GURUOO7
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 31
सुबह होते ही काजल की नींद खुलती है काजल अपने आप को अभय के बाहों मे पूरी चिपके हुवे पाती है काजल देखती है उसका एक पैर अभय के ऊपर है सिन कुछ ऐसा था काजल के चूचे पूरा बदन यहा तक की काजल की चुत भी आयन के लंड से चिपकी हुई थी सुबह लरको का लंड खरा रेहता है लेकिन यहा तो दो रीजन थे पहला काजल की चुत की गर्मी अभय के लंड को मिल रही थी दूसरा तो नॉर्मल सुबह खरा रेहता ही है लेकिन इस बार काजल को अभय का लंड फिल होता है अपनी चुत मे तो काजल के रोम रोम काप् जाते है और सर्म से पानी पानी हो जाती है
बात ये थी अभय बेचारा तो सोया था लेकिन लिये अपने लंड पे उसका कंट्रोल रही था नही तो आयन ऐसा होने नही देता खैर काजल को रात कांड भी याद आता है तो सासे तेज हो जाती है
काजल अभय को देख मन मे - रात जो हुआ पता नही कैसे सब हुआ दूसरी अभय बेटा के बाहों मे सोने से मुझे अच्छी नींद और सुकून मिला मुझे समझ नही आ रहा सब क्या है
काजल अपने आप को अभय के बाहों से आजाद होके खरी होती है फिर अपने सुबह के काम पे लग जाती है
सुबह के 9 बज गये थे लेकिन अभय मजे से सोने मे लगा था काजल रेडी होने के बाद अभय को जगाने आती है
काजल अभय के सर को सेहलाते हुवे - अभय बेटा उठ जा सुबह के 9 बज गये है कब तक सोयेगा
काजल की मिठी आवाज अभय के कान मे जाती है तो अभय अपनी आखे खोलता है और सामने देखता है काजल को जिसे देख फिर अभय के अंदर कुछ होने लगता है
काजल पीली सारी पीली ब्लाउस के कयामत लग रही थी लेकिन अभय की नजर को अपनी बुआ के ब्लाउस मे कसे बरे चूचे और दो चूचे के बीच दरार मे ठीकी हुई थी ( अभय मन मे उफ बुआ एक दिन मेरी जान लेके रहेगी
काजल अभय की नजर को देख समझ जाती है अभय क्या देखने मे खोया है तो काजल सर्म से लाल हो जाती है
अभय बिस्तर से खरा होके काजल के पास जाता है और बाहों मे भर किस करना सुरु कर देता है काजल हैरान हुई अचानक से अभय को किस करता देख लेकिन काजल कुछ ना कहती है ना रोकती
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काजल खुद अभय का साथ देती है दोनो बुआ भतीजे सुबह सुबह का नास्ता होठो की रस मलाई से करना सुरु कर देते है 2 मिनट तक दोनो कोई कसर नही छोरते और जी भर के एक दूसरे का रस पीते है
अभय फिर किस तोर जल्दी से काजल के सीने से सारी हटा के काजल को बिस्तर पे बैठा के कमर पकर् काजल के गर्दन पे किस करना सुरु कर देता है काजल के मुह से सिसकिया निकलने लगती है अभय काजल के मुलायम कमर को पकरे किस कर रहा था वही काजल के बरे चूचे ब्लाउस मे कैद बाहर झाक रहे थे काजल के कमर चूचे हाय देखने मे क्या लग रहा थे
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काजल कापते होठो से अभय बेटा मत कर अभी रेडी होके आई हु दूसरा कोई आ जायेगा उफ प्लेस रोक जा ना ( अभय गर्दन पे किस करते हुवे - बुआ बस एक मिनट प्यार करने दीजिये ( काजल बरी मुश्किल से अपने आप को काबू किये हुवे रहती है
अभय काजल को बिस्तर पे लेता कर बरे दोनो चूचे ब्लाउस के ऊपर से ही दबाने लगता है और अपना मुह चूचे पे लगा देता है ये हमला काजल सेह नही पाती पूरा सरीर काप् जाता है और तेज सिसकिया तेज सासे लेने लगती है काजल अभय को दूर करते हुवे कापति आवाज मे बस बहोत हो गया
काजल अभय को दूर कर जल्दी से सारी सही बाल सही कर अभय को देख जाके नहा के तैयार हो जा
अभय अब होस मे आता है और सर्म से नजरे नीचे कर - जी बुआ
अभय चला जाता है और काजल बिस्तर पे बैठ तेज सासे लेते हुवे मन मे - ये लरका बहोत बिगर गया है कही भी कभी भी सुरु हो जाता है
अभय खेत से आके नहा के रेडी होता है ममता खाना निकाल अभय को देती है अभय बैठ खाना खाने लगता है ममता बैठी अपनी बेटी को लिये हुवे थी
ममता - तो अभी निकले गे या साम को
अभय ममता को देख - भाभी अभी ही निकलना होगा आपको पता ही ना अब कुछ दिन ही बचे है बहोत तैयार करनी बाकी है
ममता - हा बात तो सही कही आपने
अभय - वो तो है लेकिन आपको भाई फूफा सब को सादी से 2 दिन पहले आ जाना है जैसे भी हो
ममता मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आ जाउंगी भला देवर जी की सादी मे कैसे मिस कर सकती हु
अभय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात
अभय का खाना पीना हो जाता है
अभय ममता के पास आके सत् के बैठ - भाभी फिर एक गीली किस्सी मिलेगी क्या
ममता अभय को देख सर्म से - देवर जी आपका हक नही है फिर भी एक बार आपको मेने दी लेकिन बार बार गलत है
तभी काजल अंदर आते हुवे - अभय बेटा खाना खा लिया तूने
अभय खरा होते हुवे - जी बुआ अब हमे निकलना चाहिये
काजल - हा मे भी रेडी हु ( काजल ममता को देख) बहु मे जा रही हु अपना बच्चे घर और सब का ख्याल रखना
ममता - जी मम्मी जी आप चिंता मत कीजिये
काजल -ठीक है चले बेटा
अभय ममता को देखता है फफिर- जी बुआ
अभय बैग लेके बाइक के आगे अच्छे से रख देता है फिर बाइक निकाल बैठ चालू करता है काजल भी बैठ जाती है ममता पास ही खरी थी
काजल ममता को देख - अच्छा बहु हम जाते है साम को फोन करुगी
ममता अभय को देखती है जो कान पकर इसारे से माफी मांग रहा था
ममाता - जी मम्मी जी आप आराम से जाये
काजल - ठीक है फिर चलो बेटा
अभय ममता को देख - भाभी अपना ख्याल रखना
ममता मुस्कुराते हुवे - आप अपना भी ख्याल रखना और फोन करते रहिये गा
अभय मुस्कुराते हुवे - जी जरूर
फिर अभय निकल परता है काजल पीछे एक तरफ पैर किये एक हाथ अभय के कंधे रखी बैठी थी काजल को अजीब खुशी एहसास फिल हो रहा था बाइक पे अभय के साथ जाने मे बैठने मे और सफर का मजा लेने मे
5 मिनट हो जाते है घर से निकले लेकिन अभय एक शब्द भी नही बोलता काजल अभय को बात ना करता देख समझते देर नही लगती अभय कियु बात नही कर रहा और कियु रूठा हुआ है
काजल अपनी बरी गांड को खिसका कर अभय से टच कर सत् जाती है अभय का लंड एक झकता मारता है कियुंकी औरत के गांड जान्धे बाकी सरीर से बहोत गर्म रहते है हमेसा और अभय को काजल के सरीर की गर्मी तो फिल हो ही रही थी लेकिन गांड की गर्मी बहोत जायदा फिल हो रही थी
काजल मुस्कुराते हुवे - मेरा भतीजा कियु रूठा हुआ इस लिये तो नही कियुंकी मेने सारी पहनी है सूट नही पहना
अभय रूठे आवाज मे - आपको जब पता था फिर फिर भी
काजल - माफ कर से ना बात ये है बेटे मे जायदा तर सारी पहनती हु आते समय तेरे कहने पे सूट पहना था जाते सुबह सारी पहनी थी फिर अगर सूट पेहन लेती तो बहु को अजीब लगता इस लिये समझ ना
अभय - अच्छा ठीक है लेकिन सफर का मजा खराब हो गया मेरा
काजल मुस्कुराते हुवे - उसके लिये माफी
काजल को पता नही क्या सूझता है थोरा घूम अपने चूचे आयन के पीछे कस के दबा देती है अभय बेचरा एकदम से हैरान हो जाता है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे चूचे को फिल कर मजे लेता है
काजल फिर सीधा होके बैठ जाती है और सर्म से लाल हुवे थी
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ आप बहोत अच्छी है और आपके बरे मुलायम चूचे भी
काजल अभय के पीट पर मारते हुवे शर्मा के - कितना गंदा बोलता है
अभय हस्ते हुवे - सच ही तो कहा वैसे बुआ सच मे आपके चूचे बहोत बरे बोल टाइट है मे हैरान हु इस उमर मे भी आप फिट है
काजल और सर्म से पानी पानी हो जाती है
काजल सर्म से - बस कर अजीब लग रहा है
अभय के घर
मिनीता आसा कमरे मे बाते कर रहे थे
मिनीता - दीदी मुझे लगता है अभय ननद जी घर से निकल गये होगे
आसा - हा रे निकल गये है लाला ने फोन कर बताया था
मिनीता हस्ते हुवे - ऐसा ना हो आपका लाला ननद जी को किस करता हुआ लेत आये
आसा हस्ते हुवे - ये तो वो दोनो ही जाने लेकिन जहा तक मुझे पता है लाला किस बिना रहा तो नही होगा
मिनीता हस्ते हुवे - दीदी ये भी कोई कहने की बात है अभय बेटा बिना किस के रहे हो नही सकता
आसा मुस्कुराते हुवे - हा वैसे भी ननद जी बहोत अच्छी है अभय को प्यार भी बहोत करती है
मिनीता - आपने बात तो सही कही लेकिन हम भी अभय बेटे से बहोत प्यार करते है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा जानती हु किस्मत वाला है मेरा लाला जिसे तुम लोगो का प्यार मिलता है
मिनीता - ऐसी बात नही है दीदी वो है की कितना अच्छा कोई भी उससे घुल मिल जाता है
आसा - हा ये तो है
अदिति अंदर आते हुवे - मा भाई को फोन करू निकले की नही
मिनीता अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - कियु एक दिन भी भाई के बिना नही रहा जाता क्या
अदिति आसा के पास बैठ मुस्कुराते हुवे - एक दिन बहोत है एक पल भी भाई को देखे बगैर रेह नही पाती लेकिन क्या करू हमेसा मेरे नजरो के सामने रेह तो नही सकते ना
मिनीता मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऐसी बात है लेकिन जब तेरी सादी होगी फिर मा भाई भाभी को छोर कर जाउंगी तो कैसे रहोगी
मिनीता कि बात अदिति के दिल मे हचल मिठा दर्द पैदा कर देती है लेकिन अदिति इस फीलिंग दर्द को समझ नही पाती
अदिति मिनीता को देख मुस्कुराते हुवे - मे सादी नही करुगी अगर मा भाई ने फोर्स किया तो घर जमाई लेके आउंगी
अदिति मन मे - घण्टा भाई को छोर जाउंगी ही नही सादी बिना भी जिंदगी जी जा सकती है
मिनीता हस्ते हुवे - हा ये हो सकता है घर जमाई ला सकती हो लेकिन सादी करनी ही परेगी कियु दीदी
आसा अदिति को देख - मेरी बच्ची जो चाहेगी वही होगा मे अपनी लाडली को किसी चीज के लिये दबाव नही डाल सकती
अदिति आसा के गले लगते हुवे - मेरी प्यारी अच्छी मा
मिनीता सब देख - दीदी मे समझ रही हु आपके सब के बीच कियु इतना गहरा प्यार है आपने सब को प्यार से पाला है और किसी चीज के लिये फोर्स कभी नही क्या ना कोई बातो पे किसी को डाटा है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा सही कहा बच्चे मेरी जान है मे कैसे अपने बचें पे गुस्सा कर सकती हु मारना तो दूर की बात है
मिनीता - मेरे भी दो बच्चे है लेकिन सब अपने मे लगे रहते है लेकिन आपका लाडला है जो आपसे चिपका रहता है
आसा मुस्कुरा देती है
दिशा के घर - एक कमरे मे
पूजा गुस्से से - दीदी इस बार जब भी जीजा जी आयेगे देखना अपना बदला लेके रहूगी मेरे बम का दम निकाल दिया मार के ऐसा कोई करता है क्या
दिशा जोर जोर से हस्ते हुवे - मेरी छोटी बेहना मुझे लगता है तुम जान बुझ कर उनसे लरने जाती हो जब भी मुझसे मिलने आते है तुम टपक परती हो तो गुस्सा आ जाता है
पूजा मुह बनाते हुवे - मे कियु लरने जाऊ भला पता नही ठरकी जीजा से आपको इतना प्यार कियु है
दिशा पूजा को देख - सच पता तुझे जीजा अच्छे लगते है या बुरे
पूजा दिशा को देख - बहोत बुरे ठरकी लगते नही है दीदी
दिशा - अच्छा अगर ऐसा है तो तुम कहोगी तो मे इस सादी को तोर देती हु
पूजा हैरान दिशा को देख - अरे दीदी सादी तोरने की क्या जरूरत है ठरकी है लेकिन थोरा अच्छे भी है
दिशा पूजा को देख मन मे - पागल दिखाती है जैसे उनको पसंद नही करती लेकिन अंदर मे बहोत पसंद करती है
नोट - पसंद प्यार वाला नही एक अच्छे इंसान वाला पसंद
मधु सिला - खेत मे
सिला घास काट रही थी मधु बैठी हुई थी
सिला मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आज भाई नही आने वाला था इस लिये मेरे साथ आ गई है ना
मधु मुस्कुराते हुवे - आपने सही कहा बुआ को लेके आ रहे है तो 11 या 12 बज ही जायेंगे ऐसे मे साम को ही मिलने आयेगे
सिला मुस्कुराते हुवे - हा तेरा केहना सही है
मधु मुस्कुराते हुवे - भाई आयेगे तो कहूगी भूमाने लेके जाये
सिला हस्ते हुवे - अच्छा जी घूमने जाना है
मधु - हा जाउंगी वैसे भी भाई ने वादा क्या है
सिला - ओ ऐसा क्या ये तो अच्छी बात है
मधु सिला को देख - उन्होंने तो कहा था एक किसी दिन आपको भी अकेले घुमाने लेके जायेंगे
सिला सर्म से - अच्छा मा हु तो लेके जायेगा ही ना
मधु मुस्कुराते हुवे - हा भाई के हॉट मा है आप
सिला हैरान मधु को देख सर्म से - बहोत मारुगी शैतान
मधु जोर जोर से हसने लगती है
रोड से ठोरी दूर ही मधु अपनी मा के साथ खेत मे थी रोड साइड एक पेर के नीचे 2 लरके खरे मधु को देख रहे है
लरका 2 - भाई यार कब तक ऐसे ही देखते रहोगे
लरका 1 - मोक्के का इंतज़ार कर रहा हु मुझे पता नही था यहा आने के बाद मुझे करक माल दिख जायेंगी
लरका 2 - कियु आपके गाव मे कोई मधु जैसी माल नही है क्या
लरका 1 - नही है रे कल ही मेने इसे साम को घर के बाहर देखा था कसम से साली को देखती ही मेरा लंड फन फन करने लगा अभी जवान हुई है लेकिन साली कि बॉडी हाय बरे चूचे सूट के अंदर दबे थे लेकिन चूचे का उभार साफ बता रहा था कितना टाइट बरे चूचे है मधु के और कमर गांड जब चल रही थी तो हाय दाय बाय हिल रहे थे
लरका 2 - लेकिन आप आगे करने क्या वाले है
लरका 1 - पहले प्यार मे गीराऊगा नही मानी तो खेत मे ही रेप कर दुगा
लरका 2 समझ गया लेकिन उसके घर कोई एक लरका आता जाता है
लरका हैरान गुस्से से - कोन है वो सा....
