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Funlover

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अब आगे.......


इसके बाद रिंकू ने बिना किसी की इजाज़त लिए लंड मुँह में ले लिया और उसे तब तक चूसती रही जब तक कि वह पूरी लंबाई और कसाव तक नहीं पहुँच गया। फिर रजनी ने परम की मदद से लंड नौकरानी की चूत में डाल दिया। वैसे तो रिंकू की चूत कई बार चुद गई थी तो लंड तो आराम से उसकी चूत में लेंड कर गया। ज्लेकिन जैसे ही परम का लंड उसकी चूत को फाड़ के गर्भ द्वार पर जाके टकराया तो वहुछल गई और जोर से चिल्लाई: ऊह्ह्हह्ह मादरचोद......निकाल......मरी फट ....गई....”

रजनी ने मुसकुराते हुए कहा; बहन की लौड़ी अभी तो पूरा लंड अन्दर समाया नहीं उस से पहले तेरी गांड फट गई! चल तेरे पैर ला ऊपर हाव में उठा और परम के लंड को अंदर जाने दे तेरा भी गर्भगृह देखेगा मेरे परम का लंड। चल गांड उठा।“

नहीं मौसी मैं यह लंड नहीं ले सकती मुझे तो लगता था की साब=हब का लंड जैसा होगा और मेरी चूत आराम से उसका मार खा लेगी, लेकिन यह ऐसा नहीं है यह लंड ही नहीं है पर एक लोखंड का सालिया है, मार देगा मौसी मुझे निकालो, उसे निकाआल ने को कहो।“

चुप साली चुदास माल, अब मेरे परम को मजा दे और तेरी चूत अब सही ते=अरिके से माल बनेगी तेरा साब क्या चोदता है,जल्द ही अपना माल चुदाता है अब यह देख मेरी चूत का भोसडा बन रहा था तब तू ही कहती थी की मार साली को अब तेरी बारी आई तो मना कर रही है।

रजनी ने परमा की गांड पर हाथ रख के धक्को को सहारा देने लगी और बोली; “आज उसकी माँ चोद दे बेटा।“

रजनी अब निचे की ओर गई और रिंकू इ गांड में एक ऊँगली दाल दी।

ओऊ...ईई...माँ.....गांड में मत कर....मौसी.....” लेकिन एक दो ऊँगली के झटके खा के रुन्कू मुस्कुराती हुई अपने हाथो को अपने उल्हो पर लेके उसे चौड़ा कर दिया और बोली; मार मौसी अब मेरी गांड को भी मार......यह लोडा मेरी चूत को बहोत जोरो से मार रहा है। वाह मैं तो धन्य हो गई इस परम के लंड से।“

वह उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी। परम ने रिंकू की चूत में ही स्खलन कर दिया। इसके बाद तीनों ने कुछ ड्रिंक्स लीं और रजनी ने वादा किया कि रविवार को वह सुंदरी के साथ उसके घर आएगा।

परम रजनी के घर से निकला और उस जगह पहुँचा जहाँ उसने उसकी माँ सुंदरी को छोड़ा था। वह कमरे में गया और देखा कि सुंदरी सिर्फ़ पेटीकोट में लेटी हुई है। वह बिस्तर पर उसके पास बैठ गया और धीरे से उसकी चूचियों को दबाया। उसने अभी-अभी दो औरतों के साथ आनंद लिया था, लेकिन सुंदरी के स्तनों को छूने में उसे जो आनंद मिला, वह अद्भुत था। उसने उन्हें धीरे से दबाया और सुंदरी ने अपनी आँखें खोल दीं।

"ओह्ह, परम, तुम कहाँ थे?" उसने पूछा। उसने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ था और पूछा कि माँ तेरा माल सही तरीके से चुदा तुझे मजा आया?”
मैत्री और नीता की रचना

वह मुस्कुराई और 'हाँ' कह दी। सुंदरी ने कपड़े पहने, घूँघट डाला और दोनों कमरे से बाहर आ गए। वहाँ से वे सेठजी के घर पहुँचे। रास्ते में सुंदरी ने कमरे के अंदर हुई सारी बातें बताईं।

"अगर बाबूजी तुमको पहचानते तो!" परम ने चौंकते हुए पूछा, मुझे तो लगता है की बाबूजी मुझे मार डालते, तेरा दलाल बन ने में।“

“तेरा तो जो होता बीटा, लेकिन मुझे तो मुझे मर जाना पड़ता… .. मैं उसी रूम में आत्महत्या कर लेती।” सुंदरी ने ऐसी कोई भी बात दोनों बच्चो को नहीं बताई जिस घर में कोई परेशानी पैदा हो या फिर सब को स्वतंत्रता मिल जाए।

दोनों अंदर गए और देखा कि महक सेठजी की छोटी बहू "लीला" से बात कर रही है, वह केवल 19 साल की थी और पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। यह वही बहू है जिसे सेठजी बुरी तरह से चोदना चाहते थे। सेठजी का छोटा बेटा और उसकी पत्नी आये हुए थे। सुंदरी को देखकर छोटा सेठ बहुत खुश हुआ। वह उसके करीब आया और हाथ जोड़कर प्रणाम किया। वह केवल 20 वर्ष का था और उससे लगभग 15 वर्ष छोटा था।

“कैसी हो सुंदरी काकी?” उसने पूछा!

