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ajay bhai

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chapter 1

सूरज निकल कर अपनी लालिमा चारो तरफ फैला रहा था एक गाव जो छोटे पहारो के बीच बसा हुआ है सुबह की सूरज निकलते टाइम बहोत ही खूबसूरत नजारा होता है ऐसा लगता है जैसे सूरज पहार के पीछे से निकल रहा हो


उसी गाव के एक घर मे हमारा हीरो भी रहता है गाव मे मुर्गे चिरिया की चेहचाहने की आवाज जैसे मधुर धुन हो जो सुबह सुबह दिल को सुकून पहुचाता है

गाव का हर कोई बूढ़े जवान उठ अपने सुबह के रोज मर्रा के काम मे लग जाते है लेकिन हमारा हीरो आराम से नींद ले रहा था जैसे उसे कोई फर्क नही परता दुनिया मे किया चल रहा है दुनिया जाय भार मे

तभी कमरे मे एक खूबसूरत सी लरकी आती है जो आयुस को मुस्कुराते हुवे देखती है फिर आयुश के ऊपर आके बैठ जाती है आयुस सोया था अपने पीठ पे बहोत गर्म मुलायम लेकिन बहोत भारी कुछ फिल करता है तो सासे फूलने लगती है

आयुस को समझते देर नही लगती उसके उपर उसकी प्यारी बेहन है आयुस आखे खोल पीछे मूर आरूसी को देख - ओये शैतान तु एक दिन मेरी जान लेके मानेगी कितनी भारी है तू और हर बार आके मेरे उपर बैठ जाती है मे कोई बैठने की चीज हु किया हा

आरूसी मुह फुलाते हुवे - भाई मे तो एक नाजुक फुल जैसी लरकी हु मे कहा से भारी हो गई आप बस मुझे ताना मारते रहते है और हा आप के ऊपर बैठ मजा आता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - तू फुल जैसी नाजुक ( आयुस जोर जोर से हस्ते हुवे) अच्छा मजाक है भैस कही की उतर मेरे उपर से

बस फिर किया एक लरकी को तारीफ अच्छी लगती है लेकिन अगर आप गलती से भी किसी लरकी को उसकी खूबसूरती का मजाक बनाते हुवे कुछ बोल दो तो भइया आप गये

आयुसी भी फुल गुस्से मे आयुस को देख - भाई अपने बहोत गलत किया मे कोई मोटी भैस नही हु आज मे आपको छोरुगी नही

आयुसी गुस्से से तकिया उठा के आयुस को मारने लग जाती है आयुस दोनों हाथ आगे कर अपने आप को बचाते हुवे - रुक जा बेरी बहन लग जायेगी

आयुसी आयुस को मारते हुवे गुस्से से - आप बहोत बुरे है भइया आप हमेसा मुझे मोटी मोटी कहते रहते है आज आपको मे नही छोरने वाली

कमरे से सोर सराबा सुन अमृता अपना सर पकर - ये दोनों इतने बरे हो गये लेकिन रोज सुबह होते ही लरना सुरु कर देते है

अमृता कमरे मे जाते दोनों को देख गुस्से से - सुबह सुबह सुरु हो गये हद है बच्चो की तरह लरते रहते हो और तुम आयुस बेटा अपनी बेहन को मोटी कियु बोलता है इतनी खूबसूरत तो मेरी बेटी

आयुसी आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - देखा सुना ना मा ने किया कहा मे बहोत खूबसूरत हु मोटी भैस नही

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम खूबसूरत हो अब खुश
आयुसी आयुस के ऊपर से नीचे आके खरी होके - यही बात रोज कहते भाई तो आप को मार नही खानी परती

आयुस मन मे - लरकी को कोई समझ नही सकता

अमृता आयुस को देख - उठेगा जा

आयुस जल्दी से उठ अमृता के पास जाके गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मा

अमृता मुस्कुराते हुवे आयुस के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरा बच्चा

आयुसी मुह फुला के - मुझे किसी ने गुड मोर्निंग नही कहा

अमृता आयुस मुस्कुराते हुवे आयुसी के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग

आयुसी मुस्कुराते हुवे - हु अब ठीक है
आयुस - शैतान की नानी

हा ये रोज का है आयुस आयुसी सुबह एक बार लरते ही है लेकिन ये दोनों भाई बहन के बीच प्यार है अमृता भी जानती थी दोनों जान बुझ कर लरते रहते है

आयुस निकल परता है हल्का होने पहारी इलाका था घर आयुस का गाव के बीच नही सब से किनारे पे था आस पास परोसी थे लेकिन थोरि दूर पे थे घर के पीछे आयुस थोरि रोज हल्का होने जाता था

घर पे आयुसी नहाने रेडी होने के बाद खाना बनाने लगती है अमृता गाय को चारा खिलाने लगती है

ये रोज सुबह का रूटीन था

आयुस के पिता 5 साल पहले ही गुजर गये असल मे आयुस के बीमार थे पैसे ना होने के कारन इलाज नही हो पाया और गुजर गये

जमीन बहोत थी लेकिन आधे से जायदा जमीन बेच कर इलाज करने मे बिक गये जमीन भी गई और आयुस के पापा भी

अमृता ने उसके बाद घर बच्चो को संभाला लेकिन मुश्किल घड़ी मे आयुस की बुआ हमेसा साथ देती थी आयुस की आधी जिंदगी अपनी बुआ के घर ही गुजरी

आयुस अपनी बुआ को मा की तरह ही मानता है आयुस को बुआ से एक मा के तरह ही प्यार मिलता है आज भी

बिनीता मा नही बन पाई लेकिन आयुस को ही अपना बेटा मान लिया आयुस ही है जो बिनीता को कभी बेटे के कमी का एहसास नही होने देता पर खुद मा बन बच्चे को जन्म देने वो दर्द दूध पिलाने गोद मे उठाना ये फीलिंग बिनीता को मिल नही पाई इस लिये बिनीता कभी कभी बहोत दुखी हो जाती थी पर आयुस को देख सब भूल दर्द भूल जाती

आयुस घर आता है नीम का दातून से मुह धोने लगता है आगन् मे बैठ कर आयुसी खाना बना रहा थी

आयुस - गुरिया आज बुआ आने वाली है अच्छे से दाल चावल भुजिया बनाना समझ गई

आयुसी आयुस को देख - हा समझ गई भाई आप बोल तो ऐसे रहे है जैसे मुझे खाना बनाना नही आता

आयुस हस्ते हुवे - आता है आता है लेकिन कभी नमक कभी मसाला जायदा डाल देती तो बरी आई

आयुस रोने सा मुह बना के - भाई आप बहोत बुरे है हर वक़्त मेरा मजाक बनाते रहते है मुझे आपसे बात ही नही करनी जाओ

अमृता कमरे से आके आयुस के पास जाके कान पकर - कियु रे कितनी बार कहा है अपनी बेहन को टंग मत करा कर

आयुस दर्द मे - आह मा छोरो ना दर्द होता है मेने कहा तंग किया है
अमृता और जोर से कान खीचते हुवे - मे बहरी नही हु सब सुनाई देता है समझ गया
आयुसी खुश होके - मा और जोर से कान खीचो भइया के
आयुस दर्द मे - आह मा छोर दो ना अब फिर तंग नही करुगा
अमृता कान छोर - तेरा रोज का है कहता है नही तंग करेगा लेकिन तेरी बाते हवा मे गायब हो जाती है


इतनी मस्तिया लाराइ मे 10 बज जाते है खाना पीना खाने के बाद आयुस अपने दोस्तो राज से मिलने जाता है घर से थोरी दूर ही था
10 मिनट का रास्ता था

आयुस राज के घर आता है अंदर जाने के बाद आयुस - अरे वो राज के बचें कहा है रे बाहर निकल देख तेरा बाप आया है

तभी पीछे से कोई आयुस का कान जोर से मरोड़ गुस्से से - अच्छा बेटा तु राज का बाप है मेरा पति सही कहा ना मेने

आयुस आवाज सुन डरते हुवे - वो ऑन्टी मे तो मजाक मे केहता हु

ऑन्टी आयुस के सामने खरी होके - अच्छा मजाक लेकिन ये कैसा मजाक है मुझे लगता है तेरी मा को जाके बताना पड़ेगा तेरा बेटा मेरा पति बनने के लिये बेचैन है

