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Ashadaran aur amazing update
Good![]()
Nice update and awesome story
DIL ko " सुकून " mil gaya ...................... update padhkar ........................
excellent![]()
Dashing and thrilling update
Amazing and beautiful story![]()
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Wonderful and beautiful writing
Beautiful and brilliant writing.
नयी और अनुठी कहानी की हार्दिक हार्दिक बधाई भाई
आपकी अन्य कहानी तरहा ये कहानी धमाकेदार होगी
Kindly check new updates ...Awesome yrrr
Kya detailing k sath likhte ho story bhai.
Your choice of word too good![]()
Good updateUPDATE 003
सीने में हलचल है
धड़कन भी पागल है
हँसता है रोता है
दिल में कुछ होता है
ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव
ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव
टीवी पर गाना चल रहा था और मै भी गुनगुना रहा था और जैसे गाने की धुन अगले लिरिक्स पर आई मै चिल्लाने लगा
आई एम इन लव
आई एम इन लव
आई एम इन लव
आई एम इन लव
तभी एकदम से महसूस हुआ कि सब कुछ शांत शांत हो गया है , आंखे खोली तो चूतड़ के चार भाग गए
सामने देखा तो पापा , वो बाजार से आए थे ।
दांत तले जीभ दबाए मै दुबक लिया और किचन में मम्मी रोटियां बेल रही थी और मुझे देख कर बिना आवाज के खिलखिलाई और हंस कर मुझे देखा ।
मै मुस्कुराता हुआ उनकी ओर चला गया और किचन स्लैब पर उनके पास ही बैठ गया चूल्हे के बगल में
: क्या मम्मी , आप तो अपनी दोस्ती भूल जाती हो
: अब मैने क्या किया ?
: बताना चाहिए न मुखिया जी आ गए है
मम्मी मेरी बात पर फिर से अपनी हंसी दबाने की कोशिश करती हुई खिलखिलाई : धत्त पागल , मार खाएगा अभी तू , ऐसे बोलते है ।
: अच्छा सुनो न ( मैने झट से बात बदल दी )
: हा बोल ( वो रोटियां सेकती हू मुस्कुरा कर )
: इतनी साल से इस सादे टीवी के साथ हो ( अम्मी ने मुझे सीरियस होकर घूरा) मतलब इतने साल हो गए आपकी शादी को और आप पापा को थोड़ा तो रोमांटिक बना देते
मम्मी फिर से हंसने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं
: क्या हुआ बोलो न
: अरे वो भी है लेकिन चोरी छिपे करते है हाहाहाहा , अब बेटे से तो लिहाज करना पड़ेगा न
: हम्ममम मै सोच रहा हूं कि मेरा बेटा जब होगा तो मै उससे भी दोस्ती वाला रिश्ता रखूंगा
: अच्छा !!! ( मम्मी ताज्जुब करते हुए )
: हा नहीं तो जवानी पापा के चक्कर में और बुढ़ापा बेटे के चक्कर में सादे टीवी के जैसे कटेगी
: धत्त बदमाश , हट वहा से अब
मै कूद कर नीचे उतर गया और उनके बगल में उनको बर्तन खंगालते देखने लगा
: ओहो पापा को तो आपकी बिल्कुल भी फिकर नहीं है मम्मी
: अच्छा वो क्यों ?
: आखिरी बार आप पार्लर कब गई थी , ये देखो हाथ आपके कैसे रखे से हो गए है ।
: हट छोड़ न , काम करने दे भाई मुझे
: और ये फेस देखो ( मम्मी के गाल छू कर ) सर्दियां आ गई है कितना रुखा रुखा सा है ... अरे आइब्रो भी मोटे हो गए है
मम्मी हंसे जा रही थी
: अगले हफ्ते आपको बुआ के यहां जाना है तो आप मस्त एक VLCC मसाज कराओ , मेनिक्योर पेडीक्योर कराओ और बाल न इस बार स्ट्रेट करवाना ,मस्त दिखोगे
: इतना तैयार हो गई तो जा चुकी मै ( मम्मी हल्की सी बुदबुदाई और मै समझ गया )
: क्या ?
