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Romance In Love.. With You... (Completed)

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Adirshi

Royal कारभार 👑
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Update 53




राघव नेहा को उसके मायके छोड़ अपने ऑफिस आ गया था लेकिन उसका ऑफिस मे किसी भी काम मे मन नहीं लग रहा था राघव ने नेहा को चैलेंज तो कर दिया था लेकिन कही ना कही वो खुद भी जानता था के वो इस चैलेंज को पूरा नहीं कर पाएगा पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे जो सकारात्मक थे और अब कही ना कही राघव को नेहा की आदत सी होने लगी थी और नेहा से दूर रहना उसके लिए मुश्किल होने वाला था वही नेहा राघव की इस सिचूऐशन का खूब मजा ले रही थी लेकिन मन ही मन वो राघव को खूब मिस भी कर रही थी।

देखते देखते दोपहर का समय हो चुका था और राघव और नेहा दोनों ने ही एकदूसरे से किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं किया था

‘ये काम मे बिजी होंगे, लेकिन इतना भी क्या काम के मैं भी याद नहीं इनको! ऐसा लगता है मैं ही पागल हु जो इन्हे मिस किए जा रही हु, ये मेरा चैलेंज ही मेरी जान लेने वाला है’

नेहा राघव को याद करते हुए अपने फोन को देख सोच रही थी तभी एक आवाज आया

“दीदी!!!!!”

ये आवाज सुन नेहा ने आवज ही ओर देखा तो उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई उसका भाई सचिन घर आ गया था

नेहा- अरे तू आ गया

नेहा ने सचिन को गले लगाया

सचिन- मैंने आपको बहुत मिस किया है, कैसे हो आप? सब सही है ना एकदम? जिजू खयाल रखते है ना आपका?? कोई प्रॉब्लेम नहीं है ना?? कोई कुछ बोलता तो नहीं ना??

सचिन ने एकदम से नेहा पर सवालों की झड़ी लगा दी थी और उसे चुप कराने के लिए नेहा को उसके मुह पर हाथ रखना पड़ा

नेहा- अरे चुप चुप!! बाबारे इतने सवाल!! सब ठीक है मैं ठीक हु और कुछ टेंशन नहीं है

नेहा ने एक लाइन मे सचिन के सारे सवालों का जवाब दे डाला जिसके बाद दोनों भाई बहन की बाते शुरू हो गई पुराने दिन याद आने लगे वही दूसरी तरफ ऑफिस मे.....
.
.
.
.
.

“सर मेरे हिसाब से यही सबसे बढ़िया ऑप्शन रहेगा" नेहा ने राघव ने कहा वही राघव बस उसकी खूबसूरती मे खोया हुआ था उसका ध्यान भी नहीं था नेहा की बातों पर वो बस नेहा को देखे जा रहा था उसकी स्माइल, उसकी आंखे, उसके हवा के साथ लहराते बाल उसे सब कुछ अच्छा लगने लगा था

राघव अपनी जगह से खड़ा हुआ और नेहा के करीब गया और उसका हाथ पकड़ा नेहा की आंखे बड़ी हो गई थी और वो इधर उधर देखने लगी

“सर.... सर क्या... क्या कर रहे है?” उसने नर्वस होते हुए कहा

राघव- सर?? तुम मुझे सर क्यू कह रही हो चिक्की? नाम से बुलाओ ना अच्छा लगता है अपना नाम तुम्हारे मुह से सुन कर

राघव ने नेहा को कमर से थामे अपनी ओर खिचा नेहा की आंखे बाहर आने लगी वो राघव की बाहों मे छटपटाने लगी

राघव- क्या हुआ?? ऐसे छटपटा क्यू रही हो जैसे पहली बार हो

“पहली बार ही है”

राघव- क्या????

“सर!!!!!!!” उसने राघव को हिलाया तब राघव अपने होश मे आया और जैसे ही राघव ने उस बंदे को देखा उसे छोड़ पीछे हट गया

राघव- रवि!!! तुम कब आए ??

वो राघव का असिस्टेंट रवि था जिसे राघव नेहा समझ रहा था उसे हर जगह नेहा ही दिख रही थी

रवि- मैं तो कबसे यही हु सर आप भी प्लीज मैडम के सपने देखना बंद कीजिए वरना लोग हमारे बारे मे गलत समझेंगे

रवि ने कहा जिसने राघव को थोड़ा शर्मिंदा कर दिया

रवि- सर मैं जाऊ??

राघव- हम्म

जिसके बाद रवि जितनी जल्दी हो सके वहा से निकल गया और राघव अपने बाल खिचते हुए अपनी खुर्ची पर जाकर बैठा

‘तू क्या पागल हो गया है क्या राघव? ये क्या हो गया था अभी अभी पता नहीं रवि क्या सोच रहा होगा! हट्ट यार!!’ राघव अपने आप पर चिढ़ा हुआ था

‘ये सब नेहा की गलती है जानबुझ के चैलेंज दिया है उसने और मैंने भी जोश जोश मे हा बोल दिया अब क्या करू?? ये दो दिन दो साल जैसे लग रहे है’

राघव अपने आप से ही बड़बड़ाए जा रहा था

कॉल कर लू क्या?? नहीं नहीं नहीं!! हारना नहीं है जब चैलेंज लिया है तो पूरा करूंगा ही लेकिन यार उससे बात करने का भी बहुत मन है’

‘ये तुमने मुझे क्या कर दिया है चिक्की जो तुम्हारी एक झलक के लिए मरा जा रहा हु मैं! मैं पहले कभी इतना इम्पैशन्स नहीं रहा जितना आज हो गया हु । मैं क्यू तुमसे एक दिन भी दूर नहीं रह पा रहा हु??’


राघव नेहा को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था

देखते देखते रात का समय हो गया था

सतीश- चलो बढ़िया है तुम दोनों के बीच अब सब सही चल रहा है

चाचा ने डिनर करते हुए नेहा से कहा

संगीता- हा फिर मेरी बेटी है ही ऐसी जो सब सही कर देती है

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है चाची

सचिन- बाकी दी जिजू भी आपको मिस कर रहे होंगे नहीं

सचिन ने कहा और इसी के साथ ही नेहा का दिमाग सुबह वाले चैलेंज पर शिफ्ट हो गया दूसरी तरफ देशपांडे वाडे मे

श्वेता- भईया!!! भईया!!!!

राघव- हूह??

श्वेता ने राघव को हिलाया तब राघव अपने खयालों से बाहर आया वही डिनर टेबल पर सब लोग उसे कन्फ्यूज़ होकर देख रहे थे सब अपना खाना खा रहे थे लेकिन राघव तो किसी और ही दुनिया मे था

श्वेता- आपका खाना... ठंडा हो रहा है...

श्वेता ने राघव की प्लेट की ओर इशारा किया और उसने भी गर्दन हिला कर खाना शुरू किया

शिवशंकर- आज नेहा नहीं है तो सब कितना अलग अलग लग रहा है ना

दादू ने जानबुझ कर धीमी आवाज मे कहा जिसपर राघव भी अनजाने मे अपने खाने से खेलते हुए जवाब दे बैठा

राघव- हा ना

धनंजय- मिस कर रहे हो उसे?

अब धनंजय जी भी राघव के मजे लेने के मूड मे आ गया थे और अपनी हसी दबा रहे थे

राघव- बहुत।

जानकी- तो बात कर लो उससे

राघव- वही तो नहीं कर सकता न..

रमाकांत- क्यू??