आयुस प्यार से ऑन्टी के गाल पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत ऑन्टी माफ कर दो मा को मत केहना प्लेस वादा करता हु आगे से गलती नही होगी

ऑन्टी मुस्कुराते हुवे - वाह बेटा मखन् लगाने से मे माफ नही करने वाली समझ गया
आयुस ऑन्टी को बाहों मे लेके - तो तो मे सच मे आपको लेके भाग जाउंगा
ऑन्टी जोर जोर से हस्ते हुवे - अच्छा बच्चा है तू मुझे नही संभाल पायेगा समझ गया

आयुस मुस्कुराते हुवे - एक मोक्का देखे देखिये यकीन मानिये इस आयुस को आप कभी रोज दिन रात याद करेगी
ऑन्टी आयुस की आखो मे देख - अच्छा अगर नही संभाल पाया तो
आयुस आखो मे देख - तो आप जो बोलोगी मे करुगा

ऑन्टी - अगर ऐसा है तो चल दिया मोक्का
आयुस अंदर ही अंदर बहोत खुश होता है कियुंकी आयुस अपने दोस्त की मा यानी रीमा के पीछे परा हुआ था

आयुस रीमा के कान मे - राज कहा है
रीमा - वही जहा जाता है
आयुस - तो सुरु करे जैसा दिल हुआ है
रीमा - सोच ले संभाल नही पायेगा
आयुस रीमा के के होठ के किस करते हुवे आखो मे देख - 4 महीने से आपको आपकी चुत को संभाल तो रहा हु मेरी जान

हा आपने सभी समझा आयुस रीमा को चार महीने से चोद रहा है लेकिन कब कैसे सुरु हुआ आगे पता चल जायेगा

आयुस रीमा को उठा के कमरे मे बिस्तर पे लेता के किस करने लगता है रीमा भी पुरा साथ देती है दोनों एक दूसरे का रस पीते है

आयुस जल्दी से रीमा के सारी उपर कर टांगे फैला के अपना लंड निकाल चुत पे घिसने लगता है रीमा आह उफ सिसकिया लेने लगती है
आयुस रीमा को देख - उफ कितनी गर्म है आपकी चुत
रीमा उफ आह सिसकिया लेते - चुत तेरे लंड लेने के लिये गर्म हो गई है डाल दे अब देर मत कर
आयुस - अच्छा बाबा डाल देता हु

आयुस एक जोर डार धक्का मार पुरा लंड अंदर डाल देता है रीमा दर्द मे आह मा मर गई रे आयुस बिना रुके धक्का मारता रहता है रीमा टांगे उठाये अपने बेटे के दोस्त का लंड मजे से ले रही थी

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रीमा उफ बेटा तेरा लंड लेने के बाद मेरे दिल को सुकून मिलता है आते रहना और मेरी चुत मारते रहना आह तेरा मोटा लंड ही मेरी चुत की आग सांत कर सकता है उफ मजा आ रहा है चोद बेटा अपनी ऑन्टी को आह उफ मा यही असली चुदाई का मजा है जो तूने मुझे दिया

25 मिनट बाद

रीमा जल्दी से सारी बाल सही कर बिस्तर पे बैठ हाफते हुवे - उफ मजा आ गया बेटा

आयुस मुस्कुराते हुवे - जब मेने आपको नँगा देखा तब से मे आपकी चुदाई करने के पीछे परा था किस्मत ने साथ दिया और आप की चुत मुझे मिल गई

रीमा मुस्कुराते हुवे - कितना कमीना है दोस्त की मा को चोदता है
आयुस मुस्कुराते हुवे - अरे इसमें असली मजा है मेरी जान वैसे भी आप भी तो खूब मजे से लंड लेती है मेरा

रीमा बेसर्म कमीना - हा एक बात तो है तेरे अंदर बहोत दम है किसी औरत को खुश करने की

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा अब चलता हु फिर कल आयुगा आपकी लेने

आयुस चला जाता है रीमा मन मे - उस दिन जब उसने मुझे नँगा देखा तभी मुझे उससे चुदना तय हो गया कितना कमीना चालाक है मेरी चुत मार ली और अब मुझे उसके लंड की आदत पर गई है


आयुस अपने दोस्त से मिलने जाता है बाते मस्ती घूमने मे 12 बज जाते है आयुस जब घर आता है तो किसी को देख बहोत खुश होता है हा बिनीता आ गई थी आयुस को देख बिनीता का चेहरा भी खिल जाता है

आयुस जल्दी से जाके बिनीता को गले लगा के - बुआ मा आप आ गई

आयुस अपनी बुआ को बुआ मा बोलता है प्यार से

बिनीता भी खुशी से आयुस को बाहों मे भर - मेरा बच्चा कैसा है
आयुस - एकदम मस्त

आयुस फिर बिनीता के चहरे गाल को टच करते हुवे आगे पीछे अच्छे से देखने लगता है अमृता आयुसी सब देख मन मे - लो फिर सुरु हो गया

आयुस अच्छे से बिनीता को देखने के बाद बिनीता के सामने खरा हो जाता है

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा तो मे फिट हु ना
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा आप फिट है और पहले से थोरा और खूबसूरत हो गई है
बिनीता हस्ते हुवे - बस थोरा सा
आयुस हस्ते हुवे - बुआ मा आप पहले से ही बहोत खूबसूरत है
बिनीता हस्ते हुवे - मेरा बच्चा आजा मेरे बाहों मे
आयुस भी फिर बिनीता के बाहों मे समा जाता है बिनीता आयुस को बाहों मे लेके जैसे उसे सुकून मिल गया हो

अमृता सब देख समझ रही थी अमृता ने ही बिनीता का दर्द समझा और आयुस जब छोटा था तब बिनीता के साथ भेज दिया था

बिनीता आयुस कमरे मे आते है बिस्तर पे लेत बिनीता आयुस को सीने से लगा के सर प्यार से सेहलानें लगती है

आयुस - बुआ मा आप यही कियु नही रह जाती आप उस बूढ़े फूफा को छोर दो ना मेरे साथ रहो
बिनीता आयुस का सर सेहलाते हुवे हस्ते हुवे - शैतान वो तेरे फूफा है और अभी पुरे बूढ़े नही हुवे है

आयुस - नही हुवे है लेकिन आपके सामने बूढ़े ही दिखते है आप तो अभी 25 की लगती है बहोत खूबसूरत जवान
बिनीता हस्ते हुवे - अच्छा ऐसा किया मेरा बेटा कहता है तो मान लेती हु
आयुसी कमरे मे आते हुवे - बुआ ये गलत बात है माना भाई आपके साथ मेरे से जायदा रहे लेकिन आप ऐसा कैसे कर सकती है भाई को आप बहोत प्यार करती है लेकिन मुझे नही करती

बिनीता आयुसी को देख हस्ते हुवे - आजा नोटकी बाज
आयुसी भी मुस्कुराते हुवे बिनीता के साथ लेत जाती है

बिनीता आयुसी आयुस को प्यार से सर सेहलाते हुवे - मे मा नही बन सकी लेकिन तुम दोनों को मे अपना बच्चा ही मानंती प्यार करती हु तुम दोनों की वजह से ही मे अपने आप तो टूटने से रोक पाती हु

बिनीता मा ना बनने से फिर इमोसनल हो जाती है

आयुस बिनीता के आसु साफ कर - मेने भी आपको मा की नजर से देखता हु बुआ मा मे हु ना आपका बेटा आप चिंता कियु करती है आपका ख्याल मे रखुंगा

आयुसी - हा बुआ भाई सही केह रहे है आप दुखी मत हुआ कीजिये अच्छा नही लगता

बिनीता आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा आज के बाद से ऐसा नही होगा

साम 7 बजे

आगन् मे आयुसी खाना बना रही थी अमृता आयुस बिनीता सब बाते कर रहे थे आयुस बिनीता के गोद मे सर रख लेता हुआ था बिनीता बाते करते हुवे आयुस का सर सेहला रही थी


आयुस - बुआ कम से कम पाच दिन तो रहोगी ना
बिनीता - नही मेरे बेटे 2 दिन से जयादा नही रह सकती तुझे पता है कियु

आयुस उदास होते हुवे - हा जानता हु

बिनीता के बच्चे होते तो बिनीता आराम से जितना दिन चाहती रह सकती थी लेकिन बच्चे ना होने के कारन बिनीता को ही घर खेत गाय को देखना परता और ये बात आयुस जानता है इसी लिये आयुस ने रुकने का जिद नही किया