: पैसे कौन देगा ( मम्मी हस कर बोली )
: मेरा बाप ( मै खिलखिलाया )
: पता है इनसब के वो 6 से 7 हजार लेगी , वो पार्लर वाली ।
: गुल्लक फोड़ दो
: क्या ? ( मम्मी चौकी )
: गुल्लक ... ( आंखे थोड़ी बंद कर गर्दन हिलाया ) फोड़ दो ( फिर मुस्कराने लगा )
: सच में फोड़ दु , गुल्लक वो भी तेरा ( मम्मी को यकीन नहीं हो रहा था ) पक्का ??
: हा आपके लिए कुछ भी
मम्मी ब्लश करने लगी और बिना कुछ बोले काम करने लगी ।
मै भी धीरे से वहां से सरक कर सोफे पर बैठ गया और एक कान में ब्ल्यूटूथ नेकबैंड लगा कर मोबाइल चलाने लगा । कुछ ही देर में पापा भी कमरे से बाहर आ गए और न्यूज चैनल लगा दिया ।
मेरे मन भी अभी वो "आई एम इन लव" वाला गाना चल रहा था और तभी मेरी नजर टीवी स्क्रीन पर गई
07:57 बज गए
एकदम से मेरी बेचैनी बढ़ने लगी और इधर मम्मी खाना तैयार कर चुकी थी । सर्दियों में जल्दी खाना बन ही जाता था। जिसका डर था वही हुआ
ठीक 08 बजकर 01 मिनट पर
एक मैसेज का नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ
SUKOON![]()
: Call me
मै उठ कर बाहर जाने की सोच रहा था कि मम्मी बोल पड़ी : रोहन , हाथ धूल लो बेटा खाना परोस दी हूं ।
मेरी हालत खराब होने लगी और मै कुछ रिप्लाई करता या कुछ रिस्पांस देता उससे पहले जेब में मोबाइल घरघराने लगा , मैं झट से नेकबैंड से काल पिक कर दिया
"हाय हीही " ( कितनी खनक थी उसकी बातों में लेकिन असल के मेरी फटी हुई थी )
फिर मै सीधे किचन में और रोटियां आधी कर दी
: अरे क्यों खायेगा नहीं ( मम्मी चौक कर )
: नहीं मम्मी , भूख नहीं है ( अजीबा मुंह बना कर )
" ओहो लग रहा है किसी को भूख नहीं लग रही है , दिल भी बेचैन होगा उम्मम हाहाहाहा " , उसकी खिलखिलाती चुलबुली सी बातें मेरे कानो में ब्लूटूथ के जरिए जा रही थी और मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट थी ।
वही मम्मी मुझे देख कर हैरान थी और थोड़ी नाराज भी
: अच्छा सॉरी न ,खा लेता हु सब ( मम्मी के पास जाकर उनसे लिपटता हुआ )
: हट छोड़ मुझे, चिपकू कही का
मम्मी गुस्से से मुस्कुराती हुई पापा की थाली लेकर निकल गई
"ओह हाय चिपकू हीही ", उसकी आवाज एक बार फिर मेरे कान में आई ।
" यार आप भी न , अच्छा क्या कर रहे हो " , मै थोड़ा शर्माया और हल्के से बुदबुदाया।
" मै ? मै तो मेरे चिपकू से बात कर रही हूं " , वो बोली अपने वही शरारत भरे लहजे में ।
अगल ही तरह वाइब महसूस हो रही थी उसकी बातों से , इतना खुशदिल कभी महसूस नहीं हुआ । लग ही नहीं रहा था कि हमें मिले 24 घंटे भी नहीं हुए थे
" कैसे कर लेती हो ये "
" क्या ? "
" किसी को ये अहसास दिलाना कि वो तुम्हारे बिना रह ही न पाए "
" हाय मम्मी , धत्त इतना रोमांटिक सीईईई उफ्फ मुझे तो ठंडी में भी गर्मी लग रही है अह्ह्ह्ह फ़ूऊऊऊ " , फिर उसने अपनी अदा से मुझे छेड़ा और मै खुद से शर्म से गुलाबी होने लगा ।
