी को मेंहदी लगाने में व्यस्त था) साहिल मुझे मेंहदी लगाने के बाद बाकियों को भी लगा देना मेंहदी वैसे भी रात होने वाली है मेंहदी लगे हाथ से खाना कैसे खाएगे सब...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है मेरी प्यारी दादी मा आपको कैसे मना कर सकता हूँ मै...
थोड़ी देर में मेंहदी लगाने के बाद...
साहिल – अब देखो दादी कैसी लगी मेंहदी आपके हाथों में...
दादी – (अपने हाथ में लगी मेंहदी देख मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत है मेंहदी...
इन सब के बीच दोनों मेंहदी लगाने वाली दादी को देख रही थी उनको ऐसा लग रहा था शायद महे दाई लगाने का पैसा जो उन्हें मिलने वाला था वो शायद अब न मिले लेकिन दादी शायद पहले से समझ गई थी इसीलिए...
दादी – (दोनों मेंहदी वाली से) आप दोनों ज्यादा सोचो मत आपको आपका पैसा पूरा मिलेगा अब फिक्र मत करे...
दादी की बात सुन दोनों मेंहदी वाली हाथ जोड़ के दादी को धन्यवाद दिया और लगाने लगी बाकी लोगों को मेंहदी तब साहिल के सामने सुमन आगई आते ही अपने हाथ आगे कर दिया मुस्कुराते हुए साहिल तो जनता था ये बात इसीलिए उसने बिना कुछ बोले सुमन के हाथ में मेंहदी लगाने लगा जबकि सुमन मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी तभी...
सुमन – डिजाइन के साथ इसमें S भी लिख देना प्लीज...
सुमन की बात सुन एक पल साहिल हाथ रोक के सुमन को देख जहा सुमन सिर्फ मुस्कुराते हुए देख रही थी साहिल को जबकि साहिल कुछ बोलने को हुआ था कि तभी सुमन को मेंहदी लगाते वक्त सुमन अपने पैरों को जमीन पर थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल में झनकार आ रही थी जिसे सुन साहिल कुछ बोलने को हुआ लेकिन बोल ना पाया बस सुमन के पैरों की पायल की झनकार सुनता रहा जाने उस वक्त साहिल क्या सोच रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही थी और उसके हाथ चलते जा रहे थे सुमन के हाथ में मेहंदी लगाते हुए कुछ देर बाद जब मेहंदी लग गई तब साहिल का हाथ अपने आप रुक गए जिसे देख....
सुमन अपने हाथ में मेंहदी देख जिसमें एक खूबसूरत डिजाइन के साथ एक दिल बना था उसके अन्दर बड़ा S था और उसके अन्दर S में एक तरफ A था तो दूसरी तरफ P अक्षर लिखा था जो इस तरह से बनाया था साहिल ने की अगर कोई गौर से देखे तो समझ पाए जिसे सुमन देख रही थी उसे ये अजीब लगा वो साहिल को देखने लगी तभी सुमन कुछ बोलने को हुई तभी...
कविता – (बीच में आके) मां बहुत सुंदर लगी है मेंहदी आपके हाथ में आप हटो अब मेरी बारी है...
जिसके बाद सुमन हट गई लेकिन उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था इस सब के बारे में जबकि इस तरफ साहिल ने मेंहदी लगाना शुरू कर दी कविता के हाथ में जिसे देख कविता मुस्कुरा रही थी इन सब के बीच अवनी के हाथ में मेहंदी कब की लग गई थी वो कमल के बगल में आके चुपके से अपने हाथ में लगी मेंहदी उसे दिखा रही थी जिसमें मेंहदी के बीच में K लिखा था जिसे देख कमल मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था साथ अवनी भी इधर कविता के हाथ में मेहंदी लगाते वक्त बीच में सेमेंथा आई जिसे कोई देख नहीं सकता था वो साहिल को मेंहदी लगाते हुए देख साहिल से बोली....
सेमेंथा – मुझे कब लगाओगे मेंहदी...
साहिल अपने सामने सेमेंथा को देख कुछ बोलने को हुआ कि तभी उसे याद आ गया सेमेंथा के बारे में तभी साहिल ने उसे ऊपर कमरे में जाने का इशारा किया जिसे समझ सेमेंथा मुस्कुराते हुए चली गई साहिल के कमरे में इधर कुछ ही देर में कविता के हाथ में मेंहदी लगा के साहिल बिना कुछ बोले उठ गया चुपके से मेहंदी का कोन लेके जबकि कविता बोलने जा रही थी लेकिन साहिल वहा से चला गया था अपने कमरे मे और कविता देखती रह गई साहिल को जाते हुए वो साहिल को शुक्रिया बोलना चाहती थी शायद लेकिन अपने हाथ की मेंहदी देख मुस्कुराने लगी फिर दादी को देख के इशारे से शुक्रिया किया जिसे देख दादी ने हल्का मुस्कुरा दिया तब दूसरी तरफ सुमन जो अपनी सोच में गुम थी तभी...
दादी – (सुमन से) क्या हुआ सुमन कहा ध्यान है तुम्हारा क्या मेंहदी अच्छी नहीं लगाई तुम्हे साहिल ने...
सुमन – नहीं मा वो बात नहीं है वो बस अच्छी है...
दादी – (सुमन के पास आके उसके हाथ की मेंहदी देख) बहुत सुंदर लगाई है मेंहदी तुझे चल अब ज्यादा सोच मत जाके थोड़ा आराम करले बाद मे खाना भी खाना है...
दादी की बात सुन सुमन अपने कमरे में जाने लगी तभी उसका ध्यान गया रचना पर जो एक कोने में बैठी अपने हाथ की मेंहदी देख रही थी उसके पास जाके...
सुमन – (रचना से) क्या बात है रचना तू यहां अकेले चुप चाप क्यों बैठी है...
रचना – भाभी आपको याद है एक वक्त वो था जब साहिल छोटा था तब मैं उसे गोद में लेके पूरी हवेली घुमाती थी और एक वक्त ये है कल जब साहिल मिला इतने सालों बाद मुझे (आंख में आंसू लिए) और मैने उससे मू फेर लिया ऊपर से कल उस हादसे के वक्त मैने उसे गाली दे दी फिर भी उसने कुछ ना बोला किसी को फिर भी आज उसने मुझे मेंहदी लगाई सच में भाभी साहिल ने साबित कर दिया वो कितना अच्छा है और हम सब अकल के अंधे जो किसी की बातों में आके क्या क्या सुनाया साहिल को हमने अगर कल सच सामने ना आता सबके तो शायद आज भी हम सब साहिल को गलत ही समझते...
सुमन – चुप होजा रचना गलती सिर्फ तुझसे नहीं हुईं हैं हम सभी से हुई है ये वक्त रोने का नहीं बल्कि साहिल को मनाने का है उससे माफी मांगने का है...
रचना – हा भाभी मै मांगूंगी माफी साहिल से भले कोई भी सजा दे मुझे...
जबकि इस तरफ साहिल के कमरे में...
साहिल – (कमरे में आते ही सेमेंथा को सामने देख) क्या बात है तुम्हे मेरी लगाई मेहंदी बहुत अच्छी लगी क्या...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हम्ममम मेहंदी के साथ मेंहदी लगाने वाला भी अच्छा लगा मुझे...
साहिल – अच्छा तो बताओ कैसी लगाऊं मेंहदी तुम्हारे हाथों में...
सेमेंथा – ऐसी लगाओ जिसमें तुम्हारा प्यार दिखे मुझे...
साहिल –(मुस्कुरा के आंख मार के) अच्छा वो तो ऐसे भी दिखेगा जब तुम और मै एक साथ अकेले होगे पूरी रात...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अच्छा तो मौका भी है और दस्तूर भी...
साहिल – अरे तुम तो सच में तैयार हो गई यार मै मजाक कर रहा था अभी वैसे भी वक्त नहीं है लाओ पहले मेंहदी लगा देता हूँ तुम्हे...
बोल के साहिल मेंहदी लगाने लगा सेमेंथा को जबकि सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी साथ में सुमन की तरह सेमेंथा भी अपने पैरों को जमीन में थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल से एक झनकार आ रही थी तभी साहिल उसकी पायल को देखने लगा साथ ही सेमेंथा को मेहंदी लगाने लगा बिल्कुल सुमन की तरह और कुछ देर बाद...
साहिल – लो लग गई मेंहदी अब बताओ कैसी लग रही है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत बिल्कुल तुम्हारे प्यार की तरह...
साहिल – अच्छा ठीक है अब मेंहदी लगाने का इनाम भी देदो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अभी नहीं अभी तुम आराम करो वक्त आने पर इनाम मिल जाएगा...
बोल के सेमेंथा मुस्कुराते हुए गायब हो गई वहां से (जबकि सेमेंथा ने अपने हाथ में लगी सुमन की तरह मेंहदी के बारे में कुछ ना बोला क्यों आगे पता चलेगा)....
साहिल – (मुस्कुराते हुए) ये लड़की भी ना बड़ी चालू है यार...
बोल के मुस्कुराने लगा साहिल जबकि साहिल के कमरे के बाहर लगभग हर कोई अपने कमरे में चला गया क्योंकि सभी को मेंहदी लग चुकी थी घंटे भर बाद लगभग सभी साथ में डायनिंग टेबल पर बैठ के खाना खा रहे थे इनमें 2 लोगों को छोड़ के जिनमें से रागिनी और रीना ये दोनों अपने कमरे में खाना खा रहे थे जहां साहिल का ध्यान सिर्फ खाना खाने में था वही कुछ लोग ऐसे थे जो खाना खाते वक्त साहिल को देख रहे थे इस उम्मीद पर शायद साहिल सिर उठा के देखे उन्हें लेकिन शायद किस्मत को मंजूर नहीं था ये होना जबकि कमल खाना खाते वक्त अपने सामने बैठी अवनी को देख कर हल्का मुस्कुरा रहा था साथ अवनी भी खेर खाने के बाद सब अपने कमरे में जाने लगे सोने के लिए तब...
कमल कमरे में आते ही साहिल से काम का बहाना बना के निकल गया शबनम और पायल के कमरे में वहां आते ही कमल ने देखा कमरे में शबनम , पायल , रचना , शिवानी और सुरभि बैठे हुए थे कमल के कमरे में आते ही उसे अपने साथ बैठा के बात करने लगे...
