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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 15

( सुबह 11.30 )

गाव के एक छोटे से चौक पे जहा 15 कुछ दुकाने होगी चाय पान रासन कपड़े बाकी सभी छोटे दुकाने जैसा गाव मे होता है

रासन दुकान मे एक बंदा वो 25 या 27 के पास होगा कुछ सामान लेने मे लगा हुवा था बंदे ने एक टोपी पेहनी हुई थी कपड़े भी नॉर्मल थे बोले तो पूरा गाव के लोगो जैसे

बंदा समान लेके के बाद पैसे देने के बाद पीछे मूर जाने लगता है दो कदम आगे बढ़ाता ही है की बंदा नीचे झुक कर पैर को खुजाने लगता है जैसे उसे पैर मे खुजली हो रही हो लेकिन झुकने की वजह से उसके सर से टोपी नीचे गिर जाती है उसी की सामने सामने रोड उस पार एक पान वाले की दुकान थी पान वाली की उमर यही 32 के पास होगी पान वाले की नजर अचानक उस बंदे पे चली जाती है जिसे देख वो पूरी तरह से हैरान हो जाता है पान वाला बिना देरी किये एक फोटो निकाल देखता है फिर उस बंदे को देखता और उस फोटो पे जो नंबर था उस पे फोन लगा देता है

वही जो बंदा था पैर खुजाने के बाद जो टोपी गिरी हुई थी जल्दी से उठा के पेहन लेता है और जाने लगता है

पान वाला फोन लगा चुका था रिंग जा रही थी पान वाला बेचैन था सोच रहा था कॉल कोई जल्दी कियु नही उठा था पान वाले की नजर अभी भी उस बंदे पे थी ठिकी हुई थी

तभी फोन उठ जाता है पान वाला बिना देरी किये

पान वाला - मेडम मे लाल चौक से बोल रहा हु पर्मोध पान वाला मुझे कुछ लोगो की फोटो दी थी आप ने उसमेसे एक बंदे को अभी मेने देखा है ( पर्मोध बंदे हो जाते देख) अभी भी वो मेरी नजर मे है

पर्मोध की बाते सुनने के बाद दूसरी तरफ से
मैडम - किया कहा तुम सच केह रहे हो ना
पर्मोध - जी मैडम मे भला आप से झूठ कियु बोलुगा
मैडम - बहोत अच्छे बिना देरी कियु उसके पीछे जाओ मे जल्दी ही वहा आ रही हु याद रखना वो आदमी तुम्हारी नजरो से गायेब नही होना चाहिये
पर्मोध - जी मैडम मे उसपे नजर रखता हुई आप जल्दी आ जाइये
मैडम - वेरी गुड मे जल्दी ही आती हु

फोन कट

मैडम नितिका हि थी नितिका जल्दी से ऑफिस से बाहर निकाल अपने लोगो से चिलाते हुवे - हमे जिसकी तलास थी उसमेसे एक बंदे को देखा गया इसका मतलब और भी उसके साथी वहा हो सकते है जल्दी से रेडी हो जाओ हमे निकलना है फास्ट

नितिका के ओडर मिलते ही सभी भागते हुवे रेडी होने जाते है बुलेट फ्रूफ जैकेट गन से लेस सभी खतरों से लरने के लिये तैयार

नितिका भी बुलेट फ्रूफ जैकेट पेहन लेती है गन को चेक करते हुवे
नितिका - चूहा बिल से बाहर निकल ही आये लेकिन अब उन चूहो का शिकार करने का वक़्त है किसी एक को भी नही छोरुगी

नितिका बाहर आती है तो नितिका की टीम पूरी रेडी होकर खरी थी

नितिका अपनी टीम को देख - किया तुम सब रेडी हो
नितिका की टीम पुरे जोस से एक साथ - जी मैडम
नितिका तेजी से आगे बढ़ते हुवे - तो फिर चलो जल्दी नही मे नही चाहती वो कमीने फिर हाथ से निकल जाये

नितिका आगे कि सीट पे बैठ जाती है बाकी नितिका कि टीम पीछे गारी तेजी से चल परती है

नितिका पर्मोध को फोन करती है पर्मोध फोन उठाता है

नितिका - हा पर्मोध उस कमीने पे नजर रखी है ना
पर्मोध - जी मैडम अभी भी वो बंदा मेरी नजरो मे है
नितिका - गुड हमे आने मे 10 मिनट लगेगे तब तक उस उस बंदे पे नजर बनाये रखो वो कहा जाता है
पर्मोध - समझ गया मैडम आप चिंता ना करे बस आप आ जाये जल्दी फोन कट
नितिका और तेज गारी चलाने के लिये केहती है नितिका बेचैन भी बहोत थी बरी मुश्किल से कोई नजर मे आया है और नितका उसको जाने देना नही चाहती थी

10 मिनट लग ही जाते है नितिका लाल चौक पे पहुँच जाती है नितिका गारी से उतर जल्दी से पर्मोध को कॉल करती है

नितिका - हा पर्मोध मे लाल चौक आ गई तुम कहा हो

पर्मोध एक जगह पेर के पीछे छुप कर उस बंदे पे नजर रख रहा था

पर्मोध - मैडम दाहिने 5 मिनट चलिये फिर खेतो की तरफ देखेगी तो आपको सिर्फ दो घर खेतो के बीच दिखाई देगा कुछ पेर भी है वही आ जाइये

नितका ये सुन पूरी तरह हैरान हो जाती है

नितका - ठीक है मे समझ गई ( नितिका अपने टीम को देख) जल्दी चलो मेरे पीछे

नितिका तेजी से भागते हुवे आगे बढ़ने लगती है नितिका कि टीम मे 15 लोग थे 4 लेडी पुलिस भी थी सभी नितिका को फलो करते हुवे नितिका के पीछे पीछे भाग रहे थे

थोरि देर बाद नितिका खेतो की तरफ देखती है थोरि दूर कुछ 5 आम के पेर और बास के बहोत सारे पेर भी थे 2 घर थे घास फुस के

नितिका आगे बढ़ती है और नितिका अपने टीम के साथ वहा पहुँचती है तो पर्मोध एक आम के पेर के पीछे छुपा नजर रख रहा था

नितिका पीछे मूर अपनी टीम को इसारे सी सांत और अपनी जगह लेके छुप जाने के लिये केहती है नितिका के इसारे समझ सभी टीम अपनी अपनी एक जगह ढूंढ छुप जाते है

नितिका पर्मोध के पास आके - किया इसी घर मे वो कमीना है
पर्मोध नितिका को देख - जी मैडम इसी घर मे गया है
नितिका घर और चारों तरफ देख कर मन मे - यहा तो चारों तरफ खुला खेत है खेतो के बीच गाव से हट कर दो घर वैसे ये जगह सही है लोगो की नजर से बच कर रेहने के लिये लेकिन उतना खतरा भी है कियुंकी चारों तरफ खुला खेत है

नितका घर को देखते हुवे पर्मोध से - ये बताओ इस घर मे कोन कोन रेहता है
पर्मोध नितिका को देख - मैडम ये जगह मे एक ही परिवार रेहते है निदेश उसकी वाइफ एक बेटे के साथ बेटी की सादी हो गई है तो वो अपने ससुराल रेहती है

नितिका - लेकिन गाव से दूर आके ये लोग यहा कियु रेह रहे है
पर्मोध - मैडम दिनेस गाव मे ही रेहता था लेकिन उसके परोसी बार बार दिनेस से लरते झगरते रेहते थे तो तंग आके दिनेस यहा आके रेहने लगा

नितिका - अच्छा ये बात है तभी सोचु कोई गाव से दूर खेतो के बीच कियु रेहने आयेगा

तभी एक घर से दो और बंदे निकलता है जिसे देख नितिका पर्मोध भी हैरान हो जाते है

पर्मोध - बंदे को देख मैडम ये दोनो तो यही है जिनकी आपको तलास थी
नितिका दोनो को यही आपके बहोत खुश हो जाती है
नितिका - सही कहा अच्छा हुवा दोनो कमीने यही एक साथ मिल गये ( तभी नितिका बहोत घबरा जाती हो बहोत टेंसन मे आ जाती है)

पर्मोध नितिका को देख- किया हुवा मैडम आप टेंसन और घबराई हुई कियु है
नितिका पर्मोध को देख - तुम्हे पता है ये दोनो कोन है
पर्मोध - नही मुझे नही पता
नितिका - ये दोनो रेपिस्ट है कई लरकियो औरतो का रेप कर चुके है और सबसे बुरी और खतरनाक बात ये है रेप करने की बाद दोनो उसे मार देते है बरी मुश्किल से इनके बारे मे पता चला तब से हर किसी को इसकी तलास मे लगे हुवे है किसने सोचा था ये हेवान यहा गाव मे ही मिल जायेंगे और में डरी घबराई टेंसन मे इस लिये हु कियुंकी ये यहा है निदेश के घर मे तो निदेश और उसकी बीवी समझ गये मुझे उनकी चिंता है उसका किया कैसे है
नितिका की बात सुन पर्मोध भी घबरा जाता है पर्मोध को भी दिनेस और उसकी बीवी बेटे कि चिंता होने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाहर खरे बाते कर रहे थे रेपिस्ट 2 ये वही बंदा है जिसे पर्मोध ने देखा था

दोनो रेपिस्ट है हमेसा अपने आसान शिकार को ढूढ़ते रेहते है कोई मिल गया तो उसका रेप करते है फिर मार देते है आप इन्हें साइको रेपिस्ट सीरियल किलर भी केह सकते है अब तक इन दोनो ने 25 से जायदा लरकी औरतो का रेप कर उन्हे मारा है जिसकी तलास मे हर फोर्स लगी हुई है

नितिका अपने उंगली के इसारे से अपनी टीम को चारों तरफ फैल कर घेर लेने के लिये केहती है नितिका के इसारे पाके सभी टीम धीरे धीरे चारों तरफ फैलने लगती है

दोनो रेपिस्ट बाते करते मे लगे हुवे थे इन सब से अंजान

रेपिस्ट 2 - यार मजा आ गया जैसे तुमने बोला था गाव की औरतो की चुदाई करने का मजा ही अगल है

रेपिस्ट 1 सिग्रेट पीते हुवे - बोला था ना गाव की औरते संस्कारी और भरी हुई होती है उसकी चुत मारने का मजा ही अगल आता है लेकिन वही सेहर की बात करे तो साली उसका तो खुद कई लोगो से अफेयर चलता रेहता है चुदवाती रेहती है मॉडल बन कर भूमती रहती ही अगर उनके सामने मोटा पैसा फेक दो तो जल्दी ही घोरी बन जायेगी लेकिन गाव की औरते मे बहोत कम ऐसी होती है उनको उनकी इजत बहोत प्यारी होती है देखा नही कैसे गीरगिरा रही थी प्लेस मुझे कुछ मत करो मुझे जाने दो मेरे सरीर तो टच मत करना

रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - सही कहा लेकिन वो जितना गीरगीरा रही थी हाथ पैर मार रही थी मेरे अंदर उतना ही जोस बढ़ रहा था कसम से अभी भी दिल नही भरा उसकी चुत मार कर

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 को देखता है और दोनो सैतानो की तरह पागलो की तरह हसने लगते है
रेपिस्ट 1 - चलो तो फिर एक राउंड और मार लेते है अब तो गाव की औरतो की ही लेगे
रेपिस्ट 2 शैतानी हसी हस्ते हुवे - जरूर मुझे भी गाव की औरतो की चुदाई का चस्का लग गया है


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दोनो अंदर जाते है एक कमरे मे दिनेस की बीवी पूरी नंगी बिस्तर पे लेती हुई थी दूसरे कमरे मे दिनेस और उसका बेटा था जिसे बांध कर रखा गया था

दोनो अंदर जाते है तो दिनेस की बीवी जिसका नाम रेमा था दोनो को देख फिर काप् जाती है थर थर कापने लगती है रेमा को कापते डरते देख दोनो रेपिस्ट शैतानी हसी हसने लगते है

