Lajawab update and nice story#161.
चैपटर-7:
चींटीयों का संसार-2 (तिलिस्मा 3.12)
सुयश के जोश दिलाने के बाद शैफाली फिर से एक नये तरीके से समस्या को समझने की कोशिश करने लगी।
काफी देर सोचने के बाद अचानक शैफाली खड़ी हुई और दूसरे कंटेनर में जा घुसी।
शैफाली ने अब वहां पड़ी, लाल रंग की गेंद को हाथ में उठाकर देखा, वह काफी चिपचिपी थी।
शैफाली एक लाल रंग की गेंद लेकर बाहर आ गई।
“ऐलेक्स भैया लीफ कटर चींटीयों को पानी से वापस बुला लो।” शैफाली ने कहा।
ऐलेक्स ने शैफाली की बात सुन कोई सवाल नहीं किया और सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस वहां बुला लिया।
शैफाली ने एक लीफ कटर चींटी के सामने उस लाल रंग की गेंद को रखा।
उस लीफ कटर चींटी ने लाल रंग की गेंद को तुरंत उठा लिया, पर उसने उस गेंद का कुछ किया नहीं। यह देख शैफाली की आँखों की चमक बढ़ गई।
“कैप्टेन अंकल, सभी लाल रंग की गेंदो को आप लोग लीफ कटर चींटीयों को दे दीजिये, फिर मैं आगे बताती हूं।” शैफाली ने कहा।
शैफाली के कहे अनुसार सभी लाल गेंदों को लीफ कटर चींटीयों को दे दिया गया।
यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को पुनः सभी लीफ कटर चींटीयों को नदी में मौजूद चाबी के पास भेजने को कहा।
ऐलेक्स ने रिमोट के द्वारा सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस नदी में भेज दिया।
सभी चींटीयां धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं थीं, परंतु जैसे ही वह सभी चींटीयां नदी वाली चाबी के पास पहुंची, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी ने फिर से, उन सभी पर आक्रमण कर दिया।
यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को रिमोट पर लगा नीला बटन दबाने को कहा।
ऐलेक्स ने जैसे ही नीला बटन दबाया, हर लीफ कटर चींटी ने, अपने मुंह में पकड़ी लाल रंग की गेंद को, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपकाने लगी।
कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी पूरी तरह से लाल रंग की गेंद से ढक गई। अब वह ऐसे छटपटा रही थी, जैसे कि उसे साँस ही ना मिल रही हो।
कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी का शरीर शिथिल पड़ गया।
यह देखकर लीफ कटर चींटीयों ने नदी में मौजूद चाबी को उठाया और वापस नदी से बाहर आ गईं।
शैफाली ने नदी वाली चाबी को लीफ कटर चींटीयों से ले लिया।
“दूसरी चाबी तो मिल गई, पर यह बताओ शैफाली की तुमने कैसे जाना कि आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी इस लाल रंग की गेंद से मारी जायेगी?” सुयश ने मुस्कुराते हुए शैफाली से पूछा।
“कैप्टेन अंकल, आपको पता नहीं होगा, पर चींटीयों के अंदर साँस लेने के लिये फेफड़े नहीं पाये जाते, इनके शरीर पर बहुत से छोटे-छोटे छिद्र होतें हैं, सभी चींटीयां उसी छिद्र से ही साँस लेती हैं। इसी विशेषता के कारण चींटीयां पूरा दिन पानी के अंदर रह सकती हैं। अब मैंने बहुत सोचा कि पानी के अंदर आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को कैसे मारा जाये, तभी मुझे उस लाल रंग की चिपचिपी गेंद का ख्याल आया।
