जोरू का गुलाम भाग २५६ पृष्ठ १६०७
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देह के अंग अंग से रस टपकता है...Review on Update 226 - Game Time
The "rules" of the game were very sexy indeed..the "description of blowjob" (डंडा जब गुड्डी के बिल में होता तो रसगुल्ले मेरे मुंह में) was one of the best with the accompanying pic to illustrate the words...truly super!!
Equally "hot" was the description of backdoor entry of Kishori.
The "detailed" description of anal sex was a masterclass in itself...almost a step -by-step guide of how to enjoy the same..accompanied by pure shuddh desi bawdi language...the combo is absolutely awesome!!
Where in some updates, your erotic description of things happening (teasing, sexy dialogs, etc without actual sex) are a class apart...when it comes to updates on actual sex, your updates are a couple of notches higher...
Each part of the update...be it oral or anal...wow!!
And finally, the "tit fuck"....very few can write an entire (part of) update in such a sexy way...accompanied by equally sexy pics.
Outstanding Update Madam...No doubt..this is one of your most popular stories (along with Phagun). These 2 updates illustrates that point
komaalrani
वाह री कोमलिया ये तू खुद अपने जीजू से गांड मरवा रही थी या गुड्डी छिनार नांदिया को मरवाने के सारे गुन सीखा रही थी. माझा आ गया. जब कोमलिया रुक कर गोल गोल घूमी तो गुड्डी छिनार भी बिलकुल वैसे ही अपना पिछवादा कोमल के मरद अपने भैया के खुटे पर गोल गोल घूमने लगी.गुड्डी और उसके भैया -गोल छेद के रसिया
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पांच छ मिनट इसी तरह से ,... गपागप , गपागप , सटासट , सटासट ,...
गुड्डी मुझे देख के सीख भी रही थी,...कैसे मैंने दोनों हाथों से जोर लगा के कभी पुश करके ऊपर उठती तो कभी उन्ही हाथों से कस के पकड़ के अजय जीजू के बांस पर बैठती, तो गुड्डी भी उसी तरह अपने भैया के खूंटे पे
गुड्डी को दिखा के कभी मैं ऊपर नीचे करना रोक देती और बस गोल गोल अपनी पतली कटीली कमरिया घुमाती, और पिछवाड़े की प्रेम गली में जीजू का बांस वो रगड़ खाता की मैं भी झूम उठती और जीजू भी
गुड्डी भी उसी तरह गोल गोल कमर घुमा के,
पीटी और योग दोनों में अपने स्कूल में फर्स्ट आती थी
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और कमर तो उसकी मुट्ठी में आ जाती थी, इसलिए ३२ के जोबन भी उसके ३६ से ज्यादा आग लगाते थे,
मैं अजय जीजू को गरियाती थी, चिढ़ाती थी, उकसाती थी,
" अरे इतना जोर का धक्का मार रहे हो कहीं अपनी महतारी क चौड़ा चूतड़ याद आ रहा है की ताल पोखरा अस भोंसड़ा। पेलो कस के मायके में बचपन में बहुत बहिन महतारी चोदे होंगे, सब भूल जाओगे, देखे क्या सिखाया है रीनू की सास ने "
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और अजय कस के नीचे से पेलते, ठेलते बोलता,
" स्साली तेरा भोंसड़ा कर के जाऊँगा, मेरी महतारी का तो बच्चो को जन के भोंसड़ा हुआ तेरा अभी दो दिन में अगवाड़ा पिछवाड़ा उनके भोंसडे से चाकर "
और ये कह के सच्च में इतना कस के धक्का मारता की मेरे आँखों में आंसू तैर जाते,
और गुड्डी भी अपने भैया की गोद में बैठी, खूंटा अंदर पिछवाड़े घोंटे, उन्हें बोलती,
" भैया ओह्ह, बहुत मजा आ रहा है, स्साले अब तक क्यों नहीं किया इधर, मैं दर्जा नौ में आयी तब से तेरे लिए चियार के बैठी थी, रोज विट लगा के चिकना रखती थी, "
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" उह मेरी प्यारी दुलारी बहिनिया, मैं भी तेरे कच्चे टिकोरे देख के ललचाता था, लेकिन चल अब सब सूद ब्याज समेत, और ये पिछवाड़ा तो अब रोज कम से कम दो बार और वो पांच दिन वाली छुट्टी में तो तीन बार, चार बार, चोद चोद के, पेल पेल के तेरा, ..."
