भाग:–68
धीरे धीरे करके एक छोटा सा आशियाना तैयार हो गया। सुबह ट्रेनिंग और तीनों टीन वूल्फ के झगड़ो की आवाज गूंजती। ड्राइविंग स्कूल में तीनों का एडमिशन भी हो गया और वहां के संचालक द्वार क्लीन चिट यानी की ड्राइविंग लाइसेंस मिलने पर तीनों के लिये अपनी-अपनी गाडियां।
इसी बीच इन तीनों के एडमिशन का भी टेस्ट हुआ। टेस्ट रिजल्ट देखकर प्रिंसिपल बोलने लगे, तीनों को हम ग्रेड 12th का टेस्ट लेंगे, इसके बाद बताएंगे। 12th ग्रेड का टेस्ट होने से पहले तीनों को हिदायत मिल गयी की पेपर के 3 सवाल छोड़ दे। फाइनली टेस्ट हुआ रिजल्ट आया और तीनों का 12th ग्रेड में एडमिशन। आर्यमणि के जेब से 3000 डॉलर निकल गये। 20 दिन बाद आकर क्लास शुरू करने को कह दिया गया। बाहर निकलकर पांचों हंसते हुए विलियम बाबा की जय कर रहे थे। लगभग एक रूटीन कि लाइफ, जिसमें सुबह की मजबूत ट्रेनिंग, उसके बाद कोई काम नहीं जिसे जहां जाना है जाओ घूमना है घूमो, फिर शाम को ओजल, इवान और अलबेली की ड्राइविंग स्कूल।
स्कूल का पहला दिन। अलबेली और ओजल ने जैसा सोचा था ठीक वैसा ही स्कूल कैंपस था। लड़के–लड़कियां घास पर लेटे बातें कर रहे है। कुछ लड़के सपोर्ट टीम के कपड़ों में घूम रहे थे। कैंपस में कई लव बर्डस भी घूम रहे थे, तो कुछ पढ़ाकू टाइप भी थे। ओजल और अलबेली को हंसी तब आ गयी जब कुछ लड़कियां अपने पैंटी का प्रदर्शन करती, केवल अपने पिछवाड़े को ढकने जितना छोटा मिनी–स्कर्ट पहन कर ग्रुप में फुदक रही थी। चीयर गिर्ल्स…
इवान की इन सब पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, वो बस दोनो के साथ था। 3 टीन वुल्फ जिनकी देह दशा बिल्कुल अलग। लंबी कद-काठी के साथ-साथ शरीर की आकर्षक संरचना। चेहरे की बनावट और आकर्षण ऐसा की नजर भर देखने पर मजबूर कर दे। तीनों गये प्रिंसिपल ऑफिस और वहां से अपने-अपने क्लास का पता करके क्लास में। कुछ क्लास तीनों के साथ में थे, और 1–2 क्लास अलग–अलग। बीच में बहुत सारे खाली परियड्स।
वो कहते है ना सब कुछ फिल्मी हो जाये तो बात ही क्या थी फिर। लड़के और लड़कियों के ग्रुप द्वारा तंग करना, टांग खिंचना और कमेंट पास करने जैसा कुछ नहीं था। यहां के स्टूडेंट्स जो भी करते आपस के ग्रुप में ही करते और अपनी ही दुनिया में मस्त रहते, कौन आया कौन गया उनसे कोई मतलब नहीं। सब कुछ जैसे सामान्य रूप से चल रहा था। तीनों टीन वुल्फ को उनका काम मिल चुका था। एक आर्यमणि और रूही थे जिनके काम की कोई खबर नहीं थी। मेयर बात तो बड़ी–बड़ी कर रहा था, लेकिन एक महीना से ऊपर हो गया, न तो गोल्ड ब्रिक फैक्ट्री की परमिशन मिली थी और ना ही उसके फैक्ट्री का कोई काम आगे बढ़ा था। ऊपर से बेसमेंट में रखा सोना किसी सर दर्द से कम नहीं था।