सुन्दरी ने उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहा:

'हम तो अच्छे हैं, आप कैसे हो...' लगता है बहू खूब खिलाती है .. मोटे हो गए हो…!”

और वह लीला छोटी बहू के पास गई वह पतली और लंबी कद-काठी की थी। परम ने लीला को गौर से देखा। पूनम, सुंदरी या महक से तो उसकी कोई तुलना ही नहीं थी... लेकिन उसमें कुछ खासियत थी... जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता...

5’5” लंबा, 32x22x34 के शारीरिक आंकड़े, बहुत लंबे बाल, सुंदरी से भी लंबे, अंडाकार चेहरा, गोरा रंग और एक ऐसा आत्मविश्वास और निर्भीकता जो गाँव की किसी भी लड़की या औरत में नहीं थी... उसने अपनी नज़रें हटा लीं, लेकिन बार-बार उसे लीला को देखने के लिए अपना सिर घुमाना पड़ा, लेकिन उसने उसकी तरफ देखा ही नहीं।

कोई आश्चर्य नहीं कि सेठजी लीला के इतने दीवाने हैं, उसकी चूत की कल्पना मात्र ही लंड में से पानी निकल जाए।

लीला पतली थी जबकि बड़ी बहू अधिक मस्त माल थी और सही जगह पर ढेर सारा मांस था। उस क्षण तक परम को बड़ी बहू उषा अधिक पसंद थी। अब तक उसकी न तो लीला के साथ दोस्ती थी और न ही उसने छोटी बहू के साथ कोई क्वालिटी टाइम बिताया था...वाह को अडिग, रफ, बोल्ड और ब्यूटीफुल के तौर पर जाना जाता था।


जब सुंदरी छोटी बहू के साथ खुशियों का आदान-प्रदान करने में व्यस्त थी, परम 'पोंडी' को पूर्व निर्दिष्ट स्थान पर रखने के लिए बड़ी बहू के कमरे में गया। उसने किताब रख दी, पुरानी किताब ले ली और बिस्तर पर बैठा रहा। उसे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना था। बड़ी बहू कमरे में दाखिल हुई।
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आगे कल

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कल तक के लिए शुक्रिया आप सबका
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।जय भारत
 

Funlover

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मस्त अपडेट मैडम. परम ने अपना और रजनी दोनों का जुगाड़ कर ही दिया है. जहाँ सुंदरी की इच्छा शायद पूरी होगी वहीँ रजनी भी उसके पति के सामने चुद कर अपने लिए रास्ता साफ़ कर रही है.
क्यूंकि एक बार परम का लंड ले लेगी तो वो उससे दूर नहीं रह पाएगी :)

Wonderful update...with many more possibilities ahead!!
An orgy in the making....


Funlover
Ji shukriya dost....
Rajani aone darwaje khol rahi hai.... Vaise uske pati ne samati to di hui hai fir bhi jaisi dene ko sabhi de dete hai par jab real me dene ki bari aati ho to fatati bhi hai. Fir yah to patni hai.....
Sabhi apni game khelte hai.
 

Mass

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Ji shukriya dost....
Rajani aone darwaje khol rahi hai.... Vaise uske pati ne samati to di hui hai fir bhi jaisi dene ko sabhi de dete hai par jab real me dene ki bari aati ho to fatati bhi hai. Fir yah to patni hai.....
Sabhi apni game khelte hai.
yes madam, ekdum sahi kaha aapne...jab baat khud pe aati hai to jaise aapne kaha..sab ki fatati hai...yaa phir...sab billi ban jaate hai :)

Funlover
 

Ashiq Baba

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Bahut mast update hai. Aashanurup kal wala silsila aage badha hai aur rinku ki chudai se Rajni ko ye malum chal gaya hai ki Param me kitna dam hai jahan usse pahle Rajni use bachcha samajh rahi thi aur chudne ke liye taiyar nahi hua balki shatirana chal chal kar Rinku ko bali ka bakra bana kar pahle chudwaya taki khud ka naam bhi badnam na ho aur Param ki takat bhi tol le. Ab Rajni uski deewani ho gai hai matlab rasta saf hai Param ke liye. Wahi seth ke ghar par uske chhote bete bahu aa gye hai to 2 naye kirdar is kahani me active ho gaye hai. Ab chhoti bahu ka to seth khud deewana hai ab aage ye dekhna rochak rahega ki Sundari use kaise set karti hai Param aur Seth ke liye. Thanks aapka.
 

Ek number

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इसके बाद रिंकू ने बिना किसी की इजाज़त लिए लंड मुँह में ले लिया और उसे तब तक चूसती रही जब तक कि वह पूरी लंबाई और कसाव तक नहीं पहुँच गया। फिर रजनी ने परम की मदद से लंड नौकरानी की चूत में डाल दिया। वैसे तो रिंकू की चूत कई बार चुद गई थी तो लंड तो आराम से उसकी चूत में लेंड कर गया। ज्लेकिन जैसे ही परम का लंड उसकी चूत को फाड़ के गर्भ द्वार पर जाके टकराया तो वहुछल गई और जोर से चिल्लाई: ऊह्ह्हह्ह मादरचोद......निकाल......मरी फट ....गई....”