आगे कुछ केहता पेर से कोई नीचे आके सीधा एक लात लरका 1 को मारता है लरका वन धराम से नीचे गिरता है और दर्द मे चीख मारता है
लरका 1 हैरान सामने देखता लरका 2 भी दर्द मे पीछे मूर देखता है सामने कोई था जिसका चेहरा मास्क से ढका हुआ था कपड़े मास्क सब काले थे हाथ मे एक कंजर लेकिन गोर से देखने मे पता चलता h ही वो एक लरकी है दोनो लरके लरकी को इस तरह काले कपड़े मे हाथ मे खंजर देख डर से कापते हुवे - तुम कोन हो कियु मुझे मारा
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लरकी खंजर लिये दोनो लरके को गुस्से मे देख - जिस लरकी के बारे मे तुम लोग गंदे बाते कर रहे थे वो मेरी मैडम है और जिस लरके को तुम गाली लेने वाले थे वो मेरे बॉस है कमीने
लरकी तेजी से जाके दोनो मे एक एक पंच पेट मे जोर से मारती है दोनो लरके पेट पकरे दर्द मे घुटने मे आ जाते है और दर्द से चीलाने लगते है लरकी दोनो के पास बैठ - सांत नही तो गला काट दुगी
दोनो लरके डर से चुप हो जाते है लेकिन सरीर थर थर काप् रहा था
लरकी आगे पीछे देखती है कोई आ तो नही रहा जब कोई दिखाई नही देता तक लरकी दोनो को देख मुस्कुराते हुवे एक लरके के मुह बंद कर उंगली को मरोरने लगती है लरके को जान निकलने वाली दर्द होता है लेकिन आवाज दब कर रेह जाती है लरका छतपटाने लगता है पैर जोर जोर से मारने लगता है लेकिन लरकी के पकर से छुट नही पाता बस दर्द मे तरपता रोता रेह जाता है
लरकी दूसरे लरके को मुस्कुराते हुवे देख - भागने की गलती मत करना नही तो मारे जाओगे
लरका 2 की हालत देख लरका 1 डर से कापते हुवे पैंट मे मूत देता है
लरकी लरका 2 को देख - छी कितनी गंद फैला दी तुम से
लरकी लरके 1 की उंगली तोरती नही बस दर्द देती हो बेहइंतिहा दर्द और लरका 2 कापते हुवे देखता रेह जाता है 5 मिनट बाद
लरकी लरका 2 के उंगली को छोर - मुह से हाथ हटा रही हु याद रखना चु की आवाज भी निकली जान से मार दुगी
लरकी लरके के मुह छोर देती है लरका दर्द मे उंगली को पकरे आसु बहाये जा रहा था
लरकी दोनो को देख - याद रहे आज दर्द दिया है लेकिन अगली बार मेरे मैडम के पास पास दिखे जान से मार दुगी दूसरा किसी को बताना भी मत अब भागो यहा से
लरकी के कहती ही दोनो लरके तेजी भाग निकलते है डरे इतने थे कि पीछे देखते भी नही
लरकी दोनो लरके को भागते देखती है फिर मधु को देख मुस्कुराते हुवे एक चलाग् मार पेर के ऊपर एक जगह छुप के बैठ मधु पे नजर रखने लगती है
अभय काजल
काजल आगे देखती है वही जगह जिस दिन आते वक़्त काजल को कुछ लरके गंदे कोमेंट कर रहे थे और अभय ने पीटा था
काजल - बेटा आगे उस पेर के पास बाइक रोक दो
अभय हस्ते हुवे - कियु फिर खेत मे जाना है किया
काजल सर्म से अभय को मारते हुवे - कितना बिगर गया है
अभय मुस्कुराते हुवे पेर के छाव मे बाइक रोक देता है काजल बाइक से उतर पेर के नीचे बैठ जाती है
पेर के चारों तरफ दीवार बना के मिट्टी डाल पलस्तर किया गया था तो उचाई जन्धो तक थी काजल साइड मे पैर नीचे कर बैठी हुई थी
अभय बाइक लगा के काजल के पास बैठ - क्या बात है खेत मे नही जाना
काजल अभय को शर्मा के - बहोत मारुगी मे बस थोरा इस खोले गजह का मजा लेना चाहती हु
अभय काजल को देखता है फिर - मुझे पता है आपकी लाइफ सुरु से बच्चो के पालने बरा करने सादी करने से लेकर अब तक आप सिर्फ घर मे ही रही घर है बाहर घूमने का मोक्का नही मिला होगा
काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - सही कहा इसी लिये तेरे साथ इस सफर मे मुझे बहोत अच्छा और मजा आता है जैसे मे आजाद हु दिल मेरा भी करता था कई घूमने जाऊ अच्छी जगह पे घुमू मजे करू खूबसूरत जगह का आंनद लू लेकिन अब उमर गई मेरी
काजल दुखी हो जाती है
अभय काजल को दुखी देख अच्छा नही लगता है
अभय को देख - बुआ आप मेरी गोदी मे आके बैठ जाइये
काजल सर्म से आगे पीछे देख - कोई देख लेगा
अभय - बुआ इस रास्ते से बहोत कम लोग आते जाते है अगर कोई आया तो उठ जाना
काजल सर्म से खरी होके अभय के तरफ अपनी बरी फैली गांड कर अभय के गोद मे बैठ जाती है काजल के बैठते ही अभय को अपने लंड जन्धो पे काजल की चुत गांड जन्धो की तेज गर्मी फिल होती है तो अभय का लंड कई बार झटका मारता है
अभय काजल को बाहों मे कस - बुआ मेरी मा का भी यही है रही बात उमर जाने की तो किसने कहा अभी भी आज बहोत जवान थे कसम से मे सिर्फ रुका हु सादी तक उसके बाद मे पहले हि प्लान किया है मा दिशा सब के साथ 1 महीने के लिये हरे भरे पहार् बहती नदिया हरे भरे बरे जंगल कहा सिर्फ सांति सुकून होगा वहा कैम्प करने जाउंगा ताकि सब नेचर का खूबसूरत वादियों का सुकून सांति का मजा ले सके दूसरी आप भी मेरी मा के बाद बेस्ट प्यार देने वाली दूसरी है तो मे वादा करता हु आपको भी हर खूबसूरत अच्छी जगह घुमाउग
अभय की बात सुन काजल इमोसनल होके अभय की तरफ देख - सच केह रहा है
अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - आपकी कसम बुआ आपने मुझे वो सब करने दिया जो कोई करने नही देता और मुझे भी आपके साथ बात करना मस्ती करना प्यार करना बहोत अच्छा लगता है
काजल खुश भी होती है और बहोत शर्मा भी जाती है
अभय धीरे से काजल के चूचे पे हाथ रख दबाने लगता है काजल एकदम से सिसक् परती है मचल उठती है अभय पुरे चूचे को पकर नही पा रहा था जितना पकर पा रहा था दबाने लगता है काजल कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - बेटा मत कर ना कोई देख लेगा मान जा
अभय काजल के कान मे - घर जाने के बाद मुझे आपके चूचे मुह मे लेके पीना है पिलाऊँगी ना बुआ
काजल हैरान होती है लेकिन फिर भी मना नही कर पाती काजल के गांड अपने अपने आगे पीछे होने लगते है यानी की काजल कि बॉडी खुद चलने लगती है काजल गांड आगे पीछे कर अभय के लंड पे अपनी चुत रगरने लगती है
अभय - बोलिये मा बुआ
काजल मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - ठीक है बेटा अब छोर दे मेरे चूचे को
अभय धीरे से - एक सवाल जब मे आपके चूचे को दबाता हु तो ये टाइट कियु हो जाते है
काजल पूरी मदहोसि मे गुम - आह बेटा मुझे नही पता अब जाने छोर से
अभय -ठीक है छोर दुगा लेकिन अभी मुझे आपके चूचे देखने है
काजल सिसकिया लेते - रात को देखा तो था
अभय काजल के चूचे दबाते हुवे - रात को अच्छे से नही दिखा अंधेरा था
काजल अपनी गांड उठाते हुवे मदहोसि मे - ठीक है दिखा दुगी अब छोर दे दर्द हो रहा है
अभय काजल के चूचे छोर देता है काजल कापते पैरों के साथ खरी होती है और अभय की तरफ देख शर्मा के नजरे नीचे कर ब्लाउस से दोनो चूचे बाहर निकाल देती है
अभय काजल के पास आके गोर से काजल के चूचे को देखते हुवे मन मे उफ कितने बरे है मुह मे लेके चूस कर पीने मे मजा आयेगा आह सोच कर ही कुछ हो रहा है मुझे ( अभय काजल के निपल को पकर दबा देता है काजल तेज सिसकिया लेती है फिर जल्दी से चूचे अंदर कर सर्म से लाल नजरे नीचे किये ( मे खेत से आती हु) haste हुवे मे चलु क्या
काजल से - कोई जरूरत नही है बेशर्म कही का
काजल तेजी से खेत मे पीछे जाके चारों तरफ देखती है फिर सारी उठा के टांगे फैला बैठ तेज धार मारती है सुई की आवाज तेज से गुजने लगती है पिसाब करने के बाद काजल अभय के पास आती है
काजल शर्मा भी बहोत रही थी अभय काजल के कमर पकर सीने से सता के काजल के चेहरे को प्यार से पकर आखो मे देख - आपका ये खूबसूरत चेहरा आपका ये सर्माना आपकी ये अदा कसम से बुआ मेरे दिल की धरकन तेज कर देती है
काजल अभय को देख शर्मा के - बेटा तेरी ऐसी बाते सुन मुझे अजीब का फिल होता मेरी धरकन भी तेज हो जाती है तेरी मस्तिया बाते हरकते तेरे साथ वक़्त बिताना मुझे भी बहोत अच्छा लगता है दोनो एक दूसरे को प्यार से देखते है
फिर दोनो के होठ आपस मे मिल जाते है दोनो एक दूसरे को बाहों मे पकरे जोरों सोरों से एक दूसरे का रस पीना सुरु कर देते है दो मिनट बाद दोनो के होठ अलग होते है
काजल अभय को देख सर्म से - बेटा अब चलना चाहिये
अभय मुस्कुराते हुवे - ये बताइये रस पीने मे कितना मजा आता है
काजल अभय के कान मे धीरे से - इतना की दिल करता है पीती रहु
अभय मुस्कुरा देता है अभय फिर बाइक चालू करता है काजल बैठ जाती है अभय को पकर अभय फिर घर की तरफ निकल परता है
10 बजे निकले थे 12 बजे घर पहुँचते है
अभय काजल घर के अंदर जाते है अदिति आसा अभय काजल को देख बहोत खुश होते है
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही जबरदस्त शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 32
अभय काजल घर आते है आसा अदिति अभय को देख खुश होके गले लगा लेते है पर काजल खरी सब देखते हुवे
काजल हस्ते हुवे - भाभी आपका लाला एक दिन के लिये ही गया था लेकिन आप मिल ऐसे रही है जैसे एक साल बाद आया हो
आसा काजल को देख मुस्कुराते हुवे - एक दिन एक पल लाला को देखे बिना रहना मुश्किल है
अदिति - हा मा ने कही कहा
काजल सभी को देख मुस्कुराते हुवे - हर बार आप लोगो के बीच प्यार देखती हु तो हैरान हो जाती हु
आसा काजल को देख - अरे करी कियु है चलिये बैठ कर बाते करते है
काजल मुस्कुराते हुवे - नही भाभी पहले सभी से जाके मिल लेती हु साम को आउंगी तो देर तक बाते करेगे
आसा मुस्कुराते हुवे - चलो ये भी अच्छा है
काजल अभय को देख - बेटा चल ना मेरे साथ थोरि देर मे आ जाना
अदिति काजल को देख हस्ते हुवे - बुआ भाई आपको लेने गये लेकर आये फिर यहा से घर भी छोरने जाये
काजल अदिति को देख - हा तो क्या बुआ भी इतना तो करना परेगा
आसा हस्ते हुवे - ठीक है भाई अभय बेटा जाओ बुआ के साथ
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मा
काजल अभय घर से बहार निकल मिनिता के घर की तरफ चल देते है अभय काजल के एक उंगली पकर चलने लगता है काजल हैरान अभय को अपनी उंगली पकर चलता देख मुस्कुरा देती है
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ आते टाइम बहोत मजा आया
काजल सब सीन याद कर सर्म से लाल होके - बेशर्म
अभय काजल मिनिता के घर आते है मिनिता काजल को देख बहोत खुश होती है दोनो गले मिलने लगते है लेकिन अभय मिनिता को देख आख मारता है तो मिनिता हैरान सर्म से लाल हो जाती है
मिनिता काजल को देखते हुवे - ननद जी गई और आ भी गई लगता है अब अपने घर दिल नही लग रहा
काजल हस्ते हुवे - भाभी ऐसा नही है हा ये सच है यहा ज्यादा मजा आता है उसके अलावा ( अभय को देख) भतीजे की शादी मे सुरु से अच्छे से देखना चाहती हु
मिनिता अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा ये भी सही है
अभय मिनिता को देख - विजय बंदरिया दिख नही रहे कहा है दोनो
मिनिता मुस्कुराते हुवे - कोमल दोस्त के यहा गई है विजय पता नही कहा गया है
अभय - अच्छा
काजल - मे थोरा फ्रेस् होके आती हु
काजल चली जाती है काजल के जाते ही मिनिता अभय को देखती है अभय मिनिता के पास जाके बाहों मे भर आखो मे अभय के दोनो हाथ मिनिता के पीछे गांड से थोरा उपर था दोनो की बॉडी एक दूसरे से चिपकी हुई थी अभय मिनिता के कमर कस्ता है
अभय जब ऐसा करता है तो मिनिता के चुत अभय के लंड से पूरा चिपक जाती है और अभय मिनिता की फूली गर्म चुत के गर्मी का एहसास फिल करने लगता है
कमाल की बात ये थी मिनिता भी खुद अपनी पूरी बॉडी अभय के बॉडी से चिपका देती है बीच मे हवा भी पास नही कर सकती थी दोनो एक दूसरे के बॉडी को गर्मी को अच्छे से फिल कर पा रहे थे मिनिता के चूचे अभय के सीने से पूरे चिपक फैल गये थे दोनो की आखे एक दूसरे को देखने मे लगी थी मिनिता सोच रही थी एक दिन अभय नही था तो वो बेचैन हो गई थी लेकिन अब उसकी बाहों मे आके उसे बहोत अच्छा सुकून मिल रहा उसके साथ ये क्या हो रहा है कियु
अभय मिनिता के आखो मे देख आपको बहोत मिस किया
मिनिता सर्म से अभय को प्यार से देख - मेने भी
अभय मिनिता के कान मे - बुआ जल्दी आ जायेगी चलिये ना अपना कोटा फुल कर लेते है
अभय की बात मिनिता के शरीर मे सिहरन पैदा कर देती है मिनिता सर्म कापते होठो से - हा हा ठीक है
हा सुनते ही अभय के एक साइड आके अपना एक हाथ मिनिता के कमर से सेहलाते गांड से होते हुवे गांड के थोरा नीचे रुक जाता है दूसरा हाथ मिनिता के पीट पे रख एकदम से मिनिता को गोद मे उठा लेता है मिनिता हैरान सर्म से पानी पानी हो जाती है अपने आप को इस तरह अभय के गोद मे उठाये जाने और अभय के गोद मे मिनिता को जो फिल एक अलग एहसास को मिनिता समझने मे लगी थी
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मिनिता अभय की गोद मे थी और मिनिता की बरी फैली गांड झूल रही थी सीन बहोत रोमांटिक के साथ बहोत कामुक् भी था दोनो की आखे मिलती है लेकिन दोनो आखो हि आखो मे एक दूसरे को समझने जानने की कोसिस कर रहे थे की वो क्या कर रहे है किस तरफ जा रहे है लेकिन उसी के साथ दोनो इस पल का मजा भी ले रहे थे मिनिता एक हाथ अभय के गर्दन मे डाले अभय को देखने मे खोई थी अभय भी दोनो एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे जैसे एक साल बाद दोनो मिले हो
अभय मिनिता को गोदी मे उठाये कमरे मे लेके आता है और आराम से मिनिता को नीचे उतार फिर से बाहों मे कस लेता है मिनिता भी खुद अभय के चिपक जाती है फिर दोनो एक दूसरे को बिना कुछ बोले देखने मे लग जाते है
दोनो की आखे एक दूसरे से जैसे बाते कर केह रही हो अब आगे किया फिर क्या था दोनो की आखे एक दूसरे को बताती है आगे किस करना है तो दोनो के होठ एक दूसरे के करीब जाने लगते है और मिलते ही
दोनो एक दूसरे पे टूट परते है एक दूसरे के होठो का रस चूस चूस कर पीने लगते है मिनिता मन मे रस पीते हुवे -एक दिन अभय बेटा नही था मेने अभय बेटा के होठो का रस नही पिया लेकिन आज पी रही हु तो मुझे और भी मिठा स्वाद लग रहा है मेरे दिल को सुकून मिल रहा है जैसे मेरा दिल इसी के लिये बेचैन था उसे यही चाहिये था
अभय मिनिता के गांड के थोरा उपर एक हाथ दबाता है ताकि मिनिता की चुत अच्छे से उसके लंड से चिपक जाये अभय हैरान तक होता है जब मिनिता खुद अपनी कमर गांड आगे कर अपनी चुत अभय के लंड से चिपका देती है ये तो अच्छा था अभय अपने लंड को काबू मे रखा था नही तो मिनिता अपने के तगरे मोटे लंड फिल डर से भाग जाती 3 मिनट तक किस करने के बाद दोनो अपने गिले लार से सने होठ अलग कर एक दूसरे की आखो मे देखते है
मिनिता जायदा देर अभय की आखो मे दे देख नही पाती और सर्म से नजरे फेर दूसरी तरफ देखने लगती है अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे धीरे से कान मे - अब मुझे सुकून मिला ऑन्टी
मिनिता कापते हुवे सर्म से - वो मुझे भी
तभी कल चलने की आवाज सुनाई देती है तो दोनो समझ जाते है काजल आ गई है तो मिनिता जल्दी से सारी बाल सही करती है और आईने के पास जाके जो लीबिस्टिक अभय चूस कर खा गया था फिर से लगा लेती है फिर दोनो आराम से बैठ बाते करने लगते है जैसे कुछ दोनो मे क्या ही नही
काजल अंदर आते हुवे दोनो को देख - अच्छा यहा हो
काजल फिर अभय के पास बैठ जाती है फिर तीनों के बीच बाते सुरु होने लगती है
मिनिता काजल को देख हस्ते हुवे - ननद रानी अभय बेटा आपको ले गया ले आया ये मत केहना फिर आप जायेगा तो अभय बेटे के साथ ही जायेगी या नंदोई जी सब के साथ जायेगी
मिनिता की बात सुन काजल अपनी नजरे नीचे कर अभय को देखती है अभय काजल के गोद मे लेता था अभय भी काजल की आखो मे देखता है
काजल मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - जाहिर है अभय बेटा हि मुझे छोरने जायेगा ( काजल अभय को देख)कियु अभय बेटा सही कहा ना
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल बुआ
मिनिता हस्ते हुवे - ननद रानी अभय बेटा शादी के बाद तुरंत बाहर कैसे निकल सकता है
काजल मुस्कुराते हुवे - हा पता है लेकिन मे कुछ दिन और रुकूगी फिर जाउंगी
मिनिता हैरान काजल को देख - लगता है नंदोई जी को अब अकेले सोने की आदत डालनी परेगी
काजल सर्म से - भाभी आप भी ना
मिनिता अभय को देख - तो कर शोपिंग करने जाना है खरीदारी शादी की बाकी है ना
अभय मिनिता को देख - हा लेकिन कल जायेंगे सब खरीदारी कर के आयेगें
काजल - बहोत अच्छा रहेगा अब से कुछ दिन ही बचे है
20 मिनट बाते करने के बाद अभय दोनो को देख - अब मे जाता हु
काजल मिनिता - ठीक है बेटा
अभय घर के लिये निकल परता है काजल मिनिता कुछ देर बाते कर अपने कमरे मे लेत आराम करने लगते है
मिनिता अभी जो हुआ एक एक पल मोमेंट को याद कर सर्म से लाल हुवे जा रही थी और उसी के साथ ये समझने कि कोसस कर रही थी अभय के साथ उसकी बाहों मे उसकी हरकत प्यार से उसे इतना सुकून मजा कियु आता है कियु
काजल भी सेब वही सोच बिस्तर पे सर्म से लाल हुवे परी थी
अभय घर आता है और सीधे मा के कमरे मे जाता है तो अभय देखता है आसा अलमारी खोले खरे कुछ कर रही थी लेकिन आसा बैक साइड से कयामत लग रही थी आसा के दूध जैसे पीठ कमर बरे गांड जो बाहर निकले हुवे थे ये सीन किसी के लंड को झटके मारने मे मजबूर कर देगा लेकिन ये सीन देखने वाला अभय था
अभय अपनी मा को उपर से नीचे तक अच्छे से देखता ही फिर धीरे धीरे जाके आसा के पास आ जाता है आसा को एहसास हो जाता है अभय उसके पीछे है तो आसा मुस्कुराती है और अंजान बनने का नाटक करती है
अभय आसा से पूरा चुपक् जाता है पीछे से आसा सिहर उठती है लेकिन फिर भी सांत रहती है अभय पूरा चिपका था और आसा के बरे बाहर निकले गांड अभय को अच्छे से फिल हो रहा था उसकी मा की गांड कितनी बरी फैली गर्म है लेकिन अभय गंदा नही सोच पाता
अभय अपना एक हाथ आगे ले जाने कमर पे रख सेहलाते हुवे गहरी ढोरी की तरफ ले जाने लगता है अपने बेटे के ऐसी हरकत अपने कमर पे हाथ चलता फिल कर आसा की मुठी कस जाती है उसी के साथ आसा के मुह से एक कामुक् सिसकिया फुट परती है आह उफ़ आसा की सासे तेज हो जाती है रोये खरे
तभी आसा पीछे मूर अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरा प्यारा लाला
अभय अपनी मा की कीचनी कमर को एक हाथ से पकर बाहों मे लेके आखो मे देख - मेरी प्यारी डार्लिंग मा आपको कब कैसे पता चला मे आया हु
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आसा अभय की आखो मे प्यार से देख - लाला तु मेरा बेटा है 9 महीने पेट मे रखने के बाद जब तुम इस दुनिया मे तब से मेने तुझे सीने से लगाये आज तक रखा है इस लिये मेरे रोम रोम हर अंग मेरे दिल को जब तुम मेरे करीब होते हो तो पता चल जाता है तुम मेरे पास हो
अभय अपनी मा के होठो के पास अपना होठ लाते हुवे - आपके रोम रोम हर अंग को कैसे पता चल जाता है जब मे आपके पास होता हु तो
दोनो मा बेटे के चेहरे होठ करीब थे दोनो की गर्म सासे एक दूसरे से टकरा रही थी आसा अभय दोनो एक दूसरे से आखे मिलाते है
