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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 17

एक कमरे मे वही लरकी बिस्तर पे लेती उस बंदे के साथ पेहले जो बात हुई उसे याद करने लगती है

( एक दिन पेहले ) साम 4 बजे स्कूल की छुट्टी के बाद

लरकी अकेले हि घर जा रही थी तभी उसके सामने एक बंदा आके खरा हो जाता है जिसे देख लरकी बहोत गुस्से से बंदे को देखने लगती है

लरकी गुस्से से - तुमने मेरा रास्ता कियु रोका है
बंदा - पेहले जो मेने किया उसके लिये माफी मागता हु बस मुझे कुछ मिनट तुमसे बात करनी है
लरकी गुस्से से - मुझे तुम जैसे कमीने से कोई बात नही करनी
बन्दा थोरा गुस्से मे - देखो मेने कहा ना बस मुझे तुमसे कुछ मिनट बात करनी है अगर तुम मुझे कुछ मिनट टाइम देती हो तो वादा करता हु फिर मे तुम्हारे और तुमहारे भाई के रास्ते मे कभी नही आऊगा

लरकी मन मे - ये बहोत कमीना और अमीर पावर फुल है हम जैसे गरीब लोग इन जैसो से लर भी नही सकते अच्छा मोक्का है इस कमीने से पीछा छूटेगा बस कुछ मिनट की हि तो बात है

लरकी - ठीक है लेकिन वादा करो फिर हमारे रास्ते मे नही आओगे
बंदा - वादा करता हु चलो मेरी गारी मे बैठ जाओ
लरकी हैरानी से बंदे को देख - गारी मे कियु
बंदा - डरो नही वादा करता हु मे तुमहारे साथ कुछ नही करुगा थोरि दूर मेरा एक बंगलो है वहा मे ही रेहता हु वही बातें करेगे आराम से

लरकी बंदे को देखती है सोचती है फिर जाके गारी मे बैठ जाती है बंदा ये देख मुस्कुरा देता है

बंदा गारी चालू करता है और थोरि दूर बाद लरकी को लेकर अपनेे बंगलो मे पहुँच जाता है बंदा गारी पार्क करता है और गारी से बाहर आता है लरकी भी गारी से बाहर आती है और अपनी नजर चारो तरफ दोराती है

लरकी चारो तरफ देख - तुम ने ऐसी जगह बंगलो कियु बनवाया जहा आप परोसी कोई नही है
बंदा लरकी को देख मुस्कुराते हुवे -ये मेरे मौज मस्ती करने कि जगह है जहा मे दोस्तो के साथ मस्ती पार्टी करता रेहता हु तुम समझ गई होगी
लरकी बंदे को देख - समझ गई
बंदा - चलो अंदर चलते है

दोनो अंदर जाती है लरकी बंगलो को अच्छे से देखने लगती है बंदा ये देख - कैसा लगा तुम्हे ये बंगलो
लरकी बंदे को देख - अच्छा लेकिन मुड़े पे आओ मुझसे तुम्हे किया बात करनी है
बंदा सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है चलो बैठो बताता हु
लरकी भी सामने सोफे पे बैठ जाती है

बंदा - देखो मे घुमा फिरा कर बाते नही करुगा उस कमीने ने मुझे बहोत मारा है मुझे बदला लेना है लेकिन मे उसकी बेहन को पेहले अपने कब्ज़े मे लुगा फिर वो कमीना मेरे सामने घुटने टेक देगा लेकिन इस सब मे मुझे तुम्हारी मदद चाहिये

बंदे की बात सुन लरकी हैरान सॉक होते हुवे खरी होकर गुस्से से
लरकी बंदे को देख - तुम चाहते हो मे अपनी दोस्त को धोका दु तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया मुझे समझ जाना चाहिये था तुम कमीने हो और अपना कमीना पन फिर दिखा ही दिया मे जा रही हु

बंदा लरकी के सामने आके - देखो मेरी पूरी बात एक बार सांति से सुन लो फिर फैसला करना मे तुम्हे फोर्स नही करुगा वादा है

लरकी बंदे को गुस्से से देख - देखो मेरा फैसला नही बदलेगा तो अच्छा होगा जाने दो मुझे
बंदा - चलो मान लिया तुम साथ नही दोगी लेकिन प्लेस मेरी पूरी बात तो सुन ही सकती हो फिर चली जाना

लरकी बंदे को देखती है फिर सोफे पे जाके बैठते हुवे - मुझे घर जल्दी जाना है जो का केहना है जल्दी कहो

बंदा खुश होते हुवे सोफे पे बैठते हुवे - ठीक है सुनो मुझे पता है दोस्त को धोका देना अच्छी बात नही होती लेकिन तुम भी जानती हो आज कि दुनिया कैसी है खैर देखो पेहली बात तुम्हारा भाई तुम्हारी दोस्त से प्यार करता है लेकिन उस दिन मेने उसके भाई कि बात सुनी और मे यकीन से केह सकता हु तुम्हारे भाई से वो कमीना उसकी शादी नही करवाएगा यही एक रीजन भी हो मेने तुमसे मदद मांगने का फैसला लिया

लरकी मन मे - मुझे भी यही लगता है उसका भाई मेरे भाई से अपनी बेहन की शादी नही करवाएगा और जब से उसका भाई आया है एक बार मुझसे मिलना तो दूर एक बार फोन भी नही किया

बंदा लरकी को सोचता देख मुस्कुरा देता है
लरकी बंदे को देख - रुक कियु गये गल्दी बोलो ताकि तुम्हारी बात खतम हो तो मे घर जा सकु

बंदा - हा तो एसी लिये मेने तुम से मदद मांगी दूसरी देखो तुम इतनी पढाई मे मेहनत कर रही हो किस लिये ताकि कोई अच्छी नोकरी कर सको लेकिन तुम्हारी शादी जल्दी ही तुम्हारे घर वाले कर देगे अगर आगे पढाई करती हो तो किया गारंटी है तुम्हे अच्छी नोकरी मिल जायेगी मान लो मिल भी गई तो आज के समय मे लरकी के लिये नोकरी करना आसान नही होता चलो कर भी लिया तो पूरी जिंदगी किसी की डाट सुन किसी के अंदर मे रेह कर काम करना परेगा उसके बाद भी सेलरी बहोत कम मिलेगी

लरकी अजीब नजरो से बंदे को देख - तुम केहना किया चाहते हो
बंदा मुस्कुराते हुवे बंगलो को देखाते हुवे - देखो इस बंगलो को तुम पूरी जिंदगी मे भी ऐसा बंगला खरीद नही पाओगी लेकिन ये बंगलो तुम्हारा हो सकता है ( बंदा लरकी को देख) और हा मे तुम्हे अपने पापा कि कंपनी एक अच्छे पोजिसन पे नोकरी दिला सकता हुई और तुम्हे जायदा कुछ करना भी नही परेगा बस 10 बजे आना बैठ कर 5 बजे घर चली उसी के साथ गारी घर सब मे तुम्हे दूंगा सोच लो अच्छे से गरीबी मे जीना है या मेरी तरह मौज कि जिदगी जहा की तुम रानी रहोगी तुम अपनी जिंदगी अपनी मर्ज़ी से जी सकती हो दुनिया पैसे के पीछे भागती है लेकिन उसी मे कई जीना जिंदगी खतम हो जाती है

लरकी बंदे की बात सुन खरी होते हुवे - तुम्हारी बात मेने सुन लिया अब मुझे जाना चाहिये

बंदा गहरी सास लेते हुवे - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी चलो मे तुम्हे छोर देता हु

बंदा गारी से लरकी को उसके घर के पास छोर देता है लरकी गारी से उतर जाने लगती है बंदा लरकी को देख - मुझे यकीन है तुम हा करोगी 70 चांस है 30 ना का कियुंकी मेने तुम्हारे मारे मे पता किया तो मुझे पता चला तुम्हारी कुछ अमीर दोस्त भी है जो तुम्हे बताती रहती है वो यहा गुमने गई वहा गई उनकी मस्त लाइफ देख तुम्हे दिल मे भी वैसी लाइफ जीने की चाहत जाग गई बस मेने उसी का सहारा लिया अब देखते है तुम क्या डीसीजंन लेती हो

लरकी अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर बंदे ने जो कहा उसके बारे मे सोचने लगती है

लरकी - हा ये सच है मुझे भी अमीरों वाली लाइफ जीनी है मेरे कुछ दोस्त बहोत अमीर है कही ना कही घूमने जाते रेहते है उसके पास गारी बंगलो सब है अच्छे नये कपड़े सब कुछ और मे एक गरीब मेरी लाइफ गरीबी मे चल रही हो फिर शादी होगी उसके बाद एक हाउस वाइफ बन घर मे रेह जाउंगी मुझे बाहर कि दुनिया देखनी है घुमनी है अपनी लाइफ खुल कर जीनी है मौज मस्ती के साथ लेकिन मे ऐसा नही कर सकती कियुंकी मे अमीर नही हु मेरे पास पैसे नही है

लरकी उठ कर बैठते हुवे - मेरी दोस्त मुझे एक मोक्का मिला है अपनी लाइफ को बदलने का अपने सपने पूरी करने का तुम वैसे भी मुझे नही लगता मेरे भाई सी शादी करोगी ना तुम्हारा भाई तुम्हारी शादी मेरे भाई से करायेगा अगर ऐसा होता तो सायद मे उस कमीने का साथ ना देती ना तुम्हे माफ करना दोस्त मेने फैसला कर लिया है मुझे अमीरों वाली लाइफ जीनी है ना गरीबो वाली

ये केहने के बाद लरकी मुस्कुरा देती है यही सब लरकी बिस्तर लेती सोचे जा रही थी

तभी किसी की आवाज लरकी को सुनाई देती है - आरोही दरवाजा खोलो सो गई किया इतनी जल्दी

लरकी यानी आरोही होस मे आते हुवे दरवाजे कि तरफ देख - भाई जगी हुई हु अभी आई

आरोही जाके दरवाजा खोलता है सामने अमर खरा था अमर आरोही दोनो बिस्तर पे जाके बैठ जाते है

आरोही अमर को देख - किया बात है भाई कुछ बात करनी है क्या
अमर आरोही को देखता है फिर नजरे नीचे कर - जब से अदिति का भाई आया है अदिति एक बार भी मुझसे मिलने नही आई

आरोही अपने भाई को उदास देख बहोत दुख होता है

आरोही - भाई ये इस लिये कियुंकी अदिति का भाई 4 साल बाद आया है ना तो अदिति पुरे साल साल दूर रही तो अब अपने भाई के साथ वक़्त गुजार रही है वैसे मे कल जाके अदिति से मीलुगी और आपसे मिलने के लिये भी कहूगी

सुहानी की बात सुन अमर खुश होते हुवे सुहानी को देख - क्या सच मे तुम कल अदिति के घर जाओगी अदिति का मुझसे मिलने के लिये कहोगी
सुहानी हस्ते हुवे - क्या बात है भाई रहा नही जा रहा अदिति के बिना
अमर सुहानी के टकले पे मारते हुवे - मार खायेगी लगता है ये बता तूने जो कहा करेगी ना
अदिति मुस्कुराते हुवे - जरूर करुगी अपने भाई के लिये
अमर आरोही के गाल पे किस करते हुवे - थैंक्स मेरी बेहना अब मे चलता हु सो जा गूड नाइट
आरोही - गूड नाइट भाई

अमर चला जाता है और आरोही दरवाजा बंद कर बिस्तर पे लेत
आरोही मन मे - कल देखना है आरोही के दिल मे किया है

( अभय के घर )

अभय बेचारा मधु के घर से खाना पीना खाके अपने घर आता है लेकिन अंदर जाता है तो आँगन मे आसा दिशा अदिति के साथ विजय मिनिता काजल कोमल भी आये हुवे थे सभी की नजर अभय पे जाती है तो अभय समझ जाता है बच्ची इज़त भी गई

विजय अभय के पास आके हस्ते हुवे - भाई ये मे किया सुन रहा हु मेरा बॉस ऐसा कुछ कर देगा सोचा नही था भाई आप तो बहोत फास्ट निकले मान गया आपको आप हमारे बॉस हो तो मुझे भी थोरा ज्ञान दे दीजिये ताकि मे भी सिंगल से मिंगल हो जाऊ

अभय अजीब सा सरा सा चेहरा मना के विजय को देखता है और एक जोर दार तपली सर पे दे मारता है विजय दर्द मे सर पकर् आउच लग गई
अभय विजय को घूर के देख - और ज्ञान दु
विजय सर सेहलाते हुवे अभय को देख दर्द भरी आवाज मे डरते हुवे - नही बॉस बस इतना हि काफी है

अभय फिर सभी को देखता है तो कोमल मिनिता काजल अजीब नजरो से अभय को देख रहे थे बेचारा अभय पेहली बार सर्म से लाल हो गया अभय बात को बदलने के लिये चेहरे पे मुस्कान लाते हुवे

अभय - अरे ऑन्टी बुआ कोमल आप तीनों को बहोत खूबसूरत लग रही है आज सच्ची

अभय ये केहते हुवे अपनी मा के पास जाके बैठ जाता है

अभय की बात सुन मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बेटा तुमने हमारी तारीफ की मुझे बहोत अच्छा लगा लेकिन तुम जो टॉपिक बदलने कि कोसिस कर रहे हो ना वो नही होगा वाला
काजल मुस्कुराते हुवे अभय को देख - बेटा हमारे सामने चालाकी नही चलने वाली समझ गये
कोमल अभय को देख हस्ते हुवे - अपने आप को चालाक समझता है
काजल - तुम्हारे कांड जो तुम ने किया है जान कर मे तो हैरान सॉक् हो गई थी यकीन नही होता आते हि कुछ दिन मे हि तुम ने अपनी भाभी के ऊपर ही झण्डा गार दिया वाह मान गई तुम्हे

दिशा बेचारी काजल की बात सुन सर्म से लाल होते हुवे कमरे मे जाने लगती है तभी कोमल दिशा को जाते हुवे देख लेती है तो जल्दी से जाके दिशा के हाथ पकर् कर
दिशा - आप कहा चली भाभी जी
दिशा कोमल को देख शर्मा के - ननद जि जाने दीजिये ना मुझे प्लेस
काजल दिशा को देख कोमल से - लेकर आओ उसे कोमल बेटा
कोमल मुस्कुराते हुवे - ठीक है बुआ

दिशा कोसिस करती है कोमल से हाथ छुरा कर भागने कि लेकिन कर नही पाती कोमल दिशा को पकर अभय के पास लाके दिशा को अभय की गोदी मे जबरदस्ती बैठा देती है

कोमल अभय दिशा को देख हस्ते हुवे - अब दोनो साथ मे अच्छे लग रहे है कियु सही कहा ना

मिनिता काजल आसा विजय अदिति मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल

लेकिन वही दिशा बहोत जायदा शर्मा रही थी ये तो दिशा घुघट मे रेहती है इस लिये कोई दिशा का चेहरा देख नही पा रहा था अगर ऐसा होता तो दिशा और सर्म से पानी पानी हो जाती

अभय के गोदी मे दिशा थी तो अभय भी दिशा को बाहों मे कस लेता है ये देख दिशा सर्म से लाल नही कान से धुवा निकल जाता है


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काजल हस्ते हुवे - देखो तो कैसे अपनी होने वाली बीवी कोई बाहों मे लिये हुवे है
मिनिता हस्ते हुवे - सच कहु तो दोनो कि जोरि बहोत खूबसूरत है
काजल - हा ये बात तो है मे दुवा करती हु तुम दोनो हमेसा ऐसे हि खुश रहो

अदिति - मेरा भाई इतना हैंड्सम् है भाभी भी इतनी खूबसूरत है तो जोरि भी खूबसूरत होगी ही कियु मा

आसा अभय दिशा को देख - हा मेरी बच्ची तुमने सही कहा
minita आसा को देख - दीदी ये बताइये क्या इस बार भी अभय दिशा कि शादी मन्दिर मे करवाएगी
मिनिता की बात सुन सभी आसा को देखने लगते है आसा किया बोले समझ मे नही आ रहा था

अभय - नही मे बारात लेकर जाउंगा अपनी बीवी को लाने ( अभय इमोसनल होते हुवे) भाई ने शादी मन्दिर मे की मे समझ सकता हु कियु लेकिन अब मे घर का एक लौटा लरका हु तो मे चाहता हु मेरी शादी धूम धाम से हर रस्म के साथ हो गाव वालो को भोज खिलाया जाये

ये मेरी इक्छा है और उसी के साथ मुझे लगता है भाभी की भी होगी कियुंकी हर लरकी चाहती है उसका पती बारात लेके आये उसे डोली मे लेके जाये मे इस लिये भी चाहता हु की इस घर मे फिर सहनाइ बजे

अभय की बात सुन पूरी खामोसी छा जाती है आसा के आखो से आसु निकल आते है
आसा अभय को देख - मेरा बच्चा कितना समझदार है तू जैसा चाहता है वैसा हि होगा भले ही मुझे फिर खेत कियु ना मा बेचना परे

अभय आसा को देख - मा पैसों की चिंता मत करो मे सब देख लुगा
अभय दिशा को देखता है तो दिशा अभय के बाहों मे समाये रोये जा रही थी
अभय दिशा के चेहरे को पकर् आखो मे देख - आप कियु रो रही है
दिशा नजरे नीचे कर के - बस ये खुशी के आसु है निकल गये
काजल मिनिता को देख - भाभी देखो ना दोनो मे कितना प्यार है
मिनिता अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - हा देख रही हु
अभय सभी को देख - तो तय रहा ( अभय मिनिता काजल कोमल विजय को देख) आप सब कल जरूर आईयेगा

मिनिता मुस्कुराते हुवे - तु नही बुलाता तो भी मे आती समझा
काजल - हा भाभी ने सही कहा लगता है शादी मे मजा आने वाला है
विजय - अच्छा हुवा भाई ने बारात ने जाने की बात कही अब मुझे भी भाई के बारात जाने का मोक्का मिलेगा
कोमल - और मुझे शादी देखने का

अदिति खुश होते हुवे - वाओ मजा आने वाला है भाई बारात लेकर जायेंगे भाभी को को लो लेने

आसा - हा लेकिन कल दिन तय होने के बाद दिशा अपने घर जायेगी और मेरा लाल बारात लेकर जायेगा और लेकर आयेगा अपनी बीवी को
कोमल हस्ते हुवे - ये तो होना ही था
अभय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही कुछ रेह लुगा तब तक
दिशा शर्मा के अभय को चुटि काट लेती है अभय आउच करता है सभी ये देख हसने लगते है

कुछ देर और बाते होती है फिर विजय मिनिता काजल कोमल सभी अपने घर के लिये निकल परते है

राते मे मिनिता विजय को देखते हुवे - अभय आते ही बाइक लेली अपनी शादी का खर्चा भी खुद उठा रहा है तुम दोनो ने कहा जब कैद मे थे तो काम करने के पैसे मिलते थे एक बात बताओ जीन लोगो से तुम दोनो को किडनैप कर के ले गये अपने कैद मे रखा सभी से जबरदस्ती काम करवाते थे तो वो कमीने लोग सब को पैसा कियु देते थे जबकि वो लोग किसी को बाहर जाने नही देते तुम दोनो मुझे बेवकूफ सकते हो क्या

अपनी मा की बात सुन विजय हैरान सॉक हो जाता है और घबराते हुवे मिनिता को देख - मा हमने आप से झुठ नही बोला सच बोला है

काजल विजय को घबराते हुवे देख मुस्कुरा के - लगता है भाभी तीर सही जगह लगी है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - इन दोनो को किया लगा हम बेवकूफ है हमे आसानी से बेवकूफ बना देगे जरूर दोनो न कई सारी बाते हम से छुपा कर रखी है

मिनिता विजय को देख - बता है बेटा सच किया है

विजय मा की बात सुन रुक जाता है विजय को रुकता देख तीनों भी रुक जाते है

विजय अपनी बेहन मा बुआ को देख - ये सच है कई बात हमने आप को नही बताइ लेकिन ये भी सच है भले ही आप मेरी मा बेहन बुआ है लेकिन मे आपको कुछ नही बताने वाला कियुंकी मेरे भाई ने जो मेरे नही कईयो के बॉस और हमारे जीवन दाता है उनकी वजह से मे आपके सामने हु तो मे उनको धोका नही दे सकता माफ करना