उसकी बस छोटी छोटी अमिया दबाते, मसलते गुड्डी के भैया ने अपना प्रोग्राम बता दिया और जैसे किसी ने मेरे कान में शहद डाल दिया हो, यही तो मैं सुनना चाहती थी, खुल के सब के सामने।
लेकिन गुड्डी सच में मेरी नन्द थी, एकदम असली वाली। इत्ती आसानी से इन्हे नहीं छोड़ने वाली थी, जोर जोर से अपने भैया के खूंटे पे उछलते बोली,
" पेल पेल के क्या, पेल पेल के मेरी गांड़ का क्या, बोल न, मेरी बुआ का ( गुड्डी की बुआ मतलब इनकी महतारी )"
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" तेरी बूआ का भोंसड़ा "
बोल के उन्होंने जो करारा धक्का मारा इनका मोटा लंड इनकी बहिनिया की गुड्डी की गांड़ में जड़ तक,
" उईईई " गुड्डी जोर से चीखी, फिर बोली,
“ मैं समझ गयी, भौजी पक्का तुझे मादरचोद बना के छोड़ेंगी, और वो भी मेरे सामने "
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उस के बाद तो गोद में उठा उठा के वो उन्होंने पेला, धकेला, गुड्डी कभी चीखती, कभी सिसकती।
रीनू ने झुक कर अपने जीजू के कान में कुछ कहा , ... वो मुस्कराये , एकदम स्साली के चमचे , मेरी निगाह नहीं पड़ी , लेकिन जब रीनू ने अपनी ननदिया को छेड़ा तो मैंने भी देखा ,
उसके भइया ने कब का धक्के मारना बंद कर दिया था और गुड्डी खुद अपनी गांड में घुसे भैय्या के लंड पर , ऊपर नीचे सटासट , सटासट ,
जैसे कोई नटिनी की बेटी बांस पर ऊपर नीचे , ऊपर नीचे , मजे से , बिना डर के चढ़ उतर रही हो ,
" बहुत मजा आ रहा है न भइया से गांड मरवाने में छिनार रंडी रानी , अरे और तेज धक्के मार , ले ले घोंट ,... "
रीनू के चिढ़ाने पर शरमाकर एक पल के लिए वो रुक गयी
पर उसके भैय्या के दोनों हाथ अब गुड्डी रानी के कच्चे टिकोरों को रगड़ मसल रहे थे , कभी सर झुका के कुतर भी लेते , वो गुड्डी के गाल चूमते बोले ,
" रुक क्यों गयी , कर न बहुत अच्छा लग रहा है , ऐसे ही करती रह न ,."
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बस गुड्डी एक बार फिर से चालू हो गयी , और थोड़ी देर में वो भी , नीचे से धक्के पर ,
" अरे जीजू , इस कुतिया की गांड जब तक कुतिया बना के नहीं मारोगे इस कुतिया को मजा नहीं आएगा , स्साली कातिक की कुतिया से भी ज्यादा गर्मायी है , ... "
इनकी साली ने चढ़ाया
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और अगले पल गुड्डी रानी कुतिया बनी निहुरी ,और ये खचखच गांड मार रहे थे ,
अजय ने भी मुझे , ... दोनों साथ ,...
इनकी गांड चुदाई इतनी जबरदस्त थी गुड्डी रानी दो बार सिरफ गांड मरवाने में झड़ गयी।
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कमल जीजू उन्हें उकसा भी रहे थे , कसी कच्ची गांड मारने के लिए टिप्स भी दे रहे थे।
अजय और ये साथ साथ झड़े ,अजय मेरे पिछवाड़े और ये अपनी ममेरी बहन के ,...\
हम दोनों के पिछवाड़े में मलाई भरी थी।
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गुड्डी अब सीख चुकी थी , पिछवाड़े से निकलने के बाद खूंटा कहाँ जाता है , खुद उसने अपने भइया का अपनी गांड से निकले लथपथ , सीधे अपने मुंह में
कमल जीजू ने मुझे जबरदस्त आँख मारी,
और मैं सुबह की बात की याद कर के मुस्करायी ,
मैं रीनू और कमल जीजू साथ बैठे थे ,आज सुबह ही
रीनू बोली , देखो जाने से पहले मैं तेरी इस ननद को गांड मरवाने में पक्की बना दूंगी , खुद ही गांड फैला कर लंड पर बैठेगी।
कमल जीजू बोले , और मैं तेरे वाले को , सिर्फ लौंडियों की ही नहीं , कच्ची उमर के लौंडो की भी नेकर सरका के , निहुरा के ,... सच्ची अगर तुझे एतराज न हो तो
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी। जोर से कमल जीजू की चुम्मी ली , पहले होंठों पर फिर शार्ट के ऊपर से खूंटे पर ,
" अरे जीजू , आपके मुंह में घी शक्कर , नेकी और पूछ पूछ ,... "
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खिलखिलाते हुए मैं बोली , फिर जोड़ा ,
" जीजू अगर आपने ये कर दिया न तो बस ,... " और उन्हें समझाया , देखिये कांस्टीट्यूशन में लिखा है जेंडर डिस्क्रिमेंशन नहीं होना चाहिए , अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया , ३७७ का भी डर नहीं , फिर जब मैं अपनी ननद और ननद के भाई दोनों से मजा ले सकती हूँ , तो ये क्यों नहीं ,..."