अमृता - कोई बात नही ननद जी नही रुक सकती लेकिन तु जाके जीतने दिन चाहे रह सकता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - हा मा अपने ये बात सही कही
बिनीता - भाभी आपने मेरे लिये जो किया उसका एहसास कभी नही भूल पाउंगी मुझे अच्छे से पता है एक मा अपने बेटे के बगैर नही नही सकती मेने आयुस को जन्म नही दिया लेकिन बेटे की तरह प्यार करती हु जब आयुस मेरे साथ नही होता तो मेरा दिल नही लगता बहोत याद आती है आयुस की जबकि आप ने आयुस को जन्म लिया फिर भी आप आयुस को मेरे पास भेजती है मे समझ सकती हु आप कैसे आयुस बिना रहती होगी

अमृता - हा ये बात सच है आयुस बिना मेरा दिल भी नही लगता लेकिन मे खुश हु आयुस की दो मा का प्यार मिलता है ननद जी दुखी होने की जरूरत नही है मुझे खुशी होती है आयुस आपके साथ रहता है तो आयुस भी आपको बहोत प्यार करता है

बिनीता आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरे बेटा मुझे बहोत प्यार करता है

आयुसी - अच्छा जब भी बात होती मे तो कही भी नही होती सब हर बार मुझे भूल जाते है सब सिर्फ भाई को ही प्यार करते है मुझे नही

अमृता - लो रूठ गई तेरी गुरिया

बिनीता - अरे बाबा तुझे भी हम सब बहोत प्यार करते है समझ गई
आयुस - हु मेरी गुरिया तो सब से प्यारी है मेरी लाडली
आयुस अंदर ही खुश होती है लेकिन दिखाती नही
आयुसी - हा हा बस बाते बरी करते है प्यार नही करते

बाते करते हुवे खाना भी रेडी हो जाता है फिर सभी खाना खाते है फिर थोरि बाते करते है


अमृता - ठीक है ननद जी मे चली सोने
आयुसी - मे भी चली मुझे भी नींद आ रही है
दोनों सोने चले जाते है

आयुस - बुआ मा चले हम भी सोने
बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो

बिनीता आयुस कमरे मे आ जाते है बिनीता आयुस को सीने से लगा के बाहों मे भर - तुझे सीने से लगाती हु तो मुझे सुकून मिलता है मेरे लाल
आयुस बिनीता को बाहों मे कस - मुझे भी बुआ मा

......?


आयुस सोया था लेकिन जब उसकी नींद खुलती है आके अभी भी बंद थ लेकिन जगा हुआ था तो आयुस को सर भारी और कई सारी चिरिया जानवर की आवाजे सुनाई देने लगती है और जो आवाजे थी बहोत तेज थी आयुस हैरान होके जल्दी से आखे खोलता है तो आयुस को बरे बरे घने पेर और उस पेर पे कई सारी अलग चिरिया बंदर दिखाई देते है जिसे देख आयुस शोक हैरान हो जाता है

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आयुस अपनी आख बंदकरते हुवे - अरे नही ये सपना है ऐसा थोरि है मे जंगल मे नीचे सोया हु सब सपना है मे फिर आखे खोलूगा मे अपने घर मे होऊगा मुझे फिर अपने घर का छत दिखाई देता ये सोच आयुस फिर आखे खोल देखता है लेकिन फिर आयुस को वही दिखाई देता है इस बार आयुस डर जाता है लेकिन अभी भी बिस्वास नही हो रहा था वो जंगल मे है

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तभी आयुस के पैर मे कोई किरा काटता है तो आयुस दर्द मे आह करते हुवे एकदम से उठ कर बैठ जाता है लेकिन फिर सामने देखता तो फिर जंगल ही देखाई देते है आयुस का अब दिल धक धक करने लगता है चेहरे पे पसीने आने लगते है

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आयुस हिम्मत कर खरा होता है और चारो तरफ नजर डोरा के देखता है तो चारो तरफ सिर्फ जंगल के बहोत भयानक जंगल अब तो आयन के पैर भी कापने लगते है डर से आयुस जम जाता है तभी आयुस की नजर सामने अपनी मा बहन बुआ पे जाती है जो बहस जमीन पे परे हुवे थे
आयुस कापते हुवे आवाज मे चारों तरफ देख - हम तो घर पे सो रहे थे लेकिन यहा इस भयानक जंगल मे कैसे आ गये

आयुस बहोत जोर से चिल्लाता है - नही ये नही हो सकता

आयुस जिसकी आवाज चारो तरफ जंगल मे भुज परती है


और हा बहोत सारी स्टोरी मेरे दिमाग मे है ये स्टोरी लोगो को पसंद आती है तो जारी रहेगी नही आती है तो कोई दूसरी स्टोरी सुरु कर दुगा

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
 

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सूरज निकल कर अपनी लालिमा चारो तरफ फैला रहा था एक गाव जो छोटे पहारो के बीच बसा हुआ है सुबह की सूरज निकलते टाइम बहोत ही खूबसूरत नजारा होता है ऐसा लगता है जैसे सूरज पहार के पीछे से निकल रहा हो


उसी गाव के एक घर मे हमारा हीरो भी रहता है गाव मे मुर्गे चिरिया की चेहचाहने की आवाज जैसे मधुर धुन हो जो सुबह सुबह दिल को सुकून पहुचाता है

गाव का हर कोई बूढ़े जवान उठ अपने सुबह के रोज मर्रा के काम मे लग जाते है लेकिन हमारा हीरो आराम से नींद ले रहा था जैसे उसे कोई फर्क नही परता दुनिया मे किया चल रहा है दुनिया जाय भार मे

तभी कमरे मे एक खूबसूरत सी लरकी आती है जो आयुस को मुस्कुराते हुवे देखती है फिर आयुश के ऊपर आके बैठ जाती है आयुस सोया था अपने पीठ पे बहोत गर्म मुलायम लेकिन बहोत भारी कुछ फिल करता है तो सासे फूलने लगती है

आयुस को समझते देर नही लगती उसके उपर उसकी प्यारी बेहन है आयुस आखे खोल पीछे मूर आरूसी को देख - ओये शैतान तु एक दिन मेरी जान लेके मानेगी कितनी भारी है तू और हर बार आके मेरे उपर बैठ जाती है मे कोई बैठने की चीज हु किया हा

आरूसी मुह फुलाते हुवे - भाई मे तो एक नाजुक फुल जैसी लरकी हु मे कहा से भारी हो गई आप बस मुझे ताना मारते रहते है और हा आप के ऊपर बैठ मजा आता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - तू फुल जैसी नाजुक ( आयुस जोर जोर से हस्ते हुवे) अच्छा मजाक है भैस कही की उतर मेरे उपर से

बस फिर किया एक लरकी को तारीफ अच्छी लगती है लेकिन अगर आप गलती से भी किसी लरकी को उसकी खूबसूरती का मजाक बनाते हुवे कुछ बोल दो तो भइया आप गये

आयुसी भी फुल गुस्से मे आयुस को देख - भाई अपने बहोत गलत किया मे कोई मोटी भैस नही हु आज मे आपको छोरुगी नही

आयुसी गुस्से से तकिया उठा के आयुस को मारने लग जाती है आयुस दोनों हाथ आगे कर अपने आप को बचाते हुवे - रुक जा बेरी बहन लग जायेगी

आयुसी आयुस को मारते हुवे गुस्से से - आप बहोत बुरे है भइया आप हमेसा मुझे मोटी मोटी कहते रहते है आज आपको मे नही छोरने वाली

कमरे से सोर सराबा सुन अमृता अपना सर पकर - ये दोनों इतने बरे हो गये लेकिन रोज सुबह होते ही लरना सुरु कर देते है

अमृता कमरे मे जाते दोनों को देख गुस्से से - सुबह सुबह सुरु हो गये हद है बच्चो की तरह लरते रहते हो और तुम आयुस बेटा अपनी बेहन को मोटी कियु बोलता है इतनी खूबसूरत तो मेरी बेटी

आयुसी आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - देखा सुना ना मा ने किया कहा मे बहोत खूबसूरत हु मोटी भैस नही

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम खूबसूरत हो अब खुश
आयुसी आयुस के ऊपर से नीचे आके खरी होके - यही बात रोज कहते भाई तो आप को मार नही खानी परती