शिवानी – शुक्रिया कमल तुम यहां आए...
कमल – (शिवानी की बात सुन) मुझे तो (शबनम और पायल की तरफ इशारा करके) दीदी ने बुलाया था किसी काम से....
शबनम – (घबराते हुए) कमल भइया आपसे एक जरूरी काम है हम सभी को...
कमल – क्या काम है बताए और प्लीज आप मुझे ये आप मत बोलिए सिर्फ नाम लेके बुला सकते हो , आप सब बड़े हो मुझसे...
पायल – (मुस्कुरा के) कमल तुम तो जानते हो सब कुछ साहिल भाई के बारे में प्लीज हमारी मदद करो हम सब साहिल भाई से माफी मांगना चाहते है देखो प्लीज बुरा मत मानना कमल तुम्हारे इलावा साहिल को कोई नहीं जानता है अच्छे से प्लीज भाई मदद कर दो अपनी इस बहन की....
कमल – (मुस्कुरा के) इसमें बुरा मानने की क्या बात है दीदी आप बड़ी बहन हो मेरी आपके लिए इतना तो कर सकता है आपका ये भाई बस जहां तक साहिल से माफी मांगने की बात है वो थोड़ा सा मुश्किल है साहिल बहुत गुस्से वाला है....
रचना – कमल तुम से ज्यादा साहिल को कोई नहीं जानता कुछ तो ऐसा होगा जिससे साहिल से हम बात करके माफी मांग सके कुछ तो बताओ जैसे उसका मूड कब सही रहता है...
कमल – साहिल जब गाने सुनता है तब उसका मूड बहुत अच्छा होता है आप जानते नहीं हो साहिल को गाना गाना बहुत पसंद है रोमांटिक वाले...
शबनम – अरे यार कल तो लेडीज संगीत के बाद रात में नाच गाना होगा सबका यार सभी ने तैयारी करके रखी है कल गाने में नाचने के लिए...
शिवानी – (खुश होके) कमल कोई आइडिया हो तो बताओ प्लीज कल किसी तरह से साहिल से हम बात कर सके....
कमल – (कुछ सोच के) एक काम हो सकता है उससे आपका काम बन जाएगा....
शिवानी , पायल , शबनम , रचना , सुरभि एक साथ – क्या है वो कमल बताओ ना....
कमल – अगर कल किसी तरह साहिल पार्टी में गाना गाने के लिए तैयार हो जाय तो काम आसानी से बन जाएगा क्योंकि गाना गाने के बहाने साहिल का मूड भी अच्छा रहेगा साथ में आपका काम भी बन जायेगा....
सुरभि – लेकिन ये सब होगा कैसे....
कमल – (मुस्कुरा के) आप उसकी फिक्र ना करे दीदी बस कल की पार्टी में देखते जाइए कैसे साहिल गाना गाएगा वो भी एक नहीं कई गाने गाएगा साहिल कल....
सभी खुश होके एक साथ कमल को गले लगा लेती है फिर अलग होके....
पायल – थैंक यूं सो मच भाई तुम्हारा ये एहसान मै कभी नहीं भूलूंगी....
कमल – भाई अपनी बहन पर कभी एहसान नहीं करता है दीदी मै सिर्फ आपके भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ बस....
उसके बाद कमल सबसे विदा लेके निकल जाता है अपने कमरे में कमरे में आते ही....
साहिल – (बाल्कनी में खड़े होके सिगरेट पीते हुए कमल से) कहा गान्ड मरवाने गया था बे रात को तू....
कमल – कही नहीं बे यू ही बाहर टहल रहा था तू बता बालकनी में खड़ा होके सिगरेट पी रहा है सोना नहीं है क्या....
साहिल – पहले तू ये बता बे कर क्या रहा है तू ये सब अवनी के साथ जानता है ना उसे कैसी है वो....
कमल – (मुस्कुरा के) तो देख लिया तूने....
साहिल – हा बेटा तू क्या समझा मुझे पता नहीं चलेगा इस बारे में....
कमल – (मुस्कुरा के) अवनी अच्छी लड़की है साहिल आज मैने उससे दोस्ती की....
साहिल – जानता है ना वो कैसी है पता चले दोस्ती के बहाने तेरा ही इस्तमाल करे मुझसे बात करने के लिए , मै देख रहा हूँ सबको सुबह से हर कोई कोशिश करने में लगे है बात करने को मेरे से....
कमल – (हस्ते हुए) तो कर ले ना बात यार वैसे भी बात करने में क्या जाता है....
साहिल – घंटा बात करूंगा मै उनसे तू बस अपना बता ये सब चक्कर क्या है बे कही सच में तेरा इस्तेमाल तो नहीं कर रही अवनी बाद में रोना मत तू....
कमल – मुझे नहीं लगता यार और अगर ऐसा है भी तो मै दूर हो जाऊंगा अवनी से ऐसा दोस्त नहीं चाहिए मुझे भी...
साहिल – वो तू देख ले यार मेरा काम था समझाना तुझे बाकी जहां तक रही अवनी की बात इसको मै बहुत अच्छे से जनता हूँ साथ इसकी बहन खुशी को भी ये दोनों इतने शैतान है बचपन में इन्होंने अपनी मस्ती के लिए कैसे मुझे फसाया था इनकी वजह से मार खाई है मैने ये मै जनता हूँ अच्छे से...
कमल – तू चिंता मत कर यार मै नहीं आने वाला किसी की चाल में अब सोजा कल सुबह बहुत काम करना है शाम को लेडीज संगीत है साथ में रात को पार्टी भी चल सोजा अब....
साहिल – हम्ममम तू चल मै आता हु थोड़ी देर में सोने....
कमल के जाने के बाद साहिल खड़ा था बाल्कनी में तभी सेमेंथा वहां आ गई...
साहिल – (सेमेंथा को देख धीरे से) कहा थी तुम....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) यही थी देख रही थी तुम्हे सबके साथ जब खाना खा रहे थे...
साहिल – हम्ममम अच्छा तुम बोर तो नहीं हो रही हो यहां पर...
सेमेंथा – बिल्कुल भी नहीं ऐसा क्यों पूछ रहे हो....
साहिल – बस ऐसे ही दिन भर शादी के काम में लगा रहता हूँ तुमसे अच्छे से बात भी नहीं कर पता हूँ इसीलिए पूछा...
सेमेंथा – बात करते तो हो तुम और रही काम की बात बस परसो शादी है उसके बाद तो बाते करते रहेंगे हम...
साहिल – अच्छा ये बताओ परसो शादी के बाद तो मै यहां से चला जाऊंगा तब....
सेमेंथा – तब भी तुम्हारे साथ रहूंगी ऐसे ही....
साहिल – यहां से जाने के बाद मै कॉलेज में एडमिशन लेने वाला हूँ एक काम करना तुम भी एडमिशन ले लेना साथ में रहेंगे इस बहाने से हम दोनों...
सेमेंथा – हम्ममम तुमने तो बहुत आगे की बाते सोच ली अभी से ही....
साहिल – और क्या वहा घर में कमल के इलावा एक दादी है जिनसे बात करता हु बाकी किसी से मतलब नहीं मेरा तुम साथ रहोगी तो अच्छा लगेगा मुझे भी....
सेमेंथा – बिल्कुल साहिल मै तुम्हारे साथ रहूंगी...
साहिल – चलो सोते है कल सुबह जल्दी उतना है काफी काम है कल तो...
इस तरफ निधि के कमरे में जहां सुमन और कविता तीनों रात का खाना होने के बाद कमरे में आके मिल के बाते कर रहे थे....
सुमन – तो निधि अब बता साहिल के बारे में कुछ कैसे था साहिल और क्या क्या शौक है उसके...
निधि – मै ज्यादा तो कुछ नहीं जानती हु साहिल के बारे में बस इन 5 सालों में जो हुआ उसके इलावा क्योंकि जब मेरी स्कूल की जॉब लगी थी तब साहिल क्लास 8 मे आया था उस वक्त साहिल बहुत भोला भाला था लेकिन पढ़ने में बहुत होशियार क्लास में सभी उसके साथ अच्छे से रहते बात करते थे उस वक्त साहिल वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा आज है वो (हस्ते हुए) बिल्कुल दुबला पतला अगर किसी से लड़ाई हो जाती तो पक्का मार खा के आता...
निधि की बात सुन सुमन और कविता मुस्कुराने लगे तब...
सुमन – ऐसा तो मत बोल साहिल के लिए निधि....
निधि – (हस्ते हुए) मैने बस उदाहरण दिया भाभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कभी उसके साथ वो स्कूल से अपने रूम और रूम से स्कूल बस ये रूटीन था उसका हा अक्सर कमल के साथ ही जाया करता था घूमने साथ ही मेरे से पढ़ता था साहिल पहले मै खुद जाती थी पढ़ाने उसे कुछ समय बाद साहिल खुद आने लगा पढ़ने मेरे पास मै अक्सर उससे बाते करती थी लेकिन साहिल कभी फैमिली के बारे में बाते नहीं करता था क्योंकि एक दिन क्लास के दौरान मैने पहली बार देखा साहिल को जब उसे अटैक आया था तब कमल उसे संभालता था लेकिन उस दिन पहली बार मैने देखा साहिल को जब होश में आके उसने जो बोला उससे मै हैरान थी तब कमल ने मुझे बताया साहिल के अटैक के बारे में जबकि क्लास में सभी को बताया गया था की साहिल बीमार है इसीलिए कभी कभी बेहोश हो जाता है और होश में आने के बाद इसीलिए ऐसा होता है उसके साथ उस वक्त साहिल बहुत डरा सहमा सा हो जाता था ये भी एक वजह थी कि मै उससे सवाल नहीं करती उसकी फैमिली के बारे में सब कुछ सही चल रहा था साहिल और कमल हर साल स्कूल में फर्स्ट आते फिर ये लोग क्लास 10 में आए उस वक्त भी सब ठीक था जब तक साहिल सभी के साथ स्कूल की पिकनिक पर नहीं गया था सिर्फ 7 दिन के लिए गया था साहिल सभी के साथ पिकनिक पर लेकिन वापस आने के बाद उसका मूड बहुत उखड़ा रहता था क्यों क्या बात है उसने बताया नहीं इस बारे में किसी को , मैने भी बातो बातों में पूछा साहिल से लेकिन वो बात को टाल देता था तब मैने भी नहीं पूछा उस बारे में साहिल से कभी और जब ये बात मैने कमल से पूछी तो उसने साफ मना कर दिया ये बोल के कुछ नहीं हुआ वहां पर ऐसा उसके बाद धीरे धीरे वही रूटीन शुरू हो गया साहिल का धीरे धीरे करके क्लास 11 में आया तब कमल ने एक नया रूटीन बना दिया रोज साहिल को अपने साथ जिम ले जाता उस वक्त साहिल बहुत आलसी था बड़े नखरे करता था जिम जाने पर लेकिन कमल भी कम नहीं ले जाता था हर बार साहिल को अपने साथ देखते देखते बहुत फर्क आ गया साहिल की पर्सनालिटी में उसके बाद क्लास 12 में आया और अब आप सब के सामने है बस भाभी....