रजनी ने मुसकुराते हुए कहा; बहन की लौड़ी अभी तो पूरा लंड अन्दर समाया नहीं उस से पहले तेरी गांड फट गई! चल तेरे पैर ला ऊपर हाव में उठा और परम के लंड को अंदर जाने दे तेरा भी गर्भगृह देखेगा मेरे परम का लंड। चल गांड उठा।“

नहीं मौसी मैं यह लंड नहीं ले सकती मुझे तो लगता था की साब=हब का लंड जैसा होगा और मेरी चूत आराम से उसका मार खा लेगी, लेकिन यह ऐसा नहीं है यह लंड ही नहीं है पर एक लोखंड का सालिया है, मार देगा मौसी मुझे निकालो, उसे निकाआल ने को कहो।“

चुप साली चुदास माल, अब मेरे परम को मजा दे और तेरी चूत अब सही ते=अरिके से माल बनेगी तेरा साब क्या चोदता है,जल्द ही अपना माल चुदाता है अब यह देख मेरी चूत का भोसडा बन रहा था तब तू ही कहती थी की मार साली को अब तेरी बारी आई तो मना कर रही है।

रजनी ने परमा की गांड पर हाथ रख के धक्को को सहारा देने लगी और बोली; “आज उसकी माँ चोद दे बेटा।“

रजनी अब निचे की ओर गई और रिंकू इ गांड में एक ऊँगली दाल दी।

ओऊ...ईई...माँ.....गांड में मत कर....मौसी.....” लेकिन एक दो ऊँगली के झटके खा के रुन्कू मुस्कुराती हुई अपने हाथो को अपने उल्हो पर लेके उसे चौड़ा कर दिया और बोली; मार मौसी अब मेरी गांड को भी मार......यह लोडा मेरी चूत को बहोत जोरो से मार रहा है। वाह मैं तो धन्य हो गई इस परम के लंड से।“

वह उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी। परम ने रिंकू की चूत में ही स्खलन कर दिया। इसके बाद तीनों ने कुछ ड्रिंक्स लीं और रजनी ने वादा किया कि रविवार को वह सुंदरी के साथ उसके घर आएगा।

परम रजनी के घर से निकला और उस जगह पहुँचा जहाँ उसने उसकी माँ सुंदरी को छोड़ा था। वह कमरे में गया और देखा कि सुंदरी सिर्फ़ पेटीकोट में लेटी हुई है। वह बिस्तर पर उसके पास बैठ गया और धीरे से उसकी चूचियों को दबाया। उसने अभी-अभी दो औरतों के साथ आनंद लिया था, लेकिन सुंदरी के स्तनों को छूने में उसे जो आनंद मिला, वह अद्भुत था। उसने उन्हें धीरे से दबाया और सुंदरी ने अपनी आँखें खोल दीं।

"ओह्ह, परम, तुम कहाँ थे?" उसने पूछा। उसने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ था और पूछा कि माँ तेरा माल सही तरीके से चुदा तुझे मजा आया?”
मैत्री और नीता की रचना

वह मुस्कुराई और 'हाँ' कह दी। सुंदरी ने कपड़े पहने, घूँघट डाला और दोनों कमरे से बाहर आ गए। वहाँ से वे सेठजी के घर पहुँचे। रास्ते में सुंदरी ने कमरे के अंदर हुई सारी बातें बताईं।

"अगर बाबूजी तुमको पहचानते तो!" परम ने चौंकते हुए पूछा, मुझे तो लगता है की बाबूजी मुझे मार डालते, तेरा दलाल बन ने में।“

“तेरा तो जो होता बीटा, लेकिन मुझे तो मुझे मर जाना पड़ता… .. मैं उसी रूम में आत्महत्या कर लेती।” सुंदरी ने ऐसी कोई भी बात दोनों बच्चो को नहीं बताई जिस घर में कोई परेशानी पैदा हो या फिर सब को स्वतंत्रता मिल जाए।

दोनों अंदर गए और देखा कि महक सेठजी की छोटी बहू "लीला" से बात कर रही है, वह केवल 19 साल की थी और पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। यह वही बहू है जिसे सेठजी बुरी तरह से चोदना चाहते थे। सेठजी का छोटा बेटा और उसकी पत्नी आये हुए थे। सुंदरी को देखकर छोटा सेठ बहुत खुश हुआ। वह उसके करीब आया और हाथ जोड़कर प्रणाम किया। वह केवल 20 वर्ष का था और उससे लगभग 15 वर्ष छोटा था।

“कैसी हो सुंदरी काकी?” उसने पूछा!

सुन्दरी ने उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहा:

'हम तो अच्छे हैं, आप कैसे हो...' लगता है बहू खूब खिलाती है .. मोटे हो गए हो…!”

और वह लीला छोटी बहू के पास गई वह पतली और लंबी कद-काठी की थी। परम ने लीला को गौर से देखा। पूनम, सुंदरी या महक से तो उसकी कोई तुलना ही नहीं थी... लेकिन उसमें कुछ खासियत थी... जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता...