राघव- वो....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी उसके दिमाग ने उसे इशारा कर दिया था के वो क्या बोलने जा रहा था उसे नजर उठा कर ऊपर देखा तो सब उसे ही देख रहे थे और राघव के ऊपर देखते ही सब हसने लगे और राघव अपने बड़ों को बोलता भी क्या यहां अगर शेखर होता तो उसे वो चुप करा देता लेकिन चाचा को क्या ही बोलता बस चुपचाप बैठा रहा

मीनाक्षी- राघव हम भी मिस कर रहे है नेहा को लेकिन उसके लिए ऐसे देवदास बनने की क्या जरूरत है कल आ जाएगी वो वैसे भी

चाची ने मुसकुराते हुए कहा

शेखर- अब भाई भी क्या करे मा रहा नहीं जाता न

शेखर ने चिढ़ाया और राघव ने बदले मे उसे घूर के देखा, आज डिनर टेबल का टॉपिक राघव ही था और सब उसे चिढ़ाने मे लगे थे लेकिन अपना देवदास कुछ नहीं कर पा रहा था

कुछ समय बाद राघव अपने रूम मे इधर उधर घूम रहा था और नेहा से बात करने के तरीके सोच रहा था

सोच सोच राघव कुछ सोच इतना बड़ा बिजनेसमैन कोई आइडिया नहीं सोच पा रहा बीवी से बात करने का.... हा ये सही रहेगा फाइल के बारे मे पूछने के लिए फोन लगता हु जेनुइन भी लगूँगा, यस!!! लेकिन नहीं मैं थोड़ी बात कर सकता हु अब क्या करू’

राघव सोच ही रहा था के तभी उसे रिद्धि वहा से जाते हुए दिखी तो उसने रिद्धि को आवाज दी

राघव- रिद्धि सुनो

राघव की आवाज सुन रिद्धि रूम मे आई

रिद्धि- हा भाई

राघव- ये मेरा फोन लो और तुम्हारी भाभी को कॉल लगाओ

राघव ने अपने फोन रिद्धि के हाथ मे पकड़ाया

रिद्धि- ये काम तो आप भी कर सकते हो

रिद्धि थोड़ी कन्फ्यूज़ थी के राघव उसे कॉल करने क्यू कह रहा था

राघव- नहीं कर सकता

रिद्धि- क्यू??

राघव- बस कर दो ना यार और सुनो उससे पूछना मेरी रेड फाइल कहा रखी है

रिद्धि राघव को शक भरी नजरों से देख रही थी लेकिन फिर भी उसने नेहा को कॉल लगा दिया इधर नेहा ने जब अपने फोन का रिंग सुना तब वो अपनी चाची की किचन मे मदद कर रही थी और जैसे ही उसने कॉलर आइडी पर राघव का नाम देखा उसके चेहरे पर स्माइल आ गई लेकिन साथ ही चैलेंज भी दिमाग मे आ गया नेहा ने अपने फोन उठाया और सचिन के रूम मे गई

नेहा- सचिन ये लो अपने जिजू से बात करो

सचिन- हैं! क्यू? आप ही कर लो ना बात

सचिन भी कन्फ्यूज़ था

नेहा- नहीं कर सकती तुम बस कहा वो करो

और सचिन ने नेहा के हाथ से फोन लेकर कान से लगाया और दूसरी तरफ रिद्धि थी

रिद्धि- हैलो!

सचिन- दी जिजू को कोई प्रॉब्लेम है क्या? उनका आवाज लड़की जैसा आ रहा है

सचिन ने धीमी आवाज मे नेहा से कहा और नेहा चौकी

नेहा- क्या? ‘लड़की का आवाज! ये किसी लड़की के साथ तो नहीं है ना इसीलिए इन्होंने चैलेंज के लिए हा कहा था’

नेहा- लाओ मुझे दो फोन

नेहा ने एक झटके के साथ सचिन के हाथ से फोन छीना

नेहा- व्हाट द हेल कौन हो तुम और मेरे हज़बन्ड का फोन तुम्हारे पास क्या कर रहा है?? और इन मिस्टर देशपांडे को तो मैं छोड़ूँगी नहीं

नेहा एकदम फोन पर चिल्लाने लगी वही दूसरी तरफ रिद्धि उसकी आवाज सुन सकते मे थी

रिद्धि- भाभी! भाभी रीलैक्स मैं हु रिद्धि आप क्या बोल रहे हो भाई किसी के साथ नहीं है वो तो घर पर है

नेहा- हैं?

अब नेहा सचिन को घूर के देखने लगी

नेहा- सॉरी रिद्धि वो मुझे लगा कोई और है वो मेरे भाई ने फोन उठाया था और वो तुम्हें नहीं जानता ना लेकिन इनका फोन तुम्हारे पास?

रिद्धि- वो पता नहीं क्यू लेकिन भाई आपसे बात नहीं कर रहा है और उनको उनकी कोई रेड फाइल चाहिए

नेहा- रेड फाइल?

नेहा के पहले तो कुछ समझ नहीं आया फिर उसे फोन के दूसरे साइड से खुसफुसाहट सुनाई दी राघव रिद्धि से फोन स्पीकर पर रखने कह रहा था और नेहा के चहरे पर मुस्कान आ गई

नेहा- मुझे कोई रेड फाइल नहीं पता बाय!

और नेहा ने अचानक फोन काट दिया और इधर फोन कटते ही राघव रिद्धि से बोला

राघव- फोन क्यू काटा

रिद्धि- मैंने नहीं भाभी ने कट किया है और आपको हुआ क्या है ऐसे देवदास क्यू बने हो आ जाएगी भाभी कल और बात करना है तो कर लो ना यार, क्या आप दोनों का झगड़ा हुआ है क्या??

रिद्धि के सवाल पर राघव ने ना मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- फिर क्या बात है

और अब राघव से रहा ना गया वो अपने बेड पर बैठा और उसने अपनी दुखभरी कहानी अपनी बहन को सुनाई पहले को रिद्धि को हसी आई लेकिन फिर अपने भाई की हालत उससे देखि भी नहीं जा रही थी

रिद्धि- आप लोग बच्चे हो क्या यार!! अच्छा अब मुह मत सड़ाओ एक आइडिया है मेरे पास

आइडिया का सुनते ही राघव ने रिद्धि को देखा

राघव- क्या है जल्दी बताओ

फिर रिद्धि ने राघव के कान मे आइडिया कहा

राघव- पागल है क्या, ऐसा करने पे सब मेरे बारे मे क्या सोचेंगे रिद्धि?

रिद्धि- ठीक है दूसरा आइडिया सुनो फिर

फिर रिद्धि वापिस उसके कान मे फुसफुसाई

राघव- ये तो उससे भी बुरा है ये नहीं होगा मुझसे

रिद्धि- क्या भाई हर आशिक अपने प्यार के लिए ये करता है फिर आप क्यू नहीं

राघव- कौन करता है ऐसा?

रिद्धि- मेरी किताबों का हीरो तो करता है

राघव- तुम नेहा के साथ कम रहा करो थोड़ा उसकी आदते आ रही है तुममे

रिद्धि- ऐसा कुछ नहीं है मैंने आइडिया बता दिया है लेना है लो वरना जाने दो

जिसके बाद रिद्धि वहा से चली गई और राघव अपना लैपटॉप लेकर बैठ गया ताकि काम के चक्कर मे नेहा के खयालों को दिमाग से निकाल सके लेकिन वो उसे बहुत ज्यादा मिस कर रहा था उसे अपना रूम खाली खाली सा लग रहा था, उसे एक तरह से नेहा की आदत हो चुकी थी उसे अपनी नजरों के सामने देखने की और यही आदत अब उसके लिए मुसीबत बनी हुई थी

दूसरी तरफ नेहा अपने परिवार के साथ समय बिताकर अपने रूम मे आ गई थी लेकिन उसके दिमाग मे भी बस राघव ही छाया हुआ था उसने बेड पर लेटे लेटे सोने की कोशिश की लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी

नेहा ने अपना फोन उठा कर राघव का नंबर भी डाइल किया लेकिन कॉल नहीं लगाया, नेहा भी राघव को बहुत ज्यादा मिस कर रही थी राघव को जैसे नेहा की आदत हो चुकी थी वैसा ही हाल नेहा का भी था, नेहा अपने बेड पर लेटी सोने की कोशिश करने लगी उसने अभी करवट ली ही थी के उसके कुछ आवाज आया नेहा अचानक से उठी, उसने इधर उधर देखा लेकिन कुछ नहीं था वो वापिस लेटने ही वाली थी के वापिस से आवाज आई जिसने उसे इस बार थोड़ा डरा दिया

ऊपर के फ्लोर पे बस नेहा का अकेली का रूम था बाकी सबके कमरे नीचे थे माने अभी वहा उस फ्लोर पर नेहा के अलावा और कोई नहीं था

नेहा- क.... कौन है??

नेहा ने डरते डरते पूछा और रूम मे रखी सचिन की क्रिकेट बैट उठा ली

नेहा- कौन है? देखो जो भी है सामने आ जाओ वरना इस बैट से बहुत मारूँगी

तभी वहा उसे एक बिल्ली के होने का एहसास हुआ कमरे के लाइट डीम थे और बाहर से चलती हवा माहोल को थोड़ा डरावना बना रही थी हवा के चलते एक फ्लावर पॉट नीचे गिरा था नेहा ने उसे उठा कर उसकी जगह पर रखा

और जैसे ही वो पलटी उसकी नजरे किसी पर पड़ी उसकी आंखे बड़ी हो गई मुह खुल गया और वो जोर से चीखी.......