सुमन – और इसके इलावा...
निधि – मैने बताया ना भाभी इसके इलावा और कुछ ऐसा है नहीं बताने को अब क्या बताऊं मै (इन सब के बीच में निधि ने अपने और साहिल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया सुमन और कविता को ऐसा क्यों आप सब समझ गए होगे लेकिन ये कैसे हुआ ये आगे पता चलेगा जल्द ही)....
जिसके बाद तीनों सो गए लेकिन इन सब बातों के बीच कविता का चेहरा जाने किस वजह से उतर गया था बेड में लेती जरूर थी लेकिन नींद उसकी आंख से कोसों दूर थी जैसे अपनी ही सोच में डूबी कविता को कब नींद आ गई पता नहीं चला उसे....
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जारी रहेगा![]()
Shandaar updateUPDATE 15
इस वक्त हवेली के हाल में काफी चहल पहल हो रही थी औरतों और लड़कियों की क्योंकि आज सभी औरते और लड़कियां के हाथों मेंहदी लगने वाली थी जिसके लिए मेंहदी लगाने वाली लड़कियों को बुलाया गया था लेकिन आई सिर्फ 2 लड़कियां थी मेंहदी लगाने वाली जहां एक तरफ सुनैना और अमृता पहले बैठ गई थी मेंहदी लगाने के लिए वही बाकी के लोग इंतजार कर रहे थे अपने हाथ में मेंहदी लगाने के लिए इन सब के बीच राघव की बेटी भी लाइन में तैयार थी अपने हाथ में मेंहदी लगाने को जबकि इस तरफ दोनों लड़कियां ने सुनैना और अमृता को मेंहदी लगाने के बाद सुनता और अवनी को बैठाया मेहंदी लगन के लिए इसे देख राघव की बेटी को सब्र नहीं हो रहा था तभी उसने देखा एक तरफ जहां साहिल , कमल और दादी एक तरफ सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी उस बच्ची की आंखों में जैसे एक चमक सी आ गई वो तुरंत दौड़ के साहिल के पास गई आते ही....
बच्ची – (साहिल से) भइया आप मेरा एक काम कर दोगे...
साहिल – हा प्रिंसेस क्यों नहीं आप बोलो मै कर दूंगा आपका काम...
बच्ची – (मासूमियत से) भइया देखो न सबको मेंहदी लगाई जा रही है मेरा नंबर पता नहीं कब आएगा आप प्लीज मुझे मेंहदी लगा दो मै आपसे चॉकलेट नहीं मागूंगी...
बच्ची की मासूमियत भरी बात सुन साहिल , कमल और दादी मुस्कुराने लगे तभी...
साहिल – अरे ऐसे कैसे नहीं मांगोगे आप चॉकलेट मुझसे मै तो दूंगा आपको चॉकलेट और मेंहदी भी लगाऊंगा चलो आओ मेरे साथ....
बोल के साहिल अपने साथ बच्ची को लेके गया जहा पर दोनों लड़कियां मेंहदी लगा रही थी अवनी और सुनीता को वहां आके साहिल ने एक तरफ रखी मेंहदी का कोन उठा बच्ची को अपने सामने बैठा के...
साहिल – (बच्ची से) देखना अब मै अपनी प्रिंसेस को कितनी अच्छी मेहंदी लगता हूँ सब देखते रह जाएंगे आपके हाथ की मेंहदी को...
बोल के साहिल बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने लगा जिसे वहां खड़ी सुमन , कविता , रचना , शिवानी , सुरभि , खुशी , पायल , शबनम , पूनम और सोनम देखने लगे मुस्कुराते हुए कुछ ही देर में साहिल ने बच्ची के दोनों हाथों में मेहंदी लगा दी तब...
साहिल – लो प्रिंसेस लग गई मेंहदी आपके हाथों में बताओ कैसी लगी है...
जिसके बाद बच्ची अपने हाथ में मेंहदी देखने लगी और सभी को दिखाई जिसे देख...
रचना – (मुस्कुराते हुए) अरे वाह प्रिंसेस आपके हाथों में तो बहुत हो सुंदर मेंहदी लगी है....
बच्ची – (मुस्कुरा के) साहिल भईया ने लगाई है मेंहदी मुझे...
उसकी बात सुन सब मुस्कुराने लगे साथ में साहिल भी तभी...
रचना –(साहिल के सामने बैठ के) साहिल बहुत सुंदर डिजाइन बनाई है तुमने प्लीज मुझे भी लगा दो मेंहदी , अपना नंबर आने के इंतजार में बहुत टाइम लग जाएगा यहां पे...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है अभी लगता हूँ एक मिनिट...
साहिल की बात सुन रचना मुस्कुराते हुए साहिल को देखने लगी तभी साहिल हाथ में मेहंदी का कोने लेके जैसे ही रचना का हाथ पकड़ने जा रहा था तभी अपना हाथ पीछे कर साहिल इधर उधर कुछ ढूंढने लगा जिसे देख...
रचना – क्या हुआ साहिल कुछ ढूंढ रहे हो....
साहिल – अरे हा वो मै कोई कपड़ा या ग्लब्स ढूंढ रहा था कही मेरे हाथ लगने से बदबू ना आने लगे....
रचना – (कुछ ना समझ के) कैसी बदबू साहिल....
साहिल – (अपने हाथ में ग्लब्स पहनते हुए) अरे कही मेरा हाथ आपके हाथों में लगने से आपके हाथ में गटर की बदबू आने लगेगी ना इसीलिए....
साहिल की बात सुन लगभग सभी लड़किया और औरतों को कल रात की बात याद आई जब रचना ने साहिल से कहा था गटर छाप जिस वजह से साहिल वही बात याद दिला रहा था रचना को जबकि इस बात के चलते रचना के चेहरे पर जहां एक पल खुशी थी वही अब उदासी आ गई जिस वजह से रचना अपना हाथ पीछे कर रही थी तभी साहिल ने रचना का हाथ पकड़ के मेंहदी लगाने लगा...
साहिल – (रचना को मेंहदी लगते हुए) अब परेशानी की कोई बात नहीं मैने ग्लब्स पहन लिए अपने हाथ में अब बदबू नहीं आएगी आपके हाथों से गटर की...
बोल के मेहंदी लगाने लगा साहिल जबकि रचना आंख में आंसू लिए अपना सिर नीचे किए चुप बैठी थी जबकि साहिल सिर्फ मेहंदी लगाने में व्यस्त था कुछ देर बाद रचना के हाथों में मेहंदी लगा के....
साहिल – लीजिए लग गई आपके हाथ में मेंहदी...
बोल के साहिल उठने जा रहा था तभी दादी सामने आके बैठ गई साहिल के तब....
दादी – (अपना हाथ आगे कर) मुझे कौन लगाएगा मेंहदी...
साहिल – (मुस्कुरा के) मै हूँ ना मै लगाऊंगा मेंहदी अपनी प्यारी दादी मा को...
बोल के साहिल एक कोन मेंहदी का उठा के लगाने लगा दादी को धीरे धीरे साहिल एक डिजाइन बना रहा था जिसे दादी मुस्कुराते हुए देख रही थी गौर से तब...
दादी – तूने बताया नहीं तू मेहंदी लगाना जनता है कैसे....
साहिल – (दादी को मेंहदी लगाते हुए) वो दादी जहां मै रहता था वही नीचे मार्केट बनी हुई थी त्यौहार के वक्त वहां मेंहदी लगाने वाले अक्सर आते रहते थे वहीं उनको देखता था मै मेहंदी लगाते हुए तभी से मैने भी सीख गया मेहंदी लगाना...
दादी – (मुस्कुरा के) अरे वाह ये भी हुनर है तुझमें मुझे तो पता ही नहीं था...
साहिल – अरे अब तो पता चल गया ना मेरी प्यारी दादी अब देखते जाओ आप कितनी अच्छी डिजाइन बनाता हूँ मै...
बोल के साहिल मेंहदी से डिजाइन बनाने लगा दादी के हाथों में तभी दादी की नजर सुमन और कविता पर गई तब सुमन और कविता ने इशारे से रिक्वेस्ट की दादी से अपने हाथों में साहिल से मेहंदी लगवाने को तब दादी मुस्कुरा के दोनों को आंख से हा का इशारा किया फिर....
दादी – (साहिल से जो दादी को मेंहदी लगाने में व्यस्त था) साहिल मुझे मेंहदी लगाने के बाद बाकियों को भी लगा देना मेंहदी वैसे भी रात होने वाली है मेंहदी लगे हाथ से खाना कैसे खाएगे सब...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है मेरी प्यारी दादी मा आपको कैसे मना कर सकता हूँ मै...
थोड़ी देर में मेंहदी लगाने के बाद...
साहिल – अब देखो दादी कैसी लगी मेंहदी आपके हाथों में...
दादी – (अपने हाथ में लगी मेंहदी देख मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत है मेंहदी...
इन सब के बीच दोनों मेंहदी लगाने वाली दादी को देख रही थी उनको ऐसा लग रहा था शायद महे दाई लगाने का पैसा जो उन्हें मिलने वाला था वो शायद अब न मिले लेकिन दादी शायद पहले से समझ गई थी इसीलिए...
दादी – (दोनों मेंहदी वाली से) आप दोनों ज्यादा सोचो मत आपको आपका पैसा पूरा मिलेगा अब फिक्र मत करे...