रूही:– बॉस ये मेयर कहीं सिर्फ ग्रीन कार्ड दिलाने का 50 हजार यूएस डॉलर तो न ले लिया।
आर्यमणि:– 50 कहां कुल 70 हजार यूएसडी खर्च हुये हैं रूही।
रूही:– मैं जरा इस मेयर के घर की सिक्योरिटी ब्रिज को समझती हूं। आज रात विजिट मारते हैं।
आर्यमणि:– हम्मम… अच्छा प्लान है।
देर रात का वक्त मेयर अपने बेडरूम में सोया था। सुरक्षा के लिहाज से अति–सुरक्षित घर। आर्यमणि और रूही सभी सुरक्षा प्रणाली को भेदकर दबे पाऊं दोनो (आर्यमणि और रूही) मेयर के बेडरूम में पहुंच चुके थे। मेयर मस्त किसी खूबसूरत महिला के साथ सो रहा था। रूही ने उसे इंजेक्शन लगाया और आर्यमणि ने उसके गर्दन में पंजा। 5 मिनट के बाद दोनो सड़क पर थे।
रूही:– क्या हुआ बॉस, ऐसा क्या देख लिया जो मुस्कुराए जा रहे।
आर्यमणि:– मेयर की बीवी और बच्चे बाहर गये है। मेयर यहां मस्त अपने स्टाफ के साथ सोया था।
रूही, भद्दा सा मुंह बनाते... "मर्द हो न इसलिए दूसरे मर्द की चीटिंग पर ऐसे मुस्कुरा रहे हो"
आर्यमणि:– गलत समझ रही हो। मैं तो ये सोच रहा था की यदि मेयर की बीवी को इस बार का पता चल जाये तो..
रूही:– उसे कैसे पता चलेगा..
आर्यमणि, अपना फोन दिखाते... "शायद पता चल भी चुका हो।"
रूही, हंसती हुई... "बॉस शरारती आप भी कम नही। मियां बीवी के झगड़े में बेचारे बच्चे पीस जायेंगे।"
आर्यमणि:– वो तो वैसे भी पीसने वाले थे। मेयर अपनी बीवी को मरवाना चाहता है।
रूही:– क्या?
आर्यमणि:– हां सही सुना तुमने। मेयर एक बड़े झोल में फसा हुआ है। देश के एक नामचीन नेता से गलत डील कर लिया। उसे तकरीबन 50 मिलियन चुकाने है और उसकी बीवी उसे एक रुपया नही दे रही।
रूही:– उसका इतना बड़ा बिजनेस है, फिर अपनी बीवी से पैसे क्यों मांगेगा...
आर्यमणि:– क्योंकि पूरा बिजनेस इसकी बीवी का है। अपने बीवी के वजह से ही वह मेयर भी बना है। करप्शन से कुछ पैसे तो जोड़े है लेकिन 50 मिलियन से बहुत दूर है। पहले ये पूरे पैसे मुझसे ही लेता लेकिन गोल्ड डिस्ट्रीब्यूशन का लाइसेंस ये बनवा नही पाया। फेडरल में अर्जी डाली तो थी इसने, लेकिन अगले ही दिन इसके बाप लोग पहुंच गये और फॉर्म इसके मुंह पर मारकर इतना ही कहा कि… "ये धंधा उनका है। अगली बार फॉर्म के जगह बॉम्ब फोड़कर जायेगा।"
मेयर ने उसे मेरे साथ बहुत भिड़ाने की कोशिश किया लेकिन उसने एक ही बात कही.… "यदि ऐसा था तो तू उसे गोली मारकर फोन करता, न की इसका फॉर्म तेरे ऑफिस से आता। मैं उसे बिलकुल नहीं जानता लेकिन इतना जानता हूं कि तू मर गया तो वो क्या कोई दूसरा भी इस धंधे को शुरू करने का सोचकर जब तुझ जैसे के साथ मिले तो उसका काम न हो।"… अब उस बेचारे ने मेरा काम किया नही, इसलिए मुझसे 50 मिलियन कैसे निकलवाता।
रूही:– हलवा है क्या जो हम 50 मिलियन दे देते..