" सच कहो न , कैसे कर लेते हो " , मैने सीरियस होकर पूछा ।
वो चुप सी हो गई लेकिन कुछ था जो उसके पास से आ रहा था फोन पर ही सही लेकिन मेरे दिल के पास एक अनजाना सा स्पर्श उसके साथ होने का ।
" पता है जब आपने मुझे स्टेज पर पकड़ा तो मैं तो ... " , बोलते हुए रुक गया मै
" इतना भी क्या डरना किसी से " , वो शांत होकर बोली जैसे वो खुद की धड़कने काबू कर रही हो ।
" हैलो , मिस्टर चिपकू , हैलो "
: तू यहां क्यों खा रहा है , चल बाहर
: नहीं मै .... ( मुंह के एक बड़ा सा आखिरी निवाला डाल हुआ ) खआआ चुका हूं
: अरे जाना है तुझे , इंसानों के जैसे नहीं खा सकता आराम से
मम्मी चिढ़ कर बोली और उधर उसकी हंसी मेरे कानो में खनकी
मै जल्दी जल्दी खा कर पानी पिया और निकल गया थोड़ा बाहर
"ऊहू , हा अब बोलो "
" बाहर आए हो न हाहाहा "
" नहीं तो " , मै थोड़ा ब्लश कर रहा था कि इसने मेरी चोरी कैसे पकड़ी ।
" चलो झूठे "
" जैसे अपने कमरे से बात कर रही हो , बड़ा ! "
" हा तो अपने कमरे में ही हूं , मस्त कम्बल में हिहीही "
"आह्ह्ह्ह पुरुष का जीवन बड़ा कठिन है मित्र " मै सोशल मीडिया पर घूमता हुआ एक वायरल मेमे बुदबुदाया ।
" क्या ? " , शायद वो समझी नहीं
" कुछ नहीं तब और बताओ "
" क्या बताऊं "
" कुछ भी क्या बताऊं "
" कुछ भी " , मै मुस्कुराया
" लेकिन क्या ? "
" वही बोल दो "
" क्या ? "
" जो स्टेज पर नहीं बोल पाई थी "
वो एकदम से फिर से चुप हो गई
" क्या हुआ , इतना भी क्या डरना किसी से " , मै उसके बात को दोहराया और उसकी फुसफुसाहट वाली हंसी मेरे कान में आई
" अच्छा मै बोल दूं "
" हा कहो न " , बड़े धैर्य से उसने कहा जैसे कितना कुछ सुनना चाहती हो मुझसे ।
" पता है आपको देखते ही मुझे वो हो गया था "
" क्या ? "
" वो .. " , मैने उसे जानबूझ कर तड़पाया
" क्या बोलो न "
मैने जवाब देने के बजाय के वो गाना जो कुछ देर पहले मैने टीवी पर सुनकर कर गुन गुना रहा था उसके शब्दों के बोल को सीटी की आवाज में गुनगुनाया ।
(ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव)
और उसकी हल्की सी शर्माने वाली हंसी की खनक मेरे कानो में आई ।
जागा हूं , सोया हूं
ख्वाबों में खोया हूं
तन्हा सा रहता हूं
खुद से कुछ कहता हूं
" गाओ न आगे , ऐसा लगता है जैसे "
" ऐसा लगता है जैसे आई एम इन लव , आई एम इन लव हीही हाहा" , उसने गाने के बोल पूरे करते हुए खिलखिलाई और मै अंदर से सिहर उठा ।
" सच्ची में " धड़कते दिल के साथ मै बोला ।
" हम्ममम " , शर्मा कर वो कुनमुनाई ।
" क्या हम्ममम , भैंस हो क्या ? "
" तुम भी कौन सा इंसान हो हाहाहाहा " , मै समझ गया कि वो मम्मी वाली बात पर मजे लेते हुए बोली है ।
: रोहन !!!!! अंदर आ जाता बेटा ( मम्मी ने आवाज दी )