5’5” लंबा, 32x22x34 के शारीरिक आंकड़े, बहुत लंबे बाल, सुंदरी से भी लंबे, अंडाकार चेहरा, गोरा रंग और एक ऐसा आत्मविश्वास और निर्भीकता जो गाँव की किसी भी लड़की या औरत में नहीं थी... उसने अपनी नज़रें हटा लीं, लेकिन बार-बार उसे लीला को देखने के लिए अपना सिर घुमाना पड़ा, लेकिन उसने उसकी तरफ देखा ही नहीं।

कोई आश्चर्य नहीं कि सेठजी लीला के इतने दीवाने हैं, उसकी चूत की कल्पना मात्र ही लंड में से पानी निकल जाए।

लीला पतली थी जबकि बड़ी बहू अधिक मस्त माल थी और सही जगह पर ढेर सारा मांस था। उस क्षण तक परम को बड़ी बहू उषा अधिक पसंद थी। अब तक उसकी न तो लीला के साथ दोस्ती थी और न ही उसने छोटी बहू के साथ कोई क्वालिटी टाइम बिताया था...वाह को अडिग, रफ, बोल्ड और ब्यूटीफुल के तौर पर जाना जाता था।


जब सुंदरी छोटी बहू के साथ खुशियों का आदान-प्रदान करने में व्यस्त थी, परम 'पोंडी' को पूर्व निर्दिष्ट स्थान पर रखने के लिए बड़ी बहू के कमरे में गया। उसने किताब रख दी, पुरानी किताब ले ली और बिस्तर पर बैठा रहा। उसे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना था। बड़ी बहू कमरे में दाखिल हुई।
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कल तक के लिए शुक्रिया आप सबका
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।जय भारत
Nice update
 

Bittoo

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Madam,Jab tak achhe responses mil raha hai.....kahaniko chalu rakhen !😊

Mujhe anal sex,lesbian sex pasand nahi hai....lekin dusron ko pasand hai......
Aap likhti rahiye .....Agar Aap ke pass ideas khatam ho gaya ho ya phir likhne me Aap ko koi maza nahi aaraha ho.....toh baat alag hai ! 🙏🏻😊
Lags rahiye ache ha Raje hain
 

Bittoo

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Sec
अब आगे............


परम ने बात घुमा दी. “भाभी तुम बहुत मस्त हो.. मन करता है तुम्हें नंगा बैठा कर तुम्हारी चुचियों को दबाता रहू और तुम मेरा लंड चूसती रहो। भाभी लंड चूसो ना.. ।”

“छी… लंड कोई चूसने की चीज़ है।”

“भैया का लंड तो रोज़ चूसती होगी।” परम ने भाभी का सिर उसके लंड पर धकेल दिया।

“क्या करु, जब बहुत ज़िद करते हैं तो चूसना ही पड़ता है..” उसने कहा और परम का लंड निगल लिया।

परम उसकी पीठ और स्तनों को सहलाता रहा। धीरे-धीरे उसकी हथेलियाँ बड़े गोल और कसे हुए कूल्हों तक पहुँच गईं। उसने सहलाया और धीरे-धीरे अपनी उंगली दोनों कूल्हों के बीच की दरार पर फिराई। जब उसकी उंगली बहू की कसी हुई गांड में गई तो वह हैरान रह गया। उसे याद आया कि उसने देखा था

सुंदरी की गांड का छेद बहुत टाइट था और वह उसमें उंगली नहीं डाल पा रहा था। लेकिन यहाँ उसकी 3 इंच लंबी पहली उंगली पूरी तरह से गांड में घुस गई। बहू लंड मुँह में ले रही थी और परम उंगली से गांड चोद रहा था।

“भाभी लगता है, भैया तुम्हारी गांड भी बहोत मारते है।”

बहू ने सिर हिलाया.. परम उंगली करता रहा और गांड गीली हो गई। नीचे उसका लंड टाइट हो गया और बहू ने लंड मुँह से बाहर निकाल दिया.

“नहीं, गांड कभी नहीं मरावाउंगी…और तू भी बहुत पागल है, गांड में ऊँगली डाले जा रहा है।” बहू ने परम का हाथ गांड से बाहर निकाल दिया।

लेकिन परम को पता चल गया था की बहु की गांड बजी हुई है। वरना इतनी आसानी से उसकी ऊँगली गांड में नहीं जा सकती। लेकिन साली थोडा नाटक करती है। भाभी रानी इस गांड में मेरा लंड तो अब सफ़र करेगा ही।

सुंदरी गर्म दूध और नाश्ता लेकर लौट आई। तीन नग्न थे। नाश्ता ख़त्म करने के बाद बहू शौचालय चली गई। परम ने सुंदरी से पूछा कि आगे क्या करना है!

