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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 38

( काजल + अभय 🥵 - megha upadte )

अभय काजल को लेकिन जिस बंगलो मे आया था अभय ने ये बंगला मीटिंग या जब कभी किसी मोक्के मे काम आने के लिये ले रखा था लेकिन आज काम आ भी गया

अभय काजल के हाथ पकरे एक कमरे मे लेकर जाता है अंदर जाने के बाद काजल सामने का सीन देख हैरान होके अभय को देखती है अभय काजल को देख मुस्कुरा देता है

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असल मे बेड सजा हुआ था फूलों से बेड पे love❤ भी लिखा हुआ यही सब देख काजल हैरान हो गई थी और सरप्राइस भी

काजल अभय को देख - ये सब
अभय काजल के चेहरे को पकर प्यार से -आप मेरी बुआ है मेरा प्यार भी भले ही मे हमारा रिस्ता एक गिर्लफ्रेड का रहेगा लेकिन मे आपको एक पति का प्यार दुगा मे हमेसा आपका ख्याल रखुंगा आपकी हर खुशी इक्छा को पुरा करुगा मुझे पता है आपने अब तक की लाइफ कैसे गुजारी है लेकिन अब मे आपको हर खुशी दुगा आपके हर सपने को पुरा करुगा कियुंकी आप मेरा प्यार हो मेरी जान हो

अभय की हर एक शब्द काजल के दिल को छु जाते है काजल इमोसनल होके अभय के गले लग जाती है अभय भी काजल को बाहों मे समा लेता है आज काजल के दिल मे अभय के लिये बेपनाह प्यार बढ़ गया था

अभय काजल के चेहरे को देख प्यार से - बताया नही आपने कैसा लगा मेरा सरप्राइस्
काजल फुल से सजे बेड को देख - बहोत ही खूबसूरत मेने नही सोचा था ये पल कभी आयेगा कोई मुझे इतना प्यार करेगा और मेरे लिये इतना सब करेगा मे आज बहोत खुश हु ( काजल अभय को प्यार से देख) सुक्रिया मेरे लिये इतना सब करने के लिये
अभय काजल के गाल को प्यार से सेहलाते हुवे - बुआ थैंक्स मत कहो ये मेरा फर्ज़ है की मे अपने प्यार के लिये सब करू और आगे भी करुगा
काजल मुस्कुराते हुवे - तुम्हे पाके मे बहोत खुश हु
अभय काजल को बाहों मे भर - मेरी जान अब रहा नही जाता आप बोले तो सुरु करू
काजल सर्म से अभय को देख - हा आज मे भी अपने प्यार को दिल खोल के अपना सब देना चाहती हु अपने आप को अपनी आत्मा सब कुछ
अभय - आई लोव यू बुआ
काजल प्यार से - आई लोव यू 2

अभय काजल के चेहरे को पकर आखों मे देखने लगता है काजल भी प्यार से अभय की आखो मे देखने लगते है दोनों की सासे तेज चलने लगती है दोनों के होठ करीब आने लगते है फिर मिल जाते है

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अभय काजल दुनिया जहान सब भुला के इस पल का मजा लेने लगते है दोनों बरे प्यार से एक दूसरे के होठो का रस चूस चूस कर पीने लगते है हर पल का एहसास का दिल खोल के मजा लेने लगते है 2 मिनट बाद किस टूटता है

काजल के होठ लार से गीले थे अभय का भी काजल सर्म से लाल खरी तेज सासे लिये जा रही थी अभय काजल को प्यार से देखे जा रहा था

अभय काजल के गर्दन मे किस करना सुरु करता है काजल कस के अभय को बाहों मे जकर् लेती है अभय के गर्म गीले जिब काजल अपने गर्दन म फिल कर सिसकिया लेने लगती है तरप् उठती है

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कोई कुछ बोल रही रहा था कमरे मे बस सिसकिया आह भरने की आवाजे ही भुज रही थी अभय बरे प्यार से काजल के गर्दन को चूम चाट् कर पुरा गिला कर देता है काजल के लिये नया लेकिन बहोत अच्छा फीलिंग था ये एहसास काजल को एक नई दुनिया मे ले जा रहा था प्यार वाली दुनिया मे

अभय रुकता है और काजल को प्यार से देखता है काजल अभी भी तेज सासे लिये सर्म से लाल अभय को देखती है अभय को देखते हुवे काजल के सीने से सारी पकर धीरे से खेच हटाने लगता है काजल मचल के आह भरती है

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काजल के सीने से सारी हटने के बाद काजल कि खूबसूरत दूध जैसी कमर और गेहरि ढोरी सामने आ जाती है उफ काजल की कमर कयामत भी इस उमर मे भी कोई चर्मी नही थी

अभय धीरे से काजल के सामने आता है काजल अभय से नजरे नही मिला पा रही थी अभय धीरे से नीचे आता है और काजल कि कमर गेहरि ढोरी को प्यार से देखने लगता है काजल नजरे नीचे कर अभय को अपनी कमर ढोरी प्यार से देखता देख काजल सर्म से अपने दात् से होठो को काटने लगती है अभय एक नजर काजल को देखता है काजल आखे बंद किये तेज सासे ले रही थी चुचे उपर नीचे हो रहे थे

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अभय फिर काजल की कमर ढोरी को देख - बुआ आपकी दूध जैसी कमर पे कोई चर्मी नही है इस उमर मे भी आपने अपना फिगर मेन्टेन कर रहा है और ये आपकी गेहरि ढोरी उफ कयामत लग रही है ( अभय की बात सुन काजल की सासे और तेज होने लगती है दिल जोरों से धक धक करने लगता है

अभय काजल के कमर को प्यार से देखते हुवे अपना हाथ काजल कि कमर पे रख धीरे धीरे आगे की तरफ छूटे सेहलाते हुवे ले जाने लगता है अपने कमर पे अभय का गर्म हाथ फिल कर काजल मचल के तेज सिसकिया लेते हुवे - आह उफ बेटा

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अभय काजल के मुलायम गर्म कमर को छूके सेहलाके अच्छे से फिल करते हुवे - उफ बुआ किया कमर है आपकी मुलायम सोफ्ट चुने मे मजा आ रहा है ( काजल अभय को मदहोसि मे सिसकिया लेते हुवे - आह बेटा तुझे पसंद आया मुझे खुशी हुई आह

अभय अपनी नजर उपर कर काजल को देख - खूबसूरत चीज कि तारीफ करना ही चाहिये मे तो किस्मत वाला हु मुझे आप जैसी खूबसूरत गिर्लफ्रेड मिली

काजल सर्म से आखे बंद किये हुवे तेज सिसकिया लेते हुवे -अपने प्यार के मुह से अपने लिये तारीफ सुन मुझे बहोत खुशी हुई
अभय - आप तारीफ के लायक है बुआ

अभय फिर काजल के कमर को देख अपने दोनों हाथो से कमर को कस के पकर देता है काजल काप् उठती है अभय जिब निकाल काजल के पेट को चाटने लगता है इस हमने से काजल मचल उठती है
काजल साफ अभय के गर्म गीले खुरखुरे जिब अपने पेट मे चलता मेहसूस कर पा रही थी जो काजल को पागल बना रही थी

काजल तेज सासे लेते हुवे मचलते हुवे - आह उफ मा बेटा आह
काजल मचल रही थी तरप् रही थी लेकिन हमारा अभय मजे से जिब से अपनी बुआ के पेट को चाटने में लगा हुआ था काजल की हालत खराब होते जा रही थी पुरा सरीर काप् रहा था चुत गीली होने लगी थी 3 मिनट तक अभय मजे से अपनी बुआ के पेट को चाट के छोर देता है

अभय के रुकते ही काजल बेड के पास जाके बेड को पकर तेज तेज सासे को संभलाने लगती है
अभय पीछे खरा काजल को हाफते तेज सासे लेते हुवे देखता रहता है 2 मिनट बाद काजल जब नॉर्मल होती है तब काजल अभय कि तरफ से से लाल चेहरे लिये देखती है अभय मुस्कुराते हुवे काजल के पास आके काजल के चेहरे को प्यार से देख - उफ अभी ही आपने अपने हुस्न से मुझे पागल कर दिया है जबकि अभी मेने आपके हर एक अंग को खजाने को देखा भी नही है

अभय की बात काजल की सासे भीर से तेज कर देती है

अभय नीचे झुक काजल के सारी के छोर को पकर एक जगह कर देता है अब सिर्फ काजल के के कमर से लिपटे सारी ही बची थी अभय काजल को मुस्कुराते हुवे देखता है काजल अभय को देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे आखे बंद कर लेती है अभय काजल कि सारी को पकर काजल के गोल गोल घूम कर बाकी के सारी भी काजल के जिस्म से निकाल एक जगह रख देता है अब काजल सिर्फ ब्लाउस पेटीकोट मे खरी थी

अभय काजल को देखता है काजल ने अपनी मुठी कसी हुई तेज सासे लेते हुवे आखे सर्म से बंद किये खरी थी

अभय काजल को देख प्यारी आवाज मे - बुआ ये हमारा पहला मिलन है तो किया आप हर एक इस पल मोमेंट को याद नही रखना चाहती

काजल अभय की बात सुन कापते होठो से - हा याद रखना चाहती हु अपने प्यार के साथ बिताये पहले पल मोमेंट को
अभय - तो फिर अपने अपनी आखे कियु बंद कर रखा है बुआ मुझे पता है और मे आपकी हालत समझ सकता हु लेकिन आप जब आखे खोल हर पल मोमेंट को देखेगी नही तो याद क्या रखेगी

काजल एक सुशील औरत थी सर्मिलि भी अपने पति के सामने भी काजल ने अपना पुरा अंग नही दिखाया होगा ना अपने पति से कोई गंदी बाते खुल कर की लेकिन आज अपने बेटे के उमर के लरके के सामने आधी नंगी खरी थी तो काजल के लिये सब बहोत मुश्किल था
लेकिन आज पहली बार उसे दिल जान से प्यार करने वाला उसकी फीलिंग समझने वाला मिला था वो था अभय जिससे काजल टूट के प्यार करने लगी थी तो ये हो ही नही सकता था काजल अभय के कोई बात ना माने

काजल हिम्मत कर अपनी आखे खोल अभय को सर्म से लाल चेहरे से देखती है अभय काजल को प्यार से देख अब सही है अभय काजल को गौर से उपर से नीचे तक देखने लगता है काजल ब्लाउस पेटिलोट मे खरी सर्म से अभय को अपने आप को देखता देख रही थी
काजल ब्लाउस पेटीकोट मे बवाल लग रही थी खूबसूरत चेहरा प्यारे होठ सीना कमर हर अंग की बनावट कमाल थी कैसे उपर वाले ने बरी फुर्सत से बनाया हो

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अभय काजल के थोरा करीब आके काजल को देख - बुआ आज मे जब अच्छे से आपको देख रहा हु तो सच मे आप की बॉडी बहोत कमाल की है आपका खूबसूरत चेहरा आपके चुचे जो जयादा बरे ना छोटे है आपकी कमर इस उमर मे भी फिट भरा हुआ है ये सब आपकी बॉडी को बहोत खूबसूरत कयामत बनाती है ( अभय कि बात सुन काजल सर्म से पानी पानी होने लगती है

अभय काजल की आखो मे देख - बुआ अब मुझे रहा नही जाता बाकी बचे कपड़े मे निकालु या आप खुद निकालेगी

अभय की बात सुन काजल के शरीर मे बिजली सी डोर जाती है सासे तेज सीना उपर नीचे होने लगता है

काजल कापते होठो से सर्म से कापते आवाज मे अभय को देख - मे खुद अपने प्यार को अपना सब कुछ दिखाउगी

काजल प्यार से काजल को देख - तो दिखाइये ना

काजल अभय की बात सुन अपने ब्लाउस के एक एक बटन खोलने लगती है अभय सांत खरा दिल थाम कर सब देख रहा था हा अभय मे काजल के चुचे पहले देख पिया था लेकिन आज हालत मोमेंट अलग था काजल ब्लाउस के सारे बटन खोल देती है काजल के दोनों बरे चुचे बाहर आके झुलने लगते है अभय कि हालत खराब होने लगती है

काजल अभय को एक नजर देखती है तो और सर्म से लाल हो जाती है काजल फिर अपने हाथ पेटीकोट के डोरी की तरफ ले जाने लगती है अभय ये देख अपने सीने पे हाथ रख बिना पलके झपकाये नजरे काजल के दोनों टांगों के बीच टिकाये रखता है आज अभय के सामने काजल का खजाना आने वाला था जिसे देखने के लिये अभय बहोत बेचैन बेसबरी से इंतज़ार कर रहा था

काजल अभय को सर्म नासिलि आखो से फिर देखती है अभय को इतना बेचैन बेसबरी से इंतज़ार करता देख काजल अभय को और जायदा नही तरपाती और जल्दी सी पेटकोट कि डोरी खोल देती है डोरी खुलते ही पिटिकोट नीचे गिर जाता है और काजल पूरी नंगी अभय के सामने आ जाती है

अभय सामने का सीन देख पागल होने लगता है अभय का लंड फुल टाइट नशे फटने लगती है अभय मुह खोले आखे फारे काजल को ही देखता रहता है काजल अभय को देखती है तो पाती है अभय उसके नंगे बदन को देख पागल को गया है तो काजल सर्म से पानी पानी हो जाती है लेकिन अंदर से काजल बहोत खुश थी अभय को ऐसे अपने जिस्म को देखता देख

काजल पूरी नंगी खरी थी काजल के दूध जैसे भरा नंगे जिस्म अभय के सामने थे काजल के बरे चुचे झूल रहे थे दोनों चुचे के बीच मंगलसूत्र सीन को और खूबसूरत कामुक् बना रहे थे अभय बिना पलके झपकाये काजल को उपर से नीचे तक अच्छे से उपर वाले के बनाये एक हुस्न के नंगे बदन को देख रहा था काजल जिस तरह खरी थी काजल की चुत अच्छे से दिख नही रही थी

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अभय काजल के नजदिक आखे काजल का देख - बुआ मेरी जान आपने मुझे पागल कर ही दिया आपने इस हुस्न की तारीफ करने के लिये मेरे पास कोई शब्द नही है ( अभय कि बात काजल को मदहोस् पागल बना रही थी


काजल अभय को देखती है फिर भागते हुवे बिस्तर पे पीठ के बल लेत सर्म से दोनों हाथो से अपने चेहरे को धक लेती है काजल सर्म से पानी पानी हो गई थी काजल मन मे - उफ मुझे बहोत सर्म आ रही है अभय बेटे कि हर बात मुझे पागल बना रही है लेकिन मुझे सुकून खुशी भी मिल रही है मुझे अच्छा लग रहा था अभय बेटे के हर शब्द तारीफ सुन

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काजल बिस्तर पे लेते हाथो से चेहरे छुपाये हुवे थी काजल के दोनों चुचे फैले हुवे थे भरा सरीर मोटी जांघों के बिच काजल कि उभरी फूली गर्म चुत थोरा और अच्छे से दिखने लगी थी अभय सामने का सीन देख मन मे - उफ किया सीन है बुआ आप का जिस्म सच मे किसी को पागल कर देगा मे बरी मुश्किल से अपने आप को रोके हुवे हु कियुंकी मे आपको अच्छे से प्यार करना चाहता हु

अभय काजल को देखते हुवे अपने कपड़े निकाल चड्डी मे आ जाता है और काजल के ऊपर आ जाता है काजल आखे खोल सर्म से अभय को देखती है अभय काजल को

अभय मुस्कुराते हुवे काजल के को किस करने लगता है काजल अभय को बाहों मे भर किस करने लगती है अभय किस करते हुवे थोरा नीचे गर्दन के किस करने लगता है काजल सिसकिया जोर जोर से लेने लगती है काजल ने बिस्तर कस के पकर रखा था
अभय गर्दन पे किस करते हुवे काजल के सीने पे करने लगता है काजल मचल जाती है तरप् जाती है

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अभय काजल के चुचे को देख दोनों चुचे को हिलाने लगता है अभय के धीरे से आगे धक्का देने से काजल के बरे मलायम दूध जैसे चुचे पुलुर् रबर जैसे हिलने लगते है जिसे देख अभय का लंड कई झटके मारने लगता है काजल अभय को अपने चुचे के साथ ऐसा करता देख बहोत शर्मा जाती है

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अभय फिर काजल के चुचे के काले निपल के गोल गोल अपनी उंगली घुमाने लगता है काजल बिस्तर कस के पकर आह उफ सिसकिया लेते हुवे अभय को अपने चुचे से खेलता देखती रहती है अभय की हर हरकत काजल को पागल किये जा रही थी

अभय फिर काजल के चुचे पे आके काजल के दोनों चुचे हाथो मे भर के पकर के दबाने लगता है

काजल बिस्तर पे मछली की तरह तरपने लगती है सिसकिया लेते हुवे कापते आवाज मे - आह उफ बेटा धीरे दर्द हो रहा है आह मे पागल होते जा रही हु ( अभय रेखा के चुचे दबाते हुवे - उफ बुआ आपके चुचे बहोत मुलायम रुई जैसे नर्म है दबाने मे अलग ही मजा आ रहा है
काजल अपने चुचे पे अभय के उगली दबाओ को फिल कर पागल होके मचल के आह उफ किये जा रही थी

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अभय अच्छे से काजल के चुचे को दबाते रहता है कुछ है मिनट मे काजल के चुचे टाइट होने लगते है अभय ये फिल कर और जोस मे आ जाता है - अभय उफ बुआ आपके चुचे टाइट होते जा रहे है आह दबाने मे और मजा आने लगा है - काजल सर्म से आह सिसकिया लेते हुवे अभय को देख - आह बेटा धीरे से दबा अपनी बुआ के चुचे इतनी जोर से दबायेगा तो दर्द होगा तेरी बुआ को आह उफ ( अभय चुचे दबाते हुवे काजल को देख - बुआ आज तो मुझे मत रोको मे रुक भी नही पाऊगा ( अभय 4 मिनट तक काजल के चुचे दबा के फुल टाइट कर देता है फिर चुचे छोर देखने लगता है

काजल के चुचे अब टाइट होके पुरे खरे थे अभय गौर से चुचे को देखता है फिर काजल को देख - बुआ देखो ना अपने चुचे बहोत टाइट होके कैसे खरे हो गये है देखने मे कमाल का लग रहा है

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अभय की बात सुन काजल सर्म से अभय को एक नजर देखती है फिर एक हाथ से अपने चुचे को छूटे हुवे मन मे - उफ मेरे चुचे इतने टाइट कभी नही हुवे लेकिन आज अभय बेटे के चुने से कितने टाइट होके खरे है आह मे पागल होते जा रही हु अभय बेटा कैसे कैसे मुझे प्यार रहा है मेरे जिस्म से खेल रहा है उफ

अभय काजल के ऊपर आके आखो मे देख - उफ बुआ आपका जिस्म एक आग है कही मे जल ना जाऊ
काजल अभय को सर्म से देखते हुवे कापते होठों से - तुम जल नही सकते कियुंकी तुम ही हो जो मेरे इस जिस्म की आग को ठंडा कर सकते हो ( काजल ये केह सर्म से अपना चेहरा दोनों हाथो से धक देती है अभय काजल कि बातो से और जोस मे आ जाता है

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काजल सर्म से अभय को देखती काजल बहोत सर्म आ रही थी लेकिन अभय को अपने प्यार को बहोत प्यार देना भी चाहती थी तो काजल सर्म से हिम्मत कर अभय के ऊपर आके झुक कर अभय मुह के सामने अपने चुचे करते हुवे सर्म से कापते आवाज मे - ये बेटा चूस ले अपनी बुआ के चुचे

अभय काजल को मुस्कुराते हुवे देखता है काजल सर्म से आखे बंद कर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे काजल के दोनों चुचे को पकर लेता है और एक चुचे के निपल पे गोल गोल जिब फिराते हुवे चुचे का मुह मे लेके चूसने लगता लगता है काजल चुचे पे अभय के गर्म लार जिब चलता फिल कर - आह उफ बेटा तु अच्छे से चूस अपनी बुआ के चुचे को आह चूस जा दूध नही है सायद तुझे मजा आये

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अभय - बुआ दूध आता तो चूसने मे और मजा आता लेकिन कोई बात नही फिर भी बहोत मजा आ रहा है अभय फिर से काजल के चुचे मुह मे भर के चूस चूस कर मजे से पीने लगता है काजल अभय के ऊपर झुकी मजे से अभय को अपने चुचे चुस्वा रही थी 3 मिनट बाद काजल थक कर बिस्तर पे लेत जाती है आज काजल को अभय पागल किये जा रहा था आज से पहले काजल के जिस्म के साथ किसी ने इतना प्यार नही किया था

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अभय काजल को देखता है फिर नीचे पेट को चूमते हुवे नीचे काजल के चुत पे एक किस करता है काजल इस हमले से अपनी चुत पे अभय के गर्म होठ फिल कर बिस्तर कस के पकर जोर से आह सिसकिया लेती है कामुक् वाली जिसे सुन अभय भी मदहोस होने लगता है

अभय बिस्तर से नीचे आके खरा हो जाता है काजल सर्म से अभय को देखने लगती है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे अपनी चड्डी निकाल देता है और अभय का लम्बा मोटा लंड काजल के आखो के सामने आ जाता है जिसे देख काजल की सासे दिल की धरकन् थम जाती है सरीर काप् जाते है पलके जहा थी वही रुक जाती है मुह खुले रह जाते है

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अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ कैसा लगा अपने भतीजे का लंड ( अभय की आवाज से काजल होस मे आती है और अभय को सर्म से देख कापते आवाज मे - बेटा ये इतना बरा कैसे हो सकता है
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ होता है लेकिन हर किसी का नही होता आपके भतीजे का है जो अब आपकी चुत मे जायेगा

अभय की बात काजल की सासे उखार देती है काजल डर से काप् जाती है दिल धक धक करने लगता है

अभय काजल को देख - बुआ अपनी टाँगे उठा के फैलाओ ना ताकि मे अच्छे से आपकी चुत को देख सकु ( काजल सर्म से लाल होके अपनी टाँगे फैला देती है काजल सर्म से तेज सासे लेते अभय को देख रही थी कैसे अभय उसकी चुत को प्यार से देख रहा है

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अभय काजल के करीम जाके चुत को अच्छे से देखने लगता है टाँगे फैलने से काजल की गर्म फूली चुत अच्छे से अभय को दिख रही थी कसम से काजल की चुत मोटी फाके देखने मे कमाल कि लग रही थी
अभय चुत को देखते हुवे - बुआ बहोत खूबसूरत चुत है आपकी उफ


अभय कापते हाथो से काजल के चुत के फाके फैला के देखता है तो अंदर लाल लाल सब था चुत गीली थी रस से चुत का छेद भी छोटा दिख रहा था काजल अपनी चुत पे उंगली फिल कर अभय को देखती है जो उसकी चुत की फाके फैलाये अंदर छेद को गौर से देख रहा था
काजल सर्म से मन मे - उफ अभय बेटा कितने गौर से मेरी चुत के फाके फैला के छेद को देख रहा है मा मुझे बहोत सर्म आ रही है

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अभय छेद को देखते हुवे - बुआ आपकी चुत की छेद अंदर से लाल है और छेद बहोत छोटा भी है उफ लगता है चुदाई अच्छे से नही होती थी आपकी ( अभय की बात सुन काजल सर्म से पागल होने लगती है ( काजल सर्म से - बेटा तेरा बहोत बरा मोटा है लेकिन तेरे फूफा का छोटा पतला है उफ
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा कितने वक़्त से आपकी चुदाई नही की फूफा ने

काजल सर्म से नजरे नीचे किये - 2 साल से ज्यादा हो गये उससे पहले भी बहोत कम ही करते थे

अभय - इसका मतलब 4 साल ले लेते है

अभय मन मे - एक वक़्त पे सेक्स बंद हो ही जाता है औरत को जितना सेक्स करो करवा लेगी दिन मे कई बार भी लेकिन मर्द एक बार दो बार बस औरत को सेक्स से कमजोरी नही होती लेकिन मर्द जायदा करे तो कमजोर हो जायेंगे खास कर आप की उमर हो गई हो तो

अभय काजल के चुत के सामने आके से देखता है फिर एक हाथ से फाके फैला के जिब अंदर डाल चाटने लगता है काजल एकदम अपनी चुत पे जिब फिल कर उछल जाती है बिस्तर कस के पकर मछली की तरह इधर उधर चेहरा करते हुवे सिसकिया लेते हुवे कापते हुवे - बेटा ये तु किया कर रहा है वो जगह गंदी है मत कर बेटा प्लेस रुक जा उफ

अभय काजल की बात नही सुनता और मजे से अंदर जिब डाल कर काजल की चुत चाटने रस पीने का मजा लेने मे खो जाता है 1 मिनट मे ही काजल को चुत चाटने का मजा आने लगता है काजल के हाथ अपने आप अभय के सर पे आके अभय को चुत मे दबाने लगते है
काजल मचलते हुवे कापते हुवे सिसकिया लेते हुवे - आह उफ बेटा चाट अच्छे से चूस अपनी बुआ के चुत को आह मुझे आज पता चला चुत चटवाने मे इतना मजा आता है आह ये मजा उफ कैसा है

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अभय काजल की बात सुन जोस मे फाके फैला के और अंदर जिब घुसा के रस पीते हुवे - उफ कसम से बुआ की चुत के गर्म रस पीने मे जो मजा आ रहा है मे शब्द मे बता नही सकता उफ कितना अच्छा नमकीन स्वाद है बुआ की चुत के रस का दिल भर ही नही रहा

3 मिनट हो गये थे अभय पूरी तरह से काजल के चुत का रस पीने मे खोया था लेकिन काजल की तेज सिसकिया सुन और पैर मारता देख देख अभय समझ जाता है काजल झरने वाली है काजल बिस्तर को बहोत कस के पकर अपने दातो से होठ को दबाते हुवे अपने पैर मारते कमर गांड उठाते हुवे कापते आवाज मे - बेटा तेरी बुआ झरने वाली है
काजल कापते हुवे गांड कमर उठाते हुवे बेटा मेरे भतीजे कहते हुवे काजल झरने लगती है चुत से गर्म पानी निकलने लगता है अभय जल्दी से सब पानी चाटने लगता है


काजल बेसुद् बिस्तर के पसीने से भीगी तेज तेज सासे लिये जा रही थी काजल मन मे - मर गई उफ आज भी बहोत पानी निकाला है मेरी चुत ने आह बेटा अभय देख कर किया सोच रहा होगा

काजल अभय को देखती है अभय काजल को देखता है तो काजल हैरान सर्म से पानी पानी को जाती है अभय का मुह काजल के चुत के पानी से पुरा गिला था अभय के मुह पे काजल के चुत का पानी लगा हुआ था काजल ये देख सर्म से पानी पानी हो जाती है


अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - हुआ अब मेरी आपकी बारी है अपने भतीजे का लंड मुह मे लेने की

काजल बिस्तर पे लेती अभय को हैरानी सर्म से देख - क्या मे नही लुगी वो कोई मुह मे लेता है छि बिल्कुल नही

काजल सर्म से नजरे फेर लेती है

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ मेरी जान किया आपको पता था चुत चाटा जाता है और चटवाने मे इतना मजा आता है लेकिन मेने वो मजा फिल एहसास आपको दिया ना वैसे ही लंड चूसने मे आपको बहोत मजा आया मुझे भी प्लेस एक बार कोसिस तो करेगी अच्छा ना लगा तो फिर दुबारा मे नही करुगा

अभय की बात सुन काजल सर्म से अभय को देखती है फिर बिस्तर से उतर अभय के पास आके नजरे नीचे किये सर्म से - ठीक है करुगी
अभय मुस्कुराते हुवे काजल को देख - बुआ अपने भतीजे के लंड को पकर हिलाओ ना
काजल सर्म से कापते हाथो से अभय के मोठे लोहे जैसे गर्म लंड को जैसे ही पकरति है काजल का शरीर जनझना जाता है काप जाता है
अभय काजल को देख - बुआ कैसा फिल हो रहा है अपने भतीजे का लंड पकर के
काजल सर्म से नजरे नीचे किये कापते आवाज मे - बहोत गर्म होता हाथ मे भी सही से नही आ रहा

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काजल अभय के लम्बे मोटे लंड को मुठ मारते हुवे अभय के मोटे लंड को गौर से सर्म से देखते हुवे हिलाने लगती है अभय भी काजल के चुचे पकर दबाते रहता है 4 मिनट बाद ( काजल सर्म से वो मेरा हाथ
अभय काजल को देख - कोई बात नही इतना काफी है अब मुह लेने की बारी है

काजल अभय को सर्म से देखती है फिर घुटने पे बैठ जाती है अभय का खरा मोटा लम्बा लंड काजल के मुह के सामने था काजल अभय के लंड को देखती है फिर हिम्मत कर अपने जिब से अभय के लंड के टोपे को चाटती है तो काजल के चेहरे पीले पर जाते है

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काजल अभय को देख सर्म से - बेटा बहोत गंदा लग रहा है
अभय काजल को देख - बुआ नही लेना तो कोई बात नही रहने देते है
काजल अभय के लंड को पकर पकर - नही मे अपने प्यार के खुशी के लिये इतना भी ना कर पाउ तो लालत है मुझपे

काजल अभय के लंड को जिब से चाटने लगती है अभय अपने लंड पे अपनी बुआ के गर्म जिब को चलता देख फिल कर मजे से आह उफ बुआ ये फीलिंग आह ये सोच मेरी बुआ मेरे लंड को जिब से चाट रही है उफ मेरे अंदर जोस बढ़ते जा रहा है आह बुआ मेरी जान

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काजल अभय के लंड को चाटते हुवे सर्म से मन मे - उफ अजीब लग रहा है ये मेरा पहली बार है लेकिन अजीब मजा भी मिल रहा है 1 मिनट बाद काजल को गंदा नही बल्कि मजा आने लगता है
अभय काजल को देख - बुआ पुरा अंदर लेके चुसो ना

अभय की बात सुन काजल अभय का पुरा लंड अपने गले तक अंदर ले जाने लगती है अभय अपना लंड अपनी बुआ के गले तक अंदर जाते फिल कर एक अलग दुनिया मे खो जाता है

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काजल धीरे धीरे अभय का लंड अपने मुह के अंदर गले तक लेके जाती है काजल की सासे रुकने लगती है तो काजल अभय के लंड को धीरे से बाहर निकाल देती है

अभय सब देख मजे से पागल हो रहा था काजल अभय को सर्म और नासिलि आखो से देखती है फिर अभय हाथ से अभय के लंड को पकर मुह मे लेके मजे से चूसना सुरु कर देती है

अभय अपनी बुआ को इतने मजे से अपने लंड को चुस्ता देख उसका लंड काजल के मुह मे ही झटके मारने लगता है नशे और टाइट होने लगती है काजल सब फिल कर रही थी काजल अभय के लंड को चूस चूस कर पीते हुवे मन मे - उफ ये कैसा मजा स्वाद है कसम से मुझे बहोत मजा आ रहा है अभय बेटे के लंड को मुह मे लेके चूस कर रस पीने मे उफ लंड चूसने मे इतना मजा आता है आज पता चला

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अभय काजल को देख - बुआ आह बहोत अच्छे से चूस रही है आप ऐसे ही अंदर मुह मे लेके चूसिये अपने भतीजे के लंड को पी जाइये रस उफ बुआ मेरी जान आप बहोत कमाल है आह इतना मजा ये एहसास मुझे पागल किये जा रहा है

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अभय काजल के सर को पकर अपना पुरा लंड अंदर घुसाने लगता है अभय का लंड काजल के गले तक जाने लगता है काजल की सासे फूलने लगती है काजल अभय को रुकने लगती है लेकिन अभय अपना लंड काजल के मुह मे पुरा घुसाते रहता है

काजल की सासे फूलने लगती है तो काजल अभय से पीछे हटा के अपने मुह से लंड निकाल जोर जोर से खासने लगती है काजल अपने सीने को पकर तेज तेज सासे लेने लगती है

अभय काजल को देख - माफ करना बुआ मे खुद को रोक नही पाया
काजल अभय को देख सर्म से- कोई बात नही बेटा


1 मिनट बाद काजल नॉर्मल होती है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे बुआ अब असली खेल की बारी है

अभय की बात सुन काजल काप् जाती है लेकिन ये तो होना ही था काजल बिस्तर पे लेत जाती है अपनी टाँगे फैला के अभय भी जोस से भरा काजल के जांघो पे पास बैठ जाता है काजल डरी सहमी अभय को देखती है अभय अपने लंड को पकर काजल को देखता है काजल सर्म से नजरे फेर लेती है


अभय मुस्कुराते हुवे अपने लंड को पकर काजल के गर्म फूली चुत के फाको के बीच मे घिसने लगता है काजल गर्म मोटा लंड अपनी चुत पे फिल कर काप् जाती सरीर मे एक सिहरन डोर जाती है काजल बिस्तर को कस के पकर मचलते हुवे - आह उफ मा करके सिसकिया लेने लगती है काजल डरी हुई थी ये सोच आज उसकी चुत कि गहराई मे मोटा लम्बा लंड जाने वाला है लेकिन साथ मे अपनी चुत की गहराई मे लंड मेहसूस करने के लिये तरप् भी रही थी

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अभय अपनी बुआ के चुत के चुत के फाके के बीच अच्छे से लंड को घिसते हुवे काजल की हालत देख समझ जाता है काजल डरी लेकिन लंड अपनी चुत मे लेने के लिये बैचैन भी है तो अभय भी बहोत रोका था अब बारी थी घुसाने की

अभय काजल के ऊपर आके अपना लंड पकर चुत के छेद पे रख काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ आप रेडी है अपनी चुत की गहराई मे अपने भतीजे का लंड लेने के लिये
काजल अभय को देख मदहोसि मे नासिलि आखो से कापते हुवे - हा तेरी बुआ रेडी है अपनी चुत मे भतीजे का लंड लेने के लिये डाल दे बहोत तरपी हु अपनी चुत मे लंड फिल करने के लिये

अभय भी काजल की बातो से जोस मे आता जाता है काजल भी बिस्तर कस के पकर रेडी थी

अभय धीरे से दबाव डालता है अभय के लंड का तोपा काजल की चुत को फैला के अंदर घुस जाता है काजल अपनी चुत मे अभय के लंड के टोपे को घुसता फिल कर पागल होने लगती है अभय एक धक्का मारता है इस बार आधा लंड काजल की चुत को फैलाते हुवे अभय का लंड अंदर चला जाता है अभय बिना देरी किये एक धक्का और मार पुरा लंड अपनी बुआ की चुत की गहराई मे घुसा देता है

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काजल बिस्तर पकर दर्द मे जोर से चिल्लाती है पुरे कमरे मे काजल की दर्द भरी चीखे गुज उठती है काजल दर्द मे तरपते हुवे रोने लगती है अपने पैर मारने लगती है काजल अभय को देख रोते हुवे - बेटा बहोत दर्द हो रहा है तेरी बुआ को मा मर गई सुन ना निकाल ले बाहर फिर डाल लेना ना प्लेस
अभय काजल के किस करते हुवे - बुआ दर्द होना था हो गया बस अब मजा ही मजा आयेगा थोरा दर्द होगा थोरि देर

काजल दर्द मे आखो मे आसु लिये अच्छे से फिल कर पा रही थी अपनी चुत की गहराई मे घुसा अपने भतीजे का मोटा लम्बा लंड को काजल बिस्तर कस के पकरे सासु बहाये जा रही थी