"मत जाओ न , मर जाऊंगी " ( एक हंसी भरी खनक भी आई उसकी मेरे कानो में)
" ठीक है नहीं जाता "
" अरे नहीं पागल हो , जाओ मैसेज करती हूं न "
" नहीं "
" क्यों ? "
" पहले वो बोलो न "
" क्या ? " ,वो शर्मा रही थी
" वही "
मै सिहर उठा और धड़कने तेज होने लगी और जैसे उसने मुझे महसूस सा कर लिया हो
" फिर से हो रहा है क्या वो " , उसने थोड़ा डर कर पूछा
" हम्ममम बहुत तेज "
" मै हूं ना , आंखे बंद करो और देखो मै सामने ही तो हूं "
मैने लंबी लंबी सांसे ली
" डर लगा रहा है " , बेचैन और कांपते है मै बोला
" श्शश्श आई लव यू " , फाइनली उसने बोल दिया फुसफुसा कर
एकदम से मेरे भीतर एक उमंग सी उठी और मै खुश हो गया
" क्या बोली "
" कुछ नहीं , हीही " , वो खिलखिलाई
" अह्ह्ह्ह देखो फिर से हो रहा है " , मैने मस्ती की
" चलो झूठे , मुझे फील हो जाता है "
" सच में " मैने हल्का होकर कहा
" हम्म्म, पता नहीं पर हो जाता है " , वो थम सी गई थी ।
मै उसके बारे में सोच रहा था और फिर से मेरी धड़कने बढ़ने लगी
" देखो फिर हो रहा है , मत सोचो न इतना " , वो फिकर से बोली ।
" अच्छा ठीक है , मुझे जाना होगा पापा भी बाहर आए है "
" ठीक है बाय , गुड नाइट "
" बस गुड नाइट ? " , मै हैरत भरे लहजे में कहा ।
" आगे खुद बोल दो "
" लव यू & स्वीट ड्रीम्स " , मैने बड़े प्यार से कहा ।
" सेम टू यू , हाहा , बॉय " , और उसने फोन काट दिया इससे पहले मै कुछ रिप्लाई करता ।
लेकिन दिल खुश था और मेरी मुस्कान सिकुड़ गई जब एकदम से सामने पापा आ गए
: क्या भाई कुमार शानू हो गया , सोना नहीं है ( पापा ने मुझे मेरे गाना गुनगुनाने के लिए ताना मारा )
: जा रहा हूं पापा ( मै चुप चाप दांत दबाए अंदर जा रहा था )
: प्रयागराज कब जाना है , टिकट हो गई है ? ( उन्होंने पूछा )
: कल दोपहर की ट्रेन है पापा
: ठीक है जाओ , सो जाओ ( वो टूथपिक से अपना दांत साफ करते हुए बोले और टहलते हुए पास के एक ग्रुप में चले गए जो अलाव जला कर सेक ले रहे थे सर्दी में )
मै वापस अपने कमरे में आया और लेट गया फेल कर
चेहरे पर सुकून भरी मुस्कुराहट और मैने मोबाइल निकालकर उसके फोटो को ओपन करके देखने लगा
प्यारी सी मुस्कुराहट लिए चांद सी महबूबा
फोटो पर किस करके और मोबाइल को अपने दिल के पास रख कर मै सो गया ।
अगली सुबह
मोबाइल पर अलार्म बजा और मै अंगड़ाई लेता हुआ , उबासी खाता हुआ उठ गया
मोबाइल बंद किया तो देखा 07 बजे है लेकिन स्क्रीन पर एक GOOD MORNING के मैसेज का नोटिफिकेशन पड़ा था । सुबह 06.00 बजे के ।
दिन बन गया हो जैसे , मुस्कुरा कर मैने भी मॉर्निंग का रिप्लाई दिया और वो तो जैसे हाथों में मोबाइल लिए बैठी हो
: Kaise ho , Nind aai ? ( उसका रिप्लाई आया )
सोच कर फट गई कही ये रात भर जाग तो नहीं रही थी मेरे लिए
: Achcha nhi hun
: Kyo ?