“जो करना है कर..बस बहु के सामने मुझे चोदना मत…!” सुंदरी ने उत्तर दिया। तभी बहू लौट आई और दोनों ने उसे बिस्तर पर खींच लिया।

वे एक-दूसरे को सहलाने लगे। वे एक दूसरे को नीचे धकेलने की कोशिश कर रहे थे। कुछ देर बाद परम ने सुंदरी को नीचे धकेल दिया और वह अपने लंड को सुंदरी की योनि से छूता हुआ ऊपर चला गया। बहू ने परम का लंड पकड़ लिया और उसे सुंदरी की चूत में घुसाने की कोशिश की। लेकिन सुंदरी ने अपना चूत का रास्ता पीछे खींचते हुए कहा,

“मादरचोद, जब तेरा बेटा होगा तो अपने बेटे से चुदवाना…!”

“चुदवाऊंगी कुतिया, तेरे सामने चुदवाऊंगी..पहले तू तो अपने बेटे का लंड खा ले।”

इसी तरह वे कुछ देर तक खेलते रहे और फिर बहू ने सुंदरी को अपने बेटे का लंड चूसने के लिए राज़ी कर लिया। पहले सुंदरी ने परम का लंड चूसा और जब लंड झड़ने की स्थिति में आया, तो परम ने अपना लंड माँ की चूत पर रगड़ा, जबकि बहू ने सुंदरी की चूत के होंठ खुले रखे। परम ने माँ की चूत पर वीर्य स्खलित कर दिया। अंत में, परम ने बहू को एक बार फिर डॉगी पोज़ में चोदा, जबकि बहू ने सुंदरी को पूरी तरह से और संतोषजनक चूसा, उसे कई बार झडा दिया।

समय कितनी तेजी से बीत गया उन्हें पता ही नहीं चला. दूसरे दौर की चुदाई के बाद बहू ने घड़ी देखी. दोपहर का एक बज चुका था.

"मुझे घर भी जाना है।"

और उसने कपड़े पहने। परम और सुंदरी ने भी ऐसा ही किया। और अगले 15 मिनट में ड्राइवर ने दरवाज़ा खटखटाया।

जाते समय बहू ने परम को चूमा और उसे अपने घर जल्दी आने को कहा।

परम दरवाजा खोलने के लिए चला गया तभी बहु ने सुंदरी को पास खींचते हुए कहा:” सुंदरी तुम बहोत सुन्दर हो और मस्त माल है तेरे पास उसका इस्तमाल करने दे मेरे पति को! और हा तुमने कहा की मुनीम यानी के परम के पताजी का लंड बहोत मोटा है क्या मुझे उस लंड को चखने देगी!”

सुंदरी ने उसके सामने आँख मारते हुए कहा अब घर है तो तेरी भी जिममेदारी है यहाँ के लंड को शांत करने की है ना!”

बहु मुस्कुराई और कहा जल्द ही मैं मुनीमजी का लंड को मेरी चूत शांत करेगी, मुझे भी उनसे चुदवाना है।

बहू के जाने के बाद सुंदरी ने परम को आंख मारी। “बोल, बेटा मजा आया… बहू को चोदने में!”

“मज़ा तो आया माँ, लेकिन अपनी माँ के चूत में लंड पेलने में जो मजा है उतना मजा किसी और की चूत में नहीं है…।”

परम ने कहा और माँ को चूम लिया। “अब तो बस छोटी बहू को चोदना बाकी है..सेठ के घर में जितनी कुतिया है सबको चोदूंगा।”

दोनों ने लंच किया और फिर दो बजे के बाद परम और सुंदरी सेठजी के ऑफिस के उस विशेष कमरे में दाखिल हुए। परम ने सुंदरी को आराम करने के लिए कहा और वह सेठजी के पास गया।

सेठजी उसे देखकर खुश हुए और पूछा, “माल आयी क्या?”

‘‘हां सेठजी, कमरे में बैठी है.’’ परम ने देखा कि कमरे में करीब 30 साल का एक युवक भी बैठा है। वह पतलून और शर्ट पहने हुए बाहरी व्यक्ति था। वह लगभग 5’10” लंबा और हृष्ट-पुष्ट शरीर का था। वह सांवला और हट्टा-कट्टा था।

सेठ ने कहा कि वह एक वरिष्ठ बिक्री कर अधिकारी है और कमरे में आराम करना चाहता है। सेठ ने दराज से एक पैकेट निकाला और परम को दिया। उसने उसे खोला नहीं, वह जानता था कि यह सुंदरी की इस अजनबी के साथ हुई चुदाई का भुगतान है। सेठजी ने सुंदरी की माल को सौदा के तौर पे उस अजनबी को गिफ्ट किया है।

तीनों कमरे में चले गए। सुंदरी उन्हें देखकर उठ खड़ी हुई। सेठ ने उसे बाहों में लिया और एक झटके में उसकी साड़ी उसके शरीर से उतार दी।

अजनबी ने हांफते हुए कहा, "क्या मस्त माल है, सेठजी बहुत मज़ा आएगा।" सेठ ने सुंदरी को अजनबी की ओर धकेल दिया।

"मेरा खास दोस्त है, पूरा मज़ा देना।" "और उसने परम को दो घंटे बाद सुंदरी को लेने के लिए वापस आने के लिए कहा.. सेठ के कमरे से चले जाने के बाद परम ने कमरा अंदर से बंद कर लिया और वह भी बाहर आ गया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। अब सुंदरी अजनबी के साथ अकेली थी।