रीनू ने कमल जीजू को और चढ़ाया,
" देखिये और आप मेरा मरद तो,...बस यही बेचारा बचा हुआ है। अब आप के लिए चैलेंजे है, हम दोनों की ओर से पक्की वाली हाँ, और अगर आप ने नहीं किया न, तो आप दुनिया के पहले जीजू होंगे जो दो दो सालियों के कहने पे भी,... "
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और सच में कमल जीजू की संगत में उनपर भी पूरा असर आ रहा था ,...
आज खाना बनाने की जिम्मेदारी उन्ही की थी , साथ में उनकी साली और बहन , किचेन में
और मैं अपने दोनों जीजू के साथ , फुल टाइम मस्ती ,... अजय , कमल मैं
कमल जीजू ने बोला ही था , जाने से पहले तेरी गाँड़ कम से कम दर्जन भर मार के जाऊंगा।
जब मेरी और गुड्डी की गांड की कुटाई चल रही थी, अजय जीजू मेरे पिछवाड़े और मेरा मरद अपनी बहन की गांड फाड़ फाड़ के चौड़ा करने में, (सच में रीनू ने मेरे मरद, अपने जीजू को गोल छेद का आशिक बना दिया था), कमल जीजू मेरे पिछवाड़े ललचायी निगाह से बार बार देख रहे थे तो मैं आँखों ही आँखों में उनसे कह रही थी,
" मिलेगी मिलेगी, तुझे भी इतना लिबराओ मत। तेरी छोटी साली हूँ, साली वो जो देते देते न थके भले जीजा लेते लेते थक जाय "

वाह माझा आ गया कोमलजी. वहा वो अपनी साली और बहन के साथ तो कोमलिया अपने दोनों जीजू के साथ लिविंग रूम मे. किचन से लिविंग रूम और लिविंग रूम से किचन साफ देखा जा सकता है. मतलब एक दूसरे के खेल को अच्छे से देख सकते है.. जीजू और साली
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तो जैसे गुड्डी, रीनू और ये किचेन में गए मैं और मेरे दोनों जीजू, लिविंग रूम में, वहां से किचेन के अंदर क्या हो रहा है, कुछ कुछ दिखता भी था और आवाज भी सुनाई पड़ती थी और किचन से भी लिविंग रूम का हालचाल पता चलता रहता था।
" हे तुम दोनों बदमाशों अभी कुछ नहीं करोगे, जो करुँगी मैं करुँगी " मैंने आँख नचाते हुए कमल और अजय जीजू को बोल दिया।
" मंजूर " दोनों एक साथ शैतान बच्चों की तरह चिल्लाये।
" लेकिन, "
एक नदीदे बच्चे की तरह ललचाते कमल जीजू बोले और उनकी निगाह, और मैं बदमाशी का मौका क्यों छोड़ती, पीछे मुड़ी अपने दोनों नितम्बों को उन्हें दिखा के मटकाया, और अपने हाथ से ही दोनों चूतड़ फैला के, आँख मार के बोली
" मिलेगा मुन्ना, मिलेगा, जितनी बार, और जैसे मेरा मुन्ना चाहेगा वैसे ही मिलेगा "
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और मैं घुटने के बल बैठ गयी और एक एक कर के दोनों की जींस खोल दी और फिर अंडरवियर, और दोनों मुस्टंडो के मुस्टंडे निकल कर बाहर,
लम्बाई में तो अजय जीजू का बांस शायद २० हो पर मोटाई में तो, कमल जीजू ,…
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कमजोर दिल वाली लड़की देख के दहस जाय, फनफनाने के बाद तो मुट्ठी में नहीं पकड़ में आता था और ऊपर से सुपाड़ा और गोल छतरी की तरह, लंड से भी चौड़ा लगता था, हरदम खुला, हरदम मस्ताया, और शौक,… सबसे ज्यादा पिछवाड़े की नन्ही मुन्नी छोटी छोटी गोल सुरंग में घुसने का,
एक हाथ से मैंने अजय के लंड को मुठियाना शुरू किया और जीभ निकाल के सीधे कमल जीजू के सुपाड़े पे फिरा रही थी, फिर जीभ की टिप सीधे पेशाब के छेद में, मुझे पता चल गया था की ये कमल जीजू का सबसे कमजोर प्वाइंट है वहां सुरसुरी करने से सीधे उनके मूसल चंद बौरा जाते हैं,