क्रमश:
 

Yasasvi3

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Update 53




राघव नेहा को उसके मायके छोड़ अपने ऑफिस आ गया था लेकिन उसका ऑफिस मे किसी भी काम मे मन नहीं लग रहा था राघव ने नेहा को चैलेंज तो कर दिया था लेकिन कही ना कही वो खुद भी जानता था के वो इस चैलेंज को पूरा नहीं कर पाएगा पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे जो सकारात्मक थे और अब कही ना कही राघव को नेहा की आदत सी होने लगी थी और नेहा से दूर रहना उसके लिए मुश्किल होने वाला था वही नेहा राघव की इस सिचूऐशन का खूब मजा ले रही थी लेकिन मन ही मन वो राघव को खूब मिस भी कर रही थी।

देखते देखते दोपहर का समय हो चुका था और राघव और नेहा दोनों ने ही एकदूसरे से किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं किया था

‘ये काम मे बिजी होंगे, लेकिन इतना भी क्या काम के मैं भी याद नहीं इनको! ऐसा लगता है मैं ही पागल हु जो इन्हे मिस किए जा रही हु, ये मेरा चैलेंज ही मेरी जान लेने वाला है’

नेहा राघव को याद करते हुए अपने फोन को देख सोच रही थी तभी एक आवाज आया

“दीदी!!!!!”

ये आवाज सुन नेहा ने आवज ही ओर देखा तो उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई उसका भाई सचिन घर आ गया था

नेहा- अरे तू आ गया

नेहा ने सचिन को गले लगाया

सचिन- मैंने आपको बहुत मिस किया है, कैसे हो आप? सब सही है ना एकदम? जिजू खयाल रखते है ना आपका?? कोई प्रॉब्लेम नहीं है ना?? कोई कुछ बोलता तो नहीं ना??

सचिन ने एकदम से नेहा पर सवालों की झड़ी लगा दी थी और उसे चुप कराने के लिए नेहा को उसके मुह पर हाथ रखना पड़ा

नेहा- अरे चुप चुप!! बाबारे इतने सवाल!! सब ठीक है मैं ठीक हु और कुछ टेंशन नहीं है

नेहा ने एक लाइन मे सचिन के सारे सवालों का जवाब दे डाला जिसके बाद दोनों भाई बहन की बाते शुरू हो गई पुराने दिन याद आने लगे वही दूसरी तरफ ऑफिस मे.....
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“सर मेरे हिसाब से यही सबसे बढ़िया ऑप्शन रहेगा" नेहा ने राघव ने कहा वही राघव बस उसकी खूबसूरती मे खोया हुआ था उसका ध्यान भी नहीं था नेहा की बातों पर वो बस नेहा को देखे जा रहा था उसकी स्माइल, उसकी आंखे, उसके हवा के साथ लहराते बाल उसे सब कुछ अच्छा लगने लगा था

राघव अपनी जगह से खड़ा हुआ और नेहा के करीब गया और उसका हाथ पकड़ा नेहा की आंखे बड़ी हो गई थी और वो इधर उधर देखने लगी

“सर.... सर क्या... क्या कर रहे है?” उसने नर्वस होते हुए कहा

राघव- सर?? तुम मुझे सर क्यू कह रही हो चिक्की? नाम से बुलाओ ना अच्छा लगता है अपना नाम तुम्हारे मुह से सुन कर

राघव ने नेहा को कमर से थामे अपनी ओर खिचा नेहा की आंखे बाहर आने लगी वो राघव की बाहों मे छटपटाने लगी

राघव- क्या हुआ?? ऐसे छटपटा क्यू रही हो जैसे पहली बार हो

“पहली बार ही है”

राघव- क्या????

“सर!!!!!!!” उसने राघव को हिलाया तब राघव अपने होश मे आया और जैसे ही राघव ने उस बंदे को देखा उसे छोड़ पीछे हट गया

राघव- रवि!!! तुम कब आए ??

वो राघव का असिस्टेंट रवि था जिसे राघव नेहा समझ रहा था उसे हर जगह नेहा ही दिख रही थी

रवि- मैं तो कबसे यही हु सर आप भी प्लीज मैडम के सपने देखना बंद कीजिए वरना लोग हमारे बारे मे गलत समझेंगे

रवि ने कहा जिसने राघव को थोड़ा शर्मिंदा कर दिया

रवि- सर मैं जाऊ??

राघव- हम्म

जिसके बाद रवि जितनी जल्दी हो सके वहा से निकल गया और राघव अपने बाल खिचते हुए अपनी खुर्ची पर जाकर बैठा

‘तू क्या पागल हो गया है क्या राघव? ये क्या हो गया था अभी अभी पता नहीं रवि क्या सोच रहा होगा! हट्ट यार!!’ राघव अपने आप पर चिढ़ा हुआ था

‘ये सब नेहा की गलती है जानबुझ के चैलेंज दिया है उसने और मैंने भी जोश जोश मे हा बोल दिया अब क्या करू?? ये दो दिन दो साल जैसे लग रहे है’

राघव अपने आप से ही बड़बड़ाए जा रहा था

कॉल कर लू क्या?? नहीं नहीं नहीं!! हारना नहीं है जब चैलेंज लिया है तो पूरा करूंगा ही लेकिन यार उससे बात करने का भी बहुत मन है’

‘ये तुमने मुझे क्या कर दिया है चिक्की जो तुम्हारी एक झलक के लिए मरा जा रहा हु मैं! मैं पहले कभी इतना इम्पैशन्स नहीं रहा जितना आज हो गया हु । मैं क्यू तुमसे एक दिन भी दूर नहीं रह पा रहा हु??’


राघव नेहा को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था

देखते देखते रात का समय हो गया था

सतीश- चलो बढ़िया है तुम दोनों के बीच अब सब सही चल रहा है

चाचा ने डिनर करते हुए नेहा से कहा

संगीता- हा फिर मेरी बेटी है ही ऐसी जो सब सही कर देती है

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है चाची

सचिन- बाकी दी जिजू भी आपको मिस कर रहे होंगे नहीं

सचिन ने कहा और इसी के साथ ही नेहा का दिमाग सुबह वाले चैलेंज पर शिफ्ट हो गया दूसरी तरफ देशपांडे वाडे मे

श्वेता- भईया!!! भईया!!!!

राघव- हूह??

श्वेता ने राघव को हिलाया तब राघव अपने खयालों से बाहर आया वही डिनर टेबल पर सब लोग उसे कन्फ्यूज़ होकर देख रहे थे सब अपना खाना खा रहे थे लेकिन राघव तो किसी और ही दुनिया मे था

श्वेता- आपका खाना... ठंडा हो रहा है...

श्वेता ने राघव की प्लेट की ओर इशारा किया और उसने भी गर्दन हिला कर खाना शुरू किया

शिवशंकर- आज नेहा नहीं है तो सब कितना अलग अलग लग रहा है ना

दादू ने जानबुझ कर धीमी आवाज मे कहा जिसपर राघव भी अनजाने मे अपने खाने से खेलते हुए जवाब दे बैठा

राघव- हा ना

धनंजय- मिस कर रहे हो उसे?

अब धनंजय जी भी राघव के मजे लेने के मूड मे आ गया थे और अपनी हसी दबा रहे थे

राघव- बहुत।

जानकी- तो बात कर लो उससे

राघव- वही तो नहीं कर सकता न..

रमाकांत- क्यू??

राघव- वो....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी उसके दिमाग ने उसे इशारा कर दिया था के वो क्या बोलने जा रहा था उसे नजर उठा कर ऊपर देखा तो सब उसे ही देख रहे थे और राघव के ऊपर देखते ही सब हसने लगे और राघव अपने बड़ों को बोलता भी क्या यहां अगर शेखर होता तो उसे वो चुप करा देता लेकिन चाचा को क्या ही बोलता बस चुपचाप बैठा रहा

मीनाक्षी- राघव हम भी मिस कर रहे है नेहा को लेकिन उसके लिए ऐसे देवदास बनने की क्या जरूरत है कल आ जाएगी वो वैसे भी

चाची ने मुसकुराते हुए कहा

शेखर- अब भाई भी क्या करे मा रहा नहीं जाता न

शेखर ने चिढ़ाया और राघव ने बदले मे उसे घूर के देखा, आज डिनर टेबल का टॉपिक राघव ही था और सब उसे चिढ़ाने मे लगे थे लेकिन अपना देवदास कुछ नहीं कर पा रहा था

कुछ समय बाद राघव अपने रूम मे इधर उधर घूम रहा था और नेहा से बात करने के तरीके सोच रहा था

सोच सोच राघव कुछ सोच इतना बड़ा बिजनेसमैन कोई आइडिया नहीं सोच पा रहा बीवी से बात करने का.... हा ये सही रहेगा फाइल के बारे मे पूछने के लिए फोन लगता हु जेनुइन भी लगूँगा, यस!!! लेकिन नहीं मैं थोड़ी बात कर सकता हु अब क्या करू’

राघव सोच ही रहा था के तभी उसे रिद्धि वहा से जाते हुए दिखी तो उसने रिद्धि को आवाज दी

राघव- रिद्धि सुनो

राघव की आवाज सुन रिद्धि रूम मे आई

रिद्धि- हा भाई

राघव- ये मेरा फोन लो और तुम्हारी भाभी को कॉल लगाओ

राघव ने अपने फोन रिद्धि के हाथ मे पकड़ाया

रिद्धि- ये काम तो आप भी कर सकते हो

रिद्धि थोड़ी कन्फ्यूज़ थी के राघव उसे कॉल करने क्यू कह रहा था

राघव- नहीं कर सकता

रिद्धि- क्यू??