रेपिस्ट 1 रेमा को देख - मेरी बुलबुल चलो घोरी बन जाओ तेरी चुत बहोत फूली रस से भरी है इतनी बार चुदाई कर के भी दिल नही भरा
रेमा कापते हुवे दोनो रेपिस्ट को देख आखो मे आसु लिये हाथ जोर
रेमा - प्लेस मुझपे रेहम करो मे अब और नही कर पाउंगी मुझे दर्द हो रहा है जलन हो रही है प्लेस मत करो मेरे साथ जाने दो हमे

रेपिस्ट 1 अपना सर पकर पागलो की तरह हस्ते हुवे शैतानी चेहरा बना के रेमा को देख - बुलबुल चुप चाप घोरी बन जाओ नही तो तेरे पति बचे


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इतना सुनते ही रेमा रोते हुवे कापते हुवे घोरी बन जाती है जिसे देख दोनो रेपिस्ट लार तपकाते हुवे रेमा की बरी गांड चुत को देख पागल होने लगते है

बाहर नितिका की टीम चारों तरफ फैल चुकी थी नितिका अपना गन हाथो मे लेके धीरे धीरे अपने साथ दो लोगो को लेकर घर के अंदर दाखिल होती आँगन मे जाने के बाद नितिका को एक कमरे मे से धीमा आवाजे सुनाई देती है नितिका धीरे धीरे कमरे के दरवाजे के पास जाती है तो नितिका को अंदर से आह मर गई प्लेस मत करो फट फच् की आवाजो के साथ रोने की आवाजे सुनाई देती है ये सुन नितिका की रूह काप् जाती नितिका को समझते देर नही लगी अंदर किया चल रहा है

नितिका की सासे तेज हो जाती है मुठी गुस्से से कस जाती है सरीर का खून उबाल मारने लगता है नितिका रेपिस्ट हत्यारों को देखना भी पसंद नहीं करती थी और देख ले तो नितिका एक भयानक रूप मे आ जाती है जिसे देख कोई भी काप् जाये नितिका के साथ सुरु से जो रेहते आये है उन्हे अच्छे से पता है


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नितिका कापते हाथो से दरवाजा जो खुला था नितिका धीरे से दरवाजे को खोल अंदर देखती है तो नितिका की आखे फैल जाती है अंदर मे दोनो रेपिस्ट रेमा की चुदाई करने के लगे हुवे थे सिन बहोत भयानक था नितिका के लिये और रेमा के लिये भी रेमा रोये जा रही थी गीरगिराते जा रही थी लेकिन दोनो दरिंदे रेमा का रेप किये जा रहे थे

दोनो रेपिस्ट रेमा के रेप करने मे खोये थे इस लिये उन्हे पता भी नही था उसकी मौत सामने है नितिका अपने आप को रोक नही पाती और तेजी से जाके दोनो के ऊपर गन तान देती है नितिका के साथी टीम के दोनो लोग भी

अचानक पुलिस को सामने देख दोनो की फट जाती है नितिका गुस्से से दोनो को देख - कमीनो जल्दी से अपना हाथ उपर करो
दोनो रेपिस्ट जल्दी से अपना हाथ उपर कर देते है नितिका अपने साथी को इसारे से दोनो का हाँथ बांध देने के लिये केहती है वही रेमा रोते हुवे चादर से अपने आप को धक लेती है और फुट फुट कर रोने लगती है

दोनो रेपिस्ट के हाथो को बांध दिया गया था नितिका रेमा के पास जाके रेमा को बाहों मे लेके रेमा को चुप कराने लगती है

रेमा नितिका के बाहों मे रोते हुवे - इन दोनो कमीनो ने मुझे दो दिन दो रात से हेवानो की तरह मेरी इज़त लूटी है दिल कर रहा था अपनी जान दे दु लेकिन अपने पति बच्चो की सोच हिम्मत नही हुई ( रेमा दोनो रेपिस्ट को देख) मैडम इन दोनो कुत्तो ने मुझे बर्बाद कर दिया कही का नही छोरा मुझे इन दोनो का जान से मार दीजिये दोनो हेवान है जिन्दा मत छोरो इन्हें

नितिका रेमा के पीट सेहलाते हुवे - तुम चिंता मत करो ऐसा ही होगा

रेपिस्ट 1 रेपिस्ट 2 से गुस्से मे - कमीने तुझे कहा था ना बाहर मत जा देख आज हम पकरे गये ना
रेपिस्ट 2 - यार मुझे किया पता था ऐसा कुछ होगा

नितिका रेमा को पकरे पेहने के लिये केहती है फिर दोनो रेपिस्ट को गुस्से से देखने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को देख

रेपिस्ट 1 - देखो मैडम हमे जाने दो उसके बदले आप जितना पैसा मागोगे मिलेगा
रेपिस्ट 2 नितिका को उपर से नीचे तक देख लार चुवाते हुवे
रेपिस्ट 2- हा जितना चाहो पैसे देने के लिये तैयार है तुम चाहो तो ( रेपिस्ट नितिका के बरे चुचे देख हवस भरी नजरो से) हम तीनों यहा मजा कर सकते है उसके पैसे तुम्हे हम देगे

रेपिस्ट 1 नितिका को देख मुस्कुराते हुवे - तुम भी कमाल कि माल हो मेरे दोस्त ने सही कहा मान जाओ तुम्हे हम दोनो खूब मजा देगे

दोनो की बात सुन नितिका दोनो के पास आके दोनो का प्यार से देख
नितिका - अच्छा तो तुम दोनो मुझे मजा दोगे पैसे भी
दोनो रेपिस्ट खुश होते हुवे - हा सही बोला तूने
सारिका - कितने पैसे दोगे
रेपिस्ट 1 - कितना चाहिये
नितिका मुस्कुराते हुवे - 1 करोड़ काफी होगा
दोनो रेपिस्ट एक दूसरे को देखते है फिर मुस्कुराते है

रेपिस्ट 1 - मंजूर है
नितिका - किया तुम्हारे पास इतने पैसे है
रेपिस्ट 2 हस्ते हुवे - मैडम हमने कई अमीर औरतो के घर जाके उनका रस पिया ही मजे लिये तो साथ मे उनको लूट भी लेते है बहोत पैसे है ये बताओ आप रेडी है मजे करने के लिये

रेमा तीनों की बात सुन रही थी रेमा को समझ नही आ रहा था चल किया रहा है यही नितिका के साथ दोनो जो थे आराम से खरे थे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - मजे तो मुझे भी करने ही लेकिन फिर अभी फिल्हाल तुम दोनो दोनो जा सकते हो

नितिका कि बात सुन दोनो रेपिस्ट खुश हो जाते है तो यही रेमा का बहोत बरा झटका लगता है

नितिका अपने दोनो साथियों से - इन्हें बाहर ले चलो
नितिका के केहने पे दोनो रेपिस्ट को बाहर ले जाया जाता है
रेमा नितिका को देख - हैरानी से मैडम आप ये किया कर रही ही आप उनका साथ दे रही ही छि मुझे लगा आप उनको सजा देगी लेकिन आप तो उनसे भी बुरी निकली

नितिका रेमा कि तरफ देख - तुम जायदा नही बोल रही जाके देखो तुम्हारे पति बचे कैसे है

नितिका भी बाहर आ जाती ही नितिका के बाकी टीम अभी भी छुपे हुवे थे नितिका इसारा करती ही तो एक हवलदार दोनो रेपिस्ट के हाथो की रस्सी खोल देता है

नितिका दोनो को देख - ये बताओ मेरा पैसा कैसे मिलेगा मुझे
रेपिस्ट 1 - आप अपना अकाउंट नंबर दे दीजिये वादा है जो दिल हुवा था उतने पैसे आपके अकाउंट मे आ जायेंगे
रेपिस्ट 2 मुस्कुराते हुवे- या आप कहे तो खुद हम आपके पास आ जायेंगे फिर आपको पैसे भी दे देगे और मजे भी कर लेगे

नितिका दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है तुम दोनो खुद आ जाना मेरे पुलिस इस्टेशन लेकिन अभी जल्दी जाओ समझ रहे हो ना

दोनो रेपिस्ट- समझ गये जाने मन हम जा रहे है जल्दी ही मुलाकात होगी
नितिका मुस्कुराते हुवे - हा कियु नही अब जाओ

दोनो रेपिस्ट आराम से खेतो से होकर जाने लगते है थोरि दूर गये ही थे की डिस्कियाओ डिस्कियाओ दो गोली चलती है और दोनो रेपिस्ट के पैर मे जाके लगती ही दोनो रेपिस्ट जमीन पे ध्राम से गिर चिलाते हुवे नीचे गिर जाते है

नितिका के पीछे दो लेडी पुलिस मे से एक नितिका को देख - मैडम पेहले ऐसे ही करती पेहले तू जाने को बोलती उसको एक आस देती है फिर दोरा दोरा के मारती है

लेडी पुलिस 2 नितिका को देख - हमारी मैडम हत्यारो रेपिस्ट से बहोत नफरत करती है उन्हे तो देखना भी पसंद नही करती और गलती से भी कोई मैडम की हाथ लग गया तो समझो मर गया

रेमा नरेश उसका बेटा भी बाहर आते है तीनों का चिलाने कि दर्द मे रोने की आवाजे सुनाई देती है तीनों सामने खेतो मे देखते ही तो दोनो रेपिस्ट पैर पकर जोर जोर से दर्द मे चिल्ला रहे होते है रेमा ये देख हैरान होती है और नितिका को देखने लगती है

नितिका हाथो मे गन लिये दोनो रेपिस्ट की तरफ जाने लगती है दोनो रेपिस्ट नितिका को अपनी तरफ हाथो मे गन लेकर आते हुए देखते है तो उसकी रूप काप् जाती दोनो को पेहली बार डर दर्द का एहसास होता और अपने पापो का मरने का भी

नितिका जब दोनो रेपिस्ट के सामने आखे खरी होती है तो दोनो नितिका के सामने गिर गिराते हुवे जान की भीख मांगने लगते है

नितिका गुस्से से लाल जहा दोनो को गोली लगी थी उसी जगह दोनो को अपने पैर से जोर से मारती है तो दोनो रेपिस्ट जोर से दर्द से चिलाने लगते है

नितिका दोनो को देख गुस्से से - डर दर्द मरने का एहसास हो रहा है ना वैसे ही तुमने जीतने मासूम लरकी औरतो का रेप किया वो भी तुम के सामने गीरगिराये होगे छोर देने के लिये लेकिन तुम दोनो के नही छोरा हेवानो की तरह जब तुम दोनो ने रेप किया होगा तब उन्हे दर्द हुवा होगा लेकिन फिर भी तुम लोगो नही रुके होगे बहोत बेदर्दी से जितनो को तुम लोगो ने मारा उन्हे भी मरने से डर लगा होगा दर्द हुवा होगा तुम्हारे सामने गिरगिराये होगे

नितिका दोनो के पैर एक एक गोली मारती है अब दोनो रेपिस्ट के दोनो पैर मे गोली लगी हुई थी दोनो जितना जोर से चिलाते ही की पीछे खरे लोग भी काप् जाते है

नितिका दोनो के बाल पकर दोनो को गुस्से से देख - तुम दोनो कि गन्दी जुबान से मेरे लिये गंदे शब्द सुन मेरा खून खोल रहा था दिल कर रहा था वही मार दु

नितिका दोनो को छोर - ठीक है चलो भागो मे तुम दोनो को नही मारुगी जल्दी करो नही तो मेरा मन बदल सकता है

नितिका कि बात सुन दोनो के अंदर एक आसा हिम्मत जाग जाती है दोनो नितिका को देख - सच केह रही है आप
नितिका - हा जल्दी करो भागो

दोनो रेपिस्ट उठने की कोसिस करते ही लेकिन उठ नही पा रहे थे लेकिन जान बचानी थी तो जैसे तैसे खरे होकर लंगड़ाते हुवे चल के भागने लगते है और नितिका दोनो को देखे जा रही थी

दोनो रेपिस्ट पूरी जि जान लगा के दर्द कि परवाह किये बगैर आगे थोरि दूर ही जाते है की दिशा दोनो के सर पे गन तान निसाना लगा के ढाये ढाये दो गोली चलाती है और दोनो गोली जाके दोनो रेपिस्ट के सर के आर पार निकल जाते ही और दोनो रेपिस्ट ध्राम से जमीन मे गिर जाते ही