आर्यमणि:– बड़े आराम से। इधर हम प्रोजेक्ट के लिये अपना सफेद पैसा दिखाते उधर कोर्ट में तलाक की अर्जी लगती। कोर्ट जुर्माने में हमारी आधी संपत्ति हमारे पेपर वाले जीवन साथी को दे देती। वहीं से ये मेयर अपना पैसा रिकवर करने वाला था।
रूही:– साला बईमान, अच्छा किया बॉस... ठूकने दो चुतीये को। लेकिन बॉस अपने तो 50 हजार यूएसडी गये न।
आर्यमणि:– ऐसे कैसे चले गये... उसके दिमाग से बैंक डिटेल निकाल लिया हूं। 4 मिलियन यूएसडी का मामला है और तुम जानती हो की बिना फसे कैसे पैसे ट्रांसफर करने है।
रूही:– कैसे करना है मतलब... हम दोनो तो साथ में ही होंगे न...
आर्यमणि:– नही.. मैं वेगस जाऊंगा और तुम तीनो को लेकर यूएसए के बाहर किसी रिमोट लोकेशन से मेयर के पैसे उड़ाओगी।
रूही, आंखें फाड़कर आर्यमणि को घूरती.… "बॉस वेगास.. जिस्म और जूए का शौक कबसे"…
आर्यमणि:– ए पागल सोने की डील करने जा रहा हूं। मेयर के उस बाप से मिलने जिसने मेरा डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट लगने नही दिया।
रूही:– हम्मम !! ठीक है वीकेंड पर निकलते है। और कोई काम...
आर्यमणि:– अभी घर पर आराम से चलते है। आज एक नजर अपने इन्वेस्टमेंट पर भी मार लेते है।
दोनो देर रात घर पहुंचे। तीनों टीन वुल्फ मस्त नींद में सोये हुये थे। आर्यमणि और रूही लैपटॉप लेकर बैठे और अपने शेयर मार्केट के पैसों पर नजर देने लगे। दोनो अपने पैसे का ग्राफ ऊपर बढ़ता देख खुशी से एक दूसरे को गले लगाते.… "वूहू.. बॉस कुल मिलाकर हम 20% से ग्रो कर गये।"
आर्यमणि:– एक साथ सारे पैसे निकाल लो..
रूही:– लेकिन क्यों बॉस... मात्र २ कंपनी ही तो लॉस में है। बाकी सभी तो अच्छे ग्रोथ में है।
आर्यमणि:– 16 दिसंबर है आज... 9 दिन है अभी क्रिसमस में। अब वक्त है कंपनी बदलने का। रिटेल मार्केट में अभी काफी उछाल देखने मिलेगा, इसलिए सारा पैसा वहां लगा दो। 24 नवंबर को हम सारा पैसा निकाल लेंगे। जहां तक मेरी कैलकुलेशन कहती है, हम अगले 7–8 दिन में 30% और प्रॉफिट बनायेंगे।
रूही:– मैं क्या सोच रही थी 120 मिलियन यूएसडी को यहीं लगे रहने देते हैं। 24 दिसंबर तक 10 से 15% तक का प्रॉफिट यहां से आ जायेगा। हम 150 मिलियन और मार्केट में इन्वेस्ट कर देते है।
आर्यमणि:– हां ये ज्यादा बेहतर विकल्प है। वैसे "अस्त्र लिमिटेड" के शेयर मार्केट में आये या नही..
रूही:– अभी नही...
आर्यमणि:– नजर बनाये रखना क्योंकि उसके एक भी शेयर किसी दूसरे को नहीं लेने दे सकते।
रूही:– ऐसा क्या खास है आपकी कंपनी में...