विजय की बात सब हो हैरान कर देती है

मिनिता विजय के पास जाके विजय को गले लगा के - मेरा लाल मुझे गर्व है की तुम अपने भाई के कर्ज को नही भूले मुझे गर्व है तुम अपने भाई के रॉयल हो ऐसे हि रेहना कभी कोई तुम्हारी मदद करे उसके एहसास को नही भूलना रही बात अभय के तो हम भी कर्ज दार और उस कर्ज को हम कभी चुका नही पायेंगे

काजल - सही कहा भाभी ने अभय बेटे ने कुछ सोच कर हि हमे सच नही बताया होगा और हमे फर्क भी नही परता तुम हमारे पास हो यही बहोत है रही सच किया है हमे नही जानना हम तो हम ऐसे हि पूछ लिये थे

कोमल - चलो भी रास्ते मे हम है बाकी बाते घर कर लेना

मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो
फिर सभी घर पहुँच जाते है


( अभय के घर)

खाना खाना बाकी था तो सभी खाना खाने बैठ जाते हो अभय तो खाके आया था लेकिन फिर भी सब के साथ खाता है सब को खिलाता है कुछ बाते भी कर देता है

खाना खाने के बाद सभी अपने कमरे मे चले जाते है

रात 9.30 बज चुके थे

अभय हमेसा की तरह सभी से एक बार मिल कर ही सोने जाता है ये उसकी आदत है इस लिये अभय अपनी का के कमरे मे जाता है अंदर जाके देखता है आसा बिस्तर पे लेती अभय के आने का ही इंतज़ार कर रही थी आसा सारी मे ही थी और बहोत खूबसूरत अंदाज़ा मे लेती हुई थी


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अभय की नजर अपनी मा की गहरी ढोरी पे ठीक जाती है अभय अपनी मा की कयामत कमर गहरी ढोरी को देख पहली बार खो सा जाता है आसा अभय कि नजर का पीछा करती है तो आसा को पता लग जाता है अभय उसकी कमर ढोरी को देख रहा है तो आसा सर्म से लाल होते हुवे जल्दी से खरी हो जाती है और कमर को सारी से धक लेती है

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे लाल कहा खो गये
आसा की आवाज सुन अभय होस मे आते हुवे आसा को देख मुस्कुराते हुवे आसा के पास जाता है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - मा आप इतनी खूबसूरत कियु है जब भी देखता हु तो लगता है आप दिन पर दिन और खूबसूरत होता सेक्सी होती जा रही है


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अपने बेटे की बात सुन आसा जोर जोर से खिलखिलाते हुवे हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो तुम्हे भी इतनी खूबसूरत लगती हु आज पता चला

अभय आसा के पीछे जाके आसा के कमर मे हाथ दाल आसा को कस के पकर् अपने से सता कर बाहों मे भर लेता है आसा मे मुह से आह निकल जाती है


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अभय प्यारी आवाज मे - मा मुझे आपकी ढोरी पे किस्सी करना है
आसा घबराते हुवे जल्दी से - बिल्कुल भी नही अब तुम्हे ढोरी पे किस्सी नही मिलेगी

अभय आसा को छोर उदास चेहरा लेके बिस्तर पे लेत जाता है दूसरी तरफ चेहरा कर के

आसा अभय कि बच्चो वाली तरकत हसी आ जाती है लेकिन आसा अपने आप को रोक लेती है

आसा अभय को देख मन मे - मुझसे गलती हो गई मुझे याद रखना चाहिये था मेरा लाल मेरी ढोरी देखते ही किस्सी मागता है उसके अभी मेरी ढोरी देख ली इस किये उसे याद आ गया ढोरी पे किस्सी देने मे कोई परोबलम् नही है मेरे लाल को लेकिन ये मेरी ढोरी को गिला कर देता है चात् कर इस लिये दूसरी मुझे बहोत गुदगुदी होती है

( नोट - अभय सुरु से ही जब बच्चा था तब से आसा की ढोरी के किस करते आ रहा है अभय आसा को ढोरी पे किस कर आसा को अभय बहोत हसाता था कियुंकी आसा को गुदगुदी होती थी और अभय को बहोत मजा आता था )

आसा अभय को रूठा देख अभय से - मेरे लाल किस्सी दुगी लेकिन मेरी ढोरी को चात् कर गिला नही करेगा कियुंकी मुझे गुदगुदी होती है

अभय मा को देख - ठीक है आप जैसा कहे

आसा हैरानी से अभय को देख - किया बात है एक बार मे हि मान गया
अभय आसा के पास आके अपनी मा को प्यार से देख भोला चेहरा बना के - मा अब मे बारा हो गया हु इस लिये

आसा प्यार से अभय के गाल पे हाथ फेरते हुवे - मेरे लाल तु ही है बस मेरा सहारा तेरी मस्ती तेरी हरकते 4 साल बहोत मिस किया मेने तु बरा हो गया है लेकिन मेरे लिये तुम वही नटखट मस्ती करने वाला मेरा लाल ही रेहना मेरे लिये लिये और हा बच्चे कितने भी बरे कियु ना हो जाये मा के लिये बच्चे ही रेहते है

अभय आसा को गले लगा के इमोसनल होते हुवे - मा मे भी आपका वही नटखट मस्ती करने वाला बच्चा ही बन कर रेहना चाहता हु अगर मे चाहू भी तो आप से मस्ती मजाक किये बगैर मे रेह नही सकता

आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा जानती हु मेरे बच्चे मे भी नही रेह सकती एसी लिये तो तेरा इंतज़ार सोने से पेहले करती हु ताकि तेरे साथ थोरि मस्ती करो उसके बाद ही मुझे चैन की नींद आती है

आसा अपनी सारी हटा लेती है तो आसा कि कयामत कमर और गहरी ढोरी अभय के सामने आ जाती है
आसा अभय को देख - ले बेटा तेरे किस्सी वाली जगह कर ले किस


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अभय नीचे बैठ अपनी मा की ढोरी देखता है गौर से फिर अभय को पेहले वाला सब सीन याद आने लगता है जब वो रोज सोने से पेहले मा के ढोरी को किस करता था और आसा खिलखिलाते हुवे हस्ती थी अभय अपने आसु रोक नही पाता और अभय रो परता है


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अभय जल्दी से अपनी मा के ढोरी पे हल्का सा किस कर खरा हो जाता है आसा अभय को देखती है तो अभय की आखो मे आसा को आसु दिखाई देते है

आसा अभय को गले लगाते हुवे - किया हुवा मेरे बच्चे तुम रो कियु रहे हो
अभय आसा को बाहों मे कसते हुवे - बस पुराने पल याद आ गये अगर अभी कैद मे होता तो ये सब बहोत मिस कर रहा होता

आसा अभय के चेहरे को पकर् आसु साफ करते हुवे - वो 4 साल हमारे लिये बहोत बुरे रहे है लेकिन अब तुम हमारे पास हो हम तुमहारे पास है भूल जाओ वो मनहुस दिन

अभय आसा को देख - देखो ना मा मेने खुद कहा था पुरे पल याद नही करुगा आप लोगो के सामने कमजोर नही परुगा लेकिन
आसा - कोई बात नही मेरे लाल ये मेरी ढोरी देखने की वजह से हुवा है
आसा ने ये बात बदलने के लिये कहा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे - आपने सही कहा मेरी सेक्सी मा
आसा हस्ते हुवे - मा मे सेक्सी तो हु मेरे लाल के लिये
अभय आसा को देख - लेकिन आज के बाद से मे आपके ढोरी पे किस नही करुगा
आसा हैरानी से - कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी बीवी को करुगा
आसा मुह फुलाते हुवे रूठने का नाटक करते हुवे अभय ने जैसा किया था जाके बिस्तर पे दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
आसा - किसी ने सही कहा है बीवी के आते ही बेटा मा को भूल जाता है और मा के प्यार से जायदा बीवी का प्यार अच्छा लगता है

अभय बिस्तर पे जाके आसा को तो अपनी तरफ घुमा लेता है अभय आसा के चेहरे को देखता है आसा बहोत ही फनी चेहरा बनाये हुवे थी

अभय आसा को देख हस्ते हुवे - मा आप बहोत कियुत् लग रही है
आसा रूठे आवाज मे - कही कियुत् कभी सेक्सी कभी हॉट बता नही किया क्या केहता रेहता है
अभय प्यार से आसा के चेहरे को सेहलाते हुवे - कियुंकी मेरी का के ऐसी है सब से खूबसूरत इस लिये केहता हु
आसा अभय की आखो मे देख - सच्ची
अभय हस्ते हुवे - रोज तो केहता हु सच्ची फिर भी बिस्वास नही होता आपको
आसा मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मुझे तेरे मुह से बार बार सुनना अच्छा लगता है
अभय - कियुंकी आप है इतनी खूबसूरत हॉट कियुत् की मेरे मुह से निकल ही जाता है आपको देख कर

आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा लाल भी बहोत हैंड्सम् है
अभय - मा एक किस्सी दो ना
आसा हस्ते हुवे - मेने मना कब किया है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आ जाता है आसा नीचे अभय आसा को देख - कर लू किस्सी
आसा हस्ते हुवे - कर ले बाबा


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अभय आसा के प्यारे नरम गर्म गुलाबी होठों पे अपना होठ रख किस कर लेता है और आसा को देख - बहोत मोठा है
आसा हस्ते हुवे - बदमास्

अभय आसा के ऊपर से खरा होते हुवे - मा अब मे जाता हु सोने पता है ना गुरिया को भी गूड नाइट नही बोलुगा तक तक सोयेगी नही और मेरा इंतज़ार करती रेहगी

आसा हस्ते हुवे - हा जानती हु जा जाके गूड नाइट बोल से
अभय मुस्कुराते हुवे - पेहले अपनी हॉट मा को बोलुगा गूड नाइट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - गूड नाइट मेरे हैंड्सम् बेटे

अभय फिर कमरे से बाहर आके दिशा के कमरे की तरफ जाता है

अभय के जाने के बाद दिशा इमोसनल होते हुवे करवट बदल कर
आसा - आप चले गये हमे छोर कर मेने सेह लिया फिर किस्मत ने मेरे लाल को मुझसे दूर कर दिया एसी बीच मेरा बरा लाल विनय हमे छोर हमेसा के लिये चला गया आज अगर मेरा अभय बच्चा वापस नही आता तो सायद मे जी नहीं पाती किया होता बेटी बच्ची का सायद उपर वाले को हम पे तरस आ गया इस लिये मेरे अभय लाल को मेरे पास भेज दिया अगर आप विनय हमारे साथ होते तो खुसिया डबल होती
आसा अपने आसु साफ करते हुवे - किस्मत मे सायद जो होना होता है होके ही रेहता लेकिन अब मुझे जीना है अपने लाल मेरी बच्ची बहु और आने वाले पोता पोती के लिये इस लिये अब खुश रहूगी मेरा लाल मुझे रोते देखेगा तो उसे अच्छा नही लगेगा

आसा ये केहते हुवे आखे बंद कर लेती है

अभय दिशा के कमरे के पास जाके धीरे से - भाभी दरवाजा खोलो ना
दिशा दरवाजे के पास आके धीरे से - नही खोलूगि मुझे पता है आप कियु आये है
अभय - पता है तो खोल कियु नही रही है आप
दिशा थोरा शर्मा के- कियुंकी अभी भी वहा की हालत सही नही है दूसरी मम्मी जी ने भी दूर रेहने को कहा है याद है ना
अभय - हद है यार अच्छा ठीक है वादा करता हु कुछ नही करुगा बस थोरि बात करने के बाद चला जाउंगा
दिशा - सच केह रहे है
अभय - हा बाबा अब खोलो भी
दिशा दरवाजा खोल देती है लेकिन अभय दिशा को देखता ही रेह जाता है अभय - ऐसा सीन देखा के आप मुझे कुछ ना करने के लिये केहती है भला कोई कैसे खुद को रोकेगा

दिशा दरवाजे को पकरे दरवाजे पे बरी सेक्सी अंदाज़ मे कमर पे हाथ रखे सेक्सी पोस् मे नासिलि अदा के साथ अभय को देख - ऐसे किया देख रहे है देवर जी


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अभय दिशा के पतली कमर ढोरी को देख - आपके होस्न का दिलदार कर रहा हु भाभी
अभय की बात सुन दिशा सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - लेकिन आपको कुछ मिलने वाला नही है तो कियु आये है
अभय - मुझे किया पता था आज मुझे बेड वाला खेल खेलने को नही मिलेगा
दिशा अभय की बात सुन और सर्म से लाल हो जाती है
दिशा - तो जाइये जाके सो जाइये
अभय दिशा को देख - लेकिन थोरा बहोत प्यार को कर के जाउंगा

दिशा कुछ समझ पाती अभय दिशा को गोदी मे उठा के बिस्तर पे लेजाकर लेता लेता है और दिशा के ऊपर आ जाता है

दिशा अभय को देख शर्मा के - आपने वादा किया था
अभय - पता है लेकिन उसके अलावा

तभी आसा बाहर से चिल्लाते हुवे - मना किया था ना फिर भी तुम दोनो नही माने अब तो डंडे परेगे जल्दी बाहर निकल लाला

मा की आवाज सुन दिशा अभय की फट के हाथ मे आ जाती है दोनो के पसीने निकलने लगते है
दिशा अभय पे गुस्सा करते हुवे - देख लिया था मुझे अंदाज़ा था मम्मी जी हम पे नजर रखेगी आपकी वजह से मुझे भी डंडे खाने परेगे
अभय डरते हुवे - मुझे लगा नही था सच्ची मा हमपे नजर रखेगी

आसा गुस्से से - लाला आता है या मे अंदर आउ

अभय तेजी से बाहर आके नजरे नीचे किये - मा
आसा - लाला मना किया था ना
अभय - मा मे तो बस बाते कर रहा था जैसा रोज करता हु
आसा अभय को देख - अच्छा ठीक है जा अदिति इंतज़ार कर रही है

अभय तेजी से अदिति के कमरे मे आ जाता है

आसा दिशा को देखती है जो दरवाज़े पे डरी हुई खरी थी

आसा मुस्कुराते हुवे - शादी तक कुछ नही होना चाहिये शादी के बाद तो मे खुद कहूगी मुझे जल्दी पोता पोती देदो

आसा ये केह मुस्कुराते हुवे कमरे मे आके बिस्तर पे लेत कर - बरा आया जरूर वो सब करने गया था

वही दिशा आसा के मुह से पोता पोती देने की बात सुन शर्मा के बिस्तर पे जाके लेत जाती है

अभय अंदर जाता है तो दिशा बिस्तर पे लेती हुई अभय को देख हस्ते हुवे - कियु दात परी ना मा की
अभय दिशा को देख - तुझे कैसे पता चला
अदिति हस्ते हुवे - कियुंकी मा पेहले मेरे कमरे मे आई आप यहा नही थे तो मा समझ गई
अभय बिस्तर पे जाके दिशा को बाहों मे भर लेता है दिशा अभय के सीने पे सर रख अभय से चिपक जाती है


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अभय - मेरी गुरिया मुझे बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है
अदिति अभय को देख - मुझे भी भाई दिल करता है आपके बाहों मे रहु

थोरि देर दोनो भाई बेहन के बीच प्यारी बाते होती है उसके भाई अभय अदिति से - अच्छा तो अब मे जाता हु सोने तुम भी सो जाओ

अभय की बात ससुन अदिति अभय को जोर से पकर् लेती है

अदिति प्यारा चेहरा बना के - भाई मुझे आपके साथ ही सोना है प्लेस
अभय हस्ते हुवे - एक किस्सी दो तो रुक जाउंगा

अदिति खुश होते हुवे अभय के गाल के दोनों तरफ किस करते हुवे अब रुकेंगे ना


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अभय अदिति को बाहों मे कसते हुवे मुस्कुरा के हा
दोनो भाई बेहन एक दूसरे मे समाये सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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chapter 29

सुबह हो चुकी थी आसा अभय को उठाती है अभय अदिति को फिर हल्का होना जोगिग रोज का जो अभय की लाइफ मे चल रहा है

अभय जोगिग करने के बाद रोज की तरफ मिनिता के घर जाता है कोमल खाना बना रही थी अभय अंदर जाता है और कोमल के फिर मजे लेना सुरु कर देता है

अभय कोमल को देख - बंदरिया आज किया बना रही है
कोमल अभय को देख गुस्से से अभय के पास आके - तु मुझे हमेसा बंदरिया मत कहा कर समझ गया

अभय कोमल के कमर पकर अपने से सता लेता है कोमल आह करते हुवे अभय के सीने से चिपक जाती है कोमल के टाइट बरे चूचे अभय के सीने से दबे हुवे थे


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अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - तो क्या कहु
कोमल अभय की बाहों मे समाये - कुछ और भी बोल सकता है
अभय सोचते हुवे - हु डार्लिंग बोलू तो चलेगा

बस किया कोमल का एक मुक्का अभय के पेट मे अभय दर्द से पेट पकरे - मर गया है मार दिया बंदरिया ने

कोमल गुस्से से अभय को देख - बरा आया डार्लिंग कहने वाला

कोमल फिर खाना बनाने बैठते हुवे - यही तेरी सजा है बंदर

मिनिता पीछे गाय के चारे देकर आते हुवे अभय को पेट पकरे खरे देख - क्या हुआ बेटा तुझे पेट पकरे कियु खरा है

अभय मिनिता को देखता फिर कोमल को देखते हुवे - कुछ नही ऑन्टी एक बंदरिया ने मारा है

कोमल गुस्से से अभय को घूर के देखती है वही मिनिता समझ जाती है ये दोनो का रोज का है

अभय मिनिता को देखता मिनिता अभय को दोनो की आखे नजरे एक दूसरे से जैसे कुछ केहना चाह रही हो लेकिन क्या दोनो को नही पता था

मिनिता कमरे मे जाते हुवे - अभय बेटा अंदर आ कुछ बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है

अभय अंदर आता है तो मिनिता को देखता है मिनिता बाल हाथो से सही कर रही थी नजरे भी थोरा नीचे किये हुई थी मिनिता के ब्लाउस मे कैद दोनो चूचे मे से एक थोरा दिख रहा था कमर सारी से धका हुवा था लेकिन वो भी थोरा दिख रहा था

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मिनिता बहोत खूबसूरत हॉट औरत थी इस उमर मे भी बॉडी कयामत थी उजले दूध जैसे रंग बॉडी सेप् कोई भी मिनिता को देख उसे पाना चाहेगा ये अपने आप को कोसेगा उसकी बीवी इतनी खूबसूरत कियु नही है
अभय मिनिता को अच्छे से देखता है और पास जाके बैठ जाता है दोनो बैठे थे लेकिन कोई कुछ नही केह रहा था


अभय मिनिता के को देखता है और मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता देता है मिनिता बिस्तर पे लेत तेज सासे लिये अभय को सर्म से देखने लगती है अभय मिनिता के ऊपर आके लेत जाता है और मिनिता को देखने लगता है मिनिता अभय को देखने लगती है

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अभय - जब से आपके होठो का रस पीने लगा हु मुझे आपके होठो का रस पीने की आदत हो गई है ( मिनिता नीचे लेती अभय को सर्म से देखे जा रही मिनिता के अंदर कुछ हो रहा था हचल जैसा

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अभय झुक के मिनिता के गर्दन गाल पे किस करने लगता है अचनाक् इस हमले से मिनिता के शरीर काप् उठती है मिनिता के मुह से सिसक् एक कामुक् आवाज निकल जाती है मिनिता के लिये ये अजीब नया अलग एहसास था जो मिनिता को बैचन् और दिल मे हलचल बचा रहा था

मिनिता अभय को कापते आवाज मे - बेटा कोई आ जायेगा ऐसा मत कर ये मुझे सही नही लगता

अभय रुक कर मिनिता की आखो मे देखता है और अपना होठ मिनिता के होठ की तरफ दे जाने लगता है मिनिता ये देख उसके होठ अपने आप खुल जाते है अभय मिनिता मे होठ मुह मे लेके चूसने लगता है

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मिनिता भी अभय को बाहों मे कस किस करने लगती है दोनो फिर जोर सोर से एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस मजे से पीते है

मिनिता तेज सासे लेते हुवे अभय को शर्मा के देखने लगती है अभय मिनिता की आखो मे देख - रोज की तरह आज भी आपके होठो का रस पीके मजा आ गया
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - तुम भी ना बेटा
अभय - आपको मजा नही आता
मिनिता सर्म से - आता है तभी को करती हु