"एक तो उस लाल गेंद का अभी तक कोई प्रयोग भी नहीं हुआ था, इसलिये मुझे लगा कि अगर सभी लीफ कटर चींटीयां, उस लाल रंग की गेंद को आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपका दें तो वह साँस नहीं ले पायेगी और मारी जायेगी।”
शैफाली की बात सुन सभी प्रभावित हो गये।
अब शैफाली ने इस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया। दरवाजे का एक खटका और घूम गया।
उधर सभी लीफ कटर चींटीयां अपना कार्य खत्म करके पिघलने लगीं।
कुछ ही देर में वहां पर, अब एक नीले रंग का द्रव दिखाई दे रहा था, यह देख शैफाली की आँखें थोड़ी सिकुड़ सी गईं, पर उसने किसी से कुछ कहा नहीं।
“कैप्टेन, अब इस रिमोट से नीला बटन भी गायब हो गया है और उसकी जगह पर काले रंग का एक बटन दिखाई दे रहा है।” ऐलेक्स ने सुयश से कहा।
“तौफीक जरा देखना तीसरे कंटेनर में फिर से नयी चींटीयां आ गईं हैं क्या?” सुयश ने तौफीक से कहा।
तौफीक ने तीसरे कंटेनर में झांक कर देखा और फिर बोल उठा- “हां कैप्टेन....इस बार काले रंग की चींटी हैं। पर यह एक ही है और इसके पंख भी हैं।”
तौफीक की बात सुन शैफाली ने भी कंटेनर में झांक कर देखा।
“यह नर चींटी हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “रानी चींटीयों के अलावा सिर्फ नर चींटी के ही पंख पाये जाते हैं।”
“इसका मतलब इस बार तीसरी चाबी कहीं हवा में है।” यह कहकर सुयश, सिर उठाकर आसमान की ओर देखने लगा।
आसमान तो नार्मल था, पर आसमान में मौजूद एक सफेद रंग का बादल अपनी जगह पर स्थिर था।
“मुझे लगता है कि तीसरी चाबी उस बादल में है?” सुयश ने बादल की ओर इशारा करते हुए कहा- “क्यों कि आसमान में और कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसमें चाबी मौजूद हो और वह बादल बिल्कुल भी हिल नहीं रहा है। ऐलेक्स तुम इस नर चींटी को उस बादल में भेजकर देखो।”
सुयश की बात सुन तौफीक ने नीली रंग की गेंद को खिला कर नर चींटी को सक्रिय कर दिया।
ऐलेक्स ने नर चींटी को आसमान में उड़ा दिया। अब सबकी निगाह उस रिमोट की स्क्रीन पर थी।
ऐलेक्स ने सावधानी वश नर चींटी को अभी बादल पर नहीं उतारा, वह पहले एक बार बादल को चेक करना चाहता था।
ऐलेक्स को बादलों के बीच में एक पत्थर के टुकड़े पर रखी चाबी दिखाई दी, पर उसके आस-पास कोई भी खतरा नजर नहीं आया।
यह देख ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद काला बटन दबा दिया, बटन के दबाते ही नर चींटी ने उड़ते हुए चाबी को उठा लिया और नीचे आकर ऐलेक्स के हवाले कर दिया।
“अरे वाह, यह चाबी तो बहुत आसानी से मिल गई, मुझे तो लगा था कि बादलों के ऊपर कोई बड़ा खतरा होगा?” जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा।
सभी चाबी लेकर एक बार फिर द्वार की ओर बढ़ गये, पर किसी की नजर उस बादल से कूदने वाली एक बड़ी सी चींटी की ओर नहीं गई।
वह चींटी आकार में 10 फुट की थी। वह चींटी धीरे-धीरे सभी के पीछे बढने लगी।