: Ladai ho gayi raat me pata hai
: Kya ? Kisse ?
: Mera aur mere dil ka , mujhe Sona tha aur usko apki yaad a rhi thi
: Achchaphir
: Phir kya , Mujhe bhi sari raat jagaaya aur bola mobile wali foto mere pas rakh
Do , Jb maine aapki foto dil ke pas rakh di to wo soya ..
:Pagal ho aap dono ,
( पहला चुम्बन आया ये उसकी ओर से )
: Bas mujhe hi diya , dil ko bhi chahiye nhi to ladega mujhse
: Maine usko hi diya h apko kyo du
: Bhkkk do n
: Nahi , Jo mujhe yad karega usi ko milega
: Mujhe bhi to aa rahi hai yaad
:( फिर आया उसका एक चुम्बन)
:( और बदले में मैने बीसियों भेज दिए)
: Pagal, chalo bye mujhe collage Jana hai ... Shaam ko baat hogi .
: ok , tc , love you
: s2u
चुलबुली फिर मुझे तड़पा कर चली गई ।
फिर मै नहा धो कर तैयार हुआ
खाना पीना होकर सब पैकिंग करके चला गया स्टेशन और ट्रेन पकड़ कर प्रयाग राज
भोपाल प्रयागराज सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 01 बजे बैठा और 4 बजे उसने मुझे उतार दिया ।
इस दौरान उसके एक दो फुटकर मैसेज आए
02.30 बजे वो कालेज से छूटी
03 बजे वो घर आई
04 बजे से वो कोचिंग क्लास के लिए निकल गई
करीब एक घंटे की ट्रैफिक की मशक्कत के बाद मै पहुंचा अपने रूम पर
जो था तेलियरगंज में, मेरे टाऊन जैसी वाइब थी । यहां प्रयागराज में तैयारी करने वाले छात्रों की भीड़ थी और छात्राओं की भी
सीढ़ियों से ऊपर आते ही बालकानी से लगे कमरे का ताला खोल रहा था कि मेरी नजर सामने फील्ड के दूसरी तरफ बने एक गर्ल हॉस्टल पर गई ।
यहां मौसम कोई भी हो ये चीज है जो प्रयागराज में कभी नहीं बदलती : लड़कियां दोनों टाइम नहाकर तौलिया सुखाते हुए देख लेंगे आप और लौंडे सर्दियों के हफ्ते बीत जाए
खैर मैने अपना कमरा खोला और साफ सफाई करनी थी हालत खराब थी और ये सब कम था कि वो आ गई
" हाय रोहन "
कभी कभी आप महसूस करते है कि लाइफ आपके जीवन को बैलेंस रखने के लिए मिठास के साथ कुछ कड़वा भी अनुभव देती थी लेकिन ये आने वाला शख्स .....
आप खुद समझ जाएंगे , जब मिलेंगे
जारी रहेगी











Congratulations Bhai for new story hope so aap jaldi update de kr sub arambha karenge
पहला अध्याय कब तक आएगा?
dear![]()
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नई कहानी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
आशा है की आपकी पिछली दो कहानियों की तरह ये भी पूरा मज़ा देगी।![]()
Dear agar hinglish ma likho tu bohat se log Jo Hindi nai read ker sakty Hain wo bhi read comment suggestions de sakty hain
Nice start bhai
Shuruaat Romanchak. Pratiksha agle rasrad update ki
Jabardast
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Awesome start
Very nice start. Please write in hinglish
Bro please give update on main story
Ashadaran aur amazing update
Good![]()
Nice update and awesome story
Dashing and thrilling update
Amazing and beautiful story![]()
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Wonderful and beautiful writing
Beautiful and brilliant writing.
नयी और अनुठी कहानी की हार्दिक हार्दिक बधाई भाई
आपकी अन्य कहानी तरहा ये कहानी धमाकेदार होगी
good
Mast jabardast story hai bhai waiting for next update
इन दिनों कहानी पर रेगुलर अपडेट पोस्ट किया जा रहा हैAmazing