आर्यमणि:– तुम नही जानती... अगर आज 1 रुपया से उसका शेयर शुरू होगा तो 5 साल बाद उसका शेयर अपने पीक पर होगा जो अनुमानित 10 हजार होगा। यानी एक शेर की कीमत अपने पहले दिन से 10000 गुणा ज्यादा की कीमत। इतना प्रॉफिट हमे किसी और में नही मिलने वाला। ऊपर से एक साथ हम इतने पैसे लगायेंगे की अपनी कम्पनी की तरक्की में और चार चांद लग जायेगा।
रूही:– ठीक है बॉस उसे सेंसेक्स पर रजिस्टर तो हो जाने दो पहले...
आर्यमणि:– हां ठीक है... चलो गुड नाईट..
दोनो सोने चल दिये। वीकेंड पर काम निपटाना था इसलिए सभी शुक्रवार की रात ही निकले। एक ओर रूही टीन वुल्फ के साथ कनाडा में नियाग्रा फॉल और टोरंटो देखने निकली, वहीं आर्यमणि लास वेगास निकला। अल्फा पैक संडे तक कनाडा में मजे करके लौट आती जबकि आर्यमणि गया और काम खत्म करके लौटा।
अल्फा पैक कनाडा टूर पर
वुल्फ कभी अकेला नहीं रहता, उनका शिकार हो जाता है। हर वुल्फ पैक की तरह अल्फा पैक भी भली भांति ये बात समझती थी, इसलिए 2 की टीम में ये लोग निकले थे। रूही और ओजल एक साथ थी, क्योंकि अलबेली का बड़बोलापन देखकर रूही ने ओजल को एडॉप्ट किया था, वहीं इवान और अलबेली आर्यमणि के हिस्से में थे।
टोरंटो लैंड करने के बाद रूही अपना काम करने एकांत की ऐसी जगह ढूंढने लगी जहां उसे कोई ढूंढ न पाये। इधर इवान और अलबेली दोनो टोरंटो शहर घूमने निकल गये। हां लेकिन सभी 2 किलोमीटर के दायरे में ही थे ताकि आराम से एक दूसरे को संदेश दे सके। शहर का माहौल और क्रिसमस का ऐसा समय था कि चारो ओर कपल ही कपल घूम रहे थे। हर उम्र के कपल दिख रहे थे जिनकी मस्ती दोनो के मन में जिज्ञासा पैदा कर रही थी। इवान से रहा न गया और वो अलबेली को हसरत भरी नजरों से देखते.… "क्या तू मेरी गर्लफ्रंड बनेगी"..
अलबेली:– क्या बात है, आखिर तूने पूछ ही लिया। कमर में हाथ डालकर चल ना। यहां आकर मुझे भी बड़ी इच्छा हो रही थी कि अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घूमती। बड़ी संकोच में थी कि तुझसे पूछूं कैसे?
इवान, अलबेली के कमर में हाथ डालकर उसे जोड़ से खींच लिया। अलबेली झटका खा कर इवान से बिलकुल चिपक गयी। दोनो एक दूसरे के में चिपके बदन को अनुभव कर रहे थे। दोनो की नजरें एक दूसरे से टकराने लगी। तन बदन में झुर–झुरी सी पैदा हो रही थी। दोनो एक दूसरे को देखते हुये मचल गये।
अलबेली अपनी नजर हटाकर सामने देखती... "अब ऐसे खड़े–खड़े देखता रहेगा या अपनी गर्लफ्रेंड को घुमायेगा भी। इवान जैसे चीड़ निद्रा से जाग रहा हो। गुमसुम सा हां–हूं में जवाब दिया और अलबेली को खुद से चिपकाये घूमने लगा। एक तो दोनो टीनएजर ऊपर से पहली बार किसी के बदन से एक कपल की तरह चिपके थे। ये उमंग और उन्माद ही अजीब था। बदन में सुरुसुरी मादक एहसास जैसे फैल रही हो।