आसा तेज बेचैन सासे लेते हुवे थोरि कापति आवाज मे - कियुंकी तेरी हरकत जो तु मेरे साथ हर वक़्त करता है इस लिये मेरे रोम रोम हर अंग दिल तेरी हरकत से अच्छे से वाक़िफ़ है इस लिये पता चल जाता है ( अभय आसा की आखो मे देख - अच्छा ये बात है) फिर दोनो एक दूसरे की आखो मे देखते रहते है
आसा अभय मा बेटे के दोनो दिल क्या चाहते है एक दूसरे से अच्छे से जानते थे तो दोनो के होठ एक दूसरे के करीब आके मिल बाते हो
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दोनो एक दूसरे के होठ मुह मे लेके एक छोटा किस करते है अभय तो गीली किस्सी करना चाहता था लेकिन अपनी मा के बातो का मान रखते हुवे पीछे हट जाता है
अब जाके आसा अभय होस मे आते है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - मा मुझे आपकी एक सेक्सी पोस मे देखना है जैसे मॉडल करते है
आसा हैरान सर्म से अभय को देख - लाला ये क्या है मुझसे नही होगा मुझे तो पता भी नही कैसा सेक्सी पोस् होता है या करते है
अभय आसा के थोरा पास आके मुस्कुराते हुवे - मा आप जो एक बार देख लेती है अच्छे से सिख कर लेती है तो कोई परेसानी वाली बात हि नही है
आसा सर्म से अभय को देख - लाला क्या बोल रहा है समझ नही आया
अभय अपना फोन निकाल एक फोटो अपनी मा को दिखाते हुवे - देखिये ऐसे ही पोस मारना है
आसा फोटो देख सर्म से - अच्छा कोसिस करती हु
अभय खुश होके - मुझे पता है मेरी मा कर लेगी
आसा सर्म से मुस्कुराते हुवे एक जगह खरा होके एक गहरी सासे लेके अपनी आप को रेडी करने के बाद अपनी आखे बंद कर एक पोस मारती है खतरनाक वाला आसा के हाथ गले सीने के बीच चूचे से सटे हुवे थे आसा के चेहरे का इपमरेसंन भी बहोत कामुक् था लेकिन उससे ज्यादा कामुक् तो आसा ने अपने बरे गांड जिस पीछे किये और सीना आगे किये जिस तरह खरी थी वो कयामत से कयामत तक था
खूबसूरत चेहरा गुलाबी होठ बालों मे गजरा कमर बढे गांड इस उमर मे भी आसा की बॉडी पुरे सेप् फिट थी
आसा को ऐसे देख किसी का पानी निकल जाये लंड खरा हो जाये लेकिन अभय के साथ कुछ और होता है अभय का दिल कुछ पल के लिये धरकना बंद कर देता है फिर तेज धक धक करना सुरु करता है अभय कापते हुवे फोन मे उस फोटो को देखता है फिर आसा को देख मन मे - मा ने तो इस मॉडल की वाट लगा ली मा तो इस मॉडल से कई सेक्सी अंदाज पोस मे खरी है अभय जल्दी से एक फोटो ले लेता है
आसा - बेटा हो गया अब मे थक गई हु
अभय - हा मा हो गया
आसा फिर तेज सासे लेते हुवे - उफ़ चलो तेरा हुआ तो सही
अभय आसा के पास जाके जो फोटो लिया था आसा को दिखाता है जिसे देख आसा खुद हैरान सॉक हो जाती है आसा सर्म से पानी पानी होते हुवे मन मे - क्या ये मे हु यकीन नही होता मेने ऐसे पोस दिये मुझे बहोत सर्म आ रही है अब खुद देख कर
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अभय - मा आप सच मे बहोत सेक्सी है उसी के साथ आप बहोत टैलेंटेड भी है ( आसा अभय को देख सर्म से - बेटा ये फोटो किसी को मत देखना प्लेस ( अभय- मा ये फोटो तो मेने आपको दिखाने के लिये लिया था मुझे इसकी क्या जरूरत जब मे खुद सामने से आपको जब चाहे देख सकता हु ( आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है फिर से
तभी अदिति अंदर आते हुवे - आप दोनो क्या कर रहे है
आसा अभय अदिति की तरफ देखते है
अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को देख - गुरिया कुछ नही बाते कर रहे थे
अदिति अभय के पास आके मुह फुला के - मे कमरे मे आपका इंतज़ार कर रही थी लेकिन आप तो यहा बिजी है
आसा मुस्कुराते हुवे - अले अले तेरी गुरिया फिर से नाराज हो गई
अभय मुस्कुराते हुवे - तो मे किस लिये हु
अभय अदिति के पास जाके कमर से पकर एक हाथ से अदिति के चेहरे को पकर प्यार से अदिति को देख - मेरी गुरिया बहोत नाराज है
अदिति नाराज भरी आवाज मे - हा आपकी गुरिया बहोत नाराज है आपसे ( अभय मुस्कुराते हुवे - ऐसा क्या
अभय ये कहते अदिति को बिस्तर पे गिरा के अदिति को गुडगुडी करने लगता है अदिति जोर जोर से हस्ते हुवे - नही नही भाई ऐसा मत करो मा बचाओ मुझे बहोत ( आसा तो बस मुस्कुराते देखती रहती है
अभय हस्ते हुवे - बोलो कोन नाराज है मुझसे ( अदिति बेचारी हस्ते हुवे - मे नही हु नाराज भाई छोर दो मुझे मेरी सास फुल रही है ( अदिति कि बात सुन अभय रुक जाता है
अदिति तेज तेज सासे लेते हुवे अभय को देख - भाई आप बहोत बुरे है ( अदिति फिर अभय के ऊपर आके अभय के होठ पे किस करते हुवे - लेकिन आप मेरे सब कुछ भी है
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अभय अदिति को सीने से लगा के - तू भी गुरिया और मा बाकी सब भी ( आसा भी अभय के पास बिस्तर पे लेत जाती है
आसा अदिति को देख - अब नाराजगी चली गई
अदिति आसा को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा चली गई
आसा मुस्कुराते हुवे - सब तेरा नाटक है और कुछ नही
10 मिनट बाते करते हुवे सब सो जाते है 3 बजे सब उठते है अभय फ्रेस् होके मधु के घर निकल परता है
अभय बाइक लगा के अंदर मधु के कमरे मे जाता है मधु रेडी थी कियुंकी अभय मधु को घुमाने ले जाने वाला था
मधु अभय को देखती है वो प्यार से अदा से मधु जीन्स टिसर्ट मे बहोत ही सेक्सी लग रही थी जीन्स मधु के पैरो से चिपका था तीसर्ट मधु के चूचे से पूरा चिपके हुवे थे अभय मधु को देख उसके पास जाता है
अभय मधु के पास जाके कमर मे हाथ डाल बाहों मे लेके आखो मे देख - वाह गुरिया जीन्स टिसर्ट में तुम बहोत हॉट लग रही हो
मधु सर्म से अभय को देख - सच मे हॉट लग रही हु
अभय मधु के कान मे धीरे से - हा लेकिन उस दिन जिस हालत मे जो मेने देखा उसके सामने सब फेल है
अभय की बात मधु के शरीर मे सिहरन पैदाकर देती है मधु सर्म से पानी पानी होते हुवे कापते होठो से - भाई
तभी सिला आते हुवे - आ गया बेटा
अभय सिला को देखता है जो रोज की तरह कमाल लग रही थी अभय सिला के पास जाके बाहों मे लेके सिला को देख मुस्कुराते हुवे - हा मा आ गया गुरिया को घुमाने लेके जा रहा हु
सिला अभय के होठो पे किस करते हुवे - वादा क्या है निभाना परेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आपने बात तो सही कही
सिला - ठीक है अच्छे से जाना
अभय सिला के कान मे धीरे से - एक दिन हम दोनो ही चलेंगे फिर खूब घूमेगे मस्ती करेगे
सिला तेज सासे लेके धीरे से - मेरा बेटा लेके जायेगा तो जरूर जाउंगी
अभय सिला को छोर - ठीक है मा हम जाते है
अभय मधु बाहर आते है मधु तो खुशी से नाच रही थी अभय बाइक पी बैठ जाता है मधु भी पीछे दोनो तरफ पैर कर बैठ अभय को पकर लेती है अभय बाइक लेके निकल परता है
मधु के चेहरे पे जो खुशी थी भाई के साथ घूमने जाने कि उसे कोई बया नही कर सकता था मधु हर पल का मजा लेने मे लगी हुई थी मधु पूरी तरह से अभय से चिपक बैठी हुई थी
25 मिनट का रास्ता तय कर अभय मधु को एक खूबसूरत समुंदर के किनारे लेके आता है और एक जगह बाइक रोक देता है मधु बाइक से उतर समुंदर के खूबसूरत नजारे को देखने लगती है साम के वक़्त समुंदर और भी खूबसूरत देखने मे लग रहा था
अभय मधु के पीछे सत् के कमर को पकर खरा हो जाता है - कैसा लगा रहा है गुरिया ( मधु खूबसूरत समुंदर के नजारे को देखते हुवे - भाई बहोत खूबसूरत नजारा है दिल को सुकून मिल गया आप मे पहली बार ऐसी खूबसूरत जगह देख रही हु आपकी वजह से मे आज बहोत खुश भी
अभय अदिति फिर एक जगह नीचे बैठ बाते करने लगते है
मधु - भाई दिल कर रहा है यहा से जाऊ ही ना और आपके साथ इस खूबसूरत नजारे को देखती रही ( अभय मुस्कुराते हुवे - जाना तो पड़ेगा लेकिन जब टाइम मिलेगा हम आते रहेगे ( मधु खुश होते हुवे - क्या सच मे ( अभय मुस्कुराते हुवे - हा
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मधु - भाई दीदी को पता है उन्हें पता चलेगा आप मुझे लेके यहा आये और दीदी को नही लाये तो नाराज हो जाइयेगी ( अभय मुस्कुराते हुवे - पता है उसे ( मधु हैरान होके - क्या लेकिन फिर आपको आने दिया
अभय मुस्कुराते हुवे - उसने भी मुझसे वादा लिया है तब आने दिया
मधु मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
अभय मधु के आखो मे देख - गुरिया क्या अपने भाई को गीली किस्सी नही दोगी
अभय की बात सुन मधु तेज सासे लेते हुवे अभय को देख - मे अपने प्यारे भाई को बना कैसे कर सकती हु जब मेरे भाई ने पहली बार मुझसे कुछ मंगा है
अभय मधु की आखो मे देखता है मधु अभय के फिर दोनो के होठ करीब जाने लगते फिर मिल जाते है
अभय बरे प्यार से मधु के होठ जिब मुह मे लेके चूसने लगता है वही मधु गिला गर्म अपने जिब को मजे से अभय को चुस्ता फिल कर मधु के पूरे सरीर मे करेंट डोर जाता है मधु का शरीर एक झटका मारता है पहले असली किस का स्वाद मजा फीलिंग मधु को मिल रहा था लेकिन ये किस उससे भी कही जयादा अलग फीलिंग मधु को दे रहा था जब मधु ये सोच रही थी की उसका भाई उसकी जिब को होठ को मजे से चूस रहा है ( मधु मन मे - ये एहसास ये फीलिंग जो मुझे मिल रही है मे मरते दम नही भुलुगी
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मधु भी अभय को कस के पकर किस करना सुरु कर देती है दोनो एक दूसरे के कभी होठ कभी जिब लेके चूस चूस कर मजे से गट गट रस पिये जा रहे थे ( अभय रस मधु के होठो का रस पीटे हुवे मन मे - ये फीलिंग एहसास सब से अलग मुझे फिल हो रहा है मधु के होठ जिब का गर्म लार मेरे गले के नीचे जाते ही मुझे बहोत मजा आ रहा है दिल कर रहा है चुस्ता रहु 2 मिनट बाद दोनो अलग होते है
मधु सर्म से नजरे नीचे किये तेज सासे लिये जा रही थी अभय बस मधु को देखे जा रहा था थोरि देर बाद
अभय - गुरिया चलो तोरी मस्ती करते है घूमते है
अभय फिर मधु के हाथ पकर नाचते हुवे बीच के किनारे चलते हुवे खुद मजे करते है
अभय कभी मधु को गोदी मे उठा के घुमाने लगता है ऐसे ही दोनो भाई बेहन मौज मस्ती करते हुवे मजे करते है फिर अभय मधु को लेके घर की तरफ जाने लगता है साम 5 बजने वाले थे
उदय बंगलो
आज फिर आरोही का बाप जगमोहन एक कुवारी लरकी के सिल तोर चुदाई करने मे लगा हुआ था लरकी आखो मे आसु लिये अपना पैर इधर उधर मारते हुवे दर्द मे - प्लेस अंकल प्लेस बहोत दर्द हो रहा है मा कसम अंकल सेह नही पाउंगी प्लेस धीरे कीजिये नही तो मे मर जाउंगी दया कीजिये अंकल प्लेस दया करो धीरे करो
लरकी पेट के बल लेती हुई थी जगमोहन उसके उपर था और अपना लंड लरकी की चुत मे धना धन पेले जा रहा था लरकी की दर्द भरी गुहार सुन जगमोहन को दया नही बल्की और जोस दिला रही थी जगमोहन - बेटी तेरी कुवारी टाइट गर्म चुत के सील तोर तेरी चुदाई करने मे बहोत मजा आ रहा है मे रुक नही सकता आह आह आह ( लरकी रोते हुवे - अंकल प्लेस अंदर जलन हो रही है दर्द भी बहोत हो रहा है प्लेस आप धीरे करो ना ताकि दर्द कम होगा प्लेस ( जगमोहन हस्ते हुवे एक जोर का धक्का मारता है लरकी जोर से चिल्लाते हुवे - मा मर गई मे जगमोहन पानी चुत मे छोर देता है
कमरे के दरवाजे पे खरे उदय सब देख नीचे जाते मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अब हमारी जोरि 100 पे 100 मैच कर गई
लरकी बिस्तर पे नंगी रोये जा रही थी बिस्तर पे खून और लरकी कि चुत से जगमोहन का पानी निकल बिस्तर पे गिर रहा था
जगमोहन लरकी के पास पैसों का एक गद्दी फेक - बहोत मजा आया बेटा तेरी सिल तोर चुदाई करने मे ये पैसे रख लो बहोत है तेरे लिये लिये
जगमोहन फिर नीचे आके उदय के पास बैठ जाता है उदय ने पैक बना कर रहा था
उदय जगमोहन को देख - तो आज कितना मजा आया
जगमोहन मुस्कुराते हुवे - पूरी जवान थी मजा आ गया
उदय एक ग्लास आगे करते हुवे - आप खुश मे खुश
जगमोहन ग्लास उठा के दोनो चेस् करते हुवे पीने लगते है
उदय सराब का घुट पीते हुवे मन मे - अब वो वक़्त है जो मुझे चाहिये मांगने का
उदय ग्लास लीचे रख जगमोहन को देख - ससुर जी किया मे आपसे दोस्त की तरह बात कर सकता हु
जगमोहन चखना खाते हुवे - हा हा कियु नही दामाद जि हम ससुर दामाद है हि लेकिन दोस्त भी है
उदय मुस्कुराते हुवे - हा वो तो हम हैं मे ये केह रहा था आप सुबह से साम यहा कुवारी लरकी औरतो का मजा लेते है साम को घर जाते है तो सासु मा को प्यार करते है या नही
जगमोहन से ये सवाल उदय पहले पूछता तो मामला बहोत बिगर जाता लेकिन उदय एक चालाक लोमड़ी था पहले उदय जगमोहन को मजे करवाये अपने जैसा शैतान बनाया जब उसे लगा अब सही मोक्का है पासा फेकने का तो उदय मे फेक दिया
जगमोहन उदय को देख हस्ते हुवे - दामाद जी आपकी सासु मा बहोत अच्छी लेकिन गर्म औरत है पर कुछ सालों से हमारे बीच सब बहोत कम होता है
उदय - क्या सासु मा का दिल नही करता
जगमोहन - बहोत करता है पर उमर देख मेने कम कर दी
उदय मुस्कुराते हुवे - तो सासु मा का दिल करता है वैसे कैसा है उसका खजाना यानी चुत
उदय की बात सुनते ही जगमोहन का नसा उतर जाता है और पूरे गुस्से से पागल खरा होके उदय को चिलाते हुवे - दामाद जी आ...
इसके आगे जगमोहन कुछ देख उसकी आवाज नही निकलती
असल मे उदय ने आरोही की नंगी फोटो जगमोहन के सामने कर दी थी जगमोहन अपनी बेटी की नंगी फोटो देख सॉक हैरान हो जाता लेकिन फिर जगमोहन गौर से अपनी बेटी के नंगे बॉडी को उपर से नीचे तक देखता है फिर दो जगह जगमोहन की नजर अपनी बेटी के बरे चूचे और मोटी जांघे के बीच टाइट चुत पे जिसे देख जगमोहन का लंड तीन बार झटका मारता है उदय जगमोहन को देख मन मे मुस्कुराते हुवे - चिरिया ने दाना चुग लिया है
जगमोहन अपनी बेरी आरोही के नंगे बदन को देखते हुवे - दामाद जी ये सब दिखाने का मतलब क्या है ( उदय मुस्कुराते हुवे - ससुर जी जरा सोचिये आपने सासु जी के टाँगे फैला के चुत मे लंड दाल पानी गिराया उस पानी से आपकी बेटी आरोही पैदा हुई देखिये आज कितनी खूबसूरत जवान है देखिये उसे नंगे बदन को सोचिये ससुर जी किया होगा जब आपकी बेटी ऐसे ही नंगे आपके सामने लेते आपसे कहेगी पापा डाल दीजिये अपनी बेटी के चुत मे लंड
उदय दूसरी आरोही के नंगी फोटो दिखाते हुवे - फिर आप अपनी बेटी के चुत पे अपना लंड थूक लगा के जब एक जोर का धक्का मारेगे तो आपकी बेटी दर्द मे कहेगी पापा दर्द हो रहा है फिर आप अपनी बेटी के चुत की गर्मी और अपने लंड को कसा मेहसूस कर तेज धक्का मारने लगेगे आपकी बेटी दर्द मे रोते हुवे कहती रहेगी पापा बहोत दर्द हो रहा हो धीरे कीजिये लेकिन आप धक्का मारते रहेगे एंड मे आप अपनी बेटी के चुत से अपनी निकाल देगे फिर एक जोर का धक्का मार अपनी बेटी की चुत मे अपना पानी भी छोर देगे
बस इतना काफी था जगमोहन का लंड आज फटने के कगार पे आ गया था उदय ये देख मुस्कुराने लगता है
जगमोहन बैठते हुवे उदय को देख - दामाद जी आप चाहते क्या है
उदय मुस्कुराते हुवे - सासु जी यानी आपकी बीवी कि चुत उसके बदले मे आपकी आपकी बेटी की चुत दिलवाउंगा
सिला के घर
अभय मधु को लेकर घर आता है अंदर जाके सिला से मिलता है
सिला मुस्कुराते हुवे - घूम आये
मधु खुश होके सिला से - मा आज बहोत मजा आया भाई मुझे समुंदर के किराने ले गये आपको पता है बहोत खूबसूरत नजारा था बहोत सांति थी दिल तो आने का कर ही नही रहा था
सिला हस्ते हुवे - वाह क्या बात है लगता है आज बहोत मजे किये
मधु खुश होते हुवे - ये भी कहने की बात है भाई जहा लेके जायेंगे मजा तो आयेगा ही
सिला मुस्कुराते हुवे - ये बात तो है
अभय - मा गुरिया अब मुझे जाना होगा देर हो रही है
सिला - ठीक है बेटा किसी दिन इस मा के घर भी रुक जाना
अभय मधु सिला दोनो को बाहों मे लेके -मा guriya मेने आपको अपना दिल से माना है आज नही लेकिन फिर कभी जरूर रुकुगा
सिला मुस्कुराते हुवे - ठीक है मेरा बच्चा
अभय फिर बाइक पे बैठ मधु को देख मुस्कुराते हुवे - गुरिया तेरे होठो का रस बहोत मिठा था फिर पिलाओगी ना
मधु सर्म से लाल होते हुवे - जरूर भाई
अभय - ठीक है गुरिया कल शोपिंग पे जाना है मे लेने आऊगा
मधु खुश होते हुवे - जी भाई
अभय फिर घर आ जाता है रात 9 बजे मिनिता काजल कोमल विजय फिर अभय के घर डेरा जमा लेते है
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही सुंदर लाजवाब और गरमागरम कामुक मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 33
आंगन मे आसा मिनिता काजल बैठे बाते कर रहे थे कमरे मे अदिति कोमल कि बाते चल रही थी बाहर अभय विजय बाते कर रहे थे
अभय विजय एक जगह खरे थे
अभय - जीत जीतू से बात हुई
विजय - जी बॉस
अभय - ये बताओ अपना काम कैसा चल रहा है
विजय - सही अपने टाइम से हो रहा है
अभय -.......?
विजय - ......?
अभय - .......?
विजय - ......?
अभय आसमान को देखते हुवे - मे तो बस अपने परिवार के साथ एक अच्छी लाइफ जीना चाहता हु और कुछ लोगो की मदद करना पर ये दुनिया सांति से जीने नही देती
विजय अभय को देख मन मे - सोच कर हि डर लग रहा है कियुंकी सब को पता है बॉस का गुस्सा यानी खूनी खेल
अभय विजय को देख - याद रहे मूवी मे विलेन पहले पंगा लेते है हीरो से
विजय - जी बॉस आपकी बात समझ गया
अभय - एक और बात सावधानी सबसे जायदा जरूरी है कैद मे जीना मारना दो चोइस थे लेकिन यहा हम आजाद है हर मा कहती है मेरी वजह से उनके बच्चे उनके पास है तो मे किसी को खोना नही चाहता हम ताकतवर है लेकिन इस दुनिया मे हमने भी जायदा ताकतवर लोग है
विजय - बॉस अच्छे से समझ गया आप ने जैसा कहा वैसा होगा
अदिति कोमल - बिस्तर पे लेते बाते कर रहे थे
कोमल - अदिति तुझे कैसा लरका चाहिये अपने पति के रूप मे जिसके साथ तुम अपनी पूरी लाइफ जीना चाहोगी
अदिति छत को देखते हुवे - मेने कभी इसके बारे मे सोचा नही कियुंकी भाई के खोने मे बाद कैसे मे अपनी लाइफ के बारे मे सोच सकती थी
कोमल अदिति को देख - समझ सकती हु सेम मेरा भी लेकिन अब तो सोच कर बता सकती हो ना
अदिति कोमल को देख - मेरे भाई जैसा लेकिन मेरे भइया जैसा कोई हो ही नही सकता
कोमल मुह बना के - क्या वो बंदर मुझे तो किस का भूखा ठरकी लगता है
अदिति कोमल कोई देख मुस्कुराते हुवे - हा है तो लेकिन मेरे भइया मेरी जान है
कोमल अदिति को देखती है फिर छत को देखते हुवे -छोटे भी मेरी जान है आज वो मेरे पास है तेरे भाई कि वजह से हम ये कभी
तभी कोमल अपनी चुत कपड़े के ऊपर से ही सेहलाते हुवे - यार ये खुजली भी ना
अदिति कोमल को चुत सेहलाते देख सॉक हैरान सर्म से - दीदी आप ये क्या कर रही है
कोमल चुत से हाथ हटा के अदिति को देख - अरे यार नीचे बरे बरे बाल हो गये थे तो मेने आज ट्रिमर से काटा है लेकिन खुजली हो रही है
अदिति सर्म से लाल होके - अच्छा समझ गई लेकिन आप क्रीम यूज कर सकती थी ना
कोमल अदिति को देख - जानती हु लेकिन उस सब मे खतरा रहता है
अदिति सर्म से - कैसा खतरा
कोमल अदिति को अजीब नजर से देख - यार अदिति तुम हद से जायदा सर्मिली हो देखो कितना शर्मा रही हो अरे हम दोनो लरकिया है जो तेरे पास है वो मेरे पास भी है बस बरा छोटा का फर्क है