नितिका अपना गन रखते हुवे - मे कोई हत्यारे रेपिस्ट को छोर दु सपने मे भी नही मेने वर्दी इसी लिये पेहनी ताकि तुम जैसे गंदगी का साफ कर सकु इस पिर्थवि से

नितिका फिर अपनी टीम के पास आ जाती है रेमा नितिका के पास जाके

रेमा - माफ करना मैडम मेने बिना जाने आपको बुरा भला कहा
नितिका रेमा को देख - आपकी कोई गलती नही है वहा कोई और होता तो वो भी यही सोचता मुझे तो आपके लिये दुख हो रहा है लेकिन आपको जीना होगा

फिर एम्बुलेंस रिपोटर आते है पूरे गाव मे ये बात फैल जाती है


अब आते है अभय दिशा की तरफ


अभय दिशा को लेकर घर निकल चुका था सभी आधे रास्ते मे पहुँच चुके थे वही दिशा पीछे अभय को पकरे बैठी हुई थी लेकिन बार बार हिल रही थी कियुंकी दिशा को नीचे दर्द जलन अभी तक था दिशा अपनी मा बेहन के सामने तो कैसे भी दर्द को छुपा कर रखा लेकिन दोनो के सामने नॉर्मल रही लेकिन अब सहा नही जा रहा था

अभय को भी ये एहसास होता है दिशा बार बार हिल रही है

अभय दिशा से - भाभी किया बात है आराम से बैठा भी नही जा रहा है किया

दिशा अभय की बात सुन गुस्से से मुह फुलाते हुवे - नही बैठा जा रहा कियुंकी किसी ने अपना मोटा लम्बा साप जबरदस्ती मेरे छोटे से बिल मे गुस्सा दिया था और रात भर घुसाता रहा वही बुघट रही हु

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है लेकिन मुझे लगता है मोटा लम्बा साप छोटे से बिल के अंदर जबरदस्ती गया भी तो किया हुवा मजा तो आया होगा ना बिल को भी साप को भी कियुंकी बिल बहोत गर्म था और साप को गर्म बिल बहोत पसंद आती है

अभय की बात सुन समझ कर दिशा सर्म से पानी पानी हो जाती है दिशा अभय के पीट पे मारते हुवे शर्मा के
दिशा - छी गंदे देवर जी आप ना अब बहोत गंदे हो गये है
अभय हस्ते हुवे - अरे किया करू रात को जो देखा किया उसके बाद तो हर सीन मेरे आखो के सामने आ रहे है

बेचारी दिशा सर्म से लाल होगा जाती है इसी बीच मस्ती मजाक करते हुवे अभय घर पहुँच जाता है बाइक कि आवाज सुन अदिति भागते हुवे बाहर आती है

अभय दिशा बाइक से उतर कर अंदर जाने ही वाले थे कि अदिति भाई केहते हुवे सीधा अभय पे कुद परती है अभय जल्दी से अदिति को पकर लेता है


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अभय अदिति को बाहों मे उठाये अदिति को देख हस्ते हुवे - तुम भी ना गुरिया अचानक आके मेरे उपर कुद जाती हो
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - किया करू आपको देखते ही अपने आप को रोक नही पाती
दिशा अभय अदिति को देख हस्ते हुवे - आप दोनो की हरकते और प्यार कोई समझ नही पायेगा चलिये अंदर चलते है

अभय अदिति को बाहों मे लिये ही अंदर जाता है तो सामने ही आसा कमर पे हाथ रखे आँगन मे खरी थी अभय मा को देख मुस्कुराता है लेकिन आसा तो दिशा अभय को ही चिल की निगाह से देख रही थी

आसा अदिति को से देख - अदिति बेटा भाई की गोद से उतर मेरे पास आओ और ( आसा दिशा अभय को देख) तुम दोनो वही रुको

आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा हैरान और कंफ्यूज से आसा को देखने लगते है किसी को समझ नही आ रहा था

अदिति को देख थोरे गुस्से से - सुना नही किया मेने किया कहा
अपनी मा के गुस्से वाली आवाज सुन अदिति अभय कि गोद से उतर कर आसा के पास जाके खरी हो जाती है

आसा चलते हुवे दिशा अभय के पास जाके खरी हो जाती है
अभय दिशा अभी भी समझ नही पा रहे थे चल किया रहा है कियु आसा उनको रोक रही है

अभय आसा को देख - मा किया बात है हमे रोका कियु है
आसा दिशा अभय दोनो को देख - तुम दोनो मेरे सामने घुटने पे बैठो
आसा की बात सुन अदिति अभय दिशा पूरी तरह से हैरान होकर आसा को ही देखने लगते है

आसा करक आवाज मे - कोई सवाल नही मेने जो कहा जल्दी करो
अभय दिशा एक दूसरे को देखते है समझ तो नही आ रहा था आसा ऐसा कियु कर रही है फिर भी आसा के सामने दोनो की कहा चलने वाली थी अभय दिशा घुटने पे आसा के सामने बैठ जाते है

अदिति आसा को देख हैरानी से - मा आप ये किया कर रही है
आसा अदिति को देख - तुम चुप रेह पता चल जायेगा
आसा अभय अदिति को देख - चलो तुम दोनो अपने कान कपरो
आसा की बात सुन फिर अदिति दिशा अभय हैरान हो जाते है
अभय आसा को देख - मा ये आप किया कर रही है
आसा अभय दिशा को देख - सवाल नही जैसा मेने कहा करो
अभय दिशा फिर एक दूसरे को देखते है फिर हार मान कर अपने दोनो कान पकर आसा को देखने लगते है

आसा अभय दिशा को देख - चलो अब तुम दोनो अपनी गलती कबूल करो जल्दी
आसा की सुन फिर सही हैरान होते है और किसी का समझ नही आता खास कर अभय दिशा को की आसा किस गलती को कबूल करने के लिये केह रही है

आसा अभय दिशा को देख एक शैतानी मुस्कान देते हुवे - समझ नही आ रहा था मे कोन सी गलती कबूल करने के लिये केह रही हु ठीक है तुम दोनो के लिये आसान कर देती हु तुम दोनो वहा रात को जो कांड कर के आये हो उसी की गलती को कबूल करने के लिये केह रही हु अब समझ मे तुम दोनो को आ गया होगा

आसा की बात सुन अभय दिशा को जोर का झटका लगता है दोनो को ऐसा लगता है नीचे से जमीन गायब होगी हो आखे फैल जाती है सरीर के रोवे खरे हो जाते है माथे से पसीना आने लगता है

दोनो की हालत देख आसा अंदर ही अंदर जोर जोर से हस्ते जा रही थी
वही अदिति माथे को खुजलाते हुवे - लगता है मा पागल हो गई है आखिर भाभी भाई वहा रात को कोन कांड किये है भला जिसकी वजह से भइया भाभी को नीचे बैठाये हुवे है

आसा अदिति की बात सुन अदिति के सर मे जोर से मारते हुवे - बरी हो गई लेकिन समझ एक पैसे कि नही मे कोई पागल नही हु समझी

आह लग गई करते हुवे अपना सर पकर लेती है

वही अभय दिशा की चोरी पकरे जाने के बाद दोनो डर से कापने लगते है दोनो के पसीने निकल तप तप नीचे गिरे जा रहे थे अभय दिशा एक दूसरे को देखते है
अभय मन मे - कैसे कैसे मा को कैसे पता चला वहा रात को हमने क्या किया है कैसे अब किया होगा मेरा मेरे तो लग गये थु है मुझपे पेहली बार चुदाई मे ही पकरा गया वो भी मा सब से

दिशा सर्म से नजरे नीचे किये हुवे मन मे - किया सासु मा को पता चल गया हमारे बीच जो हुवा सब कुछ लेकिन एक बात समझ नही आ रही मम्मी जी को पता कैसे चला कैसे कैसे

आसा अभय दिशा को सोचता देख समझ जाती है दोनो किया सोचने मे लगे हुवे है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - तुम दोनो यही सोच रहे हो ना मुझे ये कैसे पता चला
आसा की बात सुन अभय दिशा आसा की तरफ डर के शर्म से देखने लगते है
आसा को देख हस्ते हुवे - देखो तो अभी सर्म आ रही है करते वक़्त नही आई
आसा की बात सुन अभय दिशा फिर नजरे नीचे कर लेते है
आसा मुस्कुराते हुवे - बहु मुझे तुम्हारी मा ने बताया रात को तुम दोनो तो लगे परे थे सब भूल कर अब समझ मे आया मुझे कैसे पता चला

एक और बरा झटका अभय दिशा को लगता है

अभय मन मे - क्या सासु मा को पता चल गया था लग गये किया सोच रही होगी मेरे बारे मे मेरी तो इज़त की ऐसी की तैसी हो गई

दिशा मन मे - किया मा ने देख लिया हे उपर वाले ये किया हो गया अब किया होगा मुझे इतनी सर्म आ रही है की कही मे सर्म से मर ना जाऊ

अदिति आसा से - मा मुझे बताओगी भी चल किया रहा है मुझे तो कुछ समझ मे नही आ रहा
आसा अदिति की बात सुन अपना सर पकर के - तेरा दिमाग है या उसमे भूसा भरा है ( आसा अदिति को देख) तेरा प्यारा भाई भाभी वहा रात मे एक पति पत्नी के बीच जो होता है वही कर के आये हो अब समझी की और अच्छे से समझाउ

आसा कि बात सुन अब जाके अदिति को सब माजरा समझ मे आता है अदिति अभय दिशा को देख मुह पे हाथ रखते हुवे जोर से चिल्ला के किया

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 16

एक बंगलो मे कोई बेसबरी से किसी का इंतज़ार करने मे लगा हुवा था

बंदा इधर उधर टहलते हुवे बेचैनी से मन मे - किया हो आयेगी या नही

बंदा सोचो मे गुम था तभी उसे डोर बेल सुनाई परती है तो बंदे के चेहरे पे खुशी छा जाती है बन्दा जल्दी से जाके दरवाजा खोलता है सामने एक लरकी को देख खुश हो जाता है जिसका उसे इंतज़ार था वो आ चुकी थी

बंदा - तुम आ गई मुझे लगा तुम नही आओगी
लरकी - बहोत सोचा उसके बाद मुझे लगा उसमे मेरा बहोत फायदा है तो मे आ गई
बंदा मुस्कुराते हुवे - जरूर होगा जैसा मेने वादा किया था वो सब तुम्हे मिलेगा तुम्हारी लाइफ बदल दुगा मे चलो अंदर बैठ कर बाते करते है

दोनो अंदर एक कमरे मे जाके बिस्तर पे बैठ जाते है

लरकी- किया सोचा है आगे किया करने वालो हो और कैसे
बंदा शैतानी मुस्कान मुस्कुराते हुवे - पुरा प्लान रेडी है लेकिन तुम्हारे बिना मे कुछ कर नही पाऊगा इसी लिये तो मेने तुमसे मदद मांगी है
लरकी मुस्कुराते हुवे - मसझ गई मे जरूर मदद करुगी
बंदा - मुझे खुशी हुई जान कर
लरकी - लेकिन अभी हम कुछ कर नही सकते कियुंकी वो अभी घर से बाहर नही निकलती है
बंदा- पता है साली कमीनी का भाई आया है तो उससे चिपकी रेहती है लेकिन कोई बात नही कब तक उसके बाद उसके साथ जा करुगा उसकी रूह काप् जायेगी
लरकी - जो करना है कर लेना पर अभी इंतज़ार करना होगा
बंदा लरकी जांघों पे हाथ रखते हुवे - किया हम कुछ कर सकते है
लरकी बंदे के हाथ को हटाते हुवे - नही मुझे ये सब नही करना मे यहा सिर्फ दिल दन करने आई थी अपनी ये गंदी हरकत बंद करो नही तो
बन्दा घबराते जल्दी से - नही नही मे अब कुछ उल्टा सीधा नही करुगा