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अभय भी साफ फिल करता है अंदर अपने लंड मे अपनी बुआ की चुत की गर्मी को जो अभय को पागल कर रहा था अभय ये भी फिल करता है उसके लंड को बुआ की चुत ने जकर् रखा है अभय समझ जाता है बुआ की चुत बहोत टाइट गर्म है ( अभय उफ बुआ आपकी चुत की गर्मी से मेरा लंड अंदर जल रहा है
काजल आखो मे आसु लिये - आह बेटा मुझे दर्द हो रहा है उफ
2 मिनट बाद
अभय काजल को देख -बुआ अब ठीक है
काजल दर्द मे - हा ठीक है

अभय ये सुनते ही अपना लंड अंदर बाहर करना सुरु कर देता है काजल ये साफ फिल करने लगती है अभय के लंड को अपनी चुत के अंदर बाहर जाते हुवे 2 साल बात अपनी चुत मे इतना मोटा गर्म लंड अंदर आते जाते फिल कर काजल दर्द मे मजे लेने पे मजबूर हो जाती है काजल की चुत गीली होके पानी बहाने लगती है

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अभय काजल को देखता है आखो मे आसु लेकिन एक मजे वाला एहसास भी देखता है तो अभय मुस्कुराते हुवे अपने लंड को देखता है जो काजल की चुत की गहराई मे अंदर बाहर हो रही थी अभय भी नशे जोस मे पागल हुवे य रहा था अपनी बुआ की टाइट गर्म को को मार के ऊपर से काजल की चुत कि गर्मी अभय फिल कर रहा था जो उसके लंड को अंदर जला रही थी

अभय काजल के ऊपर पुरा लेत जाता है और तेज धक्के मारना सुरु करता है हर धक्का काजल की बचेदानी मे जाके लग रही थी काजल को बहोत दर्द होता है काजल रोने लगती है लेकिन अभय रुकता नही और तेज तेज धक्के मारने लगता है लंड काजल की चुत मे सत् सा अंदर बाहर होने लगता है

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काजल अभय को देख रोते हुवे - बेटा तेज धक्के मार बहोत दर्द हो रहा है मुझे धीरे कर ना
अभय काजल को देख-बुआ किया करू आपकी जैसी खूबसूरत कयामत औरत की टाइट फूली गर्म चुत मार रहा हु तो मे कैसे रोकू अपने आप को उपर से ये एहसास आप मेरी बुआ है मेरी मा की उमर की औरत को चोद रहा हु तो मुझे और जोस चढ़ रहा है

काजल टाँगे उठाये हवा मे फैलाये लेती हुई थी अभय धके मारते हुवे काजल को देख रहा था काजल दर्द से आह उफ सिसकिया लेते हुवे अभय को देख रही काजल को दर्द हो रहा था लेकिन उससे ज्यादा मजा आ रहा था काजल मजे से सिसकिया लेते हुवे चुदाई का मजा ले रही रही अपनी चुत मे लंड 2 साल बाद लेके सुकून पा रही थी

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अभय चुदाई करते हुवे काजल को देख - बुआ उफ आपकी गर्म टाइट चुत की चुदाई करने मे bah बहोत मजा रहा है आपको नही आ रहा
काजल अभय को देख सर्म से - उफ बेटा बहोत मजा आ रहा है आह दो साल बाद मेरी चुत मे लंड गया है वो भी तेरा मोटा लम्बा लंड उफ बता नही सकती मेरी चुत खुशी से पानी बहा रही है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा फिल कर पा रहा हु


अभय काजल के ऊपर फिर लेत जाता है और चुदाई करने लगता है काजल अभय को अपने पैर से घेरा बना के जकर् लेती है फिर दोनों बाहों मे कस के अभय को पकर लेती है कमरे मे फट फच् की आवाजे गुजे जा रही थी अपने बेटे के उमर के लरके के नीचे टाँगे फैला के चुदवा रही काजल जब ये सोचती है तो चुत से पानी तेज से बाहर आने लगता है काजल अभय को और कस के पकर लेती है

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अभय धके मारे जा रहा था लेकिन काजल की पकर सिसकिया पैर कमर उठा के चुत लंड मे लेता देख समझ जाता है काजल फिर झरने वाली है तो अभय धक्के और तेज कर देता है ( काजल अभय को कस के पकर अपनी गांड उठा के चुत मे लंड लेते हुवे - आह और तेज आने वाला है आह माँ करते हुवे काजल गांड उठा उठा झटके मारते हुवे झर जाती है


अभय काजल को देखता है तो काजल सर्म से नजरे फेर लेती है अभय मुस्कुराते हुवे अपना लंड निकालता है तो फक के साथ काजल की चुत से लंड निकल बाहर आ जाता है

अभय काजल को देख - बुआ घोरी बन जाओ
काजल अभय को देखती है फिर सर्म से घोरी बन जाती है अभय के सामने काजल के बरे बरे फैले गांड आ जाता है काजल की गांड की छेद चुत साफ फैले खुले अच्छे से अभय को दिखाई दे रहे थे सीन बहोत कामुक् था किसी का पानी पल भर मे निकल जाये देख

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अभय काजल कि इतनी बरी गांड देख और दो गांड के बीच दोनों खुले छेद को देख अभय का लंड झटके मारने लगता है अभय मन मे - उफ किया किस्मत पाई है बुआ की गांड तो बहोत मस्त बवाल है दूध जैसी गोरी दिल कर रहा है गांड मारने का लेकिन बाद मे कभी


अभय काजल के गांड के पास बैठ अपना लंड पकर चुत मे डाल धक्का मारने लगता है काजल घोरी बनी अपनी चुत मे फिल से लंड फिल कर मजे से - आह उफ बेटा चोद अपनी बुआ को जैसे चाहे चोद आह इतना मजा कभी नही आया मुझे बेटा आह उफ ये सुकून

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अभय काजल की चुत मे लंड अंदर बाहर करते हुवे हुआ आह आपकी बाहर निकली बरी गोरी गांड मस्त है आह आपको घोरी बना के चुदाई करने मे बहोत मजा आ रहा है उफ बुआ मेरी जान
काजल सिसकिया लेते हुवे - बेटा मुझे भी मजा आ रहा हो घोरी बन अपने भतीजे का लंड अपनी चुत मे लेके आह उफ मा चोद बेटा अपनी बुआ की गर्मी निकाल दे बहोत परेसान कर रखा था चुत ने
अभय - निकाल दुगा बुआ सब गर्मी बात चिंता मत करो
12 मिनट बाद काजल कापते हुवे झर जाती है

अभय काजल को करवट लेता के काजल की टाँगे फैला के टाँगे के बीच आके काजल की चुत मे लंड डाल देता है काजल आह मा मर गई अभय काजल के चुचे दबाते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है

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काजल अपने भतीजे से नये नये पोस् मे चुदवा लंड लेके मजे से आह उफ बेटा आह कैसे कैसे पोस् मे चोदेगा अपनी बुआ को आह
अभय मुस्कुराते हुवे धक्का मारते हुवे काजल के चुचे दबाते हुवे - बुआ मेरी अभी रात बाकी है आपका भतीजा अच्छे से आपकी फूली गर्म चुत मरेगा रात भर
काजल - उफ तेरी बुआ सेह नही पायेगी आह अभी से जलन होने लगी है मेरी चुत मे


अभय अपना लंड अपनी बुआ के चुद ने अंदर बाहर करते हुवे काजल को देख - बुआ फिल कर रही है ना अपने भतीजे के मोटे लम्बे लंड को अपनी चुत की गहराई मे आते जाते हुवे
काजल अभय को देख सर्म से मदहोसी से - हा भतीजे अच्छे से फिल कर रही हु तेरा मोटा लम्बा लंड कैसे मेरी नर्म नाजुक चुत को फैला के अंदर बाहर मजे से जा आ रहा है उफ ये फीलिंग मुझे पागल ना कर दे

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अभय एक तेज धक्का मारता है काजल दर्द मे रो परती है अभय काजल को देख दर्द हो रहा है - काजल रोते हुवे तेज धक्के मरोगो तो दर्द होगा ही ना - अभय मुस्कुराते हुवे बुआ कितने अंदर तक फिल कर पा रही है अपने भतीजे का लंड - काजल दर्द मे उफ आह पुरा बचेदानी तक भतीजे - अभय बुआ इतना अंदर फूफा का जाता था
काजल अभय की आखो मे सर्म से - उफ नही रे तेरे फूफा का छोटा पतला है अंदर तक नही जा पाता आधे तक रह जाता है
काजल की बाते अभय को जोस से भर देती है अभय फिर पीछे लंड कर जोर का एक शॉट मारता है काजल बिस्तर कस के पकर दर्द से न चिल्ला के रोने लगती है काजल अभय को आखो मे आसु लिये देख - मर गई अपनी बुआ को दर्द दे रहा है लेकिन मुझे ये दर्द अच्छा लगा इसी फीलिंग मजे के लिये मे तरप् रही थी सुरु से


काजल की हालत खराब थी चुत मे जलन हो रही थी बिस्तर काजल के चुत के पानी पसीने से पुरे गीले हो गये थे लेकिन 2 साल बाद चुत मे किसी के दमदार मोटा लम्बा लंड गया था वो भी अपने बेटे के उमर के लरके का जो उसका भतीजा था तो काजल इस पल मोमेंट आज की रात वो उसके प्यार के साथ पहले मिलन की रात को अपनी कमजोरी से बर्बाद नही करना चाहता थी


अभय भी काजल के पसीने से भीगे सरीर को देख काजल के चेहरे को देख समझ जाता है काजल की हालत खराब है तो अभय सोचता है ठोरी देर करेगा फिर आराम कर के चुदाई करेगा

अभय अपना लंड काजल की चुत से निकाल देता है फक के आवाज के साथ अभय का लंड बाहर आ जाता है काजल अभय को देख सर्म से - किया हुआ

अभय अपना लंड काजल के मुह के पास कर मुस्कुराते हुवे - मुह मे लीजिये ना

काजल अभय के टने लम्बे मोटे लंड को देखती है जो उसकी चुत के पानी से पुरा गिला था अभय को लगता है काजल नही लेगी लेकिन काजल अभय का लंड पकर लेती है और अभय को देख मुस्कुराते हुवे बरे आराम से मुह मे लेके चूसने लगती है अभय काजल को ऐसे करता देख हैरान होता है लेकिन खुश भी

काजल अभय के लंड को मुह मे लेके चुस्ते हुवे - उफ मेरे भतीजे के लंड पे मेरी चुत के पानी से लगा हुआ था उफ लेकिन ये मेरी चुत का भतीजे के लंड का मिला झूला स्वाद जो मिल रहा है उफ मजा आ गया बहोत मस्त स्वाद है सोचा नही था एक दिन मे ऐसा कुछ करुगी अपने भतीजे के साथ लेकिन ये पहला मजा ये स्वास उफ भूल नही पाउंगी

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अभय काजल को मजे से लंड चुस्ता देख अभय आनद मजे मे खो जाता है अभय काजल के सर पकर - उफ आज कैसा लग रहा है अपनी चुत के रस से गिला लंड चूस के ( काजल लंड मुह से निकाल अभय को सर्म से देख - बहोत मजा आ रहा है आज पहली बार अपनी चुत का तेरे लंड का स्वाद एक साथ ले रही हु उफ काजल फिर लंड मुह मे लेके चूसने लगती है 4 मिनट बाद


काजल अभय को देख सर्म से - बस मुह दर्द करने लगा है

अभय बिस्तर पे लेत जाता है अभय का लंड फुल टाइट खरा था काजल अभय के लंड देख - उफ कैसे मेने इतना बरा लंड अपनी चुत मे लिया मुझे ही पता है हाय वो पहला दर्द जब अभय बेटे का लंड मेरी चुत को चीरते हुवे अंदर घुसा था उफ्फ

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ अपने भतीजे के ऊपर आके लंड की सवारी करो मजा आयेगा
काजल सर्म से - करुगी जरूर करुगी

काजल अभय के ऊपर आके अभय को देखती है फिर सर्म से अभय के लंड को पकर अपनी चुत के छेद पे रख धीरे धीरे बैठने लगती है काजल दर्द मे आह मा दर्द हो रहा था एंड काजल पुरा लंड अपनी चुत मे घुसा के बैठ जाती है
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - अब अपनी गांड उठा के ऊपर नीचे कर अपने भतीजे के लंड को चुत मे लेती जाइये

काजल अभय के ऊपर पुरा लेत जाती है काजल के चुचे अभय के सीने मे डब जाते चेहरा अभय के चेहरे के सामने आ जाता है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - वाह कितने सोचा था मेरी बुआ इस उमर मे भी पूरी फिट होगी
काजल अपनी गांड उठा के ऊपर नीचे तेजी से करते हुवे लंड चुत मे लेते हुवे अभय को देख सर्म से - तेरी बुआ कमजोर नही है लेकिन अभी हो चुकी है आह उफ मेरी चुत अंदर से छील गई है जलन हो रही है

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अभय काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन मे देख रहा हु आप बहोत मजे से मेरे लंड की सवारी करते लंड लिये जा रही हैं ( अभय की बात से काजल सर्म से कुछ केह नही पाती ( अभय काजल के चेहरे पकर किस करने लगता है काजल भी किस करते लंड लिये जा रही थी गांड उठा उठा के

अब अभय झरने वाला था तो अभय एकदम से पलट काजल को नीचे कल काजल के ऊपर आके तेज तेज धक्के मारने लगता है तेज धक्के से काजल को दर्द होने लगता है तो काजल रोने लगती है
काजल रोते हुवे - आह मर गई बाप रे बाप बहोत दर्द हो रहा है

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अभय तेज तेज धक्का मारते हुवे काजल को देख - बुआ मेरी जान मे झरने वाला हु आज मे अपने पानी से आपकी चुत भर दुगा
काजल भी दर्द मे भी मजे से आह उफ करते हुवे - उफ बेटा मे भी झरने वाली हु काजल अभय एक दूसरे को बाहों मे कस के पकर लेते और आह बुआ काजल आह भतीजे करते दोनों झरने लगते है काजल गांड उठा उठा के झरने लगती है अभय को कस पकर
अभय भी काजल की चुत के अंदर फच् फच् पिचकारी मार पानी छोरने लगता है
आज अभय के बहोत सारा पानी निकाला था
काजल काजल के ऊपर ही ढेर हो जाता है दोनों पसीने से भीगे थके हुवे हाफ रहे थे चुदाई 1 घंटे 12 मिनट चली थी


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काजल ने 2 साल बाद लंड लिया था तगरा तो दर्द मे मजा लेते हुवे 1 घंटे 12 मिनट ठीक गई लेकिन अब काजल को असली दर्द जलन का एहसास फिल होने वाला था


बस भाई आज बहोत लम्बा बरा chapter लिख दिया मेने
🙏🙏🙏🙏🙏
Zabardast update bro
 

Game888

Hum hai rahi pyar ke
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chapter 39

शाम 4 बजे स्कूल की छुट्टी होती है रिया अपने दोस्त के साथ बाते करते हुवे घर की तरफ जाने लगती है इस बात से अंजान की कुछ लोग उसपे नजरे गराये हुवे है

रिया अपने दोस्त के साथ सब से बेखबर बाते करते जा रही थी कुछ मिनट बाद उसकी दोस्त अपने घर के रास्ते निकल जाती है रिया अपने घर के रास्ते कुछ मिनट तक कोई घर नही था आस पास यही मोक्के का इंतज़ार रिया रिया के ऊपर नजर रखने वाले कर रहे थे

रिया आराम से मस्त चलते जा रही थी तभी अचानक एक वेन उसके सामने रुकती है रिया समझ पाती तब तक एक बंदा रिया के मुह बंद कर वेन मे खिच लेता है

किस्मत से विजय घर लौट रहा था अभय का नया घर ठिकाना उसी रास्ते से जोके आगे था तो विजय दिन मे कई बार आता जाता रहता था विजय ने सब अपनी आखो से देख लिया था

वेन तो तेजी से जाने लगती है विजय बाइक से वेन के पीछे लग जाता है 23 मिनट बाद वेन एक जंगल के अंदर पुराने घर जो टूटा फूटा था आके रुकती है

घर जायदा बरा नही था दो मंजिला था पहले कोई रहता था लेकिन अब घर खंधर् बन चुका था

वेन से 5 लोग निकलते है रिया को लेके रिया के मुह मे टेप लगाया गया था रिया बहोत डरी काप् रही थी आखो से आसु भर भर के निकल रहे है रिया को सब सीन देख समझते देर नही लगती आज उसकी इज़त जाने वाली है सायद जान भी

सभी रिया को अंदर लेके आके है और एक कोने मे बैठा देते है रिया सभी लोगो को देख डर से काप् रही थी रो रही थी

एक बंदा रिया के सामने बैठ रिया को उपर से नीचे तक देखते हुवे - हु बहोत खूबसूरत हो मजा आयेगा तेरी चुदाई करने मे

बंदे की बात सुन रिया और डर से कापने लगती है
बंदा रिया को देख - बेचारी तूने गलत इंसान से पंगा लिया है उसी का नतीजा आज तुम इस हालत मे हो

रिया सॉक हैरानी से मन मे - किया मे यहा किसी और की वजह से हु लेकिन किसीका मेने किसी का क्या... तभी रिया की आखे फैल जाती ; आरोही

दूसरा बंदा रिया के पास आके - हु तेरे चुचे तो बहोत बरे है दबाने मे मजा आयेगा

तभी एक आवाज सभी को सुनाई देती है
आवाज हु लेकिन मुझे तुम लोगो को उपर भेजने मे मजा आयेगा

रिया बाकी किडनैपर् आवाज की तरफ देखते है सामने किसी को देख सब हैरान सॉक हो जाते है

विजय खरा था चेहरे पे एक काला मास्क पहना हुआ था
एक असेसन् हमेसा अपने पास मास्क केनाइफ रखता ही मास्क पहचान छुपाने के लिये हथियार दुश्मन को ख़तम करने के लिये

5 किड्नैपर् कुछ समझ पाते विजय बहोत तेजी से सभी के पास जाता है और एक एक कट गले पे मारता जाता है सभी एक एक कर धराम से नीचे गिरते जाते है

आरोही को लगा था एक मामूली नाजुक लरकी को किड्नैप करने के लिये मामूली गुंडे ही काफी होगे आरोही सही भी थी लेकिन उसको ये पता नही था उसके प्लान के बीच विजय आ जायेगा

विजय एक जगह खरा था सांत केनाइफ से खुन तप तप कर नीचे गिर रहा था रिया सब सीन देख चिल्लाना चाहती थी लेकिन मुह मे टेप लगनी से चिल्ला नही पाती लेकिन अपने सामने 5 लोगो के लास खुन से लतपत् देख रिया का शरीर काप् रहा था रिया कापते हुवे विजय को देखती है

विजय केनाइफ को साफ करता है और रिया के पास बैठ रिया को देख - डरो नही मे कोई बुरा इंसान नही हु और जो तुमने देखा हु डरना जायेज है लेकिन ये सब मारना डिजब करते थे

रिया विजय कि बात सुन थोरा सांत होती है

विजय रिया के हाथ खोल मुह से टेप निकाल देता है

रिया तेज तेज सासे लेने लगती है

विजय रिया को छोर आगे जाके - हा मे बोल रहा हु
बंदा - कप्तान हा बोलिये किया ओडर है
विजय - जहा मे हु यहा 5 लास है अपने कुछ आदमी को भेज सब किलियार करवा दो समझ गये कोई सबूत ना छूटे
बंदा - समझ गया कप्तान काम हो जायेगा

विजय बाते करने के बाद रिया के पास आके - तुम ठीक तो हो ना
रिया विजय को देख कापते हुवे - जी आपका सुक्रिया आप नही आते तो
विजय - हु चलो यहा रुकना सही नही

विजय रिया को बाइक पे बैठा के रिया के घर के पास रोकता है

रिया बाइक से उतर विजय के सामने खरी होके सर्माते हुवे - वो किया मुझे आपका नंबर मिल सकता है
विजय हैरान रिया को देख - कियु तुम्हे डर नही लग रहा जबकि तुमने मुझे लोगो को मारते देखा है

रिया विजय की आखो मे देख - हु पहली बार आखो से देखा है किसी को मारते मरते तो डर गई थी लेकिन मुझे आपसे डर नही है

विजय - हु लेकिन कियु मे एक कातिल हु जानती हो ना
रिया - बिल्कुल नही आपने बुरे लोगो को मारा है मेरी इज़त बचाई है आप कातिल नही मेरे हीरो है

रिया सर्म से नजरे फेर लेती है विजय रिया को देख मुस्कुराते हुवे - ऐसा क्या

असल मे विजय को भी रिया को देखते ही फस्ट लोव हो गया था और रिया को भी जैसे दोनों एक दूसरे के लिये बने हो

विजय - वो तुमने देखा किसी को
रिया जल्दी से - मा कसम मरते दम तक किसी को नही बटाउगी
विजय मुस्कुराते हुवे अपना मास्क निकाल रिया को देखता है रिया भी विजय के चेहरे को देखती रहती है

विजय रिया को अपना नंबर देते हुवे - ये मेरा नंबर है
रिया नंबर लेते हुवे सर्म से - आप बहोत हैंडसम है
विजय रिया को देख - तुम भी
रिया - वो आपका नाम
विजय - विजय नाम है मेरा तुम्हारा
रिया - रिया नाम है
विजय - बहोत अच्छा नाम है
रिया सर्म से - आपका भी
विजय - वैसे वो कोन लोग थे तुम्हे कुछ पता है
रिया सिर्यस् होके - हा

रिया सब बता देती है

विजय मन मे - कमीनी तुझे तो बॉस खुद देख लेगे
विजय रिया को देख - हु समझ चिंता मत करो मे तुम्हारे साथ हु
रिया बहोत खुश होती है और आगे आके विजय के गाल पे किस करते हुवे - आपका फिर से सुक्रिया
रिया फिर सर्म से भाग जाती है घर के अंदर विजय अपने गाल पे हाथ रखता है जहा रिया ने किस किया था विजय फिर रिया को जाते देख मुस्कुरा देता है और अपने घर निकल परता है


( ये थी विजय रिया की कहानी ) अब अभय काजल कि और


रात दो बज चुके थे काजल टाँगे फैलाये हुई थी अभय काजल के दोनों पैर पकर चुदाई किये जा रहा था अपनी बुआ की गर्म चुत मे लंड अंदर बाहर कर रहा था काजल टाँगे फैलाये लेती अपने भतीजे के मोटे लम्बे लंड को अपनी चुत के गहराई मे घुसते निकले फिल कर पा रही थी
अभय चुदाई करते हुवे काजल को देख - उफ बुआ आज आपकी चुत मार रहा हु यकीन नही होता उफ आपकी गर्म टाइट चुत कि गर्मी आपका भरा बदन खूबसूरती सब मुझे और जोस बढ़ा रहा है

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लेकिन काजल का तो बुरा हाल था चुत मे सुजन अंदर से छिल गई थी काजल को दर्द जलन दोनों हो रही थी काजल अभय को आखो मे आसु लिये - बेटा बस कर तेरी बुआ की चुत अब और तेरा मोटा लम्बा लंड नही ले पायेगी आह मा इतनी हालत एक दिन कोई मेरी चुदाई कर के करेगा वो भी मेरा भतीजे जो मेरे बेटे के उमर का है उफ यकीन मुझे नही हो रहा लेकिन मे देख रही हु रुक जा बेटा प्लेस बुआ पे रहम कर


अभय काजल के ऊपर लेत काजल को देख ठीक है तेज धक्का मारुंगा , काजल कापते हुवे हु , अभय काजल को को किस करने लगता है काजल भी साथ देती है 2 मिनट बाद

अभय अपने दोनों हाथ बिस्तर पे रख काजल को देखते हुवे तेज तेज धक्का मारने लगता है काजल टाँगे उठाये हुवे थी अभय काजल के टाँगों के बीच झुके धक्का मारे जा रहा था काजल दर्द मे रोते हुवे आह मा मर गई बहोत दर्द कर रहा है बेटा जल्दी कर ना
अभय काजल को देख - बुआ बस कुछ मिनट और

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2 मिनट तक अभय तेज तेज धक्का मारता रहता है काजल बिस्तर कस के पकरे दर्द मे आह उफ मा मर गई करती रहती है कमरे मे फट फच् की आवाजे गुज रही थी काजल भी फिर झरने के करीब आ जाती है अभय तेज तेज धक्का मारता रहता है और दोनों कस के एक दूसरे को पकर कापते हुवे - आह उफ करते झर जाते है

अभय काजल काजल को देखता है काजल दर्द मे भी सर्मा जाती है अभय काजल के ऊपर से उठ अपना लंड काजल कि चुत से बहर निकालता है फक के साथ लंड बाहर आता है और काजल की चुत से अभय का पानी बाहर निकल गिरने लगता है काजल अपनी चुत मे अभय का पानी फिल कर मद्होस हो गई थी 2 साल बाद उसकी चुत मे किसी का पानी मेहसूस कर नही थी वो भी बहोत सारा

अभय बिस्तर पे ढेर हो जाता है काजल अभय दोनों पसीने से भीगे हाफ रहे थे ये दूसरा राउंड था काजल की हालत खराब थी चुत की तो उससे जायदा 3 मिनट बाद दोनों नॉर्मल होते है


अभय काजल को अपनी बाहों मे लेके आखो मे देख - उफ आपकी जैसी खूबसूरत हॉट भरी मदन की औरत की गर्म फूली चुत मार कर जो मजा सुकून मिला बुआ मे बता नही सकता मे ये पल हमारी पहली चुदाई भूल नही पाऊगा
काजल सर्म से अभय को देख - बेटा मे भी नही भूल पाउंगी तूने तो मेरी हालत खराब कर दी मुझे लगा 15 या 20 मिनट तक चुदाई चलेगी लेकिन तूने तो अपनी बुआ को 2 घंटे तक चोदा सच कहु यकीन नही होता मेरे बेटे के उमर के लरके के लिये मे अपनी टाँगे फैलाऊँगी और वो लरका मेरी चुत चुदाई कर फुला देगा सर्म आ रही है हालत खराब है जलन हो रही है लेकिन आज मुझे जिस तरह तूने प्यार किया है उफ कैसे भूल पाउंगी

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - बुआ आज पहली बार मेने भी किसी खूबसूरत औरत को नँगा देखा चुदाई की वो भी अपनी बुआ की ये सोचता हु तो और जोस बढ़ जाता है
काजल सर्म से - सेम बेटा मेरा भी अपने बेटे के उमर के भतीजे से चुदवा रही हु उसका लंड ले रही हु तो ये सोच मुझे भी जोस आ जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - एक बार और हो जाये
काजल हैरानी डर से कापते हुवे अभय को देख रोनी सी आवाज मे - प्लेस नही ना हालत खराब है

अभय काजल के टाँगे फैला के चुत को देखते हुवे - हु बात तो सही है
काजल सर्म से अभय को देख - 2 घंटे मोटा लम्बा लंड कैसे लिया है दर्द सहा है ये मे ही जानती हु

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी मजा नही आया ऐसे है बिस्तर आपकी चुत की पानी से गिला हुआ परा है

काजल से नजरे फेर - वो मेने कब कहा मजा नही आया बल्कि मेरे सोच से कही जयादा मजा आया

आयन मुस्कुराते हुवे - हु लेकिन अभी इस चादर हो हटा देते है और घर निकलते है

काजल अभय को देख - हु सही कहा

काजल बिस्तर से उठने लगती है लेकिन काजल का पुरा सरीर दर्द से टूट रहा था चुत का दर्द जलन अलग अभय जाके काजल को पकर बिस्तर से लीचे खरा कर - आप ठीक है
काजल अभय को देख सर्म से - हु

अभय काजल अपने कपड़े पेहन बाहर आते है काजल को चला भी नही जा रहा था काजल धीरे धीरे टाँगे फैला के चल रही थी
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - किया हुआ आपको
काजल अभय को गुस्से से देख - सब तेरा किया धरा हो फिर भी देखो कैसे बेसर्म की तरह पूछ रहा है उफ मना नही करती तो तु रुकता भी नही

अभय मुस्कुराते हुवे बाइक पे बैठ - आपकी जैसी खूबसूरत औरत जब नंगी टाँगे फैलाये लेती हो तो कोई कैसे रुक सकता है
काजल जैसे तैसे बाइक पे बैठ सर्म से - हा हा चल घर
अभय मुस्कुराते हुवे - हु

अभय काजल घर आते है अभय बाइक घर के थोरा पीछे ही बंद कर धक्का मारते हुवे घर के बाहर लगा देता है फिर काजल अभय धीरे से अंदर जाके अपने कमरे मे बिस्तर पे लेत जाते है

अभय काजल को बाहों मे कस आखो मे देख - लोव यू बुआ
काजल अभय के बाहों मे समा के अभय को देख - लोव यू बेटा

दोनों फिर एक दूसरे के बाहों मे सो जाते है

सुबह होती है आसा उठ कर नहा धोकर रेडी होके अभय के कमरे मे आती है तो देखती है काजल अभय दोनों एक दूसरे के बाहों मे सो रहे थे काजल जिस तरह अभय को बाहों मे पकर सो रही थी देख आसा अच्छा नही लगता जलन होने लगती दिल मे मीठा दर्द होता है जैसे दिल केह रहा हो अभय सिर्फ मेरी बाहों मे ही ऐसे सोयेगा

तभी आसा अपने दिमाग को झटकते हुवे काजल अभय के पास जाके दोनों के एक एक कान पकर खीचते हुवे - कब तक सोने का इरादा है तुम दोनों का

काजल अभय को मेहसूस होता है कोई उनके कान को खिच रहा था जब दर्द भी होता है तब दोनों आखे खोल देखते है तो आसा दोनों के कान खींच रही थी

काजल दर्द मे - उफ भाभी आप
अभय दर्द मे - मा

आसा दोनों के कान छोर- हा मे चलो उठो सुबह हो गई

काजल उठ कर खरी होके - जी भाभी मे
काजल जल्दी से कमरे से निकल जाती है
अभय भी उठ आसा के सामने खरा हो जाता है
आसा अभय को देख - बरे मजे से बुआ को बाहों मे लेके सो रहे थे इस लिये उठने का दिल नही कर रहा था ना

अभय अपनी मा के चेहरे को गौर से देखता है फिर मुस्कुराते हुवे आसा को कस के बाहों मे भर लेता है आसा आह करते अभय कि बाहों मे समा जाती है
अभय दोनों हाथो दे आसा को अपने से सताये हुवे आसा कि आखो मे देख - हु मजा तो आया लेकिन अपनी मा की बाहों मे मुझे सुकून मिलता कोई भी मेरी मा की जगह नही ले सकता

अभय की बात सुन आसा के दिल को सुकून मिलता है
अभय धीरे से अपनी मा के कान मे - मा वैसे भी आपकी खूबसूरती बॉडी के सामने कोई ठीक नही सकती मे खुद आपका दीवाना हु

अभय की बात सुन आसा की सासे तेज होने लगती है आसा सर्म से अभय की आखो मे देख - लाला
अभय आसा के होठ पे होठ रख किस करते हुवे - मे तो आज रात का इंतज़ार करुगा
आसा सर्म से - वो कियु
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी पोस् देखने के लिये
आसा सर्म से - हु
अभय आसा को छोर - फिल्हाल मुझे लगी है जाना परेगा
आसा हस्ते हुवे - पागल जा जल्दी

अभय हस्ते हुवे कमरे से निकलता है
आसा मुस्कुराते हुवे मन मे - मेरा पागल दीवाना

अभय जब बाहर आता है तो अदिति मुह फुलाये खरी अभय को देखने लगती है अभय अदिति के पास जाके - कियु मेरी गुरिया मुह फुलाये हुवे है
अदिति अभय को देख नाराज आवाज मे - आप आप के बिना उठाना परा आपके होते हुवे भी
आसा बाहर आते हुवे - आदत डाल के कब तक तेरा भाई उठाता रहेगा
अभय अदिति को बाहों मे लेके - मा सही केह रही है गुरिया मे कभी घर पे नही रहुंगा या देर से उठुंगा तो उठ जाना सबसे जरूरी ये है मे तेरे साथ हमेसा रहुंगा

अदिति अभय के सीने पे हाथ रख -हु
अभय अदिति के चेहरे को पकर होठ पे किस करते हुवे - तेरा भाई तेरे साथ है और अपनी गुरिया के को प्यार करता रहेगा सुबह नही उठा पाया तो किया हुआ हमारा प्यार वैसा ही रहेगा
अदिति अभय के होठो पे किस करते हुवे - समझ गई भाई
आसा दोनों को देख मुस्कुरा देती है

अभय फिर हल्का होके मिनिता के घर आता है वही काजल अभय के घर ही थी

अभय अंदर जाता है कोमल अभय को देख आ गया बंदर
अभय कोमल को देख - देख तु खुद मुझे बंदरिया केह रही है जब मे के केहता हु तो गुस्सा करती है

कोमल अभय के एकदम पास जाके अभय कि आखो मे देख - हा बोलुगी किया कर लेगा
अभय कोमल को देख - बहोत कुछ
कोमल मुस्कुराते हुवे - हिम्मत है तो कर के दिखा
अभय कोमल को बाहों मे कस आखो मे देख - पंगा ना ले
कोमल अभय को देख - डर गया

अभय के ईमान पे आ गई थी इज़त बचानी थी

अभय कोमल के चेहरे को पकर अपना होठ कोमल के होठ से सता के किस करने लगता है कोमल काप् जाती है समझ नही पाती कोमल का उमीद नही थी अभय ऐसा कुछ करेगा

कोमल के शरीर झटके खाने लगते है सासे फूलने लगती है सरीर मे सिहरन उठ जाती है लेकिन अभय के गीले गर्म होठ का एहसास अपने होठ पे फिल कर कोमल भी खुद को रोक नही पाती

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दोनों सब भूल एक दूसरे के होठ को मुह मे लेके चूसने लगते है कोमल को रस का स्वाद पागल करने लगता है एक नया एहसास फिल कर रही थी कोमल अभय को भी कोमल के होठो का रस सब से अलग लगता है दोनों एक दूसरे का रस पीते है 2 मिनट बाद

अभय कोमल के होठ से होठ अलग कर - कहा था ना पंगा मत लेना
कोमल सर्म से अभय के पेट मे मारते हुवे - कमीना बेशर्म
कोमल जल्दी से खाने बनाने के लिये बैठ जाती है कोमल सर्म से लाल थी और अभय को अपना चेहरा नही देखना चाहती थी

अभय कोमल को देख मुस्कुरा देता है तभी अभय की नजर मिनिता पे जाती है तो कमरे से बाहर आ रही थी लेकिन अभय को देख फिर कमरे के अंदर चली जाती है अभय भी मुस्कुराते हुवे अंदर कमरे मे आके मिनिता के पास बैठ जाता है

अभय मिनिता को देखता है तो मिनिता का चेहरा उदास था अभय जानता था कियु

अभय मिनिता के चेहरे का पकर प्यार से देखते हुवे - आज साम 2 घंटे हम अकेले बितायेगे

मिनिता अभय के हाथ दूर करते हुवे नाराज आवाज मे - बस कर कल कहा था लेकिन ले नही गया
अभय मिनिता के हाथ पकर - कसम से आज हम जायेंगे
मिनिता अभय को देख - ठीक है
अभय मिनिता को बिस्तर पे लेता के मिनिता के ऊपर आखे आखो मे देख - अब मुस्कुरा भी दीजिये आपका उदास चेहरा देखने मे अच्छा नही लगता है
अभय की बात सुन मिनिता मुस्कुरा देती है
अभय मुस्कुराते हुवे - हा अब सही है आप मुस्कुराते हुवे बहोत अच्छी लगती है
मिनिता सर्म से - हु