अदिति सर्म से नजरे नीचे कर - क्या दीदी आप भी ना वो बताया नही
कोमल अदिति को देख गहरी सास लेके - ये लरकी कितना सरमाती है क्रीम यूज इसलिये नही करती कियुंकी काला पड़ना या रिएक्शन का खतरा रहता है
अदिति हैरान सर्म से कोमल को देख - अच्छा ये बात है
कोमल अदिति देख मुस्कुराते हुवे - और मे नही चाहती मेरा वो काला हो जाये नही तो शादी के बाद पति देखेगा तो बोलेगा चेहरा बदन गोरा खजाना ही काला निकला
कोमल की बात सुन अदिति सर्म से लाल होते हुवे अपना चेहरा दोनो हाथो से छुपा के - छी दीदी आप कितनी गंदी बाते करती है
कोमल हस्ते हुवे - अरे मेरी बुलबुल कभी कभी गंदी बाते कर लेनी चाहिये तुम बताओ अपना वो कैसे साफ करती हो क्या साफ है या अभी जंगल है वहा
अदिति अभी भी अपना चेहरा हाथों से धके हुवे - दीदी बहोत सर्म आ रही है
कोमल - अरे यार बता भी दे
अदिति - वो क्रीम से
कोमल मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन अभी साफ है या जंगल है
अदिति सर्म से - दीदी वो
कोमल हस्ते हुवे - समझ गई जंगल है यार अदिति इतना भी मत सरमाया कर नही तो मे ये सोच रही हु तेरी शादी जब होगी fi सुहागरात की दिन कैसे अपने पति को अपना खजाना दिखायेगी
अदिति सर्म से पानी पानी होते हुवे - छी छी दीदी मुझे आपसे बात नही करनी आप बहोत गंदी बाते करती हो
कोमल हस्ते हुवे - बुलबुल थोरा बहोत ज्ञान होना जरूरी है अच्छा मुझे नींद आ रही है मे जा रही हु और हा कल साफ कर लेना
कोमल मुस्कुराते हुवे आंगन मे आ जाती है वही अदिति बिस्तर पे सर्म से लाल - दीदी कैसी कैसी बाते करती है
अदिति अपने चुत के ऊपर हाथ रख बाल मेहसूस करते हुवे - हा बरे बरे हो गये है मुझे भी अब ट्रिमर से ही बाल काटने चाहिये मे नही चाहती मेरा वो छी छी छी दीदी के बाते सुन मेरे दिमाग मे भी गंदी बाते आने लगी है
आंगन मे
कोमल मिनिता काजल को देख - मा मे जा रही हु मुझे नींद आ रही है
मिनिता काजल कोमल को देख - ठीक है जा हम थोरि देर मे आ जायेंगे
कोमल - ठीक है
कोमल बाहर आती है तो देखती है अभय विजय खरे बाते कर रहे थे कोमल दोनो के पास जाके खरी हो जाती है अभय विजय कोमल का देख चुप हो जाते है
कोमल दोनो को देख - क्या बाते हो रही है
अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - हम प्लान बना रहे है तुम्हारी शादी बहोत दूर करने का
कोमल हैरान अभय को देख - और ऐसा कियु
अभय हस्ते हुवे - ताकि बंदरिया का चेहरा मुझे ना देखना परे
अभय की बात सुन कोमल के कान से गुस्से का धुवा निकलने लगता है अभय कोमल को गुस्से मे देख डर जाता है
कोमल गुस्से से अभय के पेट मे जोर का मुक्का मारते हुवे - मेरे पीछे लरके पागल है मेरे चेहरे को कोई देख ले तो देखता हि रेह जाता है तेरी ये हिम्मत
अभय पेट कमरे दर्द मे मर गया रे
विजय अभय को देख अंदर हि अंदर हस्ते हुवे - बॉस किसी से नही डरते लेकिन लरकी या औरतो के सामने तो किसी की नही चलती है
कोमल विजय को देख - मे घर जा रही हु मुझे नींद आ रही है
विजय - दीदी मे भी चलता हु मुझे भी नींद आ रही है
कोमल अभय को देख - हा चल मुझे भी इस बंदर का चेहरा नही देखना
विजय अभय को देख - भाई मे जा रहा हु
अभय - ठीक है जा अपनी
कोमल गुस्से से अभय को देख -बोलो क्या बोल रहे थे
अभय मुस्कुराते हुवे - खूबसूरत बेहन को लेके हा यही केह रहा था
कोमल मुस्कुराते हुवे - हा अब तुम मुझे अच्छे लगे गुड नाइट
अभय दर्द मे - हा गुड नाइट
कोमल विजय फिर घर जाने लगते है
विजय - दीदी आप भाई को मारती कियु रहती है
कोमल विजय को देख - तुझे बरी चिंता है उसकी मेरी तो इतनी चिंता नही करता
विजय - अरे नही आप तो मेरी प्यारी दीदी है
कोमल - बस कर झूठा
अभय अंदर जाता है और अपनी मा के गोद मे बैठ जाता है आसा भी मुस्कुराते हुवे अभय को बाहों मे भर लेती है
मिनिता अभय को देख - दीदी आ गया आपका बच्चा
आसा अभय को प्यार से बाल सेहलाते हुवे - हा मेरा प्यारा बच्चा
काजल हस्ते हुवे - भाभी आप अभय का एक छोटे बच्चे के तरह प्यार देती है
आसा मुस्कुराते हुवे - मा के लिये बच्चे जीतने बरे हो जाये बच्चे हि रहेगे
मिनिता अभय को देख - मेरा लाल गया गया
अभय मिनिता को देख - दोनो घर चले गये
मिनिता - अच्छा ये बात है
काजल अभय को देख - तो भतीजे शोपिंग पे किस दिन जाना है
अभय मुस्कुराते हुवे - कल चलेंगे 12 बजे बहोत सारी खरीदारी करनी है
मिनिता - हा शादी ऐसे हि थोरि हो जाती है
आसा अभय को प्यार करते हुवे - अपने लाला को दुल्हे के रूप मे देखने के लिये बेचैन हु
काजल - भाभी हर मा यही चाहती है
अभय काजल की आखो मे देख - बुआ आज मेरे यहा रुक जाओ ना ये भी आपका हि घर है
आसा मिनिता हैरान होते है अभय की बात सुन तो वही काजल का दिल धक धक करने लगता है
मिनिता अभय को देख - वाह बेटा मुझे आज तक एक दिन भी नही कहा ऑन्टी रुक जाओ लेकिन बुआ को कितने प्यार से केह रहा है
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - कल आप रुक जाना
मिनिता मुस्कुराते हुवे - सोचुगी
अभय काजल को देख - बुआ रुकेगी या
काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - ये भी मेरा हि घर है ठीक है
अभय खुश होते हुवे - ये हुई ना बात
आसा मुस्कुराते हुवे - लगता है बुआ भतीजे मे बहोत प्यार है
मिनिता मुस्कुराते हुवे - हा दीदी मुझे भी लगता है
रात 11 बज गये थे बाते करते हुवे
मिनिता आसा को देख - दीदी यहा आके बाते करते हुवे बता भी नही चलता टाइम कैसे गुजर गया अब में चलती हु
आसा मिनिता को देख - ठीक है अभय बेटा ऑन्टी का घर छोर के आ रात बहोत हो गई है
अभय खरा होते हुवे - जी मा
अभय मिनिता बाहर आते है सब गाव वाले सो चुके थे और बहोत अंधेरा भी था
अभय बिना देरी किये मिनिता के हाथ पकर अपनी तरफ खिचता है मिनिता सीधा अभय के सीने से आह करते हुवे चिपक जाती है अभय अपना एक हाथ मिनिता के पीछे कमर पे रख अपनी तरफ दबा के मिनिता को पूरा अपने बॉडी से चिपका लेता है मिनिता के मुह से सिसकिया निकल परती है दोनो पूरा चिपके थे बीच मे थोरा भी गेप नही था अभय मिनिता के शरीर कि गर्मी खुशबु अपने सीने पी दो बरे मुलायम चूचे दबे हुवे और मिनिता की चुत की भी
दोनो फिर एक दूसरे की आखो मे देखने लगते है ( अभय मिनिता को देख - आपकी बॉडी की गर्मी आपके सरीर की खुशबु मुझे पागल कर देती है ( मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये - वो कैसे भला
अभय मिनिता की आखो मे देख - किसी दिन अच्छे से बताउग अभी तो मुझे आपके होठो का रस पीना है
अभय कि बात सुन मिनिता के होठ अपने आप खुलने लगते है मिनिता अपने होठ अभय कि तरफ ले जाने लगती हो अभय भी मिनिता के होठ से होठ सता देता है मिनिता अभय को पकर लेती है फिर सुरु होता है एक दूसरे के होठो का रस पीने का सिलसिला
मिनिता अभय के जिब को मुह मे लेके अच्छे से चूस गट गट पीते हुवे सर्म से मन मे - इस लरके ने मुझे कैसी आदत लगा दी है किस का बात सुनते ही मुझे कुछ होने लगता हो फिर मेरे होठ अपने आप खुल जाते है आह उफ़ पर ये एहसास अभय बेटे के बाहों मे समा के किस करने का रस पीने का उसका स्वाद मेरे रोम रोम को खिला देता है मेरी आत्मा मेरा तन मन सब बहोत खुश हो जाते है पर कियु
दोनो लगे हुवे थे जोर सोर से एक दूसरे का रस पीने मे जैसे दोनो के बीच बेतल चल रहा हो कोन किसका कितना रस पियेगा ( अभय मन मे - दिन पर दिन ऑन्टी बहोत तेज होती जा रही है मेरे जिब होठ को मुह मे लेके कैसे मजे से चूस रही है उफ़ 3 मिनट बाद
अभय मिनिता के चूचे के थोरा उपर किस करने लगता हो मिनिता के पूरे सरीर काप् जाते है मिनिता को करेंट लगता है मिनिता को वहा किसी ने ऐसे किस नही क्या था मिनिता को अजीब फीलिंग आ रही थी मिनिता जोर जोर से आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है
मिनिता - उफ़ मा बेटा ये तु क्या कर रहा है आह रुक जा मुझे मुझे अजीब लग रहा है मुझे कुछ हो रहा है प्लेस रुक जाओ
मिनिता के पैर भी कापने लग गये थे सायद वो जगह मिनिता कि सबसे संसेटिप् जगह थी
अभय मिनिता की बात सुन अपने आप को रोक मिनिता को छोर देता है मिनिता नीचे बैठ तेज तेज सासे लेने लगती है और सर्म से लाल अभय से नजरे भी नही मिला पा रही थी
अभय मिनिता को देख - ऑन्टी आप ठीक है
मिनिता कापते होठो से - हा
मिनिता फिर खरी होती है तो अभय एकदम से मिनिता को गोदी मे उठा लेता है मिनिता हैरान अभय को देख बेटा अभय मिनिता को घर की तरफ ले जाने लगता हो रात के 11.20 हो रहे थे गाव मे तो 9 बजे ही सब सो जाते है तो रास्ता साफ था अंधेरे मे दूर से कोई देख भी नही सकता था मिनिता बस अभय को प्यार से देखती रहती है
अभय भी मिनिता को प्यार से देखने लगता है मिनिता मन मे - आज तक किसी मे मुझे ऐसे गोद मे नही उठाया मुझे बहोत अच्छा लग रहा है अभय बेटा मेरे साथ जो करता है अजीब होता है लेकिन मुझे उसमे मजा आता है हमारे बीच मे जो हो रहा है नॉर्मल है या नही समझ नही आता
अभय आखिर कर मिनिता को गोद मे उठा के घर के बाहर मिनिता को नीचे उतार देता है मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये - सुक्रिया बेटा
अभय मिनिता के होठ मे उंगली रख मिनिता को प्यार से देख - कभी मुझे आप सुक्रिया मत केहना आप तो मेरी प्यार ऑन्टी है आपके लिये मे कुछ भी कर जाऊ
अभय की बात मिनिता के दिल को छु जाती है मिनिता आगे बढ़ अभय के कान मे - नही कहूगी
अभय मुस्कुराते हुवे - तब ठीक है गुड नाइट ऑन्टी
मिनिता अभय के होठ पे किस कर सर्म से - गुड नाइट बेटा
मिनिता अभय को एक बार देखती है फिर अंदर चली जाती है अभय भी मस्त गाना गाते घर आ जाता है
अभय आसा के कमरे मे जाता है तो आसा बिस्तर पे नाइटी पहने बैठे अभय का ही इंतज़ार कर रही थी
आसा अभय को देख - आ गया ऑन्टी को छोर के
अभय बिस्तर पे जाके बैठ आसा को देख - हा मा आ गया
अभय फिर बिस्तर पे पेट के बल लेत दोनो हाथो हो बिस्तर के रख प्यार से आसा को देखने
आसा अभय को ऐसे देखता देख सर्म से लाल हो जाती है आसा भी अभय की तरह बिस्तर पे लेत अभय को देखने लगती है
आसा के अभय की तरह लेटने से आसा की नाइटी के कोर आसा के बरे उजले चूचे के वजन को संभाल नही पाती और आसा के बरे उजले चूचे साफ दिखने लग जाते है और सबसे कामुक् नजरा आसा के चूचे के बीच दरार बना रहा था आसा के हर अंग जो दिख रहे था दूध जैसे उजले थे ये सीन अभय ने कई बार देखा था
आसा मस्त अदा से अपना पैर हिलाते हुवे प्यार से अभय को देख - ऐसे क्या देख रहा है
अभय आसा को प्यार से देख - मा आप सुरु से ही इतनी खूबसूरत गोरी थी या बाद मे हुई कोई साबुन लगा के
अभय की बात सुन आसा जोर जोर से हस्ते हुवे सर्म से - तेरी मा पैदा हि गोरी हुई
अभय आसा को देख - अच्छा यानी नानी बहोत खूबसूरत थी
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत खूबसूरत थी
अभय - अरे हा बुआ कहा है
आसा मुस्कुराते हुवे - तेरे कमरे मे है अपने घर वालो से बात कर रही है
अभय - अच्छा
अभय आगे घिसते हुवे आसा के चेहरे के पास अपना चेहरा लाके - सेक्सी डार्लिंग मा किस चाहिये आपके लाला को
आसा मुस्कुराते हुवे अभय के होठ पे होठ सता के किस करते हुवे -ले
अभय मुस्कुराते हुवे -हा अच्छा मा गुड नाइट बुआ केहगी मुझे रोकने बोल अकेला छोर दिया
आसा हस्ते हुवे - हा ठीक कहा गुड नाइट लाला
अभय फिर अदिति के पास आके किस कर गुड नाइट बोल अपने कपड़े मे आता है मिनिता फोन से घर बात कर बिस्तर पे लेती हुई थी अभय को आते देख - हा गया
अभय मुस्कुराते हुवे काजल के ऊपर आके लेत अपना चेहरा काजल के बिल्कुल सामने कर आखो मे देख - बुआ डार्लिंग आपने कहा था मुझे चूचे चूसने दोगी
अभय की बात सुन काजल की सासे उखड़नेलगती है काजल अपने दोनो हाथ को बिस्तर पे रख अपनी उंगली से कस के बिस्तर पकर सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर तेज सासे कापते होठों के साथ अपने होठ पे दात से काटते हुवे - ठीक है चूस ले
अभय काजल को गोर से देखता है सर्म से नजरे फेरे हुई थी अभय काजल के हाथ को देखता जो बिस्तर को पकरे हुवे थी अभय काजल के सीने को देखता है जो तेज सासे लेने कि वजह से उपर नीचे हो रहे है काजल अपने दोनो पैर सीधा किये हुवे थी और अभय भी वैसे हि काजल के ऊपर लेता था लेकिन अभय का लंड काजल के चुत से पूरा सता चुत कि गर्मी के मजे ले रहा था
अभय बुआ म सुरु करता हु -
काजल सर्म से अभय को बिना देखे - ठीक है
अभय कापते हाथो से काजल के चूचे की तरफ हाथ बढ़ा के सारी सीने से हटा देता है सामने का नजरा देख अभय का लंड कई झटके मारता है आज अभय अपने लंड को आजाद छोर दिया था
सीने से सारी हटने के बाद काजल के दो बरे उजले दूध बरी मुश्किल से ब्लाउस मे कैद थे दोनो बाहर आने के लिये पूरे बेचैन लग रहे थे जैसे अभय से केह रहे हो भाई हमे बाहर निकाल सास लेनी है अभय भी जैसे दोनो चूचे से केह रहा हो निकाल दुगा और दबा के पियुगा
अभय फिर धीरे से आराम ब्लाउस के बटन खोलने लगता है तो काजल तेज सासे लेने लगती है सीना उपर नीचे होने लगता है
अभय सारे बटन खोल दोनो चूचे को कैद से आजाद कर देता है फिर गोर से देखने लगता है अभय मन मे - उफ़ इस उमर की औरतो का कितना अच्छा बदन चूचे होते है कसम से किस्मत वाला हु में जो बुआ के चूचे कर चूसने का मोक्का मिला
काजल सर्म से बिस्तर कर के पकरे तेज सासे लेते हुवे एक नजर अभय को देखती है तो पाती है अभय उसके चूचे को बरे प्यार से देखे जा रहा है काजल ये देख और सर्म से लाल हो जाती है काजल मन मे - उफ़ बेटा मेरे चूचे को ऐसे कियु देख रहा है उफ़ मुझे कुछ होने लगा है आह मेरा दिल तेजी से धक धक करने लगा है
अभय के दिमाग के क्या आता है अभय काजल के निपल को उंगली से पकर उपर की तरफ जोर से खीचने लगता है काजल के चूचे रबर की तरह टाइट हो जाते है काजल दर्द मे सिसकिया लेते हुवे - बेटा अभय बहोत दर्द हो रहा है आह इतना मत खिच
अभय भी जायदा नही खिचता और एकदम से निपल छोर देता है काजल के चूचे तेजी से नीचे आके चारों तरफ फैल पुलुर् रबर कि तरह इधर उधर कर हिलने लगते है आयन ये सब देख उसका लंड कई झटके मारता है काजल आह मा करते हुवे बिस्तर कस लेती है
काजल उपर से पूरी नंगी थी अभय काजल के भरे कमर गहरी ढोरी देख रोक नही पाता और काजल के चूचे दबाते हुवे पेट ढोरी को चूमने जिब से चाटने लगता है काजल का के शरीर झटका खाता है काजल मछली बिन पानी के जैसे तरपति है तरप रही थी तेज सिसकिया तेज सासे की आवाज कमरे मे गुज रही थी
काजल लेती हुई थी लेकिन काजल के बरे चूचे खरे रबर की तरह अभय के दबाने से हिल रहे थे पहली बार कोई काजल के शरीर को चूचे को इस तरह से दबा रहा था चाट रहा था सब काजल के लिये नया और पागल कर देने वाला एहसास था
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अभय तो आज अपने मजे की दुनिया मे खोया था अभय को कोई होस नही था अभय के जिब काजल के मुलायम पेट पे चल रहे थे और हाथ चूचे को दबाने मे लगे थे दो तरफा काजल अपने पेट पे अभय का खुरखुरा गर्म जिब फिल कर पागल हो रही थी और अपने चूचे पे अभय का हाथ फिल कर मचल रही थी
अभय अच्छा से काजल के चूचे दबाने पेट को चाटने के बाद अपने दोनो हाथ चूचे पर रख जितना उंगली मे आता है पकर दबाने लगता है काजल जल्दी से अपना एक हाथ से मुह बंद कर दर्द मे मचलते हुवे - उफ़ दर्द हो रहा है बेटा थोरा धीरे दबा आज तो मे गई मा
अभय काजल को देख ठीक है बुआ अभय नही चाहता था आसा अदिति को पता चले अभय काजल के चूचे पकरे दबाते हुवे उफ़ कितना मुलायम सॉफ्ट है बुआ के चूचे दबाने मे अलग ही हि मजा आ रहा है ( वही काजल मचलने लगती है काजल की सिसकिया और तेज हो जाती है ये देख अभय रुक जाता है तो काजल भी सांत हो जाती है
काजल अपने सासो पे काबू करते हुवे सर्म से दूसरी तरफ चेहरा किये - आह मेरे अंदर ये कैसी हलचल हो रही है
अभय काजल को एक नजर देखता है फिर झुक कर अपने होठ चूचे के तरफ ली जाने लगता हो काजल जब देखती है तो काजल की सासे फिर तेज हो जाती है काजल फिर बिस्तर को कस के पकर लेती है
अभय अपने गांड का दबाव काजल के चुत मे लगाता है जिसकी वजह से अभय का लंड काजल के चुत से पूरी तरह चिपक जाता है काजल और कस मे बिस्तर को पकर अपने चेहरे को बेचैनी से इधर उधर मचलते हुवे एक तेज आह करती है
अभय अपने खरे लंड से काजल की चुत मे धीरे से आगे पीछे कर घिसने लगता हो काजल मछली की तरह तरप् आह उफ़ सिसकिया लेके मचलते रहती है
अभय काजल के एक चूचे मुह मे लेके चूस कर पीने लगता है साथ मे धीरे धीरे काजल के चुत से धक्का मारे जा रहा था जैसे चुदाई कर रहा हो काजल के अंदर का सांत सोया तूफान जाग जाता है काजल अपने दोनो टांगे हवा मे उठा के फैला के अभय को पूरा जगह दे देती है ताकि अभय अच्छे से उसकी चुत मे अपना लंड रगर सके
अभय काजल के ऊपर काजल नीचे अभय काजल को अच्छे से पकरे हुवे मजे से काजल के चूचे मुह मे लेके चूसने मे लगा था काजल भी अभय को पकर अपने सीने से सताने हुवे अभय के नीचे परी मचलते हुवे - आह उफ़ मा बेटा आह धीरे से प्यार से चूस बुआ के चूचे काटना मत दर्द होगा आह उफ़ मुझे कुछ हो रहा है बेटा अभय आह
अभय धीरे धीरे धके काजल की चुत पे सारी के ऊपर से मारे जाता रहा था काजल हवा मे दोनो टांगे फैलाये अभय को पकरे तरप् मचल रही थी अभय - उफ़ मजा आ रहा हुआ आपके चूचे मुह मे लेके चूसने मे आह दूध आ रहा होगा तो और मजा आता काजल की सारी भी उठ कर उपर आ चुकी थी काजल के मोटे गोरे जांघे दिखने लग गये थे
लेकिन काजल की हालत तो बहोत बुरी थी आज पहली बार काजल अपने चुत पे अभय का मोटा लम्बा गर्म लंड घिसते आगे पीछे होते मेहसूस कर रही थी ( काजल कापते हुवे मन मे अभय बेटे का लंड मेरे चुत को घिस रगर रहा है मा उफ़ मे फिल कर सकती हु अभय बेटे का लंड बहोत मोटा लम्बा है बस काजल को मेहसूस होता है कुछ उसकी चुत से बाहर निकलने वाला है
काजल पूरे बेचैन से बिस्तर को पूरी ताकत से कस के पकर् अपना पैर मारते तरपते बिस्तर पे मछली कि तरह छतपटाते हुवे आखो मे आसु लिये मन मे रोते हुवे - नही नही नही प्लेस नही मे झर नही सकती मुझे अपने आप को रोकना होगा ये होना नही चाहिये अभय बेटा क्या सोचेगा ( अभय काजल को इतना मचलते पैर मारते आखो मे आसु देख अभय समझ जाता है मामला क्या है लेकिन अभय भी उस मोर पे था जहा वो खुद रुक नही सकता था