आयुस मन मे - लरकी को कोई समझ नही सकता

अमृता आयुस को देख - उठेगा जा

आयुस जल्दी से उठ अमृता के पास जाके गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मा

अमृता मुस्कुराते हुवे आयुस के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरा बच्चा

आयुसी मुह फुला के - मुझे किसी ने गुड मोर्निंग नही कहा

अमृता आयुस मुस्कुराते हुवे आयुसी के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग

आयुसी मुस्कुराते हुवे - हु अब ठीक है
आयुस - शैतान की नानी

हा ये रोज का है आयुस आयुसी सुबह एक बार लरते ही है लेकिन ये दोनों भाई बहन के बीच प्यार है अमृता भी जानती थी दोनों जान बुझ कर लरते रहते है

आयुस निकल परता है हल्का होने पहारी इलाका था घर आयुस का गाव के बीच नही सब से किनारे पे था आस पास परोसी थे लेकिन थोरि दूर पे थे घर के पीछे आयुस थोरि रोज हल्का होने जाता था

घर पे आयुसी नहाने रेडी होने के बाद खाना बनाने लगती है अमृता गाय को चारा खिलाने लगती है

ये रोज सुबह का रूटीन था

आयुस के पिता 5 साल पहले ही गुजर गये असल मे आयुस के बीमार थे पैसे ना होने के कारन इलाज नही हो पाया और गुजर गये

जमीन बहोत थी लेकिन आधे से जायदा जमीन बेच कर इलाज करने मे बिक गये जमीन भी गई और आयुस के पापा भी

अमृता ने उसके बाद घर बच्चो को संभाला लेकिन मुश्किल घड़ी मे आयुस की बुआ हमेसा साथ देती थी आयुस की आधी जिंदगी अपनी बुआ के घर ही गुजरी

आयुस अपनी बुआ को मा की तरह ही मानता है आयुस को बुआ से एक मा के तरह ही प्यार मिलता है आज भी

बिनीता मा नही बन पाई लेकिन आयुस को ही अपना बेटा मान लिया आयुस ही है जो बिनीता को कभी बेटे के कमी का एहसास नही होने देता पर खुद मा बन बच्चे को जन्म देने वो दर्द दूध पिलाने गोद मे उठाना ये फीलिंग बिनीता को मिल नही पाई इस लिये बिनीता कभी कभी बहोत दुखी हो जाती थी पर आयुस को देख सब भूल दर्द भूल जाती

आयुस घर आता है नीम का दातून से मुह धोने लगता है आगन् मे बैठ कर आयुसी खाना बना रहा थी

आयुस - गुरिया आज बुआ आने वाली है अच्छे से दाल चावल भुजिया बनाना समझ गई

आयुसी आयुस को देख - हा समझ गई भाई आप बोल तो ऐसे रहे है जैसे मुझे खाना बनाना नही आता

आयुस हस्ते हुवे - आता है आता है लेकिन कभी नमक कभी मसाला जायदा डाल देती तो बरी आई

आयुस रोने सा मुह बना के - भाई आप बहोत बुरे है हर वक़्त मेरा मजाक बनाते रहते है मुझे आपसे बात ही नही करनी जाओ

अमृता कमरे से आके आयुस के पास जाके कान पकर - कियु रे कितनी बार कहा है अपनी बेहन को टंग मत करा कर

आयुस दर्द मे - आह मा छोरो ना दर्द होता है मेने कहा तंग किया है
अमृता और जोर से कान खीचते हुवे - मे बहरी नही हु सब सुनाई देता है समझ गया
आयुसी खुश होके - मा और जोर से कान खीचो भइया के
आयुस दर्द मे - आह मा छोर दो ना अब फिर तंग नही करुगा
अमृता कान छोर - तेरा रोज का है कहता है नही तंग करेगा लेकिन तेरी बाते हवा मे गायब हो जाती है


इतनी मस्तिया लाराइ मे 10 बज जाते है खाना पीना खाने के बाद आयुस अपने दोस्तो राज से मिलने जाता है घर से थोरी दूर ही था
10 मिनट का रास्ता था

आयुस राज के घर आता है अंदर जाने के बाद आयुस - अरे वो राज के बचें कहा है रे बाहर निकल देख तेरा बाप आया है

तभी पीछे से कोई आयुस का कान जोर से मरोड़ गुस्से से - अच्छा बेटा तु राज का बाप है मेरा पति सही कहा ना मेने

आयुस आवाज सुन डरते हुवे - वो ऑन्टी मे तो मजाक मे केहता हु

ऑन्टी आयुस के सामने खरी होके - अच्छा मजाक लेकिन ये कैसा मजाक है मुझे लगता है तेरी मा को जाके बताना पड़ेगा तेरा बेटा मेरा पति बनने के लिये बेचैन है

आयुस प्यार से ऑन्टी के गाल पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत ऑन्टी माफ कर दो मा को मत केहना प्लेस वादा करता हु आगे से गलती नही होगी

ऑन्टी मुस्कुराते हुवे - वाह बेटा मखन् लगाने से मे माफ नही करने वाली समझ गया
आयुस ऑन्टी को बाहों मे लेके - तो तो मे सच मे आपको लेके भाग जाउंगा
ऑन्टी जोर जोर से हस्ते हुवे - अच्छा बच्चा है तू मुझे नही संभाल पायेगा समझ गया

आयुस मुस्कुराते हुवे - एक मोक्का देखे देखिये यकीन मानिये इस आयुस को आप कभी रोज दिन रात याद करेगी
ऑन्टी आयुस की आखो मे देख - अच्छा अगर नही संभाल पाया तो
आयुस आखो मे देख - तो आप जो बोलोगी मे करुगा

ऑन्टी - अगर ऐसा है तो चल दिया मोक्का
आयुस अंदर ही अंदर बहोत खुश होता है कियुंकी आयुस अपने दोस्त की मा यानी रीमा के पीछे परा हुआ था

आयुस रीमा के कान मे - राज कहा है
रीमा - वही जहा जाता है
आयुस - तो सुरु करे जैसा दिल हुआ है
रीमा - सोच ले संभाल नही पायेगा
आयुस रीमा के के होठ के किस करते हुवे आखो मे देख - 4 महीने से आपको आपकी चुत को संभाल तो रहा हु मेरी जान

हा आपने सभी समझा आयुस रीमा को चार महीने से चोद रहा है लेकिन कब कैसे सुरु हुआ आगे पता चल जायेगा

आयुस रीमा को उठा के कमरे मे बिस्तर पे लेता के किस करने लगता है रीमा भी पुरा साथ देती है दोनों एक दूसरे का रस पीते है

आयुस जल्दी से रीमा के सारी उपर कर टांगे फैला के अपना लंड निकाल चुत पे घिसने लगता है रीमा आह उफ सिसकिया लेने लगती है
आयुस रीमा को देख - उफ कितनी गर्म है आपकी चुत
रीमा उफ आह सिसकिया लेते - चुत तेरे लंड लेने के लिये गर्म हो गई है डाल दे अब देर मत कर
आयुस - अच्छा बाबा डाल देता हु

आयुस एक जोर डार धक्का मार पुरा लंड अंदर डाल देता है रीमा दर्द मे आह मा मर गई रे आयुस बिना रुके धक्का मारता रहता है रीमा टांगे उठाये अपने बेटे के दोस्त का लंड मजे से ले रही थी

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रीमा उफ बेटा तेरा लंड लेने के बाद मेरे दिल को सुकून मिलता है आते रहना और मेरी चुत मारते रहना आह तेरा मोटा लंड ही मेरी चुत की आग सांत कर सकता है उफ मजा आ रहा है चोद बेटा अपनी ऑन्टी को आह उफ मा यही असली चुदाई का मजा है जो तूने मुझे दिया

25 मिनट बाद

रीमा जल्दी से सारी बाल सही कर बिस्तर पे बैठ हाफते हुवे - उफ मजा आ गया बेटा

आयुस मुस्कुराते हुवे - जब मेने आपको नँगा देखा तब से मे आपकी चुदाई करने के पीछे परा था किस्मत ने साथ दिया और आप की चुत मुझे मिल गई

रीमा मुस्कुराते हुवे - कितना कमीना है दोस्त की मा को चोदता है
आयुस मुस्कुराते हुवे - अरे इसमें असली मजा है मेरी जान वैसे भी आप भी तो खूब मजे से लंड लेती है मेरा