अभय मिनिता के होठ पे उंगली फेरते हुवे - ऑन्टी आपके होठ बहोत खूबसूरत है रसीले
मिनिता अभय को देख सर्म से - तभी तो रोज सुस्ता है
अभय मुस्कुराते हुवे -हु जिब निकालो ना पी लू आपके होठो का रस
मिनिता सर्म से होठ खोल जिब बाहर कर देती है अभय मिनिता के जिब मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे भर रस पीना सुरु कर देती है

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दोनों एक दूसरे के होठो का रस मजे से चूस चूस कर पीने मे लगे हुवे थे मिनिता मन मे उफ जब भी अभय बेटा मेरी जिब को चुस्ता है मुह मे लेके उफ मेरे सरीर मे सिहरन डोर जाती है और रस का स्वाद मुझे नशे से कम नही लगता मे खो जाती हु मजे की दुनिया मे 2 मिनट बाद

दोनों के होठ अलग होते है दोनों एक दूसरे के आखो मे देखते है मिनिता सर्म से लाल हुई परी थी अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी आपके होठो का रस पिये बगैर एक भी दिन रह लू बेचैन हो जाता हु
मिनिता अभय को देख सर्म से - मेरा भी ऐसा ही है बेटा तूने ही आदत बिगार् दिया है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी
मिनिता सर्म से - हु

मिनिता अब चले बाहर
अभय मुस्कुराते हुवे - आपके उपर से उठाने का दिल नही कर रहा मजा आ रहा है मुलायम गर्म
मिनिता बहोत शर्मा जाती है
मिनिता सर्म से - हु कोमल है बाहर समझो ना
अभय मिनिता के ऊपर से उठ - ठीक हो

मिनिता सारी बाल सही कर दोनों बाहर आते है
कोमल अभय को देखती है लेकिन सर्म से नजरे फेर लेती है

अभय मिनिता को देख - ऑन्टी मे चलता हु
मिनिता अभय को देख - हु
अभय मिनिता को आख मार देता है
मिनिता सर्म से लाल हो जाती है

अभय फिर घर आता है नहा के रेडी होता है काजल कमरे मे आती है अभय काजल के पास जाके बाहों मे लेके - बुआ मेरी जान
काजल अभय को देख सर्म से - वो मे जा रहु हु
अभय काजल के चुचे दबाते हुवे - दिल कर रहा है अभी आपकी सारी उठा के आपकी चुत मे लंड डाल दु
अभय कि बात सुन काजल की चुत गीली होने लगती है
काजल आह उफ करते हुवे - बेटा जाने दे भाभी देख लेगी
अभय मुस्कुराते हुवे काजल को देख - चुत दिखा के जा सकती है
काजल सर्म से तेज सासे लेते हुवे - रात को सब देखा किया फिर भी
अभय काजल की आखो मे देख - बुआ मेरी जान आपका जिस्म देख कभी भी मेरा दिल नही भर सकता

काजल सर्म से पीछे देखती है
अभय - कोई नही आ रहा
काजल अभय को देखती है फिर सर्म से लाल सारी धीरे धीरे उपर करने लगती है अभय बिना पलके छपकाये टाँगों के बीच नजरे गराये हुवे था हा अभय ने अच्छे से काजल की चुत को देखा चोदा भी लेकिन काजल एक खूबसूरत बला थी उसका हर अंग कयामत था चाहे कोई कितनी बार देखे उसे ऐसा लगेगा पहली बार देख रहा हो सेम अभय का सीन था

काजल धीरे धीरे सारी उठा के ऊपर तक कर देती है और काजल की फूली रस भरी गीली चुत अभय के सामने आ जाती है काजल सर्म से लाल अभय को देखती है की अभय उसकी चुत को खा जाने वाली नजरो से देख रहा है तो काजल पानी पानी हो जाती है उसी के साथ बहोत खुश भी थी अभय उसका दीवाना है प्यार है जिस वो अपना सब दे चुकी है जिसे वो अपनी चुत दिखा रही है

अभय काजल के पास आके नीचे बैठ गौर से नजदिक से काजल की चुत को देखने लगता है काजल की चुत अभय की बातो से गीली हुई परी थी उफ काजल की चुत के मोटे फाके चुत की उभार और चुत के रस से गीली चिप चिपी चुत फाके रस से चिपके हुवे थे देखने मे रस मलाई लग रही थी जिसे देख किसी को खाने का दिल करेगा

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काजल नजरे नीचे कर अभय को देख सर्म से- बेटा हो गया डर लग रहा है कही कोई देख ना ले ( अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे आपकी चुत तो गीली हुई परी है लंड मांग रही है ; काजल सर्म से कापते हुवे - हु लेकिन अभी नही ना प्लेस बेटा
अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - हा ये समय सही नही है

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काजल सारी नीचे करने लगती है लेकिन अभय जल्दी से एक उंगली काजल की चुत मे पुरा अंदर घुसा देता है काजल दर्द मे आह मा करते हुवे अभय को देख कापते डरते सर्म से - बेटा प्लेस मत कर ना बाद मे कर लेना ( अभय काजल की बात नही सुनता और उंगली धीरे से और अंदर करते हुवे - उफ अंदर तो बहोत गर्म है मेरी उंगली जल रही है
काजल अपने पैर जांघे सताते हुई तेज सिसकिया लेते हुवे कापते होठो से -प्लेस प्लेस जल्दी निकाल लो नही तो आह उफ बेटा प्लेस

अभय भी उंगली काजल की चुत से निकाल लेता है काजल सारी नीचे कर तेज सासे लेते हुवे मन मे - अच्छा हुआ अभय बेटे ने उंगली निकाल ली नही तो मेरा पानी निकल जाता उफ अभय बेटे के बाते छुना ही मेरे अंदर आग लगा देती है

अभय खरा होता है और जो उंगली अभय ने काजल की चुत मे घुसाइ थी वो उंगली काजल की चुत के रस से गीली सनी हुई थी अभय काजल को सामने कर दिखाते हुवे मुस्कुराते के - देखिये आपकी चुत के रस से मेरी उंगली गीली हो गई

काजल देख सर्म से तेज सासे लेते हुवे - वो मे
अभय काजल के एकदम सत् के काजल को देख मुस्कुराते हुवे - आधा आपका आधा मेरा
अभय की बात सुन काजल के शरीर मे सिहरन उठ जाती है काजल सर्म से लाल होके अभय को देखती रहती है
अभय काजल की चुत से सनी अपनी उंगली काजल के मुह की तरफ ले जाने लगता है काजल ये देख सर्म से अपना मुह खोल देती है अभय आधी उंगली काजल की मुह मे डाल देता है काजल अभय को नासिलि आखो से देखते हुवे मजे से चूस कर गटक जाती है

अभय फिर उंगली निकाल अपने मुह मे लेने लगता है काजल सर्म मदहोशि मे अभय को देखती रहती है अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे काजल की चुत से सनी उगली पुरा अपने मुह मे लेके मजे से चूस कर पी जाता है अभय को ऐसा करता देख काजल सर्म से पागल होने लगती है

अभय काजल को देख मुस्कुराते हुवे - हु बहोत अच्छा स्वाद था
काजल सर्म से - मे जा रही हु

काजल सर्माते हुवे अपने मिनिता के घर भाग जाती है अभय भी मुस्कुराते हुवे बाहर आके बाइक लेके मधु के घर आ जाता है

मधु बाइक की आवाज सुन भागते हुवे बाहर आती है और अभय को देख खुश होके भाग कर अभय के बाहों मे समा जाती है अभय मधु को बाहों मे लेते हुवे - मेरी गुरिया

अभय फिर मधु को गोद मे उठा लेता है मधु अभय को प्यार से देखते हुवे - भाई
अभय मधु को अंदर कमरे मे ले जाते हुवे मधु को देख - गुरिया

अभय मधु को लेके कमरे मे आके बिस्तर पे लेता देता है मधु पैर सीधा किये बिस्तर पे लेती अभय को देखते रहती है अभय मधु को देखता है फिर मधु के ऊपर आके पहले अपने लंड को मधु की चुत के ऊपर रखता है मधु बिस्तर कस के पकर सिसक परती है अभय फिर धीरे से पुरा मधु के ऊपर लेत जाता है अभय के चुत सरीर की गर्मी फिल करने लगता है और सीने मे मधु के दबे दोनों चुचे को भी

मधु नीचे अभय पुरा मधु मे लेता दोनों के चेहरे आमने सामने थे
अभय मधु को देख प्यार से - गुरिया तेरे होठ का रस पीने जल्दी आ गया कियुंकी रहा नही गया ( मधु बिस्तर कस के पकरे सर्म से अभय को देख - भाई जब दिल करे जितना दिल करे आके अपनी गुरिया के होठो का रस पी लेना

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अभय अपने होठ मधु के होठ के पास ले जाके - तो पिला दो ना
मधु भी सर्म से अपना होठ खोल - पी लीजिये

दोनों के होठ मिल जाते है फिर मधु को एक नया सुकून वाला एहसास फिल होने लगता है मधु बाहों मे अभय को कस किस करने मे पुरा साथ देने लगती है दोनों एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूसने लगते है रस पीने लगते है

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मधु मन मे उफ ये एहसास कैसा ये फीलिंग कैसी मुझे बहोत अच्छा फिल होता है खुशी मिलती है जब भाई मेरे होठ जिब को प्यार से मुह मे लेके चूस चूस कर पीते है उफ भाई पी लीजिये मुझे भी आपका रस पीके मजा आ रहा है 2 मिनट बाद

अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - उफ गुरिया बहोत मजा आया
मधु अभय की आखो मे देख सर्म से - मुझे भी
अभय मधु के कान मे - गुरिया वैसे तुम नहाती कब हो
अभय की बात सुन मधु की सासे तेज होने लगती है
मधु सर्म से - भाई वो मे सुबह कभी साम को कियु
अभय मधु के चुत पे दबाओ डालते हुवे - बस ऐसे ही
मधु बिस्तर कस के पकर तेज सासे लेके - हु
अभय धीरे से - गुरिया मे भारी तो नही
मधु सर्म से धीरे से - नही भाई
अभय धीरे से - मुझे तेरे उपर लेत तेरी गर्मी फिल कर अच्छा फिल होता है
मधु तेज सासे लेके धीरे से - भाई
अभय - गुरिया तेरी शादी जिससे होगी उसके मजे है
मधु सर्म से अभय को बाहों मे कस कापते हुवे धीरे से - कैसे मजे
अभय मधु के गर्दन पे किस करते हुवे - वो वाला
मधु सर्म से सिसकिया लेते हुवे - भाई मुझे शादी नही करनी आपके साथ रहना है आह उफ
अभय मधु के चुत पे अपना लंड धीरे से घिसते हुवे - लेकिन शादी करनी परेगी ना तभी तो पत का प्यार मिलेगा
मधु अपनी टाँगे उठा के फैला के अपनी टाँगे से अभय को जकर तेज सासे लेते हुवे कापते आवाज मे धीरे से - मुझे नही चाहिये मुझे आपका प्यार चाहिये अपने भाई का
अभय को मधु ने अच्छे से अपनी टाँगों के बीच जगह दे दी थी अभय को अब मधु की चुत की गर्मी और चुत साफ अच्छे से फिल होने लगती है अभय थोरा और तेज अपना लंड मधु कि चुत पे घिसने लगता हो तो मधु और कस के अभय को पकर लेती है और मधु तेज सिसकिया लेके आह उफ भाई

तभी बर्तन की टन की आवाज सुनाई देती है और अभय होस मे आता है और एहसास होता है वो किया कर रहा है

अभय जल्दी से मधु के ऊपर से उठ बैठ जाता है मधु अभी भी तेज सासे ले रही थी मधु सास काबू करन के बाद अभय के पास बैठ - भाई किया हुआ
अभय मधु को प्यार से देखता है और अपने सीने से लगा के - कुछ नही

अभय मधु के सर को सेहलाते हुवे मन मे - नही अभय ये गलत कर रहा है ये तेरी गुरिया है जिसे पता भी नही ना एहसास है मे किया कर रहा था मे कैसे सर्म आनी चाहिये

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
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chapter 25

दिशा के घर - एक कमरे मे

पूजा - दीदी आप तो अब जीजा जी के साथ नये बरे घर मे रहेगी लेकिन मे इस घास फुस के घर मे रहूगी ये गलत है

दिशा पूजा को देख हस्ते हुवे - जहा मेरे पति रहेगे मुझे रखेगे वही मे रहूगी तुझे भी बरे घर मे रेहना है तो मे उनको बोल तेरी सादी अमीर घर मे करवा दुगी

पूजा खुश होते हुवे - चलेगा दीदी ये भी चलेगा लेकिन लरका अमीर के साथ दिल का अच्छा भी होना चाहिये

दिशा पूजा को देख - छोटी आज की दुनिया के अच्छे लरके मिलना बहोत मुश्किल है
पूजा मुस्कुराते हुवे - आप को तो मिले ना जीजा जी
दिशा थोरा शर्मा के - वो अच्छे नही लाखों मे एक है
पूजा मजे लेते हुवे - हाय दीदी लाखों मे एक हा
दिशा शर्मा के - बस कर

अभय के पास चलते है

अभय पूरी तरह से रेडी था कंपनी बहोत पुरानी थी कई दीवारे टूट चुकी की कई अच्छी हालत मे थी अभय तेजी से अपनी जगह से गायब होके टूटी दीवार और छत से होते हुवे एक उची जगह पे खरा हो कर अंदर कितने लोग है क्या हो रहा है सब देखने लगता है


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कुछ 10 लोग बाहर थे आपस मे बाते कर रहे थे कुछ लोग अंदर थे लेकिन अंदर कितने लोग है और कितनी लरकिया अंदर मे है अभय को पता नही चल रहा था लेकिन अभय ने 16 लोगो को नोटिस कर लिया था

अभय मन मे - 16 लोग मेरी नजरो के सामने है लेकिन अंदर जायदा भी हो सकते है लेकिन मुझे क्या खुद पता चल जायेगा ठोरी देर मे


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अभय उपर से जंप मार सीधा नीचे नीचे आ जाता है सामने एक बंदा खरा था अभय उस बंदे को देखता है बंदा अभय को लेकिन अभय बिना देरी किये तेजी से जाके उस बंदे का गला काट अलग कर देता है


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बाकी लोग तो पास मे थे उनकी नजर अभय पे पर जाती है सभी अभय पे गन चाकू हथियार से हमला बोल देते है लेकिन अभय अपने आप को बचाते हुवे अपनी 🔪knife से सभी के लगे या पेट को चीरते हुवे आगे बढ़ता रेहता है

3 मिनट मे अभय 16 लोगो को मार डालता है अभय पीछे देखता है सभी 16 लोगो की लास खून से लतपट् परी थी

अभय टाइम बर्दाद ना करते हुवे आगे नजर डालता है और धीरे से अंदर की तरफ जाने चलता है दरवाजे के अंदर जाने के बाद चारों तरफ अभय को टूटी फूटी गिरी दीवार कई मशीने जन्ग खाई दिखाई देती है अभय धीरे धीरे कदम बढ़ते हुवे आगे चारों तरफ देखते हुवे जाने लगता है तभी अभय को किसी के पैरो की आवाज सुनाई देती है अभय जल्दी से एक मशीन के पीछे छिप जाता है

दो बंदे बाते करते हुवे आ रहे थे

बंदा 1 - यार इस बार 30 लरकिया है वो भी सब खूबसूरत जवानी से भरी रसिलि सब को देख मेरा दिल करता है साली सब को नँगा कर पेल दु
बंदा 2 - अबे साले बॉस मजे करने के लिये देते तो है बाकी सभी लरकिया हमारे मजे के लिये नही है समझ गया
बंदा - साले मुझे सब पता है
दोनो बाते करते हुवे अभय के पास से आगे गुजर कर निकल जाते है अभय दोनो को देख अपनी दोनो हाथो पे 🔪knife को कस पे पकर


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तेजी से अभय दोनो के पीछे आके दोनो के गले पे knife🔪 रख देता है दोनो समझ जाते उनके साथ क्या हुआ है तक तक अभय एक बार मे ही दोनो का गला रेत देता है

दोनो को मारने के बाद अभय आगे की तरफ जाने लगता है

अभय चारों तरफ देखते हुवे मन मे - अंदर कोई आयेगा तो कोई देख कर केह नही सकता यहा कोई रेहता होगा खैर दोनो से इतना तो पता चल गया 30 लरकिया है लेकिन लेकिन कमीने कितने है पता नही

10 मिनट चलने के बाद अभय एक जगह पे रुक कर अच्छे से चारों तरफ नजर डालता है तभी अभय की नज़र एक जगह टिक जाती है एक दीवार बाहर की तरफ थोरा निकला था

अभय उस दीवार के पास जाके दीवार को धक्का देता है तो दरवाजा खुलते ही एक अंडरग्राउंड रास्ता अभय के सामने आ जाता है


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अभय अंदर जाते हुवे मन मे - जितने कराइम करने वाले कमीने लोग होते है ऐसे ही जगह पे अपना गलत धंधा करते है अभय अंदर चलता रेहता है 22 mina तक फिर अभय को सामने खुली जगह दिखाई देती है


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अभय धीरे से आगे बढ़ कर देखता है बीच मे टेबल पे कुछ दवा सुई ड्रग्स और कुर्सी पे दो लोग बैठे थे बाकी 10 लोग खरे थे हाथो पे गन थे

कुर्सी पे दोनो बैठे लोग आपस मे बाते कर रहे थे अभय आगे देखता है तो अभय को एक बरा डब्बा दिखाई देता है अभय सभी को एक नज़र देखता सभी का ध्यान अभय की तरफ नही था इसी का मोक्का देख अभय तेजी से डब्बे पे पीछे छुप जाता है अब अभय को दोनो की बात सुनाई देने लगती है

बंदा 1 - देखो और लरकिया हमे चाहिये जो भी करक् 30 से काम नही चलेगा
बंदा 2 - देखो समझने की कोसिस करो अभी हालत ठीक नही है वो कमीनी इंस्पेक्टर हर तरफ अपनी टांग अराती रहती है सब हमारे पीछे परे है फिर भी मेने तुम्हारे लिये रिस्क लेने 30 लरकियो का इंतज़ाम किया है हालत को समझो जब मामला ठंडा हो जायेगा तब तुम्हे जितना चाहिये मिल जायेगा

बंदा 1 - ठीक है जबकि तुम मेरे अच्छे साथी हो तो मे तुम्हारी हालात को समझ मान जाता हु ( बंदा पैसे से भरा बेग आगे करते हुवे) ये रहा तुम्हारा इनाम
बंदा 2 - खुश होते हुवे - तुम्हारे साथ काम करके मजा आता है पता है कियु कियुंकी तुम पैसे हाथो हाथ देते हो
बंदा 1- हा ठीक है लेकिन ये बताओ लरकिया कब तक मेरे ठिकाने पे पहुचा दोगे
बंदा 2 - देखो 5 दिन लगेगे तुम्हे पता है ना बहोत चेकिंग चल रहा है
बंदा 1- अरे तो लोगो को पैसे खिलाओ
बंदा=2 - हर पुलिस वाले बिकाऊ नही होते अभी हर कोई मेरे पीछे हो इस लिये परोबलम् हो रही है और हमे दूसरे रास्ते से काम करना परता है
बंदा 1 -ठीक है 5 दिन
बंदा - हा पक्का

अभय सभी की बात सुन मन मे - ना जाने कितने लरकियो को इन कमीनो ने नर्क वाली जिंदगी दी होगी कई लरकियो को इन कमीनो ने दरिंदो को बेचा होगा और आगे कहा कहा ना सोचा जा रहा है मुझसे

अभय गुस्से से लाल सभी को देख टोटल 12 लोग है गन सिर्फ 6 के पास है तो पेहले इन्हें ही खतम करना होगा अभय पॉकेट से सुरीकेन् निकालता है और अपने हाथो मे कस के पकर लेता है


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अभय अपनी नज़र गन वाले बंदे मे लगाता है और तेजी से तीन सुरीकेन् जाके गन वाले बंदे के सर मे जाके लगता है तीनो डराम से नीचे गिरते है बाकी सभी एकदम से हैरान हो जाते है किसी को समझ नही आ रहा था अचानक क्या हुआ

लेकिन अभय इसी का मोक्का उठा के तीन सुरीकेन् से गन वाले बंदे तीनो बंदे को खतम कर डालता है अब जाने बाकी बचे 6 लोगो को समझ मे आता है किसी से हमला कर दिया है

अभय फिर सभी के सामने आके खरा हो जाता है अभय को देख सभी बहोत हैरान होते है
बंदा 1 हैरान होते हुवे अभय को देख - एक असेसन यहा कैसे
बंदा 2 - गुस्से से अभय को देख - तुम कमीने हो कोन यहा आये कैसे

अभय - अबे कमीनो मुझे घर भी जाना है यहा मे तुम्हे अपने बारे मे बताने नही आया बल्कि तुम सब को उपर भेजने आया हु

बंदा 1 धीरे से अपनी गन निकालने लगता है अभय बंदे को गन निकालता देख लेता है बंदा जल्दी से अभय पे गोली चला देता है लेकिन अभय जल्दी से साइड होके तेजी से पॉकेट से तीन 🔪🔪🔪knife निकाल पीछे खरे बंदे को दे मारता है knife तीनो बंदे के सीने मे लगे थे बंदे दर्द से आह करते नीचे गिर जाते है

बंदा 2 डर जाता है और जल्दी से अपना गन निकालने लगता है तब तक अभय सभी के पास पहुँच चुका था अभय एक एक कट बंदा 1 बंदा 2 के सीने से लगाते हुवे आगे एक बंदे के गले को काट देता है

अब दो मैन बॉस बचे थे लेकिन सीने पे कट लगने कि वजह से दर्द मे चिलाते हुवे घुटने पे बैठ जाते है अभय दोनो के पास आके खरा हो जाता है और दोनो को देखने लगता है

अभय -देखो मेरे पास टाइम नही है और ना मे तुम लोगो कि चपर् वाली बाते सुनना चाहता हु तो सीधे बताओ और कितने लोग तुम्हारे साथ सामिल है और तुम लोगो के कितने लरकियो को अब तक किडनैप कर सप्लाये किया है

बंदा 1 अभय को देख मुस्कुराते हुवे - बहोत लेकिन इससे जायदा तुम कुछ नही जान पाओगे
बंदा 2 मुस्कुराते हुवे - कियुंकी हम तुम्हे कुछ नही बतायेगे
अभय दोनो को देखते हुवे - जैसे तुम्हारी मर्ज़ी

अभय दोनो का गला काट देता है

अभय फिर अपने जितने हथियार थे उसे वापस निकाल अपने पास रखते हुवे - चलो इन सब का काम खतम हुआ

अभय फिर सामने एक दरवाजे के अंदर जाता हो जहा 30 लरकिया थी सभी अभय को देख डर के कापने लगते है अभय सभी को एक नज़र देखते हुवे

अभय मन मे - सब लरकिया xx से 20 की उमर तक की है ( अभय गुस्से से मुठी कस) अगर मेरी नज़र वेन पे नही जाती तो आज इन सब लरकियो का बहोत बुरा हाल किया जाता

अभय सभी को देख प्यार से - देखो तुम सब डरो मत मे तुम लोगो को बचाने आया हु

लरकी 1 डरते हुवे - आप सच केह रहे है
अभय - बिल्कुल कसम से चलो तुम सब मेरे पीछे आओ

सभी लरकिया अभय के असिसन वाला रूप देख डर रहे थे

अभय समझ जाता है - देखो मेरे उपर मत जाओ मे कोई बुरा आदमी नही हु चलो जल्दी यहा से

सभी लरकिया एक दूसरे को देखती हो फिर सभी खरी होके अभय के पीछे जाने लगती है रास्ते मे खून से सनी लास देख लरकिया बहोत डर जाती है और कापने लगती ठोरी देर बाद अभय सब को लेके बाहर आ जाता है

अभय सभी को देख - तुम सब चिंता मत करो मे तुम सब को अपने घर पहुँचवा दुगा

अभय की बात सुन एक खूबसूरत सी लरकी अभय के पास आके - लेकिन सर मेरा तो कोई घर नही है मे तो अनाथ आसर्म मे रहती हु

बाकी 21 लरकिया और आके अभय से यही कहती है

अभय ये जान सुन अभय का दिमाग थनक जाता है

अभय मन मे - अनाथ आसर्म कुछ तो गर्बर् है

अभय 22 जो अनाथ है उसे देख - किया तुम सब मेरे साथ चलोगी मे रहने खाने पीने और काम सब दूंगा बोलो क्या कहती हो

22 लरकिया एक दूसरे को देखती है फिर अभय को

लरकी 1 - चलेंगे लेकिन हमे वो वाला काम तो

अभय बीच मे रोकते हुवे - अरे मुझे इन लोगो के जैसा समझा है किया

22 लरकिया तो हम तैयार है आपके साथ चलने के लिये

अभय - ठीक है फिर

अभय फिर सभी को देख - मेरी तुम सब से विनती है कोई पूछे तुम से तो इतना ही केहना कुछ मास्क वाले लोग थे बस इतना ही बताना

सभी लरकी अभय को देख हा मे गर्दन हिला देते है

अभय फिर बैग से दूसरा फोन निकाल किसी को फोन करता है

एक बंदा बैठा हुवा था फोन की रिंग सुन फोन को हाथ मे लेके नंबर नाम देखता है तो वैसे ही जल्दी से एक इसारा अपने लोगो को करता है आस पास जितने लोग थे एकदम संत हो जाते है

बंदा - जी बॉस बोलिये
अभय - मेरा लुकेसन् ट्रैक करो और देखो मेरे सबसे नजदिक हमारा कोई बंदा है क्या
बंदा - जी बॉस बस एक मिनट ( बंदा कंपियूटर पे कुछ करता है फिर) है तो बॉस लेकिन आप उसे मिलना नही चाहोगे

अभय - कियु भला कोन है वो
बंदा डरते हुवे - मारिया

Name Maria - 19 Year - Russia की रहने वाली है



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लेकिन बेचारी की किस्मत खराब थी dp devil😈 के बंदे उठा लिये अभय की मुलाकात कैद मे ही ट्रेनिंग के दोरान हुई धीरे धीरे मारिया अभय की मुलाकात फिर कुछ बाते हुई लेकिन एक वार के दोरान अभय ने मारिया की जान बचाई उसके बाद मारिया अभय की दीवानी हो गई फिर उसके बाद से ही मारिया अभय को देखते ही अभय से जोक की तरह चिपकते रहती है और इसी लिये अभय मारिया से दूर ही रेहना पसंद करता है

बंदे की बात सुन अभय अपना सर पकर - किया और कोई नही है
बंदा - सॉर्री बॉस बाकी लोग बहोत दूर है
अभय गहरी सास लेते हुवे - ठीक है उसे कहो एक बरा वैन लेके आये मेरे पास
बंदा - समझ गया बॉस
अभय - कितना टाइम लगेगा
बंदा - 20 मिनट
अभय - ठीक है

फोन कट

बंदा मारिया को फोन लगाते हुवे - मारिया के तो आज दिन बनने वाले है

मारिया एक कमरे मे आराम से लेती मन मे - मेरे बाबू आपने सही नही किया मुझे लेके नही गये और मुझे कुत्तो को संभालने के लिये दे दिया आई मिस यू यार

तभी मारिया का फोन बजता है मारिया आके फोन उठा के

मारिया - ओये कमीने फोन कियु किया
बंदा - मैडम सांत बॉस ने आपको बुलाया है

मारिया - बंदे की बात सुनते ही क्या सच मे कहा है मेरा बाबू जल्दी बताओ मुझे कहा जाना है

बंदा- मैडम ध्यान से सुनिये मेने आपको बॉस का लुकेसन भेज दिया है पास मे ही है लेकिन बॉस के पास आपको एक बरी वैन लेके जाना है
मारिया - बरी वैन कियु
बंदा - मुझे नही पता बस आप जल्दी जाये
मारिया - ठीक है ठीक है चल रख

फोन कट

मारिया खुशी से नाचते हुवे आईने के सामने खरी होके खुद को देखती है फिर असेसन वाले रूप मे रेडी होके- बॉस ने बुलाया है तो जरूर कुछ हुआ होगा तो मुझे भी पूरी तैयारी मे जाना होगा मारिया आईने मे देख किया कमी है मुझमे जो मेरा बाबू मुझसे से दूर भागता है


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इतनी खूबसूरत गोरी हु पतली कमर गुलाबी होठ चुचे थोरे छोटे है लेकिन बाबू बरा कर देगा अरे पुरा inxxx russian का दीवाना है और मेरा एक बाबू है जो मुझे देखता तक नही अरे भूल गई जाना है


मारिया वैन का इंतज़ाम करती है और अभय कि तरफ निकल परती है

वही अभय एक जगह पे बैठा मन मे - मे अभी इस मामले से दूर रेहना चाहता हु मुझे लगता है ये मामला इंस्पेक्टर नीतिका देख लेगी

30 मिनट बाद मारिया वैन लेके अभय के पास आती है मारिया वैन से उतर अभय की पास जाके अभय को देखती है तो पूरी हैरान हो जाती है और जल्दी से घुटने पे बैठ सर नीचे कर बॉस देरी के लिये माफी

अभय खरा होके मारिया को देख मन मे - देखो तो कितना इज़त दे रही है लेकिन थोरि देर बाद मे अपना असली चिपकु वाली हरकत मे आ जायेगी
अभय - ठीक है ये खरी हो जाओ


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इतना सुनते ही मारिया सीधा जाके अभय पे खुद परती है और अभय से चिपक कर - मेरा बाबू आपको बहोत मिस किया

सभी लरकिया हैरान आखे फ़ारे अभय आरोही को को देखने लगते है

अभय मारिया के सर पे जोर से मारते हुवे - मेरे पास टाइम नही है घर भी जाना है तो प्लेस काम पे ध्यान दो

मारिया सर सेहलाते हुवे - मारने की क्या जरूरत थी प्यार से भी बोल सकते थे
अभय अजीब चेहरा बना के - कभी प्यार से कहा सुनती भी हो क्या

मारिया भी मस्ती छोर तेजी से अंदर जाके सब देख कर वापस आके अभय को देख - कैद से बाहर आने के बाद पेहली बार आपको फिर देखा है सब का गला काटते हुवे

अभय - बाते बंद करो ( अभय 22 लरकियो को दिखाते हुवे) इन सब को अपने ठिकाने पे लेके जाओ इनका ख्याल रखना और मुझे मोक्का मिलेगा तो मे देखने आयुगा

मारिया लरकियो को देख - समझ गई लेकिन बाकियो का क्या
अभय बाकी लरकियो को देख - इन सब को एक है वो ही सभी को अपने घर पहुँचा देगी अब तुम जाओ लेके जल्दी से

मारिया - जल्दी करो वैन मे बैठ जाओ हमे जाना है

मारिया की बात सुन 22 लरकिया वैन मे बैठ जाती है

मारिया अभय के पास आके अभय के होठो पे किस कर - जल्दी आना बाबू इंतज़ार करुगी

मारिया फिर 22 लरकियो को लेके चली जाती है

अभय मन मे - इसको तो अपने परिवार क्या सब से दूर रखना परेगा नही तो दिशा को पता चला तो मेरी खैर नही है

अभय बाकी लरकियो को देखता है सभी अभय को अजीब नज़र से देख रहे थे

अभय - अब ये सब मुझे ऐसे कियु देख रहे है

अभय दूसरे फोन से नीतिका को मेसेज भेज देता है


अभय - अब मेरा काम खतम बाकी मैडम खुद देख लेगी

अभय सभी लरकियो को देख - देखो माफ करना मुझे जाना होगा लेकिन चिंता मत करो पुलिस जल्दी आके तुम सब को लेके अपने घर छोर देगी तब तक यही इंतज़ार करो

लरकी - क्या लेकिन इसी बीच फिर कोई आ गया तो
अभय - कोई नही आयेगा और मे यहा रुक नही सकता समझो
लरकी - ठीक है सर हम इंतज़ार कर लेगे

सभी लरकिया अभय के पास आके - आपका सुक्रिया सर हमे बचाने के लिये

अभय - कोई बात नही ये मेरा फर्ज़ था

अभय बिना देरी किये तेजी से बाइक लेके वहा से घर की तरफ निकल अभय ने कपड़े चेंज कर लिये थे

नितका को मेसेज मिलते ही पूरी फोर्स लेकर निकल परती है

नीतिका सबसे आगे वाली गारी मे बैठी हुई मन मे -कुछ सालों मे कई लरकियो के किडनैप का मामला मेरे पास आते रहा है कुछ पकरे गये लेकिन बरी मछली हमेसा बच निकलती है लेकिन आखिर मुझे मेसेज किसने किया

तभी अभय बाइक से जा रहा था आगे देखता है 3 पुलिस की गरियो गारी अभय की बाइक आमने सामने आते है तो अभय एक नजर नीतिका को देख आगे निकल जाता है नीतिका को एहसास होता है जैसे कोई उसे देख रहा था नीतिका खरीकी से पीछे देखती है लेकिन अभय बहोत आगे निकल चुका था


अभय बाइक से जाते हुवे मन मे - चलो नीतिका मैडम अपना सब देख लेगी लेकिन यार मे लेत हो गया 10 बजे निकला था 3 बज रहे है


अभय तेजी से सीधा अपने ससुराल दिशा से मिलने आता है लेकिन घर से ठोरी दूर जहा जायदा लोग नही थे वही बाइक रोक दिशा को फोन कर बुलाता है दिशा भी चोरी छुपे अभय के पास पहुँच जाती है


अभय दिशा को बाहों मे कस के पकरे हुवे दिशा को देख - मेरी जान अब सुकून मिला मुझे
दिशा भी अभय की बाहों मे समा के - मुझे भी
अभय दिशा के चेहरे को पकर किस करना सुरु कर देता है दिशा भी अभय का पूरा साथ देती है


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दोनो एक दूसरे को पकरे एक दूसरे के होठ जिब को मुह मे लेके चुसे जा रहे थे 2 मिनट तक इनका किस चलता है

दिशा शर्मा के नजरे नीचे कर लेती है
अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बाहों मे लेके - बस कुछ दिन और
दिशा शर्मा के - हा कुछ दिन और

तभी एक आवाज - मुझे पता था दीदी आप जीजा से मिलने आई है

आवाज सुन दोनो जल्दी से अलग होके सामने देखते है

पूजा मुस्कुराते हुवे दिशा अभय के पास आके - मेने सब देख किया अब मे मा सब को बटाउगी आप दोनो मिल कर क्या कर रहे थे

दिशा हैरान शर्मा के - छोटी तुम बहोत बिगर गई हो
अभय पूजा को देख - आ गई टांग अराने इतना अच्छा समय बर्बाद कर दिया आपने साली जी