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अभय अपना कमर गांड हिलाते हुवे और तेज अपना लंड काजल के चुत पे घिसने लगता है साथ मे काजल के चूचे बदन को भी चुमे चाटे जा रहा था अभय का लंड पूरा टाइट लोहे जैसा था काजल से चड्डी नही पहनी थी नतीजा अभय अपना लंड पीछे कर तेज धक्का मरता है और होता ये है अभय का लंड लोहे का बन गया था लम्बा भी था तो सारी के साथ ही अभय का लंड का टोपा काजल के चुत के फाके फैला के थोरा अंदर सारी के साथ घुस जाता है ये मेहसूस कर काजल जो अपने आप को रोके हुई थी दर्द मे रोते हुवे - मा नही करते हुवे काजल कमर गांड उपर उठा उठा के झरने लगती है काजल का पूरा सरीर कापते हुवे झटके मारे जा रहा था और काजल एक मिनट तक बिस्तर पकरे गांड उठा उठा के झरते रहती है
आयन भी काजल के चुत मे अपने लंड का टोपा फिल कर आह करते झर जाता है अभय के लंड का तोप काजल के बस चुत के मुह तक गया था सारी की जगह नाइटी होती तो पूरा घुस जाता
काजल कापते रहती है पूरा सरीर काजल का कप कपा रहा था आखो से आसु बेह रहे थे और कई साल से जबा हुआ चुत का रस काजल आज निकाल चुकी थी काजल की सारी अंदर से खराब हो गई थी और अभय का पैंट भी अभय काजल के ऊपर गिर जाता है
काजल ने बिस्तर जो कस के पकरे थे छोर देती है पैर नीचे कर लेती है सासे तेज चल रही थी पूरा सरीर पसीने से भीगा हुआ था पर काजल के आखो से आसु रोकने का नाम नही ले रहा था
2 मिनट बाद
अभय को अब एहसास होता है उसने क्या कर दिया सेम काजल भी आखो मे आसु लिये समझ चुकी थी इतना आगे नही जाना था
अभय काजल के ऊपर से साइड मे बिस्तर पे लेत जाता है काजल करवट लेके दूसरी तरफ चेहरा कर सिसक सिसक् कर रोने लगती है
काजल को रोता देख अभय के दिल मे दर्द होता है अभय काजल की तरफ करवट लेके काजल के बाजू पकर अपनी तरफ घुमा के देखता है तो काजल का चेहरा आसुओ से भीगा हुआ था काजल की ऐसी हालत देख अभय के आखो से भी आसु आ जाते है काजल जब अभय को रोता देखती है तो काजल के दिल मे भी दर्द होने लगता है
अभय काजल के आसु साफ कर रोते हुवे - बुआ माफ कर दो सब मेरी गलती है मे जो कहता गया आपने क्या लेकिन इस बार मे रुक नही पाया मे आपका गुनेगार् हु आप जो सजा दोगे मुझे मंजूर है
काजल अभय के आसु साफ कर - पागल तु कियु रोता है गलती जो तूने क्या मेरी मर्जी से किया हा इस बार जायदा हो गया
अभय काजल को देख - माफ कर दो बुआ
काजल अभय को अपने नंगे चूचे से सता के बाहों मे लेके - मे गुस्सा नही हु तुम बुरा फिल मत कर
अभय आखो मे आसु लिये काजल की आखो मे देख - मेरी कसम
काजल अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हा तेरी कसम
अभय काजल के गले लगा के बाहों मे कस - थैंक्स बुआ आप बहोत अच्छी है
काजल अभय के बाल सेहलाते हुवे - मेरा बच्चा अच्छा अब छोर मुझे बाहर जाना है
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आपके कपड़े सब गिले हो गये मेरे भी
काजल सर्म से पानी पानी होते हुवे - छी बेसर्म मारुगी
काजल सर्म से लाल खरी होके ब्लाउस मे चूचे कस बटन लगा के सारी अच्छे से पेहन बाहर जाने लगती है
अभय - मुझे भी लगी है
काजल फिर सर्म से पानी पानी हो जाती है
काजल सर्म से - ठीक है चल
अभय खुश हो जाता है
दोनो घर के पीछे आते है
काजल अभय को देख सर्म से - जा आगे कर ले मे
अभय मुस्कुराते हुए आगे जाके पिसाब करने लगता है काजल भी एक जगह बैठ तेज धार मारते हुवे पिसाब करने लगती हो काजल के चुत पानी से गिला था लेकिन अब सुख गया था
काजल मन मे - उफ़ अजीब गिला गिला लग रहा है आज ऐसे हि सोना परेगा
काजल अभय कमरे मे आते है
अभय - बुआ गंदे सारी मे ही सोयेगी
काजल सर्म गुस्से से - तो कहा से लाउ
अभय - माफ करना बात तो सही है मेरा चड्डी गिला है बदलना है
काजल फिर सर्म से पानी पानी होके दूसरी तरफ घूम - बदल ले
अभय पैंट निकाल गीली चड्डी निकाल काजल को देख - आप देखना चाहती है तो देख सकती है
काजल तेज सासे लेते हुवे सर्म से कापते होठो से - बेशरम बहोत बोलने लगा है सर्म कर
अभय भी चड्डी बदल एक जगह रखते हुवे हस के - अच्छा
अभय फिर बिस्तर पे आके काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख - मजा आया ना आज मेरी बुआ डार्लिंग
काजल अभय के सीने मे अपना चेहरा छुपा के - बेटा मत कर ऐसी बाते सर्म आ रही है
अभय काजल को बाहों मे कस लेता है काजल भी अभय की बाहों मे समा जाती है
अभय मन मे - काजल बुआ बहोत शर्मा गई है तो फिर कभी पूछ लुगा लेकिन एक बात का एहसास हो गया आज मे बुआ से प्यार करने लगा हु इस लिये कल मे बुआ को गर्लफ्रेंड बनने के लिये परपोस् करुगा
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही मस्त और शानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 34
इंसान को सबसे अच्छी दिन तब आती है जब भर पेट खाना और उसे जो चाहिये मिल जाये साथ मे नरम गर्म बिस्तर तब जो सुकून भरी नींद आती है उसके क्या ही कहने
काजल जिसकी लाइफ मे सेक्स 2 साल से बंद था उसके पहले 3 साल मे कभी कभी ही सेक्स होता था सीधे कहे तो काजल को 5 साल से सरीर का सुख नही मिला
काजल एक समझदार अच्छी औरत थी उसे पता था एक वक़्त पे मर्द का सेक्स से रूचि कम हो जाती है या एक ना एक दिन सेक्स बंद हो जायेगा इस लिये जब ऐसा हुआ काजल भी अपना ध्यान दूसरे कामो मे लगा दिया काजल अपने पति से नाराज नही थी उसे पता था उसके पति ने बहोत प्यार दिया है बस एक ना एक दिन ये बंद होना था
काजल ने ये भी नही सोचा था उसकी लाइफ मे अभय नाम का लरका आयेगा जिसके साथ खुब मस्ती मजाक करेगी अभय ही बाते हरकत काजल को अभय के करीब लेती चली गई जिसका अंदाज़ा काजल को नही हुआ लेकिन आज काजल को एहसास हुआ वो बहोत आगे चली गई है
अपना अभय ताकतवर चालाक अच्छे साफ दिल का है लेकिन प्यार के मामले मे बहोत बेवकूफ भाई को कांड करने के बाद एहसास होगा अरे ये तो कांड हो गया जैसे आज पता चला लेकिन अब दोनो कितना आगे जायेंगे देखते है
5 साल की गर्मी अभय ने चुदाई किये बिना ही काजल की निकाल दी थी तो काजल के लाइफ मे जो कमी थी उसके सरीर को जो चाहिये था मिल गया था ऊपर से अभय का शरीर नरम गर्म काजल को एक अच्छा सुकून भरा नींद मे ले गया
( सुबह )
औरते भले की रात को देर से सोये लेकिन सुबह अपने टाइम पे उठ ही जाती है काजल की नींद खुलती है नजर अभय पे जाती है जाहिर है रात का सिन याद आने मे काजल सर्म से पानी पानी हो जाती है
काजल अपने आप को देखती एक बीवी जैसे एक पति से चिपक कर सोती है वैसे ही काजल अभय के ऊपर एक टांगे रख चिपक कर सोई थी अपने आप को इस हालत मे देख काजल और सर्म से लाल हो जाती है
काजल अभय के चेहरे को प्यार से देखते हुवे मन मे - रात जो हुआ गलत हुआ लेकिन मे इस बात को नकार नही सकती मुझे जो सुकून मिला रात जो सुकून की नींद सोई अभी मे जितना अच्छा फिल कर पा रही हु सब तुम्हारे उस हरकत की वजह से है
काजल अभय के होठो पे होठ रख किस करते हुवे - आगे क्या होगा पता नही लेकिन तुम्हारे साथ मुझे अच्छा लगता है मेरा फिल आत्मा खुश रहता है सुकून मिलता है मेरे अभय बेटे
काजल फिर बिस्तर से उठ कमरे से बाहर आती है आसा भी कमरे से बाहर आती है काजल को देख मुस्कुराते हुवे - उठ गई रात को अच्छी नींद आई
काजल सर्म को छुपाते हुवे आसा को देख - हा अच्छी नींद आई
आसा मुस्कुराते हुवे - खेत की तरफ चले
काजल - जी
आसा काजल हल्का होने खेत की तरफ बाते करने हुवे जाने लगते है
आसा - ननद जी आपको यहा बहोत मजा आने लगा है लेकिन एक दिन फिर आपको जाना परेगा तब किया
आसा की बात सुन काजल का दिल उदास हो जाता है
काजल - भाभी आपकी बात भी सही है लेकिन क्या ही किया जा सकता है
आसा पीछे काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आप चिंता कियु करती है अभय बेटा जिसे अपना मान लेता है उसे अकेला नही छोरता जब भी टाइम मिलेगा अभय बेटा आपसे मिलने जाता रहेगा आपको भी जब टाइम मिले आती रहना अब तो हम एक ही है
काजल का दिन फिर खुश हो जाता है
काजल - जी भाभी आपके बिल्कुल सही कहा
दोनो अपने जगह आ गये थे आसा एक जगह जाके सारी उठा के बैठ जाती है काजल भी थोरि दूर जाके सारी उठा के बैठ जाती है लेकिन काजल को पानी चुत मे उसका पानी सुखा मेहसूस होता है
असल मे काजल मे बहोत पानी निकाला था जो काजल के पूरे चुत जांघे पे फैल चिपक कर सुख गया था
काजल हाथ लगा के चुत और चुत के आस पास छुटे हुवे सर्म से - उफ़ मुझे रात को पानी से धो लेना चाहियें था अब अच्छे से नहा के साफ करना होगा
काजल को फिर याद आता है उसने कैसे कमर गांड उठा उठा के झटके मार मार बहोत पानी निकाला तो और सर्म से लाल होते हुवे - उफ़ अभय बेटा क्या सोचा होगा मुझे देख सोच बहोत सर्म आ रही है
आसा काजल हल्का होके घर आते है काजल नहाने जाती है और अच्छे से अपनी चुत जांघों को अच्छे से साफ करती है
आसा काजल रेडी हो जाते है
आसा फिर अभय को जागने जाती है अभय उठ आसा को बाहों मे लेके किस करते हुवे - गुड मोर्निंग डार्लिंग मा
आसा भी अभय को प्यार से किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे लाल
आसा अभय फिर बाहर आते है
अभय की नजर काजल पे जाती है जो आगन मे खटिये मे बैठी थी काजल की भी नजर अभय पे जाती है तो सर्म से लाल हो जाती है
अभय काजल के पास जाके होठों पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग बुआ
काजल भी सर्म छुपा के अभय को किस करते हुवे - गुड मोनिँग बेटा
अभय जायदा बात नही करता ना कुछ करता है कियुंकी आसा पास ही थी अभय अदिति को जगाने जाता है अभय अंदर कमरे मे जाता है
तो अंदर का सीन कुछ ऐसा था अदिति के बरे गांड कपड़े से चिपके अभय की तरफ ही थे आसा के तरह ही अदिति के बरे चूचे गांड थे
लोग कहते है शादी के बाद लरकियो की बॉडी मे बदलाव आते है लरकिया बॉडी खिल जाती है अभी से अदिति बहोत हॉट है शादी के बाद जो बदलाव आयेगे तब अदिति अपनी मा की तरफ कयामत बन जायेगी
अभय तो मा अदिति को ऐसे हालत मे देखता आ रहा है तो अभय के लिये नॉर्मल आ अभय अदिति के पास जाके - उठ का मेरी परी सुबह हो गई है
अपने भाई की आवाज सुन अदिति आखे मलते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - मेरे प्यारे भइया ने आज मुझे परी कहा क्या मे सच मे आपको परी जैसी लगती हु
अभय आके झुक अदिति के होठों पे करते हुवे - बिल्कुल मेरी गुरिया परी है मेरे लिये बहोत खूबसूरत परी
अदिति खुशी से खरी होके अभय को गले लगा के -भइया
अभय - अच्छा चलो बाहर चलते है
अभय अदिति बाहर आते है
काजल अदिति अभय को देखती है फिर आसा को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी क्या ये रोज होता है आप अभय को जगाती है अभय अदिति को
आसा मुस्कुराते हुवे - हा
काजल मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन अभय के शादी के बाद क्या
आसा मुस्कुराते हुवे - वक़्त के साथ चलना परता कुछ चीजे बदल जाती है लेकिन जरूरी प्यार है जो हमारे बीच है और रहेगा
काजल मुस्कुराते हुवे - हा आपका कहना सही है
अदिति काजल के पास आके - गुड मोर्निंग बुआ
काजल अदिति को देख - गुड मोर्निंग अदिति बेटा
अभय तो निकल परा था अभय हल्का होके जोगिग कर मिनिता के घर आ जाता है
अंदर अंदर जाके रोज की तरह - गुड मोर्निंग बंदरिया
कोमल गुस्से से अभय को देख - कमीने सुधर जा
मिनिता कमरे से आते हुवे अभय को देख मुस्कुराते हुवे - इतनी खूबसूरत बेटी है मेरी बंदरिया मत केह
अभय मुस्कुराते हुवे - मा खूबसूरत है तो बेटी होगी ही वैसे मेने कहा था बंदरिया के जगह डार्लिंग बोलुगा तो चलेगा ना लेकिन गुस्सा हो गई मुझपे
कोमल गुस्से - मा देखा कमीना क्या केह रहा है बरा आया डार्लिंग बोलने वाला
मिनिता हस्ते हुवे - अरे अभय बेटा तो बस तेरी टांगे खिचता रहता है
मिनिग अभय को देखती है अभय मिनिता को
कोमल - हा लेकिन बंदरिया ना बोले बस
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा नही बोलुगा खुश
कोमल - हा कल पता चलेगा
मिनिता - अच्छा चल बाते करते है कमरे मे
अभय मुस्कुराते हुवे - हा चलिये
दोनो अंदर जाते ही अभय मिनिता को बाहों मे भर लेता है मिनिता सर्म से लाल अभय को देखती है अभय मिनिता के कमर को सहलाने लगता है मिनिता सिसकिया लेने लगती है ( अभय - ऑन्टी अंकल की किस्मत से जलन होती है मुझे
मिनिता अभय को सर्म से देख - ऐसा कियु
अभय मिनिता की आखो मे देख - कियुंकी आपकी उन्हें मिली खूबसूरत हॉट
मिनिता सर्म से - अच्छा मुझमे ऐसा क्या है
अभय मिनिता के गर्दन को चूमते हुवे - आपकी खूबसूरती आपकी बॉडी इस उमर मे आपका सब कुछ फिट है अपने गर्दन पे अभय के गर्म गिला जिब फिरते मेहसूस कर मिनिता के पूरे सरीर मे झुर् झुरि उठ जाती है मिनिता के मुह से आह उफ़ सिसकिया फुट परती है
मिनिता कापते होठो से - और क्या मुझमे अच्छा लगता है तुम्हें
अभय मिनिता के पीछे आके अपना लंड मिनिता के गांड पे सता के चिपक कर मिनिता के गले को चूमते हुवे कान मे धीरे से - आपके बरे बरे है सब जिसे देख मेरा मन बिगर जाता है
मिनिता तेज सासे सिसकिया लेते हुवे मदहोसि मे - उफ़ क्या बरे बरे है मेरे आह मे समझी नही , अभय मिनिता के गांड की गर्मी और अपना लंड दबाते हुवे - आज नही बाकी फिर कभी
मिनिता सिसकिया लेते हुवे सर्म से - अच्छा आज कियु नही
अभय -धीरे धीरे मजा आता है
मिनिता सिसकिया लेते हुवे - उफ़ ऐसा क्या
अभय मिनिता की सारी सीने से नीचे गिरा के मिनिता के मुलायम भरे कमर पेट को दोनो हाथो से मसलते गले को चूमते रहता है मिनिता कसमसाते हुवे तेज सासे सिसकिया लेती हुई मचलती रहती है मिनिता - उफ़ बेटा धीरे मसल आह दर्द हो रहा है उफ़ ये कैसी कसक है
अभय आगे आके मिनिता की आखो मे देखता है मिनिता नासिलि आखो से अभय को सर्म से देखते हुवे अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को कस के सीने से सता के किस करने लगती है दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिये एक दूसरे का रस पीने लगते है
मिनिता मन मे - मे कियु अभय बेटे के आने का इंतज़ार करती हु रोज मे कियु अभय बेटा जब आता है तो उसे देख सर्म और खुश दोनो हो जाती हु कियु मुझे अभय बेटे के साथ इस सब मे इतना मजा आता है क्या हम सही कर रहे है
मिनिता अपने एक उलझन मे परी थी मिनिता समझ नही पा रही थी क्या जो अभय उसके बीच हो रहा है वो सही है या गलत क्या उसे सब बंद कर देना चाहिये या नही
2 मिनट बाद दोनो के होठ लार से गीले अलग होते है मिनिता बहोत शर्मा रही थी मिनिता जल्दी सी सारी सही कर अपने सीने पे डाल बाल सारी फिर अच्छे से सही कर नजरे नीचे किये - चले बाहर
अभय - जी
अभय मिनिता को देख मन मे - क्या ऑन्टी के साथ भी काजल बुआ वाला सीन ना हो जाये नही नही मे क्या सोच रहा हु ऑन्टी के साथ वो सब नही हो सकता
अभय मिनिता बाहर आते है अभय मिनिता को देख - ऑन्टी 12 बजे शोपिंग पे जाना है तो आप सब पहले रेडी रहना
मिनिता मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा
अभय कोमल को देख - कम्मो रेडी रहना
अभय फिर तेजी से भाग निकलता है
कोमल अभय को जाते हैरान देखती रेह जाती है मिनिता कोमल को देख हसने लगती है
कोमल मिनिता को देख - मा आपको बरा हसी आ रही है
मिनिता अपनी हसी रोकते हुवे - कम्मो अच्छा नाम है
कोमल मुह बना के - आपको तो बस उसके साइड मे हा करना है बस
कोमल मन मे मुस्कुराते हुवे - कम्मो इतना बुरा भी नही है
अभय घर आता है नहाता है रेडी होता है फिर खाना खाने बैठ जाता है
अभय आसा को देख - मा आज 12 बजे शोपिंग मे जाना है जो खरीदारी करनी है आज कर लेगे
आसा - हा बेटा सही है अब शादी के कुछ दिन ही बचे है
अदिति खुश होते हुवे - वाओ अब मजा आयेगा
काजल मुस्कुराते हुवे - हा मजा तो बहोत आयेगा
अभय - ठीक है फिर मे बाकी सब को रेडी रहने को बोल दुगा
खाना पीना होने के बाद अभय दिशा सिला सब को रेडी रहने को बोल देता है
काजल आसा से - भाभी मे जा रही हु सब के साथ आ जाउंगी
आसा - ठीक है
काजल अभय को एक नजर देख - मिनिता के घर निकल परती है
आसा अभय अदिति एक कमरे मे बैठ क्या क्या लेना है उसकी लिस्ट बनाने लगते है
( दोपहर 12 बजे )
आसा अदिति अभय रेडी थे तभी बाहर से गारी के होरान् की आवाज सुनाई देती है
अभय - लगता है सब आ गये है मा गुरिया चलो
अभय बाहर आता है तो देखता है विजय गारी लेके आया था आगे कोमल पीछे मिनिता काजल बैठे हुवे थे
मिनिता आसा को देख - दीदी हमारे साथ चलिये ना
काजल - हा भाभी आइये बहोत जगह है
आसा मिनिता काजल को देख - अच्छा बाबा आती हु ( आसा अभय को देख) बेटा तुम अदिति बाकी बस को अपनी गारी मे बैठा लेना
अभय - ठीक है मा
आसा विजय की गारी मे मिनिता काजल के साथ बैठ जाती है
विजय - भाई पहले कहा
अभय - सिला मा के पास फिर तेरी भाभी के पास ( अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे ) कम्मो
अदिति विजय आसा हैरानी से - क्या
कोमल अपना सर पकर अभय को गुस्से से देख - कमीने तेरी तो
मिनिता - अभय ने नया नाम दिया है कम्मो
आसा हस्ते हुवे - अच्छा तो है
अदिति मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - कम्मो
कोमल - अदिति तुम भी
अभय - अच्छा अब चलते है
अभय अपनी गारी मे बैठ जाता है अदिति भी आगे अपने भाई के साथ बैठ जाती है अभय गारी चालू कर सिला के घर निकल परता है पीछे विजय था
अभय सिला के घर पहुँच जाता है मधु सिला बाहर आते है
मधु अभय को देख - भाई मुझे आगे बैठना है
अभय - लेकिन गुरिया आगे अदिति बैठी है
मधु उदास हो जाती है
अदिति मधु को देख - बच्चो की तरह मुह मत लटका आजा मेरी गोद मे बैठ जा वैसे भी आगे भाभी बेठेगी
मधु खुश होके - थैंक्स दीदी
आसा सिला से - आजा यहा हमारे साथ
सिला आसा सब को देख - ठीक है दीदी
सिला फिर आसा मिनिता काजल के साथ बैठ जाती है मधु आगे अदिति की गोद मे
अभय मुस्कुराते हुवे - चलो फिर चलते है
अभय फिर दिशा के घर पहुँच जाता है तीनो बाहर ही खरे थे इस बार सब गारी से नीचे उतर आते है
अभय सभी को देख दिशा का दिल बहोत खुश हो जाता है
अभय तारा के पास जाके - कैसी हो मेरी हॉट सासु मा
तारा सर्म से अभय को देख - एकदम मस्त
पूजा मुह बना के - देखो तो सब के सामने अपनी सासु का हॉट केह रहे है ठरकी जीजा
पूजा की बातो से सब हस देते है
अभय पूजा को देख - आप भी तो लालची है साली जी
पूजा - हा तो इसमें बुरा क्या है
अदिति दिशा को गले लगा के - कैसी है भाभी
दिशा अदिति के गाल सेहलाते हुवे प्यार से - मे ठीक हु आप कैसी है
अदिति - एकदम मस्त
मधु आगे जाके दिशा के गले मिल - भाभी मे भी हु
दिशा मुस्कुराते हुवे - हा बाबा आपको मे मे कैसे भूल सकती हु
कोमल दिशा को देख - अपने पति को समझा देना मुझे बार बार बंदर केहता है
दिशा कोमल को देख हस्ते हुवे -देखो बाबा तुम ही जानो मे तो उसको रोकने से रही
विजय - कैसी है भाभी
दिशा विजय को देख - अच्छी हु देवर जी आप कैसे है
विजय - भाई के दुवा से सब अच्छा है
आसा तारा के पास जाके गले लग - कैसी है आप
तारा - बहोत अच्छी हु आप सब को देख और भी अच्छा लग रहा है
मिनिता - आप चिंता कियु करती है हम मिलते रहेगे
काजल - बिल्कुल हम एक परिवार जो है