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और जब तक लंड बौराये नहीं तब तक उससे गांड मरवाने का क्या मजा।
मैंने खूब बड़ा सा मुंह फैलाया, जैसे एक बार में लड्डू गप्प करना हो और होंठों के सहारे कमल जीजू के सुपाड़े पे जोर बढ़ाया, स्साला बहुत मोटा, कितनी बार तो घोंट चुकी थी, और हर छेद में , लेकिन अभी भी लगता था स्साला मोटू फाड़ के रख देगा।
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चूत तो चलिए फ़ैल जाती है, इत्ते मोटे मोटे बच्चे निकाल देती है, खुद गीली भी हो जाती है, लेकिन मेरे कमल जीजू के जो पंसदीदा छेद थे वो न फैलते थे अपने आप न जल्दी रास्ता देते थे, पर मैं सबसे छोटी साली तो, वो साली कौन जो जीजू के पंसद का ख्याल न रखे,
और धीरे धीरे करते मैंने कमल जीजू का सुपाड़ा आधे से ज्यादा घोंट लिया,
अपने सर का पूरा जोर लगा के, मेरी जीभ नीचे से मोटे मांसल सुपाड़े को चाट रही थी, होंठ कस कस के चूस रहे थे और एक हाथ से मैं कमल जीजू का लंड अपने मुंह के अंदर ठेल रही थी, और दूसरी ओर अपने सर का पूरा जोर लगा रही थी, लेकिन तब भी बड़ी मुश्किल से आधा, और साथ में मेरी बदमाश आँखे जीजू की आँखों में देख रही थीं, उन्हें चिढ़ा रही थीं, उकसा रही थीं,
और फिर वही हुआ जो मैं जानती थी होगा और उससे बढ़कर, चाहती थी, हो।
कमल जीजू ने कस के अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ के अपने मोटे लंड पे खींचा और जोर का कमर का धक्का मारा, स्साली से ज्यादा कौन जानता है जीजू की कमर की ताकत, मैं गों गों करती रही, कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा अदंर घुसता गया और मारे जोश के कमल जीजू गाली भी दे रहे थे,
" स्साली घोंट पूरा, पेल पेल के तेरा मुंह और गांड तेरी महतारी के भोसड़े से भी चौड़ी कर दूंगा, खोल और मुंह, ले जड़ तक "
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मैं जवाब दे पाती तो जरूर देती उनकी मौसिया सास का भोंसड़ा नहीं अभी भी कसी कसी बुर है, आखिर सिर्फ मैं ही तो निकली थी वहां से बल्कि वो भी सिजेरियन, न हो तो जिसने डुबकी मारी है उस कुंवे में, अपने छोटे साढ़ू, मेरे मरद से पूछ लें। और चौड़ा करना हो तो करें न मैं कौन मना कर रही हूँ,
लेकिन मुंह में तो कमल जीजू का मोटा बांस भरा था। गाल फूला हुआ आँखे बाहर निकली हुयी, साँस लग रहा था अब रुकी तब रुकी,
लेकिन कमल जीजू नहीं रुके और इसी लिए तो उनके साथ एक अलग सा मजा आता था जो वो डॉमिनेट करते थे, जबरदस्ती करते थे, गाली देते थे और, …
ऐसा नहीं था मैं अपनी ओर से कोशिश नहीं कर रही थी। मैं भी उनके लंड को कस के पकड़ के अपने मुंह में ठेल रही थी, मुंह में लार निकाल के उसे गीली कर रही थी और जो चोकिंग की फीलिंग आती है उसे तो मैं कब का कंट्रोल कर चुकी थी। धीरे धीरे वो हलक तक पहुँच गया। एकदम जड़ तक मैंने घोंट लिया लेकिन बिना कमल जीजू की जबरदस्ती के वो होता नहीं।
" चूस स्साली चूस, कस कस के चूस, बहुत चूतडा मटका मटका के चलती है न आज तेरी ऐसी गाँड़ मारूंगा की हफ्ते भर बैठ नहीं पाएगी, उन चूतड़ों पे, "