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पूजा मुस्कुराते हुवे - अच्छा मे तो आउंगी आपके बीच
अभय पूजा के पास जाके पूजा के गांड पे जोर से एक चाटा दे मारता है पूजा दर्द से उछल कर चिल्ला उठती है और अपने गांड को सेहलाते हुवे अभय को देख - बेसर्म जीजा ( दिशा को देख) देख दीदी आपके पति ने मुझे कहा मारा है
दिशा हस्ते हुवे - पता है लेकिन तेरे साथ ये होना ही था आये थे मेरे साथ मिल कर बात करने लेकिन तुम बीच मे आ गई

अभय मुस्कुराते हुवे पूजा को देख - साली जी अगली बार एक नही 4 परेगी आपके बम पे
पूजा अभय को देख - जीजा देख लुगी आपको हु
अभय दिशा को देख - जान अब मे चलता हु घर मे मेरा सब इंतज़ार कर रहे होगे
दिशा - जी ठीक है

अभय फिर निकल जाता है

दिशा पूजा को देख मुस्कुराते हुवे - जोर की लगी
पूजा अभी भी अपनी गाड़ को सहला रही थी पूजा दिशा को देख रोने सी आवाज मे - हु बहोत जोर से मारा जीजा ने
दिशा पूजा को गले लगा के - कोई ना चल घर चलते है


नीतिका वहा पहुँच गई थी अंदर का नजारा देख नीतिका भी काप् गई थी नीतिका एम्बुलेंस को बुला कर लास को ले जाने के लिये कहती है उसके बाद लरकियो के पास आके खरी होकर सब को देखने के बाद

मिनिता - अंदर सभी को किसने मारा कोन था वो जिसने तुम लोगो को बचाया

मिनिता की बात सुन सभी लरकिया एक दूसरे को देखने लगती है तभी एक लरकी आगे आके - मैडम कुछ 6 लोग थे सभी ने मास्क पेहना हुआ था तो हम उनका चेहरा नही देख पाये उन्होंने सब को मार हमे बाहर लाके बोले पुलिस आयेगी और तुम सब को लेके जायेगी फिर वो सब चले गये

मिनिता लरकी की बात सुन मन मे - 6 लोगो ने इतने सारे लोगो को इतनी बुरी तरीके से मार दिया लेकिन कैसे कोन थे वो 6 लोग उन्हें कैसे पता चला यहा लरकियो का सप्लाये किया जा रहा है दूसरी सभी को गन से नही चाकू हथियार से मारा गया है अजीब है अब तो लास का पोस्टमडम् के बाद ही पता चलेगा किस हथियार चाकू का इस्त्माल किया गया था

मिनिता - ये बताओ वो 6 लोग कैसे कपड़े पहने हुवे थे

लरकी - मैडम जीन्स सर्ट

नीतिका ठोरी देर सोचने के बाद - ठीक है चलो मे तुम सब को घर छोर देती हु

वही अभय सिला के घर पहोच जाता है शाम 4 बज गये थे

अंदर जाते हु मधु अभय को देख खुश होते हुवे आके अभय के गले लग जाती है अभय मधु को बाहों मे लेके - कैसी है मेरी गुरिया


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मधु - भाई तीन दिन मेने आपको बहोत मिस किया ये तीन दिन मेरे लिये महीनों के समान लग रहे थे आपके बाहों मे आने के लिये तीन दिन बहोत तरसी हु

अभय मधु के सर पे हाथ फेरते हुवे - मे भी अपनी गुरिया के बाहों मे लेने के लिये तरस रहा था

अभय मधु के चेहरे को पकर मधु को देख - और मेरी गुरिया के खूबसूरत चेहरे को देखने के लिये भी
मधु सर्म से नजरे नीचे किये - सच्ची
अभय मधु के कान मे धीरे से - सच्ची वैसे देखना तो
तभी मधु अभय को रोकते हुवे अभय को देख - गंदे भाई आज आपको परेसान नही करने दुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा

तभी सिला सब्ज़ी लेकर अंदर आती है अभय को देख सिला बहोत खुश हो जाती है और जल्दी से अभय के पास आके

सिला - आ गया मेरे बच्चे
अभय सिला के गले लग हट के - हा मेरी प्यारी मा आ गया
सिला अभय के चेहरे को पकर गाल पे किस करते हुवे - मेरा बच्चा बहोत मिस किया तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - मेने भी

अभय ठोरी देर बात कर घर की तरफ निकल परता है

वही सिला आँगन मे बैठी मन मे - अजीब है अभय बेटा जब भी आता है तो मुझे कस के बाहों मे पकर के बाते करता था जल्दी छोरता नही था और होठो पे किस भी मांगता था लेकिन अभी अभय बेटे ने मुझे गले लगा के जल्दी से हट गया और जाते वक़्त किस भी नही मांगा बस गाल पे किस कर चला गया मुझे कुछ गर्बर् लग रही है


अभय घर आता है गारी की आवाज सुन आसा अदिति बाहर आते है अभय अंदर जाता है तो अदिति अभय के ऊपर भइया कहते कुद जाती हैं


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अभय अदिति को पकर प्यार से अदिति को देखते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया को अच्छे से देखने दो तीन दिन बहोत लम्बा लगा मुझे
अदिति अभय को प्यार से देखते हुवे - मुझे भी बात तो रोज करती थी लेकिन आपके बाहों मे गोद मे आपको पास से देखने के लिये बेचैन रहती थी
अभय अदिति के गालो पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय से चिपके - मेरा प्यारा भाई

आसा बेचारी खरी सब देख रही थी अभय अदिति तो आसा को भूल ही गये वैसे आसा पास है ही नही

आसा - मे भी लाला यहा गुरिया के मिलते ही मुझे भूल गया
अदिति आसा को देख मुस्कुराते हुवे - कियुंकी भाई मुझसे जायदा प्यार करते है
अभय अदिति को नीचे उतार आसा के गले लग - मेरी प्यारी मा को मे कैसे भूल सकता हु आपको भी बहोत याद किया
आसा अभय को बाहों मे कस - मेने भी मेरे लाला तेरे बिना एक दिन रहा नही जाता है
आसा अभय के चेहरे को पकर अभय के होठो पे किस करते हुवे - मेरे हैंडसम लाला
अदिति- अब बस भी करिये मा
आसा अदिति को देख - जलन हो रही है तू जो इतनी देर चिपकी रही उसका क्या मे चिपकी तो रुकने के लिये बोल रही हे
अदिति अभय को अपनी तरफ खीचते हुवे - कियुंकी भाई मेरे है
आसा मुस्कुराते हुवे - मेरा बेटा है लाला है

अभय अदिति आसा दोनो को बाहों मे लेके - आप दोनो मेरे लिये सब कुछ है मा गुरिया


रात 8 बजे

मिनिता कोमल आते है विजय आके मिल गया था अभय से इस लिये नही आया था सभी आँगन मे बैठ बाते कर रहे थे

मिनिता अभय को देख - बुआ के घर मजा आया
मिनिता की बात सुन काजल के साथ रात वाली हुई घटना याद आ जाती है लेकिन अभय किसी को जाहिर नही होने देता
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत मजा आया बुआ ने मेरा बहोत ख्याल रखा भाभी भइया फूफा सब बहोत अच्छे है बुआ ने मुझे खेतो मे भी भुमाया
काजल मजे लेते हुवे - खेतो मे भी केहता होगा बुआ किस्सी दो ना
काजल की बात सुन मिनिता हसने लगती है वही आसा अदिति मुस्कुरा देते है
अभय मुस्कुराते हुवे - जानती हो मेरी आदत को मे ऐसा ही हु
मिनिता - और दोस्तो के यहा गया तो सब कैसा रहा यकीन है घर वाले तुझे बहोत मानने लगे होगे
अभय - हा जैसे आप मानती है जब मुझे बहोत प्यार दिये सब से मिला बाते की फिर एक दिन रुका सब के यहा फिर कार्ड देखे चला आया
आसा - मानेंगे ही लाला मे भी उनके जगह होती तो वही करती
मिनिता - भाभी आपने सही कहा

30 मिनट तक सभी बाते करते है और मिनिता कोमल बाय बोल घर जाने लगते है कोमल अपनी मा को सोचता देख - किया सोच रही है मा
मिनिता - अभय बेटे के बारे मे आज उसने
कोमल - आज उसने आपको बाहों मे नही पकरा आज उसने जायदा मस्ती मजाक नही की आते वक़्त किस नही मांगा उसने मेरे साथ भी जयादा मस्ती मजाक नही की हा अजीब लगा
मिनिता - इस कुछ दिनों मे अभय बेटे को अच्छे से जान गई हु अभय बेटा मस्ती मजाक बाहों मे लेना किस मागना नही भूलता आज ठोरी मस्ती जरूर की लेकिन

कोमल - मा मुझे लगता है आज अभय थका आया होगा बेचरा देखना कल सुबह आते ही आपको कस के बाहों मे लेके कहेगा मेरी खूबसूरत ऑन्टी किस्सी दो

मिनिता कोमल को मारते हुवे - बेसर्म बहोत मार खायेगी
कोमल हस्ते हुवे - सही तो कहा मेने
मिनिता - हा सायद यही बात है देखते है कल क्या करता है

इधर अभय आसा अदिति खाना खाना खाके कमरे मे आ जाते है


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अभय आसा के ऊपर लेत सीने पे सर रख - कितना मिस किया इस मुलायम बिस्तर को
आसा अभय को बाहों मे लिये - शैतान मे तेरी बिस्तर हु
अभय आसा को देख - हा बहोत गर्म मुलायम बिस्तर है आप मजा आता है सुकून मिलता है आपके उपर लेत कर
आसा शर्म से - तू भी ना लाला
अभय आसा के होठो पे किस कर खरे होते हुवे - ठीक है मा सो जाइये गुड नाइट
आसा - ठीक है लाला गुड नाइट

अभय जाने लगता है आसा अभय को देख मन मे - मेरा लाला कितना अच्छा है मेने मना क्या तो गीली किस्सी नही मांगी लेकिन आज जायदा मस्ती नही की मुझे सेक्सी होत क्या क्या केहता था बाते करता था लेकिन आज

अभय अदिति के पास आके अदिति के बाहों मे लेके -बाते करने लगता है अदिति भी अभय के बाहों मे समा के बाते करती है फिर अभय गुड नाइट बोल अपने कमरे मे आके दिशा से बाते करने लगता है

( आरोही के बंगलो )

उदय ने टिनु को नया बंगला दे दिया था और उदय अपने बंगलो मे था यानी लेकिन उदय टिनु आते रहते है

एक कमरे मे अमर आरोही बैठे दोनो बाते कर रहे थे

आरोही - ये बताईये क्या आपने अदिति के साथ कुछ नही क्या एक बार भी नही
अमर आरोही को देख - तुम जानती हो अदिति कैसी लरकी है लेकिन एक दिन मोमेंट बन गया था लेकिन थोरा आगे जाते हि अदिति चली गई
आरोही हैरानी से - क्या कब मुझे अच्छे सी बताईये क्या कैसे हुआ कितना मजे लिये
अमर - बताऊंगा लेकिन आज मुझे अपनी छोटी बेहन कि चुत चाहिये
आरोही मुस्कुराते हुवे - ठीक है आज मे आपकी
अमर खुश होते हुवे - ये बताओ जैसे हम लरके सुसु करने जाते है तो हम कभी कभी अपने दोस्त का लंड देख लेते हो तो किया तूने कभी अदिति की चुत देखी है
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा देखी भी है और मसला भी है
अमर हैरान होते हुवे - क्या मुझे बताओ ना प्लेस कब कैसे हुआ था
आरोही - ठीक है पहले आप बताईये अदिति के साथ कितना आगे गये किया हुआ था फिर मे बटाउगी
अमर - ठीक है तो सुनो

आज के लिये इतना हि 🙏🙏🙏
बडा ही मस्त शानदार लाजवाब और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
 

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chapter 26

रोज की तरह सुबह आसा अभय को जगाने जाती है अभय आराम से सोया था आसा प्यार से मीठी आवाज से - लाला उठ जा सुबह हो गई

अभय आखे खोल आसा को देख मुस्कुराते हुवे उठ कर बैठे आसा को देख - गुड मोर्निग मा
आसा मुस्कुराते हुवे अभय के होठों पे किस कर - गुड मोर्निग मेरा बच्चा

अभय बिस्तर से खरा होके अदिति को जगाने जाता है अदिति को उठाने के बाद अभय खेतो की तरफ निकल परता है

आसा अभय को जाते देख मन मे - कुछ तो गर्बर् है मेरा लाला पहले जैसा नही लग रहा मुझे बाहों मे नही लिया हॉट सेक्सी भी नही बोला क्या कुछ हुआ है मुझे पता लगाना होगा मे ऐसे अपने लाला को नही देख सकती

अभय हल्का होने के बाद रोज की तरह जोगिग् करता है फिर सीधा मिनिता के घर आ जाता है अंदर जाने के बाद अभय कोमल को जोकि खाना बनाने मे लगी हुई थी

अभय - गुड मोरिंग कोमल
कोमल हैरान अभय को देख - गुड मोर्निंग
मिनिता अंदर से आते हुवे अभय को देख - हा गया अभय बेटा
अभय मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग ऑन्टी
मिनिता अभय के पास आके - गुड मोर्निंग बेटा
तभी विजय भी हल्का होके आ जाता है
अभय विजय को देख - कैसा है विजय
विजय मुस्कुराते हुवे - आपकी कृपा से अच्छा हु
अभय मुस्कुराते हुवे - घर लेने या बनाने के बारे मे सोचा है
विजय - हा सोचा तो है
मिनिता अभय को देख - ये पागल तुम जहा घर लोगों वही घर लेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - ये तो अच्छी बात है रोज की तरफ आपके घर आता जाता रहुंगा
मिनिता मुस्कुराते हुवे - ये बात तो सही कही मे भी चाहती हु तुम जहा घर लोगे पास मे हम भी रहे कियुंकी अब तो दीदी तुम सब से मिले बाते करे बगैर रहा नही जाता
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है मे बता दूंगा विजय को अच्छा मे चलता हु

अभय फिर घर की तरफ निकल परता है विजय फिर अपने काम पे लग जाता है लेकिन कोमल मिनिता पूरी तरह से हैरान थे कोमल मिनिता एक दूसरे को देखने लगते है

मिनिता मन मे - अब तो पक्का कुछ हुआ है जब से अभय बेटा ननद दोस्तो से मिल कर आया है बदल सा गया है

कोमल मन मे - आज अभय ने मुझे बंदरिया नही कहा ना मस्ती मजाक क्या यहा तक मा से भी नही की ना रोज की तरफ बाहों मे लिया तारीफ की ना किस्सी मांगी

मिनिता कमरे मे आती है और काजल को फोन लगा देती है

काजल गाय को चारा खिला रही थी फोन का रिंग बजता है तो काजल ब्लाउस के अंदर से फोन निकाल कर नंबर देख - भाभी

काजल - हा भाभी बोलिये
मिनिता - ननद जी किया हुआ कुछ हुआ है आपके अभय के बीच

मिनिता कि बात सुनते ही काजल बहोत हैरान होती काजलकमरे मे आके बिस्तर पे बैठ कर डरते हुवे - भाभी कुछ हुवा है क्या

मिनिता पहले ये बताईये - आपके अभय के बीच कुछ हुवा है
काजल हिम्मत कर - भाभी . ..... ये सब हुवा था लेकिन आप बताईये कुछ हुवा है क्या मुझे डर लग रहा है

काजल की बात सुन मिनिता बहोत हैरान सॉक हो जाती है
मिनिता मन मे - तो ये हुवा था इसी वजह से अभय बेटा
काजल - भाभी बताईये ना मेरा दिल घबरा रहा है
मिनिता - बात ये है ननद जी......... तो ये सब हो रहा है अभय बेटा अब पहले जैसे मस्ती मजाक तारीफ किस्सी बाहों मे लेना नही करता

काजल बहोत हैरान हो जाती है काजल को बहोत बुरा लगता है अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन ये एहसास अभय के जाते हि होना सुरु हो चुका था

चलिये उस दिन चलते है जब अभय काजल के घर से निकला था

अभय के जाते ही काजल कमरे मे बिस्तर पे लेती जो उसने अभय के साथ क्या उसके बारे मे सोचने लगी थी

काजल को सुरु से लेकर अब तक अभय के साथ वो प्यारे मस्ती भरे पल काजल ने बिताये थे एक एक काजल के आखो के सामने फिल्म कि तरह आ रहा था

काजल 40 साल की औरत थी आसा से एक साल छोटी अभय पेहला लरका था जिसने काजल को बाहों मे लिया होठो पे किस किया थोरा जीजा साली जैसा बाते मस्ती किया अभय के साथ कुछ दिन बिताये पल काजल के तब तक के सबसे अच्छा मस्ती भरा पल था नही तो सुरु से घर संभालने खेतो मे बाकी सब मे ही दिन गुजर जाता था

अभय के जाते की काजल को एहसास हो गया था उसने गलत क्या है

काजल मन मे - मुझे ऐसा नही करना चाहिये था मे अभय बेटे को अच्छे से जानती थी फिर भी मुझसे गलती हो गई अभय बेटा कुछ सफाई मे केहना चाहता था लेकिन मेने नही सुनी मान लिया अभय बेटा सच मे मुझे गीली किस्सी करना चाहता था तो मे सीधे मना कर सकती थी लेकिन मेने क्या किया गुस्सा कई बात सुना दी जरूर अब अभय बेटा मुझसे नफरत करने लगा होगा

इसके बाद काजल ने कई बार कोसिस की अभय को फोन कर माफी मांगने कि लेकिन हिम्मत जुटा नही पाई और अब मिनिता से जान की उसके वजह से अभय की मस्ती पना चला गया तो

काजल रोते हुवे - भाभी मुझसे गलती हो गई मुझे ऐसा नही करना चाहिये था

मिनिता - रोना बंद कीजिये हा आपसे थोरि गलती जरूर हुई है आप अभय बेटा को जानती थी कैसा है वो आपने उसकी बात नही सुनी दूसरी आप आराम से मना कर सकती थी

काजल सिसकते हुवे - हा यही मुझसे गलती हो गई
मिनिता - ननद रानी अभय बेटा के मस्ती पना उसकी हरकते ही हमे बहोत हसाती थी लेकिन वही नही रहेगी तो फिर

काजल - मुझसे गलती हुई है मेरी वजह से सब हुवा है तो मे ही अभय बेटा को पहले जैसा करुगी

मिनिता गहरी सासे लेते हुवे - अभय बेटा के अंदर आपने जो किया उसके बाद डर बैठ गया है कही फिर कोई उसपे गुस्सा ना करे इसी लिये अभय बेटा अब पहले तरह सब मस्ती नही कर रहा

काजल - हा आपने सही कहा भाभी लेकिन मे सब ठीक कर दुगी

फोन कट
मिनिता - करना ही परेगा ननद जी

सुबह 10 अभय के घर


अभय के घर एक बंदा आता और अभय को आवाज देता है अभय बाहर आके बंदे को देख

अभय - आप कोन है मुझे कैसे जानते है मे तो आपको नही जानता
बंदा - नीतिका मैडम ने बुलाया है आ जाना ( बंदा इतना बोल चला जाता है

वही अभय की टेंसन बढ़ जाती है अभय अच्छे से जानता था नीतिका मैडम कोन से सवाल पूछेगी

अभय अंदर जाता है तो आसा - कोन था बेटा
अभय - अरे मा वो मेरा एक दोस्त ना
आसा - अच्छा

अभय खाना खाने के बाद बाइक लेके पुलिस स्टेशन निकल परता है
अभय के जाते ही मिनिता आ जाती है और मिनिता आसा बाते करने लगते है

अभय पुलिस स्टेशन पहुँच जाता फिर अंदर जाता है अभय ऑफिस के अंदर जाता है तो नितका कुर्सी पे बैठी फाइल देख रही थी

अभय नीतिका को देख - गुड मोर्निंग मैडम
नीतिका अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आ गये माफ करना परेसानी के किये आओ बैठो

अभय सामने वाली कुर्सी पे बैठ जाता है

नितका फाइल साइड मे रख अभय को देख - मुझे तुमसे कुछ सवाल पूछने है
अभय नीतिका को देखता फिर - हा पूछीये
नीतिका - कल तुम बाहर कई गये थे
अभय नीतिका की आखो मे देख - गया था
नीतिका - कहा कियु कब
अभय - तीन दिन पहले बुवा को घर छोरने गया था फिर दोस्त के यहा गया कल साम को ही घर आया मे लेकिन ये सब आप मुझे बुला कर कियु पूछ रही है

नीतिका - कल की न्यूज़ तो पढ़ी हि होगी
अभय अंजान बनते हुवे - कोन सी न्यूज़ मे तो कभी न्यूज़ पढ़ता ही नही

नितका अभय की आखो मे देखती रहती है ठोरी देर फिर -कल साम xxx जगह पे लरकियो का सप्लाये किया जा रहा था लेकिन कुछ लोग आके सभी गैंग को बुरी तरह से मार दिया

अभय नीतिका को देख - तो उससे मेरा क्या लेना देना कही आप ये तो नही सोच रही की मेरा इन सब मे हाथ है

नीतिका - देखो अभय पुलिस का काम ही ऐसा है किसी पे जरा सक होने पे हमे पूछताछ करनी परती है तुम dp devil के कैद मे थे वहा बच्चो को ट्रेनिंग दी जाती थी असेसन् बनने की और असेसन जिस तरह के हथियार इस्त्माल करते है वैसे ही हथियार से कल सभी लोगो को मारा गया था

अभय - इस लिये आपको लगा मे हो सकता हु मैडम एक बात बताईये dp devil के अलावा कोई नही होगा जो उसके जैसा गंदा काम कर रहा होगा किया मेरे अवाला कोई असिसन् नही है दूसरा कही कुछ भी होगा तो आप मुझे बुला लेगी ( अभय थोरा गुस्से से बोल रहा था)

नीतिका अभय को देख - माफ करना तुम्हारा केहना भी सही है
अभय नीतिका को देख - मैडम हम कैद मे थे हमसे जबरदस्ती सब करवाया जाता था लेकिन इस दुनिया के हर कोने मे कई dp devil से बुरे लोग भी है जो अपने मर्ज़ी से गंदे काम को अंजाम देते है तो प्लेस मुझे परेसान ना करे मे सब भूल अपने परिवार के साथ सांत से जीना चाहता हु

नीतिका अभय को देख - सॉर्री आगे से हम ध्यान रखेगे
अभय सांत होते हुवे नीतिका को देख - मैडम यहा मे आपकी कोई मदद कर सकता हु तो जरूर करुगा बस ऐसे मत बुलाया कीजिये

अभय उठ कर नीतिका को देख - वैसे आप बहोत इमानदार और खूबसूरत है ( अभय ये केह चला जाता है

लेकिन नीतिका हैरान मुह खोले अभय को जाते देखती रहती है

नीतिका मन मे - पुलिस वाली से फ्लेटिंग एक दिन जेल मे डाल के गांड पे डंडा मारुगी तो नानी याद आ जायेगी


अब चलते है पिछले रात अमर आरोही के बीच जब बाते अदिति को लेकर चल रही थी

अमर आरोही को देख - तो किया मे पहले बताऊं
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा

अमर - ठीक है तो सुनो ये 2 महीने पहले दोपहर 2 बजे मे अदिति के घर गया था

अमर अदिति के कमरे मे जाता है अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति पेट के बल सुई हुई थी जिसके वजह से अदिति की बरी गांड साफ कपड़े से दबे दिखाई दे रहे थे


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अमर अदिति के बरे गांड देख पागल होने लगता है अमर पहले पीछे देखता है फिर अदिति के पास आके गांड को देख - इसी गांड को देख स्कूल के लरके पागल हो जाते है साली चलती है तो दोनो बम हिलते है जिसे देख मेरा लंड फटने लगता था
अमर धीरे से कापते हाथ से अदिति के बरे गांड को छुटे हुवे मन मे - आह बहोत गर्म गोल मटोल गांड है

अमर हाथ हटा के - अदिति क्या तुम सोई हुई हो
अमर की आवाज सुन अदिति पलट के अमर को देख उठ कर बैठते हुवे - अमर तुम आओ बैठो

अमर अदिति के पास बैठ - तुम ठीक तो हो ना
अदिति अमर को देख दुखी आवाज मे - जिसने दो भाई खोये वो कैसे ठीक रेह सकती है
अमर अदिति के हाथ पकर अदिति के आखो मे देख - अदिति तुम्हारी दर्द को मे समझ सकता हु लेकिन मे हमेसा तुम्हारे साथ रहुंगा हर दुख सुख मे ये मेरा वादा है
अदिति अमर को देख - थैंक्स अमर तुम बहोत अच्छे हो
अमर अदिति के पास जाके अदिति को पकर बिस्तर पे लेता के अदिति के ऊपर आके अदिति की आखो मे देख - तुम मेरे लिये सब कुछ हो अदिति


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अदिति अमर को देखती रहती है अमर के लंड अदिति के चुत पे था अमर अदिति के चुत पे लंड से दबाव डालता है अदिति सिसक उठती है अमर अदिति की सिसक की आवाज सुन जोस मे आ जाता हैअदित


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अमर अदिति के ऊपर पुरा लेत जाता है अदिति के बरे टाइट खरे चूचे अमर अपने सीने पे फिल कर के मजे लेने लगता है अदिति अमर के नीचे परी समझ नही पा रही थी क्या करे
अमर अदिति के कान मे धीरे से - अपनी टांगे उठा के फैलाओ प्लेस एक बार अदिति

अदिति अमर की बात सुन अपनी टांगे फैला देती है जिसकी वजह से अमर अच्छे से साफ तरह से अपना लंड अदिति के चुत पे दबा के अदिति की चुत की फाके चुत की उभार गर्मी साफ फिल कर के और जोस मे आके अपने लंड का दबाव अदिति के चुत पे परता है और अपना चेहरा होठ अदिति के के होठ चेहरे के पास ले जाता है

दोनो सामने सामने सासे एक दूसरे के सासे से टकरा रही थी अदिति जोर जोर से सासे लेते जा रही थी अदिति अपनी चुत पे अमर का लंड फिल कर पा रही थी ( अदिति कापते होठो से अमर को देख - ये तुम क्या कर रहे हो अमर प्लेस हट जाओ


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अमर अदिति के चूचे पे धीरे से हाथ ले जाके सेहलाते हुवे धीरे से दबाने लगता है उसी के साथ अपना लंड अदिति के चुत पे रगरने लगता हो अदिति की सिसकिया निकल जाती है सासे और तेज होने लगती है


अमर -उसके बाद अदिति ने मुझे धक्का दे कर एक जोर दार चाता लगा दिया

आरोही गुस्से से - कमीनी चुदवा लेती तो उसका कुछ बिगर जाता

अमर आरोही आरोही को देख - अब तुम बताओ

आरोही - तो सुनिये याद है मे एक दिन अदिति के घर रुकी थी
अमर - हा अदिति के बरे भाई के जाने के कुछ दिन बाद
आरोही - हा उस दिन अदिति के कहने पे रुक गई थी रात को खाना खाने के बाद हम कमरे मे सोने गये तब अदिति ने मुझे अपना एक नाइट गाउन दिया और खुद भी कपड़े निकाल बिकनी चड्डी मे आ गई


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साली कमीनी को बिकनी चड्डी मे देख मुझे उसकी खूबसूरती और उसकी बॉडी से जलन होने लगी थी लेकिन मे खुश थी इस खूबसूरत बॉडी को मेरा भाई मसल कर मजे से रस पियेगा उसके बाद मुझे मस्ती सूजी मेने अदिति को पकर बिस्तर पे लेता के अदिति के ऊपर आ गई
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अदिति आरोही को देख हैरानी से - आरोही तुम ये क्या कर रही हो
आरोही अदिति के चुत के ऊपर हाथ रख मसलते सेहलाते हुवे - अपनी दोस्त की चुत कि बनावट गर्मी को फिल कर रही हु

अपनी चुत पे आरोही का हाथ चलते फिल कर अदिति कि सिसकिया निकल जाती है अदिति आरोही को देख - कमीनी छोर मुझे कैसी गंदी बाते और हरकते कर रही है
आरोही अदिति के चुत को अच्छे से दबाते हुवे - मेरी दोस्त तुम्हारी चुत तो बहोत गर्म है चिंता मत कर मेरा भाई तेरी चुत कि गर्मी निकालेगा रोज

उसके बाद मेने चड्डी के अंदर हाथ डाला और अदिति के नरम गर्म चमरे को फिल क्या लेकिन तभी अदिति ने मुझे धक्का दे दिया बस यही हुवा था

सारी कहानी सुनने के बाद अमर का लंड फुल टाइट होके खरा हो गया था अमर बिना देरी किये आरोही को बिस्तर पे गिरा के पागलो कि तरह किस करने लगता है आरोही हैरान होती है लेकिन फिर मुस्कुराते हुवे अमर को पकर अपने भाई का साथ देती है


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दोनो भाई बेहन एक दूसरे के होठो को चुसे जा रहे थे अमर मन मे - आह सायद हि किसी को किस करने मे इतना मजा आयेगा जितना बेहन के होठो का रस पीने मे मुझे आ रहा है उफ 2 मिनट बाद

आरोही अमर को देख मुस्कुराते हुवे - भाई आज बहोत जोस मे है
अमर कपड़े निकाल - छोटी बेहन आज भाई को मत तरसा प्लेस

आरोही अपने कपड़े निकालते हुवे अमर को मुस्कुराते हुवे देख - आज नही तरसाउगी

अदिति पूरी नंगी होके बिस्तर पे लेत अमर को देख - भाई देख लीजिये अपनी छोटी बेहन का खजाना आप किस्मत वाले है जो अपनी बेहन का खजाना देख और मजे भी लेगे


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अमर अपनी छोटी बेहन को नँगा देख पागल हो जाता है अमर का लंड टाइट नशे फटने लगती है अमर अच्छे से अपनी बेहन के हर एक अंग को अच्छे से देखते हुवे - बेहना तेरे चूचे कमर बरे गांड और फूली टाइट रसिलि चुत का कोई जवाब नही तुम कयामत लग रही हो

अमर पुरे जोस मे था अमर के लिये रुकना मुश्किल था अमर आरोही के ऊपर आके अपना लंड अपनी बेहन के चुत पे रख एक जोर दार धक्का मार पुरा लंड अपनी छोटी बेहन के चुत मे घुसा देता है


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आरोही दर्द मे आखो मे आसु लिये अमर को देख - भाई बहोत दर्द हुआ ( अमर धक्का मारते हुवे - आह बेहना सेह ले उफ तेरी टाइट गर्म चुत की गर्मी मेरे लंड को जला रही है मे रुक नही सकता अमर जोर जोर से धक्का मारते रेहता है आरोही दर्द मे आह उफ्फ मा मर गई धीरे आह दर्द कर रहा है भाई 6 मिनट बाद

अमर आरोही के ऊपर ढेर हो जाता है अमर हाफते हुवे - सोचा था अच्छे से तुम्हारी चुत मारुंगा लेकिन जोस मे अपने आप को रोक नही पाया
आरोही अमर को बाहों मे लिये - कोई बात नही मे तो आपकी ही हु फिर कभी अच्छे से अपनी छोटी बेहन की चुत मार लेना

अमर उठ कर बैठ आरोही को देख - बेहना मजा बहोत आया तेरी चुत मार के
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा आयेगा ही छोटी बेहन कि चुत जो थी वैसे ये बताईये अदिति के साथ आपने जो किया वैसा कुछ नही हुवा था ना आपने झूठी कहानी बना के सुनाई मुझे

अमर मुस्कुराते हुवे - तुम्हे कैसे पता
आरोही मुस्कुराते हुवे - कियुंकी मे जानती हु अदिति आपको अपने पास भी नही आने देती थी चुने की दूर की बात है

अमर गुस्से से सब याद कर - तुम सही हो कई बार मेने उसे चुने कि कोसिस की कुछ करने की कोसिस करता तो साली करने नही देती थी बस दो बार सिर्फ छोटा किस दिया कमीनी ने

आरोही गुस्से से - कोई बात नही भाई जल्दी ही अदिति आपकी रण्डी बन के रहेगी जी भर के मजे लेना आप

अमर आरोही को देख - मे तो लूंगा ही लेकिन तुम बताओ तुम ने जो बताया अदिति को चड्डी मे देखा उसकी चुत पकरा सच था या तुमने भी मुझे झूठी कहानी सुनाई

आरोही अमर को देख - अदिति को मेने बिकनी चड्डी मे देखा वो सच था बाकी सब झुठ मे करना तो चाहती थी लेकिन मुझे पता था अदिति गुस्सा हो जायेगी और सायद मुझे बुरी गंदी लरकी समझ लेती ऐसा होता तो आपका ज्यादा नुकसान होता ये सोच रुक गई

अमर - अच्छा ये बात है
आरोही - हा लेकिन ये सच है अदिति खूबसूरत के साथ उसकी बॉडी बहोत मस्त कयामत है
अमर - कोई ना जल्दी ही अच्छे से मजे लुगा साली कि

ये था भाई बेहन के बीच रात जो हुवा

अभय पुलिस स्टेशन से सीधा मधु के घर जाता है

अभय अंदर जाते हुवे - गुरिया कहा हो तुम
मधु अभय की आवाज सुन तेजी से कमरे से बाहर निकल अभय को देख जल्दी से जाके गले लग जाती है


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अभय मधु को कस के बाहों मे भर लेता है और पिट सेहलाते हुवे - गुरिया किया कर रही थी मेरे बिना ( मधु अभय के गले लगे - किया करुगी भाई आपके बिना बस आपका इंतज़ार कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मा कहा है
मधु - खेत मे ठोरी देर मे आ हि जायेगी

अभय मधु के चेहरे को पकर मधु के आखो मे देख - गुरिया तुम बहोत खूबसूरत हॉट हो कसम से किस्मत वाला होगा जिससे तुम सादी करुगी


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मधु अभय की बात सुन सर्म से - किया मे आपको सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लगती हु - अभय मधु के करीब आखो मे देख हा बहोत उस दिन मेने तो अच्छे से नही देखा लेकिन फिर भी तुम कयामत लग रही थी
मधु की सासे तेज होने लगती है चूचे तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे होने लगते है दोनो एक दूसरे को देखे जा रहे थे

तभी अभय हस्ते हुवे - और तुम बंदरिया भी लगती हो
अभय की बात सुन मधु गुस्से से अभय को मारते हुवे - भाई आप बहोत गंदे है हमेसा मुझे परेसान करते रहते है

तभी सिला भी आ जाती है और अभय मधु को मस्ती करते देख मुस्कुराते हुवे - क्या बाते हो रही है दोनो भाई बेहन के बीच

अभय सिला को देख जाके गले लग - कुछ नही केह रहा था अदिति कि सादी के बाद इसकी सादी कर दूंगा
सिला अभय चेहरे पकर होठो पे किस कर - जरूर करना भाई का ये तो फर्ज़ है
मधु मुह बनाते हुवे - अभी तो मुझे भाई के साथ बहोत मस्ती करनी है
सिला हस्ते हुवे - अच्छा बाबा कर लेना

अभय मधु सिला के साथ 30 मिनट तक बाते कर घर आ जाता है

वही सिला बिस्तर पे लेत खेत मे थी तब आसा का फोन आया था जो बाते हुई उसके बारे मे सोच रही थी