तारा अकेली पूजा दिशा को पाली थी आज सब को देख इमोसनल हो जाती है
तारा - किस्मत वाली है मेरी बेटी जो आपके कैसे सास बुआ परिवार मिले है
अभय तारा को देख - अरे बस भी कीजिये आज आपकी बेटी को लेके नही जा रहा जब बारात लेके आऊगा आपकी बेटी को लेके जाउंगा उस दिन जितना रोना है रो लेना आप
दिशा तो शर्मा जाती है
बाकी सभी को अभय की बातो से हसी आ जाती है
अभय - अच्छा देर हो रही है शोपिंग करते हुवे बाकी बाते करते रहना
आसा - हा सही कहा लाला ने
दिशा अभय के साथ आगे वाली सीट पे पीछे अदिति मधु पूजा तारा बैठ जाते है
विजय की गारी मे आगे कोमल पीछे आसा मिनिता काजल सिला बैठ जाते है
अभय विजय सब को लेके सीधा एक बरे मॉल मे लेके आता है सभी मॉल को देखते है फिर अंदर जाते है
( उदय बंगलो )
उदय बेसबरी से जगमोहन का इंतज़ार कर रहा था तभी जगमोहन भी आ जाता है जिसे देख उदय बहोत खुश हो जाता है जगमोहन उदय के सामने सोफे पे बैठ जाता है
उदय पैक बनाते हुवे आज आपके लिये बहोत मस्त माल लाया हु
जगमोहन उदय को देख - अच्छा कैसी है कुवारी या
उदय मुस्कुराते हुवे - आप खुद देख दीजिये
उदय एक बंदे को इशारा करता है बन्दा जाके किसी शादी सुधा औरत को लेके आता है
उदय - चलो अपना समान दिखाओ मेरे ससुर जी को
औरत जगमोहन को देखती है फिर कपड़े निकाल अपनी बरी गांड चुत झुक कर जगमोहन को दिखाने लगती है
उदय औरत से - हाथ से फैला के गांड चुत के छेद अच्छे से दिखाओ
उदय की बात सुन औरत अपने हाथ पीछे गांड पे रख अपनी गांड फैला देती है जगमोहन के सामने औरत के दोनो छेद आ जाते है जगमोहन औरत की बरी गांड चुत गांड की छेद देख पागल होने लगता है
उदय अपने बंदे से - कमरे मे ले जाओ
बंदा औरत को कमरे मे ले जाता है
उदय जगमोहन को देख - कैसा लगा ससुर जी
जगमोहन एक पैक मारते हुवे उदय को देख - मस्त माल है
उदय मुस्कुराते हुवे - खास आपके पसंद का लाता हु वैसे क्या मेने जो कहा था करने के लिये आप
जगमोहन उदय को देखते हुवे - हा लेकिन क्या आरोही
जगमोहन - मेरे उपर छोर दीजिये मेने जो कहा वो लाये है तो दिखा भी दीजिये
जगमोहन अपना मोबाइल निकाल - सामने से हिम्मत नही हुई फोटो लेने की जब सो रही थी तो मेने ले लिया
उदय मुस्कुराते हुवे - कोई बात नही दीखाइये तो सही
जगमोहन अपने मोबाइल से एक फोटो निकाल उदय को दे देता है उदय मोबाइल हाथ मे लेके जब फोटो देखता है तो उदय का लंड फुल टाइट होके झटके मारने लगता है
आरोही की मा रात को टांगे फैला के सो रही थी चुत साफ दिखाई दे रहे थे मोटी उजले जांघे फूली गर्म चुत के दोनो फाके गांड की छेद भी दिखाई दे रही थी पूरा सरीर गोरा था बस चुत के पास थोरे काले थे छोटी काले बाल चुत को और खूबसूरत बना रहे थे सीन बहोत कयामत वाला था उदय ने कहा था फोटो लाने के लिये और जगमोहन लेके आया था
upload photos
उदय फोटो को देखते हुवे गोर से मन मे - उफ़ जैसा सोचा था पूरी भरी गदराइ हुई माल है मोती जांघे उठा के पकर के उफ़ चुत मे डाल चुदाई करने मे बहोत मजा आने वाला है चुत भी बहोत फूली रस से भरी हुई है चूसने मे भी बहोत मजा आयेगा जब पहली बार आरोही की मा को देखा था तभी मेने थान लिया था चुत मार के रहुंगा
उदय होस मे आके जगमोहन को देख - ससुर जी क्या आप इस फोटो को मेरे फोन मे भेज देगे
जगमोहन उदय को देख - ठीक है दमाद जी लेकिन वो आरोही
उदय मुस्कुराते हुवे - समझ गया आप सासु मा की फोटो भेजो मे आरोही की
जगमोहन अपनी बीवी की फोटो भेज देता है उदय आरोही की जगमोहन अपनी बेटी की नंगी फोटो देख जोस मे आके कमरे कि तरफ जाने लगता है उदय जगमोहन को देख मुस्कुरा देता है
थोरि देर बाद कमरे से रोने चिल्लाने की आवाजे आने लगती है उदय आवाजे सुन - लगता है ससुर जी फैंटेसी वाला सेक्स कर रहे है अच्छा है जल्दी रियल मे करेगे
अंदर जगमोहन औरत को बिस्तर पे नीचे झुकाये और गांड उठाये घोरी बनाये उपर खरे लंड चुत मे डाल तेज तेज धक्का मार रहा था औरत दर्द मे - मर गई बहोत दर्द हो रहा है प्लेस धीरे करिये औरत दर्द मे रोये जा रही थी लेकिन बेचारी कर भी क्या सकती थी रोने चुदने दर्द सहने के अलावा
जगमोहन तो आखे बंद किये अपनी बेटी आरोही को सोच चुदाई करने मे लगा हुआ था जगमोहन मन मे उफ़ आह मेरी बेटी कितनी गर्म चुत है तेरी आह मेरा लंड खुशी से मजे से नाच रहा है अंदर तो आग लगी हुई है तेरे पापा है ना सब गर्मी निकाल देगे चिंता मत कर बेटी आह
वही उदय फिर आरोही की मा की फोटो देख अपना लंड बाहर निकाल हिलाने लगता
उदय उफ़ सासु जी मजा आयेगा जब आपकी टांगे उठा के घोरी बना की आपकी चुदाई करुगा आह क्या चुत है आपकी उफ़
( टीनू बंगलो )
अमर आरोही टीनू सभी मजे से पाटी करने मे लगे हुवे थे कुछ लरकिया कुछ लरके भी आये हुवे थे
टीनू अमर को एक लरकी की तरफ इसारा करते हुवे - क्या बोलता है कैसी है तेरी बेहन की दोस्त है
अमर उस लरकी को गोर से उपर से नीचे देखता है लरकी ने जीन्स पहनी हुई थी बरे गांड अमर की तरफ ही था जो जीन्स ने अंदर टाइट जकरे हुवे थे
अमर मन मे - मेरी छोटी बेहना के आगे मुझे कोई पसंद नही आ सकता
अमर - अच्छी है क्या देगी
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - केह नही सकता कोसिस कर के देख क्या पता देने के लिये रेडी हो जाये
आरोही आते हुवे अमर टीनू को देख - क्या बाते हो रही है
टीनू मुस्कुराते हुवे - आ गई ( टीनू उस लरकी को दिखाते हुवे) वो लरकी तेरे भाई को चाहिये
आरोही अमर को देखती है
अमर - अरे नही उसने कहा मेने तो बस ऐसे ही बोल दिया
आरोही मुस्कुराते हुवे - अगर मेरे भाई को वो लरकी चाहिये तो मे जरूर उस लरकी को आपके बिस्तर पे ला दूगी
टीनू मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात अमर तु किस्मत वाला है आरोही जैसी बेहन तुझे मिली
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हा ये तो है
आरोही टीनू अमर को देख - ठीक है मे जाके बात करती हु
आरोही उस लरकी के पास जाने लगती है
आरोही के जो दोस्त आये थे जिसमे लरकिया थी कुछ 6 लरकिया सब गरीब है जाहिर है आरोही खुद गरीब थी तो दोस्त भी गरीब ही बनेंगे
( मॉल मे )
मॉल मे अभय सभी सारी वाले सेक्सन मे जाते है आज बहोत सारी खरीदारी करनी थी वक़्त भी बहोत लगने वाला था
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही खुबसुरत लाजवाब आहे शानदार अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 35
अभय की टोली सारी सेक्सन् मे आ गई थी सबसे पहले आसा बाकी लेडिस् दिशा के लिये दुल्हन का जोरा देखना सुरु कर देते है
कई सारी खूबसूरत खूबसूरत दुल्हन के जोरे थे सभी एक दूसरे से कहने लगते है ये अच्छा है वो अच्छा है ये ले लो दिशा पे अच्छी लगेगी
लेकिन फिर सभी दिशा से पूछने के लिये दिशा को देखते है तो दिशा अभय को ही प्यार से देखी जा रही थी
मिनिता मुस्कुराते हुवे आसा से - दीदी कोई फायदा नही बहु तो अपने पति के पसंद से ही लेगी बेकार मे हम लर रहे है
आसा सभी दिशा को मुस्कुराते हुवे देखने लगते है तो दिशा शर्मा जाती है
आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही है ( आसा अभय को देख) खरा क्या है जाके अपनी बीवी के लिये पसंद कर
अभय मुस्कुराते हुवे दिशा के पास खरा होके एक दुल्हन का जोरा दिशा को दिखाते हुवे - हु इस मे तुम बहोत खूबसूरत लगोगि
दिशा सर्म से - जी
काजल हस्ते हुवे - वाह देखो तो कितना प्यार है दोनो मे
सिला मुस्कुराते हुवे - बेस्ट जोरि है मेरे बेटे बहु की
तारा अभय दिशा के प्यार देख बहोत खुश थी
अदिति अभय दिशा को देख - और नही तो क्या मेरे भाई जैसा पति भाभी को मिल नही सकता लेकिन भाभी जैसी बीवी भी भाई को नही मिल सकती है
मधु - दीदी आपने सही खा भाई भाभी जी जोरि मस्त है
कोमल मुह बना के - हु एक बंदर एक बंदरिया
अभय कोमल को देख - मेरी बीवी को बंदरिया कहा मार खानी है
कोमल अभय को देख - अच्छा तु जो मुझे बंदरिया केहता है उसका क्या बीवी को कहा बुरा लगा
अभय - तुम
मिनिता बीच मे अभय कोमल को देख - हद है यहा भी सुरु हो गये तुम दोनो घर मे लरना
अभय कोमल सांत हो जाते है
सुमन - हा तो दुल्हन का जोरा तो ले लिया अब लाला के लिये शेरवानी लेनी है
फिर सभी तोली जेन्स सेक्सन मे जाते है यहा कई डिजाइन की सेहवानी दिखाई जाती है सभी फिर ये अच्छा लगेगा ये लेलो करने लगते है
मिनिता - रुक जाओ हम यहा इतनी मेहनत कर रहे है ऐसा ना हो फिर दोनो अपने पसंद से ले
आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है ( आसा दिशा को देख) बहु लाला ने तेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद क्या है क्या तुम लाला के लिये शेरवानी पसंद नही करोगी
दिशा सभी को देख नजरे नीचे किये - एक बीवी अपने पति के लिये सब करती है एक पति अपनी बीवी को कोई चीज अपनी पसंद से लाके देता है तो बीवी को खुशी मिलती है वे मेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद किये मुझे खुशी हुई लेकिन यहा ये हक मेरा नही है ( दिशा नजरे उपर कर आसा को देख) मम्मी जी ये हक आपका है एक मा का है कि वे अपने लाल को किस दुल्हे के रूप मे देखना चाहती है तो मे भला कैसे एक मा का हक छीन लू
दिशा की बाते सभी के दिल को छु जाती है
अभय दिशा को देख प्यार से मन मे - किस्मत वाला हुई जो मुझे इतनी अच्छी साफ दिल की प्यार करने वाली बीवी मिली
आसा आगे जाके दिशा को गले लगा के - बहु तुम बहोत अच्छी हो मेने तो तुम्हे बेटी माना है ( आसा तारा को देख) आपकी बेटी करोड़ मे एक है हर सास जैसी बहु चाहेगी लेकिन किस्मत वाले को ही दिशा जैसी बहु मिलती है
तारा दिशा के सर पे प्यार से हाथ फेरते हुवे इमोसनल होके - हा बहोत अच्छी बच्ची है मेरी लेकिन आप दमाद जी बाकी सब भी उतने ही अच्छे है बता नही सकती मे कितनी खुश हु आप जैसे परिवार मिलना भी एक लरकी के लिये किस्मत वाली बात होती है
काजल - बात तो सही है लेकिन क्या आगे बढे हम
आसा - हा सही कहा ( आसा सिला को देख) बताओ कोन सा ले तुम भी उसकी मा ही हो
आसा की बात सुन सिला भी इमोसनल हो जाती है
सिला - एक शेरवानी दिखाते हुवे ये कैसा रहेगा हमारा लाला इसमें हीरो लगेगा
आसा - हा ठीक है ये ले लेते है
काजल - हा बहोत अच्छा है इसमें अभय बेटा बहोत हैंडसम लगेगा
मिनिता दिशा को छेरते हुवे - बताओ बहु लगेगा ना हंड्सम्
दिशा सर्म से - वे तो पहले से ही बहोत हैंडसम है वे कुछ भी पहन ले बहोत हंड्सम् लगेगे
अदिति दिशा को देख - क्या बात बोली है भाभी आपने
काजल - वाह बात तो सही है ( काजल अभय को देखती है) अभय आखे बार देता है काजल शर्म से लाल हो जाती है
आसा सभी को देख - चलो ये भी हो गया अब दुल्हन के लिये मंगलसूत्र लेने चलते है
अभय की टोली फिर ज्वैलरी सेक्सन् मे आते है
आसा अभय को देख - बेटा खुद पसंद करो अपनी बीवी के लिये
अभय - जी मा
अभय दिशा के पास खरा हो जाता है कई खूबसूरत खूबसूरत डिजाइन के मंगलसूत्र अभय के सामने थे अभय सभी को अच्छे से देखता है फिर एक मगलसूत्र उठाते हुवे - ये दिशा पे बहोत खूबसूरत लगेगी
आसा देखते हुवे अभय को मुस्कुरा के - वाह बेटा पसंद तो बहोत की है
मिनिता हस्ते हुवे - करेगा ही अपनी बीवी के लिये आगे भी पूरी लाइफ करते रहना ही है अब
अभय दिशा के कान मे - मे तो पूरे दिल से करता रहुगा
दिशा सर्म से लाल हो जाती है
मंगलसूत्र के बाद और भी गेहने जैसे नाक कान गले पैर के सब गेहने भी लिये जाते है
फिर अभय की टोली मेकप् के सेक्सन मे आती है जहा दिशा के लिये सारे मेकप् का समान लिया जाता है
उसके बाद रोज पहनने के लिये कई सारे कपड़े जो अभय ही पसंद करता है फिर सेंडल बैग बाकी सभी एक एक सामान दुल्हन के लिये खरीदा जाता है
दिशा अभय यानी दुल्हा दुल्हन की पूरी खरीदारी हो गई थी अब सब अपने लिये शोपिंग करने वाले थे
अभय सभी को देख - कियु ना हम जाके कुछ खा ले फिर बाकी शोपिंग करेगे
अदिति खुश होते हुवे - हा भाई मुझे बहोत भूख लगी है
मधु - मुझे भी भाई चलिये ना कुछ अच्छा खाते है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है चलो कुछ खा लेते है फिर शोपिंग करेगे
तय होने के बाद अभय सभी को रिस्तूरेंट मे लेके आता है एक बरी टेबल जगह सभी कुर्सी मे बैठ जाते है
अभय - बोलो क्या मंगाया जाये
अदिति - भइया मुझे पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये
मधु - भाई मुझे भी
पूजा - मुझे भी पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये
अभय बाकी सब को देख - आप लोग क्या लेगे
आसा - क्या खाये पिज़्ज़ा ही मांगा ले
अभय - ठीक है फिर
सभी का ओडर दे दिया जाता है सभी खाते हुवे बाते भी करने लगते है
अभय के बगल मे आसा फिर अदिति मधु थे
मिनिता आसा को देख - दीदी हमारी इतनी उमर हो गई बच्चे बरे हो गये आज हम पहली बार इतने बरे मॉल मे शोपिंग करने आये है और डिनर भी कर रहे है
काजल मिनिता को देख - भाभी आपकी बात सही है अब तक की लाइफ घर मे बच्चो खेत घर को संभालते ही गुजर गया आज जब इतनी बरी मॉल मे शोपिंग खाने बैठी हु आप सब के साथ बता नही सकती कितना अच्छा फिल हो रहा है
सिला - ननद जी आज के जेनरेशन अपनी बीवी को बाहर लेके घुमाने होटल मे डिनर कराने लेके जाते है हमारे समय मे घर से बाहर कई साल कदम रखना भी बना था
तारा - हा सही कहा आपने पर क्या करे वक्त के साथ बदलना परता है
सुमन सभी को देख - हा सही कहा आप सब ने अब तो हमने अपनी आधी लाइफ जी ली है अब बच्चो की बारी है
अभय विजय को देखता है जो भाई खाने मे डूबा हुआ था कई चीजे मजा के थुसे जा रहा था अभय मन मे - ये पेटु है रहेगा
कोमल विजय को देख - आराम से खा खाना भाग नही जायेगा
विजय - जानता हु दीदी लेकिन क्या करू बहोत स्वादिस् है
खाना होने के बाद थोरि देर आराम करने के बाद सभी अपनी अपनी शोपिंग के लिये रेडी हो जाते है
आसा चाहती थी अभय उसकी मदद करे सेम अदिति बाकी सब भी चाहते थे तो सब अभय के पीछे पर गये
अभय गहरी सास लेते हुवे - लगता है मुझे सास लेने का टाइम भी नही मिलेगा
अभय फिर लग जाता है अभय पहले अपनी मा फिर अदिति मधु सिला तारा मिनिता कोमल सब की मदद करता है कपड़े तो अभय ने खरीदवा दिये अब सभी लेडिस् को बिकनी चड्डी बाकी सब लेने थे तो सब खुद ही लेने लगते है
अब जाके अभय को सांस लेने का मोक्का मिलता है दिशा अभय के पास आती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बहोत मे लेके - मेरी जान
दिशा सर्म से अभय को देख - हम मॉल मे है कोई देख लेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - जानता हु बस एक किस्सी चाहिये
दिशा सर्माते हुवे अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब खुश
अभय दिशा के गांड दबाते हुवे - खुश तो तब होऊगा जब जब तुम्हें अपने घर लेके आऊगा
दिशा सर्म से दर्द मे आह छोरिये दर्द हो रहा है आह कोई देख लेगा
अभय दिशा के गांड छोरते हुवे - तुम्हारी गांड बहोत बरी मुलायम गर्म है दबाने मे मजा आ रहा था
दिशा सर्म से लाल होते हुवे नजरे नीचे कर - आप बहोत गंदे है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
तभी किसी के आने की आवाजे सुनाई देती हो दोनो जल्दी से अलग हो जाते है
तभी पूजा दोनो के पास आके अभय दिशा को देख - अच्छा आप दोनो अकेले मे क्या कर रहे थे
अभय पूजा को देख - आ गई आपकी है कमी थी टांग अराउ
पूजा अभय को देख गुस्से से - ठरकी जीजा आपको बाद मे देख लुगी
अभय मजे लेते हुवे - बाद मे किया देखेगी
पूजा दिशा को देख - दीदी देखा सुना ना क्या डबल मीनिंग बाते कर रहे है
दिशा पूजा को देख हस्ते हुवे - अरे साली जीजा मे मस्ती मजाक चलता ही है
पूजा मुह बना के - हा लेकिन इनकी बात अलग ही थरकी चलिये यहा से
दिशा अभय को देख - जी मे जाती हु
अभय - ठीक है
पूजा दिशा को लेके चली जाती है
अभय गुस्से मे - ये साली जी को अच्छे से सबक सीखना होगा तभी हमारे बीच टांग अराना बंद करेगी जब देखो तक बीच मे टपक परती है
अदिति बाकी सब से दूर खरा आस पास घूम कर सब देखने लगता अदिति अभय के पास आती है
अभय अदिति को देख - गुरिया सब ली लिया या बाकी है
अदिति - भाई सब ले किया लेकिन बाकी सब का नही हुआ है
अभय - मुझे पता था इसी लिये 12 बजे निकलने का फैसला लिया था
अदिति हस्ते हुवे - भाई लेडिस् को वक़्त लगता ही है
अभय - हा जानता हु बहोत वक़्त लगता है
तभी कोमल अदिति को आवाज देती है
अदिति अभय को देख - भाई जाना परेगा
अभय - ठीक है
अभय विजय को ढुंढता है भाई विजय तो मस्त लरकिया तारने मे लगा हुआ था अभय पीछे आके - अच्छा लरकिया तारी जा रही है
अभय की आवाज सुन विजय कि फट जाती है विजय पीछे अभय को देख डरते हुवे - बॉस म तो बस
अभय - आदत छोर दे हो सके तो कोई लरकी पसंद कर ले मे शादी करा दुगा
विजय हस्ते हुवे - लरकी भी मिलनी चाहिये ना बॉस
अभय - मिल जायेगी चिंता मत कर
अभय - अच्छा मे घूम कर आता हु सब के साथ रहना
विजय - जी बॉस
अभय मॉल मे हर एक जगह घूमने लगता है घूमते घूमते अभय कपड़े बिकनी चड्डी वाले सेक्सन मे फिर आता है अभय बिकनी चड्डी नाइटी देख खोया हुआ चलते जा रहा था तभी अभय किसी से टकरा जाता है अभय जल्दी से होस मे आता है और सामने जो सीन देखता है अभय सोक हो जाता है सामने वाला इंसान अभय को देख सर्म से लाल हो जाती है
असल मे अभय जिससे तकराया वो कोई और नही इंस्पेक्टर निमिता थी और निमिता सर्म से लाल इस लिये हुई कियुंकी उसके हाथो मे बिकनी थी
मिनिग सर्म से चिल्लाते हुवे अभय को - तुम यहा कैसे
अभय तो हैरान निमिता हाथो मे बिकनी लिये हुवे थी उसे देखते हुवे अभय के मुह से निकल जाता है - वाओ नई डिजाइन की हो है लगता है देखने मे बहोत ही खूबसूरत है कप बरा है यानी
इससे आगे अभय कुछ बोल पाता निमिता गुस्से से अभय को देख - क्या कहा तुमने
अभय निमिता की गुस्से वाली आवाज सुन होस मे आता है फिर सामने निमिता को गुस्से मे देखता है तब अभय को एहसास होता है फिर उसकी लग गई अभय डर के तेजी से भागते हुवे - कुछ नही में जा रहा हु ( अभय तेजी से भाग जाता है
मिनिता अभय को जाते देख गुस्से से - बेशर्म कमीना
अभय भागते हुवे एक जगह मे रुक तेज सास लेते हुवे - उफ़ बच गया नही तो आज मेरी वाट लग जाती
तभी मिनिता अभय को देख लेती है मिनिता अभय के पास आके - तुम यहा क्या कर रहे हो
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार
मिनिता सर्म से अभय को देख - कियु
अभय मिनिता के और पास जाके - ताकि आपको प्यार कर सकु आपके होठो का रस पी सकु
मिनिता सर्म से तेज सास लेते हुवे - यहा नही हर तरफ लोग है
अभय मिनिता के कान मे - समझ गया लेकिन घर मे आपके हर अंग को अच्छे से मजे से चुसुगा चलेगा
अभय की बात सुन मिनिता के शरीर मे सिहरन डोर जाती है मिनिता सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - नही ये गलत है