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बने रहिये। आपके के कोमेंट की प्रतीक्षा रहेगी।
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।।जय भारत।।

Sexiting
Amazing
Keep writing
 

Funlover

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इसके बाद रिंकू ने बिना किसी की इजाज़त लिए लंड मुँह में ले लिया और उसे तब तक चूसती रही जब तक कि वह पूरी लंबाई और कसाव तक नहीं पहुँच गया। फिर रजनी ने परम की मदद से लंड नौकरानी की चूत में डाल दिया। वैसे तो रिंकू की चूत कई बार चुद गई थी तो लंड तो आराम से उसकी चूत में लेंड कर गया। ज्लेकिन जैसे ही परम का लंड उसकी चूत को फाड़ के गर्भ द्वार पर जाके टकराया तो वहुछल गई और जोर से चिल्लाई: ऊह्ह्हह्ह मादरचोद......निकाल......मरी फट ....गई....”

रजनी ने मुसकुराते हुए कहा; बहन की लौड़ी अभी तो पूरा लंड अन्दर समाया नहीं उस से पहले तेरी गांड फट गई! चल तेरे पैर ला ऊपर हाव में उठा और परम के लंड को अंदर जाने दे तेरा भी गर्भगृह देखेगा मेरे परम का लंड। चल गांड उठा।“

नहीं मौसी मैं यह लंड नहीं ले सकती मुझे तो लगता था की साब=हब का लंड जैसा होगा और मेरी चूत आराम से उसका मार खा लेगी, लेकिन यह ऐसा नहीं है यह लंड ही नहीं है पर एक लोखंड का सालिया है, मार देगा मौसी मुझे निकालो, उसे निकाआल ने को कहो।“

चुप साली चुदास माल, अब मेरे परम को मजा दे और तेरी चूत अब सही ते=अरिके से माल बनेगी तेरा साब क्या चोदता है,जल्द ही अपना माल चुदाता है अब यह देख मेरी चूत का भोसडा बन रहा था तब तू ही कहती थी की मार साली को अब तेरी बारी आई तो मना कर रही है।

रजनी ने परमा की गांड पर हाथ रख के धक्को को सहारा देने लगी और बोली; “आज उसकी माँ चोद दे बेटा।“

रजनी अब निचे की ओर गई और रिंकू इ गांड में एक ऊँगली दाल दी।

ओऊ...ईई...माँ.....गांड में मत कर....मौसी.....” लेकिन एक दो ऊँगली के झटके खा के रुन्कू मुस्कुराती हुई अपने हाथो को अपने उल्हो पर लेके उसे चौड़ा कर दिया और बोली; मार मौसी अब मेरी गांड को भी मार......यह लोडा मेरी चूत को बहोत जोरो से मार रहा है। वाह मैं तो धन्य हो गई इस परम के लंड से।“

वह उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी। परम ने रिंकू की चूत में ही स्खलन कर दिया। इसके बाद तीनों ने कुछ ड्रिंक्स लीं और रजनी ने वादा किया कि रविवार को वह सुंदरी के साथ उसके घर आएगा।

परम रजनी के घर से निकला और उस जगह पहुँचा जहाँ उसने उसकी माँ सुंदरी को छोड़ा था। वह कमरे में गया और देखा कि सुंदरी सिर्फ़ पेटीकोट में लेटी हुई है। वह बिस्तर पर उसके पास बैठ गया और धीरे से उसकी चूचियों को दबाया। उसने अभी-अभी दो औरतों के साथ आनंद लिया था, लेकिन सुंदरी के स्तनों को छूने में उसे जो आनंद मिला, वह अद्भुत था। उसने उन्हें धीरे से दबाया और सुंदरी ने अपनी आँखें खोल दीं।

"ओह्ह, परम, तुम कहाँ थे?" उसने पूछा। उसने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ था और पूछा कि माँ तेरा माल सही तरीके से चुदा तुझे मजा आया?”
मैत्री और नीता की रचना

वह मुस्कुराई और 'हाँ' कह दी। सुंदरी ने कपड़े पहने, घूँघट डाला और दोनों कमरे से बाहर आ गए। वहाँ से वे सेठजी के घर पहुँचे। रास्ते में सुंदरी ने कमरे के अंदर हुई सारी बातें बताईं।

"अगर बाबूजी तुमको पहचानते तो!" परम ने चौंकते हुए पूछा, मुझे तो लगता है की बाबूजी मुझे मार डालते, तेरा दलाल बन ने में।“

“तेरा तो जो होता बीटा, लेकिन मुझे तो मुझे मर जाना पड़ता… .. मैं उसी रूम में आत्महत्या कर लेती।” सुंदरी ने ऐसी कोई भी बात दोनों बच्चो को नहीं बताई जिस घर में कोई परेशानी पैदा हो या फिर सब को स्वतंत्रता मिल जाए।

दोनों अंदर गए और देखा कि महक सेठजी की छोटी बहू "लीला" से बात कर रही है, वह केवल 19 साल की थी और पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। यह वही बहू है जिसे सेठजी बुरी तरह से चोदना चाहते थे। सेठजी का छोटा बेटा और उसकी पत्नी आये हुए थे। सुंदरी को देखकर छोटा सेठ बहुत खुश हुआ। वह उसके करीब आया और हाथ जोड़कर प्रणाम किया। वह केवल 20 वर्ष का था और उससे लगभग 15 वर्ष छोटा था।

“कैसी हो सुंदरी काकी?” उसने पूछा!