आसा - छोटकी अभय जब तेरे पास आया तो तुझे बदला सा लगा ना
सिला - जी दीदी आपने सही कहा लेकिन आपको कैसे पता कुछ हुवा है किया
आसा - हा हुवा है ( फिर आसा काजल अभय के बीच जो हुवा बता देती है) क्या इसी लिये अभय बेटा बदला सा लग रहा है
आसा - हा कियुंकी लाला डर रहा हो किसी के नजदिक जाने से
सिला दुखी होके - दीदी डरेगा हि ना आपने प्यार से लाला को पाला है कभी गुस्सा तो दूर दाता नही लेकिन पहली बार लाला किसको अपना माना लेकिन
आसा - मे क्या बोलू समझ नहीं आ रहा पर मे ननद जी को गलत नही ठहरा सकती
सिला - दीदी मानती हु लेकिन प्यार से बना भी कर सकती थी गुस्सा करने की क्या जरूरत थी लाला ने उसके साथ जोर जबरदस्ती तो नही की थी ना
आसा - मुझे ये सब नही सुनना मे तो बस लाला को पहले जैसा देखना चाहती हु
सिला - दीदी अब आप ही लाला को समझा दीजिये अच्छे से हर कोई आपकी तरह लाला को प्यार नही दे सकता
आसा - तुमने सही कहा रात को अच्छे से बात करुगी
सिला - लेकिन आपको कैसे पता चला
आसा - मिनिता आई थी उसी ने बताया
सिला - अच्छा ये बात है
आसा - ठीक है मे रखती हु अरे हा लाला तेरे पास है किया
सिला - नही दीदी अभी निकला है यहा से
आसा - अच्छा ठीक है मे रखती हु

फोन कट

सिला यही सब सोच मन मे - लाला ने किस मांगा लेकिन मना कर देती गुस्सा करने की क्या जरूरत थी आज मेरा लाला अब मुझे बाहों मे नही लेता ना हॉट सेक्सी केह तारीफ करता है मस्ती करता है सब उसकी वजह से हुआ है


अभय घर आके बाइक लगा के अदिति के कमरे मे जाता है अदिति बिस्तर पे बैठी दिशा से बात कर रही होती है

अभय मुस्कुराते हुवे - किससे बाते हो रही है
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - आपकी बीवी से
अभय अदिति के पास जाके बैठ - किया बाते हो रही है
अदिति फोन इस्पिकर पे कर देती है

दिशा - आपको कियु जानना है ये बात हम ननद भाभी के बीच की है
अभय हस्ते हुवे - अरे मुझे पता दोगी तो क्या होगा
दिशा - कुछ बाते किसी को बताई नही जाती समझ गये पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - मसझ गया बीवी जी
दिशा - ठीक है ननद जी पति जी आप दोनो बाते करे मे रखती हु

फोन कट


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अभय अदिति को पकर बिस्तर पे लेता के अदिति के ऊपर आके अदिति को देख - क्या बाते हो रही थी
अदिति अभय को देख मुस्कुराते हुवे - हम ननद भाभी के बीच कि बात है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है चलो कोई ना
अभय अदिति के ऊपर से हट बिस्तर पे लेत जाता है


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अदिति अभय के सीने के सर रख लेत जाती है अभय भी अदिति को पकर देता है दोनो भाई बेहन ठोरी देर बाते करते हुवे सो जाते है

रात 10 बजे

खाना खाने के बाद अदिति कमरे मे जाके मधु सिला से बाते करने मे लग जाती है वही आसा अभय साथ मे लेते हुवे थे

अभय अपनी मा के ऊपर लेता सीने पे सर सोया था आसा अभय को बाहों मे लिये थी

आसा - लाला आज इतना सांत कियु है कुछ बोल
अभय आखे खोल आसा को देख - किया बोलू मा
आसा अभय को देख - आज मेरी तारीफ नही करेगा


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अभय आसा की आखो मे देख - मेरी मा आप बहोत सेक्सी हॉट है आपको देखता हु तो कही खो सा जाता हु आपकी कालि नीली आखे चाँद सा चेहरा और रसीले गुलाबी होठ जिसे देखता हु पीने का दिल करता है लेकिन वो जगह हक मेरा नही है ( आसा सर्म से लाल अभय को देखते रहती है

अभय अपनी के ऊपर से थोरा नीचे आके पेट से सारी हटा के कमर और गहरी ढोरी को देखते हुवे - और आपकी ये कमर गहरी ढोरी कयामत है जब भी मेरी नज़र आपके कमर ढोरी पे जाती है तो


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आसा सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देख - तो
अभय गहरी ढोरी कमर को देखता है और अपनी मा की आखो मे देख - तो दिल करता है आपकी कमर को पकर ढोरी मे जिब दाल चाट लू
अपने बेटे की ऐसी तारीफ बात सुन आसा बिस्तर जोर से पकर लेती है आसा के मुह से अपने आप सिसकिया निकल परती है


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अभय अपनी मा के ढोरी को देखता है एक उंगली आसा के पेट पे रख धीरे धीरे धीरे ढोरी से लेकर नीचे उंगली फेरने लगता है आसा सिसकिया लेते हुवे बिस्तर पकर जोर जोर से सासे लेने लगती है जोर जोर से जैसे जैसे आसा सासे ले रही थी आसा के बरे चूचे उपर नीचे हो रहे थे आसा को अजीब एहसास फीलिंग जागने लगती है


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तभी अभय अपना मुह खोल सीधा अपनी मा के पेट ढोरी को मुह मे लेके चूसने चाटने लगता है आसा अपने पेट ढोरी मे अपने बेटे का गर्म जिब मेहसूस कर आसा एक जोर से सिसक मारती है और बिस्तर पे टरप् मचल उठती है आसा के मुठी बिस्तर को और जोर से पकर लेती है

अभय एक मिनट बाद अपनी मा के सारी सही कर लेत जाता है आसा सर्म से लाल जोर जोर से सासे लिये जा रही थी ठोरी देर बाद आसा सांत होती है

अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - कैसा लगा अपने लाला का कमाल
आसा सर्म से लाल अभय के गाल सेहलाते हुवे - बहोत अच्छा मेरे लाल
अभय आसा को देख थोरा दुखी होके - काजल बुवा मेरे बीच जब गया था तो......... ये हुवा मेने सोचा बता दु आप मेरी मा है इस लिये मुझे लगा बता दु

आसा अभय को देख - बेटा क्या तुम काजल बुवा से गुस्सा हो
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल नही
आसा - ऐसा कियु
अभय - कियुंकी गलती मेरी थी
आसा - बेटा हमारे बीच जितना प्यार है ये मत सोचना हर कोई तुझे देगा हर किसी का प्यार तेरे लिये अलग होगा कोई तुझे बहोत प्यार देगा तो कोई तुझे समझ नही पायेगा कुछ भी तो लेकिन तुम अपने आप को मत बदलना और सब को प्यार देते रेहना मुह किसी से मत फेरना

अभय मुस्कुराते हुवे - मा का कहा मे कैसे ताल सकता हु जैसा आप कहे
आसा मुस्कुराते हुवे -बहोत अच्छे मेरे लाल
अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - गुड नाइट मेरी सेक्सी मा
आसा मुस्कुराते हुवे - गुड नाइट लाला

अभय खरा होके आसा को देख मुस्कुराते हुवे - नाइटी पेहन कर सो जायेगी अगली बार और भी सेक्सी नाइटी लूंगा अपनी सेक्सी मा के लिये

आसा सर्म से अभय को देख - ठीक है लाला तु लेगा मे पेहनुगी
अभय मुस्कुराते हुवे चला जाता है
आसा अभय के जाने के बाद मुस्कुराते हुवे मन मे - चलो मेरा लाला पेहले जैसा हो गया

फिर आसा अभय की तारीफ सब जो किया उसे याद कर सर्म से लाल हो जाती है
आसा खरी होके सारी निकाल पूरी नंगी होने के बाद आसा की नजर अपनी चुत मे परती है चुत पे बहोत बाल थे


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आसा अपने चुत के बाल देख मन मे - अरे आज बाल साफ करने वाली थी भूल गई कल साफ कर लुगी बहोत बरे हो गये है
आसा फिर नाइटी पेहन बिस्तर पे लेत मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर लेती है


रात के 11 बज चुके थे अभय दिशा से बात करने लगता है

अभय - मेरी जान ये 20 दिन कब गुजरेगे रहा नही जा रहा
दिशा शर्मा के - आपका रोज का है रहा नही जा रहा
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या तुम्हे जल्दी नही है
दिशा - किसने कहा मे भी चाहती हु जल्दी वो दिन आये जब आप मेरी मांग मे सिंदूर गले मे मंगलसूत्र दाल मुझे अपनी बीवी बना के ले जाये
अभय हस्ते हुवे - फिर सुहागरात का तो कहा ही नही
दिशा सर्म से - गंदे पति जी वो भी खुश
अभय - वो भी क्या चुदाई बोलो खुल के
दिशा शर्मा के - छी छी कितनी गंदी बाते करते है

दोनो के बीच ऐसे ही 15 मिनट बाते होती फिर

फोन कट

अभय अपने फोन लिये काजल बुवा के बारे मे सोचने लगता है

अभय - काजल बुवा की कोई गलती नही है उन्होंने तो वही क्या जो कोई और औरत भी करती गलती मेरी है तो मुझे ही माफी मांग लेनी चाहिये

सेम काजल भी बिस्तर पे लेते हाथ मे फोन लिये सोच रही थी तभी काजल का फोन बजता है काजल फोन उठा के हैलो

अभय - मे बुवा अभय




आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही खुबसुरत लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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chapter 27

अभय अपने कमरे मे लेता दिशा से बात कर काजल को फोन लगा देता है

अभय - हैलो बुवा मे अभय
काजल हैरान होती है और खुश भी - बेटा अभय
अभय - जी बुवा मे उस दिन जो हुआ उसके लिये माफी चाहता हु
काजल कमरे से निकल घर के पीछे जाके एक जगह खरी होके - नही बेटा तुम माफी कियु मांग रहे हो गलती मेरी थी मुझे तुम्हे प्यार से मना करना चाहिये था लेकिन मे तुम पे गुस्सा हो गई
अभय - नही बुवा गलती मेरी थी
काजल - नही मेरी थी तेरे जाने के बाद मुझे अपने किये पे बहोत पचतावा हुवा मुझे तेरे साथ बिताये हर पल बहोत याद आ रहे थे मेने कई बार हिम्मत की तुम्हे फोन कर माफी मांग लू लेकिन कर नही पाई लेकिन तुम ने हि फोन का दिया मुझे माफ कर दे बेटा
अभय - ठीक ना गलती आप की ना मेरी हम उस बात को भूल जाते है
काजल - थैंक्स बेटा तुम बहोत अच्छे हो
अभय - आप भी बहोत अच्छी है बुवा आपको पता है उस रात मेने आपसे गीली किस्सी कियु मांगी
काजल थोरा शर्मा के - कियु
अभय - जिस दिन मे आपको छोरने जाने वाला था उसी रात मे मा से गीली किस्सी मांगा मेने कहा मा मे तीन दिन के लिये जा रहा हु मुझे गीली किस्सी दो
काजल हैरान - क्या फिर भाभी के दिया गीली किस्सी
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
काजल सॉक होते हुवे - भाभी ने कुछ नही कहा
अभय - आपको पता है ना मा मुझसे कितना प्यार करती है मा ने कहा मा बेटे के बीच गीली किस्सी नही करते पति पत्नी या दो प्यार करने वाले के बीच होती है
काजल हैरानी से - फिर क्या हुवा
अभय - फिर मा ने कहा मेरे लाला ने पहली बार किस्सी मांगी है तो मना नही करुगी लेकिन एक बार उसके बाद नही मिलेगी उसके बाद मा मे मुझे गीली किस्सी की
काजल हैरान से- अच्छा
अभय - हा और उस रात मेने आपके रसीले गुलाबी होठ को देखा तो मेरे मुह से अपने आप निकल गया था

काजल सब जान सर्म से लाल होते हुवे - अच्छा ये बात थी अब समझ मे आया एक बात बता
अभय - पूछीये ना
काजल थोरा शर्मा के - क्या मेरे होठ सच मे भाभी की तरह लगे
अभय - हा बुवा आपके होठ भी मा की तरह बहोत रसीले गुलाबी है इसी लिये तो आपके होठ देख मुह से निकल गया था
काजल शर्मा के - सच केह रहा है क्या मेरे होठ तुम्हे इतने अच्छे लगे
अभय - आपकी कसम बुवा बहोत आप बहोत हॉट है और आपके होठ भी
काजल सर्म से अपने अंगूठे को अपने दूसरे अंगूठे के रगरते हुवे - अच्छा समझ गई
अभय - बुवा आप गुस्सा तो नही है ना उस रात आपने मुझे रुला दिया था पहली बार किसी ने मुझे दाता ( dp devil के कैद छोर के)
काजल दुखी होके - माफ कर दे बेटा अब कभी तुम्हे नही दातुगी अच्छा सुन सादी के 10 दिन पहले मुझे लेने आ जाना

अभय मुस्कुराते हुवे - आपको छोरने मे ही गया लेने भी मे हि आउ
काजल प्यार भरी आवाज मे - क्या अपनी बुवा को लेने नही आयेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आ जाउंगा लेकिन मुझे क्या मिलेगा
काजल हस्ते हुवे - बुवा से रिश्वत मागता है
अभय हस्ते हुवे - हुवा आज के समय मे रिश्वत बिना कोई काम नही करता
काजल हस्ते हुवे - ठीक है गीली किस्सी दूंगी
अभय - सोच दीजिये पुरा रस पी जाउंगा फिर मत केहना


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अभय की बात सुन काजल सर्म से लाल हो जाती है सासे तेज चलने लगती है काजल नाइटी पहने थी अंदर कुछ नही था बरे टाइट चूचे के निपल तेज सासे लेने की वजह से उपर नीचे हो रहे थे

अभय - कुछ बोलिये हा या ना
काजल अपने आप को संभालते हुवे शर्मा के - सोच लिया
अभय - तब तो बरी प्रॉब्लम हो गई
काजल हैरानी से - कैसी प्रॉब्लम
अभय हस्ते हुवे - ये 10 दिन मेरे मुश्किल से गुजरेगे
अभय की बात सुन काजल फिर सर्म से लाल हो जाती है
काजल शर्मा के - तुम भी ना शैतान
अभय - अच्छा बुवा फूफा जी सो गये है क्या
काजल - हा सो रहे है
अभय - तो आप कमरे मे है या बाहर
काजल - घर के पीछे खरी बात कर रही हु मे नही चाहती उनका नींद खराब हो
अभय - अच्छा कास मे अभी वहा होता तो
काजल तेज सासे लेते हुवे - तो क्या
अभय - वही पकर आपके होठो का रस पिता
अभय की बात ने काजल के अंदर अजीब हलचल पैदा कर देती है काजल को अभय से बात कर बहोत अच्छा फिल हो रहा था पहली बार कोई था जो काजल से इस तरफ बात कर रहा था या काजल किसी से इस तरह बात कर रही थी इस उमर मे काजल के लिये ये सब बाते मस्ती सब अगल नया मजा दे रहा था

काजल सर्म से - शैतान बुवा के साथ ऐसा करेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - आप ने ही तो कहा बना करेगी तो नही करुगा
काजल शर्मा के - मेने बना तो नही क्या अच्छा सुन रात हा गई है सो जाते है
अभय - हा अपने बात तो सही कही गुड नाइट हॉट बुवा
काजल हस्ते हुवे - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल कमरे मे आके बिस्तर पे लेत अभय के साथ जो बाते हुई उसे याद कर मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर लेती है

वही अभय भी खुश था ये जान की उसकी बुवा गुस्सा नही है


सुबह के समय

आसा नहाने के बाद ब्लाउस पेटीकोट मे कमरे मे आती है


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आसा - नीचे बहोत बाल हो गये थे आज साफ कर लिया अब जाके अच्छा फिल हो रहा है मुझे


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आसा अपने पेटीकोट उठा के चुत को देखते हुवे - हा देखने मे भी अच्छा लग रहा है ( तभी आसा अपने पति की याद कर दुखी हो जाती है) आसा के चुत अब पूरी तरफ से चिकनी साफ हो गई थी और इस उमर मे भी आसा की चुत टाइट थी आसा की चुत के उभार बाहर निकल आये थे फाके मोती साफ दिख रही थी और देखने मे बहोत खूबसूरत लग रही थी

आसा फिर रेडी होने मुस्कुराते हुवे अभय के कमरे मे आके अभय को जगाती है अभय आसा को बिस्तर पे खिच आसा के ऊपर आके आसा के होठो पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग हॉट मा


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आसा अपने बाहों मे अभय को पकर अभय कि आखो मे प्यार से देख मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग मेरे लाला
अभय आसा को देख - रोज की तरह आज भी आप बहोत खूबसूरत लग रही है मेरी सेक्सी डार्लिंग
आसा सर्म से लाल अभय के गाल पे प्यार से मारते हुवे - अपनी मा को डार्लिंग केहता है
अभय आसा को देख प्यार से - आज से मे आपको प्यार से डार्लिंग हि करुगा बोलिये इज़ाज़त है मुझे
आसा अभय की आखो मे देखते हुवे - इज़ाज़त है
अभय - आई लोव यू डार्लिंग मा
आसा हस्ते हुवे - आई लोव यु तु डार्लिंग बेटा चल अब उठ बहोत काम करने है

अभय उठ जाता है और आसा सारी बाल सही कर दोनो बाहर आते है अभय अदिति के कमरे मे जाके अदिति को देखता है जो आराम से सो रही थी

अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग गुरिया उठा जा


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अदिति अंगराई लेते हुवे उठ कर खरी होती है और अभय को प्यार से देखती है फिर अभय के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग भाई

अभय मुस्कुराते हुवे - चल उठ गई तो मे जाता हु

अभय फिर हल्का होने के बाद 20 मिनट जोगिंग करता है उसके बाद सीधा विजय के घर पहुँच जाता है आगन मे कोमल खाना बना रही थी अभय कोमल को देख - गुड मोर्निंग बंदरिया

कोमल हैरान अभय को देखती फिर मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग बंदर
अभय मुस्कुराते हुवे - ऑन्टी कहा है
कोमल मुस्कुराते हुवे - कमरे मे है
अभय कमरे मे जाने लगता है कोमल अभय का जाते देख मन मे - अब पहले जैसा हा गया है बंदर

अभय कमरे मे जाता है तो देखता है मिनिता बिस्तर पे परे कपड़े को फोल्ड कर रख रही थी अभय धीरे से मिनिता के पीछे आके अपने दोनो हाथ से मिनिता के कमर पकर जोर से कस के पकर लेता है

मिनिता डर जाती है उसी के साथ मिनिता के मुह से आह निकल जाती है अभय मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग हॉट ऑन्टी
अभय की बात सुन मिनिता मुस्कुराते हुवे- तो तुम हो शैतान
अभय मुस्कुराते हुवे -हा और कोन हो सकता है


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अभय पीछे से मिनिता के कमर पकर अपने से सताया हुवा था मिनिता के बाहर निकले बरे गांड और गर्मी अभय अपने लंड पे साफ फिल कर पा रहा था और मिनिता अभय के बाहों मे थी

अभय मिनिता को अपनी तरफ घुमा के मिनिता कि आखो मे देख - सच मे आप बहोत खूबसूरत है रोज देखता हु फिर भी दिल नही भरता


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मिनिता सर्म से लाल नजरे नीचे किये - तुम भी ना अभय बेटा
अभय - सच केहता हु ऑन्टी आप बहोत हॉट है
मिनिता सर्म से पानी पानी हो जाती है


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अभय मिनिता के होठो को देखने लगता है मिनिता सर्माये अभय को देखे जा रही थी अभय अपना होठ मिनिता के होठ के पास ले जाने लगता है मिनिता ये देख तेज सासे लेने लगती है सर्म से लाल हो जाती है

तभी काजल के साथ हुई घटना याद आते ही अभय पीछे हट जाता है ये देख मिनिता हैरान रेह जाती है और मिनिता को समझते देर नही लगती अभय कियु पीछे हट गया

अभय मुस्कुराते हुवे - विजय कहा गया है
मिनिता अभय को देख - सो रहा है अभी तक उसका रोज का है
अभय हस्ते हुवे - मेरी सादी तक छोर देता हु उसके बाद रोज अपने साथ जोगिग मे लेके जाउंगा
मिनिता मुस्कुराते हुवे - हा जरूर लेके जाना
अभय - अच्छा ऑन्टी मे चलता हु
मिनिता अभय के हाथ पकर् अभय को देख शर्मा के - गीली किस्सी करना है तो कर ले
अभय हैरान मिनिता को बाहों मे लेके - सच्ची
मिनिता शर्म से - हा
मिनिता की मंजूरी मिलते ही अभय अपना होठ मिनिता के पास ले जाने लगता है मिनिता अपनी मुठी कस लेती है सासे तेज दिल की धरकन् तेज चलने लगती है अंदर हलचल होने के साथ मिनिता को अजीब एहसास फीलिंग आने लगती है


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मिनिता अभय तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देखती है अभय मिनिता की आखो मे दोनो के होठ बिल्कुल पास थे सासे एक दूसरे से टकरा रही थी मिनिता अपना होठ खोल देती है अभय टूट परता है


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अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी साथ देती अभय मिनिता के होठ जिब को मुह मे लेने चूस कर पीने लगता है लेकिन जब मिनिता अभय के जिब को चूस कर पीती है तो मिनिता के रोम रोम खरे हो जाते है मिनिता का ये पेहला फ्रेंच किस उसका एहसास अंदर हो रही हलचल किस का लार पीने का स्वाद मिनिता को एक अलग दुनिया मे ले जाता है


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मिनिता भी खुद को रोक नही पाती और पुरे जोस से दोनो एक दूसरे के होठ फिर जिब लेके चूसने पीने मे लग जाते है सब भूल के
अभय मिनिता के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - उफ ऑन्टी के होठ लार का रस के स्वाद के किया कहने बहोत मिठा है


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मिनिता अभय के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - ये एहसास कैसा है मुझे इतना मजा कभी नही आया क्या इस तरह किस करने से जिब चूस कर लार पीने मे इतना मजा आता है आज पता चला ये किस इसका एहसास मजा सुकून सायद मे भूल ना पाउ


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2 मिनट तक दोनो सब भूल कर जी भर के एक दूसरे का होठ जिब चूस कर लार पीते है अब सासे फूलने लगती है तो दोनो अलग होते है लेकिन होठो के होठ मुह से लार निकल एक लकीर बन जाती है

मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये जोर जोर से सासे लिये जा रही थी वही अभय मिनिता के बरे चूचे सास लेने की वजह से उपर नीचे होते देख रहा था

अभय सब भूल मिनिता को देख - ऑन्टी आपका सुक्रिया मुझे बहोत मजा आया सच कहु आपके होठो का रस बहोत मिठा था
मिनिता सर्म से लाल - मुझे भी अच्छा लगा लेकिन बेटा किसी को केहना मत
अभय - जैसा आप कहे अच्छा मे चलता हु वैसे भी आज का दिन मेरे लिये बहोत अच्छा दिन रहा

अभय फिर कमरे से बाहर आके कोमल को देख - जा रहा हु बंदरिया खाना अच्छे से बनाना

कोमल खरी होके - रुक
अभय रुक जाता है कोमल अभय के गाल पे किस कर - अब जा
अभय मुस्कुराते हुवे - कभी होठो पे भी दे दिया कर ताकि मेरा भला हो
कोमल अभय के गांड पे लात मारते हुवे - जाके अपनी बीवी का ले कमीना बंदर होठो पे किस चाहिये
गांड पे लात परने से अभय गिरते गिरते अपने आप को बचा के खरा होके कोमल को देख - जा रहा हु भला कर देती तो क्या होता

कोमल गुस्से से अभय की तरफ डोरते हुवे - रुक भला करती हु तेरा
अभय तेजी से बाहर भागते हुवे हस्ते हुवे - रहने दे मत कर भला

अभय भाग जाता है कोमल मुस्कुराते हुवे फिर काम पे लग जाती है वही कमरे मे मिनिता बिस्तर पे लेती हुई किस के बारे मे सोच अपने होठो को छुटे हुवे मन शर्मा के - इस तरह किस करते है अजीब एहसास था पर मजा बहोत आया खास कर लार पीने मे छी मे क्या सोच रही हु


अभय घर आ जाता है

नहाने के बाद रेडी होके खाना खाता है फिर अदिति के कमरे मे जाता है अदिति बिस्तर पे लेती हुई थी अदिति अभय को देख - भाई

अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - आजा डांस करते है

अभय कि बात सुन अदिति बहोत खुश हो जाती है और बिस्तर से उठ अभय के पास आके खुश होते हुवे - चलिये सुरु करे

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति के कमर को पकर अपनी तरफ खिच अपने से सता के अदिति के उंगली मे उंगली डाल हाथ पकर लेता है अदिति भी अभय के कंधे पे अपना हाथ रख देती है अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - सुरु करते है


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दोनो भाई बहन अपने पैर आगे पीछे करते हुवे डांस करने लगते है अभय अदिति प्यार से एक दूसरे के आखो मे देखे जा रहे थे ( अभय - मेरी गुरिया चाँद की तरह खूबसूरत है तुम्हारा खूबसूरत मुस्कुराता चेहरा देखता हु तो मेरा दिल खुश हो जाता है तेरा भाई तेरे इस मुस्कुराहत को जाने नही देगा बस मे चाहता हु मेरी गुरिया हमेसा खुश रहे और तेरे लिये मे कुछ भी कर जाउंगा

अदिति इमोसनल होते हुवे अभय को देख - मुझे पता है मेरा भाई मेरे कुछ भी कर सकता है dp devil के कैद से आप हमारे लिये भाग के आ गये ( अदिति अभय के सीने पे सर रख ) मुझे बस आपके बाहों मे आपके मे रेहना है आपके साथ रेहना है आपके प्यार बिना अब जिया नही जायेगा


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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख प्यार से - मे हु ना हमेसा तेरे आगे रहुंगा तु चिंता कियु करती है तू भी मेरी जान है ( अदिति अभय की आखो मे देख) आई लोव यू भाई ( अभय आई लोव यू तु गुरिया ( आसा दरवाजे पे सब देख सुन रही थी आसा आखो से आसु साफ करती है फिर मुस्कुराते हुवे चली जाती है


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अदिति अभय से अलग होके एकदम से घूम जाती और नीचे गिरने वाली होती है लेकिन अभय जल्दी से अदिति को बाहों पे पकर लेता है अभय अदिति को देख - गिर जाती तो ( अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे यकीन था आप मुझे गिरने नही देते


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अभय अदिति को खरा कर माथे पे किस करते हुवे - सही कहा तेरा भाई जबतक है तुझे कुछ नही होने देगा
अदिति अभय के गाल पे प्यार से किस करते हुवे - हा मुझे पता है भाई

अभय - अब खुश हो ना
अदिति - बहुत खुश
अभय - अच्छा अब मुझे थोरा काम है मुझे जाना होगा
अदिति - ठीक है भाई

अभय कमरे से बाहर निकल आता है अदिति बिस्तर पे लेत जाती है अदिति बहोत खुश थी अपने भाई के साथ डांस कर के
अदिति मन मे - मेरा भाई सबसे बेस्ट है आई लोव यू भाई

अभय आसा के कमरे मे आता है आसा बैठी हुई थी

आसा अभय को देख - हो गया डांस करना
अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - तो आप देख रही थी
आसा मुस्कुराते हुवे - हा देख लिया मा के साथ डांस नही करेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - रात को अभी मा मे कुछ काम से जा रहा हु
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है जा

अभय फिर बाइक निकाल तेजी से 20 मिनट बाद एक गेट के पास पहुँचता है गेट अपने काम खुल जाता है अभय फिर बाइक लेके अंदर जाता है 2 मिनट बाद फिर एक गेट आता है इस बार एक गार्ड खोलता है जल्दी से अभय फिर सीधा एक बंगलो पे पहुँचता है


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अभय का नया दो मंजिला घर अभय घर को अच्छे से देखते हुवे अंदर जाता है हर एक कमरे को अच्छे से चेक करता है अभय जैसा कमरा सब के लिये चाहता था वैसा सजा हुआ था बाथरूम किचन सब चेक कर बाहर आता है

अभय का घर चारो तरफ से दीवार से घिरा हुआ है के बगल दीवार के उस पास के जमीन भी अभय ने ले लिया था उस जमीन पे कुछ लीची आम और आमरुद् फुल के पेर अलग अलग लगे हुवे थे आगे कुछ जगह खाली थी तो अभय वहा सविंगपुल बनवा रहा था जो कुछ दिन मे रेडी हो जायेगा बाकी बगीचे मे बैठने के लिये भी

अभय के पास एक बंदा आके - बॉस आप आ गये नीचे सब आपका इंतज़ार कर रहे है

अभय - ठीक है चलो

बंदा आगे आगे अभय पीछे पीछे दोनो बगीचे के आगे कोने साइड आ जाते है उसके बाद बंदा पेर पे एक जगह उंगली दबाता है तभी जमीन के नीचे से एक रास्ता खुल जाता है

अभय बंदा अंदर जाते है अंदर बहोत जयादा जगह थी अभी अंदर मे कुछ 15 लोग थे सभी अभय को देखते थी अभय के सामने झुक कर - आपका सवागत है बॉस

अभय चारो तरफ देखते हुवे - ठीक है बहोत अच्छा काम चल रहा है जैसा मे चाहता था

अभय एक बंदे को देख - सब काम जल्दी पुरा करो ताकि बाकी लोग यहा आ सके फिर अपना काम सुरु करेगे तुम सब बहोत अच्छा कर रहे हो गुड

सभी बंदे - थैंक्स बॉस

अभय जाते हुवे - याद रहे मेरे जमीन पे मेरे इज़ाज़त के बिना कोई पैर रख ना पाये अच्छे है छोर दो गलत इरादे से आते है पता करो उस हिसाब से सजा दो

अभय फिर ऊपर आके बाइक पे बैठ मधु के घर की तरफ निकल परता है

( उदय बंगलो )

कमरे मे आरोही टांगे फैलाई लेती हुई थी उदय तेज तेज धक्का मारते हुवे अपना लंड आरोही की टाइट चुत के अंदर बाहर करते जा रहा था आरोही दर्द मे आखो मे आसु लिये - हा उफ मा मर गई बाहर तेज धक्का मार रहे h दर्द हो रहा है उफ धीरे करिये ना प्लेस


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उदय आरोही के चूचे दबाते हुवे तेज धक्का मारते हुवे - बेटी तेज चुदाई मे ही असली मजा है देखो कैसे तेरी चुत पानी बता रही है कमरे मे फट फच् आवाज के साथ ( आरोही आह मा मेरा आने वाला है उफ आ गया अंकल( उदय और तेज धक्का मारता है आरोही दर्द मे बिस्तर पकर कापते हुवे - हा आ गया अब निकलने वाला है मा मर गई करते हुवे आरोही उदय झर जाते है

आरोही हाफते हुवे - उफ दर्द मे मजा दिला देते है
उदय आरोही को देख - तेरी चुत बहोत टाइट गर्म है बेटी किया करू
आरोही मुस्कुराते हुवे - बीवी हु आपकी
उदय मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन बेटी केहता हु तो एहसास होता है मे एक जवान कुवारी लरकी की चुत मार रहा हु तो मजा दुगना हो जाता है
आरोही मुस्कुराते हुवे - मेरा भी यही है आपको अंकल केहती हु तो मेरी चुत और पानी बहाने लगती है

आरोही बिस्तर से उतर कपड़े पेहन रेडी होके - बहोत देर हो गई जाना होगा सादी जल्दी करिये ताकि मे आपके साथ हमेसा रहु

उदय मुस्कुराते हुवे - बस कुछ दिन का इंतज़ार कर लो

आरोही जाते हुवे मुस्कुरा के - ठीक है बाय

आरोही जाते हुवे - मेरी चुत पानी पानी कर देते है मजा बहोत मजा आता है उफ

आरोही के जाने के बाद उदय आरोही के पिता जगमोहन को फोन करते हुवे - ससुर जी साम को आ जाइये बताइये कुवारी चाहिये या
जगमोहन - दामाद जी इस बार एक बच्चो की मा जिसके चूचे से दूध आता हो अगर मिल जाती तो मजा आ जाता
उदय मुस्कुराते हुवे - जरूर मिलेगी ससुर जी आपका दामाद है ना साम को आ जाइये

जगमोहन - ठीक है फिर

फोन कट

उदय मुस्कुराते हुवे - मुझे लगा ससुर जी को बदलने मे समय लगेगा लेकिन ससुर जी तो मुझसे भी तेज निकले दूध वाली चुत चाहिये हा हा हा 4 चुत मे ही असली रंग मे आ गये

उदय एक बंदे को फोन कर - हा जवान नही दूध वाली समझ गये
बंदा - जी सर हो जायेगा

मधु के घर


अभय मधु के घर पहुँच अंदर जाता है आगन मे मधु कमरे रस्सी पे डाल रही होती है अभय मधु को देख - क्या बात है मेरी गुरिया कपड़े धो रही है

अभय की आवाज सुनते ही मधु खुश हो जाती है और अभय को देख मुस्कुराते हुवे - करना परेगा ना भाई घर का काम

अभय मुस्कुराते हुवे - हा करना तो परेगा

मधु जल्दी से सारे कमरे डाल हाथ साफ कर अभय के पास आती है अभय मधु के कमर पकर अपने से सता लेता है मधु अभय से चिपक जाती है


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अभय मधु की आखो मे देख - मुझे लगा आज फिर वो सीन देखने के लिये मिलेगा लेकिन फिर देर हो गई
मधु अभय को देख शर्मा के - गंदा भाई

अभय मधु को गोदी मे उठा लेता है मधु हैरान सर्म से अभय को देखने लगती है अभय मुस्कुराते हुवे मधु को कमरे मे ले जाता है और बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु को देखने लगता है मधु सर्म से अभय को देखने लगती है

अभय मधु को देख - बताओ गुरिया तुम्हे कैसा लरका पसंद है मे तेरी सादी जैसे लरके से ही करवाउंगा
मधु अभय को देख शर्मा - भाई अभी अदिति दीदी की सादी होगी फिर बटाउगी

अभय मधु के ऊपर से नीचे मधु के साइड लेत जाता है मधु अभय के ऊपर आके लेत जाती है अभय मधु को पकर - चलो अच्छा है

तभी सिला खेत से आ जाती है अभय मधु बाहर आते है सिला अभय को देख - क्या बात है भाई बेहन पहले से ही लगे हुवे है

अभय सिला को बाहों मे लेके - अब आपसे लग जाउंगा उसमे क्या है सिला हस्ते हुवे - ये बता तैयारी कैसी चल रही है
अभय - अभी समय है लेकिन बाकी तैयारी चल रही है
सिला- इंतज़ार नही होता मुझे तो तुझे दुल्हे के रूप मे देखना है
मधु मुस्कुराते हुवे - मुझे भी मा भईया की सादी मे खूब मजा आने वाला है
सिला हस्ते हुवे - हा वो तो है
अभय सिला के गाल पे किस करते हुवे - हा जल्दी ही आप देखोगी मुझे दुल्हे पे रूप मे

अभय फिर 20 मिनट तक बाते करता है और फिर अपने घर की तरफ जाने लगता है तभी अभय को कुछ याद आता है और अभय मुस्कुराते हुवे बाजार जाता है ज्वेलरी स्टोर मे जाके अभय सबसे अच्छा दिखने वाला चोवाइस करने लगता है