अभय मिनिता की आखो मे देख - एक बात कहु बुरा मत मानियेगा
मिनिता - बोलो नही मानुगी
अभय - क्या आप मेरे साथ कभी घूमने चलेगी
मिनिता बहोत हैरान सॉक से अभय को देखती है फिर सांत आवाज मे

मिनिता हस्ते हुवे - ये कहने के लिये इतना डर रहे थे मे चलुंगी लेकिन कहा लेके जाओगे मुझे
अभय मिनिता के गाल पे किस करते हुवे - जब जाना होगा बता दुगा

अभय मिनिता के ऊपर से हट नीचे खरा हो जाता है मिनिता भी बिस्तर से खरी होके अपने बाल सारी सही कर लेती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऑन्टी अब मे जाता हु
मिनिता अभय को देख - ठीक है बेटा


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अभय कमरे से बाहर आ जाता है मिनिता आईने के सामने खरी होके अपने होठो पे लिबिस्टिक लगाते हुवे - रोज आता है और मेरे लिबिस्टिक को चाट जाता है

अभय कोमल के पास आके - ओये बंदरिया मे जा रहा हु एक किस तो देदे

कोमल अभय के सामने खरी होके अभय को देख - दे दुगी लेकिन बंदरिया आज से नही कहेगा

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ठीक है किस के लिये मे कुछ भी कर सकता हु

कोमल - हा मुझे अच्छे से पता है


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कोमल अभय के होठो पे किस कर थोरा शर्मा के - अब बंदरिया मत बोलना समझ गया

अभय मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - मजा नही आया कुछ फिल नही हुवा गीली वाली किस्सी दे देती तो मजा आ जाये

तभी फिर एक लात अभय के गांड पे जोर से परती है

कोमल - बरा आया गीली किस्सी चाहिये कमीना बंदर

कोमल की लात खाने के बाद अभय लरखराते हुवे आगे जाके मैन गेट को पकर अपने आप को गिरने से बचा लेता है फिर पीछे कोमल को देख - कितनी बुरी है एक गीली किस तो मांगी थी

कोमल गुस्से से अभय की और भागती है अभय फुर घर की तरफ भाग निकलता है

मिनिता कोमल के पास आते हुवे - कियु बेचारे को मारती रहती है
कोमल मिनिता को देख - वाह आ गई बंदर के पक्च लेने वाली समझ नही आता आप अपनी बेटी की तरफ ना होके हमेसा उस बंदर का साथ देती है

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बंदर बहोत मस्ती करता है लेकिन दिल का बहोत अच्छा है

कोमल खाना बनाने बैठते हुवे - हा हा समझ गई

अभय घर की तरफ जाते हुवे अपने गांड को सेहलाते हुवे - लरकी होके उसकी किक मे बहोत धम है मेरे बम का धम निकाल देती है बहोत गुस्से वाली भी है लेकिन दिल की बहोत अच्छी भी है


अभय घर आके नहा के कमरे मे रेडी होने लगता है रेडी होने के बाद अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अलमारी मे कपड़े रख रही होती है अभय पीछे से जाके आसा के कमर को पकर लेता है आसा हैरान पीछे मूर अभय को देख मुस्कुरा देती है

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अभय आसा को अपनी तरफ घुमा के आखो मे देख - मेरी डार्लिंग मा आपके खूबसूरत मुस्कुराते चेहरे को देखता हु तो मेरा दिल खुशी से झूम जाता है ( आसा अभय को प्यार से होठो पे किस करते हुवे - और मुझे अपने लाला को देख खुशी मिलती है


अदिति अंदर आते हुवे अभय आसा को देख मुह लटका के - हो गया आप दोनो का तो चल के खाना खा लीजिये

आसा अभय एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है

आसा अभय बाहर आते है तीनो बैठ खाना खाने लगते है लेकिन अदिति चुप चाप मुह लटकाये खाना खा रही थी अभय अदिति को देख मुस्कुराते रेहता है आसा भी

खाना हो जाने के बाद अदिति कमरे मे जाके बिस्तर पे लेत जाती है अभय भी अदिति के कमरे मे आ जाता है


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - किया हुआ गुरिया इधर आओ उदास कियु है मुझसे नाराज हो

अदिति अभय को देखती है फिर अभय के पास आके खरी होके मुह लटका के - नही तो मे भला कियु नाराज होगी आपसे

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - तु मेरी जान है और तुझे मे नाराज दुखी नही देख सकता (अभय अपना चेहरा अदिति के चेहरे से सता के ) समझ गई गुरिया मेरी

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दोनो का सर नाक एक दूसरे से सता हुवा था सासे भी एक दूसरे से टकरा रही थी ( अदिति तेज सासे लेके - जानती हु भाई आप मुझसे बहोत प्यार करते है

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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देखता है अदिति भी अपने भाई के आखो मे देखती है अभय अपना होठ अदिति की तरफ ले जाने लगता है अदिति भी इसके लिये तैयार हो जाती है

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फिर दोनो के होठ एक दूसरे से मिल जाते है अदिति के रोये खरे हो जाते है दिल कुछ पल के लिये रुक जाता है ये एहसास अदिति के लिये नया लेकिन बहोत प्यारा खूबसूरत पल था दोनो भाई बेहन एक दूसरे को पकर एक दूसरे के होठ को मुह मे लेके चूस कर अलग हो जाते है

फ्रेच किस नही था बस थोरा ना लेकिन अदिति को यही चाहिये था कियुंकी अदिति को पता था आसा सब भाई को प्यार से किस देते है भाई किस करता है लेकिन उनके बीच नही होता इसी लिये अदिति उदास थी अदिति को लगा अभय अब उससे प्यार नही करता इस लिये नाराज थी और ये बात आसा अभय जानते थे

ये किस मे कोई हवस नही था सिर्फ प्यार था बाहर के लोगो के लिये ये अजीब होगा लेकिन अभय आसा की लिये प्यार दिखाने जताने का तरीका है इसी वजह से आसा अदिति अभय सब के बीच बाकी मा बेटे भाई बेहन से जायदा इसके बीच प्यार है

भले ही आगे कुछ और हो जाये फिल्हाल सिर्फ प्यार है

अपने भाई की तरफ से पहला प्यार वाला किस अदिति के अंदर खुशी की लहर ला देती है अभय अदिति को बाहों मे लेके - अब खुश
अदिति अभय को कस के पकर -बहोत खुश आप मेरे दिल की सब बाते समझ जाते है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यारी गुरिया है तू मेरी कैसे कैसे नही जानुगा

अभय - अच्छा अब मुझे कुछ काम करने जाना है
अदिति अलग होके मुस्कुराते हुवे - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - नाराजगी खतम हुई की नही तेरी गुरिया की
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरे होते हुवे कैसे नही होगी
आसा मुस्कुराते हुवे - ये भी सही कहा लाला
अभय - अच्छा मा मे काम से जा रहा हु
आसा - ठीक है बेटा

अभय विजय को फोन कर बुलाता है और दोनो साथ मे बाते करते हुवे अभय अपने ठिकाने पे पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो विजय आगे था

विजय तेज आवाज मे - बॉस आ रहे है

विजय की बात सुन अंदर अभी 53 लोग थे विजय अभय को देख सभी अपनी जगह मे सांत एक पीछे हाथ कर खरे हो जाते है

अभय जाके अपनी कुर्सी पे बैठ जाता है विजय अभय के पीछे पास हाथ पीछे किये सांत खरा हो जाता है एक राइट हैंड जो था अभय का


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अभय अपने बॉस वाले सिहासन पे बैठा हुआ था तभी अभय पास टेबल पे रखी गन देख उठा कर हाथो मे लेके देखने लगता

अभय फिर मारिया को देख - मारिया लरकियों का क्या हाल है
मारिया -बॉस जैसा आपने कहा था 12 राजी है बाकी नही
अभय - अच्छा कोई बात नही 12 जो राजी है उन्हें रेडी करो बाकी को अपने इक्छा से जो करना है करने दो

मारिया - जी बॉस

अभय गनटेबल पे रख सभी के सामने खरे होके सभी को देख - हम असेसन् है कुछ नियम कानून हमारे बीच होने चाहिये बाकी हम एक परिवार है तुम सब याद रखना तुम सब आज़ाद भी हो जिसको जब जाना हो जा सकता है दूसरा कोई भी मदद की जरूरत हो तो तुम सब मारिया विजय को बोलो अगर मुझसे मदद चाहिये तो तो भी मे करुगा अभी हमारे कई भाई बेहन यहा नही है लेकिन जल्दी ही आ जायेंगे
तो अपना काम अच्छे से करना कोई कुछ केहना चाहता है

सभी एक साथ तेज आवाज मे - बॉस हम आपके साथ है हर कदम पे मरते दम तक

अभय सभी को देखते हुवे - सुन कर अच्छा लगा लेकिन मे तुम सब मे से किसी को खोना नही चाहता इस लिये हम जो भी करेगे सावधानी से करेगे ठीक है अपने काम पे लग जाओ

अभय के कहते ही सभी अपने काम पे लग जाते है

मारिया सीधा आके अभय से चिपक जाती है
विजय गुस्से से - मारिया ये क्या हरकत है अपनी आदत बदलती कियु नही
मारिया विजय को देख - कैप्टन में किया करू बॉस को देखते ही अपने आप को रोक नही पाती

विजय - तुम पागल

अभय विजय को देखता है विजय चुप हो जाता है

अभय मारिया को दूर करते हुवे - मारिया जैक कभी आ रहा है
मारिया - जल्दी ही
अभय - अच्छा और हा मेरी सादी होने वाली है ये हरकत मेरी बीवी के सामने मत करना नही तो तुम या मे एक मरेगे
मारिया मुस्कुराते हुवे - तो बॉस को भी किसी से डर लगता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के आगे किसी की नही चलती

अभय विजय को देख - ठीक है आगे तुम देखो मे जा रहा हु
विजय - जी बॉस

अभय बाहर आके बाइक लेके मधु के घर आता है 1 बज गये थे

अभय सिला के कमरे मे जाता है सिला बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन टांगे पसारे मोटे उजले जान्धे फैले अंदर तक दिखाई दे रहे थे बस और थोरा उपर होता सारी पेटीकोट को अंदर का गुफा दिख जाता

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अभय सिला को इस तरह पहली बार देख रहा था अभय की नजरे सिर्फ सिला के मोटी उजले जन्धो मे और अंदर के होल को ही देख रही थी अभय को अजीब हलचल होती

अभय सिला के बिस्तर पे जाते लेत सिला को बाहों मे भर लेता है सिला हैरान सॉक जाती है अभय मे हु मा

सिला अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - शैतान डरा दिया तूने
अभय सिला के ऊपर आके आखो मे देख - पापा या मेरे अलावा कोन आपको ऐसे पकरता है
सिला सर्म से - हा ये तूने सही कहा

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अभय सिला के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत हॉट है
सिला सर्म से अभय को देख - ये तो रोज केहता है
अभय सिला के आखो मे देख - और हमेसा केहता रहुंगा
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा कहते रहना

अभय- गुरिया अपने कमरे मे है क्या
सिला - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - मा मुझे आपके ढोरी पे किस करना है
सिला सर्म से अभय को देख - कर ले ना तो


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अभय मुस्कुराते हुवे सिला के पेट से सारी हटा देता है सिला सर्म से तेज सासे लेना सुरु कर देती है अभय सिला के पेट ढोरी पे किस करता है तो सिला के मुह से सिसकिया निकल जाती है

अभय किस करने के बाद सिला को देख - मा आपकी कमर ढोरी बहोत खूबसूरत है
सिला शर्मा के - तू भी ना बेटा

अभय बिस्तर से नीचे खरा होके - मा गुरिया से मिल लेता हु
सिला सारी सही करते हुवे - ठीक है जा मिल ली

अभय मधु के कमरे मे आता है मधु खरी अभय का ही इंतज़ार कर रही थी कियुंकी मधु को पता था अभय मा से मिलने गया है

अभय मधु को देखता है तो हैरान हो जाता है कियुंकी मधु भी मुह फुलाये खरी अभय को देख रही थी

अभय मधु के पास जाके मुस्कुराते हुवे - गुरिया क्या बात है फुल कियु फुलाये हो
मधु अभय को देख - कियुंकी आप मुझसे जायदा प्यार नही करते
अभय हैरान - ये किसने कहा और तुम्हे ऐसा कियु लगता है

मधु बिस्तर पे बैठ - कियुंकी मेने दीदी से बाते की थोरि देर पहले और दीदी ने मुझे बताया

अभय को समझते देर नही लगती मधु ने क्या बताया और मधु कियु मुह फुलाये है

अभय मुस्कुराते हुवे मधु के पास जाके मधु को बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु के आखो मे देख - अच्छा मे समझ गया कियु कियु नाराज हो किस्सी चाहिये

मधु बच्चो जैसा मुह मना के - एक को मिलेगा दूसरे को नही तो ये गलत है ना

अभय मुस्कुराते हुवे - हा ये बात तो है

अभय मधु को देखता है मधु अभय को अभय फिर मधु के गुलाबी रसीले होठ को देखता है

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 अभय अपना होठ मधु के होठों की तरफ ले जाने लगता है मधु की सासे तेज होने लगती मधु बिस्तर पकर लेती है मधु को अजीब एहसास के साथ दिल धक कर रहा था मधु भी अपने होठ खोल देती है


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अभय मधु के ऊपर लेता मधु को पकर किस करने लगता है मधु अभय के होठ अपने होठ मे फिल करती है तो मधु का पूरा सरीर झन् करने लगता है पहला एहसास किस का मधु को आज मिल रहा था

अभय मधु के होठ मुह मे लेके छोटा किस करता है फिर अलग होके मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरी गुरिया खुश है ना
मधु अभय को बाहों मे कस - हा बहोत खुश हु

अभय मधु को देख -अच्छा बाबा अब मुझे जाना होगा ठीक है
मधु उदास होते हुवे - थोरि देर और रुक जाते है
अभय मधु के गाल सेहलाते हुवे - चिंता मत करो फिर जब आयुगा तो देर तक रुकुगा ठीक है
मधु खुश होते हुवे - तब तो ठीक है
अभय जाते हुवे - ठीक है चलाता हु

अभय घर की तरफ निकल परता है वही मधु अपने होठ को उंगली से छूटे हुवे सर्म से - अजीब लेकिन बहोत अच्छा एहसास था

अभय घर आता है आसा बिस्तर लेती हुई थी अभय आसा के पास बिस्तर पे लेत आसा को बाहों मे भर लेता है आसा भी अभय को बाहों मे लेके कस लेती है

आसा - सिला के पास गया था
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा

दोनो मा बेटे फिर सो जाते है साम 3 बजे उठ फिर सब काम पे लग जाते है मधु फिर कुछ काम से बाहर जाता है

अभय बाइक लिये जा रहा था तभी फिर अभय को नीतिका दिखाई देती है लेकिन इस बार सारी मे नीतिका खरी थी रोड साइड अभय नीतिका के पास बाइक रोकता है और नीतिका के पास जाके खरा हो जाता है


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अभय नीतिका को पहली बार सारी मे देखता है तो देखता ही रेह जाता है नीतिका सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय तो नीतिका को देखने मे खोया था लेकिन नीतिका अभय को देख हैरान होती लेकिन उसी के साथ अभय को ऐसे अपने आप को देखता देख अभय के कान पकर मोर देती है

अभय दर्द मे आउच

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अभय कान सेहलाते हुवे नीतिका को देख - पहली बार आपको सारी मे देख कसम से आप बहोत खूबसूरत लग रही है इस लिये देखता रेह गया आपको

नीतिका को बहोत अच्छा लगता है लेकिन चेहरे पे दिखाती नही

नीतिका - अच्छा अच्छा जा कहा रहे हो
अभय - बस घूमने आया था आप कहा जा रही है
नीतिका - बाजार कुछ समान लेना है
अभय - चलिये ना मे छोर देता हु ना

अभय बाइक पे बैठ जाता है नीतिका भी बैठ जाती है और अभय के कंधे पे हाथ रख लेती है अभय को बाजार लेके आता है नीतिका बाइक से नीचे उतर जाती है और अभय को थैंक्स कहती है

अभय - कोई बात नही मैडम
नीतिका अभय को देख - मैडम नही ऑन्टी मे अभी दियुति पे नही हु और हा ( नीतिका मुस्कुराते हुवे) आज ब्रेक नही मारा कियुंकी मे सारी पेहन एक तरफ पैर कर बैठी थी इस लिये

अभय हैरान परेसान डरते हुवे - मैडम सोर्री ऑन्टी उस दिन मेने सच मे जान बुझ कर नही क्या सच्ची
नीतिका जाते मुस्कुराते हुवे- किसे पता बाय

अभय - हद है यार मेने कुछ क्या नही था उस दिन सच मे मेरा ध्यान कही और था खैर

अभय अपना काम कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता कोमल आये हुवे थे सभी बाते कर रहे थे अभय अपनी मा के गोद मे सर रख लेता हुआ था और आसा अभय का सर सेहला रही होती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी अभी देखो कितने आराम से सो रहा है लेकिन बीवी आयेगी तो उसके गोद मे सोयेगा

आसा हस्ते हुवे - बात तो तूने सही कही
अभय हैरान आसा को देख - किया मा आप को भी ऐसा लगता है
आसा हस्ते हुवे - कियु नही सोयेगा
कोमल ताना मारते हुवे - बीवी आयेगी तो घर से बाहर भी नही निकलेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया तु चूप रेह रही बात हा मे अपनी बीवी के गोद मे ऐसे ही सोयुगा

कोमल अदिति को देख - देखा तेरा भाई कैसे बदल गया अपना असली रूप दिखा दिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे अपने भाई पे भरोसा है आगे तो सुन लीजिये दीदी

अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया ने सही कहा हा मे सोयुगा वो मेरी बीवी है मे तो अदिति ऑन्टी आपके गोद मे भी सो सकता हु सब का प्यार अलग होता है मा का प्यार बीवी का प्यार बेहन का प्यार अपनी जगह है उसकी कोई जगह नही ले सकता दूसरी मा के साथ मेरा प्यार जो है वो वैसे ही रहेगा समझ गई बंदरिया

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे - मुझे पता था तेरा जवाब मे तो बस तुझे छेर रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही सब का प्यार अलग होता है उसकी जगह दूसरा कोई नही ले सकता

थोरि देर बाद अभय फिर कमरे मे चला जाता है

बाते होने के बाद मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता का इंतज़ार कर रहा था मिनिता को देख अभय मिनिता को पकर बाहों मे कस लेता है मिनिता सिसक् परती है

अभय मिनिता को देख - मेरी प्यारी ऑन्टी आपका सुक्रिया
मिनिता हैरान होके - वो कियु
अभय - इतना प्यार देने के लिये आप मुझे गीली किस्सी लेती है जबकि ये मुझे कोई नहीं देता बस मा ने एक बार दिया था

मिनिता अभय को देख थोरा सर्म से - बेटा मुझे भी अच्छा लगता है इस लिये गीली किस्सी देती हु तुझे अब तो मुझे भी आदत हो गई है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - कैसी आदत
मिनिता तेज सासे लेते हुवे - तुम्हारे जिब का रस पीने की
अभय - तो सुरु करे
मिनिता सर्म से - हा

अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी पुरे मजे से किस करने लगती है दोनो एक दूसरे का होठ कभी जिब मुह मे लेके चुसे जा रहे थे रस पिये जा रहे थे

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मिनिता मन मे - उफ कैसी आदत लगा दी है तूने बेटा अब तो रस पिये बगैर मे रेह नही पाती अब जब पी रही हु तो बहोत सुकून मजा मिल रहा है ( अभय मन मे - ऑन्टी पहले से ज्यादा ही मजे से मेरे जिब चूस लार पीती है लगता है बहोत मजा आता है पीने मे 2 मिनट बाद

मिनिता अभय को देख सर्म से - जाती हु कोमल रुकी होगी
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता फिर बाहर आके कोमल के साथ घर निकल जाती है

अभय अपनी मा के पास आ जाता है फिर रोज की तरफ मा के ऊपर लेत बाते करता है फिर किस कर गुड नाइट बोल अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और अभय के बाहों मे समा जाती है अभय अदिति को कस के पकर लेता है

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पकर - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख प्यार से - मेरे प्यारे भाई

अभय - अच्छा गुरिया सो जाओ गुड नाइट

अभय जाने लगता है तो अदिति का मुह लटक जाता है वही अभय रुक पीछे मूर अदिति के पास जाके चेहरे को पकर होठो पे किस करते हुवे मुस्कुरा के - अब खुश