लरकी - ठीक है फिर बाते हो गई अब मुझे जाना चाहिये
बंदा जल्दी से - एक मिनट रूको ना
लरकी बंदे को देख - अब किया है
बंदा मन मे - साली ये भी किसी से कम नही है थोरा मजे मिल जाये तो मजा आ जाये एक आखरी कोसिस करता हु नही मानी तो पेहले काम निकलवा लुगा फिर उसकी भी मारुंगा

बंदा बिस्तर के नीचे से 2 लाख कैस निकाल कर लरकी के सामने रख लेता है

लरकी पैसों को देखती है फिर बंदे को अजीब नजरो से देख - उसका मतलब मे किया समझू
बंदा थोरा डरा घबराया - ये पुरे 2 लाख है मे बस तुमसे एक और दिल करना चाहता हु बुरा मत मानना गुस्सा भी मत करना
लरकी बंदे को अजीब नजरो से घूर के देख - बोलो
बंदा - ये पैसे तुम्हारे हो जायेंगे उसके बदले ज्यादा नही बस मुझे तुम्हारे चुचे देखने है दबाने है पीने है और तुम मेरे लंड को चूस कर पानी गिरा देना है इतना ही

बंदे की बात सुन लरकी गुस्से से खरी होते हुवे - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह कि बात करने की
बंदा जल्दी से 2 लाख और निकाल लरकी के सामने कर देता है
बंदा लरकी को देख -प्लेस दया कर दो इस बंदे पे
लरकी बंदे को देखती है फिर सामने परे 4 लाख रुपये को फिर लरकी कुछ देर सोचती है उसके बाद
लरकी बंदे से - ठीक है लेकिन आगे कुछ करने कि कोसिस की तो
बंदा जल्दी से - कसम से नही करुगा
लरकी एक और बात - मे मुह मे नही लूगि दूसरी दबा सकते हो मुह मे नही ले सकते लेकिन हाथ से हिला कर पानी गिरा दुगी
बंदा जो मिल रहा है ले लेता हु अभी - ठीक है चलेगा

बंदा मन मे खुश होते हुवे - पैसा सब को बदल देता है जैसे तुम बदल गई और आज ये सब करने के लिये दोस्त को धोका देने के लिये राजी हो गई मुझे लगा नही था तुम जैसी लरकी मेरा साथ देने के लिये मान जायेगी लेकिन तुम मानी भी और पैसों के लिये मजे देने के लिये भी तैयार हो गई पैसा है तो भाई सब मुमकिन है और मेरे पास पैसों की कोई कमी नही है

लरकी बंदे को देख - जो करना है जल्दी करो
बंदा लार चुवाते हुवे - ठीक है

लरकी शर्मा रही थी लेकिन दिखाती नही और अपने बरे दोनो चुचे बाहर निकाल देती है जिसे देख बंदे का लंड खरा हो जाता हो लरकी के चुचे बरे टाइट गोल मटोल थे निपल काले देखने मे मस्त लग रहा था


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बंदा मन मे - साली को जब भी देखता था तो उसके बरे उभार साफ दिखाई देते थे अब जब उसके बरे चुचे नंगे देख रहा हुई तो जैसा सोचा था बरे टाइट गोल मटोल है अभी जितना मजा मिल रहा है ले लेता हुई बाद मे पुरा मजा लूंगा

लरकी बंदे को देख - जल्दी करो मुझे घर भी जाना है
बंदा - हा हा ठीक है
लरकी को सर्म आ रही थी थोरा अजीब लग रहा था दिमाग मे कई सवाल दोर रहे थे किया वो जो कर रही हो सही है किया उसे ये सब करना चाहिये य अभी सब खतम कर पीछे हठ जाना चाहिये लरकी आखे बंद कर सोच ही रही थी कि तभी लरकी को अपने चुचे पे बंदे का हाथ मेहसूस होता है जिसे फिल कर लरकी के पूरे सरीर मे सिहर सी डोर जाती है


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बंदा लरकी के चुचे को दबाता है लरकी अपने दतों से होठो को दबाये अपनी सिसकिया को रोकने की कोसिस कर रही थी बंदा चुचे का दबाते हुवे - बहोत मुलायम है मजा आ रहा है दबाने में

तभी लरकी जल्दी से बंदे के हाथ का हटा कर अपने चुचे अंदर कर लेती है ये देख बंदा हैरानी से लरकी को देखता है
लरकी बंदे को देख - ऐसे हैरानी से मत देखो जो बात हुई थी उतना मेने किया
बंदा मन मे - साली कमीनी कुत्ती बाद मे तुझे देख लूंगा
बंदा हस्ते हुवे - हा सही कहा जितना मेने कहा तुमने किया

बंदा अपना लंड निकाल चलो अब मेरा लंड हिला के पानी गिरा दो
लरकी बंदे के लंड को देखती है फिर आगे जाके बंदे के लंड को हाथ मे पकर हिलाने लगती है बंदा पुरा फिल लेके आह करने लगता है


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लरकी तेज तेज हिलाने लगती है बंदा - आह करते रहो बहोत मुलायम हाथ है तुम्हारे लंड भी अच्छे से हिला रही हो आह मजा आ रहा है 2 लरका मेरा आने वाला हो तेज तेज चलाओ हाथ लरकी तेज तेज हिलाने लगती है फिर लरका जोर कि पिचकारी मार पानी छोर देता है

लरकी अपने पैसे लेते हुवे - ठीक मे जा रही हु
बंदा अपना लंड अंदर करते हुवे - ठीक है जाओ

लरकी बैग मे पैसे लिये चली जाती है बंदा बिस्तर पे लेत जाता है

बंदा हस्ते हुवे - कुत्ते पे भरोसा कर लो लेकिन किसी इंसान पे नही साले कम बदल जाये कहा नही जा सकता इसी लिये में किसी पे पुरा भरोसा नही करता रही मेरी जान तेरी तो तुझे तो मे दिन रात पेलूगा


( मधु के घर )

मधु बिस्तर पे लेती हुई अभय के बारे मे सोचते हुवे - भाई अभी घर आ गये होगे भाभी को लेकर किया मे फोन कर लू

तभी मधु को कल सुबह वाला कांड याद आता है तो मधु सर्म से लाल हो जाती है
मधु - कल जो हुवा उसमे मेरी ही गलती थी मुझे सोचना चाहिये था अब मेरे भाई है जो आते रहेगे लेकिन मे ये भूल गई थी इस लिये हमेसा ही तरह आँगन मे कपड़े बदल रही थी और फिर

मधु शर्मा के बिस्तर पे तकिये से मुह छुपाते हुवे - भाई किया सोच रहे होगे मेरे बारे मे (तभी मधु मुह फुलाते हुवे ) लेकिन भाई तो मेरा मजाक उराते है मुझे छेरते है


( अभय के घर )

अभय दिशा बेचारे कान पकरे आसा के सामने घुटनों के बल बैठे हुवे थे वही अदिति का पता चलता है उसकी मा रात का कांड के केहने का किया मतलब था जिसे जान अदिति हैरानी से चिल्ला परती है

अदिति मुह पे हाथ रखे अभय दिशा को देख मन मे - ये मे क्या सुन देख रही हुई भइया भाई दोनो के बीच टपाटप चल रहा है लेकिन ये कैसे हो सकता है यार भाई के आये कुछ दिन ही तो हुवे थे लरके का तो लरकी पटाने मे कई महीने साल लग जाते है उसके बाद कुछ कहा नही जा सकता लेकिन मेरा भाई भाभी दोनो तो बुलेट ट्रेन से भी फास्ट निकले ये किया देखना सुनना पर रहा है अच्छा होता मे बहरी अंधी होती बाबा रे बाबा मेरा भाई तो खिलाडी निकला

सुमन अदिति को देख - किस सोच मे खो गई तुम
अदिति होस मे आते हुवे सुमन को देख - मा मे सोच रही थी ( अदिति अभय दिशा को देख ) भइया भाभी ने जो किया उसकी सजा तो उसको मिलनी ही चाहिये

अदिति कि बात सुन अभय हैरानी से अदिति को देखता है अदिति अभय को देख मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को घूर के देख - वाह यही देखना सुनना बाकी था मेरी गुरिया मुझे बचाने के बजाये मुझे सजा दिलवाने मे लगी है मे तो टूट गया भाई बिखर गया मेरी गुरिया ने मेरे साथ गद्दारी कर दी
अदिति सुमन से - मा देखो ना भाई मुझे गुस्से से घूर रहे है
अभय डर के काप् जाता है
आसा अभय को देख गुस्से से - मेरी बच्ची का घूरना बंद करो और हा अदिति ने सही कहा है सजा तो तुम दोनो को मिल कर रहेगी

अभय दिशा आसा कि बात सुन और डर जाते है
दिशा मन में - गई काम से आज मे रात भर देवर जी ने मुझे बजाया अभी मम्मी जी बजाने वाली है दोनो मे फर्क है लेकिन लगेगे मेरे ही ना

आसा अभय दिशा को देख - तुम दोनो नजरे उपर करो मेरी तरफ देखो
अभय दिशा डरते हुवे आसा को देखते है आसा दिशा को देख

आसा - बहु कल तुम्हारे पापा मा बेहन सब आने वाले है
दिशा ये सुन घबराते हुवे - लेकिन कियु मम्मी जी
आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - तुम दोनो ने जो किया उसके बाद कल पंडित जी को बुलवा कर तुम दोनो की शादी का दिन निकलवाना है इस लिये समझ गये तुम दोनो

अभय दिशा पूरी तरह हैरान आसा को देखते है फिर एक दूसरे को
आसा अभय दिशा को घूर के देख - किया तुम दोनो कुछ के केहना चाहते हो
अभय - मा लेकिन
आसा बीच मे रोकते हुवे गहरी सास छोर के अभय को देख - बेटा तुम दोनो ने जो क्या उससे मे तुम दोनो पे गुस्सा नही हुई ना कोई तुम दोनो पे गुस्सा है बल्कि हम खुश है

आसा की बात दिशा अभय के दिमाग के ऊपर से चली जाती है और दोनो कंफ्यूज से आसा को देखते है

आसा दोनो को देख - लगता है समझ नही आया तुम दोनो को चलो अच्छे से समझा देती हु ( आसा इमोसनल होते हुवे ) विनय बेटे के जाने के बाद मे पूरी तरह टूट गई थी मे जैसे तैसे जि रही थी लेकिन ( दिशा को देख ) बहु को दूसरी शादी करने के लिये कई बार कहा पर मानी नही बहु को अकेला देख मुझे और दुख होता था मेरे दिल मे कई बार आया काश तुम लौट आओ तो तेरी शादी दिशा बहु से करवा दुगी तो बहु का घर भी बस जायेगा और बहु इस घर मे ही रहेगी जो मेने सोचा तुम आ गये लेकिन तुम्हे भाभी चाहिये था मस्ती मजाक करना था जो तुम सुरु से चाहते थे इस लिये मेने सोचा कुछ महीने रुक जाती हुई ताकि तुम देवर भाभी वाले रिश्ते को जीलो बाद मे तुम दोनो की शादी करवा दुगी लेकिन ( आसा दोनो को देख मुस्कुराते हुवे) तुम दोनो तो बहोत तेज निकले तो मेरा काम भी आसान हो गया

आसा की बात सुन दिशा अभय फिर हैरान हो जाते है वही अदिति ये सब देख सुन मन मे - वाह इसका मतलब भइया भाभी की फील्डिंग तो मा ले पेहले ही सेट कर रखी थी अब दोनो तो गये काम से ( अदिति दोनो को देख हसने लगती है)


आसा अभय को देख - बेटा मे तुम पे जोर नही दुगी तुम्हारी अपनी लाइफ है बोलो किया तुम दिशा बहु से शादी करोगे तुम चाहो तो ना भी कर सकते हो मे तुम्हे फोर्स नही करुगी