रीमा बेसर्म कमीना - हा एक बात तो है तेरे अंदर बहोत दम है किसी औरत को खुश करने की

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा अब चलता हु फिर कल आयुगा आपकी लेने

आयुस चला जाता है रीमा मन मे - उस दिन जब उसने मुझे नँगा देखा तभी मुझे उससे चुदना तय हो गया कितना कमीना चालाक है मेरी चुत मार ली और अब मुझे उसके लंड की आदत पर गई है


आयुस अपने दोस्त से मिलने जाता है बाते मस्ती घूमने मे 12 बज जाते है आयुस जब घर आता है तो किसी को देख बहोत खुश होता है हा बिनीता आ गई थी आयुस को देख बिनीता का चेहरा भी खिल जाता है

आयुस जल्दी से जाके बिनीता को गले लगा के - बुआ मा आप आ गई

आयुस अपनी बुआ को बुआ मा बोलता है प्यार से

बिनीता भी खुशी से आयुस को बाहों मे भर - मेरा बच्चा कैसा है
आयुस - एकदम मस्त

आयुस फिर बिनीता के चहरे गाल को टच करते हुवे आगे पीछे अच्छे से देखने लगता है अमृता आयुसी सब देख मन मे - लो फिर सुरु हो गया

आयुस अच्छे से बिनीता को देखने के बाद बिनीता के सामने खरा हो जाता है

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा तो मे फिट हु ना
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा आप फिट है और पहले से थोरा और खूबसूरत हो गई है
बिनीता हस्ते हुवे - बस थोरा सा
आयुस हस्ते हुवे - बुआ मा आप पहले से ही बहोत खूबसूरत है
बिनीता हस्ते हुवे - मेरा बच्चा आजा मेरे बाहों मे
आयुस भी फिर बिनीता के बाहों मे समा जाता है बिनीता आयुस को बाहों मे लेके जैसे उसे सुकून मिल गया हो

अमृता सब देख समझ रही थी अमृता ने ही बिनीता का दर्द समझा और आयुस जब छोटा था तब बिनीता के साथ भेज दिया था

बिनीता आयुस कमरे मे आते है बिस्तर पे लेत बिनीता आयुस को सीने से लगा के सर प्यार से सेहलानें लगती है

आयुस - बुआ मा आप यही कियु नही रह जाती आप उस बूढ़े फूफा को छोर दो ना मेरे साथ रहो
बिनीता आयुस का सर सेहलाते हुवे हस्ते हुवे - शैतान वो तेरे फूफा है और अभी पुरे बूढ़े नही हुवे है

आयुस - नही हुवे है लेकिन आपके सामने बूढ़े ही दिखते है आप तो अभी 25 की लगती है बहोत खूबसूरत जवान
बिनीता हस्ते हुवे - अच्छा ऐसा किया मेरा बेटा कहता है तो मान लेती हु
आयुसी कमरे मे आते हुवे - बुआ ये गलत बात है माना भाई आपके साथ मेरे से जायदा रहे लेकिन आप ऐसा कैसे कर सकती है भाई को आप बहोत प्यार करती है लेकिन मुझे नही करती

बिनीता आयुसी को देख हस्ते हुवे - आजा नोटकी बाज
आयुसी भी मुस्कुराते हुवे बिनीता के साथ लेत जाती है

बिनीता आयुसी आयुस को प्यार से सर सेहलाते हुवे - मे मा नही बन सकी लेकिन तुम दोनों को मे अपना बच्चा ही मानंती प्यार करती हु तुम दोनों की वजह से ही मे अपने आप तो टूटने से रोक पाती हु

बिनीता मा ना बनने से फिर इमोसनल हो जाती है

आयुस बिनीता के आसु साफ कर - मेने भी आपको मा की नजर से देखता हु बुआ मा मे हु ना आपका बेटा आप चिंता कियु करती है आपका ख्याल मे रखुंगा

आयुसी - हा बुआ भाई सही केह रहे है आप दुखी मत हुआ कीजिये अच्छा नही लगता

बिनीता आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा आज के बाद से ऐसा नही होगा

साम 7 बजे

आगन् मे आयुसी खाना बना रही थी अमृता आयुस बिनीता सब बाते कर रहे थे आयुस बिनीता के गोद मे सर रख लेता हुआ था बिनीता बाते करते हुवे आयुस का सर सेहला रही थी


आयुस - बुआ कम से कम पाच दिन तो रहोगी ना
बिनीता - नही मेरे बेटे 2 दिन से जयादा नही रह सकती तुझे पता है कियु

आयुस उदास होते हुवे - हा जानता हु

बिनीता के बच्चे होते तो बिनीता आराम से जितना दिन चाहती रह सकती थी लेकिन बच्चे ना होने के कारन बिनीता को ही घर खेत गाय को देखना परता और ये बात आयुस जानता है इसी लिये आयुस ने रुकने का जिद नही किया

अमृता - कोई बात नही ननद जी नही रुक सकती लेकिन तु जाके जीतने दिन चाहे रह सकता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - हा मा अपने ये बात सही कही
बिनीता - भाभी आपने मेरे लिये जो किया उसका एहसास कभी नही भूल पाउंगी मुझे अच्छे से पता है एक मा अपने बेटे के बगैर नही नही सकती मेने आयुस को जन्म नही दिया लेकिन बेटे की तरह प्यार करती हु जब आयुस मेरे साथ नही होता तो मेरा दिल नही लगता बहोत याद आती है आयुस की जबकि आप ने आयुस को जन्म लिया फिर भी आप आयुस को मेरे पास भेजती है मे समझ सकती हु आप कैसे आयुस बिना रहती होगी

अमृता - हा ये बात सच है आयुस बिना मेरा दिल भी नही लगता लेकिन मे खुश हु आयुस की दो मा का प्यार मिलता है ननद जी दुखी होने की जरूरत नही है मुझे खुशी होती है आयुस आपके साथ रहता है तो आयुस भी आपको बहोत प्यार करता है

बिनीता आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरे बेटा मुझे बहोत प्यार करता है

आयुसी - अच्छा जब भी बात होती मे तो कही भी नही होती सब हर बार मुझे भूल जाते है सब सिर्फ भाई को ही प्यार करते है मुझे नही

अमृता - लो रूठ गई तेरी गुरिया

बिनीता - अरे बाबा तुझे भी हम सब बहोत प्यार करते है समझ गई
आयुस - हु मेरी गुरिया तो सब से प्यारी है मेरी लाडली
आयुस अंदर ही खुश होती है लेकिन दिखाती नही
आयुसी - हा हा बस बाते बरी करते है प्यार नही करते

बाते करते हुवे खाना भी रेडी हो जाता है फिर सभी खाना खाते है फिर थोरि बाते करते है


अमृता - ठीक है ननद जी मे चली सोने
आयुसी - मे भी चली मुझे भी नींद आ रही है
दोनों सोने चले जाते है

आयुस - बुआ मा चले हम भी सोने
बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो

बिनीता आयुस कमरे मे आ जाते है बिनीता आयुस को सीने से लगा के बाहों मे भर - तुझे सीने से लगाती हु तो मुझे सुकून मिलता है मेरे लाल
आयुस बिनीता को बाहों मे कस - मुझे भी बुआ मा

......?