राघव- बस कर दो ना यार और सुनो उससे पूछना मेरी रेड फाइल कहा रखी है

रिद्धि राघव को शक भरी नजरों से देख रही थी लेकिन फिर भी उसने नेहा को कॉल लगा दिया इधर नेहा ने जब अपने फोन का रिंग सुना तब वो अपनी चाची की किचन मे मदद कर रही थी और जैसे ही उसने कॉलर आइडी पर राघव का नाम देखा उसके चेहरे पर स्माइल आ गई लेकिन साथ ही चैलेंज भी दिमाग मे आ गया नेहा ने अपने फोन उठाया और सचिन के रूम मे गई

नेहा- सचिन ये लो अपने जिजू से बात करो

सचिन- हैं! क्यू? आप ही कर लो ना बात

सचिन भी कन्फ्यूज़ था

नेहा- नहीं कर सकती तुम बस कहा वो करो

और सचिन ने नेहा के हाथ से फोन लेकर कान से लगाया और दूसरी तरफ रिद्धि थी

रिद्धि- हैलो!

सचिन- दी जिजू को कोई प्रॉब्लेम है क्या? उनका आवाज लड़की जैसा आ रहा है

सचिन ने धीमी आवाज मे नेहा से कहा और नेहा चौकी

नेहा- क्या? ‘लड़की का आवाज! ये किसी लड़की के साथ तो नहीं है ना इसीलिए इन्होंने चैलेंज के लिए हा कहा था’

नेहा- लाओ मुझे दो फोन

नेहा ने एक झटके के साथ सचिन के हाथ से फोन छीना

नेहा- व्हाट द हेल कौन हो तुम और मेरे हज़बन्ड का फोन तुम्हारे पास क्या कर रहा है?? और इन मिस्टर देशपांडे को तो मैं छोड़ूँगी नहीं

नेहा एकदम फोन पर चिल्लाने लगी वही दूसरी तरफ रिद्धि उसकी आवाज सुन सकते मे थी

रिद्धि- भाभी! भाभी रीलैक्स मैं हु रिद्धि आप क्या बोल रहे हो भाई किसी के साथ नहीं है वो तो घर पर है

नेहा- हैं?

अब नेहा सचिन को घूर के देखने लगी

नेहा- सॉरी रिद्धि वो मुझे लगा कोई और है वो मेरे भाई ने फोन उठाया था और वो तुम्हें नहीं जानता ना लेकिन इनका फोन तुम्हारे पास?

रिद्धि- वो पता नहीं क्यू लेकिन भाई आपसे बात नहीं कर रहा है और उनको उनकी कोई रेड फाइल चाहिए

नेहा- रेड फाइल?

नेहा के पहले तो कुछ समझ नहीं आया फिर उसे फोन के दूसरे साइड से खुसफुसाहट सुनाई दी राघव रिद्धि से फोन स्पीकर पर रखने कह रहा था और नेहा के चहरे पर मुस्कान आ गई

नेहा- मुझे कोई रेड फाइल नहीं पता बाय!

और नेहा ने अचानक फोन काट दिया और इधर फोन कटते ही राघव रिद्धि से बोला

राघव- फोन क्यू काटा

रिद्धि- मैंने नहीं भाभी ने कट किया है और आपको हुआ क्या है ऐसे देवदास क्यू बने हो आ जाएगी भाभी कल और बात करना है तो कर लो ना यार, क्या आप दोनों का झगड़ा हुआ है क्या??

रिद्धि के सवाल पर राघव ने ना मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- फिर क्या बात है

और अब राघव से रहा ना गया वो अपने बेड पर बैठा और उसने अपनी दुखभरी कहानी अपनी बहन को सुनाई पहले को रिद्धि को हसी आई लेकिन फिर अपने भाई की हालत उससे देखि भी नहीं जा रही थी

रिद्धि- आप लोग बच्चे हो क्या यार!! अच्छा अब मुह मत सड़ाओ एक आइडिया है मेरे पास

आइडिया का सुनते ही राघव ने रिद्धि को देखा

राघव- क्या है जल्दी बताओ

फिर रिद्धि ने राघव के कान मे आइडिया कहा

राघव- पागल है क्या, ऐसा करने पे सब मेरे बारे मे क्या सोचेंगे रिद्धि?

रिद्धि- ठीक है दूसरा आइडिया सुनो फिर

फिर रिद्धि वापिस उसके कान मे फुसफुसाई

राघव- ये तो उससे भी बुरा है ये नहीं होगा मुझसे

रिद्धि- क्या भाई हर आशिक अपने प्यार के लिए ये करता है फिर आप क्यू नहीं

राघव- कौन करता है ऐसा?

रिद्धि- मेरी किताबों का हीरो तो करता है

राघव- तुम नेहा के साथ कम रहा करो थोड़ा उसकी आदते आ रही है तुममे

रिद्धि- ऐसा कुछ नहीं है मैंने आइडिया बता दिया है लेना है लो वरना जाने दो

जिसके बाद रिद्धि वहा से चली गई और राघव अपना लैपटॉप लेकर बैठ गया ताकि काम के चक्कर मे नेहा के खयालों को दिमाग से निकाल सके लेकिन वो उसे बहुत ज्यादा मिस कर रहा था उसे अपना रूम खाली खाली सा लग रहा था, उसे एक तरह से नेहा की आदत हो चुकी थी उसे अपनी नजरों के सामने देखने की और यही आदत अब उसके लिए मुसीबत बनी हुई थी

दूसरी तरफ नेहा अपने परिवार के साथ समय बिताकर अपने रूम मे आ गई थी लेकिन उसके दिमाग मे भी बस राघव ही छाया हुआ था उसने बेड पर लेटे लेटे सोने की कोशिश की लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी

नेहा ने अपना फोन उठा कर राघव का नंबर भी डाइल किया लेकिन कॉल नहीं लगाया, नेहा भी राघव को बहुत ज्यादा मिस कर रही थी राघव को जैसे नेहा की आदत हो चुकी थी वैसा ही हाल नेहा का भी था, नेहा अपने बेड पर लेटी सोने की कोशिश करने लगी उसने अभी करवट ली ही थी के उसके कुछ आवाज आया नेहा अचानक से उठी, उसने इधर उधर देखा लेकिन कुछ नहीं था वो वापिस लेटने ही वाली थी के वापिस से आवाज आई जिसने उसे इस बार थोड़ा डरा दिया

ऊपर के फ्लोर पे बस नेहा का अकेली का रूम था बाकी सबके कमरे नीचे थे माने अभी वहा उस फ्लोर पर नेहा के अलावा और कोई नहीं था

नेहा- क.... कौन है??

नेहा ने डरते डरते पूछा और रूम मे रखी सचिन की क्रिकेट बैट उठा ली

नेहा- कौन है? देखो जो भी है सामने आ जाओ वरना इस बैट से बहुत मारूँगी

तभी वहा उसे एक बिल्ली के होने का एहसास हुआ कमरे के लाइट डीम थे और बाहर से चलती हवा माहोल को थोड़ा डरावना बना रही थी हवा के चलते एक फ्लावर पॉट नीचे गिरा था नेहा ने उसे उठा कर उसकी जगह पर रखा

और जैसे ही वो पलटी उसकी नजरे किसी पर पड़ी उसकी आंखे बड़ी हो गई मुह खुल गया और वो जोर से चीखी.......