कस कस के मेरे बाल पकड़ के मेरे मुंह में और कस के पेलते वो बोले, और कमल जीजू मुंह में लंड चुसवाते नहीं थे, हचक के मुंह चोदते थे, और वैसे जैसे किसी आधे दर्जन बच्चे निकाल चुकी खूब खेली खायी औरत का भोंसड़ा चोद रहे हों।
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लेकिन मैं भी तो उन्ही की साली थी, वो भी सबसे छोटी,
तो मेरे ऊपर भी उनका असर आ गया था, तो जब वो खूंटा बाहर निकलते, सिर्फ सुपाड़ा मुंह में फंसा के रखते तो मैं उनका चूतड़ पकड़ के अपनी पूरी ताकत से अपना सर पुश करती तो पूरा नहीं तो आधा फिर से अंदर और बाकी के लिए कमल जीजू के धक्के, जैसे चुदाई के समय कोई गर्मायी सुहागिन चूतड़ उठा उठा के अपने मरद के धक्के का जवाब धक्के से दे,
लेकिन पांच छह मिनट में मेरे गाल थकने लगे और मैं और कमल जीजू दोनों जानते थे की असली खेल तो दूसरे छेद का है गोल दरवाजे का,
फिर एक लड़का ललचायी निगाह से मुझे मस्ती से लॉलीपॉप चूसते देख रहा था, अजय जीजू,
तो फिर मैंने कमल जीजू का औजार निकाल लिया, गालों को थोड़ा आराम दिया पर मेरी लपलपाती जीभ कभी कमल जीजू के सुपाड़े पे तो कभी अजय जीजू के सुपाड़े पे। सबसे छोटी स्साली का फायदा, एक साथ दो दो जीजू का मजा।
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मैंने सुबह ही दोनों लौंडो को बोल दिया था, कम से काम आज शाम तक मेरी सैंडविच नहीं बनेगी, लेना हो तो जितनी बार लें, जैसे चाहें ले, जो चीज चाहें ले, लेकिन बारी बारी से। रहें दोनों साथ, लेकिन कम से कम नीचे वाले दोनों छेदो में से एक बार में एक ही,
ऐसा नहीं था की सैंडविच में मजा नहीं आता था, क्या मसल के दोनों रगड़ाई करते थे मेरी, मेरे दोनों जीजू। लेकिन बात सिर्फ दो थी, एक तो कल रात भर दोनों मुस्टंडो ने मिल के जम के मेरी ली, मेरी सैंडविच बनाई, डबल पेन्ट्रेशन, दूसरे जब दोनों एक साथ मेरे अंदर होते थे, तो मेरे पास मजा लेने के लिए कुछ नहीं बचता था।
हाँ मेरे ऊपर कोई रोक नहीं थी, मैं साली थी वो भी छोटी, तो मैं अब एक साथ दो दो लंड का मजा ले रही थी।
एक लौंड़ा हाथ में दूसरा मुंह में और अब तो दोनों के सुपाड़े एक साथ जीभ से चाट रही थी।
फिर मैंने ढेर सारा थूक लिया, अपने हाथ पर थूका, अजय जीजू को दिखा के और फिर सब का सब उनके खूंटे और फिर दुबारा थूका तो वो थूक कमल जीजू के मोटे मुस्टंडे पे। और दाएं हाथ में एक जीजू का खूंटा और बाएं में दूसरे का, स्साली मेरी बहने देखतीं तो जल भुन जातीं, और बारी बारी से दोनों के सुपाड़े मुंह के अंदर, थोड़ी देर चुभलाती अजय का खूंटा, फिर कमल जीजू का नंबर, लेकिन कमल जीजू तो मेरा मुंह हचक के चोद चुके थे इसलिए थोड़ी देर मैंने अजय जीजू पे ध्यान लगाया, लेकिन मुंह में नहीं लिया।
मेरे होंठ अजय जीजू की गोलियों पे पर बजाय चूसने के मेरी जीभ जस्ट लटकती हुयी बड़ी बड़ी गोलियों को बस लिक कर रही थी
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फिर जीभ वहां से निकल कर लंड और बॉल्स के जोड़ पे, वहां सुरसुरी करने लगी और एक बार फिर मैंने ढेर सारे थूक का बबल बनाया और अजय को दिखाते हुए सब उसके बांस पे। बहुत लम्बा था स्साले का।