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अदिति का चेहरा अब खिल जाता है अदिति - बहोत खुश यही तो चाहिये था मुझे लगा आप भूल गये
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे - ऐसा कैसे भूल जाऊ अब सो जाओ ठीक है
अदिति खुश खुशी - जी भाई गुड नाइट

अभय फिर बिस्तर पे आके लेत कर - कल बुआ को लेने जाना है और अगले दिन सादी की खरीदारी भी करनी है

तभी अभय का फोन बजता है फोन उठा के

अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो मेरी जान
दिशा - किया बोलू आपकी बहोत याद आ रही है
अभय मुस्कुराते हुवे - टांगों के बीच वाली
दिशा सर्म से - हद है फिर सुरु
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत तरप् रहा है मेरा नाग तेरी बिल मे जाने के लिये तुझे तो मुझे या मेरे नाग की कोई परवाह ही नही है

दिशा सर्म से - बहोत परवाह है प्यार है आपसे आपके नाग से भी लेकिन क्या करू मे सादी होके आउंगी तो आपका और आपके नाग का अच्छे से ख्याल रखुंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - कैसे ये भी बता दो
दिशा सर्म से - आपको पता है फिर भी
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी साली सासु मा किया कर रही है
दिशा - आपकी सासु मा सो गई है और आपकी साली जी होगी सास बहु वाला सीरियल देखेंने मे
अभय हस्ते हुवे - बिगर जायेगी साली जी फिर जाके ससुराल मे सासु से लरेगी
दिशा हस्ते हुवे - अब तो वोही जाने

ऐसे ही बाते करते है बिया बीवी 15 मिनट फिर फोन कट

फिर तुरंत काजल का फोन आ जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ डार्लिंग
काजल हस्ते हुवे - कर ली बात बीवी से
अभय मुस्कुराते हुवे - कर ली

असल मे अब काजल को पता था अभय कब अपनी बीवी से बात करता है
काजल - कल आ रहे हो ना
अभय - हा साम को आ जायुगा
काजल - नही दोपहर तक आना है तुझे फिर रात रुक सुबह निकलेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है 12 बजे तक आपके पास लेकिन मेरे साथ मेरी गिर्लफ्रेंड बन के घूमने चलना होगा मंजूर

काजल हैरान सर्म से - शैतान बुआ को गिर्लफ्रेंड बनायेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बन जायेगी तो मेरी किस्मत खुल जायेगी बोलिये किया कहती

काजल - बरा आया ये बता बाइक लेके आयेगा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी तो आप चिपक कर बैठेगी तो मजा आयेगा
काजल सर्म से - कितना शैतान है रे
अभय - कहा वही पीछे है आप
काजल - हा पीछे ही
अभय हस्ते हुवे - कल रात मे भी वही आपको बाहों मे लिये होऊगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - बुआ बताइये ना रात हम दोनो पीछे सोयेंगे मजा आयेगा
काजल शर्मा के - ठीक है सोयेंगे
अभय खुश होते हुवे - फिर गीली किस्सी भी तो लेनी है बहोत इंतज़ार किया लेकिन कल मुझे मिल जायेगा
काजल हस्ते हुवे - हा बाबा ले लेना जब से हा कहा है रोज गीली किस्सी के पीछे परा रहता है
अभय - अरे किस्मत वाले को बुआ की किसी मिलती है मुझे मिल रहा है तो कियु छोरु
काजल हस्ते हुवे - पागल

दोनो बुआ भांजे बाते करते है फिर गुड नाइट बोल सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Awesome update 6
 

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 18

सुबह हो जाती रोज की तरह दिशा आसा जल्दी उठ कर नहा धोके तैयार हो जाती है दिशा खाना बनाने की तैयारी मे लग जाती है तो वही आसा अभय को उठाते जाती है

आसा अभय के कमरे मे जाती है तो अभय होता ही नही आसा फिर अदिति के कमरे मे जाती तो अभय दिशा को चिपके सोये देखती है

आसा मुस्कुराते हुवे अभय के पास जाके कान मे धीरे से उठ जा मेरे लाल सुबह हो गई है अपनी मा की मिठी आवाज के साथ अभय अपनी आखे खोल आसा को देखता

अभय - गूड मोर्निंग मेरी प्यारी मा
आसा अभय के होठो पे किस करते हुवे - गूड मॉर्निग मेरे लाल

आसा अदिति को देखती है जो मुस्कुरा रही होती है

आसा मुस्कुराते हुवे - तेरी गुरिया जगी हुई है लेकिन मेरे आने पे भी आखे नही खोली मेने उसको जन्म दिया लेकिन तेरे जागने पे ही जागती है भाई की लाडली

अभय मुस्कुराते हुवे - जैसे मे आपका लाडला हु वैसे मेरी गुरिया मेरी लाडली है
अभय की बात सुन अदिति जो जगी हुई थी बस सोने का नाटक कर रही थी उसके चेहरे पे इस्माइल आ जाती है

आसा ये देख मुस्कुराते हुवे - जानती हु ठीक है जा रही हुई अपनी लाडली को भी उठा दे

आसा चली जाती है अभय को प्यार से देखता है और अदिति के गाल पे किस करते हुवे- उठ जा मेरी गुरिया
अदिति अंगराई लेते हुवे अभय के गाल पे किस करते हुवे - गूड मोर्निंग भाई
अभय मुस्कुराते हुवे - गूड मोर्निंग चलो चलते है
आदिरी मुस्कुराते हुवे - जी
दोनो भाई बेहन आँगन मे आते है दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी

अभय दिशा को देख - गूड मोर्निंग मेरी प्यारी
दिशा अभय कि बात सुन अभय को देख शर्मा के - गूड मोर्निंग
अदिति दिशा को देख हस्ते हुवे - किया बात है भाभी अब तो आप को भाई प्यारी केह रहे है ना वैसे गूड मोर्निंग
दिशा शर्मा के - गोड मोर्निंग ननद जी

अभय फिर हल्का होने जाता है उसके बाद सुबह की जोगिंग करने मे लग जाता है 20 मिनट जोगिंग करने के बाद अभय सीधा विजय के घर आता है अभय अंदर जाता है तो कोमल भी खाना बनाने मे लगी हुई थी

कोमल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आ गया किस्सी का भूखा
अभय मुस्कुराते हुवे - तुम तो देती नही फिर कियु बके जा रही हो

कोमल गुस्से से - किया कहा तुम ने
अभय को मारने के लिये दोरती अभय भागते अरे मेने तो मजाक मे कहा था अभय भागते हुवे कमरे मे जाता है जहा मिनिता बाल सवार रही थी अभय मिनिता के पीछे छुप जाता है

मिनिता हैरान हो जाती है

कोमल गुस्से से - मा आगे से हतो आज तो मे इसके दात तोर दूंगी
मिनिता अभय को बाहों मे लेते हुवे कोमल को देख - मेरे बच्चे ने तेरा क्या बिगारा है जो इसके पीछे परी हुई है

कोमल हैरानी से - आपके बच्चे को किस चाहिये मे नही देने वाली
मिनिता हस्ते हुवे - ठीक तुम मत देना हम तो देगे

मिनिता अभय के गाल पे किस करते हुवे - लो दे दिया
अभय कोमल के मजे लेते हुवे - तुझे नही देना मत दे वैसे भी तेरे किस मे जो मजा नही जितना ऑन्टी बुआ के किस मे है
कोमल अभय कि बात सुन और गुस्सा हो जाती है

तभी काजल आते हुवे अभय को देख - अरे अभय बेटा यहा चल किया रहा है ( काजल कोमल का देख) ये इतना गुस्से से लाल कियु है
मिनिता हस्ते हुवे - मे बताती हु ( मिनिता सब बता देती है)

काजल हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है कोई बात नही तुम मत दो हम दो अपने प्यारे लाल को किस्सी देगे

काजल अभय के पास जाके गाल पे किस दे देती है

अभय कोमल को देख चीढाते हुवे मुस्कुरा के - देखा कई लोग है मुझे किस्सी देने वाले तुम नही दोगी तो भी चलेगा

कोमल गुस्से से - हा हा हा एक प्यारा छोटा बच्चा किस्सी का दीवाना

अभय - बहोत मार खायेगी मेरे से केह रहा हु
कोमल - मार के दिखा तांगे तोर दुगी

मिनिता काजल - बस करो लरना कोमल तुम खाना बनाने पे ध्यान दो
कोमल - अरे मे तो भूल ही गई थी

अभय मिनिता को देख - ऑन्टी कोमल के शादी का कुछ सोचा है
मिनिता अभय को देख - विजय के जाने के बाद ध्यान नही दे पाई लेकिन अब लरका धुधना सुरु कर दुगी
काजल - मेरे नजर मे कुछ करके है
अभय काजल मिनिता को देख - मेरे नजर मे कई है लेकिन एक है यकीन मानिये दोनो की जोरि बहोत मस्त रहेगी और वो कोमल का बहोत ख्याल भी रखेगा

मिनिता काजल हैरानी से - कोन है वो
अभय - उसका नाम है जीत जिसके बारे मे विजय भी अच्छे से जानता है हम 4 साल साथ मे रहे थे

विजय भी अंदर आते हुवे - मा बुआ भाई सही केह रहे है जीत बहोत अच्छा लरका है दीदी जीत की जोरि मस्त लगेगी

मिनिता - अगर तुम दोनो केह रहे हो तो मुझे यकीन है
अभय - मेरी शादी मे जीत आयेगा आप खुद मिल कर देख ले लेना बाकी आप विजय से भी अच्छे से उसके बारे मे जान लेना
काजल - ये भी सही है और जब वो आयेगा तब हम खुद मिल कर देख लेगे

अभय - सही है अच्छा मे चलता हु

मिनिता काजल - ठीक है मिलते है बेटा
अभय - जी
अभय बाहर आके कोमल को देखते हुवे - जा रहा हु गुस्से वाली लरकी
कोमल अभय को देख अभय के पास आके अभय के गाल पे किस करते हुवे अभय को देख - किस्सी दे तुमपे तरस आ गया इस लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - थैंक्स ऐसे हि मुझपे तरस खाते रेहना
कोमल मुस्कुराते हुवे - अब जाता है या
अभय मुस्कुराते हुवे - जा रहा हु हमेसा गुस्सा करती रहती है

अभय फिर जाने लगता है कोमल अभय को जाता देख मुस्कुराते हुवे - इस जैसा पागल प्यारा लरका नही देखा मेने

अभय घर आता है आगन मे आसा अदिति खाट पे बैठे थे दिशा खाना बनाने मे लगी हुई थी बाते भी चल रही थी

अभय अंदर आता है आसा अभय को देख - आ गया जा जल्दी से नहा ले
अभय - जी मा

अभय टोवेल लेकर बाथरूम मे चला जाता है और नहाने लगता है तभी अभय दिशा को आवाज लगाता है

अभय - भाभी ओ भाभी
दिशा अभय की आवाज सुन - जी देवर जी
अभय - भाभी जरा मेरा पीठ रगर दो ना
दिशा आसा को देखती है तो आसा दिशा को देख - जा सकती हो
आसा की बात सुन दिशा शर्मा के अभय के पास जाने लगती है
आसा अदिति को देख - जाओ खाना देखो
अदिति मुस्कुराते हुवे - जी मा

अंदर अभय चड्डी मे था दिशा अंदर जाती है अभय को चड्डी मे देख सर्म से लाल हो जाती है
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आ गई जरा पीछे मा मैल रगर के छुरा दो
दिशा सर्माते हुवे - जी

दिशा अपनी सारी उपर कर अभय के पीछे खरी होकर अभय की पीठ रगर कर मैल छुराने लगती है 2 मिनट बाद

अभय खरा हो जाता है और दिशा के हाथ पकर् लेता है और दिशा को देखने लगता है दिशा सर्म से घबराते हुवे अभय को देख धीरे से

दिशा - जाने दीजिये ना मम्मी जी ननद जी पास मे ही है
अभय धीरे से - एक किस दो ना फिर चली जाना
दिशा शर्मा के - ठीक है ले लीजिये जल्दी से

अभय दिशा को बाहों मे लेना चाहता था लेकिन अभय पानी से गिला था अगर अभय दिशा को बाहों मे लेता है तो दिशा भी गिला हो जायेगी उसके बाद अभय को पता है मा दोनो की खबर ले लेगी इस लिये अभय दिशा से चिपकता नही और दिशा के चेहरे को पकर् दिशा के होठ पे होठ रख देता है

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दिशा भी अपनी आखे बंद कर अभय का पुरा साथ देती है दोनो एक दूसरे के रस पीने चूसने मे लग जाते है 2 मिनट बाद
अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - मजा आ गया भाभी दिल कर रहा है और पीयू आपके होठो का रस

दिशा सर्म से लाल नजरे नीचे किये - किया अब मे जाऊ
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मेरी रानी साहेबा
अभय की बात सुन दिशा बहोत शर्मा जाती है और जल्दी से बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते हुवे नहाने मे लग जाता है

दिशा घुघट् दाल फिर खाना बनाने मे लग जाती है लेकिन अभय की बात याद कर सरमाये जा रही थी
दिशा सर्माते हुवे मन मे - मे उनकी दिल की रानी वो मेरे दिल के राजा


अभय नहाने के बाद रेडी होता फिर मा के साथ बाते करता है शादी से लेकर खाना होने के बाद सभी खाना खाते है इसी मे 10 बज जाते है

आसा अभय आँगन मे खरे थे

आसा अभय को देख - बेटा हमारे गाव के पंडित के बारे मे जानते हो ना
अभय - जी मा जानता हु
आसा - ठीक है जाके उन्हें कहो वो कब आयेगे ताकि बाकी लोगो को भी बुलाया जा सके

अभय - ठीक है मा जाके मे पूछत कर आता हु

अभय बाइक लेके निकल जाता है अभय के जाते ही आरोही साइकल से अदिति के घर आती है अंदर जाने के बाद आसा की नजर आरोही पे परती है

आसा आरोही को देख - अरे बेटा आरोही अदिति से मिलने आई हो
आरोही - जी ऑन्टी कहा है अदिति
आसा - कमरे मे है जाओ मिल लो
आरोही - जी

आरोही कमरे मे जाती है तो अदिति बिस्तर पे बैठी मोबाइल चला रही होती है अदिति की नजर आरोही पे परती है तो अदिति हैरानी से
अदिति - आरोही तुम किया बात है आओ बैठो
आरोही अदिति के पास बैठते हुवे अदिति को देख - अरे वाह अब तो तेरे पास मोबाइल भी है
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा भाई ने दिलाई है
आरोही -कितने की है
अदिति - 25 जाहर की है बस
आरोही चारो तरफ नजर दोराती है तो आरोही को अदिति के नये सेंडल कपड़े मेहगे मेकप् का समान गले मे लॉकेट नाक कान मे का
अदिति अब पेहले वाली गरीब अदिति नही दिख रही हालाँकि अभय ने सिर्फ थोरा ही कर्चा किया था लेकिन आरोही के लिये बहोत मेहगा था और अदिति का बदला रूप देख कर
आरोही मन मे - पेहले फटे पुराने कपड़े मे रहती थी अब देखो नये मेहगे कपड़े मोबाइल देखने मे भी बहोत ही खूबसूरत लग रही है पेहले से

अदिति - ये बताओ तुम कैसे हो
आरोही अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छी हु लेकिन मेरी दोस्त के भाई के आने के बाद हमे भूल ही गई

अदिति आरोही को देख - ऐसा नही है यार तुम्हे पता है ना मे भाई के लिये कितना तर्पि हु 4 साल तक
आरोही - पता और मे समझ भी सकती हु
अदिति - थैंक्स लेकिन अब मोबाइल है ना तो अब बाते होती रहेगी
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा ये तो है अब मे इसी लिये आये ताकि अपने दोस्त की हाल चाल पूछ सकु
अदिति - माफ करना मे अपने भाई के साथ वक़्त बिताने मे लगी हुई हु
इस लिये तुम सब से मिलने नही आ पाई
आरोही मुस्कुराते हुवे - अरे कोई बात नही अच्छा अपना नंबर देदो
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा लिखो xxxxxxxxxx
आरोही अदिति का नंबर एड करते हुवे - चलो हो गया

आरोही तो - कब से स्कूल आना है आगे का किया प्लान है
अदिति - सच कहु तो फिल्हाल मे अपने भाई के साथ जी भर के वक़्त गुजारना चाहती हूँ आगे की आगे सोचुगी
आरोही - इसका मतलब स्कूल नही आओगी
अदिति - हा
आरोही - चलो ठीक है जैसा तुम्हे सही लगे मे अब चलती हु फोन पे अब बाते करते रहेगे
अदिति - जरूर करेगे

अदिति आरोही को बाहर छोरने के लिये आती है आरोही बाय बोल निकल परती है और अदिति फिर कमरे मे चली जाती है

आरोही साइकल से जाते हुवे कई सारी बाते सोचे जा रही थी

आरोही मन मे - अदिति ने तो मेरे भाई का नाम तक नही लिया हाल चाल तक नही पूछा इसी लिये मेने भी भाई के बारे मे बात नही थी मुझे पता है सुरु से अदिति मेरे भाई से प्यार नही करती है उसने मेरे भाई तो एक अच्छे पति के तोर पे चुना ना की प्यार के तोर पे लेकिन फिर भी एक बार मेरे भाई का हाल चाल पूछ लेती तो उसका क्या जाता

आरोही की दिल मे अदिति के लिये गुस्सा नफरत पैदा होने लगता है


वही अभय पंडित जी से बात कर घर आ जाता है एक कमरे मे आसा अदिति अभय बैठे हुवे थे

आसा - कब आयेगे पंडित जी
अभय - मा 2 बजे बोले है आयेगे
आसा -समझ गई ठीक है सभी को बोल दो 2 बजे से पेहले आ जाये
अभय - जैसा आप कहे मा

अभय बाहर आता है तो दिशा बाहर खरी सुन रही थी अंदर क्या बाते हो रही है दिशा अभय को देख सर्म से लाल होके कमरे मे भाग जाती है

अभय दिशा को सर्माते भागते देख मन मे - हाय इनका सरमाना

अभय घर से बाहर आके बाइक लेके विजय के घर जाता है

अंदर जाते ही काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - क्या बात है बेटा कैसे आना हुआ

अभय काजल के पास जाके बाहों मे लेके आखो मे देख - अपनी हॉट बुआ को देखने आया हु
काजल सर्म से - तू भी ना फूफा को बता दु तुम उसकी बीवी को हॉट बोलते हो

अभय ये सुनते ही डर के काजल का छोर पीछे हटते हुवे - अरे आप भी ना फूफा को बताने की क्या जरूरत है मे नही बोलुगा ना फिर हॉट

काजल जोर जोर से हस्ते हुवे - बच्चा तो डर गया
अभय अजीब चेहरा बना के - हा तो फूफा जी से मुझे मार खाने क कोई सॉक नही है

मिनिता आते हुवे हस के - अच्छा ऐसा है तो बच कर रेहना
अभय मिनिता को देख मिनिता के पीछे जाके बाहों से लेके - वो तो रेहना हि पड़ेगा बुआ नही तो आप है ना

काजल हस्ते हुवे - अभय को देख बेटा मेरे भाई को पता चला ना की तुम तो भी मार खायेगा

अभय मिनिता को छोर फनी चेहरा बना के - लगता है मेरी दाल नही गलेगी यहा

काजल मिनिता अभय की बात सुन जोर जोर से हसने लगते है

अभय काजल मिनिता को देख - अच्छा सुनिये मे यहा ये बताने के लीये आया था पंडित जी 2 बजे आने वाले है तो आप सब 2 बजे से पेहले आ जाना ठीक है

मिनिता - अच्छा ये बात है ठीक है बेटा हम सब आ जायेंगे
काजल - जरूर आयेगे जल्दी हि आ जायेंगे तुम चिंता कर

अभय - अच्छा है अच्छा ये बताइये आप मे से कोन मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी

मिनिता काजल हैरानी से अभय को देखते है काजल फोन निकाल किसी को कॉल करने लगती है

अभय ये देख हैरान कंफ्यूज मे काजल से - बुआ आप किसको कॉल कर रही है

काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - तेरे फूफा को

अभय ये सुनते ही 90 के स्पीड मे भाग निकलता है बिना देरी किये

अभय को इतनी तेज भागता देख काजल मिनिता एक दूसरे को देख जोर जोर से हसने लगते है
काजल हस्ते हुवे - ये लरका जब भी आता है माहौल बदल देता है और हसा कर ही जाता है हमे