आयुस सोया था लेकिन जब उसकी नींद खुलती है आके अभी भी बंद थ लेकिन जगा हुआ था तो आयुस को सर भारी और कई सारी चिरिया जानवर की आवाजे सुनाई देने लगती है और जो आवाजे थी बहोत तेज थी आयुस हैरान होके जल्दी से आखे खोलता है तो आयुस को बरे बरे घने पेर और उस पेर पे कई सारी अलग चिरिया बंदर दिखाई देते है जिसे देख आयुस शोक हैरान हो जाता है

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आयुस अपनी आख बंदकरते हुवे - अरे नही ये सपना है ऐसा थोरि है मे जंगल मे नीचे सोया हु सब सपना है मे फिर आखे खोलूगा मे अपने घर मे होऊगा मुझे फिर अपने घर का छत दिखाई देता ये सोच आयुस फिर आखे खोल देखता है लेकिन फिर आयुस को वही दिखाई देता है इस बार आयुस डर जाता है लेकिन अभी भी बिस्वास नही हो रहा था वो जंगल मे है

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तभी आयुस के पैर मे कोई किरा काटता है तो आयुस दर्द मे आह करते हुवे एकदम से उठ कर बैठ जाता है लेकिन फिर सामने देखता तो फिर जंगल ही देखाई देते है आयुस का अब दिल धक धक करने लगता है चेहरे पे पसीने आने लगते है

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आयुस हिम्मत कर खरा होता है और चारो तरफ नजर डोरा के देखता है तो चारो तरफ सिर्फ जंगल के बहोत भयानक जंगल अब तो आयन के पैर भी कापने लगते है डर से आयुस जम जाता है तभी आयुस की नजर सामने अपनी मा बहन बुआ पे जाती है जो बहस जमीन पे परे हुवे थे
आयुस कापते हुवे आवाज मे चारों तरफ देख - हम तो घर पे सो रहे थे लेकिन यहा इस भयानक जंगल मे कैसे आ गये

आयुस बहोत जोर से चिल्लाता है - नही ये नही हो सकता

आयुस जिसकी आवाज चारो तरफ जंगल मे भुज परती है


और हा बहोत सारी स्टोरी मेरे दिमाग मे है ये स्टोरी लोगो को पसंद आती है तो जारी रहेगी नही आती है तो कोई दूसरी स्टोरी सुरु कर दुगा

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Nice starting 🥳🥳🥳
 

Ek number

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The Jungle


एक लरका अपनी मा बहन बुआ के साथ अपने आप को एक जंगल मे पाता है लरका हैरान है कियुंकी वो उसकी मा बहन बुआ घर पे आराम से सो रहे थे तो फिर अचानक इस खतरनाक जंगल मे कैसे आ गये

पर जवाब नही मिल रहा था लेकिन सबसे बरा सवाल लरका किया करेगा कैसे अपनी मा बेहन बुआ को बचायेगा किया सब इस खतरनाक जंगल से बाहर निकल पायेंगे


( introduction )


Aayush - उमर 19 साल - ( hero) बहोत ही हैंड्सम गुड लुकिंग किसी से नही डरता सीधा भीर जाता है चाहे अंजाम कोई भी हो खास कर अपने लोगो के इज़त जान पे आई तो मा बहन से बहोत प्यार करता है

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Amrita - उमर 40 साल - ( hero mom) बहोत ही खूबसूरत संस्कारी औरत है 40 के उमर मे भी 25 की ही लगती है बॉडी खूबसूरती के दीवाने खुद उसका बेटा साथ मे पुरा गाव भी है

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Aarushi - उमर 18 - ( hero sis) मा से सब मिला है बहोत हि खूबसूरत है कई लरके आरूशी के दीवाने है उसके पीछे है hero की लाडली है आरूशी भी अपने भाई से बहोत प्यार करती है

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Binita - उमर 38 साल - ( hero buwa) बहोत ही खूबसूरत है अच्छे दिल की है लेकिन बेचारी मा नही बन पाई जिसका दुख बिनीता को जीने नही देता लेकिन आयुश को बेटे की तरह मानती बहोत प्यार करती है

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ये चार मैन करेक्टर है - बाकी update वही अपना जो टाइम है आज रात 9 से 10 बजे तक update आ जायेगी बाकी एक दिन छोर update देता रहुंगा 🙏🙏🙏🙏
Nice start
 

Ek number

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M
chapter 1

सूरज निकल कर अपनी लालिमा चारो तरफ फैला रहा था एक गाव जो छोटे पहारो के बीच बसा हुआ है सुबह की सूरज निकलते टाइम बहोत ही खूबसूरत नजारा होता है ऐसा लगता है जैसे सूरज पहार के पीछे से निकल रहा हो


उसी गाव के एक घर मे हमारा हीरो भी रहता है गाव मे मुर्गे चिरिया की चेहचाहने की आवाज जैसे मधुर धुन हो जो सुबह सुबह दिल को सुकून पहुचाता है

गाव का हर कोई बूढ़े जवान उठ अपने सुबह के रोज मर्रा के काम मे लग जाते है लेकिन हमारा हीरो आराम से नींद ले रहा था जैसे उसे कोई फर्क नही परता दुनिया मे किया चल रहा है दुनिया जाय भार मे

तभी कमरे मे एक खूबसूरत सी लरकी आती है जो आयुस को मुस्कुराते हुवे देखती है फिर आयुश के ऊपर आके बैठ जाती है आयुस सोया था अपने पीठ पे बहोत गर्म मुलायम लेकिन बहोत भारी कुछ फिल करता है तो सासे फूलने लगती है

आयुस को समझते देर नही लगती उसके उपर उसकी प्यारी बेहन है आयुस आखे खोल पीछे मूर आरूसी को देख - ओये शैतान तु एक दिन मेरी जान लेके मानेगी कितनी भारी है तू और हर बार आके मेरे उपर बैठ जाती है मे कोई बैठने की चीज हु किया हा

आरूसी मुह फुलाते हुवे - भाई मे तो एक नाजुक फुल जैसी लरकी हु मे कहा से भारी हो गई आप बस मुझे ताना मारते रहते है और हा आप के ऊपर बैठ मजा आता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - तू फुल जैसी नाजुक ( आयुस जोर जोर से हस्ते हुवे) अच्छा मजाक है भैस कही की उतर मेरे उपर से

बस फिर किया एक लरकी को तारीफ अच्छी लगती है लेकिन अगर आप गलती से भी किसी लरकी को उसकी खूबसूरती का मजाक बनाते हुवे कुछ बोल दो तो भइया आप गये

आयुसी भी फुल गुस्से मे आयुस को देख - भाई अपने बहोत गलत किया मे कोई मोटी भैस नही हु आज मे आपको छोरुगी नही

आयुसी गुस्से से तकिया उठा के आयुस को मारने लग जाती है आयुस दोनों हाथ आगे कर अपने आप को बचाते हुवे - रुक जा बेरी बहन लग जायेगी

आयुसी आयुस को मारते हुवे गुस्से से - आप बहोत बुरे है भइया आप हमेसा मुझे मोटी मोटी कहते रहते है आज आपको मे नही छोरने वाली

कमरे से सोर सराबा सुन अमृता अपना सर पकर - ये दोनों इतने बरे हो गये लेकिन रोज सुबह होते ही लरना सुरु कर देते है

अमृता कमरे मे जाते दोनों को देख गुस्से से - सुबह सुबह सुरु हो गये हद है बच्चो की तरह लरते रहते हो और तुम आयुस बेटा अपनी बेहन को मोटी कियु बोलता है इतनी खूबसूरत तो मेरी बेटी

आयुसी आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - देखा सुना ना मा ने किया कहा मे बहोत खूबसूरत हु मोटी भैस नही

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा तुम खूबसूरत हो अब खुश
आयुसी आयुस के ऊपर से नीचे आके खरी होके - यही बात रोज कहते भाई तो आप को मार नही खानी परती

आयुस मन मे - लरकी को कोई समझ नही सकता

अमृता आयुस को देख - उठेगा जा

आयुस जल्दी से उठ अमृता के पास जाके गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मा

अमृता मुस्कुराते हुवे आयुस के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग मेरा बच्चा

आयुसी मुह फुला के - मुझे किसी ने गुड मोर्निंग नही कहा

अमृता आयुस मुस्कुराते हुवे आयुसी के गाल पे किस करते हुवे - गुड मोर्निंग

आयुसी मुस्कुराते हुवे - हु अब ठीक है
आयुस - शैतान की नानी

हा ये रोज का है आयुस आयुसी सुबह एक बार लरते ही है लेकिन ये दोनों भाई बहन के बीच प्यार है अमृता भी जानती थी दोनों जान बुझ कर लरते रहते है

आयुस निकल परता है हल्का होने पहारी इलाका था घर आयुस का गाव के बीच नही सब से किनारे पे था आस पास परोसी थे लेकिन थोरि दूर पे थे घर के पीछे आयुस थोरि रोज हल्का होने जाता था

घर पे आयुसी नहाने रेडी होने के बाद खाना बनाने लगती है अमृता गाय को चारा खिलाने लगती है

ये रोज सुबह का रूटीन था

आयुस के पिता 5 साल पहले ही गुजर गये असल मे आयुस के बीमार थे पैसे ना होने के कारन इलाज नही हो पाया और गुजर गये

जमीन बहोत थी लेकिन आधे से जायदा जमीन बेच कर इलाज करने मे बिक गये जमीन भी गई और आयुस के पापा भी