लेकिन अबकी बजाय हाथों से फ़ैलाने से होंठो और जीभ से चूमते चाटते मै फैला रही थी।
अजय और कमल दोनों का एकदम फनफनाया, लेकिन अबकी मैंने अजय का गप्प से मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
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मैं देख रही थी की अजय की निगाह मेरी चूँचियों पर चिपकी, और मेरी चूँचिया थी भी जबरदंग उस बेचारे का कोई दोष नहीं, साइज तो ३४ सी ही थी लेकिन २६ की कमर पर वही खूब बड़ी बड़ी लगती थीं, एकदम गोल, उभरी, कड़ी भी मांसल भी।

वाह मतलब मुख सेवा के बाद जीजा की अशली सेवा. तुरंत खींच लिया कमल जीजू ने. अब साली साथ हो तो जीजा भला कैसे रुक सकता है.. कमल जीजू -लैपटॉप
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लेकिन अब कमल जीजू से रहा नहीं गया, वो वहीँ गद्दे पर बैठ गए, और जैसे ही मैंने अजय जीजू का मुंह से बाहर निकाला, खींच के मुझे गोद में
"नहीं जीजू ऐसे नहीं घुस पायेगा,"
मैं उनका इरादा समझ के चिल्लाई।
" अरे कल की लौंडिया, गुड्डी,अभी कल शाम को उसकी गाँड़ फटी, वो घोंट रही थी तो तेरा नखड़ा नहीं चलेगा, मुझे आता है घोटाना "
जब कोई मरद किसी की गाँड़ मारने के लिए बेचैन हो तो न वो कुछ सुनता है न समझता है , और अगर वो आदमी कमल जीजू ऐसा हो जो गोल दरवाजे के रसिया और पिछवाड़ा उनकी छोटी स्साली का हो, तो फिर बातचीत एकदम बेकार।
अब उन्हें कौन समझाए गुड्डी की दो भाभियाँ पूरी ताकत से उसे बांस के ऊपर पुश कर रही थीं। रीनू अपनी पूरी ताकत से गुड्डी के कंधे दबा रही थी और मैंने अपने हाथ से गुड्डी के गुदा द्वार को फैला के अपने जीजू के लंड को सेट किया था,
कमल जीजू ने मेरे गुदा द्वार को फैला के अपने लंड को, अपनी साली के पिछवाड़े सेट कर दिया।
आग लग गयी, एक बार टच होते ही, मेरे तन बदन में बस यही एक बात ये अंदर जाए, अंदर जाए, फटनी हो तो आज फट जाए लें जीजू की तो मैं ले के छोडूंगी,
कुछ मैंने पुश किया नीचे की ओर, कुछ जीजू ने कमर पकड़ के और नीचे से धक्का दे के, और आधा सुपाड़ा अंदर था।
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और अब कमल जीजू ने छिनरपन शुरू किया,
" हे स्साली अब आगे का तुम खुद घोंटो, "
मैं चूतड़ मटका रही थी, आगे पीछे गोल गोल लेकिन उनका सुपाड़ा इतना मोटा, कैसे अंदर जाय, और मैं गरियाने लगी,
" ये छिनरपन अपनी महतारी से सीखा है की बहिनिया से, घुसाओ ठीक से जीजू, अपनी गाँड़ की सारी ताकत अपनी महतारी के भोंसडे में निकाल के आये हो का की बहिनिया की गाँड़ में, जो धक्का नहीं लगा पा रहे हो "
बस कमल जीजू ने दो काम किये, मेरा मुंह बंद करवाया, अजय जीजू को इशारा किया, एक हाथ से कमल जीजू ने कस के मेरा गालदबोचा पूरी ताकत से
और चिरैया की तरह मैंने मुंह खोल दिया और अजय जीजू का बांस मेरे मुंह के अंदर ,
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अब ऊपर का मोर्चा छोटे जीजू के हाथ, दोनों सर पकड़ के क्या पेला उन्होंने दो धक्के में सीधे मेरे हलक तक, बोल क्या निकलते, खाली गों गों की आवाज निकल रही थी।
और दूसरा काम किया, मेरी दोनों चूँची पकड़ के कस के मसलते हुए गरियाया,