मिनिता हस्ते हुवे - आप ने सही कहा बहोत मजाकिया नटखट है

अभय बाइक लेके घर आता है और मधु को फोन करता है

मधु कमरे मे मा के साथ बैठी बाते कर रही थी अभय के बारे मे हि तभी फोन बजता है फोन देखती है तो बहोत खुश हो जाती है

मधु - भईया आप के बारे मे ही बात कर रही थी और आपका फोन आ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा क्या बात हो रही थी
मधु - मा मे आपके शादी को लेकर बात कर रहे थे
अभय - अच्छा ये बात है गुरिया मा को फोन दो
मधु - जी भाई ( मधु सिला को देख ) मा भाई बात करना चाहते है

सिला फोन लेकर - हा बेटा बोलो
अभय - छोटी मा पंडित जी 2 बजे आयेगे तो आप सब रेडी रेहना पेहले ही में खुद लेने आयुगा आप सब को
सिला - समझ गई बेटा हम रेडी रहेगे
अभय- ठीक है मा मे रखता हु
सिला - ठीक है बेटा

फोन कट

मधु सिला को देख - भाई ने क्या कहा मा
सिला मुस्कुराते हुवे - 2 बजे पंडित जी आयेगे तो हमे तैयार रेहना है तेरा भाई खुद आयेगा हमे लेने
मधु खुश होते हुवे - मुझे पता था भाई हमे खुद लेने आयेगे
सिला मुस्कुराते हुवे - लगता है तुम्हे बहोत जल्दी है भाई के घर जाने की
मधु सिला को देख - मा जल्दी तो होगी ही आज पेहली बार मे सब से मिलने वाली हु

सिला मुस्कुराते हुवे - मे भी

आसा बिस्तर पे लेती तारा को फोन करती है तारा फोन उठा के

तारा - हा बोलिये
आसा - 2 मजे पंडित जी आयेगे तो आप सब को पेहले हि आ जाना है
तारा बहोत खुश हो जाती है
तारा - जी हम पहुँच जायेंगे
आसा - कुछ बाते बताती है लेकिन आप आयेगी तो बैठ कर बाते करेगे
तारा - जी समझ गई

फोन कट

अभय अपने कमरे मे बिस्तर पे लेता मन मे - वैसे तो जीत जीतू को बुला लेता लेकिन अभी कुछ दिन हि हुवे है तो सही नही होगा शादी कि कार्ड देने जाउंगा तो जीत जीतू के परिवार वालो से भी मिल लुगा ये सही रहेगा अभी दोनो को परिवार के साथ रेहना अच्छा है


( दोहर 1 बजे )

( तारा के घर )

पूजा अपने कमरे मे रेडी होते हुवे मन मे - मुझे यकीन नही हो रहा मा को भी पता चल गया रात को जीजा दीदी कोन सा खेल खेल रहे थे और ऐसा होना हि था सब भूल लगे जो परे थे आवाजे भी बाहर तक आ रही थी ( पूजा सर्म से लाल होते हुवे ) जीजा दीदी मान गई आप दोनो को

पूजा फिर इमोसनल होते हुवे - पेहले तो लगा था मेरी दीदी पूरी जिंदगी बिधवा बन कर ही गुजार देगी दीदी को बिधवा के रूप मे जब भी देखती थी तो मेरा दिल रो देता था ( पूजा आसु साफ करते हुवे) लेकिन अब मे बहोत खुश हु मेरी दीदी फिर से सुहागन बनने वाली है

यहा तारा पूजा सभी रेडी होने मे लगे हुवे थे

( सिला के घर )

मधु भी तैयार होने मे लगी हुई थी और आज सब से जायदा हि खुश थी

मधु - मुझे अच्छे से तैयार होना होगा आज नई मा दीदी भाभी से सब से मिलने वाली हो अच्छे से रेडी नही हुई और मे बेकार दिखी तो सब कहेगे जैसी बेहन है अभय की कितनी बेकार दिखती है

यहा भी सभी रेडी होने में लगे हुवे थे

( विजय के घर )

एक कमरे मे काजल मिनिता रेडी होने मे लगे थे

काजल रेडी होते हुवे - सच कहु भाभी अभय की शादी देखने के लिये बहोत बेचैन हु इस कुछ दिनों मे ही अभय और सब से एक रिस्ता बन गया है
मिनिता काजल को देख - हा आपका केहना सही है अभय के घर जाके दीदी से बात कर की बहोत अच्छा फिल होता है
काजल - सही कहा भाभी आप ने
कोमल विजय भी रेडी होने मे लगे हुवे थे

वही अभय कार मे था हा अभय कार 🚘 कहा से लाया खरीदा या किसी से लेके आया बाद मे पता चलेगा

अभय सिटी बाजार जाके नास्ता जैसे मिठाई समोसे ठंडा सब लेने आया था सब आयेगे तो कुछ खिलाना तो पड़ेगा ही ना अभय सब लेने के बाद घर आ जाता है.

सारे समान को एक कमरे मे रख देता है अब बारी थी सब को लाने की

अभय मधु सब को आने के लिये निकल परता है आसा दिशा अदिति भी रेडी होने मे लगे हुवे थे

अभय मधु के घर पहुँच जाता है अंदर जाने के बाद अभय मधु के कमरे मे जाता है सामने मधु खरी थी पूरी रेडी होके मधु की नजर अभय पे जाती है मधु अभय को देख बहोत खुश हो जाती है


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मधु फ्रॉक मे बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय की नजर ना चाहते हुवे मधु के बरे बरे दो उभार पे चले जाते है लेकिन अभय जल्दी से दिमाग से गंदे ख्याल निकाल फेकता है

तभी मधु आके अभय के गले लग जाती है अभय मुस्कुराते हुवे मधु को बाहों मे भर लेता है

अभय - गुरिया आज तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो नये कपरो मे
मधु सर्माते हुवे अभय को देख - आप सच केह केह रहे है
अभय मधु के आखो मे देख - हा सच्ची लेकिन उस दिन से कम
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है मा से मिल के आता हु
मधु हैरान कंफ्यूज से अभय को देख - भाई किस दिन से कम आपके केहने का मतलब समझी नही
अभय पीछे मूर मधु को देख मुस्कुरा देता है फिर चला जाता है मधु दिमाग का घोरा दोराती है तभी मधु को अभय की बात समझ मे आती है तो मधु से से पानी पानी हो जाती है

अभय सिला के कमरे मे जाता है तो देखता है सिला सारी सही कर रही थी सिला ग्रीन सारी मे बहोत कमाल की खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय की नजर सिला के बवाल कमर और गहरी ढोरी पे चली जाती है तो अभय देखता ही रेह जाता है


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सिला की नजर अभय पे जाती है और सिला अभय को देख समझ जाती है अभय की नजर कहा है सिला थोरा शर्मा जाती है
सिला - बेटा तेरी नजर कहा है
अभय सिला को देख - छोटी मा आपकी गहरी ढोरी पे
सिला पूरी तरह हैरान हो जाती है अभय की बात सुन कर सिला बस अभय को देखती रहती है किया बोले समझ नही आता

अभय सिला को देख उसे एहसास होता है सामने उसकी अपनी मा नही है ना सिला उसके बीच उस तरह का प्यार रिस्ता बना है

अभय सिला के पास जाके नजरे नीचे कर - माफ करना छोटी मा

अभय मन मे - मे भूल जाता हु मेरी मा मेरे बीच जो प्यार रिस्ता है वही मे सब से उमीद नही कर सकता मेरी मा मेरे बीच सुरु से मस्ती मजाक वाला रिस्ता रहा है लेकिन मे अपनी कुछ आदत की वजह से एक दिन पक्का मार खायुगा

सिला अभय को देखती है फिर अभय का चेहरा पकर् उपर करते हुवे आखो मे देख हस्ते हुवे - अरे मे तो नाटक कर रही थी तुम तो डर गये मेरे लाल

अभय फनी चेहरा बना के - हे आप नाटक कर रही थी मुझे लगा आप मेरी पिटाई करेगी
सिला हस्ते हुवे - वो दिन कभी नही आयेगा तेरे उपर हाथ उठाने का सोच भी नही सकती मेरे लाल अच्छा ये बताओ तूने मुझे अच्छे से देख लिया तो अब बताओ मे दीदी से जायदा सुंदर हु या दीदी

अभय सिला को गौर से उपर से नीचे देखते हुवे - हु केहना मुश्किल है कियुंकी आप मा की तरह बहोत खूबसूरत है बाकी मे बता नही सकता कियुंकी आपका लाल हु ना इस लिये

सिला जोर जोर से हस्ते हुवे - एक बात बता दीदी पूछती तो सब बता देता
अभय - हा बता देता
सिला - तो मुझे कियु बता नही रहा
अभय सिला को देख मुस्कुराते हुवे - छोटी मा आप खुश मा से पूछ लेना आपको सब पता चल जायेगा लेकिन फिल्हाल देरी हो रही है चलिये

सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है दीदी से पूछ लुगी चलो अब

दोनो कमरे से बाहर आते है बाहर जोगिनाथ मधु खरे थे

जोगिनाथ सिला मधु को देख - हो गया मा बेटे के बीच बात चित और करना है तो कर लो हम इंतज़ार कर देगे कियु मधु बेटा
मधु हस्ते हुवे - जी पापा

सिला - जयादा मत बोलिये मेरा जितना मन करे अपने बेटे से बात करुगी
जोगिनाथ - मेने भी तो वही कहा है

अभय बीच मे आते हुवे - देरी हो रही है बाद मे बात लर लेना पापा चलिये

सभी बाहर आते है सामने कार देख हैरान हो जाते है


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मधु अभय को देख - भाई ये कार किसकी है
अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - मेने नई ली है
मधु खुशी से - क्या सच मे
अभय - हा बाबा
मधु - मा पापा हम भाई की गारी मे जायेंगे
जोगिनाथ सिला - हा बाबा

अभय कार का दरवाजा खोलता है सिला जोगिनाथ पीछे बैठ जाते है मधु आगे अभय के साथ बैठ जाती है
मधु बहोत खुश थी आगे अभय के साथ बैठ कर

अभय गारी चालू करता है और निकल परता है अभय 10 मिनट मे घर पहुँच जाता है अभय सभी को अंदर लेकर जाता है आसा दिशा अदिति सब आँगन मे आते है

अभय आसा दिशा अदिति का परिचय मधु सिला जोगिनाथ को देता है

मधु जल्दी से जाके आसा के पैर छूटी है

आसा मधु के चेहरे को पकर् प्यार से देख - तो तुम हो मेरे लाल की दूसरी खूबसूरत गुरिया

मधु - जी बरी मा

मधु फिर दिशा के पैर छूटी है अदिति से गले मिलती है

आसा सिला के पास जाके सिला को देख - मेरे लाल ने बहोत खूबसूरत गुरिया के साथ बहोत खूबसूरत मा भी मिली है

सिला शर्मा के - आप भी ना दीदी
आसा सिला के गले लगते हुवे - तुम सब का स्वागत है मेरे परिवार मे
आसा - थैंक्स दीदी हमे अपने परिवार का हिस्सा बनाने के लिये
आसा अलग होते हुवे सिला को देख - अपनो को थैंक्स नही बोलते

सिला जोगिनाथ को देख - आप वहा कियु खरे है आइये बैठ कर बाते करते है
जोगिनाथ - जी भाभी

अभय आसा से - मा मे सासु मा पूजा को लेकर आता हु
आसा - ठीक है जा

अभय फिर तारा के घर पहुँच जाता है अंदर जाता है तो तारा पूजा पुरा रेडी खरे थे तारा पूजा दोनो बहोत खूबसूरत लग रहे थे पूजा तारा अभय को देख आ गये आप


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अभय तारा को देख - सासु मा आप मेरी किस्मत कितनी अच्छी है आपकी खूबसूरत बेटी मेरी मुझे मिल गई उसी के साथ खूबसूरत सासु मा भी ( अभय पूजा को देख अजीब फनी सकल बना के) बस एक बंदरिया मिल गई

अभय की बात सुन तारा जोर जोर से हंसने लगती है पूजा को बहोत गुस्सा आता है लेकिन अपने आप को सांत कर लेती है

पूजा अभय को देख प्यार से - जीजा जी आज बहोत अच्छा दिन है मे बहोत खुश भी हु इस लिये आप को छोर देती हु लेकिन अगली बार डोरा डोरा कर मारुगी

अभय मुस्कुराते हुवे - देखेंगे
पूजा जीब दिखा के - देख लेना

अभय तारा को देख - सासु मा जन्म कुंडली ले ली ना आप ने
तारा - जी ले ली है

अभय तो चलिये फिर अभय पूजा तारा बाहर आते है पूजा तारा नई कार को देख हैरान हो जाते है

पूजा अभय को देख हैरानी से - ये कार किसकी है
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हमारी है और क्या
पूजा हैरान होते हुवे - कब ली आप ने
अभय - आज हि जरूरत मेहसूस हुई ले ली बाकी बात बाद मे चलो बैठो

तारा पीछे बैठ जाती है पूजा आगे पहली बार कार मे बैठे थे तारा पूजा अच्छा लग रहा था अभय बिना देरी किये सभी को लेकर घर आ जाता है अंदर जब जाते है तो सभी आँगन मे बैठे हुवे थे विजय मिनिता काजल कोमल सभी आ चुके थे

आसा तारा को देख - आइये यहा बैठिये
तारा आसा के पास बैठ जाती है

आसा सिला तारा मिनिता काजल इन के बीच बाते होने लगती है
वही पूजा दिशा अदिति मधु कोमल अपना ग्रोप् बना कर बाते करने लगते है

दो बरे लोग थे मिनिता के पति भोला और सिला के पति जोगिनाथ तो दोनो अपने मे बाते करने लगते है

अभय विजय दोनो एक जगह बैठ ये भी बाते करने मे लग जाते है सभी आ चुके थे बस पंडित जी का इंतज़ार था



आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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chapter 29

सुबह हो चुकी थी आसा अभय को उठाती है अभय अदिति को फिर हल्का होना जोगिग रोज का जो अभय की लाइफ मे चल रहा है

अभय जोगिग करने के बाद रोज की तरफ मिनिता के घर जाता है कोमल खाना बना रही थी अभय अंदर जाता है और कोमल के फिर मजे लेना सुरु कर देता है

अभय कोमल को देख - बंदरिया आज किया बना रही है
कोमल अभय को देख गुस्से से अभय के पास आके - तु मुझे हमेसा बंदरिया मत कहा कर समझ गया

अभय कोमल के कमर पकर अपने से सता लेता है कोमल आह करते हुवे अभय के सीने से चिपक जाती है कोमल के टाइट बरे चूचे अभय के सीने से दबे हुवे थे


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अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - तो क्या कहु
कोमल अभय की बाहों मे समाये - कुछ और भी बोल सकता है
अभय सोचते हुवे - हु डार्लिंग बोलू तो चलेगा

बस किया कोमल का एक मुक्का अभय के पेट मे अभय दर्द से पेट पकरे - मर गया है मार दिया बंदरिया ने

कोमल गुस्से से अभय को देख - बरा आया डार्लिंग कहने वाला

कोमल फिर खाना बनाने बैठते हुवे - यही तेरी सजा है बंदर

मिनिता पीछे गाय के चारे देकर आते हुवे अभय को पेट पकरे खरे देख - क्या हुआ बेटा तुझे पेट पकरे कियु खरा है

अभय मिनिता को देखता फिर कोमल को देखते हुवे - कुछ नही ऑन्टी एक बंदरिया ने मारा है

कोमल गुस्से से अभय को घूर के देखती है वही मिनिता समझ जाती है ये दोनो का रोज का है

अभय मिनिता को देखता मिनिता अभय को दोनो की आखे नजरे एक दूसरे से जैसे कुछ केहना चाह रही हो लेकिन क्या दोनो को नही पता था

मिनिता कमरे मे जाते हुवे - अभय बेटा अंदर आ कुछ बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है

अभय अंदर आता है तो मिनिता को देखता है मिनिता बाल हाथो से सही कर रही थी नजरे भी थोरा नीचे किये हुई थी मिनिता के ब्लाउस मे कैद दोनो चूचे मे से एक थोरा दिख रहा था कमर सारी से धका हुवा था लेकिन वो भी थोरा दिख रहा था

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मिनिता बहोत खूबसूरत हॉट औरत थी इस उमर मे भी बॉडी कयामत थी उजले दूध जैसे रंग बॉडी सेप् कोई भी मिनिता को देख उसे पाना चाहेगा ये अपने आप को कोसेगा उसकी बीवी इतनी खूबसूरत कियु नही है
अभय मिनिता को अच्छे से देखता है और पास जाके बैठ जाता है दोनो बैठे थे लेकिन कोई कुछ नही केह रहा था


अभय मिनिता के को देखता है और मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता देता है मिनिता बिस्तर पे लेत तेज सासे लिये अभय को सर्म से देखने लगती है अभय मिनिता के ऊपर आके लेत जाता है और मिनिता को देखने लगता है मिनिता अभय को देखने लगती है

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अभय - जब से आपके होठो का रस पीने लगा हु मुझे आपके होठो का रस पीने की आदत हो गई है ( मिनिता नीचे लेती अभय को सर्म से देखे जा रही मिनिता के अंदर कुछ हो रहा था हचल जैसा

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अभय झुक के मिनिता के गर्दन गाल पे किस करने लगता है अचनाक् इस हमले से मिनिता के शरीर काप् उठती है मिनिता के मुह से सिसक् एक कामुक् आवाज निकल जाती है मिनिता के लिये ये अजीब नया अलग एहसास था जो मिनिता को बैचन् और दिल मे हलचल बचा रहा था

मिनिता अभय को कापते आवाज मे - बेटा कोई आ जायेगा ऐसा मत कर ये मुझे सही नही लगता

अभय रुक कर मिनिता की आखो मे देखता है और अपना होठ मिनिता के होठ की तरफ दे जाने लगता है मिनिता ये देख उसके होठ अपने आप खुल जाते है अभय मिनिता मे होठ मुह मे लेके चूसने लगता है

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मिनिता भी अभय को बाहों मे कस किस करने लगती है दोनो फिर जोर सोर से एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस मजे से पीते है

मिनिता तेज सासे लेते हुवे अभय को शर्मा के देखने लगती है अभय मिनिता की आखो मे देख - रोज की तरह आज भी आपके होठो का रस पीके मजा आ गया
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - तुम भी ना बेटा
अभय - आपको मजा नही आता
मिनिता सर्म से - आता है तभी को करती हु

अभय मिनिता की आखो मे देख - एक बात कहु बुरा मत मानियेगा
मिनिता - बोलो नही मानुगी
अभय - क्या आप मेरे साथ कभी घूमने चलेगी
मिनिता बहोत हैरान सॉक से अभय को देखती है फिर सांत आवाज मे

मिनिता हस्ते हुवे - ये कहने के लिये इतना डर रहे थे मे चलुंगी लेकिन कहा लेके जाओगे मुझे
अभय मिनिता के गाल पे किस करते हुवे - जब जाना होगा बता दुगा

अभय मिनिता के ऊपर से हट नीचे खरा हो जाता है मिनिता भी बिस्तर से खरी होके अपने बाल सारी सही कर लेती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऑन्टी अब मे जाता हु
मिनिता अभय को देख - ठीक है बेटा


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अभय कमरे से बाहर आ जाता है मिनिता आईने के सामने खरी होके अपने होठो पे लिबिस्टिक लगाते हुवे - रोज आता है और मेरे लिबिस्टिक को चाट जाता है

अभय कोमल के पास आके - ओये बंदरिया मे जा रहा हु एक किस तो देदे

कोमल अभय के सामने खरी होके अभय को देख - दे दुगी लेकिन बंदरिया आज से नही कहेगा

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ठीक है किस के लिये मे कुछ भी कर सकता हु

कोमल - हा मुझे अच्छे से पता है


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कोमल अभय के होठो पे किस कर थोरा शर्मा के - अब बंदरिया मत बोलना समझ गया

अभय मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - मजा नही आया कुछ फिल नही हुवा गीली वाली किस्सी दे देती तो मजा आ जाये

तभी फिर एक लात अभय के गांड पे जोर से परती है

कोमल - बरा आया गीली किस्सी चाहिये कमीना बंदर

कोमल की लात खाने के बाद अभय लरखराते हुवे आगे जाके मैन गेट को पकर अपने आप को गिरने से बचा लेता है फिर पीछे कोमल को देख - कितनी बुरी है एक गीली किस तो मांगी थी