क्रमश:
Bhot hi saand nice and pyara update.....😁ye rate ye mosam nahi ka kinara ...😁😁....dekhte ha aage kya hita ha....sirf mujha hi lag raha h ya sach me thola sa likha h aapne🥺....ju ke update ka waiting...
 

parkas

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Update 53




राघव नेहा को उसके मायके छोड़ अपने ऑफिस आ गया था लेकिन उसका ऑफिस मे किसी भी काम मे मन नहीं लग रहा था राघव ने नेहा को चैलेंज तो कर दिया था लेकिन कही ना कही वो खुद भी जानता था के वो इस चैलेंज को पूरा नहीं कर पाएगा पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे जो सकारात्मक थे और अब कही ना कही राघव को नेहा की आदत सी होने लगी थी और नेहा से दूर रहना उसके लिए मुश्किल होने वाला था वही नेहा राघव की इस सिचूऐशन का खूब मजा ले रही थी लेकिन मन ही मन वो राघव को खूब मिस भी कर रही थी।

देखते देखते दोपहर का समय हो चुका था और राघव और नेहा दोनों ने ही एकदूसरे से किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं किया था

‘ये काम मे बिजी होंगे, लेकिन इतना भी क्या काम के मैं भी याद नहीं इनको! ऐसा लगता है मैं ही पागल हु जो इन्हे मिस किए जा रही हु, ये मेरा चैलेंज ही मेरी जान लेने वाला है’

नेहा राघव को याद करते हुए अपने फोन को देख सोच रही थी तभी एक आवाज आया

“दीदी!!!!!”

ये आवाज सुन नेहा ने आवज ही ओर देखा तो उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई उसका भाई सचिन घर आ गया था

नेहा- अरे तू आ गया

नेहा ने सचिन को गले लगाया

सचिन- मैंने आपको बहुत मिस किया है, कैसे हो आप? सब सही है ना एकदम? जिजू खयाल रखते है ना आपका?? कोई प्रॉब्लेम नहीं है ना?? कोई कुछ बोलता तो नहीं ना??

सचिन ने एकदम से नेहा पर सवालों की झड़ी लगा दी थी और उसे चुप कराने के लिए नेहा को उसके मुह पर हाथ रखना पड़ा

नेहा- अरे चुप चुप!! बाबारे इतने सवाल!! सब ठीक है मैं ठीक हु और कुछ टेंशन नहीं है

नेहा ने एक लाइन मे सचिन के सारे सवालों का जवाब दे डाला जिसके बाद दोनों भाई बहन की बाते शुरू हो गई पुराने दिन याद आने लगे वही दूसरी तरफ ऑफिस मे.....
.
.
.
.
.

“सर मेरे हिसाब से यही सबसे बढ़िया ऑप्शन रहेगा" नेहा ने राघव ने कहा वही राघव बस उसकी खूबसूरती मे खोया हुआ था उसका ध्यान भी नहीं था नेहा की बातों पर वो बस नेहा को देखे जा रहा था उसकी स्माइल, उसकी आंखे, उसके हवा के साथ लहराते बाल उसे सब कुछ अच्छा लगने लगा था

राघव अपनी जगह से खड़ा हुआ और नेहा के करीब गया और उसका हाथ पकड़ा नेहा की आंखे बड़ी हो गई थी और वो इधर उधर देखने लगी

“सर.... सर क्या... क्या कर रहे है?” उसने नर्वस होते हुए कहा

राघव- सर?? तुम मुझे सर क्यू कह रही हो चिक्की? नाम से बुलाओ ना अच्छा लगता है अपना नाम तुम्हारे मुह से सुन कर

राघव ने नेहा को कमर से थामे अपनी ओर खिचा नेहा की आंखे बाहर आने लगी वो राघव की बाहों मे छटपटाने लगी

राघव- क्या हुआ?? ऐसे छटपटा क्यू रही हो जैसे पहली बार हो

“पहली बार ही है”

राघव- क्या????

“सर!!!!!!!” उसने राघव को हिलाया तब राघव अपने होश मे आया और जैसे ही राघव ने उस बंदे को देखा उसे छोड़ पीछे हट गया

राघव- रवि!!! तुम कब आए ??

वो राघव का असिस्टेंट रवि था जिसे राघव नेहा समझ रहा था उसे हर जगह नेहा ही दिख रही थी

रवि- मैं तो कबसे यही हु सर आप भी प्लीज मैडम के सपने देखना बंद कीजिए वरना लोग हमारे बारे मे गलत समझेंगे

रवि ने कहा जिसने राघव को थोड़ा शर्मिंदा कर दिया

रवि- सर मैं जाऊ??

राघव- हम्म

जिसके बाद रवि जितनी जल्दी हो सके वहा से निकल गया और राघव अपने बाल खिचते हुए अपनी खुर्ची पर जाकर बैठा

‘तू क्या पागल हो गया है क्या राघव? ये क्या हो गया था अभी अभी पता नहीं रवि क्या सोच रहा होगा! हट्ट यार!!’ राघव अपने आप पर चिढ़ा हुआ था

‘ये सब नेहा की गलती है जानबुझ के चैलेंज दिया है उसने और मैंने भी जोश जोश मे हा बोल दिया अब क्या करू?? ये दो दिन दो साल जैसे लग रहे है’

राघव अपने आप से ही बड़बड़ाए जा रहा था

कॉल कर लू क्या?? नहीं नहीं नहीं!! हारना नहीं है जब चैलेंज लिया है तो पूरा करूंगा ही लेकिन यार उससे बात करने का भी बहुत मन है’

‘ये तुमने मुझे क्या कर दिया है चिक्की जो तुम्हारी एक झलक के लिए मरा जा रहा हु मैं! मैं पहले कभी इतना इम्पैशन्स नहीं रहा जितना आज हो गया हु । मैं क्यू तुमसे एक दिन भी दूर नहीं रह पा रहा हु??’


राघव नेहा को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था

देखते देखते रात का समय हो गया था

सतीश- चलो बढ़िया है तुम दोनों के बीच अब सब सही चल रहा है

चाचा ने डिनर करते हुए नेहा से कहा

संगीता- हा फिर मेरी बेटी है ही ऐसी जो सब सही कर देती है

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है चाची

सचिन- बाकी दी जिजू भी आपको मिस कर रहे होंगे नहीं

सचिन ने कहा और इसी के साथ ही नेहा का दिमाग सुबह वाले चैलेंज पर शिफ्ट हो गया दूसरी तरफ देशपांडे वाडे मे

श्वेता- भईया!!! भईया!!!!

राघव- हूह??

श्वेता ने राघव को हिलाया तब राघव अपने खयालों से बाहर आया वही डिनर टेबल पर सब लोग उसे कन्फ्यूज़ होकर देख रहे थे सब अपना खाना खा रहे थे लेकिन राघव तो किसी और ही दुनिया मे था

श्वेता- आपका खाना... ठंडा हो रहा है...

श्वेता ने राघव की प्लेट की ओर इशारा किया और उसने भी गर्दन हिला कर खाना शुरू किया

शिवशंकर- आज नेहा नहीं है तो सब कितना अलग अलग लग रहा है ना

दादू ने जानबुझ कर धीमी आवाज मे कहा जिसपर राघव भी अनजाने मे अपने खाने से खेलते हुए जवाब दे बैठा

राघव- हा ना

धनंजय- मिस कर रहे हो उसे?

अब धनंजय जी भी राघव के मजे लेने के मूड मे आ गया थे और अपनी हसी दबा रहे थे

राघव- बहुत।

जानकी- तो बात कर लो उससे

राघव- वही तो नहीं कर सकता न..

रमाकांत- क्यू??