दोनो शाम तक एक दूसरे के साथ घूमते रहे। हल्का अंधेरा था और चारो ओर जगमग रौशनी जलने लगी। दोनो एक दूसरे के बदन से चिपके रौशनी को देखने में खो से गये। तभी इवान, अलबेली को कमर के नीचे से पकड़कर ऊपर उठा लिया और गोल–गोल घुमाने लगा। अलबेली भी खिलखिला कर हंसती हुई अपने दोनो बांह फैलाकर हसने लगी। अलबेली की खिली हंसी जैसे उसके कान में मिश्री घोल रही थी। इवान गोल घुमाना बंद करके अलबेली को धीरे–धीरे नीचे उतरने लगा।
बदन से बदन को स्पर्श करते जब अलबेली धीमे–धीमे नीचे आ रही थी तब दोनो के मन में न जाने कितनी ही अद्भुत तरंगे एक साथ जन्म ले रही थी। जब अलबेली के वक्ष, इवान के सीने से टकराते धीमे से नीचे हुये दोनो के अंदर से आह्ह्ह् निकल गयी। दोनो एक इंच के फासले से एक दूसरे से नजरें मिला रहे थे। इवान के अंदर से जैसे अरमान जागे हो और वह तेजी से अलबेली के होंठ को अपने होटों से स्पर्श करता सीधा हो गया। अलबेली के की आंखें बड़ी और चेहरे पर हल्की हंसी फैल गयी। कुछ देर तक अलबेली भी मौन खड़ी होकर देखती रही और फिर.…
अलबेली अपनी एडियां ऊंची करती इवान के गले में हाथ डाल दी और होंठ से होंठ लगाकर चुम्बन देने लगी। इवान भी अलबेली को बाहों में भरकर उतने ही कसीस के साथ चुम्बन देने लगा। दोनो अपने पहले चुम्बन से इतने उत्तेजित हो गये की उनका क्ला बाहर निकल आया। क्ला जैसे ही बाहर आया अलबेली का क्ला इवान के गर्दन में घुसा और इवान का क्ला अलबेली के कमर के ऊपर। दोनो झटके के साथ अलग हुये और एक दूसरे को देखकर हंसने लगे।
इवान:– मैं बता नही सकता मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। आज से पहले कभी इतना जिंदा होने का एहसास मुझे कभी नही हुआ।
अलबेली:– हिहिहिहिही.. मैं तो बता नही सकती अंदर से कैसा महसूस हो रहा है। साला ये क्ला बीच में आ गया वरना होंठ छोड़ने की मेरी इच्छा ही नहीं हो रही थी।
इवान:– भैया सही कहते थे हमे पहले नियंत्रण सीखना चाहिए।
अलबेली छोटा सा मुंह बनाते... "अब क्या चुम्मा का नियंत्रण सीखने तू भैया के पास जायेगा।
इवान:– तेरी तो... मसखरी करती है...
इवान अपनी बात कहने के साथ ही अलबेली पर झपटा लेकिन अलबेली भी उतनी ही तेज, झटक कर किनारे हुई और ठेंगा दिखाते.… "जा जा.. भैया से ही नियंत्रण सिख कर आ।"…
अलबेली आगे और इवान पीछे.. दोनो हंसते हुये भाग रहे थे। भागते हुये दोनो किसी अंधेरी सी जगह में पहुंच गये। अलबेली आगे दौड़ रही थी और अचानक से झटका खा कर पीछे गिरी। अलबेली की बेइंतहां दर्द भरी चीख निकल गयी। इवान और तेज दौड़ते अलबेली को संभाला। ऐसा लगा जैसे वह तेज करेंट का झटका खायी हो। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। इवान अपने शर्ट से अलबेली का मुंह पोंछते इधर–उधर देखने लगा। उसके आंखों से आंसू बह रहे थे और इवान लगातार अलबेली को जगाने की कोशिश करने लगा।
तभी वहां इवान को कुछ लोग दिखने लगे। हाथों में बंदूक, बड़ी सी कुल्हाड़ी और तरह–तरह के हथियार लिये... "बच्चे किस जंगल से भागकर हमारे इलाके में आये हो"… कुछ शिकारी इवान की नजरो के सामने थे, और बेहोश पड़ी अलबेली, इवान की गोद में। इवान की आंखों में अंगार और दिमाग में खून दौड़ने लगा। अलबेली को नीचे रखते तेजी से दौड़ लगाया और वह भी झटका खा कर अलबेली के पास ही बेहोश हो गया।