कोमल गुस्से से अभय की और भागती है अभय फुर घर की तरफ भाग निकलता है

मिनिता कोमल के पास आते हुवे - कियु बेचारे को मारती रहती है
कोमल मिनिता को देख - वाह आ गई बंदर के पक्च लेने वाली समझ नही आता आप अपनी बेटी की तरफ ना होके हमेसा उस बंदर का साथ देती है

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बंदर बहोत मस्ती करता है लेकिन दिल का बहोत अच्छा है

कोमल खाना बनाने बैठते हुवे - हा हा समझ गई

अभय घर की तरफ जाते हुवे अपने गांड को सेहलाते हुवे - लरकी होके उसकी किक मे बहोत धम है मेरे बम का धम निकाल देती है बहोत गुस्से वाली भी है लेकिन दिल की बहोत अच्छी भी है


अभय घर आके नहा के कमरे मे रेडी होने लगता है रेडी होने के बाद अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अलमारी मे कपड़े रख रही होती है अभय पीछे से जाके आसा के कमर को पकर लेता है आसा हैरान पीछे मूर अभय को देख मुस्कुरा देती है

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अभय आसा को अपनी तरफ घुमा के आखो मे देख - मेरी डार्लिंग मा आपके खूबसूरत मुस्कुराते चेहरे को देखता हु तो मेरा दिल खुशी से झूम जाता है ( आसा अभय को प्यार से होठो पे किस करते हुवे - और मुझे अपने लाला को देख खुशी मिलती है


अदिति अंदर आते हुवे अभय आसा को देख मुह लटका के - हो गया आप दोनो का तो चल के खाना खा लीजिये

आसा अभय एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है

आसा अभय बाहर आते है तीनो बैठ खाना खाने लगते है लेकिन अदिति चुप चाप मुह लटकाये खाना खा रही थी अभय अदिति को देख मुस्कुराते रेहता है आसा भी

खाना हो जाने के बाद अदिति कमरे मे जाके बिस्तर पे लेत जाती है अभय भी अदिति के कमरे मे आ जाता है


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - किया हुआ गुरिया इधर आओ उदास कियु है मुझसे नाराज हो

अदिति अभय को देखती है फिर अभय के पास आके खरी होके मुह लटका के - नही तो मे भला कियु नाराज होगी आपसे

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - तु मेरी जान है और तुझे मे नाराज दुखी नही देख सकता (अभय अपना चेहरा अदिति के चेहरे से सता के ) समझ गई गुरिया मेरी

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दोनो का सर नाक एक दूसरे से सता हुवा था सासे भी एक दूसरे से टकरा रही थी ( अदिति तेज सासे लेके - जानती हु भाई आप मुझसे बहोत प्यार करते है

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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देखता है अदिति भी अपने भाई के आखो मे देखती है अभय अपना होठ अदिति की तरफ ले जाने लगता है अदिति भी इसके लिये तैयार हो जाती है

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फिर दोनो के होठ एक दूसरे से मिल जाते है अदिति के रोये खरे हो जाते है दिल कुछ पल के लिये रुक जाता है ये एहसास अदिति के लिये नया लेकिन बहोत प्यारा खूबसूरत पल था दोनो भाई बेहन एक दूसरे को पकर एक दूसरे के होठ को मुह मे लेके चूस कर अलग हो जाते है

फ्रेच किस नही था बस थोरा ना लेकिन अदिति को यही चाहिये था कियुंकी अदिति को पता था आसा सब भाई को प्यार से किस देते है भाई किस करता है लेकिन उनके बीच नही होता इसी लिये अदिति उदास थी अदिति को लगा अभय अब उससे प्यार नही करता इस लिये नाराज थी और ये बात आसा अभय जानते थे

ये किस मे कोई हवस नही था सिर्फ प्यार था बाहर के लोगो के लिये ये अजीब होगा लेकिन अभय आसा की लिये प्यार दिखाने जताने का तरीका है इसी वजह से आसा अदिति अभय सब के बीच बाकी मा बेटे भाई बेहन से जायदा इसके बीच प्यार है

भले ही आगे कुछ और हो जाये फिल्हाल सिर्फ प्यार है

अपने भाई की तरफ से पहला प्यार वाला किस अदिति के अंदर खुशी की लहर ला देती है अभय अदिति को बाहों मे लेके - अब खुश
अदिति अभय को कस के पकर -बहोत खुश आप मेरे दिल की सब बाते समझ जाते है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यारी गुरिया है तू मेरी कैसे कैसे नही जानुगा

अभय - अच्छा अब मुझे कुछ काम करने जाना है
अदिति अलग होके मुस्कुराते हुवे - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - नाराजगी खतम हुई की नही तेरी गुरिया की
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरे होते हुवे कैसे नही होगी
आसा मुस्कुराते हुवे - ये भी सही कहा लाला
अभय - अच्छा मा मे काम से जा रहा हु
आसा - ठीक है बेटा

अभय विजय को फोन कर बुलाता है और दोनो साथ मे बाते करते हुवे अभय अपने ठिकाने पे पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो विजय आगे था

विजय तेज आवाज मे - बॉस आ रहे है

विजय की बात सुन अंदर अभी 53 लोग थे विजय अभय को देख सभी अपनी जगह मे सांत एक पीछे हाथ कर खरे हो जाते है

अभय जाके अपनी कुर्सी पे बैठ जाता है विजय अभय के पीछे पास हाथ पीछे किये सांत खरा हो जाता है एक राइट हैंड जो था अभय का


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अभय अपने बॉस वाले सिहासन पे बैठा हुआ था तभी अभय पास टेबल पे रखी गन देख उठा कर हाथो मे लेके देखने लगता

अभय फिर मारिया को देख - मारिया लरकियों का क्या हाल है
मारिया -बॉस जैसा आपने कहा था 12 राजी है बाकी नही
अभय - अच्छा कोई बात नही 12 जो राजी है उन्हें रेडी करो बाकी को अपने इक्छा से जो करना है करने दो

मारिया - जी बॉस

अभय गनटेबल पे रख सभी के सामने खरे होके सभी को देख - हम असेसन् है कुछ नियम कानून हमारे बीच होने चाहिये बाकी हम एक परिवार है तुम सब याद रखना तुम सब आज़ाद भी हो जिसको जब जाना हो जा सकता है दूसरा कोई भी मदद की जरूरत हो तो तुम सब मारिया विजय को बोलो अगर मुझसे मदद चाहिये तो तो भी मे करुगा अभी हमारे कई भाई बेहन यहा नही है लेकिन जल्दी ही आ जायेंगे
तो अपना काम अच्छे से करना कोई कुछ केहना चाहता है

सभी एक साथ तेज आवाज मे - बॉस हम आपके साथ है हर कदम पे मरते दम तक

अभय सभी को देखते हुवे - सुन कर अच्छा लगा लेकिन मे तुम सब मे से किसी को खोना नही चाहता इस लिये हम जो भी करेगे सावधानी से करेगे ठीक है अपने काम पे लग जाओ

अभय के कहते ही सभी अपने काम पे लग जाते है

मारिया सीधा आके अभय से चिपक जाती है
विजय गुस्से से - मारिया ये क्या हरकत है अपनी आदत बदलती कियु नही
मारिया विजय को देख - कैप्टन में किया करू बॉस को देखते ही अपने आप को रोक नही पाती

विजय - तुम पागल

अभय विजय को देखता है विजय चुप हो जाता है

अभय मारिया को दूर करते हुवे - मारिया जैक कभी आ रहा है
मारिया - जल्दी ही
अभय - अच्छा और हा मेरी सादी होने वाली है ये हरकत मेरी बीवी के सामने मत करना नही तो तुम या मे एक मरेगे
मारिया मुस्कुराते हुवे - तो बॉस को भी किसी से डर लगता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के आगे किसी की नही चलती

अभय विजय को देख - ठीक है आगे तुम देखो मे जा रहा हु
विजय - जी बॉस

अभय बाहर आके बाइक लेके मधु के घर आता है 1 बज गये थे

अभय सिला के कमरे मे जाता है सिला बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन टांगे पसारे मोटे उजले जान्धे फैले अंदर तक दिखाई दे रहे थे बस और थोरा उपर होता सारी पेटीकोट को अंदर का गुफा दिख जाता

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अभय सिला को इस तरह पहली बार देख रहा था अभय की नजरे सिर्फ सिला के मोटी उजले जन्धो मे और अंदर के होल को ही देख रही थी अभय को अजीब हलचल होती

अभय सिला के बिस्तर पे जाते लेत सिला को बाहों मे भर लेता है सिला हैरान सॉक जाती है अभय मे हु मा

सिला अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - शैतान डरा दिया तूने
अभय सिला के ऊपर आके आखो मे देख - पापा या मेरे अलावा कोन आपको ऐसे पकरता है
सिला सर्म से - हा ये तूने सही कहा

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अभय सिला के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत हॉट है
सिला सर्म से अभय को देख - ये तो रोज केहता है
अभय सिला के आखो मे देख - और हमेसा केहता रहुंगा
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा कहते रहना

अभय- गुरिया अपने कमरे मे है क्या
सिला - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - मा मुझे आपके ढोरी पे किस करना है
सिला सर्म से अभय को देख - कर ले ना तो


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अभय मुस्कुराते हुवे सिला के पेट से सारी हटा देता है सिला सर्म से तेज सासे लेना सुरु कर देती है अभय सिला के पेट ढोरी पे किस करता है तो सिला के मुह से सिसकिया निकल जाती है

अभय किस करने के बाद सिला को देख - मा आपकी कमर ढोरी बहोत खूबसूरत है
सिला शर्मा के - तू भी ना बेटा

अभय बिस्तर से नीचे खरा होके - मा गुरिया से मिल लेता हु
सिला सारी सही करते हुवे - ठीक है जा मिल ली

अभय मधु के कमरे मे आता है मधु खरी अभय का ही इंतज़ार कर रही थी कियुंकी मधु को पता था अभय मा से मिलने गया है

अभय मधु को देखता है तो हैरान हो जाता है कियुंकी मधु भी मुह फुलाये खरी अभय को देख रही थी

अभय मधु के पास जाके मुस्कुराते हुवे - गुरिया क्या बात है फुल कियु फुलाये हो
मधु अभय को देख - कियुंकी आप मुझसे जायदा प्यार नही करते
अभय हैरान - ये किसने कहा और तुम्हे ऐसा कियु लगता है

मधु बिस्तर पे बैठ - कियुंकी मेने दीदी से बाते की थोरि देर पहले और दीदी ने मुझे बताया

अभय को समझते देर नही लगती मधु ने क्या बताया और मधु कियु मुह फुलाये है

अभय मुस्कुराते हुवे मधु के पास जाके मधु को बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु के आखो मे देख - अच्छा मे समझ गया कियु कियु नाराज हो किस्सी चाहिये

मधु बच्चो जैसा मुह मना के - एक को मिलेगा दूसरे को नही तो ये गलत है ना

अभय मुस्कुराते हुवे - हा ये बात तो है

अभय मधु को देखता है मधु अभय को अभय फिर मधु के गुलाबी रसीले होठ को देखता है

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 अभय अपना होठ मधु के होठों की तरफ ले जाने लगता है मधु की सासे तेज होने लगती मधु बिस्तर पकर लेती है मधु को अजीब एहसास के साथ दिल धक कर रहा था मधु भी अपने होठ खोल देती है


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अभय मधु के ऊपर लेता मधु को पकर किस करने लगता है मधु अभय के होठ अपने होठ मे फिल करती है तो मधु का पूरा सरीर झन् करने लगता है पहला एहसास किस का मधु को आज मिल रहा था

अभय मधु के होठ मुह मे लेके छोटा किस करता है फिर अलग होके मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरी गुरिया खुश है ना
मधु अभय को बाहों मे कस - हा बहोत खुश हु

अभय मधु को देख -अच्छा बाबा अब मुझे जाना होगा ठीक है
मधु उदास होते हुवे - थोरि देर और रुक जाते है
अभय मधु के गाल सेहलाते हुवे - चिंता मत करो फिर जब आयुगा तो देर तक रुकुगा ठीक है
मधु खुश होते हुवे - तब तो ठीक है
अभय जाते हुवे - ठीक है चलाता हु

अभय घर की तरफ निकल परता है वही मधु अपने होठ को उंगली से छूटे हुवे सर्म से - अजीब लेकिन बहोत अच्छा एहसास था

अभय घर आता है आसा बिस्तर लेती हुई थी अभय आसा के पास बिस्तर पे लेत आसा को बाहों मे भर लेता है आसा भी अभय को बाहों मे लेके कस लेती है

आसा - सिला के पास गया था
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा

दोनो मा बेटे फिर सो जाते है साम 3 बजे उठ फिर सब काम पे लग जाते है मधु फिर कुछ काम से बाहर जाता है

अभय बाइक लिये जा रहा था तभी फिर अभय को नीतिका दिखाई देती है लेकिन इस बार सारी मे नीतिका खरी थी रोड साइड अभय नीतिका के पास बाइक रोकता है और नीतिका के पास जाके खरा हो जाता है


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अभय नीतिका को पहली बार सारी मे देखता है तो देखता ही रेह जाता है नीतिका सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय तो नीतिका को देखने मे खोया था लेकिन नीतिका अभय को देख हैरान होती लेकिन उसी के साथ अभय को ऐसे अपने आप को देखता देख अभय के कान पकर मोर देती है

अभय दर्द मे आउच

नीतिका अभय को देख -मुझे घूर कियु रहे थे हा
अभय कान सेहलाते हुवे नीतिका को देख - पहली बार आपको सारी मे देख कसम से आप बहोत खूबसूरत लग रही है इस लिये देखता रेह गया आपको

नीतिका को बहोत अच्छा लगता है लेकिन चेहरे पे दिखाती नही

नीतिका - अच्छा अच्छा जा कहा रहे हो
अभय - बस घूमने आया था आप कहा जा रही है
नीतिका - बाजार कुछ समान लेना है
अभय - चलिये ना मे छोर देता हु ना

अभय बाइक पे बैठ जाता है नीतिका भी बैठ जाती है और अभय के कंधे पे हाथ रख लेती है अभय को बाजार लेके आता है नीतिका बाइक से नीचे उतर जाती है और अभय को थैंक्स कहती है

अभय - कोई बात नही मैडम
नीतिका अभय को देख - मैडम नही ऑन्टी मे अभी दियुति पे नही हु और हा ( नीतिका मुस्कुराते हुवे) आज ब्रेक नही मारा कियुंकी मे सारी पेहन एक तरफ पैर कर बैठी थी इस लिये

अभय हैरान परेसान डरते हुवे - मैडम सोर्री ऑन्टी उस दिन मेने सच मे जान बुझ कर नही क्या सच्ची
नीतिका जाते मुस्कुराते हुवे- किसे पता बाय

अभय - हद है यार मेने कुछ क्या नही था उस दिन सच मे मेरा ध्यान कही और था खैर

अभय अपना काम कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता कोमल आये हुवे थे सभी बाते कर रहे थे अभय अपनी मा के गोद मे सर रख लेता हुआ था और आसा अभय का सर सेहला रही होती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी अभी देखो कितने आराम से सो रहा है लेकिन बीवी आयेगी तो उसके गोद मे सोयेगा

आसा हस्ते हुवे - बात तो तूने सही कही
अभय हैरान आसा को देख - किया मा आप को भी ऐसा लगता है
आसा हस्ते हुवे - कियु नही सोयेगा
कोमल ताना मारते हुवे - बीवी आयेगी तो घर से बाहर भी नही निकलेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया तु चूप रेह रही बात हा मे अपनी बीवी के गोद मे ऐसे ही सोयुगा

कोमल अदिति को देख - देखा तेरा भाई कैसे बदल गया अपना असली रूप दिखा दिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे अपने भाई पे भरोसा है आगे तो सुन लीजिये दीदी

अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया ने सही कहा हा मे सोयुगा वो मेरी बीवी है मे तो अदिति ऑन्टी आपके गोद मे भी सो सकता हु सब का प्यार अलग होता है मा का प्यार बीवी का प्यार बेहन का प्यार अपनी जगह है उसकी कोई जगह नही ले सकता दूसरी मा के साथ मेरा प्यार जो है वो वैसे ही रहेगा समझ गई बंदरिया

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे - मुझे पता था तेरा जवाब मे तो बस तुझे छेर रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही सब का प्यार अलग होता है उसकी जगह दूसरा कोई नही ले सकता

थोरि देर बाद अभय फिर कमरे मे चला जाता है

बाते होने के बाद मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता का इंतज़ार कर रहा था मिनिता को देख अभय मिनिता को पकर बाहों मे कस लेता है मिनिता सिसक् परती है

अभय मिनिता को देख - मेरी प्यारी ऑन्टी आपका सुक्रिया
मिनिता हैरान होके - वो कियु
अभय - इतना प्यार देने के लिये आप मुझे गीली किस्सी लेती है जबकि ये मुझे कोई नहीं देता बस मा ने एक बार दिया था

मिनिता अभय को देख थोरा सर्म से - बेटा मुझे भी अच्छा लगता है इस लिये गीली किस्सी देती हु तुझे अब तो मुझे भी आदत हो गई है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - कैसी आदत
मिनिता तेज सासे लेते हुवे - तुम्हारे जिब का रस पीने की
अभय - तो सुरु करे
मिनिता सर्म से - हा

अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी पुरे मजे से किस करने लगती है दोनो एक दूसरे का होठ कभी जिब मुह मे लेके चुसे जा रहे थे रस पिये जा रहे थे

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मिनिता मन मे - उफ कैसी आदत लगा दी है तूने बेटा अब तो रस पिये बगैर मे रेह नही पाती अब जब पी रही हु तो बहोत सुकून मजा मिल रहा है ( अभय मन मे - ऑन्टी पहले से ज्यादा ही मजे से मेरे जिब चूस लार पीती है लगता है बहोत मजा आता है पीने मे 2 मिनट बाद

मिनिता अभय को देख सर्म से - जाती हु कोमल रुकी होगी
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता फिर बाहर आके कोमल के साथ घर निकल जाती है

अभय अपनी मा के पास आ जाता है फिर रोज की तरफ मा के ऊपर लेत बाते करता है फिर किस कर गुड नाइट बोल अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और अभय के बाहों मे समा जाती है अभय अदिति को कस के पकर लेता है

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पकर - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख प्यार से - मेरे प्यारे भाई

अभय - अच्छा गुरिया सो जाओ गुड नाइट

अभय जाने लगता है तो अदिति का मुह लटक जाता है वही अभय रुक पीछे मूर अदिति के पास जाके चेहरे को पकर होठो पे किस करते हुवे मुस्कुरा के - अब खुश

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अदिति का चेहरा अब खिल जाता है अदिति - बहोत खुश यही तो चाहिये था मुझे लगा आप भूल गये
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे - ऐसा कैसे भूल जाऊ अब सो जाओ ठीक है
अदिति खुश खुशी - जी भाई गुड नाइट

अभय फिर बिस्तर पे आके लेत कर - कल बुआ को लेने जाना है और अगले दिन सादी की खरीदारी भी करनी है

तभी अभय का फोन बजता है फोन उठा के

अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो मेरी जान
दिशा - किया बोलू आपकी बहोत याद आ रही है
अभय मुस्कुराते हुवे - टांगों के बीच वाली
दिशा सर्म से - हद है फिर सुरु
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत तरप् रहा है मेरा नाग तेरी बिल मे जाने के लिये तुझे तो मुझे या मेरे नाग की कोई परवाह ही नही है

दिशा सर्म से - बहोत परवाह है प्यार है आपसे आपके नाग से भी लेकिन क्या करू मे सादी होके आउंगी तो आपका और आपके नाग का अच्छे से ख्याल रखुंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - कैसे ये भी बता दो
दिशा सर्म से - आपको पता है फिर भी
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी साली सासु मा किया कर रही है
दिशा - आपकी सासु मा सो गई है और आपकी साली जी होगी सास बहु वाला सीरियल देखेंने मे
अभय हस्ते हुवे - बिगर जायेगी साली जी फिर जाके ससुराल मे सासु से लरेगी
दिशा हस्ते हुवे - अब तो वोही जाने

ऐसे ही बाते करते है बिया बीवी 15 मिनट फिर फोन कट

फिर तुरंत काजल का फोन आ जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ डार्लिंग
काजल हस्ते हुवे - कर ली बात बीवी से
अभय मुस्कुराते हुवे - कर ली

असल मे अब काजल को पता था अभय कब अपनी बीवी से बात करता है
काजल - कल आ रहे हो ना
अभय - हा साम को आ जायुगा
काजल - नही दोपहर तक आना है तुझे फिर रात रुक सुबह निकलेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है 12 बजे तक आपके पास लेकिन मेरे साथ मेरी गिर्लफ्रेंड बन के घूमने चलना होगा मंजूर

काजल हैरान सर्म से - शैतान बुआ को गिर्लफ्रेंड बनायेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बन जायेगी तो मेरी किस्मत खुल जायेगी बोलिये किया कहती

काजल - बरा आया ये बता बाइक लेके आयेगा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी तो आप चिपक कर बैठेगी तो मजा आयेगा
काजल सर्म से - कितना शैतान है रे
अभय - कहा वही पीछे है आप
काजल - हा पीछे ही
अभय हस्ते हुवे - कल रात मे भी वही आपको बाहों मे लिये होऊगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - बुआ बताइये ना रात हम दोनो पीछे सोयेंगे मजा आयेगा
काजल शर्मा के - ठीक है सोयेंगे
अभय खुश होते हुवे - फिर गीली किस्सी भी तो लेनी है बहोत इंतज़ार किया लेकिन कल मुझे मिल जायेगा
काजल हस्ते हुवे - हा बाबा ले लेना जब से हा कहा है रोज गीली किस्सी के पीछे परा रहता है
अभय - अरे किस्मत वाले को बुआ की किसी मिलती है मुझे मिल रहा है तो कियु छोरु
काजल हस्ते हुवे - पागल

दोनो बुआ भांजे बाते करते है फिर गुड नाइट बोल सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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Game888

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chapter 19

जीत जीतू फोन पे बाते कर रहे होते है..