सुन्दरी ने उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहा:

'हम तो अच्छे हैं, आप कैसे हो...' लगता है बहू खूब खिलाती है .. मोटे हो गए हो…!”

और वह लीला छोटी बहू के पास गई वह पतली और लंबी कद-काठी की थी। परम ने लीला को गौर से देखा। पूनम, सुंदरी या महक से तो उसकी कोई तुलना ही नहीं थी... लेकिन उसमें कुछ खासियत थी... जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता...

5’5” लंबा, 32x22x34 के शारीरिक आंकड़े, बहुत लंबे बाल, सुंदरी से भी लंबे, अंडाकार चेहरा, गोरा रंग और एक ऐसा आत्मविश्वास और निर्भीकता जो गाँव की किसी भी लड़की या औरत में नहीं थी... उसने अपनी नज़रें हटा लीं, लेकिन बार-बार उसे लीला को देखने के लिए अपना सिर घुमाना पड़ा, लेकिन उसने उसकी तरफ देखा ही नहीं।

कोई आश्चर्य नहीं कि सेठजी लीला के इतने दीवाने हैं, उसकी चूत की कल्पना मात्र ही लंड में से पानी निकल जाए।

लीला पतली थी जबकि बड़ी बहू अधिक मस्त माल थी और सही जगह पर ढेर सारा मांस था। उस क्षण तक परम को बड़ी बहू उषा अधिक पसंद थी। अब तक उसकी न तो लीला के साथ दोस्ती थी और न ही उसने छोटी बहू के साथ कोई क्वालिटी टाइम बिताया था...वाह को अडिग, रफ, बोल्ड और ब्यूटीफुल के तौर पर जाना जाता था।


जब सुंदरी छोटी बहू के साथ खुशियों का आदान-प्रदान करने में व्यस्त थी, परम 'पोंडी' को पूर्व निर्दिष्ट स्थान पर रखने के लिए बड़ी बहू के कमरे में गया। उसने किताब रख दी, पुरानी किताब ले ली और बिस्तर पर बैठा रहा। उसे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना था। बड़ी बहू कमरे में दाखिल हुई।
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आगे कल

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आपको यह एपिसोड के बारे में कोमेंट देनी है पता है न!!!!!!!!!
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कल तक के लिए शुक्रिया आप सबका
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।जय भारत
 
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Funlover

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अब आगे.......


इसके बाद रिंकू ने बिना किसी की इजाज़त लिए लंड मुँह में ले लिया और उसे तब तक चूसती रही जब तक कि वह पूरी लंबाई और कसाव तक नहीं पहुँच गया। फिर रजनी ने परम की मदद से लंड नौकरानी की चूत में डाल दिया। वैसे तो रिंकू की चूत कई बार चुद गई थी तो लंड तो आराम से उसकी चूत में लेंड कर गया। ज्लेकिन जैसे ही परम का लंड उसकी चूत को फाड़ के गर्भ द्वार पर जाके टकराया तो वहुछल गई और जोर से चिल्लाई: ऊह्ह्हह्ह मादरचोद......निकाल......मरी फट ....गई....”

रजनी ने मुसकुराते हुए कहा; बहन की लौड़ी अभी तो पूरा लंड अन्दर समाया नहीं उस से पहले तेरी गांड फट गई! चल तेरे पैर ला ऊपर हाव में उठा और परम के लंड को अंदर जाने दे तेरा भी गर्भगृह देखेगा मेरे परम का लंड। चल गांड उठा।“

नहीं मौसी मैं यह लंड नहीं ले सकती मुझे तो लगता था की साब=हब का लंड जैसा होगा और मेरी चूत आराम से उसका मार खा लेगी, लेकिन यह ऐसा नहीं है यह लंड ही नहीं है पर एक लोखंड का सालिया है, मार देगा मौसी मुझे निकालो, उसे निकाआल ने को कहो।“

चुप साली चुदास माल, अब मेरे परम को मजा दे और तेरी चूत अब सही ते=अरिके से माल बनेगी तेरा साब क्या चोदता है,जल्द ही अपना माल चुदाता है अब यह देख मेरी चूत का भोसडा बन रहा था तब तू ही कहती थी की मार साली को अब तेरी बारी आई तो मना कर रही है।

रजनी ने परमा की गांड पर हाथ रख के धक्को को सहारा देने लगी और बोली; “आज उसकी माँ चोद दे बेटा।“

रजनी अब निचे की ओर गई और रिंकू इ गांड में एक ऊँगली दाल दी।

ओऊ...ईई...माँ.....गांड में मत कर....मौसी.....” लेकिन एक दो ऊँगली के झटके खा के रुन्कू मुस्कुराती हुई अपने हाथो को अपने उल्हो पर लेके उसे चौड़ा कर दिया और बोली; मार मौसी अब मेरी गांड को भी मार......यह लोडा मेरी चूत को बहोत जोरो से मार रहा है। वाह मैं तो धन्य हो गई इस परम के लंड से।“