अभय सोचने लगता है तो दिशा अभय को देखने लगती है

अभय अपनी मा को देख - मा भाभी जैसी बीवी हर किसी को नही मिलती भाई के जाने के बाद भाभी चाहती तो जा सकती थी किसी और से शादी कर अपनी जिंदगी बसा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया कियुंकी भाभी भाई के साथ आप को गुरिया इस घर को ही सब कुछ मान लिया था आज की समय मे ऐसी सोच रखने वाली बीवी मिलना बहोत मुश्किल है( अभय दिशा कि आखो मे देख )


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आप नही भी केहती तो मे खुद मे भाभी को ही अपना जीवन साथ अपनी बीवी चुनता ( अभय दिशा के हाथ पकर दिशा की आखो मे देख प्यार से ) भाभी किया आप इस पगलेट देवर से शादी करेगी किया आप मेरी लाइफ पातनर् बनेगी

अभय की बात सुन दिशा खुशी के आसु लिये अभय को देख - हा मे बनुगी आपकी बीवी मे हर कदम पे आपके साथ रहूगी आपका हर मुश्किल मे साथ दुगी और आपकी बीवी होने का हर फर्ज़ अदा करुगी


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अभय दिशा को गले लगा के - मे भी आपको हर खुशी दूंगा आपका हर एक तरह से ख्याल रखुंगा आपके पति होने का फर्ज़ अदा करुगा

आसा अदिति इतने प्यारे मोमेंट को देख दोनो के आखो मे खुशी के आसु आ जाते है 2 मिनट बाद

आसा अभय दिशा को देख - बेसर्मो कब तक तुम दोनो को ऐसे ही गले लगे रेहना है यहा हम भी है

आसा की बात सुन अभय दिशा होस मे आते ही और सर्म से नजरे नीचे कर लेते है ये देख आसा अदिति को हसी आ जाती है

आसा अभय दिशा के पास जाके दोनो के कान पकर देती तो दोनो दर्द से आह करने लगते है आसा दोनो के कान पकरे दोनो को देख
आसा - एक बात तुम दोनो कान खोल के सुन लो जब तक शादी नही हो जाती तब तक तुम दोनो कुछ करने की कोसिस कि तो टांग तोर दुगी समझ गये दोनो

अभय दिशा दर्द मे - जी जी समझ गये

आसा दोनो के कान छोर - ठीक है तुम दोनो जा सकते हो

आसा के ये केहते ही दिशा सर्म से लाल भागते हुवे अपने कमरे में चली जाती है वही अभय भी भाग कर अपने कमरे मे चला जाता है

आसा अदिति दोनो एक दूसरे को देखते है और जोर जोर से हसने लगते है

दिशा दरवाजा बंद कर बिस्तर पे तकिये मे मुह छुपा के शर्म से लाल हुवे जा रही थी अभी जो हुवा उसे सोच कर

दिशा मन मे - आज तो मम्मी जी के सामने ऐसा लग रहा था सर्म से डूब जाउंगी ये सब उनकी वजह से हवा है

तभी दिशा को अभय की कही बात याद आती है ( मा अगर आप नही केहती तो भी मे अपनी बीवी के रूप मे भाभी को ही चुनता ) ये याद कर दिशा

दिशा मन मे - इसका मतलब देवर जी को मे पसंद थी पेहले से ही सच कहु तो मुझे भी आप पसंद आ गये थे इस कुछ दिनों मे ही मे आपकी तरफ खिचती चली गई आपकी हरकते आपकी मस्तिया आपका साफ दिल सभी के लिये प्यार देख कर कोन बेवकूफ लरकी होगी जो आप जैसे लरके को पति के रूप मे पाना नही चाहेगी

वही अभय भी रात से लेकर अभी तक जो हुवा उसके बारे मे बिस्तर पे परा सोचे जा रहा था

अभय मन मे - पेहली बार आपको देखा था तभी आप मुझे पसंद आ गई थी लेकिन उस समय मुझे ये एहसास नही हुवा ना मेने जायदा कुछ सोचा लेकिन अब एहसास हुवा आप जैसी बीवी पाके मेरी मे बहोत खुश हु

दिशा अभय दोनो सोचते सोचते सो जाते है कियुंकी पिछली रात नींद पूरी नही हुई थी दोपहर हो चुकी थी तो आसा अदिति भी सो जाते है


( साम 3 बजे)

सभी सोके उठ चुके थे अभय सोया हुवा था तो अदिति अभय के कमरे मे जाके अभय के ऊपर ही लेटते हुवे

अदिति - भाई साम के 3 बज गये है उठ जाइये
अदिति की बात सुन अभय अदिति को पकर अदिति के ऊपर आ जाता है और अदिति को देख - मेरी गुरिया तुम तो अपने भाई को सजा दिलवाने वाले थी ना


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अदिति डरते हुवे - भाई वो तो मेने ऐसे ही केह दिया था मे भला आपको कियु सजा दिलवाउगी
अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा झूठी आज तुझे सजा मिलेगी


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अभय अदिति को गुदगुदी करने लगता है तो अदिति जोर जोर से हसने लगती है झटपटाने लगती है अभय को दूर करने की कोसिस करने लगती और हस्ते हुवे - भाई भाई प्लेस ऐसा मत करो मे फिर कभी ऐसा नही करुगी

अभय भी अदिति को छोर देता है अदिति जोर जोर से सासे लेते हुवे अभय को देख - आप बहोत बुरे है भइया


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अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति भी अभय की बाहों मे समा के - मेरा प्यारा भाई

थोरि देर बाद दोनो भाई बेहन बाहर आते है तो आसा आँगन मे खाट पे ही बैठी हुई थी .

आसा अदिति को देख - वाह कितनी जल्दी आ गई भाई को जगा के ( आसा अभय को देख) और तुम लाडले साहब और थोरा सो लेते

अभय मुस्कुराते हुवे आसा के को पीछे से बाहों मे भरते हुवे
अभय - मेरी प्यारी मा उठ तो गया ना अच्छा मे जाके मधु से मिल कर आता हु

आसा अभय को देख - ठीक है जा सकता है लेकिन मधु के साथ उसकी मा पापा को कल आने के लिये बोल देना समझ गये

अभय आसा के गाल मे किस करते हुवे - समझ गया मेरी प्यारी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराने लगती है

दिशा दरवाजे पे खरी थी अभय दिशा को देखता है तो दिशा सर्म से नजरे झुका देती है

अदिति दोनो के नैन मिलन देख मुस्कुरा लेती है

अभय फरेस् होने के बाद बाइक लेके मधु के घर पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से भइया केहते हुवे अभय के गले लग जाती है


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अभय भी मधु को बाहों मे लेके किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया किया कर रही थी
मधु - आप का इंतज़ार भइया
दोनो अलग होते है अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - साम को नही नहाती किया

अभय की बात सुन मधु सर्म से लाल होते हुवे अभय के सीने पे प्यार से मुक्का मारते हुवे - भाई आप बहोत गंदे है

अभय हस्ते हुवे - अच्छा ये बताओ ऑन्टी कहा है
मधु अभय को देख - मा परोसी के यहा है आप कहे तो बुला लाउ

तभी सिला अंदर आते हुवे मुस्कुरा के - किया बात है बेटा अपनी ऑन्टी को कियु ढूंढ रहे हो

सिला की आवाज सुन अभय मधु पीछे सिला को देखते है अभय आगे जाके सिला को बाहों मे भर लेता है सिला थोरा शर्मा जाती है

अभय - किया करू आप इतनी खूबसूरत है आपको देखे बगैर रेह नही पाया तो चला आया आपको देखने के लिये
सिला शर्मा के अभय के सर मे धीरे से मारते हुवे - ऑन्टी से मस्ती बहोत मार परेगी
अभय हस्ते हुवे सिला को छोर - तब तो संभल के मस्ती करनी पड़ेगी
अभय की बात सुन सिला हसने लगती है

सिला - चलो बेटा बैठ के बाते करते है

आँगन मे खाट थी तीनों बैठ जाते है

सिला अभय को देख - बताओ बेटा कुछ केहना था
अभय सिला को देख - आया तो था गुरिया को से मिलने लेकिन मा ने आपको कुछ केहने को कहा है

सिला हैरान होते हुवे - दीदी ने किया केहने को कहा है
अभय थोरा शर्मा के - वो कल ना मेरी और भाभी की शादी का दिन तय होने वाला है इस लिये
मधु जैसे ही ये सुनती है मधु चिलाते हुवे - किया आपकी शादी भाभी के साथ होने वाली है और कल दिन भी तय होने वाला है
अभय मधु को देख - हा बाबा इस लिये तुम सब को आना है
मधु खुश होते हुवे - ये तो बढ़िया है मे अब ऑन्टी अदिति दीदी भाभी से मिल पाउंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तब तो आना ही परेगा हम जरूर आयेगे लेकिन आना कब है
अभय - पता नही लेकिन मे कल मधु को फोन कर बता दुगा फिर खुद आके आप सब को ले जाउंगा या किसी को भेज दुगा आप सब रेडी रेहना

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा जैसा तुम कहो हम रेडी रहेगे
अभय खरा होते हुवे - तो ठीक है ऑन्टी मे चलता हु
मधु अभय का हाथ पकर के - नही आप आज यहा से खाना खाके जाओगे मेरे हाथो का

सिला ये देख मुस्कुराते हुवे - अब तो बेटा तुम्हे रुकना ही परेगा मधु बहोत जिद्दी है मानेगी नही
अभय मधु को देखता है तो मधु प्यारा सा कीयूट् सा चेहरा बना के अभय को देखती फिर किया अभय पिघल जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है
मधु खुशी से अभय को गले लग जाती है - थैंक्स भाई
सिला मधु को इतना खुश देख सिला को बहोत अच्छा फिल होता है

अभय सिला को देख अभी टाइम है तो कियु ना हम बाजार भुम कर आये
मधु खुश होते हुवे - मुझे भी जाना है आपके साथ
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बाबा तुम भी चलना
सिला अभय को देख - बेटा मे कहा घूमने

सिला ने इतना कहा ही था की अभय सिला को पकर गोदी मे उठा लेता है जिसे देख सिला हैरान और थोरा डर के साथ शर्मा भी जाती है अभय सिला को कमरे मे लेजा कर नीचे उतार देता है

अभय - जल्दी से तैयार हो जाइये मे बाहर खरा हु

अभय फिर कमरे से बाहर आ जाता है
मधु अभय को देख हस्ते हुवे - एकदम सही किया भाई आपने
अभय मुस्कुरा देता है

अंदर सिला हैरान खरी थी सिला फिर मुस्कुराते हुवे - ये लरका भी मधु की तरह जिद्दी है

सिला फिर कपड़े चेंज कर बाहर आती है अभय सिला को देखता है तो देखता ही रेह जाता है सिला नई सारी मे बवाल लग रही थी


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अभय सिला को उपर से नीचे तक देखते हुवे - ऑन्टी आप इस नई सारी मे बहोत ही खूबसूरत हॉट लग रही है कसम से

सिला चलते हुई कमर हिला के अभय के पास आके अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - ऑन्टी को हॉट केहता है बदमास

अभय मुस्कुराते हुवे मधु को देख - गुरिया किया मेने गलत कहा
मधु मुस्कुराते हुवे सिला को देख - मा भाई ने सच ही कहा है आप सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही है

अभय मधु की बात सुन इस बार सिला सर्म से लाल हो जाती है

अभय ठीक है चलो चलते है

अभय बाइक चालू करता है मधु दोनो तरफ पैर रख अभय से चिपक कर अभय को पकर बैठ जाती है फिर सिला एक तरफ पैर कर बैठ जाती है

अभय -ऑन्टी आप मधु को पकर लेना ठीक है
सिला - ठीक है बेटा

अभय - तो चले ऑन्टी
सिला मुस्कुराते हुवे - हाचलो

अभय बाइक दोरा देता है 20 मिनट मे बाजार पहुँच जाता है अभय एक जगह बाइक लगा के सिला अभय के साथ बाजार मे घुमता ही बहोत सारी बाते करता है सिला को भी बहोत अच्छा लग रहा था इस तरफ घूमते हुवे अभय फिर सिला मधु को पानी पूरी खिलाने लेकर जाता है