राघव- वो....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी उसके दिमाग ने उसे इशारा कर दिया था के वो क्या बोलने जा रहा था उसे नजर उठा कर ऊपर देखा तो सब उसे ही देख रहे थे और राघव के ऊपर देखते ही सब हसने लगे और राघव अपने बड़ों को बोलता भी क्या यहां अगर शेखर होता तो उसे वो चुप करा देता लेकिन चाचा को क्या ही बोलता बस चुपचाप बैठा रहा

मीनाक्षी- राघव हम भी मिस कर रहे है नेहा को लेकिन उसके लिए ऐसे देवदास बनने की क्या जरूरत है कल आ जाएगी वो वैसे भी

चाची ने मुसकुराते हुए कहा

शेखर- अब भाई भी क्या करे मा रहा नहीं जाता न

शेखर ने चिढ़ाया और राघव ने बदले मे उसे घूर के देखा, आज डिनर टेबल का टॉपिक राघव ही था और सब उसे चिढ़ाने मे लगे थे लेकिन अपना देवदास कुछ नहीं कर पा रहा था

कुछ समय बाद राघव अपने रूम मे इधर उधर घूम रहा था और नेहा से बात करने के तरीके सोच रहा था

सोच सोच राघव कुछ सोच इतना बड़ा बिजनेसमैन कोई आइडिया नहीं सोच पा रहा बीवी से बात करने का.... हा ये सही रहेगा फाइल के बारे मे पूछने के लिए फोन लगता हु जेनुइन भी लगूँगा, यस!!! लेकिन नहीं मैं थोड़ी बात कर सकता हु अब क्या करू’

राघव सोच ही रहा था के तभी उसे रिद्धि वहा से जाते हुए दिखी तो उसने रिद्धि को आवाज दी

राघव- रिद्धि सुनो

राघव की आवाज सुन रिद्धि रूम मे आई

रिद्धि- हा भाई

राघव- ये मेरा फोन लो और तुम्हारी भाभी को कॉल लगाओ

राघव ने अपने फोन रिद्धि के हाथ मे पकड़ाया

रिद्धि- ये काम तो आप भी कर सकते हो

रिद्धि थोड़ी कन्फ्यूज़ थी के राघव उसे कॉल करने क्यू कह रहा था

राघव- नहीं कर सकता

रिद्धि- क्यू??

राघव- बस कर दो ना यार और सुनो उससे पूछना मेरी रेड फाइल कहा रखी है

रिद्धि राघव को शक भरी नजरों से देख रही थी लेकिन फिर भी उसने नेहा को कॉल लगा दिया इधर नेहा ने जब अपने फोन का रिंग सुना तब वो अपनी चाची की किचन मे मदद कर रही थी और जैसे ही उसने कॉलर आइडी पर राघव का नाम देखा उसके चेहरे पर स्माइल आ गई लेकिन साथ ही चैलेंज भी दिमाग मे आ गया नेहा ने अपने फोन उठाया और सचिन के रूम मे गई

नेहा- सचिन ये लो अपने जिजू से बात करो

सचिन- हैं! क्यू? आप ही कर लो ना बात

सचिन भी कन्फ्यूज़ था

नेहा- नहीं कर सकती तुम बस कहा वो करो

और सचिन ने नेहा के हाथ से फोन लेकर कान से लगाया और दूसरी तरफ रिद्धि थी

रिद्धि- हैलो!

सचिन- दी जिजू को कोई प्रॉब्लेम है क्या? उनका आवाज लड़की जैसा आ रहा है

सचिन ने धीमी आवाज मे नेहा से कहा और नेहा चौकी

नेहा- क्या? ‘लड़की का आवाज! ये किसी लड़की के साथ तो नहीं है ना इसीलिए इन्होंने चैलेंज के लिए हा कहा था’

नेहा- लाओ मुझे दो फोन

नेहा ने एक झटके के साथ सचिन के हाथ से फोन छीना

नेहा- व्हाट द हेल कौन हो तुम और मेरे हज़बन्ड का फोन तुम्हारे पास क्या कर रहा है?? और इन मिस्टर देशपांडे को तो मैं छोड़ूँगी नहीं

नेहा एकदम फोन पर चिल्लाने लगी वही दूसरी तरफ रिद्धि उसकी आवाज सुन सकते मे थी

रिद्धि- भाभी! भाभी रीलैक्स मैं हु रिद्धि आप क्या बोल रहे हो भाई किसी के साथ नहीं है वो तो घर पर है

नेहा- हैं?

अब नेहा सचिन को घूर के देखने लगी

नेहा- सॉरी रिद्धि वो मुझे लगा कोई और है वो मेरे भाई ने फोन उठाया था और वो तुम्हें नहीं जानता ना लेकिन इनका फोन तुम्हारे पास?

रिद्धि- वो पता नहीं क्यू लेकिन भाई आपसे बात नहीं कर रहा है और उनको उनकी कोई रेड फाइल चाहिए

नेहा- रेड फाइल?

नेहा के पहले तो कुछ समझ नहीं आया फिर उसे फोन के दूसरे साइड से खुसफुसाहट सुनाई दी राघव रिद्धि से फोन स्पीकर पर रखने कह रहा था और नेहा के चहरे पर मुस्कान आ गई

नेहा- मुझे कोई रेड फाइल नहीं पता बाय!

और नेहा ने अचानक फोन काट दिया और इधर फोन कटते ही राघव रिद्धि से बोला

राघव- फोन क्यू काटा

रिद्धि- मैंने नहीं भाभी ने कट किया है और आपको हुआ क्या है ऐसे देवदास क्यू बने हो आ जाएगी भाभी कल और बात करना है तो कर लो ना यार, क्या आप दोनों का झगड़ा हुआ है क्या??

रिद्धि के सवाल पर राघव ने ना मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- फिर क्या बात है

और अब राघव से रहा ना गया वो अपने बेड पर बैठा और उसने अपनी दुखभरी कहानी अपनी बहन को सुनाई पहले को रिद्धि को हसी आई लेकिन फिर अपने भाई की हालत उससे देखि भी नहीं जा रही थी

रिद्धि- आप लोग बच्चे हो क्या यार!! अच्छा अब मुह मत सड़ाओ एक आइडिया है मेरे पास

आइडिया का सुनते ही राघव ने रिद्धि को देखा

राघव- क्या है जल्दी बताओ

फिर रिद्धि ने राघव के कान मे आइडिया कहा

राघव- पागल है क्या, ऐसा करने पे सब मेरे बारे मे क्या सोचेंगे रिद्धि?

रिद्धि- ठीक है दूसरा आइडिया सुनो फिर

फिर रिद्धि वापिस उसके कान मे फुसफुसाई

राघव- ये तो उससे भी बुरा है ये नहीं होगा मुझसे

रिद्धि- क्या भाई हर आशिक अपने प्यार के लिए ये करता है फिर आप क्यू नहीं

राघव- कौन करता है ऐसा?

रिद्धि- मेरी किताबों का हीरो तो करता है

राघव- तुम नेहा के साथ कम रहा करो थोड़ा उसकी आदते आ रही है तुममे

रिद्धि- ऐसा कुछ नहीं है मैंने आइडिया बता दिया है लेना है लो वरना जाने दो

जिसके बाद रिद्धि वहा से चली गई और राघव अपना लैपटॉप लेकर बैठ गया ताकि काम के चक्कर मे नेहा के खयालों को दिमाग से निकाल सके लेकिन वो उसे बहुत ज्यादा मिस कर रहा था उसे अपना रूम खाली खाली सा लग रहा था, उसे एक तरह से नेहा की आदत हो चुकी थी उसे अपनी नजरों के सामने देखने की और यही आदत अब उसके लिए मुसीबत बनी हुई थी

दूसरी तरफ नेहा अपने परिवार के साथ समय बिताकर अपने रूम मे आ गई थी लेकिन उसके दिमाग मे भी बस राघव ही छाया हुआ था उसने बेड पर लेटे लेटे सोने की कोशिश की लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी

नेहा ने अपना फोन उठा कर राघव का नंबर भी डाइल किया लेकिन कॉल नहीं लगाया, नेहा भी राघव को बहुत ज्यादा मिस कर रही थी राघव को जैसे नेहा की आदत हो चुकी थी वैसा ही हाल नेहा का भी था, नेहा अपने बेड पर लेटी सोने की कोशिश करने लगी उसने अभी करवट ली ही थी के उसके कुछ आवाज आया नेहा अचानक से उठी, उसने इधर उधर देखा लेकिन कुछ नहीं था वो वापिस लेटने ही वाली थी के वापिस से आवाज आई जिसने उसे इस बार थोड़ा डरा दिया

ऊपर के फ्लोर पे बस नेहा का अकेली का रूम था बाकी सबके कमरे नीचे थे माने अभी वहा उस फ्लोर पर नेहा के अलावा और कोई नहीं था

नेहा- क.... कौन है??

नेहा ने डरते डरते पूछा और रूम मे रखी सचिन की क्रिकेट बैट उठा ली

नेहा- कौन है? देखो जो भी है सामने आ जाओ वरना इस बैट से बहुत मारूँगी

तभी वहा उसे एक बिल्ली के होने का एहसास हुआ कमरे के लाइट डीम थे और बाहर से चलती हवा माहोल को थोड़ा डरावना बना रही थी हवा के चलते एक फ्लावर पॉट नीचे गिरा था नेहा ने उसे उठा कर उसकी जगह पर रखा

और जैसे ही वो पलटी उसकी नजरे किसी पर पड़ी उसकी आंखे बड़ी हो गई मुह खुल गया और वो जोर से चीखी.......