अभय मन मे - ये मा मे अच्छा लगेगा जचेगा भी मे सोच कर ही केह सकता हु मा कैसी लगेगी बाकियो के लिये मे शोपिंग करने जायेंगे तब लूंगा

अभय पैसा पे कर बाइक पे बैठ घर आ जाता है

दोपहर 1 बज रहे थे अभय अदिति मा से बात करते हुवे सब सो जाते है साम तीन बजे अभय बाकी कुछ काम करने के लिये कुछ लोगो से मिलने जाता है इसी मे आते वक़्त साम हो जाती है

आँगन मे अदिति खाना बनाने मे लग जाती है आसा अभय खटिये पे बैठ थे बाते भी चल रही है

आसा - बेटा गारी खाना पंडाल बाजा के लिये सब को पहले से केह दिया है ना

अभय - हा मा मेने केह दिया है आप चिंता मत करो
आसा - अच्छा है सादी की खरीदारी भी करनी है
अभय - चिंता मत कीजिये मेने सोच लिया है सब साथ मे जाके खरीदारी कर देगे
आसा - हा मे कोई कमी नही चाहती मेरे बच्चे की सादी धूम धाम से देखना चाहती हु
अभय आसा को गले लगा के - जरूर मा आप जैसा कहेगी वैसा होगा
अदिति रोने सी आवाज मे अभय आसा को देख - भाभी होती तो मे भी आपके गोद मे बैठी बाते कर रही होती लेकिन देखो खाना बना रही हु

आसा अभय अदिति की बात पे हसने लगते है

रात 8 बजे

मिनिता रोज की तरह आती है कोमल विजय भी साथ मे थे

अभय मिनिता को देख मुस्कुरा देता है मिनिता थोरि शर्मा जाती है

आसा मुस्कुराते हुवे - आओ आओ बैठो

चटाई बिछाई जाती है सब नीचे बैठ जाते है

कोमल मधु बाते करने लगते है
अभय विजय अपने मे
सिला मिनिता अपने मे

मिनिता - दीदी जल्दी ही बेटे को दुल्हे के रूप मे देखेंगे
आसा मुस्कुराते हुवे - हा इंतज़ार नही होता
मिनिता हस्ते हुवे - इंतज़ार तो अभय बेटा को करना मुश्किल हो रहा होगा
आसा मिनिता की बात समझ मिनिता को गाल पे मारते हुवे - बेशर्म

अभय - तो क्या चल रहा है
विजय - भाई आपके घर से 10 मिनट की दूरी पे घर मिल गया है तो मेने ले लिया

अभय - बहोत अच्छा किया कब जाने का ईरादा है नये घर मे
विजय - भाई जब आप नये घर मे सिफ्ट हो जाओगे उसके बाद
अभय - अच्छा है
विजय - भाई अपने उस जगह को देख आये
अभय - हा आज गया था
विजय - कैसा लगा आपको काम
अभय- बहोत अच्छा है

कोमल - तो भाभी ना होने पे खाना बनाना पर रहा है
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन मे खुश भी हु अपने हाथो का बना खाना भाई को खिलाने मे खुशी होती है
कोमल मुस्कुराते हुवे - तु पूरी भाई की दीवानी है
अदिति - ये भी कहने की बात है

बाते करते करते 9. बज जाते है खाना खाने का वक़्त

मिनिता कोमल विजय जाने के लिये रेडी थे

मिनिता - अच्छा दीदी हम चलते है
आसा - हा ठीक है
मिनिता अभय को देखती है अभय मिनिता को फिर जाने लगते है
कोमल अभय को देख - जा रही हु बंदर
अभय मुस्कुराते हुवे - जा ना बंदरिया

आसा हस्ते हुवे - कोमल बेटी को बंदरिया बुलाता है
अभय हस्ते हुवे - वो भी तो मुझे बंदर बुलाती है

अदिति फिर खाना निकालती है आसा अभय अदिति खाना खाते है फिर कमरे मे आ जाते है


अभय कमरे मे आके कपड़े बदल कर मा के लिये जो लाया था लेके आसा के कमरे की तरफ जाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही जबरदस्त शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

sunoanuj

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chapter 41

अभय आसा के पास जाके आसा को बाहों मे लेके आखो मे देख - आज मेरी मा अपने लाला को कैसे दीवाना बनायेगी

आसा अभय की आखो मे देख सर्म से - हु तू तो पहले से ही मेरा दीवाना है
अभय मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल हु अपनी मा का दीवाना
आसा सर्म से - तो आज कैसा पोस् मे देखना चाहता है अपनी मा को
अभय आसा के होठ पे उंगली फेरते हुवे - आज आप खुद पोस् दे मे देखना चाहता हु मे मेरी मा कैसे पोस् दिखाती है मुझे
आसा तेज सासे लेते हुवे अभय की आखो मे देख - ठीक है

अभय पीछे हट खरा हो जाता है आसा अभय को सर्म से देखती है फिर बिस्तर पे सिरे पे पोस् मे बैठ जाती है

अभय अपनी मा को इस तरह पोस् मे देख पागल होने लगता है अभय अपनी मा की हुस्न अदा देख घायल होने लगता है

आसा अपने चेहरे उपर किये हुई थी सिने से सारी नीचे गिरी हुई थी ब्लाउस मे कसे दोनों चुचे आधे दिख रहे थे लेकिन सबसे जयादा अभय की नजर यहा थी वो थी आसा की मोटी दूध जैसी जांघे जो साफ तोर पे पुरा दिख रहा था कियुंकी आसा ने अपनी सारी अपनी चुत तक उठा रखी थी कसम से इस बार तो आसा बम लग रही थी

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अभय पीना पलके झपकाये अपनी मा की मोटी दूध जैसी जांघे को देखते हुवे मन मे - उफ मा आपकी मोटी जांघे कितनी मोटी दूध जैसी गोरी है दिल कर रहा है हाथ से छूने का जिब से चाटने का उफ मा आपने फिर एक बार मुझे अपने हुस्न अदा से घायल कर दिया है

आसा सर्म से मन मे - उफ मेने अपनी सारी उपर तक उठा रखी है सीने भी खुले है उफ अब मुझे सर्म आ रही है ( आसा अभय को देखते हुवे) उफ लाला कैसे मेरी गोरी जांघे को देख रहा है आह उफ मेरा दिल जोर से धक धक कर रहा है

अभय आसा के पास जाने लगता है आसा अभय को अपनी तरफ आते देख तेज सासे लेते अभय को सर्म से देखती रहती है अभय आसा के पास आके आसा को बिस्तर पे लेता देता है आसा बस सर्म से अभय को देखती रहती है अभय अपनी मा को देखता है


अभय आसा के पास जाके पेट पे हाथ रख झुक कर आसा के भरे पेट को चूमने लगता है आसा कसमसाने लगती तेज सिसकिया लेने लगती है आसा बिस्तर कस के पकर लेती है आसा के भरे दूध जैसे कमर मे कमरबंद बहोत खूबसूरत कामुक् लग रहा था सीन किसी के भी पसीने पानी निकाल देने के लिया काफी था

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अभय बड़े मजे से प्यार से अपनी मा की गोरी भरी पेट को चूमता रहता है आसा मचल रही होती है आह उफ सिसकिया लेते रहती है आसा के सिसकिया मचलना आह उफ मा करना अभय को और जोस दिला रहा था अभय अपनी मा के पेट को चूमते हुवे सोच रहा था मेरी मा का पेट कितना मुलायम नर्म गर्म है उस चूमने मे चाटने मे मजा आ रहा है वही आसा अपने पेट मे अपने बेटे के गीले होठ फिल कर तरप् रही थी आहे भर सिसकिया लेते मचल रही थी

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अभय पेट को चूमते हुवे आसा को देखता है फिर अपना होठ आसा के होठ से सता के किस करने लगता है आसा भी अभय को पकर किस करने लगती है दोनों गीली किस करते है 1 मिनट तक

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अभय फिर आसा के पैर के पास आके आसा की सारी उतना लगता है आसा ये देख काप् जाती है तेज सासे दिल थम सा जाता है अभय सारी उपर तक उठा देता है और आसा की गोरी जांघे फिर अभय के सामने आ जाती है अभय उफ मेरी मा की मोटी दूध जैसी जांघे कितनी खूबसूरत है उफ मा के सामने कोई टिक नही सकता

अभय बिना देरी किये अपनी मा की एक तांगे पकर गोरी मोटी जांघे को चूमने चाटने लगता है और एक हाथ से अपनी मा के कमर पकर सेहलाने लगता है आसा इस हमले से पागल होके आह उफ मा ईस करते बिस्तर पे मछली की तरह छतपटाने लगती है

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वही अभय अपनी मा की मोटी जांघे चूमते चाटने हुवे मन मे -उफ मा आपकी कितनी मुलायम गोरी जांघे है आह चाटने मे मजा आ रहा है उफ मा आप हुस्न की परी है ( आसा आह सिसकिया लेते मन मे - उफ बेटा मत कर आह मुझे सहा नही जा रहा आह उफ बस रुक जा आह ये कैसा एहसास डीलिंग मिल रही है मुझे अभय फिर आसा की सारी और उपर करने लगता है

तभी आसा अभय के हाथ पकर - रुक जा
अभय होस मे आता है असल मे अभय होस मे नही था अपनी मा की मोटी गोरी जांघे भरा बदन देखने के बाद ही अभय होस खो बैठा था
आसा अगर अभय को नही रोकती तो आसा की मखमली फूली गर्म चुत अभय के सामने आ जाती

आसा बिस्तर पे तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा सारी नीचे कर अपने जांघे धक लेती है और अपने सीने पे भी सारी डाल अभय को देखती है अभय आसा के पास आके नजरे नीचे कर बैठ जाता

अभय नजरे नीचे किये - सोर्री मा
आसा अभय के चेहरे को प्यार से सेहलाते हुवे आखो देख - लाला मुझे गुदगुदी हो रही थी इस लिये रोका तु उदास कियु होता है

अभय आसा को देख खुश होके - सच
आसा मुस्कुराते हुवे - हु
अभय आसा की आखो मे देख - मा मे तो आपके हुस्न मे खो गया था आपकी दूध जैसे बदन मोटी जांघे चूमने चाटने मे मजा आ रहा था
अपने बेटे की बात सुन आसा की सासे फिर से तेज होने लगती है
आसा सर्म से अभय को प्यार से गाल पे मारते हुवे - मा के साथ कैसी कैसी हरकते बाते करता सर्म कर
अभय हस्ते हुवे - आप केह रही है तो सर्म कर लुगा
अभय की बात सुन आसा जोर जोर से हसने लगती है
आसा हस्ते हुवे - तु भी ना लाला तेरी बाते करते मुझे हसने पे मजबूर कर देती है
अभय आसा के कान मे धीरे से - मा बस अपने लाला को ऐसे ही प्यार देते रहना आपके साथ आपके जिस्म के साथ जब तक थोरा खेलता नही मुझे सुकून नही मिलता
आसा सर्म से धीरे से - मुझे भी लाला मेरे जिस्म अंग को तेरी आदत पर गई है जब तक तु मेरे जिस्म से खेलता छुटा नही मुझे भी सुकून नही मिलता
अभय धीरे से - सच
आसा - कसम से लाला

अभय आसा की होठ पे हल्का किस कर - गुड नाईट मा
आसा अभय के होठो पे किस कर - गुड नाईट लाला

अभय फिर कमरे से बाहर आके अदिति के कमरे मे जाने लगता है

वही आसा बिस्तर पे लेती अभी भी अपने जांघे पेट मे अपने बेटे के गर्म लार को फिल कर सुकून से मुस्कुराते हुवे आखे बंद कर सो जाती है

अदिति दिशा से बिस्तर पे लेते बात कर रही थी

अदिति - भाभी भइया का किसी और के साथ चक्कर चल रहा है

अभय जो कमरे मे जा रहा था ये सुन रुक छुप कर सुनने लगता है

दिशा गुस्से से - किया किसके साथ कोन है वो कमीने जिसने मेरे पति मे डोरे डाले है
अदिति मुस्कुराते हुवे - पता नही कोन है लेकिन भाई उससे मिलने जाते है हर दिन

दिशा - किया इसका मतलब वे खुद लरकी के पीछे परे है
अदिति - हा भाभी
दिशा रोने लगती है दिशा रोते हुवे - हाय हाय अब मेरा किया होगा वो कैसे मेरे पीठ पीछे किसी डाइन से चक्कर चला सकते है ( दिशा गुस्से से ) मे उनको कोरुगी जान ले लूगि और अपना भी

अभय अदिति के पास आके अदिति के कान पकर - ये किया झूठी कहानी सुना रही है अपनी भाभी को

अदिति हैरान डर के अभय को देख दर्द मे - भाई
दिशा - आ गये धोकेबाज़ कही के
अभय अदिति को देख - तुमने रायता फैलाया है जल्दी साफ करो
अदिति डरते हुवे - जी

अदिति फिर दिशा को सच बता देती है
अभय बिस्तर पे बैठ अदिति को गोद मे बैठा के - हा तो कोन धोकेबाज़ की बात कर रही थी
दिशा - वो मे किसी की नही आपने गलत सुना
दिशा मन मे - ननद जी मे तो मुझे फसा दिया
अदिति हस्ते हुवे - माफ करना भाभी मे तो बस मजाक कर रही थी
दिशा - आपको पता भी है मेरा दिल रो दिया था
अदिति - सोर्री भाभी
दिशा हस्ते हुवे - ननद जी माफी मत मांगिये आपके भाई बहोत हैंडसम है कई लरकिया आयेगी लेकिन मुझे उनसे कोई लेना देना नही मुझे तो आपके भाई की बीवी बन उसकी बाहों मे पूरी जिंदगी उसके साथ गुजरानी है
अदिति हस्ते हुवे - वाह भाभी मान गई आपको
अभय - मे भी हु मुझसे भी बात कर लो यार
दिशा मुह फुला के - आपसे कियु बात करू मुझे अपनी प्यारी ननद सी बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ठीक है फिर करो बात
अभय अदिति को गोद से नीचे उतार अदिति के होठ पे किस कर - गुड नाइट गुरिया
अदिति - भाई आप जा रहे है बात तो कर लीजिये
अभय जाते हुवे - मेरी बीवी मुझसे बात नही कम चाहती तो मे किया करू

अभय अपने कमरे मे आ जाता है

अदिति बिस्तर पे लेत - भाभी अपने भाई को नाराज कर दिया
दिशा हस्ते हुवे - आप चिंता मत कीजिये मे मना लूगि
अदिति हस्ते हुवे - समझ गई भाभी वैसे भइया बिना दिन कैसे गुजरता हैं
दिशा - किया बताऊ ननद जी आपके भाई बिना हर दिन बहोत मुश्किल से गुजरता है
अदिति हस्ते हुवे - बस कुछ दिन और फिर आप मेरे भइया के बाहों मे होगी
दिशा सर्म से - आप भी ना

अभय बिस्तर पे लेत अपनी सादी को लेके कैसे किया करना है सोचने लगता है

तभी अभय का फोन बजता है अभय मुस्कुराते हुवे - कोन हो तुम
दिशा माफ़ी मांगते हुवे - सोर्री ना मेने तो बस मस्ती की पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - वाह अब पति जी उस समय कियु बात करू केह रही थी ना
दिशा - आपके बात कर दिल खुश रहता है दिन गुजरने मे लम्बी नही लगती पति जी आप मेरे सब कुछ है आपने बिना जीने मे बारे मे सोचना भी नही चाहती
अभय - बस करो मे भी मजाक कर रहा था
दिशा मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू पति जी
अभय मुस्कुराते हुवे - आई लोव यू 2

5 मिनट दिशा अभय मे बाते होने के बाद फोन कट

अभय बिस्तर पे लेते छत को देख - हु आगे किया

तभी ममता का फोन आता है

अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी आपको याद किया आपका फोन आ गया ममता हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - हा खाना पीना हो गया और मेरी प्यारी भतीजी कैसी है
ममता मुस्कुराते हुवे - खाना हो गया आपकी प्यारी भतीजी दूध पीके सो गई है
अभय - अच्छा भाई
ममता - भाई भी
अभय - आज भी प्यार नही किया
ममता - हु
अभय - कहा है आप
ममता - पीछे
अभय मुस्कुराते हुवे - किया पहना है आपने
ममता मुस्कुराते हुवे - जान के किया करेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - प्लेस
ममता - नाइटी
अभय मुस्कुराते हुवे - अंदर मे
ममता सर्म से - छि गंदे देवर जी
अभय हस्ते हुवे - प्लेस
ममता सर्म से धीरे से - बिकनी चड्डी पहना है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मुझे लगा
ममता - छि छि सिर्फ गंदी बाते ही आपके दिमाग मे रहती है
अभय हस्ते हुवे - आपको देखा तब से
ममता - वो कियु भला
अभय - कियुंकी आप बहोत खूबसूरत सेक्सी है भाभी
ममता सर्म से लाल होते हुवे - देवर जी
अभय - भाभी किया आप बिकनी मे एक फोटो भेज सकते है प्लेस
ममता हैरान सोक में - किया बिल्कुल नही
अभय - सोर्री
ममता - देवर जी गुड नाइट

फोन कट

अभय सर पकर - फिर गलत कर बैठा

तभी अभय को नोटिफिकेसन की आवाज सुनाई देती है अभय फोन लेके देखता है तो तो whatsaap नोटिफिकेसन था अभय tap करता है तो हैरान सोक हो जाता है

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ममता ने रेड बिकनी मे फोटो भेजी थी ममता के दोनों चुचे मुश्किल से कैद था आधे उजले चुचे साफ दिख रहे थे ममता के दोनों बरे चुचे बिकनी मे कैद देख अभय का लंड टाइट होके झटके मारने लगता है

एक मैसेज भी था अभय पढ़ता है तो लिखा था

ममता - देवर जी किसी को दिखाना मत फिर से गुड नाइट
अभय मुस्कुराते हुवे - भाभी भी ना


सुबह होती है आसा रेडी होके अभय को जगाने जाती है अभय उठ अपनी मा को प्यार से देख - गुड मोर्निंग करता है
आसा भी मुस्कुराते हुवे - गुड मोर्निंग करती है

अभय फिर अदिति को जगाता है गुड मोर्निंग गुरिया
अदिति अभय को मुस्कुराते हुवे देख - गुड मोनिंग भाई

अभय फिर हल्का होने जाता हो जोगिग कर मिनीता के घर आता है

घर पे आसा के बारे मे सोच रही थी
आसा मन में - रोज की तरह लाला ने मुझे बाहों मे नही लिया मेरी तारीफ नही की कियुंकी मेने रुका इस लिये अच्छा नही लग रहा दिल मन उदास है लेकिन कुछ दिन बाद नॉर्मल हो जायेगा

अभय अंदर आता है कोमल अभय को देख अभय के पास आके - आ गया बंदर
अभय बिना देरी किये कोमल को बाहों मे लेके आखो मे देख - हु मे बंदर तु मेरी बंदरिया
कोमल अभय की बात सुन बहोत शर्मा जाती है
अभय और बाहों मे कोमल को कस लेता है कोमल आह करती है अभय कोमल के चुचे चुत की गर्मी फिल कर पा रहा था
अभय कोमल के होठ पे उंगली फेरते हुवे - कल बहोत मजा आया था तेरे गुलाबी होठ का रस पीके आज भी पिला दे
कोमल अभय को देख सर्म से - हिम्मत है तो पीले
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी ये लो

अभय कोमल के होठ पे टूट परता है होठ मुह मे लेके चूसने लगता है कोमल काप् जाती है सरीर मे तूफान उठने लगता है कोमल अलग मजे की दुनिया मे खोने लगती है कोमल अभय को बाहों मे लेके अभय का साथ देते हुवे किस करने लगती हो फिर दोनों एक दूसरे के होठ मुह में लेके चूस पीने लगते है

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कोमल मन मे - मेने कियु कहा हिम्मत है तो किस कर ले जबकि मुझे पता था बंदर कर लेगा किया में चाहती थी अभय मुझे किस करे उफ मुझे ये फीलिंग कैसी आ रही है मुझे मजा आ रहा है उफ दिल किस करते रहने को कर रहा है अभय मेरे जिब को मजे से चूस रहा है आह मुझे बहोत अच्छा फिल हो रहा है उफ अभय तूने ये किया कर डाला

2 मिनट बात कोमल अभय के पेट मे घुसा मारते हुवे - कमीना
कोमल फिर सर्म से खाना बनाने बैठ जाती है
अभय दर्द मे पेट पकर - बाप रे जोर से लगी

अभय पेट पकरे - ऑन्टी कहा है
कोमल बिना देखे - पीछे गाय को घास खिला रही है
अभय - बुआ कहा है

तभी पीछे से काजल आते हुवे - यहा है तेरी बुआ
अभय पीछे काजल को देखता है काजल अभय को देख सर्म से लाल होने लगती है
अभय काजल के पास आके धीरे से - कमरे मे चले
काजल अभय की बात सुन काप् जाती है - हु
दोनों कमरे मे जाते है अभय काजल को बाहों मे लेके गांड दबाते हुवे आखो मे देख - रात तो अच्छे से नींद आई
काजल सिसकिया लेते हुवे अभय को सर्म से देख - आह उफ हा आई
अभय काजल के चुत को सारी के ऊपर से दबाते हुवे - उफ बुआ फिर डाल दु
काजल कापते हुवे जांघे सता के - उफ बेटा अभी नही आह प्लेस
अभय काजल की चुत से हाथ हटाते हुवे - हु लेकिन अभी किया करे
काजल सर्म से धीरे से - कुछ नही कियुंकी अभी कोमल भाभी विजय है
अभय काजल के होठ पे किस करते हुवे - ठीक है
तभी मिनीता आगन मे आती है काजल अभय बाहर आते है मिनीता अभय को देख - अभय बेटा
अभय मिनीता के पास जाके होठ पे किस करते हुवे - और कोन होगा
मिनीता सर्म से - बात तो सही है

अभय काजल मिनीता को देख - हा तो मे चलता हु
काजल - अरे इतनी जल्दी
अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ ऑन्टी मे सुबह यहा आप. दोनों के खूबसूरत चेहरे देखने और किस के लिये आता हु देख लिया किस भी मिल गया तो जा रहा हु

काजल मिनीता हस्ते हुवे - अच्छा वो तो हमे पता है
कोमल अभय को देख - ओये यहा कोई और भी है जिसका खूबसूरत चेहरा है लगता है तुझे दिखाई नही दिया
अभय कोमल को देख - मुझे दिखाई देता है बंदरिया यहा सिर्फ ऑन्टी बुआ खूबसूरत है समझ गई
कोमल गुस्से से - मे खूबसूरत नही हु
अभय हस्ते हुवे - बिल्कुल नही तु तो बंदरिया है
कोमल गुस्से से लाल अभय को मरने जाती है लेकिन अभय भाग जाता है

कोमल गुस्से से - कमीना कुता
काजल हस्ते हुवे - गुस्सा मत कर तु बहोत खूबसूरत है मा भाभी की तरह वो तो तेरे से मस्ती कर रहा था

मिनीता हस्ते हुवे कोमल के चेहरे को पकर प्यार से देख - मेरी बेटी मेरी तरह बहोत खूबसूरत है
कोमल मिनीता को देख - मा लेकिन वो बंदर को मे खूबसूरत नही लगती
मिनीता हस्ते हुवे - अरे पागल मस्ती करता है तेरे से अब जा खाना बना
कोमल मन मे - हु तारीफ करने मे किया जाता है उसका

अभय घर आता है नहाता है फिर बाइक लेके मधु के घर आता है.

अभय मधु को बाहों मे लिये - गुरिया
मधु अभय को देख - भाई
अभय - गुरिया जिब बाहर निकाल ना रस पीना है
मधु सर्म से लाल होके अपना जिब बाहर निकाल देती है अभय जिब मुह मे लेके चूसने लगता है मधु काप् जाती है अभय को कस के पकर लेती है अभय मजे से मधु के जिब चूसने लगता है

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मधु भी रोक नही पाती और अभय के जिब मुह मे लेके चूसने लगती है मधु मन मे - उफ हर बार भाई जब मुझे किस करते है मेरे जिब को मुह मे लेके चुस्टे है उफ सुकून मिल जाता है बहोत अच्छा लगता है मुझे भाई जितना पीना है पिलो अपनी गुरिया के होठ का रस उफ

2 मिनट बाद मधु के होठ लार से सने गिले थे अभय का भी
मधु सर्म से नजरे नीचे किये थी अभय मधु को देख - गुरिया बहोत मीठा था रोज की तरह
मधु सर्म से अभय को देख - भाई

अभय - गुरिया मे चलता हु
मधु - जी भाई

अभय सिला से खेत मे मिल फिर अपने ठिकाने मे जाता है सारा काम सब कैसा चल रहा है देख घर आके कमरे मे बिस्तर पे लेत सो जाता है

साम 3 बजे ( उदय बंगलो )

जगमोहन अपनी बीवी भारती के साथ उदय के बंगलो आता है असल मे ये उदय के प्लान का पहला स्टेप था आरोही की मा की चुत मारने का

भारती आना नही चाहती थी कियुंकी सादी से पहले अपने दामाद के मिलने जाना उपर से उसकी उमर से बरे दामाद से तो भारती को अजीब लग रहा था इस लिये मना करती रही लेकिन जगमोहन ने भारती को बताया अब वो अमीर है तो लाइफ इस्टाइल् चेज करे खुल के लाइफ जिये अमीर लोगो मे सब नॉर्मल है

जगमोहन भारती को अच्छे से समझाता है और फिर जाके भारती राजी होती है

जगमोहन भारती अंदर जाते है उदय हॉल मे खाने पीने की तैयारी कर बैठा हुआ था जगमोहन भारती को देख उदय जाके पैर छुटा है भारती को अजीब लग रहा था उसका दामाद उसकी उमर से बरा था लेकिन बेटी के आगे भारती झुक गई थी

उदय प्यार से - सासु ससुर जी बैठिये था

भारती जगमोहन बैठ जाते है उदय दोनों के सामने बैठ जाता है

उदय भारती को देख - सासु मा आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन अब आप अमीर है तो गरीब लाइफ रीति रिवाज भूल जाइये और मजे से लाइफ जिये मुझे ससुर जी ने बताया है आपने बहोत मुश्किल झेली है आरोही साले जी को परवरिस घर मे लाइफ मे लेकिन अब आराम से लाइफ जिये आपका दामाद हमेसा आपके साथ है

उदय की बातो का जादू भारती पे चल जाता है भारती को भी अब अच्छा फिल होने लगता है भारती मन मे - कितने अच्छे दामाद है मेरी कितनी फिकर कर रहे है

जगमोहन तो बस आराम से सब देख रहा था उसे अच्छे से पता था उदय उसका दामाद किया कर रहा है

भारती उदय को देख - अपने सही कहा अब मे खुल के जियुगी
उदय मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात

उदय पैक बनाता है और जगमोहन का देता है फिर भारती को भी
भारती हैरान होके उदय को देख - दामाद जी मे नही पीती
उदय - सासु मा पता है लेकिन अब पीना सुरु कर दीजिये
भारती - नही बिल्कुल नही आप लोग पिये
उदय भारती को देख - सासु मा एक बार ट्राई करे यकीन माने जिंदगी का मजा इसी मे है
जगमोहन - भारती दामाद जी केह रहे है तो उनका मान रख पिलो ना
भारती गहरी सास लेते हुवे - ठीक है
भारती ग्लास ले लेती है फिर तीनों ग्लास टकराने के बाद पीने लगते है भारती जब एक घुट पीती है तो बहोत करवा लगता है लेकिन हिम्मत कर जैसे तैसे पी जाती है

उदय सब मुस्कुराते देख रहा था

भारती पीने के बाद ग्लास नीचे रख देती है भारती ने अजीब चेहरा बनाया हुआ था कियुंकी मुह करवा हो गया था

उदय भारती को चखना देते हुवे - सासु जी ये लीजिये
भारती चखने को खाती है तब जाके भारती को अच्छा फिल होता है
उदय - करवा था ना
भारती सर्म से - हु
पहली बार भारती ने सराब पिया था नसा चढ़ने लगता है भारती को पहली बार नशे का एहसास होता है

उदय एक एक और पैक बना के जगमोहन को देता है और भारती को

भारती थोरा नशे मे - नही दामाद जी बस
उदय - प्लेस सासु जी ये लास्ट है
भारती ग्लास लेके - ठीक है
फिर भारती दूसरा ग्लास एक बार मे पी जाती है और जल्दी से चखना उठा के खाने लगती है

उदय भारती के बदन चुचे को देखते हुवे - सासु जी आप कमाल है सच मे मुझे लगा आप पी नही पायेगी लेकिन आपने तो मुझे हैरान कर दिया मान गये मेरी सासु जी बहोत मजबूत है

उदय की बाते तारीफ सुन भारती का सीना चौरा हो जाता है भारती को अपनी तारीफ बहोत अच्छी लगती है लेकिन भारती फिर उदय के बातो के जाल मे फस चुकी थी

भारती सर्म से नशे मे - दामाद जी आप भी ना बेकार मे मेरी झूठी तारीफ कर रहे है
उदय - बिल्कुल नही सच कहा मेने आप सच मे कमाल है

उदय जो जैसा चाहता था वैसा हो रहा था

30 मिनट बाद

जगमोहन - अच्छा दामाद जी हम चलते है
उदय - जी ( उदय भारती को देख) सासु जी अपने दामाद के साथ वक़्त बिता कर कैसा लगा
भारती उदय को देख थोरा नशे मे - बहोत अच्छा लगा दामाद जी
उदय मुस्कुराते हुवे - तो फिर आयेगी ना
भारती - हा जरूर आउंगी

जगमोहन फिर भारती के साथ बाहर जाने लगता लगता है उदय भारती की हिलती बरी गांड देखते हुवे - उफ सासु जी जल्दी ही आपकी चुत अच्छे से मारुंगा

जगमोहन भारती गारी मे बैठ जाते है
जगमोहन भारती को देख - मजा आया आज
भारती जगमोहन को देख - हु मजा तो बहोत आया
जगमोहन मन मे - अच्छा है तेरी चुत दामाद जी को मिल जायेगी मुझे मेरी बेटी आरोही की चुत जबसे अपनी बेटी की चुत देखती है मेरा चैन उर गया है

रात 9 बजे )

काजल कोमल अभय के घर आते है रोज की तरह वही विजय घर पे रिया से कमरे मे बिस्तर पे लेत बाते करने मे लगा था

विजय - मेरे भाई की सादी है आओगी ना
रिया - आपका भाई भी है
विजय - नही लेकिन मेरे भाई से बढ़ कर है
रिया -अच्छा अगर आप केह रहे है तो जरूर आउंगी - सर्म से
विजय - खुशी हुई सुन कर
रिया सर्म से - वो कल साम आयेगे
विजय मुस्कुराते हुवे - हा स्कूल के बाहर खरा रहुंगा
रिया खुशी से सर्म से - हु

अभय के घर


अभय अपनी मा की गोद मे बैठे काजल को देख - बुआ ऑन्टी कियु नही आई

काजल अभय को देख - बेटा आज भाई थके हुवे थे तो भाभी रुक गई
अभय - अच्छा
आसा अभय को बाहों मे लिये बैठी हुई थी
काजल अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी आपका लाला छोटे बच्चे की आपके गोद मे बैठा हुआ है
आसा अभय को देख प्यार से सर सेहलाते हुवे - भले ही अब लाला बरा हो गया है लेकिन एक मा के बच्चे ही रहेगे
काजल -हु आप सही है

अभय उठ कर - मे जा रहा हु आप दोनों बात करो

अभय कमरे मे आके दिशा से बात करने लगता है

अदिति कोमल )

अदिति - दीदी आपको पता है भाभी के आने के बाद भइया हमे कैम्पिंग करने ले जाने वाले है एक महीने के लिये सब से दूर पहारो मे जहा खूबसूरत नजारे झरने होगे मे तो सोच कर की बहोत इकसैटेट् हु जाने के लिये बहोत मजा आने वाला है एक महीने

कोमल अदिति को देख हैरान - किया वो बंदर ने मुझे इस बारे मे कुछ कहा ही नही
अदिति हस्ते हुवे - सायद इस लिये कियुंकी आप भाई को बंदर कहती है
कोमल अदिति के कान पकर - अच्छा और तेरा भाई मुझे बंदरिया केहता है उसका किया
अदिति - आह दीदी कान छोरो दर्द होता है
कोमल कान छोर - हु इतना बरा प्लान घूमने का बनाया है मुझे पता हि नही मे तो जाउंगी
अदिति कोमल को देख - सब जायेंगे आप ऑन्टी बुआ मधु छोटी मा भाभी पूजा सासु जी सब भाई एक बरा सिलिपिंग बस लाने वाले है जिसके हम सोते हुवे मजे से जायेंगे
कोमल खुश होके - यार तब तो बहोत मजा आने वाला है अब तो मुझे भी उस दिन का इंतज़ार रहेगा
अदिति मुस्कुराते हुवे - हा मुझे भी है

25 मिनट बाद काजल बात कर अभय के कमरे मे आती है आसा अपने कमरे मे चली जाती है

अभय काजल को देख जल्दी से बिस्तर पे लेता के ऊपर आ जाता है
काजल सर्म से अभय को देख - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ आपकी गर्म फूली चुत का का नसा मुझे हो गया है रहा नही जाता
काजल सर्म से तेज सासे लेके - बेटा
अभय काजल को देख - बुआ कहा से सुरु करू आप खुद बताये
काजल सर्म से लाल - वो

अभय काजल के ऊपर से हट जाता है काजल अभय को देख सर्म से सारी उपर कर टांगे फैला के अपनी चुत अभय के सामने कर देती है और शर्म से नजरे फेर मन मे - उफ ऐसा तो मेने अपने पति के साथ भी नही किया लेकिन अभय बेटे ने चुत चाटा तो मुझे बहोत मजा आया इस लिये अभी मुझे चुत चटवाने का बहोत मन हो उफ मुझे बहोत सर्म आ रही है ये सब कर के

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अभय काजल की नंगी मोटी उजले जांघे उसके बीच फूली गर्म चुत को देख पागल होने लगता है अभय मन मे - उफ मोटी उजले जांघे के बीच फूली गर्म चुत देखने मे कमाल की लग रही है
काजल टांगे फैलाये सर्म से अभय को देख मन मे - उफ ये सोच एक लरका मेरा दीवाना है मेरी हर अंग का आह जो मेरा भतीजा है उफ मेरा जोस बढ़ते जाता है

अभय आगे बढ़ काजल की चुत के पास बैठ चुत के फाके फैला के जिब अंदर घुसा के चाटने लगता है काजल जोर से सिसकिया लेते हुवे बिस्तर पकर आह उफ करने लगती है ( काजल मन मे - उफ आह यही यही चाहिये था मुझे आह अपनी चुत पे अभय बेटे का जिब फिल कर आह सुकून मिला अभय बेटा चाट अच्छे से अपनी बुआ की चुत

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अभय काजल के गर्म चुत मे अंदर जिब डाल चूस कर रस पी रहा था साथ मे काजल की चुत को पुरा मुह मे लेके भी चूस रहा था
अभय मन मे - आह कितनी गर्म नर्म चुत है बुआ की और रस का कोई जवाब नही उफ मजा आ रहा है रस पीने मे इस उमर मे औरत की बॉडी बहोत खूबसूरत भरी हो जाती है चुत भी फुल के रोटी बन जाती है आह किस्मत वाला हु जो मुझे बुआ मिली ( 2 मिनट बाद काजल बिस्तर पकर दात् से होठ दबाते हुवे गांड कमर उठा के आह मा करते झर जाती है