जीतू - यार आज बॉस के शादी फिक्स हो रही है मेरा दिल बहोत कर रहा था जाने का लेकिन बॉस ने रोक दिया

जीत - दिल तो मेरा भी कर रहा था जाने का ले लेकिन बॉस चाहते हो हम अपने लोगो के साथ वक़्त बिताये

जीत - बॉस बहोत अच्छे है सब के बारे मे सोचते है
जीतू -तुमने सही कहा मे तो जब सोचता हु बॉस नही आये होते तो हमारा क्या होता
जीत - मे भी सोचता हु लेकिन 4 साल जो हमने जुगारे साथ मे वो पल खतरनाक के साथ बहोत अच्छे पल भी थे जो मुझे bah याद आते है
जीतू - मे तो याद भी नही करना चाहता जहा हम रहे वो किया लेकिन बॉस के साथ बिताये पल याद आ जाते है

जीत - हा सही कहा खैर मे बहोत खुश हु भले ही हम बॉस की शादी तय नही देख पाये लेकिन बॉस ने कहा है शादी के कार्ड लेकर खुद हमारे घर आयेगे उस दिन का मुझे बेसबरी से इंतज़ार रहेगा

जीतू - सही कहा वैसे भी हमारे घर वाले उन से मिलना चाहते है muj तो कई बार केहते रेहते है कब आयेगा अभय
जीत - सेब भाई वही मेरे घर वाले भी बोलते रेहते है
जीतू - वैसे बॉस ने जो कहा वो सब काम चल रहा है ना
जीत - बॉस ने जो कहा वो मे कर रहा हु लेकिन तेरा क्या
जीतू - मेरा भी चल रहा है मुझे लगता है बॉस जल्दी हि फॉर्म मे आयेगे
जीत मुस्कुराते हुवे - सही कहा

जीत जीतू दोनो बाते करते रहेगे हम चलते है अभय के पास


आँगन मे सभी बैठे बाते करते हुवे पंडित जी का इंतज़ार कर रहे थे


तभी पंडित जी आ जाते है पंडित जी घर के अंदर कदम रखते है तो उन्होंने बहोत बुरी फिलिग आती है

पंडित जी मन मे - इस घर मे बुरी साया है

पंडित जी का नाम है रामा - उमर 35 साल बहोत हि ज्ञानी है

सभी की नजर पंडित जी पे जाती है तो सभी एकदम सांत हो जाते है

पंडित जी सभी को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है लगता है सभी मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे

काजल - पंडित जि ये भी पूछने कि बात है

पंडित जी के लिये बैठते का इंतजाम कर दिया गया था पंडित जी जाके पल्थी मार बैठ जाते है बाकी सभी पंडित के आगे चारो तरफ घेर बैठ जाते है

पंडित जी एक नजर सभी को देखते है फिर अपने थैले से कुंडली मिलान निकाल लेते है

पंडित जी - ठीक है लरका लरकी आके मेरे पास बैठ जाये


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पंडित जी की बात सुन अभय दिशा आके पंडित जी के सामने बैठे जाते है पंडित जी एक नजर अभय दिशा को देखते है

पंडित जी - ठीक है लरका लरकी के जन्म समय कब किस महीने साल मे हुवा बताये

सिला अभय के जन्म जिस दिन समय महीने साल मे हुवा बता देती है
तारा भी दिशा के जन्म दिन समय महीने साल बता देती है


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पंडित जी दोनो की बात सुनते है फिर जन्म कुंडली मिलान करने लगते है सभी की नजर पंडित जि पे टिकी हुई थी

अभय दिशा भी एक दूसरे को देख है और फिर पंडित जि को देखते है

आसा मन मे - उपर वाले मेरे बेटे बहु की जारी बना देना प्लेस ताकि दोनो पूरी जिंदगी एक साथ हसी खुशी बिताये

तारा मन मे - एक लास्ट हॉप दामाद जी हि है मे बस अपनी बेटी का घर बस्ता देखना चाहती हु उसे फिर से सुहागन देखना चाहती हु उपर वाले प्लेस सब अच्छे से हो जाये

10 मिनट तक पंडित जी अच्छे से दोनो की कुंडली मिलान करते है फिर दिशा को देख - बेटी अपना हाथ आगे करो

दिशा अपना हाथ आगे करती है पंडित जी दिशा के हाथ पकर दिशा के हाथो की लकीर देखते है फिर आखे बंद कर देते है 2 मिनट बाद पंडित जी दिशा के हाथ छोर देते है

पंडित अभय को देख - बेटा तुम अपना हाथ आगे करो
अभय अपना हाथ आगे करता है पंडित जि अभय के हाथो कि लकीर देख आखे बंद कर लेते है 4 मिनट बाद पंडित जी अभय का हाथ छोर देते है और एक गहरी सास लेते है

पंडित जी अभय दिशा को देख मन मे - बहोत कम ऐसा होता है की किसी की कुंडली इतनी आसानी अच्छे से मैच कर जाये ये केहना गलत नही होगा ये दोनो एक दूसरे के लिये हि बने है

पंडित जी दिशा को देख मन मे - उसके अंदर कोई बुराई ना किसी के लिये जलन गुस्सा भरा है यानी दिल कि बहोत साफ है

पंडित जी अभय को देख - इस लरके के अंदर सिर्फ अपने लोगो के लिये प्यार ही प्यार भरा है दिल का साफ मिलन सार मस्ती से जीने वाला लेकिन गलती से भी इस लरके के अपनो को कोई चोट पहुचाने कि कोसिस करेगा तो उसका हाल क्या होगा मुझे भी नही पता मुझे लगता है ये लरका उनका क्या हाल करेगा उसे खुद नही पता होगा

आसा पंडित जी को सोचो मे गुम देख - पंडित जी किया हुआ कुछ गर्बर् है क्या

पंडित जी होस मे आते हुवे आसा सभी को देख मुस्कुराते हुवे - नही कोई गर्बर नही बल्कि मे हैरान हु लरका लरकी के 36 के 36 गुण मिल रहे हो सच कहु तो दोनो एक दूसरे की लिये ही बने है

पंडित जी कि बात सुन सही को राहत मिलती है और बहोत खुश भी हो जाते है

पंडित जी आसा तारा को देख - तो बताइये शादी कब का फिक्स करू

तारा आसा को देख - बताइये ना
आसा मुस्कुराते हुवे अभय दिशा को देख - पंडित जी जो पेहला शुभ मुहूरत है वही दिन फिक्स कर दीजिये

पंडित जी - जैसा आप कहे

अभय दिशा के कान मे धीरे से - लगता है मेरी भाभी मेरी रानी जल्दी से बनने वाली है
दिशा अभय कि बात सुन शर्म से लाल हो जाती है

पंडित जी थोरि देर बाद सभी को देख - हा तो पेहला शुभ मुहूरत आज से 26 वे दिन का है बोलिये क्या केहते है

आसा मुस्कुराते हुवे - पंडित जि फिस्क कर दीजिये

पंडित जी मुस्कुराते हुवे - ठीक है आज से 26 दिन लरका लरकी कि शादी फिक्स होती है

पंडित जी कि बात सुन सभी खुशी से तालियां बजाने लगते है

पंडित जी आसा को देख - लेकिन एक जरूरी बात कहनी है

आसा हैरानी से - वो क्या है पंडित जी

पंडित जी - मे जब इस घर मे आया तो मुझे बुरी साया फिल हुवा यानी ये घर रेहने लायक नही है अगर आप इस घर मे रहती है तो कोई ना कोई घटना होती रहेगी

पंडित जी कि बात सुन सभी बहोत हैरान हो जाते है खास कर आसा

पंडित जी - मुझे लगता है इस घर मे पेहले हि कई घटना हो चुकी है

आसा को सुरु सी लेकर सब घटना याद आने लगता अपनी बेहन से लराइ रिस्ता टूट गया,पति छोर चला गया,देवर इज़त लूटने की कोसिस, अभय का किडनैप, विनय के साप् काटने से मौत, कुछ ना कुछ होता आया है सुरु से इस घर मे

आसा घबराते हुवे - पंडित जि आपका केहना बिल्कुल सही है लेकिन अब हम किया करे

पंडित जी - दो रास्ते है पेहला आपका बेटा नई लाइफ सुरु करने वाला है तो आप नये घर में करिये दूसरा मे इस घर को सुध कर दुगा बस कुछ दिन का समय लगेगा

आसा कुछ बोलने वाली होती है तभी अभय - पंडित जी सच ये है मेने पेहले से नये घर मे जाने का सोच रखा था बस समय का इंतज़ार कर राहा लेकिन जब आपने ये केह दिया हो तो हम नये घर में ही सिफ्ट हो जायेंगे

आसा अभय को देख - लेकिन बेटा
अभय बीच मे आसा को रोक - मे सब देख लुगा

अभय मन मे - मेने घर ले लिया है और वहा काम चालू है सभी आने वाले खतरों से लरने के लिये शादी तक सब काम पुरा हो जायेगा

पंडित जी - ये तो और अच्छी बात है

अभय दिशा की शादी फिक्स हो चुकी थी आज से 26 दिन

आसा तारा को देख मुस्कुराते हुवे दोनो गले मिलते है बाकी सभी दिशा अभय को बधाई देते है

अभय विजय पेहले नास्ता कराते है पंडित जी को फिर पैसे दे दिये जाते है उसके बाद बाकी सभी को नास्ता कराया जाता है


एक कमरे मे दिशा अदिति पूजा कोमल मधु के बीच बाते चल रही होती है

अदिति कोमल को देख - भइया भाभी का तो शादी तय हो गया आप कब कर रही है
कोमल अदिति को देख - एक बात बताओ तुम दोनो भाई मेरी शादी के पीछे कियु परे हो ये बताओ पेहले

दिशा हैरान से कोमल को देख - तुमहारे केहने का किया मतलब है कोमल
कोमल दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आया था आज सुबह आपका होने वाला पति और मेरी मा बुआ से मेरी शादी के बारे मे बात कर के गया है
मधु - लेकिन भाई के नजर मे कोई होगा आपके लायक तभी तो भाई ने बात सुरु की होगी

कोमल - हा तुमने सही कहा अभय का दोस्त है शादी मे आयेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - अब तो खुद मिल कर देख लेना वैसे मुझे यकीन है भाई मे आपके लिये कोई लरका चुना है तो अच्छा हि होगा

दिशा - मुझे लगता है जीत या जीतू ही होगे
पूजा - लेकिन दीदी आपको कैसे पता
दिशा मुस्कुराते हुवे - अरे पागल उन्होंने बताया था ना जब कैद मे थे तो उसके साथ जीत जीतू भी थे और उन्होंने मुझे दोनो के बारे मे बताया भी था
मधु - याद आया हा उन्होंने कहा था इसका मतलब दोनो में से एक ( कोमल को देख मुस्कुराते हुवे) दीदी का सइया बनेगा

कोमल मधु के कान पकर - अच्छा तो एक एक मेरा सइया बनेगा तो दूसरे को तुम बना लेना

मधु दर्द मे - दीदी छोरो दर्द हो रहा है
कोमल मधु का कान छोर देती है

मधु कान सेहलाते हुवे - मे तो अभी बच्ची हु आप लोग ही बना लेना सइया 1
मधु कि बात सुन सभी मधु के बरे बरे चुचे को देखने लगते है घूर घूर के मधु को जब एहसास होता है तो शर्म से चिल्लाते हुवे - छी आप सब कहा देख रही है

मधु की बात सुन सभी हसने लगते है

एक कमरे मे आसा काजल मिनिता तारा सिला बैठे थे

आसा तारा से - बात ये है शादी मन्दिर मे नही होगी बलकी मेरा लाल बारात लेकर जायेगा बहु को लाने लाला चाहता है घूम घाम से शादी करना

आसा की बात सुन तारा बहोत हैरान और घबरा भी जाती है

तारा घबराते हुवे - मे भी चाहती हु मेरी बेटी की शादी धूम धाम से करना लेकिन आप जानती है ना

आसा तारा को देख - मुझे पता है आप उसकी चिंता मत कीजिये मेरा लाला सब देख लेगा बस आप अपनी मा का फर्ज़ निभाइये

तारा - लेकिन मुझे अच्छा नही लग रहा दामाद जी सब सर्च उठा रहे है
सिला - मेरा बेटा जिसको अपना मान लेता है उसे दिल मे बसा कर रखता है और आप तो उसकी सासु मा है

मिनिता हस्ते हुवे - अरे हॉट सासु मा कहो
मिनिता कि बात सुन सिला शर्मा के - शर्म कीजिये कुछ भी बोलती है
काजल हस्ते हुवे - भाभी ने गलत नही कहा अभय तो हमे भी हॉट बोलता है कियु भाभी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - सही कहा
सिला - तो किया गलत कहा तुम सब हॉट और क्या बोलते है हा सेक्सी हो तो कहेगा हि

सिला की बात सुन सब शर्मा जाते है और जोर जोर से हसने लगते है

आसा तारा से - अच्छा तो सब समझ गई है दिन भी तय हो गया है तो अब आपको दिशा को लेकर जाना होगा
तारा - जी समझ गई

30 मिनट बाते करने के बाद : मिनिता काजल विजय कोमल भोला अपने घर चले जाते है

दिशा अपने कमरे मे समान पैक करने मे लग जाती है तभी अभय कमरे मे आता है और दिशा को पीछे से कमर मे हाथ दा पकर अपने से सता लेता है दिशा घबरा जाती है अचानक अभय के पकरने से लेकिन फिर अभय को देख सांत हो जाती है


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दिशा शर्मा के आपने तो मुझे डरा ही दिया था ( अभय - वो छोरो आपके बिना मे अब कैसे इतने दिन रहुंगा मेने तो सोचा था दुबारा आपकी ( तभी दिशा बीच मे - छी गंदे वैसे ही 26 दिन कोई जायदा नही है


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अभय दिशा के गर्दन मे किस करते हुवे - लेकिन मेरे लिये बहोत जायदा है
दिशा अभय के किस करने से सिसकिया लेते हुवे - ऐसा कियु
अभय - कियुंकी मेरा पेहली बार था दुबारा के लिये अब मुझे इंतज़ार करना परेगा

अभय दिशा को अपनी तरफ घुमा के दिशा के कमर को कस के पकर अपने से पूरा सता के दिशा के आखो मे देख - आपको देखता हु तो रुकना मुश्किल हो जाता है मेरा


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दिशा शर्म से नजरे नीचे कर - बस शादी तक इंतज़ार कीजिये फिर
अभय दिशा के होठो के पास अपने होठ ले जाते हुवे - फिर किया
दिशा की सासे तेज होने लगती है दिशा - फिर आपको अपने आप का रोकने की जरूरत नही परेगी

अभय दिशा की आखो मे देख - शादी के बाद मे अपने आप का रोकुगा भी नही ( ये केहते हुवे अभय दिशा को किस करने लगता है
दिशा भी अभय को पकर किस करने लगती है


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दोनो एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को बाहों में पकर एक दूसरे के जीब को मुह मे लेने चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट बाद दिशा सर्म से अभय को धक्का देखे कमरे से बाहर निकालते हुवे - अब जाइये

अभय को बाहर निकालने के बाद दिशा दरवाजा बंद कर लेती है और जोर जोर से सासे लेते हुवे शर्म से लाल - मेरे लिये भी ये 26 दिन बहोत बरा होने वाला है मेरे पति देव

अभय हैरान बाहर करे दरवाजे कि तरफ देख - अरे यार धक्के मार कर निकाल दिया ऐसा कोन करता है

( साम 4 बजे )

तारा पूजा दिशा जाने के लिये तैयार थे

तारा आसा को देख - तो अब हम चलते है
आसा तारा को गले लगाते हुवे - हम एक फैमली है और रहेगे ये मत भूलियेगा हम सब आपके साथ है आप चिंता मत करना आप अकेली नही है

तारा इमोसनल होते हुवे - मुझे पता है और ना मे भुलुगी
दोनो अलग होते है
आसा दिशा के पास जाके दिशा के गाल सेहलाते हुवे - मेरी बहु कुछ दिनों के लिये आपकी है लेकिन फिर मेरी हो जायेगी
तारा मुस्कुराते हुवे - जी बिल्कुल
दिशा आसा को गले लगाते हुवे - मम्मी जी मेरे ना रहने मे अपना ख्याल रखियेगा

दिशा अगल होके अदिति को देख - ननद रानी जब तक मे वापस आपकी भाभी बन कर नही आती आप को हि घर का काम करना है मम्मी जी को आराम करने देना

अदिति दिशा को गले लगते हुवे - आप चिंता मत कीजिये आपने जैसा कहा वैसा हि मे करुगी

अदिति फिर पूजा के गले लगते हुवे - मेरी भाभी का ख्याल रखना नही तो बहोत मारुगी तुझे
पूजा हस्ते हुवे - तुम भी मेरे जीजा जी का ख्याल रखना
अदिति हस्ते हुवे - वो खुद सब का ख्याल रखते है
दिशा मधु से - ननद रानी भाई का ख्याल रखना अच्छे से
मधु दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - जरूर रखुंगी जब आप आ जायेगी तो आप खुद रख लेना
दिशा मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
मधु हस्ते हुवे - हा जी
दिशा मधु गले मिलते है

सिला दिशा के पास जाके दिशा को देख - सच मे मेरी बहू बहोत हि खूबसूरत है
दिशा सर्माते हुवे - मम्मी जी आप भी अपना ख्याल रखियेगा
सिला मुस्कुराते हुवे - मेरा ख्याल रखने के लिये मेरा बेटा है तुम अपना ख्याल रखना
दिशा -जी

बाते हो जाती है अभय सभी बाहर आते है पूजा तारा पीछे बैठ जाते है और आगे दिशा अभय कार चालू करता है

आसा अदिति सिला मधु दिशा पूजा तारा सब एक दूसरे को देखते है और बाय बोल अभय कार लेकर निकल परता है 15 मिनट बाद अभय अपने ससुराल पहुँच जाता है

सारा समान अभय अंदर रख देता है दिशा का फिर सभी बाहर आ जाते है

तारा अभय के पास जाके अभय को देख इमोसनल होते हुवे

तारा - दामाद जी आपका सुक्रिया कैसे करू सब के लिये मेरी बेटी को अपनाने के लिये
अभय - सासु मा हम सब एक परिवार है और दिशा जैसी बीवी पाके मे बहोत खुश हु आप सब अपना ख्याल रखना और हा शादी की सब तैयारी मे देख लूंगा बाकी फोन पर बाते होती रहेगी

पूजा - जीजा जी ने केह दिया हमे अब कोई चिंता नही है
अभय पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - हा जरूर

तारा पूजा को देख - चलो पूजा बेटी अंदर कुछ काम करने है

पूजा अभय दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गई मा चलो

तारा पूजा अंदर चले जाते है तो दिशा नजरे नीचे किये खरी रहती है
अभय गारी से सता हुवा खरा था