अभय सिला को अपने हाथ से पानी पूरी खिलाते हुवे - ये लीजिये मेरी प्यारी ऑन्टी आ करिये
सिला को लोगो के बीच बहोत सर्म आ रही थी लेकिन सिला सर्म छोर अभय के हाथो से पानी पूरी खा लेती है
मधु मुह फुलाते हुवे - भाई आपने मुझे पेहले नही खिलाया आपने मा को खिलाया
सिला हस्ते हुवे - अभय बेटा रूठ गई खिला तुम्हारी गुरिया
अभय मुस्कुराते हुवे - मना लूंगा फिर ये तो खा लो

मधु आ करती है अभय पानी पूरी खिला देता है मधु खुश होते हुवे खाने लगती है

अभय - अब खुश मधु हा लेकिन मे भी खिलाऊँगी
अभय - ठीक है खिला दो
मधु अभय को खिलाती है तो सिला भी अभय को खिला देती है अपने हाथो से

पानी पूरी खाने के बाद घूमने के बाद अभय सभी को ले लेकर घर आ जाता है साम हो चुकी थी अभय आसा को बता दिया था थोरा लेट आयेगा

मधु खाना बनाने मे लगी हुई थी सिला अभय खाट पे बैठे थे बाते चल रही थी

अभय - ऑन्टी आपके साथ घूम कर मजा आया अब तो आपको मोक्का मिलते ही घुमाने लेकर जाता रहुंगा
सिला हस्ते हुवे - आज कल तो लरके लरकी के साथ या बीवी के साथ जाते है घुमने तुम कहा इस बुढी ऑन्टी को ले जाना चाहते हो

अभय सिला को देख - अरे किसने कहा आप बुढी है देखा नही बाजार मे लरके से लेकर बूढ़े कैसे आपको देख रहे थे घूर घूर के

सिला याद करते हुवे मन मे - हा सब मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे खा जायेंगे
मधु हस्ते हुवे - सही कहा भाई आपने

जोगिनाथ अंदर आते हुवे - किया सही कहा तुम्हारे भाई है

जोगिनाथ की आवाज सुन सभी की नजर जोगिनाथ पे जाती है

अभय अंकल पे पैर छुटे हुवे - वो अंकल आज हम बाजार घूमने गये थे तो

तभी सिला खास्टे हुवे - तो हमने बहोत मजा किया घूम फिर कर आये

जोगिनाथ हस्ते हुवे - ये तो अच्छी बात है हमारी बेटी को इतना अच्छा भाई जो मिला है
सिला मुस्कुराते हुवे - हा आपने सही कहा
अभय - ऑन्टी अंकल को बता दीजिये कल काम पर ना जाये

सिला अरे हा - सुनिये कल अभय बेटा के घर जाना है दीदी ने बुलाया है
जोगिनाथ सिला अभय को देख - ठीक है भाभी ने बुलाया है तो जायेंगे लेकिन कियु कुछ है किया
सिला अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा कल अभय बेटे का दिन तय होने वाला है

जोगिनाथ अभय को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तो ये बात है तो फिर जरूर जायेंगे
अभय - थैंक्स अंकल
जोगिनाथ - बेटा अपनो मे थैंक्स नही केहते तुमने मेरी बेटी को अपनी बेहन माना है उस हिसाब से तुम भी हमारे बेटे जैसे हुवे मधु तुम्हे भाई के रूप मे पाके बहोत खुश है हम भी तुम्हे भी

अभय - समझ गया अंकल आके से नो थैंक्स
जोगिनाथ मुस्कुराते हुवे - हा अब सही है

वही सिला मधु बहोत खुश हो जाते है

( रात 8 बजे )

आंगन मे चटाइ बिछा दी जाती है अभय जोहिनाथ सिला सब बैठ खाना खाने लगते है

अभय एक निवाला खाता है वही मधु अभय को ही देखे जा रही थी सिला जोगिनाथ मधु को देख मुस्कुरा रहे होते है

अभय एक निवाला खाने मे बाद - गुरिया बहोत अच्छा सोवादिस्ट खाना बना है मजा आ गया
अभय की बात सुन मधु बहोत खुश हो जाती है
मधु - अच्छी भाई
अभय - भला मे अपनी गुरिया से झुठ कियु बोलुगा
सिला हस्ते हुवे - हम जब केहते थे खाना अच्छा बना है तो इतना खुश नही होती थी लेकिन तेरे केहने पे देखो कितना खुश हो गई है

जोहिनाथ - बात तो सही सही तुम से भाग्यवान
अभय एक निवाला मधु को खिलाते हुवे - ये लो
मधु भी बहोत खुशी से आ करती है अभय मुस्कुराते हुवे खिला देता है

सिला जोथीनाथ मधु अभय को देख बहोत खुश थे सिला जोगिनाथ को देखती है जोगिनाथ सिला को दोनो एक दूसरे को मन से यही केह रहे थे अभय मधु को साथ देख जैसे हमे बेटा मिल गया हो

अभय जोथीनाथ सिला को देख समझ जाता है अभय प्यार की फीलिंग भले ही आज समझ पाया हो लेकिन परिवार के बीच प्यार की जो फीलिंग है अभय किसी के चेहरे को देख ही समझ जाता है

अभय सिला जोथीनाथ को देख - मे किया केह रहा था
जोथीनाथ सिला अभय को देखते है
अभय - आप दोनो को अंकल ऑन्टी केहना अच्छा नही लगता तो आज से अभी से मे आप दोनो को छोटे पापा छोटी मा कहुंगा चलो चलेगा ना

अभय की बात सुनते ही जोहिनाथ सिला की आखो मे खुशी के आसु आ जाते है

अभय मुस्कुराते हुवे - खाना पे ध्यान दीजिये आसु गिर रहे है नमक जयादा हो जायेगा

जोगिनाथ सिला मुस्कुरा देते है मधु भी बहोत खुश हो जाती है

खाना खाने के बाद अभय बाइक पे बैठा हुवा था मधु सिला जोथीनाथ आये थे बाहर छोरने

अभय सभी को देख - ठीक है गुरिया छोटी मा छोटे पापा अब मे चलता हु
सिला अभय को प्यार से गाल पे किस करते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा सही से जाना
जोथीनाथ - बेटा तेज गारी मच चलाना समझ गये

जोथीनाथ की बात सुन अभय को अपने पापा की याद आ जाती है अपने पापा की कमी खलने लगती है
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया छोटे पापा
मधु - भाई कल आउंगी लेकिन आपके साथ ही रुकूगी
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है गुरिया रुक जाना एक रात उसमे किया है
अभय - ठीक है चलता हु

अभय भी निकल परता है अपने घर अभय के जाने के बाद जोगिनाथ सिला को देख - भाग्यवान बेटे की कमी पूरी हो गई
सिला - हा सही कहा
दोनो के आखो मे खुशी के आसु थे
मधु - बच्चो की तरह रोना बंद कीजिये और अंदर चलिये
मधु की बात सुन जोगिनाथ सिला की हसी झुठ जाती है

अभय घर आता है और अंदर जब जाता है तो देखता है कोमल काजल मिनिता विजय सब आये हुवे है सभी की भी नजर अभय पे जाती है तो सभी अभय को अजीब नजरो से देखने लगते है

अभय सभी को देख समझ जाना है इज़त डूब गई है

दिशा अभय को देख मन मे - ये सब आपकी वजह से हुआ है मुझे तो इतनी सर्म आ रही है किया बताऊ

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Nice update
 
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ajay bhai

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chapter 29

सुबह हो चुकी थी आसा अभय को उठाती है अभय अदिति को फिर हल्का होना जोगिग रोज का जो अभय की लाइफ मे चल रहा है

अभय जोगिग करने के बाद रोज की तरफ मिनिता के घर जाता है कोमल खाना बना रही थी अभय अंदर जाता है और कोमल के फिर मजे लेना सुरु कर देता है

अभय कोमल को देख - बंदरिया आज किया बना रही है
कोमल अभय को देख गुस्से से अभय के पास आके - तु मुझे हमेसा बंदरिया मत कहा कर समझ गया

अभय कोमल के कमर पकर अपने से सता लेता है कोमल आह करते हुवे अभय के सीने से चिपक जाती है कोमल के टाइट बरे चूचे अभय के सीने से दबे हुवे थे


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अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - तो क्या कहु
कोमल अभय की बाहों मे समाये - कुछ और भी बोल सकता है
अभय सोचते हुवे - हु डार्लिंग बोलू तो चलेगा

बस किया कोमल का एक मुक्का अभय के पेट मे अभय दर्द से पेट पकरे - मर गया है मार दिया बंदरिया ने

कोमल गुस्से से अभय को देख - बरा आया डार्लिंग कहने वाला

कोमल फिर खाना बनाने बैठते हुवे - यही तेरी सजा है बंदर

मिनिता पीछे गाय के चारे देकर आते हुवे अभय को पेट पकरे खरे देख - क्या हुआ बेटा तुझे पेट पकरे कियु खरा है

अभय मिनिता को देखता फिर कोमल को देखते हुवे - कुछ नही ऑन्टी एक बंदरिया ने मारा है

कोमल गुस्से से अभय को घूर के देखती है वही मिनिता समझ जाती है ये दोनो का रोज का है

अभय मिनिता को देखता मिनिता अभय को दोनो की आखे नजरे एक दूसरे से जैसे कुछ केहना चाह रही हो लेकिन क्या दोनो को नही पता था

मिनिता कमरे मे जाते हुवे - अभय बेटा अंदर आ कुछ बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है

अभय अंदर आता है तो मिनिता को देखता है मिनिता बाल हाथो से सही कर रही थी नजरे भी थोरा नीचे किये हुई थी मिनिता के ब्लाउस मे कैद दोनो चूचे मे से एक थोरा दिख रहा था कमर सारी से धका हुवा था लेकिन वो भी थोरा दिख रहा था

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मिनिता बहोत खूबसूरत हॉट औरत थी इस उमर मे भी बॉडी कयामत थी उजले दूध जैसे रंग बॉडी सेप् कोई भी मिनिता को देख उसे पाना चाहेगा ये अपने आप को कोसेगा उसकी बीवी इतनी खूबसूरत कियु नही है
अभय मिनिता को अच्छे से देखता है और पास जाके बैठ जाता है दोनो बैठे थे लेकिन कोई कुछ नही केह रहा था


अभय मिनिता के को देखता है और मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता देता है मिनिता बिस्तर पे लेत तेज सासे लिये अभय को सर्म से देखने लगती है अभय मिनिता के ऊपर आके लेत जाता है और मिनिता को देखने लगता है मिनिता अभय को देखने लगती है

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अभय - जब से आपके होठो का रस पीने लगा हु मुझे आपके होठो का रस पीने की आदत हो गई है ( मिनिता नीचे लेती अभय को सर्म से देखे जा रही मिनिता के अंदर कुछ हो रहा था हचल जैसा

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अभय झुक के मिनिता के गर्दन गाल पे किस करने लगता है अचनाक् इस हमले से मिनिता के शरीर काप् उठती है मिनिता के मुह से सिसक् एक कामुक् आवाज निकल जाती है मिनिता के लिये ये अजीब नया अलग एहसास था जो मिनिता को बैचन् और दिल मे हलचल बचा रहा था

मिनिता अभय को कापते आवाज मे - बेटा कोई आ जायेगा ऐसा मत कर ये मुझे सही नही लगता

अभय रुक कर मिनिता की आखो मे देखता है और अपना होठ मिनिता के होठ की तरफ दे जाने लगता है मिनिता ये देख उसके होठ अपने आप खुल जाते है अभय मिनिता मे होठ मुह मे लेके चूसने लगता है

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मिनिता भी अभय को बाहों मे कस किस करने लगती है दोनो फिर जोर सोर से एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस मजे से पीते है

मिनिता तेज सासे लेते हुवे अभय को शर्मा के देखने लगती है अभय मिनिता की आखो मे देख - रोज की तरह आज भी आपके होठो का रस पीके मजा आ गया
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - तुम भी ना बेटा
अभय - आपको मजा नही आता
मिनिता सर्म से - आता है तभी को करती हु