दादी की बात सुन दोनों मेंहदी वाली हाथ जोड़ के दादी को धन्यवाद दिया और लगाने लगी बाकी लोगों को मेंहदी तब साहिल के सामने सुमन आगई आते ही अपने हाथ आगे कर दिया मुस्कुराते हुए साहिल तो जनता था ये बात इसीलिए उसने बिना कुछ बोले सुमन के हाथ में मेंहदी लगाने लगा जबकि सुमन मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी तभी...
सुमन – डिजाइन के साथ इसमें S भी लिख देना प्लीज...
सुमन की बात सुन एक पल साहिल हाथ रोक के सुमन को देख जहा सुमन सिर्फ मुस्कुराते हुए देख रही थी साहिल को जबकि साहिल कुछ बोलने को हुआ था कि तभी सुमन को मेंहदी लगाते वक्त सुमन अपने पैरों को जमीन पर थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल में झनकार आ रही थी जिसे सुन साहिल कुछ बोलने को हुआ लेकिन बोल ना पाया बस सुमन के पैरों की पायल की झनकार सुनता रहा जाने उस वक्त साहिल क्या सोच रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही थी और उसके हाथ चलते जा रहे थे सुमन के हाथ में मेहंदी लगाते हुए कुछ देर बाद जब मेहंदी लग गई तब साहिल का हाथ अपने आप रुक गए जिसे देख....
सुमन अपने हाथ में मेंहदी देख जिसमें एक खूबसूरत डिजाइन के साथ एक दिल बना था उसके अन्दर बड़ा S था और उसके अन्दर S में एक तरफ A था तो दूसरी तरफ P अक्षर लिखा था जो इस तरह से बनाया था साहिल ने की अगर कोई गौर से देखे तो समझ पाए जिसे सुमन देख रही थी उसे ये अजीब लगा वो साहिल को देखने लगी तभी सुमन कुछ बोलने को हुई तभी...
कविता – (बीच में आके) मां बहुत सुंदर लगी है मेंहदी आपके हाथ में आप हटो अब मेरी बारी है...
जिसके बाद सुमन हट गई लेकिन उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था इस सब के बारे में जबकि इस तरफ साहिल ने मेंहदी लगाना शुरू कर दी कविता के हाथ में जिसे देख कविता मुस्कुरा रही थी इन सब के बीच अवनी के हाथ में मेहंदी कब की लग गई थी वो कमल के बगल में आके चुपके से अपने हाथ में लगी मेंहदी उसे दिखा रही थी जिसमें मेंहदी के बीच में K लिखा था जिसे देख कमल मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था साथ अवनी भी इधर कविता के हाथ में मेहंदी लगाते वक्त बीच में सेमेंथा आई जिसे कोई देख नहीं सकता था वो साहिल को मेंहदी लगाते हुए देख साहिल से बोली....
सेमेंथा – मुझे कब लगाओगे मेंहदी...
साहिल अपने सामने सेमेंथा को देख कुछ बोलने को हुआ कि तभी उसे याद आ गया सेमेंथा के बारे में तभी साहिल ने उसे ऊपर कमरे में जाने का इशारा किया जिसे समझ सेमेंथा मुस्कुराते हुए चली गई साहिल के कमरे में इधर कुछ ही देर में कविता के हाथ में मेंहदी लगा के साहिल बिना कुछ बोले उठ गया चुपके से मेहंदी का कोन लेके जबकि कविता बोलने जा रही थी लेकिन साहिल वहा से चला गया था अपने कमरे मे और कविता देखती रह गई साहिल को जाते हुए वो साहिल को शुक्रिया बोलना चाहती थी शायद लेकिन अपने हाथ की मेंहदी देख मुस्कुराने लगी फिर दादी को देख के इशारे से शुक्रिया किया जिसे देख दादी ने हल्का मुस्कुरा दिया तब दूसरी तरफ सुमन जो अपनी सोच में गुम थी तभी...
दादी – (सुमन से) क्या हुआ सुमन कहा ध्यान है तुम्हारा क्या मेंहदी अच्छी नहीं लगाई तुम्हे साहिल ने...
सुमन – नहीं मा वो बात नहीं है वो बस अच्छी है...
दादी – (सुमन के पास आके उसके हाथ की मेंहदी देख) बहुत सुंदर लगाई है मेंहदी तुझे चल अब ज्यादा सोच मत जाके थोड़ा आराम करले बाद मे खाना भी खाना है...
दादी की बात सुन सुमन अपने कमरे में जाने लगी तभी उसका ध्यान गया रचना पर जो एक कोने में बैठी अपने हाथ की मेंहदी देख रही थी उसके पास जाके...
सुमन – (रचना से) क्या बात है रचना तू यहां अकेले चुप चाप क्यों बैठी है...
रचना – भाभी आपको याद है एक वक्त वो था जब साहिल छोटा था तब मैं उसे गोद में लेके पूरी हवेली घुमाती थी और एक वक्त ये है कल जब साहिल मिला इतने सालों बाद मुझे (आंख में आंसू लिए) और मैने उससे मू फेर लिया ऊपर से कल उस हादसे के वक्त मैने उसे गाली दे दी फिर भी उसने कुछ ना बोला किसी को फिर भी आज उसने मुझे मेंहदी लगाई सच में भाभी साहिल ने साबित कर दिया वो कितना अच्छा है और हम सब अकल के अंधे जो किसी की बातों में आके क्या क्या सुनाया साहिल को हमने अगर कल सच सामने ना आता सबके तो शायद आज भी हम सब साहिल को गलत ही समझते...
सुमन – चुप होजा रचना गलती सिर्फ तुझसे नहीं हुईं हैं हम सभी से हुई है ये वक्त रोने का नहीं बल्कि साहिल को मनाने का है उससे माफी मांगने का है...
रचना – हा भाभी मै मांगूंगी माफी साहिल से भले कोई भी सजा दे मुझे...
जबकि इस तरफ साहिल के कमरे में...
साहिल – (कमरे में आते ही सेमेंथा को सामने देख) क्या बात है तुम्हे मेरी लगाई मेहंदी बहुत अच्छी लगी क्या...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हम्ममम मेहंदी के साथ मेंहदी लगाने वाला भी अच्छा लगा मुझे...
साहिल – अच्छा तो बताओ कैसी लगाऊं मेंहदी तुम्हारे हाथों में...
सेमेंथा – ऐसी लगाओ जिसमें तुम्हारा प्यार दिखे मुझे...
साहिल –(मुस्कुरा के आंख मार के) अच्छा वो तो ऐसे भी दिखेगा जब तुम और मै एक साथ अकेले होगे पूरी रात...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अच्छा तो मौका भी है और दस्तूर भी...
साहिल – अरे तुम तो सच में तैयार हो गई यार मै मजाक कर रहा था अभी वैसे भी वक्त नहीं है लाओ पहले मेंहदी लगा देता हूँ तुम्हे...
बोल के साहिल मेंहदी लगाने लगा सेमेंथा को जबकि सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी साथ में सुमन की तरह सेमेंथा भी अपने पैरों को जमीन में थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल से एक झनकार आ रही थी तभी साहिल उसकी पायल को देखने लगा साथ ही सेमेंथा को मेहंदी लगाने लगा बिल्कुल सुमन की तरह और कुछ देर बाद...
साहिल – लो लग गई मेंहदी अब बताओ कैसी लग रही है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत बिल्कुल तुम्हारे प्यार की तरह...
साहिल – अच्छा ठीक है अब मेंहदी लगाने का इनाम भी देदो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अभी नहीं अभी तुम आराम करो वक्त आने पर इनाम मिल जाएगा...
बोल के सेमेंथा मुस्कुराते हुए गायब हो गई वहां से (जबकि सेमेंथा ने अपने हाथ में लगी सुमन की तरह मेंहदी के बारे में कुछ ना बोला क्यों आगे पता चलेगा)....
साहिल – (मुस्कुराते हुए) ये लड़की भी ना बड़ी चालू है यार...
बोल के मुस्कुराने लगा साहिल जबकि साहिल के कमरे के बाहर लगभग हर कोई अपने कमरे में चला गया क्योंकि सभी को मेंहदी लग चुकी थी घंटे भर बाद लगभग सभी साथ में डायनिंग टेबल पर बैठ के खाना खा रहे थे इनमें 2 लोगों को छोड़ के जिनमें से रागिनी और रीना ये दोनों अपने कमरे में खाना खा रहे थे जहां साहिल का ध्यान सिर्फ खाना खाने में था वही कुछ लोग ऐसे थे जो खाना खाते वक्त साहिल को देख रहे थे इस उम्मीद पर शायद साहिल सिर उठा के देखे उन्हें लेकिन शायद किस्मत को मंजूर नहीं था ये होना जबकि कमल खाना खाते वक्त अपने सामने बैठी अवनी को देख कर हल्का मुस्कुरा रहा था साथ अवनी भी खेर खाने के बाद सब अपने कमरे में जाने लगे सोने के लिए तब...
कमल कमरे में आते ही साहिल से काम का बहाना बना के निकल गया शबनम और पायल के कमरे में वहां आते ही कमल ने देखा कमरे में शबनम , पायल , रचना , शिवानी और सुरभि बैठे हुए थे कमल के कमरे में आते ही उसे अपने साथ बैठा के बात करने लगे...
शिवानी – शुक्रिया कमल तुम यहां आए...
कमल – (शिवानी की बात सुन) मुझे तो (शबनम और पायल की तरफ इशारा करके) दीदी ने बुलाया था किसी काम से....
शबनम – (घबराते हुए) कमल भइया आपसे एक जरूरी काम है हम सभी को...
कमल – क्या काम है बताए और प्लीज आप मुझे ये आप मत बोलिए सिर्फ नाम लेके बुला सकते हो , आप सब बड़े हो मुझसे...
पायल – (मुस्कुरा के) कमल तुम तो जानते हो सब कुछ साहिल भाई के बारे में प्लीज हमारी मदद करो हम सब साहिल भाई से माफी मांगना चाहते है देखो प्लीज बुरा मत मानना कमल तुम्हारे इलावा साहिल को कोई नहीं जानता है अच्छे से प्लीज भाई मदद कर दो अपनी इस बहन की....