मिनिता फिर चली जाती है अभय हैरान होता है फिर अभय को एहसास होता है वो बिग्रता जा रहा है
अभय सभी के पास आता है अभय आसा से - मा हो गया या और कुछ लेना है
आसा अभय को देख - बस हो ही गया
अदिति मधु अभय के हाथ पकर - भाई हमारा तो हो गया
अभय दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - वाह 3 घंटे लगाये है तुम दोनो ने और केह तो ऐसे रही हो कुछ मिनट मे शोपिंग कर ली हो
मधु मुह बना के - लरको से जायदा टाइम लगता है हम लरकियों को कियुंकी हम बहोत सारी खरीदारी करते है वो भी अच्छे से देख के
अदिति हस्ते हुवे - सही कहा छोटकी तूने
अभय - हा इसी लिये तो इतना समय लगता है
काजल अभय के पास आके - क्या हो रहा है
अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इंतज़ार ताकि आप सब का शोपिंग पुरा हो ताकि हम घर जा सके
काजल हस्ते हुवे - बस हो है गया है
आखिर कार सब की शोपिंग पूरी होती है फिर सारा समान गारी मे डाला जाता है फिर सभी घर के लिये निकल परते है
अभय पहले दिशा पूजा तारा को घर छोरता जो समान थे उसके देख दिया जाता है
फिर अभय मधु सिला को घर छोरता है उसके बाद अभय अपने घर आता है सभी अपने अपने घर पे आ गये
12 बजे गये साम 5 बजे आये
अभय कमरे मे जाता है तो आसा थकी बिस्तर पे लेती आराम कर रही थी
आसा दूसरी तरफ चेहरा किये करवट लिये लेती हुई थी आसा कि बुलु सारी बुलु ब्लाउस मैच मैच मे आसा के पीछे से बहोत कमाल लग रही थी
लेकिन जिस तरह आसा लेती हुई थी पैर मोरे आसा की फैली हुई गांड की उभार सारी के ऊपर से ही साफ देखे जा सकते है कोई भी ये सीन देख अंदाज़ा लगा लेगा आसा की गांड कितनी बरी गोल मटोल है सीन बहोत बवाल वाला था
अभय आसा के पास आता है आसा जगी हुई थी सोने का वक़्त भी नही था आसा बस आराम कर रही थी अभय के आने का एहसास आसा को हो चुका था आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख - आजा मे लाल
अभय भी मुस्कुराते हुवे - आसा के पास लेत आसा को बाहों मे लेते हुवे आसा को देख - मा आज आप थक गई ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन आज मजा भी आया कियुंकी आज मेने अपने लाल की शादी की खरीदारी जो की है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन कुछ छुटा तो नही
आसा मुस्कुराते हुवे - नही रे मेने सब ले लिया याद कर
अभय मुस्कुराते हुवे - हा मेरी मा कैसे कोई कमी रहने देगी
आसा - बिल्कुल मेरे लाल की शादी जो है
अभय आसा के कान मे धीरे से - आप जिस तरह लेती थी पीछे से आप बहोत कमाल की लग रही थी बुलु सारी ब्लाउस मे तो पूरी सेक्सी लग रही थी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से मुस्कुराते हुवे एक कमाल के पॉजिसन मे अदा से - अच्छा पीछे से अच्छी लगी आगे से सेक्स नही लगती सेक्सी
सामने का सीन अपनी मा को इस तरह अदा से कामुक् पोस् मे देख अभय कि भी पल के लिये सासे थम जाती है आसा के सीने से सारी नीचे गिरा हुआ था दूध जैसे कमर गहरी ढोरी अभय के सामने था
ऐसा नही था अभय ने अपनी मा की कमर ढोरी सीने से पलु हटा सब देखा था और अभय ने तो कमर को चूमा चूसा पकरा भी था लेकिन आज बात पोज की अदा की है जिस तरह आसा अभी एक अदा कामुक् पोस् मे थी यही अभय के दिल की धरकन तेज कर रहा था
आसा अभय को देखती है लेकिन अभय तो मुह खोले आखे फ़ारे अपनी मा को ही देख रहा था अपने बेटे को ऐसे खुद को देखता देख आसा सर्म से लाल हो जाती है लेकिन उसी के साथ आसा बहोत खुश भी होती है ये जान की उसका बेटा उसे किस तरह देख रहा है
आसा सर्म से अभय को देख - लाला कुछ बोलेगा या देखता ही रहेगा
अपनी मा की बात सुन अभय होस मे आके अपनी मा को देखता है फिर अभय आसा को बिस्तर पे लेता के आसा के ऊपर आ जाता है
अभय आसा की आखो मे देख - हा आपने ये कैसे क्या सच बताना मेने आपकी ढोरी कमर सीने पे सारी बिना कई बार देखा है लेकिन आज आपने जो पोज जिस अदा और का..(अभय रुकता है फिर आगे ) अंदाज़ मे थी पहले नही पोस् मारा आप सच मे बहोत सेक्सी लग रही थी कसम से
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से धीरे से - अच्छा तुझे पसंद आया मेरा अंदाज़ पोस्
अभय धीरे से - बहोत बहोत जायदा मा बता नही सकता मेरा दिल सासे थम सा गया था आप देख कर अब बता भी दीजिये
आसा सर्म से धीरे से - वो मेने मोबाइल मे मॉडल को देख किया था
अभय आसा के आखो मे देखते हुवे - आपने मेरे लिये क्या ना ताकि मे देख सकु
आसा सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर धीरे से - हा
अभय बहोत खुश होता है अभय आसा के कान मे धीरे से - बहोत सेक्सी हॉट लग रही थी आप मा आगे से भी ऐसे ही देखने के लिये मिलेगा
आसा सर्म से धीरे से - सोचुगी
अभय नाराज होते हुवे - ठीक है
आसा अभय को नाराज देख अभय के गाल सेहलाते हुवे सर्म से- नाराज मत हो ठीक है
अभय बहोत खुश होता है और आसा के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत अच्छी है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय खरा होके जाते हुवे - हा मे ऑन्टी के घर होके आता हु
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा
अभय के जाने के बाद आसा सर्म से मन मे - मेने मोबाइल मे मॉडल को देखा तो पता नही कियु मेने बेटे के सामने वैसे पोस् मारी लेकिन लाला को पसंद आया तो मुझे बहोत खुशी मिली उफ़ लाला कि बाते हरकते
अभय बाइक लेके मिनिता के घर आता है
अभय अंदर जाता है तो मिनिता काजल कोमल बैठे हुवे बाते कर रहे थे
मिनिता अभय को देख - बेटा आओ तेरी ही बाते कर रहे थे
काजल मुस्कुराते हुवे - हा कियुंकी अभय बेटा दुल्हा जो बनने वाला है
अभय सभी को देख- बाते तो आराम से करेगे रात को लेकिन अभी मे काजल बुआ को लेने आया हु
अभय की बात सुन सब हैरान हो जाते है
काजल मन मे - अभय बेटा मुझे कियु लेने आया है
मिनिता अभय को देख - कियु कहा लेके जाने का इरादा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सीक्रेट है नही बता सकता
कोमल - कियु नही बता सकता
अभय कोमल को देख - आज नही फिर कभी बता दुगा
कोमल - हा हा लेजा अपनी बुआ को
अभय काजल को देख - चले बुआ
काजल - ठीक है
मिनिता हस्ते हुवे - कही मेरी ननद को लेके मत भाग जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - नही भागूगा
अभय बाइक पे बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय फिर निकल परता है
काजल - अभय बेटा साम ढल चुकी है मुझे कहा लेके जा रहे हो
अभय - आपको मुझपे भरोसा है ना
काजल - भरोसा नही होता तो मे आती क्या
अभय - तो फिर इंतज़ार कीजिये पता चल जायेगा
अभय काजल को भी समुद्र किनारे लेके आता है अभय ने काजल का हाथ थामे हुआ था काजल ने भी दोनो समुद्र की तरफ देखते है काजल हैरान कंफ्यूज थी अभय उसे यहा कियु लाया है लेकिन सांत खूबसूरत लहरों के टकराने की आवाज काजल को सुकून पहुॅचा रही थी
अभय काजल का हाथ पकर किनारे समुंदर को देखते हुवे - बुआ कैसा लगा नजारा
काजल समुद्र को देखते हुवे -सच मे बहोत खूबसूरत है बेटा मेने आज पहली बार समुद्र को इतने पास से देख रही हु और इस समय ढलते सूरज की लालिमा समुद्र को बहोत खूबसूरत बना रही है
अभय फिर काजल को प्यार से देखता है और अपने एक घुटने पे आके काजल का एक हाथ पकर काजल को प्यार से देखता है काजल अभय को ये सब करता देख सॉक हो जाती है
अभय काजल को देख - बुआ मे जो कहने वाला हु वो आपकी नजर मे गलत होगा फिर भी मे कहुंगा आप का जो फैसला होगा मुझे सविकार् होगा
अभय काजल को थोरि देर देखता फिर
अभय - बुआ आप मेरी जिंदगी मे आई आपके साथ मस्ती मजाक वक़्त गुजरते हुवे मुझे पता भी नही चला मे कब आपसे प्यार कर बैठा रात जो हुआ आपको रोते देखा तो मेरा दिल दर्द करने लगा उसके बाद मेरे दिल मे जो आपके लिये फीलिंग थी समझ मे आई
बुआ मुझे पता है आपकी नजरो मे ये गलत है आप शादी सुधा है मुझे पता है आप मुझे ना कहेगी फिर भी बुआ मे अपने दिल की बात कहे बगैर नही रह सकता ( अभय काजल की आखो मे देख) मुझे बस आपका प्यार चाहिये क्या आप मेरी गिर्लफ्रेंड बनेगी
अभय काजल को देख काजल के कुछ कहने का इंतज़ार करने लगता है काजल तो शोक अभी भी अभय को देखती रहती है 2 मिनट बाद काजल अपने होस मे आके अभय को देख
काजल - बेटा तु सब जानता है फिर भी हा तुम सही हो मे अपने पति को धोका नही दे सकती मे कैसे सब के पीट पीछे तुम्हारे साथ गिर्लफ्रेंड बन रेह सकती हु रात जो हुआ उसमे मेरी भी गलती थी उसे भूल जाओ और तेरे दिमाग मे जो है उसे भी बेटा मेरी बात का बुरा मत मानना तुम भी जानते हो अच्छे से कोई बीवी अपने पति बच्चे सब को धोका देगी फिर आगे सब को जब पता चलेगा तो सब बर्बाद हो जायेगा बेटा मे अपने पति बच्चो से बहोत प्यार करती हु मे कैसे फिर सबसे सामने अपना मुह लेके जाउंगी माफ करना बेटा चलो घर चलते है कभी कभी इंसान गलती करने के बाद उसे एहसास होता है उनसे गलती हुई है हमारे बीच जो भी हुआ मुझे उसका पचतावा नही है लेकिन अब सब भूल जाओ मुझे एहसास हो चुका है
अभय काजल की बाते सुन मुस्कुराते हुवे - हा आपकी हर एक बात सही है बुआ मे मानता भी हु मेरी मा अगर ऐसा करती मुझे पता चलता तो मुझे भी बहोत बुरा लगता तो मे समझ सकता हु मुझे बस आपको अपने दिल की बात बतानी थी ताकि आगे कभी मुझे ये सोच पचतावा ना हो की अगर मेने दिल की बात कही होती तो क्या रिजल्ट आता लेकिन अब मालूम है
अभय दिल का बहोत साफ अच्छा लरका था इस लिये काजल की बातो से अच्छे से सेहमत था और अभय के लिये आगे कहने लायक कुछ नही था अभय कोई मतलबी इंसान नही था तो अभय ने काजल के कहे गये बातो का मान रखा लेकिन दिल मे दर्द था उसे दबा दिया
अभय खरा होके काजल को देख - बुआ प्लेस मुझे गलत मत समझना
काजल अभय को देख - नही सम्झुगी
अभय बाइक पे आके बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय बाइक लेकर निकल परता है अभय के आखो से आसु निकल परते है बाइक तेज थी तो हवा के साथ आसु भी गायब हो जाते है अभय एक हाथ से आसु साफ करता है काजल अंजान जो हुआ उसी के सोच मे गुम थी
अभय मिनिता के घर आता है और काजल नीचे उतर अभय को देखती है अभय सीने मे दर्द छुपाये अपने नॉर्मल अंदाज़ मे मुस्कुराते हुवे - हॉट बुआ मे चलता हु रात को सब आइये गा बाते करेगे
काजल हैरान थी उसे लगा था अभय नाराज मायूस होगा लेकिन अभय नॉर्मल था बस ये काजल को लगता था लेकिन अभय अपना दर्द वाला चेहरा दिखाना नही चाहता था वजह अभय नही चाहता था काजल उसपे दया तरस खाये ना अभय काजल को दया तरस दिखा के हासिल करना पाना चाहता था अगर ऐसा करना होता तो अभय बीच पे ही काजल के पैर पे गिर रोते गिरगिराते काजल को मनाने की कोसिस करता
काजल अभय को देख - ठीक है बेटा आया तो है ही
अभय मुस्कुराते हुवे - जी चलता हु
अभय बाइक लेके घर जाने लगता है काजल अभय को जाते देखती रहती है
आज के लिये इतना ही![]()
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाchapter 36
टीनू बंगलो
आरोही अपनी दोस्त जिसका नाम रिया होता है उसके पास आके - रिया तुमने बात करनी है अकेले मे
रिया आरोही की उमर की ही थी गरीब घर से थी दोनों अच्छे दोस्त थे
रिया आरोही को देख - हा ठीक है चलो
आरोही रिया को एक कमरे मे लेके आती है दोनों बिस्तर पे बैठ जाते है
रिया आरोही को देखते हुवे - हा तो आरोही क्या बात करनी है
आरोही रिया को देख - रिया तुम नही चाहती ऐसी लाइफ जीना जैसी मे जी रही हु
रिया आरोही को देखती है फिर घर की दीवार देखते हुवे - आरोही मे नही हर कोई अमीर वाली लाइफ जीना चाहेगा लेकिन चाहने से सब मिल नही जाता
आरोही रिया को देखते हुवे - तुम सही तो लेकिन कभी कभी मिल भी जाता है
रिया आरोही को देख - तुम्हारे कहने का क्या मतलब है
आरोही - मुझे पता है तुम्हारे घर की हालत खराब है
रिया आरोही को अजीब नजरो से देख - तो क्या
आरोही - मे सीधे साफ बोलती हु..............
रिया आरोही को गुस्से से - तू चाहती है मे अपना जिस्म बेच पैसे कमाऊ आरोही तु कितनी गिरी हुई लरकी है ये पैसा अमीरों वाला लाइफ तुझे ही मुबारख मे जा रही हु तेरी जैसी दोस्त ना होना ही अच्छा है
रिया गुस्से से बंगलो से निकल जाते हुवे मन मे - छि सोचा नही था आरोही इतनी गिर जायेगी अब समझ मे आ रहा है सब
आरोही टीनू अमर के पास आके बैठ जाती है आरोहो बहोत गुस्से मे थी
टीनू हस्ते हुवे - क्या हुआ इतना गुस्से मे कियु है और वो रिया भी गुस्से से गई है यहा से
आरोही गुस्से से लाल - उस कमीनी ने मुझे गिरी हुई लरकी कहा कसम खा के केह रही हु उसका गुमान तोर दुगी मेने सोचा आराम से मान जायेगी लेकिन साली बहोत संस्कारी अच्छी लरकी निकली
अमर आरोही को देख - छोटी वो तुम्हारी दोस्त है तो क्या तुम्हे नही पता था वो कैसी लरकी है
आरोही अमर को देख - पता था भाई बहोत अच्छी लरकी है लरको के चक्कर मे नही परती लेकिन मुझे लगा पैसों के आगे
अमर आरोही को समझाते हुवे - छोटी पैसा सब को बदल देता है लेकिन हर किसी को नही पैसे से हम सब हासिल नही कर सकते
आरोही अमर को देख पागलो की तरह हस्ते हुवे - हा हा हा अच्छा ऐसा है तो ताकत से हासिल तो क्या जा सकता है उस कमीने को सजा तो मिल कर रहेगी उसकी इज़त जिसकी वजह से उसने मुझे गिरी हुई कहा लुटवा दुगी रण्डी बना दुगी उसे
टीनू आरोही को देख मन मे - मे कमीना लेकिन आरोही तो अलग लेवल की पागल लरकी निकली अच्छा है
टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - बाकी सब भी चले गये अब हमारा क्या कियु ना तुम मजे देदो
अमर टीनू को देख गुस्से से - ओये मेरे सामने मेरी बेहन से ऐसी बात कर रहा है
अमर खरा होके अपना पैंट नीचे कर देता है
अमर मुस्कुराते हुवे टीनू को देख - सही कहा अब तो मेरी छोटी बेहन ही हमे फुल मजे देगी
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे रेडी हु मेरी चुत भी
आरोही की बात सुन अमर टीनू मुस्कुराते हुवे एक दूसरे को देखते है फिर पुरा नँगा हो जाते है
आरोही दोनों के खरे टाइट लंड देख मुस्कुराते हुवे अमर टीनू के पास आते नीचे घुटनों पे बैठ दोनों लंड देख - हु मजा आयेगा
अमर - छोटी अच्छे से चुसना
टीनू - मेरा भी
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - चिंता मत करो मजे से चूस कर तुम दोनों के लंड का एक साथ स्वाद लुगी
अमर टीनू एक दूसरे के समाने खरे थे आरोही बीच मे बैठी हुई थी
आरोही टीनू के लंड को पकर हिलाने लगती है तो वही अपने भाई के लंड को मुह मे लेके मजे से चूसने लगती है अमर टीनू आह करते है
दोनों आरोही को देख और जोस मे आ रहे थे ( टीनू अमर को देख - यार तेरी भी बेहन बरे मजे से तेरा लंड चूस कर रस पी रही है) ( अमर उफ मेरी छोटी है ही कमाल की आह छोटी और मुह मे अंदर लेके चूस
अमर टीनू मजे से आह उफ किये जा रहे थे आरोही अपने भाई का लंड 2 मिनट चूसने के बाद टीनू के लंड को मुह मे लेके चूसने लगती है
टीनू आरोही को अपना लंड चुस्ता देख - उफ आरोही यार तुम सच मे कमाल को उफ किया लंड चुसती तो आह मजा आ रहा है 5 मिनट बाद
आरोही का मुह लार से सना हुआ था आरोही के होठों से लार टपक रहे थे आरोही अपनी जिब होठों पे फेरा के सब चट कर जाती है
आरोही अमर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - तो लंड का स्वाद एक बार मे लेके मजा आया
अमर आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - हमे भी अपनी चूस के रस का मजा तो छोटी बेहन
टीनू - हा हमे भी तेरी चुत के रस को पीना है मजे से
आरोही खरे होके दोनों को देख - उफ जरूर पिलाऊँगी
आरोही एक एक कर सारे कपड़े निकाल पूरी नंगी होके दोनों के सामने खरी हो जाती है अमर टीनू तो बस आखे फ़ारे देखते रखते है आरोही दोनों को देख मन मे - साली कमीनी अदिति तुझसे कब मे नही मेरे पीछे भी कई दीवाने है इंतज़ार कर मेरा उसके बाद रोना है तुझे
अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा खरा देख चुत चुचे पे नजर डालते हुवे - छोटी बेहना जब भी तुझे ऐसे नंगे देखता हु तो लगता है पहली बार देख रहा हु तुझसे तेरी नंगी बॉडी से मेरी नजर ही नही हटती है
टीनू आरोही को उपर से नीचे तक देखते हुवे - सही कहा अमर तेरी बेहन भी किसी से कम नही देख उसकी चुचे कमर और सबसे बरा खजाना उसकी फूली टाइट रसिलि चुत उफ रुका नही जा रहा
आरोही दोनों को देखती है उसके बाद कमरे की तरफ नंगी गांड कमर हिलाते हुवे जाने लगती है पीछे से अमर टीनू भी आरोही के पीछे जाने लगते है
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अमर टीनू की नजर तो आरोही के हिलते गांड पे ही थी आरोही जान बुझ कर अपनी कमर गांड मटका कर चल रही थी ताकि दोनों को अपने हुसन से पागल कर सके
आरोही कमरे मे आके बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे अमर टीनू को देखते हुवे - आजाओ अब रुकने की जरूरत नही है आज अच्छे से मजे दुगी और लुंगी भी
अमर टीनू दोनों एक दूसरे को देखते है फिर तेजी से आरोही के पास बिस्तर पे चले जाते है
अमर अपनी बहन के चुत पे मुह मार देता है टीनू आरोही के एक बार मे दो हमले से आरोही आह करते हुवे सिसकिया लेने लगती है टीनू मजे से आरोही के चुचे मुह मे लेके पीने लगता है अमर चुत को मुह मे लेके मजे से चूसने जिब से चाटने लगता है एक साथ चुचे चुत पे गर्म जिब का हमला आरोही को पागल कर रहा था आरोही का ये पहली बार था दो लोगो के साथ ये एहसास आरोही को और जोस दिला रहा था
आरोही बिस्तर पे मचल रही थी तेज सासे सिसकिया ले रही थी और अपने चुचे चुत मे टीनू अमर के जिब को चलते गिल कर पागल हुवे जा रही थी ( आरोही आह मा धीरे टीनू तेरे दात लग रहे है आह भाई अच्छे से अपनी बेहन के चुत के अंदर जिब डाल कर रस चूस बहोत है अंदर आह मा भाई आने वाला है तेरे लिये गर्म रस आह भाई भाई आरोही कापते हुवे कमर गांड उठा के झर जाती है अमर सब रस पी जाता है
आरोही पसीने से भीगी हाफ़ते हुवे अमर टीनू को देख - उफ तुम दोनों ने मेरी इतने मे हालत खराब कर दी
अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अभी तो मैन खेल बाकी है
आरोही दोनों को देख मुस्कुराते हुवे - पता है
अमर आरोही को देख - छोटी अब कैसे करेगे क्या तुम दोनों छेद मे लोगी हम दोनों का एक साथ
आरोही हैरानी से - बिल्कुल नही गांड मे नही पहले उनका हक है एक एक कर के आओ जब पति जी मेरी गांड मार लेगे फिर एक साथ लुगी दोनों लंड
अमर - अच्छा ठीक है ( अमर टीनू को देख) तुम जाओ पहले
टीनू अमर को देख मुस्कुराते हुवे - समझ गया
आरोही अपनी टांगे फैला देती है टीनू आरोही के टाँगों के बीच आके बैठ जाता है आरोही टीनू को देख रही थी अमर खरा टीनू आरोही को
टीनू अपना लंड पकर आरोही के चुत मे घुसाने लगता है आरोही के चेहरे पे दर्द आने लगता है टीनू अपना लंड पुरा आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे - उई मा मर गई करते बिस्तर जोस से पकर लेती है