अभय मिनिता की आखो मे देख - एक बात कहु बुरा मत मानियेगा
मिनिता - बोलो नही मानुगी
अभय - क्या आप मेरे साथ कभी घूमने चलेगी
मिनिता बहोत हैरान सॉक से अभय को देखती है फिर सांत आवाज मे

मिनिता हस्ते हुवे - ये कहने के लिये इतना डर रहे थे मे चलुंगी लेकिन कहा लेके जाओगे मुझे
अभय मिनिता के गाल पे किस करते हुवे - जब जाना होगा बता दुगा

अभय मिनिता के ऊपर से हट नीचे खरा हो जाता है मिनिता भी बिस्तर से खरी होके अपने बाल सारी सही कर लेती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऑन्टी अब मे जाता हु
मिनिता अभय को देख - ठीक है बेटा


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अभय कमरे से बाहर आ जाता है मिनिता आईने के सामने खरी होके अपने होठो पे लिबिस्टिक लगाते हुवे - रोज आता है और मेरे लिबिस्टिक को चाट जाता है

अभय कोमल के पास आके - ओये बंदरिया मे जा रहा हु एक किस तो देदे

कोमल अभय के सामने खरी होके अभय को देख - दे दुगी लेकिन बंदरिया आज से नही कहेगा

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ठीक है किस के लिये मे कुछ भी कर सकता हु

कोमल - हा मुझे अच्छे से पता है


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कोमल अभय के होठो पे किस कर थोरा शर्मा के - अब बंदरिया मत बोलना समझ गया

अभय मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - मजा नही आया कुछ फिल नही हुवा गीली वाली किस्सी दे देती तो मजा आ जाये

तभी फिर एक लात अभय के गांड पे जोर से परती है

कोमल - बरा आया गीली किस्सी चाहिये कमीना बंदर

कोमल की लात खाने के बाद अभय लरखराते हुवे आगे जाके मैन गेट को पकर अपने आप को गिरने से बचा लेता है फिर पीछे कोमल को देख - कितनी बुरी है एक गीली किस तो मांगी थी

कोमल गुस्से से अभय की और भागती है अभय फुर घर की तरफ भाग निकलता है

मिनिता कोमल के पास आते हुवे - कियु बेचारे को मारती रहती है
कोमल मिनिता को देख - वाह आ गई बंदर के पक्च लेने वाली समझ नही आता आप अपनी बेटी की तरफ ना होके हमेसा उस बंदर का साथ देती है

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बंदर बहोत मस्ती करता है लेकिन दिल का बहोत अच्छा है

कोमल खाना बनाने बैठते हुवे - हा हा समझ गई

अभय घर की तरफ जाते हुवे अपने गांड को सेहलाते हुवे - लरकी होके उसकी किक मे बहोत धम है मेरे बम का धम निकाल देती है बहोत गुस्से वाली भी है लेकिन दिल की बहोत अच्छी भी है


अभय घर आके नहा के कमरे मे रेडी होने लगता है रेडी होने के बाद अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अलमारी मे कपड़े रख रही होती है अभय पीछे से जाके आसा के कमर को पकर लेता है आसा हैरान पीछे मूर अभय को देख मुस्कुरा देती है

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अभय आसा को अपनी तरफ घुमा के आखो मे देख - मेरी डार्लिंग मा आपके खूबसूरत मुस्कुराते चेहरे को देखता हु तो मेरा दिल खुशी से झूम जाता है ( आसा अभय को प्यार से होठो पे किस करते हुवे - और मुझे अपने लाला को देख खुशी मिलती है


अदिति अंदर आते हुवे अभय आसा को देख मुह लटका के - हो गया आप दोनो का तो चल के खाना खा लीजिये

आसा अभय एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है

आसा अभय बाहर आते है तीनो बैठ खाना खाने लगते है लेकिन अदिति चुप चाप मुह लटकाये खाना खा रही थी अभय अदिति को देख मुस्कुराते रेहता है आसा भी

खाना हो जाने के बाद अदिति कमरे मे जाके बिस्तर पे लेत जाती है अभय भी अदिति के कमरे मे आ जाता है


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - किया हुआ गुरिया इधर आओ उदास कियु है मुझसे नाराज हो

अदिति अभय को देखती है फिर अभय के पास आके खरी होके मुह लटका के - नही तो मे भला कियु नाराज होगी आपसे

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - तु मेरी जान है और तुझे मे नाराज दुखी नही देख सकता (अभय अपना चेहरा अदिति के चेहरे से सता के ) समझ गई गुरिया मेरी

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दोनो का सर नाक एक दूसरे से सता हुवा था सासे भी एक दूसरे से टकरा रही थी ( अदिति तेज सासे लेके - जानती हु भाई आप मुझसे बहोत प्यार करते है

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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देखता है अदिति भी अपने भाई के आखो मे देखती है अभय अपना होठ अदिति की तरफ ले जाने लगता है अदिति भी इसके लिये तैयार हो जाती है

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फिर दोनो के होठ एक दूसरे से मिल जाते है अदिति के रोये खरे हो जाते है दिल कुछ पल के लिये रुक जाता है ये एहसास अदिति के लिये नया लेकिन बहोत प्यारा खूबसूरत पल था दोनो भाई बेहन एक दूसरे को पकर एक दूसरे के होठ को मुह मे लेके चूस कर अलग हो जाते है

फ्रेच किस नही था बस थोरा ना लेकिन अदिति को यही चाहिये था कियुंकी अदिति को पता था आसा सब भाई को प्यार से किस देते है भाई किस करता है लेकिन उनके बीच नही होता इसी लिये अदिति उदास थी अदिति को लगा अभय अब उससे प्यार नही करता इस लिये नाराज थी और ये बात आसा अभय जानते थे

ये किस मे कोई हवस नही था सिर्फ प्यार था बाहर के लोगो के लिये ये अजीब होगा लेकिन अभय आसा की लिये प्यार दिखाने जताने का तरीका है इसी वजह से आसा अदिति अभय सब के बीच बाकी मा बेटे भाई बेहन से जायदा इसके बीच प्यार है

भले ही आगे कुछ और हो जाये फिल्हाल सिर्फ प्यार है

अपने भाई की तरफ से पहला प्यार वाला किस अदिति के अंदर खुशी की लहर ला देती है अभय अदिति को बाहों मे लेके - अब खुश
अदिति अभय को कस के पकर -बहोत खुश आप मेरे दिल की सब बाते समझ जाते है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यारी गुरिया है तू मेरी कैसे कैसे नही जानुगा

अभय - अच्छा अब मुझे कुछ काम करने जाना है
अदिति अलग होके मुस्कुराते हुवे - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - नाराजगी खतम हुई की नही तेरी गुरिया की
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरे होते हुवे कैसे नही होगी
आसा मुस्कुराते हुवे - ये भी सही कहा लाला
अभय - अच्छा मा मे काम से जा रहा हु
आसा - ठीक है बेटा

अभय विजय को फोन कर बुलाता है और दोनो साथ मे बाते करते हुवे अभय अपने ठिकाने पे पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो विजय आगे था

विजय तेज आवाज मे - बॉस आ रहे है

विजय की बात सुन अंदर अभी 53 लोग थे विजय अभय को देख सभी अपनी जगह मे सांत एक पीछे हाथ कर खरे हो जाते है

अभय जाके अपनी कुर्सी पे बैठ जाता है विजय अभय के पीछे पास हाथ पीछे किये सांत खरा हो जाता है एक राइट हैंड जो था अभय का


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अभय अपने बॉस वाले सिहासन पे बैठा हुआ था तभी अभय पास टेबल पे रखी गन देख उठा कर हाथो मे लेके देखने लगता

अभय फिर मारिया को देख - मारिया लरकियों का क्या हाल है
मारिया -बॉस जैसा आपने कहा था 12 राजी है बाकी नही
अभय - अच्छा कोई बात नही 12 जो राजी है उन्हें रेडी करो बाकी को अपने इक्छा से जो करना है करने दो

मारिया - जी बॉस

अभय गनटेबल पे रख सभी के सामने खरे होके सभी को देख - हम असेसन् है कुछ नियम कानून हमारे बीच होने चाहिये बाकी हम एक परिवार है तुम सब याद रखना तुम सब आज़ाद भी हो जिसको जब जाना हो जा सकता है दूसरा कोई भी मदद की जरूरत हो तो तुम सब मारिया विजय को बोलो अगर मुझसे मदद चाहिये तो तो भी मे करुगा अभी हमारे कई भाई बेहन यहा नही है लेकिन जल्दी ही आ जायेंगे
तो अपना काम अच्छे से करना कोई कुछ केहना चाहता है

सभी एक साथ तेज आवाज मे - बॉस हम आपके साथ है हर कदम पे मरते दम तक

अभय सभी को देखते हुवे - सुन कर अच्छा लगा लेकिन मे तुम सब मे से किसी को खोना नही चाहता इस लिये हम जो भी करेगे सावधानी से करेगे ठीक है अपने काम पे लग जाओ

अभय के कहते ही सभी अपने काम पे लग जाते है

मारिया सीधा आके अभय से चिपक जाती है
विजय गुस्से से - मारिया ये क्या हरकत है अपनी आदत बदलती कियु नही
मारिया विजय को देख - कैप्टन में किया करू बॉस को देखते ही अपने आप को रोक नही पाती

विजय - तुम पागल

अभय विजय को देखता है विजय चुप हो जाता है

अभय मारिया को दूर करते हुवे - मारिया जैक कभी आ रहा है
मारिया - जल्दी ही
अभय - अच्छा और हा मेरी सादी होने वाली है ये हरकत मेरी बीवी के सामने मत करना नही तो तुम या मे एक मरेगे
मारिया मुस्कुराते हुवे - तो बॉस को भी किसी से डर लगता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के आगे किसी की नही चलती

अभय विजय को देख - ठीक है आगे तुम देखो मे जा रहा हु
विजय - जी बॉस

अभय बाहर आके बाइक लेके मधु के घर आता है 1 बज गये थे

अभय सिला के कमरे मे जाता है सिला बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन टांगे पसारे मोटे उजले जान्धे फैले अंदर तक दिखाई दे रहे थे बस और थोरा उपर होता सारी पेटीकोट को अंदर का गुफा दिख जाता

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अभय सिला को इस तरह पहली बार देख रहा था अभय की नजरे सिर्फ सिला के मोटी उजले जन्धो मे और अंदर के होल को ही देख रही थी अभय को अजीब हलचल होती

अभय सिला के बिस्तर पे जाते लेत सिला को बाहों मे भर लेता है सिला हैरान सॉक जाती है अभय मे हु मा

सिला अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - शैतान डरा दिया तूने
अभय सिला के ऊपर आके आखो मे देख - पापा या मेरे अलावा कोन आपको ऐसे पकरता है
सिला सर्म से - हा ये तूने सही कहा

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अभय सिला के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत हॉट है
सिला सर्म से अभय को देख - ये तो रोज केहता है
अभय सिला के आखो मे देख - और हमेसा केहता रहुंगा
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा कहते रहना

अभय- गुरिया अपने कमरे मे है क्या
सिला - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - मा मुझे आपके ढोरी पे किस करना है
सिला सर्म से अभय को देख - कर ले ना तो


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अभय मुस्कुराते हुवे सिला के पेट से सारी हटा देता है सिला सर्म से तेज सासे लेना सुरु कर देती है अभय सिला के पेट ढोरी पे किस करता है तो सिला के मुह से सिसकिया निकल जाती है

अभय किस करने के बाद सिला को देख - मा आपकी कमर ढोरी बहोत खूबसूरत है
सिला शर्मा के - तू भी ना बेटा

अभय बिस्तर से नीचे खरा होके - मा गुरिया से मिल लेता हु
सिला सारी सही करते हुवे - ठीक है जा मिल ली

अभय मधु के कमरे मे आता है मधु खरी अभय का ही इंतज़ार कर रही थी कियुंकी मधु को पता था अभय मा से मिलने गया है

अभय मधु को देखता है तो हैरान हो जाता है कियुंकी मधु भी मुह फुलाये खरी अभय को देख रही थी