एक शिकारी:– करेंट हटाओ और दोनो को साफ कर दो।
उसकी बात सुनकर जैसे ही किसी एक शिकारी ने अपना पहला कदम आगे बढ़ाया, अचानक ही कोई उसके पास से तेज गुजरा और उसे अपने साथ लेकर गायब। यह इतना तेजी में हुआ की केवल उस शिकारी की चीख ही सुनाई दी। दूसरे शिकारी चारो ओर देखने लगे। इतने में फिर एक तेज दौड़ और झपट्टा मारकर एक और शिकारी को भी ले गये।
शिकारी:– सब लोग फैल जाओ, यहां और भी मेहमान आये हुये हैं।
शिकारी अपना हथियार लेकर चारो ओर फैल गये। २ शिकारियों ने अलबेली और इवान को माउंटेन एश के गोले में फसाकर वहां से चल दिये। २ शिकारी जिनको झपट्टा मारकर सबके बीच से उड़ा के गये, वह कभी दाएं से चिल्लाता तो कभी बाएं से। आवाज कभी पास से आती तो कभी बहुत दूर से। सभी शिकारी अपना बैक अप बुलाने लगे। इसके पूर्व रूही और ओजल इसी लोकेशन पर कुछ घंटे पहले पहुंचे थे। उन्हे मेयर का बैंक अकाउंट एक्सेस करना था और इस लोकेशन से अच्छी जगह कहीं और नहीं थी, क्योंकि इसके आस पास आधे किलोमीटर के इलाके में कोई कैमरा नही लगा था।
रूही यहां पहुंची और सीधा 4 मिलियन बेनामी खाते में ट्रांसफर करने के बाद लैपटॉप को वहीं कही छिपा दी। रूही जब अपना काम कर रही थी तब ओजल चारो ओर का मुआयना करने लगी। वह समझ गयी की किसके इलाके में है। रूही को धीमे से ठूस्की देती हुई कहने लगी.… "निकलो यहां से, शिकारी का इलाका है।"
रूही को जैसे ही पता चला वह झटपट वहां से हटी। रूही और ओजल ने दोनो (इवान और अलबेली) को सचेत करने कई बार पुकारा भी लेकिन दोनों में से किसी का जवाब ही नहीं आया। हां घूमते–घूमते दोनो एक बार नजर जरूर आये लेकिन इवान और अलबेली को देखकर दोनो (रूही और ओजल) समझ चुके थे कि क्यों उनकी पुकार पर कोई जवाब नही आया।
चुराया हुआ ज्ञान से अलबेली इवान और ओजल की ज्ञान की क्षमता बहुत अधिक बाद गया जिसका नतीजा 11th स्टैंडर्ड को किनारे रख प्रधानाध्यपक महोदय का फरमान आया कि अब तीनों 12th का टेस्ट देंगे। आर्यमणि का हिदायत था तीन सवाल छोड़ दे। आर्य का कहना ठीक था देर हों उसे पहले सावधानी बरत लेना ठीक हैं। बरहाल तीनों टीनएज का दाखिला हों चुका। कॉलेज कैम्पस का माहौल बिल्कुल सभ्य था।
निकोल तो बड़ा ही धूर्त निकला पत्नी का ही मर्डर करवाने चाहता था अब आर्य ने जो कारनामा किया कही निकोल खुद ही बीबी के हाथों मारा न जाएं।
सावधानी बरतने के बाबजूद भी ओजल और इवान शिकारी के प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच ही गए और शकारियो के सामने पड़ गए वैसे गलती तो दोनों की थी मैं तो बस इतना ही कहूंगा और बनो जीएफ बीएफ इसे जीएफ बीएफ ने ही दोनों को शिकारी के सामने ला पटका और दोनों मूर्छित भी हो गए देखते है आगे किया क्या होता है।