अमर सब देख रहा था अपनी छोटी बेहन को चुदते हुवे दर्द मे ये सीन देख अमर को एक अलग मजा आने लगता है अमर का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है आरोही दर्द मे अमर को देख मुस्कुरा देती है अमर अपना लंड पकर धीरे धीरे हिलाने हुवे अपनी बेहन कि चुदाई देखने लगता है
आरोही बिस्तर पे लेती अपनी दोनों टांगे पूरी फैलाये हुवे थी बीच मे टीनू आरोही के कमर को दोनों हाथो से कमर तेज तेज धक्का मारने लगता है टीनू का लंड तेजी सी आरोही के चुत के अंदर बाहर हो रहा था आरोही को दर्द होने लगता है आरोही टीनू को देख - आह मा टीनू बहोत दर्द हो रहा है यार धीरे कर ना ( लेकिन टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - तेरी चुत बहोत गर्म है मेरी जान धीरे करू ये ले ( टीनू अपना लंड पीछे कर एक जोर का धक्का मारता आरोही को बहोत दर्द होता है आरोही दर्द मे रोते हुवे टीनू का देख मर गई कहा था धीरे करने को मा आह उफ बहोत दर्द हो रहा है
आरोही अपने भाई को देखती है जो लंड हिलाये आरोही को देख रहा था आरोबि आखो मे आसु लिये आह भाई अपनी छोटी बेहन को चुदते देख कैसा फिल मजा आ रहा है आह भाई दर्द हो रहा है ( अमर आरोही के पास आके - छोटी दर्द मे मजा है सेह ले ( आरोही आखो मे आसु लिये - भाई आपने सही कहा आह मर गई रे ( आरोही टीनू को देखती है टीनू जोर जोर से धक्के मारने लगता है ( आरोही रोते हुवे बस कर टीनू तेज मत कर मर गई ( टीनू आरोही को देख हाफ़ते हुवे मेरा पानी निकलने वाला है करते हुवे एक तेज धक्का मार देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है
टीनू बिस्तर पे लेत तेज तेज सासे लेने लगता है आरोही आखो मे आसु लिये अपने भाई को देख - भाई अब आपकी बारी
आरोही पास से एक चादर सी चुत को अच्छे से साफ करने के बाद अमर को देख मुस्कुराते हुवे - आ जाइये भाई आपकी छोटी बेहन रेडी है चुदने को भाई का लंड लेके को
अमर तो पहले से ही सब देख पुरे जोस मे था अमर जल्दी से अपनी बेहन के ऊपर आके आरोही को देखते हुवे अपना लंड चुत पे रख धीरे धीरे अंदर घुसाने लगता है आरोही दर्द से आह भाई आराम से
अमर आरोही को देख अंदर अंदर चुत मे घुसाते हुवे - बेहना उफ आज मे नही रोक पाऊगा थोरा भी ( अमर जोर का धक्का मार बाकी लंड भी पुरा अंदर अपनी छोटी बेहन की चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द मे तरप् के रोते हुवे अमर का देख - भाई बहोत दर्द हुआ आह मा
अमर आरोही के दोनों मोटे जांघों को पकर पुरा फैलाये तेज तेज धक्का मारना सुरु करता है अमर आज टीनू बेहन कि चुदाई देख बहोत जोस मे था अमर के तेज धक्के से आरोही की पूरे बॉडी हिल रहे थे साथ मे आरोही के बरे चुचे भी हिल रहे
अपने भाई के तेज धक्के और सत् सत् अपनी चुत मे भाई का लंड अंदर बाहर जाता मेहसूस कर आरोही को मजे से साथ दर्द भी बहोत हो रहा था ( आरोही अमर को देख रोते हुवे भाई बहोत दर्द दे रहे हो अपनी छोटी बेहन को लेकिन मे सेह लुगी आह भाई चोदिये अपनी छोटी बेहन को जैसे चोदना है ( आरोही बिस्तर कस के पकरे आखो मे आसु किये आह उफ करते रहती है
टीनू दोनों भाई बेहन की चुदाई देख टीनू का भी जोस चढ़ जाता है टीनू आरोही के मुह के पास आके आरोही के मुह मे लंड घुसा देता है आरोही आरोही भी दर्द मजे ने टीनू के लंड चूसने लगती साथ मे अपने भाई के लंड लिये जा रही थी टीनू भाई बहन कि चुदाई देख जोस से भरा जा रहा था अमर अपनी बहन को मजे से चुदते टीनू का लंड चूसते देख और जोस से भर जाता है
अमर और तेज तेज धक्का मारने लगता है आरोही को और तेज दर्द होने लगता हो आरोही आखो मे आसु लिये टीनू का लंड चूस कर पीती रहती है भाई का लंड लेती रहती हो दर्द सेहती रहती है
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अमर झरने वाला था तो जल्दी से अपनी छोटी बेहन के ऊपर आके और तेज तेज धक्के मारने लगता है आरोही टीनू का लंड मुह से निकाल आरोही दर्द मे रोते हुवे - भाई भाई बहोत दर्द होता रहा है भाई प्लेस प्लेस धीरे करो मर गई मा रुक जा भाई प्लेस टीनू रोक ना भाई को मर जाउंगी आरोही रोती रहती है दर्द मे चिल्लाती रहती है
अमर धक्का मारते हुवे उफ बेहन आज नही आह उफ मेरा निकलने वाला है अमर एक तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे जोर से चिल्लाती है रोने लगती है अमर बहोत सारा पानी अपनी छोटी बेहन के चूत मे छोर देता है अमर अपना लंड जब बाहर निकालता है तो आरोही के चुत से अमर का ढेर सारा माल बाहर निकलने लगता है
अमर हाफ़ते हुवे बिस्तर पे गिर जाता है आरोही आखो मे आसु लिये पसीने से भीगी बिस्तर पे टांगे फैलाये लेती रहती है आरोही कि भी हालत खराब थी तेज सासे लिये जा रही थी टीनू सब देख उसे अलग कि मजा मिल रहा था और टीनू का जोस फिर हाई हो गया एक भाई को अपनी बेहन की चुत मे माल छोरते हुवे टीनू का लंड फिर खरा हो गया
टीनू आरोही के के पास आके टांगे फैला के आरोही के ऊपर आ जाता है आरोही टीनू को ऐसा करता देख डरते हुवे कापते हुवे - टीनू मत कर मेरी हालत खराब है नही ले पाउंगी लेकिन टीनू एक बार मे ही पुरा लंड आरोही कि चुत मे घुसा देता है आरोही दर्द से चिल्ला परती है
टीनू आरोही को देख तेज तेज धक्का मारते हुवे - आरोही तुम भाई बहन कि चुदाई देख रोक नही पाया माफ करना आज तो अच्छे से तेरी चुदाई करुगा ( आरोही टीनू को देख रोते हुवे हट जा टीनू बहोत जलन दर्द हो रहा है प्लेस मान जा आह मा आज मर गई ( आरोही अमर को देख आखो मे आसु लिये - भाई प्लेस टीनू को रोक ना
अमर आरोही को देख - बेहना सेह ले मजा मे भी फिर करुगा
आरोही डर से रोते हुवे - मेरी ही गलती है मर गई मा मेरी चुत
1 घंटे तक अमर टीनू आरोही कि चुदाई करते रहते है यहा गलती आरोही कि थी भाई बहन की चुदाई देख टीनू जोस मे आ जाता था अपनी बहन टीनू कि चुदाई देख अमर आज टीनू अमर को अलग ही मजा आया आरोही की चुदाई कर की लेकिन आरोही कि हालत खराब कर दी दोनों ने
आरोही कापते पैरों के साथ खरी होके कपड़े धीरे धीरे पेहन अमर टीनू को रोते हुवे - कमीने कुत्ते जान निकाल दी मेरी
अमर टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो रोज हम तेरी साथ मे लेगे
( रात 9 बजे अभय के घर )
आँगन के बीच चटाई बीछि हुई थी आसा मिनिता काजल अभय बैठे हुवे थे कमरे मे अदिति कोमल बाते कर रहे थे
मिनिता आस को देख - दीदी शोपिंग मे बहोत मजा आया ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा बहोत मजा आया
काजल - मे तो पहली बार मॉल मे गई थी
आसा मिनिता - हम भी
अभय तीनों को देख मुह बना के - शादी की शोपिंग करनी थी इस लिये नही तो मे कभी भी फिर लडिस के साथ शोपिंग पे ना जाऊ कितना वक़्त लगाती है तैयार होने मे 1 घंटे खरीदारी मे भी भी हद है
आसा मिनिता काजल अभय को घूर के देखते है अभय डर से पसीने से - मे तो बस मजाक कर रहा था
मिनिता अभय को देख अजीब नजरो से - दीदी केह तो रहा है लेकिन शादी के बाद खुद बीवी को लेके जायेगा
काजल भी घूर के अभय को देख - भाभी आपने बिल्कुल सही कहा
आसा अभय को देख - जायेगा है खुद नही जायेगा फिर भी जाना परेगा लाला बीवी के कई नखरे उसकी हर जरूरत मर्द को ही पूरी करनी परती है
मिनिता हस्ते हुवे - दीदी शादी के बाद खुद समझ जायेगा
काजल - हा अभी तो सिंगल है बीवी आयेगी तब देखते है
अभय सभी को देख खरा होते हुवे - ऐसा है तो देखते है मे चला आप तीन खूबसूरत परी बाते करिये
अभय कमरे मे आके बिस्तर पे लेत दिशा से बाते करने लगता है
मिनिता आसा को देख मुस्कुराते हुवे - आपका लाला क्या कह कर गया सुना ना
काजल हस्ते हुवे - खूबसूरत परी
आसा मुस्कुराते हुवे - लाला न सही तो कहा है
( अदिति के कमरे मे )
अदिति कोमल बिस्तर पे लेते छत को देखते हुवे बाते कर रहे थे
कोमल - अदिति बाल साफ किये नीचे के
अदिति सर्म से लाल होते हुवे - दीदी आप फिर सुरु हो गई
कोमल अदिति को देख - यार अदिति कितना शर्माती है पता भी दे
अदिति सर्म से - हा सुबह नहाते वक़्त कर किया था
कोमल नोर्मलि - अच्छा अभी खुजली हो रही है क्या
अदिति सर्म से - नही
अदिति मन मे - अरे यार खुजली हो रही है लेकिन आपके सामने खुजा भी नही सकती
कोमल गौर से अदिति के चेहरे को देखने लगती है अदिति छत को ही देख रही थी कोमल अदिति के चेहरे को देख फिर नीचे देखती है अदिति अपनी पैर एक दूसरे के ऊपर किये अपनी जांघें सताये हुई थी
कोमल मुस्कुराते हुवे - खुजली हो रही है खुजा ले मे तुझे बहोत सर्म आ रही है तो मे दूसरी तरफ चेहरा कर लेती हु
कोमल दूसरी तरफ चेहरा कर लेत जाती है
कोमल मन मे - अदिति जैसी खूबसूरत कायम बॉडी वाली लरकी आज तक नही देती और सर्मिलि भी दिल की अच्छी साफ भी जब ऑन्टी इतनी खूबसूरत है तो बेटी होगी ही
अदिति कोमल को दूसरी तरफ चेहरा किये देखती है तो जल्दी से अपनी टांगे फैला के जल्दी से उंगली से अपनी गर्म फूली नरम चुत को सेहलाती है तब जाके अदिति को आराम मिलता है
अदिति सर्म से - हो गया
कोमल अदिति की तरफ लेत अदिति को देख - पागल इतना भी मत सरमाया कर
अदिति सर्म से कुछ नही बोल पाती कोमल भी जानती थी अदिति बहोत सर्मिलि है ऐसी बाते करने मे तो दूसरे टॉपिक पे बाते करने लगती है
( अभय कमरे मे )
अभय हस्ते हुवे - कोन कोन कलर की चड्डी बिकनी ली है
दिशा सर्म से - खुद देख लेना
अभय जोस मे - अभी आ जाऊ क्या
दिशा हैरानी से जल्दी से - पागल है क्या मेरे कहने का मलतब आपकी बीवी बन आपके घर आउंगी तब
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जब तुम आओगी तो कोन बेवकूफ चड्डी बिकनी देखेगा मे तो सीधा
दिशा सर्म से - बस बस समझ गई आप किया कहने वाले है
अभय हस्ते हुवे - यार कहने भी नही दिया छोरो साली जी सासु मा किया कर रही है
दिशा - मा सो रही होगी पूजा मोबाइल मे लगी होगी
10 मिनट अभय दिशा से बात करता है फिर फोन रख देता है
तभी काजल की बहु ममता का फोन आता है अभय नंबर देख मुस्कुराते हुवे फोन उठा के - हा भाभी बोलिये
ममता - देवर जी क्या हो रहा है
अभय - मे तो कमरे मे दिशा से बात कर रहा था और मा ऑन्टी आपकी सासु मा सब आँगन मे बात कर रहे है
ममता - अच्छा वैसे क्या बाते हो रही थी
अभय हस्ते हुवे - जो एक पति पत्नी के बीच होता है
ममता - अच्छा जी बाते तो कई तरह की की जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यार वाली बाते
ममता सर्म से - अच्छा समझ गई लगे रहिये
अभय हस्ते हुवे - हा लगा तो रहुंगा आप बटाइये क्या कर रही है भाई कहा है
ममता - वो सो रहे है मे पीछे हु वो पास आये किस न लिये मेने मना किया कही आप मुझसे नाराज तो इसी लिये फोन क्या
अभय सांत रहता है फिर - भाभी मे कोई खुदगर्ज़ नही हु आपने मुझे एक गीली किस दी जो कोई भी भाभी हो अपने पति के अलावा किसी को नही देगी लेकिन आपके दिया उसके बाद भी मे कैसे नाराज हो सकता हु मे तो आपका दिल से आभार मानता हु और अपने आप को किस्मत वाला भी जो मुझे आपकी गीली किस मिली
अभय की बात ममता को बहोत अच्छी लगती है खुश भी हो जाती है ये जान अभय नाराज नही है
ममता - जान कर खुशी हुई आप नाराज नही है
अभय हस्ते हुवे - हा लेकिन आपके होठो के रस का स्वाद मे कभी भूल नही पऊगा
ममता सर्म से लाल होते हुवे - आप भी ना देवर जी
अभय - भाभी क्या सच मे मुझे फिर कभी आपके होठो का रस पीने के लिये नही मिलेगा
ममता सांत हो जाती है
अभय - माफ करना भाभी आप नाराज मत हो मुह से निकल गया आपके होठो का रस बहोत अच्छा लगा इस लिये
ममता धीरे से - आपको अच्छा लगा मेरे होठो का रस
अभय - कसम से भाभी बहोत मजा आया
ममता सर्म से - ठीक है फिर आयेगें तो पिलाऊँगी
अभय खुश होते हुवे - थैंक्स भाभी आप बहोत अच्छी है
ममता सर्म से - अच्छा मे रखती हु
फोन कट
तभी मिनिता कमरे मे आके अभय को देख - क्या कर रहे हो अकेले मे
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार
अभय उठ कर मिनिता के पास जाके बाहों मे कस आखो मे देख - आपको बाहों मे लेते ही मुझे पता नही कियु बहोत अच्छा फिल होता है
मिनिता अभय को देख सर्म से - मुझे भी लेकिन बेटा ननद जी भी है तो समझ रहे हो ना ( अभय समझ गया ऑन्टी
दोनों बिना देरी किये एक दूसरे को किस करना सुरु कर देते है मिनिता मजे से अभय के जिब को मुह मे लेके चूस कर रस पिये जा रही थी अभय भी 2 मिनट बाद
अभय मिनिता को देख - अब आप पुरे अच्छे से ककिस करना सिख गई है
मिनिता सर्म से अभय को देख - तुम्हारी वजह से है अब जाना होगा ननद जी नही होती तो थोरि देर और रुकती
अभय भी मामले को समझ - ठीक है लेकिन मॉल मे जो कहा क्या मुझे मोक्का नही मिलेगा
मिनिता अभय को देखते हुवे - फिर कभी बात करेगे
मिनिता फिर कमरे से बाहर आ जाती है अभय भी बिस्तर पे लेत जाता है
काजल मिनिता को देख - चलो घर चलते है
मिनिता - ठीक है
मिनिता काजल आसा को देख - ठीक दीदी भाभी हम जाते है
आसा - ठीक है
काजल मिनिता बाहर आते है तभी काजल मिनिता को देख - अरे मे अभय से मिल के नही आई क्या तुम
मिनिता ठीक है जाइये
काजल फिर अभय के कमरे मे आती है अभय काजल को देख बैठ - बुआ आप आइये ना
काजल अभय के पास बैठ अभय को देख - तुम मुझसे नाराज तो नही हो ना
अभय काजल को देख - मे भला कियु नाराज होऊगा
काजल - साम जो हुआ
अभय काजल की आखो मे देख - कभी कभी हम जो चाहते है हमे नही मिलता
काजल - अगर तुम चाहते हो तो एक बार तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो
अभय काजल की बात सुन पूरी तरह से सॉक हैरान काजल को देखता रहता है 1 मिनट बाद अभय होस मे आता है
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे आपका जिस्म नही चाहिये नही तो मेरे पास कई मोक्के थे उस वक़्त आप भी मुझे अपने आप को रोक नही सकती थी आपकी बाते सुन मुझे दुख हुआ की आप मुझे एक हवसी समझ रही है
अभय के आखो से आसु टपक परते है काजल अभय को देखती रहती है फिर काजल अभय के चेहरे को उपर कर आसु साफ कर अभय को देख - जितना प्यार तेरे दिल मे मेरे लिये है उतना प्यार मेरे दिल मे तेरे लिये भी है
अभय हैरान काजल को देखता है
काजल अभय की आखो मे देख - हा बेटा मे भी तुमसे बहोत प्यार करती हु साम को जब तुमने परपोस् क्या तो मे बहोत खुश हुई थी लेकिन पति बच्चे को सोच तुझे हा नही कर सकी लेकिन उसी के बाद से कुछ घंटे मे ही मेरा दिल अंदर से बहोत रोता रहा मुझे तुम्हारे साथ बाते करना मस्ती करना वक़्त बिताता बहोत अच्छा लगता है खुशी मिलती है बेटा मुझे अच्छे से पता है तुम बहोत अच्छे लरके हो इसी लिये तो मे तुम्हे अपने करीब आने दिया या मे भी तुम्हारे करीब आई अभी जो मेने कहा बस इस लिये कहा कियुंकी मे देखना चाहती थी किया तुम इस मोक्के का फायदा उठाते हो या नही लेकिन तुम्हारे जवाब सुन मुझे तुमसे और भी प्यार हो गया है
काजल अभय के होठो पे किस कर खरी होके अभय को देख - बाहर भाभी मेरा इंतज़ार कर रही है जाना होगा लेकिन आज अभी से तुम मेरे बॉयफ्रेंड मे तेरी गिर्लफ्रेंड
अभय हैरान लेकिन बहोत खुश भी होता है अभय जल्दी से काजल को बाहों मे लेके - आपके आज बहोत दर्द दिया मुझे पता भी है आपकी ना सुन मुझे कितना दर्द हुआ दिल मे
काजल अभय को देख प्यार से - मुझे भी ना केह बहोत दर्द हुआ लेकिन ( काजल सर्म से) तुम जो सजा दोगे मंजूर है
अभय काजल के कान मे धीरे से - अगर ऐसा है मुझे आपको अच्छे से प्यार करना है तैयार रखना कल हम चलेंगे एक जगह जहा आपको खूब प्यार करुगा वो वाला प्यार डालुगा आपके टांगों के बीच मे जो छेद है उसमे अपना साप
अभय की बात सुन काजल की सासे उपर नीचे होने लगती है काजल सर्म से लाल अभय को देख - अब तो मे तेरी गिर्लफ्रेंड हु जो चाहे कर लेना
ये केह काजल जल्दी से भाग कर बाहर आ जाती है अभय मुस्कुराते देखता रह जाता है काजल बाहर अपने सीने पी हाथ रख सर्म से अपने सास पे काबू कर मिनिता के पास आती है फिर दोनों घर जाने लगते है
तभी मिनिता काजल को देख - अरे कोमल को हम भूल ही गये
काजल अपना सर पकर- सही कहा भाभी आपने
मिनिता - मे बुला के लाती हु
मिनिता कोमल को बुलाने अंदर जाती है लेकिन काजल के कानों मे अभय की बाते भुज रही थी पहली बार काजल से किसी ने ऐसी गंदी बाते कही थी काजल भाभी दो वजह से पहला सर्म दूसरा अभय कि बाते सुन काजल की चुत से पानी निकल आया था
काजल आस पास देखती है फिर सारी के ऊपर से ही चुत साफ करते हुवे मन मे सर्म से - उफ कमीनी तु बस बातो से ही पानी बहाने लगी
तभी मिनिता कोमल भी आ जाते है फिर तीनों घर जाने लगते है
काजल के जाने के बाद अभय अपनी मा के पास आता है आसा बिस्तर पे लेती अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आजा मेरे लाल
अभय मुस्कुराते हुवे आसा के ऊपर आके लेत अपनी मा की आखो मे देख - उफ हम सुकून मिला नरम गर्म बिस्तर पे लेत कर
आसा हस्ते हुवे - पागल के ऊपर लेता है मेरे सरीर को बिस्तर बना दिया
अभय हस्ते हुवे - हा कियुंकी आपका बदन बहोत मुलायम है गर्म है और आपके सरीर की खुशबु भी
आसा सर्म से न लाल हो जाती है
अभय आसा की आखो मे देख - मा आज कोई सेक्सी वाला पोस् मार नही दिखाओगी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - अपनी बीवी को बोलना आई गी तब
अभय अपनी मा के कान मे धीरे से - मा आपकी बात ही अलग है आपका भरा बदन बॉडी की बनावट दूसरी आप मेरी मा है तो आपकी वजह कोई नही ले सकता
आसा खुश शर्मा भी जाती है
आसा अभय को देख सर्म से - ठीक है तुम ही बताओ कोन से पोस् मारू
अभय मोबाइल से एक मॉडल का फोटो दिखाते हुवे - ये वाला मे आपकी ऐसे पोस् मे देखना चाहता हु
काजल जब फोटो देखती है तो सर्म से पानी पानी होते हुवे अभय को देख - छि मा को ऐसे पोस् मे देखेगा
अभय आसा को देख - आप मेरी मा आप मेरी है की नही
आसा अभय को सर्म से - हु ठीक है अपने लाला के लिये तो अब मे एक मॉडल बन ही गई हु
आसा खरी होती है और अभय को देख - बेटा फोटो मे मॉडल लाल सारी ब्लाउस मे है तो मुझे भी वैसे ही सारी ब्लाउस पेहन लेने दे फिर पोस् मारके दिखाउगी
अभय - मा कोई बात नही इसी सारी मे कर सकती है
आसा - नही ना अच्छा नही लगेगा तुझे
अभय अपनी मा को बाहों मे लेके धीरे से - मेरे लिये इतना सब आई लोव यू सेक्सी हार्लिंग मा
आसा सर्म से - आई लोव यू तु लाला
अभय फिर आगे मूर खरा हो जाता है आसा लाल सारी ब्लाउस पेहन रेडी होके सर्म से - ठीक है लाला मे रेडी हु
अभय भी आसा को देख अपने आप को तैयार कर - ठीक है मा
आसा हिम्मत झूठा के शर्म से अभय ने जैसा फोटो मे दिखाया था आसा वैसे ही पोस् मारती है जिसे देख अभय की सासे दिल सब कुछ पल के लिये रुक जाता है यहा तक अभय का लंड पहली बार टाइट होके कई झटका मारता है
आज के लिये इतना ही![]()