अभय मधु के पास जाके मुस्कुराते हुवे - गुरिया क्या बात है फुल कियु फुलाये हो
मधु अभय को देख - कियुंकी आप मुझसे जायदा प्यार नही करते
अभय हैरान - ये किसने कहा और तुम्हे ऐसा कियु लगता है

मधु बिस्तर पे बैठ - कियुंकी मेने दीदी से बाते की थोरि देर पहले और दीदी ने मुझे बताया

अभय को समझते देर नही लगती मधु ने क्या बताया और मधु कियु मुह फुलाये है

अभय मुस्कुराते हुवे मधु के पास जाके मधु को बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु के आखो मे देख - अच्छा मे समझ गया कियु कियु नाराज हो किस्सी चाहिये

मधु बच्चो जैसा मुह मना के - एक को मिलेगा दूसरे को नही तो ये गलत है ना

अभय मुस्कुराते हुवे - हा ये बात तो है

अभय मधु को देखता है मधु अभय को अभय फिर मधु के गुलाबी रसीले होठ को देखता है

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 अभय अपना होठ मधु के होठों की तरफ ले जाने लगता है मधु की सासे तेज होने लगती मधु बिस्तर पकर लेती है मधु को अजीब एहसास के साथ दिल धक कर रहा था मधु भी अपने होठ खोल देती है


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अभय मधु के ऊपर लेता मधु को पकर किस करने लगता है मधु अभय के होठ अपने होठ मे फिल करती है तो मधु का पूरा सरीर झन् करने लगता है पहला एहसास किस का मधु को आज मिल रहा था

अभय मधु के होठ मुह मे लेके छोटा किस करता है फिर अलग होके मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरी गुरिया खुश है ना
मधु अभय को बाहों मे कस - हा बहोत खुश हु

अभय मधु को देख -अच्छा बाबा अब मुझे जाना होगा ठीक है
मधु उदास होते हुवे - थोरि देर और रुक जाते है
अभय मधु के गाल सेहलाते हुवे - चिंता मत करो फिर जब आयुगा तो देर तक रुकुगा ठीक है
मधु खुश होते हुवे - तब तो ठीक है
अभय जाते हुवे - ठीक है चलाता हु

अभय घर की तरफ निकल परता है वही मधु अपने होठ को उंगली से छूटे हुवे सर्म से - अजीब लेकिन बहोत अच्छा एहसास था

अभय घर आता है आसा बिस्तर लेती हुई थी अभय आसा के पास बिस्तर पे लेत आसा को बाहों मे भर लेता है आसा भी अभय को बाहों मे लेके कस लेती है

आसा - सिला के पास गया था
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा

दोनो मा बेटे फिर सो जाते है साम 3 बजे उठ फिर सब काम पे लग जाते है मधु फिर कुछ काम से बाहर जाता है

अभय बाइक लिये जा रहा था तभी फिर अभय को नीतिका दिखाई देती है लेकिन इस बार सारी मे नीतिका खरी थी रोड साइड अभय नीतिका के पास बाइक रोकता है और नीतिका के पास जाके खरा हो जाता है


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अभय नीतिका को पहली बार सारी मे देखता है तो देखता ही रेह जाता है नीतिका सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय तो नीतिका को देखने मे खोया था लेकिन नीतिका अभय को देख हैरान होती लेकिन उसी के साथ अभय को ऐसे अपने आप को देखता देख अभय के कान पकर मोर देती है

अभय दर्द मे आउच

नीतिका अभय को देख -मुझे घूर कियु रहे थे हा
अभय कान सेहलाते हुवे नीतिका को देख - पहली बार आपको सारी मे देख कसम से आप बहोत खूबसूरत लग रही है इस लिये देखता रेह गया आपको

नीतिका को बहोत अच्छा लगता है लेकिन चेहरे पे दिखाती नही

नीतिका - अच्छा अच्छा जा कहा रहे हो
अभय - बस घूमने आया था आप कहा जा रही है
नीतिका - बाजार कुछ समान लेना है
अभय - चलिये ना मे छोर देता हु ना

अभय बाइक पे बैठ जाता है नीतिका भी बैठ जाती है और अभय के कंधे पे हाथ रख लेती है अभय को बाजार लेके आता है नीतिका बाइक से नीचे उतर जाती है और अभय को थैंक्स कहती है

अभय - कोई बात नही मैडम
नीतिका अभय को देख - मैडम नही ऑन्टी मे अभी दियुति पे नही हु और हा ( नीतिका मुस्कुराते हुवे) आज ब्रेक नही मारा कियुंकी मे सारी पेहन एक तरफ पैर कर बैठी थी इस लिये

अभय हैरान परेसान डरते हुवे - मैडम सोर्री ऑन्टी उस दिन मेने सच मे जान बुझ कर नही क्या सच्ची
नीतिका जाते मुस्कुराते हुवे- किसे पता बाय

अभय - हद है यार मेने कुछ क्या नही था उस दिन सच मे मेरा ध्यान कही और था खैर

अभय अपना काम कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता कोमल आये हुवे थे सभी बाते कर रहे थे अभय अपनी मा के गोद मे सर रख लेता हुआ था और आसा अभय का सर सेहला रही होती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी अभी देखो कितने आराम से सो रहा है लेकिन बीवी आयेगी तो उसके गोद मे सोयेगा

आसा हस्ते हुवे - बात तो तूने सही कही
अभय हैरान आसा को देख - किया मा आप को भी ऐसा लगता है
आसा हस्ते हुवे - कियु नही सोयेगा
कोमल ताना मारते हुवे - बीवी आयेगी तो घर से बाहर भी नही निकलेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया तु चूप रेह रही बात हा मे अपनी बीवी के गोद मे ऐसे ही सोयुगा

कोमल अदिति को देख - देखा तेरा भाई कैसे बदल गया अपना असली रूप दिखा दिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे अपने भाई पे भरोसा है आगे तो सुन लीजिये दीदी

अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया ने सही कहा हा मे सोयुगा वो मेरी बीवी है मे तो अदिति ऑन्टी आपके गोद मे भी सो सकता हु सब का प्यार अलग होता है मा का प्यार बीवी का प्यार बेहन का प्यार अपनी जगह है उसकी कोई जगह नही ले सकता दूसरी मा के साथ मेरा प्यार जो है वो वैसे ही रहेगा समझ गई बंदरिया

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे - मुझे पता था तेरा जवाब मे तो बस तुझे छेर रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही सब का प्यार अलग होता है उसकी जगह दूसरा कोई नही ले सकता

थोरि देर बाद अभय फिर कमरे मे चला जाता है

बाते होने के बाद मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता का इंतज़ार कर रहा था मिनिता को देख अभय मिनिता को पकर बाहों मे कस लेता है मिनिता सिसक् परती है

अभय मिनिता को देख - मेरी प्यारी ऑन्टी आपका सुक्रिया
मिनिता हैरान होके - वो कियु
अभय - इतना प्यार देने के लिये आप मुझे गीली किस्सी लेती है जबकि ये मुझे कोई नहीं देता बस मा ने एक बार दिया था

मिनिता अभय को देख थोरा सर्म से - बेटा मुझे भी अच्छा लगता है इस लिये गीली किस्सी देती हु तुझे अब तो मुझे भी आदत हो गई है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - कैसी आदत
मिनिता तेज सासे लेते हुवे - तुम्हारे जिब का रस पीने की
अभय - तो सुरु करे
मिनिता सर्म से - हा

अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी पुरे मजे से किस करने लगती है दोनो एक दूसरे का होठ कभी जिब मुह मे लेके चुसे जा रहे थे रस पिये जा रहे थे

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मिनिता मन मे - उफ कैसी आदत लगा दी है तूने बेटा अब तो रस पिये बगैर मे रेह नही पाती अब जब पी रही हु तो बहोत सुकून मजा मिल रहा है ( अभय मन मे - ऑन्टी पहले से ज्यादा ही मजे से मेरे जिब चूस लार पीती है लगता है बहोत मजा आता है पीने मे 2 मिनट बाद

मिनिता अभय को देख सर्म से - जाती हु कोमल रुकी होगी
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता फिर बाहर आके कोमल के साथ घर निकल जाती है

अभय अपनी मा के पास आ जाता है फिर रोज की तरफ मा के ऊपर लेत बाते करता है फिर किस कर गुड नाइट बोल अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और अभय के बाहों मे समा जाती है अभय अदिति को कस के पकर लेता है

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पकर - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख प्यार से - मेरे प्यारे भाई

अभय - अच्छा गुरिया सो जाओ गुड नाइट

अभय जाने लगता है तो अदिति का मुह लटक जाता है वही अभय रुक पीछे मूर अदिति के पास जाके चेहरे को पकर होठो पे किस करते हुवे मुस्कुरा के - अब खुश

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अदिति का चेहरा अब खिल जाता है अदिति - बहोत खुश यही तो चाहिये था मुझे लगा आप भूल गये
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे - ऐसा कैसे भूल जाऊ अब सो जाओ ठीक है
अदिति खुश खुशी - जी भाई गुड नाइट

अभय फिर बिस्तर पे आके लेत कर - कल बुआ को लेने जाना है और अगले दिन सादी की खरीदारी भी करनी है

तभी अभय का फोन बजता है फोन उठा के

अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो मेरी जान
दिशा - किया बोलू आपकी बहोत याद आ रही है
अभय मुस्कुराते हुवे - टांगों के बीच वाली
दिशा सर्म से - हद है फिर सुरु
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत तरप् रहा है मेरा नाग तेरी बिल मे जाने के लिये तुझे तो मुझे या मेरे नाग की कोई परवाह ही नही है

दिशा सर्म से - बहोत परवाह है प्यार है आपसे आपके नाग से भी लेकिन क्या करू मे सादी होके आउंगी तो आपका और आपके नाग का अच्छे से ख्याल रखुंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - कैसे ये भी बता दो
दिशा सर्म से - आपको पता है फिर भी
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी साली सासु मा किया कर रही है
दिशा - आपकी सासु मा सो गई है और आपकी साली जी होगी सास बहु वाला सीरियल देखेंने मे
अभय हस्ते हुवे - बिगर जायेगी साली जी फिर जाके ससुराल मे सासु से लरेगी
दिशा हस्ते हुवे - अब तो वोही जाने

ऐसे ही बाते करते है बिया बीवी 15 मिनट फिर फोन कट

फिर तुरंत काजल का फोन आ जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ डार्लिंग
काजल हस्ते हुवे - कर ली बात बीवी से
अभय मुस्कुराते हुवे - कर ली

असल मे अब काजल को पता था अभय कब अपनी बीवी से बात करता है
काजल - कल आ रहे हो ना
अभय - हा साम को आ जायुगा
काजल - नही दोपहर तक आना है तुझे फिर रात रुक सुबह निकलेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है 12 बजे तक आपके पास लेकिन मेरे साथ मेरी गिर्लफ्रेंड बन के घूमने चलना होगा मंजूर

काजल हैरान सर्म से - शैतान बुआ को गिर्लफ्रेंड बनायेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बन जायेगी तो मेरी किस्मत खुल जायेगी बोलिये किया कहती

काजल - बरा आया ये बता बाइक लेके आयेगा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी तो आप चिपक कर बैठेगी तो मजा आयेगा
काजल सर्म से - कितना शैतान है रे
अभय - कहा वही पीछे है आप
काजल - हा पीछे ही
अभय हस्ते हुवे - कल रात मे भी वही आपको बाहों मे लिये होऊगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - बुआ बताइये ना रात हम दोनो पीछे सोयेंगे मजा आयेगा
काजल शर्मा के - ठीक है सोयेंगे
अभय खुश होते हुवे - फिर गीली किस्सी भी तो लेनी है बहोत इंतज़ार किया लेकिन कल मुझे मिल जायेगा
काजल हस्ते हुवे - हा बाबा ले लेना जब से हा कहा है रोज गीली किस्सी के पीछे परा रहता है
अभय - अरे किस्मत वाले को बुआ की किसी मिलती है मुझे मिल रहा है तो कियु छोरु
काजल हस्ते हुवे - पागल

दोनो बुआ भांजे बाते करते है फिर गुड नाइट बोल सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 
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