कमल – (मुस्कुरा के) इसमें बुरा मानने की क्या बात है दीदी आप बड़ी बहन हो मेरी आपके लिए इतना तो कर सकता है आपका ये भाई बस जहां तक साहिल से माफी मांगने की बात है वो थोड़ा सा मुश्किल है साहिल बहुत गुस्से वाला है....
रचना – कमल तुम से ज्यादा साहिल को कोई नहीं जानता कुछ तो ऐसा होगा जिससे साहिल से हम बात करके माफी मांग सके कुछ तो बताओ जैसे उसका मूड कब सही रहता है...
कमल – साहिल जब गाने सुनता है तब उसका मूड बहुत अच्छा होता है आप जानते नहीं हो साहिल को गाना गाना बहुत पसंद है रोमांटिक वाले...
शबनम – अरे यार कल तो लेडीज संगीत के बाद रात में नाच गाना होगा सबका यार सभी ने तैयारी करके रखी है कल गाने में नाचने के लिए...
शिवानी – (खुश होके) कमल कोई आइडिया हो तो बताओ प्लीज कल किसी तरह से साहिल से हम बात कर सके....
कमल – (कुछ सोच के) एक काम हो सकता है उससे आपका काम बन जाएगा....
शिवानी , पायल , शबनम , रचना , सुरभि एक साथ – क्या है वो कमल बताओ ना....
कमल – अगर कल किसी तरह साहिल पार्टी में गाना गाने के लिए तैयार हो जाय तो काम आसानी से बन जाएगा क्योंकि गाना गाने के बहाने साहिल का मूड भी अच्छा रहेगा साथ में आपका काम भी बन जायेगा....
सुरभि – लेकिन ये सब होगा कैसे....
कमल – (मुस्कुरा के) आप उसकी फिक्र ना करे दीदी बस कल की पार्टी में देखते जाइए कैसे साहिल गाना गाएगा वो भी एक नहीं कई गाने गाएगा साहिल कल....
सभी खुश होके एक साथ कमल को गले लगा लेती है फिर अलग होके....
पायल – थैंक यूं सो मच भाई तुम्हारा ये एहसान मै कभी नहीं भूलूंगी....
कमल – भाई अपनी बहन पर कभी एहसान नहीं करता है दीदी मै सिर्फ आपके भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ बस....
उसके बाद कमल सबसे विदा लेके निकल जाता है अपने कमरे में कमरे में आते ही....
साहिल – (बाल्कनी में खड़े होके सिगरेट पीते हुए कमल से) कहा गान्ड मरवाने गया था बे रात को तू....
कमल – कही नहीं बे यू ही बाहर टहल रहा था तू बता बालकनी में खड़ा होके सिगरेट पी रहा है सोना नहीं है क्या....
साहिल – पहले तू ये बता बे कर क्या रहा है तू ये सब अवनी के साथ जानता है ना उसे कैसी है वो....
कमल – (मुस्कुरा के) तो देख लिया तूने....
साहिल – हा बेटा तू क्या समझा मुझे पता नहीं चलेगा इस बारे में....
कमल – (मुस्कुरा के) अवनी अच्छी लड़की है साहिल आज मैने उससे दोस्ती की....
साहिल – जानता है ना वो कैसी है पता चले दोस्ती के बहाने तेरा ही इस्तमाल करे मुझसे बात करने के लिए , मै देख रहा हूँ सबको सुबह से हर कोई कोशिश करने में लगे है बात करने को मेरे से....
कमल – (हस्ते हुए) तो कर ले ना बात यार वैसे भी बात करने में क्या जाता है....
साहिल – घंटा बात करूंगा मै उनसे तू बस अपना बता ये सब चक्कर क्या है बे कही सच में तेरा इस्तेमाल तो नहीं कर रही अवनी बाद में रोना मत तू....
कमल – मुझे नहीं लगता यार और अगर ऐसा है भी तो मै दूर हो जाऊंगा अवनी से ऐसा दोस्त नहीं चाहिए मुझे भी...
साहिल – वो तू देख ले यार मेरा काम था समझाना तुझे बाकी जहां तक रही अवनी की बात इसको मै बहुत अच्छे से जनता हूँ साथ इसकी बहन खुशी को भी ये दोनों इतने शैतान है बचपन में इन्होंने अपनी मस्ती के लिए कैसे मुझे फसाया था इनकी वजह से मार खाई है मैने ये मै जनता हूँ अच्छे से...
कमल – तू चिंता मत कर यार मै नहीं आने वाला किसी की चाल में अब सोजा कल सुबह बहुत काम करना है शाम को लेडीज संगीत है साथ में रात को पार्टी भी चल सोजा अब....
साहिल – हम्ममम तू चल मै आता हु थोड़ी देर में सोने....
कमल के जाने के बाद साहिल खड़ा था बाल्कनी में तभी सेमेंथा वहां आ गई...
साहिल – (सेमेंथा को देख धीरे से) कहा थी तुम....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) यही थी देख रही थी तुम्हे सबके साथ जब खाना खा रहे थे...
साहिल – हम्ममम अच्छा तुम बोर तो नहीं हो रही हो यहां पर...
सेमेंथा – बिल्कुल भी नहीं ऐसा क्यों पूछ रहे हो....
साहिल – बस ऐसे ही दिन भर शादी के काम में लगा रहता हूँ तुमसे अच्छे से बात भी नहीं कर पता हूँ इसीलिए पूछा...
सेमेंथा – बात करते तो हो तुम और रही काम की बात बस परसो शादी है उसके बाद तो बाते करते रहेंगे हम...
साहिल – अच्छा ये बताओ परसो शादी के बाद तो मै यहां से चला जाऊंगा तब....
सेमेंथा – तब भी तुम्हारे साथ रहूंगी ऐसे ही....
साहिल – यहां से जाने के बाद मै कॉलेज में एडमिशन लेने वाला हूँ एक काम करना तुम भी एडमिशन ले लेना साथ में रहेंगे इस बहाने से हम दोनों...
सेमेंथा – हम्ममम तुमने तो बहुत आगे की बाते सोच ली अभी से ही....
साहिल – और क्या वहा घर में कमल के इलावा एक दादी है जिनसे बात करता हु बाकी किसी से मतलब नहीं मेरा तुम साथ रहोगी तो अच्छा लगेगा मुझे भी....
सेमेंथा – बिल्कुल साहिल मै तुम्हारे साथ रहूंगी...
साहिल – चलो सोते है कल सुबह जल्दी उतना है काफी काम है कल तो...
इस तरफ निधि के कमरे में जहां सुमन और कविता तीनों रात का खाना होने के बाद कमरे में आके मिल के बाते कर रहे थे....
सुमन – तो निधि अब बता साहिल के बारे में कुछ कैसे था साहिल और क्या क्या शौक है उसके...
निधि – मै ज्यादा तो कुछ नहीं जानती हु साहिल के बारे में बस इन 5 सालों में जो हुआ उसके इलावा क्योंकि जब मेरी स्कूल की जॉब लगी थी तब साहिल क्लास 8 मे आया था उस वक्त साहिल बहुत भोला भाला था लेकिन पढ़ने में बहुत होशियार क्लास में सभी उसके साथ अच्छे से रहते बात करते थे उस वक्त साहिल वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा आज है वो (हस्ते हुए) बिल्कुल दुबला पतला अगर किसी से लड़ाई हो जाती तो पक्का मार खा के आता...
निधि की बात सुन सुमन और कविता मुस्कुराने लगे तब...
सुमन – ऐसा तो मत बोल साहिल के लिए निधि....
निधि – (हस्ते हुए) मैने बस उदाहरण दिया भाभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कभी उसके साथ वो स्कूल से अपने रूम और रूम से स्कूल बस ये रूटीन था उसका हा अक्सर कमल के साथ ही जाया करता था घूमने साथ ही मेरे से पढ़ता था साहिल पहले मै खुद जाती थी पढ़ाने उसे कुछ समय बाद साहिल खुद आने लगा पढ़ने मेरे पास मै अक्सर उससे बाते करती थी लेकिन साहिल कभी फैमिली के बारे में बाते नहीं करता था क्योंकि एक दिन क्लास के दौरान मैने पहली बार देखा साहिल को जब उसे अटैक आया था तब कमल उसे संभालता था लेकिन उस दिन पहली बार मैने देखा साहिल को जब होश में आके उसने जो बोला उससे मै हैरान थी तब कमल ने मुझे बताया साहिल के अटैक के बारे में जबकि क्लास में सभी को बताया गया था की साहिल बीमार है इसीलिए कभी कभी बेहोश हो जाता है और होश में आने के बाद इसीलिए ऐसा होता है उसके साथ उस वक्त साहिल बहुत डरा सहमा सा हो जाता था ये भी एक वजह थी कि मै उससे सवाल नहीं करती उसकी फैमिली के बारे में सब कुछ सही चल रहा था साहिल और कमल हर साल स्कूल में फर्स्ट आते फिर ये लोग क्लास 10 में आए उस वक्त भी सब ठीक था जब तक साहिल सभी के साथ स्कूल की पिकनिक पर नहीं गया था सिर्फ 7 दिन के लिए गया था साहिल सभी के साथ पिकनिक पर लेकिन वापस आने के बाद उसका मूड बहुत उखड़ा रहता था क्यों क्या बात है उसने बताया नहीं इस बारे में किसी को , मैने भी बातो बातों में पूछा साहिल से लेकिन वो बात को टाल देता था तब मैने भी नहीं पूछा उस बारे में साहिल से कभी और जब ये बात मैने कमल से पूछी तो उसने साफ मना कर दिया ये बोल के कुछ नहीं हुआ वहां पर ऐसा उसके बाद धीरे धीरे वही रूटीन शुरू हो गया साहिल का धीरे धीरे करके क्लास 11 में आया तब कमल ने एक नया रूटीन बना दिया रोज साहिल को अपने साथ जिम ले जाता उस वक्त साहिल बहुत आलसी था बड़े नखरे करता था जिम जाने पर लेकिन कमल भी कम नहीं ले जाता था हर बार साहिल को अपने साथ देखते देखते बहुत फर्क आ गया साहिल की पर्सनालिटी में उसके बाद क्लास 12 में आया और अब आप सब के सामने है बस भाभी....