अभय दिशा को देख - मेरी रानी अब आ भी जाओ बाहों मे
दिशा अभय की बात सुन जाके समाते हुवे अभय के बाहों मे समा जाती है और अभय को कस के पकर लेती है


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अभय दिशा को बाहों मे लिये - मेरी रानी फोन मे बाते करते रहेगे और मे छुपके छुपके मिलने आता रहुंगा ठीक है ना
दिशा शर्मा के धीरे से - ठीक है जी लेकिन


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अभय दिशा के चेहरे को पकर आखो मे देखता है दिशा अभय को देखती है फिर दोनो किस करते है
दिशा शर्मा के - अब जाइये
अभय - आई लोव यू मेरी रानी
दिशा अभय को देख - आई लोव यू मेरे राजा

अभय फिर गारी मे बैठ निकल परता है घर वही दिशा अभय को जाते हुवे देखने लगती है वही पूजा दरवाजे पे खरी दिशा को देख हस्ते हुवे - दीदी चले गये हो जीजा जी अंदर आ जाइये

पूजा कि आवाज बात सुन हैरानी से दिशा पीछे मूर पूजा को देख - किया तुम सब देख रही थी

पूजा मुस्कुराते हुवे - हा
दिशा गुस्से से - रुक अभी बताती हु बेशर्म ( दिशा केहते हुवे पूजा को पकरने भागती है पूजा डर के घर में चली जाती है


( अभय के घर )

कमरे मे अब सिर्फ सिला आसा हि थे

सिला आसा को देख - दीदी मे आपसे अभय के बारे मे कुछ पूछना चाहती हु

आसा सिला को देख - पूछो ना
सिला - दीदी आज मे रेडी हो रही थी तब अभय बेटा अंदर आ गया मेरी ढोरी

सिला बीच मे रोकते हुवे मुस्कुराते हुवे - आगे मे बताता हु फिर लाला तुम्हारी ढोरी को घूर कर देखने लगा होगा

सिला हैरानी से - हा ऐसा हि हुवा था
आसा - ठीक है बताती हु असल मे विनय अदिति से अभय बहोत मस्ती करने वाला बच्चा सुरु से रहा है जब मे सोई रहती थी तब कभी कभी मेरी सारी नीचे गिर जाती थी तो लाला आके मेरी ढोरी पे किस करता था चाटता था और पर पर की आवाजे मुह से निकालता था मुझे बहोत गुदगुदी होती थी लेकिन लाला को मजा आता था लाला की दूसरी आदत है मुझे खुद उसे जगाने जाना परता है तभी वो उठता है तीसरी उसे किस्सी भी चाहिये होता है ये सब लाला छोटा था तब से अब तक चलता आ रहा है

सिला हैरानी से - अच्छा ये बात है तभी अभय बेटा इतना मस्ती करता है मुझे हॉट भी बोलता है

आसा मुस्कुराते हुवे - हा लाला जिसे अपना मान लेता है दिल से उसे ही ऐसा बोलता है

सिला - दीदी मे देख सकती हु आप का अभय बेटा का रिस्ता इतना कियु प्यारा है सच मे अभय बेटा आपका लाला है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन अब तेरा भी बेटा है उसने तुझे भी तो मा माना है
सिला - हा और अभय बेटे को पाके बहोत खुश हु


अभय भी घर आ जाता है

अब बारी थी सिला जोगिनाथ के जाने की सभी आँगन मे खरे थे

जोगिनाथ आसा को देख - भाभी तो अब हमे जाना चाहिये
आसा - जी लेकिन शादी कुछ दिन पेहले ही सब को फिर आ जाना है
जोगिनाथ - ये भी केहने की बात है जरूर आऊगा अभय बेटे कि जो शादी है
आसा मधु से - गुरिया अपना ख्याल रखना वैसे तेरा भाई तो रोज मिलने जाता रहेगा
मधु - जी बरी मा भाई तो आते रहेगे नही आयेगे तो मे खुद आ जाउंगी
मधु कि बात सुन सब हसने लगते है
अदिति - आ जाना बना किसने किया है

बाते होती है और अभय सिला मधु जोगिनाथ को घर आ जाता है ठोरी देर रुकता है बाते करता है और घर आ जाता है

( रात 9 बजे )

खाना पीना होने के बाद अभय अपनी मा के कमरे मे जाता है दिशा सारी पेहले बिस्तर पे लेती हुई थी

अभय दिशा को देख - मा मुझे लगा आप बुल्लू नाइटी मे होगी
आसा हस्ते हुवे - कियु तुम्हे मुझे बुल्लू नाइटी मे देखना है

अभय आसा के पास बिस्तर पे लेट आसा को कस के बाहों मे भर आसा के आखो मे देख - मा मुझे तो आपको जीन्स लेहगा लेगिंस सूट सलवार सब मे देखना है
आसा हैरान से अभय को देख - किया लाला मे इस उमर मे ये सब पेहनुगी
अभय आसा को देख - मेने कहा था ना आप अभी बहोत जवान और खूबसूरत हॉट है आप जो पेहनोगी आपके उपर अच्छा हि लगेगा
आसा शर्म से लाल हो जाती है

दोनो मा बेटा एक दूसरे से पूरा चिपके हुवे एक दूसरे के आखो मे देख बाते कर रहे थे अभय को अपनी मा के करक टाइट बरे चुचे निपल अपने सीने मे दबे साफ मेहसूस हो रहे थे और अपनी मा के शरीर की गर्मी भी लेकिन अभय गलत नजर से मा को नही देख रहा था ना

आसा अभय को देख - लेकिन बेटा बाहर वाले देखेंगे तो किया चोगेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको सिर्फ मुझे पेहन कर दिखाना है बाहर नही जाना है बाहर आप सारी पेहन कर हि जाना मे नही चाहता कोई मेरी मा को देखे जीन्स सब मे

आसा हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है तुम तो मुझे मॉडल बनाना चाहते हो
अभय हस्ते हुवे - मा मॉडल को सभी देखते है लेकिन आप को मे ही सिर्फ देखुंगा मेरी हॉट मा
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बाबा लाला की इक्छा मे जरूर पूरी करुगी
अभय - मेरी प्यारी बेस्ट मा है
आसा हस्ते हुवे - मस्का मत मार


अभय- मा नाइटी पेहनो ना देखता है मुझे वैसे मुझे पता है आप बहोत सेक्सी लगेगी नाइटी मे
आसा शर्मा के - मुझे पता था लाला तु इसी लिये रेड बुल्लु नाइटी लेने के लिये कहा था ना ताकि तुम मुझे रेड बुल्लू नाइटी मे देख सको

अभय मुस्कुराते हुवे - हा आगे तो और रंग बिरंगे नाइटी लाउगा आपके लिये
आसा शर्मा के अभय को मारते हुवे - शैतान कही का

आसा - चल ठीक है मे नाइटी पेहन लेती हु
अभय आसा को छोर देता है और खरा होते हुवे - ठीक है आप चेंज कर दीजिये मे बाहर खरा रेहता हु

आसा - कोई जरूरत नही है यही खरा रेह
अभय मुस्कुराते हुवे - समझ गया सेक्सी मा

अभय आगे थोरा जाके एक जगह आखे बंद कर खरा हो जाता है अभय की नजर आगे थी आखे भी बंद थी


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आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे अपनी सारी निकालने लगती है और थोरि देर मे पूरी नंगी हो जाती आसा फिर बुल्लू नाइटी निकाल पेहन लेती है अंदर कोई बिकनी चड्डी नही पेहनी थी आसा मे रात को आसा ऐसे ही सोती है लेकिन दिन मे चड्डी बिकनी सब पहनती है


अभय सब बहोत छोटा था किसी चीज की समझ नही थी तब आसा अभय के सामने ही नंगी होकर कपड़े बदल लेती थी लेकिन जब अभय समझदार हुवा चीजे समझने लगा तक भी आसा अभय को बाहर जाने के लिये नही केहती थी बल्कि आगे जाके खरा होकर आखे बंद करने के लिये केहती थी वही आज आसा ने किया इसी लिये अभय हैरान नही हुवा और सीधा जाके आखे बंदकर खरा हो गया

आसा नाइटी पेहन चुकी थी

आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - लाला अबदे देख सकता है
आसा के केहने पे अभय पीछे मूर आखे खोल आसा को देखता है
आसा बुल्लू नाइटी मे बहोत ही हॉट सेक्सी लग रही थी आसा शर्मा भी रही थी


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अभय आसा के पास जाके उपर से नीचे तक अच्छे से देखता है फिर आसा की आखो मे देख - जैसा मेने कहा था आप बहोत हॉट सेक्सी लग रही है इस बुल्लू नाइटी मे
आसा शर्मा के - सच केह रहा है लाला


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अभय आसा के कमर मे दोनो हाथ डाल जोर से पकर अपने सीने से सता लेता है जिसके वजह से आसा के मुह से आह निकल जाती है


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अभय आसा के आखो मे देख - किया हुआ मा
आसा शर्मा के - कुछ नही
अभय आसा के लाल रसीले होठो को देख - मुझे किस्सी चाहिये
आसा अभय की आखो मे देख - पूछता कियु है जब दिल करे कर लेना

अभय मुस्कुराते हुवे अपना होठ अपनी मा के होठो के नजदिक ले जाने लगता है आसा अभय को देख शर्मा रही होती है फिर अभय अपना होठ अपनी मा के होठ से सता के हटा लेता है


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अभय आसा को देखता है आसा अभय को
अभय आसा को देख - गुड नाइट सेक्सी मा
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला
2 मिनट बाद

आसा अभय को देख प्यार से - छोरेगा मुझे या ऐसे ही पकरे रहेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आपको बाहों मे लेके मुझे सुकून मिलता है

अभय आसा को छोर - लेकर छोरना परेगा
आसा -अगर मेरा लाला चाहता है तो पकर ले फिर मुझे अपने बाहों मे
अभय आसा के गाल पे किस करते हुवे - आप मेरी मा है जब दिल करेगा बाहों मे भर लुगा
आसा मुस्कुराते हुवे - हा ये भी है
अभय - ठीक है मा सो जाइये गुड नाइट
आसा मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला

अभय बाहर आ जाता है और आसा बिस्तर पे लेत जाती है और मुस्कुराते हुवे मन मे - मेरे लाला का डिमांड बढ़ते जा रहा है इस उमर मे भी मुझे जीन्स सब पहनाने मे लगा हुवा है

अदिति कमरा

अभय अंदर जाता है अदिति नाइट गाउन मे बिस्तर पे लेती आखे बंद किये सो रही थी अदिति बहोत सेक्सी लग रही थी सोते हुवे


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अभय अदिति को सोता देख मुस्कुराते हुवे - लगता है आज गुरिया जल्दी सो गई है मुझे जाना चाहिये

अभय जाने लगता है तभी अदिति जल्दी से उठ कर अभय के पीछे से पकर लेती है अभय भी मुस्कुराते हुवे अदिति को अपनी तरफ घुमा बाहों मे भर लेता है

अदिति अभय के बाहों मे समाये - आपको पता था ना मे सोने का नाटक कर रही हु

अभय मुस्कुराते हुवे - हा पता
अभय अदिति को गोद मे उठा कर अदिति के आखो मे देख - मेरी प्यारी खूबसूरत गुरिया
अदिति अभय के आखो मे देख - मेरा हैंडसम भाई

अभय अदिति को बिस्तर पे लेता देता है और खुद लेत जाता है अदिति अभय के सीने पे सर रख लेती है


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अदिति - भाई पंडित जी ने कहा है इस घर मे बुरी साया है और आपके कहा हम नये घर मे जायेंगे
अभय अदिति को बाहों मे लेते हुवे - हा गुरिया मेने घर खरीद रखा है बस कुछ दिनों बाद हम नये घर मे रेहने चलेंगे

अदिति बहोत खुश होते हुवे अभय को देख - अच्छी लेकिन आपने कैसा घर लिया है मुझे भी बताइये ना भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - ना हम जब जायेंगे तब खुद देख लेना
अदिति - तो आप नही बतायेगे ठीक है इंतज़ार कर लुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - करना ही परेगा लेकिन तुम्हे घर बहोत पसंद आयेगा पक्का
अदिति मुह फुलाते हुवे -बता तो रहे नही और घर पसंद आयेगा केह रहे है
अभय हस्ते हुवे अदिति के गाल पे किस करते हुवे - सच्ची केह रहा हु

अभय मन मे - मेने तुमहरा कमरा मा अपना अच्छे से सजाने मे लगा हु जब तुम अपना कमरा देखोगी तो खुशी से नाच उठोगी

अभय - अच्छा गुरिया तुम सो जाओ मे जाता हु
अदिति अभय को देख - ठीक है भाई गुड नाइट
अभय खरा होकर अदिति को देख - गुड नाइट गुरिया

अभय कमरे से निकल अपने कमरे मे आ जाता है वही अदिति बिस्तर पे लेती मन मे - आपके बाहों मे जल्दी नींद आ जाती है लेकिन आपके बाहों बिना जल्दी नींद नही आती लेकिन मुझे भी समझना होगा

अदिति मुस्कुराते हुवे - पक्का भाभी से बात करेगे अकेले मे लेकिन मे आरोही से बात कर लेती हु

अदिति आरोही को फोन लगा देती है आरोही बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति का फोन देख उठा के

आरोही - याद आ गई अपने दोस्त की मुझे लगा भूल जाओगी फिर
अदिति - अरे नही यार ये बताओ क्या हो रहा है
आरोही - खाना खाने के बाद अभी पढाई कर सोने जा रही थी
अदिति - अच्छा सुन मेरे भाई की शादी तय हो गई है इस 29 तारीख को कार्ड तो मे खुद दुगी लेकिन मेने सोचा पता दु
आरोही - ये तो अच्छी बात है दिशा भाभी से तय हुई है ना
अदिति - तुम्हे बता तो है
आरोही - तुम ने हि तो बताया था अच्छा अदिति सच बता मेरे भाई से शादी करेगे या नही
अदिति - अरे यार बताया तो था फिर पीछे पर गई मेने कहा ना मे तुम्हारे भाई से प्यार नही करती अब चीजे बदल गई है
आरोही - सीधा बोल नही करनी है
अदिति - हा नही करनी मुझे गलत मत समझना
आरोही - कोई बात नही अच्छा मे रखती हु
अदिति - ठीक है
फोन कट

आरोही मन मे - तूने अच्छा नही क्या अदिति भाई आ गया तो क्या हुवा लेकिन इसकी किमत तुझे चुकानी परेगी

आरोही किसी को फोन करती है

आरोही - मे रेडी हु आपने जैसा कहा लेकिन मेरी एक सर्ट है
अंजान - हा बोलो
आरोही - अदिति के साथ पेहले मेरा भाई जी भर के मजे करेगा
अंजान - मंजूर है
आरोही - और एक बात आपने जितना वादा किया है याद रखना और हा उस कमीनी के भाई की शादी तय हो गई है
अंजान - कब है शादी
आरोही - इस 29 को
अंजान जोर जोर से हस्ते हुवे - तब तो मुझे उसकी शादी मे फटाका फोरना ही परेगा अभय यही नाम है ना उसका
आरोही - जी
अंजान हस्ते हुवे - उसकी जिंदगी मे जो भी प्यारा है उसे एक एक कर उससे छीन लुगा और सुरुवात उसकी शादी के दिन से करुगा
आरोही - आप किया करते है मुझे उससे कोई मतलब नही है अब वो मेरी दोस्त नही रही बस मुझे अब अमीरी की लाइफ जीनी है
अंजान - जरूर मेरी बात मानते जाओ बस लेकिन एक बात अभी उससे बात करती रेहना समझ गई
आरोही - मुस्कुराते हुवे समझ गई
अंजान - ठीक है रात को रेडी रेहना
आरोही - धीरे से ठीक है
फोन कट

अदिति कमरा

अदिति मन मे - प्यार होता तो करती उस समय मा भाभी तेरे केहने पे मेने तेरे भाई को सुना ना की प्यार की वजह से


अभय कमरा

आज अभय के आने के बाद पेहले बार अभय अकेले अपने कमरे मे बिस्तर पे लेता था

अभय - मा गुरिया के साथ मस्त नींद आती है लेकिन खैर मेरी रानी से बात कर लेता हु

अभय दिशा को फोन लगा देता है दिशा बिस्तर पे लेती फोन देखते हुवे - अब याद आई उनको मेरी

दिशा - मुझे लगा भूल गये मुझे
अभय - मेरी रानी ऐसा कियु बोल रही हो
दिशा - कियु ना बोलू कितने बज रहे है आपको पता भी है
अभय टाइम देख कर - हा 11 बज रहे है
दिशा गुस्से से - तो इतनी देरी कियु हुई
अभय - मेरी रानी गुस्सा कियु कर रही हो तुम्हे पता तो है मे मा गुरिया से बात करके ही सोने जाता हु तो समय लग जाता है

दिशा - ठीक ठीक है
अभय - मेरी रानी तुम चली गई रात को करने वाले थे लेकिन मा आ गई अब मे अकेले तरप् रहा हु

दिशा शर्मा के - छि गंदे इंतज़ार भी नही होता आपको
अभय - मेरी हालत तुम नही समझोगी मेरी रानी
दिशा शर्मा के मन मे - अच्छे से समझ रही हु सच ये है आपके साथ सब करने के बाद मुझे भी आपका वो छी छी

अभय - कुछ बोलो भी
दिशा - हा तो कुछ दिन की ही तो बात है
अभय - तुम ना जाने दो मुझे उसकी फोटो भेजो हिला कर सो जाउंगा

दिशा हैरानी से सर्म से लाल थोरा जोर से - गंदे गंदे गंदे सोचना भी मत
अभय उदास होते हुवे - लेकिन कियु
दिशा शर्मा के - बाबा आप जो केह रहे है मुझे अपने पति को भेजने मे कोई परोबलम नही है लेकिन मे नही चाहती आप वो करे कमजोर हो जायेंगे
अभय - हद हो गई ठीक है मत भेजो सेह लुगा रेह लुगा रोक लुगा
दिशा अपना सर पकर - प्लेस नाराज मत होइये आप चाहते है तो भेज देती हु लेकिन आप वो मत करना
अभय मजे लेते हुवे - पताओ कियु ना करू
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - पेहला वो करने से कमजोरी होती हो दूसरा मे नही चाहती आप वो ऐसे

दिशा सर्म से मन मे - हाय ये किया बोल रही हुई कैसे बोलू मे इनको

अभय मुस्कुराते हुवे - जैसा तुम कहो मुझे मेरी रानी की बात माननी तो परेगी गी
दिशा ये सुन हैरानी से - आप मान गये
अभय हस्ते हुवे - तुम मेरी बीवी हो तो कैसे मे तुम्हारी बात ना मानु
अभय की बात सुन दिशा को बहोत अच्छा लगता है खुश हो जाती है

दिशा शर्मा के धीरे से - किया आपको फोटो भेज दु
अभय मुस्कुराते हुवे - नही मेरी रानी हा ये सच हो दिल बहोत कर रहा हो लेकिन मे ऐसे हि हिला कर नही गिराना चाहता गिराउंगा तो तुम्हारे अंदर

दिशा सर्म से पानी पानी होते हुवे - आप बहोत गंदे है कितना गंदा बाते कर रहे है छी बेसर्म

दोनो के बीच 20 मिनट बाते होती है उसके बाद सो जाते है


( रात 12 बजे )

एक गारी आरोही के घर के सामने रोकती है आरोही आती है और अंदर गारी मे बैठ जाती है

( सुबह के 4 बजे )

वही गारी आरोही को छोरने आती है आरोही गारी सी उतर जाती है गारी तेजी से चली जाती है आरोही लंगराते हुवे टांगे फैला के घर के अंदर जाने लगती है चेहरे पे दर्द साफ दिख रहा था आरोही धीरे से अपने कमरे मे जाके दरवाजा बंद कर बिस्तर पे टांगे फैला के आखे बंद कर अदिति के घर से जाने के बाद तभी तक जो हुवा सोचने लगती है


आरोही दर्द भरी चेहरे के साथ अपनी मुठी कस मन मे - आरोही अगर तुम मेरे भाई के साथ शादी करने के लिये तैयार हो जाती तो सायद मे ऐसा नही करती (आरोही सैतानी चेहरा बनाते हुवे ) जब मेने अपना रास्ता चुन उसके उपर चल चुकी हु तो अपना सपना भी पुरा करुगी और तेरी नींद चैन छीन लुगी


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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