वह उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी। परम ने रिंकू की चूत में ही स्खलन कर दिया। इसके बाद तीनों ने कुछ ड्रिंक्स लीं और रजनी ने वादा किया कि रविवार को वह सुंदरी के साथ उसके घर आएगा।

परम रजनी के घर से निकला और उस जगह पहुँचा जहाँ उसने उसकी माँ सुंदरी को छोड़ा था। वह कमरे में गया और देखा कि सुंदरी सिर्फ़ पेटीकोट में लेटी हुई है। वह बिस्तर पर उसके पास बैठ गया और धीरे से उसकी चूचियों को दबाया। उसने अभी-अभी दो औरतों के साथ आनंद लिया था, लेकिन सुंदरी के स्तनों को छूने में उसे जो आनंद मिला, वह अद्भुत था। उसने उन्हें धीरे से दबाया और सुंदरी ने अपनी आँखें खोल दीं।

"ओह्ह, परम, तुम कहाँ थे?" उसने पूछा। उसने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ था और पूछा कि माँ तेरा माल सही तरीके से चुदा तुझे मजा आया?”
मैत्री और नीता की रचना

वह मुस्कुराई और 'हाँ' कह दी। सुंदरी ने कपड़े पहने, घूँघट डाला और दोनों कमरे से बाहर आ गए। वहाँ से वे सेठजी के घर पहुँचे। रास्ते में सुंदरी ने कमरे के अंदर हुई सारी बातें बताईं।

"अगर बाबूजी तुमको पहचानते तो!" परम ने चौंकते हुए पूछा, मुझे तो लगता है की बाबूजी मुझे मार डालते, तेरा दलाल बन ने में।“

“तेरा तो जो होता बीटा, लेकिन मुझे तो मुझे मर जाना पड़ता… .. मैं उसी रूम में आत्महत्या कर लेती।” सुंदरी ने ऐसी कोई भी बात दोनों बच्चो को नहीं बताई जिस घर में कोई परेशानी पैदा हो या फिर सब को स्वतंत्रता मिल जाए।

दोनों अंदर गए और देखा कि महक सेठजी की छोटी बहू "लीला" से बात कर रही है, वह केवल 19 साल की थी और पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। यह वही बहू है जिसे सेठजी बुरी तरह से चोदना चाहते थे। सेठजी का छोटा बेटा और उसकी पत्नी आये हुए थे। सुंदरी को देखकर छोटा सेठ बहुत खुश हुआ। वह उसके करीब आया और हाथ जोड़कर प्रणाम किया। वह केवल 20 वर्ष का था और उससे लगभग 15 वर्ष छोटा था।

“कैसी हो सुंदरी काकी?” उसने पूछा!

सुन्दरी ने उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहा:

'हम तो अच्छे हैं, आप कैसे हो...' लगता है बहू खूब खिलाती है .. मोटे हो गए हो…!”

और वह लीला छोटी बहू के पास गई वह पतली और लंबी कद-काठी की थी। परम ने लीला को गौर से देखा। पूनम, सुंदरी या महक से तो उसकी कोई तुलना ही नहीं थी... लेकिन उसमें कुछ खासियत थी... जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता...

5’5” लंबा, 32x22x34 के शारीरिक आंकड़े, बहुत लंबे बाल, सुंदरी से भी लंबे, अंडाकार चेहरा, गोरा रंग और एक ऐसा आत्मविश्वास और निर्भीकता जो गाँव की किसी भी लड़की या औरत में नहीं थी... उसने अपनी नज़रें हटा लीं, लेकिन बार-बार उसे लीला को देखने के लिए अपना सिर घुमाना पड़ा, लेकिन उसने उसकी तरफ देखा ही नहीं।

कोई आश्चर्य नहीं कि सेठजी लीला के इतने दीवाने हैं, उसकी चूत की कल्पना मात्र ही लंड में से पानी निकल जाए।

लीला पतली थी जबकि बड़ी बहू अधिक मस्त माल थी और सही जगह पर ढेर सारा मांस था। उस क्षण तक परम को बड़ी बहू उषा अधिक पसंद थी। अब तक उसकी न तो लीला के साथ दोस्ती थी और न ही उसने छोटी बहू के साथ कोई क्वालिटी टाइम बिताया था...वाह को अडिग, रफ, बोल्ड और ब्यूटीफुल के तौर पर जाना जाता था।


जब सुंदरी छोटी बहू के साथ खुशियों का आदान-प्रदान करने में व्यस्त थी, परम 'पोंडी' को पूर्व निर्दिष्ट स्थान पर रखने के लिए बड़ी बहू के कमरे में गया। उसने किताब रख दी, पुरानी किताब ले ली और बिस्तर पर बैठा रहा। उसे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना था। बड़ी बहू कमरे में दाखिल हुई।
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आगे कल

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आपको यह एपिसोड के बारे में कोमेंट देनी है पता है न!!!!!!!!!
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कल तक के लिए शुक्रिया आप सबका
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।जय भारत
Galati se yah dubara ho gaya hai

Ignore kar dijiye aur aap sab se maafi chahti hu.
 
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