सुमन – और इसके इलावा...
निधि – मैने बताया ना भाभी इसके इलावा और कुछ ऐसा है नहीं बताने को अब क्या बताऊं मै (इन सब के बीच में निधि ने अपने और साहिल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया सुमन और कविता को ऐसा क्यों आप सब समझ गए होगे लेकिन ये कैसे हुआ ये आगे पता चलेगा जल्द ही)....
जिसके बाद तीनों सो गए लेकिन इन सब बातों के बीच कविता का चेहरा जाने किस वजह से उतर गया था बेड में लेती जरूर थी लेकिन नींद उसकी आंख से कोसों दूर थी जैसे अपनी ही सोच में डूबी कविता को कब नींद आ गई पता नहीं चला उसे....
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जारी रहेगा![]()
Nice updateUPDATE 15
इस वक्त हवेली के हाल में काफी चहल पहल हो रही थी औरतों और लड़कियों की क्योंकि आज सभी औरते और लड़कियां के हाथों मेंहदी लगने वाली थी जिसके लिए मेंहदी लगाने वाली लड़कियों को बुलाया गया था लेकिन आई सिर्फ 2 लड़कियां थी मेंहदी लगाने वाली जहां एक तरफ सुनैना और अमृता पहले बैठ गई थी मेंहदी लगाने के लिए वही बाकी के लोग इंतजार कर रहे थे अपने हाथ में मेंहदी लगाने के लिए इन सब के बीच राघव की बेटी भी लाइन में तैयार थी अपने हाथ में मेंहदी लगाने को जबकि इस तरफ दोनों लड़कियां ने सुनैना और अमृता को मेंहदी लगाने के बाद सुनता और अवनी को बैठाया मेहंदी लगन के लिए इसे देख राघव की बेटी को सब्र नहीं हो रहा था तभी उसने देखा एक तरफ जहां साहिल , कमल और दादी एक तरफ सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी उस बच्ची की आंखों में जैसे एक चमक सी आ गई वो तुरंत दौड़ के साहिल के पास गई आते ही....
बच्ची – (साहिल से) भइया आप मेरा एक काम कर दोगे...
साहिल – हा प्रिंसेस क्यों नहीं आप बोलो मै कर दूंगा आपका काम...
बच्ची – (मासूमियत से) भइया देखो न सबको मेंहदी लगाई जा रही है मेरा नंबर पता नहीं कब आएगा आप प्लीज मुझे मेंहदी लगा दो मै आपसे चॉकलेट नहीं मागूंगी...
बच्ची की मासूमियत भरी बात सुन साहिल , कमल और दादी मुस्कुराने लगे तभी...
साहिल – अरे ऐसे कैसे नहीं मांगोगे आप चॉकलेट मुझसे मै तो दूंगा आपको चॉकलेट और मेंहदी भी लगाऊंगा चलो आओ मेरे साथ....
बोल के साहिल अपने साथ बच्ची को लेके गया जहा पर दोनों लड़कियां मेंहदी लगा रही थी अवनी और सुनीता को वहां आके साहिल ने एक तरफ रखी मेंहदी का कोन उठा बच्ची को अपने सामने बैठा के...
साहिल – (बच्ची से) देखना अब मै अपनी प्रिंसेस को कितनी अच्छी मेहंदी लगता हूँ सब देखते रह जाएंगे आपके हाथ की मेंहदी को...
बोल के साहिल बच्ची के हाथों में मेहंदी लगाने लगा जिसे वहां खड़ी सुमन , कविता , रचना , शिवानी , सुरभि , खुशी , पायल , शबनम , पूनम और सोनम देखने लगे मुस्कुराते हुए कुछ ही देर में साहिल ने बच्ची के दोनों हाथों में मेहंदी लगा दी तब...
साहिल – लो प्रिंसेस लग गई मेंहदी आपके हाथों में बताओ कैसी लगी है...
जिसके बाद बच्ची अपने हाथ में मेंहदी देखने लगी और सभी को दिखाई जिसे देख...
रचना – (मुस्कुराते हुए) अरे वाह प्रिंसेस आपके हाथों में तो बहुत हो सुंदर मेंहदी लगी है....
बच्ची – (मुस्कुरा के) साहिल भईया ने लगाई है मेंहदी मुझे...
उसकी बात सुन सब मुस्कुराने लगे साथ में साहिल भी तभी...
रचना –(साहिल के सामने बैठ के) साहिल बहुत सुंदर डिजाइन बनाई है तुमने प्लीज मुझे भी लगा दो मेंहदी , अपना नंबर आने के इंतजार में बहुत टाइम लग जाएगा यहां पे...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है अभी लगता हूँ एक मिनिट...
साहिल की बात सुन रचना मुस्कुराते हुए साहिल को देखने लगी तभी साहिल हाथ में मेहंदी का कोने लेके जैसे ही रचना का हाथ पकड़ने जा रहा था तभी अपना हाथ पीछे कर साहिल इधर उधर कुछ ढूंढने लगा जिसे देख...
रचना – क्या हुआ साहिल कुछ ढूंढ रहे हो....
साहिल – अरे हा वो मै कोई कपड़ा या ग्लब्स ढूंढ रहा था कही मेरे हाथ लगने से बदबू ना आने लगे....
रचना – (कुछ ना समझ के) कैसी बदबू साहिल....
साहिल – (अपने हाथ में ग्लब्स पहनते हुए) अरे कही मेरा हाथ आपके हाथों में लगने से आपके हाथ में गटर की बदबू आने लगेगी ना इसीलिए....
साहिल की बात सुन लगभग सभी लड़किया और औरतों को कल रात की बात याद आई जब रचना ने साहिल से कहा था गटर छाप जिस वजह से साहिल वही बात याद दिला रहा था रचना को जबकि इस बात के चलते रचना के चेहरे पर जहां एक पल खुशी थी वही अब उदासी आ गई जिस वजह से रचना अपना हाथ पीछे कर रही थी तभी साहिल ने रचना का हाथ पकड़ के मेंहदी लगाने लगा...
साहिल – (रचना को मेंहदी लगते हुए) अब परेशानी की कोई बात नहीं मैने ग्लब्स पहन लिए अपने हाथ में अब बदबू नहीं आएगी आपके हाथों से गटर की...
बोल के मेहंदी लगाने लगा साहिल जबकि रचना आंख में आंसू लिए अपना सिर नीचे किए चुप बैठी थी जबकि साहिल सिर्फ मेहंदी लगाने में व्यस्त था कुछ देर बाद रचना के हाथों में मेहंदी लगा के....
साहिल – लीजिए लग गई आपके हाथ में मेंहदी...
बोल के साहिल उठने जा रहा था तभी दादी सामने आके बैठ गई साहिल के तब....
दादी – (अपना हाथ आगे कर) मुझे कौन लगाएगा मेंहदी...
साहिल – (मुस्कुरा के) मै हूँ ना मै लगाऊंगा मेंहदी अपनी प्यारी दादी मा को...
बोल के साहिल एक कोन मेंहदी का उठा के लगाने लगा दादी को धीरे धीरे साहिल एक डिजाइन बना रहा था जिसे दादी मुस्कुराते हुए देख रही थी गौर से तब...
दादी – तूने बताया नहीं तू मेहंदी लगाना जनता है कैसे....
साहिल – (दादी को मेंहदी लगाते हुए) वो दादी जहां मै रहता था वही नीचे मार्केट बनी हुई थी त्यौहार के वक्त वहां मेंहदी लगाने वाले अक्सर आते रहते थे वहीं उनको देखता था मै मेहंदी लगाते हुए तभी से मैने भी सीख गया मेहंदी लगाना...
दादी – (मुस्कुरा के) अरे वाह ये भी हुनर है तुझमें मुझे तो पता ही नहीं था...
साहिल – अरे अब तो पता चल गया ना मेरी प्यारी दादी अब देखते जाओ आप कितनी अच्छी डिजाइन बनाता हूँ मै...
बोल के साहिल मेंहदी से डिजाइन बनाने लगा दादी के हाथों में तभी दादी की नजर सुमन और कविता पर गई तब सुमन और कविता ने इशारे से रिक्वेस्ट की दादी से अपने हाथों में साहिल से मेहंदी लगवाने को तब दादी मुस्कुरा के दोनों को आंख से हा का इशारा किया फिर....
दादी – (साहिल से जो दादी को मेंहदी लगाने में व्यस्त था) साहिल मुझे मेंहदी लगाने के बाद बाकियों को भी लगा देना मेंहदी वैसे भी रात होने वाली है मेंहदी लगे हाथ से खाना कैसे खाएगे सब...
साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है मेरी प्यारी दादी मा आपको कैसे मना कर सकता हूँ मै...
थोड़ी देर में मेंहदी लगाने के बाद...
साहिल – अब देखो दादी कैसी लगी मेंहदी आपके हाथों में...
दादी – (अपने हाथ में लगी मेंहदी देख मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत है मेंहदी...
इन सब के बीच दोनों मेंहदी लगाने वाली दादी को देख रही थी उनको ऐसा लग रहा था शायद महे दाई लगाने का पैसा जो उन्हें मिलने वाला था वो शायद अब न मिले लेकिन दादी शायद पहले से समझ गई थी इसीलिए...
दादी – (दोनों मेंहदी वाली से) आप दोनों ज्यादा सोचो मत आपको आपका पैसा पूरा मिलेगा अब फिक्र मत करे...
दादी की बात सुन दोनों मेंहदी वाली हाथ जोड़ के दादी को धन्यवाद दिया और लगाने लगी बाकी लोगों को मेंहदी तब साहिल के सामने सुमन आगई आते ही अपने हाथ आगे कर दिया मुस्कुराते हुए साहिल तो जनता था ये बात इसीलिए उसने बिना कुछ बोले सुमन के हाथ में मेंहदी लगाने लगा जबकि सुमन मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी तभी...
सुमन – डिजाइन के साथ इसमें S भी लिख देना प्लीज...