ऐलेक्स ने तीसरी चाबी को जैसे ही द्वार में फंसाने की कोशिश की, तभी पीछे से आ रही चींटी ने तेजी से सबसे पीछे मौजूद क्रिस्टी के पैर में काट लिया।
चींटी ने क्रिस्टी को इतना तेजी से काटा कि क्रिस्टी के मुंह से चीख निकल गई। क्रिस्टी की चीख सुन सभी पी छे पलट कर देखने लगे।
सभी की निगाह पीछे जमीन पर गिरकर तड़पती क्रिस्टी पर पड़ी।
सुयश की नजर तेजी से चारो ओर घूमी, अब उसे क्रिस्टी के पीछे खड़ी, वह विशाल चींटी दिखाई दे गई।
“माई गॉड, ये तो बुलेट चींटी है।” शैफाली ने उस चींटी को देखते हुए कहा- “इसका डंक विश्व में सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है, यह तो अगर टैरेन्टूला मकड़ी को भी काट ले, तो उसे भी पैरालाइज हो जाता है।
इससे सभी को बचना होगा।”
ऐलेक्स ने तुरंत तीसरी चाबी को अपनी जेब के हवाले कर, चींटी की बिना परवाह किये भागकर, क्रिस्टी के पास पहुंच गया और क्रिस्टी का सिर अपनी गोद में रखकर, उसके पैर को अपनी टी-शर्ट से कसकर बांध दिया।
क्रिस्टी का तड़पना अभी भी जारी था।
तौफीक ने अब पास पड़ा भाला उठा लिया और उस चींटी के सामने इस प्रकार खड़ा हो गया कि चींटी ऐलेक्स तक ना पहुंच पाये।
जेनिथ और शैफाली भी क्रिस्टी के पास पहुंच गईं और उसकी हिम्मत बढ़ाने लगीं।
तभी ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का सिर जेनिथ की गोद में रखा और गुस्से से खड़ा होकर बुलेट चींटी को घूरने लगा।
तभी ऐलेक्स की नजर उस नर चींटी पर पड़ी, जो कि अभी भी वहीं उड़ रही थी।
एक पल के लिये ऐलेक्स ने इधर-उधर देखा। अब ऐलेक्स की नजर उस पहले वाले बंद कंटेनर पर गई।
ऐलेक्स जानता था कि चींटी अपने भार से 50 गुना से भी ज्यादा वजन उठा सकती है।
अब उसने रिमोट से नर चींटी को नियंत्रित करते हुए, उससे वह भारी सा कंटेनर उठवा लिया।
उधर तौफीक लगातार भाले से बुलेट चींटी को सभी से दूर रखे था।
तभी बुलेट चींटी ने अपने क्रिटर्स से भाले को पकड़ दूर फेंक दिया, अब वह खूनी नजरों से घूरती हुई तौफीक की ओर बढ़ने लगी।
तौफीक ने अब अपने पास रखा चाकू निकाल लिया था, पर जब इतने नुकीले भाले से बुलेट चींटी का कुछ नहीं हुआ तो भला वह छोटा सा चाकू क्या करता ?
इस समय बुलेट चींटी का पूरा ध्यान तौफीक की ओर था, तभी ऐलेक्स ने मौके का फायदा उठा करके नर चींटी के द्वारा पकड़ा, भारी कंटेनर उस बुलेट चींटी के ऊपर गिरा दिया।
बुलेट चींटी उस भारी भरकम कंटेनर के नीचे बुरी तरह से दबकर मर गई। उसके शरीर से निकला हल्के पीले रंग का द्रव उस पूरी जगह पर फैल गया।
आखिरकार ऐलेक्स ने क्रिस्टी का बदला ले लिया। बुलेट चींटी के मरते ही नर चींटी के साथ वह रिमोट भी ऐलेक्स के हाथ से गायब हो गया।
शायद दोनों का ही काम अब पूरा हो गया था। ऐलेक्स अब भागकर वापस क्रिस्टी के पास आ गया।
ऐलेक्स की आँखों से अब आँसू निकल रहे थे।
यह देख क्रिस्टी ने कैसे भी करके अपने दर्द पर काबू पाते हुए कहा- “अरे पगले....दर्द तो मुझे हो रहा है, तू क्यों रो रहा है?”
“तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती क्रिस्टी।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी के चेहरे को अपने दोनों हाथों से छूते हुए कहा।
अब क्रिस्टी की भी आँखों से आँसू निकलने लगे थे।
शैफाली इस मर्मस्पर्शी दृश्य को देख नहीं पा रही थी, इसलिये वह वहां से उठकर कुछ दूर आ गई।
अब शैफाली की भी आँखों से क्रिस्टी के लिये आँसू बह निकले। उसे पता था कि क्रिस्टी अब नहीं बचेगी, क्यों कि उनके पास मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स की दवाइयां भी खत्म हो गईं थीं।
तभी शैफाली की नजर उस ओर गई, जहां लीफ कटर चींटी पिघल गईं थीं। उसे देख अचानक शैफाली को कुछ याद आया।
वह भागकर उस स्थान पर पहुंच गई। उस स्थान पर लीफ कटर चींटी के मरने के बाद नीले रंग का द्रव बिखरा हुआ था।
शैफाली ने अपनी दोनों अंजुली को एक कर उसमें वह नीला द्रव जितना भर सकता था, भर लिया और भागकर वह क्रिस्टी के पास पहुंच गई।
“अब तुम्हें कुछ नहीं होगा क्रिस्टी दीदी।” शैफाली ने यह कहकर क्रिस्टी के पैर में उस जगह वह पूरा द्रव लगा दिया, जिस जगह बुलेट चींटी ने क्रिस्टी को काटा था।
सभी आश्चर्य से शैफाली की ओर देखने लगे।
“यह लीफ कटर चींटी के शरीर में पाया जाने वाला ‘एंटी बायोटिक’ है, यह हर प्रकार के जहर को काटने में सक्षम है, शायद इसी वजह से लीफ कटर चींटीयों का काम खत्म हो जाने के बाद भी, वह गायब ना
होकर पिघल गईं थीं। अब क्रिस्टी दीदी कुछ ही देर में सही हो जायेंगी।” शैफाली ने सभी को समझाते हुए कहा।
यह सुनकर ऐलेक्स ने शैफाली को गले से लगा लिया। यह बहुत ही भावनात्मक अंदाज था ऐलेक्स का।
थोड़ी ही देर में क्रिस्टी के शरीर का पूरा दर्द खत्म हो गया और वह उठकर बैठ गई।
“अब सबकुछ सही हो गया हो, तो कोई जरा उस तीसरी चाबी को भी द्वार में फिट कर दो।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा।
ऐलेक्स ने अपनी जेब में रखी तीसरी चाबी को द्वार में फंसा कर घुमा दिया। तीसरी चाबी भी द्वार में फिट हो गई।
चाबी के फिट होते ही पुनः एक जोर की गड़गड़ाहट हुई, पर यह गड़गड़ाहट थी रानी चींटी के जिंदा होने की।
रानी चींटी को जिंदा होते देख सभी की साँस फूल गई।
“बेड़ा गर्क....बुलेट चींटी ने ही इतना हंगामा कर दिया था और अब तो ये भी जाग गई, अब भगवान जाने क्या होगा?” ऐलेक्स ने रानी चींटी को घूरते हुए कहा।
“कुछ नहीं होगा...आप लोग परेशान मत होइये।” शैफाली ने सभी को जोश दिलाते हुए कहा- “चींटीयों को दिखाई नहीं देता, वह सिर्फ अपने से 2 फुट तक की दूरी को महसूस कर सकती हैं, इस रानी चींटी का
आकार साधारण चींटी से काफी बड़ा है, मतलब ये ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 फुट तक ही महसूस कर सकती होगी। इसलिये सब लोग अलग-अलग होकर इससे दूर रहने की कोशिश करो, तब तक मैं इसका कोई उपाय सोचती हूं।”
तभी रानी चींटी ने अपने पंख फड़फड़ाये और एक जोर की उड़ान भरी।
“शैफाली लगता है कि तुम इसके उड़ने की क्षमता को भूल गई।” जेनिथ ने शैफाली से कहा- “उड़कर तो यह हमको कहीं से भी ढूंढ लेगी।”
“रुको पहले मैं इसके उड़ने की क्षमता का खत्म करता हूं।” यह कहकर तौफीक ने अपने हाथ में थमा भाला जोर से हवा में उछाला।
भाला रानी चींटी के पंखों को भेदता हुआ दूर जा गिरा और इसी के साथ रानी चींटी के दोनों पंख उसके शरीर से अलग हो गए।
“वाह! क्या बात है। मजा आ गया।” ऐलक्स ने तौफीक का निशाना देख, एक उत्साह भरी आवाज निकाली।
रानी चींटी अब जमीन पर आ गिरी थी और वह अब बहुत ज्यादा हिंसक नजर आ रही थी।
यह देख सभी रानी चींटी से दूरी बनाते हुए अलग-अलग दिशा में बिखर गये।