अमृता ने उसके बाद घर बच्चो को संभाला लेकिन मुश्किल घड़ी मे आयुस की बुआ हमेसा साथ देती थी आयुस की आधी जिंदगी अपनी बुआ के घर ही गुजरी

आयुस अपनी बुआ को मा की तरह ही मानता है आयुस को बुआ से एक मा के तरह ही प्यार मिलता है आज भी

बिनीता मा नही बन पाई लेकिन आयुस को ही अपना बेटा मान लिया आयुस ही है जो बिनीता को कभी बेटे के कमी का एहसास नही होने देता पर खुद मा बन बच्चे को जन्म देने वो दर्द दूध पिलाने गोद मे उठाना ये फीलिंग बिनीता को मिल नही पाई इस लिये बिनीता कभी कभी बहोत दुखी हो जाती थी पर आयुस को देख सब भूल दर्द भूल जाती

आयुस घर आता है नीम का दातून से मुह धोने लगता है आगन् मे बैठ कर आयुसी खाना बना रहा थी

आयुस - गुरिया आज बुआ आने वाली है अच्छे से दाल चावल भुजिया बनाना समझ गई

आयुसी आयुस को देख - हा समझ गई भाई आप बोल तो ऐसे रहे है जैसे मुझे खाना बनाना नही आता

आयुस हस्ते हुवे - आता है आता है लेकिन कभी नमक कभी मसाला जायदा डाल देती तो बरी आई

आयुस रोने सा मुह बना के - भाई आप बहोत बुरे है हर वक़्त मेरा मजाक बनाते रहते है मुझे आपसे बात ही नही करनी जाओ

अमृता कमरे से आके आयुस के पास जाके कान पकर - कियु रे कितनी बार कहा है अपनी बेहन को टंग मत करा कर

आयुस दर्द मे - आह मा छोरो ना दर्द होता है मेने कहा तंग किया है
अमृता और जोर से कान खीचते हुवे - मे बहरी नही हु सब सुनाई देता है समझ गया
आयुसी खुश होके - मा और जोर से कान खीचो भइया के
आयुस दर्द मे - आह मा छोर दो ना अब फिर तंग नही करुगा
अमृता कान छोर - तेरा रोज का है कहता है नही तंग करेगा लेकिन तेरी बाते हवा मे गायब हो जाती है


इतनी मस्तिया लाराइ मे 10 बज जाते है खाना पीना खाने के बाद आयुस अपने दोस्तो राज से मिलने जाता है घर से थोरी दूर ही था
10 मिनट का रास्ता था

आयुस राज के घर आता है अंदर जाने के बाद आयुस - अरे वो राज के बचें कहा है रे बाहर निकल देख तेरा बाप आया है

तभी पीछे से कोई आयुस का कान जोर से मरोड़ गुस्से से - अच्छा बेटा तु राज का बाप है मेरा पति सही कहा ना मेने

आयुस आवाज सुन डरते हुवे - वो ऑन्टी मे तो मजाक मे केहता हु

ऑन्टी आयुस के सामने खरी होके - अच्छा मजाक लेकिन ये कैसा मजाक है मुझे लगता है तेरी मा को जाके बताना पड़ेगा तेरा बेटा मेरा पति बनने के लिये बेचैन है

आयुस प्यार से ऑन्टी के गाल पे किस करते हुवे - मेरी प्यारी खूबसूरत ऑन्टी माफ कर दो मा को मत केहना प्लेस वादा करता हु आगे से गलती नही होगी

ऑन्टी मुस्कुराते हुवे - वाह बेटा मखन् लगाने से मे माफ नही करने वाली समझ गया
आयुस ऑन्टी को बाहों मे लेके - तो तो मे सच मे आपको लेके भाग जाउंगा
ऑन्टी जोर जोर से हस्ते हुवे - अच्छा बच्चा है तू मुझे नही संभाल पायेगा समझ गया

आयुस मुस्कुराते हुवे - एक मोक्का देखे देखिये यकीन मानिये इस आयुस को आप कभी रोज दिन रात याद करेगी
ऑन्टी आयुस की आखो मे देख - अच्छा अगर नही संभाल पाया तो
आयुस आखो मे देख - तो आप जो बोलोगी मे करुगा

ऑन्टी - अगर ऐसा है तो चल दिया मोक्का
आयुस अंदर ही अंदर बहोत खुश होता है कियुंकी आयुस अपने दोस्त की मा यानी रीमा के पीछे परा हुआ था

आयुस रीमा के कान मे - राज कहा है
रीमा - वही जहा जाता है
आयुस - तो सुरु करे जैसा दिल हुआ है
रीमा - सोच ले संभाल नही पायेगा
आयुस रीमा के के होठ के किस करते हुवे आखो मे देख - 4 महीने से आपको आपकी चुत को संभाल तो रहा हु मेरी जान

हा आपने सभी समझा आयुस रीमा को चार महीने से चोद रहा है लेकिन कब कैसे सुरु हुआ आगे पता चल जायेगा

आयुस रीमा को उठा के कमरे मे बिस्तर पे लेता के किस करने लगता है रीमा भी पुरा साथ देती है दोनों एक दूसरे का रस पीते है

आयुस जल्दी से रीमा के सारी उपर कर टांगे फैला के अपना लंड निकाल चुत पे घिसने लगता है रीमा आह उफ सिसकिया लेने लगती है
आयुस रीमा को देख - उफ कितनी गर्म है आपकी चुत
रीमा उफ आह सिसकिया लेते - चुत तेरे लंड लेने के लिये गर्म हो गई है डाल दे अब देर मत कर
आयुस - अच्छा बाबा डाल देता हु

आयुस एक जोर डार धक्का मार पुरा लंड अंदर डाल देता है रीमा दर्द मे आह मा मर गई रे आयुस बिना रुके धक्का मारता रहता है रीमा टांगे उठाये अपने बेटे के दोस्त का लंड मजे से ले रही थी

720p-h264-Tri
रीमा उफ बेटा तेरा लंड लेने के बाद मेरे दिल को सुकून मिलता है आते रहना और मेरी चुत मारते रहना आह तेरा मोटा लंड ही मेरी चुत की आग सांत कर सकता है उफ मजा आ रहा है चोद बेटा अपनी ऑन्टी को आह उफ मा यही असली चुदाई का मजा है जो तूने मुझे दिया

25 मिनट बाद

रीमा जल्दी से सारी बाल सही कर बिस्तर पे बैठ हाफते हुवे - उफ मजा आ गया बेटा

आयुस मुस्कुराते हुवे - जब मेने आपको नँगा देखा तब से मे आपकी चुदाई करने के पीछे परा था किस्मत ने साथ दिया और आप की चुत मुझे मिल गई

रीमा मुस्कुराते हुवे - कितना कमीना है दोस्त की मा को चोदता है
आयुस मुस्कुराते हुवे - अरे इसमें असली मजा है मेरी जान वैसे भी आप भी तो खूब मजे से लंड लेती है मेरा

रीमा बेसर्म कमीना - हा एक बात तो है तेरे अंदर बहोत दम है किसी औरत को खुश करने की

आयुस मुस्कुराते हुवे - अच्छा अब चलता हु फिर कल आयुगा आपकी लेने

आयुस चला जाता है रीमा मन मे - उस दिन जब उसने मुझे नँगा देखा तभी मुझे उससे चुदना तय हो गया कितना कमीना चालाक है मेरी चुत मार ली और अब मुझे उसके लंड की आदत पर गई है


आयुस अपने दोस्त से मिलने जाता है बाते मस्ती घूमने मे 12 बज जाते है आयुस जब घर आता है तो किसी को देख बहोत खुश होता है हा बिनीता आ गई थी आयुस को देख बिनीता का चेहरा भी खिल जाता है

आयुस जल्दी से जाके बिनीता को गले लगा के - बुआ मा आप आ गई

आयुस अपनी बुआ को बुआ मा बोलता है प्यार से

बिनीता भी खुशी से आयुस को बाहों मे भर - मेरा बच्चा कैसा है
आयुस - एकदम मस्त

आयुस फिर बिनीता के चहरे गाल को टच करते हुवे आगे पीछे अच्छे से देखने लगता है अमृता आयुसी सब देख मन मे - लो फिर सुरु हो गया