सुमन की बात सुन एक पल साहिल हाथ रोक के सुमन को देख जहा सुमन सिर्फ मुस्कुराते हुए देख रही थी साहिल को जबकि साहिल कुछ बोलने को हुआ था कि तभी सुमन को मेंहदी लगाते वक्त सुमन अपने पैरों को जमीन पर थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल में झनकार आ रही थी जिसे सुन साहिल कुछ बोलने को हुआ लेकिन बोल ना पाया बस सुमन के पैरों की पायल की झनकार सुनता रहा जाने उस वक्त साहिल क्या सोच रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ रही थी और उसके हाथ चलते जा रहे थे सुमन के हाथ में मेहंदी लगाते हुए कुछ देर बाद जब मेहंदी लग गई तब साहिल का हाथ अपने आप रुक गए जिसे देख....
सुमन अपने हाथ में मेंहदी देख जिसमें एक खूबसूरत डिजाइन के साथ एक दिल बना था उसके अन्दर बड़ा S था और उसके अन्दर S में एक तरफ A था तो दूसरी तरफ P अक्षर लिखा था जो इस तरह से बनाया था साहिल ने की अगर कोई गौर से देखे तो समझ पाए जिसे सुमन देख रही थी उसे ये अजीब लगा वो साहिल को देखने लगी तभी सुमन कुछ बोलने को हुई तभी...
कविता – (बीच में आके) मां बहुत सुंदर लगी है मेंहदी आपके हाथ में आप हटो अब मेरी बारी है...
जिसके बाद सुमन हट गई लेकिन उसे अभी भी समझ नहीं आ रहा था इस सब के बारे में जबकि इस तरफ साहिल ने मेंहदी लगाना शुरू कर दी कविता के हाथ में जिसे देख कविता मुस्कुरा रही थी इन सब के बीच अवनी के हाथ में मेहंदी कब की लग गई थी वो कमल के बगल में आके चुपके से अपने हाथ में लगी मेंहदी उसे दिखा रही थी जिसमें मेंहदी के बीच में K लिखा था जिसे देख कमल मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था साथ अवनी भी इधर कविता के हाथ में मेहंदी लगाते वक्त बीच में सेमेंथा आई जिसे कोई देख नहीं सकता था वो साहिल को मेंहदी लगाते हुए देख साहिल से बोली....
सेमेंथा – मुझे कब लगाओगे मेंहदी...
साहिल अपने सामने सेमेंथा को देख कुछ बोलने को हुआ कि तभी उसे याद आ गया सेमेंथा के बारे में तभी साहिल ने उसे ऊपर कमरे में जाने का इशारा किया जिसे समझ सेमेंथा मुस्कुराते हुए चली गई साहिल के कमरे में इधर कुछ ही देर में कविता के हाथ में मेंहदी लगा के साहिल बिना कुछ बोले उठ गया चुपके से मेहंदी का कोन लेके जबकि कविता बोलने जा रही थी लेकिन साहिल वहा से चला गया था अपने कमरे मे और कविता देखती रह गई साहिल को जाते हुए वो साहिल को शुक्रिया बोलना चाहती थी शायद लेकिन अपने हाथ की मेंहदी देख मुस्कुराने लगी फिर दादी को देख के इशारे से शुक्रिया किया जिसे देख दादी ने हल्का मुस्कुरा दिया तब दूसरी तरफ सुमन जो अपनी सोच में गुम थी तभी...
दादी – (सुमन से) क्या हुआ सुमन कहा ध्यान है तुम्हारा क्या मेंहदी अच्छी नहीं लगाई तुम्हे साहिल ने...
सुमन – नहीं मा वो बात नहीं है वो बस अच्छी है...
दादी – (सुमन के पास आके उसके हाथ की मेंहदी देख) बहुत सुंदर लगाई है मेंहदी तुझे चल अब ज्यादा सोच मत जाके थोड़ा आराम करले बाद मे खाना भी खाना है...
दादी की बात सुन सुमन अपने कमरे में जाने लगी तभी उसका ध्यान गया रचना पर जो एक कोने में बैठी अपने हाथ की मेंहदी देख रही थी उसके पास जाके...
सुमन – (रचना से) क्या बात है रचना तू यहां अकेले चुप चाप क्यों बैठी है...
रचना – भाभी आपको याद है एक वक्त वो था जब साहिल छोटा था तब मैं उसे गोद में लेके पूरी हवेली घुमाती थी और एक वक्त ये है कल जब साहिल मिला इतने सालों बाद मुझे (आंख में आंसू लिए) और मैने उससे मू फेर लिया ऊपर से कल उस हादसे के वक्त मैने उसे गाली दे दी फिर भी उसने कुछ ना बोला किसी को फिर भी आज उसने मुझे मेंहदी लगाई सच में भाभी साहिल ने साबित कर दिया वो कितना अच्छा है और हम सब अकल के अंधे जो किसी की बातों में आके क्या क्या सुनाया साहिल को हमने अगर कल सच सामने ना आता सबके तो शायद आज भी हम सब साहिल को गलत ही समझते...
सुमन – चुप होजा रचना गलती सिर्फ तुझसे नहीं हुईं हैं हम सभी से हुई है ये वक्त रोने का नहीं बल्कि साहिल को मनाने का है उससे माफी मांगने का है...
रचना – हा भाभी मै मांगूंगी माफी साहिल से भले कोई भी सजा दे मुझे...
जबकि इस तरफ साहिल के कमरे में...
साहिल – (कमरे में आते ही सेमेंथा को सामने देख) क्या बात है तुम्हे मेरी लगाई मेहंदी बहुत अच्छी लगी क्या...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) हम्ममम मेहंदी के साथ मेंहदी लगाने वाला भी अच्छा लगा मुझे...
साहिल – अच्छा तो बताओ कैसी लगाऊं मेंहदी तुम्हारे हाथों में...
सेमेंथा – ऐसी लगाओ जिसमें तुम्हारा प्यार दिखे मुझे...
साहिल –(मुस्कुरा के आंख मार के) अच्छा वो तो ऐसे भी दिखेगा जब तुम और मै एक साथ अकेले होगे पूरी रात...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अच्छा तो मौका भी है और दस्तूर भी...
साहिल – अरे तुम तो सच में तैयार हो गई यार मै मजाक कर रहा था अभी वैसे भी वक्त नहीं है लाओ पहले मेंहदी लगा देता हूँ तुम्हे...
बोल के साहिल मेंहदी लगाने लगा सेमेंथा को जबकि सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को देख रही थी साथ में सुमन की तरह सेमेंथा भी अपने पैरों को जमीन में थप थप कर रही थी जिससे उसकी पायल से एक झनकार आ रही थी तभी साहिल उसकी पायल को देखने लगा साथ ही सेमेंथा को मेहंदी लगाने लगा बिल्कुल सुमन की तरह और कुछ देर बाद...
साहिल – लो लग गई मेंहदी अब बताओ कैसी लग रही है...
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) बहुत खूबसूरत बिल्कुल तुम्हारे प्यार की तरह...
साहिल – अच्छा ठीक है अब मेंहदी लगाने का इनाम भी देदो....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) अभी नहीं अभी तुम आराम करो वक्त आने पर इनाम मिल जाएगा...
बोल के सेमेंथा मुस्कुराते हुए गायब हो गई वहां से (जबकि सेमेंथा ने अपने हाथ में लगी सुमन की तरह मेंहदी के बारे में कुछ ना बोला क्यों आगे पता चलेगा)....
साहिल – (मुस्कुराते हुए) ये लड़की भी ना बड़ी चालू है यार...
बोल के मुस्कुराने लगा साहिल जबकि साहिल के कमरे के बाहर लगभग हर कोई अपने कमरे में चला गया क्योंकि सभी को मेंहदी लग चुकी थी घंटे भर बाद लगभग सभी साथ में डायनिंग टेबल पर बैठ के खाना खा रहे थे इनमें 2 लोगों को छोड़ के जिनमें से रागिनी और रीना ये दोनों अपने कमरे में खाना खा रहे थे जहां साहिल का ध्यान सिर्फ खाना खाने में था वही कुछ लोग ऐसे थे जो खाना खाते वक्त साहिल को देख रहे थे इस उम्मीद पर शायद साहिल सिर उठा के देखे उन्हें लेकिन शायद किस्मत को मंजूर नहीं था ये होना जबकि कमल खाना खाते वक्त अपने सामने बैठी अवनी को देख कर हल्का मुस्कुरा रहा था साथ अवनी भी खेर खाने के बाद सब अपने कमरे में जाने लगे सोने के लिए तब...
कमल कमरे में आते ही साहिल से काम का बहाना बना के निकल गया शबनम और पायल के कमरे में वहां आते ही कमल ने देखा कमरे में शबनम , पायल , रचना , शिवानी और सुरभि बैठे हुए थे कमल के कमरे में आते ही उसे अपने साथ बैठा के बात करने लगे...
शिवानी – शुक्रिया कमल तुम यहां आए...
कमल – (शिवानी की बात सुन) मुझे तो (शबनम और पायल की तरफ इशारा करके) दीदी ने बुलाया था किसी काम से....
शबनम – (घबराते हुए) कमल भइया आपसे एक जरूरी काम है हम सभी को...
कमल – क्या काम है बताए और प्लीज आप मुझे ये आप मत बोलिए सिर्फ नाम लेके बुला सकते हो , आप सब बड़े हो मुझसे...
पायल – (मुस्कुरा के) कमल तुम तो जानते हो सब कुछ साहिल भाई के बारे में प्लीज हमारी मदद करो हम सब साहिल भाई से माफी मांगना चाहते है देखो प्लीज बुरा मत मानना कमल तुम्हारे इलावा साहिल को कोई नहीं जानता है अच्छे से प्लीज भाई मदद कर दो अपनी इस बहन की....
कमल – (मुस्कुरा के) इसमें बुरा मानने की क्या बात है दीदी आप बड़ी बहन हो मेरी आपके लिए इतना तो कर सकता है आपका ये भाई बस जहां तक साहिल से माफी मांगने की बात है वो थोड़ा सा मुश्किल है साहिल बहुत गुस्से वाला है....
रचना – कमल तुम से ज्यादा साहिल को कोई नहीं जानता कुछ तो ऐसा होगा जिससे साहिल से हम बात करके माफी मांग सके कुछ तो बताओ जैसे उसका मूड कब सही रहता है...
कमल – साहिल जब गाने सुनता है तब उसका मूड बहुत अच्छा होता है आप जानते नहीं हो साहिल को गाना गाना बहुत पसंद है रोमांटिक वाले...