अभय बुआ को देखता काजल तेज तेज सासे लिये हाफ रही थी
अभय अपना लंड निकाल - बुआ
काजल अभय का लंड देख सर्म से अभय के पास आके बैठ अभय को देख फिर लंड मुह मे लेके मजे से चूस कर रस पीने लगती है
काजल मन मे - उफ किसने सोचा था चुत चटवाने मे लंड चूसने मे इतना मजा आता है अगर अभय बेटे की मे गर्लफ्रेंड नही बनती तो मुझे असली चुदाई का सुख चुत लंड चुस्वाने के मजे से अंजान रहती उफ ये बहोत मोटा गर्म है अभय बेटे का लंड लेकिन चूस कर रस पीने मे आह किया कैसे बोलू मजा बहोत आ रहा है आह उफ

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अभय काजल के सर पकरे अपनी बुआ को मजे से लंड चुस्ता देख - उफ बुआ मजा आ रहा है आप बहोत अच्छा करती जा रही है आह चूसो अपने भतीजे ला लंड अच्छे से बुआ मेरी जान आह ये एहसास सुकून पागल कर रहा है मुझे 3 मिनट बाद

काजल अपने होठ साफ करते हुवे अभय को सर्म से देख - बेटा
अभय काजल को मुस्कुराते हुवे देख - आपको पता है
काजल सर्म से बिस्तर पे लेत टांगे फैला देती है अभय मुस्कुराते हुवे काजल के चुत के पास बैठ लंड पकर काजल कि चुत पे घिसने लगता है काजल आह उफ करने लगती है काजल अभय को देख - आह बेटा डाल अपनी बुआ की चुत मे आह रहा नही जाता अभय भी काजल के ऊपर आके किस करते हुवे एक जोर का धक्का मार पुरा लंड अंदर घुसा देता है काजल दर्म से रो परती है पैर मारने लगती है

काजल को दर्द हो रहा था रो रही थी लेकिन असल मे काजल को हार्ड चुदाई मे हि मजा आ रहा था कहे तो काजल को दर्द मे मजा आ रहा था कियुंकी इतनी दमदार चुदाई काजल को अभय ने किया था पिछले रात तब से काजल को हार्ड चुदाई मे मजा आने लगा

अभय किस तोर थोरा उपर आके काजल को देख बुआ चुचे निकालो ना बाहर काजल आह उफ आखो मे आसु लिये अपने ब्लाउस के बटन खोल ब्लाउस निकाल दोनों चुचे अभय के सामने कर देती है

अभय काजल के चुचे पकर दबाते हुवे चुदाई करना सुरु कर देता है काजल बिस्तर पे टांगे फैलाये मोटा लम्बा लंड चुत मे आते जाते फिल मजे से आह उफ मा लेकिन धीरे ताकि आवाज बाहर ना जाये

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काजल मन मे - उफ मेरे पति के जगह मेरा भतीजा है मेरी टांगों के बीच जिसका मोटा लम्बा लंड मेरी चुत के अंदर बाहर जाके मेरी चुत की गर्मी पानी निकाल रहा है आह मा इतना सुकून मजा मुझे पहले कभी नही आया बेटा मेरे भतीजे चोद अपनी बुआ को
अभय काजल को देख धक्का मारते हुवे - बुआ मजा आ रहा है
काजल बिस्तर अभय को देख -उफ आह बेटा बहोत मजा आ रहा है तेरी बुआ झरने के करीब है करते रह

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अभय ये सुन जोस मे आके तेज तेज धक्के मारने लगता है काजल आह उफ मुह बंद कर आह मर गई बहोत दर्द हो रहा है उफ लेकिन मजा भी आ रहा है उफ मेरा आने वाला है काजल अभय को देख -बाहें फैला देता ( अभय भी समझ काजल के ऊपर लेत जाता है काजल अभय को बाहों मे कस - आह बेटा करते रह मुह मे आ गया है
अभय उफ बुआ मेरा भी दोनों एक दूसरे को बाहों मे कस के पकरे हुवे थे काजल आह उफ आ गया अभय एक तेज शॉट मारता है काजल अभय को बाहों मे पकरे बेटा आह मा अभय भी काजल को बाहों मे कसे बुआ दोनों फिर झर जाते है

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दोनों थके तेज तेज हाफने लगते है एक मिनट बाद अभय काजल के ऊपर से उठ अपने लंड को देखता है फिर बाहर निकालता है फक के साथ अभय का लंड काजल की चुत से बाहर आता है लंड चुत से बाहर आते ही अभय का पानी भी चुत से बाहर आने लगता है
काजल अपनी चुत अभय के लंड के गर्म पानी फिल कर जैसे सुकून मे खो जाती है काजल - उफ अपनी चुत मे अभय बेटे का गर्म पानी फिल कर सुकून मिल गया

तभी काजल होस मे आती है फिर जल्दी से खरी होके ब्लाउस के बटन लगा के सारी सही कर के आखो आसु साफ कर अच्छे से रेडी हो जाती है अभय भी

अभय फिर काजल को बाहों मे लेके आखो मे देख - बुआ अपने भतीजे का गर्म पानी चुत मे फिल कर. कैसा मेहसूस हो रहा है
काजल सर्म से अभय के सीने पे सर रख - सुकून मिल रहा है
अभय काजल के पीट प्यार से सेहलाते हुवे - मे ज्यादा जोर से करता हु आप रोने लगती है दर्द होता है
काजल अभय की आखो मे देख - हा लेकिन जब तुम तेज चुदाई करते हो तो मुझे और मजा आता है
अभय मुस्कुराते हुवे - किया बात हो फूफा जी नही करते थे
काजल सर्म से - नही धीरे करते थे फिर 8 मिनट मे उनका हो जाता था
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी मेने आपकी 15 मिनट चुदाई की लेकिन एसी मे आपने दो बार पानी छोरा चुत चाटी उसे लेके 3 बार
काजल सर्म से अभय को किस करते हुवे - कियुंकी मेरी चुत पहली बार तुमने चाटी और मुझे पहली बार चुत चटवाने का मजा मिला दूसरी तुम्हारी चुदाई बहोत दमदार होती है मुझे पता है तुमने जल्दी मे मेरी चुत मारी है नही तो एक घंटे तक तेरा पानी नही निकलता
अभय मुस्कुराते हुवे - आप खुश है चुदाई से
काजल सर्म प्यार से अभय को देख - बेटा मुझे कोई प्यार करने वाला मेरे साथ वक़्त गुजारने वाला मस्ती मजाक करने वाला मेरी फीलिंग समझ मेरी खुशी का ख्याल रखने वाला मुझे घुमाने ले जाने वाला ये सब मेरी इक्छा थी अब तुम से पूरी हुई काजल इमोसनल होके अभय के गाल सेहलाते हुवे - बेटा अपनी बुआ का ख्याल रखोगे ना
अभय काजल के गाल सेहलाते हुवे - बुआ कसम खा के केहता हु आपका साथ मे नही छोरूगा आप मेरी है तो मे आपको हर खुशी का ख्याल रखुंगा आपकी फूली गर्म चुत का भी

काजल सर्म से हस्ते हुवे अभय के गाल को पकर - मेरा बेसर्म् प्यारा भतीजा
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी प्यार हॉट खूबसूरत बुआ

काजल मुस्कुराते हुवे - अब जाना होगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हु

काजल बाहर आती है कोमल को आवाज देती है कोमल अदिति से बाय बोल बाहर आती है फिर कोमल काजल घर जाने लगते है

काजल चल रही थ लेकिन फिर आज अभय के लंड का पानी चुत से निकल जांघे से नीचे रिस रही थी काजल ये फिल कर पा रही थी

काजल मन से - उफ मे चाहती तो चड्डी पेहन सकती थी लेकिन अभय बेटे के लंड का गर्म पानी चुत से निकल अपनी जांघों पे रिसते फिल कर मुझे अच्छा लग रहा है सुकून मिल रहा है

.... आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏

बहुत ही अच्छा और जबर्दस्त अपडेट दिया है
👏🏻👏🏻👊🏻
 
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chapter 28

अभय अपनी मा के कमरे मे आता आसा बिस्तर पे इस तरह से लेती दरवाजे की तरफ ही देख रही थी और अभय के आने का इंतज़ार कर रही थी आसा जिस तरफ लेती थी आसा के चिकने कमर पेट गहरी ढोरी साफ साफ दिखाई दे रही थी आसा अभय को देख मुस्कुरा देती है


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अभय आसा को देखता है फिर अपनी मा के कमर चिकने पेट ढोरी को देखने लगता है ( आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - क्या देख रहा है लाला : अभय आसा को देख मुस्कुराते हुवे - देखने वाली चीज देख रहा हु ( आसा सर्म से लाल हो जाती है

अभय अपनी मा के पास जाके आसा के हाथ पकर खरा करता है आसा अभय को देखती रहती है अभय आसा के पास आके आसा की

आखो मे देख - मा अपनी सारी नीचे गिरा दो
आसा हैरान शर्मा के अभय को देख - लेकिन कियु लाला
अभय आसा को देख - अपने लाला पे बिस्वास नही है
आसा बिना देरी किये सीने से सारी शर्मा के नीचे गिरा देती है आसा को बहोत सर्म आ रही थी साथ मे समझ नही पा रही थी अभय ने ऐसा करने के लिये कियु कहा लेकिन आसा को अपने बेटे पे बिस्वास था

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अभय अपनी मा के ब्लाउस मे कसे दो उजले बरे चूचे कमर पेट गहरी ढोरी को देखते हुवे - मा आपकी कमर चिकने पेट गहरी ढोरी देख मेरा दिल थम जा जाता है ( आसा अभय की बात सुन बहोत शर्मा जाती है

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international literacy association
अभय आसा के पास नीचे बैठ जाता है और अपनी मा के पीछे गांड के थोरा उपर दोनो हाथो को ले जाके पकर आसा के पेट ढोरी पे किस करने लगता है आसा अभय के बाल सेहलाते हुवे जोर से - सिसक परती है उफ बेटा ठोरी देर बाद

अभय खरा होता है और अपनी मा को देखता है आसा सर्म से लाल अभय को देखती है

अभय आसा को देख - मा अपनी आखे बंद करो ना
आसा अभय की आखो मे कुछ सकेन्द् देखती है फिर आखे बंद कर लेती है अभय फिर अपने पॉकेट से जो गिफ्ट लाया था उसे निकाल आसा के कमर मे पेहनाने लगता है आसा आखे बंद किये हुवे थी लेकिन आसा फिल कर पा रही थी उसका बेटा उसे कमर मे कुछ पेहना रहा था काम हो जाने के बाद


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अभय थोरा पीछे होके आसा के कमर मे अभय ने कमरबंद पेहनाया था अभय मन मे - उफ मा के ऊपर ये कमरबंद कितना मस्त लग रहा है मेरी मा सच मे बहोत सेक्सी हॉट है

आसा - बेटा क्या मे अब अपनी आखे खोलू
अभय - जी मा
आसा अपनी आखे खोल अपने कमर को देखती है तो आसा को बहोत ही खूबसूरत कमरबंद अपने कमर मे दिखाई देता है जो आके के चिकने पर्फेट कमर पे जच रहा था आसा कयामत लग रही थी

अभय- कैसा लगा मा मेरा गिफ्ट आपको
आसा अभी भी कमरबंद को देखे जा रही थी असल मे आसा को बहोत अच्छा लगा था अभय का गिफ्ट साथ मे आसा बहोत खुश थी की उसका बेटा उसके लिये इतना खूबसूरत गिफ्ट लाया उसका ख्याल रखता है

आसा अभय को प्यार से देखती है फिर पास जाके अभय के गले लग थोरा इमोसानल होते हुवे - बहोत प्यारा लगा मुझे मेरे लाला का दिया गया गिफ्ट मेरा बच्चा कितना ख्याल रखता है मेरा

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अभय आखा के आखो मे देख मुस्कुराते हुवे - मा मेने को सब अपने लिये क्या इस रूप मे मैं ही देखुंगा ना तो आपकी कमर ढोरी कमरबंद तो फायदा मेरा हुआ ना
आसा बहोत शर्मा जाती है और अभय को देख - हा मेरे लाल तुझे ही दिखाउगी

अभय आसा के कमर पकर अपने से सता के आसा के आखो मे देख -मा चलो डांस करते है
आसा अभय की आखो मे देख थोरा शर्मा के - जरूर करुगी बताओ कैसे करना है
अभय आसा को एक भोजपुरी वीडियो दिखाते हुवे - ऐसे
आसा वीडियो देख सर्म से लाल - ठीक है करुगी

अभय खुश होकर - थैंक्स मा

अभय भोजपुरी सोंग लगा देता है गाना बजते ही आसा वैसे ही सारी नीचे गिराये कमर हिला के डांस करने लगती है और आसा के कमर मे कमरबंद आसा के कमर पे चार चाँद लगा रहा था

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अभय अपनी मा को इतनी सेक्सी हॉट तरीके से डांस करता देख पागल होने लगता अभय का दिल धक करने लगता है आसा सच मे बहोत अजब डांस के साथ कयामत आग लग रही

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अभय अब आगे जाता है और आसा के कमर पकर किस करता है आसा सिसक् परती है अभय अपना हाथ आसा के पेट से लेते हुवे आसा के बरे चूचे के बीच दरार से उपर आता है और आसा को पकर किस पे किस करने लगता है आसा की मस्ती से सिसकिया निकल जाती है

अभय फिर आसा के सारी सीने पे रख आसा को बिस्तर पे लेता आसा के ऊपर आ जाता और आसा की आखो मे देखने लगता है आसा बहोत शर्मा रही थी अपने बेटे के साथ डांस करने के बाद

अभय आसा को देख प्यार से - मा आप बहोत हॉट सेक्सी है लेकिन कमरबंद के साथ आप बहोत कयामत लग रही थी
आसा सर्म से लाल होते हुवे - सच केह रहा है
अभय - मे कभी झूठ कैसे बोल सकता हु अपनी मा से
आसा - थैंक्स लाला तेरी वजह से मेरा हर दिन खास गुजरता है खास कर अभी का समय जब तुम आते हो गुड नाइट बोलने आते हो
अभय आसा के कान मे धीरे से - मेरा भी मुझे आपके उपर लेत आपके सरीर की गर्मी फिल कर बहोत अच्छा लगता है
आसा सर्म से पानी पानी हो जाती है

अभय आसा के होठो पे किस करते हुवे - गुड नाइट सेक्सी डार्लिंग मा
आसा अभय के होठो पे किस कर - गुड नाइट मेरे लाला

अभय फिर कमरे से निकल जाता है आसा आज बहोत खुश थी आसा खरी होके सारी निकाल नंगी होके अपने कमर पे कमरबंद देख मुस्कुराते हुवे - कितना अच्छा लग रहा है

आसा फिर नाइटी पेहन मुस्कुराते हुवे बिस्तर पे लेत आखे बंद कर सो जाती है

अभय अदिति के कमरे मे जाता है अदिति अभय का इंतज़ार कर रही थी अभय अदिति को बाहों मे लेके - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख - मेरा प्यार हैंडसम भाई
अभय मुस्कुराते हुवे - तु भी तो बहोत खूबसूरत है
अदिति शर्मा के - झूठ बोल रहे है
अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - सच केहता हु हमेसा तुम बहोत खूबसूरत और

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अदिति शर्मा के - और भाई क्या
अभय अदिति के कान मे धीरे से - बहोत शैतान भी हो
अदिति अभय को सीने पे मारते हुवे मुह बना के - भाई आप कितने बुरे है जाओ मे आपसे बात नही करती

अदिति मुह फुला के दूसरी तरफ मुह कर बैठ जाती है
अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पीछे से बहोत मे लेके - मे तो मजाक कर रहा था तुम बहोत खूबसूरत हो मॉडल की तरह
अदिति अभय की बात सुन मुस्कुरा देती है

अभय अदिति को अपनी तरफ घुमा के गाल पे किस कर - अब सो जाओ मेरी गुरिया गुड नाइट
अदिति अभय के गाल मे किस करते हुवे - गुड नाइट भाई

अदिति बिस्तर पे लेत सोने लगती है अभय अदिति को देखता है फिर मुस्कुराते हुवे अपने कमरे मे आके बिस्तर पे लेत फोन दिशा को लगा देता है

दिशा - हो गई मम्मी जी ननद जी से बात बोल आये गुड नाइट
अभय मुस्कुराते हुवे - हा मेरी रानी बोल आया
दिशा बिस्तर पे करवट बदल - अच्छा बाकी सब कैसा चल रहा है
अभय - अच्छा चल रहा है बस दिन ना रात तेरे बिना जल्दी नही गुजरता है मेरी जान
दिशा शर्मा के - मेरा भी यही हाल है पति जी मुझे तो आपके बाहों मे सोना है पूरी जिंदगी
अभय मजे लेके - सिर्फ सोने आओगी तो मे भला तुम्हे कियु लाऊ
दिशा बात को समझ - कितने गंदे है आप फिर सुरु हो गये
अभय हस्ते हुवे - मेने सही तो कहा
दिशा शर्मा के - हा बाबा वो सब भी होगा अब खुश यही सुनना था ना
अभय मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन खुल कर बोलो मजा नही आया
दिशा - छी गंदे मे नही बोलुगी
अभय - तो मे रूठ जाउंगा
दिशा शर्म से - चुदाई अब खुश
अभय हस्ते हुवे - हा अब सही है

20 मिनट दोनो मे बाते होती रहती है फिर फोन कट

अभय फोन रख बिस्तर पे लेत छत को देखते हुवे अपने आने वाले लाइफ के बारे मे सोचने लगता है

तभी अभय का फोन बजता है

अभय फोन लेते हुवे - अब किसका फोन आया है
अभय नंबर देखता है तो मुस्कुरा देता है

अभय - हा बुवा बोलिये
काजल - सो गया क्या
अभय - नही आपको याद कर रहा था देखिये आपका फोन आ गया
काजल हस्ते हुवे - मुझे कियु याद कर रहा था हा
अभय - बस दिल ने कहा याद कर लू वैसे सब सो गये क्या
काजल - हा सब सो गये है
अभय - तो आप कमरे मे है
काजल - नही रे पीछे खटिये पे लेती हु
अभय - अच्छा फूफा देखेंगे तो बोलेंगे मेरी बीवी किसने बात कर रही है
काजल हस्ते हुवे - शैतान उनको पता है
अभय - अच्छा ये बात है
काजल - ये बता सब कैसे है
अभय - सब अच्छे है
काजल - वहा जीतने दिन रही तेरे साथ बहोत मजा आया
अभय मुस्कुराते हुवे - मुझे भी बुवा आपको बाहों मे लेके किस करने मे बहोत मजा आता था
काजल सर्म से लाल - तु भी ना
अभय - काश मे वहा होता अभी तो
काजल तेज सासे लेके - तो
अभय - तो आपके उपर आके आपके होठो का रस पिता और आपके साथ पूरी रात सोता बाहों मे लेके

काजल की सासे और तेज हो जाती है चूचे उपर नीचे होने लगते है काजल अपने पैर पे पैर चढ़ा के तेज सासो के साथ - अच्छा जी
अभय - बिल्कुल बहोत मजा आता है ना
काजल शर्मा के - मुझे किया पता
अभय - जब मोक्का मिलेगा तो देख लीजियेगा
काजल -शैतान
अभय - बुवा एक किस्सी दो ना
काजल शर्मा के- फोन पे कैसे किस्सी दुगि
अभय - उम्मा ऐसे
काजल सर्म से हस्ते हुवे - उम्मा ऐसे
अभय हस्ते हुवे - हा ऐसे ही
काजल - तु ना बहोत बिगर गया है
अभय मुस्कुराते हुवे - आपकी जैसी हॉट बुवा मिलेगी तो बिगर जाउंगा ही
काजल बहोत शर्मा जाती है
काजल - अच्छा ये बात है
अभय - अच्छा बुवा रात 12 बज गये सो जाइये नही तो फूफा जी को अकेले नींद नही आयेगी
काजल सर्म से - बहोत मार खायेगा
अभय हस्ते हुवे - गुड नाइट हॉट बुवा
काजल हस्ते हुवे - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल कमरे मे जाते हुवे मुस्कुराते हुवे - शैतान

अभय भी फोन रख सो जाता है

सुबह हो जाती है आसा अभय को अभय अदिति को जगाने के बाद अभय हल्का होके जोगिग करने के बाद विजय के घर आ जाता है

अभय अंदर जाता है तो देखता है कोमल चावल पानी से धो रही थी अभय मुस्कुराते हुवे - देखो तो आज कल बंदरिया भी चावल धोने लगे है

काजल पीछे मुर अभय को देख देख गुस्से से - देख बंदर बहोत मारुगी तुझे
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा मुझसे जीत नही पायेगी तो मारेगी कैसे
कोमल चावल रख गुस्से से अभय के पास आके एक मुक्का अपने के पेट मे मारती है लेकिन अभय रोक लेता है और कोमल को बाहों मे कस के पकर लेता है

कोमल खुद को अभय के बाहों मे पाके बहोत शर्मा जाती है

कोमल अभय को देख - छोर मुझे नही तो अच्छा नही होगा

अभय कोमल के चेहरे को पकर प्यार से देख - रोज तुझे देखता हु लेकिन आज इतने पास से तुझे देख रहा हु तो तुम सच मे बहोत खूबसूरत हो

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अभय की बात सुन कोमल शर्मा के - क्या बात हो आज बरी तारीफ कर रहा है कोई किस नही मिलेगी
अभय कोमल को छोरते हुवे - मेने तो सच कहा
कोमल सर्म से जाके खाना बनाने लगती है

तभी विजय उबासी लेते हुवे आता है और अभय को देख - भाई
अभय विजय को देख - खूब नींद ले रहा है
विजय डरते हुवे - नही भाई वो तो
मिनिता आते हुवे - नही तो क्या हा देख अभय बेटा सुबह रोज उठ जोगिग करते हुवे आता है और तु सोता रेहता है

विजय मासूम चेहरा बना के - भाई के अंदर बहोत ताकत है मेरे अंदर नही है
मिनिता - कितना नाटक करता है
विजय खेत की तरफ जाते हुवे - मे जा रहा हु आप बाते करो

विजय चला जाता है

अभय मिनिता को देखता है मिनिता अभय को

अभय मिनिता को बाहों मे लेके - गुड मोर्निंग ऑन्टी
मिनिता अभय को देख - गुड मोर्निंग बेटा
अभय मिनिता के कान मे धीरे से - गीली किस्सी मिलेगी
मिनिता बहोत शर्मा जाती है और धीरे से - ना एक बार के लिये था
अभय - अच्छा चलेगा
मिनिता कमरे मे जाने लगती है गांड हिलाते हुवे और दरवाजे पे जाने के बाद अभय को देख आने का इसारा करती है अभय ये देख बहोत खुश हो जाता है और जल्दी से कमरे मे जाता है



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अभय अंदर जाता है मिनिता सर्म से नजरे नीचे किये खरी थी अभय मिनिता के पास जाके खरा हो जाता है और मिनिता के कमर पकर पुरा चिपका देता है मिनिता उफ करती है दोनो एक दूसरे से चिपके हुवे थे अभय मिनिता के होठो को देखता है

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अभय फिर मिनिता के चेहरे को पकर किस करना सुरु कर देता है अभय जोरों सोरों से मिनिता के होठो जिब को मुह मे लेके चूसने लगता है मिनिता भी अभय को बाहों मे पकर अभय के होठो जिब चूसने लगती है दोनो एक दूसरे का लार 3 मिनट तक पीते है फिर अलग होते है

अभय अभी भी मिनिता को बाहों मे पकरे था मिनिता के चूचे चुत कि गर्मी फिल कर रहा था मिनिता सर्म से लाल हुवे खरी अभय को देखती है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - मेरी हॉट ऑन्टी क्या रोज गीली किस्सी मिलेगी मुझे क्या है ना मुझे आपके होठ जिब चूस कर पीने मे बहोत अच्छा मिठा लगता है बोलिये ना

अभय की बाते मिनिता की सासे तेज कर देती है मिनिता सर्म से लाल हुवे धीरे से - सोचुगी
अभय मुस्कुराते हुवे - आज का किस्सी कैसा लगा आपको
मिनिता सर्म से - अच्छा लगा
अभय - मिठा
मिनिता - हा
अभय - थैंक्स आप बहोत अच्छी है

अभय फिर मिनिता को छोर बाहर आ जाता है मिनिता बिस्तर पे बैठ सर्म से जोर जोर से सासे लेने लगती है

अभय जाते हुवे - जा रहा हु बंदरिया
कोमल गुस्से से - जा ना तो रोका किसने है बंदर

अभय मुस्कुराते हुवे घर आ जाता है


आरोही के घर

टीनू आरोही कमरे मे बैठे बाते कर रहे होते है


टीनू - पापा ने क्या कहा सादी कब कर रही हो
आरोही मुस्कुराते हुवे - बहोत जल्द
टीनू - और अभय अदिति का क्या सोचा है
आरोही गुस्से वाले फेस के साथ- सब रेडी है कैसे क्या करना है प्लान हो चुका है
टीनू - अभय बारात लेके जायेगा घर मे सब लेडिस ही होगी उसके रिश्ते डार भी कई लोग होगे उसका क्या करुगी

आरोही टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - म कई लोग होगे कोन कोन होगे कितने होगे वो भी पता है मुझे
टीनू मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है कही सब को उठाने का प्लान तो नही कर रही ना
आरोही शैतानी हसी हस्ते हुवे - हा सही कहा अदिति के चुत के साथ कई चुत मिलेगी सब को कैद मे रखेगें फिर रोज भाई तुम और वे मजे करना कैसे क्या करना है प्लान रेडी है बस इंतज़ार है उस दिन का

टीनू आरोही को पकर बिस्तर पे लेता के आरोही के ऊपर आखे - अभी मुझे तेरी चुत चाहिये आरोही
आरोही हैरान टीनू को देख - ये तुम क्या कर रहे हो हटो मेरे उपर से
टीनू आरोही के चूचे और एक हाथ पीछे ले जाके चुत दबाने लगता है आरोही सिसकिया लेते हुवे - टीनू मत कर प्लेस

टीनू नही रुकता और जोर जोर से चूचे चुत को 2 मिनट तक मसलते रेहता है आरोही गर्म हो जाती है टीनू मोक्का देख आरोही के के नीचे के पैंट निकाल नँगा कर देता है और खुद नीचे से नँगा हो जाता है

आरोही टीनू को देख - मत कर

टीनू मुस्कुराते हुवे - प्लेस टांगे फैलाओ ना
आरोही टीनू को देख टांगे फैला देती है
टीनू अपना लंड आरोही के चुत मे घिसने लगता है आरोही बिस्तर पे सिसकिया लेने लगती है

टीनू एक जोर का धक्का मार पुरा लंड आरोही की चुत मे घुसा देता हो आरोही दर्द मे आसु लिये - मर गई धीरे घुसाना था ना
टीनू तेज धक्का मारते हुवे - मेरी जान मेरी मजा तेज धक्का मारने से आता है

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आरोही दर्द मे उफ हा धीरे टीनू आह दर्द हो रहा है टीनू अपना लंड आरोही की चुत मे पेले जा रहा था आरोही आसु लिये हर धक्के और लंड अपनी चुत मे आते जाते दर्द मे मजे ले रही थी 9 मिनट बाद आरोही उफ टीनू मेरा आने वाला है टीनू ठीक है टीनू तेज धक्का मारता है आरोही कापते हुवे मा निकल गया

टीनू आरोही की चुत मार पैंट पेहन लेता है आरोही खरी होके कपड़े पेहन कर टीनू को देख - मार ली ना मेरी चुत
टीनू आरोही के चूचे दबा के - मजा तूने भी तो लिया नही तो तेरी चुत पानी नही छोरति

आरोही - हा आया मजा अब जा यहा से
टीनू जाते हुवे - ठीक है बाय

आरोही अपनी चुत सेहलाते हुवे - मुझे अब लंड लेने की आदत पर गई है चुत मे खुजली होती रहती है


अभय मधु के घर आ गया था और सिला मधु से बैठ बाते करने लगता है 20 मिनट बाते कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता काजल आते है आगन मे बैठ सभी बाते करने लगते है

कोमल अभय को देख - ओये बंदर सादी के भोज मे किया खिलायेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया चिंता मत कर गाव वालो अच्छे से खिलाया जायेगा
कोमल - हा हा अपनी सादी मे इतना करेगा ही
अभय - चिंता मत कर तेरी सादी मे भी गाव वालो को अच्छा भोज खिलाया जायेगा
कोमल -तु हमेसा मेरे पीछे कियु परा रेहता है सादी के लिये
अभय मुस्कुराते हुवे - अब नही तो बुढी होने के बाद सादी करेगी
कोमल गुस्से से - तुझे तो मे

मिनिता आसा अदिति दोनो की बहस लराइ देख मजे ले रहे थे और दोनो को देख हसने लगते है

मिनिता हस्ते हुवे - सही तो कहा अभय बेटे ने
कोमल मुह फुला के - आप सब उसी के साइड है मुझे पता है
आसा हस्ते हुवे - वो तो हम है ही

फिर सभी बाते करने लगते है अभय कमरे मे आ जाता है कियुंकी लेडिस बाते करने मे लग गई थी

30 मिनट बाद

मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता को देख बहोत खुश हो जाता है अभय मिनिता के पास जाके मिनिता को बाहों मे कस लेता है मिनिता उफ करती है

अभय मिनिता को देख - थैंक्स ऑन्टी आने के लिये

असल मे अभय कमरे मे जाते वक़्त मिनिता को इसारे से कमरे मे आने के लिये कहा था अभय को लगा नही था मिनिता आयेगी लेकिन आ गई

मिनिता अभय को देख सर्म से - बेटा कोई देख लेगा तो
अभय मिनिता को देख - तो क्या मे तो रोज आपको बाहों मे लेता हु
मिनिता शर्मा के - लेकिन मुझे अजीब लगेगा
अभय - तो किया मे आपको किस करू गीली वाली

मिनिता सर्म से अपना होठ खोल देती है अभय समझ कर किस करना सुरु कर देता है दोनो एक दूसरे को पकरे जिब होठ चूस कर मजे से पीने लग जाते है ( अभय -ऑन्टी को बाहों मे लेके होठो के रस पीने मे मुझे बहोत मजा आने लगा है उफ ऑन्टी का लार बहोत मिठा है

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मिनिता अभय के जिब चूस लार पीते हुवे मन मे - मुझे अब अभय बेटे के जिब चूस लार पीने मे मजा आने लगा है मे अपने आप को रोक नही पाती लेकिन किस ही तो है मजा भी बहोत आता है उफ 2 मिनट बाद

अभय मिनिता को देख अपना जिब होठ मे फेरते हुवे - बहोत मिठा है रोज की तरह मजा आ गया ऑन्टी आपके मीठे लार चूस कर पीने मे

मिनिता सर्म से लाल - मुझे भी अब जाना होगा बेटा
अभय मिनिता को छोर - ठीक है चलिये

अभय मिनिता बाहर आते है फिर मिनिता कोमल घर चले जाते है

अभय अपनी मा के साथ कमरे मे आ जाता है

आसा अभय को देख - बेटा आगे मुह कर के खरा हो जा
अभय आगे मुह कर खरा हो जाता है

आसा सारी निकाल नाइटी पेहन कर बिस्तर पे बैठ - ठीक है आजा
अभय आसा के पास जाके आसा को पकर बिस्तर पे लेता है आसा के ऊपर लेत जाता है आसा भी प्यार से अभय के बाल सेहलानें लगती है

अभय - डार्लिंग मा
आसा - हा मेरे लाल
अभय - बुवा ने फिर मुझे कहा मे लेने आउ
आसा - वो शैतान कब कहा आने के लिये
अभय - सादी के 10 दिन पहले कहा लेने आने के लिये
आसा - तब ठीक है जाके ले आना उसके बाद बहोत काम करने है सादी की सब खरीदारी करनी है
अभय - हा इस लिये मेने सोचा है बुवा को लेने साम को जाउंगा फिर सुबह बुवा को लेके आ जाउंगा उसी साम हम सब खरीदारी करने चलेंगे
आसा - हा ये अच्छा रहेगा
अभय आसा को देख - कल डांस करने मे मजा आया
आसा थोरा शर्मा के - हा बहोत आया
अभय - आपको पता है मे ना आपको साथ एक बार बारिस मे नहाना डांस करना चाहता हु लेकिन बारिस ही नही हो रही
आसा सर्म से हस्ते हुवे - अच्छा बदमास यही सब चलता हो तेरे दिमाग मे 1
अभय आसा के होठो मे किस करते हुवे - मे हो आपके साथ हमेसा डांस करना चाहता हु मेरी हॉट मा बोलिये बारिस मे डांस करेगी ना
आसा अभय को देख शर्मा के - जरूर करेगी
अभय - अब तो मुझे बारिस का इंतज़ार रहेगा अच्छा मा गुड नाइट
आसा - गुड नाइट बेटा

अभय कमरे से निकल आता है आसा मन मे शर्मा के - बारिस मे डांस लाला भी ना क्या किया सोचता रेहता है

अभय अदिति के कमरे मे अदिति को बाहों मे लेके - तुझे किया चाहिये मतलब सादी मे किया पेहनोगी
अदिति अभय से चिपक अभय को देख मुस्कुराते हुवे - उसी दिन देख लेना मे नही बताने वाली
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है मधु भी मिली होगी
अदिति मुस्कुराते हुवे - मधु कोमल पूजा तीनो
अभय - अच्छा तो तुम लोगो मे अपना ग्रोप् बना लिया है
अदिति हस्ते हुवे - आपने सही कहा भाई
अभय - चलो ये भी अच्छा ही है
अभय अदिति के गाल पे किस करते हुवे - गुड नाइट गुरिया
अदिति अभय के गाल पे किस कर - गुड नाइट भाई

अभय अपने कमरे मे आ जाता है अदिति कोमल से बाते करने लगती है

अभय दिशा को फोन करता है

पूजा - हैलो ठरकी जीजा जी
अभय - ओये ठरकी किसे बोला याद है ना उस दिन का चाटा या भूल गई
अभय की बात सुन पूजा के गांड फिर दर्द करने लगते है
पूजा - याद है और उसका बदला लेके रहूगी
अभय हस्ते हुवे - बरी आई बदला लेने वाली
पूजा गुस्से से - देख लेना आप
दिशा पास मे ही बैठी थी

दिशा - इसी लिये फोन लिया था ना दे
पूजा दिशा को फोन देते हुवे - हा लीजिये मुझे भी ठरकी जीजा से बात करने का कोई सॉक नही है ( पूजा फिर चली जाती है

अभय - तुम्हारी बेहन बहोत गुस्से वाली है लेकिन प्यारी भी
दिशा - अच्छा जी मेरी बेहन से दूर रहियेगा समझ गये
अभय मुस्कुराते हुवे -समझ गया वैसे भी मेरी बीवी किसी से कम है क्या
दिशा सर्म से - वो तो है
अभय - किया किस्मत है एक बार डाला अब इतना इंतज़ार करना पर रहा है
दिशा अभय की बात समझते हुवे सर्म से लाल - गंदे पति फिर सुरु हो गये छी छोटकी सही केहती है आप ठरकी के साथ बहोत बेसर्म है
अभय - लो भाई तुम भी सुरु अरे मे अपनी बीवी से हि तो केह रहा हु ना
दिशा - हा लेकिन आपकी हर बाते गंदी ही होती है
अभय हस्ते हुवे - अच्छा जैसे तुम्हे सुनने मे मजा नही आता
दिशा कुछ नही केहती
अभय हस्ते हुवे - बोलो चुप कियु हो
दिशा सर्म से - बस भी करिये बहोत सर्म आ रही है