" और गरियाओ हमारी बहन महतारी, अरे परसों जाने के पहले तोहरी महतारी के भोंसडे से चाकर कर के जाऊंगा तेरी गाँड़, खुद गाँड़ फैला के बैठोगी मेरे और अजय के लंड पे, महतारी ने गाँड़ में लंड लेना नहीं सिखाया क्या ? "
और दोनों चूँची पकड़ के नीचे से क्या धक्का मारा कमल जीजू ने,... दो धक्के में गाँड़ का छल्ला पार।
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अगर मुंह में अजय का लंड नहीं होता तो मैं इतनी जोर से चिल्लाती की पूरे टाउनशिप में सुनाई पड़ता। पूरी देह दर्द में डूबी हुयी थी। और गलती मेरी ही थी, कमल जीजू के पास आने के पहले मैं कम से कम १०० ग्राम पीली सरसों का तेल अपने पिछवाड़े दस मिनट तक डाल के या के वाई जेली की एक ट्यूब पिचका के आती थी। मैं जानती थी गाँड़ बचेगी तो है नहीं और बचाना चाहती भी नहीं थी, लेकिन आज उस साली गुड्डी के चक्कर में कुछ भी तैयारी करना भूल गयी।
पल भर के लिए कमल जीजू रुके होंगे, और उन्होंने नीचे से चूतड़ उठा उठा के और दो चार मिनट में मैंने भी ऊपर से जोर लगा रही थी, आधा से ज्यादा करीब साढ़े चार पांच इंच अंदर घुस गया होगा तब तो रुके और फिर अजय जीजू ने मेरा मुंह चोदना शुरू किया।
एक नया जोश मेरे अंदर आ गया और मैं खुद ऊपर ऊपर नीचे कर के ऑलमोस्ट पूरा, और तब अजय जीजू ने अपना बांस बाहर निकाला
लेकिन कुछ देर बाद कमल जीजू ने पॉजिशन बदल दी,
अभी मेरी पीठ उनकी ओर थी लेकिन अब मैं उन्हें फेस कर के, लेकिन मानना पड़ेगा जीजू को, एक इंच भी खूंटा मेरी गाँड़ से बाहर नहीं निकल। पर मेरे मजे आ गए, मैं अब कस के कमल जीजू को पकडे थी अपनी दोनों चूँचिया उनके सीने पे रगड़ रही थी, उन्हें चूम रही थी, गरिया रही थी, और उनके मोटे लंड पर फिसल रही थी,
" बहिन महतारी की गाँड़ मारने में ज्यादा मजा आया था की स्साली की "और उन्हें चिढ़ा रही थी, उकसा रही थी।
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" यार जो मजा मेरी इस छोटी स्साली की गाँड़ में है वो दुनिया की किसी गाँड़ में नहीं, न लौंडे की न लौंडिया की " वो नीचे से धक्के लगाते बोले
चार धक्का मैं ऊपर से मारती तो चार वो नीचे से,
लेकिन जीजू के हाथ खाली थे तो मेरी गुलाबो की भी हालचाल ली जा रही थी, कभी ऊँगली अंदर, कभी क्लिट की रगड़ाई, मैं दो बार झड़ी और फिर जीजू ने मुझे नीचे लिटा दिया ।
मेरे चूतड़ के नीचे और तकिये लगा दिए, फिर क्या कोई धुनिया रुई धुनेगा, एकदम तूफानी सैकड़ों धक्के, मैं कभी दर्द से चीखती कभी मजे से जब कमल जीजू मेरे अंदर झड़े तो मैं तीसरी बार झड़ रही थी।
लेकिन अजय अपने इन्तजार में और उसके बोले बिना मैं समझ गयी रीनू के मरद को क्या चाहिए था।
टिट फक।

सही कहा आपने, अपना वाला, अपना वाली ही होता है। उसके लिए थोड़ी क्या ज्यादा बेईमानी भी मंजूर ,मान गए कोमलजी. क्या game क्रिएटिट किया है. नदिया अपने सभी भइयाओ के खुटे खड़े करेंगी. और 4,4 मिनट सब के खुटो पर कूड़ेगी. जो जल्दी झड़ेगा वो हारेगा. पहला राउंड सारे टिके रहे.
वाह कोमलिया रे. किसे जितना चाहती थी. जो मजबूत मोहरे को तूने खुद हरवा दिया. कमल जीजू को हरवा दिया. अपने वाले को जितवाने के लिए.