तौफीक धीरे-धीरे चलता हुआ वापस भाले तक जा पहुंचा और भाले से रानी चींटी के पंखों को अलग कर, दबे पाँव रानी चींटी की ओर बढ़ने लगा।
पर अभी तौफीक रानी चींटी से काफी दूर ही था कि तभी रानी चींटी को तौफीक की आहट लग गई और वह तेजी से उस दिशा में आगे बढ़कर तौफीक की ओर झपटी।
तौफीक ने किसी तरह से स्वयं को बचाया और रानी चींटी पर भाले का वार कर दिया, परंतु उस भाले का रानी चींटी पर कोई असर नहीं हुआ।
“तौफीक अंकल रानी चींटी से दूर रहिये।” शैफाली ने चीखकर तौफीक को चेतावनी दी- “एक तो उस की ऊपरी सतह पर भाले का कोई असर नहीं हो रहा और वह बहुत ज्यादा दूरी से आपको सूंघ ले रही है। ऐसे में आप उसे नहीं मार पायेंगे।”
शैफाली की बात सुनकर तौफीक रानी चींटी से दूर हट गया।
शैफाली की निगाह फिर से चारों ओर घूमी। अब उसकी निगाहें उस जगह जाकर रुकीं, जहां बुलेट चींटी मरी थी।
बुलेट चींटी के मरने के बाद, उससे निकला हल्के पीले रंग का द्रव अब भी वहां बिखरा हुआ था।
यह देख शैफाली ने चीखकर सुयश से कहा- “कैप्टेन अंकल इस रानी चींटी को मारने का तरीका तो मिल गया, पर वह तरीका बहुत ही खतरनाक है।”
“तुम तरीका बताओ शैफाली, हम देखते हैं कि उसे कैसे करना है?” सुयश ने भी रानी चींटी से बचते हुए चीखकर कहा।
“चींटीयों के मरने के बाद उनके शरीर से ‘ओलिक एसिड’ निकलता है। जिसे सूंघकर दूसरी चींटीयां जान जाती हैं कि वह चींटी मर गई। अब अगर यह ओलिक एसिड किसी जिन्दा चींटी पर भी गिर जाये तो सभी चींटीयां उसे भी मरा समझ लेती हैं। अब आते हैं इस रानी चींटी पर....इसके शरीर की ऊपरी त्वचा बहुत ज्यादा कठोर है, इसलिये भाले का उस पर कोई असर नहीं हो रहा।
"तो अगर कोई इसके शरीर के नीचे से इस पर भाले का प्रहार करे, तो यह अवश्य ही मर जायेगी, अब साधारण परिस्थितियों में इसके शरीर के निचले भाग के पास पहुंचना बहुत मुश्किल है, पर अगर हममें से कोई उस बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर लगा ले, तो रानी चींटी उसे भी मरा समझेगी और उसे कुछ नहीं कहेगी, ऐसी स्थिति में वह इंसान रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से पर वार कर सकेगा।”
शैफाली का प्लान बहुत अच्छा था, पर सुयश अब किसी और को खतरे में नहीं डालना चाहता था, इसलिये इस काम को उसने स्वयं करने के लिये कहा।
अब पहले सभी ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर किया, जिससे सुयश ने बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर, पूरी तरह से लगा लिया और अपने हाथ में भाले को लेकर वहीं जमीन पर लेट गया।
अब तौफीक ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर सुयश की ओर तेजी से भागा।
रानी चींटी सुयश की ओर बढ़ी। सभी के दिल तेजी से धड़क रहे थे।
रानी चींटी ने पास पहुंचकर सुयश के शरीर को सूंघा, और फिर उसे छोड़कर जैसे ही आगे बढ़ने चली, सुयश ने अपनी पूरी ताकत से भाले को रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से में घुसाकर उसका पूरा पेट ही फाड़ दिया।
बहुत सारा गंदा द्रव सुयश के ऊपर आ गिरा।
रानी चींटी चिंघाड़ते हुए कुछ दूर जाकर गिर गई।
सुयश ने उठकर अपने कपड़ों को झटक कर साफ किया, तभी सुयश की निगाह सामने पड़ी, चौथी चाबी की ओर गई, जो कि रानी चींटी के पेट में थी और उसका पेट फट जाने की वजह से बाहर आकर गिर गई
थी।
सुयश ने मुस्कुराकर सभी को चौथी चाबी दिखाई और आगे बढ़कर उस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया।
इस बार एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तिलिस्मा का वह द्वार खुल गया।
सभी उस द्वार के अंदर प्रवेश कर गये।
जारी रहेगा______![]()