आयुस अच्छे से बिनीता को देखने के बाद बिनीता के सामने खरा हो जाता है

बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा तो मे फिट हु ना
आयुस मुस्कुराते हुवे - हा आप फिट है और पहले से थोरा और खूबसूरत हो गई है
बिनीता हस्ते हुवे - बस थोरा सा
आयुस हस्ते हुवे - बुआ मा आप पहले से ही बहोत खूबसूरत है
बिनीता हस्ते हुवे - मेरा बच्चा आजा मेरे बाहों मे
आयुस भी फिर बिनीता के बाहों मे समा जाता है बिनीता आयुस को बाहों मे लेके जैसे उसे सुकून मिल गया हो

अमृता सब देख समझ रही थी अमृता ने ही बिनीता का दर्द समझा और आयुस जब छोटा था तब बिनीता के साथ भेज दिया था

बिनीता आयुस कमरे मे आते है बिस्तर पे लेत बिनीता आयुस को सीने से लगा के सर प्यार से सेहलानें लगती है

आयुस - बुआ मा आप यही कियु नही रह जाती आप उस बूढ़े फूफा को छोर दो ना मेरे साथ रहो
बिनीता आयुस का सर सेहलाते हुवे हस्ते हुवे - शैतान वो तेरे फूफा है और अभी पुरे बूढ़े नही हुवे है

आयुस - नही हुवे है लेकिन आपके सामने बूढ़े ही दिखते है आप तो अभी 25 की लगती है बहोत खूबसूरत जवान
बिनीता हस्ते हुवे - अच्छा ऐसा किया मेरा बेटा कहता है तो मान लेती हु
आयुसी कमरे मे आते हुवे - बुआ ये गलत बात है माना भाई आपके साथ मेरे से जायदा रहे लेकिन आप ऐसा कैसे कर सकती है भाई को आप बहोत प्यार करती है लेकिन मुझे नही करती

बिनीता आयुसी को देख हस्ते हुवे - आजा नोटकी बाज
आयुसी भी मुस्कुराते हुवे बिनीता के साथ लेत जाती है

बिनीता आयुसी आयुस को प्यार से सर सेहलाते हुवे - मे मा नही बन सकी लेकिन तुम दोनों को मे अपना बच्चा ही मानंती प्यार करती हु तुम दोनों की वजह से ही मे अपने आप तो टूटने से रोक पाती हु

बिनीता मा ना बनने से फिर इमोसनल हो जाती है

आयुस बिनीता के आसु साफ कर - मेने भी आपको मा की नजर से देखता हु बुआ मा मे हु ना आपका बेटा आप चिंता कियु करती है आपका ख्याल मे रखुंगा

आयुसी - हा बुआ भाई सही केह रहे है आप दुखी मत हुआ कीजिये अच्छा नही लगता

बिनीता आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - अच्छा बाबा आज के बाद से ऐसा नही होगा

साम 7 बजे

आगन् मे आयुसी खाना बना रही थी अमृता आयुस बिनीता सब बाते कर रहे थे आयुस बिनीता के गोद मे सर रख लेता हुआ था बिनीता बाते करते हुवे आयुस का सर सेहला रही थी


आयुस - बुआ कम से कम पाच दिन तो रहोगी ना
बिनीता - नही मेरे बेटे 2 दिन से जयादा नही रह सकती तुझे पता है कियु

आयुस उदास होते हुवे - हा जानता हु

बिनीता के बच्चे होते तो बिनीता आराम से जितना दिन चाहती रह सकती थी लेकिन बच्चे ना होने के कारन बिनीता को ही घर खेत गाय को देखना परता और ये बात आयुस जानता है इसी लिये आयुस ने रुकने का जिद नही किया

अमृता - कोई बात नही ननद जी नही रुक सकती लेकिन तु जाके जीतने दिन चाहे रह सकता है

आयुस मुस्कुराते हुवे - हा मा अपने ये बात सही कही
बिनीता - भाभी आपने मेरे लिये जो किया उसका एहसास कभी नही भूल पाउंगी मुझे अच्छे से पता है एक मा अपने बेटे के बगैर नही नही सकती मेने आयुस को जन्म नही दिया लेकिन बेटे की तरह प्यार करती हु जब आयुस मेरे साथ नही होता तो मेरा दिल नही लगता बहोत याद आती है आयुस की जबकि आप ने आयुस को जन्म लिया फिर भी आप आयुस को मेरे पास भेजती है मे समझ सकती हु आप कैसे आयुस बिना रहती होगी

अमृता - हा ये बात सच है आयुस बिना मेरा दिल भी नही लगता लेकिन मे खुश हु आयुस की दो मा का प्यार मिलता है ननद जी दुखी होने की जरूरत नही है मुझे खुशी होती है आयुस आपके साथ रहता है तो आयुस भी आपको बहोत प्यार करता है

बिनीता आयुस को देख मुस्कुराते हुवे - हा मेरे बेटा मुझे बहोत प्यार करता है

आयुसी - अच्छा जब भी बात होती मे तो कही भी नही होती सब हर बार मुझे भूल जाते है सब सिर्फ भाई को ही प्यार करते है मुझे नही

अमृता - लो रूठ गई तेरी गुरिया

बिनीता - अरे बाबा तुझे भी हम सब बहोत प्यार करते है समझ गई
आयुस - हु मेरी गुरिया तो सब से प्यारी है मेरी लाडली
आयुस अंदर ही खुश होती है लेकिन दिखाती नही
आयुसी - हा हा बस बाते बरी करते है प्यार नही करते

बाते करते हुवे खाना भी रेडी हो जाता है फिर सभी खाना खाते है फिर थोरि बाते करते है


अमृता - ठीक है ननद जी मे चली सोने
आयुसी - मे भी चली मुझे भी नींद आ रही है
दोनों सोने चले जाते है

आयुस - बुआ मा चले हम भी सोने
बिनीता मुस्कुराते हुवे - हा चलो

बिनीता आयुस कमरे मे आ जाते है बिनीता आयुस को सीने से लगा के बाहों मे भर - तुझे सीने से लगाती हु तो मुझे सुकून मिलता है मेरे लाल
आयुस बिनीता को बाहों मे कस - मुझे भी बुआ मा

......?


आयुस सोया था लेकिन जब उसकी नींद खुलती है आके अभी भी बंद थ लेकिन जगा हुआ था तो आयुस को सर भारी और कई सारी चिरिया जानवर की आवाजे सुनाई देने लगती है और जो आवाजे थी बहोत तेज थी आयुस हैरान होके जल्दी से आखे खोलता है तो आयुस को बरे बरे घने पेर और उस पेर पे कई सारी अलग चिरिया बंदर दिखाई देते है जिसे देख आयुस शोक हैरान हो जाता है

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आयुस अपनी आख बंदकरते हुवे - अरे नही ये सपना है ऐसा थोरि है मे जंगल मे नीचे सोया हु सब सपना है मे फिर आखे खोलूगा मे अपने घर मे होऊगा मुझे फिर अपने घर का छत दिखाई देता ये सोच आयुस फिर आखे खोल देखता है लेकिन फिर आयुस को वही दिखाई देता है इस बार आयुस डर जाता है लेकिन अभी भी बिस्वास नही हो रहा था वो जंगल मे है

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तभी आयुस के पैर मे कोई किरा काटता है तो आयुस दर्द मे आह करते हुवे एकदम से उठ कर बैठ जाता है लेकिन फिर सामने देखता तो फिर जंगल ही देखाई देते है आयुस का अब दिल धक धक करने लगता है चेहरे पे पसीने आने लगते है

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आयुस हिम्मत कर खरा होता है और चारो तरफ नजर डोरा के देखता है तो चारो तरफ सिर्फ जंगल के बहोत भयानक जंगल अब तो आयन के पैर भी कापने लगते है डर से आयुस जम जाता है तभी आयुस की नजर सामने अपनी मा बहन बुआ पे जाती है जो बहस जमीन पे परे हुवे थे
आयुस कापते हुवे आवाज मे चारों तरफ देख - हम तो घर पे सो रहे थे लेकिन यहा इस भयानक जंगल मे कैसे आ गये

आयुस बहोत जोर से चिल्लाता है - नही ये नही हो सकता

आयुस जिसकी आवाज चारो तरफ जंगल मे भुज परती है


और हा बहोत सारी स्टोरी मेरे दिमाग मे है ये स्टोरी लोगो को पसंद आती है तो जारी रहेगी नही आती है तो कोई दूसरी स्टोरी सुरु कर दुगा

आज के लिये इतना ही 🙏🙏

🙏
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