क्रमश:
Bahut hi badhiya update diya hai Adirshi bhai....
Nice and beautiful update.....
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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259
Update 53




राघव नेहा को उसके मायके छोड़ अपने ऑफिस आ गया था लेकिन उसका ऑफिस मे किसी भी काम मे मन नहीं लग रहा था राघव ने नेहा को चैलेंज तो कर दिया था लेकिन कही ना कही वो खुद भी जानता था के वो इस चैलेंज को पूरा नहीं कर पाएगा पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे जो सकारात्मक थे और अब कही ना कही राघव को नेहा की आदत सी होने लगी थी और नेहा से दूर रहना उसके लिए मुश्किल होने वाला था वही नेहा राघव की इस सिचूऐशन का खूब मजा ले रही थी लेकिन मन ही मन वो राघव को खूब मिस भी कर रही थी।

देखते देखते दोपहर का समय हो चुका था और राघव और नेहा दोनों ने ही एकदूसरे से किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं किया था

‘ये काम मे बिजी होंगे, लेकिन इतना भी क्या काम के मैं भी याद नहीं इनको! ऐसा लगता है मैं ही पागल हु जो इन्हे मिस किए जा रही हु, ये मेरा चैलेंज ही मेरी जान लेने वाला है’

नेहा राघव को याद करते हुए अपने फोन को देख सोच रही थी तभी एक आवाज आया

“दीदी!!!!!”

ये आवाज सुन नेहा ने आवज ही ओर देखा तो उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई उसका भाई सचिन घर आ गया था

नेहा- अरे तू आ गया

नेहा ने सचिन को गले लगाया

सचिन- मैंने आपको बहुत मिस किया है, कैसे हो आप? सब सही है ना एकदम? जिजू खयाल रखते है ना आपका?? कोई प्रॉब्लेम नहीं है ना?? कोई कुछ बोलता तो नहीं ना??

सचिन ने एकदम से नेहा पर सवालों की झड़ी लगा दी थी और उसे चुप कराने के लिए नेहा को उसके मुह पर हाथ रखना पड़ा

नेहा- अरे चुप चुप!! बाबारे इतने सवाल!! सब ठीक है मैं ठीक हु और कुछ टेंशन नहीं है

नेहा ने एक लाइन मे सचिन के सारे सवालों का जवाब दे डाला जिसके बाद दोनों भाई बहन की बाते शुरू हो गई पुराने दिन याद आने लगे वही दूसरी तरफ ऑफिस मे.....
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“सर मेरे हिसाब से यही सबसे बढ़िया ऑप्शन रहेगा" नेहा ने राघव ने कहा वही राघव बस उसकी खूबसूरती मे खोया हुआ था उसका ध्यान भी नहीं था नेहा की बातों पर वो बस नेहा को देखे जा रहा था उसकी स्माइल, उसकी आंखे, उसके हवा के साथ लहराते बाल उसे सब कुछ अच्छा लगने लगा था

राघव अपनी जगह से खड़ा हुआ और नेहा के करीब गया और उसका हाथ पकड़ा नेहा की आंखे बड़ी हो गई थी और वो इधर उधर देखने लगी

“सर.... सर क्या... क्या कर रहे है?” उसने नर्वस होते हुए कहा

राघव- सर?? तुम मुझे सर क्यू कह रही हो चिक्की? नाम से बुलाओ ना अच्छा लगता है अपना नाम तुम्हारे मुह से सुन कर

राघव ने नेहा को कमर से थामे अपनी ओर खिचा नेहा की आंखे बाहर आने लगी वो राघव की बाहों मे छटपटाने लगी

राघव- क्या हुआ?? ऐसे छटपटा क्यू रही हो जैसे पहली बार हो

“पहली बार ही है”

राघव- क्या????

“सर!!!!!!!” उसने राघव को हिलाया तब राघव अपने होश मे आया और जैसे ही राघव ने उस बंदे को देखा उसे छोड़ पीछे हट गया

राघव- रवि!!! तुम कब आए ??

वो राघव का असिस्टेंट रवि था जिसे राघव नेहा समझ रहा था उसे हर जगह नेहा ही दिख रही थी

रवि- मैं तो कबसे यही हु सर आप भी प्लीज मैडम के सपने देखना बंद कीजिए वरना लोग हमारे बारे मे गलत समझेंगे

रवि ने कहा जिसने राघव को थोड़ा शर्मिंदा कर दिया

रवि- सर मैं जाऊ??

राघव- हम्म

जिसके बाद रवि जितनी जल्दी हो सके वहा से निकल गया और राघव अपने बाल खिचते हुए अपनी खुर्ची पर जाकर बैठा

‘तू क्या पागल हो गया है क्या राघव? ये क्या हो गया था अभी अभी पता नहीं रवि क्या सोच रहा होगा! हट्ट यार!!’ राघव अपने आप पर चिढ़ा हुआ था

‘ये सब नेहा की गलती है जानबुझ के चैलेंज दिया है उसने और मैंने भी जोश जोश मे हा बोल दिया अब क्या करू?? ये दो दिन दो साल जैसे लग रहे है’

राघव अपने आप से ही बड़बड़ाए जा रहा था

कॉल कर लू क्या?? नहीं नहीं नहीं!! हारना नहीं है जब चैलेंज लिया है तो पूरा करूंगा ही लेकिन यार उससे बात करने का भी बहुत मन है’

‘ये तुमने मुझे क्या कर दिया है चिक्की जो तुम्हारी एक झलक के लिए मरा जा रहा हु मैं! मैं पहले कभी इतना इम्पैशन्स नहीं रहा जितना आज हो गया हु । मैं क्यू तुमसे एक दिन भी दूर नहीं रह पा रहा हु??’


राघव नेहा को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था

देखते देखते रात का समय हो गया था

सतीश- चलो बढ़िया है तुम दोनों के बीच अब सब सही चल रहा है

चाचा ने डिनर करते हुए नेहा से कहा

संगीता- हा फिर मेरी बेटी है ही ऐसी जो सब सही कर देती है

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है चाची

सचिन- बाकी दी जिजू भी आपको मिस कर रहे होंगे नहीं

सचिन ने कहा और इसी के साथ ही नेहा का दिमाग सुबह वाले चैलेंज पर शिफ्ट हो गया दूसरी तरफ देशपांडे वाडे मे

श्वेता- भईया!!! भईया!!!!

राघव- हूह??

श्वेता ने राघव को हिलाया तब राघव अपने खयालों से बाहर आया वही डिनर टेबल पर सब लोग उसे कन्फ्यूज़ होकर देख रहे थे सब अपना खाना खा रहे थे लेकिन राघव तो किसी और ही दुनिया मे था

श्वेता- आपका खाना... ठंडा हो रहा है...

श्वेता ने राघव की प्लेट की ओर इशारा किया और उसने भी गर्दन हिला कर खाना शुरू किया

शिवशंकर- आज नेहा नहीं है तो सब कितना अलग अलग लग रहा है ना

दादू ने जानबुझ कर धीमी आवाज मे कहा जिसपर राघव भी अनजाने मे अपने खाने से खेलते हुए जवाब दे बैठा

राघव- हा ना

धनंजय- मिस कर रहे हो उसे?

अब धनंजय जी भी राघव के मजे लेने के मूड मे आ गया थे और अपनी हसी दबा रहे थे

राघव- बहुत।

जानकी- तो बात कर लो उससे

राघव- वही तो नहीं कर सकता न..

रमाकांत- क्यू??

राघव- वो....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी उसके दिमाग ने उसे इशारा कर दिया था के वो क्या बोलने जा रहा था उसे नजर उठा कर ऊपर देखा तो सब उसे ही देख रहे थे और राघव के ऊपर देखते ही सब हसने लगे और राघव अपने बड़ों को बोलता भी क्या यहां अगर शेखर होता तो उसे वो चुप करा देता लेकिन चाचा को क्या ही बोलता बस चुपचाप बैठा रहा

मीनाक्षी- राघव हम भी मिस कर रहे है नेहा को लेकिन उसके लिए ऐसे देवदास बनने की क्या जरूरत है कल आ जाएगी वो वैसे भी

चाची ने मुसकुराते हुए कहा

शेखर- अब भाई भी क्या करे मा रहा नहीं जाता न

शेखर ने चिढ़ाया और राघव ने बदले मे उसे घूर के देखा, आज डिनर टेबल का टॉपिक राघव ही था और सब उसे चिढ़ाने मे लगे थे लेकिन अपना देवदास कुछ नहीं कर पा रहा था

कुछ समय बाद राघव अपने रूम मे इधर उधर घूम रहा था और नेहा से बात करने के तरीके सोच रहा था

सोच सोच राघव कुछ सोच इतना बड़ा बिजनेसमैन कोई आइडिया नहीं सोच पा रहा बीवी से बात करने का.... हा ये सही रहेगा फाइल के बारे मे पूछने के लिए फोन लगता हु जेनुइन भी लगूँगा, यस!!! लेकिन नहीं मैं थोड़ी बात कर सकता हु अब क्या करू’

राघव सोच ही रहा था के तभी उसे रिद्धि वहा से जाते हुए दिखी तो उसने रिद्धि को आवाज दी

राघव- रिद्धि सुनो

राघव की आवाज सुन रिद्धि रूम मे आई

रिद्धि- हा भाई

राघव- ये मेरा फोन लो और तुम्हारी भाभी को कॉल लगाओ

राघव ने अपने फोन रिद्धि के हाथ मे पकड़ाया

रिद्धि- ये काम तो आप भी कर सकते हो

रिद्धि थोड़ी कन्फ्यूज़ थी के राघव उसे कॉल करने क्यू कह रहा था

राघव- नहीं कर सकता

रिद्धि- क्यू??