10 मिनट ऐसे ही बाते करते है फिर फोन कट

तभी काजल का फोन आ जाता है अभय मुस्कुराते हुवे

अभय - हॉट बुवा बोलिये
काजल - किसने बाते करने मे लगे हुवे थे होने वाली बीवी से
अभय हस्ते हुवे - तो किससे बात करुगा बुवा
काजल - मुझे लगा कोई और भी होगी
अभय - है ना
काजल हैरान सॉक से - क्या कोन है वो
अभय हस्ते हुवे - आप है ना बुवा डार्लिंग
काजल हैरान झूठा गुस्से मे - क्या शैतान बहोत मार खायेगा
अभय हस्ते हुवे - प्यार मिलेगा तो मार भी खा लुगा
काजल - बहोत शैतान होते जा रहा है
अभय - हा वो तो है कहा है घर के पीछे
काजल - हा सही कहा
अभय - मे आउ प्यार करेगे
काजल सर्म से - मुझे नही करना दिशा बहु है तो
अभय - आपकी बात अलग है बुवा डार्लिंग
काजल - मे कब तेरी डार्लिंग हो गई
अभय - आज अभी से
काजल - अच्छा जी मेरे पूछे
अभय - तो अब पूछ लेता हु बनेगी मेरी डार्लिंग
काजल सर्म से - डार्लिंग केहता है चलेगा लेकिन सब के सामने नही अजीब लगेगा सब को
अभय मुस्कुराते हुवे - जैसा आप कहे अकेले लेती है मे भी होता वहा तो दोनो साथ मे सोते
काजल हस्ते हुवे - जब आयेगा तो सो लेना उसमे क्या है
अभय - सच लेकिन फूफा कहेगे पीछे बुवा भतीजा कियु सो रहे है तो
काजल हस्ते हुवे - पागल कुछ नही कहेगे वैसे भी गाय ने बच्चा दिया है तो देखने के लिये मे तेरे फूफा भाई सोते है एक एक रात कर के

अभय - अच्छा ये बात है ठीक है फिर आऊगा तो आपसे चिपक कर सोउंगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा बाबा सो लेना
अभय प्यार से - बुवा किस्सी
काजल - उम्मा
अभय - बहोत मिठा है गीली वाली मिलेगी तो और मजा आयेगा
काजल हस्ते हुवे - तु तो गीली किस्सी के पीछे पर गया है
अभय - परुगा ही इतनी हॉट बुवा की किस्सी कोन छोरेगा
काजल सर्म से - बदमास
अभय - गुड नाइट बुवा डार्लिंग
काजल - गुड नाइट बेटा

फोन कट

काजल लेते हुवे मन मे - कितना शैतान हो गया है बाते भी ऐसी करता है क्या बोलू मे

काजल फिर कमरे मे आ जाती है

( 8 दिन बाद )

चलो जान लेते है इस 8 दिन मे क्या किया हुआ है

आरोही रण्डी बन चुकी थी भाई उदय से रोज चुदवाती है टीनू ने इस 8 दिन मे आरोही को 2 बार और चोदा

उदय आरोही के पिता जगमोहन को पूरी तरह से अपने जैसा गिरा कमीना बना दिया उदय जगमोहन को रोज नया माल चुदाई करने को देता है दोनो मजे करते रहते है

अभय रोज की तरह रात को मा से प्यारी बाते करता रेहता है इस 8 दिन मे अभय ने अपनी मा के साथ दो बार और डांस किया यानी रोज रात को अभय जैसा करता है या होता आ रहा है मा से बात करना गुड नाइट बोलना फिर अदिति को गुड नाइट बोलना

अभय जब सोने जाता है तो रोज की तरह दिशा कभी कभी सासु मा पूजा से भी बात करता लेता था उसके बाद काजल से फिर सुबह मिनिता के पास जाना किस करना फिर टाइम निकाल मधु सिला से मिलने जाना

यानी अभय को रोज का जो था वैसा ही चलता रहा

लेकिन अभय मिनिता काजल के बीच थोरा सब आगे बढ़ गये थे जिसका अन्दाज़ा ना अभय मिनिता काजल को था

कितना आगे आपको पता चल जायेगा


9 दिन सुबह हो चुकी थी

यानी कल अभय काजल को लेने जाने वाला था

और आज से अभय के सादी के 11 दिन बचे थे



आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त लाजवाब और शानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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chapter 29

सुबह हो चुकी थी आसा अभय को उठाती है अभय अदिति को फिर हल्का होना जोगिग रोज का जो अभय की लाइफ मे चल रहा है

अभय जोगिग करने के बाद रोज की तरफ मिनिता के घर जाता है कोमल खाना बना रही थी अभय अंदर जाता है और कोमल के फिर मजे लेना सुरु कर देता है

अभय कोमल को देख - बंदरिया आज किया बना रही है
कोमल अभय को देख गुस्से से अभय के पास आके - तु मुझे हमेसा बंदरिया मत कहा कर समझ गया

अभय कोमल के कमर पकर अपने से सता लेता है कोमल आह करते हुवे अभय के सीने से चिपक जाती है कोमल के टाइट बरे चूचे अभय के सीने से दबे हुवे थे


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अभय कोमल को देख मुस्कुराते हुवे - तो क्या कहु
कोमल अभय की बाहों मे समाये - कुछ और भी बोल सकता है
अभय सोचते हुवे - हु डार्लिंग बोलू तो चलेगा

बस किया कोमल का एक मुक्का अभय के पेट मे अभय दर्द से पेट पकरे - मर गया है मार दिया बंदरिया ने

कोमल गुस्से से अभय को देख - बरा आया डार्लिंग कहने वाला

कोमल फिर खाना बनाने बैठते हुवे - यही तेरी सजा है बंदर

मिनिता पीछे गाय के चारे देकर आते हुवे अभय को पेट पकरे खरे देख - क्या हुआ बेटा तुझे पेट पकरे कियु खरा है

अभय मिनिता को देखता फिर कोमल को देखते हुवे - कुछ नही ऑन्टी एक बंदरिया ने मारा है

कोमल गुस्से से अभय को घूर के देखती है वही मिनिता समझ जाती है ये दोनो का रोज का है

अभय मिनिता को देखता मिनिता अभय को दोनो की आखे नजरे एक दूसरे से जैसे कुछ केहना चाह रही हो लेकिन क्या दोनो को नही पता था

मिनिता कमरे मे जाते हुवे - अभय बेटा अंदर आ कुछ बात करनी है
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता कमरे मे आके बिस्तर पे बैठ जाती है

अभय अंदर आता है तो मिनिता को देखता है मिनिता बाल हाथो से सही कर रही थी नजरे भी थोरा नीचे किये हुई थी मिनिता के ब्लाउस मे कैद दोनो चूचे मे से एक थोरा दिख रहा था कमर सारी से धका हुवा था लेकिन वो भी थोरा दिख रहा था

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मिनिता बहोत खूबसूरत हॉट औरत थी इस उमर मे भी बॉडी कयामत थी उजले दूध जैसे रंग बॉडी सेप् कोई भी मिनिता को देख उसे पाना चाहेगा ये अपने आप को कोसेगा उसकी बीवी इतनी खूबसूरत कियु नही है
अभय मिनिता को अच्छे से देखता है और पास जाके बैठ जाता है दोनो बैठे थे लेकिन कोई कुछ नही केह रहा था


अभय मिनिता के को देखता है और मिनिता को पकर बिस्तर पे लेता देता है मिनिता बिस्तर पे लेत तेज सासे लिये अभय को सर्म से देखने लगती है अभय मिनिता के ऊपर आके लेत जाता है और मिनिता को देखने लगता है मिनिता अभय को देखने लगती है

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अभय - जब से आपके होठो का रस पीने लगा हु मुझे आपके होठो का रस पीने की आदत हो गई है ( मिनिता नीचे लेती अभय को सर्म से देखे जा रही मिनिता के अंदर कुछ हो रहा था हचल जैसा

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अभय झुक के मिनिता के गर्दन गाल पे किस करने लगता है अचनाक् इस हमले से मिनिता के शरीर काप् उठती है मिनिता के मुह से सिसक् एक कामुक् आवाज निकल जाती है मिनिता के लिये ये अजीब नया अलग एहसास था जो मिनिता को बैचन् और दिल मे हलचल बचा रहा था

मिनिता अभय को कापते आवाज मे - बेटा कोई आ जायेगा ऐसा मत कर ये मुझे सही नही लगता

अभय रुक कर मिनिता की आखो मे देखता है और अपना होठ मिनिता के होठ की तरफ दे जाने लगता है मिनिता ये देख उसके होठ अपने आप खुल जाते है अभय मिनिता मे होठ मुह मे लेके चूसने लगता है

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मिनिता भी अभय को बाहों मे कस किस करने लगती है दोनो फिर जोर सोर से एक दूसरे के होठ जिब मुह मे लेके चूस कर रस पीने लगते है 2 मिनट तक दोनो एक दूसरे का रस मजे से पीते है

मिनिता तेज सासे लेते हुवे अभय को शर्मा के देखने लगती है अभय मिनिता की आखो मे देख - रोज की तरह आज भी आपके होठो का रस पीके मजा आ गया
मिनिता सर्म से नजरे नीचे कर - तुम भी ना बेटा
अभय - आपको मजा नही आता
मिनिता सर्म से - आता है तभी को करती हु

अभय मिनिता की आखो मे देख - एक बात कहु बुरा मत मानियेगा
मिनिता - बोलो नही मानुगी
अभय - क्या आप मेरे साथ कभी घूमने चलेगी
मिनिता बहोत हैरान सॉक से अभय को देखती है फिर सांत आवाज मे

मिनिता हस्ते हुवे - ये कहने के लिये इतना डर रहे थे मे चलुंगी लेकिन कहा लेके जाओगे मुझे
अभय मिनिता के गाल पे किस करते हुवे - जब जाना होगा बता दुगा

अभय मिनिता के ऊपर से हट नीचे खरा हो जाता है मिनिता भी बिस्तर से खरी होके अपने बाल सारी सही कर लेती है

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ऑन्टी अब मे जाता हु
मिनिता अभय को देख - ठीक है बेटा


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अभय कमरे से बाहर आ जाता है मिनिता आईने के सामने खरी होके अपने होठो पे लिबिस्टिक लगाते हुवे - रोज आता है और मेरे लिबिस्टिक को चाट जाता है

अभय कोमल के पास आके - ओये बंदरिया मे जा रहा हु एक किस तो देदे

कोमल अभय के सामने खरी होके अभय को देख - दे दुगी लेकिन बंदरिया आज से नही कहेगा

अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ठीक है किस के लिये मे कुछ भी कर सकता हु

कोमल - हा मुझे अच्छे से पता है


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कोमल अभय के होठो पे किस कर थोरा शर्मा के - अब बंदरिया मत बोलना समझ गया

अभय मुस्कुराते हुवे कोमल को देख - मजा नही आया कुछ फिल नही हुवा गीली वाली किस्सी दे देती तो मजा आ जाये

तभी फिर एक लात अभय के गांड पे जोर से परती है

कोमल - बरा आया गीली किस्सी चाहिये कमीना बंदर

कोमल की लात खाने के बाद अभय लरखराते हुवे आगे जाके मैन गेट को पकर अपने आप को गिरने से बचा लेता है फिर पीछे कोमल को देख - कितनी बुरी है एक गीली किस तो मांगी थी

कोमल गुस्से से अभय की और भागती है अभय फुर घर की तरफ भाग निकलता है

मिनिता कोमल के पास आते हुवे - कियु बेचारे को मारती रहती है
कोमल मिनिता को देख - वाह आ गई बंदर के पक्च लेने वाली समझ नही आता आप अपनी बेटी की तरफ ना होके हमेसा उस बंदर का साथ देती है

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बंदर बहोत मस्ती करता है लेकिन दिल का बहोत अच्छा है

कोमल खाना बनाने बैठते हुवे - हा हा समझ गई

अभय घर की तरफ जाते हुवे अपने गांड को सेहलाते हुवे - लरकी होके उसकी किक मे बहोत धम है मेरे बम का धम निकाल देती है बहोत गुस्से वाली भी है लेकिन दिल की बहोत अच्छी भी है


अभय घर आके नहा के कमरे मे रेडी होने लगता है रेडी होने के बाद अभय आसा के कमरे मे जाता है आसा अलमारी मे कपड़े रख रही होती है अभय पीछे से जाके आसा के कमर को पकर लेता है आसा हैरान पीछे मूर अभय को देख मुस्कुरा देती है

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अभय आसा को अपनी तरफ घुमा के आखो मे देख - मेरी डार्लिंग मा आपके खूबसूरत मुस्कुराते चेहरे को देखता हु तो मेरा दिल खुशी से झूम जाता है ( आसा अभय को प्यार से होठो पे किस करते हुवे - और मुझे अपने लाला को देख खुशी मिलती है


अदिति अंदर आते हुवे अभय आसा को देख मुह लटका के - हो गया आप दोनो का तो चल के खाना खा लीजिये

आसा अभय एक दूसरे को मुस्कुराते हुवे देखते है

आसा अभय बाहर आते है तीनो बैठ खाना खाने लगते है लेकिन अदिति चुप चाप मुह लटकाये खाना खा रही थी अभय अदिति को देख मुस्कुराते रेहता है आसा भी

खाना हो जाने के बाद अदिति कमरे मे जाके बिस्तर पे लेत जाती है अभय भी अदिति के कमरे मे आ जाता है


अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - किया हुआ गुरिया इधर आओ उदास कियु है मुझसे नाराज हो

अदिति अभय को देखती है फिर अभय के पास आके खरी होके मुह लटका के - नही तो मे भला कियु नाराज होगी आपसे

अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देख - तु मेरी जान है और तुझे मे नाराज दुखी नही देख सकता (अभय अपना चेहरा अदिति के चेहरे से सता के ) समझ गई गुरिया मेरी

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दोनो का सर नाक एक दूसरे से सता हुवा था सासे भी एक दूसरे से टकरा रही थी ( अदिति तेज सासे लेके - जानती हु भाई आप मुझसे बहोत प्यार करते है

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अभय अदिति के चेहरे को पकर आखो मे देखता है अदिति भी अपने भाई के आखो मे देखती है अभय अपना होठ अदिति की तरफ ले जाने लगता है अदिति भी इसके लिये तैयार हो जाती है

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फिर दोनो के होठ एक दूसरे से मिल जाते है अदिति के रोये खरे हो जाते है दिल कुछ पल के लिये रुक जाता है ये एहसास अदिति के लिये नया लेकिन बहोत प्यारा खूबसूरत पल था दोनो भाई बेहन एक दूसरे को पकर एक दूसरे के होठ को मुह मे लेके चूस कर अलग हो जाते है

फ्रेच किस नही था बस थोरा ना लेकिन अदिति को यही चाहिये था कियुंकी अदिति को पता था आसा सब भाई को प्यार से किस देते है भाई किस करता है लेकिन उनके बीच नही होता इसी लिये अदिति उदास थी अदिति को लगा अभय अब उससे प्यार नही करता इस लिये नाराज थी और ये बात आसा अभय जानते थे

ये किस मे कोई हवस नही था सिर्फ प्यार था बाहर के लोगो के लिये ये अजीब होगा लेकिन अभय आसा की लिये प्यार दिखाने जताने का तरीका है इसी वजह से आसा अदिति अभय सब के बीच बाकी मा बेटे भाई बेहन से जायदा इसके बीच प्यार है

भले ही आगे कुछ और हो जाये फिल्हाल सिर्फ प्यार है

अपने भाई की तरफ से पहला प्यार वाला किस अदिति के अंदर खुशी की लहर ला देती है अभय अदिति को बाहों मे लेके - अब खुश
अदिति अभय को कस के पकर -बहोत खुश आप मेरे दिल की सब बाते समझ जाते है
अभय मुस्कुराते हुवे - प्यारी गुरिया है तू मेरी कैसे कैसे नही जानुगा

अभय - अच्छा अब मुझे कुछ काम करने जाना है
अदिति अलग होके मुस्कुराते हुवे - जी भाई

अभय मुस्कुराते हुवे कमरे से बाहर आता है आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - नाराजगी खतम हुई की नही तेरी गुरिया की
अभय मुस्कुराते हुवे - मेरे होते हुवे कैसे नही होगी
आसा मुस्कुराते हुवे - ये भी सही कहा लाला
अभय - अच्छा मा मे काम से जा रहा हु
आसा - ठीक है बेटा

अभय विजय को फोन कर बुलाता है और दोनो साथ मे बाते करते हुवे अभय अपने ठिकाने पे पहुँच जाता है

अभय अंदर जाता है तो विजय आगे था

विजय तेज आवाज मे - बॉस आ रहे है

विजय की बात सुन अंदर अभी 53 लोग थे विजय अभय को देख सभी अपनी जगह मे सांत एक पीछे हाथ कर खरे हो जाते है

अभय जाके अपनी कुर्सी पे बैठ जाता है विजय अभय के पीछे पास हाथ पीछे किये सांत खरा हो जाता है एक राइट हैंड जो था अभय का


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अभय अपने बॉस वाले सिहासन पे बैठा हुआ था तभी अभय पास टेबल पे रखी गन देख उठा कर हाथो मे लेके देखने लगता

अभय फिर मारिया को देख - मारिया लरकियों का क्या हाल है
मारिया -बॉस जैसा आपने कहा था 12 राजी है बाकी नही
अभय - अच्छा कोई बात नही 12 जो राजी है उन्हें रेडी करो बाकी को अपने इक्छा से जो करना है करने दो

मारिया - जी बॉस

अभय गनटेबल पे रख सभी के सामने खरे होके सभी को देख - हम असेसन् है कुछ नियम कानून हमारे बीच होने चाहिये बाकी हम एक परिवार है तुम सब याद रखना तुम सब आज़ाद भी हो जिसको जब जाना हो जा सकता है दूसरा कोई भी मदद की जरूरत हो तो तुम सब मारिया विजय को बोलो अगर मुझसे मदद चाहिये तो तो भी मे करुगा अभी हमारे कई भाई बेहन यहा नही है लेकिन जल्दी ही आ जायेंगे
तो अपना काम अच्छे से करना कोई कुछ केहना चाहता है

सभी एक साथ तेज आवाज मे - बॉस हम आपके साथ है हर कदम पे मरते दम तक

अभय सभी को देखते हुवे - सुन कर अच्छा लगा लेकिन मे तुम सब मे से किसी को खोना नही चाहता इस लिये हम जो भी करेगे सावधानी से करेगे ठीक है अपने काम पे लग जाओ

अभय के कहते ही सभी अपने काम पे लग जाते है

मारिया सीधा आके अभय से चिपक जाती है
विजय गुस्से से - मारिया ये क्या हरकत है अपनी आदत बदलती कियु नही
मारिया विजय को देख - कैप्टन में किया करू बॉस को देखते ही अपने आप को रोक नही पाती

विजय - तुम पागल

अभय विजय को देखता है विजय चुप हो जाता है

अभय मारिया को दूर करते हुवे - मारिया जैक कभी आ रहा है
मारिया - जल्दी ही
अभय - अच्छा और हा मेरी सादी होने वाली है ये हरकत मेरी बीवी के सामने मत करना नही तो तुम या मे एक मरेगे
मारिया मुस्कुराते हुवे - तो बॉस को भी किसी से डर लगता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बीवी के आगे किसी की नही चलती

अभय विजय को देख - ठीक है आगे तुम देखो मे जा रहा हु
विजय - जी बॉस

अभय बाहर आके बाइक लेके मधु के घर आता है 1 बज गये थे

अभय सिला के कमरे मे जाता है सिला बिस्तर पे लेती हुई थी लेकिन टांगे पसारे मोटे उजले जान्धे फैले अंदर तक दिखाई दे रहे थे बस और थोरा उपर होता सारी पेटीकोट को अंदर का गुफा दिख जाता

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अभय सिला को इस तरह पहली बार देख रहा था अभय की नजरे सिर्फ सिला के मोटी उजले जन्धो मे और अंदर के होल को ही देख रही थी अभय को अजीब हलचल होती

अभय सिला के बिस्तर पे जाते लेत सिला को बाहों मे भर लेता है सिला हैरान सॉक जाती है अभय मे हु मा

सिला अभय की तरफ देख मुस्कुराते हुवे - शैतान डरा दिया तूने
अभय सिला के ऊपर आके आखो मे देख - पापा या मेरे अलावा कोन आपको ऐसे पकरता है
सिला सर्म से - हा ये तूने सही कहा

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अभय सिला के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत हॉट है
सिला सर्म से अभय को देख - ये तो रोज केहता है
अभय सिला के आखो मे देख - और हमेसा केहता रहुंगा
सिला मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा कहते रहना

अभय- गुरिया अपने कमरे मे है क्या
सिला - हा
अभय मुस्कुराते हुवे - मा मुझे आपके ढोरी पे किस करना है
सिला सर्म से अभय को देख - कर ले ना तो


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अभय मुस्कुराते हुवे सिला के पेट से सारी हटा देता है सिला सर्म से तेज सासे लेना सुरु कर देती है अभय सिला के पेट ढोरी पे किस करता है तो सिला के मुह से सिसकिया निकल जाती है

अभय किस करने के बाद सिला को देख - मा आपकी कमर ढोरी बहोत खूबसूरत है
सिला शर्मा के - तू भी ना बेटा

अभय बिस्तर से नीचे खरा होके - मा गुरिया से मिल लेता हु
सिला सारी सही करते हुवे - ठीक है जा मिल ली

अभय मधु के कमरे मे आता है मधु खरी अभय का ही इंतज़ार कर रही थी कियुंकी मधु को पता था अभय मा से मिलने गया है

अभय मधु को देखता है तो हैरान हो जाता है कियुंकी मधु भी मुह फुलाये खरी अभय को देख रही थी

अभय मधु के पास जाके मुस्कुराते हुवे - गुरिया क्या बात है फुल कियु फुलाये हो
मधु अभय को देख - कियुंकी आप मुझसे जायदा प्यार नही करते
अभय हैरान - ये किसने कहा और तुम्हे ऐसा कियु लगता है

मधु बिस्तर पे बैठ - कियुंकी मेने दीदी से बाते की थोरि देर पहले और दीदी ने मुझे बताया

अभय को समझते देर नही लगती मधु ने क्या बताया और मधु कियु मुह फुलाये है

अभय मुस्कुराते हुवे मधु के पास जाके मधु को बिस्तर पे लेता के मधु के ऊपर आके मधु के आखो मे देख - अच्छा मे समझ गया कियु कियु नाराज हो किस्सी चाहिये

मधु बच्चो जैसा मुह मना के - एक को मिलेगा दूसरे को नही तो ये गलत है ना

अभय मुस्कुराते हुवे - हा ये बात तो है

अभय मधु को देखता है मधु अभय को अभय फिर मधु के गुलाबी रसीले होठ को देखता है

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 अभय अपना होठ मधु के होठों की तरफ ले जाने लगता है मधु की सासे तेज होने लगती मधु बिस्तर पकर लेती है मधु को अजीब एहसास के साथ दिल धक कर रहा था मधु भी अपने होठ खोल देती है


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अभय मधु के ऊपर लेता मधु को पकर किस करने लगता है मधु अभय के होठ अपने होठ मे फिल करती है तो मधु का पूरा सरीर झन् करने लगता है पहला एहसास किस का मधु को आज मिल रहा था

अभय मधु के होठ मुह मे लेके छोटा किस करता है फिर अलग होके मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अब तो मेरी गुरिया खुश है ना
मधु अभय को बाहों मे कस - हा बहोत खुश हु

अभय मधु को देख -अच्छा बाबा अब मुझे जाना होगा ठीक है
मधु उदास होते हुवे - थोरि देर और रुक जाते है
अभय मधु के गाल सेहलाते हुवे - चिंता मत करो फिर जब आयुगा तो देर तक रुकुगा ठीक है
मधु खुश होते हुवे - तब तो ठीक है
अभय जाते हुवे - ठीक है चलाता हु

अभय घर की तरफ निकल परता है वही मधु अपने होठ को उंगली से छूटे हुवे सर्म से - अजीब लेकिन बहोत अच्छा एहसास था

अभय घर आता है आसा बिस्तर लेती हुई थी अभय आसा के पास बिस्तर पे लेत आसा को बाहों मे भर लेता है आसा भी अभय को बाहों मे लेके कस लेती है

आसा - सिला के पास गया था
अभय मुस्कुराते हुवे - हा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा

दोनो मा बेटे फिर सो जाते है साम 3 बजे उठ फिर सब काम पे लग जाते है मधु फिर कुछ काम से बाहर जाता है

अभय बाइक लिये जा रहा था तभी फिर अभय को नीतिका दिखाई देती है लेकिन इस बार सारी मे नीतिका खरी थी रोड साइड अभय नीतिका के पास बाइक रोकता है और नीतिका के पास जाके खरा हो जाता है


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अभय नीतिका को पहली बार सारी मे देखता है तो देखता ही रेह जाता है नीतिका सच मे बहोत खूबसूरत हॉट लग रही थी अभय तो नीतिका को देखने मे खोया था लेकिन नीतिका अभय को देख हैरान होती लेकिन उसी के साथ अभय को ऐसे अपने आप को देखता देख अभय के कान पकर मोर देती है

अभय दर्द मे आउच

नीतिका अभय को देख -मुझे घूर कियु रहे थे हा
अभय कान सेहलाते हुवे नीतिका को देख - पहली बार आपको सारी मे देख कसम से आप बहोत खूबसूरत लग रही है इस लिये देखता रेह गया आपको

नीतिका को बहोत अच्छा लगता है लेकिन चेहरे पे दिखाती नही

नीतिका - अच्छा अच्छा जा कहा रहे हो
अभय - बस घूमने आया था आप कहा जा रही है
नीतिका - बाजार कुछ समान लेना है
अभय - चलिये ना मे छोर देता हु ना

अभय बाइक पे बैठ जाता है नीतिका भी बैठ जाती है और अभय के कंधे पे हाथ रख लेती है अभय को बाजार लेके आता है नीतिका बाइक से नीचे उतर जाती है और अभय को थैंक्स कहती है

अभय - कोई बात नही मैडम
नीतिका अभय को देख - मैडम नही ऑन्टी मे अभी दियुति पे नही हु और हा ( नीतिका मुस्कुराते हुवे) आज ब्रेक नही मारा कियुंकी मे सारी पेहन एक तरफ पैर कर बैठी थी इस लिये

अभय हैरान परेसान डरते हुवे - मैडम सोर्री ऑन्टी उस दिन मेने सच मे जान बुझ कर नही क्या सच्ची
नीतिका जाते मुस्कुराते हुवे- किसे पता बाय

अभय - हद है यार मेने कुछ क्या नही था उस दिन सच मे मेरा ध्यान कही और था खैर

अभय अपना काम कर घर आ जाता है


रात 10 बजे

मिनिता कोमल आये हुवे थे सभी बाते कर रहे थे अभय अपनी मा के गोद मे सर रख लेता हुआ था और आसा अभय का सर सेहला रही होती है

मिनिता हस्ते हुवे - दीदी अभी देखो कितने आराम से सो रहा है लेकिन बीवी आयेगी तो उसके गोद मे सोयेगा

आसा हस्ते हुवे - बात तो तूने सही कही
अभय हैरान आसा को देख - किया मा आप को भी ऐसा लगता है
आसा हस्ते हुवे - कियु नही सोयेगा
कोमल ताना मारते हुवे - बीवी आयेगी तो घर से बाहर भी नही निकलेगा
अभय कोमल को देख - बंदरिया तु चूप रेह रही बात हा मे अपनी बीवी के गोद मे ऐसे ही सोयुगा

कोमल अदिति को देख - देखा तेरा भाई कैसे बदल गया अपना असली रूप दिखा दिया
अदिति मुस्कुराते हुवे - मुझे अपने भाई पे भरोसा है आगे तो सुन लीजिये दीदी

अभय मुस्कुराते हुवे - मेरी गुरिया ने सही कहा हा मे सोयुगा वो मेरी बीवी है मे तो अदिति ऑन्टी आपके गोद मे भी सो सकता हु सब का प्यार अलग होता है मा का प्यार बीवी का प्यार बेहन का प्यार अपनी जगह है उसकी कोई जगह नही ले सकता दूसरी मा के साथ मेरा प्यार जो है वो वैसे ही रहेगा समझ गई बंदरिया

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे - मुझे पता था तेरा जवाब मे तो बस तुझे छेर रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही सब का प्यार अलग होता है उसकी जगह दूसरा कोई नही ले सकता

थोरि देर बाद अभय फिर कमरे मे चला जाता है

बाते होने के बाद मिनिता अभय के कमरे मे आती है अभय मिनिता का इंतज़ार कर रहा था मिनिता को देख अभय मिनिता को पकर बाहों मे कस लेता है मिनिता सिसक् परती है

अभय मिनिता को देख - मेरी प्यारी ऑन्टी आपका सुक्रिया
मिनिता हैरान होके - वो कियु
अभय - इतना प्यार देने के लिये आप मुझे गीली किस्सी लेती है जबकि ये मुझे कोई नहीं देता बस मा ने एक बार दिया था

मिनिता अभय को देख थोरा सर्म से - बेटा मुझे भी अच्छा लगता है इस लिये गीली किस्सी देती हु तुझे अब तो मुझे भी आदत हो गई है

अभय मिनिता के कान मे धीरे से - कैसी आदत
मिनिता तेज सासे लेते हुवे - तुम्हारे जिब का रस पीने की
अभय - तो सुरु करे
मिनिता सर्म से - हा

अभय मिनिता के चेहरे को पकर किस करने लगता है मिनिता भी पुरे मजे से किस करने लगती है दोनो एक दूसरे का होठ कभी जिब मुह मे लेके चुसे जा रहे थे रस पिये जा रहे थे

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मिनिता मन मे - उफ कैसी आदत लगा दी है तूने बेटा अब तो रस पिये बगैर मे रेह नही पाती अब जब पी रही हु तो बहोत सुकून मजा मिल रहा है ( अभय मन मे - ऑन्टी पहले से ज्यादा ही मजे से मेरे जिब चूस लार पीती है लगता है बहोत मजा आता है पीने मे 2 मिनट बाद

मिनिता अभय को देख सर्म से - जाती हु कोमल रुकी होगी
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी

मिनिता फिर बाहर आके कोमल के साथ घर निकल जाती है

अभय अपनी मा के पास आ जाता है फिर रोज की तरफ मा के ऊपर लेत बाते करता है फिर किस कर गुड नाइट बोल अदिति के पास आ जाता है

अदिति अभय को देख बहोत खुश हो जाती है और अभय के बाहों मे समा जाती है अभय अदिति को कस के पकर लेता है

अभय मुस्कुराते हुवे अदिति को पकर - मेरी प्यारी गुरिया
अदिति अभय को देख प्यार से - मेरे प्यारे भाई

अभय - अच्छा गुरिया सो जाओ गुड नाइट

अभय जाने लगता है तो अदिति का मुह लटक जाता है वही अभय रुक पीछे मूर अदिति के पास जाके चेहरे को पकर होठो पे किस करते हुवे मुस्कुरा के - अब खुश

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अदिति का चेहरा अब खिल जाता है अदिति - बहोत खुश यही तो चाहिये था मुझे लगा आप भूल गये
अभय अदिति के सर पे हाथ फेरते हुवे - ऐसा कैसे भूल जाऊ अब सो जाओ ठीक है
अदिति खुश खुशी - जी भाई गुड नाइट

अभय फिर बिस्तर पे आके लेत कर - कल बुआ को लेने जाना है और अगले दिन सादी की खरीदारी भी करनी है

तभी अभय का फोन बजता है फोन उठा के

अभय मुस्कुराते हुवे - बोलो मेरी जान
दिशा - किया बोलू आपकी बहोत याद आ रही है
अभय मुस्कुराते हुवे - टांगों के बीच वाली
दिशा सर्म से - हद है फिर सुरु
अभय मुस्कुराते हुवे - बहोत तरप् रहा है मेरा नाग तेरी बिल मे जाने के लिये तुझे तो मुझे या मेरे नाग की कोई परवाह ही नही है

दिशा सर्म से - बहोत परवाह है प्यार है आपसे आपके नाग से भी लेकिन क्या करू मे सादी होके आउंगी तो आपका और आपके नाग का अच्छे से ख्याल रखुंगी
अभय मुस्कुराते हुवे - कैसे ये भी बता दो
दिशा सर्म से - आपको पता है फिर भी
अभय हस्ते हुवे - ये बताओ मेरी साली सासु मा किया कर रही है
दिशा - आपकी सासु मा सो गई है और आपकी साली जी होगी सास बहु वाला सीरियल देखेंने मे
अभय हस्ते हुवे - बिगर जायेगी साली जी फिर जाके ससुराल मे सासु से लरेगी
दिशा हस्ते हुवे - अब तो वोही जाने

ऐसे ही बाते करते है बिया बीवी 15 मिनट फिर फोन कट

फिर तुरंत काजल का फोन आ जाता है

अभय मुस्कुराते हुवे - बुआ डार्लिंग
काजल हस्ते हुवे - कर ली बात बीवी से
अभय मुस्कुराते हुवे - कर ली

असल मे अब काजल को पता था अभय कब अपनी बीवी से बात करता है
काजल - कल आ रहे हो ना
अभय - हा साम को आ जायुगा
काजल - नही दोपहर तक आना है तुझे फिर रात रुक सुबह निकलेगे
अभय मुस्कुराते हुवे - ठीक है 12 बजे तक आपके पास लेकिन मेरे साथ मेरी गिर्लफ्रेंड बन के घूमने चलना होगा मंजूर

काजल हैरान सर्म से - शैतान बुआ को गिर्लफ्रेंड बनायेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - हा बन जायेगी तो मेरी किस्मत खुल जायेगी बोलिये किया कहती

काजल - बरा आया ये बता बाइक लेके आयेगा ना
अभय मुस्कुराते हुवे - तभी तो आप चिपक कर बैठेगी तो मजा आयेगा
काजल सर्म से - कितना शैतान है रे
अभय - कहा वही पीछे है आप
काजल - हा पीछे ही
अभय हस्ते हुवे - कल रात मे भी वही आपको बाहों मे लिये होऊगा
काजल हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय - बुआ बताइये ना रात हम दोनो पीछे सोयेंगे मजा आयेगा
काजल शर्मा के - ठीक है सोयेंगे
अभय खुश होते हुवे - फिर गीली किस्सी भी तो लेनी है बहोत इंतज़ार किया लेकिन कल मुझे मिल जायेगा
काजल हस्ते हुवे - हा बाबा ले लेना जब से हा कहा है रोज गीली किस्सी के पीछे परा रहता है
अभय - अरे किस्मत वाले को बुआ की किसी मिलती है मुझे मिल रहा है तो कियु छोरु
काजल हस्ते हुवे - पागल

दोनो बुआ भांजे बाते करते है फिर गुड नाइट बोल सो जाते है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मस्त और शानदार मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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