धीरे धीरे टाइम बढ़ गया. साली छिनार कोनसे रंडी खानदान की है. नांदिया इतना टिक गई. जब की नई लोंड़िया है. मान गए.
भैया पेलो अपनी बहन को. तुम्हारी बीवी के लिए तो उसके जीजा के खुटे हार दम खड़े है.
रीनू ने उसके मुँह से बुलवाया. रीनू से साली बिलकुल पन्गा नहीं लेती.
ओह्ह मुकाबला भौजी और नांदिया के बिच वाह. कोमल अजय जीजू पर और नांदिया गुड्डी अपने भईया पर. माझा बहोत आएगा.
अगर सेक्सुअल game देखा जाए तो ये अपडेट अब तक का सब से best update है.
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डबल धमाका, एक साथ दो दो पोस्टों पर कमेंट, भाग २२५ भी - जो मैंने २९ मई को पोस्ट किया था, और आपने उसी दिन लिखा,Comments on Update 225 (गोल दरवाजे का जादू)
"चूत चाटने में अगर रीनू के जीजू ने पी एच डी कर रखी थी ,
तो लंड चाटने में उनकी साली ने भी पी एच डी की हुयी थी"
Wow...probably a "new course" in PhD should be introduced...![]()
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Seems every one has done a PhD or above courses in backdoor entry("यार अगर तेरे जीजू, कमल जीजू गांड मारने में पी एच डी हैं तो मेरा जीजू डी लिट्ट")
The update was truly outstanding...an encyclopedia on Anal sex...
What I like more is the way you describe the scenes with epic dialogs...which elevates the updates/happenings even higher. Only an expert writer like you can think of writing in such a fashion.
Truly Outstanding update!!
Comments on Update 225 (गोल दरवाजे का जादू)
"चूत चाटने में अगर रीनू के जीजू ने पी एच डी कर रखी थी ,
तो लंड चाटने में उनकी साली ने भी पी एच डी की हुयी थी"
Wow...probably a "new course" in PhD should be introduced...![]()
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Seems every one has done a PhD or above courses in backdoor entry("यार अगर तेरे जीजू, कमल जीजू गांड मारने में पी एच डी हैं तो मेरा जीजू डी लिट्ट")
The update was truly outstanding...an encyclopedia on Anal sex...
What I like more is the way you describe the scenes with epic dialogs...which elevates the updates/happenings even higher. Only an expert writer like you can think of writing in such a fashion.
Truly Outstanding update!!
komaalrani
komaalrani
Thanks for such effusive praise, you are not only a brilliant author but an excellent reviewer. you read my stories in depth, enjoy it and illuminate various dimensions. It helps me to improve further. As soon as I post i hanker for your detailed comments. Thanks againReview on Update 226 - Game Time
The "rules" of the game were very sexy indeed..the "description of blowjob" (डंडा जब गुड्डी के बिल में होता तो रसगुल्ले मेरे मुंह में) was one of the best with the accompanying pic to illustrate the words...truly super!!
Equally "hot" was the description of backdoor entry of Kishori.
The "detailed" description of anal sex was a masterclass in itself...almost a step -by-step guide of how to enjoy the same..accompanied by pure shuddh desi bawdi language...the combo is absolutely awesome!!
Where in some updates, your erotic description of things happening (teasing, sexy dialogs, etc without actual sex) are a class apart...when it comes to updates on actual sex, your updates are a couple of notches higher...
Each part of the update...be it oral or anal...wow!!
And finally, the "tit fuck"....very few can write an entire (part of) update in such a sexy way...accompanied by equally sexy pics.
Outstanding Update Madam...No doubt..this is one of your most popular stories (along with Phagun). These 2 updates illustrates that point
komaalrani
HaHa..no Madam...time nahi mila..comment dene ke liye...or even better is...before I could post my comment, you came up with the next update as well (which is good though)डबल धमाका, एक साथ दो दो पोस्टों पर कमेंट, भाग २२५ भी - जो मैंने २९ मई को पोस्ट किया था, और आपने उसी दिन लिखा,
Wow...1st look...super hot Madam. Derailed comment to follow soon. थैंक्स
पहला कमेंट आपका ही था, चलिए जीवन की आपाधापी, पोस्ट्स और कमेंट के चक्कर
बस यही कह सकती हूँ ऐसा न करियेगा की ये टाइम बचाने वाला तरीका हर बार शुरू हो जाये
कमेंट के लिए आभार