राघव- बस कर दो ना यार और सुनो उससे पूछना मेरी रेड फाइल कहा रखी है

रिद्धि राघव को शक भरी नजरों से देख रही थी लेकिन फिर भी उसने नेहा को कॉल लगा दिया इधर नेहा ने जब अपने फोन का रिंग सुना तब वो अपनी चाची की किचन मे मदद कर रही थी और जैसे ही उसने कॉलर आइडी पर राघव का नाम देखा उसके चेहरे पर स्माइल आ गई लेकिन साथ ही चैलेंज भी दिमाग मे आ गया नेहा ने अपने फोन उठाया और सचिन के रूम मे गई

नेहा- सचिन ये लो अपने जिजू से बात करो

सचिन- हैं! क्यू? आप ही कर लो ना बात

सचिन भी कन्फ्यूज़ था

नेहा- नहीं कर सकती तुम बस कहा वो करो

और सचिन ने नेहा के हाथ से फोन लेकर कान से लगाया और दूसरी तरफ रिद्धि थी

रिद्धि- हैलो!

सचिन- दी जिजू को कोई प्रॉब्लेम है क्या? उनका आवाज लड़की जैसा आ रहा है

सचिन ने धीमी आवाज मे नेहा से कहा और नेहा चौकी

नेहा- क्या? ‘लड़की का आवाज! ये किसी लड़की के साथ तो नहीं है ना इसीलिए इन्होंने चैलेंज के लिए हा कहा था’

नेहा- लाओ मुझे दो फोन

नेहा ने एक झटके के साथ सचिन के हाथ से फोन छीना

नेहा- व्हाट द हेल कौन हो तुम और मेरे हज़बन्ड का फोन तुम्हारे पास क्या कर रहा है?? और इन मिस्टर देशपांडे को तो मैं छोड़ूँगी नहीं

नेहा एकदम फोन पर चिल्लाने लगी वही दूसरी तरफ रिद्धि उसकी आवाज सुन सकते मे थी

रिद्धि- भाभी! भाभी रीलैक्स मैं हु रिद्धि आप क्या बोल रहे हो भाई किसी के साथ नहीं है वो तो घर पर है

नेहा- हैं?

अब नेहा सचिन को घूर के देखने लगी

नेहा- सॉरी रिद्धि वो मुझे लगा कोई और है वो मेरे भाई ने फोन उठाया था और वो तुम्हें नहीं जानता ना लेकिन इनका फोन तुम्हारे पास?

रिद्धि- वो पता नहीं क्यू लेकिन भाई आपसे बात नहीं कर रहा है और उनको उनकी कोई रेड फाइल चाहिए

नेहा- रेड फाइल?

नेहा के पहले तो कुछ समझ नहीं आया फिर उसे फोन के दूसरे साइड से खुसफुसाहट सुनाई दी राघव रिद्धि से फोन स्पीकर पर रखने कह रहा था और नेहा के चहरे पर मुस्कान आ गई

नेहा- मुझे कोई रेड फाइल नहीं पता बाय!

और नेहा ने अचानक फोन काट दिया और इधर फोन कटते ही राघव रिद्धि से बोला

राघव- फोन क्यू काटा

रिद्धि- मैंने नहीं भाभी ने कट किया है और आपको हुआ क्या है ऐसे देवदास क्यू बने हो आ जाएगी भाभी कल और बात करना है तो कर लो ना यार, क्या आप दोनों का झगड़ा हुआ है क्या??

रिद्धि के सवाल पर राघव ने ना मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- फिर क्या बात है

और अब राघव से रहा ना गया वो अपने बेड पर बैठा और उसने अपनी दुखभरी कहानी अपनी बहन को सुनाई पहले को रिद्धि को हसी आई लेकिन फिर अपने भाई की हालत उससे देखि भी नहीं जा रही थी

रिद्धि- आप लोग बच्चे हो क्या यार!! अच्छा अब मुह मत सड़ाओ एक आइडिया है मेरे पास

आइडिया का सुनते ही राघव ने रिद्धि को देखा

राघव- क्या है जल्दी बताओ

फिर रिद्धि ने राघव के कान मे आइडिया कहा

राघव- पागल है क्या, ऐसा करने पे सब मेरे बारे मे क्या सोचेंगे रिद्धि?

रिद्धि- ठीक है दूसरा आइडिया सुनो फिर

फिर रिद्धि वापिस उसके कान मे फुसफुसाई

राघव- ये तो उससे भी बुरा है ये नहीं होगा मुझसे

रिद्धि- क्या भाई हर आशिक अपने प्यार के लिए ये करता है फिर आप क्यू नहीं

राघव- कौन करता है ऐसा?

रिद्धि- मेरी किताबों का हीरो तो करता है

राघव- तुम नेहा के साथ कम रहा करो थोड़ा उसकी आदते आ रही है तुममे

रिद्धि- ऐसा कुछ नहीं है मैंने आइडिया बता दिया है लेना है लो वरना जाने दो

जिसके बाद रिद्धि वहा से चली गई और राघव अपना लैपटॉप लेकर बैठ गया ताकि काम के चक्कर मे नेहा के खयालों को दिमाग से निकाल सके लेकिन वो उसे बहुत ज्यादा मिस कर रहा था उसे अपना रूम खाली खाली सा लग रहा था, उसे एक तरह से नेहा की आदत हो चुकी थी उसे अपनी नजरों के सामने देखने की और यही आदत अब उसके लिए मुसीबत बनी हुई थी

दूसरी तरफ नेहा अपने परिवार के साथ समय बिताकर अपने रूम मे आ गई थी लेकिन उसके दिमाग मे भी बस राघव ही छाया हुआ था उसने बेड पर लेटे लेटे सोने की कोशिश की लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी

नेहा ने अपना फोन उठा कर राघव का नंबर भी डाइल किया लेकिन कॉल नहीं लगाया, नेहा भी राघव को बहुत ज्यादा मिस कर रही थी राघव को जैसे नेहा की आदत हो चुकी थी वैसा ही हाल नेहा का भी था, नेहा अपने बेड पर लेटी सोने की कोशिश करने लगी उसने अभी करवट ली ही थी के उसके कुछ आवाज आया नेहा अचानक से उठी, उसने इधर उधर देखा लेकिन कुछ नहीं था वो वापिस लेटने ही वाली थी के वापिस से आवाज आई जिसने उसे इस बार थोड़ा डरा दिया

ऊपर के फ्लोर पे बस नेहा का अकेली का रूम था बाकी सबके कमरे नीचे थे माने अभी वहा उस फ्लोर पर नेहा के अलावा और कोई नहीं था

नेहा- क.... कौन है??

नेहा ने डरते डरते पूछा और रूम मे रखी सचिन की क्रिकेट बैट उठा ली

नेहा- कौन है? देखो जो भी है सामने आ जाओ वरना इस बैट से बहुत मारूँगी

तभी वहा उसे एक बिल्ली के होने का एहसास हुआ कमरे के लाइट डीम थे और बाहर से चलती हवा माहोल को थोड़ा डरावना बना रही थी हवा के चलते एक फ्लावर पॉट नीचे गिरा था नेहा ने उसे उठा कर उसकी जगह पर रखा

और जैसे ही वो पलटी उसकी नजरे किसी पर पड़ी उसकी आंखे बड़ी हो गई मुह खुल गया और वो जोर से चीखी.......


क्रमश:
तो ऋद्धि का आइडिया आखिर भाईसाब ने अपना लिया 🤣🤣
 

Qaatil

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