शबनम – अरे यार कल तो लेडीज संगीत के बाद रात में नाच गाना होगा सबका यार सभी ने तैयारी करके रखी है कल गाने में नाचने के लिए...
शिवानी – (खुश होके) कमल कोई आइडिया हो तो बताओ प्लीज कल किसी तरह से साहिल से हम बात कर सके....
कमल – (कुछ सोच के) एक काम हो सकता है उससे आपका काम बन जाएगा....
शिवानी , पायल , शबनम , रचना , सुरभि एक साथ – क्या है वो कमल बताओ ना....
कमल – अगर कल किसी तरह साहिल पार्टी में गाना गाने के लिए तैयार हो जाय तो काम आसानी से बन जाएगा क्योंकि गाना गाने के बहाने साहिल का मूड भी अच्छा रहेगा साथ में आपका काम भी बन जायेगा....
सुरभि – लेकिन ये सब होगा कैसे....
कमल – (मुस्कुरा के) आप उसकी फिक्र ना करे दीदी बस कल की पार्टी में देखते जाइए कैसे साहिल गाना गाएगा वो भी एक नहीं कई गाने गाएगा साहिल कल....
सभी खुश होके एक साथ कमल को गले लगा लेती है फिर अलग होके....
पायल – थैंक यूं सो मच भाई तुम्हारा ये एहसान मै कभी नहीं भूलूंगी....
कमल – भाई अपनी बहन पर कभी एहसान नहीं करता है दीदी मै सिर्फ आपके भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा हूँ बस....
उसके बाद कमल सबसे विदा लेके निकल जाता है अपने कमरे में कमरे में आते ही....
साहिल – (बाल्कनी में खड़े होके सिगरेट पीते हुए कमल से) कहा गान्ड मरवाने गया था बे रात को तू....
कमल – कही नहीं बे यू ही बाहर टहल रहा था तू बता बालकनी में खड़ा होके सिगरेट पी रहा है सोना नहीं है क्या....
साहिल – पहले तू ये बता बे कर क्या रहा है तू ये सब अवनी के साथ जानता है ना उसे कैसी है वो....
कमल – (मुस्कुरा के) तो देख लिया तूने....
साहिल – हा बेटा तू क्या समझा मुझे पता नहीं चलेगा इस बारे में....
कमल – (मुस्कुरा के) अवनी अच्छी लड़की है साहिल आज मैने उससे दोस्ती की....
साहिल – जानता है ना वो कैसी है पता चले दोस्ती के बहाने तेरा ही इस्तमाल करे मुझसे बात करने के लिए , मै देख रहा हूँ सबको सुबह से हर कोई कोशिश करने में लगे है बात करने को मेरे से....
कमल – (हस्ते हुए) तो कर ले ना बात यार वैसे भी बात करने में क्या जाता है....
साहिल – घंटा बात करूंगा मै उनसे तू बस अपना बता ये सब चक्कर क्या है बे कही सच में तेरा इस्तेमाल तो नहीं कर रही अवनी बाद में रोना मत तू....
कमल – मुझे नहीं लगता यार और अगर ऐसा है भी तो मै दूर हो जाऊंगा अवनी से ऐसा दोस्त नहीं चाहिए मुझे भी...
साहिल – वो तू देख ले यार मेरा काम था समझाना तुझे बाकी जहां तक रही अवनी की बात इसको मै बहुत अच्छे से जनता हूँ साथ इसकी बहन खुशी को भी ये दोनों इतने शैतान है बचपन में इन्होंने अपनी मस्ती के लिए कैसे मुझे फसाया था इनकी वजह से मार खाई है मैने ये मै जनता हूँ अच्छे से...
कमल – तू चिंता मत कर यार मै नहीं आने वाला किसी की चाल में अब सोजा कल सुबह बहुत काम करना है शाम को लेडीज संगीत है साथ में रात को पार्टी भी चल सोजा अब....
साहिल – हम्ममम तू चल मै आता हु थोड़ी देर में सोने....
कमल के जाने के बाद साहिल खड़ा था बाल्कनी में तभी सेमेंथा वहां आ गई...
साहिल – (सेमेंथा को देख धीरे से) कहा थी तुम....
सेमेंथा – (मुस्कुरा के) यही थी देख रही थी तुम्हे सबके साथ जब खाना खा रहे थे...
साहिल – हम्ममम अच्छा तुम बोर तो नहीं हो रही हो यहां पर...
सेमेंथा – बिल्कुल भी नहीं ऐसा क्यों पूछ रहे हो....
साहिल – बस ऐसे ही दिन भर शादी के काम में लगा रहता हूँ तुमसे अच्छे से बात भी नहीं कर पता हूँ इसीलिए पूछा...
सेमेंथा – बात करते तो हो तुम और रही काम की बात बस परसो शादी है उसके बाद तो बाते करते रहेंगे हम...
साहिल – अच्छा ये बताओ परसो शादी के बाद तो मै यहां से चला जाऊंगा तब....
सेमेंथा – तब भी तुम्हारे साथ रहूंगी ऐसे ही....
साहिल – यहां से जाने के बाद मै कॉलेज में एडमिशन लेने वाला हूँ एक काम करना तुम भी एडमिशन ले लेना साथ में रहेंगे इस बहाने से हम दोनों...
सेमेंथा – हम्ममम तुमने तो बहुत आगे की बाते सोच ली अभी से ही....
साहिल – और क्या वहा घर में कमल के इलावा एक दादी है जिनसे बात करता हु बाकी किसी से मतलब नहीं मेरा तुम साथ रहोगी तो अच्छा लगेगा मुझे भी....
सेमेंथा – बिल्कुल साहिल मै तुम्हारे साथ रहूंगी...
साहिल – चलो सोते है कल सुबह जल्दी उतना है काफी काम है कल तो...
इस तरफ निधि के कमरे में जहां सुमन और कविता तीनों रात का खाना होने के बाद कमरे में आके मिल के बाते कर रहे थे....
सुमन – तो निधि अब बता साहिल के बारे में कुछ कैसे था साहिल और क्या क्या शौक है उसके...
निधि – मै ज्यादा तो कुछ नहीं जानती हु साहिल के बारे में बस इन 5 सालों में जो हुआ उसके इलावा क्योंकि जब मेरी स्कूल की जॉब लगी थी तब साहिल क्लास 8 मे आया था उस वक्त साहिल बहुत भोला भाला था लेकिन पढ़ने में बहुत होशियार क्लास में सभी उसके साथ अच्छे से रहते बात करते थे उस वक्त साहिल वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा आज है वो (हस्ते हुए) बिल्कुल दुबला पतला अगर किसी से लड़ाई हो जाती तो पक्का मार खा के आता...
निधि की बात सुन सुमन और कविता मुस्कुराने लगे तब...
सुमन – ऐसा तो मत बोल साहिल के लिए निधि....
निधि – (हस्ते हुए) मैने बस उदाहरण दिया भाभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कभी उसके साथ वो स्कूल से अपने रूम और रूम से स्कूल बस ये रूटीन था उसका हा अक्सर कमल के साथ ही जाया करता था घूमने साथ ही मेरे से पढ़ता था साहिल पहले मै खुद जाती थी पढ़ाने उसे कुछ समय बाद साहिल खुद आने लगा पढ़ने मेरे पास मै अक्सर उससे बाते करती थी लेकिन साहिल कभी फैमिली के बारे में बाते नहीं करता था क्योंकि एक दिन क्लास के दौरान मैने पहली बार देखा साहिल को जब उसे अटैक आया था तब कमल उसे संभालता था लेकिन उस दिन पहली बार मैने देखा साहिल को जब होश में आके उसने जो बोला उससे मै हैरान थी तब कमल ने मुझे बताया साहिल के अटैक के बारे में जबकि क्लास में सभी को बताया गया था की साहिल बीमार है इसीलिए कभी कभी बेहोश हो जाता है और होश में आने के बाद इसीलिए ऐसा होता है उसके साथ उस वक्त साहिल बहुत डरा सहमा सा हो जाता था ये भी एक वजह थी कि मै उससे सवाल नहीं करती उसकी फैमिली के बारे में सब कुछ सही चल रहा था साहिल और कमल हर साल स्कूल में फर्स्ट आते फिर ये लोग क्लास 10 में आए उस वक्त भी सब ठीक था जब तक साहिल सभी के साथ स्कूल की पिकनिक पर नहीं गया था सिर्फ 7 दिन के लिए गया था साहिल सभी के साथ पिकनिक पर लेकिन वापस आने के बाद उसका मूड बहुत उखड़ा रहता था क्यों क्या बात है उसने बताया नहीं इस बारे में किसी को , मैने भी बातो बातों में पूछा साहिल से लेकिन वो बात को टाल देता था तब मैने भी नहीं पूछा उस बारे में साहिल से कभी और जब ये बात मैने कमल से पूछी तो उसने साफ मना कर दिया ये बोल के कुछ नहीं हुआ वहां पर ऐसा उसके बाद धीरे धीरे वही रूटीन शुरू हो गया साहिल का धीरे धीरे करके क्लास 11 में आया तब कमल ने एक नया रूटीन बना दिया रोज साहिल को अपने साथ जिम ले जाता उस वक्त साहिल बहुत आलसी था बड़े नखरे करता था जिम जाने पर लेकिन कमल भी कम नहीं ले जाता था हर बार साहिल को अपने साथ देखते देखते बहुत फर्क आ गया साहिल की पर्सनालिटी में उसके बाद क्लास 12 में आया और अब आप सब के सामने है बस भाभी....
सुमन – और इसके इलावा...
निधि – मैने बताया ना भाभी इसके इलावा और कुछ ऐसा है नहीं बताने को अब क्या बताऊं मै (इन सब के बीच में निधि ने अपने और साहिल के सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया सुमन और कविता को ऐसा क्यों आप सब समझ गए होगे लेकिन ये कैसे हुआ ये आगे पता चलेगा जल्द ही)....
जिसके बाद तीनों सो गए लेकिन इन सब बातों के बीच कविता का चेहरा जाने किस वजह से उतर गया था बेड में लेती जरूर थी लेकिन नींद उसकी आंख से कोसों दूर थी जैसे अपनी ही सोच में डूबी कविता को कब नींद आ गई पता नहीं चला उसे....
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जारी रहेगा![]()